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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–100





अलबेली चिल्लाती हुई.… "हां भाई विपक्षी, लड़ने के लिये कोई बचा है क्या?"..


उस पैक के 8 अल्फा 35–36 बीटा सभी जमीन पर घायल अवस्था में फैले कर्राह रहे थे। किसी में बोलने तक की हिम्मत नही थी, हमला करने की सोचना तो दूर की बात थी। तभी फिजाओं में एक खौफनाक दहाड़ गूंजने लगी। तीनो ने पहले एक दूसरे को देखा फिर जब सामने नजर गयी तब कुछ मीटर की दूरी पर 6 फिट ऊंची 4 पाऊं पर खड़ी हीरे सी मजबूत चमरी वाली एक फर्स्ट अल्फा दहाड़ रही थी।


उसके दहाड़ने के साथ ही नीचे फैले घायल वुल्फ वियोग की दहाड़ निकालते, अपने फर्स्ट अल्फा से खुद पर हुये हमले का प्रतिशोध लेने कह रहे थे। आंखों में अंगार उतारे वह फर्स्ट अल्फा दौड़ लगा दी। इधर फर्स्ट अल्फा ने दौड़ लगाया और ऊधर तीनो टीन वुल्फ कतार लगाकर नीचे बैठ गये और क्ला को जमीन में घुसा दिया। पूरे जमीन से सरसराने की आवाज आने लगी। वह फर्स्ट अल्फा दौड़ती हुई जमीन के उस कंपन को मेहसूस की और समझ चुकी थी आगे क्या होगा।


जबतक जमीन के जड़ों की रेशे उसके पाऊं में लगते तब तक वह फर्स्ट अल्फा एक लंबी और ऊंची छलांग लगा चुकी थी। तीनो टीन वुल्फ ने ध्यान बस उड़ते हुये फर्स्ट अल्फा पर लगाया। तीनो जमीन के अंदर क्ला को घुसाकर बड़े ध्यान से उस फर्स्ट अल्फा को ऊंचाई से नीचे आते देख रहे थे। फर्स्ट अल्फा अपने पंजे फैलाए इतनी नजदीक पहुंच चुकी थी कि गर्दन पर अपने पंजे एक वार से सर को धर से अलग कर डाले। तीनो ही अंत तक बस एक टक लगाये उस फर्स्ट अल्फा को ही देखते रहे। ना तो हमले के परिणाम की परवाह थी और न ही उस फर्स्ट अल्फा का डर।


तभी जड़ों की रेशों ने इतनी ऊंचाई ली की पंजा जब इवान की गर्दन से कुछ फिट की दूरी पर था, फर्स्ट अल्फा हवा में ही जकड़ी जा चुकी थी। जड़ों की रेशें लहराते हुये हवा में लगभग 10 फिट ऊंचा गये और फर्स्ट अल्फा को पूरा पैक करके जमीन पर ले आये। फर्स्ट अल्फा ने दिमाग लगाया और वह तुरंत अपना शेप शिफ्ट करके रेशों के बीच से निकलने की कोशिश करने लगी। लेकिन बेचारी को पता नही था कि जड़ों के रेशे भी अपना शेप शिफ्ट करके पूरा शिकुड़ चुकी थी।


ओजल उस फर्स्ट अल्फा के कंधे पर अपना एसिड वाला पंजा टिकाती.… "हमे तुम्हारी ताकत पता है लेकिन तुम्हे ये नही पता की हमे सिवाय हमारे बॉस के कोई कंट्रोल नही कर सकता। और इस भ्रम में मत रहना की तुम्हारी चमड़ी को हम भेद नहीं सकते।"…


फर्स्ट अल्फा:– बच्चे तुमने हमारे इलाके में आकर गलत पंगे लिया है। हां लेकिन इतनी जुर्रत किसके वजह से है वो मुझे पता है। चलो अब हमें इन जड़ों से आजाद करो वरना मैं भूल जाऊंगी की तुम फेहरीन के बच्चे हो।


अलबेली:– मैं न हूं महान अल्फा हीलर फेहरीन की बेटी। मैं तो बस अपनी मां की बेटी हूं।


इवान:– मेरी मां को तो सब जानते थे। इसका ये मतलब नही की हम तुम्हे छोड़ दे।


अभी ओजल भी अपना डायलॉग चिपकाने ही वाली थी, लेकिन उस से पहले ही जमीन से बाहर निकली जड़ें वापस जमीन में घुस गयी। आर्यमणि की नियात्रित लेकिन सभी वुल्फ को सहमा देने वाली आवाज चारो ओर गूंजने लगी। आर्यमणि की आवाज ने जानवर नियंत्रण की वह क्षमता को हासिल किया था कि विपक्षी पैक की मुखिया फर्स्ट अल्फा तक अपना सर झुकाकर घुटनों पर आ चुकी थी और उसके दिमाग में बस भय चल रहा था।


ओशुन को दो दुनिया के बीच से छुड़ाने के क्रम में जब आर्यमणि ने अपने 4 गुणा भय को हराया तभी उसने अपने अंदर ऐसी क्षमता को विकसित कर चुका था जिस से समस्त ब्रह्माण्ड के दिमागी नियंत्रण तकनीक आर्यमणि के आगे घुटने टेक दे। क्योंकि जिस जगह आर्यमणि की आत्मा फसी थी, वहां केवल दिमाग की ही परीक्षा होती है और आर्यमणि उस जगह पर अपने मानसिक शक्ति का प्रदर्शन कर चुका था।


शायद आर्यमणि ही वो पहला और एकमात्र आत्मा थी जिसने भय का वो मंजर पार कर किसी को दो दुनिया के बीच से छुड़ाया था। वरना दो दुनिया के बीच की जो भी चाभी बने, उसकी आत्मा को विपरीत दुनिया वालों ने सालों तक टुकड़ों में खाया था। शायद २ दुनिया के बीच दरवाजा खोलने की कीमत वही होती हो।


बहरहाल लड़ाई के मैदान में क्षेत्र को लेकर जो वर्चस्व की लड़ाई थी, उसे आर्यमणि की एक दहाड़ ने पूर्ण विराम लगा दिया था। विपक्ष पैक की फर्स्ट अल्फा घुटनों पर थी और आर्यमणि तीनो टीन वुल्फ को घूर रहा था।


इवान:– बॉस इनके साथी लूकस ने पहले झगड़ा शुरू किया। हम तो बस जवाबी प्रतिक्रिया दे रहे थे।


इवान की बात का ओजल और अलबेली ने भी समर्थन की और दोनो ही लूकस से अपना बदला चाहती थी। रूही उन तीनो को शांत करवाती, आर्यमणि के पास आकर खड़ी हुई। इससे पहले की आर्यमणि या रूही प्रतिद्वंदी वुल्फ पैक से कोई सवाल पूछते, एक ओर से बॉब और ओशुन चले आ रहे थे।


यूं तो आर्यमणि अब पूरा रूही का ही था, लेकिन न जाने क्यों ओशुन को देखकर रूही कुछ असहज महसूस कर रही थी। आर्यमणि, रूही के चेहरे पर आई भावना को पढ़कर मुस्कुराने लगा। रूही का हाथ थामकर आर्यमणि रूही से नजरें मिलाते….. "इतना इनसिक्योर ना फील करो। अभी चल क्या रहा है उसपर ध्यान दो"…


रूही फुसफुसाती सी आवाज में.… "वो इतनी हॉट और परफेक्ट दिख रही। तुम्हे उससे प्यार भी था। इनसिक्योर होना तो लाजमी है जान"…


आर्यमणि:– तुम खुद को इतना कम क्यों आंक रही। जो कातिलाना और दिलकश लुक तुम्हारा है, वो इस संसार में किसी स्त्री की नही हो सकती।


रूही:– क्यों झूठ बोल रहे आर्य। तुम्हारी भावना बस मुझसे जुड़ी हैं। हम ब्लड पैक में है इसलिए तुम मुझे महसूस कर सकते हो। जैसे मै तुम्हे महसूस कर सकती हूं, कि तुम्हे मुझसे प्यार नही, बस मेरी चाहत को तुमने मेहसूस किया है।


आर्यमणि:– जब मेरी भावना तुमसे जुड़ चुकी है। जब मैं तुम्हारे उदासीनता को मृत्यु समान निद्रा में भी मेहसूस कर सकता हूं। जब ओशुन को मैक्सिको में मरने की हालत में देखा तो दिल वियोग में चला गया था। लेकिन जब मेरी आत्मा २ दुनिया के बीच फसी थी और ख्याल तुम सबके मरने का आया, फिर वहां मेरे अंदर क्या चल रहा था वो मैं बता नही सकता। किंतु वो ख्याल ही इतना भयावाह था कि आज भी रात को नींद नहीं आती। तुम्हे प्यार मेहसूस हो की नही लेकिन भावना तुमसे ऐसी जुड़ी है कि तुम्हारे साथ ही बस जीने की इच्छा है।


"तुम दोनो के बीच क्या खुसुर फुसुर चल रही है?"…. बॉब उनके करीब आते पूछा...


रूही:– कुछ नही बस पारिवारिक डिस्कशन। तुम कहो बॉब यहां कैसे आना हुआ।


ओशुन:– शायद तुमलोग हमारे पैक को चैलेंज कर गये। अब अल्फा पैक से पंगे कौन ले, इसलिए बॉब को बीच में सामिल करना पड़ा।


रूही:– तो बॉब तुम्हारे साथ काम कर रहा था..


बॉब:– नही मैं एक महान अल्फा हीलर नेरमिन के साथ काम कर रहा था, जो की दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अल्फा हीलर फेहरिन की बहन है। वैसे ओशुन भी उसी नेरमिन की बेटी है।


आर्यमणि गहरी शवांस लेते मुस्कुराया.… "बॉब इतनी बड़ी सच्चाई गोल कर गये। ये दुनिया भी कितनी छोटी है बॉब...


आर्यमणि अपनी बात समाप्त करके सभी वुल्फ पर से अपना नियंत्रण हटाया। आर्यमणि और रूही की नजरों के बीच कुछ इशारे हुये और दोनो ने अपने क्ला भूमि में डाल दिया। एक बार फिर रेशों की जकड़ में सभी वुल्फ थे। लेकिन केवल वह वोल्फ जो घायल थे। बाकी सभी अद्भुत परिकल्पना वाले दृश्य को अपनी आंखों से होते देख रहे थे। आर्यमणि और रूही के हाथ जमीन में थे और नब्जो में टॉक्सिक समा रहा था। देखते ही देखते घायल वुल्फ हील होने लगे। जो भी वुल्फ पूरा हील हो जाते वह श्वतः ही जड़ों की रेशों से मुक्त हो जाते। अदभुत और अकल्पनीय कार्य जो आर्यमणि और रूही कर चुके थे।


विपक्षी फर्स्ट अल्फा नेरमिन के साथ उसका पूरा पैक कतार लगाकर अपने घुटनों पर था। सभी ने आर्यमणि और रूही के सम्मान में अपना सर झुका लिये। फेहरीन, आर्यमणि और रूही के समीप पहुंचकर उन्हें एक बार स्पर्श करती.…..


"पहली बार तुमसे मिलना हो रहा है, लेकिन तुम्हारे बारे में ओशुन से बहुत कुछ सुन रखा था। आज देख भी ली। तुम वाकई में अलग हो आर्यमणि।"


नेरमिन अपनी बात कहकर आगे बढ़ गयी। एक नजर रूही, ओजल और इवान के चेहरे पर देखकर, एक–एक करके तीनो के चेहरे पर हाथ फेरती.… "तुम तीनो में मेरी बहन फेहरीन की झलक नजर आती है। और मानना पड़ेगा आर्यमणि, जैसा की मेरी बहन कहा करती थी, हम प्रकृति की सेवा करे तो प्रकृति भी हमे खुद से जोड़ लेती थी। तुम्हारे पैक को देखकर आज फेहरीन खुश हो जाती।"


आर्यमणि:– नेरमिन बात आगे बढ़ाने से पहले मैं एक बात सुनिश्चित कर लूं, क्या हमारा पैक यहां शांति से रह सकता है, या फिर पूरा बर्कले, कैलिफोर्निया को ही अपने पैक का क्षेत्र मान रखी हो?


नेरमिन:– क्षेत्र को लेकर हम वुल्फ की अपनी ही कहानी होती है। मैं क्या कोई भी वुल्फ पैक अपने क्षेत्र में घुसपैठ नही बर्दास्त करेगा। लेकिन चूंकि तुम हम में से एक हो इसलिए तुमपर सीमा प्रतिबंध नही लागू होगा।


आर्यमणि:– तुम्हारी बातों से क्षेत्र के ऊपर एकाधिकार की बु आती है। उमान परिवार की एक वुल्फ अपने शादी के बाद गुयाना में बस गयी। वह गुयाना में बसने के बाद अमेजन के जंगल की सेवा में जुटी रही और हर वेयरवोल्फ का वो स्वागत किया करती थी। उसी फेहरीन की तुम बहन हो न...


फेहरीन:– हर किसी का स्वभाव एक जैसा नही होता और न ही मुझे उसकी तरह अच्छी वोल्फ का तमगा लेकर घूमना है। मैं, मैं हूं और जो हूं मैं अपने दम पर हूं।


आर्यमणि:– मैं भी मैं ही हूं लेकिन जो भी हूं वो कुछ अच्छे लोगों की वजह से हूं। तुम पहले ही अपना क्षेत्र हार चुकी हो। अब...


दोनो के बीच में ओशुन आती.… "हमने अपने ही जैसे एक वुल्फ ईडेन का कहर देखा था। मेरी मां जब यहां भागकर आयी थी तब यहां पहले से बसे वुल्फ का कहर देखा था। हर कोई तुम्हारी तरह नही होता आर्यमणि इसलिए यह सोचना बंद करो की अच्छा वुल्फ यहां होता तो हम उनका क्या करते? दूसरे के क्षेत्र में घुसे वुल्फ तभी तक अच्छे होते है, जब तक उनके पास ताकत नहीं आ जाति। खैर, तुम पर तो वुल्फ के नियम भी लागू नहीं होते क्योंकि तुम इंसानों की बस्ती में रहते हो और उन्ही की तरह जीते हो। अब क्या माहौल सामान्य हुआ या अब भी कुछ कहना है?"


रूही:– नही हो गया... अब हमें कुछ नही कहना...


नेरमिन पूरे मुद्दे को ही बदलती.… आर्यमणि, मैने सुना है तुम रूही से शादी करने वाले हो?


पूरा अल्फा पैक एक साथ.… "हां सही सुना है।"


नेरमिन:– तब तो रूही की शादी उमान परिवार के रीति–रिवाज और उसकी जमीन पर होनी चाहिए। वैसे भी फेहरीन का गम हम सबको है। ऐसे में उसकी बेटी की शादी हम सबके लिये खुशी का एक मौका लेकर आयेगी। इसी बहाने रूही और दोनो जुड़वा अपने परिवार से भी मिल लेंगे...


आर्यमणि:– प्रस्ताव अच्छा है। मुझे पसंद आया..


रूही, ओजल और इवान तीनो एक साथ.… "लेकिन बॉस"…


आर्यमणि:– जो मैंने कहा वही फाइनल है। फेहरीन शादी की तारीख तय होते ही हम सूचित कर देंगे, अब हम चलते है। अरे हां इन सब बातों में उस लड़के से तो मिलना रह ही गया... वो लूकस कहां है?


पीछे खड़ा लूकस उनके सामने आते.… "मुझसे गलती हो गयी। मुझे माफ कर दो सर....


आर्यमणि लूकस के गाल को थपथपाते.… "बेटे जाकर पहले ठीक से गुंडई की ट्रेनिंग ले लेना। क्योंकि हर तुच्चे गुंडे के पता होता है कि उसका बाप कौन है। और बाप से पंगे नही लिये जाते।


आर्यमणि अपनी बात कहा और वहां से अपने पैक को लेकर चलते बना। सभी घर पहुंचे और आर्यमणि ने तीनो को कतार में खड़ा कर दिया। हाथ में पतली सी छड़ी और तीनो के हाथ बिलकुल सामने। आर्यमणि तीनो के हाथ पर बारी–बारी से छड़ी मारते...… "तुम तीनो की इतनी हिम्मत जो फर्स्ट अल्फा के पैक से अकेले भिड़ गये।"…


यूं तो जवाब देने के लिये तीनो ही उत्सुक थे लेकिन ओजल दोनो के मुंह पर हाथ रखती.… "बॉस अलबेली जब पहली बार दहाड़ी तभी आप दोनो जंगल के लिये निकल चुके होंगे। क्योंकि हमारी फाइट शुरू होने के पहले ही आप दोनो पहुंच चुके थे और दूर से बैठकर फाइट का मजा ले रहे थे। वो सब छोड़ो.... वो बीती बात हो गयी। आपके हाथ में छड़ी को देखकर याद आया, वो जादूगर का दंश और पतली सी चेन कहां है। उनके दर्शन तो करवाओ?

 
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Surya_021

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भाग:–99





"आग तो तूफानी है जानू पर मज़ा बिस्तर ही देगा। आराम से एक मैराथन सेशन के बाद वो मुलायम सी बिस्तर। फिर एक दूसरे से चिपक कर सोने का जो मज़ा है ना, वो यहां नहीं मिलेगा। आग को और भड़कने दो।"…. अलबेली खिलखिलाती हंसी के साथ अपनी बात पूरी कि, और आंख मारती अपना हाथ सीने से हटाई।


इवान, झटके से अलबेली का हाथ खींचकर होंठ से होंठ लगाकर छोटा सा चुम्बन लेते... "अब तुम्हारी इस शरारत पर तो जी करता है दिल चिड़कर निकाल दूं। तुम्हारा प्लान ज्यादा मजेदार है। अभी चलें उस पागल को देखने। आज पक्का बॉस से डांट खिलवाएगी।"


दोनों वापस से दौड़ लगा चुके थे। हां लेकिन इस बार दोनों हाथ में हाथ डाले दौर रहे थे और बीच बीच में होटों पर छोटा, किन्तु प्यार चुम्बन लेते–देते भी चल रहे थे। जंगल के बीच एक बड़ा सा मैदान था। मैदान के एक किनारे बैठने के लिए एक ऊंचा पत्थर रखा हुआ था, उसी के ऊपर ओजल बैठी थी और ठीक नीचे पैक का निशान।


अलबेली और इवान जैसे ही वहां पहुंचे, दोनों गुस्से से घुरकर देखने लगे। ओजल दोनों को एक नजर देखती.… "दोनो को शर्म तो नहीं आती ना। हमेशा मेरे सामने चिपके रहते हो।"


अलबेली और इवान, ओजल को बीच में लेकर कंधे पर हाथ डालते... इवान, ओजल के गाल को चूमते…. "क्या हुआ मेरी ट्विन सिस को? आज उखड़ी क्यों है?"


इधर दूसरे किनारे से अलबेली ओजल के गाल को चूमती... "क्या हुआ मेरी लफ्ते जिगर मित्रा को? सच मे इतनी उखड़ी क्यों है?"


ओजल:- फीलिंग बैड... तुम दोनो जब एक साथ होते हो तो मुझे इग्नोर करते हो। मुझे अच्छा नहीं लगता। दिल जलता है।


इवान, ओजल के गाल को खिंचते… "प्लीज ऐसे मायूस ना हो, दिल में दर्द होता है।"


ओजल:- छोड़ ना... झूठा प्यार मत दिखा... हम पैक मे नहीं होते तो तू मुझे छोड़कर जा चुका होता.… तहखाने मे बंद थे तब भी उतना फील नहीं होता था। इवान अब तो तू मेरे पास भी नहीं बैठता।


अलबेली को जब परिस्थिति का कुछ आभास हुआ तब वो ओजल के पास से हट गयी। उन दोनों को थोड़ा स्पेस देना ही बेहतर समझी। इधर इवान, ओजल के सर को सीने से लगाकर उसके गाल को थप–थपाते…. "याद है आई … सॉरी भूमि दीदी क्या कहती थी? तुम्हारे आर्य भैया आएंगे तब हो सकता है ये कैद ना रहे। वो तुम्हे इतना घुमाएंगे की एक दिन तुम खुद थक कर कह दोगी चलो घर वापस चलते है। जो भी तुम्हारा बचपन खोया है, जितनी भी तकलीफें तुमने यहां झेली है, महज कुछ दिनों में सारे गीले दूर हो जाएंगे।"…


ओजल, इवान को झटक कर सीधी होकर बैठती... "हां तो भूमि दीदी ने क्या ग़लत कहा था। बॉस के बारे में सही ही तो कह रही थी। ओह समझी तू तभी तक साथ था जब तक हम उस तहखाने मे थे, उसके बाद तेरी मेरी दुनिया अलग। यही ना..."


इवान, ओजल का सर ठोकते... "मूर्ख कहीं की.. तुम लड़कियों के अक्ल पर पर्दा ही पड़ा रहेगा।"..


ओजल:- हां तू ही समझदार है ना... जा ना फिर अपनी गर्लफ्रेंड के पास...


वो लूकस नामक प्राणी और 30 वोल्फ के साथ उनके तरफ ही आ रहा था। अलबेली कुछ दूर आगे चली आयी थी, लेकिन इनके कान काफी लंबी दूरी तक सुन सकने में सक्षम थे। ओजल भावनाओं मे बिल्कुल गुम थी। सामने क्या चल रहा है वो देख और समझ रही थी लेकिन अंदर की भावना आज इस प्रकार से फूटी थी कि ओजल बस उसी में गमगीन थी। खुद को लगातार इग्नोर किये जाने की वजह से उसका कलेजा जैसे फट गया था।


अलबेली पीछे मुड़कर इवान को देखी। चेहरे कि मुस्कुराहट इतना ही बयां कर रही थी... "तुम ओजल पर ध्यान दो, मैं इन्हे देखती हूं।"



वो लूकस अपने साथियों को काफी पीछे छोड़ काफी तेजी से आया और सीधा अलबेली का गला पकड़ने के लिये हाथ आगे बढ़ाया ही था कि अलबेली खींच कर उसे एक झन्नाटेदार थप्पड़ लगाती हुई, अल्फा की दहाड़ अंदर से निकाली। पूरी कि पूरी भीड़ सन्न और अपनी जगह पर रुकने को विवश।


"कितना चिल्ला रही हो स्वीटी थोड़ा धीमे आवाज करो ना, हम बात कर रहे है।"… इवान अलबेली से थोड़े ऊंचे सुर मे कहा। अलबेली प्यारा सा अफसोस भरा चेहरा इवान को दिखती धीमे से सॉरी कही।


ओजल:- छोड़ ना ज्यादा प्यार ना दिखा...


इवान:- मैं कोई सफाई ही नहीं दूंगा अब माफ कर दे मेरी ग़लती है।


ओजल:- इवानननननननन


ओजल:- नहीं इतना छोटा नहीं। कुछ तो ऐसा बोल जो दिल को सुकून मिले। बात खत्म मत कर..


इवान:- नहीं, तू जो सोचे वो सही। मै नहीं चाहता कि मुझे सुनकर तू कुछ अफसोस करे। तुझे लगे की नहीं मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए था। एक बात जो नहीं बदलेगी वो ये की मैंने तुम्हे मायूस किया। थोड़ा बुरा लग रहा है...


ओजल:- इवानननननननन


इवान:- मै बस तुझे खुलकर जीने के लिए छोड़ दिया था। तुम्हारी अपनी मर्जी की जिंदगी जिसके अंदर तेरे अच्छे और बुरे दोनो ही फैसले मे मैं तुम्हारे साथ खड़ा मिलूंगा। बस यही वजह थी। पहले तू मेरी दुनिया हुई, फिर उसमें बॉस आया। वहां से रूही दीदी और अलबेली मिली। खुलकर जी रहे हैं और क्या चाहिए। तू खुश थी, और क्या चाहिए। हां अभी थोड़ा दर्द हो रहा है। मुझे तेरे साथ बैठना चाहिए था, पर क्या करूं शायद पहली बार किसी से प्यार हुआ है ना इसलिए अलबेली को भी खोने का डर लगा रहता है। वैसे भी पहले ही मैंने अपने रिश्ते की शुरवात कुछ अच्छी नहीं कि।


ओजल, इवान का चेहरा दोनों हाथ से थामकर, उसके आंसू पोंछती… "आह्हहह, सुकून सा मिला तेरी बात सुनकर। क्या करूं भाई दिमाग सब समझता है लेकिन दिल बिना पूरी बात सुने मानता ही नहीं है। अलबेली बहुत प्यारी है। बस मुझे तुम दोनो को देखकर डर लगता है। कहीं एक दूसरे को छोड़कर किसी और को ना पसंद कर लो.."


इवान:- पागल... हम जानवर नहीं है समझी। हम विशेष इंसान है। हां थोड़ा खुला कल्चर एडॉप्ट किया है, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हमारी पूर्व की जिंदगी ने ही हमारे हर खुशी के साथ बेईमानी कर लिया इसलिए अब खुलकर जीते है और एक दूसरे के इमोशंस के साथ बेईमानी नहीं करते...


ओजल:- अब ऐसे हर बात पर रोया मत कर। मुझे रोना अच्छा नहीं लगता।


इवान:- तुझे ही पूरी बात सुननी थी ना। अब मुझे रोना आ रहा है थी तू क्यूं रो रही। तुझे रोने के लिये कहा क्या?


ओजल:- मै नहीं रोती तू ही रुलाता है। चुप हो जा वो देख इनका अल्फा आ गया। मै बात करूंगी इनके अल्फा से, तुम दोनो इनके बिटा को कंट्रोल करो।


ओजल और इवान अपने मिलाप में मशगूल थे जबतक विपक्षी वुल्फ पैक के सभी सदस्य लंबी कतार में अलबेली के ठीक सामने खड़े हो चुके थे। उनका मुखिया भी सामने आ कर खड़ी हो गयी। ओजल, इवान को कह ही रही थी कि मैं बात करूंगी, तभी उस माहौल में भीषण आवाज शुरू हो गई। अलबेली अपने वुल्फ साउंड से अकेली ही अपनी पहचान बताने लगी। उसके बाद जो आवाज निकली वो तो मिलो तक सुनाई दे। अल्फा पैक के 3 टीन अल्फा ने एक साथ वुल्फ साउंड लगाया। सबसे आगे अलबेली खड़ी थी और उसके ठीक पीछे दाएं और बाएं से ओजल और इवान खड़े थे।


सामने से चली आ रही विपक्षी पैक की मुखिया ने जवाबी वुल्फ साउंड दिया। क्या दहाड़ थी उस मुखिया की। तीनो टीन वुल्फ की दहाड़ पर वो अकेला भारी। अपने मुखिया की दहाड़ पर विपक्षी वुल्फ पैक के सभी वुल्फ हमला करने की मुद्रा अपना चुके थे। एक ओर 3 टीन अल्फा और दूसरे ओर लगभग 42–45 वुल्फ का झुंड। दोनो ग्रुप आमने–सामने एक दूसरे को देखकर आंखों से अंगारे बरसा रहे थे। तभी सामने के पैक के मुखिया ने एक और दहाड़ लगाई। ये लड़ाई को शुरवात करने का संकेत था। एक साथ सभी वुल्फ दौड़ पड़े। 42–45 के इस वुल्फ पैक में 1 अल्फा नही था बल्कि मुखिया को छोड़कर 8 अल्फा थे, और खुद मुखिया एक फर्स्ट अल्फा।


अल्फा पैक, विपक्षी पैक के मुखिया की दहाड़ को सुनकर समझ चुके थे कि उनका सामना एक फर्स्ट अल्फा के पैक से हुआ है। वैसे फर्स्ट अल्फा के पैक की जानकारी होने के बाद जितने तीनो टीन वुल्फ हैरान थे उस से कहीं ज्यादा वह फर्स्ट अल्फा हैरान थी। क्योंकि फर्स्ट अल्फा की पहली दहाड़ अपने पैक में जोश भरने के साथ–साथ सामने खड़े 3 टीन अल्फा को अपनी आवाज से घुटने पर लाना भी था। किंतु अल्फा पैक के वोल्फ को घुटने पर लाना इतना आसान था क्या? जब तीनो घुटने पर नही आये तब फर्स्ट अल्फा ने दूसरी दहाड़ के साथ युद्ध का बिगुल फूंक दिया। इवान विपक्षी पैक को अपने ओर बढ़ते देख.… "ऐसा नहीं लग रहा की हमने गलत पंगा ले लिया"।


अलबेली, इवान का हाथ थमती.… "अब तो पंगे ले लिया जानेमन। देखते हैं किसमे कितना है दम।"


दूसरी ओर से ओजल, इवान का हाथ थामती.… "हम प्रशिक्षित है और ये केवल भीड़। अपना स्किल लगा दो। इतने दिन टॉक्सिक क्यों जमा किया है। पंजों में सारा जहर उतार लो और कितनो को मारे उसकी गिनती मत भूलना। आज तो हाई स्कोर मेरा ही होगा।


अलबेली और इवान दोनो ओजल को घूरते.… "ऐसा क्या.."


ओजल ने लड़ाई का तरीका बताया और दहारती हुई खुद सबसे आगे निकली। उसे आगे निकलता देख पीछे से इवान और अलबेली भी दहारते हुए लड़ाई के मैदान में कूद गये। तीनों के ही पंजे बिलकुल काले दिख रहे थे। कई धमनियों के रक्त प्रवाह हथेली के ओर ही बह रही थी।


देखते ही देखते 2 अल्फा के साथ कई सारे बीटा, तीनो पर एक साथ कूद गये। ऐसा लगा जैसे बंदरों का झुंड हवा में है। बचे हुये अल्फा–बीटा तेजी से फैलकर तीनो को घेर लिये और झुंड में उन्हें नोचने के लिये तेजी से बढ़े। ऊपर आकाश वुल्फ से ढका, नीचे जमीन वुल्फ से घिरा। अपना अल्फा पैक भी कहां कमजोर थी। प्रशिक्षण ने तो जैसे इन्हे वेयरवोल्फ समुदाय के बीच का सुपरनेचुरल वेयरवोल्फ बना डाला था।


ओजल तुरंत अपना शेप शिफ्ट करके 2 कदम पीछे ली और 2 कदम के छोटे से दौर पर थोड़ा ऊंचा छलांग लगा चुकी थी। जो ही हवा में उसने धाएं–धाएं अपना किक चलाया... नीचे आने से पहले वह हवा में 2 किक और 3 घुसे चला चुकी थी। जिन 2 उड़ते वुल्फ को किक पड़ी वो तो हवा में इस प्रकार उड़े, जैसे किसी फुटबॉल को किक किया हो। नीचे जमीन पर दौड़ रहे वुल्फ की झुंड अपने जगह पर रुक कर, सर के ऊपर से वोल्फ को हवा में उड़ते देख रहे थे। वहीं जिन्हे घुसे पड़े वह अपने छाती, जबड़ा और शरीर का वह अंग पकड़े नीचे गिड़े जहां ओजल का घुसा पड़ा था।


अब ओजल 5 की गिनती पर थी तो इवान भी कहां पीछे रहने वाला था। एक ओर से ओजल ने उड़ती भीड़ साफ किया तो दूसरी ओर से इवान ने। जो वुल्फ खड़े होकर हवा में उड़ते वुल्फ का नजारा ले रहे थे उनके लिये तो आज डबल मजा था। क्योंकि ठीक दूसरी दिशा से भी वुल्फ उड़ते हुये नजर आ रहे थे। इवान ने भी 2 को किक और 3 को घुसे मारकर उनकी हड्डी पसली तोड़ डाली।


अलबेली गुस्से से नाक सिकोड़ती.… "कमीनो.. दोनो–भाई बहन ने मिलकर आगे और पीछे का भीड़ साफ कर दिया। हे भगवान मेरे लिये बस २… इन दोनो भाई–बहन की तो ऐसी की तैसी..."


जाहिर सी बात थी सोचने की गति गुरुत्वाकर्षण की गति से ज्यादा थी। अलबेली ने कोई स्टेप नही लिया बल्कि सर के ऊपर से २ वुल्फ नीचे लैंड कर रहे थे। दोनो अपना पंजा फैलाए अलबेली को पंजा मारने के लिये बेकरार। अलबेली अपने हाथ फैलाकर दोनो के पंजे में अपना पंजा फसायी और दौड़ लगा दी। ठीक उसी प्रकार जैसे कटी पतंग के जमीन पर गिड़ने से पहले उसकी डोर को पकड़ कर बच्चे पतंग को लेकर दौड़ते है, ठीक उसी प्रकार दोनो वुल्फ के हाथ को जकड़कर दौड़ रही थी।


अब दोनो वुल्फ पतंग तो थे नहीं जो हवा में उड़ते ही रहते। अलबेली ने पंजा फसाया और दौड़ लगा दी। झटके से उन दोनो वुल्फ का हाथ खींच गया और जमीन पर घिसटाते जा रहे थे। अलबेली 4 कदम दौड़ लगायी। 4 कदम झुंड बनाकर घेर रहे वुल्फ ने दौड़ लगाया। दोनो ही आमने–सामने और अलबेली ने दोनो वुल्फ को उठा–उठा कर ढेर पेठ दूसरे वुल्फ के ऊपर पटकने लगी। अलबेली इतनी आसानी से उन वजनी वोल्फ के हाथ को पकड़ कर दूसरे वुल्फ पर पटक रही थी जैसे उसने हाथों से डंडा पकड़ रखी थी।


शुरू से माहोल को देखा जाये तो लूकस के पैक ने लड़ाई का बिगुल फूंककर हमला बोल दिया। कई वोल्फ हवा में छलांग लगाकर तीनो के ऊपर खतरनाक पंजे का वार करने वाले थे। वहीं बचे वुल्फ तीनो को चारो ओर से घेरकर झुंड बनाकर मारने के इरादे से दौड़ लगा दिये। जवाबी हमले में तीनो भी फुर्ती दिखाते हमला कर दिये। क्षण भर समय अंतराल में पहले ओजल फिर इवान और अंत में अलबेली ने तेजी से हमला शुरु कर दिया। ओजल और इवान हवा में हमला करने के बाद जबतक दौड़कर सामने पहुंचते, पूरी भीड़ पर अकेली अलबेली भारी पड़ गयी।


दोनो हाथ में एक क्विंटल से ज्यादा वजनी वोल्फ को किसी डंडे की तरह इस्तमाल करते, दूसरे वोल्फ के ऊपर उतनी ही तेजी से पटक रही थी जितनी तेजी से भिड़ पर डंडे बरसाए जा सकते थे। पूरी भिड़ घायल होकर मैदान में बड़ी तेजी से बिछ रही थी। ओजल को लग गया की अलबेली अब पूरा मैदान अकेली ही साफ कर देगी, तब उसने कर्राह रहे लूकस को बिछे घायल वुल्फ की भीड़ से निकाला। उसके गर्दन को दबोचकर हवा में उठाई... "क्यों भाई आ गया स्वाद। बताओ लौंडों की लड़ाई में अपने बुजुर्ग वोल्फ तक को मार खिला रहे। शर्म से डूब मर।"


इतना कहकर ओजल अपना हाथ झटक कर लूकस को मुंह के बल ही मिट्टी पर गिड़ा दी। पीठ के ऊपर से कपड़े को फाड़कर लूकस के पीठ पर वुल्फ पैक के निशान को बनाती.… "अगली बार पिछवाड़े में कीड़े कुलबुलाए तो पीछे पीठ पर ये निशान देख लेना। साले तेरे इलाके में नही घुसे फिर भी तुझे अपने पैक का इतना घमंड की मेरे भाई और दोस्त के पीठ पर ब्लेड चलाए"…


अपनी गुस्से से भरी प्रतिक्रिया देने के बाद ओजल ने उसके पिछवाड़े पर जमाकर एक लात मारी और इवान के पास आकर खड़ी हो गयी। पीछे से भिड़ साफ करके अलबेली भी उनके साथ खड़ी होती... "हां तो दोनो बईमान स्कोर क्या हुआ है?"


इवान और ओजल दोनो अपने हाथ जोड़ते.… "बजरंगबली की स्त्री अवतार तुम्हारा स्कोर सबसे आगे।"


अलबेली चिल्लाती हुई.… "हां भाई विपक्षी, लड़ने के लिये कोई बचा है क्या?"..
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भाग:–99





"आग तो तूफानी है जानू पर मज़ा बिस्तर ही देगा। आराम से एक मैराथन सेशन के बाद वो मुलायम सी बिस्तर। फिर एक दूसरे से चिपक कर सोने का जो मज़ा है ना, वो यहां नहीं मिलेगा। आग को और भड़कने दो।"…. अलबेली खिलखिलाती हंसी के साथ अपनी बात पूरी कि, और आंख मारती अपना हाथ सीने से हटाई।


इवान, झटके से अलबेली का हाथ खींचकर होंठ से होंठ लगाकर छोटा सा चुम्बन लेते... "अब तुम्हारी इस शरारत पर तो जी करता है दिल चिड़कर निकाल दूं। तुम्हारा प्लान ज्यादा मजेदार है। अभी चलें उस पागल को देखने। आज पक्का बॉस से डांट खिलवाएगी।"


दोनों वापस से दौड़ लगा चुके थे। हां लेकिन इस बार दोनों हाथ में हाथ डाले दौर रहे थे और बीच बीच में होटों पर छोटा, किन्तु प्यार चुम्बन लेते–देते भी चल रहे थे। जंगल के बीच एक बड़ा सा मैदान था। मैदान के एक किनारे बैठने के लिए एक ऊंचा पत्थर रखा हुआ था, उसी के ऊपर ओजल बैठी थी और ठीक नीचे पैक का निशान।


अलबेली और इवान जैसे ही वहां पहुंचे, दोनों गुस्से से घुरकर देखने लगे। ओजल दोनों को एक नजर देखती.… "दोनो को शर्म तो नहीं आती ना। हमेशा मेरे सामने चिपके रहते हो।"


अलबेली और इवान, ओजल को बीच में लेकर कंधे पर हाथ डालते... इवान, ओजल के गाल को चूमते…. "क्या हुआ मेरी ट्विन सिस को? आज उखड़ी क्यों है?"


इधर दूसरे किनारे से अलबेली ओजल के गाल को चूमती... "क्या हुआ मेरी लफ्ते जिगर मित्रा को? सच मे इतनी उखड़ी क्यों है?"


ओजल:- फीलिंग बैड... तुम दोनो जब एक साथ होते हो तो मुझे इग्नोर करते हो। मुझे अच्छा नहीं लगता। दिल जलता है।


इवान, ओजल के गाल को खिंचते… "प्लीज ऐसे मायूस ना हो, दिल में दर्द होता है।"


ओजल:- छोड़ ना... झूठा प्यार मत दिखा... हम पैक मे नहीं होते तो तू मुझे छोड़कर जा चुका होता.… तहखाने मे बंद थे तब भी उतना फील नहीं होता था। इवान अब तो तू मेरे पास भी नहीं बैठता।


अलबेली को जब परिस्थिति का कुछ आभास हुआ तब वो ओजल के पास से हट गयी। उन दोनों को थोड़ा स्पेस देना ही बेहतर समझी। इधर इवान, ओजल के सर को सीने से लगाकर उसके गाल को थप–थपाते…. "याद है आई … सॉरी भूमि दीदी क्या कहती थी? तुम्हारे आर्य भैया आएंगे तब हो सकता है ये कैद ना रहे। वो तुम्हे इतना घुमाएंगे की एक दिन तुम खुद थक कर कह दोगी चलो घर वापस चलते है। जो भी तुम्हारा बचपन खोया है, जितनी भी तकलीफें तुमने यहां झेली है, महज कुछ दिनों में सारे गीले दूर हो जाएंगे।"…


ओजल, इवान को झटक कर सीधी होकर बैठती... "हां तो भूमि दीदी ने क्या ग़लत कहा था। बॉस के बारे में सही ही तो कह रही थी। ओह समझी तू तभी तक साथ था जब तक हम उस तहखाने मे थे, उसके बाद तेरी मेरी दुनिया अलग। यही ना..."


इवान, ओजल का सर ठोकते... "मूर्ख कहीं की.. तुम लड़कियों के अक्ल पर पर्दा ही पड़ा रहेगा।"..


ओजल:- हां तू ही समझदार है ना... जा ना फिर अपनी गर्लफ्रेंड के पास...


वो लूकस नामक प्राणी और 30 वोल्फ के साथ उनके तरफ ही आ रहा था। अलबेली कुछ दूर आगे चली आयी थी, लेकिन इनके कान काफी लंबी दूरी तक सुन सकने में सक्षम थे। ओजल भावनाओं मे बिल्कुल गुम थी। सामने क्या चल रहा है वो देख और समझ रही थी लेकिन अंदर की भावना आज इस प्रकार से फूटी थी कि ओजल बस उसी में गमगीन थी। खुद को लगातार इग्नोर किये जाने की वजह से उसका कलेजा जैसे फट गया था।


अलबेली पीछे मुड़कर इवान को देखी। चेहरे कि मुस्कुराहट इतना ही बयां कर रही थी... "तुम ओजल पर ध्यान दो, मैं इन्हे देखती हूं।"


वो लूकस अपने साथियों को काफी पीछे छोड़ काफी तेजी से आया और सीधा अलबेली का गला पकड़ने के लिये हाथ आगे बढ़ाया ही था कि अलबेली खींच कर उसे एक झन्नाटेदार थप्पड़ लगाती हुई, अल्फा की दहाड़ अंदर से निकाली। पूरी कि पूरी भीड़ सन्न और अपनी जगह पर रुकने को विवश।


"कितना चिल्ला रही हो स्वीटी थोड़ा धीमे आवाज करो ना, हम बात कर रहे है।"… इवान अलबेली से थोड़े ऊंचे सुर मे कहा। अलबेली प्यारा सा अफसोस भरा चेहरा इवान को दिखती धीमे से सॉरी कही।


ओजल:- छोड़ ना ज्यादा प्यार ना दिखा...


इवान:- मैं कोई सफाई ही नहीं दूंगा अब माफ कर दे मेरी ग़लती है।


ओजल:- इवानननननननन


ओजल:- नहीं इतना छोटा नहीं। कुछ तो ऐसा बोल जो दिल को सुकून मिले। बात खत्म मत कर..


इवान:- नहीं, तू जो सोचे वो सही। मै नहीं चाहता कि मुझे सुनकर तू कुछ अफसोस करे। तुझे लगे की नहीं मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए था। एक बात जो नहीं बदलेगी वो ये की मैंने तुम्हे मायूस किया। थोड़ा बुरा लग रहा है...


ओजल:- इवानननननननन


इवान:- मै बस तुझे खुलकर जीने के लिए छोड़ दिया था। तुम्हारी अपनी मर्जी की जिंदगी जिसके अंदर तेरे अच्छे और बुरे दोनो ही फैसले मे मैं तुम्हारे साथ खड़ा मिलूंगा। बस यही वजह थी। पहले तू मेरी दुनिया हुई, फिर उसमें बॉस आया। वहां से रूही दीदी और अलबेली मिली। खुलकर जी रहे हैं और क्या चाहिए। तू खुश थी, और क्या चाहिए। हां अभी थोड़ा दर्द हो रहा है। मुझे तेरे साथ बैठना चाहिए था, पर क्या करूं शायद पहली बार किसी से प्यार हुआ है ना इसलिए अलबेली को भी खोने का डर लगा रहता है। वैसे भी पहले ही मैंने अपने रिश्ते की शुरवात कुछ अच्छी नहीं कि।


ओजल, इवान का चेहरा दोनों हाथ से थामकर, उसके आंसू पोंछती… "आह्हहह, सुकून सा मिला तेरी बात सुनकर। क्या करूं भाई दिमाग सब समझता है लेकिन दिल बिना पूरी बात सुने मानता ही नहीं है। अलबेली बहुत प्यारी है। बस मुझे तुम दोनो को देखकर डर लगता है। कहीं एक दूसरे को छोड़कर किसी और को ना पसंद कर लो.."


इवान:- पागल... हम जानवर नहीं है समझी। हम विशेष इंसान है। हां थोड़ा खुला कल्चर एडॉप्ट किया है, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हमारी पूर्व की जिंदगी ने ही हमारे हर खुशी के साथ बेईमानी कर लिया इसलिए अब खुलकर जीते है और एक दूसरे के इमोशंस के साथ बेईमानी नहीं करते...


ओजल:- अब ऐसे हर बात पर रोया मत कर। मुझे रोना अच्छा नहीं लगता।


इवान:- तुझे ही पूरी बात सुननी थी ना। अब मुझे रोना आ रहा है थी तू क्यूं रो रही। तुझे रोने के लिये कहा क्या?


ओजल:- मै नहीं रोती तू ही रुलाता है। चुप हो जा वो देख इनका अल्फा आ गया। मै बात करूंगी इनके अल्फा से, तुम दोनो इनके बिटा को कंट्रोल करो।


ओजल और इवान अपने मिलाप में मशगूल थे जबतक विपक्षी वुल्फ पैक के सभी सदस्य लंबी कतार में अलबेली के ठीक सामने खड़े हो चुके थे। उनका मुखिया भी सामने आ कर खड़ी हो गयी। ओजल, इवान को कह ही रही थी कि मैं बात करूंगी, तभी उस माहौल में भीषण आवाज शुरू हो गई। अलबेली अपने वुल्फ साउंड से अकेली ही अपनी पहचान बताने लगी। उसके बाद जो आवाज निकली वो तो मिलो तक सुनाई दे। अल्फा पैक के 3 टीन अल्फा ने एक साथ वुल्फ साउंड लगाया। सबसे आगे अलबेली खड़ी थी और उसके ठीक पीछे दाएं और बाएं से ओजल और इवान खड़े थे।


सामने से चली आ रही विपक्षी पैक की मुखिया ने जवाबी वुल्फ साउंड दिया। क्या दहाड़ थी उस मुखिया की। तीनो टीन वुल्फ की दहाड़ पर वो अकेला भारी। अपने मुखिया की दहाड़ पर विपक्षी वुल्फ पैक के सभी वुल्फ हमला करने की मुद्रा अपना चुके थे। एक ओर 3 टीन अल्फा और दूसरे ओर लगभग 42–45 वुल्फ का झुंड। दोनो ग्रुप आमने–सामने एक दूसरे को देखकर आंखों से अंगारे बरसा रहे थे। तभी सामने के पैक के मुखिया ने एक और दहाड़ लगाई। ये लड़ाई को शुरवात करने का संकेत था। एक साथ सभी वुल्फ दौड़ पड़े। 42–45 के इस वुल्फ पैक में 1 अल्फा नही था बल्कि मुखिया को छोड़कर 8 अल्फा थे, और खुद मुखिया एक फर्स्ट अल्फा।


अल्फा पैक, विपक्षी पैक के मुखिया की दहाड़ को सुनकर समझ चुके थे कि उनका सामना एक फर्स्ट अल्फा के पैक से हुआ है। वैसे फर्स्ट अल्फा के पैक की जानकारी होने के बाद जितने तीनो टीन वुल्फ हैरान थे उस से कहीं ज्यादा वह फर्स्ट अल्फा हैरान थी। क्योंकि फर्स्ट अल्फा की पहली दहाड़ अपने पैक में जोश भरने के साथ–साथ सामने खड़े 3 टीन अल्फा को अपनी आवाज से घुटने पर लाना भी था। किंतु अल्फा पैक के वोल्फ को घुटने पर लाना इतना आसान था क्या? जब तीनो घुटने पर नही आये तब फर्स्ट अल्फा ने दूसरी दहाड़ के साथ युद्ध का बिगुल फूंक दिया। इवान विपक्षी पैक को अपने ओर बढ़ते देख.… "ऐसा नहीं लग रहा की हमने गलत पंगा ले लिया"।


अलबेली, इवान का हाथ थमती.… "अब तो पंगे ले लिया जानेमन। देखते हैं किसमे कितना है दम।"


दूसरी ओर से ओजल, इवान का हाथ थामती.… "हम प्रशिक्षित है और ये केवल भीड़। अपना स्किल लगा दो। इतने दिन टॉक्सिक क्यों जमा किया है। पंजों में सारा जहर उतार लो और कितनो को मारे उसकी गिनती मत भूलना। आज तो हाई स्कोर मेरा ही होगा।


अलबेली और इवान दोनो ओजल को घूरते.… "ऐसा क्या.."


ओजल ने लड़ाई का तरीका बताया और दहारती हुई खुद सबसे आगे निकली। उसे आगे निकलता देख पीछे से इवान और अलबेली भी दहारते हुए लड़ाई के मैदान में कूद गये। तीनों के ही पंजे बिलकुल काले दिख रहे थे। कई धमनियों के रक्त प्रवाह हथेली के ओर ही बह रही थी।


देखते ही देखते 2 अल्फा के साथ कई सारे बीटा, तीनो पर एक साथ कूद गये। ऐसा लगा जैसे बंदरों का झुंड हवा में है। बचे हुये अल्फा–बीटा तेजी से फैलकर तीनो को घेर लिये और झुंड में उन्हें नोचने के लिये तेजी से बढ़े। ऊपर आकाश वुल्फ से ढका, नीचे जमीन वुल्फ से घिरा। अपना अल्फा पैक भी कहां कमजोर थी। प्रशिक्षण ने तो जैसे इन्हे वेयरवोल्फ समुदाय के बीच का सुपरनेचुरल वेयरवोल्फ बना डाला था।


ओजल तुरंत अपना शेप शिफ्ट करके 2 कदम पीछे ली और 2 कदम के छोटे से दौर पर थोड़ा ऊंचा छलांग लगा चुकी थी। जो ही हवा में उसने धाएं–धाएं अपना किक चलाया... नीचे आने से पहले वह हवा में 2 किक और 3 घुसे चला चुकी थी। जिन 2 उड़ते वुल्फ को किक पड़ी वो तो हवा में इस प्रकार उड़े, जैसे किसी फुटबॉल को किक किया हो। नीचे जमीन पर दौड़ रहे वुल्फ की झुंड अपने जगह पर रुक कर, सर के ऊपर से वोल्फ को हवा में उड़ते देख रहे थे। वहीं जिन्हे घुसे पड़े वह अपने छाती, जबड़ा और शरीर का वह अंग पकड़े नीचे गिड़े जहां ओजल का घुसा पड़ा था।


अब ओजल 5 की गिनती पर थी तो इवान भी कहां पीछे रहने वाला था। एक ओर से ओजल ने उड़ती भीड़ साफ किया तो दूसरी ओर से इवान ने। जो वुल्फ खड़े होकर हवा में उड़ते वुल्फ का नजारा ले रहे थे उनके लिये तो आज डबल मजा था। क्योंकि ठीक दूसरी दिशा से भी वुल्फ उड़ते हुये नजर आ रहे थे। इवान ने भी 2 को किक और 3 को घुसे मारकर उनकी हड्डी पसली तोड़ डाली।


अलबेली गुस्से से नाक सिकोड़ती.… "कमीनो.. दोनो–भाई बहन ने मिलकर आगे और पीछे का भीड़ साफ कर दिया। हे भगवान मेरे लिये बस २… इन दोनो भाई–बहन की तो ऐसी की तैसी..."


जाहिर सी बात थी सोचने की गति गुरुत्वाकर्षण की गति से ज्यादा थी। अलबेली ने कोई स्टेप नही लिया बल्कि सर के ऊपर से २ वुल्फ नीचे लैंड कर रहे थे। दोनो अपना पंजा फैलाए अलबेली को पंजा मारने के लिये बेकरार। अलबेली अपने हाथ फैलाकर दोनो के पंजे में अपना पंजा फसायी और दौड़ लगा दी। ठीक उसी प्रकार जैसे कटी पतंग के जमीन पर गिड़ने से पहले उसकी डोर को पकड़ कर बच्चे पतंग को लेकर दौड़ते है, ठीक उसी प्रकार दोनो वुल्फ के हाथ को जकड़कर दौड़ रही थी।


अब दोनो वुल्फ पतंग तो थे नहीं जो हवा में उड़ते ही रहते। अलबेली ने पंजा फसाया और दौड़ लगा दी। झटके से उन दोनो वुल्फ का हाथ खींच गया और जमीन पर घिसटाते जा रहे थे। अलबेली 4 कदम दौड़ लगायी। 4 कदम झुंड बनाकर घेर रहे वुल्फ ने दौड़ लगाया। दोनो ही आमने–सामने और अलबेली ने दोनो वुल्फ को उठा–उठा कर ढेर पेठ दूसरे वुल्फ के ऊपर पटकने लगी। अलबेली इतनी आसानी से उन वजनी वोल्फ के हाथ को पकड़ कर दूसरे वुल्फ पर पटक रही थी जैसे उसने हाथों से डंडा पकड़ रखी थी।


शुरू से माहोल को देखा जाये तो लूकस के पैक ने लड़ाई का बिगुल फूंककर हमला बोल दिया। कई वोल्फ हवा में छलांग लगाकर तीनो के ऊपर खतरनाक पंजे का वार करने वाले थे। वहीं बचे वुल्फ तीनो को चारो ओर से घेरकर झुंड बनाकर मारने के इरादे से दौड़ लगा दिये। जवाबी हमले में तीनो भी फुर्ती दिखाते हमला कर दिये। क्षण भर समय अंतराल में पहले ओजल फिर इवान और अंत में अलबेली ने तेजी से हमला शुरु कर दिया। ओजल और इवान हवा में हमला करने के बाद जबतक दौड़कर सामने पहुंचते, पूरी भीड़ पर अकेली अलबेली भारी पड़ गयी।


दोनो हाथ में एक क्विंटल से ज्यादा वजनी वोल्फ को किसी डंडे की तरह इस्तमाल करते, दूसरे वोल्फ के ऊपर उतनी ही तेजी से पटक रही थी जितनी तेजी से भिड़ पर डंडे बरसाए जा सकते थे। पूरी भिड़ घायल होकर मैदान में बड़ी तेजी से बिछ रही थी। ओजल को लग गया की अलबेली अब पूरा मैदान अकेली ही साफ कर देगी, तब उसने कर्राह रहे लूकस को बिछे घायल वुल्फ की भीड़ से निकाला। उसके गर्दन को दबोचकर हवा में उठाई... "क्यों भाई आ गया स्वाद। बताओ लौंडों की लड़ाई में अपने बुजुर्ग वोल्फ तक को मार खिला रहे। शर्म से डूब मर।"


इतना कहकर ओजल अपना हाथ झटक कर लूकस को मुंह के बल ही मिट्टी पर गिड़ा दी। पीठ के ऊपर से कपड़े को फाड़कर लूकस के पीठ पर वुल्फ पैक के निशान को बनाती.… "अगली बार पिछवाड़े में कीड़े कुलबुलाए तो पीछे पीठ पर ये निशान देख लेना। साले तेरे इलाके में नही घुसे फिर भी तुझे अपने पैक का इतना घमंड की मेरे भाई और दोस्त के पीठ पर ब्लेड चलाए"…


अपनी गुस्से से भरी प्रतिक्रिया देने के बाद ओजल ने उसके पिछवाड़े पर जमाकर एक लात मारी और इवान के पास आकर खड़ी हो गयी। पीछे से भिड़ साफ करके अलबेली भी उनके साथ खड़ी होती... "हां तो दोनो बईमान स्कोर क्या हुआ है?"


इवान और ओजल दोनो अपने हाथ जोड़ते.… "बजरंगबली की स्त्री अवतार तुम्हारा स्कोर सबसे आगे।"


अलबेली चिल्लाती हुई.… "हां भाई विपक्षी, लड़ने के लिये कोई बचा है क्या?"..
Nice and lovely update...👌👌👌👌
 
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