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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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अध्याय 02 का नया भाग अपडेट 015
पेज नंबर 1266 पर पोस्ट कर दिया गया है
कृपया पढ़ कर रेवो जरूर करें ।
 

Lib am

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लगता है राज अब सोनल के लिए अमन की बात पक्की करवा ही देगा। चाची भी राज के साथ सेट होने वाली है ऐसा लगता है । बहुत ही सुंदर अपडेट
 
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Lib am

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UPDATE 70





चाची की आवाज सुन कर मेरी तो फट कर हाथ मे आ गई थी ।
मै उनकी तरफ घुमा और वो तब तक तेजी से चलते हुए मेरे पास आई उन्के हाथ मे एक राशन वाला झोला था ।

मै थोडा खुद को स्म्भालने की कोसिस कर रहा था
चाची - अरे राज बेटा तू यहा
मै घबडाहट मे - वो वो चाची मै वो ऐसे ही आया था

चाची मुस्कुराते हुए - हम्म्म मुझसे भी झूठ बोलेगा अब तू

मै अंजान होने का नाटक करते हुए- मै समझा नही चाची
चाची हस्ते हुए - ले ये झोला पकड और घर तक चल बताती हू मै
फिर मै चाची के हाथ से राशन का झोला ले लिया और उनके साथ चलने लगा

चाची - मुझे नही पता था कि तू रुबीना के यहाँ जाता है

मै सुखे गले से थूक गटकने की कोसिस करता हुआ - हा वो थोडा दुकान का काम था ना पापा ने हिसाब लेने के लिए भेजा था तो

चाची मुस्कराकर -
अच्छा तो पूछू मै भाईसाहब से
चाची हाथ मे लिये मोबाईल को चलाते हुए बोली ।

मै सकपका गया - हालाकि मुझे डर नही था बाद मे मै पापा या मम्मी को समझा बुझा लेता लेकिन बात थी पापा के सम्मान की । शायद मेरी शिकायत से पापा को चाची के सामने शर्मिंदा होना पड़ता ।

मै घबडाहट मे कुछ बोल नही रहा था
चाची हस कर - चल नोर्मल हो जा नही लगा रही हू फोन , मै समझ सकती हू इस उम्र की भटकते मन को


मै चाची की बात सुन कर और उनकी समझदारी को ध्यान देते हुए उन्हे शुक्रिया कहा

चाची मुस्करा कर मुझे सम्झाने के भाव से - तेरी कोई दोस्त नही है क्या ,,, ऐसी जगह नही जाते बेटा कल को भगवान ना करे कोई बिमारी हो गयी तो

मै शर्म से सर निचे किये झोला लिये चल रहा था और चाची मुझे समझा रही थी ।

चाची - क्या सच मे तेरी कोई दोस्त नही है
मै मासूम बन कर रुआस भरे चेहरे से चाची की तरफ मुह करके ना मे सर हिलाया।

चाची बडे उदास मन से - ओफ्फ्फ हो , देख बेटा अब तू जवान हो गया है मानती हू कि तेरा मन अब वो सब करने का होता होगा लेकिन तू कुछ दिन इन्तजार कर , सोनल की शादी के बाद मै तेरे लिए एक खुबसूरत की हेरोइने के साथ तेरी शादी करवा दूँगी फिर तू जो चाहे करना हिहिहिहिही

चाची आखिरी के शब्दो तक आते आते हसने लगी ।
मै भी उनकी बाते सुन कर हस दिया और सोचा जब चाची को इत्नी फ़िकर है मेरी तो क्यू ना इसका थोडा अपने अंदाज मे मजा लिया जाय और इनके साथ थोडी मस्ती मजाक मे बाते आगे बढाई जाए

मै थोडा सीरियस होकर - लेकिन चाची मै ऐसे यहा नही आया था

चाची अचरज के भाव मे - फिर
मै संकोचवश - वो मै काफी दिन से परेशान था और वहा पर मेरे दर्द हो रहा था तो मेरे एक दोस्त ने बताया कि जब मै सेक्स करने लगूंगा तो दर्द कम हो जायेगा और वही मुझे यहा लिवा के भी आया था ।


चाची फ़िकरमन्द होकर - ओहो मेरा बच्चा कितना भोला है रे तू !!! लेकिन तुझे एक बार डॉ या घर मे मम्मी पापा से बात करनी चाहिए थी ना


मै मुह गिरा कर - मुझे शर्म आती है चाची तो कैसे बताता

चाची मुह पर हाथ रख कर हस कर मेरी भोलेपन से भरी बाते सुन रही थी ।
इतने मे चाची का घर आ गया और वो मुझे चुप रहने का इशारा की और हम फिर घर मे चले गये ।
मै सामान लेके कमरे मे गया तो निशा मिल गई और उसे देख मेरी चेहरे पर मुस्कान आ गई और वो भी नजरे मटका कर मुस्कुरा रही थी ।

फिर चाची सामान लेके स्टोररूम मे चली गयी और मै वही खड़ा होकर उनके आने के इन्तजार मे था कि निशा मुझे खिच कर कमरे मे ले गयी और दरवाजा बंद कर दिया ।

मै उसको कुछ बोलता उससे पहले उसने अपने मुलायम होठो से मेरे मुह को बंद कर दिया और हम दोनो एक गहरे लिपलोक मे खो गये ।
जल्द ही वो मुझसे अलग हुई और मुस्कुरा कर अपने होठ पोछते हुए दरवाजा खोल दिया और इधर उधर की बाते करने लगी ।

तब तक चाची भी वापस आ गई और फिर हमने ढेर सारी बाते की ।
फिर चाची ने निशा को चाय ब्नाने को बोला।
और निशा किचन मे चली गयी ।

चाची - और बता बेटा घर पर सब ठीक है
मै - जी चाची और अब तो नया वाला घर भी बन गया है जल्द ही वही शिफ्ट होने का प्रोग्राम है ।


चाची खुश होते हुए - अरे वाह अब नये घर मे नयी बहू भी तो आनी चाहिए कब तक इधर उधर मुह मारेगा

मै शर्म से मुस्कुरा कर - क्या चाची आप भी , वो तो मै गलती से चला गया था वहा और कुछ किया भी नही

चाची मुह पर हाथ रखकर अचरज से - क्या !!! तू सच मे नही किया वो सब

मै ना मे सर हिला कर - नही चाची , वो मै गया तो सब्बो नही थी तो मै चला आया

चाची खुसफुसा कर मेरे कान मे हस्ते हुए बोली - क्यू सब्बो की मा तो थी ना हिहिहिही

मै शर्मा कर - भक्क कितनी बड़ी है वो मै कैसे संभाल पाता उनको

चाची हस कर - धत्त पागल कौन उसको तुझे लेके ढोना था अब अन्दर बाहर ही करना था ना

मै शर्मा कर - चुप रहो चाची मुझे शर्म आ रही है,, आपको नही पता मुझे अभी भी तकलीफ हो रही है

चाची मेरी तकलीफ के बारे सुन कर थोदा शांत हुई और बोली - ओह्ह्ह मेरा बच्चा ।

चाची खड़ी हुई और बोली - राज उठ बेटा
मै अचरज से खड़ा होता हुआ - क्या हुआ चाची
चाची - चल उपर चल मै बताती हू इसको आराम देने का तरीका बताती हू

मै खुश होने का दिखावा कर - सच चाची
चाची हा मे सर हिला कर मुस्कुरा कर हम्म्म्म बोलती है
फिर चाची किचन मे निशा को आवाज देती है कि वो मुझे छत पर लिवा जा रही है तबतक वो चाय के साथ कुछ नासट भी ब्ना ले ।

फिर मै और चाची उपर जाने लगे ।
सीढी पर मै चाची के साडी मे शेप लेते कूल्हो को देख कर उत्तेजित हो रहा था ।

मै - चाची क्या करने जा रहे है हम
चाची - चल बताती हू ना
फिर हम लोग उपर आये और चाची मुझे बाथरूम मे लिवा गयी ।

मै थोडा उत्सुकता से - यहा क्यू लाई हो चाची
चाची मुस्कुरा कर - तेरी तकलीफ दुर करने , चल बाहर निकाल उसे
चाची मेरे पैंट मे बने टेन्ट पर इशारा करते हुए बोली

मै झट से अपने लन्द के उभर पर हाथ रखते हुए - भक्क नही चाची मुझे शर्म आ रही है ।

चाची हस कर - चल चल निकाल अब ,,भूल गया बचपन मे बिना कच्छे से पुरे घर नंगा घूम रहा था

मै शर्मा कर - अब मै बड़ा हो गया हू ना चाची
चाची - अच्छा देखू फिर कितना बड़ा हुआ है चल निकाल अब

मै संकोचवश थोडा शर्माने की ऐक्टिंग कर अपना पैंट खोलने लगा हालांकि मुझे इस बात की बेहद की उत्तेजना हो रही थी कि मै चाची को अपना लण्ड दिखाऊँगा

मै जल्द ही पैंट को खोला और अंडरवियर को सरका कर अपना मुसल बाहर निकाल दिया ।

चाची थोडी अचरज से मेरे लण्ड को निहारते हुए - ओह्ह्ह ये तो काफी बड़ा हो गया है,,,हम्म्म वैसे कहा दर्द होता है बेटा

मै चाची के सामने अपने लण्ड की चमडी को सुपाडे के पीछे ले जाकर सुपाडे की टिप पर ऊँगली दिखा कर बोला - जब ये टाइट होता है तो पहले यहा होता है फिर धीरे धीरे इन सारे जगह पर होने लगता है ।


चाची मेरे लाल मोटे सुपाडे को देख कर एक गहरी सास लेते हुए - ओह्ह तू क्या करता है इसका दर्द कम करने के लिए

मै - वो मै इसकी चमडी आगे पीछे करके इसका पेसाब निकाल देता हू चाची ,,वो मेरा दोस्त बताया था । लेकिन

चाची अचरज से - लेकिन क्या बेटा

मै - वो एक बार निकालने के बाद भी ये छोटा नही होता और मेरा हाथ दर्द होने लगता है

चाची हस कर - हमम कोई बात नही आज मै इसका ऐसा इलाज करूंगी की इसको बहुत आराम मिलेगा

मै खुश होकर - क्या सच मे चाची
चाची मेरे कदमो मे आकर मेरे लण्ड को थामकर - हा बेटा

मै चाची के मुलायम हाथो का स्पर्श पाकर मै हिल गया और वही चाची मेरे सुपाडे की टिप पर एक हल्का सा चुम्बन करती है और देखते ही देखते मुह खोल्कर आधा लण्ड मुह मे भर लेती है ।

मै चाची के मुह का नर्म स्पर्श और गर्म अह्सास से और उत्तेजित हो गया जिससे मेरे लण्ड की नशे और तन गयी

मै सिहरते हुए - ओह्ह्ह चाची ये क्या कर रही हो बहुत आराम मिल रहा है

यहा चाची मेरे लण्ड को पकड कर मुह मे आगे पीछे करने और जल्द ही उनकी लार से मेरा लण्ड सन गया ।
और चाची मे मेरे लार से सने लण्ड को दोनो हाथ मे पकड कर सामने की तरफ आगे पीछे करते हुए अपने चेहरे पर एक कामुक भाव लाने लगी ।

मै धीरे धीरे झडने के करीब था और मेरे सुपाडा अब फुलने लगा था ।
मै - अह्ह्ह चाची मेरा पेसाब आने वाला है हट जाओ आगे से
चाची मुस्कुरा कर लण्ड हिलाते हुए - आने दे बेटा आने दे
और अपना मुह खोल कर मेरे पिचकारी छूटने का इंतजार करने लगी ।

मै ज्यादा कुछ बोलता उससे पहले ही मेरी पिचकारी छूट गई और चाची मे मुह और चेहरे पर धार जाने लगी


चाची ने वापस से लण्ड को मुह मे लेके चुसा और लण्ड को साफ किया ।

मै थोडा लड़खड़ा कर दीवाल से लग कर थोडी देर खड़ा रहा और इधर चाची अपना हाथ मुह धुल ली ।


चाची - अब आराम है ना बेटा
मै मुस्करा कर हाफ्ते हुए - हा चाची बहुत ज्यादा

चाची - ठीक है अब उसको अन्दर डाल और निचे चलते है ।

मै बिना कूछ बोले अपना कपडा ठीक किया और चाची के साथ चल दिया ।
मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही थी कि चाची जो कि चाचा से इतना प्यार करती है वो कैसे इतनी आसानी से मेरे साथ ऐसे कृत्य के लिए खुद को तैयार कर लिया ।
और काफी समय से देख रहा हू कि चाची के हावभाव मे काफी बदलाव है ।
उस दिन घर पर भी मा से शर्त लगा कर पापा के सामने खुद को एक्सपोज किया था ।
इनसब परिवर्तन के पीछे का कारण क्या हो सकता है इसका पता लगाना ही पडेगा ।
थोडी देर समय बिताने और चाय नास्ता करने के बाद मै चाची और निशा को बोल कर घर निकल गया और थकान की वजह से घर जाकर पापा के कमरे मे सो गया ।

शाम 6 बजे मेरी निद मा के जगाने से खुली और फिर उन्होने मुझे नास्ता करने को दिया और मै दुकान पर बैठ कर काम करने लगा ।

रात मे पापा आये और फिर हमने नये घर के लिए होने वाली तैयारियो के बारे मे बाते की और होली को लेके सारे इंतजामात की जिम्मेदारी पापा ने खुद लेली ।


इधर हम सब खुश थे कि मेरी चेहरे की हवाइया उड़ गयी क्योकि पापा ने बात ही ऐसी छेड़ दी ।

पापा - रागिनी एक खुशखबरी और है
मा खुश होकर - क्या जी बताईये न

पापा - दरअसल बात ये है कि आज हमारी दुकान पर सोनल के रिश्ते के लिए कुछ लोग आये थे और काफी खानदानी लोग है , खेती बारी करते है और दूध की देयरी भी और सबसे खास बात है ये कि वो सब राज के नाना के परिचय मे है ।

मा खुश से झूम कर - सच में राज के पापा , और लड़का क्या करता है

पापा - लड़का बडे शहर मे बाबू की पोस्ट पर सरकारी नौकरी करता है ।

मा खुश होकर - सुना राज तेरी दीदी के लिए कितना अच्छा रिश्ता आया है ।

लेकिन मै उदास था और मुझे खुश ना देखकर मा को चिन्ता हुई

मा फ़िकर होकर - क्या हुआ बेटा तू खुश नही है

मै - मम्मी-पापा आप लोग क्या एक बार दीदी से बात नही कर सकते कि वो क्या चाहती है ।


मा - उसमे बात क्या करना बेटा , हम लोग उसके लिए कुछ बुरा थोडी ना सोचेंगे । हम मा बाप है उसके

पापा थोडा सोच कर - नही रागिनी कैसी बात कर रही हो तुम ,,, हमारी एकलौती बेटी है वो उसकी पन्सद नापसन्द मायने रखती है और राज की बात ठीक है एक बार तो उसकी रजामन्दी भी तो चाहिये न
मा - ठीक है तो मै बात करती हू उससे

पापा - नही तू नही ,,,मै देख रहा हू इस मामले मे काफी सख्ती दिखा रही हो

मा थोडा सीरियस होकर - अरे इसमे सख्ती क्या है राज के पापा ,, आप तो ऐसे बोल रहे है कि जैसे मुझे मेरी बेटी की चिन्ता ही नही है ।

पापा मुस्कुरा कर - मै मानता हू रागिनी लेकिन सबसे पहले राज उससे बात करेगा ताकि वो अपने मन की बात बेझिझ्क उससे बोले क्योकी मै या तुम अगर बात किये तो शायद वो हमारा लिहाज करके अपने मन की बात हमसे ना कहे और तुम तो जानती ही हो हमारी बेटी कितनी संस्कारी है


मा खुश होकर - हा ये बात भी ठीक है ,,,तो राज बेटा ये तेरी जिम्मेदारी है तू सोनल से बात करके उसकी राय जान ले

मै हा मे सर हिलाया और पापा को एक बार फिर मन ही मन धन्यवाद किया उनकी समझदारि और दुनिया जमाने की दकियानुशी बातो को परे कर अपने परिवार की खुशियो के बारे मे सोचने के लिए ।


फिर पापा ने मुझे उस लड़के की तस्वीर दी जिसे हम सब ने देखा जो कि अच्छा दिख रह था और फिर मै वो तस्बीर लेके ऊपर छत पर चला गया दीदी से मिलने ।


देखते है दोस्तो आगे कहानी क्या नया मोड लेती है ।
आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
पढ कर अपना बहूमूल्य रेवियू जरुर दे ।
धन्यवाद
लगता है राज अब सोनल के लिए अमन की बात पक्की करवा ही देगा। चाची भी राज के साथ सेट होने वाली है ऐसा लगता है । बहुत ही सुंदर अपडेट
 

Lib am

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UPDATE 71

मै तस्वीर लेके छत पर गया और दीदी किचन मे खाना बना रही थी ।
मै दीदी को फ़ोटो देते हुए - लो दीदी आपका एक और दीवाना हाजिर है
दीदी बडे गौर से तस्वीर को देखा और मज़ाक मे बोली - ये चिरकुटवा कौन है भाई हिहिहिही नाक देख इसकी हाहाहाहा
मै - आपका ही होने वाला पति है शायद मा पापा ने पसंद किया है


दीदी सीरियस होते हुए मुझे अवाक सा देख्ते हुए - तू झूठ बोल रहा है ना

मै हस कर - सच मे ये आपके लिये आया है रिश्ता ,,लड़का शहर मे सरकारी बाबू है

दीदी थोडा भौहे चढा कर - तो
मै आश्वस्त होकर - तो पापा ने मुझे भेजा है कि मै आपकी मन की इच्छा जान लू ,,,तो क्या कहती हो हा या ना

दीदी थोडा मन गिरा कर - तू जानता है ना भाई मै अमन से

मै थोडा दीदी को छेड़ कर - तो क्या हुआ मुझे कोई दिक्कत नही है और तेरा भी फाय्दा होगा ,,, यहा मायके मे दो दो अशिक़ भी रहेंगे हाहहाहा

दीदी हस कर - धत्त नही मुझे एक ही आशिक़ चाहिये और एक पति वो भी मायके मे ही

मै - तो मतलब मै मना कर दू
दीदी - बिल्कुल भाई
मै किचन से वापस निकलते हुए - ठीक है मै पापा को बता देता हू

दीदी मुझे रोकते हुए- लेकिन तू उनको कहेगा क्या

मै जल्दी जल्दी बोलता हुआ एक सास मे - यही की तुमको ये लड़का पसन्द नही है और तुम अमन को चाहती हो और मायके मे एक आशिक़ है उसको भी नही छोड़ना चाहती हो हिहिहिहिह

दीदी हाथ मे लिये कल्छुल उठाकर मारने को होती हुई बोली - ब्क्क्क ये सब नही , तू बस मना कर दे और बाकी मै अमन से बात करके बताती हू आगे क्या करना है


मै - हा उसको बोलो जल्दी से घर पर आये रिश्ता लेके नही तो कोई और कब्जा कर लेगा
दीदी हस कर - हा ठीक है लेकिन तू थोडा ध्यान से बोलना ताकि कोई बखेडा ना हो घर मे ,,समझ रहा है ना


मै बिंदास होते हुए - चिल करो दीदी सब सही होगा

फिर मै हस कर वाप्स निचे आ गया
और मुझे वापस देख कर मा उत्सुकता से - क्या हुआ बेटा क्या बोली वो

मै - अरे मा उसको सोचने का समय दो उसकी भी लाइफ है ना ,,यहा हम सब उसके अपने है व्हा के लोगो के बारे मे नही जान्ती वो और ऐसे सिर्फ तस्वीर देख के क्या होता है


पापा - हा बेटा ठीक कह रहा है तू ,,कोई बात नही उसे इत्मीनान से जवाब देने दे वैसे भी लड़के वालो को भी अभी कोई जल्दी नही है मै उनको होली के बाद जवाब देने को बोला है ।।


मा खुश होकर - ब्स ये रिश्ता हो जाये और मेरी बच्ची किसी अच्छे घर सेट हो जाये तो मै गंगा नहा लू

मा की बात सुन कर हम सब भी खुश थे लेकिन मेरे मन मे एक योजना ने जन्म ले लिया।
रात मे हम सभी ने खाना खाया और फिर मै सोने के लिए नये घर निकल गया और 11 बजे करीब सोनल का मेरे पास फोन आया ।


फोन पर

मै - हाय जानू क्या हुआ
दीदी - जानू के बच्चे तुने क्या बोला मम्मी से ,, तेरे जाने के बाद मम्मी मुझे convence करने मे लगी है कि मै इस रिश्ते के लिए हा कर दू

फिर मैने उनको मम्मी पापा की बात चित और अपना मास्टर प्लान समझाया
सोनल खुश होकर - अरे वाह सेम यही मैने सोचा था और इसके लिए अमन से मैने बात भी कर ली है और एक खुशखबरी भी है ।

मै उत्साही होकर - क्या दीदी बताओ ना
दीदी - भाई अमन ने बताया कि उसकी मा हमारे रिश्ते के लिए राजी है और होली के एक दिन पहले ही हमारे घर आने वाले है

मै खुशी से - ओह्ह हो ,, फिर तो आगे मम्मी पापा को मनाने की जिम्मेदारी मेरी

दीदी - हा भाई प्लीज तू सम्भाल लेना
मै - कोई नही दीदी चिल्ल ,, लेकिन बदले मे मुझे क्या मिलेगा

दीदी हस कर - तुझे क्या चाहिये
मै - वही जिसका वादा आप शादी से पहले मुझे देने का की है

दीदी - भाई एक बार रिश्ता होने दे सब कुछ तुझ पर लुटा दूँगी मै और मैने तुझे रोका है क्या कभी आज सुबह भी तो तुने जो किया वो

मै - क्यू मज़ा नही आया क्या मेरी जानू को
दीदी शर्मा कर - चुप पागल
मै - आज तो जीभ डाली थी जल्द ही उसमे वो भी जायेगा

दिदी - भाई प्लीज चुप हो जा ना मुझे शर्म आती है ऐसे


थोडी देर ऐसे ही दीदी से चटपटि बाते कर मै सो गया ।
अगली सुबह मै उठा और वही नये घर पर फ्रेश हुआ और निकल गया टहलने के लिए

आज फिर से सरोजा की मस्तानी जिस्मानी हुस्न का दिदार हुआ और सवेरे सवेरे लोवर मे तम्बू बन गया ।

आज मेरा मन नही माना और मै सरोजा जी के पीछे पीछे निकल गया। यहा तक की वापसी मे भी उन्के पीछे लगा रहा ,, सरोजा भी बखूबी मेरी दिवानगि को समझने लगी थी और मुस्कुरा कर एक दो पलट कर मुझे पीछे आता देखती भी थी ।

जब हवेली का मोड आया तो मै वही रुक गया और आगे जाने की हिम्मत नही हुई लेकिन सरोजा की बेकाबू जवानी ने मेरे लण्ड को और भी बेकाबू कर दिया तो मै छिप कर सरोजा के पीछे जाने लगा ।


सरोजा अब आराम से चल रही थी और वो हवेली के मेन गेट मे ना जाकर सीधा हवेली के बगल से गये एक चकरोड से होकर हवेली के पीछे की तरफ जाने लगी ।

चुकी ठाकुर की हवेली टाउन के थोडा बाहर ही पड़ती थी और उसके पीछे पुरा 50 बीघे का सिवान था जो ठाकुर की ही संपति थी ।

मै चुपचाप सरोजा के पीछे पीछे चला दिया , लेकिन हवेली के बगल की दीवाल की सीमा खतम होते ही वो हवेली के पीछे हाते की तरफ घूम गयी और इसी समय मै अपनी चाल तेज करके हवेली के पीछे आया तो वहा कोई नजर नही आया
मै हवेली के पिछवाड़े इधर उधर देख रहा था कि किसी ने मुझे पीछे से पकड़ा और हाते मे खिच लिया

पहले तो मै चौका फिर ध्यान दिया तो वो सरोजा जी ही थी

सरोजा - तुम पागल हो सड़क पर कम था क्या जो पीछे पीछे यहा तक चले आये

मै सरोजा को नोर्मल देख कर थोडा रिलैक्स हुआ और बोला - सॉरी वो मै रास्ता भूल गया था

सरोजा मुस्कुरा कर - ध्यान कहा था तुम्हारा जो रास्ता ही भूल गये

मै सरोजा की लुभाव्नी बाते सुन कर मस्ती मे - ध्यान तो सही जगह ही था ब्स मै गलत जगह आ गया उसके चक्कर मे

सरोजा ह्सते हुए - तुम पागल हो अब जाओ यहा से कोई देख लिया तो फालतू का बखेडा कर दोगे
मै - तो देख लेने दो हम कौन सा कुछ गलत कर रहे है कि लोगो का डर हो

सरोजा अपना माथा पिट कर - हे भगवान ये लड़का भी ना ,,,,अरे बुधु ये हवेली का पिछवड़ा है और कोई हमे देख लिया तो क्या सोचेगा

मै हस कर - हा वही तो क्या सोचेगा
सरोजा शर्मा कर ह्सते हुए - वो सोचेगा कि हम कि हम

मै उनको उक्सा कर - हा बोलिए ना
सरोजा शर्मा कर - तू बडे चालाक हो मेरे मुह से बाते निकलवा रहे हो ना मुझे जान्ते हो ना मै तुम्हे

मै - तो चलो जान पहचान बढ़ा लेते है हिहिही वैसे आपके भैया मुझे बहुत अच्छे से जानते है और मेरे पापा के दोस्त भी है

सरोजा ध्यान से मेरी बाते सुनते हुए - हम्म्म ये बात

मै - तो अब तो डरने की जरुरत नही है मै आपका अपना ही हू

सरोजा इतरा कर - ओहो इतनी जल्दी मेरा होने को जरुरत नही है हुउह

मै बालो मे हाथ फेरते हुए - फिर क्या करना होगा उसके लिए मुझे

सरोजा शर्मा के - अभी तुम जाओ यहा से बाद मे देखती हू क्या कर सकते है

फिर वो पीछे से ही हवेली मे चली गयी और मै मस्त होकर घर के लिए निकल गया ।
घर पर मै नहा धो कर काम मे लग गया ।
होली को अब कुछ ही दिन रह गये थे तो शाम को पापा के घर आने के बाद नये घर को लेके चर्चा हुई कि जब सारी तैयारियाँ हो ही गयी है तो क्यू ना होली के दिन ही छोटी मोटी पूजा करवा कर लगे हाथ गृह प्रवेश भी करवा लिया जाये और फिर आगे सोनल की शादी तक जब सारे मेहमान एक्थ्था होगे तब विधिवत तरीके से एक बार और पूजा पाठ करवा दिया जायेगा ।।
घर मे सबको पापा का सुझाव पसंद आया और सभी ने अपनी सहमती दिखाई ।

समय बीता और होली के एक दिन पहले तय योजना के अनुसार अमन के चाचा मदनलाल और उसकी मम्मी ममता देवी दोनो पापा से मिलने दुकान पहूचे ।

जिसकी सूचना मुझे सोनल के माध्यम से मिल गयी थी और फिर हम सब शाम को पापा के आने के इन्तजार करने लगे ।

दिन भर मेरी और अनुज की भी काफी भागदौड़ रही क्योकि कल होली के साथ साथ नये घर मे प्रवेश का प्रोग्राम भी था ।
लेकिन समय रहते मैने और अनुज ने सारी तैयारिया पुरी कर ली ।

मेरे अनुमान अनुसार और कल होली की तैयारी को देखते हुए पापा शाम को 5 बजे तक घर आ गये थे और उनके आने के बाद मै और अनुज भी नये घर से दुकान वाले घर आ गये ।


फिर पापा ने मुझे रोका और कुछ बात करने के लिए कहा
मै समझ गया कि क्या बात हो सकती थी ।

फिर पापा ने दुकान मे अनुज को बिठा कर मम्मी और मुझे लेके पीछे कमरे मे गये ।

मा थोडी चिन्ता के भाव मे - क्या हुआ जी क्या बात है , सब ठीक है ना

पापा मुस्कुरा के - हा रागिनी सब ठीक है वो तो एक और खुशी की बात है
मा खुश हो कर - अच्छा तो बताईये ना
पापा - लेकिन उससे पहले मुझे राज से बात करनी है

मै - जी पापा बोलिए
पापा - बेटा ये मुरारीलाल जी का बेटा तेरे साथ ही पढता है ना

मै - जी पापा क्या हुआ
पापा थोड़ा अनुमान ल्गाते हुए - बेटा ये अमन कैसा लड़का है , मतलब बात व्यव्हार कैसा है और तू उसके साथ बचपन से पढा है तो जानता भी होगा ना

मै खुश होकर - पापा वो तो बहुत ही अच्छा लड़का है और पढने मे होशियार है और हालही मे उसने इन्डियन नेवी की परीक्षा दी है और आंसर-की के हिसाब से वो पास हो गया है । जल्द ही उस्का फाइनल रिजल्ट आने वाला है


मा खुश होकर - अरे वाह फिर तो बहुत किस्मत वाले उसके मा बाप जो उनको इतने हीरे जैसी औलाद मिली है ।

पापा मुस्कुरा के मा को थोड़ा कन्फुज करने के अन्दाज मे - क्या हो रागिनी अगर हमारी सोनल की भी ऐसी किस्मत हो जाये तो

मा उत्सुकता से - मै समझी नही राज के पापा

पापा ह्स कर - क्या हो अगर सोनल की शादी अमन से हो जाये तो

मा पहले खुश हुई लेकिन फिर कुछ सोच कर - वो तो ठीक है लेकिन इतने पास मे क्या उसके घर वाले मानेगे

पापा खुशी से - अरे उसकी कोई चिन्ता नही है आज खुद अमन के चाचा और उसकी मा मेरे दुकान पे आये थे सोनल की रिश्ते की बात करने

मा खुश होकर - क्या सच मे राज के पापा ,,अगर ऐसा हो जाये तो कितना अच्छा होगा हमारी बेटी हमसे ज्यादा दुर भी नही होगी और खुश भी रहेगी ।

पापा - वही मै भी सोचा ही रागिनी
मा थोडी परेशान होकर - हा लेकिन क्या सोनल को अमन पसंद आयेगा

पापा ठहाका लगाते हुए - अरे मजे की बात तो तुम जानोगी तो और भी खुश होगी

मा एक अंजान खुशी का भाव लाते हुए - क्या बताओ तो सही

पापा हस कर - अरे रागिनी हमारी सोनल और अमन पहले से एक दूसरे को पसंद करते है और अमन ने खुद पहल करके अपने चाचा और मा को भेजा था ।

मा खुशी से आसू छलक देती - मुझे सम्भलिये राज के पापा ,,,मै मै कही मै पागल ना हो जाऊ ।

पापा ह्स कर मा को कन्धे को थाम कर बोले - कय हुआ जान

मा रोते हुए - मेरे जीवन की सबसे ब्ड़ी चिन्ता आज खतम हो गयी और आज इतनी सारी खुशिया एक साथ मिल रही है तो समझ ही नही आ रहा है कि मै क्या करु

पापा को सम्भालते हुए हस रहे थे लेकिन उन्के आंखे भी छलक गयी और इत्ना इमोसनल सीन देख के मेरे भी आंखे भर आई और मै पापा से चिपक कर उनको हग कर लिया और इधर पापा मेरा भार सम्भाल नही पाये और वो थोडा मा की तरफ झुके

पापा ह्सते हुए - अरे अरे अरे बेटा आराम से
जब तक पापा सम्भाल पाते तब तक देर हो गयी और मै भी मा के उपर आ गया और हम तीनो बिस्तर पे गिर गये bbu

थोडी देर हसी ठहाके बाद मैने ये खुशखबरी सोनल को दी और बदले मे मुझे प्प्पीया झ्प्पीया भी मिली । लेकिन मै ज्यादा इनसब पर ध्यान ना देके सोनल को अमन के साथ बात करने को बोलकर निचे चला आया

निचे आने पर मा पापा से सवाल पर सवाल पुछ रही थी और यहा पाप हस कर सब जवाब दे रहे थे ।
फिर मा - तो मतलब सारी तैयारियाँ हो गयी है

मै हस कर - हा मा , मैने पंडित जी को कल 8 व्जे के लिए बोल दिया है और चाचा चाची को भी बोल दिया है कि समय से 8व्जे तक सबको लेके नये वाले घर पहुचे ।

मा - और वो मीठाइयो का क्या
पापा - अरे तुम चिन्ता मत करो रागिनी सब कुछ हो गया

मा परेशान होकर- हा लेकिन
तभी पापा मा की बात काटते हुए - ऐसा करना राज आज रात तुम अपनी मा की लिवा चले जाना वो सारी तैयारियाँ भी देख लेंगी और सुबह सारा काम भी हो जायेगा

मै खुश होकर हामी भरता हू
और फिर ढेर सारी ना खतम होने वाली बाते होती रहती है और फिर रात के खाने के बाद मा अपना एक बैग लेके मेरे साथ नये घर पर सोने के लिए चल देती है ।


आने वाला पल और होली के रंग राज की दुनिया मे कितने बहार लेके आती है ।
आप सभी के रेवुयू का इंतजार रहेगा
पढ कर अपनी टिप्पणी का सहयोग जरुर दे
तो फिर सोनल की लाइफ तो हो गयी है सेट। देखते है अपने हीरो का क्या बनता है? माँ आज कुछ ज्यादा ही इमोशनल होगी । इमोशनल अपडेट।
 

Lib am

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UPDATE 75
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इधर ये तीनो ने ऐसा मादक भरा सीन बना रखा था कि मेरा लण्ड बैठने का नाम नही ले रहा था ।

तभी एक नजर मैने स्टॉल की तरफ मारी तो देखा चाचा भी इसी तरफ आ रहे है
मुझे अब घबडाहट और भी ज्यादा होने लगी कि मै क्या करु ,,, अगर इन लोगो को नही रोकूँगा और चाचा यहा आ गये तो शायद त्योहार के दिन ही कच बड़ा बवाल न हो जाये और अगर इनलोगो को आवाज दी तो ये लोग होश मे आने के बाद किसका कैसे सामने करेगे

लेकिन फिलहाल मुझे यही सही ल्गा की इस्से पहले चाचा आये इनको अलग करना ही पडेगा बाद मे मै देख समझ लूंगा

तो मै एक बार फिर स्टॉल की तरफ नजर मारी और थोडा फुसफुसाया लेकिन किसी को मेरी आवाज नही आई
तो मजबूरन मुझे आगे जाकर पापा के पास बोलना पडा - पापा चाचा इधर ही आ रहे है
और फिर गला खसखसा कर सबको सतर्क किया

पापा तो पहले मुझे अपने बगल ने खड़ा देख के चौके लेकिन जब मैने वापस बोला की चाचा इधर आ रहे है तो वो जल्दी से खुद को ठीक किये और मा भी हडब्ड़ी मे अपना ब्लाउज बंद करके चाची के साथ स्टॉल की तरफ जाने लगी कि रास्ते मे ही चाचा मिले

फिर मै भी उधर से निकल गया गाना गुनगुनाते हुए
फिर पापा भी थोडा घूमते हुए आस पास की घरो मे देखने का नाटक करते हुए स्टॉल की तरफ आये ।
वही चाचा बाथरूम मे चले गये ।

फिर हम सब स्टॉल के पास जाकर बैठ गये
पापा भी आकर मेरे पास बैठे जो की काफी चुप थे ।

हम बैठे ही थे कि तब तक निशा दो दुपटटे लेके छ्त पर आई। जिसमे से एक मा ने और एक चाची ने ओढ़ लिया । वही विमला अपना दुपट्टा चादर के जैसे चढाये हुए थी।

अनुज और राहुल छज्जे के पास खडे बाते कर रहे थे , डीजे बंद हो चूका था । थकावट के शर्म भी सभी के चेहरे पर दिख रही थी क्योकि पिछ्ले 3 घंटो मे जो होली खेली गयी उसमे सबके हवस और अन्दर के काले शरारतो को सामने ला दिया था । और सभी एक दूसरे से नज़र चुरा के हस के बाते कर रहे थे
दोपहर के दो बज रहे थे और भूख भी सबको लगी थी ।
मा - सुनिये जी खाना बनाने की हिम्मत है नही, तो ऐसा करिये कुछ मगा लिजीये , बच्चे भी भूखे है कबसे ।

पापा मानो किसी सोच से उभरे हो और बोले - अब ब ब हा रागिनी ठीक कह रही हो ,,, राज बेटा जरा कल्लु को फोन लगाना आज वो समोसे छानता है ।

फिर मैने डीजे के पास गया और अपना मोबाईल ऑन किया और कल्लु काका के पास फोन लगाया और पापा को दे दिया

पापा फोन पर - हा कल्लु मै बोल रहा हू रंगी ,,,,हा भाई वही ,, हा भाई तुझको भी होली मुबारक हो ,,अच्छा सुन जरा गरमा गरम समोसे और रसवाली गुजिया तैयार करवा कर किसी नौकर के हाथ ह्मारे नये घर भेज्वा दे ,, हा वो जो चौराहे पर बना है ,, हा हा वही भाई , कितने करू ???

पापा मा से - कितने मगाऊ रागिनी
मा - अरे अब 25 समोसे और 20गुजिया करवा लिजीये बचचे है खा लेंगे पेट भर जायेगा

पापा फोन पर - हा कल्लु 25 समोसे और 20 22 गुजिया कर देना ,,,हा जल्दी भेजना थोडा , हा ठीक है

फिर पापा ने फोन रखा और बोले - लो जी हो गया अब क्या करना है

मा - मै तो बहुत थक गयी हू और धूप भी तेज चलिये ना निचे हाल मे चलते है फिर नासट करके नहा धो लेंगे

विमला - हा रागिनी सच मे पैर बहुत दर्द कर रहे है
पापा ह्स्ते हुए - अरे कोई बात नही आज यही आराम करिये सब

चाची - अरे लेकिन घर भी तो जाना है
मा - क्या करोगी घर जाकर ,,यहा रहो खा पी कर यही सो जाना और कल तक चले जाना क्यू जी

पापा - हा भाई कोई कही नही जायेगा और छोटे तुम भी शाम तक घूम टहल कर वापस आ जाना

चाचा ह्स्ते हुए - शालिनी भैया ठीक ही तो कह रहे है , यहा सब थके है और यही रात के लिए कुछ बन जायेगा और साथ मे खा कर आराम कर लेंगे कौन सा आज दुकान खोलना है हमे हिहिहिही

फिर सब तय हुआ और हम सब 1st फ्लोर पर के हाल मे आ गये ।
मा ने जाते ही सोफा पकड लिया पैर पसारे फैल गयी ,,उन्के बगल मे चाची फिर विमला फिर पापा और फिर चाचा बैथ गये

चुकी सोफ़ा L टाइप का है तो ज्यादा से ज्यादा 6 लोग ही बैठ सकते थे तो अनुज जाकर मा के सिने पर लग कर बैठ गया ।

वही मै और राहुल हाल मे उतरती सीढ़ी पर बैठ गये । सोनल और निशा बेडरूम मे चले गये ।
मा सोनल से - बेटा एक एक करके सारे लोग नहा लेते जाओ
नही तो रंग नही छूटेगा

सोनल - हा मा हम दोनो नहाने ही जा रहे है ।

पापा - ऐसा करते है हम सारे जेन्स निचे जाकर नहा लेते है और आप लोग यही उपर नहा लो

मा - अरे बारी बारी से यहा का एक बाथरूम खाली है और उपर का है नहा लो ,,,निचे कोई गन्दगी लेके नही जायेगा हा

पापा हस के - अच्छा ठीक है भई
फिर चाचा पहल करते हुए बोले - ठीक है भैया आप लोग आराम करिये मै जरा नहा लू तब तक , शालिनी बैग से मेरे कपडे निकाल दो जरा ।


फिर चाची निचे गयी और अपना बैग लेके आई फिर चाची और चाचा दुसरे वाले खाली बेडरूम मे चले गये ।
अनुज और राहुल भी छत पर चले गये तौलिया लेके ।

मै उठा और मा के बगल मे आकर बैठ गया और उन्के उन्के चुचो पर लद कर उनको हग कर लिया और मा ने भी मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी ।

इधर मै और मा एक दुसरे मे लगे थे लेकिन मेरी आंखे पूरी बंद नही थी हल्की आंखे खोले मै सब देख समझ रहा था कि पापा उठ कर विमला के बगल मे आ गये और बोले - और बताईए बहन जी मज़ा आया की नही

विमला ह्स्ते हुए - जी भाईसाहब बहुत ही ज्यादा और रागिनी तो आज कुछ ज्यादा ही मस्ती कर दी थी

पापा हस कर - अच्छा जी वो कैसे
विमला - अरे आज ये मेरे कपडे पुरे फाड ही देती ह्हिहिहिही कमीनी कही की

मा ह्स्ते हुए - चल चल स्ब्से पहले तुने मेरी साडी फाडी फिर मै क्या करती

विमला ह्स्ते हुए - मुझे तेरी साडी पहनने ना पहनने का कोई मतलब न्ही दिख रहा था सारा माल खुला रखा था तुने हाहाह्हाहा

मा थोडी शर्मायी और विमला को छेड़ते हुए बोली - हा देखा मैने तुने आज रंग लगवाने के चक्कर मे ब्रा ही निकाल दी

इधर पापा हस भी रहे थे और बार बार मेरी तरफ देख कर खुद को शांत भी रखें हुए थे
विमला शर्माते हूए - चुप कर पागल कुछ भी बक रही है
और पापा की तरफ इशारा करती है ।

मा ह्स्ते हुए - उनको क्या बोल रही है आज उन्होने भी अपनी भयोह के साथ बहुत मज़े लिये

मा की बात से पापा झेप गये और मेरी हसी छूट गयी तो मा मेरे गालो पर चपट ल्गाते हुए बोली - तू बड़ा हस रहा है हा ,,, दो बार क्छ्छे मे रंग डलवा लिया लेकिन शर्म नही आ रही है हम्म्म्म

मै हस कर मा के चुचियो मे सर दबाते हुए उनकी नंगी पेट को सहलाते हुए शर्माने की ऐक्टिंग करने लगा जिस्से मा मुझे बाहो मे भर मेरे माथे को चूम कर हस्ने लगी
ऐसे ही हमारी मस्ती भरी बाते चलती रही कुछ देर फिर चाचा और चाची दोनो नहा कर साथ मे बाहर आये ।
उधर निशा और सोनल भी नहा चुकी थी फिर 5 मिंट के अंतर पर राहुल और अनुज भी नहा कर हाल मे एक्क्था हुए

थोडी देर बाद कल्लु काका ने अपने नौकर से समोसा और गुजिया भेज्वाये ।

फिर मैने दोने मे ही सबके लिये समोसा गुजिया लगा दिया और फिर मा ने सबको एक एक दोना उठाने को बोला

फिर सारे लोगो ने नासता किया थोडे गप्पें हाके और थोडी देर पहले हुई चटपटि बातो और घटनाओं की पुनरावृति करते हुए सबने सबके मजे लिये ।

फिर चाचा चाची निचे कमरे मे सोने चले गये । सोनल और निशा अपने बाल सुखाने बालकीनि मे चली गयी ।
अनुज और राहुल दोनो निचे हाल मे जाकर मोबाइल पर मूवी देखने का प्लान कर लिये ।

फिर वापस उपर के हाल मे मा पापा विमल और मै बच गये ।

मा उठते हुए - चल विमला तू भी नहा ले आ ,,,और आप भी बैठे ना रहिये नहा लिजीये जाकर ।

पापा - नही नही अभी मेरा मन नही है ,,आप लोग नहा लो मै यही आराम करता हू

मै - मै तो जा रहा हू उपर नहाने

मा - अच्छा ठीक है बेता वो जरा गेस्टरूम मे मेरा और विमला का बैग है वो लेते आओ

मै झट से निचे गया और फट से दोनो बैग लेके आ गया ।

मा - विमला तू उस वाले कमरे के बाथरूम ने चली जा और मै इसमे चली जाती हू ।
फिर दोनो अलग अलग कमरो मे गये और मै भी सिर्फ तौलिया लेके छत पर चला गया ।
छत पर जाने के बाद एक नजर मैने स्टॉल पर डाली

मै मन मे - अबे यार , मस्ती तो बहुत कर ली लेकिन ये सब समान बटोरेगा कौन ,, ऐसा करता हू पहले सारा सामान जो काम लायक है वो निचे रख देता हू फिर बाकी का कचरा एक किनारे कर दूँगा। नही तो नहाने के बाद ये काम करके सब चौपट ही रहेगा ।

फिर मैने रंग अबीर को अच्छे से वापस पैकेट मे डाला और सारी पिचकारीया बाल्टी एक साथ रख कर उसमे पानी भरा। फिर गलास के पैकेट, मिठाइया और रंग सब एक बडे झोले मे भर कर ,, उठाया और नीचे चल दिया ।

मै वापस हाल मे आया तो पापा वहा नही थे तो मै सोचा क्यू ना सारा सामान यही मम्मी जिस कमरे मे है वही रख दू और कमरे का दरवाजा ही हल्का खुला हुआ था

तो मै सारा सामान लेके दरवाजे को धक्का देकर मम्मी को आवाज ल्गाते हुए कमरे मे घूस्ता हू - मम्म्यीईईईईई

सामने देखा तो मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी क्योकि पापा कमरे मे बाथरूम के पास अपना पैजामा निचे किये खडे थे और मा पूरी नंगी होकर पापा का मोटा लण्ड निचे बैठ कर चुस रही थी ।

पापा की नजर वापस मुझसे मिली और मा भी लण्ड निकाल कर मेरे तरफ आंखे फाडे देखने लगी । दोनो हैरत भरी नजरो से मुझे देख रहे थे और मेरी आवाज नही निकल रही थी ।

मै हडबड़ा कर नजरे चुराते हुए - अब ब ब वो वो मै ये ये समान रखने आया था ,,,
और मै झट से सामान रखा और बिना उनलोगो की तरफ देखे - सॉरी पापा

फिर कमरे के बाहर आ गया और एक गहरी सांस ली
भले ही मेरा बाप कितना ठरकी हो और मै कितना चोदू रहू लेकिन एक बाप के सामने ऐसे सीन के बाद सामना करने की हिम्मत करना आसान नही होता है । मै अपनी सांसे बराबर कर रहा था कि अन्दर से पापा की आवाज आई

पापा - अरेरे याररर , धत्त
मा - क्या हुआ जी
पापा - आज दुसरी दफा उसने हमे ऐसे हालत मे देखा ,,क्या सोच रहा होगा वो

मा - अरे वो अब बड़ा हो गया है देखा नही सॉरी बोल कर गया है । सब समझता है मेरा बेटा आप चिन्ता ना करिये

पापा परेशान लहजे मे - हा वो ठीक है रागिनी लेकिन क्या उपर छ्त पर शालिनी भी थी ना ,,मुझे उस बात की चिन्ता है कही वो हमारे बारे मे कोई गलत राय बना ले

मा तो पहले ही मुझे जानती थी तो वो पापा को सत्तावना देते हुए - ऐसा करिये आप एक बार उससे बात करिये,

पापा हिचक कर - क क क्या आ , कह रही हो रागिनी ,मै कैसे बात करूँगा अपने ही बेटे से , वो भी ऐसे मुद्दो पर

मा झिझक कर - हा तो फिर जिन्द्गी भर नजरे चुराते रहना एक दूसरे से आप लोग ,, आगे जाकर मेरे बेटे की जिन्दगी तबाह होगी । ना वो आपसे कुछ बात करेगा ना ही आपको अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओ के बारे मे बतायेगा

पापा परेशान लहजे मे - नही नही रागिनी ऐसा नही होगा ,,,,मै कोसिस करता हू उससे बात करने की

यहा मेरी हालत और पतली हो गयी कि अब पापा मुझसे ऐसी क्या बात करेंगे , क्या समझाएंगे

पता नही आगे क्या होने वाला था और कैसे मै पापा का और पापा मेरा सामना करने वाले थे ।



जारी रहेगी
पढ कर अपना रेवियू जरुर दे । कहानी कैसी चल रही है इस पर भी अपनी राय जरुर दे ।
अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखें
धन्यवाद
UPDATE 75

इधर ये तीनो ने ऐसा मादक भरा सीन बना रखा था कि मेरा लण्ड बैठने का नाम नही ले रहा था ।

तभी एक नजर मैने स्टॉल की तरफ मारी तो देखा चाचा भी इसी तरफ आ रहे है
मुझे अब घबडाहट और भी ज्यादा होने लगी कि मै क्या करु ,,, अगर इन लोगो को नही रोकूँगा और चाचा यहा आ गये तो शायद त्योहार के दिन ही कच बड़ा बवाल न हो जाये और अगर इनलोगो को आवाज दी तो ये लोग होश मे आने के बाद किसका कैसे सामने करेगे

लेकिन फिलहाल मुझे यही सही ल्गा की इस्से पहले चाचा आये इनको अलग करना ही पडेगा बाद मे मै देख समझ लूंगा

तो मै एक बार फिर स्टॉल की तरफ नजर मारी और थोडा फुसफुसाया लेकिन किसी को मेरी आवाज नही आई
तो मजबूरन मुझे आगे जाकर पापा के पास बोलना पडा - पापा चाचा इधर ही आ रहे है
और फिर गला खसखसा कर सबको सतर्क किया

पापा तो पहले मुझे अपने बगल ने खड़ा देख के चौके लेकिन जब मैने वापस बोला की चाचा इधर आ रहे है तो वो जल्दी से खुद को ठीक किये और मा भी हडब्ड़ी मे अपना ब्लाउज बंद करके चाची के साथ स्टॉल की तरफ जाने लगी कि रास्ते मे ही चाचा मिले

फिर मै भी उधर से निकल गया गाना गुनगुनाते हुए
फिर पापा भी थोडा घूमते हुए आस पास की घरो मे देखने का नाटक करते हुए स्टॉल की तरफ आये ।
वही चाचा बाथरूम मे चले गये ।

फिर हम सब स्टॉल के पास जाकर बैठ गये
पापा भी आकर मेरे पास बैठे जो की काफी चुप थे ।

हम बैठे ही थे कि तब तक निशा दो चुनरि लेके छ्त पर आई। जिसमे से एक मा ने और एक चाची ने ओढ़ लिया । वही विमला अपना दुपट्टा चादर के जैसे चढाये हुए थी।

अनुज और राहुल छज्जे के पास खडे बाते कर रहे थे , डीजे बंद हो चूका था । थकावट के शर्मिंद्गी भी सभी के चेहरे पर दिख रही थी क्योकि पिछ्ले 3 घंटो मे जो होली खेली गयी उसमे सबके हवस और अन्दर के काले शरारतो को सामने ला दिया था ।
दोपहर के दो बज रहे थे और भूख भी सबको लगी थी ।
मा - सुनिये जी खाना बनाने की हिम्मत है नही तो ऐसा करिये कुछ मगा लिजीये , बच्चे भी भूखे है कबसे ।

पापा मानो किसी सोच से उभरे हो और बोले - अब ब ब हा रागिनी ठीक कह रही हो ,,, राज बेटा जरा कल्लु को फोन लगाना आज वो समोसे छानता है ।

फिर मैने डीजे के पास गया और अपना मोबाईल ऑन किया और कल्लु काका के पास फोन लगाया और पापा को दे दिया

पापा फोन पर - हा कल्लु मै बोल रहा हू रंगी ,,,,हा भाई वही ,, हा भाई तुझको भी होली मुबारक हो ,,अच्छा सुन जरा गरमा गरम समोसे और रसवाली गुजिया तैयार करवा कर किसी नौकर के हाथ ह्मारे नये घर भेज्वा दे ,, हा वो जो चौराहे पर बना है ,, हा हा वही भाई , कितने करू ???

पापा मा से - कितने मगाऊ रागिनी
मा - अरे अब 25 समोसे और 20गुजिया करवा लिजीये बचचे है खा लेंगे पेट भर जायेगा

पापा फोन पर - हा कल्लु 25 समोसे और 20 22 गुजिया कर देना ,,,हा जल्दी भेजना थोडा , हा ठीक है

फिर पापा ने फोन रखा और बोले - लो जी हो गया अब क्या करना है

मा - मै तो बहुत थक गयी हू और धूप भी तेज चलिये ना निचे हाल मे चलते है फिर नासट करके नहा धो लेंगे

विमला - हा रागिनी सच मे पैर बहुत दर्द कर रहे है
पापा ह्स्ते हुए - अरे कोई बात नही आज यही आराम करिये सब

चाची - अरे लेकिन घर भी तो जाना है
मा - क्या करोगी घर जाकर ,,यहा रहो खा पी कर यही सो जाना और कल तक चले जाना क्यू जी

पापा - हा भाई कोई कही नही जायेगा और छोटे तुम भी शाम तक घूम टहल कर वापस आ जाना

चाचा ह्स्ते हुए - शालिनी भैया ठीक ही तो कह रहे है , यहा सब थके है और यही रात के लिए कुछ बन जायेगा और साथ मे खा कर आराम कर लेंगे कौन सा आज दुकान खोलना है हमे हिहिहिही

फिर सब तय हुआ और हम सब 1st फ्लोर पर के हाल मे आ गये ।
मा ने जाते ही सोफा पकड लिया पैर पसारे फैल गयी ,,उन्के बगल मे चाची फिर विमला फिर पापा और फिर चाचा बैथ गये

चुकी सोफ़ा L टाइप का है तो ज्यादा से ज्यादा 6 लोग ही बैठ सकते थे तो अनुज जाकर मा के सिने पर लग कर बैठ गया ।

वही मै और राहुल हाल मे उतरती सीढ़ी पर बैठ गये । सोनल और निशा बेडरूम मे चले गये ।
मा सोनल से - बेटा एक एक करके सारे लोग नहा लेते जाओ
नही तो रंग नही छूटेगा

सोनल - हा मा हम दोनो नहाने ही जा रहे है ।

पापा - ऐसा करते है हम सारे जेन्स निचे जाकर नहा लेते है और आप लोग यही उपर नहा लो

मा - अरे बारी बारी से यहा का एक बाथरूम खाली है और उपर का है नहा लो ,,,निचे कोई गन्दगी लेके नही जायेगा हा

पापा हस के - अच्छा ठीक है भई
फिर चाचा पहल करते हुए बोले - ठीक है भैया आप लोग आराम करिये मै जरा नहा लू तब तक , शालिनी बैग से मेरे कपडे निकाल दो जरा ।


फिर चाची निचे गयी और अपना बैग लेके आई फिर चाची और चाचा दुसरे वाले खाली बेडरूम मे चले गये ।
अनुज और राहुल भी छत पर चले गये तौलिया लेके ।

मै उठा और मा के बगल मे आकर बैठ गया और उन्के उन्के चुचो पर लद कर उनको हग कर लिया और मा ने भी मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी ।

इधर मै और मा एक दुसरे मे लगे थे लेकिन मेरी आंखे पूरी बंद नही थी हल्की आंखे खोले मै सब देख समझ रहा था कि पापा उठ कर विमला के बगल मे आ गये और बोले - और बताईए बहन जी मज़ा आया की नही

विमला ह्स्ते हुए - जी भाईसाहब बहुत ही ज्यादा और रागिनी तो आज कुछ ज्यादा ही मस्ती कर दी थी

पापा हस कर - अच्छा जी वो कैसे
विमला - अरे आज ये मेरे कपडे पुरे फाड ही देती ह्हिहिहिही कमीनी कही की

मा ह्स्ते हुए - चल चल स्ब्से पहले तुने मेरी साडी फाडी फिर मै क्या करती

विमला ह्स्ते हुए - मुझे तेरी साडी पहनने ना पहनने का कोई मतलब न्ही दिख रहा था सारा माल खुला रखा था तुने हाहाह्हाहा

मा थोडी शर्मायी और विमला को छेड़ते हुए बोली - हा देखा मैने तुने आज रंग लगवाने के चक्कर मे ब्रा ही निकाल दी

इधर पापा हस भी रहे थे और बार बार मेरी तरफ देख कर खुद को शांत भी रखें हुए थे
विमला शर्माते हूए - चुप कर पागल कुछ भी बक रही है
और पापा की तरफ इशारा करती है ।

मा ह्स्ते हुए - उनको क्या बोल रही है आज उन्होने भी अपनी भयोह के साथ बहुत मज़े लिये

मा की बात से पापा झेप गये और मेरी हसी छूट गयी तो मा मेरे गालो पर चपट ल्गाते हुए बोली - तू बड़ा हस रहा है हा ,,, दो बार क्छ्छे मे रंग डलवा लिया लेकिन शर्म नही आ रही है हम्म्म्म

मै हस कर मा के चुचियो मे सर दबाते हुए उनकी नंगी पेट को सहलाते हुए शर्माने की ऐक्टिंग करने लगा जिस्से मा मुझे बाहो मे भर मेरे माथे को चूम कर हस्ने लगी
ऐसे ही हमारी मस्ती भरी बाते चलती रही कुछ देर फिर चाचा और चाची दोनो नहा कर साथ मे बाहर आये ।
उधर निशा और सोनल भी नहा चुकी थी फिर 5 मिंट के अंतर पर राहुल और अनुज भी नहा कर हाल मे एक्क्था हुए

थोडी देर बाद कल्लु काका ने अपने नौकर से समोसा और गुजिया भेज्वाये ।

फिर मैने दोने मे ही सबके लिये समोसा गुजिया लगा दिया और फिर मा ने सबको एक एक दोना उठाने को बोला

फिर सारे लोगो ने नासता किया थोडे गप्पें हाके और थोडी देर पहले हुई चटपटि बातो की पुनरावृति करते हुए सबने सबके मजे लिये ।

फिर चाचा चाची निचे कमरे मे सोने चले गये । सोनल और निशा अपने बाल सुखाने बालकीनि मे चली गयी ।
अनुज और राहुल दोनो निचे हाल मे जाकर मोबाइल पर मूवी देखने का प्लान कर लिये ।

फिर वापस उपर के हाल मे मा पापा विमल और मै बच गये ।

मा उठते हुए - चल विमला तू भी नहा ले आ ,,,और आप भी बैठे ना रहिये नहा लिजीये जाकर ।

पापा - नही नही अभी मेरा मन नही है ,,आप लोग नहा लो मै यही आराम करता हू

मै - मै तो जा रहा हू उपर नहाने

मा - अच्छा ठीक है बेता वो जरा गेस्टरूम मे मेरा और विमला का बैग है वो लेते आओ

मै झट से निचे गया और फट से दोनो बैग लेके आ गया ।

मा - विमला तू उस वाले कमरे के बाथरूम ने चली जा और मै इसमे चली जाती हू ।
फिर दोनो अलग अलग कमरो मे गये और मै भी सिर्फ तौलिया लेके छत पर चला गया ।
छत पर जाने के बाद एक नजर मैने स्टॉल पर डाली

मै मन मे - अबे यार , मस्ती तो बहुत कर ली लेकिन ये सब समान बटोरेगा कौन ,, ऐसा करता हू पहले सारा सामान जो काम लायक है वो निचे रख देता हू फिर बाकी का कचरा एक किनारे कर दूँगा। नही तो नहाने के बाद ये काम करके सब चौपट ही रहेगा ।

फिर मैने रंग अबीर को अच्छे से वापस पैकेट मे डाला और सारी पिचकारीया बाल्टी एक साथ रख कर उसमे पानी भरा। फिर गलास के पैकेट, मिठाइया और रंग सब एक बडे झोले मे भर कर ,, उठाया और नीचे चल दिया ।

मै वापस हाल मे आया तो पापा वहा नही थे तो मै सोचा क्यू ना सारा सामान यही मम्मी जिस कमरे मे है वही रख दू और कमरे का दरवाजा ही हल्का खुला हुआ था

तो मै सारा सामान लेके दरवाजे को धक्का देकर मम्मी को आवाज ल्गाते हुए कमरे मे घूस्ता हू - मम्म्यीईईईईई

सामने देखा तो मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी क्योकि पापा कमरे मे बाथरूम के पास अपना पैजामा निचे किये खडे थे और मा पूरी नंगी होकर पापा का मोटा लण्ड निचे बैठ कर चुस रही थी ।

पापा की नजर वापस मुझसे मिली और मा भी लण्ड निकाल कर मेरे तरफ आंखे फाडे देखने लगी । दोनो हैरत भरी नजरो से मुझे देख रहे थे और मेरी आवाज नही निकल रही थी ।

मै हडबड़ा कर नजरे चुराते हुए - अब ब ब वो वो मै ये ये समान रखने आया था ,,,
और मै झट से सामान रखा और बिना उनलोगो की तरफ देखे - सॉरी पापा

फिर कमरे के बाहर आ गया और एक गहरी सांस ली
भले ही मेरा बाप कितना ठरकी हो और मै कितना चोदू रहू लेकिन एक बाप के सामने ऐसे सीन के बाद सामना करने की हिम्मत करना आसान नही होता है । मै अपनी सांसे बराबर कर रहा था कि अन्दर से पापा की आवाज आई

पापा - अरेरे याररर , धत्त
मा - क्या हुआ जी
पापा - आज दुसरी दफा उसने हमे ऐसे हालत मे देखा ,,क्या सोच रहा होगा वो

मा - अरे वो अब बड़ा हो गया है देखा नही सॉरी बोल कर गया है । सब समझता है मेरा बेटा आप चिन्ता ना करिये

पापा परेशान लहजे मे - हा वो ठीक है रागिनी लेकिन उपर छ्त पर शालिनी भी थी ना ,,मुझे उस बात की चिन्ता है कही वो हमारे बारे मे कोई गलत राय बना ले

मा तो पहले ही मुझे जानती थी तो वो पापा को सत्तावना देते हुए - ऐसा करिये आप एक बार उससे बात करिये,

पापा हिचक कर - क क क्या आ , कह रही हो रागिनी ,मै कैसे बात करूँगा अपने ही बेटे से , वो भी ऐसे मुद्दो पर

मा झिझक कर - हा तो फिर जिन्द्गी भर नजरे चुराते रहना एक दूसरे से आप लोग ,, आगे जाकर मेरे बेटे की जिन्दगी तबाह होगी । ना वो आपसे कुछ बात करेगा ना ही आपको अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओ के बारे मे बतायेगा

पापा परेशान लहजे मे - नही नही रागिनी ऐसा नही होगा ,,,,मै कोसिस करता हू उससे बात करने की

यहा मेरी हालत और पतली हो गयी कि अब पापा मुझसे ऐसी क्या बात करेंगे , क्या समझाएंगे

पता नही आगे क्या होने वाला था और कैसे मै पापा का और पापा मेरा सामना करने वाले थे ।
कमरे हुए हंगामें की बात सोच कर और आने वाले समय मे पापा का सामना कैसे होगा , इन्ही बातो मे खोया हुआ मै वापस छत पर चला गया नहाने ।

नहाने के बाद मै तौलिया लपेटा और फिर मुझे ध्यान आया कि मैने तो कपडा लाया ही नही

मै मन ने - अबे यार अब फिर से उसी कमरे मे जाना पडेगा पता नही क्या हो रहा होगा क्या नही ,,,पता नही पापा होगे निचे या नही

मै घबडाहट भरे मन से आने वाले परिस्थतियो के नये नये आयाम मन मे बुने जा रहा था ।
फिर मै वापस कमरे के पास गया तो इस बार दरवाजा खटखटा कर बोला - मम्मीईई

तभी खड़ाक से दरवाजा मम्मी ने खोला और वो नहा चुकी थी , उन्होने बालो मे एक दुपट्टा लपेटा हुआ था और उपर से एक मैक्सि डाली हुई थी जिसके उपरी बटन खुले थे । उन्के बदन से साबुन की मस्त खुस्बु आ रही थी जो मुझे मादक किये जा रही थी ।
मा के भिगे होठ और भी ज्यादा गुलाबी थे और उन्के चेहरे पर एक आकर्षक मुस्कान थी ।

मा - हा क्या हुआ बेटा
मै एक बार अन्दर झाका तो पापा नही दिखे
मा मुस्कुरा कर - वो नहा रहे है हिहिहिही

मुझे थोडी राहत हुई और मुस्कुरा कर - मा वो मुझे मेरे कपडे चाहिये थे ,

मा खुशी भाव से दरवाजे से हट गयी और मै कमरे मे चला गया और फिर बैग से एक जीन्स और टीशर्ट निकाला लेकिन मेरा अंडरवियर नही मिला उसमे

मै - मा मेरा अंडरवियर नही लाई क्या आप
मा ह्स्ते हुए - अब तुझे कल देखना चाहिए था ना की क्या समान रखना है क्या नही ,,,,भूलने का तो मै भी अपना ब्रा पैंटी भूल गयी हू तो क्या करू जो है वही पहन रही हू

मै मा बाते सुन कर एक नजर उनकी चुचियो के खडे निप्प्ल को मैक्सि मे उभरा देखा और थूक गटक बोला - लेकिन मुझे आदात नही है बिना अंडरबियर के

मा हस कर - अब तू जान और समझ भई ,,, लेकिन जल्दी से ये तौलिया निकाल कर दे ,,,तेरे पापा को देना है ।

मै पापा नाम सुनते ही सारी जरूरत को ताक कर रख कर मा के सामने ही तौलिये पर से ही जीन्स मे पैर डालने लगा

मा मुझे लड़खड़ाता देख हस रही थी ।
मैने किसी तरह जांघो तक जीन्स को लेके आया और अब आगे जाने के लिए तौलिया निकालना पड़ता तो मै मा को इशारा करके बोला की बाथरूम के दरवाजे पर ध्यान दे

मा हस कर हा मे इशारा किया और मै झट से तौलिया निकाल कर मा को दिया । जिससे मेरा हल्के तनाव मे खड़ा लण्ड झाटदार हिस्से के साथ मा के साम्ने था और मै जीन्स को कमर पर चढा कर बंद कर ही रहा था कि

मा - रुक रुक रुक जरा तो ,,, ये खोल ,, ये क्या अभी भी यहा का रंग नही छुटा

मै झल्ला कर - आपने ही तो डाला था
मा हस कर - मैने कहा वो तो तेरी चाची थी हिहिही

फिर मै वापस मुह बनाते हुए जीन्स पहन लिया तभी बाथरूम से पापा की आवाज आईं।
पापा - रागिनी ,,राज तौलिया देके गया क्या

मै पापा की आवाज सुन कर वाप्स सकते मे आया और मै उनका सामना नही करना चाहता था , अभी तो बिल्कुल नही


तो मै झट से अपना मोबाईल और टीशर्ट लिया और बाल्किनी की तरफ आ गया जहा रेलिंग के पास मेरी दोनो बहने अपना टीशर्ट लोवर पहने खुले बालो मे पोज देते हुए तस्बिरे निकाल रही थी ।

तभी सोनल की नजर मुझ पर गयी
सोनल - ओ बिना ऐब्स वाले शाहरुख खान,, कपडे पहन ले भाई ,,, कुछ तो शर्म कर यहा तो महिलाए है हिहिहुही

मै हसते हुए - हा सही कह रही हो अब तुम लोग महिला हो ही गयी हो

सोनल मेरा ताना समझ गयी और खीझ कर बोली - चल चल पहन कपडे नही तो निकालू फ़ोटो तेरी भी ।

मै टीशर्ट और मोबाइल एक कुर्सी पर रखते हुए उन्के पास गया और बालो मे हाथ फिराते हुए बोला - अब इतना स्मार्ट लग रहा हू तो निकाल ही दो


निशा जो अब तक चुप चाप हसे जा रही थी वो भी मेरा साथ देते हुए - हा हीरो तो तू है ही ,, निकाल सोनल इसकी फ़ोटो और स्टेटस लगाते है

मै बिंदास होकर जीन्स मे हाथ डाल कर एक पोज दिया और सोनल के क्लिक किया और दो तीन पोज के बाद मैने देखा की निशा बहुत हस थी तो मैने उसकी कमर मे हाथ डाल कर अपनी तरफ खिच दिया जिस्से वो हिचक गयी

मै ह्स्ते हुए - हा अब निकालो दीदी
सोनल ह्स्ते हुए - वॉव यार क्या मस्त जोडी लग रही है तुम दोनो की हॉट ऐण्ड सेक्सी कपल एकदम

निशा सोनल की बात से शर्मा गयी और मै उसकी बातो का फायदा उठा के- निशा को पीछे से हग किया और एक हाथ कन्धे के उपर और एक हाथ दुसरे कन्धे के निचे से ले जाकर उसकी चुचियो पर क्रोस करते हुए दुसरे वाले कन्धे पर अपना चेहरा रख कर पोज दिया

सोनल फ़ोटो निकालते हुए - गजब बे तुझको कितने अच्छे अच्छे पोज आते है

फिर मै निशा को छोड कर सोनल के पास गया और उसके हाथ से मोबाईल लेके तसबिरे देखने लगा ।

मै सवाईप करके एक एक तस्वीर देख रहा था कि तभी मोबाईल ने निशा की ऐसी तस्वीर आई जिसमे वो अपना नाभि दिखा रही थी , फिर मैने आगे स्वाईप किया तो सोनल की भी उसी पोज मे तस्वीर थी ।

आगे बढ़ाने पर और भी कामुक कामुक अदाओ से भरी दोनो की सेक्सी तस्विरे थी ।
मै मुस्कुराते हुए - अरे वाह दीदी बहुत ही अच्छी अच्छी तस्वीरे है

सोनल - हा तो हमने खीची है
मै - लेकिन आप दोनो का एक साथ मे नही है फुल फोटो
निशा - हा यार तू निकाल दे ना हम दोनो का

मै एक शरारती मुस्कान के साथ - ठीक है लेकिन यहा नही
उस कमरे मे चलो उसमे अच्छी लाईट आयेगी ,,,यहा धूप की वजह से फिल्टर सही से काम नही कर रहा है

फिर मैने बाल्किनी मे आने वाला दरवाजा बाहर से बंद किया और फिर दोनो के लिवा कर वही के अटैच स्पेयर रूम मे लेके चला गया जो कि खाली था और उसका दरवाजा। बालकनी में खुलता था।

फिर मैने दरवाजा बंद कर सारी लाईट ऑन की जिससे कमरा पुरा जगम्गा गया ।

निशा - हा यार ये जगह तो मस्त है
मै - चलो अब दोनो साथ मे इधर खडे हो जाओ
फिर वो दोनो एक दूसरे से चिपक कर पाऊट करते हुए और एक दुसरे के बाहो मे बाहे डाले और एक दुसरे मे गालो पर किस्स करते हुए फ़ोटो निकलवाये

सोनल - भाई और कोई पोज बता ना
मै तुरंत गूगल पर कुछ सेक्सी पोजेज की तस्वीरें सर्च की और फिर दोनो को अप्ने पास बुलाया

सोनल को दिखाते हुए - ये देखो दीदी ये कैसा है

उस तस्वीर मे दो लडकिया एक दुसरे के आगे पीछे खड़ी थी । पीछे वाली लडकी अपना सर आगे वाली लड्की के कन्धे पर रखे हुए अपना हाथ आगे कर आगे वाली लड्की की ड्रेस उपर किये हुए उसकी नाभि दिखा रही थी और वही सामने वाली लडकी अपने एक साथ उस पीछे वाली लड्की के गालो को बहुत ही कामुक अंदाज मे छू रही थी ।


सोनल पोज देख कर - धत्त ये सब क्या बे ,,, ये सब बड़ी मोडल लोग ही करती है कोई देखेगा तो क्या कहेगा

मै हस कर मोबाइल की गैलरी से उनकी नाभि दिखने वाली तस्वीर खोल कर उनको दिखाते हुए बोला - क्यू ये देख कर सब लोग तारिफ करेन्गे क्या ,,अरे यार कोई बाहरी थोडी ना देखेगा । हम लोग ब्स पोज बना कर मौज मस्ती कर रहे है कौन सा इसका बैनर बनवाना है

निशा मेरी बात सुन कर ह्स्ते हुए - नही भाई ये बैनर बनवायेगी अपना हाहाहा

सोनल अपना मजाक उड़ता देख खीझ गयी और ह्स्ते हुए बोली - रुक अभी बताती हू तुझे बहुत हसी आ रही है ना

सोनल - चल भाई तू खिच , अब देख मेरा कमाल

फिर सोनल निशा को खिच कर वाप्स से उसी जगह ले गयी और उसी तसवीर की तरह निशा को आगे के उसकी उसकी टीशर्ट को उपर खिच कर पोज दिया जिसे मैने क्लिक किया

मै दुसरा पोज ब्ताता की उस्से पहले ही सोनल खड़ी हुई और निशा का टीशर्ट एक झटके मे निकाल दिया और फिर अपना टीशर्ट भी एक साथ निकाल दिया ।

ओह माय गॉड क्या गजब का सेक्सी नजारा था । दोनो बहने अब ब्रा और लोवर मे थी ।
सोनल के दूध काली ब्रा मे काफी भरे हुए थे और वही निशा के चुचे सोनल के मुकाबले छोटे थे और उसने एक प्रिंटेड आसमानी रंग की ब्रा पहनी थी ।


सोनल के टीशर्ट निकालने के बाद निशा ने झट से अपने हाथो को क्रॉस करके अपनी छाती को ढक लिया और झल्ला कर बोली - ये क्या मजाक है दीदी ,, देख नही रही राज है यही

सोनल हस के - धत पागल वो कौन सा बाहरी है ,, अपना भाई ही तो है ना ,
निशा थोडा शांत होकर - लेकिन ऐसे कैसे मुझे शर्म आयेगी यार

सोनल ह्सते हुए - अरे वो भी उपर से नंगा है और हमने तो अपने माल ढके हुए है ना हिहिहिही
फिर सोनल निशा के हाथ उसके सीने से हटाते हुए उसको अपनी तरफ खीच कर पोज देते हुए बोली - हा भाई अब खिच

मै मुस्कुरा कर जीन्स मे उभरे लण्ड को थोदा दबाते हुए - दोनो की बेहद ही सेक्सी तस्वीरे निकाली और बार बार लण्ड को दबा रह था

जिसे सोनल और निशा भी देख कर आप्स मे मुस्कुरा रही थी ।
मुझे अब रहा नही जा रहा था क्योकि मेरे लण्ड मे दर्द होने ल्गा था ।

मै - दिदी मै अभी आ रहा हू
सोनल ह्स्ते हुए - अरे कहा जा रहा है भाई

मै संकोचवश इधर उधर देखा कर मुस्कुरा रहा था ।
सोनल - मुझे पता है तुझे वहा दिक्कत हो रही है तो यही कर ले ना सही

निशा सोनल के बाजू पर चिगोटी काटते हुए मना करती है
सोनल ह्स्ते हुए - देख निशा भी वही बोल रही है कि यही सही कर ले हिहिहिही

निशा खीझ कर ह्स्ते हुए - क्या दीदी मैने कब बोला

सोनल - अब शर्माना छोड और यही सही कर ले
फिर मै मोबाईल उन लोगो को देके उनकी तरफ पिठ करके घूम गया और जीन्स के बटन और चैन खोल कर लण्ड को बाहर निकाल कद एक गहरी सांस ली
मै हल्के हाथो से अपने लण्ड की चमडी और सुपाडे मे उठे दर्द को कम करने के लिये एक दो बार लण्ड की चमडी आगे पीछे किया जिससे मेरे सुपाडे मे ठंडी हवा का आभास हुआ और मै कमर पर हाथ रखे गरदन उपर कर आंखे बंद किये गहरी सास लेते हुए थोडी देर वैसे ही लंड बाहर किये खड़ा रहा और मुझे बहुत ही राहत मह्सूस हो रही थी ।एक पल की मै भूल ही गया कि कहा हू तभी मुझे सोनल के खिलखिलाने और निशा के खुसफुसाने की आवाज अपने बाई तरफ से आई और मै नजर घुमा कर देखा तो सोनल ह्स्ते हुए मेरे लण्ड की तस्वीर निकाल रही थी और निशा उसको रोकने की कोसिस कर रही थी ।

मै झट से दुसरी तरफ घूमते हुए पैंट पकड लिया ।
हालाकि मेरे और सोनल के बिच , मेरे और निशा के बिच व्यकितगत रूप से कोई हिचक वाली बात नही थी लेकिन हम तीनो के कुछ ना कुछ आपस के राज थे जो हम सब से छिपे थे ।

मै ह्स्ते हुए पैंट पकड कर - ये क्या रही हो दीदी पागल हो गई हो क्या
सोनल ह्स्ते हुए - कुछ नही तुझे ब्लैकमेल करने का हथियार जुटा रही हू भाई

उनकी तरफ पिठ किये हुए - ये गलत बात है मै तकलीफ मे हू तो ये क्या बात हुई

सोनल - अच्छा ब्च्चू तकलीफ मे है ,,सुन रही है निशा क्या कह रहा है

निशा खुसफुसा कर - क्या कह रही हो दीदी बस करो अभी

सोनल हस्ते हुए - तू उसके साथ है मेरे साथ । देखती नही ये कमीना अपनी बहनो की जवानी देख कर मजे ले रहा है

मै लखड़ते लहजे मे - ये क्या बोल रही हो दिदी मैने कब ये सब सोचा
सोनल मुझे सामने घुमाते हुए - तो ये तेरा खड़ा कैसे हुआ

मै निशा को देखा जो सोनल के थोडा पीछे खड़े होकर मुह छिपाये हस रही थी और सोनल मुझे चिढाने का इशारा कर रही थी ।

सोनल अपनी होठ पे जीभ घुमाकर हस्ते हुए बोली - बता ना कैसे हुआ खड़ा , तू मेरी और निशा की छातियों को ही घुर रहा था ना

मै हस कर अपना लण्ड को छुपाने की कोसिस मे - ये क्या बात कर रही हो दीदी , मैने थोडी ना बोला आपको की आप कपडे निकाल दो ,,,क्यू निशा दीदी

निशा हस कर मुह फेर लेती है
मै मौका देख कर सोनल से इशारे मे पुछता हू क्या नाटक ये सब

सोनल हस कर इशारे मे लण्ड को चुस्ने की बात कहती है
मै इशारे मे निशा की तरफ दिखा कर उसको बोलता हू की तुम पागल हो वो यही है

सोनल इशारे मे निशा को भी शामिल होने की बात कह्कर हस्ती है
मै सोनल की प्लानिंग समझ गया कि वो क्यू इत्ना नाटक कर रही है और एक गहरी सास लेते हुए मैने भी नाटक करना शुरु कर दिया ।
मै - बोलो ना अब चुप क्यू हो
सोनल - ओहो इस्का मतलब अगर तू अपनी बहनो को नंगा देख लेता है तो तू उन्के बारे मे गंदी गंदी सोच रखेगा

सोनल वापस निशा के पास जाकर उसकी ब्रा कन्धो से सरकाते हुए - अगर मै निशा के ब्रा निकाल दू तो क्या तू फिर भी इनके बारे गलत सोचेगा हा

निशा हस कर छ्टकते हुए सोनल का हाथ हटाने की कोसिस मे - ये क्या कर रही हो दीदी

सोनल - नही निशा आज मुझे इसको आजमा लेने दे ,कल मुझे घर मे अकेला पाकर ना जाने ये क्या कर दे

फिर सोनल के निशा के ब्रा की हुक खोल दी और सामने से निशा के चुचे खोल दिये और फिर मुझे देखकर बोली - तू इधर आ अभी

मै मुस्कुरा कर दोनो के पास गया जहा निशा अपने दोनो हाथों अपने चुचियो को छिपाये सोनल से चिपकी हुई नजर निचे किये कनअखियो से मुझे अपने पास आता देख रही थी ।

मै थोडा नाटक करता हुआ टूटे हुर लहजे मे - जी दीदी बोलो

सोनल झूठ का गुस्सा दिखाते हुए निशा का हाथ उसकी छाती से हटा देती है
वही निशा का मुलायम संतरे जैसी गुलाबी निप्प्ल वाली चुचियो को देख कर मेरा लण्ड झटके खाने लगा और मै गला गिला करने के लिए मुह की लार सोखने लगा

सोनल थोडा गुस्से का नाटक करते हुए - ध्यान से देख निशा के दूध को और एक भाई की नजर से बता ये कैसी लग रही है

मै थूक गटकते एक नजर निशा से मिलाया जो तुरंत नजर घुमा कर मुस्कुराने लगी और फिर मैने बडे गौर से निशा की गोरी मुलायम चर्बी वाली चुचियो को देखने लगा उसके गुलाबी घेरो पर उभरे रोए के दाने और मटर के दाने जैसी गोल कडक निप्प्ल देख कर मै उत्तेजन से भर गया ।

सोनल - बता ना ये भावना आ रही है तुझे एक भाई की नजर से
मै घबडाहट भरे आवाज का नाटक करता हुआ - आ ब ब वो वो वो मै क्या बताऊ दिदी अच्छी तो है ये अब क्या बताऊ इसमे कितनी गोल और मुलायम है ब्स यही सब है


सोनल - और तेरा मन नही कर रहा है कि इनको छूने का
मै ना मे सर हिला कर - नही नही दिदी मै कैसे छू सकता हू ,,निशा दिदी मेरी बहन है ।


सोनल थोडे भारी लहजे मे लण्ड की तरफ इशार करते हुए - तेरे इसको देख के तो ये नही लग रहा है कि तू सच बोल रहा है ,, देख रही हू जबसे मैने निशा के दूध खोले है ये और भी बड़ा हो गया है


मै घबडाहट भरे लहजे मे - वो तो होगा ही ना इतने सुन्दर दुध देख कर ,,,मुझे पता है ये मेरी बहन के है उसे थोडी ना पता होगा दीदी

निशा मेरी बात से हस दी और सोनल भी हस के बोली - मतलब तू नही चाह्ता कि इसे छुए लेकिन ये चाहता छूना

मै अंदाजा ल्गाने के भाव मे - नही , हा , मतलब वही
तब तक सोनल ने भी अपनी ब्रा निकाल दी और बोली - अब बता इनको देख कर क्या सोच रहा है तू और क्या सोच रहा है तेरा ये

मै दीदी की मोटी भूरे निप्प्ल वाली गोरी चुचियो को देख कर और भी हतास परेसान होने लगा

मै - अब ब ब ये ये ये तो बडे है और सेक्सी है
सोनल - येही सोचता हू तू मेरे बारे मे
मै हदब्ड़ी के भाव मे - नही नही दीदी ,,ये मै नही मेरा ये सोच रहा है

सोनल और निशा दोनो आपस मे मुस्कुरा रहे थे और हसी मुझे भी आ रही थी

सोनल - मतलब तू हमारे बारे कुछ गलत नही सोचता
मै मुस्कुराते हुए ना मे सर हिलाया

सोनल - तो मतलब हम इसके साथ कुछ भी करे तुझे कोई दिक्कत नही होगी


मै सोचने के भाव मे आ गया और कभी सोनल की कातिल मुस्कान के साथ इतराते चेहरे को देखता तो कभी निशा के शर्मा से नजरे चुरा कर मुस्कुराते हसिन चेहरे को
कभी एक पल को निशा की गुलाबी निप्प्ल वाली चुची को देखकर उसके मुलायम स्पर्श पाने को सिहर उठता तो एक सोनल के मोटी डार्क निप्पल वाली चुची को हथेली मे भर के मिजने का मन करता
आगे ना जाने ये सोनल की शरारत क्या गुल खिलाने वाली थी और क्या कुछ बदलने वाला था हमारी जिन्दगी मे

जारी रहेगी
पढ कर अपना रेवियू जरुर दे । कहानी कैसी चल रही है इस पर भी अपनी राय जरुर दे ।
अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखें
धन्यवाद
अब राज की ऐश होने वाली है। होली पर सबने फुल मस्ती की है। राज के बाप को एक और आइटम मिल गयी। निशा और उसकी माँ दोनो का नंबर भी जल्दी लगने वाला है। मस्त अपडेट।
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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22,362
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Bahut hi jabardast aur garam update bhai.Ab lagta hai ki nisha aur sonal ka number lag gaya hai.Ab ek badhiya blowjob to banta hai.
Excellent update bhai........
bahut bahut dhanywaad bhai
Keep supporting and loving
 

DREAMBOY40

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लगता है राज अब सोनल के लिए अमन की बात पक्की करवा ही देगा। चाची भी राज के साथ सेट होने वाली है ऐसा लगता है । बहुत ही सुंदर अपडेट
तो फिर सोनल की लाइफ तो हो गयी है सेट। देखते है अपने हीरो का क्या बनता है? माँ आज कुछ ज्यादा ही इमोशनल होगी । इमोशनल अपडेट।
अब राज की ऐश होने वाली है। होली पर सबने फुल मस्ती की है। राज के बाप को एक और आइटम मिल गयी। निशा और उसकी माँ दोनो का नंबर भी जल्दी लगने वाला है। मस्त अपडेट।


Dhanywaad dost
Keep supporting and loving
 
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