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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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भाग:–91





रूही आर्यमणि से खुशी-खुशी विदा ली। बॉब और लॉस्की ने उनका वापस पहुंचने का इंतजाम कर दिया था और कुछ ही घंटो में ये लोग बर्कले, कार्लीफिर्निया में थे। जैसे ही सभी पहुंचे रूही को छोड़कर तीनों टीन वुल्फ एक कमरे में। ओजल, अपने भाई को घूरती हुई… "ये तेरे और अलबेली के बीच क्या चल रहा है?"..


"ये बच्चो के जानने की बातें नहीं है, इसे मै हैंडल करूंगी, अपने तरीके से"… अलबेली, ओजल को आंख मारती हुई कहने लगी। बेचारी ओजल वहां से नीचे आने में अपनी भलाई समझी। वो दोनो को घूरती हुई नीचे लिविंग रूम में आकर रूही के पास बैठ गई।


रूही:- तुझे क्या हुआ, ऐसे मुंह क्यों उतरा हुआ है।


ओजल:- दीदी, तुम्हे नहीं लगता अपने पैक में एक लड़के कि कमी है। बॉस को बोलो ना एक पैक में एक लड़का लेले।


रूही, बड़ी सी आंखें करके उसकी ओर देखती हुई… "मतलब ऊपर वो दोनो।" रूही इतना ही कह पायी फिर कुछ सोचती हुई… "तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रैंड है क्या?"


"छोड़ो, कहीं घूम कर आते है.."… ओजल के चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकती थी।


रूही:- क्या हुआ, मुझसे नहीं बताएगी तो तुम्हारी समस्या का समाधान कैसे मिलेगा।


ओजल:- मुझे ना एक लड़का पसंद है।..


रूही:- हां ठीक है तू थोड़ी मायूस है, थोड़ी झिझक भी हो रही है। एक काम कर आंख मूंद और सारी बातें कह दे।


ओजल:- हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते है। वो उसने मुझे किस्स भी किया था, और मुझे काफी अच्छा भी लगा था। फिर..


रूही:- हां अब इतना बता दिया तो आगे भी तो बोल..


ओजल:- फिर क्या, मेरे नाखून उसके कमर से घुसते घुसते रह गए। धड़कन इतनी बढ़ी थी कि मैं वुल्फ में शिफ्ट कर रही थी। और जब खुद को काबू की तो सब मज़ा ही खत्म हो गया। उन दोनों के पास तो ऑप्शन है इसलिए आपस में लग गये। मैं क्या बिना लड़के के ही रह जाऊंगी? क्या मेरा कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं होगा? मेरी भी फीलिंग्स है। मेरा भी कोई ब्वॉयफ्रैंड हो उसके साथ घूमना चाहती हूं, किस्स करना चाहती हूं। और अपनी वर्जिनिटी भी लूज करना चाहती हूं। लेकिन ये शापित जीवन। मैंने कहा था क्या किसी को ऐसा जीवन देने।


रूही, ओजल सर अपने सीने से लगाकर उसके सर पर हाथ फेरती… "समस्या बता दिया ना, अब तुम्हे समाधान भी आराम से मिल जायेगा। शांत रह जरा और अपने जीवन को क्यों कोसती है?"..


ओज़ल:- बोलना आसान है दीदी लेकिन सच्चाई आपको भी पता है। क्या आपके साथ नहीं हुई कभी ये समस्याएं…


रूही:- नही मेरे साथ ऐसी समस्या नही हुई थी क्योंकि मुझे नोचने वाले भेड़ियों की कमी नही था। खैर, मेरी छोड़ और बाकी शेप शिफ्ट पर कंट्रोल किया जा सकता है। प्रैक्टिस मैक्स ए वुमन परफेक्ट।


"प्रैक्टिस मेक्स अ वूमेन परफेक्ट... मुझे भी ये प्रैक्टिस करवा दो ना दीदी।"… मजाकिया अंदाज में ओजल अपनी बात कहकर जोड़-जोड़ से हसने लगी।


रूही उसके सर पर हाथ मारती… "पागल कहीं की, क्या प्रैक्टिस करेगी।"..


"वही जिसकी प्रेक्टिस करके आप परफेक्ट हो गई, सेक्स"… ओजल आंख मारती हुई अपनी बात कही और खी खी करके हंसने लगी।


रूही:- ओय बेशर्म, बी एन इंडियन गर्ल, शादी से पहले नो सेक्स..


ओजल:- हां तो मेरी शादी करवा दो।


रूही:- पागल कहीं की, छोड़ ये सब बॉस नहीं है तो 4-5 दिन नॉन भेज पार्टी हो जाए।


ओजल:- वूहू.. ये हुई ना बात। छोड़ो ये मन को भरमाने वाले टॉपिक। मस्त आज बटर चिकेन और नान खाएंगे।


रूही:- अलबेली बटर चिकन अच्छा पकाती है, उसी को कहती हूं।


ओजल:- रहने दो अभी तो दोनो के बीच इजहार चल रहा होगा। कमिटमेंट चल रहा होगा। कसमे होंगे, वादे होंगे। फिर नजरे मिलेंगी और किस्स होगा। फिर दोनो मुसकुराते हुए बाहर आएंगे और बाहों में बाहें डालकर घूमने निकल जाएंगे। पता ना मेरे लिए कोई लड़का है भी या नहीं… छोड़ो उन नए पंछियों को दीदी, खाना किसी इंडियन रेस्त्रां से मंगवा लेते है।


रूही:- मंगवा क्या लेंगे, चलते है उधर ही। इसी बहाने कुछ लड़के भी ताड़ लेंगे और खाने का आर्डर भी दे देंगे।


दोनो अभी बात कर रही थी कि तेज दरवाजा टूटने की आवाज आयी और फिर नीचे कांच के टेबल के ऊपर इवान आकर गिरा। कांच भी तेज आवाज के साथ टूटा और इवान फ्लोर पर कर्राहते हुए, हाथ हिलाकर रूही और ओजल को हाई कहने लगा।


उसकी हालत देखकर दोनो को हंसी आ गई। तभी ऊपर से अलबेली चिल्लाई.. "मेरे आस पास भी दिखाई दिए ना इवान तो मै तुम्हारा खून पीकर डबल अल्फा बन जाऊंगी। शक्ल मत दिखना अपना।"…. "भाड़ में जाओ अलबेली तुम। दुनिया में लड़की की कमी है क्या?"


रूही अपना हाथ दे कर उसे ऊपर खींचती… "दोनो तो अंदर रोमांस कर रहे थे ना फिर ये एक्शन कहां से चालू हो गया।"..


इवान कुछ नहीं कहा चुपचाप वहां से अपने कमरे में चला गया। रूही और ओजल दोनो उसे देखकर हंस भी रही थी और सोच भी रही थी कि ऐसा हुआ क्या होगा? दोनो नीचे से ही चिंख्ती हुई अलबेली को बुलाने लगी… "क्या है दोनो गला क्यों फाड़ रही हो।"


रूही:- दरवाजा गया, यहां का टेबल गया। मैंने सुना दोनो प्यार करते हो, फिर इतना सीरियस एक्शन क्यों।


अलबेली कुछ देर ख़ामोश रहकर रूही और ओजल को घूरती रही, फिर हाथ के इशारे से पास आने कहीं। सबने जब अपने कान लगा दिए… "बिना मेहनत के मिल गई तो कहता है कि बस मुझे रोक–टोक मत करना। बस फिर क्या था दे दी घूमाकर एक लात। प्यार भी करना और इसे दूसरे लड़कियों को भी ताड़ना है। भगा दिया उसे। जाये करते रहे अपनी मनमानी।"..


ओजल:- ओह मतलब इजहार होने से पहले ही ब्रेकअप हो गया..


अलबेली:- ब्रेकअप हो गया क्या मेरा? अरे यार ये क्या हो गया.. रुको अभी आयी इवान को मानाकर।


रूही आंख दिखती… "झल्ली कहीं की वो लड़का है, वो आयेगा मानाने।"


अलबेली:- रूही बड़ा क्यूट लड़का है, नहीं आया मानाने तो?


रूही:- वो बाद में देखेंगे, तुम बस स्ट्रिक्ट रहना। वरना यदि इन लड़को के पीछे तुम गई तो ज्यादा भाव खाएंगे।


अलबेली:- ये इंडिया थोड़े ना है। यहां अभी ब्रेकअप हुआ और अगले सेकंड नया रिश्ता बन जाता है। तुम लोग के चक्कर में अच्छा लड़का ना हाथ से निकल जाय।


रूही और ओजल दोनों उसे घूरते… "शुरू से प्रकाश डाल जरा कहानी पर, फिर बटर चिकन और नान।"


अलबेली:- "वाउ !!! बताती हूं.. पहली बार, जब इवान तहखाने में था तब ऊपर सबकी बाते हो रही थी और नीचे हम दोनों की नजरें मिल रही थी। फ्लाइट में जब आ रहे थे तब हम दोनों नजरे मिला रहे थे। ऐसे नजरो का खेल बहुत दिनों से चल रहा था। उसके बाद कनाडा की कहानी तो तुम दोनो को ही पता है।"

"लौटकर आये तो कुछ दिन इसी ख्याल ने गुजर गये की कंट्रोल न होने की वजह से फसते–फंसते बचे। लेकिन कब तक इन ख्यालों के कारण न मिल पाते। थोड़ा उसका मन डोला। थोड़ा मेरा मन डोला। थोड़ा वो करीब आया, थोड़ा मैं करीब आयी। ऐसे ही करीब–करीब खेलते कब हम दोनो के होंठ करीब आकर एक दूसरे से चिपक गये पता ही नही चला। किस्स जब खत्म हुई तो वो भी मुस्कुराया मै भी मुस्कुराई। ना वो कुछ कह पाया ना मै कुछ कह पायि। फिर ट्रेनिंग और स्कूल में उलझ गई जिंदगी, लेकिन तब भी हमे किस्स करने के मौके कभी-कभी मिल ही जाते.."


रूही:- और वो कभी कभी कितने दिन में आता था।


अलबेली:- यही हर 2-3 घंटे में।


रूही:- और वो भी हुआ कि नहीं अब तक...


अलबेली अपनी आंखें छोटी करके दोनों को घुरी। फिर एक आंख मारती हुई कहने लगी.… "लड़की ही हो ना। इतने किस्स के बाद कोई आगे बढ़ेगा तो… खैर दोबारा मत पूछना ऐसे सवाल अब चुपचाप सुनो। फिर एक दिन इस इवान के बच्चे ने अपनी कुत्यापा दिखा दिया।"

"इवान किसी लड़की को पूरा सिद्दत से चूम रहा था। ऐसा लगा जाकर उस लड़की का मुंह नोच लूं। मेरे माल पर नजर डाल रही थी। अब क्या बताऊं जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो दूसरे को क्या कहना। हां लेकिन किस्स करते वक़्त अचानक इवान के क्ला निकल आये, और मै जोड़ से चिल्ला दी।"

"अकडू कहीं का, भड़क गया और कहने लगा कि ऐक्सिडेंटली हमारे बीच कुछ अट्रैक्शन हुआ, इसका मतलब ये नहीं तुम मेरी पर्सनल लाइफ में दखल दो। मेरा मुंह छोटा हो गया। रोने जाने से पहले मैं उसे बताती गयी, वो शेप शिफ्ट कर रहा था इसलिए रोकना पड़ा। बस हो गया, उसके बाद ना तो उसने कभी मुझसे उस पर कोई बात की ना कभी सॉरी कहा।"

"उस रात जंगल में अचानक मुझसे इवान ने आई लव यू कह दिया। आह मै खुशी से झूम गई। वो सॉरी क्यों नहीं कहा, क्यों मुझसे बात करना बंद कर दिया, ये सब गम मिट गये। यहां आयी तो सोची वो मुझे प्यार से गले लगाकर अपनी बात रखेगा। हालांकि शुरवात तो प्यार से ही किया था, लेकिन बाद में कहने लगा कि मै उसे रोका टोका ना करूं। पता नहीं मुझे क्या हो गया, ऐसा लगा कि वो कहना चाह रहा हो किसी को भी वो किस्स करे, मै ना टोकुं। बस गुस्सा आ गया और दे दी एक लात घुमाकर।"


ओजल:- हां ठीक तो की। कोई जरूरत नहीं उसके पास जाने की। एक तो इतनी प्यारी लड़की उसे मिलेगी नहीं और गोरी मेम पर लट्टू है कमिना। कर लेने दे उसे अपने मन कि, जब अक्ल ठिकाने आयेगी ना तब तू भी उसे ठेंगा दिखा देना।


अलबेली:- पूरी बात ये सब सुनने के लिए नहीं बतायी। उस अकडू की अकड़ तो मै निकाल दूंगी, उसकी चिंता क्यों करती हो। चलो अब बटर चिकेन और नान कहां है वो बताओ?


रूही:- उसके लिए तो हमे बाहर जाना होगा ना। या तुझे बनना है तो बता दे मै चिकेन मंगवा लेती हूं।


अलबेली:- घर पर ही बना लेते है। आज पेट भर खाने के बाद सीधा बिस्तर की याद आएगी। मुझसे तो रेस्त्रां से लौटा ना जाएगा। ऊपर से बिल भी तो सोचो। जितने में उनका 4 प्लेट आएगा हम यहां आराम से 10-20 चिकेन तो खा ही सकते है।


आर्यमणि के ना रहने पर कुछ और नहीं तो कम से कम खाने की तो पूरी आज़ादी थी ही। अगले दिन स्कूल में जैसे ही ओजल का आगमन हुआ, कुछ लड़के-लड़कियां उसे देखकर घेर लिया। अलबेली और इवान दोनो ही अपनी कार पार्क करके आ रहे थे। स्वाभाविक था इवान और अलबेली दोनों एक दूसरे से कटे हुए थे। लेकिन सामने ओजल का जलवा देखकर दोनो आखें फाड़े थे। कब एक दूसरे के नजदीक पहुंचे उन्हें भी पता नहीं चला। अचानक ही एक दूसरे पर नजर गई और दोनो मुंह फेर कर अपने-अपने क्लास में।


इधर ओजल से शिकायती लहजे में मरकस उसके 3 दिनो तक गायब होने का कारण पूछने लगा। ओजल भी तबियत खराब का बहाना बना दिया। सभी लोग एक साथ मिन्नते करते हुए कहने लगे… "हाई स्कूल चैंपियनशिप में आज तक स्कूल का नाम टॉप 5 में नहीं रहा। प्लीज हमे ज्वाइन कर लो।"..


ओजल:- अगर स्किल सीखना है तो मै एक क्लास खत्म करके आती हूं, वरना स्कूल छोड़ दूंगी।


सभी लड़के लड़कियां छोटा सा मुंह बनाकर… "ठीक है हम इंतजार करेंगे।"..


अलबेली और इवान के क्लास भी साथ में खत्म हुआ था। दोनो को म्यूज़िक क्लास जाना था लेकिन ओजल की अचानक से बढ़ी लोकप्रियता देखकर वो दोनो उसके पीछे चल दिए किन्तु अलग-अलग। ओजल ग्राउंड पर पहुंच चुकी थी और सामने से 30 खिलाड़ी… 15 लड़के और 15 लड़कियां… सबकी नजर ओजल पर…


"ऐसे मत घूरो दोस्तो, मै नर्वस हो जाऊंगी। अच्छा मै जो बताने वाली हूं वो शायद गेम से हटकर अलग स्किल है, मै चाहती हम तुम सब ध्यान दो। जबतक कोई एक काम करो वहां बाहर बैठे मेरे भाई और उसकी गर्लफ्रेंड को यहां बुला लाओ।".. ओजल सबको कहने लगी...


ओजल बाहर बैठे अलबेली और इवान के ओर इशारा करके बुलाने के लिए कह दी। इधर जबतक वो, नजर और बॉडी लैंग्वेज, की सही परिभाषा को सीखाने लगी। कोई किस दिशा में कोई व्यक्ति भागेगा वो उसकी नजर और पाऊं के एक्शन से पता चलता है। इस पर ओजल ने 2 वॉलंटियर को बुलाया और बाहर खड़े लोगों को दूर से बताते रही… जो खिलाड़ी बॉल पकड़े रहते है, वो किस ओर भागने वाला है और एक परफेक्ट थ्रो के लिए एक खिलाड़ी के थ्रो के ठीक पहले, बॉडी लैंग्वेज क्या होती है, इन सब विषयों पर बात करने लगी।


इतने में अलबेली और इवान भी आ गए… "क्या हुआ, हमे क्यों बुलाया।".. दोनो लगभग आगे पीछे करके पूछा और एक दूसरे को देखकर गुस्से का इजहार करते इधर-उधर मुंह फेर लिया।


ओजल:- ऑफ ओ दोनो बाद में गुस्सा कर लेना। अभी अपने स्कूल की इज्जत दाव पर लगी है।


इवान:- मुझे क्या करना होगा?


ओजल:- कोई अपने घर में ना घुस पाए ऐसे स्किल सिखाओ हमारे फुटबाल टीम के डिफेंस को। अलबेली तुम 4 लड़के और चार लड़की को पकड़ो जो लोग थ्रो कर सके, इस पार से उस पार। और एक आदमी जब 4 लोगो से घिरे रहे तब भी सेफली अपना बॉल कैसे कलेक्ट कर सकते है वो सिखाओ। बाकी अटैक लाइन वाले मेरे साथ आईये, हम अटैक करना सीखेंगे।


तीनों को पहली बार कुछ इंट्रेस्टिंग सा काम मिल गया था, ट्रेंड करना। तीनों हू बहू आर्यमणि की बॉडी लैंग्वेज और समझाने का तरीका भी ठीक उसी तरह से, जिस तरह से आर्यमणि प्यार से सिखाया करता था, वो भी बिना इरिटेट हुए।


इधर करीब 3 दिन तक कई सारे किताब को पलटने के बाद आर्यमणि तैयार था अपने दिमाग को कोमा में ले जाने के लिये। ठीक ओशुन के पास ही उसका बेड भी लगा दिया गया। ओशुन के हाथ को आर्यमणि ने थाम लिया। बॉब ने पूरी प्रक्रिया शुरू की और आर्यमणि के दिमाग को धीरे-धीरे माइनस 5⁰ तक ले गया। उसका पूरा शरीर कांप रहा था और फिर अंत मै वो गहरी नींद में सो गया।


जैसे ही आर्यमणि ने अपनी आंखें खोली चारो ओर अंधेरा ही अंधेरा। ऐसा लग रहा था उस जगह को कभी ना खत्म होने वाले अंधेरे ने घेर रखा हो। चारो ओर अजीब सी बदबू आ रही थी और कहीं दूर से सिसकने की आवाज.… "संभवतः वहां आपकी आत्मा को अपने सबसे बड़े खौफ से सामना करना पड़ेगा और उस खौफ को हराने में आप को कई दशक लग सकते है या फिर आप अपनी जिंदगी वहां हारकर आ सकते है।"…


आर्यमणि पुस्तक "उलझी पहेली" के उन शब्दों को याद कर रहा था कि क्या होता है जब एक हील होती हुई बॉडी के मस्तिष्क को मरने लायक ठंड में रखा जाता है। शरीर की हीलिंग पॉवर दिमाग को मरने नहीं देती और गहरे अंधेरे में उलझी आत्मा वापस शरीर में नही लौटती। उस अंधेरे में आपको जो नजर आने वाला है, वो है आपका सबसे बड़ा खौफ।


अभी तक तो आर्यमणि के दिमाग में केवल किताब की बातें ही थी, लेकिन जो भी लिखा था सत्य लिखा था और जो दिख रहा था वो था आर्यमणि का डर, जो हाल के कुछ सालो के ख्यालों से जन्म लिया था। 4 फर्स्ट अल्फा या यूं कह लें कि 4 बीस्ट वुल्फ ने आर्यमणि को चारो ओर से घेर रखा था।


बड़े-बड़े 4 दैत्याकार वुल्फ, बिल्कुल काले बाल और गहरी लाल रंग की आंख, जिनके आंखों की चमक एक अलग ही डर का माहोल पैदा कर दे। गस्त लगाते जब वो आर्यमणि के चारो ओर घूम रहे थे, आर्यमणि चौंककर कभी इधर पलटकर तो कभी उधर पलटकर देख रहा था। तभी उस पर हमला हुआ और उसके ऊपर एक बीस्ट वुल्फ बैठ गयी। वह बीस्ट अपने पंजे आर्यमणि के चेहरे पर चला रही है। चेहरा बिलकुल गायब हो गया था और अगले ही पल आंखें बड़ी थी, जीभ बाहर निकल आया था और आर्यमणि का गला उसके धर से अलग हो गया।
 
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Lib am

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Nope aapne miss kiya... Arya 7 sal tak guru nishi ke aashram me nahi balki kanjangha me base ek alokik gaanv me tha... Dusri baat Arya ke 7 sal ki umr me kya hi yaad rahega uske alawa Apasyu to uske baad aaya tha matlab dono ke umr me 4-5 sal ka gape to tha hi....

Prahari sanstha ka itihaas to shuru se hai... Aur prahari sanstha khush Saatvik aashram se shuru hua... Aise me Jab vardhraj jaisa insan jo prahari samuday me paida hua ho use shak kaise ho sakta tha Amit bhai.... Aur wo kahte hain chirag tale andhera..... Sara jahan dhundh lenge lekin apna ghar chhod dete hain....

Waise bhi Aashram ka har guru itna akshmat mirtyu ko prapt hua ki wo log pahle se kamjor the fir kahan se utni kadi ko dhundh lete... Pahle to un logon ka sabse bada challenge yah tha ki apne dharohar ko bachaye aur siddhiyan ko hasil kare...

Rahi baat palak dwara arya ko maara jana to shayad isme duvidha thi kyonki Arya ki najar Palak par thi upar se dono ek dusre ko shakti se anjaan the to kah pana mushkil hoga ki kaun bhadi padta....

Baki Surpmarich prithvi ka tha to uska vasta un alians se dur dur tak nahi nahi... Dono alag alag samuday hai lekin ye alian bhi shakti ke kendr usi alokik gaanv aur unse jude logon ko barbaad kar deta hai.. tab ye maan sakte hain ki kahin koi sambandh ho inka apas me...

Haan jaisa ki shuru se pata hai ki viprit duniya me jana lagbhag namumkin hota hai... Kayi salon ke sodh ke baad aadhyat ko viprit duniya me chhota sa rasta kholne ka vidhi mila aur usne Oshun ke jariye wo chhota sa rasta kholkar Mahajanika ki aatma ko viprit duniya se khincha tha....

Baki sawal kuch bhi nahi bache aap itminan se ek baar aur padh lijiyega... Sab clear ho jayega...

Baki Oshun kaise bachegi uska update aa raha hai...
भाई सात्विक आश्रम से मतलब वही था जहां जीविषा ने निश्चल के गुरुजी को मुक्ति दिलाई थी
 

nain11ster

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Yha 2 prakar ki do duniyo ka jikar hua hai pahli vo jaha pr mahajanika gyi hai or ek vo jaha pr Osun ki atma ko bheja gya hai,
Aisa bhi kah sakte hai ki ek pani ki duniya hai jaha pr apna nishchal mila tha or ek surpmarich ki duniya jaha pr mahajanika hai abhi,

Nainu bhaya Mai khud ise dobara soch kr confuse ho rha hu aapne kaise likh liya itna confusing sequence, hat's off bhai :yourock: :yourock: :woohoo: :woohoo:

Sukriya hmara bheja fry karne ke liye :bow: :bow:

Mind blowing superb lajvab amazing update with awesome writing skills
Hahahahaha .... Kya kare kabhi kabhi jab hum pauwaa ke badla achha marte hain tab sara confusion clear rahta hai.... Aur cristal clear updates aate hain :D ... Haan lekin mere update 2 pauaa marne ke baad na samajh me aayenge ye vaidhanik chetavani hai :D
 

nain11ster

Prime
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Kya complet hue story par bhi comment ya sawal kar sakate hai?
Kya abhi aap TOO YOUNG TOO OLD ke 2 part par vichar kar rahe hai?
Haan bilkul kar sakte hain ... jis story par sawal ya comment karne ho wahan jaroor likhe... Iske alawa too young too old ke part 2 par kaam chal raha hai... Yun kahiye ki ek hi part tha bus likhne ka rujhan kam ho gaya tha to ek mod par break kar diya... Uspar kaam jari hai... Ek baar poora samapt kar dun fir posting shuru kar dunga...
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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Eden ki shaktiyan kisi ko nahi mili.... Claw ya feng se Marti tab uski shakti kisi warewolf ko milti lekin aisa hua nahi...

Hahahaha... Thankooo so much jo meri kalpna aapko kisi chalchitr ki tarah dikhi... Waise puchna to nahi chahta tha lekin puch leta hun... Aaj kal roj nahi aa rahe hain kya :?:
Ha bhai roj nhi aa rha tha kuchh din, ek web series dekh rha tha Bhai ke liye, use doctory line me Jana hai to socha usse related kuchh dikhaya jaye use, to The Resident karke ek mili, use hi dekhne me busy tha... Or kuchh Ghar ke kaam bhi the...
Nahi Pure Alfa by birth pure alfa hota hai jiske maa pitaji koi bhi warewolf na ho... Yadi dono me se koi ek warewolf hota to uska normal classification hota...

Baki ek chhota sa past aur aayega tab samajh Jaeyega ki kyon arya ek warewolf hua...
Padha maine bhaya dimag ghuma dene vale the ye last dono update... :yourock: bhaya
 

nain11ster

Prime
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भाई सात्विक आश्रम से मतलब वही था जहां जीविषा ने निश्चल के गुरुजी को मुक्ति दिलाई थी
Sattvik aashram ke 3 jaghon ka ullekh hai.... 1) Guru nishi ka nainital me bas Aashram jahan Apasyu ne apni siksha-diksha prapt kiya tha...

2) Kailash math jo kailash parvat ke marg me tibbathi kshetr me hai... Jahan Aacharya ka Aashram hai.... Yahin par Jivisha ko Diksha mili thi... Nischal ke guru ko kaid karne ki yojna yahin bani thi...

3) Jivisha chunki Vishesh kul ki thi isliye saatvik Aashram ki teesri jagah Yani ki wah alokik gaanv ka punarsthapna poorn kiya tha.... yah wahi gaanv hai jahan Nischal ke guru ne utpat machaya tha... Tab bandhkar unhe kailash math tak le jaya gaya tha...

Yahi gaanv me Arya ka janm hua tha... Jab yah poori tarah se poonarsthapit bhi nahi hua tha
 

nain11ster

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Ha bhai roj nhi aa rha tha kuchh din, ek web series dekh rha tha Bhai ke liye, use doctory line me Jana hai to socha usse related kuchh dikhaya jaye use, to The Resident karke ek mili, use hi dekhne me busy tha... Or kuchh Ghar ke kaam bhi the...

Padha maine bhaya dimag ghuma dene vale the ye last dono update... :yourock: bhaya
Good Doctor bhi dekh sakte hain.... Achhi series thi aur kafi lambi bhi :D
 

krish1152

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भाग:–91





रूही आर्यमणि से खुशी-खुशी विदा ली। बॉब और लॉस्की ने उनका वापस पहुंचने का इंतजाम कर दिया था और कुछ ही घंटो में ये लोग बर्कले, कार्लीफिर्निया में थे। जैसे ही सभी पहुंचे रूही को छोड़कर तीनों टीन वुल्फ एक कमरे में। ओजल, अपने भाई को घूरती हुई… "ये तेरे और अलबेली के बीच क्या चल रहा है?"..


"ये बच्चो के जानने की बातें नहीं है, इसे मै हैंडल करूंगी, अपने तरीके से"… अलबेली, ओजल को आंख मारती हुई कहने लगी। बेचारी ओजल वहां से नीचे आने में अपनी भलाई समझी। वो दोनो को घूरती हुई नीचे लिविंग रूम में आकर रूही के पास बैठ गई।


रूही:- तुझे क्या हुआ, ऐसे मुंह क्यों उतरा हुआ है।


ओजल:- दीदी, तुम्हे नहीं लगता अपने पैक में एक लड़के कि कमी है। बॉस को बोलो ना एक पैक में एक लड़का लेले।


रूही, बड़ी सी आंखें करके उसकी ओर देखती हुई… "मतलब ऊपर वो दोनो।" रूही इतना ही कह पायी फिर कुछ सोचती हुई… "तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रैंड है क्या?"


"छोड़ो, कहीं घूम कर आते है.."… ओजल के चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकती थी।


रूही:- क्या हुआ, मुझसे नहीं बताएगी तो तुम्हारी समस्या का समाधान कैसे मिलेगा।


ओजल:- मुझे ना एक लड़का पसंद है।..


रूही:- हां ठीक है तू थोड़ी मायूस है, थोड़ी झिझक भी हो रही है। एक काम कर आंख मूंद और सारी बातें कह दे।


ओजल:- हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते है। वो उसने मुझे किस्स भी किया था, और मुझे काफी अच्छा भी लगा था। फिर..


रूही:- हां अब इतना बता दिया तो आगे भी तो बोल..


ओजल:- फिर क्या, मेरे नाखून उसके कमर से घुसते घुसते रह गए। धड़कन इतनी बढ़ी थी कि मैं वुल्फ में शिफ्ट कर रही थी। और जब खुद को काबू की तो सब मज़ा ही खत्म हो गया। उन दोनों के पास तो ऑप्शन है इसलिए आपस में लग गये। मैं क्या बिना लड़के के ही रह जाऊंगी? क्या मेरा कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं होगा? मेरी भी फीलिंग्स है। मेरा भी कोई ब्वॉयफ्रैंड हो उसके साथ घूमना चाहती हूं, किस्स करना चाहती हूं। और अपनी वर्जिनिटी भी लूज करना चाहती हूं। लेकिन ये शापित जीवन। मैंने कहा था क्या किसी को ऐसा जीवन देने।


रूही, ओजल सर अपने सीने से लगाकर उसके सर पर हाथ फेरती… "समस्या बता दिया ना, अब तुम्हे समाधान भी आराम से मिल जायेगा। शांत रह जरा और अपने जीवन को क्यों कोसती है?"..


ओज़ल:- बोलना आसान है दीदी लेकिन सच्चाई आपको भी पता है। क्या आपके साथ नहीं हुई कभी ये समस्याएं…


रूही:- नही मेरे साथ ऐसी समस्या नही हुई थी क्योंकि मुझे नोचने वाले भेड़ियों की कमी नही था। खैर, मेरी छोड़ और बाकी शेप शिफ्ट पर कंट्रोल किया जा सकता है। प्रैक्टिस मैक्स ए वुमन परफेक्ट।


"प्रैक्टिस मेक्स अ वूमेन परफेक्ट... मुझे भी ये प्रैक्टिस करवा दो ना दीदी।"… मजाकिया अंदाज में ओजल अपनी बात कहकर जोड़-जोड़ से हसने लगी।


रूही उसके सर पर हाथ मारती… "पागल कहीं की, क्या प्रैक्टिस करेगी।"..


"वही जिसकी प्रेक्टिस करके आप परफेक्ट हो गई, सेक्स"… ओजल आंख मारती हुई अपनी बात कही और खी खी करके हंसने लगी।


रूही:- ओय बेशर्म, बी एन इंडियन गर्ल, शादी से पहले नो सेक्स..


ओजल:- हां तो मेरी शादी करवा दो।


रूही:- पागल कहीं की, छोड़ ये सब बॉस नहीं है तो 4-5 दिन नॉन भेज पार्टी हो जाए।


ओजल:- वूहू.. ये हुई ना बात। छोड़ो ये मन को भरमाने वाले टॉपिक। मस्त आज बटर चिकेन और नान खाएंगे।


रूही:- अलबेली बटर चिकन अच्छा पकाती है, उसी को कहती हूं।


ओजल:- रहने दो अभी तो दोनो के बीच इजहार चल रहा होगा। कमिटमेंट चल रहा होगा। कसमे होंगे, वादे होंगे। फिर नजरे मिलेंगी और किस्स होगा। फिर दोनो मुसकुराते हुए बाहर आएंगे और बाहों में बाहें डालकर घूमने निकल जाएंगे। पता ना मेरे लिए कोई लड़का है भी या नहीं… छोड़ो उन नए पंछियों को दीदी, खाना किसी इंडियन रेस्त्रां से मंगवा लेते है।


रूही:- मंगवा क्या लेंगे, चलते है उधर ही। इसी बहाने कुछ लड़के भी ताड़ लेंगे और खाने का आर्डर भी दे देंगे।


दोनो अभी बात कर रही थी कि तेज दरवाजा टूटने की आवाज आयी और फिर नीचे कांच के टेबल के ऊपर इवान आकर गिरा। कांच भी तेज आवाज के साथ टूटा और इवान फ्लोर पर कर्राहते हुए, हाथ हिलाकर रूही और ओजल को हाई कहने लगा।


उसकी हालत देखकर दोनो को हंसी आ गई। तभी ऊपर से अलबेली चिल्लाई.. "मेरे आस पास भी दिखाई दिए ना इवान तो मै तुम्हारा खून पीकर डबल अल्फा बन जाऊंगी। शक्ल मत दिखना अपना।"…. "भाड़ में जाओ अलबेली तुम। दुनिया में लड़की की कमी है क्या?"


रूही अपना हाथ दे कर उसे ऊपर खींचती… "दोनो तो अंदर रोमांस कर रहे थे ना फिर ये एक्शन कहां से चालू हो गया।"..


इवान कुछ नहीं कहा चुपचाप वहां से अपने कमरे में चला गया। रूही और ओजल दोनो उसे देखकर हंस भी रही थी और सोच भी रही थी कि ऐसा हुआ क्या होगा? दोनो नीचे से ही चिंख्ती हुई अलबेली को बुलाने लगी… "क्या है दोनो गला क्यों फाड़ रही हो।"


रूही:- दरवाजा गया, यहां का टेबल गया। मैंने सुना दोनो प्यार करते हो, फिर इतना सीरियस एक्शन क्यों।


अलबेली कुछ देर ख़ामोश रहकर रूही और ओजल को घूरती रही, फिर हाथ के इशारे से पास आने कहीं। सबने जब अपने कान लगा दिए… "बिना मेहनत के मिल गई तो कहता है कि बस मुझे रोक–टोक मत करना। बस फिर क्या था दे दी घूमाकर एक लात। प्यार भी करना और इसे दूसरे लड़कियों को भी ताड़ना है। भगा दिया उसे। जाये करते रहे अपनी मनमानी।"..


ओजल:- ओह मतलब इजहार होने से पहले ही ब्रेकअप हो गया..


अलबेली:- ब्रेकअप हो गया क्या मेरा? अरे यार ये क्या हो गया.. रुको अभी आयी इवान को मानाकर।


रूही आंख दिखती… "झल्ली कहीं की वो लड़का है, वो आयेगा मानाने।"


अलबेली:- रूही बड़ा क्यूट लड़का है, नहीं आया मानाने तो?


रूही:- वो बाद में देखेंगे, तुम बस स्ट्रिक्ट रहना। वरना यदि इन लड़को के पीछे तुम गई तो ज्यादा भाव खाएंगे।


अलबेली:- ये इंडिया थोड़े ना है। यहां अभी ब्रेकअप हुआ और अगले सेकंड नया रिश्ता बन जाता है। तुम लोग के चक्कर में अच्छा लड़का ना हाथ से निकल जाय।


रूही और ओजल दोनों उसे घूरते… "शुरू से प्रकाश डाल जरा कहानी पर, फिर बटर चिकन और नान।"


अलबेली:- "वाउ !!! बताती हूं.. पहली बार, जब इवान तहखाने में था तब ऊपर सबकी बाते हो रही थी और नीचे हम दोनों की नजरें मिल रही थी। फ्लाइट में जब आ रहे थे तब हम दोनों नजरे मिला रहे थे। ऐसे नजरो का खेल बहुत दिनों से चल रहा था। उसके बाद कनाडा की कहानी तो तुम दोनो को ही पता है।"

"लौटकर आये तो कुछ दिन इसी ख्याल ने गुजर गये की कंट्रोल न होने की वजह से फसते–फंसते बचे। लेकिन कब तक इन ख्यालों के कारण न मिल पाते। थोड़ा उसका मन डोला। थोड़ा मेरा मन डोला। थोड़ा वो करीब आया, थोड़ा मैं करीब आयी। ऐसे ही करीब–करीब खेलते कब हम दोनो के होंठ करीब आकर एक दूसरे से चिपक गये पता ही नही चला। किस्स जब खत्म हुई तो वो भी मुस्कुराया मै भी मुस्कुराई। ना वो कुछ कह पाया ना मै कुछ कह पायि। फिर ट्रेनिंग और स्कूल में उलझ गई जिंदगी, लेकिन तब भी हमे किस्स करने के मौके कभी-कभी मिल ही जाते.."


रूही:- और वो कभी कभी कितने दिन में आता था।


अलबेली:- यही हर 2-3 घंटे में।


रूही:- और वो भी हुआ कि नहीं अब तक...


अलबेली अपनी आंखें छोटी करके दोनों को घुरी। फिर एक आंख मारती हुई कहने लगी.… "लड़की ही हो ना। इतने किस्स के बाद कोई आगे बढ़ेगा तो… खैर दोबारा मत पूछना ऐसे सवाल अब चुपचाप सुनो। फिर एक दिन इस इवान के बच्चे ने अपनी कुत्यापा दिखा दिया।"

"इवान किसी लड़की को पूरा सिद्दत से चूम रहा था। ऐसा लगा जाकर उस लड़की का मुंह नोच लूं। मेरे माल पर नजर डाल रही थी। अब क्या बताऊं जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो दूसरे को क्या कहना। हां लेकिन किस्स करते वक़्त अचानक इवान के क्ला निकल आये, और मै जोड़ से चिल्ला दी।"

"अकडू कहीं का, भड़क गया और कहने लगा कि ऐक्सिडेंटली हमारे बीच कुछ अट्रैक्शन हुआ, इसका मतलब ये नहीं तुम मेरी पर्सनल लाइफ में दखल दो। मेरा मुंह छोटा हो गया। रोने जाने से पहले मैं उसे बताती गयी, वो शेप शिफ्ट कर रहा था इसलिए रोकना पड़ा। बस हो गया, उसके बाद ना तो उसने कभी मुझसे उस पर कोई बात की ना कभी सॉरी कहा।"

"उस रात जंगल में अचानक मुझसे इवान ने आई लव यू कह दिया। आह मै खुशी से झूम गई। वो सॉरी क्यों नहीं कहा, क्यों मुझसे बात करना बंद कर दिया, ये सब गम मिट गये। यहां आयी तो सोची वो मुझे प्यार से गले लगाकर अपनी बात रखेगा। हालांकि शुरवात तो प्यार से ही किया था, लेकिन बाद में कहने लगा कि मै उसे रोका टोका ना करूं। पता नहीं मुझे क्या हो गया, ऐसा लगा कि वो कहना चाह रहा हो किसी को भी वो किस्स करे, मै ना टोकुं। बस गुस्सा आ गया और दे दी एक लात घुमाकर।"


ओजल:- हां ठीक तो की। कोई जरूरत नहीं उसके पास जाने की। एक तो इतनी प्यारी लड़की उसे मिलेगी नहीं और गोरी मेम पर लट्टू है कमिना। कर लेने दे उसे अपने मन कि, जब अक्ल ठिकाने आयेगी ना तब तू भी उसे ठेंगा दिखा देना।


अलबेली:- पूरी बात ये सब सुनने के लिए नहीं बतायी। उस अकडू की अकड़ तो मै निकाल दूंगी, उसकी चिंता क्यों करती हो। चलो अब बटर चिकेन और नान कहां है वो बताओ?



रूही:- उसके लिए तो हमे बाहर जाना होगा ना। या तुझे बनना है तो बता दे मै चिकेन मंगवा लेती हूं।


अलबेली:- घर पर ही बना लेते है। आज पेट भर खाने के बाद सीधा बिस्तर की याद आएगी। मुझसे तो रेस्त्रां से लौटा ना जाएगा। ऊपर से बिल भी तो सोचो। जितने में उनका 4 प्लेट आएगा हम यहां आराम से 10-20 चिकेन तो खा ही सकते है।


आर्यमणि के ना रहने पर कुछ और नहीं तो कम से कम खाने की तो पूरी आज़ादी थी ही। अगले दिन स्कूल में जैसे ही ओजल का आगमन हुआ, कुछ लड़के-लड़कियां उसे देखकर घेर लिया। अलबेली और इवान दोनो ही अपनी कार पार्क करके आ रहे थे। स्वाभाविक था इवान और अलबेली दोनों एक दूसरे से कटे हुए थे। लेकिन सामने ओजल का जलवा देखकर दोनो आखें फाड़े थे। कब एक दूसरे के नजदीक पहुंचे उन्हें भी पता नहीं चला। अचानक ही एक दूसरे पर नजर गई और दोनो मुंह फेर कर अपने-अपने क्लास में।


इधर ओजल से शिकायती लहजे में मरकस उसके 3 दिनो तक गायब होने का कारण पूछने लगा। ओजल भी तबियत खराब का बहाना बना दिया। सभी लोग एक साथ मिन्नते करते हुए कहने लगे… "हाई स्कूल चैंपियनशिप में आज तक स्कूल का नाम टॉप 5 में नहीं रहा। प्लीज हमे ज्वाइन कर लो।"..


ओजल:- अगर स्किल सीखना है तो मै एक क्लास खत्म करके आती हूं, वरना स्कूल छोड़ दूंगी।


सभी लड़के लड़कियां छोटा सा मुंह बनाकर… "ठीक है हम इंतजार करेंगे।"..


अलबेली और इवान के क्लास भी साथ में खत्म हुआ था। दोनो को म्यूज़िक क्लास जाना था लेकिन ओजल की अचानक से बढ़ी लोकप्रियता देखकर वो दोनो उसके पीछे चल दिए किन्तु अलग-अलग। ओजल ग्राउंड पर पहुंच चुकी थी और सामने से 30 खिलाड़ी… 15 लड़के और 15 लड़कियां… सबकी नजर ओजल पर…


"ऐसे मत घूरो दोस्तो, मै नर्वस हो जाऊंगी। अच्छा मै जो बताने वाली हूं वो शायद गेम से हटकर अलग स्किल है, मै चाहती हम तुम सब ध्यान दो। जबतक कोई एक काम करो वहां बाहर बैठे मेरे भाई और उसकी गर्लफ्रेंड को यहां बुला लाओ।".. ओजल सबको कहने लगी...


ओजल बाहर बैठे अलबेली और इवान के ओर इशारा करके बुलाने के लिए कह दी। इधर जबतक वो, नजर और बॉडी लैंग्वेज, की सही परिभाषा को सीखाने लगी। कोई किस दिशा में कोई व्यक्ति भागेगा वो उसकी नजर और पाऊं के एक्शन से पता चलता है। इस पर ओजल ने 2 वॉलंटियर को बुलाया और बाहर खड़े लोगों को दूर से बताते रही… जो खिलाड़ी बॉल पकड़े रहते है, वो किस ओर भागने वाला है और एक परफेक्ट थ्रो के लिए एक खिलाड़ी के थ्रो के ठीक पहले, बॉडी लैंग्वेज क्या होती है, इन सब विषयों पर बात करने लगी।


इतने में अलबेली और इवान भी आ गए… "क्या हुआ, हमे क्यों बुलाया।".. दोनो लगभग आगे पीछे करके पूछा और एक दूसरे को देखकर गुस्से का इजहार करते इधर-उधर मुंह फेर लिया।


ओजल:- ऑफ ओ दोनो बाद में गुस्सा कर लेना। अभी अपने स्कूल की इज्जत दाव पर लगी है।


इवान:- मुझे क्या करना होगा?


ओजल:- कोई अपने घर में ना घुस पाए ऐसे स्किल सिखाओ हमारे फुटबाल टीम के डिफेंस को। अलबेली तुम 4 लड़के और चार लड़की को पकड़ो जो लोग थ्रो कर सके, इस पार से उस पार। और एक आदमी जब 4 लोगो से घिरे रहे तब भी सेफली अपना बॉल कैसे कलेक्ट कर सकते है वो सिखाओ। बाकी अटैक लाइन वाले मेरे साथ आईये, हम अटैक करना सीखेंगे।


तीनों को पहली बार कुछ इंट्रेस्टिंग सा काम मिल गया था, ट्रेंड करना। तीनों हू बहू आर्यमणि की बॉडी लैंग्वेज और समझाने का तरीका भी ठीक उसी तरह से, जिस तरह से आर्यमणि प्यार से सिखाया करता था, वो भी बिना इरिटेट हुए।


इधर करीब 3 दिन तक कई सारे किताब को पलटने के बाद आर्यमणि तैयार था अपने दिमाग को कोमा में ले जाने के लिये। ठीक ओशुन के पास ही उसका बेड भी लगा दिया गया। ओशुन के हाथ को आर्यमणि ने थाम लिया। बॉब ने पूरी प्रक्रिया शुरू की और आर्यमणि के दिमाग को धीरे-धीरे माइनस 5⁰ तक ले गया। उसका पूरा शरीर कांप रहा था और फिर अंत मै वो गहरी नींद में सो गया।


जैसे ही आर्यमणि ने अपनी आंखें खोली चारो ओर अंधेरा ही अंधेरा। ऐसा लग रहा था उस जगह को कभी ना खत्म होने वाले अंधेरे ने घेर रखा हो। चारो ओर अजीब सी बदबू आ रही थी और कहीं दूर से सिसकने की आवाज.… "संभवतः वहां आपकी आत्मा को अपने सबसे बड़े खौफ से सामना करना पड़ेगा और उस खौफ को हराने में आप को कई दशक लग सकते है या फिर आप अपनी जिंदगी वहां हारकर आ सकते है।"…


आर्यमणि पुस्तक "उलझी पहेली" के उन शब्दों को याद कर रहा था कि क्या होता है जब एक हील होती हुई बॉडी के मस्तिष्क को मरने लायक ठंड में रखा जाता है। शरीर की हीलिंग पॉवर दिमाग को मरने नहीं देती और गहरे अंधेरे में उलझी आत्मा वापस शरीर में नही लौटती। उस अंधेरे में आपको जो नजर आने वाला है, वो है आपका सबसे बड़ा खौफ।


अभी तक तो आर्यमणि के दिमाग में केवल किताब की बातें ही थी, लेकिन जो भी लिखा था सत्य लिखा था और जो दिख रहा था वो था आर्यमणि का डर, जो हाल के कुछ सालो के ख्यालों से जन्म लिया था। 4 फर्स्ट अल्फा या यूं कह लें कि 4 बीस्ट वुल्फ ने आर्यमणि को चारो ओर से घेर रखा था।


बड़े-बड़े 4 दैत्याकार वुल्फ, बिल्कुल काले बाल और गहरी लाल रंग की आंख, जिनके आंखों की चमक एक अलग ही डर का माहोल पैदा कर दे। गस्त लगाते जब वो आर्यमणि के चारो ओर घूम रहे थे, आर्यमणि चौंककर कभी इधर पलटकर तो कभी उधर पलटकर देख रहा था। तभी उस पर हमला हुआ और उसके ऊपर एक बीस्ट वुल्फ बैठ गयी। वह बीस्ट अपने पंजे आर्यमणि के चेहरे पर चला रही है। चेहरा बिलकुल गायब हो गया था और अगले ही पल आंखें बड़ी थी, जीभ बाहर निकल आया था और आर्यमणि का गला उसके धर से अलग हो गया।
Nice update
 
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भाग:–91





रूही आर्यमणि से खुशी-खुशी विदा ली। बॉब और लॉस्की ने उनका वापस पहुंचने का इंतजाम कर दिया था और कुछ ही घंटो में ये लोग बर्कले, कार्लीफिर्निया में थे। जैसे ही सभी पहुंचे रूही को छोड़कर तीनों टीन वुल्फ एक कमरे में। ओजल, अपने भाई को घूरती हुई… "ये तेरे और अलबेली के बीच क्या चल रहा है?"..


"ये बच्चो के जानने की बातें नहीं है, इसे मै हैंडल करूंगी, अपने तरीके से"… अलबेली, ओजल को आंख मारती हुई कहने लगी। बेचारी ओजल वहां से नीचे आने में अपनी भलाई समझी। वो दोनो को घूरती हुई नीचे लिविंग रूम में आकर रूही के पास बैठ गई।


रूही:- तुझे क्या हुआ, ऐसे मुंह क्यों उतरा हुआ है।


ओजल:- दीदी, तुम्हे नहीं लगता अपने पैक में एक लड़के कि कमी है। बॉस को बोलो ना एक पैक में एक लड़का लेले।


रूही, बड़ी सी आंखें करके उसकी ओर देखती हुई… "मतलब ऊपर वो दोनो।" रूही इतना ही कह पायी फिर कुछ सोचती हुई… "तुम्हारा कोई ब्वॉयफ्रैंड है क्या?"


"छोड़ो, कहीं घूम कर आते है.."… ओजल के चेहरे पर मायूसी साफ देखी जा सकती थी।


रूही:- क्या हुआ, मुझसे नहीं बताएगी तो तुम्हारी समस्या का समाधान कैसे मिलेगा।


ओजल:- मुझे ना एक लड़का पसंद है।..


रूही:- हां ठीक है तू थोड़ी मायूस है, थोड़ी झिझक भी हो रही है। एक काम कर आंख मूंद और सारी बातें कह दे।


ओजल:- हम दोनों एक दूसरे को पसंद करते है। वो उसने मुझे किस्स भी किया था, और मुझे काफी अच्छा भी लगा था। फिर..


रूही:- हां अब इतना बता दिया तो आगे भी तो बोल..


ओजल:- फिर क्या, मेरे नाखून उसके कमर से घुसते घुसते रह गए। धड़कन इतनी बढ़ी थी कि मैं वुल्फ में शिफ्ट कर रही थी। और जब खुद को काबू की तो सब मज़ा ही खत्म हो गया। उन दोनों के पास तो ऑप्शन है इसलिए आपस में लग गये। मैं क्या बिना लड़के के ही रह जाऊंगी? क्या मेरा कभी कोई बॉयफ्रेंड नहीं होगा? मेरी भी फीलिंग्स है। मेरा भी कोई ब्वॉयफ्रैंड हो उसके साथ घूमना चाहती हूं, किस्स करना चाहती हूं। और अपनी वर्जिनिटी भी लूज करना चाहती हूं। लेकिन ये शापित जीवन। मैंने कहा था क्या किसी को ऐसा जीवन देने।


रूही, ओजल सर अपने सीने से लगाकर उसके सर पर हाथ फेरती… "समस्या बता दिया ना, अब तुम्हे समाधान भी आराम से मिल जायेगा। शांत रह जरा और अपने जीवन को क्यों कोसती है?"..


ओज़ल:- बोलना आसान है दीदी लेकिन सच्चाई आपको भी पता है। क्या आपके साथ नहीं हुई कभी ये समस्याएं…


रूही:- नही मेरे साथ ऐसी समस्या नही हुई थी क्योंकि मुझे नोचने वाले भेड़ियों की कमी नही था। खैर, मेरी छोड़ और बाकी शेप शिफ्ट पर कंट्रोल किया जा सकता है। प्रैक्टिस मैक्स ए वुमन परफेक्ट।


"प्रैक्टिस मेक्स अ वूमेन परफेक्ट... मुझे भी ये प्रैक्टिस करवा दो ना दीदी।"… मजाकिया अंदाज में ओजल अपनी बात कहकर जोड़-जोड़ से हसने लगी।


रूही उसके सर पर हाथ मारती… "पागल कहीं की, क्या प्रैक्टिस करेगी।"..


"वही जिसकी प्रेक्टिस करके आप परफेक्ट हो गई, सेक्स"… ओजल आंख मारती हुई अपनी बात कही और खी खी करके हंसने लगी।


रूही:- ओय बेशर्म, बी एन इंडियन गर्ल, शादी से पहले नो सेक्स..


ओजल:- हां तो मेरी शादी करवा दो।


रूही:- पागल कहीं की, छोड़ ये सब बॉस नहीं है तो 4-5 दिन नॉन भेज पार्टी हो जाए।


ओजल:- वूहू.. ये हुई ना बात। छोड़ो ये मन को भरमाने वाले टॉपिक। मस्त आज बटर चिकेन और नान खाएंगे।


रूही:- अलबेली बटर चिकन अच्छा पकाती है, उसी को कहती हूं।


ओजल:- रहने दो अभी तो दोनो के बीच इजहार चल रहा होगा। कमिटमेंट चल रहा होगा। कसमे होंगे, वादे होंगे। फिर नजरे मिलेंगी और किस्स होगा। फिर दोनो मुसकुराते हुए बाहर आएंगे और बाहों में बाहें डालकर घूमने निकल जाएंगे। पता ना मेरे लिए कोई लड़का है भी या नहीं… छोड़ो उन नए पंछियों को दीदी, खाना किसी इंडियन रेस्त्रां से मंगवा लेते है।


रूही:- मंगवा क्या लेंगे, चलते है उधर ही। इसी बहाने कुछ लड़के भी ताड़ लेंगे और खाने का आर्डर भी दे देंगे।


दोनो अभी बात कर रही थी कि तेज दरवाजा टूटने की आवाज आयी और फिर नीचे कांच के टेबल के ऊपर इवान आकर गिरा। कांच भी तेज आवाज के साथ टूटा और इवान फ्लोर पर कर्राहते हुए, हाथ हिलाकर रूही और ओजल को हाई कहने लगा।


उसकी हालत देखकर दोनो को हंसी आ गई। तभी ऊपर से अलबेली चिल्लाई.. "मेरे आस पास भी दिखाई दिए ना इवान तो मै तुम्हारा खून पीकर डबल अल्फा बन जाऊंगी। शक्ल मत दिखना अपना।"…. "भाड़ में जाओ अलबेली तुम। दुनिया में लड़की की कमी है क्या?"


रूही अपना हाथ दे कर उसे ऊपर खींचती… "दोनो तो अंदर रोमांस कर रहे थे ना फिर ये एक्शन कहां से चालू हो गया।"..


इवान कुछ नहीं कहा चुपचाप वहां से अपने कमरे में चला गया। रूही और ओजल दोनो उसे देखकर हंस भी रही थी और सोच भी रही थी कि ऐसा हुआ क्या होगा? दोनो नीचे से ही चिंख्ती हुई अलबेली को बुलाने लगी… "क्या है दोनो गला क्यों फाड़ रही हो।"


रूही:- दरवाजा गया, यहां का टेबल गया। मैंने सुना दोनो प्यार करते हो, फिर इतना सीरियस एक्शन क्यों।


अलबेली कुछ देर ख़ामोश रहकर रूही और ओजल को घूरती रही, फिर हाथ के इशारे से पास आने कहीं। सबने जब अपने कान लगा दिए… "बिना मेहनत के मिल गई तो कहता है कि बस मुझे रोक–टोक मत करना। बस फिर क्या था दे दी घूमाकर एक लात। प्यार भी करना और इसे दूसरे लड़कियों को भी ताड़ना है। भगा दिया उसे। जाये करते रहे अपनी मनमानी।"..


ओजल:- ओह मतलब इजहार होने से पहले ही ब्रेकअप हो गया..


अलबेली:- ब्रेकअप हो गया क्या मेरा? अरे यार ये क्या हो गया.. रुको अभी आयी इवान को मानाकर।


रूही आंख दिखती… "झल्ली कहीं की वो लड़का है, वो आयेगा मानाने।"


अलबेली:- रूही बड़ा क्यूट लड़का है, नहीं आया मानाने तो?


रूही:- वो बाद में देखेंगे, तुम बस स्ट्रिक्ट रहना। वरना यदि इन लड़को के पीछे तुम गई तो ज्यादा भाव खाएंगे।


अलबेली:- ये इंडिया थोड़े ना है। यहां अभी ब्रेकअप हुआ और अगले सेकंड नया रिश्ता बन जाता है। तुम लोग के चक्कर में अच्छा लड़का ना हाथ से निकल जाय।


रूही और ओजल दोनों उसे घूरते… "शुरू से प्रकाश डाल जरा कहानी पर, फिर बटर चिकन और नान।"


अलबेली:- "वाउ !!! बताती हूं.. पहली बार, जब इवान तहखाने में था तब ऊपर सबकी बाते हो रही थी और नीचे हम दोनों की नजरें मिल रही थी। फ्लाइट में जब आ रहे थे तब हम दोनों नजरे मिला रहे थे। ऐसे नजरो का खेल बहुत दिनों से चल रहा था। उसके बाद कनाडा की कहानी तो तुम दोनो को ही पता है।"

"लौटकर आये तो कुछ दिन इसी ख्याल ने गुजर गये की कंट्रोल न होने की वजह से फसते–फंसते बचे। लेकिन कब तक इन ख्यालों के कारण न मिल पाते। थोड़ा उसका मन डोला। थोड़ा मेरा मन डोला। थोड़ा वो करीब आया, थोड़ा मैं करीब आयी। ऐसे ही करीब–करीब खेलते कब हम दोनो के होंठ करीब आकर एक दूसरे से चिपक गये पता ही नही चला। किस्स जब खत्म हुई तो वो भी मुस्कुराया मै भी मुस्कुराई। ना वो कुछ कह पाया ना मै कुछ कह पायि। फिर ट्रेनिंग और स्कूल में उलझ गई जिंदगी, लेकिन तब भी हमे किस्स करने के मौके कभी-कभी मिल ही जाते.."


रूही:- और वो कभी कभी कितने दिन में आता था।


अलबेली:- यही हर 2-3 घंटे में।


रूही:- और वो भी हुआ कि नहीं अब तक...


अलबेली अपनी आंखें छोटी करके दोनों को घुरी। फिर एक आंख मारती हुई कहने लगी.… "लड़की ही हो ना। इतने किस्स के बाद कोई आगे बढ़ेगा तो… खैर दोबारा मत पूछना ऐसे सवाल अब चुपचाप सुनो। फिर एक दिन इस इवान के बच्चे ने अपनी कुत्यापा दिखा दिया।"

"इवान किसी लड़की को पूरा सिद्दत से चूम रहा था। ऐसा लगा जाकर उस लड़की का मुंह नोच लूं। मेरे माल पर नजर डाल रही थी। अब क्या बताऊं जब अपना ही सिक्का खोटा हो तो दूसरे को क्या कहना। हां लेकिन किस्स करते वक़्त अचानक इवान के क्ला निकल आये, और मै जोड़ से चिल्ला दी।"

"अकडू कहीं का, भड़क गया और कहने लगा कि ऐक्सिडेंटली हमारे बीच कुछ अट्रैक्शन हुआ, इसका मतलब ये नहीं तुम मेरी पर्सनल लाइफ में दखल दो। मेरा मुंह छोटा हो गया। रोने जाने से पहले मैं उसे बताती गयी, वो शेप शिफ्ट कर रहा था इसलिए रोकना पड़ा। बस हो गया, उसके बाद ना तो उसने कभी मुझसे उस पर कोई बात की ना कभी सॉरी कहा।"

"उस रात जंगल में अचानक मुझसे इवान ने आई लव यू कह दिया। आह मै खुशी से झूम गई। वो सॉरी क्यों नहीं कहा, क्यों मुझसे बात करना बंद कर दिया, ये सब गम मिट गये। यहां आयी तो सोची वो मुझे प्यार से गले लगाकर अपनी बात रखेगा। हालांकि शुरवात तो प्यार से ही किया था, लेकिन बाद में कहने लगा कि मै उसे रोका टोका ना करूं। पता नहीं मुझे क्या हो गया, ऐसा लगा कि वो कहना चाह रहा हो किसी को भी वो किस्स करे, मै ना टोकुं। बस गुस्सा आ गया और दे दी एक लात घुमाकर।"


ओजल:- हां ठीक तो की। कोई जरूरत नहीं उसके पास जाने की। एक तो इतनी प्यारी लड़की उसे मिलेगी नहीं और गोरी मेम पर लट्टू है कमिना। कर लेने दे उसे अपने मन कि, जब अक्ल ठिकाने आयेगी ना तब तू भी उसे ठेंगा दिखा देना।


अलबेली:- पूरी बात ये सब सुनने के लिए नहीं बतायी। उस अकडू की अकड़ तो मै निकाल दूंगी, उसकी चिंता क्यों करती हो। चलो अब बटर चिकेन और नान कहां है वो बताओ?



रूही:- उसके लिए तो हमे बाहर जाना होगा ना। या तुझे बनना है तो बता दे मै चिकेन मंगवा लेती हूं।


अलबेली:- घर पर ही बना लेते है। आज पेट भर खाने के बाद सीधा बिस्तर की याद आएगी। मुझसे तो रेस्त्रां से लौटा ना जाएगा। ऊपर से बिल भी तो सोचो। जितने में उनका 4 प्लेट आएगा हम यहां आराम से 10-20 चिकेन तो खा ही सकते है।


आर्यमणि के ना रहने पर कुछ और नहीं तो कम से कम खाने की तो पूरी आज़ादी थी ही। अगले दिन स्कूल में जैसे ही ओजल का आगमन हुआ, कुछ लड़के-लड़कियां उसे देखकर घेर लिया। अलबेली और इवान दोनो ही अपनी कार पार्क करके आ रहे थे। स्वाभाविक था इवान और अलबेली दोनों एक दूसरे से कटे हुए थे। लेकिन सामने ओजल का जलवा देखकर दोनो आखें फाड़े थे। कब एक दूसरे के नजदीक पहुंचे उन्हें भी पता नहीं चला। अचानक ही एक दूसरे पर नजर गई और दोनो मुंह फेर कर अपने-अपने क्लास में।


इधर ओजल से शिकायती लहजे में मरकस उसके 3 दिनो तक गायब होने का कारण पूछने लगा। ओजल भी तबियत खराब का बहाना बना दिया। सभी लोग एक साथ मिन्नते करते हुए कहने लगे… "हाई स्कूल चैंपियनशिप में आज तक स्कूल का नाम टॉप 5 में नहीं रहा। प्लीज हमे ज्वाइन कर लो।"..


ओजल:- अगर स्किल सीखना है तो मै एक क्लास खत्म करके आती हूं, वरना स्कूल छोड़ दूंगी।


सभी लड़के लड़कियां छोटा सा मुंह बनाकर… "ठीक है हम इंतजार करेंगे।"..


अलबेली और इवान के क्लास भी साथ में खत्म हुआ था। दोनो को म्यूज़िक क्लास जाना था लेकिन ओजल की अचानक से बढ़ी लोकप्रियता देखकर वो दोनो उसके पीछे चल दिए किन्तु अलग-अलग। ओजल ग्राउंड पर पहुंच चुकी थी और सामने से 30 खिलाड़ी… 15 लड़के और 15 लड़कियां… सबकी नजर ओजल पर…


"ऐसे मत घूरो दोस्तो, मै नर्वस हो जाऊंगी। अच्छा मै जो बताने वाली हूं वो शायद गेम से हटकर अलग स्किल है, मै चाहती हम तुम सब ध्यान दो। जबतक कोई एक काम करो वहां बाहर बैठे मेरे भाई और उसकी गर्लफ्रेंड को यहां बुला लाओ।".. ओजल सबको कहने लगी...


ओजल बाहर बैठे अलबेली और इवान के ओर इशारा करके बुलाने के लिए कह दी। इधर जबतक वो, नजर और बॉडी लैंग्वेज, की सही परिभाषा को सीखाने लगी। कोई किस दिशा में कोई व्यक्ति भागेगा वो उसकी नजर और पाऊं के एक्शन से पता चलता है। इस पर ओजल ने 2 वॉलंटियर को बुलाया और बाहर खड़े लोगों को दूर से बताते रही… जो खिलाड़ी बॉल पकड़े रहते है, वो किस ओर भागने वाला है और एक परफेक्ट थ्रो के लिए एक खिलाड़ी के थ्रो के ठीक पहले, बॉडी लैंग्वेज क्या होती है, इन सब विषयों पर बात करने लगी।


इतने में अलबेली और इवान भी आ गए… "क्या हुआ, हमे क्यों बुलाया।".. दोनो लगभग आगे पीछे करके पूछा और एक दूसरे को देखकर गुस्से का इजहार करते इधर-उधर मुंह फेर लिया।


ओजल:- ऑफ ओ दोनो बाद में गुस्सा कर लेना। अभी अपने स्कूल की इज्जत दाव पर लगी है।


इवान:- मुझे क्या करना होगा?


ओजल:- कोई अपने घर में ना घुस पाए ऐसे स्किल सिखाओ हमारे फुटबाल टीम के डिफेंस को। अलबेली तुम 4 लड़के और चार लड़की को पकड़ो जो लोग थ्रो कर सके, इस पार से उस पार। और एक आदमी जब 4 लोगो से घिरे रहे तब भी सेफली अपना बॉल कैसे कलेक्ट कर सकते है वो सिखाओ। बाकी अटैक लाइन वाले मेरे साथ आईये, हम अटैक करना सीखेंगे।


तीनों को पहली बार कुछ इंट्रेस्टिंग सा काम मिल गया था, ट्रेंड करना। तीनों हू बहू आर्यमणि की बॉडी लैंग्वेज और समझाने का तरीका भी ठीक उसी तरह से, जिस तरह से आर्यमणि प्यार से सिखाया करता था, वो भी बिना इरिटेट हुए।


इधर करीब 3 दिन तक कई सारे किताब को पलटने के बाद आर्यमणि तैयार था अपने दिमाग को कोमा में ले जाने के लिये। ठीक ओशुन के पास ही उसका बेड भी लगा दिया गया। ओशुन के हाथ को आर्यमणि ने थाम लिया। बॉब ने पूरी प्रक्रिया शुरू की और आर्यमणि के दिमाग को धीरे-धीरे माइनस 5⁰ तक ले गया। उसका पूरा शरीर कांप रहा था और फिर अंत मै वो गहरी नींद में सो गया।


जैसे ही आर्यमणि ने अपनी आंखें खोली चारो ओर अंधेरा ही अंधेरा। ऐसा लग रहा था उस जगह को कभी ना खत्म होने वाले अंधेरे ने घेर रखा हो। चारो ओर अजीब सी बदबू आ रही थी और कहीं दूर से सिसकने की आवाज.… "संभवतः वहां आपकी आत्मा को अपने सबसे बड़े खौफ से सामना करना पड़ेगा और उस खौफ को हराने में आप को कई दशक लग सकते है या फिर आप अपनी जिंदगी वहां हारकर आ सकते है।"…


आर्यमणि पुस्तक "उलझी पहेली" के उन शब्दों को याद कर रहा था कि क्या होता है जब एक हील होती हुई बॉडी के मस्तिष्क को मरने लायक ठंड में रखा जाता है। शरीर की हीलिंग पॉवर दिमाग को मरने नहीं देती और गहरे अंधेरे में उलझी आत्मा वापस शरीर में नही लौटती। उस अंधेरे में आपको जो नजर आने वाला है, वो है आपका सबसे बड़ा खौफ।


अभी तक तो आर्यमणि के दिमाग में केवल किताब की बातें ही थी, लेकिन जो भी लिखा था सत्य लिखा था और जो दिख रहा था वो था आर्यमणि का डर, जो हाल के कुछ सालो के ख्यालों से जन्म लिया था। 4 फर्स्ट अल्फा या यूं कह लें कि 4 बीस्ट वुल्फ ने आर्यमणि को चारो ओर से घेर रखा था।


बड़े-बड़े 4 दैत्याकार वुल्फ, बिल्कुल काले बाल और गहरी लाल रंग की आंख, जिनके आंखों की चमक एक अलग ही डर का माहोल पैदा कर दे। गस्त लगाते जब वो आर्यमणि के चारो ओर घूम रहे थे, आर्यमणि चौंककर कभी इधर पलटकर तो कभी उधर पलटकर देख रहा था। तभी उस पर हमला हुआ और उसके ऊपर एक बीस्ट वुल्फ बैठ गयी। वह बीस्ट अपने पंजे आर्यमणि के चेहरे पर चला रही है। चेहरा बिलकुल गायब हो गया था और अगले ही पल आंखें बड़ी थी, जीभ बाहर निकल आया था और आर्यमणि का गला उसके धर से अलग हो गया।
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