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Fantasy Aryamani:- A Pure Alfa Between Two World's

nain11ster

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nain11ster

Prime
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Bahut hi acha Update nain11ster bhai. But ek baat mai kahunga aapke Update ko Bahut hi dhyan se read Krna padta hai warna kuch smjh me nahi aata hai sahi se. Aur ye arun ko paise dene wwali baat mujhe bhut khrab lagi aise logo ki help mere hisab se to kabhi nahi karni chahiye. Lakin mujhe ek hope ye bhi hai ki arya ne hi bhumi ko kaha hoga paise dene ko aur bhumi ne wajah puchi hogi jiske reply me arya ne jarur kuch aisa kaha hai jisase bhumi maan gayi hogi. In short arya ne koi plan banaya hai ab wo plan kya hai aur kab pata chlega uske bare me ye to aap hi bata skte ho.
Aur ye bhumi arya ke baat ko cross check jarur karegi lakin kab aur kaise wo bhi aap hi bata skte ho.
Aur ye Ruhi to such me bhut bada plan banaye baithi thi. Jiske bare me apne arya se kaise chupa rah skta hai. Lakin isase ek baat to confirm hai ki wolf me mujhe abhi tak pyar nahi dikha hai mujhe inme bas takat ke liye bukh hi dikhi hai. Batao kud ke logo ko hi berahmi se maar dalte hai. Lakin ye bhi insano se kam thodi na hai. Aur ye tattu aur blood oth aur iske bare me kuch sahi se smjh nahi aaya. Ho sake to sahi se iske bare me bata dijiye nain11ster bhai.
Baki Ruhi ko bhi arya par shak hai lakin wo shak karke bhi kya hi kar legi.dekhte hai aage kya hota hai.
Overall excellent Update bhai 👍
Par itni baten hui hi nahi hai... Arun ko kisi bhau se... Jiska naam devgiri pathak hai... Maharastra ke deputy cm.. unse paise udhar mili hai... Bhau ko sahi samay par paise na mile to wo arun ka business takeover kar lega...

Haan wolf me pyar to ab tak na dikha... Dekhiye aage kya hota hai lekin filhaal waqt hai ek update ka... Nana dhanshu update ka jo aane wale kai event ka aadhar banegi
 

nain11ster

Prime
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भाग:–27






रूही जो बता रही थी वो एक प्रतिद्वंदी पैक था, जो सरदार खान के पैक पर हमला करने आया था। वूल्फ पैक के बीच ये लड़ाई आम बात होती है जहां एक वूल्फ पैक दूसरे वूल्फ पैक के इलाके में अपना निशान छोड़ते है। उन्हे लड़ने के लिए चैलेंज करते हैं।


अमूमन एक वूल्फ पैक मे 6 से 8 सदस्य होते है। जितना बड़ा वूल्फ पैक उतना ही शक्तिशाली वो लोग। 30 का वूल्फ पैक मतलब काफी मजबूत वूल्फ पैक था जो किसी से भी नहीं डर सकते थे। ऊपर से इस पैक का मुखिया ट्विन अल्फा। इसका मतलब होता है कि जब ट्विन वूल्फ जन्म लेते है और अल्फा बनते है, तब वो दोनो अपने शरीर को एक दूसरे मे निहित करके एक नया और विशाल शरीर बना सकते हैं। और फिर अपने मजबूत से मजबूत दुश्मनों पर भी भारी पड़ सकते हैं।


आर्यमणि:- ट्विन अल्फा मुखिया। फिर रहने दो, वो सरदार खान से भी ज्यादा खतरनाक हो जाएगा। यहां तुम सरदार खान के पैक मे 6 अल्फा बता रही थी। उसमे से किसने तुम्हे ज्यादा दर्द दिया है।


रूही:- सरदार खान पहले नंबर पर उसके बाद उसका राइट हैंड नरेश ने।


आर्यमणि:- और ये नरेश का पैक कहां मिलेगा।


रूही:- नरेश का पैक है तो किले में ही, लेकिन उसका बीटा यहां कॉलेज आता है।


आर्यमणि:- तो चलो चलते है शिकार पर। लेकिन शिकार पर जाने से पहले..


रूही:- हां ब्लड ओथ लेनी होगी। अपना हाथ आगे बढ़ाओ बॉस..


आर्यमणि ने अपना हाथ आगे बढाया। रूही चाकू निकालकर अपनी हथेली को चिर ली, फिर आर्यमणि की हथेली को चीरकर अपनी हथेली को सामने फैला दी। आर्यमणि उसके ऊपर अपना हाथ रखा।


दोनो 2 मिनट तक मौन खड़े रहे। आर्यमणि ने अपना हाथ हटाया और रूही अपने हाथ को उपर से नीचे ले जाकर देखती हुई… "कमाल की कशिश है तुम्हारे खून में। मै इसे मेहसूस कर सकती हूं। इसकी खुशबू.… मै बयान नहीं कर सकती की मुझे कैसा महसूस हुआ। ये कमाल के है आर्य…


आर्यमणि, रूही के हाथ में एक नक्शा दिया। यह नक्शा आस–पास के जंगलों और घाटियों का था, जिसपर आर्यमणि ने कयि पॉइंट मार्क किये थे। सारी प्लानिंग विस्तार में समझा दिया तथा अंधेरा होने बाद किस पॉइंट पर मिलना है, यह बताकर आर्यमणि वहां से निकल गया। रूही अब भी अपने उस हाथ को उलट–पलट कर देख रही थी, जिससे ब्लड ओथ ली थी। आज से पहले उसने कभी इतना अच्छा और अपने आप में इतना निडर मेहसूस नहीं की थी।


पहले क्लास खत्म होने के इंतजार में आर्यमणि जाकर कैंटीन में ही बैठ गया। आज कॉलेज का पूरा माहौल बिल्कुल शांत–शांत था। आर्यमणि पर हसने वाले लड़के-लड़कियां, आज उसके ओर देखकर फीकी मुस्कान देते और वहां से कट लेते। धड़कनों की रफ्तार और शरीर में स्त्राव होने वाले हार्मोन्स से आर्यमणि को पता चल रहा था कि कौन गुस्से से देखकर जा रहा था और कौन डरकर।


कुछ देर इंतजार करने के बाद इनके सभी दोस्त भी कैंटीन पहुंच रहे थे। पलक की नजर जैसे ही आर्यमणि पर गई उसके कदम अपने आप ही धीमे हो गए। दिल अंदर से जैसे गुदगुदा रहा हो और रक्त में अजीब ही तरंगों का संचार हो रहा हो। वो समझ चुकी थी कि आर्यमणि आज यहां क्यों आया है।


पलक फिर अपने मन में कुछ सोची और तेजी से कदम बढ़ाकर आर्यमणि के पास पहुंची…. "तुम आराम करने के बदले यहां क्या कर रहे हो।"..


आर्यमणि:- सॉरी जा रहा हूं।


चित्रा:- बस-बस इतना ओवर एक्टिंग करने की जरूरत नहीं है। अब आ ही गया है तो बैठ जा। ये बता उस दिन इतने सारे एक्शन दिखाने के बाद तूने वो हरकत की क्यों?


पलक:- 2 परिवार को एक करने के लिए। यहां ये सब डिस्कस मत करो।


माधव:- ई सब फालतू की बात छोड़ो और हम सबको पार्टी दो।


निशांत:– मेरा दोस्त केवल पार्टी नही, बल्कि ग्रैंड पार्टी देगा। सुबह ही हमारी बात हो गयि है, बस छुट्टियों का इंतजार है। वूहू–वूहू–वूहू …


चित्रा, भी पूरे उत्साह में वही पर नाचती हुई.… "छुट्टियों में हम करेंगे पार्टी क्यूंकि... क्यूंकि... क्यूंकि...


इतना कहने के बाद चित्रा और निशांत ने एक दूसरे को देखा और दोनो भाई–बहन एक लय में... "राजा को रानी से प्यार हो गया... पहली नजर में इकरार हो गया"…


पलक और चित्रा के जोश और उत्साह को देखकर आर्यमणि हंसने लगा। पलक की भी हंसी निकल गयि। दोनो भाई–बहन को आर्यमणि चुप करवाते.… "मैं तो पार्टी दूंगा ही लेकिन पार्टी तो तुम भी दोगी चित्रा। तुम्हारे और माधव के बीच क्या चल रहा है वो मै जानता हूं।


माधव और चित्रा दोनो हड़बड़ाते…. "क्या चल रहा है?"


आर्यमणि:- चित्रा तुम हर किसी से अपनी भावना छिपा सकती हो, लेकिन मुझसे नहीं।


माधव:- क्या बात कर रहे हो आर्य भाई। आप भी अच्छा मज़ाक कर लेते हो।


चित्रा:- आर्य जैसे तेरे और मेरे बीच लोगो को शक हो जाता था, ये भी ठीक ऐसा ही है। दुनिया ये बात कहती तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन तुमने ऐसा सोचा आर्य..


आर्यमणि:- हम्मम ! सॉरी ठीक है तुम लोग बात करो।


"सुनो तो, सुन ना, आर्य… रुक जा ना कहां जा रहा है।.. आर्य.."… पीछे से चित्रा आवाज़ लगाती रही लेकिन वो सुना नहीं और अपनी बाइक उठाकर कॉलेज से बाहर निकल गया।


चित्रा गुस्से में…. "जा चला जा। जब से आया है परेशान कर रखा है। एक दिन भी ऐसा हुआ है जो बैठकर बातें किया हो। जबसे आया है पहले कॉलेज की रैगिंग के कारण मुझसे काटा रहा और अभी मुंह फुला कर भाग गया।"


पलक:- शांत शांत शांत..


चित्रा:- तू क्या शांत-शांत कर रही है। उसे रोक नहीं सकती थी, जब वो जा रहा था। सोची थी अब सब क्लियर हो गया है तो बैठूंगी, बाते करेंगे। उस रात डिस्को नही आया था तो वीक एंड कुछ प्लान करते है, लेकिन नहीं इसको तो ऐटिट्यूड दिखाना है।


निशांत, पीछे से उस माहौल में पहुंचते… "तुम्हे क्या हुआ, बावड़ी क्यों बनी है।"..


पलक:- आर्य रुका नही इसलिए...


निशांत:- वो रुके भी क्यूं? दोनो पर शक तो मुझे भी है। आर्य ने तो वही देखा जो सबने मेहसूस करते है।


पीछे से आर्यमणि चित्रा के गर्दन में हाथ डालकर उसका गर्दन दबाते… "कंप्यूटर साइंस के लिए मैंने तुझसे 6 महीने तक कहा, वही लेते है। तूने क्या कहा मुझे केमिकल इंजिनियरिंग में इंट्रेस्ट है। फिर यहां आकर कंप्यूटर साइंस ली, क्योंकि मुझे सरप्राइज देना चाहती थी।"

"6 महीने बाद तुझे लगा कि अब मै तेरे साथ नहीं पढ़ सकता इसलिए तुमने ब्रांच चेंज करने का सोचा, लेकिन केमिकल इंजीनियरिंग ना लेकर मैकेनिकल में आ गई। ये हृदय परिवर्तन कैसे हो गया।"

"आगे और भी है। जैसे तुझसे आम ड्राफ्ट नहीं होता तू मैकेनिकल के ड्राफ्टिंग में कैसे मास्टर हो गई। तेरे लिए तो थरमोडायनामिक्स ही सर दर्द था फिर ये.."


चित्रा:- बस बस.. सॉरी.. मुझे माधव अच्छा लगने लगा था तो मैंने उसी के वजह से मैकेनिकल ली। 3 महीने से हम रिलेशन में है। अब खुश, लेकिन प्लीज माधव का मज़ाक मत उड़ाना।


निशांत:- ये अस्थि पंजर तुम्हारा बॉयफ्रेंड है।


माधव:- हम लवर्स है, ब्वॉयफ्रैंड–गर्लफ्रेंड नहीं।


निशांत:- हिम्मत तो देखो इसकी मेरे सामने ही ये ऐसे कह रहा है।


माधव:- तुम्हारे सामने क्या हम तो तुम्हारे पापा के सामने भी कह देंगे। ये बेशर्मी नहीं है, सच्चा प्यार करते है और उम्र भर साथ रहने का वादा किया है। चित्रा के लिए हम खुद को किसी भी मंच पर प्रूफ कर सकते है।


निशांत:- ठीक है फिर लगाओ अपने बाबूजी को फोन और अपने बाबूजी के सामने ये बात कहकर बताओ...


माधव:– उ बाबूजी अभी मां वैष्णो देवी की यात्रा पर गये हैं।


पलक:– 98XXXXXX05, यही नंबर है न... लो रिंग हो रहा है...


माधव लगभग पलक के पाऊं में गिड़ते.… "अरे नही पलक... कॉल कट कर दो.…" फोन स्पीकर पर था और उधर से कड़कती आवाज... "हां हेल्लो"… जैसे ही उधर से आवाज आयि, माधव रोनी सी सूरत बनाते पलक को देखने लगा... पलक, माधव की हालत पर हंसती हुई... "नमस्ते अंकल जी"


अंकल जी उसी कड़कती आवाज में... "आप कौन हो बेटा"…


पलक:– मैं माधव की दोस्त बोल रही हूं...


अंकल जी:– उ गधा वहां पढ़ने गया है कि लड़कियों संग दोस्ती करने। फोन दो जरा उस गधे को...


पलक:– लेकिन अंकल जी मेरी बात तो सुनिए...


अंकल जी:– देखो बेटी, हम एक अभिभावक होने के नाते यही कहेंगे की अपने पढ़ाई–लिखाई में ध्यान दीजिये। लड़कों संग दोस्ती अच्छी नहीं। बाकी आप रखिये फोन, हम तनिक माधव को कॉल लगाते हैं।


बेचारा माधव.... पलक के इतने छोटे से वार्तालाप के बाद तो जैसे माधव पर बाबूजी नामक कहर ही टूट गया हो। एक लड़की से दोस्ती मात्र की यह सजा हो गई की उसे बाबूजी ने घर बुला लिया, वो भी उसी रात की ट्रेन से। माधव की हालत पर सभी मजे ले रहे थे और माधव उस घड़ी को कोस रहा था जब उसने बड़बोलापन दिखाया।


आर्यमणि, एक किनारे से माधव के कंधे पर हाथ रखते... तुम बहुत साहसी हो माधव, और चित्रा ने अपने लिये बहुत सही लड़का चुना है।


माधव:– हां हमरी लंका लगा के तारीफों के पुल बांध रहे।


दूसरे किनारे से निशांत हाथ रखते.… "अरे घबरा क्यों रहे हो फट्टू, अभी तो कह रहे थे न, खुद को हर मंच पर प्रूफ करोगे... तो जाओ, पहला मंच तो तुम्हारा घर ही है।


माधव:– लेडीज है इसलिए पूरा नहीं बोल सकते लेकिन हमरी तो पूरी तरह फट गई है।


चित्रा और पलक दोनो जोर से हंसती हुई.… "क्या फटी?"


माधव:– हट बेशर्म लड़कियां। हमरी हालत पतली हो रही और सब मजे ले रहे हैं। उस मंच पर कोई सुने तब न कुछ प्रूफ करें। डेमो तो अभी देख लिए न... खाली लड़की से दोस्ती के कारण पहली फुरसत में घर बुलवा लिये। कहीं प्यार मोहब्बत की बात पता चली फिर तो चमरी छिल देंगे और घर पर बिठाकर किसानी करवाएंगे।


चित्रा, माधव की हालत पर हंसती हुई.… "उ बाबूजी हुए, उनका हक है। तुमको किसी मंच पर प्रूफ करने की जरूरत नाही है माधव। वक्त आने पर हम दोनो साथ मिलकर दोनो बाबूजी को मना लेंगे। क्या समझे बुड़बक..


चित्रा की बात जैसे कोई मलहम हो। माधव पूरा राहत महसूस करते.… "हां समझ गये चित्रा"


चित्रा फिर थोड़ी झिझकती हुई निशांत और आर्यमणि के ओर देखी। दोनो ही मुस्कुरा रहे थे मानो उन्होंने चित्रा के फैसले को बिलकुल सही मान लिया हो। और मुस्कुराते हुए दोनो ने अपनी बाहें खोल दी। चित्रा, हंसती हुई पहले निशांत से लिपटकर उसे थैंक्स कहीं, फिर आर्यमणि से। अभी एक मामला थमा नहीं था कि आर्यमणि ने दूसरा मामला उठा दिया… "क्यूं निशांत 1 साल पुराने रिलेशन का हो गया ब्रेकअप।"


निशांत:- कमिने कंफ्यूजन वाला रिलेशन तो तुमने बना दिया है। मेरे ब्रेकअप और पैचअप तो होते रहता है पहले ये बताओ कि सारी दुनिया छोड़कर तुझे पलक ही मिली थी।


पलक:- इतना एक्साइटेड होने की जरूरत नहीं है, घरवालों ने यें रिश्ता तय किया है, लेकिन मै घरवालों के फैसले के लिए बाध्य नहीं।


चित्रा:- राजा को रानी से प्यार हो गया। पहली नजर में इकरार हो गया। दिल जिगर दोनो घायल हुए…


आर्यमणि ने चित्रा का मुंह बंद किया और पीछे से कमर में हाथ डालकर उठाकर ले जाते हुए…. "2 मिनट में आया, कुछ प्राइवेट चैट करनी है।"


आर्यमणि चित्रा को कैंटीन के दूसरे हिस्से में ले जाते…. "हल्ला मत कर, तुझे कैसे पता हमारे बारे में।"..


चित्रा:- "जैसे तुमने मेहसूस किया वैसे ही मैंने। पहली बार जब रैगिंग हो रही थी तो जनाब की नजर किसपर टिकी थी। डिस्को के बाहर मैंने तुम दोनों को बाइक पर साथ जाते देख लिया था। उसी रात तुम दोनों को सड़क पर गले लगते भी देखी। जिस शनिवार मिस पलक हेरोइन के अवतार में तुम्हे पिकअप करके अपने साथ ले गई, मै भी सुबह-सुबह तुम्हे सरप्राइज देने आयी थी लेकिन उल्टा सरप्राइज हो गई। फिर क्या था बस समझ में आ गया कि तुम्हारी रानी की तलाश समाप्त हो गई।"

"मै बहुत खुश हूं तुम्हारे लिए। पलक बहुत अच्छी है और प्यारी भी। हां और हॉट भी है ये उस दिन समझ में आया जब पूरी तरह तैयार होकर निकली। मैत्री के कारन तुम्हे टूटते हुए देखी थी। तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनकर उसे दूर करने की भी कोशिश की लेकिन तुम्हारा टूटना जारी रहा। कॉलेज के पहले दिन ही तुम्हे जुड़ते देखी, देखकर दिल को सुकून मिल गया। और चिंता मत कर मै ये बात किसी को नहीं बताउंगी, लेकिन उसके लिए रिश्वत लगेगी।


आर्यमणि:- जो तुम चाहो। चलो चलते है।


दोनो वापस अपने दोस्तो के पास पहुंचे। कुछ देर के बात–चित के बाद सभी अपने-अपने क्लास चल दिए और आर्यमणि वापस घर। घर के अंदर बैठकर वो आसपास के जंगल के इलाकों की मैप देखने लगा। शिकारियों के मैप में बहुत कुछ क्लियर था। आर्यमणि ने नक्शे की तस्वीर निकालकर रूही को भेज दिया। नक्शे में सभी हाईलाइट प्वाइंट थे, किस वक़्त कहां मिलना है। आर्य पुरा मैप तैयार करके भेजकर जैसे ही फुर्सत हुआ वहां उसके कमरे में रिचा पहुंच गई… "हम्मम ! तो तुम वाकई में उस रात नहीं डरे थे।"


आर्यमणि:- किस रात रिचा..


रिचा:- जिस रात हमारी शर्त लगी थी..


आर्यमणि:- मैंने तो पहले ही कहा था।


रिचा:- प्रहरी के बीच में आजकल तुम एक चर्चा के विषय बने हो।


आर्यमणि:- और क्या चर्चा हो रही है?


रिचा:- "कुछ का मानना है कि तुममें कुछ खास शक्तियां है जो जाने–अनजाने में तुम्हे सिक्किम के जंगलों से मिली। शायद तुम्हारे जान बचाने की रुचि को देखते हुए किसी सिद्ध पुरुष ने तुम्हे दी हो। और कई लोगो का मानना है कि तुम एक वुल्फ हो। एक अल्फा जिसके पास कोई पैक नहीं।"

"जिस हिसाब से तुमने एक वुल्फ को मारा और वो हिल नहीं हुआ उससे तो सबको यही लगता है, लेकिन सबकी सोच वहां काम नहीं करती जब उन्हें ये पता चलता है कि तुम प्रहरी के घर रहते हो।"


आर्यमणि:- अच्छा प्रहरी के घर में रहने वाला वुल्फ नहीं होगा, ये कैसा लॉजिक है?


रिचा:- इसे लॉजिक नहीं मैजिक कहते है। माउंटेन एश का मैजिक, जिसके रेखा को कोई भी सुपरनैचुरल पार नहीं कर सकता, और तुम तो माउंटेन एश से घिरे पूरे एक बंगलो में रहते हो।


आर्यमणि:- तो सहमति किस बात पर बनी..


रिचा:- दुनिया एडवांस है और तुमने कुछ खेल रचा है माउंटेन एश के सर्किल को भेदने के लिए, ऐसा लोगो का विचार बना है। बातों से हम केवल निर्दोष या दोषी साबित नही कर सकते है। जैसे तुम कहोगे मेरे घाव जल्दी भर जाए यदि मैं वुल्फ होता और मैं कहूंगी तुमने लेथारिया वुलपिना इस्तमाल किया है। सो इस मौखिक चर्चा को बंद करते हुए कुछ प्रयोग कर लेते है ताकि सबको यकीन हो जाए कि तुम एक वेयरवुल्फ नहीं हो।


आर्यमणि:- और यदि मैं एक वुल्फ निकला तो क्या तुमलोग मुझे मौत दोगे।


रिचा:- हाहाहाहा… प्रहरी मतलब पहरेदार। हम 2 दुनिया के बीच के पहरेदार है, केवल भटकों का शिकार करते है। तुम्हे शिकारियों द्वारा बस हिदायत दी जाएगी की नागपुर में कैसे रहना है।


आर्यमणि:- मै एक संपूर्ण इंसान हूं, और ये मै तुम्हे इसलिए नहीं बता रहा क्योंकि मुझे टेस्ट नहीं देना। केवल पूछने के लिए बताया है, क्या वुल्फ परखने के टेस्ट में किया गया प्रयोग, एक इंसान को दर्द देगा या नहीं। और दर्द होगा तो कितना..


रिचा:- हां टेस्ट में दर्द तो होगा, वो भी भयानक, फिर वो चाहे इंसान या प्रशिक्षित प्रहरी ही क्यों ना हो। लेकिन चिंता नहीं करो, हम तुम्हे फास्ट हील कर देंगे।


आर्यमणि:- और उस दर्द का क्या, जो मुझे टेस्ट के दौरान होगा। उसकी भरपाई कौन करेगा…


रिचा:- उसकी भरपाई प्रहरी समाज करेगा..


आर्यमणि:- नाना मुझे तो रिचा देसाई लेकर जा रही है तो भुगतान भी उसी से चाहिए…..


रिचा:- हम्मम ! ठीक है यदि तुम हमारे जैसे इंसान हये बस कुछ अलग से अलौकिक शक्ति वाले, तब जो हारी हुई शर्त के मुताबिक तुम्हे न्यूड शो दिखाने वाली हूं, उसमे तुम अपनी मर्जी का भुगतान ले सकते हो, मै नहीं रोकूंगी। लेकिन वो वन टाइम होगा।


आर्यमणि:- मचलते अरमान, मुझे मंजूर है। चलो कहां टेस्ट देना है।


रिचा:- प्रहरी के वर्क स्टेशन में.. 20 लोगों के टीम के सामने..


आर्यमणि:- लगता है पूरी तैयारी है।


रिचा 10 मिनट में हॉल में आने के लिये कहकर कमरे से निकल गई। आर्यमणि हालात को समझते हुये कुछ सोचा। टेस्ट में बॉडी डैमेज होना ही था और वो अपनी हीलिंग कैपेसिटी जाहिर नहीं होने दे सकता था इसलिए उसने अपने पास से लेथारिया वुलपिना निकलाऔर एक बार में इतनी मात्रा ले ली जिसका असर 5–6 घंटे में खत्म ना हो।
 

andyking302

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भाग:–27






रूही जो बता रही थी वो एक प्रतिद्वंदी पैक था, जो सरदार खान के पैक पर हमला करने आया था। वूल्फ पैक के बीच ये लड़ाई आम बात होती है जहां एक वूल्फ पैक दूसरे वूल्फ पैक के इलाके में अपना निशान छोड़ते है। उन्हे लड़ने के लिए चैलेंज करते हैं।


अमूमन एक वूल्फ पैक मे 6 से 8 सदस्य होते है। जितना बड़ा वूल्फ पैक उतना ही शक्तिशाली वो लोग। 30 का वूल्फ पैक मतलब काफी मजबूत वूल्फ पैक था जो किसी से भी नहीं डर सकते थे। ऊपर से इस पैक का मुखिया ट्विन अल्फा। इसका मतलब होता है कि जब ट्विन वूल्फ जन्म लेते है और अल्फा बनते है, तब वो दोनो अपने शरीर को एक दूसरे मे निहित करके एक नया और विशाल शरीर बना सकते हैं। और फिर अपने मजबूत से मजबूत दुश्मनों पर भी भारी पड़ सकते हैं।


आर्यमणि:- ट्विन अल्फा मुखिया। फिर रहने दो, वो सरदार खान से भी ज्यादा खतरनाक हो जाएगा। यहां तुम सरदार खान के पैक मे 6 अल्फा बता रही थी। उसमे से किसने तुम्हे ज्यादा दर्द दिया है।


रूही:- सरदार खान पहले नंबर पर उसके बाद उसका राइट हैंड नरेश ने।


आर्यमणि:- और ये नरेश का पैक कहां मिलेगा।


रूही:- नरेश का पैक है तो किले में ही, लेकिन उसका बीटा यहां कॉलेज आता है।


आर्यमणि:- तो चलो चलते है शिकार पर। लेकिन शिकार पर जाने से पहले..


रूही:- हां ब्लड ओथ लेनी होगी। अपना हाथ आगे बढ़ाओ बॉस..


आर्यमणि ने अपना हाथ आगे बढाया। रूही चाकू निकालकर अपनी हथेली को चिर ली, फिर आर्यमणि की हथेली को चीरकर अपनी हथेली को सामने फैला दी। आर्यमणि उसके ऊपर अपना हाथ रखा।


दोनो 2 मिनट तक मौन खड़े रहे। आर्यमणि ने अपना हाथ हटाया और रूही अपने हाथ को उपर से नीचे ले जाकर देखती हुई… "कमाल की कशिश है तुम्हारे खून में। मै इसे मेहसूस कर सकती हूं। इसकी खुशबू.… मै बयान नहीं कर सकती की मुझे कैसा महसूस हुआ। ये कमाल के है आर्य…


आर्यमणि, रूही के हाथ में एक नक्शा दिया। यह नक्शा आस–पास के जंगलों और घाटियों का था, जिसपर आर्यमणि ने कयि पॉइंट मार्क किये थे। सारी प्लानिंग विस्तार में समझा दिया तथा अंधेरा होने बाद किस पॉइंट पर मिलना है, यह बताकर आर्यमणि वहां से निकल गया। रूही अब भी अपने उस हाथ को उलट–पलट कर देख रही थी, जिससे ब्लड ओथ ली थी। आज से पहले उसने कभी इतना अच्छा और अपने आप में इतना निडर मेहसूस नहीं की थी।


पहले क्लास खत्म होने के इंतजार में आर्यमणि जाकर कैंटीन में ही बैठ गया। आज कॉलेज का पूरा माहौल बिल्कुल शांत–शांत था। आर्यमणि पर हसने वाले लड़के-लड़कियां, आज उसके ओर देखकर फीकी मुस्कान देते और वहां से कट लेते। धड़कनों की रफ्तार और शरीर में स्त्राव होने वाले हार्मोन्स से आर्यमणि को पता चल रहा था कि कौन गुस्से से देखकर जा रहा था और कौन डरकर।


कुछ देर इंतजार करने के बाद इनके सभी दोस्त भी कैंटीन पहुंच रहे थे। पलक की नजर जैसे ही आर्यमणि पर गई उसके कदम अपने आप ही धीमे हो गए। दिल अंदर से जैसे गुदगुदा रहा हो और रक्त में अजीब ही तरंगों का संचार हो रहा हो। वो समझ चुकी थी कि आर्यमणि आज यहां क्यों आया है।


पलक फिर अपने मन में कुछ सोची और तेजी से कदम बढ़ाकर आर्यमणि के पास पहुंची…. "तुम आराम करने के बदले यहां क्या कर रहे हो।"..


आर्यमणि:- सॉरी जा रहा हूं।


चित्रा:- बस-बस इतना ओवर एक्टिंग करने की जरूरत नहीं है। अब आ ही गया है तो बैठ जा। ये बता उस दिन इतने सारे एक्शन दिखाने के बाद तूने वो हरकत की क्यों?


पलक:- 2 परिवार को एक करने के लिए। यहां ये सब डिस्कस मत करो।


माधव:- ई सब फालतू की बात छोड़ो और हम सबको पार्टी दो।


निशांत:– मेरा दोस्त केवल पार्टी नही, बल्कि ग्रैंड पार्टी देगा। सुबह ही हमारी बात हो गयि है, बस छुट्टियों का इंतजार है। वूहू–वूहू–वूहू …


चित्रा, भी पूरे उत्साह में वही पर नाचती हुई.… "छुट्टियों में हम करेंगे पार्टी क्यूंकि... क्यूंकि... क्यूंकि...


इतना कहने के बाद चित्रा और निशांत ने एक दूसरे को देखा और दोनो भाई–बहन एक लय में... "राजा को रानी से प्यार हो गया... पहली नजर में इकरार हो गया"…


पलक और चित्रा के जोश और उत्साह को देखकर आर्यमणि हंसने लगा। पलक की भी हंसी निकल गयि। दोनो भाई–बहन को आर्यमणि चुप करवाते.… "मैं तो पार्टी दूंगा ही लेकिन पार्टी तो तुम भी दोगी चित्रा। तुम्हारे और माधव के बीच क्या चल रहा है वो मै जानता हूं।


माधव और चित्रा दोनो हड़बड़ाते…. "क्या चल रहा है?"


आर्यमणि:- चित्रा तुम हर किसी से अपनी भावना छिपा सकती हो, लेकिन मुझसे नहीं।


माधव:- क्या बात कर रहे हो आर्य भाई। आप भी अच्छा मज़ाक कर लेते हो।


चित्रा:- आर्य जैसे तेरे और मेरे बीच लोगो को शक हो जाता था, ये भी ठीक ऐसा ही है। दुनिया ये बात कहती तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन तुमने ऐसा सोचा आर्य..


आर्यमणि:- हम्मम ! सॉरी ठीक है तुम लोग बात करो।


"सुनो तो, सुन ना, आर्य… रुक जा ना कहां जा रहा है।.. आर्य.."… पीछे से चित्रा आवाज़ लगाती रही लेकिन वो सुना नहीं और अपनी बाइक उठाकर कॉलेज से बाहर निकल गया।


चित्रा गुस्से में…. "जा चला जा। जब से आया है परेशान कर रखा है। एक दिन भी ऐसा हुआ है जो बैठकर बातें किया हो। जबसे आया है पहले कॉलेज की रैगिंग के कारण मुझसे काटा रहा और अभी मुंह फुला कर भाग गया।"


पलक:- शांत शांत शांत..


चित्रा:- तू क्या शांत-शांत कर रही है। उसे रोक नहीं सकती थी, जब वो जा रहा था। सोची थी अब सब क्लियर हो गया है तो बैठूंगी, बाते करेंगे। उस रात डिस्को नही आया था तो वीक एंड कुछ प्लान करते है, लेकिन नहीं इसको तो ऐटिट्यूड दिखाना है।


निशांत, पीछे से उस माहौल में पहुंचते… "तुम्हे क्या हुआ, बावड़ी क्यों बनी है।"..


पलक:- आर्य रुका नही इसलिए...


निशांत:- वो रुके भी क्यूं? दोनो पर शक तो मुझे भी है। आर्य ने तो वही देखा जो सबने मेहसूस करते है।


पीछे से आर्यमणि चित्रा के गर्दन में हाथ डालकर उसका गर्दन दबाते… "कंप्यूटर साइंस के लिए मैंने तुझसे 6 महीने तक कहा, वही लेते है। तूने क्या कहा मुझे केमिकल इंजिनियरिंग में इंट्रेस्ट है। फिर यहां आकर कंप्यूटर साइंस ली, क्योंकि मुझे सरप्राइज देना चाहती थी।"

"6 महीने बाद तुझे लगा कि अब मै तेरे साथ नहीं पढ़ सकता इसलिए तुमने ब्रांच चेंज करने का सोचा, लेकिन केमिकल इंजीनियरिंग ना लेकर मैकेनिकल में आ गई। ये हृदय परिवर्तन कैसे हो गया।"

"आगे और भी है। जैसे तुझसे आम ड्राफ्ट नहीं होता तू मैकेनिकल के ड्राफ्टिंग में कैसे मास्टर हो गई। तेरे लिए तो थरमोडायनामिक्स ही सर दर्द था फिर ये.."


चित्रा:- बस बस.. सॉरी.. मुझे माधव अच्छा लगने लगा था तो मैंने उसी के वजह से मैकेनिकल ली। 3 महीने से हम रिलेशन में है। अब खुश, लेकिन प्लीज माधव का मज़ाक मत उड़ाना।


निशांत:- ये अस्थि पंजर तुम्हारा बॉयफ्रेंड है।


माधव:- हम लवर्स है, ब्वॉयफ्रैंड–गर्लफ्रेंड नहीं।


निशांत:- हिम्मत तो देखो इसकी मेरे सामने ही ये ऐसे कह रहा है।


माधव:- तुम्हारे सामने क्या हम तो तुम्हारे पापा के सामने भी कह देंगे। ये बेशर्मी नहीं है, सच्चा प्यार करते है और उम्र भर साथ रहने का वादा किया है। चित्रा के लिए हम खुद को किसी भी मंच पर प्रूफ कर सकते है।


निशांत:- ठीक है फिर लगाओ अपने बाबूजी को फोन और अपने बाबूजी के सामने ये बात कहकर बताओ...


माधव:– उ बाबूजी अभी मां वैष्णो देवी की यात्रा पर गये हैं।


पलक:– 98XXXXXX05, यही नंबर है न... लो रिंग हो रहा है...


माधव लगभग पलक के पाऊं में गिड़ते.… "अरे नही पलक... कॉल कट कर दो.…" फोन स्पीकर पर था और उधर से कड़कती आवाज... "हां हेल्लो"… जैसे ही उधर से आवाज आयि, माधव रोनी सी सूरत बनाते पलक को देखने लगा... पलक, माधव की हालत पर हंसती हुई... "नमस्ते अंकल जी"


अंकल जी उसी कड़कती आवाज में... "आप कौन हो बेटा"…


पलक:– मैं माधव की दोस्त बोल रही हूं...


अंकल जी:– उ गधा वहां पढ़ने गया है कि लड़कियों संग दोस्ती करने। फोन दो जरा उस गधे को...


पलक:– लेकिन अंकल जी मेरी बात तो सुनिए...


अंकल जी:– देखो बेटी, हम एक अभिभावक होने के नाते यही कहेंगे की अपने पढ़ाई–लिखाई में ध्यान दीजिये। लड़कों संग दोस्ती अच्छी नहीं। बाकी आप रखिये फोन, हम तनिक माधव को कॉल लगाते हैं।


बेचारा माधव.... पलक के इतने छोटे से वार्तालाप के बाद तो जैसे माधव पर बाबूजी नामक कहर ही टूट गया हो। एक लड़की से दोस्ती मात्र की यह सजा हो गई की उसे बाबूजी ने घर बुला लिया, वो भी उसी रात की ट्रेन से। माधव की हालत पर सभी मजे ले रहे थे और माधव उस घड़ी को कोस रहा था जब उसने बड़बोलापन दिखाया।


आर्यमणि, एक किनारे से माधव के कंधे पर हाथ रखते... तुम बहुत साहसी हो माधव, और चित्रा ने अपने लिये बहुत सही लड़का चुना है।


माधव:– हां हमरी लंका लगा के तारीफों के पुल बांध रहे।


दूसरे किनारे से निशांत हाथ रखते.… "अरे घबरा क्यों रहे हो फट्टू, अभी तो कह रहे थे न, खुद को हर मंच पर प्रूफ करोगे... तो जाओ, पहला मंच तो तुम्हारा घर ही है।


माधव:– लेडीज है इसलिए पूरा नहीं बोल सकते लेकिन हमरी तो पूरी तरह फट गई है।


चित्रा और पलक दोनो जोर से हंसती हुई.… "क्या फटी?"


माधव:– हट बेशर्म लड़कियां। हमरी हालत पतली हो रही और सब मजे ले रहे हैं। उस मंच पर कोई सुने तब न कुछ प्रूफ करें। डेमो तो अभी देख लिए न... खाली लड़की से दोस्ती के कारण पहली फुरसत में घर बुलवा लिये। कहीं प्यार मोहब्बत की बात पता चली फिर तो चमरी छिल देंगे और घर पर बिठाकर किसानी करवाएंगे।


चित्रा, माधव की हालत पर हंसती हुई.… "उ बाबूजी हुए, उनका हक है। तुमको किसी मंच पर प्रूफ करने की जरूरत नाही है माधव। वक्त आने पर हम दोनो साथ मिलकर दोनो बाबूजी को मना लेंगे। क्या समझे बुड़बक..


चित्रा की बात जैसे कोई मलहम हो। माधव पूरा राहत महसूस करते.… "हां समझ गये चित्रा"


चित्रा फिर थोड़ी झिझकती हुई निशांत और आर्यमणि के ओर देखी। दोनो ही मुस्कुरा रहे थे मानो उन्होंने चित्रा के फैसले को बिलकुल सही मान लिया हो। और मुस्कुराते हुए दोनो ने अपनी बाहें खोल दी। चित्रा, हंसती हुई पहले निशांत से लिपटकर उसे थैंक्स कहीं, फिर आर्यमणि से। अभी एक मामला थमा नहीं था कि आर्यमणि ने दूसरा मामला उठा दिया… "क्यूं निशांत 1 साल पुराने रिलेशन का हो गया ब्रेकअप।"


निशांत:- कमिने कंफ्यूजन वाला रिलेशन तो तुमने बना दिया है। मेरे ब्रेकअप और पैचअप तो होते रहता है पहले ये बताओ कि सारी दुनिया छोड़कर तुझे पलक ही मिली थी।


पलक:- इतना एक्साइटेड होने की जरूरत नहीं है, घरवालों ने यें रिश्ता तय किया है, लेकिन मै घरवालों के फैसले के लिए बाध्य नहीं।


चित्रा:- राजा को रानी से प्यार हो गया। पहली नजर में इकरार हो गया। दिल जिगर दोनो घायल हुए…


आर्यमणि ने चित्रा का मुंह बंद किया और पीछे से कमर में हाथ डालकर उठाकर ले जाते हुए…. "2 मिनट में आया, कुछ प्राइवेट चैट करनी है।"


आर्यमणि चित्रा को कैंटीन के दूसरे हिस्से में ले जाते…. "हल्ला मत कर, तुझे कैसे पता हमारे बारे में।"..


चित्रा:- "जैसे तुमने मेहसूस किया वैसे ही मैंने। पहली बार जब रैगिंग हो रही थी तो जनाब की नजर किसपर टिकी थी। डिस्को के बाहर मैंने तुम दोनों को बाइक पर साथ जाते देख लिया था। उसी रात तुम दोनों को सड़क पर गले लगते भी देखी। जिस शनिवार मिस पलक हेरोइन के अवतार में तुम्हे पिकअप करके अपने साथ ले गई, मै भी सुबह-सुबह तुम्हे सरप्राइज देने आयी थी लेकिन उल्टा सरप्राइज हो गई। फिर क्या था बस समझ में आ गया कि तुम्हारी रानी की तलाश समाप्त हो गई।"

"मै बहुत खुश हूं तुम्हारे लिए। पलक बहुत अच्छी है और प्यारी भी। हां और हॉट भी है ये उस दिन समझ में आया जब पूरी तरह तैयार होकर निकली। मैत्री के कारन तुम्हे टूटते हुए देखी थी। तुम्हारी गर्लफ्रेंड बनकर उसे दूर करने की भी कोशिश की लेकिन तुम्हारा टूटना जारी रहा। कॉलेज के पहले दिन ही तुम्हे जुड़ते देखी, देखकर दिल को सुकून मिल गया। और चिंता मत कर मै ये बात किसी को नहीं बताउंगी, लेकिन उसके लिए रिश्वत लगेगी।


आर्यमणि:- जो तुम चाहो। चलो चलते है।


दोनो वापस अपने दोस्तो के पास पहुंचे। कुछ देर के बात–चित के बाद सभी अपने-अपने क्लास चल दिए और आर्यमणि वापस घर। घर के अंदर बैठकर वो आसपास के जंगल के इलाकों की मैप देखने लगा। शिकारियों के मैप में बहुत कुछ क्लियर था। आर्यमणि ने नक्शे की तस्वीर निकालकर रूही को भेज दिया। नक्शे में सभी हाईलाइट प्वाइंट थे, किस वक़्त कहां मिलना है। आर्य पुरा मैप तैयार करके भेजकर जैसे ही फुर्सत हुआ वहां उसके कमरे में रिचा पहुंच गई… "हम्मम ! तो तुम वाकई में उस रात नहीं डरे थे।"


आर्यमणि:- किस रात रिचा..


रिचा:- जिस रात हमारी शर्त लगी थी..


आर्यमणि:- मैंने तो पहले ही कहा था।


रिचा:- प्रहरी के बीच में आजकल तुम एक चर्चा के विषय बने हो।


आर्यमणि:- और क्या चर्चा हो रही है?


रिचा:- "कुछ का मानना है कि तुममें कुछ खास शक्तियां है जो जाने–अनजाने में तुम्हे सिक्किम के जंगलों से मिली। शायद तुम्हारे जान बचाने की रुचि को देखते हुए किसी सिद्ध पुरुष ने तुम्हे दी हो। और कई लोगो का मानना है कि तुम एक वुल्फ हो। एक अल्फा जिसके पास कोई पैक नहीं।"

"जिस हिसाब से तुमने एक वुल्फ को मारा और वो हिल नहीं हुआ उससे तो सबको यही लगता है, लेकिन सबकी सोच वहां काम नहीं करती जब उन्हें ये पता चलता है कि तुम प्रहरी के घर रहते हो।"


आर्यमणि:- अच्छा प्रहरी के घर में रहने वाला वुल्फ नहीं होगा, ये कैसा लॉजिक है?


रिचा:- इसे लॉजिक नहीं मैजिक कहते है। माउंटेन एश का मैजिक, जिसके रेखा को कोई भी सुपरनैचुरल पार नहीं कर सकता, और तुम तो माउंटेन एश से घिरे पूरे एक बंगलो में रहते हो।


आर्यमणि:- तो सहमति किस बात पर बनी..


रिचा:- दुनिया एडवांस है और तुमने कुछ खेल रचा है माउंटेन एश के सर्किल को भेदने के लिए, ऐसा लोगो का विचार बना है। बातों से हम केवल निर्दोष या दोषी साबित नही कर सकते है। जैसे तुम कहोगे मेरे घाव जल्दी भर जाए यदि मैं वुल्फ होता और मैं कहूंगी तुमने लेथारिया वुलपिना इस्तमाल किया है। सो इस मौखिक चर्चा को बंद करते हुए कुछ प्रयोग कर लेते है ताकि सबको यकीन हो जाए कि तुम एक वेयरवुल्फ नहीं हो।


आर्यमणि:- और यदि मैं एक वुल्फ निकला तो क्या तुमलोग मुझे मौत दोगे।


रिचा:- हाहाहाहा… प्रहरी मतलब पहरेदार। हम 2 दुनिया के बीच के पहरेदार है, केवल भटकों का शिकार करते है। तुम्हे शिकारियों द्वारा बस हिदायत दी जाएगी की नागपुर में कैसे रहना है।


आर्यमणि:- मै एक संपूर्ण इंसान हूं, और ये मै तुम्हे इसलिए नहीं बता रहा क्योंकि मुझे टेस्ट नहीं देना। केवल पूछने के लिए बताया है, क्या वुल्फ परखने के टेस्ट में किया गया प्रयोग, एक इंसान को दर्द देगा या नहीं। और दर्द होगा तो कितना..


रिचा:- हां टेस्ट में दर्द तो होगा, वो भी भयानक, फिर वो चाहे इंसान या प्रशिक्षित प्रहरी ही क्यों ना हो। लेकिन चिंता नहीं करो, हम तुम्हे फास्ट हील कर देंगे।


आर्यमणि:- और उस दर्द का क्या, जो मुझे टेस्ट के दौरान होगा। उसकी भरपाई कौन करेगा…


रिचा:- उसकी भरपाई प्रहरी समाज करेगा..


आर्यमणि:- नाना मुझे तो रिचा देसाई लेकर जा रही है तो भुगतान भी उसी से चाहिए…..


रिचा:- हम्मम ! ठीक है यदि तुम हमारे जैसे इंसान हये बस कुछ अलग से अलौकिक शक्ति वाले, तब जो हारी हुई शर्त के मुताबिक तुम्हे न्यूड शो दिखाने वाली हूं, उसमे तुम अपनी मर्जी का भुगतान ले सकते हो, मै नहीं रोकूंगी। लेकिन वो वन टाइम होगा।


आर्यमणि:- मचलते अरमान, मुझे मंजूर है। चलो कहां टेस्ट देना है।


रिचा:- प्रहरी के वर्क स्टेशन में.. 20 लोगों के टीम के सामने..


आर्यमणि:- लगता है पूरी तैयारी है।


रिचा 10 मिनट में हॉल में आने के लिये कहकर कमरे से निकल गई। आर्यमणि हालात को समझते हुये कुछ सोचा। टेस्ट में बॉडी डैमेज होना ही था और वो अपनी हीलिंग कैपेसिटी जाहिर नहीं होने दे सकता था इसलिए उसने अपने पास से लेथारिया वुलपिना निकलाऔर एक बार में इतनी मात्रा ले ली जिसका असर 5–6 घंटे में खत्म ना हो।
Fabulous out standing update bhai jann

Ye Richa ko bohot chul Machi hey bhai nikal dega apna bhai jald hi
 
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nain11ster

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पांच सौ करोड़ , सात सौ करोड़ की बातें तो ये ऐसे कर रहे है जैसे पांच सात लाख रुपए । बहुत ही अमीर खानदान है इन सभी का । और सुकेत भारद्वाज की फेमिली दानवीर कर्ण से कम भी नहीं है । गलतियों पर गलतियों के बावजूद मामा श्री को इस तरह से करोड़ों रुपए डोनेट कर दिए जैसे उन रूपयों पर उन्हीं का हक बनता था ।
जरा सा भी तमीज नहीं दिखाई दिया मामा श्री में । वैसे यह इंसान जन्मजात ही दुष्ट प्रवृत्ति का लगता है । जैसा बाप वैसा ही बीवी बच्चे । चारों को अलग अलग नहीं बल्कि एक साथ बैठकर मोबाइल पर पोर्न देखना चाहिए । जरूर उस वक्त ये सभी एडल्ट साइट ही मोबाइल पर खोले बैठे होंगे ।
पौराणिक और आम कहानियों में मामा श्री का किरदार हमेशा ही बदनाम रहा है ।

रहस्यमई किताब और उसके रहस्यमय नियम.... पच्चीस वर्ष... पच्चीस अध्याय.... पच्चीस लोगों से अकेले अलग हथियारों से युद्ध कर विजई होना । रहस्यमय का पिटारा लगता है यह ।
आर्य के स्पर्श मात्र से दंश का ध्वनि उच्चारण करना और किताब के रग का बदल जाना भी कोई कम रहस्यमय नहीं था ।
पता नहीं उन पच्चीस अध्यायों के खुलने के बाद और कितने रहस्यमय चीजें बाहर आयेंगी !

आर्य मणि खुद का एक ग्रुप बना रहे हैं और इसके लिए उसने सबसे पहले रूही को पसंद किया है ।
लगता तो यही है कि कोई ऐसी बड़ी शक्ति जरूर है जिससे पार पाना अकेले उनके वश का भी नहीं है ।
मुझे लग रहा है कि रूही की आरजू रात को अवश्य ही पुरी हो जायेगी । अगर खुद का पैक बनाना है तो आर्य को कहीं ना कहीं समझौता करना ही होगा ।

वैसे मुझे एक सवाल पुछना था नैन भाई !
भुमि सगाई के दो साल बाद शादी करी । लेकिन इन दो वर्षों में उसने दो तीन ब्वायफ्रेंड भी पाल रखे थे । कौन थे दोनों खुशनसीब कमीनें ? मुझे तो सोच सोच कर ही जलन हो रहा है । भुमि जैसी लड़की का ब्वायफ्रेंड होना किस्मत की बात थी ।
वो जब बेइमानों पर रहमदिल हो सकती है तो एक्स ब्वॉयफ्रेंड पर पता नहीं कितनी दरियादिली दिखा दे ! :D

दोनों अपडेट्स उम्मीद से भी अधिक शानदार थे नैन भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग एंड ब्रिलिएंट ।
Kaahe itna khunnas khaye hain mama se... Aur aisa khunnas khaye ki parivar ko sath bithakar porn hi dikhwa rahe... Rukiye tanik rukiye... Mama ko paise na diye gaye... Balki kisi bhau ke pass bheja gaya hai... Bhau yani devgiri pathak... Maharastra ka deputy CM.. paise udhar dega aur lauta nahi paya to business take over... Koi daan nahi mila hai...

Roohi ke arjoo raat poori ho ki nahi ho... Lekin aapke armaan kyun machal rahe :D... Khair kahani me bahut se naye chijon ka aavaj hona hai isliye taiyar rahiye... Baki bhumi ke 2 sal ki badi khojai ho rahi... Kya flashback me le jaun story .. fir to wahan shadi ke pahle ki jaya bhi mil jayegi :D
 

nain11ster

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Bhai arun to bahutai beshram admi nikla sasura kai ke emotionless matlabi hai e ta.hme lagta hai aage bhi kuch kand kri e jarur. Mast update dono. Keep wroting. We r ready to read. Hahahaha. Barish na ho rhi nain bhai sirf fuhar pdi hai. Hahahaha.
thank u bro
Hahaha aaj ke comment me sabhi arun ko gaali de rahe hai... Khair ek aur fuhar aa gayi hai dekhiye aur maze lijiye...
 

Chutiyadr

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Mujhe nahi maloom thi ye baat... Koi na jab fursat mile tab padhiyega... Magar padhiyega jaroor....
Bilkul padhenge ...
Aapki story se bahut kuchh sikhane milta hai aur naye ideas aane lagte hai , mere liye ye khurak ki tarah kaam karti hai ..
 
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Kaahe itna khunnas khaye hain mama se... Aur aisa khunnas khaye ki parivar ko sath bithakar porn hi dikhwa rahe... Rukiye tanik rukiye... Mama ko paise na diye gaye... Balki kisi bhau ke pass bheja gaya hai... Bhau yani devgiri pathak... Maharastra ka deputy CM.. paise udhar dega aur lauta nahi paya to business take over... Koi daan nahi mila hai...

Roohi ke arjoo raat poori ho ki nahi ho... Lekin aapke armaan kyun machal rahe :D... Khair kahani me bahut se naye chijon ka aavaj hona hai isliye taiyar rahiye... Baki bhumi ke 2 sal ki badi khojai ho rahi... Kya flashback me le jaun story .. fir to wahan shadi ke pahle ki jaya bhi mil jayegi :D
जब खुलासा हो ही गया है तो हमें उन बातों की सच्चाई जानने का भी हक बनता ही है ।
जरूर । अलग से उनके बारे में अपडेट्स लिखिए । :D
 

Parthh123

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To bhaya ab aryamani bhai test denge aur usme wo normal insaan sabit honge. But kaise?? Kai cnfusions hai abhi story me but koi na maza a rha hai aanad mil rha hai to baki sb bad ki. Mast update. Chitra aur madav bihari babu ka taka fit hui gwa. Harpreet aur nishant ka taka toot gawaah. Hahahah.
 
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