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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

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भाग:–116


प्रहरी के खोजी शिकारी। अब तक कंटेनर के लोकेशन के हिसाब से छानबीन कर रहे थे। आज एक छोटा सा सुराग हाथ लगा और चोरी के समान की गुत्थी सुलझा चुके थे। अलबेली कान लगाकर सब सुन रही थी। खोजी शिकारियों की समीक्षा सुन वह दंग रह गयी। वहीं जब ये लोग अपने घर के पास पहुंचे और घर की बिजली गुल देखे, तभी पूरी समीक्षा पर आपरूपी सत्यापन का मोहर लग गया।

अलबेली ने जो सुना, वह तुरंत आ कर आर्यमणि को बताई। आर्यमणि ओजल और इवान को देखते.... “क्या तुम लोग अगले 5 मिनट में उन्हे हैक कर पाओगे।”

दोनो एक साथ.... “नही...”

आर्यमणि:– फिर तो कोई उपाय नहीं बचा। उन शिकारियों को गायब करना पड़ेगा...

ओजल:– हां लेकिन सोचने वाली बात यह है कि अगले 5 मिनट में वो संपर्क कैसे करेंगे? उनका मोबाइल, लैपटॉप, पासपोर्ट, रुपया, पैसा, क्रेडिट कार्ड सब तो चुरा लाये है। उन्हे यहां ब्लैंक कर दिया है।

आर्यमणि:– पर हमे तो हैक करना था न...

इवान:– इतना आसान नहीं है हैक करना। ये लोग अपने सिक्योर चैनल से सूचना प्रणाली चलाते है। बाहर से यदि हैक करेंगे तो उन्हे तुरंत पता चल जायेगा। हमे इनके सर्वर तक पहुंचना होगा।

आर्यमणि:– और इस चक्कर में बेवकूफी कर आये। 4 शिकारी जो उस घर में थे, केवल उन्हे ही तुमलोगों ने ब्लैंक किया है ना, उनके बाकी के 4 साथी तो अब भी बाहर घूम रहे।

ओजल:– उतना ही तो वक्त चाहिए। वो 4 लोग जबतक पहुंचेंगे और उन्हें पूरे मामले की जानकारी होगी, तब तक अपना काम हो जायेगा। अपने सुरक्षित चैनल से अपने आकाओं को संपर्क करेंगे, उस से पहले हम इनके सर्वर तक पहुंचकर इनका पूरा सिस्टम हैक कर चुके होंगे...

आर्यमणि:– लेकिन कब...

ओजल और इवान अपने लैपटॉप पर इंटर बटन प्रेस करते.... “अब.. हम दोनो रशिया के इस लोकेशन पर जायेंगे, जहां इनका सर्वर स्टेशन है। इसी जगह के सिस्टम में इनका सिक्योर कम्युनिकेशन चैनल का पूरा सॉफ्टवेयर ऑपरेट होता है। पूरा काम करके डिटेल देते हैं।”

संन्यासी शिवम् के साथ वो दोनो उस लोकेशन तक जाने के लिये तैयार थे। संन्यासी शिवम् दोनो को लेकर अंतर्ध्यान होते, उस से पहले ही आर्यमणि अनंत कीर्ति की किताब संन्यासी शिवम के हाथ में देते.... “इनके सर्वर स्टेशन की पूरी जानकारी इस पुस्तक में होगी। काम समाप्त कर जल्दी लौटिएगा”..

संन्यासी शिवम् ने सहमति जता दिया। चलने से पहले संन्यासी शिवम् आश्रम के अपने सिक्योर सिस्टम यानी अनंत कीर्ति के पुस्तक को ऑपरेट किये और उस जगह की पूरी जानकारी लेने के बाद, दोनो को लेकर अंतर्ध्यान हो गये। तीनो ही मुख्य सर्वर चेंबर में थे जहां कंप्यूटर का भव्य स्वरूप के बड़े–बड़े पुर्जे लगे थे। इवान और अलबेली ने सही पुर्जे को ढूंढकर वहां के लाल, काली, पीली कई तरह के वायर को छील दिया। उसमे अपना बग को लगाने के बाद छोटे से कमांड डिवाइस से बग में जैसे ही कमांड दिया, वहां केवल अंधेरा ही अंधेरा था और उनके (ओजल और इवान) डिवाइस पर लिखा आ रहा था... “सिस्टम रिस्टार्ट इन थ्री मिनट”... चलिए शिवम् सर अपना काम हो गया।

लगभग आधे घंटे में अपना पूरा काम समाप्त कर ये लोग लौट आये और उनके लौटने के एक घंटे बाद सभी शिकारी जयदेव से संपर्क कर रहे थे। जैसे ही उन लोगों ने जयदेव को पूरी बात बताई, जयदेव को उनकी बात पर यकीन नही हुआ। उसने मामले को पूरी छानबीन करने तथा पता लगाने के आदेश दे दिये। साथ ही साथ 21 लाश का ही ब्योरा मिला था, एक गायब शिकारी का भी पता लगाने का आदेश मिला था।”

इधर जयदेव अपने लोगों से बात कर रहा था और उधर उनकी पूरी बात अल्फा पैक सुन रही थी। आर्यमणि खुशी से ओजल और इवान को गले लगाते... “क्या बात है तुम दोनो ने कमल कर दिखाया”....

अलबेली:– बॉस सबासी देने के बहाने अपनी साली से खूब चिपक रहे...

ओजल:– हां तो मेरे इकलौते जीजा और मैं उनकी इकलौती साली... मुझसे न चिपकेंगे तो क्या तुझसे चिपकेंगे, जलकुकरी... वैसे तू चिंता मत कर, इवान से शादी के बाद जब तू भी जीजू के साले की पत्नी बनेगी... क्या कहते है उसे कोई बताएगा..

निशांत:– सलहज...

ओजल:– हां जब तू वही बनेगी सलहज, तब बॉस तुझे भी खुद से चिपकाए रखेंगे...

आर्यमणि, ओजल को आंख दिखाते... “क्या पागलों जैसी बातें कर रही हो। वो मुझे दादा पुकारती है।”

रूही:– अच्छा जब अलबेली बोली तब तो मुंह से कुछ नही निकला, लेकिन जैसे ही ओजल ने अपनी बात कही, तुमने मेरी बहन को आंखें दिखा दिये। देख रही हूं कैसे तुम मेरे सगे संबंधी को अभी से ट्रीट कर रहे...

आर्यमणि:– तुम मजाक कर रही हो न...

रूही, आर्यमणि को धक्का देकर अपने कमरे के ओर निकलती.... “मेरे भाई–बहन को नीचा दिखाने में तुम्हे मजा आता है ना आर्य, भार में जाओ।”

निशांत, आर्यमणि के कंधे पर हाथ डालते.... “तेरे तो पांचों उंगलियां घी में और सर कढ़ाई में है। मजे कर”...

आर्यमणि:– हां मजे तो कर रहा। चलो 2 पेग लगाकर आते है। शिवम् सर तब तक आप क्या उस एलियन जुल के साथ मिलकर ओजल और इवान के नायजो शक्तियों पर काम कर सकते है?

संन्यासी शिवम्:– हां ये मैं कर लूंगा...

आर्यमणि:– आपका आभार... अलबेली तुम तो अकेली रह जाओगी... हमारे साथ आओ..

अलबेली:– नही दादा तुम दोनो जाओ... मैं रूही के पास जाती हूं...

दोनो दोस्त पहुंचे मयखाने। दारू के पेग हाथ में उठाकर शाम का लुफ्त उठाने लगे। यूं तो दोनो कुछ रोज से साथ थे, लेकिन फुरसत से मिले नही थे। आज मिल रहे थे। नई–पुरानी फुरसत की बातें शुरू हो गयी थी। बातों के दौड़ान चित्रा और माधव की याद भी आ गयी। कुछ दिन पहले परिवार से तो बात हो गयी थी, बस दोस्त रह गये थे। आज दोस्तों से बात का लंबा दौड़ चला।

रात के 10 बजे से 2 बजे तक जाम और बातचीत। एक बार फिर माधव सबके निशाने पर था। चित्रा तो पहले ही माधव के बाबूजी की चहेती बनी थी, इसलिए माधव को प्यार से एंकी पुकारे जाने पर उसके बाबूजी ने कोई प्रतिक्रिया ना देते हुये उल्टा वो भी माधव को एंकी कह कर ही पुकारने लगे। बस फिर क्या था, माधव ने पहली बार अपने बाबूजी से सवाल किया.... “बहु ने यह नाम दिया इसलिए हंसकर स्वीकार किये, यही मैने किया होता तब”.... माधव ने मुंह से सवाल पूछा बाबूजी ने थप्पड़ लगाकर जवाब दिया... "तू करता तो यही होता"...

फिर बात दहेज के पैसे जोड़ने पर आ गयी। इस बात पर चित्रा ने तो निशांत और आर्यमणि की खड़े–खड़े क्लास ले ली। वहीं माधव “खी–खी” करते बड़ा सा दांत फाड़े था। बातें चलती रही और ऐसा मेहसूस होने लगा सभी प्रियजन आस–पास ही है। बातें समाप्त कर रात के 3 बजे तक दोनो दोस्त अपने गंतव्य पहुंच चुके थे।

सुबह यूं तो आर्यमणि को उठने की इच्छा नही हो रही थी, लेकिन गुस्साई पत्नी के आगे एक न चली और मजबूरी में उठना ही पड़ा। संन्यासी शिवम् रात को ही जुल से सारी प्रक्रिया को समझे। 2–4 बार शक्ति प्रदर्शन का डेमो भी लिया और जुल को वहीं छोड़, संन्यासी शिवम् दोनो (ओजल और इवान) को लेकर अंतर्ध्यान हो गये। सभी सीधा कैलाश पर्वत मार्ग के मठ में पहुंच गये जहां अगले कुछ दिन तक ओजल और इवान यहीं प्रशिक्षण करते।

इधर रूही ने एलियन की शक्तियों का विवरण कर, उसी हिसाब की नई ट्रेनिंग शुरू करने की बात कही, जिसमे बिजली और आग से कैसे पाया जा सकता था, उसके उपाय पर काम करना था। आग से तो बचने के उपाय थे। बदन के जिस हिस्से में आग लगी हो उसके सतह पर टॉक्सिक को दौड़ाना। बस बिजली से बचने का कोई कारगर उपाय नहीं सूझ रहा था।

सब अलग–अलग मंथन करने के बाद निशांत ने कठिन, किंतु कारगर उपाय का सुझाव दे दिया, जो हर प्रकार के बाहरी हमले का समाधान था। पहले तो निशांत ने आर्यमणि से सुरक्षा मंत्र के प्रयोग न करने के विषय में पूछा। सुरक्षा मंत्र वह मंत्र था, जिसे सिद्ध करने के बाद हवा के मजबूत सुरक्षा घेरे के अंदर शरीर रहता है। जैसा की सतपुरा के जंगलों में संन्यासी शिवम् ने करके दिखाया था।

आर्यमणि का इसपर साफ कहना था कि उसका पैक सुरक्षा मंत्र को सिद्ध नहीं कर सकते, इसलिए वह भी किसी प्रकार के मंत्र का प्रयोग नहीं करता। आर्यमणि का जवाब सुनने के बाद निशांत ने ही सुझाव दिया की शुकेश के घर से चोरी किये हुये अलौकिक पत्थर को पास में रखकर यदि सुरक्षा मंत्र पढ़ा जाये तो वह मंत्र काम करेगा। जैसे की खुद निशांत के साथ हुआ था। बिना इस मंत्र को सिद्ध किये निशांत ने भ्रमित अंगूठी के साथ मंत्र जाप किया, और मंत्र काम कर गयी थी।

सुझाव अच्छा था इसलिए बिना देर किये 2 काले हीरानुमा पत्थर को निकालकर रूही और अलबेली के हाथ में थमाने के बाद, मंत्र का प्रयोग करने कहा गया। दोनो को शुद्ध रूप से पूरा मंत्र उच्चारण करने में काफी समय लगा, किंतु जैसे ही पहली बार उनके मुख से शुद्ध रूप से पूरा मंत्र निकला, दोनो ही सुरक्षा घेरे में थी। फिर क्या था, पूरा दिन रूही और अलबेली सुरक्षा मंत्र को शुद्ध रूप से पढ़ने का अभ्यास करते रहे। यही सूचना संन्यासी शिवम् के पास भी पहुंचा दी गयी। एक पत्थर इवान के पास भी पहुंच चुका था। वहीं ओजल के पास पहले से अलौकिक नागमणि और दंश थी, इसलिए उसे अलग से पत्थर की जरूरत नहीं पड़ी।

एक हफ्ते तक सबका नया अभ्यास चलता रहा। दूसरी तरफ आर्यमणि ने अगले दिन ही उन सभी 8 इंसानी खोजी शिकारी को कैद कर लिया, ताकि अल्फा पैक सुनिश्चित होकर अभ्यास करता रहे। एक बचा था एलियन जुल, उस से थोड़ी सी जानकारी और निकालनी बाकी थी। इसलिए था तो वो आर्यमणि के साथ ही, लेकिन किसी कैदी से कम नही। अल्फा पैक क्या कर रहे है, उसकी भनक तक नहीं वह ले सकता था। अनंत कीर्ति किताब भी अलर्ट मोड पर थी। वह एलियन जुल, अल्फा पैक के ओर देखता भी था, तो आर्यमणि को खबर लग जाती।

हां लेकिन कब तक उस एलियन को भी साथ रखते। जिंदगी के अनुभव ने विश्वास न करना ही सिखाया था। और खासकर उस इंसान पर जिसने खुद की जान बचाने के लिये अपने समुदाय का पूरा राज उगल दिया हो। वैसा इंसान कब मौका देखकर डश ले कह नही सकते। 4 दिन तक साथ रखने के बाद आर्यमणि ने अपना बचा सवाल भी पूछ लिया।

पहला तो पलक को लेकर ही था कि क्यों जब आर्यमणि ने क्ला घुसाया तब पलक के अंदर उस तरह की फीलिंग नही आयी जैसे वह तेजी से हील हो रही हो। जुल ने खुलासा किया की... “18 की व्यस्क उम्र के बाद, हर एलियन को साइंस लैब ले जाया जाता है। वहां वेयरवॉल्फ के खून के साथ कई सारे टॉक्सिक नशों में चढ़ाया जाता है। उसके उपरांत कई तरह के प्रयोग उनके शरीर पर किये जाते है, तब जाकर उन्हें अमर जीवन प्राप्त होता है।”

“लैब में एक बार शरीर को पूर्ण रूप से परिवर्तित करने के बाद किसी भी एलियन के शरीर की कोशिका मनचाहा आकर बदलकर, किसी का भी रूप आसानी से ले सकती थी। हर 5 साल में एक बार मात्र वेयरवोल्फ के खून को नशों में चढ़ाने से सारी कोशिकाएं पुनः जवान हो जाती थी। बिलकुल नई और सुचारू रूप से काम करने वाली कोशिकाएं। जिस वजह से एलियन सदा जवां रहते थे।”

यही रूप बदल का प्रयोग तब काम आता था, जब किसी परिवार के मुखिया को मृत घोषित करना होता था। महानायकों के बूढ़े चेहरे कोई भी एलियन अपना लेते और उन्हें बलि चढ़ा दिया जाता। वहीं उनके महानायक अपना बूढ़ा रूप छोड़कर किसी अन्य प्रहरी परिवार में उनके इंसानी बच्चों का रूप ले लेते और जिनका भी वो रूप बदलते, उन्हें भी मारकर रास्ते से हटा देते है।”

“किसी एलियन ने अपनी कोशिकाओं के आकार को बदलकर जिसका भी रूप लिया हो, उसे पहचानने का साधारण सा रास्ता है, मैक्रोस्कोपिक लेंस। मैक्रोस्कोपिक लेंस से यदि किसी भी एलियन को देखा जाये तो हर क्षण कोशिकाएं बदलते हुये नजर आ जाती है। यह नंगी आंखों से कैप्चर नही हो सकता, लेकिन मैक्रोस्कोप के लेंस से देखने पर असली चेहरा से परिवर्तित चेहरा, और परिवर्तित चेहरा से असली चेहरा बनने की प्रक्रिया को देखा भी जा सकता है, और कैप्चर भी किया जा सकता है।”

पलक के केस में उसने इतना ही बताया की अब तक वह साइंस लैब नही गयी। 2 बार उसपर दवाब भी बना लेकिन उसने जाने से इंकार कर दिया था। अभी वर्तमान समय में उसके शरीर पर एक्सपेरिमेंट हुआ या नहीं यह जुल को पता नही था।

फिर आर्यमणि ने जुल से आखरी सवाल पूछा... “सैकड़ों वर्षों से यहां हो, तुम एलियन की कुल कितनी आबादी पृथ्वी पर बसती है और कहां–कहां?”

जुल, आर्यमणि का सवाल सुन मुस्कुराया और जवाब में कहने लगा... “ठंडी जगह पर ज्यादा बच्चे पैदा नहीं कर सकते, इसलिए ज्यादातर आबादी एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के गरम इलाको में बसती है। कुछ वीरान गरम आइलैंड पर हमारी पूरी आबादी बसती है। पृथ्वी की आखरी जनगणना के हिसाब से कुल 6 करोड़ की आबादी है हमारी। अकेला भारत में 1 करोड़ की आबादी है और हर साल 2 करोड़ शिशु हम अन्य ग्रह पर भेजते है, जिस वजह से पृथ्वी पर हमारी आबादी नियंत्रित है।”

आर्यमणि जवाब सुनकर कुछ सोचते हुये.... “पिछले सवाल को आखरी के ठीक पहले का सवाल मानो और ये आखरी सवाल, तो बताओ पृथ्वी की आबादी को कब अनियंत्रित करने का फैसला लिया गया है?”

जुल:– आने वाले 20 वर्षों में अन्य ग्रह पर इतने हाइब्रिड हो जायेंगे की आगे की आबादी आप रूपी बढ़ती रहेगी। उन सब ग्रहों पर एक बार पारिवारिक वर्गीकरण हो जाये, उसके 10 साल बाद के समय तक में पूरे पृथ्वी पर नायजो की हाइब्रिड आबादी बसेगी।

आर्यमणि एलियन जुल से सारी जानकारी निकाल चुका था। बदले में जुल उम्मीद भरी नजरों से देख रहा था कि उसके जानकारी के बदले उसे अब छोड़ दिया जायेगा। किंतु ऐसा हुआ नही। पहले तो आर्यमणि, रूही और अलबेली ने मिलकर उसके शरीर के हर टॉक्सिक, शरीर में बहने वाले वुल्फ ब्लड, सब पूरा का पूरा खींच लिया। तीनो को ही ऐसा मेहसूस हो रहा था जैसे 10 हजार पेड़ के बराबर उसके अंदर टॉक्सिक भरा हुआ था। जुल के शरीर से सारा एक्सपेरिमेंट बाहर निकालने के बाद, जब खंजर को घुसाया गया, तब वह खंजर अंदर गला नही और जुल दर्द से बिलबिला गया। रूही उसका चेहरा देखकर हंसती हुई कहने लगी.... “तुम्हारे शरीर को समझने के बाद हमें पता था कि तुम जैसों को आसान मौत कैसे दे सकते है, लेकिन उसमे मजा नही आता। कैद के दिनो को एंजॉय करना।”

जुल:– मैने तुमसे सारी जानकारी साझा किया। 2 नायजो वेयरवोल्फ के विकृति का कारण भी बताया वरना एक वक्त ऐसा आता की या तो तुम उसे मार देते या वो तुम्हे। फिर भी तुमने मुझे जड़ों में जकड़ा हुआ है।

आर्यमणि:– तुम्हारा एहसान है मुझपर, इसलिए तो मारा नही। सिर्फ कुछ दिन के लिये कैद कर रहा हूं। जल्द ही किसी अच्छी जगह पर छोड़ भी दूंगा।

जुल:– कब और कहां छोड़ने का प्लान बनाए हो। और ये क्ला तुम इनके गले के पीछे क्यों घुसा रहे?

आर्यमणि सभी इंसानी शिकारी के दिमाग से कुछ वक्त पूर्व की याद मिटा चुका था। साथ ही दिमाग ने निशांत से मिलने की घटना को थोड़ा बदल चुका था। 8 इंसानी शिकारी के साथ जुल को एक तहखाने में कैद दिया गया था, जहां सब के सब जड़ों के मजबूत जेल में पूरा कैद थे। उनके पोषण के लिये जड़ों के रेशे ही काम रहे थे। तहखाने में उन्हे जड़ों में अच्छे से लपेटने के अलावा सिक्योरिटी अलर्ट, और निशांत का भ्रम जाल भी फैला था, जो उन सभी कैदियों को जड़ों से छूटने के बाद भी उस जगह पर रहने के लिये विवश कर देते।

 
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Wah wah wah wah nain bhai maza a gya. Aage ka sochkr hi rongte khade ho ja rhe hai ki kya fight scene hoga aur kya kathanak hoga. Sb apki leela hai nain bhai. Hm to diwane hue pde hai apki story aur writing skill ke. Ksm se bta rhe hai es pure xforum par sir 3 hi writer ho mere fevourate jisme se ap do to kamal ho ek vj4u bhai dusre aap nain bhai teesre valentine rider bhai but inmse se jo kamal ap aur vj4u bhai krte ho wo alg level hota hai aur bura mat maniyega esme hm vj4u bhai ko sbse aage rkhte hai un jaisa writer hmne na dekha es forum pr aur meri guarantee hai na dusra koi hoga. Aur ye bhi sch hai ki ap matlab nain bhai apne ye bhi alg level ke writer hai aur alg hi skill hai enki. Apka bhi comparison kisi aur ke sath nhi kiya ja sakta. Teesre jo favourate write hua krte the mere wo jai surur bhai the but kash wo apni ek buj story puri krte. Bahut dukh hua but kitna dukh vyakt kre es forum ki har acchi story ka writer hi chutiyapa kr jata hai jo aadhi story pe hi khatm ho jata hai. Bahut lmbhi bat hai but ab yahi khatam tata bye bye. Nain bhai apko badhayi aur dher sara pyar ummid hai ap apne readers ka khyal rkhemge aur story ko pura krenge wo bhi km se kam time me aur dusri new story bhi jald suru krenge. Thank you
Hahahaha... Itni jyada tarif .... Lagta hai itna mithas se kahin sugar na ho jaye... Baharhaal mujhe aur mere writing skill ko pasand karne ke liye dhanywad... Sath bane rahe parth bhai
 

nain11ster

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Jabarjast update bhai...
To alian misrit hone k wajah se Ojal aur Iwan par Jul ke kiye gaye bijali ke war bekar gaya..
Aur in Twins ka bekabu hona ka karan bhi hybrid hona hai..
Ab inke ander base aline ki power ko kaise control me late hai Arya and Team dekhane wali bat hogi..
Haan Ojal aur Evan ke anuvanshik gun hi unke vilakshan ka karan tha l... Uspar kaam ho gaya hai aane wale update me dikh bhi jatega .... Sath bane rahe aur aise hi pyare pyare comment karte rahe...
 

nain11ster

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एक विकृत एलियन ' जुल ' को न मारकर बंदी बना लिया गया। कुछ इन्फोर्मेशन जरूर दिया उसने पर उसे जीवित रखने का कारण समझ नही आया।
ओजल , इवान और अलबेली का ' जुल ' के प्रति आक्रामकता बिल्कुल जायज था। लेकिन शायद वो भूल गई थी कि सिर्फ ' जुल ' के खात्मे से पुरी विकृत एलियन समुदाय का अंत नही हो सकता। शायद उस एलियन से भविष्य मे कोई और भी इन्फोर्मेशन प्राप्त हो सकती हो !

अलबेली और निशांत ने अपने अपने कार्य को अंजाम दे दिया है लेकिन देखना यह है कि बचे हुए इंसान प्रहरी के अंजाम के बारे मे आर्य क्या सोच रखा है !

बहुत खुबसूरत अपडेट नैन भाई। आउटस्टैंडिंग अपडेट।
Jul ko information ke liye hi rakha hai... Baki ye gathjor kahan tak chalta hai wah dekhna hoga. .. baki aane wale update me bade khulase hain...
 
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