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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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Awesome update bhai
बेहतरीन अपडेट, राज ने समय से पहले ही जिम्मेदारियों को संभालना सीख लिया है। राज और उसकी माँ का प्रेम भी निश्छल ही है भले ही उनका दूसरा रिश्ता भी है एक दूसरे की जरूरतों को पूरा करने का। कोमल भाभी भी लाइन में लग सकती है। अति उत्तम।
Fantastic update bhai komal aur hero ka aur scene karo na eagerly waiting for next
Very good work waiting for next
Lovely update dost
Super update tha dost.. humme to shadishuda beti Sonal ka intezar hai kab tak apne papa, bhai ,chacha...ke nichhe aayega..
Bhai bahut mast chal rahi hai story keep updating
Bhai update kab aayega
Update kab tak aane ki ummid hai mitr?
waiting for father son conversation :: vahin se kahani ka rukh badlega
Next update bro.
एक दम मस्त अपडेट हैं मजे हो रहे हैं
Shaandaar
Bahot badhiya shaandaar update bhai
Bahot badhiya shaandaar update bhai
Waiting ji
Update do bhai jaldi
Waiting
Waiting for your update bhai
Aaj raat bhi nikal gayi Mitr …
Pratiksha agle update ki
Update please brother
Bhai kha gayab ho gaye
Aap bhi pratiksha karwane walon ki suchi me shamil hai kya?


आप सभी के प्यार भरे प्रतिक्रिया और इतने लम्बे समय तक इन्तजार करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद


माफी चाहता हूँ दोस्तो की गुरुवार को अपडेट नही दे पाया
कारण ये था कि उसी दिन मुझे जरुरी कार्य से घर जाना पडा था और मै अपना अकाउंट PC से लॉगआउट करना भूल गया जल्दीबाजी मे और XF की सेक्योरिटी पोलिसी की वजह से मै अपने मोबाइल मे अपना अकाउंट लॉगइन नही कर सकता था ।

यही वजह थी की पिछ्ले 3 दिनो से गायब रहा
और आज सुबह ही वापस आया हू तो आप सभी से मुखातिब होने का मौका मिला है ।

मानता हू प्रतिक्षा की घड़ी लम्बी थी लेकिन बस कुछ पल और 1 बजे तक अगला जोरदार अपडेट ले वापस मिलता हू

एक बार फिर आप सभी का शुक्रिया और उनका भी आभार जिन्होने अपडेट की राह मे पहली बार मेरे थ्रीड में कुछ लिखा ।
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
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UPDATE 80


अगली सुबह 6 बजे मेरी निद खुली और मै फ्रेश होकर बाहर हाते मे आया और फिर सड़क पर निकल गया ।

तभी मुझे आगे सरोजा जी बस स्टैंड की तरफ जाती दिखी
उनकी कसे लोवर मे झोल देते चुतडो ने उनका परिचय 50 मिटर की दुरी से ही दे दिया था और मै एक कातिल मुस्कान के साथ दौड़ कर उनके बराबर मे जोगिंग करने लगा


सरोजा को जब आभास हुआ कि कोई उन्के बगल मे है तो वो गरदन घुमा कर मुझे देखी और मुस्कुरा कर आगे चल दी

आज वो बस स्टैंड से आगे चमनपुरा मे प्रवेश होने वाले पुलिया तक गयी और मै उन्के साथ वहा तक गया

वहा मै अपनी सांसे बराबर करने लगा लेकिन सरोजा पर कोई फर्क नही था वो नोर्मल अपने बॉडी को स्ट्रेच कर रही थी


मै हाफते हुए - गुड मोरनिग सरोजा जी

सरोजा हस कर - ओहो आज काफी दिन बाद दिखे कहा थे

मै - वो नये घर के काम मे व्यस्त था अब यही चौराहे वाले घर पर रहता हू ना

सरोजा - ओह्ह्ह अच्छा है
मै थोडा उनकी तारिफ मे - वैसे मानना पडेगा आपके जितना रेस लगा पाना मेरे बस का नही है

सरोजा ह्स कर - हिहिही अरे बाबू रोज करोगे तो तूम्हारा भी आदत हो जायेगा

मै मस्ती भरे अंदाज मे - अब आपका साथ पाने के लिए आदत बनाना ही पडेगा हिहुही

सरोजा शर्मा के इधर उधर देखती है - तुम भी ना एक नं के पागल हो , शर्म नही आती अपने से बड़ी औरत के साथ फलर्ट करते हुए

मै हस कर - इसमे शर्म कैसा हिम्मत चाहिये हिहिहिही

सरोजा एक शर्म भरी मुस्कान के साथ - चलो ठीक है मेरा हो गया , मै जाती हू

मै - वैसे अपने इस एनर्जी का राज तो बता दिजीये

सरोजा मुस्कुरा के - इस बारे मे जानना है तो कभी मेरे मार्ट मे आना , ऑफ़िस पर वही बताऊंगी हिहिहिही

मै खुशी से - हा जी क्यू नही आप जहा कहे वहा आ जाऊ

सरोजा हस कर वापस जोगिंग करते हुए निकल गयी और मै भी और मै भी घर के लिए निकल गया । फिर नहा धो के चाय नाश्ता कर दुकान पे निकल गया ।

ऐसे ही एक दो दिन का समय बीता और हमने शॉपिंग की सारी लिस्ट बना ली और ब्ज्त तैयार कर लिया ।
फिर एक दिन समय निकाल कर पहुच गये सरोजा कॉमप्लेक्स
सरोजा कॉमप्लेक्स पहुच कर मा और दीदी किचन मे सामान मे लग गये और मै उनको आने का बोल कर निकल गया सरोजा जी के ऑफ़िस की ओर

2nd फ्लोर पर एक कॉर्नर पर उनका ऑफ़िस था जिसके दरवाजे पर उनके नाम का बोर्ड लिखा था ।
मै एक बार दरवाजा खटखटाया तो किसी स्टाफ ने दरजावा खोला और सरोजा जी ने ऑफ़िस की चेयर पर बैठे बैठे एक नजर दरवाजे पर मुझे देखा तो बोली

सरोजा - अरे बाबू तुम ,, आओ आओ

फिर मै कमरे मे गया जहा सरोजा एक हल्के गुलाबी रंग की साडी पहने हुए चेयर पर बैठी थी मुझे देख कर उठ गयी और सोफे पे बैठने का निमंत्रण दिया


फिर हम दोनो ने सोफे पर बैठे और सरोजा जी ने उस स्टाफ को दो कॉफी लाने को बोला ।
सरोजा - क्या बात है आज बडे स्मार्ट लग रहे हो
मै हस कर - सोचा जब आपसे मिलना है तो थोडा टिपटॉप होकर जाऊ ताकि आप भी मेरे उपर ध्यान दे

सरोजा मेरी बात से हस दी
मै - वैसे आप भी बहुत खुबसूरत लग रही है और ये पिंक साड़ी काफी खिल रही है आप पर हर जगह से


सरोजा चौक कर - क्या मतलब हर जगह से

मै हस कर - कुछ नही आप अच्छे लग रहे हो यही कह रहा हू

सरोजा हस कर - मै जानती हू तुम कितनी गहरी बाते बोल जाते हो और तुमको लगता है मुझे पता नही पडेगा
मै उनकी बातो को और मजे से घुमा कर बोलता हुआ - वैसे कितना गहरा मह्सुस करती है आप मेरी बातो का

सरोजा शर्मा कर ह्स्ते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगी तुमको

मै हस कर - मै क्या गलत बोला
सरोजा हस कर - तुम ना एक नं के चालू हो हिहिही

मै ह्स कर - और आप एक नं की हसिन और खुबसूरत है हिहिहिही

सरोजा अपने लटके बाल कानो मे खोसते हुए - और क्या क्या हू मै बताना तो

मै शरारती मुस्कान से - अभी जितना देखा है उतना ही बता दिया बाकी का क्या बताऊ

सरोजा शर्मा कर - धत्त पागल, अब क्या कपडे निकालू तब तारिफ करोगे हिहिही

मै हस कर - अब तारिफ तो उनकी ही की जा सकती है ना जिनको देखा हो छुआ हो मह्सूस किया हो

सरोजा मेरी बातो से निश्ब्द होकर सोफे की कुशेन से मुझे मारते हुए - बहुत गन्दे हो तुम हिहिहिही शर्म नही आती ऐसी बाते करते हुए मुझसे

मै ह्स कर - जब आपको सुनने मे नही आती तो मुझे कहने मे क्या शर्म हिहिही

इधर सरोजा कुछ बोलती तब तक दरवाजा पर खटखट हुई और सरोजा खडे होकर दरवाजा खोलने जाते हुए बोली - तुमको तो अभी बताती हू

फिर एक स्टाफ दो काफी लेके आया और सरोजा ने उसको जाने का बोल कर दरवाजे को लॉक कर दिया और काफी टेबल पर रख कर बैठ गयी

मै हस कर - दरवाजा क्यू लॉक कर दिया कही मेरे साथ कुछ करने वाले तो नही ना


सरोजा हस कर - हा तुम्हारी इज्ज्त लुटने वाली हू
मै बाहे फैला कर - फिर देर कैसा आजाओ ना

सरोजा शर्मा कर हसते हुए -बदमाश कही के चलो काफी पीयो
फिर हमने काफी पी और हम काफी समय तक गप्पे लड़ाए
अब सरोजा मुझसे काफी खुल गयी थी और मेरे मन मे काफी सारे विचार आने लगे थे क्योकि मुझे बस पहल की जरुरत थी और सरोजा मना नही करती पर मै कोई जल्दीबाजी नही करना चाहता था इसिलिए मैने जल्दी काफी खतम की

मै - चलिये ठीक है अब मै चलता हू मा और दीदी खोज रहे होगे मुझे

तभी सरोजा मन गिरा कर - अरे यार इत्नी जल्दी अभी तो आये हो

मै हस कर - सारी बाते एक ही मुलाकात मे कर लेंगी क्या हिहिहिही चलिये मै चलता हू बाय

सरोजा - रुको राज एक मिंट

फिर सरोजा ने ड्रावर से मुझे एक 40% less का कुपन दिया और अपना विजिटिंग कार्ड दिया जिसपे उसका नं था ।

मै खुश होके - अरे वाह,,थैंक यू जी मा तो खुश हो जायेगी

सरोजा सीरियस होकर भरी आँखो से मेरे गाल को चूम कर - थैंक्स टू यू राज ,,मेरे साथ समय बिताने के लिए
मै उसकी भरी आन्खे देख कर चिंतित भाव से - अरे अरे आप रो क्यू रही है , मै कौन सा बहुत दुर हो जब मन हो बुला लिजीये और अभी नं है मेरे पास अब तो हमेशा परेसान करूँगा आपको हिहिहिही

मेरी बाते सुन सरोजा ह्स दी जिससे उसकी आखे छलक गयी
मै झट से रुमाल से उन्के गाल साफ किया - ओहो क्यू इत्ना महगा मेकअप खराब कर रही है

सरोजा ह्स्ते हुए - धत्त मै मेकअप नही लगाती ये नेचुरल स्किन है पागल

मै अचरज के भाव मे - अगर यहा की स्किन इतनी मुलायम है तोओओओ
फिर उनको देखते हुए एक कातिल मुस्कान छेद दी जिसका मतलब सरोजा समझ गई और मेरे सीने पर मुक्का मारते हुए बोली - धत्त गन्दे अब जाओ
ये बोल कर वो घूम कर अपने चेयर की तरफ जाने को हुई तो मै झट से उनका हाथ पकड कर अपनी तरफ खिचा और कमर मे हाथ फेरते हुए उनके होठो को अपने होठो मे भर लिया

सरोजा इसके लिए तैयार नही थी इसिलिए मेरे होठो ने स्पर्श से वो आखे बडी किये मुझे देखने लगी और मैने बडी कामुकता से उस्के मोटे होठो से मैरुन लिपस्टिक हटानी शुरु कर दी

जल्द ही सरोजा ने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया
तभी दरवाजे पे खटखट हुई और हम अलग हो गये ।
मै बिना कुछ बोले मुह साफ कर कमरे से बाहर निकल गया ।

और शॉपिंग एरिया मे आकर एक गहरी सांस ली फिर मा के पास चला गया ।

फिर उनके साथ सारे सामान की खरीदारि कर सरोजा के दिये कुपन से बिल पे किया और फिर सामान काफी ज्यादा और वजन वाला था एक auto मे समान लाद कर हम सब घर चले गये ।
रात मे खाने के बाद सब अपने अपने कमरे मे चले गये सोने लेकिन मुझे निद कहा । रात के 10 बज रहे थे

अभी भी मुझे सरोजा के बदन की खुस्बु और उसके मुलायम होठो का स्पर्श पागल किये हुए था और वो पल सोच सोच कर मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ रहा था ।

तभी मुझे उन्के विज़िटिंग कार्ड का ध्यान आया और मैने झट से नं डायल कर सरोजा के पास काल लगा दिया

दो रिंग के बाद ही फोन उठा और सरोजा की मनमोहक आवाज आई जिसको सुन कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई

सरोजा - हेलो कौन
मै चुप रहा
सरोजा थोडा गुस्से के भाव मे - अरे कौन है भई बोलो तो हेल्लो

मै एक सहमे आवाज मे - म म मै बोल रहा हू राज
मेरी आवाज सुन कर सरोजा भी शांत होकर बोली - ओह्ह राज तूम हो
फिर एक बार हमारे कालिन्ग पर खामोशी छा गई
सरोजा - कहो कैसे याद किया खाना पिना हुआ

मै थोडा संकोची भाव से - ह हा हा हो गया और आपका

सरोजा ह्स कर - अरे तुम ऐसे क्यू बात कर रहे हो अभी दोपहर मे बडे जोश मे थे

मै सरोजा की दिल्कस बात सुन कर की वो नाराज नही है तो मै अपने मस्ती भरे अंदाज मे बोला - जोश मे तो अब भी हू कहो तो दिखा दू हिहिहुही

सरोजा हस के - अच्छा जी दिखाना तो तुम्हारा जोश हिहिहिही

मै झट से अपना लोवर निचे कर अपना खड़ा लण्ड बाहर निकाल कर उसकी एक अच्छी से तस्वीर निकाली और सरोजा के वॉटसआप पर भेज दी

मै हस कर - अपना व्हाटसअप खोलिये देखिये मैने भेजा है अपना जोश

सरोजा हस के - मतलब
मै हस के - अरे देखिये देखिये

थोडी देर मे सरोजा की आवाज आई - छिईईई गंदे लडके ये क्या भेजा है हमम्म

मै हस के - क्यू है ना मोटा और बड़ा मेरा जोश
सरोजा हस कर - भक्क गन्दे कही के

मै ह्स के - क्यू पसंद नही आया
सरोजा शर्म से - तूम ना ,, रखो फोन मै तुमसे बात नही करने वाली अब बहुत गन्दे हो ,,

मै हस के - हा जान रहा हू क्यू फोन रख रही हो आप
सरोजा - अच्छा जी बताओ तो क्यू

मै हस के - फोन रखने के बाद शायद आप मेरे जोश को देख कर पसीना पसीना होने जा रही हो ।

सरोजा - धत्त पागल ,, ऐसा कुछ नही है मै बाद मे बात करती हू कोई बुला रहा है ,,चलो बाय गुड नाइट

मै ह्स के - हा बाय गुड नाइट
फिर फोन कट गया और मै मुस्काराता हुआ सरोजा के साथ के सपने बुनते हुए सो गया ।

रात के करीब साढे 12 बजे मेरा मोबाईल रिंग हो रहा था जिससे मेरी निद खुली और मैने फोन देखा तो सरोजा का ही फोन आ रहा था

मै थोडा सोचा की इत्नी रात मे सरोजा फिर से फोन कर रही है

मै झट से उठ के बैठा और फोन रिसीव कर हैल्लो बोला की उधर से एक मादक सिसकी भरी आवाज आई

सरोजा बड़ी ही कामुक आवाज मे कसमसाते हुए बोली - राआआज्ज्ज सो गये हो क्या

मै सरोजा की आवाज से थोड़ा आवाक रह गया और उसकी कामुक भरे शब्द मेरे लण्ड मे तनाव करने लगे
मै हड़बड़ा कर - न न नही तो बताईए क्या बात है , अभी सोयी नही आप

सरोजा लडखती जुबान मे - ओह्ह्ह मेरे प्यारे राआअज तूमने तो मुझ पे जादू कर दिया है अह्ह्ह मा उम्म्ंम्ं

मुझे समझते देर नही लगी की हो ना हो सरोजा ने ड्रिंक किया है
मै - क्या हुआ सरोजा जी आप ऐसे क्यू बोल रही है मैने क्या किया

सरोजा नशे मे लडखडाती जुबान से - तूम्हे पता है तालाक के बाद मैने किसी मर्द का लण्ड नही देखा था और आज्ज्ज्ज तुमने अपना लण्ड दिखा कर मेरे अन्दर की आग को भड़का दिया है राज अह्ह्ह्ह

मै घबडाहट से थूक गटकते हुए - ये आप क्या कह रही है सरोजा जी आपने कही ड्रिंक तो नही की ना

सरोजा ह्स के - हा राज की है मैने ड्रिंक लेकिन वो नशा तुमहारे नशे के आगे बेकार है राआआज्ज्ज आओ ना चोद दो मुझे अह्ह्ह देखो ना कबसे अपनी चुत रगड़ कर झड़ रही हू अह्ह्ह देखो ना फिर से झडने वाली हू मै अह्ह्ह राजज मुझे चोद दो ना अपने मोटे लण्ड से प्लीज राज अह्ह्ह मा अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ घुसा दो मेरी चुत मे इसको अह्ह्ह

मै घबडाहट से पसिना पसीना हुए सोच रहा था कि कही मैने सरोजा की आग भडका कर कोई गलती तो नही की कही मेरे लिए मुसीबत न बन जाये ये

इधर फोन पर सरोजा मेरा नाम लेके झड़ते हुए शांत हो गयी और थोडी देर बाद मै भी फोन काट कर एक गहरे विचार मे खो गया और कब सो गया पता ही नही चला।

अगली सुबह मै 6 बजे उठा और जोगिंग के लिए गया लेकिन कही भी मुझे सरोजा नही दिखी तो मै भी वापस घर लौट आया और नहा धो कर नासता किया फिर दुकान पर चला गया ।

पुरा समय मै रात वाली घटना को लेके सोचता रहा और डर के मारे सरोजा को फोन तो क्या एक मैसेज करने की हिम्मत नही हुई ।

ऐसे ही मै दोपहर मे दुकान मे गहरी सोच मे बैठा था कि मा खाना लेके आई और मुझे सोच मे देख कर

मा - अरे बेटा क्या हुआ क्या सोच रहा है

मै चौक कर - नही नही मा कुछ नही ,
मा - तो चल हाथ मुह धुल के आ और खाना खा ले फिर पापा के लिए खाना लेते जाना

मै पापा के पास जाने को लेके थोडा सोच मे पड गया जिसको मा भी देख रही थी ।

मा मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए - तू होली वाली बात को लेके परेशान है ना कि पापा के सामने कैसे जायेगा

मै - हम्म्म मा
मा - चिंता ना कर तेरे पापा बात करेंगे तुझसे इस बारे मे

मै संकोची होकर - लेकिन
मा मुस्कुरा कर - लेकिन वेकिन छोड और तू खाना खा ले फिर हम दोनो

मै खुशी से मा को हग कर बोला - सच मे मा
मा हा मे सर हिलाती है और फिर मै जल्दी से खाना खा कर खतम किया और थोडा दुकान का शटर गिरा के मा की जबरदस्त चुदाई की और खुशी मन से खाना लेके पापा के पास निकल गया


रास्ते भर मै सोचता रहा की पापा का सामना कैसे करूँगा और आने वाली परिस्थिती के लिए खुद को तैयार कर मै खाना लेके पापा के पास गया जो दुकान मे बैठे थे

मै एक दबी आवाज मे - पापा खाना
पापा की नजर जैसे मुझ पर गयी वो खुश हुए लेकिन मुझे नजरे चुराता देख उनको अपनी गलती याद आई और बोल शांत होकर बोले - बेटा खाना अन्दर रख दे मै आता हू ।

मै घबडाहट से आजाद हूआ कि अब उन्के सामने नही जाना पडेगा और मै झट से खाना रेस्टरूम मे रखा और वापस निकल ही रहा था कि पापा सामने आ गये ।

उनको सामने देख के पता नही क्यू मेरी फटने लगी और मै फिर से नजारे चुरा कर जाने को हुआ तभी

पापा - राज बेटा आओ बैठो मुझे कुछ बात करनी है
मेरी तो घिग्गी बन्ध गयी और थूक गटकते हुए वही खड़ा रहा ।
मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गया था थी जिसका असर मेरे चेहरे पर हो रहा था ।

लेकिन पापा के चेहरे पर एक मुस्कान थी जिससे मुझे थोडी राहत हुई

पापा - अरे खडे क्यू हो आओ बैठो , लो ये पानी पीयो

फिर मैने ग्लास पापा के हाथ से लिया और गटागट पानी खतम कर एक गहरी सास ली
पापा मुस्कुराते हुए मुझे एक तस्वीर अपने पर्स से निकाल कर दिखाते है , जिसमे उनके जवानी की तस्वीर थी और उनके कन्धे पर हाथ रखे मेरे स्व. दादाजी थे ।

मै दादाजी की तस्वीर देख कर खुश हुआ
तो पापा मुस्कुराते हुए बोले - जानते हो बेटा मै और बाऊजी बहुत अच्छे दोस्त थे

मै पापा की बातो से मुस्कुराया
पापा - तू यकीन नही मनोगे बेटा
वो बहुत अच्छे शायर भी थे और मुझे प्यार मुहब्बत की शायरिया सिखाते थे । लेकिन मुझे इनसब में कोई रुचि नही होती थी

मै पापा की बाते सुन कर हस रहा था लेकिन कोई खास रिएक्ट नहीं कर रहा था ।
पापा भी इस बात को बखूबी नोटिस कर रहे थे ।

पापा - पता है बेटा आज उनके साथ रहने और समय बिताने का नतिजा है कि मै एक बेहतर जीवन जी रहा हू ,, उनके साथ बिताये समय के अनुभव से मैने बहुत कुछ सिखा और वो भी मुझे बहुत प्यार से समझाते थे चाहे कोई भी टोपिक हो ।

मै पापा की बाते ध्यान से सुन रहा था ।
पापा ठहरते हुए शब्दो मे - बेटा देख मै अब ज्यादा बातो को घुमा नही सकता ,,,मै चाहता हू कि तू होली वाले दिन की बात को लेके मेरे बारे कोई गलत ख्याल ना लाये ।

मै पापा की बात सुन कर थोडा अनकॉमफ़ोर्ट मह्सूस करने लगा

पापा मुझे समझाते हुए - देख बेटा मै भी चाहता हू तू भी तेरे मन मे जो भी बात है बेझिझक मुझसे कह जैसा मै मेरे बाऊजी से कह देता था । अब तू बड़ा हो गया है और तेरे मन में कही न कही मुझको लेके कोई बात जरुर चल रही होगी ।

पापा ने अपनी बात खतम की और थोडा सन्नाटा छाया रहा तो मै एक गहरी सांस ली और हिम्मत कर बोला - नही पापा ऐसी कोई बात नही ,,मुझे आपसे कोई शिकायत नही है और वो तो गलती मेरी थी मै बिना बोले उस दिन कमरे मे आ गया था हा लेकिन मुझे थोडा सा अजीब लगा जब छ्त पर आपको देखा तो

इतना बोल कर मै चुप हो गया और पाप के बोलने का इन्तेजार करने लगा ।

पापा थोडा गंभीर भाव मे मुझे सम्झाते हुए - दरअसल बेटा वो उपर छ्त पर जो हुआ उसमे मेरी गलती नहीं थी ,,वो मै तेरे मा के साथ लगा था और अचानक से कब तेरी चाची आ गयी और तेरी मा को समझ नही आया कि क्या करे तो झट से उसने तेरी चाची को खिच लिया कि कही वो किसी को बता न दे और अनजाने तेरे चाची का मुह तेरे मा के स्तन पर चला गया और फिर बाकी तू जानता ही है ।


मै पापा के सफाई देने के तरीके पर मुझे हसी आ रही थी लेकिन मै उसको मुह मे दबा कर ब्स मुस्कुरा रहा था

पापा मुझे मुस्कुराता देख खुद को थोडा हल्का मह्सूस किया और बोले - तो अब कोई झिझक नही है ना तेरे मन मे बेटा

मै मुस्कुराकर - जी नही पापा
पापा ह्स्ते हुए - शाबाश !! आ चल अब खाना खाते है

मै - नही नही पापा आप खाओ मै खा के आया हू
पापा - अच्छा ठीक है तू बैठ मै तेरे लिए जूस मगवा देता हू

मै ह्स कर - अरे नही नही पापा रहने दो

पापा खडे होकर - अरे बैठ भई शर्मा तो ऐसे रहा है जैसे बाप के आगे नही ससुर के आगे बैठा हो हाहाहाहह

मै पापा की बात सुन कर हसने लगा और वो बाहर किसी नौकर को एक जूस लाने को कहा और वापस आकर खाना खाने बैठ गये ।
मै वही बैठा रहा है

पापा - तब और बताओ बेटा कुछ
मै अचरज के भाव मे - क्या पूछिये पापा

पापा खाना खाते हुए - तब और बताओ हमारी होने वाली बहू से कब मिलवा रहे हो

मै शर्मा कर - जब कोई रहेगी तब ना मिलवाउँगा हिहिहिही

पापा चौकाने के भाव से - धत्त मतलब इतनी उम्र मे तुने कुछ नही किया

मै हस कर ना मे सर हिलाया
पापा - अरे जब मै तुझसे छोटा था तभी बाऊजी के पास मेरे कारनामो की शिकायते पहुचने लगी थी हिहिहिही

मै हस कर उत्सुकता से - कैसे कारनामे पापा
पापा हस कर - अरे वही सब कही इस खेत मे पकड़ा जाता किसी के साथ तो कोई अपनी बिटिया से मुझे दुर रखने की सलाह देने बाऊजी के पास आता

मै हस कर - फिर दादा जी क्या बोलते थे हिहिही

पापा हस कर - बाऊजी तो मेरे पक्के दोस्त थे और वो मुझे सम्झाते की ये सब कैसे छिप छिपा कर करना चाहिए हाहहहह

मै चौकने के भाव मे ह्स कर - भ्क्क्क सच मे
पापा ह्सते हुए - हा भई, लेकिन मेरी आदत तब बिगड़ चुकी थी फिर हार मान कर बाऊजी ने मेरे लिए रिश्ता देख कर तेरी मा से शादी करवा दी

मै थोडा मुस्कुरा कर शर्माने लगा
पापा मुझे छेड़ने के अंदाज मे - वैसे एक बात पूछू राज बेटा

मै खुशी से मुस्कुरा कर - जी पापा बोलिए
पापा - तुझे कैसी लडकिया पसंद है

मै समझ गया कि पापा धीरे धीरे अब मेरे तरफ बातो को घुमाने वाले है और मै भी उन्के साथ खुल कर शादी से पहले की उनकी सारी चतपति बाते और मस्तियो के बारे मे जानना चाहता था ।


मै थोडा शर्म से भाव मे - मतलब मै समझा नही पापा

पापा हस कर - अरे मेरे कहने का मतलब है तुझे कैसी औरत पन्सद है ,, तेरी मा कैसी भरी हुई या तेरे दीदी जैसे जवान बदन वाली


पापा ने मा और दीदी की चर्चा छेड़ कर मेरे तन मे एक सिहरन सी दौडा दी थी ।
मै संकोचवश कुछ बोल नही पा रहा था लेकिन मेरा पुरा मन था कि मै पापा को ये बताऊ की मै कैसे उन्के साथ मिल कर मा को चोदना चाहता था ।


पापा मुझे खोया हुआ देख के - क्या हुआ बेटा कुछ गलत तो नही ना पुछ लिया मैने

मै हलका सा हस कर - न न नही पापा ऐसा नही ,,लेकिन

पापा - लेकिन क्या बोलो बेटा , मुझसे ना शर्माओ , मै चाहता हू कि तुम भी मेरे साथ अपने दिल की बाते करो और नयी नयी चीज़ो के बारे मे जानो समझो ,आखिर तुम अब बडे हो रहे हो


मै मुस्कराकर - जी पापा , वैसे देखने मे तो दोनो अच्छी लगती है आखिर वो मेरी मा और बहन है ना

पापा हस कर - अरे बेटा एक भाई और बेटा बन कर नही एक मर्द बन के बताओ कि तुमको मौका मिले तो तुम किसके साथ समय बिताना चाहोगे अपनी मा के साथ या बहन के साथ
मै थोडी हिम्मत कर लड़खते शब्दो मे - वो मुझे वैसे मा ज्यादा अच्छी लगती है
ये बोल कर मै गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर शर्माने लगा

पापा मेरे जवाब को तब्ज्जो देते हुए - अरे वाह जनाब पसंद तो आपकी बहुत बढिया है लेकिन क्या आप बतायेंगे कि आपने अपनी मा को क्यू चुना

मै शर्मा के ह्स्ते हुए - बस ऐसे ही पापा, मा मुझे अच्छी लगती है । उनकी स्किन बहुत मुलायम है और वो मुझे बहुत प्यार करती है और उनके

अब तक पापा खाना खा चुके थे और हाथ साफ करते हुए
पापा - और और ,, आगे बोलो बेटा

मै शर्मा कर - वो मा के बडे बडे दूध अच्छे ल्गते है मुझे

मै जानता था कि पापा मुझसे यही सब सुनना चाहते हैं पर मै इतना जल्दी खुलना नही चाहता था ।

पापा एक गहरी सास लेते हुए अपनी पैंट मे उभरे लण्ड को सेट करते हुए - आह्ह बेटा बात तो तेरी सही है ,,,तेरी मा के मोटे दूध है ही कमाल के ,,,मजा आ जाता है चुस के


मै पापा की बात सुन कर उत्तेजित हो रहा था लेकिन अपनी भावनाये रोक कर खुद को जान बुझ के शर्म से आच्ल से ढका हुआ था

पापा मुझे टटोलते हुए - बेटा तेरा मन नही करता कि तू फिर से तेरी मा के मोटे दूध पिए

मै पापा की बात सुन के सच मे चौक गया और मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और मुझे समझ नही आ रहा था कि मै क्या जवाब दू इसका


मुझे चुप देख के पापा बोले - क्या हुआ बेटा बोल ना

मै मुस्कुरा कर - धत्त नही , वो मम्मी है मेरी , आप भी न हिहिहिही

पापा - अरे बेटा मा के दूध पर पहला तक तो तेरा ही है हाहाहाहा , वैसे तेरी मर्जी

पापा - अब से तू मुझे अपना दोस्त समझ और कुछ भी पुछना हो जानना हो तो हिचक ना करना

मै खुश होकर - जी पापा ,,अब मै जाऊ मा को वापस घर जाना है ना

पापा हस कर - अरे हा हा बेटा तू निकल ये टीफिन मै शाम को लेते आऊगा

फिर मै वहा से निकल पुराने घर की तरफ चल दिया और रास्ते भर पापा के साथ बिताये पलो को याद कर उत्तेजित होकर मुस्कुरा रहा था ।

फिर मै
दुकान पहुच कर मा से सारी बाते शेयर की और मा को बोला कि पापा को हमारे बारे ना बताये क्योकि मै पापा के तरीके से मजा लेना चाहता हू
और फिर हम दोनो आने वाले समय के लिए सपने बुनने लगे

जारी रहेगी
READ AND REVIEW
 

TharkiPo

Dramatic Entrance
4,355
14,004
144
UPDATE 80


अगली सुबह 6 बजे मेरी निद खुली और मै फ्रेश होकर बाहर हाते मे आया और फिर सड़क पर निकल गया ।

तभी मुझे आगे सरोजा जी बस स्टैंड की तरफ जाती दिखी
उनकी कसे लोवर मे झोल देते चुतडो ने उनका परिचय 50 मिटर की दुरी से ही दे दिया था और मै एक कातिल मुस्कान के साथ दौड़ कर उनके बराबर मे जोगिंग करने लगा


सरोजा को जब आभास हुआ कि कोई उन्के बगल मे है तो वो गरदन घुमा कर मुझे देखी और मुस्कुरा कर आगे चल दी

आज वो बस स्टैंड से आगे चमनपुरा मे प्रवेश होने वाले पुलिया तक गयी और मै उन्के साथ वहा तक गया

वहा मै अपनी सांसे बराबर करने लगा लेकिन सरोजा पर कोई फर्क नही था वो नोर्मल अपने बॉडी को स्ट्रेच कर रही थी


मै हाफते हुए - गुड मोरनिग सरोजा जी

सरोजा हस कर - ओहो आज काफी दिन बाद दिखे कहा थे

मै - वो नये घर के काम मे व्यस्त था अब यही चौराहे वाले घर पर रहता हू ना

सरोजा - ओह्ह्ह अच्छा है
मै थोडा उनकी तारिफ मे - वैसे मानना पडेगा आपके जितना रेस लगा पाना मेरे बस का नही है

सरोजा ह्स कर - हिहिही अरे बाबू रोज करोगे तो तूम्हारा भी आदत हो जायेगा

मै मस्ती भरे अंदाज मे - अब आपका साथ पाने के लिए आदत बनाना ही पडेगा हिहुही

सरोजा शर्मा के इधर उधर देखती है - तुम भी ना एक नं के पागल हो , शर्म नही आती अपने से बड़ी औरत के साथ फलर्ट करते हुए

मै हस कर - इसमे शर्म कैसा हिम्मत चाहिये हिहिहिही

सरोजा एक शर्म भरी मुस्कान के साथ - चलो ठीक है मेरा हो गया , मै जाती हू

मै - वैसे अपने इस एनर्जी का राज तो बता दिजीये

सरोजा मुस्कुरा के - इस बारे मे जानना है तो कभी मेरे मार्ट मे आना , ऑफ़िस पर वही बताऊंगी हिहिहिही

मै खुशी से - हा जी क्यू नही आप जहा कहे वहा आ जाऊ

सरोजा हस कर वापस जोगिंग करते हुए निकल गयी और मै भी और मै भी घर के लिए निकल गया । फिर नहा धो के चाय नाश्ता कर दुकान पे निकल गया ।

ऐसे ही एक दो दिन का समय बीता और हमने शॉपिंग की सारी लिस्ट बना ली और ब्ज्त तैयार कर लिया ।
फिर एक दिन समय निकाल कर पहुच गये सरोजा कॉमप्लेक्स
सरोजा कॉमप्लेक्स पहुच कर मा और दीदी किचन मे सामान मे लग गये और मै उनको आने का बोल कर निकल गया सरोजा जी के ऑफ़िस की ओर

2nd फ्लोर पर एक कॉर्नर पर उनका ऑफ़िस था जिसके दरवाजे पर उनके नाम का बोर्ड लिखा था ।
मै एक बार दरवाजा खटखटाया तो किसी स्टाफ ने दरजावा खोला और सरोजा जी ने ऑफ़िस की चेयर पर बैठे बैठे एक नजर दरवाजे पर मुझे देखा तो बोली

सरोजा - अरे बाबू तुम ,, आओ आओ

फिर मै कमरे मे गया जहा सरोजा एक हल्के गुलाबी रंग की साडी पहने हुए चेयर पर बैठी थी मुझे देख कर उठ गयी और सोफे पे बैठने का निमंत्रण दिया


फिर हम दोनो ने सोफे पर बैठे और सरोजा जी ने उस स्टाफ को दो कॉफी लाने को बोला ।
सरोजा - क्या बात है आज बडे स्मार्ट लग रहे हो
मै हस कर - सोचा जब आपसे मिलना है तो थोडा टिपटॉप होकर जाऊ ताकि आप भी मेरे उपर ध्यान दे

सरोजा मेरी बात से हस दी
मै - वैसे आप भी बहुत खुबसूरत लग रही है और ये पिंक साड़ी काफी खिल रही है आप पर हर जगह से


सरोजा चौक कर - क्या मतलब हर जगह से

मै हस कर - कुछ नही आप अच्छे लग रहे हो यही कह रहा हू

सरोजा हस कर - मै जानती हू तुम कितनी गहरी बाते बोल जाते हो और तुमको लगता है मुझे पता नही पडेगा
मै उनकी बातो को और मजे से घुमा कर बोलता हुआ - वैसे कितना गहरा मह्सुस करती है आप मेरी बातो का

सरोजा शर्मा कर ह्स्ते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगी तुमको

मै हस कर - मै क्या गलत बोला
सरोजा हस कर - तुम ना एक नं के चालू हो हिहिही

मै ह्स कर - और आप एक नं की हसिन और खुबसूरत है हिहिहिही

सरोजा अपने लटके बाल कानो मे खोसते हुए - और क्या क्या हू मै बताना तो

मै शरारती मुस्कान से - अभी जितना देखा है उतना ही बता दिया बाकी का क्या बताऊ

सरोजा शर्मा कर - धत्त पागल, अब क्या कपडे निकालू तब तारिफ करोगे हिहिही

मै हस कर - अब तारिफ तो उनकी ही की जा सकती है ना जिनको देखा हो छुआ हो मह्सूस किया हो

सरोजा मेरी बातो से निश्ब्द होकर सोफे की कुशेन से मुझे मारते हुए - बहुत गन्दे हो तुम हिहिहिही शर्म नही आती ऐसी बाते करते हुए मुझसे

मै ह्स कर - जब आपको सुनने मे नही आती तो मुझे कहने मे क्या शर्म हिहिही

इधर सरोजा कुछ बोलती तब तक दरवाजा पर खटखट हुई और सरोजा खडे होकर दरवाजा खोलने जाते हुए बोली - तुमको तो अभी बताती हू

फिर एक स्टाफ दो काफी लेके आया और सरोजा ने उसको जाने का बोल कर दरवाजे को लॉक कर दिया और काफी टेबल पर रख कर बैठ गयी

मै हस कर - दरवाजा क्यू लॉक कर दिया कही मेरे साथ कुछ करने वाले तो नही ना


सरोजा हस कर - हा तुम्हारी इज्ज्त लुटने वाली हू
मै बाहे फैला कर - फिर देर कैसा आजाओ ना

सरोजा शर्मा कर हसते हुए -बदमाश कही के चलो काफी पीयो
फिर हमने काफी पी और हम काफी समय तक गप्पे लड़ाए
अब सरोजा मुझसे काफी खुल गयी थी और मेरे मन मे काफी सारे विचार आने लगे थे क्योकि मुझे बस पहल की जरुरत थी और सरोजा मना नही करती पर मै कोई जल्दीबाजी नही करना चाहता था इसिलिए मैने जल्दी काफी खतम की

मै - चलिये ठीक है अब मै चलता हू मा और दीदी खोज रहे होगे मुझे

तभी सरोजा मन गिरा कर - अरे यार इत्नी जल्दी अभी तो आये हो

मै हस कर - सारी बाते एक ही मुलाकात मे कर लेंगी क्या हिहिहिही चलिये मै चलता हू बाय

सरोजा - रुको राज एक मिंट

फिर सरोजा ने ड्रावर से मुझे एक 40% less का कुपन दिया और अपना विजिटिंग कार्ड दिया जिसपे उसका नं था ।

मै खुश होके - अरे वाह,,थैंक यू जी मा तो खुश हो जायेगी

सरोजा सीरियस होकर भरी आँखो से मेरे गाल को चूम कर - थैंक्स टू यू राज ,,मेरे साथ समय बिताने के लिए
मै उसकी भरी आन्खे देख कर चिंतित भाव से - अरे अरे आप रो क्यू रही है , मै कौन सा बहुत दुर हो जब मन हो बुला लिजीये और अभी नं है मेरे पास अब तो हमेशा परेसान करूँगा आपको हिहिहिही

मेरी बाते सुन सरोजा ह्स दी जिससे उसकी आखे छलक गयी
मै झट से रुमाल से उन्के गाल साफ किया - ओहो क्यू इत्ना महगा मेकअप खराब कर रही है

सरोजा ह्स्ते हुए - धत्त मै मेकअप नही लगाती ये नेचुरल स्किन है पागल

मै अचरज के भाव मे - अगर यहा की स्किन इतनी मुलायम है तोओओओ
फिर उनको देखते हुए एक कातिल मुस्कान छेद दी जिसका मतलब सरोजा समझ गई और मेरे सीने पर मुक्का मारते हुए बोली - धत्त गन्दे अब जाओ
ये बोल कर वो घूम कर अपने चेयर की तरफ जाने को हुई तो मै झट से उनका हाथ पकड कर अपनी तरफ खिचा और कमर मे हाथ फेरते हुए उनके होठो को अपने होठो मे भर लिया

सरोजा इसके लिए तैयार नही थी इसिलिए मेरे होठो ने स्पर्श से वो आखे बडी किये मुझे देखने लगी और मैने बडी कामुकता से उस्के मोटे होठो से मैरुन लिपस्टिक हटानी शुरु कर दी

जल्द ही सरोजा ने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया
तभी दरवाजे पे खटखट हुई और हम अलग हो गये ।
मै बिना कुछ बोले मुह साफ कर कमरे से बाहर निकल गया ।

और शॉपिंग एरिया मे आकर एक गहरी सांस ली फिर मा के पास चला गया ।

फिर उनके साथ सारे सामान की खरीदारि कर सरोजा के दिये कुपन से बिल पे किया और फिर सामान काफी ज्यादा और वजन वाला था एक auto मे समान लाद कर हम सब घर चले गये ।
रात मे खाने के बाद सब अपने अपने कमरे मे चले गये सोने लेकिन मुझे निद कहा । रात के 10 बज रहे थे

अभी भी मुझे सरोजा के बदन की खुस्बु और उसके मुलायम होठो का स्पर्श पागल किये हुए था और वो पल सोच सोच कर मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ रहा था ।

तभी मुझे उन्के विज़िटिंग कार्ड का ध्यान आया और मैने झट से नं डायल कर सरोजा के पास काल लगा दिया

दो रिंग के बाद ही फोन उठा और सरोजा की मनमोहक आवाज आई जिसको सुन कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई

सरोजा - हेलो कौन
मै चुप रहा
सरोजा थोडा गुस्से के भाव मे - अरे कौन है भई बोलो तो हेल्लो

मै एक सहमे आवाज मे - म म मै बोल रहा हू राज
मेरी आवाज सुन कर सरोजा भी शांत होकर बोली - ओह्ह राज तूम हो
फिर एक बार हमारे कालिन्ग पर खामोशी छा गई
सरोजा - कहो कैसे याद किया खाना पिना हुआ

मै थोडा संकोची भाव से - ह हा हा हो गया और आपका

सरोजा ह्स कर - अरे तुम ऐसे क्यू बात कर रहे हो अभी दोपहर मे बडे जोश मे थे

मै सरोजा की दिल्कस बात सुन कर की वो नाराज नही है तो मै अपने मस्ती भरे अंदाज मे बोला - जोश मे तो अब भी हू कहो तो दिखा दू हिहिहुही

सरोजा हस के - अच्छा जी दिखाना तो तुम्हारा जोश हिहिहिही

मै झट से अपना लोवर निचे कर अपना खड़ा लण्ड बाहर निकाल कर उसकी एक अच्छी से तस्वीर निकाली और सरोजा के वॉटसआप पर भेज दी

मै हस कर - अपना व्हाटसअप खोलिये देखिये मैने भेजा है अपना जोश

सरोजा हस के - मतलब
मै हस के - अरे देखिये देखिये

थोडी देर मे सरोजा की आवाज आई - छिईईई गंदे लडके ये क्या भेजा है हमम्म

मै हस के - क्यू है ना मोटा और बड़ा मेरा जोश
सरोजा हस कर - भक्क गन्दे कही के

मै ह्स के - क्यू पसंद नही आया
सरोजा शर्म से - तूम ना ,, रखो फोन मै तुमसे बात नही करने वाली अब बहुत गन्दे हो ,,

मै हस के - हा जान रहा हू क्यू फोन रख रही हो आप
सरोजा - अच्छा जी बताओ तो क्यू

मै हस के - फोन रखने के बाद शायद आप मेरे जोश को देख कर पसीना पसीना होने जा रही हो ।

सरोजा - धत्त पागल ,, ऐसा कुछ नही है मै बाद मे बात करती हू कोई बुला रहा है ,,चलो बाय गुड नाइट

मै ह्स के - हा बाय गुड नाइट
फिर फोन कट गया और मै मुस्काराता हुआ सरोजा के साथ के सपने बुनते हुए सो गया ।

रात के करीब साढे 12 बजे मेरा मोबाईल रिंग हो रहा था जिससे मेरी निद खुली और मैने फोन देखा तो सरोजा का ही फोन आ रहा था

मै थोडा सोचा की इत्नी रात मे सरोजा फिर से फोन कर रही है

मै झट से उठ के बैठा और फोन रिसीव कर हैल्लो बोला की उधर से एक मादक सिसकी भरी आवाज आई

सरोजा बड़ी ही कामुक आवाज मे कसमसाते हुए बोली - राआआज्ज्ज सो गये हो क्या

मै सरोजा की आवाज से थोड़ा आवाक रह गया और उसकी कामुक भरे शब्द मेरे लण्ड मे तनाव करने लगे
मै हड़बड़ा कर - न न नही तो बताईए क्या बात है , अभी सोयी नही आप

सरोजा लडखती जुबान मे - ओह्ह्ह मेरे प्यारे राआअज तूमने तो मुझ पे जादू कर दिया है अह्ह्ह मा उम्म्ंम्ं

मुझे समझते देर नही लगी की हो ना हो सरोजा ने ड्रिंक किया है
मै - क्या हुआ सरोजा जी आप ऐसे क्यू बोल रही है मैने क्या किया

सरोजा नशे मे लडखडाती जुबान से - तूम्हे पता है तालाक के बाद मैने किसी मर्द का लण्ड नही देखा था और आज्ज्ज्ज तुमने अपना लण्ड दिखा कर मेरे अन्दर की आग को भड़का दिया है राज अह्ह्ह्ह

मै घबडाहट से थूक गटकते हुए - ये आप क्या कह रही है सरोजा जी आपने कही ड्रिंक तो नही की ना

सरोजा ह्स के - हा राज की है मैने ड्रिंक लेकिन वो नशा तुमहारे नशे के आगे बेकार है राआआज्ज्ज आओ ना चोद दो मुझे अह्ह्ह देखो ना कबसे अपनी चुत रगड़ कर झड़ रही हू अह्ह्ह देखो ना फिर से झडने वाली हू मै अह्ह्ह राजज मुझे चोद दो ना अपने मोटे लण्ड से प्लीज राज अह्ह्ह मा अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ घुसा दो मेरी चुत मे इसको अह्ह्ह

मै घबडाहट से पसिना पसीना हुए सोच रहा था कि कही मैने सरोजा की आग भडका कर कोई गलती तो नही की कही मेरे लिए मुसीबत न बन जाये ये

इधर फोन पर सरोजा मेरा नाम लेके झड़ते हुए शांत हो गयी और थोडी देर बाद मै भी फोन काट कर एक गहरे विचार मे खो गया और कब सो गया पता ही नही चला।

अगली सुबह मै 6 बजे उठा और जोगिंग के लिए गया लेकिन कही भी मुझे सरोजा नही दिखी तो मै भी वापस घर लौट आया और नहा धो कर नासता किया फिर दुकान पर चला गया ।

पुरा समय मै रात वाली घटना को लेके सोचता रहा और डर के मारे सरोजा को फोन तो क्या एक मैसेज करने की हिम्मत नही हुई ।

ऐसे ही मै दोपहर मे दुकान मे गहरी सोच मे बैठा था कि मा खाना लेके आई और मुझे सोच मे देख कर

मा - अरे बेटा क्या हुआ क्या सोच रहा है

मै चौक कर - नही नही मा कुछ नही ,
मा - तो चल हाथ मुह धुल के आ और खाना खा ले फिर पापा के लिए खाना लेते जाना

मै पापा के पास जाने को लेके थोडा सोच मे पड गया जिसको मा भी देख रही थी ।

मा मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए - तू होली वाली बात को लेके परेशान है ना कि पापा के सामने कैसे जायेगा

मै - हम्म्म मा
मा - चिंता ना कर तेरे पापा बात करेंगे तुझसे इस बारे मे

मै संकोची होकर - लेकिन
मा मुस्कुरा कर - लेकिन वेकिन छोड और तू खाना खा ले फिर हम दोनो

मै खुशी से मा को हग कर बोला - सच मे मा
मा हा मे सर हिलाती है और फिर मै जल्दी से खाना खा कर खतम किया और थोडा दुकान का शटर गिरा के मा की जबरदस्त चुदाई की और खुशी मन से खाना लेके पापा के पास निकल गया


रास्ते भर मै सोचता रहा की पापा का सामना कैसे करूँगा और आने वाली परिस्थिती के लिए खुद को तैयार कर मै खाना लेके पापा के पास गया जो दुकान मे बैठे थे

मै एक दबी आवाज मे - पापा खाना
पापा की नजर जैसे मुझ पर गयी वो खुश हुए लेकिन मुझे नजरे चुराता देख उनको अपनी गलती याद आई और बोल शांत होकर बोले - बेटा खाना अन्दर रख दे मै आता हू ।

मै घबडाहट से आजाद हूआ कि अब उन्के सामने नही जाना पडेगा और मै झट से खाना रेस्टरूम मे रखा और वापस निकल ही रहा था कि पापा सामने आ गये ।

उनको सामने देख के पता नही क्यू मेरी फटने लगी और मै फिर से नजारे चुरा कर जाने को हुआ तभी

पापा - राज बेटा आओ बैठो मुझे कुछ बात करनी है
मेरी तो घिग्गी बन्ध गयी और थूक गटकते हुए वही खड़ा रहा ।
मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गया था थी जिसका असर मेरे चेहरे पर हो रहा था ।

लेकिन पापा के चेहरे पर एक मुस्कान थी जिससे मुझे थोडी राहत हुई

पापा - अरे खडे क्यू हो आओ बैठो , लो ये पानी पीयो

फिर मैने ग्लास पापा के हाथ से लिया और गटागट पानी खतम कर एक गहरी सास ली
पापा मुस्कुराते हुए मुझे एक तस्वीर अपने पर्स से निकाल कर दिखाते है , जिसमे उनके जवानी की तस्वीर थी और उनके कन्धे पर हाथ रखे मेरे स्व. दादाजी थे ।

मै दादाजी की तस्वीर देख कर खुश हुआ
तो पापा मुस्कुराते हुए बोले - जानते हो बेटा मै और बाऊजी बहुत अच्छे दोस्त थे

मै पापा की बातो से मुस्कुराया
पापा - तू यकीन नही मनोगे बेटा
वो बहुत अच्छे शायर भी थे और मुझे प्यार मुहब्बत की शायरिया सिखाते थे । लेकिन मुझे इनसब में कोई रुचि नही होती थी

मै पापा की बाते सुन कर हस रहा था लेकिन कोई खास रिएक्ट नहीं कर रहा था ।
पापा भी इस बात को बखूबी नोटिस कर रहे थे ।

पापा - पता है बेटा आज उनके साथ रहने और समय बिताने का नतिजा है कि मै एक बेहतर जीवन जी रहा हू ,, उनके साथ बिताये समय के अनुभव से मैने बहुत कुछ सिखा और वो भी मुझे बहुत प्यार से समझाते थे चाहे कोई भी टोपिक हो ।

मै पापा की बाते ध्यान से सुन रहा था ।
पापा ठहरते हुए शब्दो मे - बेटा देख मै अब ज्यादा बातो को घुमा नही सकता ,,,मै चाहता हू कि तू होली वाले दिन की बात को लेके मेरे बारे कोई गलत ख्याल ना लाये ।

मै पापा की बात सुन कर थोडा अनकॉमफ़ोर्ट मह्सूस करने लगा

पापा मुझे समझाते हुए - देख बेटा मै भी चाहता हू तू भी तेरे मन मे जो भी बात है बेझिझक मुझसे कह जैसा मै मेरे बाऊजी से कह देता था । अब तू बड़ा हो गया है और तेरे मन में कही न कही मुझको लेके कोई बात जरुर चल रही होगी ।

पापा ने अपनी बात खतम की और थोडा सन्नाटा छाया रहा तो मै एक गहरी सांस ली और हिम्मत कर बोला - नही पापा ऐसी कोई बात नही ,,मुझे आपसे कोई शिकायत नही है और वो तो गलती मेरी थी मै बिना बोले उस दिन कमरे मे आ गया था हा लेकिन मुझे थोडा सा अजीब लगा जब छ्त पर आपको देखा तो

इतना बोल कर मै चुप हो गया और पाप के बोलने का इन्तेजार करने लगा ।

पापा थोडा गंभीर भाव मे मुझे सम्झाते हुए - दरअसल बेटा वो उपर छ्त पर जो हुआ उसमे मेरी गलती नहीं थी ,,वो मै तेरे मा के साथ लगा था और अचानक से कब तेरी चाची आ गयी और तेरी मा को समझ नही आया कि क्या करे तो झट से उसने तेरी चाची को खिच लिया कि कही वो किसी को बता न दे और अनजाने तेरे चाची का मुह तेरे मा के स्तन पर चला गया और फिर बाकी तू जानता ही है ।


मै पापा के सफाई देने के तरीके पर मुझे हसी आ रही थी लेकिन मै उसको मुह मे दबा कर ब्स मुस्कुरा रहा था

पापा मुझे मुस्कुराता देख खुद को थोडा हल्का मह्सूस किया और बोले - तो अब कोई झिझक नही है ना तेरे मन मे बेटा

मै मुस्कुराकर - जी नही पापा
पापा ह्स्ते हुए - शाबाश !! आ चल अब खाना खाते है

मै - नही नही पापा आप खाओ मै खा के आया हू
पापा - अच्छा ठीक है तू बैठ मै तेरे लिए जूस मगवा देता हू

मै ह्स कर - अरे नही नही पापा रहने दो

पापा खडे होकर - अरे बैठ भई शर्मा तो ऐसे रहा है जैसे बाप के आगे नही ससुर के आगे बैठा हो हाहाहाहह

मै पापा की बात सुन कर हसने लगा और वो बाहर किसी नौकर को एक जूस लाने को कहा और वापस आकर खाना खाने बैठ गये ।
मै वही बैठा रहा है

पापा - तब और बताओ बेटा कुछ
मै अचरज के भाव मे - क्या पूछिये पापा

पापा खाना खाते हुए - तब और बताओ हमारी होने वाली बहू से कब मिलवा रहे हो

मै शर्मा कर - जब कोई रहेगी तब ना मिलवाउँगा हिहिहिही

पापा चौकाने के भाव से - धत्त मतलब इतनी उम्र मे तुने कुछ नही किया

मै हस कर ना मे सर हिलाया
पापा - अरे जब मै तुझसे छोटा था तभी बाऊजी के पास मेरे कारनामो की शिकायते पहुचने लगी थी हिहिहिही

मै हस कर उत्सुकता से - कैसे कारनामे पापा
पापा हस कर - अरे वही सब कही इस खेत मे पकड़ा जाता किसी के साथ तो कोई अपनी बिटिया से मुझे दुर रखने की सलाह देने बाऊजी के पास आता

मै हस कर - फिर दादा जी क्या बोलते थे हिहिही

पापा हस कर - बाऊजी तो मेरे पक्के दोस्त थे और वो मुझे सम्झाते की ये सब कैसे छिप छिपा कर करना चाहिए हाहहहह

मै चौकने के भाव मे ह्स कर - भ्क्क्क सच मे
पापा ह्सते हुए - हा भई, लेकिन मेरी आदत तब बिगड़ चुकी थी फिर हार मान कर बाऊजी ने मेरे लिए रिश्ता देख कर तेरी मा से शादी करवा दी

मै थोडा मुस्कुरा कर शर्माने लगा
पापा मुझे छेड़ने के अंदाज मे - वैसे एक बात पूछू राज बेटा

मै खुशी से मुस्कुरा कर - जी पापा बोलिए
पापा - तुझे कैसी लडकिया पसंद है

मै समझ गया कि पापा धीरे धीरे अब मेरे तरफ बातो को घुमाने वाले है और मै भी उन्के साथ खुल कर शादी से पहले की उनकी सारी चतपति बाते और मस्तियो के बारे मे जानना चाहता था ।


मै थोडा शर्म से भाव मे - मतलब मै समझा नही पापा

पापा हस कर - अरे मेरे कहने का मतलब है तुझे कैसी औरत पन्सद है ,, तेरी मा कैसी भरी हुई या तेरे दीदी जैसे जवान बदन वाली


पापा ने मा और दीदी की चर्चा छेड़ कर मेरे तन मे एक सिहरन सी दौडा दी थी ।
मै संकोचवश कुछ बोल नही पा रहा था लेकिन मेरा पुरा मन था कि मै पापा को ये बताऊ की मै कैसे उन्के साथ मिल कर मा को चोदना चाहता था ।


पापा मुझे खोया हुआ देख के - क्या हुआ बेटा कुछ गलत तो नही ना पुछ लिया मैने

मै हलका सा हस कर - न न नही पापा ऐसा नही ,,लेकिन

पापा - लेकिन क्या बोलो बेटा , मुझसे ना शर्माओ , मै चाहता हू कि तुम भी मेरे साथ अपने दिल की बाते करो और नयी नयी चीज़ो के बारे मे जानो समझो ,आखिर तुम अब बडे हो रहे हो


मै मुस्कराकर - जी पापा , वैसे देखने मे तो दोनो अच्छी लगती है आखिर वो मेरी मा और बहन है ना

पापा हस कर - अरे बेटा एक भाई और बेटा बन कर नही एक मर्द बन के बताओ कि तुमको मौका मिले तो तुम किसके साथ समय बिताना चाहोगे अपनी मा के साथ या बहन के साथ
मै थोडी हिम्मत कर लड़खते शब्दो मे - वो मुझे वैसे मा ज्यादा अच्छी लगती है
ये बोल कर मै गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर शर्माने लगा

पापा मेरे जवाब को तब्ज्जो देते हुए - अरे वाह जनाब पसंद तो आपकी बहुत बढिया है लेकिन क्या आप बतायेंगे कि आपने अपनी मा को क्यू चुना

मै शर्मा के ह्स्ते हुए - बस ऐसे ही पापा, मा मुझे अच्छी लगती है । उनकी स्किन बहुत मुलायम है और वो मुझे बहुत प्यार करती है और उनके

अब तक पापा खाना खा चुके थे और हाथ साफ करते हुए
पापा - और और ,, आगे बोलो बेटा

मै शर्मा कर - वो मा के बडे बडे दूध अच्छे ल्गते है मुझे

मै जानता था कि पापा मुझसे यही सब सुनना चाहते हैं पर मै इतना जल्दी खुलना नही चाहता था ।

पापा एक गहरी सास लेते हुए अपनी पैंट मे उभरे लण्ड को सेट करते हुए - आह्ह बेटा बात तो तेरी सही है ,,,तेरी मा के मोटे दूध है ही कमाल के ,,,मजा आ जाता है चुस के


मै पापा की बात सुन कर उत्तेजित हो रहा था लेकिन अपनी भावनाये रोक कर खुद को जान बुझ के शर्म से आच्ल से ढका हुआ था

पापा मुझे टटोलते हुए - बेटा तेरा मन नही करता कि तू फिर से तेरी मा के मोटे दूध पिए

मै पापा की बात सुन के सच मे चौक गया और मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और मुझे समझ नही आ रहा था कि मै क्या जवाब दू इसका


मुझे चुप देख के पापा बोले - क्या हुआ बेटा बोल ना

मै मुस्कुरा कर - धत्त नही , वो मम्मी है मेरी , आप भी न हिहिहिही

पापा - अरे बेटा मा के दूध पर पहला तक तो तेरा ही है हाहाहाहा , वैसे तेरी मर्जी

पापा - अब से तू मुझे अपना दोस्त समझ और कुछ भी पुछना हो जानना हो तो हिचक ना करना

मै खुश होकर - जी पापा ,,अब मै जाऊ मा को वापस घर जाना है ना

पापा हस कर - अरे हा हा बेटा तू निकल ये टीफिन मै शाम को लेते आऊगा

फिर मै वहा से निकल पुराने घर की तरफ चल दिया और रास्ते भर पापा के साथ बिताये पलो को याद कर उत्तेजित होकर मुस्कुरा रहा था ।

फिर मै
दुकान पहुच कर मा से सारी बाते शेयर की और मा को बोला कि पापा को हमारे बारे ना बताये क्योकि मै पापा के तरीके से मजा लेना चाहता हू
और फिर हम दोनो आने वाले समय के लिए सपने बुनने लगे

जारी रहेगी
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Kamaal update bhai.... Bilkul sahi disha mein ja rahe hain baap bete.....
Waise chhote bhai ke bare mein kya socha hai.
 

Vik1006

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UPDATE 80


अगली सुबह 6 बजे मेरी निद खुली और मै फ्रेश होकर बाहर हाते मे आया और फिर सड़क पर निकल गया ।

तभी मुझे आगे सरोजा जी बस स्टैंड की तरफ जाती दिखी
उनकी कसे लोवर मे झोल देते चुतडो ने उनका परिचय 50 मिटर की दुरी से ही दे दिया था और मै एक कातिल मुस्कान के साथ दौड़ कर उनके बराबर मे जोगिंग करने लगा


सरोजा को जब आभास हुआ कि कोई उन्के बगल मे है तो वो गरदन घुमा कर मुझे देखी और मुस्कुरा कर आगे चल दी

आज वो बस स्टैंड से आगे चमनपुरा मे प्रवेश होने वाले पुलिया तक गयी और मै उन्के साथ वहा तक गया

वहा मै अपनी सांसे बराबर करने लगा लेकिन सरोजा पर कोई फर्क नही था वो नोर्मल अपने बॉडी को स्ट्रेच कर रही थी


मै हाफते हुए - गुड मोरनिग सरोजा जी

सरोजा हस कर - ओहो आज काफी दिन बाद दिखे कहा थे

मै - वो नये घर के काम मे व्यस्त था अब यही चौराहे वाले घर पर रहता हू ना

सरोजा - ओह्ह्ह अच्छा है
मै थोडा उनकी तारिफ मे - वैसे मानना पडेगा आपके जितना रेस लगा पाना मेरे बस का नही है

सरोजा ह्स कर - हिहिही अरे बाबू रोज करोगे तो तूम्हारा भी आदत हो जायेगा

मै मस्ती भरे अंदाज मे - अब आपका साथ पाने के लिए आदत बनाना ही पडेगा हिहुही

सरोजा शर्मा के इधर उधर देखती है - तुम भी ना एक नं के पागल हो , शर्म नही आती अपने से बड़ी औरत के साथ फलर्ट करते हुए

मै हस कर - इसमे शर्म कैसा हिम्मत चाहिये हिहिहिही

सरोजा एक शर्म भरी मुस्कान के साथ - चलो ठीक है मेरा हो गया , मै जाती हू

मै - वैसे अपने इस एनर्जी का राज तो बता दिजीये

सरोजा मुस्कुरा के - इस बारे मे जानना है तो कभी मेरे मार्ट मे आना , ऑफ़िस पर वही बताऊंगी हिहिहिही

मै खुशी से - हा जी क्यू नही आप जहा कहे वहा आ जाऊ

सरोजा हस कर वापस जोगिंग करते हुए निकल गयी और मै भी और मै भी घर के लिए निकल गया । फिर नहा धो के चाय नाश्ता कर दुकान पे निकल गया ।

ऐसे ही एक दो दिन का समय बीता और हमने शॉपिंग की सारी लिस्ट बना ली और ब्ज्त तैयार कर लिया ।
फिर एक दिन समय निकाल कर पहुच गये सरोजा कॉमप्लेक्स
सरोजा कॉमप्लेक्स पहुच कर मा और दीदी किचन मे सामान मे लग गये और मै उनको आने का बोल कर निकल गया सरोजा जी के ऑफ़िस की ओर

2nd फ्लोर पर एक कॉर्नर पर उनका ऑफ़िस था जिसके दरवाजे पर उनके नाम का बोर्ड लिखा था ।
मै एक बार दरवाजा खटखटाया तो किसी स्टाफ ने दरजावा खोला और सरोजा जी ने ऑफ़िस की चेयर पर बैठे बैठे एक नजर दरवाजे पर मुझे देखा तो बोली

सरोजा - अरे बाबू तुम ,, आओ आओ

फिर मै कमरे मे गया जहा सरोजा एक हल्के गुलाबी रंग की साडी पहने हुए चेयर पर बैठी थी मुझे देख कर उठ गयी और सोफे पे बैठने का निमंत्रण दिया


फिर हम दोनो ने सोफे पर बैठे और सरोजा जी ने उस स्टाफ को दो कॉफी लाने को बोला ।
सरोजा - क्या बात है आज बडे स्मार्ट लग रहे हो
मै हस कर - सोचा जब आपसे मिलना है तो थोडा टिपटॉप होकर जाऊ ताकि आप भी मेरे उपर ध्यान दे

सरोजा मेरी बात से हस दी
मै - वैसे आप भी बहुत खुबसूरत लग रही है और ये पिंक साड़ी काफी खिल रही है आप पर हर जगह से


सरोजा चौक कर - क्या मतलब हर जगह से

मै हस कर - कुछ नही आप अच्छे लग रहे हो यही कह रहा हू

सरोजा हस कर - मै जानती हू तुम कितनी गहरी बाते बोल जाते हो और तुमको लगता है मुझे पता नही पडेगा
मै उनकी बातो को और मजे से घुमा कर बोलता हुआ - वैसे कितना गहरा मह्सुस करती है आप मेरी बातो का

सरोजा शर्मा कर ह्स्ते हुए - बदमाश बहुत पिटूंगी तुमको

मै हस कर - मै क्या गलत बोला
सरोजा हस कर - तुम ना एक नं के चालू हो हिहिही

मै ह्स कर - और आप एक नं की हसिन और खुबसूरत है हिहिहिही

सरोजा अपने लटके बाल कानो मे खोसते हुए - और क्या क्या हू मै बताना तो

मै शरारती मुस्कान से - अभी जितना देखा है उतना ही बता दिया बाकी का क्या बताऊ

सरोजा शर्मा कर - धत्त पागल, अब क्या कपडे निकालू तब तारिफ करोगे हिहिही

मै हस कर - अब तारिफ तो उनकी ही की जा सकती है ना जिनको देखा हो छुआ हो मह्सूस किया हो

सरोजा मेरी बातो से निश्ब्द होकर सोफे की कुशेन से मुझे मारते हुए - बहुत गन्दे हो तुम हिहिहिही शर्म नही आती ऐसी बाते करते हुए मुझसे

मै ह्स कर - जब आपको सुनने मे नही आती तो मुझे कहने मे क्या शर्म हिहिही

इधर सरोजा कुछ बोलती तब तक दरवाजा पर खटखट हुई और सरोजा खडे होकर दरवाजा खोलने जाते हुए बोली - तुमको तो अभी बताती हू

फिर एक स्टाफ दो काफी लेके आया और सरोजा ने उसको जाने का बोल कर दरवाजे को लॉक कर दिया और काफी टेबल पर रख कर बैठ गयी

मै हस कर - दरवाजा क्यू लॉक कर दिया कही मेरे साथ कुछ करने वाले तो नही ना


सरोजा हस कर - हा तुम्हारी इज्ज्त लुटने वाली हू
मै बाहे फैला कर - फिर देर कैसा आजाओ ना

सरोजा शर्मा कर हसते हुए -बदमाश कही के चलो काफी पीयो
फिर हमने काफी पी और हम काफी समय तक गप्पे लड़ाए
अब सरोजा मुझसे काफी खुल गयी थी और मेरे मन मे काफी सारे विचार आने लगे थे क्योकि मुझे बस पहल की जरुरत थी और सरोजा मना नही करती पर मै कोई जल्दीबाजी नही करना चाहता था इसिलिए मैने जल्दी काफी खतम की

मै - चलिये ठीक है अब मै चलता हू मा और दीदी खोज रहे होगे मुझे

तभी सरोजा मन गिरा कर - अरे यार इत्नी जल्दी अभी तो आये हो

मै हस कर - सारी बाते एक ही मुलाकात मे कर लेंगी क्या हिहिहिही चलिये मै चलता हू बाय

सरोजा - रुको राज एक मिंट

फिर सरोजा ने ड्रावर से मुझे एक 40% less का कुपन दिया और अपना विजिटिंग कार्ड दिया जिसपे उसका नं था ।

मै खुश होके - अरे वाह,,थैंक यू जी मा तो खुश हो जायेगी

सरोजा सीरियस होकर भरी आँखो से मेरे गाल को चूम कर - थैंक्स टू यू राज ,,मेरे साथ समय बिताने के लिए
मै उसकी भरी आन्खे देख कर चिंतित भाव से - अरे अरे आप रो क्यू रही है , मै कौन सा बहुत दुर हो जब मन हो बुला लिजीये और अभी नं है मेरे पास अब तो हमेशा परेसान करूँगा आपको हिहिहिही

मेरी बाते सुन सरोजा ह्स दी जिससे उसकी आखे छलक गयी
मै झट से रुमाल से उन्के गाल साफ किया - ओहो क्यू इत्ना महगा मेकअप खराब कर रही है

सरोजा ह्स्ते हुए - धत्त मै मेकअप नही लगाती ये नेचुरल स्किन है पागल

मै अचरज के भाव मे - अगर यहा की स्किन इतनी मुलायम है तोओओओ
फिर उनको देखते हुए एक कातिल मुस्कान छेद दी जिसका मतलब सरोजा समझ गई और मेरे सीने पर मुक्का मारते हुए बोली - धत्त गन्दे अब जाओ
ये बोल कर वो घूम कर अपने चेयर की तरफ जाने को हुई तो मै झट से उनका हाथ पकड कर अपनी तरफ खिचा और कमर मे हाथ फेरते हुए उनके होठो को अपने होठो मे भर लिया

सरोजा इसके लिए तैयार नही थी इसिलिए मेरे होठो ने स्पर्श से वो आखे बडी किये मुझे देखने लगी और मैने बडी कामुकता से उस्के मोटे होठो से मैरुन लिपस्टिक हटानी शुरु कर दी

जल्द ही सरोजा ने भी मेरा साथ देना शुरु कर दिया
तभी दरवाजे पे खटखट हुई और हम अलग हो गये ।
मै बिना कुछ बोले मुह साफ कर कमरे से बाहर निकल गया ।

और शॉपिंग एरिया मे आकर एक गहरी सांस ली फिर मा के पास चला गया ।

फिर उनके साथ सारे सामान की खरीदारि कर सरोजा के दिये कुपन से बिल पे किया और फिर सामान काफी ज्यादा और वजन वाला था एक auto मे समान लाद कर हम सब घर चले गये ।
रात मे खाने के बाद सब अपने अपने कमरे मे चले गये सोने लेकिन मुझे निद कहा । रात के 10 बज रहे थे

अभी भी मुझे सरोजा के बदन की खुस्बु और उसके मुलायम होठो का स्पर्श पागल किये हुए था और वो पल सोच सोच कर मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ रहा था ।

तभी मुझे उन्के विज़िटिंग कार्ड का ध्यान आया और मैने झट से नं डायल कर सरोजा के पास काल लगा दिया

दो रिंग के बाद ही फोन उठा और सरोजा की मनमोहक आवाज आई जिसको सुन कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई

सरोजा - हेलो कौन
मै चुप रहा
सरोजा थोडा गुस्से के भाव मे - अरे कौन है भई बोलो तो हेल्लो

मै एक सहमे आवाज मे - म म मै बोल रहा हू राज
मेरी आवाज सुन कर सरोजा भी शांत होकर बोली - ओह्ह राज तूम हो
फिर एक बार हमारे कालिन्ग पर खामोशी छा गई
सरोजा - कहो कैसे याद किया खाना पिना हुआ

मै थोडा संकोची भाव से - ह हा हा हो गया और आपका

सरोजा ह्स कर - अरे तुम ऐसे क्यू बात कर रहे हो अभी दोपहर मे बडे जोश मे थे

मै सरोजा की दिल्कस बात सुन कर की वो नाराज नही है तो मै अपने मस्ती भरे अंदाज मे बोला - जोश मे तो अब भी हू कहो तो दिखा दू हिहिहुही

सरोजा हस के - अच्छा जी दिखाना तो तुम्हारा जोश हिहिहिही

मै झट से अपना लोवर निचे कर अपना खड़ा लण्ड बाहर निकाल कर उसकी एक अच्छी से तस्वीर निकाली और सरोजा के वॉटसआप पर भेज दी

मै हस कर - अपना व्हाटसअप खोलिये देखिये मैने भेजा है अपना जोश

सरोजा हस के - मतलब
मै हस के - अरे देखिये देखिये

थोडी देर मे सरोजा की आवाज आई - छिईईई गंदे लडके ये क्या भेजा है हमम्म

मै हस के - क्यू है ना मोटा और बड़ा मेरा जोश
सरोजा हस कर - भक्क गन्दे कही के

मै ह्स के - क्यू पसंद नही आया
सरोजा शर्म से - तूम ना ,, रखो फोन मै तुमसे बात नही करने वाली अब बहुत गन्दे हो ,,

मै हस के - हा जान रहा हू क्यू फोन रख रही हो आप
सरोजा - अच्छा जी बताओ तो क्यू

मै हस के - फोन रखने के बाद शायद आप मेरे जोश को देख कर पसीना पसीना होने जा रही हो ।

सरोजा - धत्त पागल ,, ऐसा कुछ नही है मै बाद मे बात करती हू कोई बुला रहा है ,,चलो बाय गुड नाइट

मै ह्स के - हा बाय गुड नाइट
फिर फोन कट गया और मै मुस्काराता हुआ सरोजा के साथ के सपने बुनते हुए सो गया ।

रात के करीब साढे 12 बजे मेरा मोबाईल रिंग हो रहा था जिससे मेरी निद खुली और मैने फोन देखा तो सरोजा का ही फोन आ रहा था

मै थोडा सोचा की इत्नी रात मे सरोजा फिर से फोन कर रही है

मै झट से उठ के बैठा और फोन रिसीव कर हैल्लो बोला की उधर से एक मादक सिसकी भरी आवाज आई

सरोजा बड़ी ही कामुक आवाज मे कसमसाते हुए बोली - राआआज्ज्ज सो गये हो क्या

मै सरोजा की आवाज से थोड़ा आवाक रह गया और उसकी कामुक भरे शब्द मेरे लण्ड मे तनाव करने लगे
मै हड़बड़ा कर - न न नही तो बताईए क्या बात है , अभी सोयी नही आप

सरोजा लडखती जुबान मे - ओह्ह्ह मेरे प्यारे राआअज तूमने तो मुझ पे जादू कर दिया है अह्ह्ह मा उम्म्ंम्ं

मुझे समझते देर नही लगी की हो ना हो सरोजा ने ड्रिंक किया है
मै - क्या हुआ सरोजा जी आप ऐसे क्यू बोल रही है मैने क्या किया

सरोजा नशे मे लडखडाती जुबान से - तूम्हे पता है तालाक के बाद मैने किसी मर्द का लण्ड नही देखा था और आज्ज्ज्ज तुमने अपना लण्ड दिखा कर मेरे अन्दर की आग को भड़का दिया है राज अह्ह्ह्ह

मै घबडाहट से थूक गटकते हुए - ये आप क्या कह रही है सरोजा जी आपने कही ड्रिंक तो नही की ना

सरोजा ह्स के - हा राज की है मैने ड्रिंक लेकिन वो नशा तुमहारे नशे के आगे बेकार है राआआज्ज्ज आओ ना चोद दो मुझे अह्ह्ह देखो ना कबसे अपनी चुत रगड़ कर झड़ रही हू अह्ह्ह देखो ना फिर से झडने वाली हू मै अह्ह्ह राजज मुझे चोद दो ना अपने मोटे लण्ड से प्लीज राज अह्ह्ह मा अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ घुसा दो मेरी चुत मे इसको अह्ह्ह

मै घबडाहट से पसिना पसीना हुए सोच रहा था कि कही मैने सरोजा की आग भडका कर कोई गलती तो नही की कही मेरे लिए मुसीबत न बन जाये ये

इधर फोन पर सरोजा मेरा नाम लेके झड़ते हुए शांत हो गयी और थोडी देर बाद मै भी फोन काट कर एक गहरे विचार मे खो गया और कब सो गया पता ही नही चला।

अगली सुबह मै 6 बजे उठा और जोगिंग के लिए गया लेकिन कही भी मुझे सरोजा नही दिखी तो मै भी वापस घर लौट आया और नहा धो कर नासता किया फिर दुकान पर चला गया ।

पुरा समय मै रात वाली घटना को लेके सोचता रहा और डर के मारे सरोजा को फोन तो क्या एक मैसेज करने की हिम्मत नही हुई ।

ऐसे ही मै दोपहर मे दुकान मे गहरी सोच मे बैठा था कि मा खाना लेके आई और मुझे सोच मे देख कर

मा - अरे बेटा क्या हुआ क्या सोच रहा है

मै चौक कर - नही नही मा कुछ नही ,
मा - तो चल हाथ मुह धुल के आ और खाना खा ले फिर पापा के लिए खाना लेते जाना

मै पापा के पास जाने को लेके थोडा सोच मे पड गया जिसको मा भी देख रही थी ।

मा मुस्कुरा कर मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए - तू होली वाली बात को लेके परेशान है ना कि पापा के सामने कैसे जायेगा

मै - हम्म्म मा
मा - चिंता ना कर तेरे पापा बात करेंगे तुझसे इस बारे मे

मै संकोची होकर - लेकिन
मा मुस्कुरा कर - लेकिन वेकिन छोड और तू खाना खा ले फिर हम दोनो

मै खुशी से मा को हग कर बोला - सच मे मा
मा हा मे सर हिलाती है और फिर मै जल्दी से खाना खा कर खतम किया और थोडा दुकान का शटर गिरा के मा की जबरदस्त चुदाई की और खुशी मन से खाना लेके पापा के पास निकल गया


रास्ते भर मै सोचता रहा की पापा का सामना कैसे करूँगा और आने वाली परिस्थिती के लिए खुद को तैयार कर मै खाना लेके पापा के पास गया जो दुकान मे बैठे थे

मै एक दबी आवाज मे - पापा खाना
पापा की नजर जैसे मुझ पर गयी वो खुश हुए लेकिन मुझे नजरे चुराता देख उनको अपनी गलती याद आई और बोल शांत होकर बोले - बेटा खाना अन्दर रख दे मै आता हू ।

मै घबडाहट से आजाद हूआ कि अब उन्के सामने नही जाना पडेगा और मै झट से खाना रेस्टरूम मे रखा और वापस निकल ही रहा था कि पापा सामने आ गये ।

उनको सामने देख के पता नही क्यू मेरी फटने लगी और मै फिर से नजारे चुरा कर जाने को हुआ तभी

पापा - राज बेटा आओ बैठो मुझे कुछ बात करनी है
मेरी तो घिग्गी बन्ध गयी और थूक गटकते हुए वही खड़ा रहा ।
मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज हो गया था थी जिसका असर मेरे चेहरे पर हो रहा था ।

लेकिन पापा के चेहरे पर एक मुस्कान थी जिससे मुझे थोडी राहत हुई

पापा - अरे खडे क्यू हो आओ बैठो , लो ये पानी पीयो

फिर मैने ग्लास पापा के हाथ से लिया और गटागट पानी खतम कर एक गहरी सास ली
पापा मुस्कुराते हुए मुझे एक तस्वीर अपने पर्स से निकाल कर दिखाते है , जिसमे उनके जवानी की तस्वीर थी और उनके कन्धे पर हाथ रखे मेरे स्व. दादाजी थे ।

मै दादाजी की तस्वीर देख कर खुश हुआ
तो पापा मुस्कुराते हुए बोले - जानते हो बेटा मै और बाऊजी बहुत अच्छे दोस्त थे

मै पापा की बातो से मुस्कुराया
पापा - तू यकीन नही मनोगे बेटा
वो बहुत अच्छे शायर भी थे और मुझे प्यार मुहब्बत की शायरिया सिखाते थे । लेकिन मुझे इनसब में कोई रुचि नही होती थी

मै पापा की बाते सुन कर हस रहा था लेकिन कोई खास रिएक्ट नहीं कर रहा था ।
पापा भी इस बात को बखूबी नोटिस कर रहे थे ।

पापा - पता है बेटा आज उनके साथ रहने और समय बिताने का नतिजा है कि मै एक बेहतर जीवन जी रहा हू ,, उनके साथ बिताये समय के अनुभव से मैने बहुत कुछ सिखा और वो भी मुझे बहुत प्यार से समझाते थे चाहे कोई भी टोपिक हो ।

मै पापा की बाते ध्यान से सुन रहा था ।
पापा ठहरते हुए शब्दो मे - बेटा देख मै अब ज्यादा बातो को घुमा नही सकता ,,,मै चाहता हू कि तू होली वाले दिन की बात को लेके मेरे बारे कोई गलत ख्याल ना लाये ।

मै पापा की बात सुन कर थोडा अनकॉमफ़ोर्ट मह्सूस करने लगा

पापा मुझे समझाते हुए - देख बेटा मै भी चाहता हू तू भी तेरे मन मे जो भी बात है बेझिझक मुझसे कह जैसा मै मेरे बाऊजी से कह देता था । अब तू बड़ा हो गया है और तेरे मन में कही न कही मुझको लेके कोई बात जरुर चल रही होगी ।

पापा ने अपनी बात खतम की और थोडा सन्नाटा छाया रहा तो मै एक गहरी सांस ली और हिम्मत कर बोला - नही पापा ऐसी कोई बात नही ,,मुझे आपसे कोई शिकायत नही है और वो तो गलती मेरी थी मै बिना बोले उस दिन कमरे मे आ गया था हा लेकिन मुझे थोडा सा अजीब लगा जब छ्त पर आपको देखा तो

इतना बोल कर मै चुप हो गया और पाप के बोलने का इन्तेजार करने लगा ।

पापा थोडा गंभीर भाव मे मुझे सम्झाते हुए - दरअसल बेटा वो उपर छ्त पर जो हुआ उसमे मेरी गलती नहीं थी ,,वो मै तेरे मा के साथ लगा था और अचानक से कब तेरी चाची आ गयी और तेरी मा को समझ नही आया कि क्या करे तो झट से उसने तेरी चाची को खिच लिया कि कही वो किसी को बता न दे और अनजाने तेरे चाची का मुह तेरे मा के स्तन पर चला गया और फिर बाकी तू जानता ही है ।


मै पापा के सफाई देने के तरीके पर मुझे हसी आ रही थी लेकिन मै उसको मुह मे दबा कर ब्स मुस्कुरा रहा था

पापा मुझे मुस्कुराता देख खुद को थोडा हल्का मह्सूस किया और बोले - तो अब कोई झिझक नही है ना तेरे मन मे बेटा

मै मुस्कुराकर - जी नही पापा
पापा ह्स्ते हुए - शाबाश !! आ चल अब खाना खाते है

मै - नही नही पापा आप खाओ मै खा के आया हू
पापा - अच्छा ठीक है तू बैठ मै तेरे लिए जूस मगवा देता हू

मै ह्स कर - अरे नही नही पापा रहने दो

पापा खडे होकर - अरे बैठ भई शर्मा तो ऐसे रहा है जैसे बाप के आगे नही ससुर के आगे बैठा हो हाहाहाहह

मै पापा की बात सुन कर हसने लगा और वो बाहर किसी नौकर को एक जूस लाने को कहा और वापस आकर खाना खाने बैठ गये ।
मै वही बैठा रहा है

पापा - तब और बताओ बेटा कुछ
मै अचरज के भाव मे - क्या पूछिये पापा

पापा खाना खाते हुए - तब और बताओ हमारी होने वाली बहू से कब मिलवा रहे हो

मै शर्मा कर - जब कोई रहेगी तब ना मिलवाउँगा हिहिहिही

पापा चौकाने के भाव से - धत्त मतलब इतनी उम्र मे तुने कुछ नही किया

मै हस कर ना मे सर हिलाया
पापा - अरे जब मै तुझसे छोटा था तभी बाऊजी के पास मेरे कारनामो की शिकायते पहुचने लगी थी हिहिहिही

मै हस कर उत्सुकता से - कैसे कारनामे पापा
पापा हस कर - अरे वही सब कही इस खेत मे पकड़ा जाता किसी के साथ तो कोई अपनी बिटिया से मुझे दुर रखने की सलाह देने बाऊजी के पास आता

मै हस कर - फिर दादा जी क्या बोलते थे हिहिही

पापा हस कर - बाऊजी तो मेरे पक्के दोस्त थे और वो मुझे सम्झाते की ये सब कैसे छिप छिपा कर करना चाहिए हाहहहह

मै चौकने के भाव मे ह्स कर - भ्क्क्क सच मे
पापा ह्सते हुए - हा भई, लेकिन मेरी आदत तब बिगड़ चुकी थी फिर हार मान कर बाऊजी ने मेरे लिए रिश्ता देख कर तेरी मा से शादी करवा दी

मै थोडा मुस्कुरा कर शर्माने लगा
पापा मुझे छेड़ने के अंदाज मे - वैसे एक बात पूछू राज बेटा

मै खुशी से मुस्कुरा कर - जी पापा बोलिए
पापा - तुझे कैसी लडकिया पसंद है

मै समझ गया कि पापा धीरे धीरे अब मेरे तरफ बातो को घुमाने वाले है और मै भी उन्के साथ खुल कर शादी से पहले की उनकी सारी चतपति बाते और मस्तियो के बारे मे जानना चाहता था ।


मै थोडा शर्म से भाव मे - मतलब मै समझा नही पापा

पापा हस कर - अरे मेरे कहने का मतलब है तुझे कैसी औरत पन्सद है ,, तेरी मा कैसी भरी हुई या तेरे दीदी जैसे जवान बदन वाली


पापा ने मा और दीदी की चर्चा छेड़ कर मेरे तन मे एक सिहरन सी दौडा दी थी ।
मै संकोचवश कुछ बोल नही पा रहा था लेकिन मेरा पुरा मन था कि मै पापा को ये बताऊ की मै कैसे उन्के साथ मिल कर मा को चोदना चाहता था ।


पापा मुझे खोया हुआ देख के - क्या हुआ बेटा कुछ गलत तो नही ना पुछ लिया मैने

मै हलका सा हस कर - न न नही पापा ऐसा नही ,,लेकिन

पापा - लेकिन क्या बोलो बेटा , मुझसे ना शर्माओ , मै चाहता हू कि तुम भी मेरे साथ अपने दिल की बाते करो और नयी नयी चीज़ो के बारे मे जानो समझो ,आखिर तुम अब बडे हो रहे हो


मै मुस्कराकर - जी पापा , वैसे देखने मे तो दोनो अच्छी लगती है आखिर वो मेरी मा और बहन है ना

पापा हस कर - अरे बेटा एक भाई और बेटा बन कर नही एक मर्द बन के बताओ कि तुमको मौका मिले तो तुम किसके साथ समय बिताना चाहोगे अपनी मा के साथ या बहन के साथ
मै थोडी हिम्मत कर लड़खते शब्दो मे - वो मुझे वैसे मा ज्यादा अच्छी लगती है
ये बोल कर मै गरदन घुमा कर मुस्कुरा कर शर्माने लगा

पापा मेरे जवाब को तब्ज्जो देते हुए - अरे वाह जनाब पसंद तो आपकी बहुत बढिया है लेकिन क्या आप बतायेंगे कि आपने अपनी मा को क्यू चुना

मै शर्मा के ह्स्ते हुए - बस ऐसे ही पापा, मा मुझे अच्छी लगती है । उनकी स्किन बहुत मुलायम है और वो मुझे बहुत प्यार करती है और उनके

अब तक पापा खाना खा चुके थे और हाथ साफ करते हुए
पापा - और और ,, आगे बोलो बेटा

मै शर्मा कर - वो मा के बडे बडे दूध अच्छे ल्गते है मुझे

मै जानता था कि पापा मुझसे यही सब सुनना चाहते हैं पर मै इतना जल्दी खुलना नही चाहता था ।

पापा एक गहरी सास लेते हुए अपनी पैंट मे उभरे लण्ड को सेट करते हुए - आह्ह बेटा बात तो तेरी सही है ,,,तेरी मा के मोटे दूध है ही कमाल के ,,,मजा आ जाता है चुस के


मै पापा की बात सुन कर उत्तेजित हो रहा था लेकिन अपनी भावनाये रोक कर खुद को जान बुझ के शर्म से आच्ल से ढका हुआ था

पापा मुझे टटोलते हुए - बेटा तेरा मन नही करता कि तू फिर से तेरी मा के मोटे दूध पिए

मै पापा की बात सुन के सच मे चौक गया और मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई और मुझे समझ नही आ रहा था कि मै क्या जवाब दू इसका


मुझे चुप देख के पापा बोले - क्या हुआ बेटा बोल ना

मै मुस्कुरा कर - धत्त नही , वो मम्मी है मेरी , आप भी न हिहिहिही

पापा - अरे बेटा मा के दूध पर पहला तक तो तेरा ही है हाहाहाहा , वैसे तेरी मर्जी

पापा - अब से तू मुझे अपना दोस्त समझ और कुछ भी पुछना हो जानना हो तो हिचक ना करना

मै खुश होकर - जी पापा ,,अब मै जाऊ मा को वापस घर जाना है ना

पापा हस कर - अरे हा हा बेटा तू निकल ये टीफिन मै शाम को लेते आऊगा

फिर मै वहा से निकल पुराने घर की तरफ चल दिया और रास्ते भर पापा के साथ बिताये पलो को याद कर उत्तेजित होकर मुस्कुरा रहा था ।

फिर मै
दुकान पहुच कर मा से सारी बाते शेयर की और मा को बोला कि पापा को हमारे बारे ना बताये क्योकि मै पापा के तरीके से मजा लेना चाहता हू
और फिर हम दोनो आने वाले समय के लिए सपने बुनने लगे

जारी रहेगी
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Nice Update...
 
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