• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance Love in College. दोस्ती प्यार में बदल गई❣️ (completed)

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,536
66,753
304
Last edited:

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,536
66,753
304

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,536
66,753
304
Chahe villain ho ya hero. Ladko ko mara piti kiye bina to chain nahi aata. Daylog bhi. Kon he be tu. Sale tu mere bap ko janta nahi. Najane kya kya. Tripathi ji ko to sahi iske lie laga ki Mohit tha bhi badmas. Par sabakh to fir bhi sahi sikhaya hai.
Thank you very much shetan ji aapke pyare review ke liye.:hug:
Waise gunde ko sabak sikhane ke liye gandhi nahi subhas Chandra bosh banna hi padta hai
:D
 

Shetan

Well-Known Member
16,513
48,661
259
Thank you very much shetan ji aapke pyare review ke liye.:hug:
Waise gunde ko sabak sikhane ke liye gandhi nahi subhas Chandra bosh banna hi padta hai
:D
गुड गुड बने रहो. अमेज़िंग अपडेट. स्टोरी आगे बढ़ाओ. थोड़े बड़े अपडेटेड दो. भले लेट दो. पर बड़े
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,536
66,753
304
गुड गुड बने रहो. अमेज़िंग अपडेट. स्टोरी आगे बढ़ाओ. थोड़े बड़े अपडेटेड दो. भले लेट दो. पर बड़े
अवश्य देवी जी :yo: वैसे ज्यादा बडी तो स्टोरी ही नही है.
 

kas1709

Well-Known Member
11,080
11,688
213
Update 3
अब आगे:
मोहित घूम के देखा तो सामने एक 6 फिट 2 इंच का हट्टा कट्टा लड़का खड़ा था।
मोहित: कौन है बे तू?

रघुवीर: वैसे तो मेरा नाम रघुवीर है पर तू मुझे अपना बाप भी समझ सकता है।
मोहित: अबे साले जनता भी है किस से बात कर रहा है? ऐसा गायब कर दूंगा जैसे गधे के सिर से सीग.


रघुवीर: “लहजे में बत्तमीजी और चेहरे पर नकाब लिए फिरते है, जिनके खुद के खाते ख़राब हैवो मेरा हिसाब लिए फिरते है”
और सुन: “हाथ में खंजर ही नहीं आँखों में पानी भी चाहिए हमें दुश्मन भी थोड़ा खानदानी चाहिए”

क्यू बे चमन साफ-सफाई का काम करता है क्या? अबे झाड़ू तो साथ में रखा कर ताकि पता रहे सबको। मोहित: साले शिवचरण चौधरी का नाम सुना है क्या? उनका लड़का हू मै रातो रात गायब हो जाएगा और किसी को पता भी नहीं चलेगा। और जिसके लिए तू मुझसे जुबान जोरी कर रहा है उसको तो मैं ही भोगूंगा।

इतना सुनते ही रघुवीर अपना आपा खोने लगता है और गुस्से से उसका आखे लाल हो जाती है।
वो धीरे-धीरे मोहित की तरफ बढ़ने लगता है।
रघुवीर: बस कुत्ते, बहुत बोल लीया तूने, अगर तू मुझे कुछ कहता तो मैं तुझे माफ कर देता लेकिन तुमने जिसे बोला है उसके लिए तुम जैसे 100 को भी मार सकतऻ हू मैं.
इतना बोलके रघुवीर ने मोहित की गर्दन पकड़ के उसे हवा में उठा दिया ओर सामने की दीवार पर जोर से दे मारा. उसने जैसे ही उसने उठने की कोसिस की तभी उसके पेट में जोर की लात पड़ी और मुंह से खून की उल्टी निकली।
मोहित की हालत खराब होने लगी थी या रघुवीर उसे किसी की भी परवाह किए बिना मारे जा रहा था।
तभी किसी ने उसका हाथ पकड़ा! जब रघुवीर ने पलट के देखा तो वो कोई नहीं बल्कि सुप्रिया थी.
सुप्रिया: छोड़ उसे वीर, वो मर जायेगा! दिख नहीं रहा क्या कितना खून बह रहा है उसका?
रघुवीर: ऐसे कैसे छोड़ दु प्रिया? जब तक इसकी गांड नहीं तोड़ता ठीक से तब तक नहीं छोडूंगा आज।
सुप्रिया: छोड़ उसे वीर तुझे मेरी कसम है!!
(वीर गुस्से में) बस प्रिया बस कुछ भी करती पर अपनी कसम तो ना देती। रघुवीर गुस्से से: तुमने मुझे रोक के अच्छा नहीं किया प्रिया। और तू सुन बे लपरझंडिस. आज के बाद अगर इसके आस-पास भी नजर आया तो वो दिन तेरा अंतिम दिन होगा। ये कह के उसकी तरफ़ थूकता हुआ वीर वहाँ से चला जाता है। सुप्रिया और कंचन दोनो भी उसके पीछे क्लास की और निकल जाती है।
क्लास शुरू हुई पहला पीरियड शुरू हुआ टीचर ने सबका इंट्रो लिया।

इसी तरह क्रम से सब शिक्षक आते गए सबका एक दूसरे से परिचय होता रहा ज्यादा कुछ पढ़ाई तो नहीं हुई पर पहला दिन ऐसे ही बीत गया।
अगले दिन जब कॉलेज में गए तो सब शांत थे जब सब वीर को अलग नजर से देख रहे थे कुछ लड़कियां थी जो उसे देख कर मुस्कुरा सकती थी और आपस में खुसर-फुसर कर रही थी।
जो कि सुप्रिया के मन को नहीं भा रहा था। 😀
मोहित कल सुबह की घटना के बाद से कहीं दिखाई नहीं दिया था।
हम लोग क्लास की तरफ जा रहे थे तो रास्ते में त्रिपाठी सर मिले वो रघुवीर को अपनी तरफ आने का इशारा किया और एक और चल दिये।
त्रिपाठी कैंटीन के बाहर बेंच पर बैठ कर: आओ रघुवीर यहां बैठो मेरे पास। रघुवीर: सर, कुछ जरूरी काम था क्या?
त्रिपाठी: कुछ खास नहीं, बस तुमसे कुछ बातें करने का मन किया तो यहां ले आया। रघुवीर: कहिये सर, मैं क्या सेवा कर सकता हूँ आपकी?
त्रिपाठी: देखो रघुवीर सेवा कुछ नहीं है, मैं तो कल की हुई घटना के बारे में बात करना चाहता था। देखो कल जो भी हुआ, वो नहीं होना चाहिए था इसमे कोई शक नहीं, और मेरी व्यक्तिगत राय है कि उसे (मोहित) को जो तुमने पीटा है वो उसको सबक सिखाने के लिए अच्छा भी है।
लेकिन मैं तुमसे ये कहूंगा कि तुम जरा सावधान रहना! वो किसी भी हद तक नीचे गिर सकता है !!

रघुवीर: सर मैं आपकी बात ध्यान रखूंगा, लेकिन एक बात जरूर पूछना चाहूंगा कि आप उससे डरते क्यों हैं? और कृपया मेरी बात का बुरा मत मानना।
त्रिपाठी: इसके पीछे मेरी मजबूरी है बेटे, अगर मैं तुझे बता दूं और तुमने किसी को बता दिया तो मेरी बदनामी हो जाएगी।

जारी है...✍️
Nice update....
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,536
66,753
304

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
28,536
66,753
304

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
43,944
116,065
304
Top