यह कैसा कब्र तैयार कर दिया आपने नैन भाई ! वुल्फ हाउस के बाहर करीब पांच किलोमीटर के दायरे मे जमीन के अंदर बारूद ही बारूद , हाउस के अंदर सभी दीवार और पूरी छत अंदर से घातक प्लास्टिक चदर से भरे हुए और आपरेट करते ही दुश्मन के शरीर पर जा चुम्बक की तरह चिपकते हुए और वो भी बिजली की गति के समान तेज रफ्तार लिए हुए , मतलब पलक झपकने से भी पहले।
वुल्फ हाउस को एक तरह से अभेद्य किला ही बना दिया गया है। शायद एक ऐसा तिलिस्म जो एलियन के वश का नही कि उसकी काट निकाल सके।
लेकिन यह समझ नही आया कि एक- दो सेंटीमीटर का यह प्लास्टिक चदर किस तरह का असर दिखा सकता है। इस की विशेषता क्या है ?
शायद यह वही वुल्फ हाउस है जहां आर्य एक कैदी की तरह महीनों बंद रहा।
" पलक झपकने " से एक कहानी फिर से याद आ गई। महाभारत के योद्धा बर्बरीक की। भीम का प्रपौत्र , घटोत्कच एवं अहिलावति का दुलारा।
एक ऐसा वीर जिन्हे हम " खांटु वाले श्याम जी " के नाम से पुजते है।
शायद एलियन के साथ युद्ध से पहले आर्य को टेलीपोर्ट सिद्धी प्राप्त करने के लिए कुछ समय अज्ञातवास का जीवन जीना पड़े !
क्या अज्ञातवास के दौरान आर्य के पैक पर कोई खतरा उत्पन्न हो सकता है ?
अपडेट हमेशा की तरह बेहतरीन और जगमग जगमग।