• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Funny Dhamakedar News (fake)

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
35,718
71,573
304
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में जयदीप नाम का एक युवक रहता था। वह बहुत ही नेक दिल और मेहनती था। गाँव में एक और महिला रहती थी, जिसका नाम कामिनी था। कामिनी उम्र में जयदीप से बड़ी थीं, लेकिन उनकी आँखें बहुत गहरी और समझदार थीं। गाँव वाले उन्हें 'बुद्धिमान कामिनी' कहकर बुलाते थे, क्योंकि वह हर समस्या का समाधान बड़ी आसानी से निकाल लेती थीं।


जयदीप अक्सर कामिनी के पास सलाह लेने जाता था। कामिनी हमेशा उसकी मदद करती थीं और धीरे-धीरे जयदीप को उनकी समझदारी और शांत स्वभाव से प्यार हो गया। कामिनी भी जयदीप की सादगी और उसकी नेक दिली से प्रभावित थीं। उन्हें लगता था कि जयदीप में कुछ खास है, जो उसने किसी और पुरुष में नहीं देखा था।


एक दिन, गाँव में एक बड़ा तूफान आया। सभी लोग डर गए थे, लेकिन कामिनी और जयदीप ने मिलकर गाँव वालों की मदद की। उस रात, जब तूफान थोड़ा शांत हुआ, तो जयदीप और कामिनी एक साथ बैठे थे। उनकी आँखों में एक-दूसरे के लिए गहरा सम्मान और प्यार था। जयदीप ने कामिनी का हाथ अपने हाथों में लिया और कहा, "कामिनी जी, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ।"


कामिनी मुस्कुराईं और उन्होंने भी जयदीप के प्यार को स्वीकार किया। उन दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया और उस रात, उनके प्यार ने तूफानी रात को भी रोशनी से भर दिया।
पूरी रात टपाटप चला, सुबह जब कामिनी उठी तो जयदीप गायब था...:dazed:3 दिन तक ढूँढ कर थक जाने पर जब जयदीप कहीॅ नही मिला तो कामिनी: इस बुढ़ापे मे मुझे अब ऐसा चाहने वाला कहां मिलेगा? :cry:
तभी उसके लहंगे में से आवाज आई: हम अभी जिंदा है:roll:
कामिनी: ये तो मेरे दीपू की आवाज है...

To be cont..........
अब आगे:

जैसे ही जयदीप की आवाज आई, कामिनी चौंक गई, उसने अपना हाथ अपने गुप्तांग पर रखा और उसे अपने गुप्तांग में कुछ महसूस हुआ ।

जैसे ही उसने अपने गुप्तांग में अपनी उंगली डाली तो जयदीप ने अपने दोनों हाथों से उसकी उंगली को पकड़ना चाहा पर कामरस से भीगा होने के कारण उसके हाथ फिसल गए।

जयदीप ने कामिनी को वही से आवाज दी के वो उसके गुप्तांग के पास उसके कामरस को चखने के लिए गया था परन्तु वह फिसलन इतनी थीं के फिसल गया और पूरा ही अंदर चला गया। और 3 दिन से वही चटकारे लेकर उसके कामरस को चाटने का आनंद ले रहा था। :lol1:


1759335632798-Screenshot-20251001-215011

‎ फिर कामिनी ने अपने हाथ से जयदीप को पकड़ कर बाहर निकाला तो वह जयदीप को देख कर चौंक गई।


जयदीप पूरा उसके कामरस से भीगा हुआ था। उसका चेहरा, उसके गला, उसका पूरा शरीर गाड़े सफेद पानी से भरा हुआ था और एक मादक सुगंध पूरे वातावरण में फैल गई थी।

कामिनी जयदीप को इसे देख उसे लिपट पड़ी और जयदीप ने भी उसे खुद से जकड लिया । ये मिलन ऐसा था जैसे रेगिस्तान में प्यासे को पानी मिल गया हो।

दोनों ही एक दूसरे को छोड़ने को तैयार नहीं थे। दोनों ने कस के एक दूसरे को जकड़ा हुआ था। कामिनी अपने ही गुप्तांग की सुगंध से मदहोश होने लगी और उसके जिस्म में आग भड़कने लगी ।


फिर थोड़ी देर बाद अचानक कामिनी को क्या सुझा के उसने अपना मुंह थोड़ा पीछे किया जयदीप को देखने लगी और अपनी जीभ निकाल के उसके होंठो को चूसने लगी।

उसने जैसे ही जीभ उसके होंठो पर रखी तो उसने अपने कामरस का स्वाद चखा और बस उसके बाद वह नहीं रुकी, कभी जयदीप के होंठ, कभी उसके गाल, उसका गला, उसका सीना, जहां जहां भी चूमती और चाटती उसके जिस्म में आग भड़कने लगती।

जयदीप भी कहा पीछे रहने वाला था, वो भी कामिनी के चाटे हुए कामरस को उसी के मुंह से फिर से चाटने लगा, जयदीप ने कामिनी के होंठो को अपने होंठो की गिरफ्त में ले लिया और उसे सांस लेने का भी मौका नहीं दिया।

बेचारी कामिनी अपनी ढलती उम्र के कारण ज्यादा सांस को रोक नहीं सकती थी, वो जयदीप को खुद से दूर करना चाह रही थी, उसके धकेल रही थी पर बुढ़ापे के कारण उसमें इतनी ताकत नहीं थी के वो उस जवान वहशी दरिंदे जयदीप को धकेल सके।

कामिनी की सांसे उखड़ने लगी, पर हवस के अंधे ठरकी जयदीप को कामिनी की हालत से क्या मतलब था, वो तो वासना में अंधा हो चुका था, वो लगातार उसके लटक चुके ढीले उरोजों को मसलने में लगा था।


अचानक से कामिनी ढीली पड़ने लगती है और उसकी प्रतिक्रिया आना बंद हो जाता है। :dazed:

आप सब की क्या प्रतिक्रिया है? क्या उस वहसी दरिन्दे जयदीप को उस बिचारी बुढिया के साथ ऐसा करना चाहिए था :sigh:
 
Last edited:

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
35,718
71,573
304

Dungeon Master

Its not who i am underneath
Staff member
Moderator
21,292
15,678
229
धमाकेदार खबर

🗞️ **दाढ़ी में बात: जब JaideepRaj और Avaran के बीच भड़की ‘मूंछों की मोहब्बत’ की आग!**
🖋️ विशेष संवाददाता | ***मजेदार मस्ती समाचार पत्रिका***

**मेट्रोविल, सोमवार:** शहर में कल कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे मोहल्ले को "मूंछों" के मोहजाल में उलझा दिया। स्थानीय निवासी **JaideepRaj** और **Avaran** के बीच हुआ एक *मूंछनुमा* आमना-सामना सीधा दिलों तक पहुंच गया।

चाय की दुकान पर, जब JaideepRaj ने पहली नज़र डाली Avaran की हैंडलबार मूंछों पर, तो उनके होंठों से निकला,
👉 “ये वैक्स है... या तुम्हारा आत्मविश्वास?”

Avaran मुस्कराए, अपनी मूंछों को एक नाटकीय घुमाव दिया और बोले,
👉 “ये दोनों है... और तुम्हारी ठोड़ी की डिंपल से थोड़ी जलन भी!”

### 📢 और फिर क्या था?

* भीड़ में तालियाँ बजने लगीं!
* सामने वाले पान वाले ने फ्री में गुलकंद पान बांटा।
* मोहल्ले में *"मूंछ मार्च"* निकल पड़ा — “बिना मूंछ, बिना गर्व” के नारों के साथ।

### 💼 स्थानीय दुकानों की चांदी!

* "Lust & Lather" नाम की एक नई दुकान खुल गई जो मूंछों को *'सेक्सी लुक'* देने के लिए वैक्स बेच रही है।
* "MoochMate" ऐप लॉन्च हुआ — जिससे आप अपनी मूंछ की सोलमेट मूंछ ढूंढ सकते हैं।

### 🧠 विशेषज्ञों की राय:

**डॉ. Aakash. **, रोमांस मामलों के वरिष्ठ विशेषज्ञ बोले,
👉 “ये सिर्फ आकर्षण नहीं, ये *मूंछों की लस्ट* है। जो छू ले दिल से… और त्वचा से भी।”

### 📱 दोनों की इंस्टा लाइव स्टेटमेंट:

JaideepRaj ने कहा: “हम बस तारीफ करना चाहते थे... पर अब ये मूंछ-क्रांति बन चुकी है।”

Avaran बोले: “अगर कोई वैक्स एक्स्ट्रा हो तो भेज देना भाई... स्टाइल डाउन हो रहा है।”

### 🏛️ नगरपालिका का जवाब:

मेयर Ristructed ने ‘**मूंछ-संवर्धन योजना**’ का ऐलान किया —

* हर वार्ड में मुफ्त कंघी वितरण।
* हर शुक्रवार को मूंछ-परेड।
* “मूंछ के बिना इश्क अधूरा” को नगर-स्लोगन बनाया गया।

---

📌 **संपादकीय टिप्पणी:**
यह ख़बर पूरी तरह से हास्य और कल्पना पर आधारित है। यदि आपकी मूंछ अचानक किसी से प्रेम करने लगे, तो यह सिर्फ संयोग है... या शायद मौसम की गलती।
:pepenice: gajab lekhan
 
  • Haha
Reactions: Raj_sharma

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
35,718
71,573
304

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
35,718
71,573
304

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
Staff member
Sectional Moderator
Supreme
35,718
71,573
304
😁 koi nahi bhi aadhi duni AI poora poora bana dia tumhe to fir bhi help lia h bus
Udhar koi reserve post nahi rakha maine, to jo ek first post me disclaimer rakha hai usko edit karke udhar index bana du kya?
 
Top