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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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nain11ster

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nain11ster मित्र ये हुई न कोई बात... ईडन की एसी म्रत्यु के लिए तो सोचा भी नहीं था.. ओसून की अपनी सच्चाई है 😍.. आर्य का थोड़ा खिलंदड़ापन अच्छा लगा...
फाइनली ओसुन ने आर्य को बचा लिया.. बॉब भी अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं...
ईडन के पैक का क्या हुआ...
अब तो बहुत कुछ सीखने को मिलने वाला है... जर्मनी में और क्या क्या हुआ है अब तो इन्तेज़ार हैं उसे जानने का... 😍
कुछ लंबे अंतराल के बाद अपडेट दिया है 😍 परंतु मज़ा आ गया है 😍
बहुत ही सुंदर अंक है..... 😍
अगले घटनाक्रम के इंतजार में 😊 💕
Thanks a lot ASR bhai.... Bus Germany ki kahani ab lagbhag samapti ke ore hai... Bus yun hi sath bane rahe aur apne pyare comment se thread ko susajjit karte rahe :hug:
 

nain11ster

Prime
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अंतः सीन 7 आ ही गया। कहते है ना की किसी धर्मयुद्ध से पहले दिल और दिमाग को खाली करके सिर्फ अच्छी यादें रखो तो आत्मविश्वास और सामर्थ्य दोनो ही कई गुना बढ़ जाते है और आर्य तो बचपन से ही प्रहरी के बाप अपने दादा से शिक्षा ले चुका था और रही सही कसर थिया से मिले सामान ने पूरी कर दी और आर्य ने दुश्मनों को उनके घर में घुस कर ललकार दिया और अपना असली रूप दिखा कर उनको उनकी औकात भी दिखा दी।
Ye aakhri ka aulaad dikha dene wali baat likhna aapko Aisa nahi lagta ki bhavna me bahkar kuch jyada hi badhakar likh diya ho :D.... Haan baki sabhi baton par sehmati 😄😄😄😄😄
 

nain11ster

Prime
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क्या मस्त लड़ाई थी ईडन और आर्य की, मगर आर्य ईडन के आगे कुछ भी नही था और ये बात उसे भी पता चल गई थी अगर उसने ट्रैप वायर और करंट का झोल ना किया होता तो ईडन की जगह उसने ऊपर जाना था मगर जिस गुरु का वो शिष्य था वो इतनी आसानी से तो नहीं मार सकता था। खैर ईडन गई आर्य को बॉब किसी दूसरी जगह ले आया और उसको ही भी कर दिया। अब शुरू होगा आर्य का बॉब के साथ उसकी असली शिक्षा और अपने वेरवॉल्फ आचरण और शक्तियों का अध्यन और उन पर पूर्ण नियंत्रण। शानदार अपडेट
Yepppp bal par chhal bhari hota hai... Dimag lagakar duniya ke sabse kharanak wolf ko arya ne kiya diya aur baki prashikshan kaisa hoga wo sab ek sath samet diya hai Amit bhai
 

Itachi_Uchiha

अंतःअस्ति प्रारंभः
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भाग:–85





बॉब एक लेटर बढ़ाते हुए कहने लगा। मैंने वो लेटर अपने हाथ में लिया। चेहरे पर निराशा से भरी एक मुस्कान और लेटर में छोटा सा संदेश।…..


"तुम जिस सच कि तलाश में तड़प रहे थे वो सच मैंने तुम्हे बताया, और मुझे ईडन से मुक्त होना था सो तुमने करवा दिया। हमारी दुनिया अलग है आर्य, तुम अपना ख्याल रखना। माफ करना, तुम्हारा इस्तमाल नहीं करना चाहती थी लेकिन तुम में कुछ तो बात मुझे दिखी, जो मेरे कई वर्षों की कैद से रिहाई का जरिया था। तुम्हारी भावना को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था फिर भी मुझे मजबूरी में करना पड़ा। उम्मीद करती हूं तुम खुद को संभाल लोगे और हो सके तो मुझे माफ कर देना।


मै वो लेटर पढ़कर मुस्कुरा रहा था।… "बॉब जब ईडन मर रही थी, तब दर्द भरी तेज चींख ओशुन के मुंह से सुना था। मुझे वो तब भी हैरान कर गयी की ओशुन ईडन को मरते हुए क्यों नहीं देखना चाहती थी, जबकि लेटर में तो वो कई सालों से छुटकारा पाने की बात कर रही है।"..


बॉब:- ताकत की चाहत सुपरनैचुरल वर्ल्ड की सबसे बड़ी कमजोरी रही है आर्य। इस दुनिया में केवल ताकत हासिल करना ही लक्ष्य होता है। बिना क्ला और फेंग के ईडन को मार डाले, अफ़सोस तो होगा ना उसे। ईडन की पूरी ताकत बर्बाद हो गयी।


जैसे ही मैंने बॉब की वो बात सुनी फिर मै हड़बड़ी में पूछने लगा… "बॉब वहां कितनी लाशें थी।"..


बॉब शायद मेरे सवाल को भांप गया.… "हां ओशुन अब एक अल्फा है। उसके साथ उसके 4 और साथी अजरा, रोज, लिलियन लोरीश और जाइनेप यलविक ये सब भी एक अल्फा है। वुल्फ हाउस में 5 अल्फा की ताकत चुराने के इरादे से उसके बीटा ने मार डाला, जिसके सूत्रधार तुम बने।


मै:- कैसे?


बॉब:- एनिमल कंट्रोंल इंस्टिंक्ट। तुम्हारी आवाज़ अल्फा तक को काबू कर सकती है। फर्स्ट अल्फा तक को शांत कर सकती है। ओशुन और उसके दोस्तों ने उस मौके का फायदा उठा ले गये।


मैं:– मेरी आवाज जब अल्फा को कंट्रोल कर सकते थे तब एक बीटा कंट्रोल में क्यों नहीं रहा।


बॉब:– क्योंकि तुमने ओशुन को कंट्रोल नही किया था। वो तुम्हारे साथ थी, और उसके साथ जो भी होंगे वो तुम्हारे तरफ हुये। सीधी बात है, तुम्हारी दहाड़ से तुम्हारे साथ वाले एग्रेसिव होंगे और विपक्षी शांत।


मैं:– लेकिन ओशुन और बाकी के वोल्फ तो ईडन के साथ ब्लड ओथ में थे न।


बॉब:– ब्लड ओथ में होने से क्या होता है। वफादारी बदल चुकी थी इसलिए अलग असर देखने मिला।


मै:- ओशुन अपना नया पैक बनाकर गयी।


बॉब:- ओशुन अल्फा ग्रुप के साथ निकली थी। ये पैक तो नहीं था, लेकिन आपसी समझौता जरूर था। पहले ओशुन अपनी मां के पैक से मिलती और बाकियों को वो पैक उसकी मंजिल तक पहुंचता।


मै, गहरी श्वास लेते खुद को थोड़ा आराम देते… "तुम मुझे कहां ले आये फिर, और मेरे साथ क्या-क्या हुआ वो तो बता दो?"


बॉब:- एक शर्त पर..


मै:- बॉब अब ये मत कहना कि हमे मिशन पर निकलना है, मिशन इंपॉसिबल। प्लीज तुम मेरी बात को समझो। मै एक आम सा लड़का हूं, किसी वजह से सुपरनैचुरल बन गया। लेकिन आज भी मुझे मेरी मां की गोद याद आती है। मेरी भूमि दीदी को गलत समझा अंदर से सॉरी टाइप फील कर रहा हूं। मेरा बाप मुझे लेकर ही परेशान होगा, उन्हें कहना है पापा मै आपसे बहुत प्यार करता हूं। इतनी सी उम्र में 2 बार लव फेल्योर हो चुका है। खुद के लिए एक प्यारी सी लड़की ढूंढनी है। मुझे चित्रा को तंग करना है। निशांत के साथ रात में घूमकर कुछ मुसीबत में फंसे लोगों को निकालना है। और इस बार कोई खूबसूरत लड़की दिखी तो मै भी कहूंगा जान बचाई उसके बदले हमे प्लीज एक बार सेक्स करने दो, हमारा मेहनताना। बस इतनी सी ख्वाइश है।


बॉब:- "मेरी खुशकिस्मती जो तुमने इतनी बात कर ली। अच्छा मै शुरू से बताता हूं, जो भी अब तक मैंने तुम्हारे बारे में जाना है। तुम एक प्योर अल्फा हो। प्योर अल्फा मतलब बाय बर्थ तुम एक वेयरवुल्फ रहे हो, बस तुम्हारी वो शक्तियां ट्रिगर नहीं हो पायी थी अबतक।"

"तुम्हारा इंसानी पक्ष हर रूप में तुम्हारे साथ रहता है इसलिए जब तुम शेप शिफ्ट करते हो तो आसानी से किसी भी भाषा (जानवर या इंसानी भाषा) को बोल लेते हो। याद करो उस रात की वीडियो जिस रात तुम खुदाई कर रहे थे। एक अनियंत्रित वूल्फ शिकार करता है लेकिन तुम बस खुदाई कर रहे थे और हर जानवरों पर नियंत्रण कर रहे थे.. जबकि.."


मै:- अब ये पॉज की जरूरत है क्या बॉब?


बॉब:- जबकि तुम काली खाल ओढ़े थे। मतलब तुम एक बीस्ट वुल्फ की तरह ही थे, जिसे खुद पर नियंत्रण नहीं था। तुम नहीं जानते थे तुमने शेप शिफ्ट किया है। लेकिन फिर भी तुमने किसी पर हमला नही किया। ये होता है प्योर अल्फा। तुम्हारी जगह यदि ईडन अनियंत्रित होती तो पुरा एक शहर साफ कर देती, और उफ्फ तक नहीं करती।


मै:- फिर बोलते–बोलते रुक गये। अच्छा लग रहा था अपने बारे में अच्छी बातें सुनकर।


बॉब:- टू बी कंटिन्यू..


मै:- इसका क्या मतलब है बॉब और तुम मुझे कहां लेकर आये हो?


बॉब:- टू बी कंटिन्यू का मतलब कल बताऊंगा और इस वक़्त हम दुनिया के सबसे घने और बड़े जंगलों में से एक, रशिया के हिस्से में पड़ने वाले "बोरियल" जंगल में है।


मै:- बॉब देखो सस्पेंस क्रिएट मत करो, जो जानते हो बता दो। वरना भाड़ में गया तुमसे कुछ जानना, मै यहां से भागकर भी भारत वापस जा सकता हूं।


बॉब:- तुम्हारी मर्जी है लेकिन किसी लड़की की जान बचाने के बाद यदि उसके साथ सेक्स करोगे तब पता चलेगा वो चूम किसी इंसान को रही है और सेक्स किसी सैतना में साथ कर रही। और कहीं तुमने उसकी हालत ओशुन जैसी कर दी तब तो वो पक्का स्वर्गवासी भी हो जायेगी।


मै:- बहुत बड़े कमिने हो बॉब....


बॉब किसी सस्पेंस से कम नहीं था। उसने अपने शब्द जाल में ऐसे उलझाया की मैंने भी तय कर लिया चलो इसके साथ भी वक़्त बिताकर देख लिया जाय। वक़्त बीताकर देखा.. शायद मेरे नये बदलाव का बॉब एक ऐसा सहारा था जिसने मुझे मेरी पहचान बताई थी। बॉब मानो सुपरनैचुरल वर्ल्ड का विकिपीडिया था। वो ग्रीक, रोमन, मिस्र, नॉर्थ अमेरिकन और इंडियन सब कॉन्टिनेंट के सारे सुपरनैचुरल के बारे में पढ़ चुका था। उनके अनुसार सभी सभ्यता में सुपरनैचुरल की जितनी ज्यादा जानकारी इंडियन सब कॉन्टिनेंट के माइथोलॉजी हिस्ट्री में मिलती है, वो सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा सटीक है। भारत के इतिहासकारों ने जिस हिसाब से ना सिर्फ जमीन बल्कि महासागर के सुपरनैचुरल को एक्सप्लेन किया था वो अद्भुत है। फिर चाहे वो मत्स्य कन्या हो, या फिर मैन मेड विश कन्या एसासियन, या फिर मीठे पानी के सुपरनैचुरल क्रोकोडायल हो या फिर पृथ्वी पर सबसे विकसित प्रजाति रीछ हो। या फिर बिग फुट के नाम से मशहूर हिमालय की प्रजाति हो या फिर इक्छाधारी नाग हो। या फिर शेषनाग...


बॉब काफी प्रभावित करने वाला व्यक्ति था। मै बस गौर से उसे सुना करता था। उसके पास कई ऐसे दुर्लभ पुस्तकें थी, जो वो मुझे दिखाया करता था। ऐसा नहीं था कि उसने केवल किताबी ज्ञान हासिल की थी, बल्कि बहुत से दुर्लभ सुपरनैचुरल की जानकारी थी। वेयरवुल्फ और उसकी सारी वरायटी तो वो रट्टा मार जनता था।


उसके अनुसार जमीन पर रहने वाले सभी सुपरनेचुरल ताकत बढ़ाने की होड़ में इंसानों के हाथो शिकार होते चले गये। भले ही सुपरनेचुरल खुद को कितना भी सुपीरियर माने, लेकिन इतिहास गवाह था, हर विकृति मानसिकता के लोगो को अंत तक पहुंचना ही पड़ा था, भले ही वो खुद को कितना ही ताकतवर क्यों ना बना ले।


कई दिनों तक हम कई सारे सुपरनैचुरल पर बात करते रहे। ऐसा लग रहा था वो अपना ज्ञान मुझे बांट रहा हो। बॉब के बताने के ढंग और इस विषय से मुझे काफी रुचि हो गई थी। लेकिन बॉब था बहुत बरे वाला कमीना। प्योर अल्फा के विषय में वो कोई चर्चा नहीं करता था। करता भी कैसे वो खुद पहली बार किसी प्योर अल्फा से मिल रहा था।


सुपरनैचुरल के क्लासिफिकेशन का दौर जब खत्म हुआ तब उसने कई अच्छे तो कई बुरे सुपरनैचुरल के बारे में जिक्र किया, जिसकी इतिहास और वर्तमान में चर्चा थी। इसी चर्चा के दौरान मुझे फेहरीन के बारे में पता चला था रूही। तुम्हारी मां के बारे में बॉब पूरा 1 दिन बताते रह गया था। उसके बाद ढेर सारे विकृत वेयरवुल्फ कि चर्चा हुई। मौजूदा हालत में बीस्ट वुल्फ को उसने सबसे मजबूत और खतरनाक बताया। उन्हें रोकने और मारने के उपायों पर भी बात होने लगी।


फिर चर्चा शुरू हुई इतिहास के सर्व शक्तिमान इंसानों की और उनके विकृत प्रभावों को रोकने के लिये उठाये गये कदम। बॉब का एक बात कहना बहुत हद तक सही था, जो प्रकृति से कुछ खास बटोर लिये वो सब सुपरनैचुरल है। फिर हम केवल वेयरवुल्फ कि बात ही क्यूं करे। वेयरवुल्फ भी कई सुपरनैचुरल में से एक है जिसमे कई तरह कि ताकत के साथ शेप शिफ्ट करने कि एबिलिटी होती है। बॉब को वेटनारियन ना कहकर सुपरनैचुरल के डॉक्टर कह दूं तो ज्यादा गलत नहीं होगा। साथ में बहुत ही ज्यादा सेलफिश वाला इंसान भी। ऐसा मै क्यों कह रहा हूं वो भी बताता हूं…


कितने महीने मै उसके साथ रहा मुझे भी याद नहीं। बोरियल, रूस, के जंगल में दिन रोमांच के साथ गुजर रहे थे। बॉब का मानो मै एक रिसर्च सब्जेक्ट बन चुका था क्योंकि एक प्योर अल्फा के बारे में उसे भी पता नहीं था, इसलिए मेरे साथ बिताये अनुभव को वो लिखकर रखता था। मेरी पास किस तरह कि पॉवर है, कितना आक्रमक हो सकता हूं। पूर्णिमा को कैसी हालत रहती है, इसके अलावा प्योर अल्फा में क्या खास बातें होती है सब।


एक तो बॉब अपने आकलन के आधार पर वो मेरी हील पॉवर को परख चुका था। मुझमें अल्फा और फर्स्ट अल्फा के मुकाबले कई गुना ज्यादा हील पॉवर थी। वहीं बहुत बारीकी से छानबीन के बाद उसने मुझे बताया कि हवा, पानी, और आकाश में कहीं भी हुई घटना को मै मेहसूस कर सकता हूं, उसकी झलकियों को मै देख सकता हूं। मुझे उसका ये हवा, पानी और आकाश कि बात पर जोर देकर कहना कुछ समझ में नहीं आया।


तब बॉब अपने अनुभव को साझा करते हुये कहने लगे, बहुत कम ऐसे सुपरनैचुरल होते हैं जिसकी शक्तियां हर मीडियम मे एक जैसी होती है। यह ज्यादातर किसी भी प्योर सुपरनैचुरल में पाया जाता है जो अपनी कुछ शक्तियों को प्रतिकूल मीडियम (विरुद्ध या विपरीत पक्ष वाला मीडियम) में बनाये रख सकते है। हां लेकिन ये सभी प्योर सुपरनैचुरल में देखने मिले ऐसा संभव नहीं।


इसी मे एक बात और बॉब ने जोड़ा था। हर सुपरनैचुरल अलग-अलग मीडियम मे अलग-अलग तरह से रिस्पॉन्ड करता है। इसका ये मतलब नहीं कि मीडियम चेंज होने से केवल शक्तियां जाएंगे ही। हो सकता है दूसरा मीडियम ज्यादा अनुकूल हो। इसी के साथ एक और बात निकलकर आयी। सुपरनैचुरल की शक्तियां अलग-अलग एटमॉस्फियर और क्लाइमेट मे भी बदल सकती है। कहीं के एटमॉस्फियर मे शक्तियां बढ़ेंगी तो कहीं शून्य भी हो सकती है।


बातें थोड़ी अजीब थी लेकिन बॉब के साथ रहकर एक बात तो समझ चुका था, ये पूरी दुनिया ही अजीब चीजों से भरी पड़ी है। तब मुझे ओशुन का वो गांव याद आ गया जहां मैंने हर दरवाजा को छूकर देखा था, और वो मुझे विचलित कर गया था। ऐसा क्यों हुआ था उस वक़्त मै नहीं समझ पाया था, लेकिन आज जब बॉब मुझे प्योर अल्फा को थोड़ा और एक्सप्लोर कर रहा था, तब जाकर समझ में आया।


बस इन्हीं सब बातो में दिन गुजरते गये। बॉब मुझसे तरह-तरह की चीजे करने कहता, जिसमे ज्यादातर नतीजे नहीं निकलते। हां लेकिन कई सारे असफल प्रयोग के बाद, इक्के–दुक्के नई बात भी पता चलती। उसी ने अपने अनुभव के आधार पर आकलन किया था, जितनी ताकत मै शेप शिफ्ट करने के बाद मेहसूस करता हूं, लगभग उतनी ही ताकत मेरी इंसानी शरीर में भी है। बस मै जब भी उन शक्तियों को मेहसूस करता हूं तो अपना शेप शिफ्ट कर लेता हूं।


वो साला अनुभवी व्यक्ति बॉब एक बार और सही था। हमने बहुत से प्रयोग किये इसपर और सफलता भी पाया। बॉब ने हालांकि दिया तो मात्र थेओरी ही था लेकिन जब बॉब की बात सही हुई, सबसे ज्यादा आश्चर्य उसी को हुआ था। मुझे तो कभी–कभी बॉब को देखकर ऐसा लगता था कि साला कोई फेकू है जो 20 तुक्का मारता है, उसमे से 2-4 सही हो जाता है। खैर, तब उसी ने मुझसे कहा था कि जब तक प्योर अल्फा खुद ना चाह ले, कोई जान नहीं पायेगा कि एक वेयरवुल्फ आस पास है। हर किसी को ये तो समझ में आ सकता है कि कुछ है ऐसा जो मेरे ताकत को बढ़ाता है, लेकिन वो चाहकर भी पता नहीं लगा सकता।


मुझ पर वुल्फ को रोकने की सारी तकनीक बेअसर होगी क्योंकि प्योर अल्फा को ना तो अवरुद्ध भस्म यानी माउंटेन एश रोक पायेगी, और ना ही वुल्फबेन से मारा जा सकता है। जहां वेयरवुल्फ करंट लगने से अपने हृदय की गति बढ़ा लेते है, प्योर अल्फा ठीक उसके विपरीत अपनी धड़कन की गति लगातार नीचे ले जाते है। किसी के दिमाग को पढ़ना और उसकी यादों को देखना मेरे अंदर किसी अल्फा की तरह ही थी, बस मै जितनी सरलता से कर सकता था, कोई और शायद ही कर सके।


मैं किसी की पूरी याद देखने के लिये कितना समय लेता हूं, इसका भी टेस्ट बॉब ने किया था। और मजे की बात ये थी कि बोरीयाल के जंगल में जानवर दिखना खुशकिस्मती की बात होती है, इंसान तो भूल ही जाओ। बॉब ने टेस्ट के लिये कह तो दिया, लेकिन बकरा वही था। वेयरवोल्फ के बारे में तो मैं भी जनता था कि उसके क्ला या फेंग से घायल इंसान यदि इम्यून हो गया तब वह भी एक वेयरवॉल्फ बन जायेगा। उस वक्त मेरी विडंबना यही थी कि मैं याद देखूं कैसे?
Wow bahut hi umda Update tha nain11ster maja aa gaya padh kar. Is pure update me aapne bataya ki kaise aarya ne kud ko jana aur usne kya kya ability hai wo sub sikha aur pehchan paya. Aur in sub me kahi na kahi sbse badi bhumika bob ki hi rahi. Ab dekhte hai next update me aur kya kya bataya hai aapne. Aur ab mujhe bhi smjha me aa raha hai ki iden ka marna such me bekar gaya. Lakin us time jaan bach gayi wahi sbse badi baat hai. Warna power to chodo aarya jinda hi na bacha hota ab tak.
भाग:–86




कुछ भी कहो बॉब एक जीनियस से कम नही। उसी ने सबसे पहले लुथिरिया वोलुपिनी के साइड इफेक्ट को एक उपचार के रूप में प्रयोग किया था और वो सफल भी रहा। लूथरिया वुलुपिनी न सिर्फ वेयरवोल्फ के लिये एक जहर है बल्कि दावा का काम भी करता है। यदि एंटीडॉट है तो लुथीरिया वुलुपिनि से किसी भी वुल्फ को कंट्रोल किया जा सकता है, खासकर न्यू वेयरवोल्फ को। एंटीडोट है तो लुथीरिया वुलुपिनी का इस्तमाल फेंग और क्ला से घायल इंसान को ठीक करने तथा वेयरवोल्फ में न तब्दील होने के लिये भी कर सकते है। बॉब ने वुल्फ के जितने भी मारने के तरीके थे, उन सब से बचने के उपाय मुझे बताया था।


खैर बॉब टेस्ट के लिये तैयार था और मैं क्ला घुसाकर उसकी यादें लेना शुरू किया। उसके ताज़ा यादों में ही मुझे ओशुन दिख गयी। ओशुन का चेहरा सामने आते ही मैं ख्यालों की गहराई में चला गया। एक–एक करके उसके साथ बिताये हर पल की तस्वीर दिखने लगी। फिर मुझे बॉब का ध्यान आया और मैंने उसकी याद वापस देखन शुरू किया। उसके बाद मैं न तो रुका और न ही भटका। 10 मिनट में उसकी पूरी याद खंगालने के बाद अपना क्ला बाहर निकाला।


बॉब ने आंख खोलते ही सबसे पहले समय देखा और मुझसे, अपने बचपन के बारे में कुछ पूछा। उसे मैंने बता दिया। फिर बॉब ने थिया के बारे में कुछ पूछा। वो भी मैने बता दिया। फिर बॉब ने एनिमल बिहेवियर से संबंधित एक जटिल प्रश्न किया, जिसका जवाब मैं नही दे सका। इतनी पूछताछ के बाद बॉब ने मुझसे कहा... "जैसे टीवी पर कोई मूवी देखने के बाद कुछ अच्छे चीजें दिमाग में छप जाति है और बहुत से चलचित्र पर हम जैसे ध्यान नहीं देते ठीक वैसा ही याद देखने का अनुभव होता है। मेरे जिंदगी की कुछ खास घटना तुम्हे याद है लेकिन पूरी याद देखने के बाद तुम्हे मेरे जिंदगी की सारी घटना याद नहीं। अब तुम ओशुन के बारे में मुझसे कुछ कुछ पूछो?"


मैं, भद्दा सा चेहरा बनाते... "उसकी बात नही करनी।"


बॉब:– अच्छा इसलिए ओशुन की सारी विजुअल इमेज मेरे दिमाग में डाल दिये। तुम्हारे दिमाग में ओशुन से जुड़ी जितनी भी याद है उसे मेरे दिमाग में ऐसे छाप दिये की वो मेरी जिंदगी का हिस्सा लग रहा है।


मैं:– क्या मतलब मैने ओशुन के विजुअल इमेज तुम्हारे दिमाग में डाले...


फिर बॉब ने मुझे हर वो बात बताई जिसे मैं क्ला घुसने के बाद सोचा था। मैं अचंभित और बॉब तो मुझसे भी कई गुणा ज्यादा अचंभित। यादों के साथ ऐसी छेड़–छाड़ न तो कहीं वर्णित था और न ही किसी मौखिक दंत कथाओं में उल्लेख मिलता था। हम दोनो ही इस विषय में और ज्यादा जानने के लिये उत्साहित थे। इस शक्ति के बारे में पता चलते ही फिर बॉब रुका ही नहीं।


आगे यादों से छेड़–छाड़ पर प्रयोग शुरू करने से पहले बॉब बेतुकी सी जिद पर बैठ गया। दुनिया के बेस्ट न्यूरो सर्जन की यादों को ध्यान से देखना। मुझे तो कभी–कभी ऐसा भी लगता था कि बॉब के दिमाग में कहीं चोट लगी थी और कभी–कभी दिमागी संतुलन उसका हिल जाता है। न्यूरो सर्जन की याद देखना? खैर उसकी बात न कैसे मानता। मैं भी राजी हो ही गया।


हमलोग वहां से सीधा पहुंचे स्पेन। स्पेन दुनिया में सबसे बेहतरीन न्यूरोसर्जन देने के लिये काफी प्रसिद्ध देश है। हम लोग दुनिया के सबसे चर्चित और टॉप क्लास नंबर 1 न्यूरोसर्जन का पता लगाया। काफी व्यस्त मानस था और पहले कभी भी किसी मरीज को नहीं देखता। पहले उसके चेले इलाज के लिये आते और जब केस नही संभालता तब शीर्ष वाला डॉक्टर। ऊपर से उनकी फी। आम लोग खुद को बेचकर भी उनकी फी पूरी न दे पाये।


जैसा की बॉब के विषय में मैं पहले भी बता चुका हूं, था तो वो बहुत बड़ा कमिना। उसने पेड़ और पौधों से लिये टॉक्सिक को ब्रेन की नसों में दौड़ाने के लिये कहने लगा। कह तो ऐसे रहा था जैसे सामने हलवा परोस कर खाने कह रहा हो। मुझसे हुआ ही नहीं। एक हफ्ते लग गये टॉक्सिक फ्लो को इच्छा अनुसार बहाव देने में। अभी तो इच्छा अनुसार बहाव दिया था। इसके बाद तो जैसे बॉब का मैं कोई साइंस प्रोजेक्ट हूं। पहले उसने सिखाया टॉक्सिक को ब्लड के साथ बहने दो। मैने ध्यान लगाया और टॉक्सिक को ब्लड का हिस्सा समझा। कमाल हो गया, रगों में टॉक्सिक बहने लगा। हां वो अलग बात थी की मेरा हर वेन शरीर से कुछ सेंटीमीटर उभरा हुआ नजर आता।


इसके बाद बॉब ने जैसे न्यूरोसर्जन को पागल करने की ठान रखी हो। उसने फिर टॉक्सिक को किसी न्यूरो ट्रैमिशन की तरह पूरे शरीर में फैलाने के लिये कहने लगा। अब न्यूरो ट्रासमिशन होता क्या है उसे समझने में पूरा एक दिन गुजर गया। उसके बाद ये काम भी मैने बॉब की मदद से किया। जब मैं न्यूरो ट्रांसमिशन से टॉक्सिक को अपने शरीर में फैला रहा था तब मानो मेरे पूरे शरीर पर नर्व के जाल खुली आंखों से दिख रहा था। मेरा शरीर कोई देख ले तो ऐसा लगता जैसे किसी ने मेरे ऊपर की चमरी को छीलकर हटा दिया और अंदर के पूरे नर्व को दिखा रहा, जो टॉक्सिक के बहाव के कारण दिखने में बिलकुल काला था।


बॉब को पता था कि फ्री में उस डॉक्टर तक कैसे पहुंचना है। हम गये स्पेन के सरकारी हॉस्पिटल। वहां मैने दिमाग से संबंधित दिक्कत बताया। उन लोगों ने ब्लड सैंपल लेकर मुझे एमआरआई (MRI) के लिये भेज दिया। एमआरआई हुआ और डॉक्टर पागल। एमआरआई कर रहे डॉक्टर ने तुरंत एक मेडिकल टीम बुलवा लिया। वो लोग भी मेरा दिमाग देखकर चक्कर खा गये। दिमाग की नशों में खून की जगह जैसे ट्यूमर बह रहा हो। और ये बहाव केवल दिमाग की नशों में ही था बल्कि न्यूरो ट्रांसमिशन देखकर तो जैसे पसीने ही आ गये।


सरकारी हॉस्पिटल का ये केस सीधा पहुंच गया दुनिया के नंबर 1 न्यूरो सर्जन की टीम के पास। उनकी पूरी टीम और शीर्ष पर बैठा डॉक्टर चैलेंज लेने पहुंच गया। उनकी दिमाग की नशों को और भी ज्यादा हिलाने के लिये बॉब ने खास प्रबंध कर रखा था। हर मिनट पर मेरी बीमारी पूरी तरह से ठीक और फिर पूरी तरह से वापस आ जाती। मैं उनके बीच चर्चा का विषय बन गया और मुझ पर एक्सपेरिमेंट करने के लिये उन्होंने मुझे 50 हजार यूरो में साइन कर लिया। हां वो अलग बात है कि पहले मुझे भयभीत किया गया। मरने का डर दिखाया गया। और बाद में उनके मदद के बदले मेरे परिवार के लिये उन्होंने 50 हजार यूरो मुझे दिये।


मुझे क्या करना था मैं भी उनके रिसर्च का हिस्सा बन गया। जिस दिन मैं उनके हॉस्पिटल पहुंचा। उसी दिन से सब काम पर लग गये। टेस्ट के नाम पर मेरे शरीर से न जाने क्या–क्या निकाल लिये, लेकिन कहीं कोई बीमारी निकल ही नहीं रही थी। एक ही टेस्ट को स्पेन के 10 लैब से इन लोगों ने करवाया। सबका नतीजा एक जैसा। जबकि एमआरआई की रिपोर्ट उन्हे चकराने पर मजबूर कर देते। अंत में शीर्ष पर खड़ा टॉप न्यूरोसर्जन अपनी टीम के साथ मेरी सर्जरी का प्लान बनाया।


यहां तक तो सब कुछ मेरे और बॉब के सोच अनुसार ही हुआ। लेकिन आगे जो होने वाला था, उसके बारे में मैं कुछ नही जानता था। पर बॉब से भी चूक हो गयी। हमने सोचा था ऑपरेशन थिएटर में जाने के बाद सभी डॉक्टर को बेहोश करके मैं न्यूरोसर्जन के दिमाग में क्ला घुसा दूंगा। लेकिन वो प्लान ही क्या जो आखरी समय में फेल न हो जाये। सालो ने ऐसा ऑपरेशन थिएटर चुना जिसे देखकर मैने माथा पीट लिया। उस ऑपरेशन थिएटर के ऊपर का छत.…


ये सबसे ज्यादा कमाल का था क्योंकि उसके ऊपर कोई छत ही नही था। आंख उठाकर ऊपर देखो तो सीधा सेकंड फ्लोर का छत नजर आता था और फर्स्ट फ्लोर के छत की जगह बालकोनी टाइप थोड़ा सा छज्जा चारो ओर से निकाले थे। छज्जे के किनारे से 4 फिट की स्टील रॉड की प्यारी सी फेंसिंग थी, जिसे पकड़कर नीचे ऑपरेशन का पूरा नजारा एचडी में खुली आंखों से ले सकते थे। और जिन्हे 12–13 फिट नीचे देख कर कुछ समझ में न आये, उनके लिये 60 इंच का स्क्रीन लगाया गया था। जहां दिमाग का छोटा सा पुर्जा भी 10 इंच से कम का न दिखता। लाइव क्रिकेट मैच जैसे पूरी वयवस्था थी।



ऊपर से तकरीबन 50–60 आमंत्रित डॉक्टर देख रहे थे और नीचे पूरी टीम मेरा ऑपरेशन करने के लिये मरी जा रही थी। मैं करूं तो क्या करूं। बॉब भी साथ में नही था, उसे तो प्रतीक्षालय में इंतजार करने कहा गया था। मैं बड़ी दुविधा में। ऊपर से इन डॉक्टर्स ने एक छोटा बटन दबाया नही की पूरा स्टाफ ओटी में पहुंच जाता। मुझे कुछ सूझ नही रहा था और ये लोग इंजेक्शन लगाकर मुझे बेहोश करने वाले थे।


जब समझदारी काम न आये तब बेवकूफ बनने में ही ज्यादा समझदारी है। ऊपर से मुझे तो वैसे भी दिमागी बीमारी लगी थी। सो मैंने आव देखा न ताव सीधा बेड से कूद गया। मेरे बदन पर न जाने कितने वायर लगे थे और नब्ज में नीडल। सबको नोच खरोच कर गिराते मैं ऑपरेशन थिएटर से बाहर भागा। मेरे पीछे कुछ जूनियर डॉक्टर और नर्स की टीम भागी। मैं तो ओटी के बाहर चला आया और कुछ ही देर में पूरा हॉस्पिटल प्रबंधन मेरे पीछे दौड़ रहा था।


5 मिनट तक इधर–उधर भागने के बाद मैं थोड़ा तेजी दिखाते हुये वापस ऑपरेशन थिएटर में भागा। ऑपरेशन थिएटर में कम से कम 15 लोग रहे होंगे। हां। लेकिन शुक्र था कि कोई ऊपर खड़ा नही था। मुझे कुछ नही सूझा इसलिए मैंने एक बेडशीट में आग लगाकर उसके ऊपर गीला बेडशीट डाल दिया। चारो ओर तेज धुवां उठा और उस धुवां की आड़ में नंबर 1 न्यूरो सर्जन को लूथरिया वुलुपिनी का इंजेक्शन देकर उसके गर्दन में क्ला घुसा दिया।


जब मैंने उस डॉक्टर की यादों में झांका फिर मुझे पता चला की बॉब इस डॉक्टर की यादें देखने के लिये क्यों इतना जोर दे रहा था। किसी की यादें खुद के दिमाग में लेना। दूसरों के दिमाग में यादें डालने तथा भ्रम और सच्चाई बीच की लकीर के बीच कैसे उलझन पैदा करनी है। कौन सी यादें कहां मिलेगी। भूली यादें कहां होती है। यादों को एक दिमाग में कितने तरह से डाला जा सकता है। यादों को किस प्रकार से मिटाया जा सकता है। या फिर अपनी काल्पनिक याद को किसी के दिमाग के अंदर कैसे वास्तविक बना सकते है, मुझे सब पता चल चुका था। मुझे पता चल चुका था कि कहां ध्यान लगाने से क्या सब हो सकता है। मैं दिमाग और नर्वस सिस्टम से जुड़े इतने बातों को समझ चुका था की मैं किसी के दिमाग से यादों का कोई खास हिस्सा बिना किसी परेशानी के उठा सकता था।


फिर तो धुएं की आड़ में मैने बचे 14 लोगों की यादें भी देख ली। सबकी यादें काम की नही थी, इसलिए उन्हे स्टोर नही किया सिवाय 3 और लोगों के। जिसमे से एक प्लास्टिक सर्जन था तो दूसरा कॉस्मेटिक सर्जन। ये दोनो उस न्यूरो सर्जन के दोस्त थे और कई मामलों में न्यूरो सर्जन को सलाह भी दिया करते थे। आखरी में था एनेस्थीसिया। मैने न्यूरो सर्जन के साथ उन तीनो को भी लपेट लिया। सभी डॉक्टर के कुछ देर पहले की यादें मिटा दी और मैं जाकर आराम से लेट गया।


उन डॉक्टर में से जिसकी आंख पहले खुली हो। उसने जाकर दरवाजा खोला। कई लोग अंदर पहुंचे। ऑपरेशन थिएटर को खाली करवाया गया और फिर मुझे लेकर एक प्राइवेट रूम में सुला दिया गया। उस दिन ऑपरेशन होने से रहा और अगली बार ऑपरेशन हो, ऐसा मौका मैने दिया ही नहीं। मेरे जितने भी टेस्ट हुये सबके परिणाम पोस्टिव आये। चूंकि मैं एक एक्सपेरिमेंट सब्जेक्ट था और मेडिकल काउंसिल के लोग मेरी रिपोर्ट्स देख रहे थे, इसलिए मुझे डिस्चार्ज करने के अलावा उनके पास और कोई ऑप्शन ही नही था।


हम फिर यूरोप भ्रमण के लिये निकले। हां लेकिन हमारे पास पैसों की काफी तंगी हो चुकी थी, इसलिए वुल्फ हाउस को लूटने के इरादे से हम दोनो सबसे पहले जर्मनी ही पहुंचे। बॉब, मैक्स और बाकी रेंजर को वुल्फ हाउस की दास्तान सुनाने निकल गया और मैं वुल्फ हाउस चला आया। दरवाजे पर ईडन के मांस का लोथड़ा तो नही था लेकिन खून के दाग वैसे ही लगे हुये थे। अंदर घुसते ही बड़ा सा हॉल अब भी लड़ाई की दास्तान सुना रहा था। लाशें एक भी नही थी, लेकिन खून के धब्बे और गंदी सी बदबू चारो ओर थी।


वुल्फ हाउस में मैने अपना काम शुरू कर दिया। पैसों का पता लगाते मैं ईडन के तहखाने पहुंच गया, जहां पर पैसों और बाउंड का भंडार छिपा था। कुल संपत्ति लगभग 50 मिलियन यूरो थी। मैने ईडन का पूरा लॉकर ही साफ कर दिया। पूरे पैसे, बैंक लॉकर की चाबियां, कुछ बॉन्ड्स और शेयर अपने बैग में समेटकर डाल लिया। मैं जब तक वापस हॉल में पहुंचा, बॉब कुछ लोगों को लेकर वुल्फ हाउस पहुंच चुका था। ब्लैक फॉरेस्ट का रेंजर मैक्स और उसकी बीवी थिया को देखकर मैं खुश हो गया। हां लेकिन थिया मुझे देखकर जरा भी खुश न थी। उसने भरी सभा में जोर से चिंखते हुये मुझे वेयरवोल्फ पुकार रही थी।


मामला ठन गया। थिया की बातों पर किसी को यकीन नही हुआ, लेकिन सभी शिकारियों की संतुष्टि के लिये मेरा टेस्ट लिया गया। पहला करेंट और दूसरा वोल्फबेन। मैं दोनो ही टेस्ट 100% मार्क के साथ पास कर गया। थिया को लेकिन जरा भी यकीन नहीं था और वो मुझे पूरी तरह से फसाने का ठान चुकी थी। उसे सेक्स टेस्ट चाहिए था। सबके सामने उसने कह दिया, यदि मैं वुल्फ नही तो किसी स्त्री के साथ सबके सामने संबंध बनाये।


मैं फंसा। थिया के चेहरे पर कुटिल मुस्कान और मैं चिंता में। सभी शिकारी हंसते हुये थिया को ही कपड़े उतारने कह दिये। मैक्स भी उनमें से एक था जो इस अजीब सी शर्त की मेजबानी थिया को करने ही कह दिया। कामिनी औरत मुझे पूरी तरह से फसा चुकी थी। वह उसी वक्त अपने ऊपर के कपड़े को फर्श पर गिराकर अंतः वस्त्र में खड़ी हो गयी और मेरे पास कोई रास्ता ही नही छोड़ी। बॉब ने मुख्य दरवाजा बंद किया और मैंने आतंक मचाने शुरू किया। बॉब के पास जानवरों को लिटाने वाले कई तरह के साधन थे। उन्ही साधनों को संसाधन में बदलकर सबको बेहोश किया और उनके जहन से मेरे वेयरवोल्फ होने की पूरी कहानी ही गायब करनी पड़ी।


उन्हे जब होश आया तब सभी अलग–अलग कमरों में लेटे थे। शाम के खाने की दावत पर सबको जगाया गया और पूरे रेंजर एक साथ जमा होकर बस ईडन के बारे में जानने के लिये उत्सुक थे। जब उन्हें पता चला की मैने अकेले ईडन का सफाया कर दिया और उसके साथ बाकी के अल्फा का भी, उनका चेहरा देखने लायक था। कुछ देर आश्चर्य से मौन रहे फिर जाम से जाम लहराते हूटिंग करने लगे। मैक्स ने मुझसे पूछा की आखिर मैं कैसे कामयाब रहा। तब मैने बॉब के बारे जिक्र करते कहा की बॉब ने माउंटेन ऐश और वुल्फ मारने का हथियार दिया। मैने उन सभी को ट्रैप करके मार डाला। और बचे हुये जो बीटा भागे उनका फिर पिछा नही किया।
Wahhh thiya to single man woman nikli ya fir usne ye baat apne ego par le li ki. Aakhir ek wolf ne uske sath aisa kaise kar diya. Khair almost sara flashback khtam hi ho cuka hai sayad se ab dekhte hai aage kya hota hai. Bahut hi maja aaya nain11ster bhai.
 
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