Update 13
“क्या बढ़िया जगह है यार ये” स्वरा ने पार्टी के वेन्यू पर पहुचते हुए कहा
“हम्म” अक्षिता भी इधर उधर देख ही रही थी
“अंदर चले या यही रुकना है फिर?” रोहन ने उन दोनों के पीछे से कहा और वो लोग अंदर आए और देखा तो वहा पहले ही कई लोग आ चुके थे पार्टी चल रही थी, एक ओर कुछ लोग डांस कर रहे थे वही दूसरी ओर ड्रिंक्स का भी बंदोबस्त था, कुछ लोग एक साइड खड़े बात रहे रहे थे कुछ महोल का मजा ले रहे थे
अक्षिता तो तभी ऐसा लगा के कोई उसे देख रहा था और जब अक्षिता ने उस ओर देखा तो वहा कोई नहीं था, अक्षिता ने इस बात को इग्नोर किया और वहा श्रेया को खोजने लगी
कुछ पल नजर इधर उधर घुमाने के बाद उसे श्रेया दिख गई जो एकदम कहर ढा रही थी और कुछ लोगों से बाते कर रही थी, अक्षिता स्वरा और रोहन के साथ श्रेया की ओर बढ़ने लगी और वो भी उन लोगों से इक्स्क्यूज़ लेकर इनके पास आई
“Akshita! I am glad you came” श्रेया ने कहा
“it’s my pleasure and you look gorgeous” अक्षिता ने मुसकुराते हुए कहा
“थैंक यू”
‘बाइ द वे ये मेरे दोस्त है, रोहन और स्वरा और गाइज ये है श्रेया मेहता, आज की होस्ट”
“hello guys, its nice to meet you two, hope you are enjoying the party” श्रेया ने स्वरा और रोहन को देखते हुए कहा
“यस, द पार्टी इस अमेजिंग एण्ड नाइस टु मीट यू टू” रोहन ने फॉर्मली कहा
"हैलो मिस श्रेया वंडरफुल पार्टी एंड थैंक यू फॉर इनवाइटिंग अस" स्वरा ने कहा
"प्लीज कॉल मि श्रेया, आई एम ग्लैड यू गाइज केम" श्रेया ने कहा
"वैसे मेरे दो सवाल है एक तो बगैर जान पहचान के मुझे बुलाना और इस शानदार पार्टी का रीजन तो बताओ" अक्षिता ने पूछा
"देखो मुझे मेरी ही पार्टी में किसी को इन्वाइट करने रीजन नही चाहिए और जैसे मैंने तुम्हे एकांश से बात करते देखा आई थॉट के हम अच्छे दोस्त बन सकते है रही बात पार्टी की तो मैं एक फैशन डिजाइनर की और मेरा अपना फैशन हाउस है और रिसेंटली मेरे डिजाइन्स पेरिस फैशन वीक में सेलेक्ट हुए है," श्रेया ने बताया
"ओह माई गॉड, कांग्रेटूलेशंस!" अक्षिता ने श्रेया को गले लगाते हुए कहा
"थैंक यू, गाइज एंजॉय द पार्टी, मुझे अभी जाना होगा कई लोगो से मिलना है," इतना बोल के श्रेया वहा से निकल गई
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पार्टी अपने पूरे रंग पे थी शानदार म्यूजिक बज रहा था, रोहन और स्वरा डांस का मजा ले रहे थे वही अक्षिता वहा से थोड़ी दूर एक कोने में बैठी थी, उसे पार्टी करना वैसे भी ज्यादा पसंद नही था और तभी अक्षिता को खुद पर किसी की नजरे महसूस हुई, वो जो लकड़ियों के पास एक्स्ट्रा सेंस होता है बस उससे ही अक्षिता को लगा के कोई उसे देख रहा था लेकिन उसने जब इधर उधर देखने की कोशिश की तो वैसा कुछ नही था
अक्षिता को वहा बैठे बैठे प्यास लग रही थी वो उठी और वहा सर्व हो रहे पानी जैसे ड्रिंक को पी लिया, अक्षिता वहा अब बोर हो रही थी और अब उसे बस घर जाकर सोना था..
कुछ पल और रुक कर अक्षिता अपने दोस्तो के पास जा ही रही थी के वो किसी से टकरा गई और जब उसने ऊपर देखा
"तुम!!!" अक्षिता ने गुस्से में कहा
"यप
"
"तुम मेरा पीछा करते हुए यहा तक आ गए?" अक्षिता ने इस बंदे को गुस्से में घूरते हुए कहा
"जी नही, मैं यहा अपने दोस्त की पार्टी अटेंड करने आया हु" उस बंदे से सरेंडर की मुद्रा में अपने हाथ ऊपर उठाते हुए कहा
"तुम मेरा पीछा क्यों कर रहे हो, why are you stalking me?" अक्षिता ने हाथ बांधे पूछा
"मैं कोई तुम्हारा पीछा नही कर रहा ही, मैं बस थोड़ा सा क्यूरियस हु"
"क्यूरियस?"
"हा, तुम्हारे बारे में थोड़ा और जानने के लिए" वो बंदा बोला
अक्षिता ने ना में अपना सर हिलाया और अपने दोस्तो को खोजने लगी
"किसे ढूंढ रही हो?" उस बंदे में पूछा लेकिन बदले में अक्षिता ने बस उसे आंखे बारीक करके घूरा
"चिंता मत करो जल्दी ही उससे मिल लोगो वो श्रेया से मिलने गया है" वो बंदा बोला
"कौन?" अक्षिता ने थोड़ा कंफ्यूज टोन में पूछा लेकिन बदले में वो शक्स बस मुस्कुराया और अक्षिता वहा से जाने लगी और वो बंदा उसके पीछे हो लिया
"तुम यहा क्या कर रही हो?" तभी उनलोगो को ये आवाज सुनाई दी, पलट कर देखा तो वहा एकांश खड़ा था, "अमर, तुम मिस पांडे के साथ क्या कर रहे हो?" एकांश ने थोड़े गुस्से में अमर से पूछा
"कुछ नही भाई बस टकरा गए थे तो थोड़ी बात कर ली
" अमर में बात झटकते हुए कहा
"तू हमेशा इससे ही क्यों टकराता है बे" एकांश अमर से बोला वही अक्षिता वहा से निकल गई थी...
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पार्टी अपने पूरे जोर पर थी और इस पार्टी में ना तो एकांश को उतना इंटरेस्ट था और ना ही अक्षिता को वही रोहन और स्वरा पार्टी का पूरा मजा ले रहे थे, वही अक्षिता की प्यास ही नही बुझ रही थी जबकि वो अब तक वहा सर्व होते ड्रिंक्स के कई ग्लास गटक चुकी थी और वही एकांश बता नही रहा था लेकिन अक्षिता पर उसका पूरा ध्यान था तभी एकांश ने देखा के अक्षिता थोड़ा अलग बिहैव कर रही है और उस ओर चल पड़ा
“उठो”
“नहीं”
“मैंने कहा उठो वहा से”
“नो”
“मूव”
“नहीं”
एकांश अक्षिता के पास पहुचा जो जमिन पर बैठे मुस्कुरा रही थी और एकांश उसे वहा से उठाने की कोशिश कर रहा था
“तुम वहा नीचे बैठ कर क्या कर रही हो?” एकांश ने इरिटैटेड टोन मे अक्षिता से पूछा
“मैं कुछ ढूंढ रही हु डिस्टर्ब मत करो” अक्षिता ने कहा
“क्या ढूंढ रही हो?”
“मेरे दोस्तों को ढूंढ रही हु” अक्षिता ने सीरीअसली जवाब दिया और अब एकांश के मैटर ध्यान मे आ गया
“अक्षिता तुमने शराब पी है?” एकांश ने आराम से पूछा
“नहीं तो मैंने तो पानी पिया है और कुछ शर्बत”
“पानी पीने से कीसी को नशा नहीं होता है” एकांश गुस्से मे चिल्लाया वही अक्षिता की शक्ल ऐसी हो गई थी मानो अभी रो देगी
“ये लो ये पिलाओ उसे थोड़ा ठीक लगेगा” अमर भी अब तक वहा आ गया था और उसे मैटर समझ आते हो वो बारटेन्डर से थोड़ा नींबू मिला पानी ले आया था
“ये लो ये पीओ ठीक लगेगा” एकांश ने वो ग्लास अक्षिता की ओर बढ़ाया
“नहीं, मैं ये नहीं पियूँगी” अक्षिता ने कहा
“पी लो बस नींबूपानी है” एकांश ने उसे समझाते हूएं कहा
“नहीं,” और इतना बोल के अक्षिता अपने दोस्तों के नाम से चिल्लाने लगी, वहा का महोल लाउड म्यूजिक सब कुछ अक्षिता के नशे हो हल्का हल्का बढ़ा रहे थे, उसने गलती वहा सर्व होती वोडका पी ली थी और वोडका के साथ एक चीज ये भी है के वो अगर ज्यादा देर हवा से इक्स्पोज़ हो जाए हो उसका टेस्ट पानी जैसा हो जाता है, इसीलिए अक्षिता ये जान ही नहीं पाई के वो पानी नहीं था.. और अब अक्षिता पूरे वोडका के असर मे थी
“रोहन स्वरा.... कहा हो तुम लोग” अक्षिता जोर से चीख रही थी और अब वहा अगल बगल वालों का ध्यान उस ओर जा रहा था...
“शट अप” एकांश ने कहा और अक्षिता चुप हुई और तभी स्वरा और रोहन वहा आ गए थे
“हे भगवान अक्षु तुम ऐसे जमीन पर क्या कर रही हो?” स्वरा ने अक्षिता के पास घुटनों पर बैठते हुए पूछा
“मैं तुम लोगों को ढूंढ रही थी”
“ऐसे जमीन पर बैठ कर?” स्वरा ने पूछा
“हा!” अक्षिता ने हसते हुए कहा वही अमर ये साथ मैटर देख कर अपने आप को हसने से रोक रहा था
“अक्षिता, तुमने शराब पी है?” रोहन ने चिंतित स्वर मे पूछा
“उसने भी यही पूछा तुम भी यही पपुछ रहे हो” अक्षिता ने एकांश की ओर उंगली दिखते हुए कहा
“अक्षु तुम जानती हो ना तुम शराब नहीं पीनी चाहिए, तुम शराब को छु भी नहीं सकती तुमको allowed ही नहीं है” रोहन ने सीरीअसली कहा और अक्षिता को खड़ा किया वही उसकी बात सुन एकांश के कान खड़े हो गए क्युकी रोहन काफी ज्यादा सीरीअस लग रहा था
“क्यू?” रोहन की बात पे अमर ने सवाल किया लेकिन जैसे ही स्वरा ने उसे घूर के देखा वो चुप हो गया
“हा हा पता है मैंने बस थोड़ा पानी पिया था” अक्षिता ने कहा
“चलो घर चलो” रोहन ने कहा
“नहीं, मुझे कही नहीं जाना” और इतना बोल के अक्षिता ने वह खड़े एकांश को पकड़ लिया जो बस उसे देख रहा था
अक्षिता ने एकांश को देखा और उसे देख मुस्कुराने लगी, और तभी उसका बैलन्स बिगड़ा और वो गिरने ही वाली थी के एकांश ने उसे संभाल लिया
“अंश, कितने क्यूट लग रहे हो तुम” अक्षिता ने एकांश को मुसकुराते हुए देख कहा, और एकांश थोड़ा चौका, उसके और अक्षिता के बारे मे कीसी को पता नहीं था के उसका पास्ट क्या था ऐसे मे अक्षिता का उसे अंश कह कर बुलाना कई सवालों को डावात देने जैसा था और ये एकांश बिल्कुल नहीं चाहता था
वही अक्षिता अब एकांश को छोड़ने को तयार ही नहीं था वो उसे कस कर पकड़ी हई थी, स्वरा भी अक्षिता का एकांश के लिए बिहैव्यर देख थोड़ी हैरान थी लेकिन ये वक्त सवाल पूछने का नहीं था
रोहन और स्वरा दोनों को ही टेंशन हो रही थी
“अक्षु चलो, घर चलो” स्वरा ने कहा
“नहीं मैं अंश को छोड़ के कही नहीं जा रही” अक्षिता ने कहा
वो लोग अब पार्किंग मे आ चुके थे
“डोन्ट वरी मिस स्वरा, मैं उसे घर छोड़ दूंगा” अक्षिता उसे छोड़ ही नहीं रही थी इसीलिए एकांश स्वरा से बोला
“नहीं!” रोहन और स्वरा ने एकसाथ कहा और एकांश ने सवालिया नजरों से उसे देखा
“सर मैं उसे मेरे घर लेकर जा रही हु, ऐसी हालत मे वो घर नहीं जा सकती उसके पेरेंट्स को टेंशन होगी” स्वरा ने कहा
“ठीक है फिर मैं तुम दोनों को ड्रॉप कर देता हु, मिस्टर रोहन आप जाइए, अमर हम तीनों को ड्रॉप कर देता” एकांश ने कहा और रोहन ने भी उसकी बात ठीक समझी
अक्षिता से सब चला भी नहीं जा रहा था, और नशे से आंखे भी भारी होने लगी थी लेकिन फिर भी वो एकांश को नहीं छोड़ रही थी और एकांश उसे गोदी मे उठाया और कार की ओर बढ़ गया वही अक्षिता भी उससे चिपकी हुई थी और उसे ऐसे देख स्वरा और रोहन काफी शॉक थे,
एकांश ने अक्षिता को पीछे की सीट पर बिठाया और खुद भी उसके बाजू मे बैठ गया वही स्वरा अमर के बाजू मे आगे पैसेंजर सीट पर बैठी थी, स्वरा ने पीछे पलट कर देखा तो वो थोड़ा और चौकी, अक्षिता एकांश के सिने से लग कर सोई हुई थी स्वरा ने उसे ठीक से बैठने कहा भी लेकिन अक्षिता सुनने की हालत मे थी ही कहा वही एकांश भले ही अपने चेहरे पर जाहीर नहीं होने दे रहा था लेकिन अक्षिता को अपने इतना पास पाकर मन ही मन वो भी काफी खुश था
घर पहुचने पर भी एकांश को उसे गोद मे उठा कर बेडरूम मे सुलाना पड़ा
“टेक केयर ऑफ हर, कल सुबह भारी हैंगओवर होने वाला है उसे” एकांश ने स्वरा से कहा जिसने उसे पानी का ग्लास पकड़ाया जिसपर स्वरा ने हा मे गर्दन हिला दी
जिसके बाद एकांश अमर के साथ वहा से जाने के लिए निकला
“सर” स्वरा ने उसे आवाज दी और एकांश पलटा, स्वरा की आँखों मे थोड़ा पानी था और वो कुछ बोलना चाहती थी लेकिन बोल नहीं पा रही थी
“यस?”
“नथिंग, टेक केयर”
“यू टू” इतना बोल के एकांश अमर के साथ वहा से निकल गया दिमाग मे कई सारे सवाल लिए....
क्रमश:
मेरा कहना सही निकला - श्रेया बहुत ही गले पड़ूँ लड़की है। एक तो अक्षिता को बुलाया, फिर बस दो बात कर के पूरी पार्टी में गायब हो गई। अब ये तो कोई तरीका नहीं हुआ किसी को “अच्छे दोस्त” बनाने का!
पानी जैसा ड्रिंक पानी नहीं होता। ड्रिंक हमेशा ही 30 (स्माल) या 60 (लार्ज) मिलीलीटर ही बनाते हैं। बरफ़ डाल देने से ड्रिंक की सतह थोड़ा ऊपर हो सकती है, लेकिन गिलास फिर भी छोटा ही रहता है। पानी को ऊँचे गिलास में डाला जाता है। ऐसे में वोडका को पानी समझने की गलती करना मूर्खतापूर्ण है। वैसे पिछले रिव्यु में मैंने सिद्ध किया हुआ है कि अक्षिता और एकांश दोनों बचकाने हैं। लेकिन अब लग रहा है कि अक्षिता मूर्ख भी है (इस तरह की सामाजिक अज्ञानता को भोलापन / अबोधपन नहीं कहा जा सकता)! वैसे तो बकर बकर बोल लेती है, तो यहाँ क्या उसके मुँह में पँजीरी भर गई थी कि ड्रिंक्स सर्व करने वाले से पूछ भी न सकी कि क्या दे रहे हो?!
वैसे अक्षिता को शराब पीने से मनाही क्यों है? कारण तो बहुत से हो सकते हैं - जैसे कि, लीवर की समस्या, कैंसर जैसी बीमारी, और गर्भावस्था इत्यादि में तो मना ही किया जाता है। तो क्या उसको भी ऐसी ही कोई समस्या है?