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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

ChhotuD

New Member
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प्रिय मित्रों अपडेट पोस्ट कर दिया है
होली कैसी बीती इस पर अपना विचार जरूर लिखे
और कहानी कैसी चल रही हैं
पाठको से अनुरोध है कि वो अपना अच्छा बुरा जो भी मन में है पलीज रेवयू जरूर दें।


धन्यवाद
सुपर से भी ऊपर भाई... अब बाप बेटे के बीच सच का सामना होगा, उसका इंतज़ार है...
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Bahut hee badhiya update … ab agle next update bahut hee jabardast hone ki ummeed ban gayi hai …
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सुपर से भी ऊपर भाई... अब बाप बेटे के बीच सच का सामना होगा, उसका इंतज़ार है...
Thanks bro

Keep supporting and loving
 

xxxlove

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UPDATE 75
MEGA


इधर ये तीनो ने ऐसा मादक भरा सीन बना रखा था कि मेरा लण्ड बैठने का नाम नही ले रहा था ।

तभी एक नजर मैने स्टॉल की तरफ मारी तो देखा चाचा भी इसी तरफ आ रहे है
मुझे अब घबडाहट और भी ज्यादा होने लगी कि मै क्या करु ,,, अगर इन लोगो को नही रोकूँगा और चाचा यहा आ गये तो शायद त्योहार के दिन ही कच बड़ा बवाल न हो जाये और अगर इनलोगो को आवाज दी तो ये लोग होश मे आने के बाद किसका कैसे सामने करेगे

लेकिन फिलहाल मुझे यही सही ल्गा की इस्से पहले चाचा आये इनको अलग करना ही पडेगा बाद मे मै देख समझ लूंगा

तो मै एक बार फिर स्टॉल की तरफ नजर मारी और थोडा फुसफुसाया लेकिन किसी को मेरी आवाज नही आई
तो मजबूरन मुझे आगे जाकर पापा के पास बोलना पडा - पापा चाचा इधर ही आ रहे है
और फिर गला खसखसा कर सबको सतर्क किया

पापा तो पहले मुझे अपने बगल ने खड़ा देख के चौके लेकिन जब मैने वापस बोला की चाचा इधर आ रहे है तो वो जल्दी से खुद को ठीक किये और मा भी हडब्ड़ी मे अपना ब्लाउज बंद करके चाची के साथ स्टॉल की तरफ जाने लगी कि रास्ते मे ही चाचा मिले

फिर मै भी उधर से निकल गया गाना गुनगुनाते हुए
फिर पापा भी थोडा घूमते हुए आस पास की घरो मे देखने का नाटक करते हुए स्टॉल की तरफ आये ।
वही चाचा बाथरूम मे चले गये ।

फिर हम सब स्टॉल के पास जाकर बैठ गये
पापा भी आकर मेरे पास बैठे जो की काफी चुप थे ।

हम बैठे ही थे कि तब तक निशा दो दुपटटे लेके छ्त पर आई। जिसमे से एक मा ने और एक चाची ने ओढ़ लिया । वही विमला अपना दुपट्टा चादर के जैसे चढाये हुए थी।

अनुज और राहुल छज्जे के पास खडे बाते कर रहे थे , डीजे बंद हो चूका था । थकावट के शर्म भी सभी के चेहरे पर दिख रही थी क्योकि पिछ्ले 3 घंटो मे जो होली खेली गयी उसमे सबके हवस और अन्दर के काले शरारतो को सामने ला दिया था । और सभी एक दूसरे से नज़र चुरा के हस के बाते कर रहे थे
दोपहर के दो बज रहे थे और भूख भी सबको लगी थी ।
मा - सुनिये जी खाना बनाने की हिम्मत है नही, तो ऐसा करिये कुछ मगा लिजीये , बच्चे भी भूखे है कबसे ।

पापा मानो किसी सोच से उभरे हो और बोले - अब ब ब हा रागिनी ठीक कह रही हो ,,, राज बेटा जरा कल्लु को फोन लगाना आज वो समोसे छानता है ।

फिर मैने डीजे के पास गया और अपना मोबाईल ऑन किया और कल्लु काका के पास फोन लगाया और पापा को दे दिया

पापा फोन पर - हा कल्लु मै बोल रहा हू रंगी ,,,,हा भाई वही ,, हा भाई तुझको भी होली मुबारक हो ,,अच्छा सुन जरा गरमा गरम समोसे और रसवाली गुजिया तैयार करवा कर किसी नौकर के हाथ ह्मारे नये घर भेज्वा दे ,, हा वो जो चौराहे पर बना है ,, हा हा वही भाई , कितने करू ???

पापा मा से - कितने मगाऊ रागिनी
मा - अरे अब 25 समोसे और 20गुजिया करवा लिजीये बचचे है खा लेंगे पेट भर जायेगा

पापा फोन पर - हा कल्लु 25 समोसे और 20 22 गुजिया कर देना ,,,हा जल्दी भेजना थोडा , हा ठीक है

फिर पापा ने फोन रखा और बोले - लो जी हो गया अब क्या करना है

मा - मै तो बहुत थक गयी हू और धूप भी तेज चलिये ना निचे हाल मे चलते है फिर नासट करके नहा धो लेंगे

विमला - हा रागिनी सच मे पैर बहुत दर्द कर रहे है
पापा ह्स्ते हुए - अरे कोई बात नही आज यही आराम करिये सब

चाची - अरे लेकिन घर भी तो जाना है
मा - क्या करोगी घर जाकर ,,यहा रहो खा पी कर यही सो जाना और कल तक चले जाना क्यू जी

पापा - हा भाई कोई कही नही जायेगा और छोटे तुम भी शाम तक घूम टहल कर वापस आ जाना

चाचा ह्स्ते हुए - शालिनी भैया ठीक ही तो कह रहे है , यहा सब थके है और यही रात के लिए कुछ बन जायेगा और साथ मे खा कर आराम कर लेंगे कौन सा आज दुकान खोलना है हमे हिहिहिही

फिर सब तय हुआ और हम सब 1st फ्लोर पर के हाल मे आ गये ।
मा ने जाते ही सोफा पकड लिया पैर पसारे फैल गयी ,,उन्के बगल मे चाची फिर विमला फिर पापा और फिर चाचा बैथ गये

चुकी सोफ़ा L टाइप का है तो ज्यादा से ज्यादा 6 लोग ही बैठ सकते थे तो अनुज जाकर मा के सिने पर लग कर बैठ गया ।

वही मै और राहुल हाल मे उतरती सीढ़ी पर बैठ गये । सोनल और निशा बेडरूम मे चले गये ।
मा सोनल से - बेटा एक एक करके सारे लोग नहा लेते जाओ
नही तो रंग नही छूटेगा

सोनल - हा मा हम दोनो नहाने ही जा रहे है ।

पापा - ऐसा करते है हम सारे जेन्स निचे जाकर नहा लेते है और आप लोग यही उपर नहा लो

मा - अरे बारी बारी से यहा का एक बाथरूम खाली है और उपर का है नहा लो ,,,निचे कोई गन्दगी लेके नही जायेगा हा

पापा हस के - अच्छा ठीक है भई
फिर चाचा पहल करते हुए बोले - ठीक है भैया आप लोग आराम करिये मै जरा नहा लू तब तक , शालिनी बैग से मेरे कपडे निकाल दो जरा ।


फिर चाची निचे गयी और अपना बैग लेके आई फिर चाची और चाचा दुसरे वाले खाली बेडरूम मे चले गये ।
अनुज और राहुल भी छत पर चले गये तौलिया लेके ।

मै उठा और मा के बगल मे आकर बैठ गया और उन्के उन्के चुचो पर लद कर उनको हग कर लिया और मा ने भी मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी ।

इधर मै और मा एक दुसरे मे लगे थे लेकिन मेरी आंखे पूरी बंद नही थी हल्की आंखे खोले मै सब देख समझ रहा था कि पापा उठ कर विमला के बगल मे आ गये और बोले - और बताईए बहन जी मज़ा आया की नही

विमला ह्स्ते हुए - जी भाईसाहब बहुत ही ज्यादा और रागिनी तो आज कुछ ज्यादा ही मस्ती कर दी थी

पापा हस कर - अच्छा जी वो कैसे
विमला - अरे आज ये मेरे कपडे पुरे फाड ही देती ह्हिहिहिही कमीनी कही की

मा ह्स्ते हुए - चल चल स्ब्से पहले तुने मेरी साडी फाडी फिर मै क्या करती

विमला ह्स्ते हुए - मुझे तेरी साडी पहनने ना पहनने का कोई मतलब न्ही दिख रहा था सारा माल खुला रखा था तुने हाहाह्हाहा

मा थोडी शर्मायी और विमला को छेड़ते हुए बोली - हा देखा मैने तुने आज रंग लगवाने के चक्कर मे ब्रा ही निकाल दी

इधर पापा हस भी रहे थे और बार बार मेरी तरफ देख कर खुद को शांत भी रखें हुए थे
विमला शर्माते हूए - चुप कर पागल कुछ भी बक रही है
और पापा की तरफ इशारा करती है ।

मा ह्स्ते हुए - उनको क्या बोल रही है आज उन्होने भी अपनी भयोह के साथ बहुत मज़े लिये

मा की बात से पापा झेप गये और मेरी हसी छूट गयी तो मा मेरे गालो पर चपट ल्गाते हुए बोली - तू बड़ा हस रहा है हा ,,, दो बार क्छ्छे मे रंग डलवा लिया लेकिन शर्म नही आ रही है हम्म्म्म

मै हस कर मा के चुचियो मे सर दबाते हुए उनकी नंगी पेट को सहलाते हुए शर्माने की ऐक्टिंग करने लगा जिस्से मा मुझे बाहो मे भर मेरे माथे को चूम कर हस्ने लगी
ऐसे ही हमारी मस्ती भरी बाते चलती रही कुछ देर फिर चाचा और चाची दोनो नहा कर साथ मे बाहर आये ।
उधर निशा और सोनल भी नहा चुकी थी फिर 5 मिंट के अंतर पर राहुल और अनुज भी नहा कर हाल मे एक्क्था हुए

थोडी देर बाद कल्लु काका ने अपने नौकर से समोसा और गुजिया भेज्वाये ।

फिर मैने दोने मे ही सबके लिये समोसा गुजिया लगा दिया और फिर मा ने सबको एक एक दोना उठाने को बोला

फिर सारे लोगो ने नासता किया थोडे गप्पें हाके और थोडी देर पहले हुई चटपटि बातो और घटनाओं की पुनरावृति करते हुए सबने सबके मजे लिये ।

फिर चाचा चाची निचे कमरे मे सोने चले गये । सोनल और निशा अपने बाल सुखाने बालकीनि मे चली गयी ।
अनुज और राहुल दोनो निचे हाल मे जाकर मोबाइल पर मूवी देखने का प्लान कर लिये ।

फिर वापस उपर के हाल मे मा पापा विमल और मै बच गये ।

मा उठते हुए - चल विमला तू भी नहा ले आ ,,,और आप भी बैठे ना रहिये नहा लिजीये जाकर ।

पापा - नही नही अभी मेरा मन नही है ,,आप लोग नहा लो मै यही आराम करता हू

मै - मै तो जा रहा हू उपर नहाने

मा - अच्छा ठीक है बेता वो जरा गेस्टरूम मे मेरा और विमला का बैग है वो लेते आओ

मै झट से निचे गया और फट से दोनो बैग लेके आ गया ।

मा - विमला तू उस वाले कमरे के बाथरूम ने चली जा और मै इसमे चली जाती हू ।
फिर दोनो अलग अलग कमरो मे गये और मै भी सिर्फ तौलिया लेके छत पर चला गया ।
छत पर जाने के बाद एक नजर मैने स्टॉल पर डाली

मै मन मे - अबे यार , मस्ती तो बहुत कर ली लेकिन ये सब समान बटोरेगा कौन ,, ऐसा करता हू पहले सारा सामान जो काम लायक है वो निचे रख देता हू फिर बाकी का कचरा एक किनारे कर दूँगा। नही तो नहाने के बाद ये काम करके सब चौपट ही रहेगा ।

फिर मैने रंग अबीर को अच्छे से वापस पैकेट मे डाला और सारी पिचकारीया बाल्टी एक साथ रख कर उसमे पानी भरा। फिर गलास के पैकेट, मिठाइया और रंग सब एक बडे झोले मे भर कर ,, उठाया और नीचे चल दिया ।

मै वापस हाल मे आया तो पापा वहा नही थे तो मै सोचा क्यू ना सारा सामान यही मम्मी जिस कमरे मे है वही रख दू और कमरे का दरवाजा ही हल्का खुला हुआ था

तो मै सारा सामान लेके दरवाजे को धक्का देकर मम्मी को आवाज ल्गाते हुए कमरे मे घूस्ता हू - मम्म्यीईईईईई

सामने देखा तो मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी क्योकि पापा कमरे मे बाथरूम के पास अपना पैजामा निचे किये खडे थे और मा पूरी नंगी होकर पापा का मोटा लण्ड निचे बैठ कर चुस रही थी ।

पापा की नजर वापस मुझसे मिली और मा भी लण्ड निकाल कर मेरे तरफ आंखे फाडे देखने लगी । दोनो हैरत भरी नजरो से मुझे देख रहे थे और मेरी आवाज नही निकल रही थी ।

मै हडबड़ा कर नजरे चुराते हुए - अब ब ब वो वो मै ये ये समान रखने आया था ,,,
और मै झट से सामान रखा और बिना उनलोगो की तरफ देखे - सॉरी पापा

फिर कमरे के बाहर आ गया और एक गहरी सांस ली
भले ही मेरा बाप कितना ठरकी हो और मै कितना चोदू रहू लेकिन एक बाप के सामने ऐसे सीन के बाद सामना करने की हिम्मत करना आसान नही होता है । मै अपनी सांसे बराबर कर रहा था कि अन्दर से पापा की आवाज आई

पापा - अरेरे याररर , धत्त
मा - क्या हुआ जी
पापा - आज दुसरी दफा उसने हमे ऐसे हालत मे देखा ,,क्या सोच रहा होगा वो

मा - अरे वो अब बड़ा हो गया है देखा नही सॉरी बोल कर गया है । सब समझता है मेरा बेटा आप चिन्ता ना करिये

पापा परेशान लहजे मे - हा वो ठीक है रागिनी लेकिन क्या उपर छ्त पर शालिनी भी थी ना ,,मुझे उस बात की चिन्ता है कही वो हमारे बारे मे कोई गलत राय बना ले

मा तो पहले ही मुझे जानती थी तो वो पापा को सत्तावना देते हुए - ऐसा करिये आप एक बार उससे बात करिये,

पापा हिचक कर - क क क्या आ , कह रही हो रागिनी ,मै कैसे बात करूँगा अपने ही बेटे से , वो भी ऐसे मुद्दो पर

मा झिझक कर - हा तो फिर जिन्द्गी भर नजरे चुराते रहना एक दूसरे से आप लोग ,, आगे जाकर मेरे बेटे की जिन्दगी तबाह होगी । ना वो आपसे कुछ बात करेगा ना ही आपको अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओ के बारे मे बतायेगा

पापा परेशान लहजे मे - नही नही रागिनी ऐसा नही होगा ,,,,मै कोसिस करता हू उससे बात करने की

यहा मेरी हालत और पतली हो गयी कि अब पापा मुझसे ऐसी क्या बात करेंगे , क्या समझाएंगे

पता नही आगे क्या होने वाला था और कैसे मै पापा का और पापा मेरा सामना करने वाले थे ।



जारी रहेगी
पढ कर अपना रेवियू जरुर दे । कहानी कैसी चल रही है इस पर भी अपनी राय जरुर दे ।
अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखें
धन्यवाद
UPDATE 75

इधर ये तीनो ने ऐसा मादक भरा सीन बना रखा था कि मेरा लण्ड बैठने का नाम नही ले रहा था ।

तभी एक नजर मैने स्टॉल की तरफ मारी तो देखा चाचा भी इसी तरफ आ रहे है
मुझे अब घबडाहट और भी ज्यादा होने लगी कि मै क्या करु ,,, अगर इन लोगो को नही रोकूँगा और चाचा यहा आ गये तो शायद त्योहार के दिन ही कच बड़ा बवाल न हो जाये और अगर इनलोगो को आवाज दी तो ये लोग होश मे आने के बाद किसका कैसे सामने करेगे

लेकिन फिलहाल मुझे यही सही ल्गा की इस्से पहले चाचा आये इनको अलग करना ही पडेगा बाद मे मै देख समझ लूंगा

तो मै एक बार फिर स्टॉल की तरफ नजर मारी और थोडा फुसफुसाया लेकिन किसी को मेरी आवाज नही आई
तो मजबूरन मुझे आगे जाकर पापा के पास बोलना पडा - पापा चाचा इधर ही आ रहे है
और फिर गला खसखसा कर सबको सतर्क किया

पापा तो पहले मुझे अपने बगल ने खड़ा देख के चौके लेकिन जब मैने वापस बोला की चाचा इधर आ रहे है तो वो जल्दी से खुद को ठीक किये और मा भी हडब्ड़ी मे अपना ब्लाउज बंद करके चाची के साथ स्टॉल की तरफ जाने लगी कि रास्ते मे ही चाचा मिले

फिर मै भी उधर से निकल गया गाना गुनगुनाते हुए
फिर पापा भी थोडा घूमते हुए आस पास की घरो मे देखने का नाटक करते हुए स्टॉल की तरफ आये ।
वही चाचा बाथरूम मे चले गये ।

फिर हम सब स्टॉल के पास जाकर बैठ गये
पापा भी आकर मेरे पास बैठे जो की काफी चुप थे ।

हम बैठे ही थे कि तब तक निशा दो चुनरि लेके छ्त पर आई। जिसमे से एक मा ने और एक चाची ने ओढ़ लिया । वही विमला अपना दुपट्टा चादर के जैसे चढाये हुए थी।

अनुज और राहुल छज्जे के पास खडे बाते कर रहे थे , डीजे बंद हो चूका था । थकावट के शर्मिंद्गी भी सभी के चेहरे पर दिख रही थी क्योकि पिछ्ले 3 घंटो मे जो होली खेली गयी उसमे सबके हवस और अन्दर के काले शरारतो को सामने ला दिया था ।
दोपहर के दो बज रहे थे और भूख भी सबको लगी थी ।
मा - सुनिये जी खाना बनाने की हिम्मत है नही तो ऐसा करिये कुछ मगा लिजीये , बच्चे भी भूखे है कबसे ।

पापा मानो किसी सोच से उभरे हो और बोले - अब ब ब हा रागिनी ठीक कह रही हो ,,, राज बेटा जरा कल्लु को फोन लगाना आज वो समोसे छानता है ।

फिर मैने डीजे के पास गया और अपना मोबाईल ऑन किया और कल्लु काका के पास फोन लगाया और पापा को दे दिया

पापा फोन पर - हा कल्लु मै बोल रहा हू रंगी ,,,,हा भाई वही ,, हा भाई तुझको भी होली मुबारक हो ,,अच्छा सुन जरा गरमा गरम समोसे और रसवाली गुजिया तैयार करवा कर किसी नौकर के हाथ ह्मारे नये घर भेज्वा दे ,, हा वो जो चौराहे पर बना है ,, हा हा वही भाई , कितने करू ???

पापा मा से - कितने मगाऊ रागिनी
मा - अरे अब 25 समोसे और 20गुजिया करवा लिजीये बचचे है खा लेंगे पेट भर जायेगा

पापा फोन पर - हा कल्लु 25 समोसे और 20 22 गुजिया कर देना ,,,हा जल्दी भेजना थोडा , हा ठीक है

फिर पापा ने फोन रखा और बोले - लो जी हो गया अब क्या करना है

मा - मै तो बहुत थक गयी हू और धूप भी तेज चलिये ना निचे हाल मे चलते है फिर नासट करके नहा धो लेंगे

विमला - हा रागिनी सच मे पैर बहुत दर्द कर रहे है
पापा ह्स्ते हुए - अरे कोई बात नही आज यही आराम करिये सब

चाची - अरे लेकिन घर भी तो जाना है
मा - क्या करोगी घर जाकर ,,यहा रहो खा पी कर यही सो जाना और कल तक चले जाना क्यू जी

पापा - हा भाई कोई कही नही जायेगा और छोटे तुम भी शाम तक घूम टहल कर वापस आ जाना

चाचा ह्स्ते हुए - शालिनी भैया ठीक ही तो कह रहे है , यहा सब थके है और यही रात के लिए कुछ बन जायेगा और साथ मे खा कर आराम कर लेंगे कौन सा आज दुकान खोलना है हमे हिहिहिही

फिर सब तय हुआ और हम सब 1st फ्लोर पर के हाल मे आ गये ।
मा ने जाते ही सोफा पकड लिया पैर पसारे फैल गयी ,,उन्के बगल मे चाची फिर विमला फिर पापा और फिर चाचा बैथ गये

चुकी सोफ़ा L टाइप का है तो ज्यादा से ज्यादा 6 लोग ही बैठ सकते थे तो अनुज जाकर मा के सिने पर लग कर बैठ गया ।

वही मै और राहुल हाल मे उतरती सीढ़ी पर बैठ गये । सोनल और निशा बेडरूम मे चले गये ।
मा सोनल से - बेटा एक एक करके सारे लोग नहा लेते जाओ
नही तो रंग नही छूटेगा

सोनल - हा मा हम दोनो नहाने ही जा रहे है ।

पापा - ऐसा करते है हम सारे जेन्स निचे जाकर नहा लेते है और आप लोग यही उपर नहा लो

मा - अरे बारी बारी से यहा का एक बाथरूम खाली है और उपर का है नहा लो ,,,निचे कोई गन्दगी लेके नही जायेगा हा

पापा हस के - अच्छा ठीक है भई
फिर चाचा पहल करते हुए बोले - ठीक है भैया आप लोग आराम करिये मै जरा नहा लू तब तक , शालिनी बैग से मेरे कपडे निकाल दो जरा ।


फिर चाची निचे गयी और अपना बैग लेके आई फिर चाची और चाचा दुसरे वाले खाली बेडरूम मे चले गये ।
अनुज और राहुल भी छत पर चले गये तौलिया लेके ।

मै उठा और मा के बगल मे आकर बैठ गया और उन्के उन्के चुचो पर लद कर उनको हग कर लिया और मा ने भी मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरने लगी ।

इधर मै और मा एक दुसरे मे लगे थे लेकिन मेरी आंखे पूरी बंद नही थी हल्की आंखे खोले मै सब देख समझ रहा था कि पापा उठ कर विमला के बगल मे आ गये और बोले - और बताईए बहन जी मज़ा आया की नही

विमला ह्स्ते हुए - जी भाईसाहब बहुत ही ज्यादा और रागिनी तो आज कुछ ज्यादा ही मस्ती कर दी थी

पापा हस कर - अच्छा जी वो कैसे
विमला - अरे आज ये मेरे कपडे पुरे फाड ही देती ह्हिहिहिही कमीनी कही की

मा ह्स्ते हुए - चल चल स्ब्से पहले तुने मेरी साडी फाडी फिर मै क्या करती

विमला ह्स्ते हुए - मुझे तेरी साडी पहनने ना पहनने का कोई मतलब न्ही दिख रहा था सारा माल खुला रखा था तुने हाहाह्हाहा

मा थोडी शर्मायी और विमला को छेड़ते हुए बोली - हा देखा मैने तुने आज रंग लगवाने के चक्कर मे ब्रा ही निकाल दी

इधर पापा हस भी रहे थे और बार बार मेरी तरफ देख कर खुद को शांत भी रखें हुए थे
विमला शर्माते हूए - चुप कर पागल कुछ भी बक रही है
और पापा की तरफ इशारा करती है ।

मा ह्स्ते हुए - उनको क्या बोल रही है आज उन्होने भी अपनी भयोह के साथ बहुत मज़े लिये

मा की बात से पापा झेप गये और मेरी हसी छूट गयी तो मा मेरे गालो पर चपट ल्गाते हुए बोली - तू बड़ा हस रहा है हा ,,, दो बार क्छ्छे मे रंग डलवा लिया लेकिन शर्म नही आ रही है हम्म्म्म

मै हस कर मा के चुचियो मे सर दबाते हुए उनकी नंगी पेट को सहलाते हुए शर्माने की ऐक्टिंग करने लगा जिस्से मा मुझे बाहो मे भर मेरे माथे को चूम कर हस्ने लगी
ऐसे ही हमारी मस्ती भरी बाते चलती रही कुछ देर फिर चाचा और चाची दोनो नहा कर साथ मे बाहर आये ।
उधर निशा और सोनल भी नहा चुकी थी फिर 5 मिंट के अंतर पर राहुल और अनुज भी नहा कर हाल मे एक्क्था हुए

थोडी देर बाद कल्लु काका ने अपने नौकर से समोसा और गुजिया भेज्वाये ।

फिर मैने दोने मे ही सबके लिये समोसा गुजिया लगा दिया और फिर मा ने सबको एक एक दोना उठाने को बोला

फिर सारे लोगो ने नासता किया थोडे गप्पें हाके और थोडी देर पहले हुई चटपटि बातो की पुनरावृति करते हुए सबने सबके मजे लिये ।

फिर चाचा चाची निचे कमरे मे सोने चले गये । सोनल और निशा अपने बाल सुखाने बालकीनि मे चली गयी ।
अनुज और राहुल दोनो निचे हाल मे जाकर मोबाइल पर मूवी देखने का प्लान कर लिये ।

फिर वापस उपर के हाल मे मा पापा विमल और मै बच गये ।

मा उठते हुए - चल विमला तू भी नहा ले आ ,,,और आप भी बैठे ना रहिये नहा लिजीये जाकर ।

पापा - नही नही अभी मेरा मन नही है ,,आप लोग नहा लो मै यही आराम करता हू

मै - मै तो जा रहा हू उपर नहाने

मा - अच्छा ठीक है बेता वो जरा गेस्टरूम मे मेरा और विमला का बैग है वो लेते आओ

मै झट से निचे गया और फट से दोनो बैग लेके आ गया ।

मा - विमला तू उस वाले कमरे के बाथरूम ने चली जा और मै इसमे चली जाती हू ।
फिर दोनो अलग अलग कमरो मे गये और मै भी सिर्फ तौलिया लेके छत पर चला गया ।
छत पर जाने के बाद एक नजर मैने स्टॉल पर डाली

मै मन मे - अबे यार , मस्ती तो बहुत कर ली लेकिन ये सब समान बटोरेगा कौन ,, ऐसा करता हू पहले सारा सामान जो काम लायक है वो निचे रख देता हू फिर बाकी का कचरा एक किनारे कर दूँगा। नही तो नहाने के बाद ये काम करके सब चौपट ही रहेगा ।

फिर मैने रंग अबीर को अच्छे से वापस पैकेट मे डाला और सारी पिचकारीया बाल्टी एक साथ रख कर उसमे पानी भरा। फिर गलास के पैकेट, मिठाइया और रंग सब एक बडे झोले मे भर कर ,, उठाया और नीचे चल दिया ।

मै वापस हाल मे आया तो पापा वहा नही थे तो मै सोचा क्यू ना सारा सामान यही मम्मी जिस कमरे मे है वही रख दू और कमरे का दरवाजा ही हल्का खुला हुआ था

तो मै सारा सामान लेके दरवाजे को धक्का देकर मम्मी को आवाज ल्गाते हुए कमरे मे घूस्ता हू - मम्म्यीईईईईई

सामने देखा तो मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी क्योकि पापा कमरे मे बाथरूम के पास अपना पैजामा निचे किये खडे थे और मा पूरी नंगी होकर पापा का मोटा लण्ड निचे बैठ कर चुस रही थी ।

पापा की नजर वापस मुझसे मिली और मा भी लण्ड निकाल कर मेरे तरफ आंखे फाडे देखने लगी । दोनो हैरत भरी नजरो से मुझे देख रहे थे और मेरी आवाज नही निकल रही थी ।

मै हडबड़ा कर नजरे चुराते हुए - अब ब ब वो वो मै ये ये समान रखने आया था ,,,
और मै झट से सामान रखा और बिना उनलोगो की तरफ देखे - सॉरी पापा

फिर कमरे के बाहर आ गया और एक गहरी सांस ली
भले ही मेरा बाप कितना ठरकी हो और मै कितना चोदू रहू लेकिन एक बाप के सामने ऐसे सीन के बाद सामना करने की हिम्मत करना आसान नही होता है । मै अपनी सांसे बराबर कर रहा था कि अन्दर से पापा की आवाज आई

पापा - अरेरे याररर , धत्त
मा - क्या हुआ जी
पापा - आज दुसरी दफा उसने हमे ऐसे हालत मे देखा ,,क्या सोच रहा होगा वो

मा - अरे वो अब बड़ा हो गया है देखा नही सॉरी बोल कर गया है । सब समझता है मेरा बेटा आप चिन्ता ना करिये

पापा परेशान लहजे मे - हा वो ठीक है रागिनी लेकिन उपर छ्त पर शालिनी भी थी ना ,,मुझे उस बात की चिन्ता है कही वो हमारे बारे मे कोई गलत राय बना ले

मा तो पहले ही मुझे जानती थी तो वो पापा को सत्तावना देते हुए - ऐसा करिये आप एक बार उससे बात करिये,

पापा हिचक कर - क क क्या आ , कह रही हो रागिनी ,मै कैसे बात करूँगा अपने ही बेटे से , वो भी ऐसे मुद्दो पर

मा झिझक कर - हा तो फिर जिन्द्गी भर नजरे चुराते रहना एक दूसरे से आप लोग ,, आगे जाकर मेरे बेटे की जिन्दगी तबाह होगी । ना वो आपसे कुछ बात करेगा ना ही आपको अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओ के बारे मे बतायेगा

पापा परेशान लहजे मे - नही नही रागिनी ऐसा नही होगा ,,,,मै कोसिस करता हू उससे बात करने की

यहा मेरी हालत और पतली हो गयी कि अब पापा मुझसे ऐसी क्या बात करेंगे , क्या समझाएंगे

पता नही आगे क्या होने वाला था और कैसे मै पापा का और पापा मेरा सामना करने वाले थे ।
कमरे हुए हंगामें की बात सोच कर और आने वाले समय मे पापा का सामना कैसे होगा , इन्ही बातो मे खोया हुआ मै वापस छत पर चला गया नहाने ।

नहाने के बाद मै तौलिया लपेटा और फिर मुझे ध्यान आया कि मैने तो कपडा लाया ही नही

मै मन ने - अबे यार अब फिर से उसी कमरे मे जाना पडेगा पता नही क्या हो रहा होगा क्या नही ,,,पता नही पापा होगे निचे या नही

मै घबडाहट भरे मन से आने वाले परिस्थतियो के नये नये आयाम मन मे बुने जा रहा था ।
फिर मै वापस कमरे के पास गया तो इस बार दरवाजा खटखटा कर बोला - मम्मीईई

तभी खड़ाक से दरवाजा मम्मी ने खोला और वो नहा चुकी थी , उन्होने बालो मे एक दुपट्टा लपेटा हुआ था और उपर से एक मैक्सि डाली हुई थी जिसके उपरी बटन खुले थे । उन्के बदन से साबुन की मस्त खुस्बु आ रही थी जो मुझे मादक किये जा रही थी ।
मा के भिगे होठ और भी ज्यादा गुलाबी थे और उन्के चेहरे पर एक आकर्षक मुस्कान थी ।

मा - हा क्या हुआ बेटा
मै एक बार अन्दर झाका तो पापा नही दिखे
मा मुस्कुरा कर - वो नहा रहे है हिहिहिही

मुझे थोडी राहत हुई और मुस्कुरा कर - मा वो मुझे मेरे कपडे चाहिये थे ,

मा खुशी भाव से दरवाजे से हट गयी और मै कमरे मे चला गया और फिर बैग से एक जीन्स और टीशर्ट निकाला लेकिन मेरा अंडरवियर नही मिला उसमे

मै - मा मेरा अंडरवियर नही लाई क्या आप
मा ह्स्ते हुए - अब तुझे कल देखना चाहिए था ना की क्या समान रखना है क्या नही ,,,,भूलने का तो मै भी अपना ब्रा पैंटी भूल गयी हू तो क्या करू जो है वही पहन रही हू

मै मा बाते सुन कर एक नजर उनकी चुचियो के खडे निप्प्ल को मैक्सि मे उभरा देखा और थूक गटक बोला - लेकिन मुझे आदात नही है बिना अंडरबियर के

मा हस कर - अब तू जान और समझ भई ,,, लेकिन जल्दी से ये तौलिया निकाल कर दे ,,,तेरे पापा को देना है ।

मै पापा नाम सुनते ही सारी जरूरत को ताक कर रख कर मा के सामने ही तौलिये पर से ही जीन्स मे पैर डालने लगा

मा मुझे लड़खड़ाता देख हस रही थी ।
मैने किसी तरह जांघो तक जीन्स को लेके आया और अब आगे जाने के लिए तौलिया निकालना पड़ता तो मै मा को इशारा करके बोला की बाथरूम के दरवाजे पर ध्यान दे

मा हस कर हा मे इशारा किया और मै झट से तौलिया निकाल कर मा को दिया । जिससे मेरा हल्के तनाव मे खड़ा लण्ड झाटदार हिस्से के साथ मा के साम्ने था और मै जीन्स को कमर पर चढा कर बंद कर ही रहा था कि

मा - रुक रुक रुक जरा तो ,,, ये खोल ,, ये क्या अभी भी यहा का रंग नही छुटा

मै झल्ला कर - आपने ही तो डाला था
मा हस कर - मैने कहा वो तो तेरी चाची थी हिहिही

फिर मै वापस मुह बनाते हुए जीन्स पहन लिया तभी बाथरूम से पापा की आवाज आईं।
पापा - रागिनी ,,राज तौलिया देके गया क्या

मै पापा की आवाज सुन कर वाप्स सकते मे आया और मै उनका सामना नही करना चाहता था , अभी तो बिल्कुल नही


तो मै झट से अपना मोबाईल और टीशर्ट लिया और बाल्किनी की तरफ आ गया जहा रेलिंग के पास मेरी दोनो बहने अपना टीशर्ट लोवर पहने खुले बालो मे पोज देते हुए तस्बिरे निकाल रही थी ।

तभी सोनल की नजर मुझ पर गयी
सोनल - ओ बिना ऐब्स वाले शाहरुख खान,, कपडे पहन ले भाई ,,, कुछ तो शर्म कर यहा तो महिलाए है हिहिहुही

मै हसते हुए - हा सही कह रही हो अब तुम लोग महिला हो ही गयी हो

सोनल मेरा ताना समझ गयी और खीझ कर बोली - चल चल पहन कपडे नही तो निकालू फ़ोटो तेरी भी ।

मै टीशर्ट और मोबाइल एक कुर्सी पर रखते हुए उन्के पास गया और बालो मे हाथ फिराते हुए बोला - अब इतना स्मार्ट लग रहा हू तो निकाल ही दो


निशा जो अब तक चुप चाप हसे जा रही थी वो भी मेरा साथ देते हुए - हा हीरो तो तू है ही ,, निकाल सोनल इसकी फ़ोटो और स्टेटस लगाते है

मै बिंदास होकर जीन्स मे हाथ डाल कर एक पोज दिया और सोनल के क्लिक किया और दो तीन पोज के बाद मैने देखा की निशा बहुत हस थी तो मैने उसकी कमर मे हाथ डाल कर अपनी तरफ खिच दिया जिस्से वो हिचक गयी

मै ह्स्ते हुए - हा अब निकालो दीदी
सोनल ह्स्ते हुए - वॉव यार क्या मस्त जोडी लग रही है तुम दोनो की हॉट ऐण्ड सेक्सी कपल एकदम

निशा सोनल की बात से शर्मा गयी और मै उसकी बातो का फायदा उठा के- निशा को पीछे से हग किया और एक हाथ कन्धे के उपर और एक हाथ दुसरे कन्धे के निचे से ले जाकर उसकी चुचियो पर क्रोस करते हुए दुसरे वाले कन्धे पर अपना चेहरा रख कर पोज दिया

सोनल फ़ोटो निकालते हुए - गजब बे तुझको कितने अच्छे अच्छे पोज आते है

फिर मै निशा को छोड कर सोनल के पास गया और उसके हाथ से मोबाईल लेके तसबिरे देखने लगा ।

मै सवाईप करके एक एक तस्वीर देख रहा था कि तभी मोबाईल ने निशा की ऐसी तस्वीर आई जिसमे वो अपना नाभि दिखा रही थी , फिर मैने आगे स्वाईप किया तो सोनल की भी उसी पोज मे तस्वीर थी ।

आगे बढ़ाने पर और भी कामुक कामुक अदाओ से भरी दोनो की सेक्सी तस्विरे थी ।
मै मुस्कुराते हुए - अरे वाह दीदी बहुत ही अच्छी अच्छी तस्वीरे है

सोनल - हा तो हमने खीची है
मै - लेकिन आप दोनो का एक साथ मे नही है फुल फोटो
निशा - हा यार तू निकाल दे ना हम दोनो का

मै एक शरारती मुस्कान के साथ - ठीक है लेकिन यहा नही
उस कमरे मे चलो उसमे अच्छी लाईट आयेगी ,,,यहा धूप की वजह से फिल्टर सही से काम नही कर रहा है

फिर मैने बाल्किनी मे आने वाला दरवाजा बाहर से बंद किया और फिर दोनो के लिवा कर वही के अटैच स्पेयर रूम मे लेके चला गया जो कि खाली था और उसका दरवाजा। बालकनी में खुलता था।

फिर मैने दरवाजा बंद कर सारी लाईट ऑन की जिससे कमरा पुरा जगम्गा गया ।

निशा - हा यार ये जगह तो मस्त है
मै - चलो अब दोनो साथ मे इधर खडे हो जाओ
फिर वो दोनो एक दूसरे से चिपक कर पाऊट करते हुए और एक दुसरे के बाहो मे बाहे डाले और एक दुसरे मे गालो पर किस्स करते हुए फ़ोटो निकलवाये

सोनल - भाई और कोई पोज बता ना
मै तुरंत गूगल पर कुछ सेक्सी पोजेज की तस्वीरें सर्च की और फिर दोनो को अप्ने पास बुलाया

सोनल को दिखाते हुए - ये देखो दीदी ये कैसा है

उस तस्वीर मे दो लडकिया एक दुसरे के आगे पीछे खड़ी थी । पीछे वाली लडकी अपना सर आगे वाली लड्की के कन्धे पर रखे हुए अपना हाथ आगे कर आगे वाली लड्की की ड्रेस उपर किये हुए उसकी नाभि दिखा रही थी और वही सामने वाली लडकी अपने एक साथ उस पीछे वाली लड्की के गालो को बहुत ही कामुक अंदाज मे छू रही थी ।


सोनल पोज देख कर - धत्त ये सब क्या बे ,,, ये सब बड़ी मोडल लोग ही करती है कोई देखेगा तो क्या कहेगा

मै हस कर मोबाइल की गैलरी से उनकी नाभि दिखने वाली तस्वीर खोल कर उनको दिखाते हुए बोला - क्यू ये देख कर सब लोग तारिफ करेन्गे क्या ,,अरे यार कोई बाहरी थोडी ना देखेगा । हम लोग ब्स पोज बना कर मौज मस्ती कर रहे है कौन सा इसका बैनर बनवाना है

निशा मेरी बात सुन कर ह्स्ते हुए - नही भाई ये बैनर बनवायेगी अपना हाहाहा

सोनल अपना मजाक उड़ता देख खीझ गयी और ह्स्ते हुए बोली - रुक अभी बताती हू तुझे बहुत हसी आ रही है ना

सोनल - चल भाई तू खिच , अब देख मेरा कमाल

फिर सोनल निशा को खिच कर वाप्स से उसी जगह ले गयी और उसी तसवीर की तरह निशा को आगे के उसकी उसकी टीशर्ट को उपर खिच कर पोज दिया जिसे मैने क्लिक किया

मै दुसरा पोज ब्ताता की उस्से पहले ही सोनल खड़ी हुई और निशा का टीशर्ट एक झटके मे निकाल दिया और फिर अपना टीशर्ट भी एक साथ निकाल दिया ।

ओह माय गॉड क्या गजब का सेक्सी नजारा था । दोनो बहने अब ब्रा और लोवर मे थी ।
सोनल के दूध काली ब्रा मे काफी भरे हुए थे और वही निशा के चुचे सोनल के मुकाबले छोटे थे और उसने एक प्रिंटेड आसमानी रंग की ब्रा पहनी थी ।


सोनल के टीशर्ट निकालने के बाद निशा ने झट से अपने हाथो को क्रॉस करके अपनी छाती को ढक लिया और झल्ला कर बोली - ये क्या मजाक है दीदी ,, देख नही रही राज है यही

सोनल हस के - धत पागल वो कौन सा बाहरी है ,, अपना भाई ही तो है ना ,
निशा थोडा शांत होकर - लेकिन ऐसे कैसे मुझे शर्म आयेगी यार

सोनल ह्सते हुए - अरे वो भी उपर से नंगा है और हमने तो अपने माल ढके हुए है ना हिहिहिही
फिर सोनल निशा के हाथ उसके सीने से हटाते हुए उसको अपनी तरफ खीच कर पोज देते हुए बोली - हा भाई अब खिच

मै मुस्कुरा कर जीन्स मे उभरे लण्ड को थोदा दबाते हुए - दोनो की बेहद ही सेक्सी तस्वीरे निकाली और बार बार लण्ड को दबा रह था

जिसे सोनल और निशा भी देख कर आप्स मे मुस्कुरा रही थी ।
मुझे अब रहा नही जा रहा था क्योकि मेरे लण्ड मे दर्द होने ल्गा था ।

मै - दिदी मै अभी आ रहा हू
सोनल ह्स्ते हुए - अरे कहा जा रहा है भाई

मै संकोचवश इधर उधर देखा कर मुस्कुरा रहा था ।
सोनल - मुझे पता है तुझे वहा दिक्कत हो रही है तो यही कर ले ना सही

निशा सोनल के बाजू पर चिगोटी काटते हुए मना करती है
सोनल ह्स्ते हुए - देख निशा भी वही बोल रही है कि यही सही कर ले हिहिहिही

निशा खीझ कर ह्स्ते हुए - क्या दीदी मैने कब बोला

सोनल - अब शर्माना छोड और यही सही कर ले
फिर मै मोबाईल उन लोगो को देके उनकी तरफ पिठ करके घूम गया और जीन्स के बटन और चैन खोल कर लण्ड को बाहर निकाल कद एक गहरी सांस ली
मै हल्के हाथो से अपने लण्ड की चमडी और सुपाडे मे उठे दर्द को कम करने के लिये एक दो बार लण्ड की चमडी आगे पीछे किया जिससे मेरे सुपाडे मे ठंडी हवा का आभास हुआ और मै कमर पर हाथ रखे गरदन उपर कर आंखे बंद किये गहरी सास लेते हुए थोडी देर वैसे ही लंड बाहर किये खड़ा रहा और मुझे बहुत ही राहत मह्सूस हो रही थी ।एक पल की मै भूल ही गया कि कहा हू तभी मुझे सोनल के खिलखिलाने और निशा के खुसफुसाने की आवाज अपने बाई तरफ से आई और मै नजर घुमा कर देखा तो सोनल ह्स्ते हुए मेरे लण्ड की तस्वीर निकाल रही थी और निशा उसको रोकने की कोसिस कर रही थी ।

मै झट से दुसरी तरफ घूमते हुए पैंट पकड लिया ।
हालाकि मेरे और सोनल के बिच , मेरे और निशा के बिच व्यकितगत रूप से कोई हिचक वाली बात नही थी लेकिन हम तीनो के कुछ ना कुछ आपस के राज थे जो हम सब से छिपे थे ।

मै ह्स्ते हुए पैंट पकड कर - ये क्या रही हो दीदी पागल हो गई हो क्या
सोनल ह्स्ते हुए - कुछ नही तुझे ब्लैकमेल करने का हथियार जुटा रही हू भाई

उनकी तरफ पिठ किये हुए - ये गलत बात है मै तकलीफ मे हू तो ये क्या बात हुई

सोनल - अच्छा ब्च्चू तकलीफ मे है ,,सुन रही है निशा क्या कह रहा है

निशा खुसफुसा कर - क्या कह रही हो दीदी बस करो अभी

सोनल हस्ते हुए - तू उसके साथ है मेरे साथ । देखती नही ये कमीना अपनी बहनो की जवानी देख कर मजे ले रहा है

मै लखड़ते लहजे मे - ये क्या बोल रही हो दिदी मैने कब ये सब सोचा
सोनल मुझे सामने घुमाते हुए - तो ये तेरा खड़ा कैसे हुआ

मै निशा को देखा जो सोनल के थोडा पीछे खड़े होकर मुह छिपाये हस रही थी और सोनल मुझे चिढाने का इशारा कर रही थी ।

सोनल अपनी होठ पे जीभ घुमाकर हस्ते हुए बोली - बता ना कैसे हुआ खड़ा , तू मेरी और निशा की छातियों को ही घुर रहा था ना

मै हस कर अपना लण्ड को छुपाने की कोसिस मे - ये क्या बात कर रही हो दीदी , मैने थोडी ना बोला आपको की आप कपडे निकाल दो ,,,क्यू निशा दीदी

निशा हस कर मुह फेर लेती है
मै मौका देख कर सोनल से इशारे मे पुछता हू क्या नाटक ये सब

सोनल हस कर इशारे मे लण्ड को चुस्ने की बात कहती है
मै इशारे मे निशा की तरफ दिखा कर उसको बोलता हू की तुम पागल हो वो यही है

सोनल इशारे मे निशा को भी शामिल होने की बात कह्कर हस्ती है
मै सोनल की प्लानिंग समझ गया कि वो क्यू इत्ना नाटक कर रही है और एक गहरी सास लेते हुए मैने भी नाटक करना शुरु कर दिया ।
मै - बोलो ना अब चुप क्यू हो
सोनल - ओहो इस्का मतलब अगर तू अपनी बहनो को नंगा देख लेता है तो तू उन्के बारे मे गंदी गंदी सोच रखेगा

सोनल वापस निशा के पास जाकर उसकी ब्रा कन्धो से सरकाते हुए - अगर मै निशा के ब्रा निकाल दू तो क्या तू फिर भी इनके बारे गलत सोचेगा हा

निशा हस कर छ्टकते हुए सोनल का हाथ हटाने की कोसिस मे - ये क्या कर रही हो दीदी

सोनल - नही निशा आज मुझे इसको आजमा लेने दे ,कल मुझे घर मे अकेला पाकर ना जाने ये क्या कर दे

फिर सोनल के निशा के ब्रा की हुक खोल दी और सामने से निशा के चुचे खोल दिये और फिर मुझे देखकर बोली - तू इधर आ अभी

मै मुस्कुरा कर दोनो के पास गया जहा निशा अपने दोनो हाथों अपने चुचियो को छिपाये सोनल से चिपकी हुई नजर निचे किये कनअखियो से मुझे अपने पास आता देख रही थी ।

मै थोडा नाटक करता हुआ टूटे हुर लहजे मे - जी दीदी बोलो

सोनल झूठ का गुस्सा दिखाते हुए निशा का हाथ उसकी छाती से हटा देती है
वही निशा का मुलायम संतरे जैसी गुलाबी निप्प्ल वाली चुचियो को देख कर मेरा लण्ड झटके खाने लगा और मै गला गिला करने के लिए मुह की लार सोखने लगा

सोनल थोडा गुस्से का नाटक करते हुए - ध्यान से देख निशा के दूध को और एक भाई की नजर से बता ये कैसी लग रही है

मै थूक गटकते एक नजर निशा से मिलाया जो तुरंत नजर घुमा कर मुस्कुराने लगी और फिर मैने बडे गौर से निशा की गोरी मुलायम चर्बी वाली चुचियो को देखने लगा उसके गुलाबी घेरो पर उभरे रोए के दाने और मटर के दाने जैसी गोल कडक निप्प्ल देख कर मै उत्तेजन से भर गया ।

सोनल - बता ना ये भावना आ रही है तुझे एक भाई की नजर से
मै घबडाहट भरे आवाज का नाटक करता हुआ - आ ब ब वो वो वो मै क्या बताऊ दिदी अच्छी तो है ये अब क्या बताऊ इसमे कितनी गोल और मुलायम है ब्स यही सब है


सोनल - और तेरा मन नही कर रहा है कि इनको छूने का
मै ना मे सर हिला कर - नही नही दिदी मै कैसे छू सकता हू ,,निशा दिदी मेरी बहन है ।


सोनल थोडे भारी लहजे मे लण्ड की तरफ इशार करते हुए - तेरे इसको देख के तो ये नही लग रहा है कि तू सच बोल रहा है ,, देख रही हू जबसे मैने निशा के दूध खोले है ये और भी बड़ा हो गया है


मै घबडाहट भरे लहजे मे - वो तो होगा ही ना इतने सुन्दर दुध देख कर ,,,मुझे पता है ये मेरी बहन के है उसे थोडी ना पता होगा दीदी

निशा मेरी बात से हस दी और सोनल भी हस के बोली - मतलब तू नही चाह्ता कि इसे छुए लेकिन ये चाहता छूना

मै अंदाजा ल्गाने के भाव मे - नही , हा , मतलब वही
तब तक सोनल ने भी अपनी ब्रा निकाल दी और बोली - अब बता इनको देख कर क्या सोच रहा है तू और क्या सोच रहा है तेरा ये

मै दीदी की मोटी भूरे निप्प्ल वाली गोरी चुचियो को देख कर और भी हतास परेसान होने लगा

मै - अब ब ब ये ये ये तो बडे है और सेक्सी है
सोनल - येही सोचता हू तू मेरे बारे मे
मै हदब्ड़ी के भाव मे - नही नही दीदी ,,ये मै नही मेरा ये सोच रहा है

सोनल और निशा दोनो आपस मे मुस्कुरा रहे थे और हसी मुझे भी आ रही थी

सोनल - मतलब तू हमारे बारे कुछ गलत नही सोचता
मै मुस्कुराते हुए ना मे सर हिलाया

सोनल - तो मतलब हम इसके साथ कुछ भी करे तुझे कोई दिक्कत नही होगी


मै सोचने के भाव मे आ गया और कभी सोनल की कातिल मुस्कान के साथ इतराते चेहरे को देखता तो कभी निशा के शर्मा से नजरे चुरा कर मुस्कुराते हसिन चेहरे को
कभी एक पल को निशा की गुलाबी निप्प्ल वाली चुची को देखकर उसके मुलायम स्पर्श पाने को सिहर उठता तो एक सोनल के मोटी डार्क निप्पल वाली चुची को हथेली मे भर के मिजने का मन करता
आगे ना जाने ये सोनल की शरारत क्या गुल खिलाने वाली थी और क्या कुछ बदलने वाला था हमारी जिन्दगी मे

जारी रहेगी
पढ कर अपना रेवियू जरुर दे । कहानी कैसी चल रही है इस पर भी अपनी राय जरुर दे ।
अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखें
धन्यवाद
Bahut hi jabardast aur garam update bhai.Ab lagta hai ki nisha aur sonal ka number lag gaya hai.Ab ek badhiya blowjob to banta hai.
Excellent update bhai........
 

Lib am

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UPDATE 67




मै और विमला साथ मे निचे उतरे तब तक कोमल अपने रूम मे जा चुकी थी और मनोज विमला के कमरे मे जा चुका था

मै विमला से खुसफुसा कर - जानू कमरे मे तो मनोज होगा ना
विम्ला मुस्करा कर मेरे गालो को छुते हुए - उसे उसके कमरे मे भेज देती हू मेरे राजा हिहिहिही
फिर हम दोनो कमरे के पास गये तो दरवाजा बन्द था लेकिन खिडकी खुली थी और मेरी नजर खिडकी से अंदर गयी तो कमरे मे मनोज बेड पर टेक लगा कर सिर्फ अंडरवियर मे बैठा हुआ था और अंडरवियर के होल से अपना लण्ड बाहर निकाल कर सहला रहा था

इधर विमला दरवाजा खोलने को होती है कि मै लपक कर उसका हाथ पकड लेता हू और उसे अपने पास खिच कर खिडकी से कमरे मे मनोज की करतूत दिखा देता हू

विम्ला पहले गुस्सा करती है लेकिन मेरे वजह से शर्म से मुह झुका लेती है

मै - मौसी ये मनोज तो
विमला गुस्से मे - इसकी आदत से तो मै तंग आ चूकी हू
मै उस्क्क शांत करते हुए - पहले आप उसको उसके कमरे मे भेजिए फिर हम इस पर बाते करते है ।

फिर विमला ने दरवाजा खटखटाया और मनोज ने दरवाजा खोला तो

विमला गुस्से मे - तू जा अपने कमरे मे सो मुझे राज से कुछ जरुरी बाते करनी है औए कल बडे शहर जाना है

मनोज विमला को गुस्से मे देख सहम गया और बिना कोई सवाल जवाब के अपने कमरे मे चला गया

फिर मैने कमरे की खिडकी बन्द की और बिस्तर पर बैठ गया लेकिन विमला के चेहरे पर चिन्ता साफ दिख रही थी ।

मै उसे पकड कर बिस्तर पर बिठाते हुए - मौसी आप परेशान न हो समय के साथ वो समझदार हो जायेगा

विमला चिंता के भाव मे - ऐसा कुछ नही बेटा , तू जो समझ रहा है ये बात उससे कही ज्यादा बड़ी है

मै - क्या बात है मौसी खुल कर बताईये न
विमला झिझक कर - मै क्या बताऊ बेटा , एक मा के लिए ये सब सह पाना बहुत मुश्किल है कि

मै विमला को तसल्ली देते हुए - मौसी आप मुझ पर भरोसा कर सकती है ये बात बस इस कमरे मे रहेगी और हो सकता हो मेरे पास आपकी इस सम्स्या का हल भी हो

विमला - मुझे तुझ पर भरोसा है बेटा लेकिन मै किस मुह से तुझे बताऊ कि मेरा बेटा मेरे मोह मे पड़ गया है और मुझसे संबंध बनाना चाहता है

मै तो इस बात को पहले से ही जानता था लेकिन फिर भी एक बनावटी आश्चर्य भाव लाकर - ये क्या कह रही हो मौसी , मनोज आपके साथ ...

विमला परेशान होकर - पता नही उसे मुझमे क्या दिखता है जो वो ऐसे पेश आ रहा है, तू ही बता मै कौन सा कही की अप्सरा हू जो वो मेरे पीछे पागल हुए जा रहा है

मै - देखिये मौसी मनोज वाली सम्स्या तो हल हो जायेगी लेकिन

विमला चेहरे पर खुशी के भाव लाकर - लेकिन क्या बेटा

मै एक कातिल मुस्कान के साथ- लेकिन मनोज का आपके लिए दीवाना होना जायज है, मै तो सोचता हू कि काश मै आपका बेटा होता तो रोज इस संगमरमरी हुस्न का दिदार कर पाता

विमला मेरे बातो से शर्म से पानी पानी होने लगी और मुस्कराते हुए बोली - अब तू भी शुरू हो गया
मै - अब मेरी जानू है इतनी हसिन तो तारिफ क्यू ना करू हिहिहिहिही

विमला शर्मा कर - बस भी कर भई
मै - ह्य्य्य देखो कैसे शर्म से गुलाबी हुए जा रही है मेरी गुलाबो
विमला के गाल खीचते हुए बोला

विमला मेरे हाथ झटक कर खड़ी हुई और साडी निकालने लगी
मै - लग रहा है आज अपने राजा को खुश करने मे मूड मे मेरी रानी
विमला - बस भी बेटा कितना परेशान करेगा अब
मै - परेशान मै नही आप करने वाले हो
विमला अचरज से - अच्छा वो कैसे
मै - आप कपड़े निकाल रहे हो तो मै परेशान होउँगा ना
विमला हाथ मे उधेड़ी साड़ी लेके मेरी बातो से बेजुबान होकर हस्ते हुए बैठ गयी ।

मै ह्स्ते हुए - क्या हुआ बोलो ना
विम्ला हसते हुए वापस खड़ी हुई और साडी निकाल कर फ़ोल्ड करने लगी - पागल मै साडी निकाल कर ही ऐसे सोती हू और तू ....
मै ह्स्ते हुए - मै क्या आगे तो बोलो
विमला साडी किनारे रख कर घोड़ी बन कर बिस्तर पर चढ़ने लगी और उसी भरी हुई 42 की गाड़ और फैल कर मेरे सामने आ गई

बिस्तर पर चढ़ कर वो टेक लेते हुए पैर फैला कर बैठ गयी
विमला - अब वो लाईट बंद कर और आजा सो जा

मै एक नजर विमला के कसे चुचे ब्लाउज मे देखा और बोला - मौसी कोई तौलिया है क्या

विमला - क्या करेगा अब
मै हस्ते हुए - वो मुझे भी अंडर के कपडे मे सोने की आदत है ना

विमला मुझे छेड़ते हुए - हय्य देखो यहा तो राजा खुद अपनी रानी के सामने शर्मा रहा है

मै ह्स्ते हुए लोवर निकालने लगा - वो बात नही है मेरी रानी
विमला - फिर क्या बात है

विमला की जवानी और उसके साथ चटपटि बातो से मेरा लण्ड टनटना गया था और अंडरवियर मे उभार दिखने ल्गा था मैने अपना टीशर्ट भी निकाल कर सिर्फ अंडरवियर मे आगया और बिस्तर पर चढ़ गया ।

विमला मुझे ऐसे देख कर सच मे झेप सी गयी लेकिन फिर भी मुझे निहारते हुए बोली - अरे ब्ताओगे क्या बात है
मै विमला के गोद मे सर रखते हुए - बात ये है कि कही रात मे इधर उधर हाथ गया मेरी रानी का तो वो डर ना जाये

विमला ह्स्ते हुए मेरे गालो को खीच कर बोली - बहुत बदमाश हो गया है तू , वैसे डरने लायक है भी कुछ या बस फेक रहा है

मै विमला के चुची पर ऊँगली घुमाते हुए - आपके इन मोटे थनो की कसम जान, छुआ तो दुर देख भी लिया तो भी डर जाओगी हाह्हाह्हहा

विम्ला अपनी चुची पर रेग्ते मेरे हाथ पर चट्ट से मारते हुए - बहुत नटखट है रे तू हा

मै - अब अपनी रानी से शरारत ना करू तो किस्से करू
विमला मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए - पगला कही का , काश तू सच मे मेरा बेटा होता

मै हसते हुए - अच्छा है नही हू ,, नही तो मनोज की तरह मुझे भी डाट देती

विमला मेरे बालो मे हाथ फेरते हूए - तू मनोज की तरह थोडी ना वो सब करता
मै ह्स्ते हुए - क्यू मेरे पास भी तो वही है जो मनोज के पास है हाहाहाहाह

विमला मेरे गाल खिचते हुए -
तो क्या तू भी वही सब करेगा हा बदमाश

मै थोडा म्ज़ा लेते हुए - ओह्ह गॉड, आपके रहते मुझे अपने हाथो से करना पड़ेगा , ये दिन आ गये मेरे हिहिहिहिही

विमला - तू ना बस कर अब उठ जा , मुझे सोने दे । मै तुझसे नही जीत सकती हूँ

मै हस कर विम्ला के बगल मे बैठ गया और बोला - लो देखो आपके हाथों का सुख जान कर ये भी जाग गया

मै विमला को अंडरवियर मे बने टेन्ट की तरफ इशारा करते हुए कहा
विमला की नजर मेरे अंडरवियर के खडे लण्ड पर गयी तो मेरे तरफ घूम कर शरारत भरी अंदाज मे मेरे लण्ड को निहारते हुए बोली - लग तो नही रहा है की खड़ा हुआ है

मै समझ गया विमला मूड मे है और अगर पहल हुई तो आज कुछ ना कुछ हाथ साफ हो ही जायेगा
मै - कहो तो बाहर निकाल दू वैसे भी अन्दर कैद मे फड़फ्ड़ाता बहुत है

विमला मेरे नंगे पेट को सहलाते हुए मादक होने लगी और हाथ को सरका कर मेरे अंडरबियर की इलास्तिक मे फसा कर निचे करने लगी

मै कमर उठा कर झट से अंडरवियर को सरका दिया जिससे मेरा मोटा लण्ड फनफन कर खड़ा हो गया
विमला ने एक नजर मुझे देखा और बोली - सच मे ये तो अन्दर कैद में परेशान था

मै अपना अंडरवियर पैर से निकाल कर विमला की चुचियो पर इशारा करते हुए कहा - कैद मे तो आपने भी इनको रखा है

विमला की सांसे मेरे खडे लण्ड को देख कर उखड़ने लगी थी और वो टकटकी लगाये मेरे लण्ड को निहार रही थी उसे होश ही नही था कि मै अभी क्या बोल गया उसे ।
मै विमला की बेचैनी और बढाने के लिए एक हाथ से लण्ड को थामकर उसकी चमडी को खीच कर मोटे सुपाडे के निचे लाया जिससे मेरे सुरुवाती रस की एक हल्की सी बूद मेरे सुपाडे से निकाली और मैने उसे अंगूठे से सुपाडे पर मल दिया

ये देख कर विमला की सासे और तेज हो गयी और उसकी जीभ उसके सुखे फड़डके होठो पर घूमने लगी
मै विमला की आंखो मे देखकर - आपने मेरी बात का जवाब नही दिया मौसी

विमला मानो किसी गहरे सपने से जगी हो - हह क क कुछ कहा तूमने बेटा

मै ह्स्ते हुए - मै ये कह रहा था कि आपने इन्हे क्यू कैद कर रखा है,,, विमला के चुचे को छुते हुए बोला

विम्ला मेरे स्पर्श से सिहरते हुए - सीईईईई उम्म्ंम्ं वो बेटा बात ये है ना कि अगर इन्हे आजाद कर दू तो ये मुझे बहुत परेशान करते है

मै विमला की तरफ घूम कर उत्सुकता भरे लहजे मे - वो कैसे
विमला शर्म से मुझसे आंखे चुराते हुए - वो बेटा मै कैसे बताऊ अब तुझे

मै शरारती अंदाज मे विमला के ब्लाउज के बटन पर हाथ ले जाकर एक एक बटन चटका कर खोल्ते हुए - रुकिये फिर मै ही देख ले रहा हू कि आखिर कैसे परेशान करते हैं ये

आखिरी के दो बटन पर जाते जाते विमला ने मेरे हाथ को रोक लिया और बोली - नही बेटा , मुझे शर्म आ रही है

मै दुसरे हाथ से विमला के हाथों को अपने हाथ से हटाया जिसका विरोध विमला ने तनिक भर नही किया और आराम से अपने हाथ वापस कर लिये और मदहोशि मे बेड से सर टिका कर मुझे अपना ब्लाउज खोलते देखने लगी ।

मैने बाकी के दोनो बटन खो कर ब्लाउज के दोनो हिस्सो को अलग थलग किया और एक गुलाबी ब्रा मे कैद विमला की चुचिया सास लेती उपर निचे होती दिखने लगी ।

ब्लाउज खुलने के बाद विमला और ढीली पड़ गयी और मै एक एक करके ब्लाउज को उसके कन्धे से उतारने लगा
विमला मेरे इस कृत्य मे साथ दे रही थी और जैसे जैसे मेरे हाथ उसके मुलायम कंधो से ब्लाउज के साइड को हटाते वो सिहरती जाती

आखिरकार उसने अपने गरदन को बेड के पाटी से टिकाते हुए सीने को उचका कर बाजुओ को ढिला छोड दिया और उसका बलाऊज उसकी कमर के पास गिर गया ।

मै वापस से विमला के गोरे और दूधिया संगमरमरी कंधो से अपनी उंगलियो को सहलाते हुए उसके ब्रा के कप के किनारे किनारे फिराने लगा ।
विमला अपने मुलायम मोटे चुचो की पतली चमडी पर मेरे उंगलियों की थिरकन से बेचैन होने लगी थी ।

मै नशीले अंदाज मे - क्या हुआ मौसी
विमला हफते हुए - कुछ नही बेटा ,

मै हस्ते हुए - अब आप इनको खुद खोलोगे या मै हाथ डाल कर निकालू

विमला थोडा खुद को सामान्य करते हुए अपनी पीठ बेड के पाती से लगाकर बोली - नही मै कर लुंगी
फिर विमला वापस से अपने चुचे उठा कर अपने हाथ पीछे ले गयी और ब्रा का हुक खोल दिया जिससे उसके भारी चुचे ब्रा की कप छोड कर झूल गये और ब्रा विमला के सीने पर ढीली हो गयी ।

मै अपने एक हाथ को आगे कर ऊँगली से विमला के ब्रा को पकड कर सामने की तरफ खीचा तो विमला ने अपने दोनो हाथ सीधे कर ब्रा निकालने मे मदद की और वापस बेड के पाटी से गरदन लगाकर तेज सासे लेने लगी।

ब्रा हटते ही विमला के मुलायम गोरे चुचे पर गहरे भूरे रंग की घुंडीया मुझे ललचाने लगी ।

मै विमला के चुचो को निहारते हुए - ये तो एकदम शांत है मौसी , आप तो कह रही थी कि ये परेशान करेंगे

विमला तिरछी नजरो से मुझे देख कर बोली - धत्त बदमाश वो ऐसे थोडी ना होता है

मै - फिर कैसे अब तो बता दो अब तो ये आजाद भी है

विमला मुस्कुराई और विस्तर पर चुतडो को खसकाते हुए लेटने लगी और चुतड खस्काते समय उसकी चुचिया उछल जाती थी

फिर विमला लेट गयी और मेरे तरफ करवट लेली जिससे उस्की चुचिया बेड पर फैल गयी
विमला मुझे अपने बेड पर फैले चुचे दिखाते हुए बोली - देखा ये कैसे फैल गये , ऐसे पूरी रात कभी इधर तो कभी उधर होते रहते है

मै विम्ला के बराबर मे उसकी तरफ करवट लेके लेटते हुए उसकी उपर की चुची को दोनो हाथो से थामा जिससे विमला कापने लगी

मै - ये तो भारी है मौसी , कैसे ढो लेते हो आप दिनभर
विमला हस्ते हुए - धत्त बदमाश ये और भी बडे हो जाये तो भी औरतो को फर्क नही पडेगा

मै हैरान होने के भाव से - इससे भी बडे होते है क्या मौसी
विमला ह्स्ते हुए मेरे गाल खिंच कर - क्यू तेरे रज्जो मौसी का नही देखा

मै ना मे सर हिला कर - नही मौसी
और अपने अंगूठे से विम्ला के निप्प्ल को रगड़ दिया

विम्ला सिस्क कर - अह्ह्ह क्या कर रहा है बदमाश
मै मुस्कुरा कर - कुछ नही ब्स सोच रहा हू

विमला - क्या बोल ना
मै विमला के चुचे पर हाथो को गोल गोल घुमाते हुए - काश सच मे मै आपका बेटा होता तो इन्हे चुसा होता ना , कितने नरम और रसिले है ये

विमला मेरे चेहरे को दुलार कर नशे में बोली - सीईई अह्ह्ह तो बन जा ना मेरा बेटा और चुस के इन्हे

मै विमला के निप्प्ल की टिप पर नाखून से कुरेदकर - क्या मै आपका मनोज बन कर चुसू इसको

विमला मदहोश होकर सिस्कते हुए - आह्ह्ह्ह हा बेटा बन जा ना
मै वापस विमला के दुसरे चुची को थाम कर - मै आपको मा बुलाऊ मौसी

विमला नशे मे आंखे बंद कर मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए - हा मै तेरी मा हू बेटा चुस ले अब अह्ह्ह्ह्ह

मै एक नजर विमला को मदहोश होता देख बोला - देखो ना मा आपका मनोज फिर से आपके दूध पी रहा है
ये बोल कर मैने विमला का एक निप्प्ल अपने मुह मे भर कर चुसने लगा

विमला एक नये रोमांच गनगना गयी और मेरे सर को अपनी चुचियो मे दबाते हुए बोली - अह्ह्ह मेरा बच्चा मनोज , चुस ले अपनी मा के दूध अह्ह्ह बेटा उफ्फ्फ

मै दोनो हाथो से चुचियो को थाम के भर भर कर चुस्ता रहा और धीरे धीरे अपना हाथ विमला के गाड़ पर के जाकर एक मटके को सहलाना शुरू कर दिया
वही विमला अपने बेटे के नाम पर उत्तेजित हुए जा रही थी
मै उनकी मोटी जांघो को थाम कर अपने तरफ खिच कर अपना लण्ड विमला की चुत से सटा दिया जिससे विमला मुझे अपने और करीब करते हुए बोली - अह्ह्ह बेटा क्या कर है ये तू अपनी मा के साथ

मै विमला के रसिले चुचे से मुह हटा कर बोला - वही कर रहा हू मै जिसका मै रोज सपना देखता हू मा

विमला मेरे कमर से नीचे हाथ फेरते मुझे अपनी तरफ खिच कर अपनी चुत पर मेरे लण्ड को सटाते हुए बोली - उफ्फ़फ्फ क्या देखता है बेटा तू
मै विमला की पेतिकोट के अन्दर हाथ डाल कर उसकी मुलायम जांघो को सहलाते हुए उसकी गरदन पर किस्स करते हुए - मै सपने आपको भोगते हुए देखता हू मा

विमला मेरे इस व्यंग से और ज्यादा सिहर गयी और उसने मुझे अपने उपर कर अपने सीने से मुझे चिपकाते हुए मेरे बालो से लेकर कमर तक मदहोशि मे हाथ फेरने लगी

मै अब विमला के उपर आ गया था और उसका पेतिकोट जांघो तक पहुंच गया था ।
वही मेरा लण्ड तन कर विमला की चुत की दिवारो पे पेतिकोट के उपर से टकरा रहा था ।
मै विमला के कान मे - मा सुनो ना
विमला मदहोशि मे मुझे अपने गर्म बदन पर और कसते हुए - हा बेटा बोलना

मै - मै आपको चोदना चाहता हू मा
विमला सिस्क्ते हुए अपनी कमर उचकाने लगी और बोली - उम्म्ंम्ं क्या सच मे तू ऐसा सोचता है मेरे बारे मे
मै विमला के चुचे मस्ल्ते हुए और लण्ड को पेतिकोट के उपर रगड़ते हुए - हा मा , मुझे आप बहुत सेक्सी लगती हो
विमला मदहोशि मेरे कान काटते हुए अपनी कमर उचका कर बोली - तो क्या सच मे मेरा मनोज मुझे चोदेगा
मै विमला के दोनो चुचियो को मसलते हुए - हा मा , मै आपको चोदना चाह्ता हू आपकी चुत मे अपना लण्ड डालना चाहता हू
विमला अपनी कमर उचका कर मेरे लण्ड को चुत पर महसूस करते हुए - अह्ह्ह चोद ले बेटा अपनी मा को अह्ह्ह

मै अब ज्यादा देरी नही करना चाहता था क्योकि अगर एक बार विमला झड़ जाती तो उसकी चेतना लौट आती और फिर मेरा प्लान बेकार हो जाता

मै देर ना करते हुए विमला के पेतिकोट को कमर तक चढाया और अन्दर नंगी चुत पर लण्ड को रगड़ने लगा

मै विम्ला की दोनो जांघो को खोल कर उसको सह्लाते हुए लण्ड विमला की चुत पर रगड़ने लगा

विमला सिस्कती रही और अपनी कमर उचकाती रही
मै अपने लण्ड को विमला के चुत पर सुपाडे को ल्गाते हुए बोला - देखो ना मा आपका मनोज आपको चोदने जा रहा है

विमला गर्दन उपर कर अपने फैले पेतिकोट को समेटते हुए एक नजर चुत मे टिके सुरक लाल मोटे सुपाडे को देखी और वापस बिस्तर पर लेटते हुए बोली - हा बेटा चोद दे अपनी मा की आह्ह

मै अपना सुपादा विमला के चुत के होठो पर ल्गाया और सररर से उसकी पानी से लबालब चुत मे उतार दिया और उसके उपर चढ़ गया

एक दो धक्के ल्गाने के बाद मै विम्ला के उपर लेट गया और उसके नुकीले कडक निप्प्ल वाप्स से मेरे सिने मे चुबने लगे।
मै हलके धक्कों के साथ विमला की चुत की गहराई मे लण्ड को उतारते हुए उसके कान मे बोला - कैसा लग रहा है मा आपको अपने बेटे का मुसल
विमला मेरे संवाद से सिहर कर मेरे लण्ड को निचोड़ते हुए बोली- बहुत ही अच्छा लग रहा है बेटा , अह्ह्ह्ह चोद ले अपनी मा को अब तुझे कभी भी मुठियाने नही दूँगी , रोज तुझे अपनी चुत दूँगी मेरे लाल

मै विमला की बातो से उत्तेजित होकर - अह्ह्ह मा मै भी आपको रोज चोदूँगा
विमला - हा बेटा और फाड अपनी मा की चुत को अह्ह्ह अह्ह्ह ऐसे ही बेटा अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं उफ्फ़फ्फ बहुत दिन बादद मिला है इतना मस्त लण्ड और चोद बेटा अह्ह्ह मै झड़ रही हू मनोज अह्ह्ह बेटा अह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह ह्य्य्य माआअह्ह्ह और तेजज्ज्ज्ज अह्ह्ह्ह

मै विमला की उत्तेजना से बहुत जोश मे आ गया और लम्बे लम्बे जोरदार शॉट लगाने लगा वही विमला मेरे लण्ड को निचोड़ना शुरू कर दी और झडने लगी और मै भी अगले कुछ ही धक्को मे झडने को होने लगा

मै - अह्ह्ह्ह मा अह्ह्ह मै झड़ने वाला हू
विमला - अपनी मा के मुह मे झड़ना बेटे , मुझे तेरा रस चखना है जल्दी आ और झड़ जा अह्ह्ह

मै झट से विमला के भोस्दे से अपना मुसल निकाला और उसके मुह के बगल मे बैठ कर लण्ड को मुठियाने ल्गा

मै - अह्ह्ह अह्ह्ह मा आह्ह लो मेरा पानी अह्ह्ह अह

विमला मेरे आड़ो को सह्लाते हुए - हा बेटा भर दे मेरे मुह मे अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ आह्ह
मै विम्ला के मुह पर झड़ते हुए - अह्ह्ह्ह येईईईई अह्ह्ह आह्ह्ह लो मा और लो अह्ह्ह अह्ह्ह चुस लो हा ऐसे ही आह्ह अह्ह्ह निचोड लो अपने मनोज का लण्ड आह्ह्ह मा

विमला मेरे लण्ड को निचोड कर बेजान बना कर छोड दिया और सीधा लेट कर हाफने लगी

मै भी उसकी बगल में लेट गया और सांसे बराबर करने लगा ।
जब हमारी सांसे बराबर हुई तो मेरी नजर विमला से मिली तो वो हसने लगी जिस्से मेरी भी हसी छूट गयी

मै ह्स्ते हुए - मा आपको मज़ा आया है ना
विमला - धत्त बदमाश कही का , मै जान गई हू तू एक नम्बर का खिलाडी है इनसब मे

मै ह्स्ते हुए विमला के चुचे दबाते हुए - खिलाडी तो आप भी हो मौसी , इत्ना तेजी से मेरा लण्ड निचोड लिया था

विमला शर्मा के - अब बस कर सब कुछ तो कर लिया और बोल भी लिया
मै विमला को अपनी तरफ खिच कर - और मनोज वाली प्रोब्लम भी दुर कर दी है ना

विमला शर्मा कर - हम्म्म्म लेकिन उसके सामने मै नही कर पाऊंगी राज
मै - मै जानता हू मौसी आप बहुत गर्म औरत हो और आप अपनी जरुरत जानती ही हो कि ये गर्मी आपसे क्या कया करवा सकती है , उदाहरन के लिए महेश को ही लेलो उसने कैसे आपको जिस्म के जाल मे फ्सा लिया था

विमला - हमम सही कह रहे हो बेटा तुम
मै - देखो मौसी मै यही कहूंगा की मनोज आपको वो खुशी देना चाहता है जो आप चाहती है और आपकी जरुरत घर मे पूरी हो जायेगी तो कल को कोई खतरा भी नही होगा

विम्ला मेरे गाल खिचते हुए - वैसे बड़ी दुर की सोचता है रे तू हा

मै ह्स्ते हुए विमला को लण्ड की तरफ दिखा कर - मै कहा ये सोचता है हिहिहिही

विमला - बदमाश कही का चल सो जा
मै अचरज भाव से - सो जाऊ ???
विमला - तब !!
मै हस कर - अभी तक सिर्फ बेटे का जलवा देखा है थोडा मेरा जलवा भी देख लो ना मेरी जान

विमला एक कातिल मुस्कान से - तो शुरू करो ना मेरे राजा अह्ह्ह
फिर एक बार मेरे और विम्ला मे जोरदार चुदाई हुई और हम वैसे ही चिपक कर नंगे सो गये

देखते है आने वाली सुबह राज के लिए क्या नये रंग दिखाने वाली है ।

दोस्तो आज का अपडेट कैसा लगा पढ कर जरुर बताये
बिना फीडबैक के लिखने मे मज़ा नही आता
जब मेरे काम मे कंजूसी नही है तो आप भी दो शब्द लिख कर मेरा मनोबल जरुर बढाये
लास्ट के दो अपडेट मे सन्तोषजनक फ़ीडबैक ना मिलने के कारण ही अपडेट एक दिन रुक देना पडा मुझे

अपना प्यार और स्नेह बनाये रखें
धन्यवाद
Bahut hi kamuk update. Raj ka koi serious love affair bhi dikhao jisse uski shaadi ho future mein.
 
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