• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

Prime
23,612
80,748
259
Last edited:

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
10,210
42,688
174
भाग:–90




"आध्यत को जैसे ही यह ज्ञात हुआ की सात्विक आश्रम के गुरु ने रीछ स्त्री को ढूंढ निकाला, उसके होश उड़ गये थे। वह आध्यत ही था जिसने फिर एलियन प्रहरी तक यह संदेश पहुंचाया था कि गुरु निशी वाकई एक सिद्धि प्राप्त सात्विक आश्रम के गुरु है, जो अनंत कीर्ति की पुस्तक के पीछे है और वर्धराज कुलकर्णी भी इसी गुरु निशी का अनुयाई है। बात खुल चुकी थी और अब किसी को भी जिंदा रखने का कोई मतलब नहीं था। हां लेकिन गुरु निशी और मेरे दादा जी दोनो इस बात से बेखबर थे कि आश्रम के दुश्मनों तक उनकी खबर पहुंच चुकी थी।"

"एलियन प्रहरी मेरे दादा जी के नजरों में एक अलग प्रकार के सुपरनैचुरल थे, जो अपनी असलियत छिपा कर रहते थे। उन्हे जरा भी अंदाजा नहीं था कि ये वही लोग थे जो सदियों से सिद्ध पुरुष का शिकार करते आये है। नित्या को भी सतपुरा के जंगल में रहने की सजा इसी वजह से मिली थी। उसके कारण एलियन का भेद लगभग खुलने ही वाला था।"

"एक ही वक्त में थोड़ा आगे पीछे चारो ओर से इतनी कहानियां चल रही थी। जब मैंने सुहोत्र लोपचे का पाऊं तोड़ा तब वह हील नही हुआ। एक साढ़े 8 साल के लड़के ने 12–13 साल के टीनएजर वुल्फ को मारकर घायल कर दिया, फिर ये एलियन प्रहरी के नजर में आना ही था। उन्हे शक हो गया था कि 7 सालों में मेरे दादा ने मुझे कोई सुद्ध ज्ञान दिया गया है। शुद्ध ज्ञान एक प्रकार का विशेष ज्ञान होता है, जिसे गर्भ में पल रहे शिशु को दिया जाता है। मैं एलियन के शक के घेरे में आ गया और राकेश नाईक इन सब विषय की जानकारी देने में विफल रहा था, इसलिए जाल बुना गया। प्रहरियों का जाल।"

"उसी रात लोपचे कॉटेज को आग लगा दिया गया और लोपचे से सुरक्षा के नाम पर तेजस हमारे साथ करीब 2 महीने रुक था। जिस दिन तेजस गंगटोक छोड़कर गया, ऊसके तीसरे दिन मेरे दादा जी की अकस्मात मृत्यु हो गयी। चूंकि मुझे शुद्ध ज्ञान दिया गया था इसलिए जब गुरु निशी मरे तब जाते–जाते मेरे लिये कुछ छोड़ गये थे, जो मुझे उस वक्त मिला जब मैं खुद के दिमाग में झांक रहा था। अतीत की गड़ी यादों ने मुझे झकझोर दिया। शायद दादा जी की तरह मेरे लिये भी एलियन प्रहरी कोई अलग प्रकार सुपरनेचुरल ही रहता। किंतु गुरु निशी अपने मृत्यु के पूर्व के महीने दिन की स्मृति मुझे भेज चुके थे, और उन स्मृति में मुझे एक चेहरा दिख गया, जो काफी चौकाने वाला था। वहां गुरु निशी के आश्रम में पलक थी।"

"न्यूरो सर्जन के दिमाग ने जैसे मेरे दिमाग के परदे खोल दिये थे। बॉब से विदा लेने के बाद मैं सीधा भारत ही आया था। लेकिन जिन डेढ़ साल का हिसाब तुम्हे नही मिला, उस अवधि में मैं अपने स्किल को निखारता रहा और अपने अंदर टॉक्सिक को भरता रहा। मैने बचे डेढ़ साल में तकरीबन रोजाना 150 से 200 पेड़ों को हील करता था। मेरे लिये पेड़ कम न पड़ जाये इसलिए मैं पूर्वी भारत के घने जंगलों में अपना अभ्यास करता रहा। मेरे पास कुछ घातक स्किल थे और मैं अपने उन सभी स्किल को पूरी ऊंचाई देने में लगा हुआ था। एक ड्रग देकर बॉब मेरा शेप शिफ्ट करवा चुका था, इसलिए खुद पर न जाने मैने कितने ड्रग के टेस्ट किये थे और उनसे पार पाना सीखा था।"

बीते वक्त की सबसे बड़ी सच्चाई तो यह भी थी कि नागपुर पहुंचने से पहले मेरे पास कोई भी डेटा नही था। मुझे नही पता था कि मेरे दादा जी की अकस्मात मृत्यु एक कत्ल थी। मुझे नही पता था कि गुरु निशी के कत्ल में प्रहरी का हाथ था। मुझे तांत्रिक आध्यत और उसके साजिसों के बारे में भी नही पता था। मुझे पता था तो बस मेरा पूरा परिवार किन कारणों से नागपुर छोड़ा। फेहरीन के पैक को खत्म करके ले जाने वाले कभी अच्छे समुदाय नही हो सकते। एक अज्ञात प्रकार का सुपरनैचुरल के नागपुर में होने की संभावना थी, इसलिए मैंने अपने स्किल को नई ऊंचाई दी थी। और जो मैं सही में पता लगाने आया था वह था गुरु निशी की स्मृति में पलक का दिखना, विकृत रीछ स्त्री का स्थान और दादा जी के साथ गुरु निशी का अनंत कीर्ति पुस्तक पर चर्चा करते हुये यह बताना की पुस्तक सुकेश के घर पर है।"

"मेरे लिये सबसे पहला टारगेट पलक ही थी। मैं उस से बस जानना चाह रहा था की आखिर वो गुरु निशी के आश्रम में कर क्या रही थी? मुझे कॉलेज के रैगिंग के दौरान यह पता करने का मौका भी मिला, जब पलक अकेले में मुझसे रैगिंग को लेकर बात करने पहुंची। मैने बॉब की ही ट्रिक को अपनाया और ड्रग को हवा में उड़ा दिया। लेकिन मेरे लिये यह घोर आश्चर्य का विषय हो गया, जब पलक पर उस ड्रग का असर ही नही हुआ। और भेद खुल न जाये इसलिए मैं बेहोश हो गया।"

"नागपुर मेरे लिये किसी उलझे पहली जैसा था, जहां मेरे पहला ट्रिक इतनी बुरी तरह से विफल रहा की मुझे सोचने पर मजबूर कर गया... "यहां चल क्या रहा है।" खैर चलते रैगिंग को मैने छेड़–छाड़ नही किया और उसे चलने दिया, क्योंकि मुझे दूसरा मौका चाहिए था। मैं पलक और अपने दोस्तों के आस पास रहना छोड़कर सहानुभूति बटोरने लगा। मेरे लिये आश्चर्य का सबब यह भी था कि पलक खुद मुझसे नजदीकियां बढ़ा रही थी। खैर मेरे लिये इस सवाल का जवाब जरूरी नहीं था कि पलक नजदीकियां क्यों बढ़ा रही, क्योंकि आज न कल तो मैं पता लगा ही लेता। लेकिन जरूरी था यह पता लगाना की वह आश्रम में क्या कर रही थी? और मेरे पास पता लगाने का अपना ही तरीका था।"

"सुरक्षित तरीके से पलक के गले में मुझे क्ला घुसाने का मौका भी मिला। और जब मैने उसके गले में क्ला घुसाया फिर पता चला की मेरे दादा जी जिस सुपरनैचुरल नित्या को पकड़े थे, प्रहरी समुदाय में उन जैसों की भरमार थी। पलक के गर्दन में क्ला घुसाते ही ऐसा लगा जैसे मैं किसी करेंट सप्लाई के अंदर अपने क्ला को घुसा दिया, जो मेरे नाखून तक में करंट प्रवाह कर रहे थे। दरअसल वो करेंट प्रवाह हाई न्यूरो ट्रामिशन का नतीजा था, जो किसी विंडो फायर वॉल की तरह काम करते हुये पलक के दिमाग का एक भी डेटा नही लेने दे रहा था। जो तकनीकी और मेडिकल की भाषा नही जानते उनके लिये बस इतना ही की मैं पलक के दिमाग में नही झांक सकता था। मुझे पता चल चुका था कि पलक एक सुपरनैचुरल है, लेकिन उसके जैसे और कितने थे, ये पता लगाने में मुझे कोई देर न लगी।"

"ये इन एलियन का ब्रेन मोटर फंक्शन ही था जो इनके शरीर के गंध को मार रहा था। इनकी भावनाओ को पढ़ने से रोक रहा था। और एक बार जब इस बात खुलासा हुआ फिर तो मुझे एलियन को छांटने में कोई परेशानी ही नही हुई। रैगिंग के मामले से मुझे कोई फायदा नही मिला और मुझे पूरी बात का पता लगाने के लिये एलियन प्रहरी के बीच रहना अत्यंत आवश्यक हो चुका था, इसलिए बिना देर किये मैने पलक को प्रपोज कर दिया। मैं जानता था कि जिस हिसाब से पलक मुझसे नजदीकियां बढ़ा रही है वह भी मेरे प्रस्ताव को नही ठुकराती। मेरा तीर निशाने पर लग चुका था।"

"किंतु केवल पलक की नजदीकियों के वजह से मुझे सभी सवालों का जवाब नही मिलता इसलिए मैं बस मौके की तलाश में था। खैर, केवल नागपुर में एक ही काम तो नही था इसलिए मैंने सभी कामों पर अपना ध्यान लगाया। न सिर्फ अनंत कीर्ति की पुस्तक तक पहुंचना बल्कि रीछ स्त्री का भी पता लगाना। एक बात जो कोई नही जानता वो मैं बता दूं, मेरे क्ला ही काफी है जमीन में दफन किसी भी चीज का पता लगाने के लिये।"

"फिर रीछ स्त्री का जब मामला उठा तब इस एक मामले के कारण मैं प्रहरी में इतना अंदर घुसा की इन एलियन की करतूत छिपी नही रही। मैं न सिर्फ प्रहरी मुख्यालय पहुंच चुका था बल्कि सुकेश के सीक्रेट चेंबर में भी घुस चुका था। फिर मुझे पता लगाने के लिये न तो किसी कमरे का दरवाजा तोड़ना था और न ही प्रहरी मुख्यालय में चोरी से घुसने की जरूरत पड़ी। मुझे जगह का ज्ञान हो गया और वहां पर क्या सब रखा है वह मुझे जड़ों की रेशों से पता चल गया। हां सही सुना... मैं जो रेशे फैलता हूं वह जिस चीज को भी छूते है उन्हे मैं देख सकता हूं।"

"एक के बाद एक सभी राज पर से पर्दा उठता चला गया और रही सही कसर स्वामी के लूट ने कर दिया। तुमने सही थी रूही। स्वामी का मेरे पास आना कोई संयोग नहीं था बल्कि उसके दिमाग से मैने ही छेड़–छाड़ की थी। एक बार नही बल्कि कई बार। पहले मैंने ही स्वामी के दिमाग के अंदर यह ख्याल डाले की यदि अनंत कीर्ति किताब गायब तो सुकेश खत्म। वहीं मैने दूसरा ख्याल भी डाल दिया की अनंत कीर्ति की किताब के सबसे ज्यादा करीबी आर्यमणि ही है। मुझे लगा अनंत कीर्ति की किताब तो स्वामी को मिलेगी नही इसलिए स्वामी, सुकेश के सीक्रेट चेंबर की दूसरी रखी किताब जरूर चोरी करेगा। दूसरी किताबे चोरी करने के बाद स्वामी अनंत कीर्ति की किताब का पता लगाने मेरे पास जरूर पहुंचेगा और वहीं से मैं सुकेश के सीक्रेट चेंबर के सारे किताब ले उडूंगा।"


"सुकेश के सीक्रेट चेंबर में किताब का होना ही मुझे खटक रहा था क्योंकि बाहर एक बड़ा सा लाइब्रेरी होने के बावजूद उन किताबों को छिपाकर क्यों रखा था? मन में जिज्ञासा तो जाग ही चुकी थी और मुझे सभी किताब को इत्मीनान से पढ़ना था। लेकिन स्वामी ने तो जैसे कुबेर का खजाना ही लूट लिया था। प्रहरी के बारे में बहुत कुछ मैं पता कर चुका था, रही सही कसर तब मिट गई जब मैं इनकी क्लासिफिकेशन की किताब देख रहा था। मुझे तभी समझ में आ गया की ये लोग पृथ्वी के कोई सुपरनेचुरल नही बल्कि किसी दूसरे ग्रह के इंसान है।"

"लूट के 2 समान जादूगर का दंश और एक पतला अनोखा चेन को मैने कॉटेज के पीछे वाले जंगल में जमीन के अंदर दफन करके रखा है। उसपर हम साथ मिलकर अभ्यास करेंगे। अभी मैं बस उन दोनो वस्तुओं को पूर्ण रूप से समझने की कोशिश कर रहा हूं। पलक के दिमाग में जिस दिन क्ला घुसाया था उसी दिन मैने सोच लिया की मुझे क्या करना है? अभी ये एलियन सुपरनैचुरल मेरे लिये टेढ़ी खीर थे। मुझे जिस दुश्मन के बारे में पता ही नही उस से मैं लडूंगा कैसे? इसलिए मैं सोच चुका था कुछ बड़ा डंडा करके निकलूंगा ताकि ये लोग मेरे पीछे आने पर मजबूर हो जाये। वर्धराज के पोते को मारने का उतावलापन देखकर इनकी बुद्धि तो समझ में आ चुकी थी, अब बस इनकी शक्तियों का पता लगाना था।"

"मैं अपने कैलिफोर्निया पहुंचने तक का प्लान पहले से बना चुका था। मैने हर पॉइंट पर इतने जाल फैलाये थे की मुझे पता है कि इन एलियन की टीम मेरी जानकारी जुटाने कहां–कहां पहुंच रहे होंगे। मैने उनके चोरी के समान को भी एक जाल के तहत गायब किया था। बस थोड़ा इंतजार करो फिर हम वहां चलेंगे जहां ये हमारा पता लगाने पहुंचे होंगे। वहीं इन एलियन की छोटी–छोटी टुकड़ी से भिरकर उनके शक्तियों का पता लगाएंगे।"

"तो ये थी नागपुर की पूरी कहानी। अब मैं किसको क्या बताता की मैं नागपुर क्यों पहुंचा? ये मेरे लिये काफी उलझाने वाला सवाल था। क्योंकि गुरु निशी ने मुझे 3 हिंट दिये थे। पूरी बात बताने का मतलब होता की पहले अपने क्ला की शक्ति बताओ। उस शक्ति से मैने खुद के दिमाग में झांका और अतीत के पन्नो से गुरु निशी और वर्धराज कुलकर्णी को ढूंढ निकाला ये बताता। फिर मुझे गुरु निशी की तीन यादें बतानी होती जो मरने से पहले उन्होंने मेरे दिमाग तक पहुंचाया था। उन तीन यादों के तहत मैंने इंसानियत और आश्रम के बहुत पुराने दोषी एक एलियन प्रहरी को ढूंढ निकाला। नागपुर आने की सच्चाई मैं किसी को चाहकर भी एक्सप्लेन नही कर सकता था इसलिए बस टालने के इरादे से झूठ बोलता था, और कोई बड़ी वजह नही थी। उम्मीद है तुम्हे सब समझ में आ गया होगा।"


रूही:– उफ्फ क्या मकड़जाल में तुम खुद ही उलझे थे बॉस। खैर कहानी तो पूरी समझ में आ गयी बस घटना क्रमबद्ध नही था इसलिए थोड़ी उलझन है। तो बॉस तुम ये कहना चाह रहे हो की तुम वाकई कुछ सवालों के साथ आये थे, लेकिन वह सभी सवाल प्रहरी से जुड़े थे। नागपुर आने से पहले तुम्हारे नजरों में प्रहरी एक करप्ट संस्था थी, बस इतना ज्ञान था?


आर्यमणि:– नही एक खास प्रकार का सुपरनेचुरल भी मिलेगा नागपुर में, यह बात भी दिमाग में थी। सच्चाई पता लगने के बाद कड़ियां जुड़ती चली गयी। फिर अतीत से लेकर वर्तमान की हर कड़ी जैसे मेरे नजरों के सामने थी।


रूही:– मतलब वो मैत्री के दादा मिकू लोपचे और उसकी पत्नी का कत्ल जिसमे दोषी प्रहरी थे, वो भी तुम्हे नागपुर आने के बाद पता चला...


आर्यमणि:– हां बिलकुल सही...


रूही:– फिर पलक जो गुरु निशी के आश्रम में थी, क्या वो अपस्यु के बारे में जानती थी, या अपस्यु उसके बारे में?


आर्यमणि:– नही पलक छोटी थी, यानी जब अपस्यु आश्रम पहुंचा होगा तब पलक गुरु निशी के बारे में पता करके निकल चुकी होगी। प्रहरी पर शक न हो इसलिए पलक के निकलने के कई साल बाद गुरु निशी को मारा गया था।


रूही:– सात्विक आश्रम के लोग तुम्हारे पीछे आये, ये महज इत्तीफाक था या उसमे भी तुम्हारी करस्तनी है।


आर्यमणि:– सात्विक आश्रम का मेरे साथ होना बस किस्मत की बात थी जो रीछ स्त्री के पीछे जाने से मेरी उनसे मुलाकात हो गयी। वह आश्रम तो खुद टूटा था और जोड़ने की यात्रा में उनकी पूरी टीम लगी थी। बस यात्रा के दौरान ही हम बिछड़े मिले। इसमें मेरा कोई योगदान नहीं।


रूही:– सारी बातों में आर्म्स फैक्ट्री की बात कहां गोल कर गये? वो भी बता दो.…


आर्यमणि:– वो तो बॉब ही बतायेगा...


बॉब:– मुझे मत घसीटो... तुम ही कह दो तो ज्यादा अच्छा रहेगा। वैसे भी कुछ तो किस्मत तुम लेकर आये हो आर्य.…


आर्यमणि:– अच्छा... लेकिन ये न कबूल करो की बोरियाल, रसिया का जंगल में कई गैर कानूनी काम होते है। और उन्ही गैर कानूनी काम में से एक था इलीगल वेपन फैक्ट्री, जिसे एक होनहार क्रिमिनल चला रहा था। हम कुछ नया ट्राई करते हुये अपनी जगह से काफी दूर निकल आये थे और वेपन फैक्ट्री में काम कर रहे क्रिमिनल ने हमे घर दबोचा था। बस फिर क्या होना था, पूरी फैक्ट्री किसी भूतिया लताओं में फंस गयी और सारे क्रिमिनल्स आर्मी के हत्थे चढ़ गये। हां लेकिन इस बीच मैंने उनका सारा प्रोजेक्ट चुरा लिया।


रूही:– चलो, सच्चाई जानकर अब कुछ अच्छा लग रहा है। वाकई नागपुर क्यों पहुंचे उसका जवाब देना तुम्हारे लिये काफी मुश्किल होता बॉस। खैर, बॉस हमारा एक्शन टाइम कब आयेगा? कब हम उन एलियन प्रहरी के टीम के पीछे जायेंगे?


आर्यमणि:– बहुत जल्द... उसके लिये ज्यादा इंतजार नही करना पड़ेगा.…


रूही:– और बॉस आपके और बॉब के बीच क्या चल रहा है? इतने दिनो बाद मिल रहे थे और कोई गर्मजोशी नही।


बॉब:– "आर्यमणि मुझसे मिल चुका है। हम दोनो मिलने की गर्म जोशी भी दिखा चुके। तुम्हारा कहना सही था कि ये जगह आर्यमणि लिये नया नही था। जिस विकृत रीछ स्त्री के आत्मा को विपरीत दुनिया से मूल दुनिया में लाया गया था उसके द्वार यहीं से खोले गये थे। करीब 3 महीने पहले ही आर्यमणि से जब मेरी बात हुई थी तभी उसने मुझे इस जगह का कॉर्डिनेट्स भेजा था। इसके क्ला क्या–क्या कारनामे कर सकते है, शायद ही कोई जानता हो।"

"वहां की मिट्टी में क्ला डालकर आर्यमणि ने इस जगह का कनेक्शन ढूंढा था। इसी जगह से विपरीत दुनिया का द्वार खोलकर महाजनिका के आत्मा को खींचा गया था। 3 महीने के परिश्रम के बाद मैं अंदर तक घुसा और यहां ओशुन को देखकर काफी हैरान रह गया। मैने आर्य को ओशुन के बारे में नही बताया। यहां आने की प्लानिंग भी हो चुकी थी। उस रात तुम दोनो यूं ही नहीं रात में घूमने निकले थे बल्कि उस डॉक्टर के प्राण बचाने की योजना के कारण ही घूमने निकले थे। सामने जो ओशुन पड़ी हुई है, उसके जिम्मेदार भी कहीं ना कहीं वही प्रहरी है... अब मै ओशुन को लेकर तुमसे कुछ बोल सकता हूं आर्य...


आर्यमणि:- हां बॉब...


बॉब:- ओशुन भी तुम्हे चाहने लगी थी बस वो तुम्हे कैसे फेस करती जब वो अपनी सच्चाई तुम्हे बताती। इसलिए वो तुमसे नहीं मिली। प्लीज उसे माफ कर दो।


आर्य:- मै उसकी परेशानी समझ सकता हूं। खैर छोड़ो भी इस बात को, और ओशुन को जगाया कैसे जाए उसपर बात करते है।


बॉब:- ये कोई ब्लैक मैजिक है आर्य। ये बात तो अब तक तुम्हे भी पता चल चुका होगा। जबतक तुम उस जगह नहीं पहुंच जाते जहां ओशुन की आत्मा दो दुनिया के बीच कैद है, इसे जगाया नहीं जा सकता।


आर्यमणि:- इसके लिए मुझे क्या करना होगा?


बॉब:- ओशुन की तरह तुम्हे भी मरना होगा और उसकी आत्मा जहां फसी है वहां से उसे खींचकर लाना होगा। बाकी अंदर वहां क्या चल रहा है और किन हालातों से सामना होता है, वो वहां पहुंचने पर ही पता चलेगा।


रूही:- ये कैसी बहकी–बहकी बातें कर रहे हो बॉब।


आर्यमणि:- मुझे कुछ नहीं होगा रूही, तुम चिंता मत करो। मुझे यहां कुछ दिन वक़्त लग जाएगा इसलिए तुम अलबेली और ट्विंस को लेकर निकल जाओ। बाकी यहां बॉब और लॉस्की (लॉस्की पहला मिला वो वेयरवुल्फ जो मैक्सिको में इस फार्म में शिकारियों के साथ था) रुक रहे है।


रूही:- और यहां के फंसे वेयरवुल्फ?


आर्यमणि:- रूही तुम लॉस्की को बोलो सभी फंसे वेयरवुल्फ को सुरक्षित वापस भेज दे। यहां मै और बॉब पहले कुछ दिनों तक किताब की खाक छान कर देखेंगे और सोचेंगे की ओशुन को कैसे जगाया जाये।


बॉब:- मैंने पहले ही सारी पुस्तक अलग कर ली है। तुम इन सब को देखना शुरू करो, जबतक मै तुम्हारे पैक को वापस भेजता हूं।


आर्यमणि:- रुको बॉब अभी नहीं। क्या तुम हम दोनों (रूही और आर्यमणि) को कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दोगे, हमे कुछ बातें करनी है।


बॉब मुस्कुराकर वहां से चला गया। उसके जाते ही आर्यमणि रूही का हाथ थामते… "मुझे माफ़ कर दो, तुम्हारी आई के बारे में बहुत कुछ पता होते हुए भी मैंने तुमसे छिपाया। नागपुर की पूरी सच्चाई नही बताई।"


रूही:- जबसे तुमसे मिली हूं ना आर्य, बीते दिनों का दर्द और गुस्सा दिल से कहीं गायब हो गया है। बस तुम यहां अपना ध्यान रखना और जल्दी लौटने कि कोशिश करना। वैसे भी जल्द से जल्द एक्शन करने के लिये बेकरार हूं।


आर्यमणि:- अभी ही कर लो, इतनी भी बेकरारी क्यों?


रूही:- तुम तो घर के माल हो बॉस, तुम्हारे साथ तो कभी भी एक्शन कर सकती हूं, फिलहाल तो तड़प उन एलियन के लिये है। चलो अब मै चलती हूं। तुम यहां पुरा फोकस करो जब तक मै उन मुसीबतों को संभालती हूं।


रूही आर्यमणि से खुशी-खुशी विदा ली। बॉब और लॉस्की ने उनका वापस पहुंचने का इंतजाम कर दिया था और कुछ ही घंटो में ये लोग बर्कले, कार्लीफिर्निया में थे। और इधर आर्यमणि ओशुन को छुड़ाने के काम में लग गया।
Yha 2 prakar ki do duniyo ka jikar hua hai pahli vo jaha pr mahajanika gyi hai or ek vo jaha pr Osun ki atma ko bheja gya hai,
Aisa bhi kah sakte hai ki ek pani ki duniya hai jaha pr apna nishchal mila tha or ek surpmarich ki duniya jaha pr mahajanika hai abhi,

Nainu bhaya Mai khud ise dobara soch kr confuse ho rha hu aapne kaise likh liya itna confusing sequence, hat's off bhai :yourock: :yourock: :woohoo: :woohoo:

Sukriya hmara bheja fry karne ke liye :bow: :bow:

Mind blowing superb lajvab amazing update with awesome writing skills
 

nain11ster

Prime
23,612
80,748
259
मज़ा आगया नैन भाई और कुछ सवालों के जवाब भी मिल गए

नैन भाई अभी तक अपने मुख्य विलन का खुलासा नहीं किया सिर्फ इतना पता है की प्रहारियों में से कोई एक है और जिस तरह से आप ने बताया की तेजस आर्य और उसके दादा के बिच रहा है तो मुझे लगता है की तेजस ही सायद मुख्य विलन हो सकता है लेकिन होने को तो कुछ भी हो सकता है वैसे अगला अपडेट कब दोगे नैन बाबू
Mukhya villain ka khulasa pahle se hai... Aur yahan koi ek villain nahi hai balki... Poora alian prahari samuday vs Alfa pack pahle se hi to hai.... Baki kuch villain jo chalte firte milenge ya connected honge... Jyada takatvar bhi ho sakte hain ye lekin mukhya villain wahi poora alian samuday hai.... Agla update bus 10 minut ke ander monty bhai...

Thankoooo sooo much for your beautiful words
 

nain11ster

Prime
23,612
80,748
259
:omg: :omg1: kya hi bawal kiye ho bhai itne purane Samay ka kramvaar vivran kya manbhavan sabdo se kiye ho bhai dil ko chhu gya vahi dimag ki to band bja diye ho bhaya, padh kr anand aa gya superb Jabardast sandar update with awesome writing skills Nainu bhaya

Guru Nishi, sanyashi shivam apasyu dada ji se hote huye arya ne lopche bhumi Di chitra Nishant maitri, nitya riksh stri se hote huye Rakesh nayika or ye alian... Mind blowing superb bhaya
Thankooo sooo much.... Bus jahan aap itne pyar se padhte hain isliye aisi rachna apne aap hi ho jati hai... Update ko inte jindadil se rarahne ka shukriya:hug:
 

CFL7897

Be lazy
457
953
93
Thodi si CFL ki raushni har thread par maar aate.... Sab ek hi kahani me padh lijiyega.... Vempire world bhi explore hoga lekin wo aapko "Bhanvar-2" me dekhne ko milega... Wahan Arya aur Apasyu do super hero apna jalwa dikhayenge ...

Ummid hai is kahani ke har update par aapka CFL jale
Kya complet hue story par bhi comment ya sawal kar sakate hai?
Kya abhi aap TOO YOUNG TOO OLD ke 2 part par vichar kar rahe hai?
 
Top