सुंदर होना गुनाह नहीं है, लेकिन अपनी सुन्दरता के बल पर किसी को धोखा देना बहुत बड़ा गुनाह है।
दिल के अरमां आँसुओ में बह गए,
हम हैंडसम होकर भी, तन्हा रह गये



शत प्रतिशत सच लिखा आपने.. मीठा झूठ बोलने से अच्छा है कि, कड़वा सच बोला जाये, इससे आपको सच्चे दुश्मन जरूर मिलेंगे... लेकिन झूठे दोस्त नही...!
एक बार फिर से सुंदर सा मंतव्य लिखने के लिए बहुत बहुत आभार... दरसल कहानी का प्लॉट मुझे चिट चैट थ्रेड पर ही मिला था... बस जरूरत थी खुद को एक स्त्री के रूप में महसूस करने की, थोड़ा सा वक्त जरूर लगा... लेकिन flow बन गया और एक बेहतरीन कृति का उद्गम हो गया। एक स्त्री होना सहज नही है.. इस परिशथि को मैने और भी बेहतर ढंग से लिखा था... जैसे " शेखर जब अपने पति और ससुर के अंडर वियर धोता है तो, तो उसे एक लड़के के रूप में किस तरह फील होता किसी मरदाने चड्डी को धोते हुए " और भी बहुत सी छोटी छोटी सी समस्या थी जिन्हे मैने लिखा था।
लेकिन शब्दों की मर्यादा और लिमिट के कारण सब हटा कर मिटाना पड़ा।
आखिर में आपका एक बार फिर से बहुत बहुत धन्यवाद... आभार... शुक्रिया