• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Scripted

Life is So Beautiful
Staff member
Sectional Moderator
5,175
7,460
174
Image upload nhi ho rhe hai .... wait karo jabtak server sahi nhi ho jata hai
Uploadhouse use kro bhai..badiya uploading site hai
 
  • Like
Reactions: DREAMBOY40

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,336
17,768
174
UPDATE 167 B

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

रात ढल चुकी थी और सोनल के घर सारे लोग अपने अपने कमरे मे जा चुके थे ।

लेकिन सोनल के कमरे मे काफी समय से हीही ठिठी भरी फुसफुसाहट जारी थी ।
निशा की शैतानी अब अमन के लिए भारी पड़ गयी थी ।
जिस तरीके से निशा ने अमन को लपेटा था वो बेबस था । उस बेचारे को ये भी नही पता था कि उसको परेशान करने के इस खेल उसकी प्रेमिका सोनल भी शामिल थी ।

दोनो बहने आपस की मिली भगत से अमन को परेशान किये जा रही थी ।
और आज सुबह की सारी बातें जब निशा ने सोनल को बताई तो भी मजे ले ले खुब ठहाके लगा रही थी ।


निशा खिलखिलाती हुई - देखा मैने कहा था ये सारे लड़के एक नम्बर के ठरकी होते है और तेरा अमन हिहिहिही

सोनल - हा यार उसको जबसे तुने अपने दूध दिखाये है वो तो वीडियो काल पर वही देखने की जिद करता रहता है और कितना मोटा है उसका लण्ड यार

निशा हसती हुई - तु कहे तो कल नाप लू क्या हिहिहिही

सोनल निशा को आंखे दिखाती और अगले ही पल हस कर - तु दुर रहियो उससे , कोरा माल है उसकी सील तो मै भी तोडून्गी हिहिहीही

निशा - क्या यार थोडा तो मजे ले लेने दे

सोनल - करना लेकिन उपर उपर से , बस तु उसकी आग भड़का ताकी सुहागरात पर वो मुझे ऐसा पेले ऐसा पेले कीहह

सोनल अपनी चुत खुज्लाती हुई - उह्ह्ह्ह माअह्ह्ह्ह देख ना सोच के ही गीली हो गयी

निशा मुस्कुरा कर उसकी आंखो मे देख कर - रुक ना मै पोछ दे रही हू

ये बोलकर निशा सरककर सोनल के जान्घो के बीच गयी और उसके जांघो से चिपकी शार्टस को फैलाया तो उसे सोनल की चुत का एक हिस्सा दिख्ने लगा

फिर क्या अगले ही भर निशा की चटोरी जीभ सोनल की बुर पर चलने लगी और सोनल की जान्घे अकड़नी शुरु हो गयी ।


राज की जुबानी

बुआ की ठुकाई के बाद मै शाम को अपने कमरे मे चला और अगले दिन की सुबह ही मुझे निकलना था ।

बुआ के घर मे अरुण को लेके जो सम्स्या थी वो सबर और संयम के साथ साथ वक़्त लेके फुरसत से ही ठिक हो सकती थी ।
लेकिन इस बीच के वक़्त मे मेरी जिम्मेदारी बन गयी थी कि अरुण को थोडा सतर्क करु और उसको पढाई पर फोकस करवा कर सेक्स से थोडी दुरी बनाऊ ।

लेकिन इनसब मे बीच की कड़ी थी तो मीना ।
उसको मुझे घर जाने से पहले कुछ सबक सिखाने थे ताकि वो अपनी हवस के लिए अरुण को परेशान ना करे ।

इसिलिए 2 वजे के बाद जब अरुण घर आया तो खाना पीना करने के बाद मैने उससे बंद कमरे मे कुछ बात की ।

तो मुझे पता चला कि बड़े फूफा लगभग रोज रात मे उपर छोटी बुआ के कमरे मे जाते है और इस मीना ने अरुण को अपने हवस मे फासने के लिए अरुण की कमजोरी का फायदा उठाती है

वो उससे मा बेटे का रोल प्ले करके अपनी प्यास बुझाती है और कभी अगर अरुण का मन ना तो उसको डराती धमकाती है जिससे अरुण को मजबूरि मे उसके साथ सेक्स करना पड़ता है ।
अरुण ने मुझे बताया कि डर की वजह से वो रात मे जल्दी खा कर भी कमरा बंद करके सो जाता है और वो हर रोज इसी ताख मे रहती है कि जब भी अरुण अपनी मा की चुदाई देखने के लिए छत पर जाये तो वो उसके साथ अपनी मनमानी ले ।


अरुण की सारी बाते समझने के बाद मै समझ गया था कि मुझे आगे क्या करना है !
रात ढलने का मुझे बेसबरी से इन्तजार था और खाना खाने के बाद मै और अरुण अपने कमरे मे चले गये ।

योजना के अनुसार करीब 10:30 बजे तक मैने अरुण का एक ड्रेस पहन लिया ।

जो कि एक लाल टीशर्ट और सफेद शार्ट था ।
रंग जानबुझ कर मैने चटक चुना ताकि अन्धेरे मे मीना मुझे देखे तो उसको यही भरम हो कि मै अरुण हू ।

फिर समय देख के मै दबे पाव दरवाजा खोला और कमरे से बाहर आकर देखा कि मीना हाल मे ही एक चौकी पर करवट लेके सोयी हुई है ।

मैने जानबुझ कर हल्की फुल्की आहट करते हुए जीने की ओर बढा और मेरा शक सही निकला , जैसे ही मैने दो चार सीढिया चढ़ी थी कि मिना के चूडियो की खनक मुझे मिली ।

मै समझ गया कि उसे भनक लग गयी है ।
मै बिना कोई आहट के आहिस्ता आहिस्ता उपर चला गया और बुआ के कमरे मे खिड़की के पर्दो के बीच से नजर मारी तो मेरी हालत खराब हो गयी थी ।

कमरे मे कम्मो बुआ पूरी नंगी होकर घुटनो के बल बैठी हुई थी और मेरे दोनो फूफा अपना मोटा मोटा मुसल निकाल कर कम्मो बुआ के चेहरे पर रगड़ रहे थे

बुआ के चेहरा बुरी तरह से लाल हो रहा था और उनकी भुखी आंखे उनके रन्डीपने को
साफ साफ दिखा रही थी ।

18145860
वो दो मोटे मोटे लण्ड के तने को थामे हुए उन्के सुपाड़े को अपने होठो पर रगड़ रही थी और उनकी बजबजाती थुक से दोनो सुपाडे चमक रहे कि तभी बुआ ने बड़े फुफा का लण्ड मुह मे भर लिया औए गुउऊ गुउऊ करते हुए गले तक ले गयी।

मै पूरी तरह हिल गया । शार्ट मे मेरा लण्ड पुरा तन चुका था और मै उसको पकड कर भीच रहा था ।

मेरी सासे गहरा रही थी ।

कि तभी मेरे हाथ पर एक नरम हाथ का स्पर्श मिला और एक मादक सी सिसकी भरी आवाज ने मेरे कानो को छूआ- क्यू अरुन बाबू आज बहुत दिन बाद आये बाहर उम्म्ंम्ं मम्मी की याद आ रही थी क्या अह्ह्ह क्या मस्त तना हुआ लग रहा है लण्ड

874498
मीना की मादक आवाज और जिस तरह से शार्ट के उपर से वो मेरे लण्ड पर नरम हाथो की हथेली को सख्ती से घीस रही थी मै पूरी तरह गनगना गया ।

मीना ने अब तक मेरा चेहरा नही देखा था वो अभी भी मेरे पीछे ही खड़ी थी और मेरा मुसल पकडते हुए बडबड़ा रही थी - आह्ह अरुण बाबू कभी इस मा की याद नही आती क्या अह्ह्ह उम्म्ंम मुझे क्यू नही मान लेते हो अपनी मा ,,, आपकी छिनाल मा कभी अपना बुर नही खोलेगी आपके सामने ।

मीना अपने चुचे मेरे पीठ पर घिसती हुई - आह्ह देखो कैसे भुखी रंडी के जैसे गले मे लण्ड घोट रही है उम्म्ंम्ं

मीना की आवाज सुन के मैने अंदर नजर डाली तो नजारा बदल चुका था अब क्म्मो बुआ के मुह मे छोटे फुफा का लण्ड था और बडे फूफा क्म्मो बुआ के कन्धे -गले के पास अपना लण्ड घिस रहे थे ।

इधर मेरा ध्यान बाट कर मीना ने लपक कर मेरे शॉर्ट्स मे हाथ घुसा दिया और मेरे तने हुए फौलादी लण्ड को हथेली मे भर लिया

मेरे लण्ड की तपिस और उसकी मोटाई से मीना के बदन मे आग लग गयी और मुझे पीछे से पकड़ कर दोनो हाथ आगे करके मेरे लण्ड बाहर निकालकर उसको मसलने लगी ।

मै भी उसके अनोखे अन्दाज से मदहोश होने लगा

मीना- उफ्फ्फ आज क्या हुआ है आपको अरुण बाबू ,, आपका लण्ड तो अह्ह्ह माआअह्ह

मै समझ गया कि अब समय आ गया है कि मीना को चौकाया जाये और उसी समय मै मीना की ओर घुमगया

कमरे से आती हल्की रोशनी मे मीना ने मेरे चेहरे को देखा और चौक के अलग हो गयी ।

अपने हाथो मे लिभड़े हुए मेरे प्री-कम को जल्दी जल्दी अपने कूल्हो पर पोछते हुए - र राज बाबू आप ,

मैने लपक के उसकी कलाई पकड़ी और जीने की ओर ले जाता हुआ - हा मै

मीना मेरे ह्थेली मे अपनी कलाई छूडाती हुई - अह्ह्ह राज बाबू छोडिए मुझे प्लीज






20230201-154619
मै उसको अपनी ओर खिच के उसके कुल्हे मसलता हुआ - ओह्ह हो कहा जाना है ,, जिसके लिए आई हो वो लेलो ना ,

"लो इसको पकड़ो ना आज बहुत फुला हुआ है" , मैने जबरदस्ती करते हुए मीना के हाथ को अपने तने हुए लण्ड पर रखा

मीना अपने पंजे को मुठी बना कर लण्ड से अपने हाथ को दुर कर रही थी- आह्ह प्लीज राज बाबू मुझे जाने दो ना

मै - नही नही , मुझे भी आज अपनी मा चोदनी है आह्ह मम्मी क्या मस्त चुचे है तेरे उम्म्ंम

ये बोलके ब्लाउज के उपर से मैने उसके चुचे मसल दिये
मेरे कड़े हाथो का स्पर्श पाते ही मीना मचल उठी

मैने उसका पल्लू गिराया और पीछे से उसके पपीते जैसे चुचे को ब्लाउज के उपर से ही दबोच लिया
मेरे दोनो सख्त हथेलीयो की रगड़ से उसके निप्प्ल मे तन गये और मीना बुरी तरह से मेरे बाहो मे हाफने लगी ।


मगर अब भी वो मेरी बाहो से आजाद होना चाह रही थी तो - मै देख मीना , अरुण ने मुझे सब बता दिया है और अगर मै चाहू तो तेरि करतुत बडी बुआ को बता कर तुझे इस घर से निकलवा सकता हू


मीना मेरी बाते सुन के शान्त हो गयी और रुआस होती हुई - नही बाबू जी प्लीज ऐसा कुछ मत करना , बडी मुश्किल से मुझे यहा काम मिला है मै आपके हाथ जोड़ती हू ।

मिना गिडगिडाती हुई - मै अब आगे से कभी से अरुण बाबू को तन्ग नही करूंगी

मै - और इस घर मे जो चल रहा है वो किसी और को तो नही ना कहती है तु

मीना सकपका कर - न न नही किसी को नही ,, यहा मुझे बहुत प्यार और इज्जत मिली है बस पति बाहर होने के कारण मैने अरुण बाबू को , प्लीज माफ कर दो

मीना की बाते सुन कर मैने उसपर से पकड ढीली कर दी फिर उसको सामने लाके - तुम्हारी सारी बाते मै मान ले रहा हू लेकिन


मीना अपने आसू पोछते हुए - लेकिन क्या राज बाबू

मै मुस्कुरा कर - क्या तुम मेरे साथ नही कर सकती हो एक बार ,, प्लीज

मेरी गुजारिश भरी बाते सुन के मीना खिल उठी और शर्मा कर मुस्कुराते हुए- धत्त नही , मै आपसे कैसे ?

उसकी शर्माहट ने मुझे मेरा जवाब दे दिया था और मैने उसको वापस से खीच कर अपनी बाहो मे भरा और उसके गाड़ दबोचते हुए - प्लीज ना मीना मान जाओ ना ,

मीना नजरे निचे किये हुए मेरे बाहो मे सिम्टी हुई थी और मुस्कुरा रही थी

मैने उसकी ठूढी उठाई और हौले से अपने होठ उसके होठो से जोड दिये
एक ठंडी सी सिहरन हमारे जिस्म मे फैल गयी और उसने मुझे अपनी बाहो मे कस लिया
उसके नरम रसिले होठो की मिठास मेरे मुह मे घुलने लगी थी और धीरे धीरे उसकी सासे भारी हो रही थी ।
उसने मेरे पीठ पर अपने पंजे चलाने शुरु कर दिये थे और उनकी खसोट से वो मुझे अपनी ओर खीची जा रही थी ।

मैने भी उसकी नंगी कमर मे हाथ फिराया और उसके नरम नरम कूल्हो को मसलना शुरु कर दिया । जिस्से वो आगे की ओर चढ़ते हुए अपनी चुत को मेरे लण्ड के उपर घिसने की कोसीस करने लगी ।
बुर पर लण्ड की चुभन और गाड की दरारो को चौड़ा करती मेरी ऊन्ग्लियो मे उसकी बेचैनी बढा दी और उसने हाथ बढा कर मेरे लण्ड को एक बार फिर अपनी नाजुक हथेली मे भर लिया
जैसे जैसे मीना के हाथ मेरे लण्ड पर कस रहे थे वैसे वैसे मेरी भी सासे भारी हुई जा रही थी और इस दौरान करीब 4 5 मिंट तक चली एक लम्बी चुंबन से हमारे होठ अलग हुए और हम दोनो ने एक साथ अपने सीनो के सासे भरी और वापस से एक गहरा समूच करने लगा

मैने अपने हाथ को उपर ले आया और उसके ब्लाऊज के बटन खोलने लगा और वो लगातार मेरे लण्ड भिचे जा रही थी । मैने ब्लाउज खोलते हुए उसकी ओर बढने लगा और वो मेरे लण्ड मसलते हुए पीछे दिवाल की ओर हटने लगी ।

फिर आखिरी बटन खुलते हुए उसके 34DD के मदमस्त चुचे उछ्ल कर बाहर आ गये और मैने बिल्कुल भी देर ना करते हुए झुक कर दोनो हाथो से उसके चुचे पकडते हुए निप्प्ल को मुह मे भर लिया
अपने चुचियो की नसो को निचुडता पाकर मीना अकड़ गयी और दिवाल से टेक लेते हुए आहे भरने लगी ।

मै झुक कर उसकी चुचीयो को मसल मसल कर चुस रहा था और वो मेरे सर को अपने छाती पर दबाए जा रही थी साथ ही उस्का एक हाथ अभी भी मेरे लण्ड को सहला रहा था ।

गर्मी हम दोनो के जिस्म मे बढ रही थी और उससे कही ज्यादा मेरे लण्ड मे जलन होने लगी थी ऐसे मुझे मीना से अलग होते हुए उसे निचे बिठाना पड़ा ।

मुस्कुरा कर उसने भी मेरा प्रस्ताव स्वीकार किया और घुटनो के बल होते हुए लण्ड को पकड कर मुह मे भर लिया ।

20230201-154241
एक लम्बी आह भरते हुए मैने भी मीना के सर को पकड कर उसके मुह मे पेलना शुरु कर दिया ।
उसकी चुचिया लटकती हुई हिली जा रही थी ।

अभी भी मेरे जहन मे बुआ को वो हवस से भूखा चेहरा नाच रहा था और उनकी मादक सिस्किया भी मेरे कानो मे आ रही थी ।
मै समझ गया कि अगर उनकी सिसकिया मेरे तक आ सकती है तो मीना की सिसकिया भी वहा तक जा सकती है
इसिलिए मैने मीना के मुह से लण्ड निकाला और उसको खड़ा करता हुआ - यहा नही कर सकते यहा आवाज जा सकती है

मीना ने सवालिया नजरो से मुझे देखा
मै - चलो तुम्हारे कमरे मे

मीना मुस्करा उठी और जल्दी जल्दी अपना ब्लाऊज बन्द करने लगी तो मैने उसको रोकते हुए- अरे रहने दो ये सब जल्दी चलो

वो थोडा इतराई और फिर हम दोनो निचे उसके कमरे मे चले गये ।
हाल मे जिस चौकी पर मीना सोयी हुई थी उसी जस्ट बगल मे एक कमरे मे हम दोनो आ गये थे ।

बंद कमरे मे हल्की रोशनी वाली बल्ब चालू थी और सब कुछ नीला नीला ही दिख रहा था ।
मैने देर ना करते हुए मीना को पकड़ा और उसके ब्लाऊज को उसके जिस्स्ं से अलग कर दिया और उसकी साड़ी भी कमर से अलग करते हुए वापस से उसको बाहो मे भर लिया ।

थोडा उसकी नाजुक चुचियो को मरोडा और लण्ड को पेतिकोट के उपर से ही उसकी चर्बीदार गाड़ की दरारो मे भेदने लगा


मीना कसमसाइ और मैने उसके पेतिकोट कि डोरी खोल दी । वो तुरन्त सरक के उसके पैरो मे चली गयी और मीना ने जैसे ही मेरे सुपाड़े की तपिश अपने ठन्डे चुतडो पर महसूस की वो मेरी बाहो मे सिमट गयी ।

उसके गाड़ के गाल सख्त हो गये और मैने अपने हाथ से आगे की ओर उसकी बुर को टटोला तो झाटो से भरी पिचपिचाती बुर के होठ मेरे उंगलियो को स्पर्श हुए ।

सही अंदाज पाते ही मैने अपनी हथेली को उसकी बुर पर मसला और उंगलियो का दबाव बनाया तो उसकी चुत मेरे उंगलियो पर बजाबजा उठी

वही मीना अकड़ कर मेरे लण्ड को मजबूती से थामते हुए मसलने लगी ।


20230201-154501

अभी भी मेरा हाथ उसकी नरम नरम चुची को मिज रहा था और
मीना मेरा लण्ड मसल्ती हुई तेज आहे भरते हुए मेरी बाहो मे सिसकिया ले रही थी - अह्ह्ह राज बाबू अब और नही उम्म्ंम मुझे चाहिये उम्म्ंम्ं अह्ह्ह सीईई डाल दो ना

मै मुस्कुराया - क्या चाहिये उम्म्ं

मीना मेरे आड़ो को टटोलकर मेरे लण्ड की चमडी आगे पीछे करती हुई - येईह्ह चाहिये उम्म्ंम ये बोल कर वो तेजी से मेरे घूम गयी और लण्ड को पकड कर अपनी चुत के मुहाने पर दरने लगी ।

मैने भी उसकी गाड़ को पकड कर उसको अपनी ओर खीचा और उसके चुत के फाको को रगड़ते हुए उसके जांघो मे पेलने लगा

20230201-154430
हर घिसाई के साथ मेरा सुपाडा और फुल रहा था जो अब चुत के साथ साथ उस्के गाड़ सुराख को छेड़ रहा था
वही मीना मेरे लण्ड की सतहो पर अपनी देह का पुरा भार डालती मानो बुर को लण्ड पर नही किसी फौलादी पाइप पर घिस रही थी और मै उसके नुकीले चुचे मुह मे लेके चुबला रहा था

मीना - अह्ह्ह घुसा दो ना बाबू उह्ह्ह प्लीज उह्ह्ह ना डालो ना
मै उसकी बेताबी समझी और उसको पकड कर बिसतर पर लिटाते हुए उसकी जांघो के बीच गया।

फिर अपना लण्ड सेट कर एक करारा धक्का दिया । मेरा लण्ड उसके चुत को फैलाते हुए पुरा का पुरा जड़ मे घुस गया

मीना- अह्ह्ह्ह माआह्ह्ह उम्म्ंम्ं बहुत बड़ा अह्ह्ह

मैने देर ना की और घुटनो के बल होते हुए अपने कमर पटकने शुरु कर दिये

हर करारे झटके के साथ मीना की आंखे और बुर दोनो फैल जा रही थी
उसकी झड़ी हुई चुत से पच्च पच्च की आवाजे आने लगी थी ।
लंड इतनी चिकनाई से अन्दर बाहर हो रहा था जैसे इंजन का पिस्टन

फचर फचर और चौकी की चु चू मीना के तेज सिस्कियो मे दब सी गयी थी ।

मीना- आह्ह हा ऐसे ही उह्ह्ह माअह्ह उम्म्ं बहुत दिन बाद ऐसा लंड अह्ह्ह मीईइलाआह हैई अह्ह्ह उह्ह्ह और पेलो बाबू और हुमच के चोदो अह्ह्ह

20230201-154341
मै उसके चुत मे सटासट चोदते हुए - क्यू अरुण का लण्ड इतना मजेदार नही है क्या अह्ह्ह उम्म्ं

मीना - आह्ह वो तो अभी बच्चा है

मै - अच्छा फिर किसके लण्ड की याद आ गयी उम्म्ंम

मीना मुस्कुराई और सिसकिया लेने लगी
मै - बोल ना साली चुप क्यू है बोल बहिनचोद उम्म्ंम तेरा पति तो भड्वा होगा हि ये मुझे पता है क्योकि अगर वो चोद पाता तो तुझसे दुर थोडी ना रहता क्यू सही है ना

मीना मुस्कुरा कर आहे भरते हुए - लण्ड ही नही दिमाग भी ब्डा है आपका बाबू ओह्ह्ह सही कह रहे हो उम्म्ंम सीईई हा ऐसे ही और घुमाओ अंडर अह्ह्ह आह्ह ऐसे ही उम्म्ं

मै - बोल ना तु

मीना- हा सही कह रहे हो आप ,,मेरा पति किसी काम का नही है , ना पैसे कमाने मे ना ही चोदने मे । इसिलिए तो मुझे काम के लिए यहा आना पड़ा

मै उसके बुर मे लण्ड को गहराइ मे ले जाता हुआ - तो वो तगडा लण्ड किसका था बोल ना साली

मीना मुस्कुरा कर - मेरे जीजा का उह्ह्ह्ह सीई

उसकी बाते सुन्कर कर मुझे और भी जोश आ गया
मैने और कस कस के पेलने लगा

मै - सिर्फ जीजा का या और भी कोई है उम्म्ं

मीना- हा जीजा और उनका एक दोस्त है उम्म्ंम्ं दोनो बहुत ही उह्ह्ह्ह

मै - फिर तो तेरी दीदी भी उसके पति के दोस्त से उम्म्ंम


मीना - आह्ह नही नही वो बहुत सीधी है उम्म्ं अह्ह्ह

मै कसकर उसके बुर मे झटके देता हुआ - और तु , तु मादरचोद एक नम्बर की रन्डी है क्यू

मिना - आह्ह हा बाबू मुझसे नही रहा जाता है इसिलिए तो अरुण बाबू से उह्ह्ह और मैने कितनी कोसिस की बड़े मालिक से कुछ हो जाये लेकिन

मै - लेकिन क्या

मीना- वो खुद को परिवार और समाज मे बहुत सीधा दिखाते है लेकिन अपनी ही भाई की उह्ह्ह आप तो देखे ही हो ना



मीना ने वापस से जैसे उस कमरे की याद दिलाई मेरा रोम रोम सिहर उठा और मैने कस कस के उसके बुर की गहराई मे लण्ड उतारने ल्गा

मीना को जैसे मेरी कोई कमजोर नस मिल गयी हो

मीना- आह्ह आपको भी अपनी बुआ पसंद है ना उम्म्ं

मै उसकी बातो से और भी उत्तेजित होने लगा था
मीना- अह्ह्ह काश इस समय मेरी जगह आपकी कम्मो बुआ होती तो क्या करते बाबू आप

मै - साली चुप कर बहुत बोल रही है ,वो होती तो उसकी भी ऐसे ही ऐसे ही अह्ह्ह अह्ह्ह


मीना- अन्दर नही बाबू अंदर नही

68088d3f4dadbd3e6d34024395a674ab
मैने भी अपना होश सम्भाला और जल्द से लण्ड बाहर निकालते हुए उसके पेट पर झडने लगा और वो मेरा लण्ड पकड कर मस्लती हुई उसे नीचोड़ने लगी


मै - तु साली बहुत बोलती है बहिनचोद
मीना खिलखिलाती हुई - तो मतलब आप भी अपनी बुआ के हिहिहिही

मीना का हस्ता चेहरा देख कर मै भी हस पड़ा और उठ कर अपने कपडे पहनने लगा

मीना- क्या बस एक ही बार

मै हस कर - और चाहिये
मीना ने हा मे सर हिलाया

मै - इस बार पीछे से भी लूंगा चलेगा फिर
मीना ने शर्माहट भरी मुस्कुराह्ट से अपनी सहमती दे दी और हम दोनो अगले राउंड की तैयारि मे लग गये ।


जारी रहेगी
 
Last edited:
Top