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A jasienwaStory sajan
Writer black
Black bhai.apne kya kahani.likhi hai kehne ke liye shabad kam.pad rahe hain kaise apne ek pati patni ke rishte ko dikhya unke pyar ek dusre ke liye.izzat dikhayi.app such main great writer ho hats of you
Minues point
Kuch story main minutes point bhi the but wo meri apni soch hai
Rating 9 out of 10
Black
A professorwaकहानी : सूरज
राइटर : Black
आज के दौर में अच्छे पति का मिलना आसान है... लेकिन एक प्रेमी मिलना मुश्किल...!!!
व्यभिचार में लिप्त एक स्त्री की कहानी जो सेक्स additct है, विषय बहुत ही बढ़िया था, लेकिन बेहतर तरीके से लिखा जा सकता था, लेखक ने बहुत कुछ जल्दबाजी में लिखा जैसे : " और उन्होंने मुझसे अनुमति मांगी, मैने अनुमति दे दी, एक साल बाद तान्या पैदा हुयी "
ये क्या था???? सुहाग रात पर सेक्स भी अनुमति से होने लगासमझ के बाहर है, कहानी का intrest बढ़ाने के लिए incest को भी डालने का प्रयास किया जो कि कहानी में आवश्यक नही था। पति, पत्नी और वो तक ही सीमित पर ध्यान दिया जाता तो कहानी और भी अच्छी हो सकती थी।
कहानी शुरु से लेकर अंत तक बहुत ही तेजी से चलती है, पाठको को बांधे सफल रहती है, शॉर्ट स्टोरी में कम शब्दो में कहानी को मुकाम पर पहुँचना कठिन होता है, राइटर ने इस कार्य को बखूबी करने का प्रयास किया हॉस्पिटल में पागल बना कर अंत दिखाया है।
निष्कर्ष :: अंक गणित मेरी शुरु कमजोरी रही है, इसलिए कहानी पर नम्बरों को देने का कार्य जूरी, पूरी ईमानदारी से करेगी...।
धन्यवाद....
Shukriya aapkabhai setan & black bhai dono ki sabhi story mind blowing hai aur muje pata nahi hai yaha review kese dete hai but mai aise hi de raha hu sorry bro
Dear professor" कामावतार "
(यह कहानी उन युवाओं को समर्पित है, जो अपनी गरीबी, लाचारी, बीमारी, बुरी किस्मत, शारीरिक कमियों की वजह से हताशा और निराशा में अपना जीवन व्यतीत कर रहे है, मै कहानी के माध्यम से उन्हे संदेश देना चाहता हू कि " तितलियों का पीछा करने में अपना समय बर्बाद मत करो, अपने बगीचे को ठीक करो, तितलियाँ अपने आप आ जायेगी)
औरैया, जिला जालौन, उत्तर प्रदेश में बलवंत सिंह जाति से ठाकुर और पेशे से मजदूर, मजदूरी करना उसकी किस्मत नही गलती है, उसके पिता ने उसकी शराब् पीने की लत की वजह से उसे "नालायक औलाद" का ठप्पा के अलावा पैतृक संपति में से कुछ नहीं दिया। सारी संपति बांकी के चार पुत्रो में बराबर बराबर बाँट दी। बलवंत के ससुराल वालों ने जब उसके बाप से कहा कि ये कैसा न्याय है..??? आखिर बलवंत है तो तुम्हारा ही बेटा उसको भी बराबर का हिस्सा मिलना चाहिए. चाहे वो शराब् में बर्बाद करे या फिर संभाल कर रखे। काफी कहा सुनी के बाद उसके बाप ने एक टूटा फूटा मकान बलवंत की पत्नी के नाम लिख दिया। अब बलवंत दिहाड़ी की मजदूरी करता, आधे पैसे कमा के घर में देता और आधे शराब् के ठेके पर......!
बलवंत ने किसी सरकारी सालाना (वार्षिक) योजना की तरह हर साल एक बच्चा पैदा किया जिसके फलस्वरूप उसके परिवार में तीन बेटियां और सबसे छोटा एक बेटा जनार्दन सिंह उर्फ जॉनी है। जनार्दन के पैदा होने के बाद बलवंत की पत्नी ने उसे बिना बताये नसबन्दी करा ली।
'बाप भले ही गरीब मजदूर हो लेकिन बच्चो में योग्यता हो तो देर सबेर सफलता प्राप्त हो ही जाती है' लेकिन गरीब बलवंत ना ही खुद इतना योग्य था और ना ही उसकी औलाद में कोई ऐसी योग्यता थी जो सफलता की सीढ़ी चढ़ जाते। मसलन बेटियां दसवी में चार बार फैल हो कर पढाई बंद कर घर बैठ गयी।
उसकी बेटियां उम्र से पहले ही जवान दिखने लगी थी, रंग साफ, नैन नकश् सुंदर, खिलती छातिया, चौड़े और बड़े बड़े नितंब होने के वाबजूद उनकी गरीबी उनकी खूबसूरती पर 'बदनुमा धब्बे' की तरह नजर आती थी। जिससे उनके आशिक भी आसपास के उन्ही की तरह गरीब, छोटी छोटी किराने, मेडिकल और कपड़ो की दुकान पर नौकरी करने वाले लड़के ही रहे। जो उनके घर बलवंत की बीवी को 'चाची-चाची' कहते हुए घुसते और उसकी बेटियों के चूचे दबा कर हस्ते हुए वापस चले जाते। इस तरह बलवंत की बेटियों की "मोहल्ले वाले ईश्क की रासलीला" घर में ही चलती रहती।
बलवंत का बेटा जॉनी के भी हरमोंस में बदलाव होना शुरु हो गया था और वो अपने मोहल्ले के लड़को को अपनी बहनो की चूचीयो को दबाते हुए देखता लेकिन कुछ कह नही पाता। इसके तीन कारण थे..एक तो वो उम्र में छोटा और दूसरा उसकी बहनो को चूची दब्बने में हँसता हुआ पाता और तीसरा आते जाते हुए वो लड़के उसे कुछ ना कुछ खाने पीने का सामान खरीदने घर के बाहर भेज देते। इन्ही कारणों से वो सब जानते हुए भी चुप रहता।
जॉनी का एक दोस्त था रिजवान जो हेयर सैलून में नौकरी करता था, रिजवान और जॉनी अक्सर हमेशा साथ साथ घूमते खाते पीते अपनी बातें शेयर करते। रिजवान ने ही जॉनी को अब मुट्ठ मारना भी सिखा दिया था और उसका 'मुठ गुरु' बन गया था। ऐसे ही समय गुजर रहा था और 'गरीब मजदूर की बेटियाँ' खूब फल-फूल रही थी।
एक दिन जॉनी की मामी घर पर आई और जॉनी की माँ से कहा कि भाभी.... बेटियों के चाल चलन ठीक नहीं लग रहे है उन की छातिया फूल कर 'कुप्पा' हो रही है, चूतर सलवार में से 'मटके' की तरह बाहर निकल रहे है, बेटियों बारे में कुछ सोचा है कि नही.. ????
अरे हम करे, तो क्या करे ??? बेटियां कहती है कि "वो गरीबी भरे 'दलदल' से निकलकर वापस किसी गरीबी भरे 'कीचड़' में ब्याह कर नही जाना चाहती," और तुम्हे तो पता ही हमारी इतनी हैसियत नही है कि किसी अमीर के घर उन्हें ब्याह दे। मगर किसी भी तरह एक बिटिया का ब्याह तो इस साल करने की सोच रहे है।
अरे भाभी आज के समय में बेटियों के ब्याह की चिन्ता मत करो, जब से लड़का लड़की के 'लिंगानुपात' की सख्या में अंतर हुआ है तब से बेटियों वालों की चांदी हो गयी है, हमारी समाज में ही बड़े-बड़े अमीर घरों में लड़के कुँवारे बैठे हैं, जो शादी के लिए दोनों घरों के चूल्हे जलाने के साथ साथ मुह मांगी कीमत भी देने को तैयार है बस उनके घर में कैसे भी कर के बहू आ जाये। अगर तुम कहो तो मै तुम्हारी तीनों बेटियों का ब्याह एक साथ एक ही मंडप पर करवा दू। और उल्टा तुम्हें तिगुना दहेज भी दिलवा दू।
ये बात सुनकर बलवंत की बीवी के चेहरे पर चमक आ गयी और कुछ महीनों बाद बलवंत के साले ने उसकी तीनो बेटियों की शादी कहे अनुसार अच्छे घरों में करवा दी और एक से ढेड़ लाख रुपये भी हाथ में थमा दिये।
'गरीब आदमी के लिए पैसा कमाना जितना मुश्किल काम है, उससे कही ज्यादा पैसा संभाल कर रख पाना। पैसा कब, कहाँ और कैसे खर्च करना उसकी कला गरीबों में नही होती।'
घर में हैसियत से ज्यादा पैसा आने पर बलवंत ने मजदूरी करना बंद कर दिया और सुबह ही घर से निकल जाता देर रात तक शराब् के नशे में वापस आता पत्नी के समझाने के बाद भी जब बलवंत नही माना तो उसने चोरी छिपे 50 हजार रुपये बैंक में जमा कर दिये, बांकी पैसों से जॉनी को एक छोटी सी चाउमीन, मोमो, की दुकान खुलवा दी।
'धंधा छोटा हो या बड़ा आज के कॉम्प्टीशन के दौर में चलाना आसान नही होता' जॉनी के धंधे ने उसे रोजगार नही दिया सिर्फ 200-250 रु रोज की 'आजीविका का एक जरिया' बन कर रह गया।
महीने गुजरते गये इस दौरान उसका अपने दोस्त रिजवान (मुट्ठ गुरु) से मिलना बंद हो गया, बहनो की शादी के बाद जॉनी घर में अकेला रह गया था और नॉनस्टोप् मुठ मारता, परिणाम स्वरूप एक दो मिनिट देसी विदेशी पोर्न फिल्म देखने के बाद ही कुछ सैकिंड का लिंग् में तनाव महसूस कर वीर्य निकल जाता।
बड़ी विकट समस्या से जॉनी झूझ रहा था, उसे खुद भी कुछ समझ नही आ रहा था, करे तो क्या करे बीमारी ही ऐसी हो गयी थी कि 'किसी को बता नही सकता और खुद से छिपा नही सकता।' चिंता और अवसाद के कारण 25 की उम्र में ही 35 का लगने लगा। घर में माँ बाप के बीच रोज का कलह अलग से मचा हुआ था।
काफी दिनों बाद जब जॉनी अपने दोस्त रिजवान से मिला तो डरते डरते उसने यह बात अपने दोस्त 'मुट्ठ गुरु' को बताई। दोस्त पहले तो बहुत जोर से हंसा, और 'ढीले बलम', 'सुस्त लंड' जैसे नाम से चिढ़ाने लगा। और जब वो जॉनी का पूरी तरह से मजा लेकर खुश होकर थक गया तब बोला....
"जॉनी मेरे दोस्त तुम्हारी कोम में हमेशा ज्यादतर लौंडो को यही प्रोबलम होती हैं, 30-35 साल के हो जाते हो लेकिन चूत के दर्शन नही मिलते....और 'अपना हाथ जगन्नाथ' कर हैंड पंप चला-चला कर पूरे लंड की नसे ढीली कर लेते है। हमारी कौम इस मसले में बढ़िया है, लोंडा 'चूतर धोने से पहले चूत चोदना' सीख जाता है, फूफी की लड़की, खाला की लड़की, चच्ची की लड़की, मामू की लड़की, जिसके साथ चाहो उसके साथ मजे करो...?? " यही तो खूबसूरती है, हमारी कौम की "
मेरे दोस्त ये कोई बीमारी नही है ऐसा इसलिए है क्योकि तूने अभी तक किसी भी लड़की को चोदाँ नही है, लड़कियों को चोदना शुरु करो, लौड़े की भी कसरत होगी और तेरी जो बीमारी है वो भी दूर भाग जायेगी। कल चल मेरे साथ फिरोजाबाद मै तेरी लंड की टोपी खुलवाता हू,।
जॉनी को कुछ कुछ बातें अपने दोस्त की समझ आ रही थी, और एक मुस्कान के साथ बोला कितना पैसा खर्चा होगा...???
देख भाई जॉनी आने जाने का तू खर्च कर दियो, वहा तेरी लंड की टोपी खुलवाने का खर्चा मैं देख लूंगा....! और फिर हस्ता हुआ वो चला गया।
अगले दिन दोनो दोस्त फिरोजाबाद पहुँच कर के बस स्टैंड के पास की गली में घुस गये। जो कि वहाँ की 'रण्डी गली' के नाम से जानी जाती है, गली के अंदर पान की दुकान के बगल से ऊपर की ओर जाती हुयी सीढ़ीयों पर चढ़ कर दोनों दोस्त एक कमरे में आ गये। अधेड़ उम्र की औरतों के साथ कुछ लड़किया भी वहा तख्त पर बैठी हुयी थी। जॉनी के दोस्त ने एक औरत से सौदा फिक्स किया " 300 रु सवारी, हल्की चाहे भारी "और हस्ते हुए एक-एक लड़की के साथ दोनों दोस्त परदे की आड़ से बने केबिनुमा बरामदे में घुस गये।
जॉनी का ये पहला अनुभव था उसके चेहरे पर डर और हवस का मिलाजुला असर साफ दिख रहा था, काफी देर तक वो खड़ा रहा वो कभी उस लड़की को देखता..जो कि सलवार उतार कर नीचे से नंगी हो चुकी थी और कभी बगल के पर्दे के दूसरी ओर चुदाई करते हुए जोड़े की परछाई को देख रहा था।
पेंट उतार ना लंडूरे ?? अब क्या खड़ा खड़ा करेगा.... लोडु ???? अपनी सलवार को खोल कर कॉंडोम का पैकेट फाड़ते हुए वो लड़की बोली। लड़की की गाली भरी, चुभती हुई आवाज को सुनकर जॉनी की हवस फुर्र हो गयी और बचा सिर्फ डर....! लेकिन जिस काम के पैसे दिये जा चुके थे, वो काम तो करना ही था।
डरते डरते जॉनी ने अपना पेन्ट उतार कर नीचे से नँगा हो गया उस लड़की ने उसके मुरझाये हुए लंड को हाथ से पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी, रंडि की लंड हिलाने की रफ्तार से जॉनी के लंड में जैसे जैसे आकार में वृद्धि हुई तो रंडि ने बिना देर किये उस पर कॉंडोम चढ़ा दिया। लेकिन लंड पूर्ण रूप से खड़ा और कडा नही हुआ था।
चल अब डाल ना चूतिये... ।
अब भला 'ढीला लंड' चूत में कैसे जाता जॉनी काफी प्रयास कर रहा था लेकिन 'सुस्त लंड' चूत के मुहाने पर आकर फिसल कर मुड़ जाता, रण्डी ने भी जॉनी के लंड पकड़ कर दोबारा से हिलाया और कुछ ही सेकंड में जॉनी के लंड ने पानी छोड़ दिया।
रण्डी ने अपनी सलवार पहनी, कॉंडोम को कचरे की बाल्टी में डाल देना... कहकर वापस कमरे में मौजूद अन्य रण्डी के साथ बैठ गयी। इस 'रण्डी बाजी' के बुरे अनुभव से जॉनी टूट गया और वो मन ही मन समझ गया कि उसका लंड बेकार हो चुका है, सिर्फ 'मूतने' के लिए बना है, ना कि किसी को 'चोदने' के लिए....!
दिन बीतने लगे और जॉनी अंदर ही अंदर घुटता रहता, ना ही उसके पास पैसा था, और ना ही मर्दांगी.... फिर एक दिन जॉनी के बाप की ज्यादा शराब् पीने की वजह से तबियत खराब हो गयी और उन्हें जिला चिकित्सालय में तीन चार दिन के लिए भर्ती करवाना पड़ा। दिन में जॉनी की माँ, बाप की देखरेक के लिए रुकती और रात में जॉनी....।
जॉनी अपने लंड के परफॉर्मेंस से 'तन' से हार गया था, लेकिन 'मन' से नही, मन में सेक्स का कीडा अभी भी जिंदा था।
हॉस्पिटल में रात को बाप के सो जाने के बाद वो 'महिला प्रसूति वार्ड' में चक्कर मारने चला जाता, वहा गर्भवती महिलाओं को ढीली मैक्सी और ब्लाउस पेटीकोट में अस्त व्यस्त हाल में सोते हुए उनकी 'चूत की लाइन' की झलक मात्र देख कर 'मंत्र मुग्ध' हो जाता, जो महिलाएं अपने बच्चो को स्तन् पान कराते हुए सो जाती और उनका चूचा (स्तन्) बाहर निकला रहता, मौका पाकर उनको छूने की कोशिस करता और उनकी मोबाइल से वीडियो बनाता।
ऐसे ही चौथी रात जॉनी अस्त व्यस्त कपड़ो में सोती हुई औरतो के आश्लील वीडियो बनाने की फिराक में 'प्रसूति वार्ड' में चक्कर लगा रह रहा था तो एक नर्स ने उसे देख लिया, और जॉनी को टोकते हुए बोली....
इतनी रात में यहाँ क्या कर रहे हो...???
जॉनी सहम गया... सच बता नही सकता था।
कुछ नहीं... कुछ भी नही... अटकते हुए कहता हुआ जॉनी वहा से जल्दी जल्दी भागने लगा.... जॉनी को इस तराह भागते हुए देख वो नर्स चिल्लाने लगी....!
चोर.. चोर... मोबाइल चोर...
जॉनी पकड़ा गया जॉनी की काफी अच्छे से पिटाई हुई, लेकिन 'बाप की बीमारी' की हालत को देखते हुए कोई पुलिस या अन्य कार्यवाही नही हुयी।
" इतना संगीन पाप कोन करे, मेरे दुख पर विलाप कौन करे, चेतना मर चुकी है लोगों की, पाप पर पश्चताप कौन करे "
लेकिन जॉनी ने मन ही मन कसम खा ली एक ना एक दिन इन औरतों से बदला जरूर लेगा। उस दिन से जॉनी ने औरतो को 'बुरी नजर' से देखना बंद कर दिया और अपने 'ढीले लंड' को सिर्फ मूतने के लिए उपयोग में लाना शुरु कर दिया।
साल गुजर गयी चाॅअमिन् मोमोस के धंधे में भी अब 100-150 रु रोज की दुकानदारी रह गयी। "शकल, अकल, नस्ल" तीनों से जॉनी चूतिया दिखने लगा उम्र भी 30 पार हो गयी, नजर 45 का आने लगा। ब्याह वालों का अता पता नही, बहनो की भी गृहस्थी हो गयी थी, तो उन्होंने भी आना जाना कम कर दिया। बाप ने बीमारी की वजह से बिस्तर पकड़ लिया। Paytm के माध्यम से तीनों बहने महीने का तीन-तीन हजार रु भेज देती जिससे 'परिवार का गुजारा' हो रहा था। अपने ही 'जीवित शव' को अपने ही कंधे पर ढोते हुए जॉनी की जिंदगी की गाड़ी ऐसे ही निराशा, हताशा के साथ कट रही थी।
और एक दिन एक शक्स, चमचमाती बुलट पर.... स्मार्ट हैंडसम, दिखने में पढ़ा लिखा, उम्र 35-40, हाव भाव से किसी 'फिल्मी सितारे' की तरह उस की छोटी सी दुकान पर चाउमीन खाने के लिए आया। जॉनी तो उसके 'चेहरे के तेज' को देखता ही रह गया। उसने गरम गरम बढ़िया सी चाउमीन बनाकर उसे प्लेट में देकर सड़क की ओर देखने लगा।
वो शक्स चाउमीन खाते हुए फोन पर किसी से बात कर रहा था भाषा से वो 'मथुरा' साइड का रहने वाला लग रहा था। फोन पर बात करते हुए उसके हाव भाव देखकर जॉनी अब उसकी फोन पर हो रही बातचीत को समझने की कोशिस करने लगा। वो शक्स किसी की 'जनम कुंडली' में लिखी 'भविष्यवाणी' के बारे में शायद बात कर रहा था।
फोन कट जाने के बाद, वो जॉनी से बोला भाई तेरी चाउमीन बहुत बढ़िया है लेकिन थोड़ी तीखी है, और प्लेट को टेबल पर रख कर सामने की 'मिठाई की दुकान' से 250 ग्राम 'सोन पपड़ी' ले आया और एक पीस खुद खाते हुए पूरी थैली जॉनी के सामने रखते हुए बोला... लो खाओ भाई...??
जॉनी ने मना किया, तो वो हस्ते हुए बोला इसके पैसे तेरी चाउमीन से नही काटूंगा, ये सुन जॉनी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और थैलि में से एक पीस सोन पपड़ी लेकर खाने लगा... खाते हुए जॉनी ने जिज्ञासा वश उससे पूछा क्या आप ज्योतिष है.. ???
वो हंसा और बोला नही भाई ज्योतिषी मुझे पुरखों के द्वारा विरासत में मिला हुआ ज्ञान है, जिसे मै अपने अजीज मित्रों पर शौकिया खर्च करता हूँ। मै तो एक NGO चलाता हूँ और जरूरतमंद लोगों की जरूरते पूरी करता हूँ।
लेकिन तुम क्यों पूछ रहे हो...???
वो आप फोन पर किसी की जनम कुंडली पढ़ कर भविष्य बता रहे थे तो मैने सोचा..!
क्यों भाई तुम्हे भी अपना भविष्य जानना है क्या??
हा..
चलो अपनी जनम तिथि, समय, तारिक, स्थान बताओ... जॉनी सब कुछ बता देता है और उसकी कुंडली सामने बैठे शक्स के मोबाइल एप पर बन जाती है, जॉनी की कुंडली देख कर वो शक्स जॉनी को ऊपर से नीचे की तरफ देखता है.... और आश्चर्य के साथ कहता है क्या सच में ये डिटेल जो तुमने बताई वो सही है.?
हा भाई......!
इस कुंडली के हिसाब से तो तुम्हारा राजयोग है, अश्व की तरह दमकता निरोगी शरीर, खूबसूरत स्त्रियाँ, पैसा, ऐशो-आराम सब कुछ तुम तो साक्षात " कामावतार " हो।
"ये है पढ़ा लिखा चूतिया " जॉनी मन ही मन बोला...।
थोड़ी देर तक जॉनी को ऊपर से नीचे तक देखते हुए वो शक्स बोला.. मिल गया फॉल्ट इंसान ''जैसा कर्म करता है, वैसा ही फल मिलता है" तुम्हे जो काम करना चाहिए वो कर नही रहे और दस-दस रु प्लेट की चाउमीन बेच रहे हो तो क्या घंटा फर्क पड़ने वाला है। दिशा बदलो, दशा बदलेगी, अपने शौक, अपने पेशन को अपना प्रोफेशन बनाओ तो सारी जिंदगी कोई काम नही करना पड़ेगा।
मतलब.....???
ट्रांसफोर्मेशन की जरूरत है तुम्हे, जन्म तिथि के हिसाब से तुम 30+ साल के हो लेकिन दिख 40+ के रहे हो, खुद को बदलो तब सब बदलेगा।
किसी मोटीवेशनल स्पीकर की तरह वो शक्स जॉनी को मुफ्त का ज्ञान चोद कर बची हुई 'सोन पापड़ी' और 'दस का नोट' थमा कर चला गया और जाते हुए वो जॉनी की एक फोटो भी खीच ले गया।
"औरो को उपदेश सुनाना चुंबन सा ही मीठा काम है, खर्च नही कुछ पड़ता, मन को मीठा लगता है "
गरीब छोटे छोटे दुकानदार को इस प्रकार का 'मुफ्त ज्ञान चोदने वालों' की हमारे देश में कमी नहीं है, फेसबुक पर ऐसे 'ज्ञान पांडे' भरे पड़े है। इसलिए जॉनी ने भी उस शक्स की बातों को एक कान से सुन दूसरे से बाहर निकाल दिया। क्योकि वो जानता था 'भरोसे' वाले ही 'भोसड़ी' वाले होते है।
करीब दो तीन घंटे बाद वो शक्स वापस आया इस बार उसके हाथों में कुछ सामान था और मुस्कुराता हुआ जॉनी से बोला, छोटे भाई मैने तुम्हारे बारे में अपनी वाइफ को बताया और उसे तुम्हारी फोटो दिखाई मेरी वाइफ ने घर पर फ्री समय में धन्वंतरि की प्रकाशित निरोग धाम, आरोग्य धाम जैसी सभी किताबों को पढ़-पढ़ कर, 'घर का वैद्य' बन अपने नुस्खो से पूरी फैमिली का इलाज करती है।
मैने तुम्हे अपना छोटा भाई बना लिया है, अब ये लो दवाइयाँ 21 दिन का कोर्स है इन्हे आज से सुबह शाम खाना शुरु करो.. एक बॉटल में तेल है जिसे अपने सिर से लेकर पाँव के अंगूठे तक निर्वस्त्र होकर शरीर के हर अंग में लगाना है, दूसरी में लिक्विड है जिसे पानी में मिला कर पीना है, तीसरी में 'मन्मथ रस' की गोली है जिन्हे दिन में दो बार खाना, चौथी में जड़ी बूटी और भस्मो से मिला कर तैयार किया हुआ 'पाक' है उसे भी दिन में दो बार खाना है। आधे घंटे रोज दंड पेलना, उठक बैठक करना है।
जॉनी ने मन ही मन कहा ये तो साला 'सेल्स मेन' निकला जबरदस्ती दवाइयाँ चिपका रहा है। और धीरे से बोला इसके पैसें...?? ?
छोटा भाई बना लिया है तुम्हे, बड़े भाई के रहते हुए छोटा भाई चिंतित रहे, अस्वथ रहे तो फिर काहे का बड़ा भाई... अब मै तुमसे 21 दिन बाद मिलता हू। जाते जाते वो जॉनी का पांच हजार रु ड्राई फ्रूट और फ्रूट खाने के लिए दे गया।
अब जॉनी के अंतर्मन से सिर्फ एक ही आवाज आ रही थी.......!
"ना जाने किस रूप में आकर 'नारायण' मिल जायेगा, अपने मन के दर्पण में वो 'भगवान्' के दर्शन पायेगा।
उसी रात से जॉनी ने दवाइयों को खाना शुरु कर दिया और सुबह जब उठा तो उसे अपने लंड में इतना कड़कपन महसूस हुआ जो आज तक की 30 साला जिंदगी में कभी नही हुआ। जॉनी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा... और अब वो पूर्ण विश्वास के साथ दवाई खाता, एक एक घंटे सुबह शाम दंड पेलता !
हफ्ते भर में खिलाई पिलाई दवाइयों और कसरत का असर जॉनी के बदन में दिखने लगा 40+ का नजर आने वाला जॉनी अब 25 का दिखने लगा। उसके बुड्ढो की तरह झुके कंधे सीधे होकर चौड़े होने लगे, उठक बैठक करने से उसकी जांघे भरने लगी, तेल के प्रभाव से उसके पूरे शरीर के अंग-अंग में चमक के साथ साथ चेहरे पर तेज आने लगा, होंठो पर लालिमा, सिर के झड़े हुए बाल वापस आना शुरु हो गये, उसका लंड सामान्य पुरुषो से बड़ा और मोटा हो गया, और लंडआकृति सुडॉल् होने के साथ साथ उसके जीन्स-पेंट्स में उभरकर अलग से दिखाई देने लगी, जिसे वो चाहकर भी छिपा नही पाता।
आखिरकार जॉनी की माँ ने दसवें दिन उसके जीन्स-पेंट्स में उभरती हुयी लंडआकृति को देखकर उसे टोक ही दिया ये कोनसी दवाइयाँ खाने लगा है, पूरा शरीर बढ़ता ही चला जा रहा है.. जॉनी अपनी माँ की बात को अनसुना कर अपनी दुकान पर चला गया, उसे तो बस इंतजार था 21वे दिन का कि उसका वो 'बड़ा भाई' कब दर्शन दे जिसे वो अपना 'भगवान्' मान चुका है।
22वे दिन जॉनी सुबह दुकान खुलने की टाइमिंग से पहले ही अपने भगवान् के दर्शन के लिए अपनी नजरे बिछाये हर आने जाने को देख रहा था..... कब वो आये और उसे दर्शन दे। राह देखते देखते दोपहर के 12 बज गये और तभी जॉनी के भगवान् प्रकट हुए।
अपने उस बड़े भाई को देखकर जॉनी खुशी से फूला नही समाया जिसका वो नाम तक नही जानता था। जॉनी के शारीरिक बदलाव और पेंट में नजर आ रहे लंड के उभार को देखकर हस्ते हुए बोला.... छोटे भाई ये क्या हो गया...????
'आप ही ने बनाई है ये हालत मेरी, आप ही पूछते हो कि ये क्या हो गया....?' जॉनी ने भी हस्ते हुए गाना गा कर जबाब दिया। दोनों बड़ी जोर से हँसने लगे।
बड़े भाई बताइये क्या खिलाऊ..??? जॉनी ने स्टूल खिस्काते हुए पूछा।
कुछ नही अब तुम इधर आराम से बैठो।
जॉनी अपने भगवान् को बड़े ही प्यार से एक भक्त की तरह निहार रहा था। उसे इस तरह निहारता देख उस शक्स ने पूछा क्या हुआ...???
आपका नाम क्या है...??? जॉनी ने मुस्कुरा कर पूछा..??
'कामदेव' ...... और सभी लोग मुझे केडी कहते।
जॉनी दिन का जो तुम कमाते हो वो मै तुम्हे दे दूंगा अब चलो मेरे साथ अभी बहुत काम बांकी है। जॉनी ने फुर्ती से दुकान बंद की और चल दिया केडी के साथ। वो दोनों सीधे एक मॉल में गये और केडी ने जॉनी को नये नये फैशनेबल कपड़े दिलवाये, और एक जोड़ी अभी पहनने को कहा।
जॉनी जब फैशनेबल कपड़े पहनकर बाहर आया तो किसी रहीसजादे की तरह दिखने लगा। वो दोनों कपड़ो के सेक्शन निकल कर मॉल से बाहर निकलने लगे... जिस जिस जगह से जॉनी गुजरता हर स्त्री-पुरुष, लड़का-लड़की एक झलक उसको जरूर देखते। हर औरत और लड़की की नजर जॉनी के चेहरे से ज्यादा उसके पेंट में दिख रहे सुडॉल् बड़े मोटे लौड़े के उभार पर जाकर टिक जाती और वो सभी अपनी-अपनी अंतर दृष्टी से मन ही मन कल्पना करने लगती।
कुंवारी कन्याओ-नव्यौवना को वो हॉट सेक्सी, कूल दिखा, व्यभिचार मे लिप्त स्त्रियों को कामकीडा का खिलाडी दिखा, वतस्ला दृष्टी से जिन स्त्रियों ने देखा उसे वो अपना 'दामाद' बनाने की सोचने लगी..... सेक्स की प्यासी, असंतुष्ट स्त्रियों और लड़कियों को 'कृपा निदान' लगा। घमण्डी स्त्रियों और लड़कियों एवम शीमेल, गांडू को वो साक्षात यमराज लगा।
शॉपिंग करने के बाद केडी, जॉनी को ढाबे पर ले गया दोनों ने बढ़िया खाना खाया, और खाने के बाद एक दूसरे से बातचीत करने लगे।
जॉनी अब आगे का क्या प्लान है, क्या करना है लाइफ में...???
पता नहीं... मजदूर का बेटा हू तो मजदूरी ही करूँगा।
हाहा हाहा ये भी सही है, लेकिन जो काम 'लौड़ा' कर सकता है, उसके लिए 'हथौड़ा' चलाना तो मूर्खता है। इस खूबसूरत शरीर के साथ ईट पथरो पर जोश, ताकत दिखाने से अच्छा किसी जरूरत मंद की जरूरत को पूरी करने में इस ताकत का प्रयोग करो जिससे उसको खुशी मिलेगी और तुम्हे पैसा ....!
जॉनी : कैसे???
जो मान-सम्मान, दौलत, शोहरत तुम्हारा चेहरा नही दिला पाया वो सब, अब तुम्हारा लौड़ा दिलाएगा।
मै समझ गया भईया 'पुरुष वैश्या' बनना है।
क्या बात है जॉनी पहले जैसे 'चूतिये' अब नही रहे, होशियार हो गये, बताने से पहले ही समझ गये..... केडी हस्ते हुए बोला।
मेरी बात ध्यान से सुनो जॉनी, 'वैश्या का पेशा' सभी पेशों में सबसे बदनाम पेशा है, उसमे अपने व्यक्तिव को बेचना पड़ता है, तुम्हे भी अपने व्यक्तिव को बेचना है....' वैश्या सबकी होती, किसी एक के होने की उसके लिए मनाही है, जो जितना पैसा देगा वो उसकी होगी और तुम्हे भी बस यही याद रखना है..... ना किसी से प्यार, मोहब्बत, शादी कुछ नही।
जॉनी को हॉस्पिटल में अपनी औरतो से बदला लेने वाली गयी कसम याद आ गयी,
सब मंजूर है भईया वैसे भी मुझे भी किसी 'एक का होने में' कोई interest नही है।
Thats good, मै कुछ वीडियो और टिप्स तुम्हे भेजता हूँ कैसे एक औरत को बातों से, हाथों से, 'काम-कलाओं' से परम सुख दिया जाता है, जिनसे तुम सब सीख जाओगे।
भैया मेरे contact कैसे बनेंगे...?? जॉनी ने सवाल किया।
Contact तो स्वार्थी लोग बनाते है, जो जरूरत पड़ने पर याद किये जाते है, तुम्हे रिश्ते बनाने है जॉनी, वो भी ऐसे रिश्ते कि औरते तुम्हारे चेहरे और लोंड़े को जिंदगी भर ना भूल पाये।
मै तुम्हारी कुछ वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करूँगा जिसमें तुम्हारे जिस्म का सबसे शानदार अंग (लंड) जो स्त्रियों को सबसे ज्यादा आकृषित करेगा। बांकी टेक्नोलॉजी का कैसे प्रयोग करना वो सब तुम मुझ पर ही छोड़ दो।
जॉनी हस्ते हुए भईया ' लंड प्रदर्शन ' करना है...???
'प्रदर्शन' तो चूतिये करते है..... तुम्हे 'दर्शन' करवाना है.. केडी भी हँस कर बोला।
केडी भईया बस एक सवाल है, आपने इस काम के लिए मुझे ही क्यों चुना...???
ह्म्म्म.... तुम्हे इसलिए चुना कि क्योकि तुम्हे इस काम की सबसे ज्यादा जरूरत है, जरूरत मंदो की जरूरतें पूरी करना ही मेरा जॉब है।
जॉनी आश्चर्य से..... मै समझा नहीं भैया.??
उस दिन जब हॉस्पिटल में तुम्हारे साथ जो भी हुआ था, मै वही मौजूद था, उस घटना का संपूर्ण सच मुझे पता था कि प्रसूति वार्ड में तुम क्या करने आये थे...???? जो लड़का अपने बाप की जिंदगी मौत से झूझती हुयी साँसों को अंदेखा कर अपनी काम वासना और यौन इच्छाओ की पूर्ति के चक्कर में यहाँ पिट रहा है, अगर इसकी इच्छा पूरी ना हुयी तो जल्द ही मर जायेगा, मैने ठान लिया मै इसे मरने नही दूंगा, मै इसके लिए कुछ भी करूँगा।
खैर छोड़ो सब, काम पर लगते है, फिर केडी ने स्विमिंग करते हुए, रस्सी कूद करते हुए जॉनी के कुछ वीडियो बनाये जिनमें जॉनी का लंड उछलता हुआ नजर रहा था।
जॉनी की वीडियो पब्लिक होने वाली थी. वो सोच रहा था कि कोई रिश्तेदार देख लेगा तो क्या होगा उसका भविष्य....???
उसके सामने ही वो वीडियो किसी को वॉट्स ऐप पर भेजी गईं. वीडियो के साथ लिखा था, 'नया माल है, रेट ज़्यादा लगेगा. कम पैसे का चाहिए तो दूसरे को भेजता हूं.'
जॉनी की बोली लग रही थी, जो अंत में 25 हज़ार रुपये में तय हुई. इसमें उसे क्लाइंट के लिए सब कुछ करना था. ये सब किसी फ़िल्म में नहीं, सच में उसके साथ हो रहा था. उसे बहुत अजीब लग रहा था... !
जॉनी ज़िंदगी में पहली बार ये करने जा रहा था. बिना प्यार, इमोशंस के कैसे करता? एक अंजान के साथ करना होगा ये सोचकर उसका दिमाग चकरा रहा था.
एक ई रिक्शा में बैठकर मैं उसी दिन औरैया के एक पॉश इलाके के घर में घुसा. घर के भीतर बड़ा हाल था, काफी बड़ा टीवी भी था.
वो शायद 32-34 साल की शादीशुदा महिला थी. बातें शुरू हुईं और उसने कहा, ''मैं तो गलत जगह फँस गई. मेरा पति गे है. भोपाल में रहता है. तलाक दे नहीं सकती. एक तलाकशुदा औरत से कौन शादी करेगा. मेरा भी अलग-अलग चीज़ों का मन होता है, बताओ क्या करूं.''
फिर उस औरत ने शराब् का ग्लास देते हुए बोली लो पियो इसे...!
मै शराब् नही पीता, जॉनी ने जबाब दिया।
शराब् तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ेगी, तुम एक 'औरत के नशे' में मरोगे... ये केहकर वो जोर से हँसने लगी।
आखिर कार जॉनी को शराब् पीनी पड़ी फिर हिंदी गाने लगाकर डांस करना शुरू किया.
"यम्मा यम्मा यम्मा ये खूबसूरत जहा,
बस आज की रात है, जिंदगी कल तुम कहाँ, हम कहाँ "
दोनों डाइनिंग रूम से बेडरूम गए.
अब तक उस औरत ने जॉनी से प्यार से बात की थी. काम जैसे ही खत्म हुआ , पैसे देकर बोली, " घरवालो ने हर चीज मुझे मनपसंद दिलाई थी, बस एक हम सफर ही नही मिला पसंद का, वो कमी भी आज तुमने पूरी कर दी.'' उसने जाते जाते जॉनी को टिप भी दी.....!
जॉनी अगले दिन केडी से मिला... केडी ने हस्ते हुए पूछा कैसा रहा...???
जॉनी बोला बड़े भईया मजा आ गया, उस औरत ने जाते हुए मुझे आखिरी बात बोली मेरे दिल में 'घर' कर गयी।
अभी ऐसी बहुत सी 'राज की बातें' सुनने को मिलेगी कि तुम्हारे दिल में जगह नहीं बचेगी, ....जॉनी भैया, हर औरत दोहरी जिंदगी जी रही है, परिवार के लिए अलग... खुद के लिए अलग। अब उसको भूल जाओ, आज तुम्हे इटावा जाना है, ये पता और फोन नंबर है, अभी ही निकल जाओ शाम तक पहुँच जाओगे।
जॉनी इटावा में केडी के बताये हुए पते पर पहुँच गया, एक भारी शरीर की काली कलूटी, 35-36 साल की लड़की जिसे देखकर लग रहा था उसने कभी आईना नहीं देखा, उसने कभी संवरना नहीं जाना, उसने कभी खुद को सुंदर न माना हो, उसने दरवाजा खोला।
जॉनी के पैर देहरी पर ही ठेहर गये, मन ही मन सोचा ये केडी ने कहा फंसा दिया, इसे देख तो 'खड़ा लंड' बैठ जाये। उसने वापिस जाने का सोचा.... तभी उसको अपने खुद के पुराने रूप का ख्याल आया कि उसकी शकल देख कर भी लोग थूकते थे, तब कैसा महसूस होता था।
ये सोचते ही जॉनी एक प्यारी सी मुस्कान लिये घर के अंदर आ गया, दोनों के बीच थोड़ी बातें हुयी उस लड़की ने बताया उसके भारी शरीर और काले रंग की वजह से हर कोई उसे कालि भैंस बोल कर उसका मजाक बनाता, इसलिए ज्यादा किसी से मिलती नही है, एक बार सगाई हुई थी वो भी टूट गयी क्योकि जो उसका होने वाला पति का किसी और के साथ affair था और वो सिर्फ उसकी दौलत के लिए शादी कर रहा था। बतियाते हुए वो लड़की सिसकने लगी।
जॉनी ने उसे अपनी बाहों का सहारा दिया
और कहा, तुम्हारी आँखें मृगनयनी सी सुंदर हैं, तुम्हारी मुस्कान के आगे गुलाब की लालिमा फीकी है, तुम जो इठलाती, काष्ट ह्रदय भी द्रवित हो जाता, तुम्हारी पायल की खनक, अंधकार के अरण्य में डूबे मुझ पथिक को दूर सुदूर से खीच लाई.....!
इतना सुनते ही लड़की ने अपने होठों को जॉनी के होंठों सटा दिया और दोनों एक दूसरे में समा गये......!
सुबह जब जॉनी उठा तो वो लड़की बन सवर कर, खुद को बार बार आईने में निहारती हुई, मन ही मन मुस्कुरा रही थी।
जाते जाते उस लड़की ने जॉनी से कहा बहुत प्यारे इंसान हो तुम जो मुझे खुद से प्रेम करना सिखा दिया।
कुछ दिन बाद जॉनी को एक बार एक पति-पत्नी ने साथ में बुलाया. पति सोफे पर बैठा शराब पीते हुए देखता रहा. जॉनी उसी के सामने पलंग पर उसकी पत्नी के साथ था. ये काम दोनों की रज़ामंदी से हो रहा था. शायद दोनों की ये कोई डिज़ायर रही हो!
इसी बीच 50 साल से ज़्यादा उम्र की महिला भी जॉनी की क्लाइंट बनी. वो जॉनी ज़िंदगी का सबसे अलग अनुभव था.
पूरी रात वो बस जॉनी को बेटा-बेटा कहकर बात करती रहीं. बताती रहीं कि कैसे उसका बेटा और परिवार उसकी परवाह नहीं करता. वे उससे दूर रहते हैं. वो जॉनी से भी बोलीं, "बेटा इस धंधे से जल्दी निकल जाओ, सही नहीं है ये सब.'' पैसा ही सब कुछ नही होता.....!
पैसा ही सब कुछ नही होता, ये बात समझने के लिए मेरे पास पहले बहुत सारा पैसा भी तो होना चाहिए.... जॉनी ने जबाब दिया।
बेटा खूब कमाओ पैसा, लेकिन इतना इकट्ठा मत करना कि बच्चे तबियत खराब होने पर डॉक्टर की जगह वकील बुला लाये।
जॉनी निः शब्द था, चुप ही रहा ये सुन कर।
उस रात उन दोनों के बीच सिवाय बातों के कुछ नहीं हुआ. सुबह उस औरत ने बेटा कहते हुए जॉनी को रुपये भी दिए. जैसे एक मां देती है अपने बच्चे को सुबह स्कूल जाते हुए. जॉनी को वाकई उस महिला के लिए दुख हुआ.
अब जॉनी को दूर दूर से क्लाइंट बुलाने लगे और एक दिन वो अलीगढ़ गया, जहाँ उसकी मुलाकात जानी मानी मशहूर शायरा 'शाजिया बेगम' से हुई, उम्र लगभग 30-32 साल, निहायती खूबसूरत, गोरा बदन, तीखे नैन, आँखों में काजल, नाक में छोटी सी सोने की नोज रिंग... जॉनी उसकी खूबसूरती देखकर मोहित हो गया उसे समझ ही नही आ रहा था कि शुरुआत बातों से करे या हाथों से...????
दूसरी तरफ शाजिया भी जॉनी को अंगुलियों में सिग्रेट दवाएं ऊपर से नीचे तक जाँच रही थी....! बातों की शुरुआत शाजिया ने ही की.... उसने मुस्कुरा कर पूछा
शाजिया : तुम कभी किसी के माशूक हुए हो...??
जॉनी : आशिक हुआ जाता है, ये माशूक क्या है...???
शाजिया : छोड़ो तुम नही समझोगे, तुम आशिक बनाये ही नये गये।
जॉनी : वैसे आपकी क्या कहानी है..??
शाजिया : जो कोई सदियों में ना समझ सका आज ही बता दू तुम्हे। वैसे भी 'दाम' में आये हुए शक्स को हम, अपना 'हाल ए दिल' नही बताते।
जॉनी : बड़ी बिखरी हुई जिंदगी लगती है तुम्हारी।
शाजिया : मेरे जिंदगी के पुर्जे जोड़ कर जिस खजाने की तलाश कर जो नक्शा बनाना चाहते हो, वो नही मिलने वाला तुम्हे। उसे पाने के लिए मिट्टी होना पड़ता है।
जॉनी : मैने तो एक मासूम सा सवाल पूछा है।
शाजिया : सवाल मुजरमाना हुआ करते है और जबाब मासुमाना..... खैर तुम कुछ पियोगे...???
जॉनी : जो आप पियेगी.
शाजिया : मै तो खून पीती हू.... किसी दुनियादार के अरमानो का खून, अपना खून कड़वा हो गया है, पिया नही जाता।
शाजिया के उंगलियों में सुलगती हुयी सिगरेट् खतम हो गयी, वो उठी और जॉनी के हाथ को पकड़कर... बेडरूम में ले जाते हुए बोली " चलो एक बार फिर से उजड़ जाते है... आज तेरे ईश्क में पड़ जाते है...!
काम खतम होने के बाद जॉनी ने उससे कहा 'चलो दोस्त फिर मिलते है .... !
शाजिया : बिना निकाह के एक मर्द और औरत दोस्त नही हो सकते..... अलविदा।
ये जॉनी के लिए बड़ा ही शायराना सेक्स अनुभव था।
जॉनी जिन औरतों से मिला, उनमें शादीशुदा तलाकशुदा, विधवा और सिंगल लड़कियां भी शामिल थीं. इनमें से ज़्यादातर शादीशुदा ज्यादा थी। उनकी इच्छाएं बड़े अच्छे से पूरी हो जातीं. सब अच्छे से बात करतीं. कहती कि मैं अपने पति को तलाक देकर तुम्हारे साथ रहूंगी......!
उन शादीशुदा स्त्रियों के साथ हमबिस्तर होकर जॉनी को अहसास हो गया था कि गले में मंगल सूत्र और मांग में सिंदूर केवल शादीशुदा होने का प्रमाण है, शादी के बाद खुश होने का नही।
फिर एक रोज़ जब जॉनी ने शराब पी हुई थी और ज़िंदगी से थकान महसूस कर रहा था, तो उसने केडी से कहा कि.... केडी भैया इस दुनिया का सबसे बड़ा पापी मै हू, ना जाने कितनी पराई औरतो को चोद चोद कर इतना पाप कमा चुका हूँ कि साला नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।
केडी ने हस्ते हुए जबाब दिया अरे मेरे प्यारे जॉनी भैया, जब तक धर्मो में पाप धोने की व्यवस्था है, तुम पाप धो-धो कर.... पाप करते रहो। ह्म्म्म ह्म्म्म
जॉनी भी केडी की बात सुनकर हँसने लगा और केडी के जाने के बाद अपनी मां को फोन किया.
उन्हें गुस्से में कहा, "तुम पूछती थी न कि अचानक ज़्यादा पैसे कैसे कमाने लगे. मां मैं धंधा करता हूं...धंधा."
वो बोलीं, "चुपकर. शराब पीकर कुछ भी बोलता है तू." ये कहकर उसकी मां ने फोन रख दिया.
जॉनी ने अपनी मां को अपना सच बताया था लेकिन उन्होंने उसकी बात को अनसुना कर दिया. जॉनी उस रात बहुत रोया. क्या मेरी वैल्यू बस मेरे पैसों तक ही है? इसके बाद जॉनी ने मां से कभी ऐसी कोई बात नहीं की.
वो इस धंधे में बना रहा, क्योंकि उसे इससे पैसे मिल रहे थे. मार्केट में जॉनी की डिमांड थी. कानपुर, आगरा, लखनऊ, इलाहाबाद, फिरोजाबाद, बरेली, अलीगढ़, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, झाँसी.......!
अब मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के छोटे बड़े शहरों की काम पिपासु औरतो का जॉनी सिंह, ' जॉनी सिंस ' बन गया था।
लेकिन इस धंधे में कई बार अजीब लोग मिलते. शरीर पर खरोंचे छोड़ देते थे.
ये निशान शरीर पर भी होते थे और आत्मा पर भी. और इस दर्द को, कोई 'स्त्री वेश्या' ही समझ सकती थी,
समाज चाहे जैसे देखे. इस प्रोफेशन में जाने का जॉनी को कोई अफ़सोस नहीं है. वो खुश है, हां भविष्य के बारे में जब वो सोचता है, तो कई बार चुभता है उसे. ये एक ऐसा चैप्टर है, जो उसके मरने के बाद भी कभी नहीं बदलेगा.
समाप्त
Thankyou so much ckkhandu. Muje Black ki 2nd story jyada jabardast lagi.bhai setan & black bhai dono ki sabhi story mind blowing hai aur muje pata nahi hai yaha review kese dete hai but mai aise hi de raha hu sorry bro
Story: Last Journey
Writer: Aakash.
मरना नहीं पर ये स्टोरी बहुत बार पढ़ी है, और टाइटल और ट्रेन जर्नी का पढ़ते ही कहानी क्लियर हो गई![]()
शुक्रिया सूखी पुच्ची के लिए, वैसे भी मेरी दाढ़ी बड़ी है, खाम खा गीली हो जातीA professorwa
Tam yeh review de rahe ho
Ya roast kar rahe ho
Anumati maangne ke baat rahi
Toh woh ek sajjan purush tha
Tamhari tarah hawsi nahi tha
Ab hum ek saal ke beech kya kya hua
Woh sab likhta toh hum uth jaata duniya se
365 update likhne padd jaate re
Control
Incest kyu daala
Humara man tha
Ab hum itni badhiya dimaag ka dahi karne waali story ko aise toh khatam karunga nahi
Control
Incest toh tay hi tha
Ki daalna hai
Aur Street sex addict nahi thi
Banayi gayi thi
Jaldbaji mein likha
Are you comedy me
Sabka point of view likha hai re
Chashme ka number badlo re
Aur yeh dialogue humara hai
Ki rating nahi dunga
Hum nahi deta hoon
Kyunki hum in sabse upar uth chuka hoon
Aur ant mein
Hey shreemaan professor maharaj
Aapka tahe dil se shukriya
Aapne humari story padhi
Achcha laga
Bechara cheekkua
Usko pel dao aashna ne
So sad
But I am happy
Aap ne review kiya
Geeli puchhi nahi dunga
Sukhi puchhi bhej diya hoon
Le lena
Shukriya shukriya shukriya...
बहुत बहुत शुक्रिया भाई, आयुर्वेद में बहुत सी chamtkaari दवाइयाँ है जो किसी brahmastra से कम नहीं है, हर रोग खतम कर सकती हैं, बस आयुर्वेद का सही ज्ञानी वैद्य मिलना चाहिए। KD ने उसे बताया था उसने जॉनी को ही क्यो चुना, इसके लिए आप दोबारा से पढ़े। अंत और बेहतर बनाया था पर शब्दो की लिमिट के कारण सब मिटाना पड़ा। सूखी पुच्ची का स्टॉक मुझ पर बर्बाद मत करिये, पेटीकोट आदमी बहुत है, जरा थोड़ा सा प्यार उन पर दिखाइये, बेचारे तरस रहे है आपकी पुच्चियो के लिएDear professor
Story toh aapne badi achchi likhi hai
Ismein koi sandeh nahi hai
Jony ke sath chamatkar hua
Use kd Mila
Par yeh nahi samajh mein aaya
Ki KD ne jony ko kyu chuna
Kaam karwane ko
Aur aisi kaunsi dawayi hain
Jo dihaadi majdoor ko
Hal jotne waala kisaan bana de
Agar sachmein hai
Toh mere ko dena
Jasien ko kuchh jyada hi kamzori aagayi hai
Control
Kya kismat hai jony ki
Har category ki mahila mili
Kaash aapko Bhi mile
Jony ne apni maa se sach bataya
Nahi batana chahiye tha
Kyunki kuchh Raaz aise hote hain
Jise Raaz hi rehne Dena chahti
Aakhri mein yahi kahunga
Ki ending kuchh tagdi honi chahiye thi
Shayad AAP kuchh alag kar sakte the
Phir bhi kahani achchi nahi bahut achchi hai
Characters ke beech conversation tagdi hai
hum rating nahi deta hoon
In sabse upar utha chuka hoon
ant mein
Humari taraf se aapko
Ras mein bhari geeli puchhi
CONTROL
That's all..