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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–99





"आग तो तूफानी है जानू पर मज़ा बिस्तर ही देगा। आराम से एक मैराथन सेशन के बाद वो मुलायम सी बिस्तर। फिर एक दूसरे से चिपक कर सोने का जो मज़ा है ना, वो यहां नहीं मिलेगा। आग को और भड़कने दो।"…. अलबेली खिलखिलाती हंसी के साथ अपनी बात पूरी कि, और आंख मारती अपना हाथ सीने से हटाई।


इवान, झटके से अलबेली का हाथ खींचकर होंठ से होंठ लगाकर छोटा सा चुम्बन लेते... "अब तुम्हारी इस शरारत पर तो जी करता है दिल चिड़कर निकाल दूं। तुम्हारा प्लान ज्यादा मजेदार है। अभी चलें उस पागल को देखने। आज पक्का बॉस से डांट खिलवाएगी।"


दोनों वापस से दौड़ लगा चुके थे। हां लेकिन इस बार दोनों हाथ में हाथ डाले दौर रहे थे और बीच बीच में होटों पर छोटा, किन्तु प्यार चुम्बन लेते–देते भी चल रहे थे। जंगल के बीच एक बड़ा सा मैदान था। मैदान के एक किनारे बैठने के लिए एक ऊंचा पत्थर रखा हुआ था, उसी के ऊपर ओजल बैठी थी और ठीक नीचे पैक का निशान।


अलबेली और इवान जैसे ही वहां पहुंचे, दोनों गुस्से से घुरकर देखने लगे। ओजल दोनों को एक नजर देखती.… "दोनो को शर्म तो नहीं आती ना। हमेशा मेरे सामने चिपके रहते हो।"


अलबेली और इवान, ओजल को बीच में लेकर कंधे पर हाथ डालते... इवान, ओजल के गाल को चूमते…. "क्या हुआ मेरी ट्विन सिस को? आज उखड़ी क्यों है?"


इधर दूसरे किनारे से अलबेली ओजल के गाल को चूमती... "क्या हुआ मेरी लफ्ते जिगर मित्रा को? सच मे इतनी उखड़ी क्यों है?"


ओजल:- फीलिंग बैड... तुम दोनो जब एक साथ होते हो तो मुझे इग्नोर करते हो। मुझे अच्छा नहीं लगता। दिल जलता है।


इवान, ओजल के गाल को खिंचते… "प्लीज ऐसे मायूस ना हो, दिल में दर्द होता है।"


ओजल:- छोड़ ना... झूठा प्यार मत दिखा... हम पैक मे नहीं होते तो तू मुझे छोड़कर जा चुका होता.… तहखाने मे बंद थे तब भी उतना फील नहीं होता था। इवान अब तो तू मेरे पास भी नहीं बैठता।


अलबेली को जब परिस्थिति का कुछ आभास हुआ तब वो ओजल के पास से हट गयी। उन दोनों को थोड़ा स्पेस देना ही बेहतर समझी। इधर इवान, ओजल के सर को सीने से लगाकर उसके गाल को थप–थपाते…. "याद है आई … सॉरी भूमि दीदी क्या कहती थी? तुम्हारे आर्य भैया आएंगे तब हो सकता है ये कैद ना रहे। वो तुम्हे इतना घुमाएंगे की एक दिन तुम खुद थक कर कह दोगी चलो घर वापस चलते है। जो भी तुम्हारा बचपन खोया है, जितनी भी तकलीफें तुमने यहां झेली है, महज कुछ दिनों में सारे गीले दूर हो जाएंगे।"…


ओजल, इवान को झटक कर सीधी होकर बैठती... "हां तो भूमि दीदी ने क्या ग़लत कहा था। बॉस के बारे में सही ही तो कह रही थी। ओह समझी तू तभी तक साथ था जब तक हम उस तहखाने मे थे, उसके बाद तेरी मेरी दुनिया अलग। यही ना..."


इवान, ओजल का सर ठोकते... "मूर्ख कहीं की.. तुम लड़कियों के अक्ल पर पर्दा ही पड़ा रहेगा।"..


ओजल:- हां तू ही समझदार है ना... जा ना फिर अपनी गर्लफ्रेंड के पास...


वो लूकस नामक प्राणी और 30 वोल्फ के साथ उनके तरफ ही आ रहा था। अलबेली कुछ दूर आगे चली आयी थी, लेकिन इनके कान काफी लंबी दूरी तक सुन सकने में सक्षम थे। ओजल भावनाओं मे बिल्कुल गुम थी। सामने क्या चल रहा है वो देख और समझ रही थी लेकिन अंदर की भावना आज इस प्रकार से फूटी थी कि ओजल बस उसी में गमगीन थी। खुद को लगातार इग्नोर किये जाने की वजह से उसका कलेजा जैसे फट गया था।


अलबेली पीछे मुड़कर इवान को देखी। चेहरे कि मुस्कुराहट इतना ही बयां कर रही थी... "तुम ओजल पर ध्यान दो, मैं इन्हे देखती हूं।"


वो लूकस अपने साथियों को काफी पीछे छोड़ काफी तेजी से आया और सीधा अलबेली का गला पकड़ने के लिये हाथ आगे बढ़ाया ही था कि अलबेली खींच कर उसे एक झन्नाटेदार थप्पड़ लगाती हुई, अल्फा की दहाड़ अंदर से निकाली। पूरी कि पूरी भीड़ सन्न और अपनी जगह पर रुकने को विवश।


"कितना चिल्ला रही हो स्वीटी थोड़ा धीमे आवाज करो ना, हम बात कर रहे है।"… इवान अलबेली से थोड़े ऊंचे सुर मे कहा। अलबेली प्यारा सा अफसोस भरा चेहरा इवान को दिखती धीमे से सॉरी कही।


ओजल:- छोड़ ना ज्यादा प्यार ना दिखा...


इवान:- मैं कोई सफाई ही नहीं दूंगा अब माफ कर दे मेरी ग़लती है।


ओजल:- इवानननननननन


ओजल:- नहीं इतना छोटा नहीं। कुछ तो ऐसा बोल जो दिल को सुकून मिले। बात खत्म मत कर..


इवान:- नहीं, तू जो सोचे वो सही। मै नहीं चाहता कि मुझे सुनकर तू कुछ अफसोस करे। तुझे लगे की नहीं मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए था। एक बात जो नहीं बदलेगी वो ये की मैंने तुम्हे मायूस किया। थोड़ा बुरा लग रहा है...


ओजल:- इवानननननननन


इवान:- मै बस तुझे खुलकर जीने के लिए छोड़ दिया था। तुम्हारी अपनी मर्जी की जिंदगी जिसके अंदर तेरे अच्छे और बुरे दोनो ही फैसले मे मैं तुम्हारे साथ खड़ा मिलूंगा। बस यही वजह थी। पहले तू मेरी दुनिया हुई, फिर उसमें बॉस आया। वहां से रूही दीदी और अलबेली मिली। खुलकर जी रहे हैं और क्या चाहिए। तू खुश थी, और क्या चाहिए। हां अभी थोड़ा दर्द हो रहा है। मुझे तेरे साथ बैठना चाहिए था, पर क्या करूं शायद पहली बार किसी से प्यार हुआ है ना इसलिए अलबेली को भी खोने का डर लगा रहता है। वैसे भी पहले ही मैंने अपने रिश्ते की शुरवात कुछ अच्छी नहीं कि।


ओजल, इवान का चेहरा दोनों हाथ से थामकर, उसके आंसू पोंछती… "आह्हहह, सुकून सा मिला तेरी बात सुनकर। क्या करूं भाई दिमाग सब समझता है लेकिन दिल बिना पूरी बात सुने मानता ही नहीं है। अलबेली बहुत प्यारी है। बस मुझे तुम दोनो को देखकर डर लगता है। कहीं एक दूसरे को छोड़कर किसी और को ना पसंद कर लो.."


इवान:- पागल... हम जानवर नहीं है समझी। हम विशेष इंसान है। हां थोड़ा खुला कल्चर एडॉप्ट किया है, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हमारी पूर्व की जिंदगी ने ही हमारे हर खुशी के साथ बेईमानी कर लिया इसलिए अब खुलकर जीते है और एक दूसरे के इमोशंस के साथ बेईमानी नहीं करते...


ओजल:- अब ऐसे हर बात पर रोया मत कर। मुझे रोना अच्छा नहीं लगता।


इवान:- तुझे ही पूरी बात सुननी थी ना। अब मुझे रोना आ रहा है थी तू क्यूं रो रही। तुझे रोने के लिये कहा क्या?


ओजल:- मै नहीं रोती तू ही रुलाता है। चुप हो जा वो देख इनका अल्फा आ गया। मै बात करूंगी इनके अल्फा से, तुम दोनो इनके बिटा को कंट्रोल करो।


ओजल और इवान अपने मिलाप में मशगूल थे जबतक विपक्षी वुल्फ पैक के सभी सदस्य लंबी कतार में अलबेली के ठीक सामने खड़े हो चुके थे। उनका मुखिया भी सामने आ कर खड़ी हो गयी। ओजल, इवान को कह ही रही थी कि मैं बात करूंगी, तभी उस माहौल में भीषण आवाज शुरू हो गई। अलबेली अपने वुल्फ साउंड से अकेली ही अपनी पहचान बताने लगी। उसके बाद जो आवाज निकली वो तो मिलो तक सुनाई दे। अल्फा पैक के 3 टीन अल्फा ने एक साथ वुल्फ साउंड लगाया। सबसे आगे अलबेली खड़ी थी और उसके ठीक पीछे दाएं और बाएं से ओजल और इवान खड़े थे।


सामने से चली आ रही विपक्षी पैक की मुखिया ने जवाबी वुल्फ साउंड दिया। क्या दहाड़ थी उस मुखिया की। तीनो टीन वुल्फ की दहाड़ पर वो अकेला भारी। अपने मुखिया की दहाड़ पर विपक्षी वुल्फ पैक के सभी वुल्फ हमला करने की मुद्रा अपना चुके थे। एक ओर 3 टीन अल्फा और दूसरे ओर लगभग 42–45 वुल्फ का झुंड। दोनो ग्रुप आमने–सामने एक दूसरे को देखकर आंखों से अंगारे बरसा रहे थे। तभी सामने के पैक के मुखिया ने एक और दहाड़ लगाई। ये लड़ाई को शुरवात करने का संकेत था। एक साथ सभी वुल्फ दौड़ पड़े। 42–45 के इस वुल्फ पैक में 1 अल्फा नही था बल्कि मुखिया को छोड़कर 8 अल्फा थे, और खुद मुखिया एक फर्स्ट अल्फा।


अल्फा पैक, विपक्षी पैक के मुखिया की दहाड़ को सुनकर समझ चुके थे कि उनका सामना एक फर्स्ट अल्फा के पैक से हुआ है। वैसे फर्स्ट अल्फा के पैक की जानकारी होने के बाद जितने तीनो टीन वुल्फ हैरान थे उस से कहीं ज्यादा वह फर्स्ट अल्फा हैरान थी। क्योंकि फर्स्ट अल्फा की पहली दहाड़ अपने पैक में जोश भरने के साथ–साथ सामने खड़े 3 टीन अल्फा को अपनी आवाज से घुटने पर लाना भी था। किंतु अल्फा पैक के वोल्फ को घुटने पर लाना इतना आसान था क्या? जब तीनो घुटने पर नही आये तब फर्स्ट अल्फा ने दूसरी दहाड़ के साथ युद्ध का बिगुल फूंक दिया। इवान विपक्षी पैक को अपने ओर बढ़ते देख.… "ऐसा नहीं लग रहा की हमने गलत पंगा ले लिया"।


अलबेली, इवान का हाथ थमती.… "अब तो पंगे ले लिया जानेमन। देखते हैं किसमे कितना है दम।"


दूसरी ओर से ओजल, इवान का हाथ थामती.… "हम प्रशिक्षित है और ये केवल भीड़। अपना स्किल लगा दो। इतने दिन टॉक्सिक क्यों जमा किया है। पंजों में सारा जहर उतार लो और कितनो को मारे उसकी गिनती मत भूलना। आज तो हाई स्कोर मेरा ही होगा।


अलबेली और इवान दोनो ओजल को घूरते.… "ऐसा क्या.."


ओजल ने लड़ाई का तरीका बताया और दहारती हुई खुद सबसे आगे निकली। उसे आगे निकलता देख पीछे से इवान और अलबेली भी दहारते हुए लड़ाई के मैदान में कूद गये। तीनों के ही पंजे बिलकुल काले दिख रहे थे। कई धमनियों के रक्त प्रवाह हथेली के ओर ही बह रही थी।


देखते ही देखते 2 अल्फा के साथ कई सारे बीटा, तीनो पर एक साथ कूद गये। ऐसा लगा जैसे बंदरों का झुंड हवा में है। बचे हुये अल्फा–बीटा तेजी से फैलकर तीनो को घेर लिये और झुंड में उन्हें नोचने के लिये तेजी से बढ़े। ऊपर आकाश वुल्फ से ढका, नीचे जमीन वुल्फ से घिरा। अपना अल्फा पैक भी कहां कमजोर थी। प्रशिक्षण ने तो जैसे इन्हे वेयरवोल्फ समुदाय के बीच का सुपरनेचुरल वेयरवोल्फ बना डाला था।


ओजल तुरंत अपना शेप शिफ्ट करके 2 कदम पीछे ली और 2 कदम के छोटे से दौर पर थोड़ा ऊंचा छलांग लगा चुकी थी। जो ही हवा में उसने धाएं–धाएं अपना किक चलाया... नीचे आने से पहले वह हवा में 2 किक और 3 घुसे चला चुकी थी। जिन 2 उड़ते वुल्फ को किक पड़ी वो तो हवा में इस प्रकार उड़े, जैसे किसी फुटबॉल को किक किया हो। नीचे जमीन पर दौड़ रहे वुल्फ की झुंड अपने जगह पर रुक कर, सर के ऊपर से वोल्फ को हवा में उड़ते देख रहे थे। वहीं जिन्हे घुसे पड़े वह अपने छाती, जबड़ा और शरीर का वह अंग पकड़े नीचे गिड़े जहां ओजल का घुसा पड़ा था।


अब ओजल 5 की गिनती पर थी तो इवान भी कहां पीछे रहने वाला था। एक ओर से ओजल ने उड़ती भीड़ साफ किया तो दूसरी ओर से इवान ने। जो वुल्फ खड़े होकर हवा में उड़ते वुल्फ का नजारा ले रहे थे उनके लिये तो आज डबल मजा था। क्योंकि ठीक दूसरी दिशा से भी वुल्फ उड़ते हुये नजर आ रहे थे। इवान ने भी 2 को किक और 3 को घुसे मारकर उनकी हड्डी पसली तोड़ डाली।


अलबेली गुस्से से नाक सिकोड़ती.… "कमीनो.. दोनो–भाई बहन ने मिलकर आगे और पीछे का भीड़ साफ कर दिया। हे भगवान मेरे लिये बस २… इन दोनो भाई–बहन की तो ऐसी की तैसी..."


जाहिर सी बात थी सोचने की गति गुरुत्वाकर्षण की गति से ज्यादा थी। अलबेली ने कोई स्टेप नही लिया बल्कि सर के ऊपर से २ वुल्फ नीचे लैंड कर रहे थे। दोनो अपना पंजा फैलाए अलबेली को पंजा मारने के लिये बेकरार। अलबेली अपने हाथ फैलाकर दोनो के पंजे में अपना पंजा फसायी और दौड़ लगा दी। ठीक उसी प्रकार जैसे कटी पतंग के जमीन पर गिड़ने से पहले उसकी डोर को पकड़ कर बच्चे पतंग को लेकर दौड़ते है, ठीक उसी प्रकार दोनो वुल्फ के हाथ को जकड़कर दौड़ रही थी।


अब दोनो वुल्फ पतंग तो थे नहीं जो हवा में उड़ते ही रहते। अलबेली ने पंजा फसाया और दौड़ लगा दी। झटके से उन दोनो वुल्फ का हाथ खींच गया और जमीन पर घिसटाते जा रहे थे। अलबेली 4 कदम दौड़ लगायी। 4 कदम झुंड बनाकर घेर रहे वुल्फ ने दौड़ लगाया। दोनो ही आमने–सामने और अलबेली ने दोनो वुल्फ को उठा–उठा कर ढेर पेठ दूसरे वुल्फ के ऊपर पटकने लगी। अलबेली इतनी आसानी से उन वजनी वोल्फ के हाथ को पकड़ कर दूसरे वुल्फ पर पटक रही थी जैसे उसने हाथों से डंडा पकड़ रखी थी।


शुरू से माहोल को देखा जाये तो लूकस के पैक ने लड़ाई का बिगुल फूंककर हमला बोल दिया। कई वोल्फ हवा में छलांग लगाकर तीनो के ऊपर खतरनाक पंजे का वार करने वाले थे। वहीं बचे वुल्फ तीनो को चारो ओर से घेरकर झुंड बनाकर मारने के इरादे से दौड़ लगा दिये। जवाबी हमले में तीनो भी फुर्ती दिखाते हमला कर दिये। क्षण भर समय अंतराल में पहले ओजल फिर इवान और अंत में अलबेली ने तेजी से हमला शुरु कर दिया। ओजल और इवान हवा में हमला करने के बाद जबतक दौड़कर सामने पहुंचते, पूरी भीड़ पर अकेली अलबेली भारी पड़ गयी।


दोनो हाथ में एक क्विंटल से ज्यादा वजनी वोल्फ को किसी डंडे की तरह इस्तमाल करते, दूसरे वोल्फ के ऊपर उतनी ही तेजी से पटक रही थी जितनी तेजी से भिड़ पर डंडे बरसाए जा सकते थे। पूरी भिड़ घायल होकर मैदान में बड़ी तेजी से बिछ रही थी। ओजल को लग गया की अलबेली अब पूरा मैदान अकेली ही साफ कर देगी, तब उसने कर्राह रहे लूकस को बिछे घायल वुल्फ की भीड़ से निकाला। उसके गर्दन को दबोचकर हवा में उठाई... "क्यों भाई आ गया स्वाद। बताओ लौंडों की लड़ाई में अपने बुजुर्ग वोल्फ तक को मार खिला रहे। शर्म से डूब मर।"


इतना कहकर ओजल अपना हाथ झटक कर लूकस को मुंह के बल ही मिट्टी पर गिड़ा दी। पीठ के ऊपर से कपड़े को फाड़कर लूकस के पीठ पर वुल्फ पैक के निशान को बनाती.… "अगली बार पिछवाड़े में कीड़े कुलबुलाए तो पीछे पीठ पर ये निशान देख लेना। साले तेरे इलाके में नही घुसे फिर भी तुझे अपने पैक का इतना घमंड की मेरे भाई और दोस्त के पीठ पर ब्लेड चलाए"…


अपनी गुस्से से भरी प्रतिक्रिया देने के बाद ओजल ने उसके पिछवाड़े पर जमाकर एक लात मारी और इवान के पास आकर खड़ी हो गयी। पीछे से भिड़ साफ करके अलबेली भी उनके साथ खड़ी होती... "हां तो दोनो बईमान स्कोर क्या हुआ है?"


इवान और ओजल दोनो अपने हाथ जोड़ते.… "बजरंगबली की स्त्री अवतार तुम्हारा स्कोर सबसे आगे।"


अलबेली चिल्लाती हुई.… "हां भाई विपक्षी, लड़ने के लिये कोई बचा है क्या?"..
 
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nain11ster

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Superb update bhai par ye aap ne action suru hone ke bich me hi romance suru kar diya waiting for next update
Nahi aapne gaur nahi kiya... 2 update pahle romance aur family time chal raha tha.... Action kab hone wala hai uski suchna to bich me aayi aur uske baad fir se romance continue:D
 

nain11ster

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लूकस ने आज अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती कर दी, ओजल से पंगा ले कर। पहले इवान और अलबेली को घायल करना और फिर ओजल को मारना और धमकी देना।

अब ओजल सिर्फ चुनौती के निशान ही बनाएगी या फिर आज ही लड़ाई भी करेगी या फिर पूरा पैक लड़ने आयेगा।

nain11ster नैनू भाई एक सवाल दिमाग में गूंज रहा है कि आर्य जन्म से ही वेरवोल्फ था बस लोपचे के काटने से वो व्यक्तित्व जाग्रत हुआ, ऐसा बॉब की बातो से भी लगा था तो
  • क्या आर्य के दादाजी ये बात पहले से ही जानते थे इसीलिए उसके जन्म से पहले से सात्विक जीवन पद्धति का प्रयोग शुरू हो गया था?
  • अगर आर्य जन्म से वेरवॉल्फ है और केशव वेरवॉल्फ नही है तो क्या जया में ये अनुवांशिक गुण है या किसी और वजह से आर्य में ये गुण जन्मे पहले से आए है?
Lucas tera kya hoga use dekhne ke liye update ek chhap gaya hai Amit bhai... Rahi baat aapke sawal ki to...

Pure alfa ek rare warewolf hota hai jo janm se hi warewolf hota hai... Iske gahrai me jayenge to pata chalega ki... Janm se warewolf to wo bhi hote hain jinke maa baap ya dono me se koi ek warewolf hota hai... Lekin aise warewolf beta hi paida lete hain... Jabki Pure Alfa term unke liye aata hai jiske maa baap ke dono khandan me kabhi koi warewolf na raha ho....

Khandan kahne se matlab hai ki ho sakta hai ek warewolf aur insan ke milan se bacche warewolf na bhi ho... Bus aise logon ke liye warewolf term diya jata hai...

Haan upar aapne sahi likha... Suhotr lopche ke kate jane ek wajah thi lekin Germany me jo arya ke sath hua... Wo naad me khun bharna aur aakhri me arya ke khun ko chusna... Is baat ne uske warewolf ki shakti ko purntah trigger kar diya tha...

Arya ke dada ji ko nahi pata tha... Bus jis grah me arya paida le raha tha usi grah me Surpmarich jaise log bhi paida huye the... Aur jis jagah arya paida hua is jagah par hathon ka prabhav ka wah kendr tha isliye guru nishi aur vardhraj jante the ki arya koi mamuli baccha nahi hai...
 

nain11ster

Prime
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Wo kya hai na sir ji
Yahi durdasa. Hai ladko ki real life mai v adhiktar baimaan ladki ke liye dosto mai fight
Eklaf ki jagah ali
Bidu apan main character ke against nhi jayega tyag dega palak badle mai
Ojhal ko leke nikal lunga :boobyattack:
Fir dhundte rahna aap alfa pack ki 1 member ko
Hahahaha.... Ye bhi sahi hai Ojal ko lekar nikalna lekin Ojal rukegi tab na... Wo bhi ja rahi hai...
 

nain11ster

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Shaandar update bhai
Romantic action love
Comic timing gajab hai bhai
Mai to kahta hun
Aise hi update chalta rahe
Ek aur sir jii
Ojhal ke baare jarur soche :vhappy1::vhappy1:
Ojal ke bare me to pahle se socha hai... Ladka uski kismat me na hai... Jab aayega tab bilkul sochunga... Rahi baat update chalta rahe to aaj chalta rahega :D
 

Aadi bhai

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भाग:–99





"आग तो तूफानी है जानू पर मज़ा बिस्तर ही देगा। आराम से एक मैराथन सेशन के बाद वो मुलायम सी बिस्तर। फिर एक दूसरे से चिपक कर सोने का जो मज़ा है ना, वो यहां नहीं मिलेगा। आग को और भड़कने दो।"…. अलबेली खिलखिलाती हंसी के साथ अपनी बात पूरी कि, और आंख मारती अपना हाथ सीने से हटाई।


इवान, झटके से अलबेली का हाथ खींचकर होंठ से होंठ लगाकर छोटा सा चुम्बन लेते... "अब तुम्हारी इस शरारत पर तो जी करता है दिल चिड़कर निकाल दूं। तुम्हारा प्लान ज्यादा मजेदार है। अभी चलें उस पागल को देखने। आज पक्का बॉस से डांट खिलवाएगी।"


दोनों वापस से दौड़ लगा चुके थे। हां लेकिन इस बार दोनों हाथ में हाथ डाले दौर रहे थे और बीच बीच में होटों पर छोटा, किन्तु प्यार चुम्बन लेते–देते भी चल रहे थे। जंगल के बीच एक बड़ा सा मैदान था। मैदान के एक किनारे बैठने के लिए एक ऊंचा पत्थर रखा हुआ था, उसी के ऊपर ओजल बैठी थी और ठीक नीचे पैक का निशान।


अलबेली और इवान जैसे ही वहां पहुंचे, दोनों गुस्से से घुरकर देखने लगे। ओजल दोनों को एक नजर देखती.… "दोनो को शर्म तो नहीं आती ना। हमेशा मेरे सामने चिपके रहते हो।"


अलबेली और इवान, ओजल को बीच में लेकर कंधे पर हाथ डालते... इवान, ओजल के गाल को चूमते…. "क्या हुआ मेरी ट्विन सिस को? आज उखड़ी क्यों है?"


इधर दूसरे किनारे से अलबेली ओजल के गाल को चूमती... "क्या हुआ मेरी लफ्ते जिगर मित्रा को? सच मे इतनी उखड़ी क्यों है?"


ओजल:- फीलिंग बैड... तुम दोनो जब एक साथ होते हो तो मुझे इग्नोर करते हो। मुझे अच्छा नहीं लगता। दिल जलता है।


इवान, ओजल के गाल को खिंचते… "प्लीज ऐसे मायूस ना हो, दिल में दर्द होता है।"


ओजल:- छोड़ ना... झूठा प्यार मत दिखा... हम पैक मे नहीं होते तो तू मुझे छोड़कर जा चुका होता.… तहखाने मे बंद थे तब भी उतना फील नहीं होता था। इवान अब तो तू मेरे पास भी नहीं बैठता।


अलबेली को जब परिस्थिति का कुछ आभास हुआ तब वो ओजल के पास से हट गयी। उन दोनों को थोड़ा स्पेस देना ही बेहतर समझी। इधर इवान, ओजल के सर को सीने से लगाकर उसके गाल को थप–थपाते…. "याद है आई … सॉरी भूमि दीदी क्या कहती थी? तुम्हारे आर्य भैया आएंगे तब हो सकता है ये कैद ना रहे। वो तुम्हे इतना घुमाएंगे की एक दिन तुम खुद थक कर कह दोगी चलो घर वापस चलते है। जो भी तुम्हारा बचपन खोया है, जितनी भी तकलीफें तुमने यहां झेली है, महज कुछ दिनों में सारे गीले दूर हो जाएंगे।"…


ओजल, इवान को झटक कर सीधी होकर बैठती... "हां तो भूमि दीदी ने क्या ग़लत कहा था। बॉस के बारे में सही ही तो कह रही थी। ओह समझी तू तभी तक साथ था जब तक हम उस तहखाने मे थे, उसके बाद तेरी मेरी दुनिया अलग। यही ना..."


इवान, ओजल का सर ठोकते... "मूर्ख कहीं की.. तुम लड़कियों के अक्ल पर पर्दा ही पड़ा रहेगा।"..


ओजल:- हां तू ही समझदार है ना... जा ना फिर अपनी गर्लफ्रेंड के पास...


वो लूकस नामक प्राणी और 30 वोल्फ के साथ उनके तरफ ही आ रहा था। अलबेली कुछ दूर आगे चली आयी थी, लेकिन इनके कान काफी लंबी दूरी तक सुन सकने में सक्षम थे। ओजल भावनाओं मे बिल्कुल गुम थी। सामने क्या चल रहा है वो देख और समझ रही थी लेकिन अंदर की भावना आज इस प्रकार से फूटी थी कि ओजल बस उसी में गमगीन थी। खुद को लगातार इग्नोर किये जाने की वजह से उसका कलेजा जैसे फट गया था।


अलबेली पीछे मुड़कर इवान को देखी। चेहरे कि मुस्कुराहट इतना ही बयां कर रही थी... "तुम ओजल पर ध्यान दो, मैं इन्हे देखती हूं।"



वो लूकस अपने साथियों को काफी पीछे छोड़ काफी तेजी से आया और सीधा अलबेली का गला पकड़ने के लिये हाथ आगे बढ़ाया ही था कि अलबेली खींच कर उसे एक झन्नाटेदार थप्पड़ लगाती हुई, अल्फा की दहाड़ अंदर से निकाली। पूरी कि पूरी भीड़ सन्न और अपनी जगह पर रुकने को विवश।


"कितना चिल्ला रही हो स्वीटी थोड़ा धीमे आवाज करो ना, हम बात कर रहे है।"… इवान अलबेली से थोड़े ऊंचे सुर मे कहा। अलबेली प्यारा सा अफसोस भरा चेहरा इवान को दिखती धीमे से सॉरी कही।


ओजल:- छोड़ ना ज्यादा प्यार ना दिखा...


इवान:- मैं कोई सफाई ही नहीं दूंगा अब माफ कर दे मेरी ग़लती है।


ओजल:- इवानननननननन


ओजल:- नहीं इतना छोटा नहीं। कुछ तो ऐसा बोल जो दिल को सुकून मिले। बात खत्म मत कर..


इवान:- नहीं, तू जो सोचे वो सही। मै नहीं चाहता कि मुझे सुनकर तू कुछ अफसोस करे। तुझे लगे की नहीं मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए था। एक बात जो नहीं बदलेगी वो ये की मैंने तुम्हे मायूस किया। थोड़ा बुरा लग रहा है...


ओजल:- इवानननननननन


इवान:- मै बस तुझे खुलकर जीने के लिए छोड़ दिया था। तुम्हारी अपनी मर्जी की जिंदगी जिसके अंदर तेरे अच्छे और बुरे दोनो ही फैसले मे मैं तुम्हारे साथ खड़ा मिलूंगा। बस यही वजह थी। पहले तू मेरी दुनिया हुई, फिर उसमें बॉस आया। वहां से रूही दीदी और अलबेली मिली। खुलकर जी रहे हैं और क्या चाहिए। तू खुश थी, और क्या चाहिए। हां अभी थोड़ा दर्द हो रहा है। मुझे तेरे साथ बैठना चाहिए था, पर क्या करूं शायद पहली बार किसी से प्यार हुआ है ना इसलिए अलबेली को भी खोने का डर लगा रहता है। वैसे भी पहले ही मैंने अपने रिश्ते की शुरवात कुछ अच्छी नहीं कि।


ओजल, इवान का चेहरा दोनों हाथ से थामकर, उसके आंसू पोंछती… "आह्हहह, सुकून सा मिला तेरी बात सुनकर। क्या करूं भाई दिमाग सब समझता है लेकिन दिल बिना पूरी बात सुने मानता ही नहीं है। अलबेली बहुत प्यारी है। बस मुझे तुम दोनो को देखकर डर लगता है। कहीं एक दूसरे को छोड़कर किसी और को ना पसंद कर लो.."


इवान:- पागल... हम जानवर नहीं है समझी। हम विशेष इंसान है। हां थोड़ा खुला कल्चर एडॉप्ट किया है, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि हमारी पूर्व की जिंदगी ने ही हमारे हर खुशी के साथ बेईमानी कर लिया इसलिए अब खुलकर जीते है और एक दूसरे के इमोशंस के साथ बेईमानी नहीं करते...


ओजल:- अब ऐसे हर बात पर रोया मत कर। मुझे रोना अच्छा नहीं लगता।


इवान:- तुझे ही पूरी बात सुननी थी ना। अब मुझे रोना आ रहा है थी तू क्यूं रो रही। तुझे रोने के लिये कहा क्या?


ओजल:- मै नहीं रोती तू ही रुलाता है। चुप हो जा वो देख इनका अल्फा आ गया। मै बात करूंगी इनके अल्फा से, तुम दोनो इनके बिटा को कंट्रोल करो।


ओजल और इवान अपने मिलाप में मशगूल थे जबतक विपक्षी वुल्फ पैक के सभी सदस्य लंबी कतार में अलबेली के ठीक सामने खड़े हो चुके थे। उनका मुखिया भी सामने आ कर खड़ी हो गयी। ओजल, इवान को कह ही रही थी कि मैं बात करूंगी, तभी उस माहौल में भीषण आवाज शुरू हो गई। अलबेली अपने वुल्फ साउंड से अकेली ही अपनी पहचान बताने लगी। उसके बाद जो आवाज निकली वो तो मिलो तक सुनाई दे। अल्फा पैक के 3 टीन अल्फा ने एक साथ वुल्फ साउंड लगाया। सबसे आगे अलबेली खड़ी थी और उसके ठीक पीछे दाएं और बाएं से ओजल और इवान खड़े थे।


सामने से चली आ रही विपक्षी पैक की मुखिया ने जवाबी वुल्फ साउंड दिया। क्या दहाड़ थी उस मुखिया की। तीनो टीन वुल्फ की दहाड़ पर वो अकेला भारी। अपने मुखिया की दहाड़ पर विपक्षी वुल्फ पैक के सभी वुल्फ हमला करने की मुद्रा अपना चुके थे। एक ओर 3 टीन अल्फा और दूसरे ओर लगभग 42–45 वुल्फ का झुंड। दोनो ग्रुप आमने–सामने एक दूसरे को देखकर आंखों से अंगारे बरसा रहे थे। तभी सामने के पैक के मुखिया ने एक और दहाड़ लगाई। ये लड़ाई को शुरवात करने का संकेत था। एक साथ सभी वुल्फ दौड़ पड़े। 42–45 के इस वुल्फ पैक में 1 अल्फा नही था बल्कि मुखिया को छोड़कर 8 अल्फा थे, और खुद मुखिया एक फर्स्ट अल्फा।


अल्फा पैक, विपक्षी पैक के मुखिया की दहाड़ को सुनकर समझ चुके थे कि उनका सामना एक फर्स्ट अल्फा के पैक से हुआ है। वैसे फर्स्ट अल्फा के पैक की जानकारी होने के बाद जितने तीनो टीन वुल्फ हैरान थे उस से कहीं ज्यादा वह फर्स्ट अल्फा हैरान थी। क्योंकि फर्स्ट अल्फा की पहली दहाड़ अपने पैक में जोश भरने के साथ–साथ सामने खड़े 3 टीन अल्फा को अपनी आवाज से घुटने पर लाना भी था। किंतु अल्फा पैक के वोल्फ को घुटने पर लाना इतना आसान था क्या? जब तीनो घुटने पर नही आये तब फर्स्ट अल्फा ने दूसरी दहाड़ के साथ युद्ध का बिगुल फूंक दिया। इवान विपक्षी पैक को अपने ओर बढ़ते देख.… "ऐसा नहीं लग रहा की हमने गलत पंगा ले लिया"।


अलबेली, इवान का हाथ थमती.… "अब तो पंगे ले लिया जानेमन। देखते हैं किसमे कितना है दम।"


दूसरी ओर से ओजल, इवान का हाथ थामती.… "हम प्रशिक्षित है और ये केवल भीड़। अपना स्किल लगा दो। इतने दिन टॉक्सिक क्यों जमा किया है। पंजों में सारा जहर उतार लो और कितनो को मारे उसकी गिनती मत भूलना। आज तो हाई स्कोर मेरा ही होगा।


अलबेली और इवान दोनो ओजल को घूरते.… "ऐसा क्या.."


ओजल ने लड़ाई का तरीका बताया और दहारती हुई खुद सबसे आगे निकली। उसे आगे निकलता देख पीछे से इवान और अलबेली भी दहारते हुए लड़ाई के मैदान में कूद गये। तीनों के ही पंजे बिलकुल काले दिख रहे थे। कई धमनियों के रक्त प्रवाह हथेली के ओर ही बह रही थी।


देखते ही देखते 2 अल्फा के साथ कई सारे बीटा, तीनो पर एक साथ कूद गये। ऐसा लगा जैसे बंदरों का झुंड हवा में है। बचे हुये अल्फा–बीटा तेजी से फैलकर तीनो को घेर लिये और झुंड में उन्हें नोचने के लिये तेजी से बढ़े। ऊपर आकाश वुल्फ से ढका, नीचे जमीन वुल्फ से घिरा। अपना अल्फा पैक भी कहां कमजोर थी। प्रशिक्षण ने तो जैसे इन्हे वेयरवोल्फ समुदाय के बीच का सुपरनेचुरल वेयरवोल्फ बना डाला था।


ओजल तुरंत अपना शेप शिफ्ट करके 2 कदम पीछे ली और 2 कदम के छोटे से दौर पर थोड़ा ऊंचा छलांग लगा चुकी थी। जो ही हवा में उसने धाएं–धाएं अपना किक चलाया... नीचे आने से पहले वह हवा में 2 किक और 3 घुसे चला चुकी थी। जिन 2 उड़ते वुल्फ को किक पड़ी वो तो हवा में इस प्रकार उड़े, जैसे किसी फुटबॉल को किक किया हो। नीचे जमीन पर दौड़ रहे वुल्फ की झुंड अपने जगह पर रुक कर, सर के ऊपर से वोल्फ को हवा में उड़ते देख रहे थे। वहीं जिन्हे घुसे पड़े वह अपने छाती, जबड़ा और शरीर का वह अंग पकड़े नीचे गिड़े जहां ओजल का घुसा पड़ा था।


अब ओजल 5 की गिनती पर थी तो इवान भी कहां पीछे रहने वाला था। एक ओर से ओजल ने उड़ती भीड़ साफ किया तो दूसरी ओर से इवान ने। जो वुल्फ खड़े होकर हवा में उड़ते वुल्फ का नजारा ले रहे थे उनके लिये तो आज डबल मजा था। क्योंकि ठीक दूसरी दिशा से भी वुल्फ उड़ते हुये नजर आ रहे थे। इवान ने भी 2 को किक और 3 को घुसे मारकर उनकी हड्डी पसली तोड़ डाली।


अलबेली गुस्से से नाक सिकोड़ती.… "कमीनो.. दोनो–भाई बहन ने मिलकर आगे और पीछे का भीड़ साफ कर दिया। हे भगवान मेरे लिये बस २… इन दोनो भाई–बहन की तो ऐसी की तैसी..."


जाहिर सी बात थी सोचने की गति गुरुत्वाकर्षण की गति से ज्यादा थी। अलबेली ने कोई स्टेप नही लिया बल्कि सर के ऊपर से २ वुल्फ नीचे लैंड कर रहे थे। दोनो अपना पंजा फैलाए अलबेली को पंजा मारने के लिये बेकरार। अलबेली अपने हाथ फैलाकर दोनो के पंजे में अपना पंजा फसायी और दौड़ लगा दी। ठीक उसी प्रकार जैसे कटी पतंग के जमीन पर गिड़ने से पहले उसकी डोर को पकड़ कर बच्चे पतंग को लेकर दौड़ते है, ठीक उसी प्रकार दोनो वुल्फ के हाथ को जकड़कर दौड़ रही थी।


अब दोनो वुल्फ पतंग तो थे नहीं जो हवा में उड़ते ही रहते। अलबेली ने पंजा फसाया और दौड़ लगा दी। झटके से उन दोनो वुल्फ का हाथ खींच गया और जमीन पर घिसटाते जा रहे थे। अलबेली 4 कदम दौड़ लगायी। 4 कदम झुंड बनाकर घेर रहे वुल्फ ने दौड़ लगाया। दोनो ही आमने–सामने और अलबेली ने दोनो वुल्फ को उठा–उठा कर ढेर पेठ दूसरे वुल्फ के ऊपर पटकने लगी। अलबेली इतनी आसानी से उन वजनी वोल्फ के हाथ को पकड़ कर दूसरे वुल्फ पर पटक रही थी जैसे उसने हाथों से डंडा पकड़ रखी थी।


शुरू से माहोल को देखा जाये तो लूकस के पैक ने लड़ाई का बिगुल फूंककर हमला बोल दिया। कई वोल्फ हवा में छलांग लगाकर तीनो के ऊपर खतरनाक पंजे का वार करने वाले थे। वहीं बचे वुल्फ तीनो को चारो ओर से घेरकर झुंड बनाकर मारने के इरादे से दौड़ लगा दिये। जवाबी हमले में तीनो भी फुर्ती दिखाते हमला कर दिये। क्षण भर समय अंतराल में पहले ओजल फिर इवान और अंत में अलबेली ने तेजी से हमला शुरु कर दिया। ओजल और इवान हवा में हमला करने के बाद जबतक दौड़कर सामने पहुंचते, पूरी भीड़ पर अकेली अलबेली भारी पड़ गयी।


दोनो हाथ में एक क्विंटल से ज्यादा वजनी वोल्फ को किसी डंडे की तरह इस्तमाल करते, दूसरे वोल्फ के ऊपर उतनी ही तेजी से पटक रही थी जितनी तेजी से भिड़ पर डंडे बरसाए जा सकते थे। पूरी भिड़ घायल होकर मैदान में बड़ी तेजी से बिछ रही थी। ओजल को लग गया की अलबेली अब पूरा मैदान अकेली ही साफ कर देगी, तब उसने कर्राह रहे लूकस को बिछे घायल वुल्फ की भीड़ से निकाला। उसके गर्दन को दबोचकर हवा में उठाई... "क्यों भाई आ गया स्वाद। बताओ लौंडों की लड़ाई में अपने बुजुर्ग वोल्फ तक को मार खिला रहे। शर्म से डूब मर।"


इतना कहकर ओजल अपना हाथ झटक कर लूकस को मुंह के बल ही मिट्टी पर गिड़ा दी। पीठ के ऊपर से कपड़े को फाड़कर लूकस के पीठ पर वुल्फ पैक के निशान को बनाती.… "अगली बार पिछवाड़े में कीड़े कुलबुलाए तो पीछे पीठ पर ये निशान देख लेना। साले तेरे इलाके में नही घुसे फिर भी तुझे अपने पैक का इतना घमंड की मेरे भाई और दोस्त के पीठ पर ब्लेड चलाए"…


अपनी गुस्से से भरी प्रतिक्रिया देने के बाद ओजल ने उसके पिछवाड़े पर जमाकर एक लात मारी और इवान के पास आकर खड़ी हो गयी। पीछे से भिड़ साफ करके अलबेली भी उनके साथ खड़ी होती... "हां तो दोनो बईमान स्कोर क्या हुआ है?"


इवान और ओजल दोनो अपने हाथ जोड़ते.… "बजरंगबली की स्त्री अवतार तुम्हारा स्कोर सबसे आगे।"


अलबेली चिल्लाती हुई.… "हां भाई विपक्षी, लड़ने के लिये कोई बचा है क्या?"..
Nain bhai aane vaale update s ka demo to mjedar h bs ab jldi se update de do ab wait nhi hota vaise Albeli ne to aaj choko or chakko ki barish hi kr di kya dhasu idea diya or baaji khud mar gyi cheating bolte hain bhai esko or yha aapki story me cheating allowed nhi h vo b etne chote str ki agr cheating hi krni h to high level pr krvaya kro tbhi asli mja aata h
 
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