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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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5,003,845 ( 50 Lahks Views Bhai Congratulations ❤️🙏 )
Well Done Good Job GIF

You Deserve More Keep It Up ❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏
Thnxxx
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Writer sahab to dhire dhire le ja rhe hai kahani ko kamukta ki gjb ki peek par ek hi baar me gjb ka Sangam dekhne ko milega gjb waiting for next dhamakedar update
Shukriya bhai
 

DREAMBOY40

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Dreamboy40 bhai
Aap ko bht bht bdai bhai ji aap ki story itni jada pasand ki ja rahi h meri to xforum me sabse jada pasand story me aap ki or tarkipo bhai ki story h
aap ko congratulation bhai 50 lakh view k liye
Thnxxx again
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 190

राज के घर


कमलनाथ असमंजस मे था
क्योकि ऐसी पटाखा और भरे बदन वाली मॉडर्न औरत के बारे मे जंगी इतना स्योर कैसे हो सकता था ।

कमलनाथ - क्या तुम सही कह रहे हो जंगी भाई

जन्गी ठहाका लगाते हुए - हाहाहहा हा भाई बहुत अच्छे से जानता हु इसको

कमलनाथ - अरे मेरा मतलब वो जो तुमने अभी कहा ना की ये एकनम्बर की रन...

जंगी कमलनाथ छेड़ता हुआ - हम्म ह्म्म्ं क्यू भाई साहब भाभी जी से अभी से ऊब गये उम्म

कमलनाथ हस्ता हुआ अपना मुसल खुजा कर - हाहाहा वो बात नही जंगी भाई , वो कहते है ना घर की चिकन तंदूरी के साथ साथ बाहर पिज़्ज़ा भी कभी कभी खा लो तो हरज नही होता कुछ , बस ऐसा ही कुछ


जन्गी हस कर - हाहाहा चिकन तंदूरी वाह क्या बात है भाभी जी है भी वैसे चिकन हिहिहिहिही

कमलनाथ - हम्म वो तो तुम देख ही सकते हो भाई , ऐसी बीवी हो तो उसे दाल रोटी कहना तो बेज्जती ही हुई ना हाहाहा
जंगी ठहाका लगाता हुआ - हाहहाहा बिल्कुल भाई साहब

कमलनाथ आंख दबा कर - वैसे इस पार्लर वाली से आपका कैसे ?परिचय कुछ समझ नही आया ??

जंगी - अरे कमल भाईआपने तो हमारी बीवी को देखा ही है , मैडम को जब भी कही आना जाना होता था बार बार हमे या घर मे किसी को उन्के साथ जाना पड़ता था ।

कमलनाथ - हम्म्म फिर
जन्गी - फिर क्या , बार बार पार्लर का चक्कर लगाने से बिरादरी मे थोड़ी बाते उठने लगी थी इसीलिए मैने कहा कि अगर जरुरत हो पार्लर की तो घर मे आ जाया करेगी ।

कमलनाथ- फिर
जन्गी - भाईसाहब फिर वही हफते दो हफ्ते पर बॉबी जी के दर्शन हो जाते थे घर पर , साली ऐसा कातिल मुस्कुराती थी कि पजामे मे तम्बू बन जाता था
कमलनाथ सिसिक कर अपना मुसल दबाता हुआ- अच्छा!!

जन्गी - फिर हमने भी इसकी शिनाख्त की और बीवी से इसके बारे मे बाते की तो पता चला कि हर रविवार ये बड़े शहर आती जाती है ट्रेनिन्ग देने के लिए

जन्गी - बात मुझे कुछ खास जमी नही फिर कुछ दिनो बाद सन्जोग से मेरा भी बड़े शहर जाना हुआ और दिन रविवार का निकला

बड़े शहर जाने वाली बस का इंतजार ये भी कर रही थी और मै भी , इसने अपनी जवानी के जलवे दिखाने और इतराने के नशे मे मुझे देखा नही और मै पहले ही पीछे बैठ गया ।

शहर उतरते ही इसके लिए एक टैक्सी आई और मैने भी औटो से पीछा किया तो ये होटल सिटी किंग मे पहुची

मुझे समझते देर नही लगी कि ये वहा किस लिये आई थी

कमलनाथ - किस लिये
जंगी हस कर - दरअसल कमल भाई , होटल सिटी किंग एक बदनाम मगर गुप्त अय्याशी का अडडा है । मै भी कभी कभी अपनी चिकन कबाब से बोर होता तो यहा बिरयानी खाने आ जाता था हाहाहा

कमलनाथ हस कर - ओहो चिकन कबाव हिहिहिही , फिर

जंगी - फिर क्या वहा के कुछ स्टाफ से मेरी पहचान थी तो जब मैने बॉबी के बारे मे पूछा तो पता चला कि रविवार वो यहा क्लाइंट देखने और अपना कामों से उपजे अकेलेपन को दुर करने आती है ।
कमलनाथ - अकेलापन मतलब इसका पति कहा है
जंगी - है पति और पान की दुकान है उसकी मगर साला एक नम्बर का नल्ला आदमी है यार

कमलनाथ - फिर क्या हुआ होटल मे मुलाकात हुई
जंगी - हा हुई ना मैने स्टाफ से बोलकर उसको अपने कमरे मे बुलवाया और स्टाफ को खास कहा कि उसे मेरे बारे मे भनक नही होनी चाहिए

कमलनाथ - फिर क्या हुआ
जन्गी हस कर - फिर क्या होना था वो आई और मुझे देख कर चौक गयी मैने मुस्कुरा कर उसका स्वागत किया और उसे तसल्ली दी कि मै उसके इस काम के बारे मे चुप रहूंगा

जन्गी की रस्भरी बाते सुन कर कमलनाथ थुक गटक कर- फिर !!
जन्गी - फिर वही हुआ जो होना था , 2 राउंड वो भी सिर्फ ऐनल

कमलनाथ अपना तनमनाया मुसल भींचता हुआ अपने टांगो को स्ट्रेच किया - अह्ह्ह भाईसाहब तो फिर अभी ये बुलबुल तो अपने आंगन मे आई है , पानी पिलाना चाहिए क्यों ?
जंगी - सीई आह्ह कमल भाई दिल की बात बोल दिये तुम

कमलनाथ - मगर होगा कैसे ?
जंगी - अरे चिड़िया पकडनी है तो दाना डालना ही पड़ेगा ना

कमलनाथ - ठिक है आप थोडा अपनी ओर से तब तक जाल फेकों मै जरा नहा के फटाफट आता हूँ

जन्गी - हा हा क्यो नही हाहाहाहा

**************************************


इधर दोपहर मे खाने पीने का प्रोग्राम शुरु हुआ और सारे लोग चंदू के मकान पर ही एक जूट हुए , वही पर खाने पीने का इंतजाम हुआ था ।

घर की औरतें महिलाएं जल्दी जल्दी खाने पीने मे लगी हुई थी कारण था मेकअप आर्टिस्ट बॉबी का जल्दी आ जाना ।
इधर राहुल अनुज अरुण राज सब मिल कर खाना परोस रहे थे । बबिता का मन अभी एकदम से उतरा हुआ था , वो सहमी हुई थी ।
ऐसे मे राहुल थोड़ा तुनकते हुए पूरी का बर्तन लेके उसके पास पहुचा

राहुल बबिता के पास ख्दा होकर - पूरी पूरी पूरी !!! चाहिये क्या

बबिता खिझी और मुह मे निवाला चबाते हुए एक उंगली उठाइ तो राहुल ने दो गर्मागर्म पूरियां उसके थाली मे रख दी ।

बबिता आंखे उथा कर उसको हस्ता देख रही थी और भितर भड़कती गुस्से की आग उसकी आंखो मे उतर गयी थी कि बगल मे बैठी निशा ने उसको थपथ्पाया - क्या हुआ ??

बबिता अगले ही पल शान्त हो गयी और वही राहुल अपनी मस्ती मे लगा रहा ।

वही इनसब से अलग गीता का पूरा ध्यान खाने पर ही था मगर अरुण को उसका ये रूप भी भा रहा था ।

अरुण सलाद का प्लेट लेके उसके पास गया और उसकी थाली के रखता हुआ
- थोड़ा ये भी दू

गीता खाने के मूड मे - हा हा रखो ना
और जैसे ही उसकी नजर सामने अरुण पर गयी उसके गले से उतरता निवाला मुह मे आ गया और वो मुह फुलाये मारे लाज के नजरे फेरे शर्माने लगी ।

बस इतना ही काफी था दोनो की आंखे चार होने के लिए, गले से निवाला गटक कर गीता अपने गुलगुले गालो की लाली बढ़ाते हुए मुस्कुराई ।
अरुण भी मुस्कुरा कर आगे बढ़ गया ।

वही राज ने भी घर की बाकी महिलाओं के साथ अपनी भाभीयों का ख्याल किया ।

इधर खाने का प्रोगाम चल रहा था कि रागिनी ने घर मे सबकी गिनती की तो पता चला कि रन्जू ताई अभी गाव से आई ही नही है ।

रागिनी पंखुडी से - अरे बहू ये तेरी सास क्यू नही आई

पंखुडी- जी चाची वो तो बाऊजी की राह देखने रुक गयी , बाऊजी खेत गये थे ना

रागिनी हस्ती हुई - हुहू बाऊजी की राह देखने रुक गयी ,,अरे क्या बाऊजी की गोद मे आयेगी क्या

रागिनी की बात पर सब औरतें खिलखिलाकर हस दी
रागिनी - राज बेटा जरा देख तो कहा रह गयी तेरी ताई
राज - अरे लेकिन मै जाऊंगा कैसे
रागिनी - अरे वो स्कूटी लेले ना

राज चहका - अरे हां
तबतक भंडारी वाला आदमी जिसकी स्कूटी थी वो बोला - अरे छोटे सेठ चला लेते हो ना

राज हस कर - अरे इसमे क्या है ये तो साइकिल है
भंडारी - हा लेकिन गाव की सड़क थोड़ी सही नही है तो ध्यान से जाना

राज ने उसको आश्वत किया और फिर स्कूटी लेके निकल गया ।
इधर वही खाने वाले टेबल पर एक कोने मेकअप आर्टिस्ट बॉबी और उसकी असिस्टेन्ट रूबी भी खा रहे थे । और उनकी खातिरदारी मे लगा था जंगी खुद

जन्गी - बॉबी जी और कुछ लाऊं
बॉबी ने अपनी कजरारी आंखें उठा कर खीरे का बाईट अपने दूधिया दांतो से काटते हुए मुस्कुराई और ना मे सर हिलाया ।

जन्गी रूबी को - और तुमको बेटा कुछ
रूबी - जी नही अंकल

जंगी - बॉबी जी कुछ चाहिये होगा तो कहिएगा
बॉबी ने बड़ी कातिलाना अदा ने मुस्कुराते हुए और जन्गी के इरादो को भापते हुए हा ने सर हिलाई ।


जंगी का मुसल पजामे मे तन गया और कमलनाथ लपक कर उसकी ओर बढा- क्या हुआ भाई साहब कुछ कहा क्या ? जो ऐसे हिहिहिही

जन्गी फौरन घूम कर अपना लौडा सेट करता हुआ - अरे भाई इसकी आंखे है या अह्ह्ह साली ने देख कर खड़ा कर दिया
जन्गी की स्थिति से कमलनाथ ने जिस्म मे भी सुरसुराहट सी होने लगी - फिर भाई साहब कुछ हो सकता है या नहीं

जन्गी - हम्म करना तो पडेगा ही आओ इधर चलते है

जंगी कमलनाथ को लेके घर की ओर चल दिया और एक शान्त जगज देख कर फोन निकाल कर घुमा दिया

कमलनाथ - किसे फोन कर रहे हो

जन्गी ने बिना कुछ बोले मोबाईल स्क्रीन कमलनाथ की ओर घुमाई जिस्पे लिखा था " BOBBY Parlour"

कमलनाथ का कलेजा थोडा धड़का
तबतक बॉबी ने कॉल पिक किया

बॉबी - हम्म्म बोलिए
जंगी मुस्कुराता हुआ अपना लन्ड भीच कर - और बॉबी जी कैसी है आप

बॉबी इतरा कर बोली - क्यू देखा नही आपके सामने तो थी
जन्गी सिस्क कर - सीईई उह्ह्हुऊऊ देखने तो बवाल लग रही हो आज , क्या इरादा है
बॉबी - हम्म्म आज तो बिज़ी हु और कारण आप समझ ही सकते हो

जन्गी - अरे कुछ पल हमे भी देदो नाह्ह्ह सीईई
बॉबी जन्गी की सिसकियाँ भरी आवाज पर मुस्कुरा कर - देखती हुई अगर टाईम मिला तो , वैसे आप आज रहेंगे कहा

जंगी - जहा आप कहे
बॉबी - ठिक है देखती हु और मैसेज कर दूँगी मै

फिर फोन कट जाता है और जंगी चहक कर - भाई साहब हो गया , बस हमे समय से उप्स्थित होना होगा

कमलनाथ - तो क्या मेरा भी कुछ
जंगी हस कर - मेरे बाप पहले आप हाहाहहा


अमन के घर

भोला सलून से आने के बाद जब वो कमरे मे पहुचा तो कमरे का दरवाजा भिड़का हुआ था उसने दरवाजा बन्द किया और बाथरूम मे जाने लगा , उसे जोरो की पेसाब लगी थी और नहाना भी था ।
जैसे ही उसने बाथरूम का दरवाजा खोला सामने का नजारा देख कर उसकी आंखे फटी की फटी रह गयी

सामने उसकी लाडली बेटी बाथरूम मे पुरी नंगी होकर बाथटब मे बैठी हुई अपने कोमल जिस्म पर पानी से खेल रही थी , उसका जिस्म पानी मे साफ झलक रहा था ।

भोला का लन्ड पूरी तरह से तन गया और वो आवाक हो गया था अपने बेटी की जिस्म पर उभरे हुए गुलाबी निप्प्ल देख कर उसकी गले मे पानी भरने लगा


दरवाजे पर आहट पाकर रिन्की थोड़ा सतर्क हुई और जब उसने सामने अपने पापा को देखा तो- अरे पापा आप हो ? मै तो डर ही गयी थी हिहिही

भोला के लिए उसकी बेटी का यू प्रतिक्रिया देना नयी बात नही थी , क्योकि वो इससे भी कैजुअली होकर भोला से बात करती थी ।
मगर अभी जो उस्का रूप निखरा हुआ था , वो रिन्की का जवानी की दहलिज पर उतरने का साफ साफ निमन्त्रण था ।

भोला ने भी सामान्य होकर ही बोला - वो जरा मै पेसाब करने आया था और बेटी जरा दरवाजा अच्छे से बन्द कर लिया कर

रिन्की ने मासुमियत भरे भाव से - सॉरी पापा
भोला ने टोइलेट सीट के पास खडे होकार अपना मुसल निकाल कर अपनी बेटी के सामने मुतने लगा ।

बाप का उफनाया लन्ड देख कर रिन्की की सासे भी चढने लगी और वो बाथटब से उठकर उसके बारी पर बैठ गयी और हाथो से साबुन की झाग को अपने मुलायम कोरी छोटी छोटी सनतरे जैसी चुचियो प लगाती हुई - पापा ऐसा ही बाथटब घर पर ही लगवाओ ना

भोला अपना लण्ड झाड़ कर पैंट मे डालता हुआ
मुस्कुरा कर - अच्छा तो तु क्या करेगी , नहाना तो शॉवर से भी हो जाता है ना तेरा

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रिन्की इतरा कर चहकती हुई बाथटब मे उतरी - ओहो पापा लगवा दो ना प्लीज इसमे देखा ना कित्ना मजा आ रहा है हिहिही ऐसे ऐसे करने मे

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रिन्की बाथटब के पानी मे अपने कुल्हे उछालने लगी और उसकी रबर जैसी चिकनी मुलायम गाड़ को पानी मे डूबता उपराता देखा भोला का लन्ड पूरी तरह से तन गया ।
वो रिन्की की गोरी चिकनी गाड़ निहारता हुआ आगे बढ़ा तो रिन्की ने उसके जांघो को सहलाते हुए - प्लीज ना पापा

भोला की सासे उखड़ने लगी अपनी नंगी लाडली के स्पर्श से और वो अपनी लाडली को छूने से खुद को रोक नही पाया

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वो आगे झुक कर रिन्की की पीठ सहलात हुआ उसके रबर जैसी मुलायम लचीली गाड़ को फैलाता हुआ उसके गुलाबी बुर के फाको को सहलाया
पापा के उंगलियो का स्पर्श पाकर रिन्की सिसकी और साम्ने दिख रहे अपने पापा का मोटा मुसल पैंट के उपर से ही मस्लने लगी ।

भोला सिस्का - ऊहह उम्म्ं
रिन्की - पापा आप कहो तो मै इसको suck कर दूँगी पर प्लीज पापा लगवा दो ना उम्म्ंम

भोला ने एक गहरी आह भरी और सीधा खड़ा हो गया उसने
अपनी लाडली की आंखो मे देखा और उसे वही कामुक नशा नजर आया जो अक्सर उसे अपनी बीवी संगीता मे आता था ।

भोला - लेकिन ये बात सिर्फ हम दोनो के बिच रहेगी अपनी माअह्ह सेह्ह उम्म्ंम्ं मत कहना

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रिन्की ने अपने पापा के मुसल को पैंट के उपर से सहलाते हुए बेल्ट खोलने लगी - उम्म ओके पापा नही कहूँगी

भोला की सासे चढ रही थी और रिन्की के नाजुक हाथ उसकी पैंट की जीप उतार कर पैंट सरकाई ,,जिससे भोला का लन्ड रिन्की के आगे झूलने लगा ।

मदमस्त होकर रिन्की के आगे बढ़ कर उसे सुँघा और मुह खोल्कर मुह मे भर लिया और उसको चुस्ते हुए आंख बंद कर भीतर तक गटकने लगी

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भोला -ऊहह बेटा उम्म्ंम सीईईई ओह्ह ऐसे ही सीईई क्या मस्त चूस्ती है तुह्ह्ह अह्ह्ह उम्म्ंम

रिन्की भोला के आड़ो को छेड़ती हुई आन्खे उठा कर अपने पापा को निहारती हुई बड़ी ही कामुकता से लन्ड को गले तक उतार रही थी ।

भोला उसके बालो को सहलाता हुआ एडिया उचकाने लगा और सिस्कता हुआ - उम्म्ं बेटा तुझे ये सबब उह्ह्ह कैसे प्ताअह्ह्ह उम्म्ंम सीईई

रिन्की भोला का लन्ड मुह से निकालती हुई उसकी चमड़ी सहलाती हुई - मम्मी को देखकर पापा उह्ह्ह

भोला - ऊहह बेटी और तु सच मे उसके जैसे ही चुस रही है उह्ह्ह और सिखा है मेरी गुड़िया ने उमम्म

रिन्की मुस्कुराई और सुपाड़े की टिप पर जीभ नचाने लगी जिस्से भोला का शारिर कापने लगा उसके लन्ड की नसे फड़कने लगी - उह्ह्ह बेटाअह्ह्ह उम्म्ंम ऐसे हिह्ह उह्ह्ह येससससस बेटा उम्म्ंम और चुस और लेह्ह और लेह्ह्ह हा हा

20240121-154936
भोला ने रिन्की के सर को दबाते हुए उसके गले मे पुरा लन्ड उतार दिया था और एडिया उचका कर झटके खाने लगा और उसका वीर्य उसकी बेटी मे मुह भरने लगा

अभी वो आहे भर रहा था कि बाहर कमरे के दरवाजे पर दस्तक हुई , दोनो सतर्क हुए और भोला ने अपना लन्ड निकाल कर जोरो से भीच कर माल झाड़ने लगा और वही रिन्की अपनी बेकाबू सासो थामती हुई हाफ रही थी ।

इस आधे अधूरे मिलन से दोनो बुरी तरह से तड़प कर रह गये
भोला ने जल्दी से अपना लन्ड पैंट मे भरा और बाथरूम से भागते हुए इतना ही बोला - बेटी ये दरवाजा बन्द कर लेना तु

भोला बाथरूम से निकल कर दरवाजा खोलकर बाहर आया तो सामने देखा मदन था ।

मदन - अरे जीजा कहा रह गये थे
भोला - भाई सलून से आने के बाद नहाने के लिए जा रहा था और तुम दरवाजा पीट दिये , मै सोचा क्या आफत आ गयी ।

मदन हस कर - अरे जीजा नहाना बाद मे ये कुछ समान चाहिए वो अभी कुछ देर बाद दूल्हा तैयार होगा तो लगेंगे

भोला - ठिक है चलो
इधर ये दोनो निकल गये और वही बाथरूम मे रिन्की की चुत पनिया कर रह गयी ।
आज के मौके पर उसे अफसोस भी था तो खुशी भी थी ।
पापा के लन्ड चूसने का मजा था तो नही चुद पाने का गम भी। जैसे तैसे मन रख कर वो नहा कर बाहर निकली और तैयार होकर सिर्फ टीशर्ट और लोवर मे अपने बाल सुखाने के लिए छत पर चली गयी ।

***********************************

इधर राज स्कूटी लेके फूलपुर गाव की ओर बढ़ गया था , हाईवे से पक्की सड़क पर उसे दिक्कत तो नही हुई मगर गाव की कच्ची सड़क पर कुल्हे उछलकूद कर उसे बडी दिक्कत सी हुई

जैसे तैसे करके बडी सावधानी करके वो गाव मे आ गया और फिर रंजू ताई के घर की ओर बढ़ गया ।

वही हफ्तों बाद रंजू ताई घर मे खुद को अकेला पाकर अपने कमरे का दरवाजा बन्द किये बिस्तर पर आराम से दिवाल का टेक लिये , अपनी अपनी साडी और पेतिकोट को जांघो तक उठाए एक बड़ा सा मोटा खिरा अपनी बुर मे पेलते हुए सिस्कियां ले रही थी ।

जमुना प्रसाद की ढलती उम्र और खेती बारी की थकान ने उनका सहवास करने की ताकत छीन ली थी , ले देके अपने देवर रंगी से कभी कभार मिलकर अपनी जलती चुत की कामाग्नि बुझा लेती नही तो किसी मोटे ताजे लन्ड की कल्पना मे ऐसे ही खीरे बैगन भरती हुई खुद की प्यास मिटाती ।

बजबजाती बुर मे फचरफचर खीरा पुरा चुत मे कसा हुआ जा रहा था ...

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रंजू अपने चरम पे थी उसका जिस्म पसीने से नहाया हुआ था और वो मादक घुटी हुई सिसकियां लेते हुए जोर जोर खिरा अपनी बुर मे पेले जा रही थी कि तभी उसके कमरे के दरवाजे पर दसत्क हुई


"ताई ओ ताई , अरे सो रही हो क्या " , राज ने दरवाजा जोर जोर से खटखटाया ।
भीतर से रंजू की सासे अटक गयी , छोटे कद के वजह से वो दरवाजे की कुन्डी पूरी लगा नही पाती थी , बस उसने अटका कर छोड़ा हुआ था ।

उसकी नजर दरवाजे की कुंडी पर थी और राज के दरवाजा पर जोर से खटखट होने से वो निकल गया और दरवाजा खुलने को हो गया ।

हड़बड़ाई रन्जू ने झट से अपनी साड़ी निचे सरका दी और सामने से राज कमरे मे दाखिल हुआ ।

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अस्त व्यस्त और बिखरा पड़ा बिस्तर , घुटनो तक चढा हुआ पेतिकोट और उसपे लिपटी हुई साडी, बिना आंचल का खुला पड़ा जोबन
बिन ब्रा वाले ब्लाउज मे अव्यवस्थित हुए चुचे और उनके उभरे हुए निप्प्ल
इनसब से अलग पसीने से लाल हुआ रंजू ताई का चेहरा देखकर राज को अचरज हुआ ।

राज - क्या हुआ ताई आप ऐसे , अभी तक तैयार नही हुई । मा कबसे आपको राह देख रही है चलिये

रन्जू मुस्कुरा कर - अरे मै तैयार ही हु रे , ये तेरे ताऊ की राह देखते मै सो गयी और कर्मजली बिजली भाग गयी तो ये हाल हुआ पड़ा है ।

राज ने हाथ बढा कर रंजू ताई को खड़ा होने का आग्रह किया , संकोचवश रंजू ताई अपनो जान्घो और चुत के छल्ले मे खीरे को कसते हुए खडी हुई इस भय मे कि कही उसके भतीजे के आगे जांघो के बिच से सफेद मलाई मे लिभडाया खिरा गिर पडेगा तो बड़ी लाज की बात हो जायेगी ।

खड़ा होकर अपने पल्लू से मुह पोछ कर आईने मे खुद को देखये हुए अपने सिने पर आंचल चढाते हुए रंजू मुस्कुरा कर बोली - बेटा बस तु थोड़ी देर रुक मै अभी आई

राज जल्दी दिखाते हुए रन्जू का हाथ पकड कर कमरे से दरवाजे की ओर बढ़ता हुआ - नही नही ताई मै नही रुक सकता आप अभी चलो और मम्मी मुझे ही डाटेगी

रंजू बेबस होकर - अरे बेटा बस 2 मिंट रुक मै जरा बाथरूम से हाथ मुह धूल के आती हु

राज - क्या ताई इतनी सन्दर तो हो आप , मै स्कूटी लेके आया हु आप चलो वहा मेकअप वाली आयी है वो आपको हेरोइन भी बना देगी हिहिहिही

रन्जू हस्ती हुई - धत्त शैतान कही का , अच्छा चल

राज जल्दी जल्दी घर के बाहर आने लगा और रन्जू ने वही साडी के उपर से अपनी जान्घे खोल्कर खीरे को और भीतर घुसेड़ दिया और जांघो को वाप्स कसते हुए धीरे धीरे चल कर बाहर आई इस आश मे की वही राज के यहा ही इसको ठिकाने लगा देगी ।

बाहर आकर उसने घर का दरवाजा बन्द किया और वही सड़क पर राज स्कूटी का एक्सीलरेटर घुरघुराने लगा ।

रंजू आराम आराम से बड़ी सावधानी से चलती हुई राज की स्कूटी पर बैठते हुए बोली - आह्ह बेटा आराम से चलाना थोडा सड़क अच्छा नही है और इस उम्र मे गिराना मत नही तो

राज - अरे ताई अभी आपकी उम्र ही क्या है जो इतना डार रही हो मुझे कसके पकड लो हिहिहिही

रन्जू - चुप बदमाश कही का चल अब
राज ने एक्सीलरेटर बढ़ाया और ज़ूप्प करके स्कूटी गाव से बाहर खड़न्जे तक आ गयी

दो चार हच्के मे रन्जू का खिरा अब और उपर चढने लगा और रन्जू की बुर मे चोट करने लगा ।

रन्जू अपने बुर मे खीरे की चोट पर अपने सासो को थामती लाल हुए चेहरे से होठो के साथ साथ राज का कन्धा भी दबोचने लगी

राज - ओह्ह ताईई डरो मत गिरोगी नही

रंजू - अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ंम्ं
राज के कान खडे हो गये और वो स्कूटी रोक कर पीछे गरदन फेर कर ताई का परेशान लाल हुआ चेहरा देखा

राज - क्या हुआ ताई
रंजू - आह्ह कुछ नही बेटाआह्ह तु आराम आराम से ले चलह्ह

राज ने इग्नोर किया और स्कूटी स्टार्ट की और फिर कुछ देर मे खड़बड़ खड़ब्ड़ डगर पर स्कूटी उछलने लगी और रन्जू की बुर मे खीरा बच्चेदानी तक चोट करने लगा

रन्जू की सिसकिया और राज के कन्धे पर पकड तेज हुई तो राज ने फिर रोका - ताई क्या हुआ आपको कुछ दिक्कत है

रंजू की चुत बुरी तरह से चोट खा चुकी थी और खीरे की रगड़ ने खुब रस छोड रखा था ।
रन्जू ने आस पास देखा तो सड़क के आस पास कोई नही आ रहा था , और सड़क के बगल मे ही खेत थोडी निचे थी ।

रंजू - बेटा जरा रुक मै पेसाब करके आती हु मुझे दिक्कत हो रही है

राज अफसोस करके - ओह तो घर पर ही लेना था आपको
रन्जू - चुप कर शैतान कही का , बोली तो थी कि बाथरूम जा रही हु

राज हस कर - वो तो आप बोली मुह धुलना था आपको हिहिहिही

राज के हस्ते चेहरे को देखकर रन्जू हस दी और स्कूटी से उतर कर - यही रुक मै आती हु

राज ने ओके बोला और वही रन्जू को लगा कि उसका खिरा अभी भी उत्ना ही कसा होगा मगर उसकी रस छोड़ती बुर ने खीरे को निचे धकेल दिया था और जैसे ही रंजू कुछ कदम आगे बढी उसकी चुत से खीरा सरक गया

रंजू उसे सम्भालने के लिए निचे झुककर चिहुकी जिससे राज की नजर भी उसकी ओर गयि , मगर तब तक देर हो गयी थी ।

रज्जो की साडी के निचे से खिरा सरक कर खडंजे पर गिरा और धूल मे लसरा गया

राज ने जैसे ही ताई की साडी के बिच से खिरा सरक कर निचे गिरता देखा उस्का सुपाडा कुनमनाने लगा ।

रंजू ने घूम कर राज की ओर देखा तो उसे खीरे को घुरता पाया

वो शर्म से सर झुका चुकी थी और राज उसकी ओर बढ़ रहा था ।

रंजू राज को पास आता देख - वो बेटा मै ये वो

राज झुका और खीरे को उठा कर सड़क से दुर खेत मे फेक दिया - ताई आप फ्रेश हो कर आओ मै यही हु ।

राज जेब से रुमाल निकाला और हाथ पोछता हुआ वाप्स अपनी जगह पर आ गया
रंजू स्तब्ध थी और वो राज को निहारे जा रही थी ।

वो राज को समझने की कोसिस कर रही थी मगर नाकाम थी । दिल मे अभी भी भतीजे के आगे लज्जित होने का भाव था ।

रंजू - चल बेटा
राज ने मह्सूस किया कि ताई स्कूटी पर बैठ गयी है और उसने स्कूटी स्टार्ट कर दिया
फिर कुछ देर चुप्पी और हच्के के बाद राज बोला - ताई ये सेफ नही है , ऐसे आपको सीरियस चोट आ सकती थी ।

रंजू लाज मे मुह गिराये सोच रही थी कि इसमे भी राज के मन मे उसके लिये फिकर थी ।

राज - ताई ताऊ आपको प्यार नही करते क्या
रन्जू - नही वो !!
राज - हम्म्म इसीलिए आप पापा के साथ ?

रंजू का कलेजा मुंह को आ गया और उसकी सासे अटक गयी , राज ने आईने मे अपनी ताई का परेशान चेहरा देखा और मुस्कुराया - टेन्सन ना लो मै मम्मी को नही बताने वाला ।

रंजू कापते स्वर मे - तुझे कैसे पता बेटा उस बारे मे

राज हस कर - देखा था एक बार हिहिहिही उस दिन दुकान पर जब पापा आपको गोदाम दिखाने के बहाने हिहिहिही

रंजू मुस्कुराई ।
राज ताई को आईने ने मुस्कुराता देख कर - कभी अपने भतीजे को भी प्यार जताने का मौका दो ताई , पापा से ज्यादा खुशी दूँगा

ताई हसी और राज के सर पर पीछे से चपत लगाती हुई - अच्छा अब तु इतना बड़ा हो गया है कि

राज - आप मौका देके तो देखो ताई
रंजू - चुप बदमाश , सामने देख के चला हम लोग पहुचने वाले है

राज - आ गये ताई ,
राज रंजू को स्कूटी से उतर कर घर मे जाता देख - ताई सुनो ना

रंजू - क्या है बोल
राज इशारे से - प्लीज ना
रंजू हस कर - धत्त !!! हिहिहिही


जारी रहेगी
 
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