Savita143
Member
- 115
- 200
- 44
Ye bhi koi zindagi haiBhai Zinda toh ho...
Super super super story brother keep it up waiting for next update u made my day
superb update waiting for next
Kya Raman ka soch sach hoga? Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
राहुल और अनुज अपनी मां को पटाने में लग गए हैं शालिनी को पता चल गया है कि राहुल उसको भोगना चाहता है इसलिए वह भी राहुल के सामने टाइट कपड़े पहनकर दिखा रही है वही रंगीलाल और रागिनी में अपनी समधन की पैंटी सूंघा कर उत्तेजित करके दमदार चुदाई हो रही है राज की मोसी अपनी बहु से अपनी गांड़ की सिखाई करवा रही है अब बहु को ये नही पता कि उसकी सास ने अपनी गांड़ में दो दो लन्ड लिए है देखते हैं आगे क्या होता है
Jabardaat !!! Sasur reena ki badi chuchi piyega fir and maarega
Bro Ho ske ho chuchi or gand size mention ek baar krdiya kro..jaise 34D 36 kia gand ..maza aata h image m
Shandar
Bhai update kab tak aayega
NICE STORY BHAI AND UPDATE
BHAI PAR RAJ KE STORY ME MAZA KAM HO JAYA GAYA
STORY KE LIYE BAHUT BHAUT ABAHIRI HU
Bhai update karo yrr
Bhaisaab kab se time nikaal ke aapki story ke ik do update padta tha ..ajj jakr sanhi complete huyi Hein...maza aagya.... Aise hi apni kalm se maze dete rahiye....abb updates ka intzar karna padega.. kr lenge koi baat nahi
Yaar ab late Late ho
G story
Plz update time par dete raho kahani ka update time par mila to sone pe suhaga warna kya koi matlab nahi aap khud sociye
UPDATE 159 IS POSTEDBhi nex update kab tak aaye ga
Mast..maza aayega ab reena sasur ka...UPDATE 159
बीती रात लण्ड की कसावट ने अच्छे से सोने नही दिया और मुझे पता था कि मौसी के यहा कुछ दिन तक कुछ भी नही हो सकता था, हा मै चाहता तो थोडा रुक कर रीना भाभी के रसिले जोबनो और उनकी थिरकते कूल्हो को देख कर अपना लण्ड मसल सकता था लेकिन मुझे कुछ जरुरी काम भी सौपे गये थे और उन्हे पुरा करना भी जरुरी था ।
इसिलिए सुबह के नास्ते के बाद मैने सबसे विदा लिया और अपने अगले सफ़र के लिए निकल पड़ा ।
हालाकी मंजिल मेरे घर चमनपुरा से काफी नजदीक ही थी लेकिन यहा जानीपुर से बुआ के घर जाने का अलग लम्बा रास्ता था ।
तो मौसा जी ने मुझे डिरेक्ट मीरगंज के लिए बस पकडवा दिया , चूकि सफ़र लम्बा था तो मैने कुछ स्नैक्स वगैरह भी रख लिये ।
बस का सफ़र शुरु हो गया था और मै मुस्कुराता हुआ अपने बुआ के घर के बारे मे सोचने लगा
काफी सालो बाद मै वहा जा रहा था ,
पात्र परिचय
मानसिंह - बड़े फूफा , इनका अपना इंटर कालेज है
शिला - बड़ी बुआ (पूर्व परिचित)
उम्मीद करता हू इनकी बलखाती भारी भरकम चुतडो की थिरकन को भूले नही होगे आप सब
नीलू - शिला बुआ की बेटी , दिल्ली मे रह कर पढाई करती है ।
रामसिंह - छोटे फूफा , वैसे ये और मानसिंह जुड़वा है लेकिन समाज और परिवार की नजर मे मानसिंह का जन्म इनसे कुछ मिंट पहले हुआ था । ये भी अपने भाई के साथ कालेज का मैनेजमेंट देखते हैं ।
कामिनी देवी उर्फ कम्मो - छोटी बुआ , लाजवाब जबरदस्त जिन्दाबाद ।
जिस तरह ये अपने गदराये जिस्म को साड़ी मे कस कर रखती है कालेज के हर वर्ग के लड़को की ड्रीम गर्ल बनी हुई है । जी हा ! ये कालेज मे अध्यापिका है ।
चारु - छोटी बुआ की बेटी , ये भी अपनी बड़ी बहन नीलू के साथ पढाई करती है
अरुण - छोटी बुआ का लड़का , अभी 11वी मे है ।
लेखक की जुबानी
CHAMANPURA
सुबह की शुरुवात आज कुछ खास थी क्योकि निशा कुछ ही देर बाद सोनल के यहा जाने वाली थी और वही दोनो मा बेटे ( शालिनी और राहुल ) के जज्बात उमड उमड कर बाहर आ रहे थे ।
राहुल का लण्ड तो सुबह से बैठने का नाम नही ले रहा था क्योकि आज उसकी मा ने फिर से निशा के कपडे पहन रखे थे ।
टीशर्ट और लोवर मे उसका गदराया कल जैसा ही गदर किये हुआ था और वो उसने आज भी कोई अंडरगार्मेंट्स नही लिये थे ।
हालाकी निशा को अपने कपडे छोड कर जाना पसंद नही आ रहा था लेकिन रात मे पैकिंग के टाईम शालिनी ने उससे ये कह कर उसके एक दो सेट कपडे रखवा लिये कि वो निशा के ना होने पर उसके पापा को उसकी कमी नही महसूस होने देगी और जन्गीलाल भी इनसब से बहुत उत्तेजित हुआ जा रहा था ।
खैर नासता खतम हुआ और राहुल निशा को सोनल के घर छोडने चला गया ।
इधर अनुज रोज की तरह आज भी अपनी तडप और लण्ड को अपने कच्छे मे दबाता हुआ गुमसुम अपने दुकान पर व्यस्त था ।
लेकिन निशा को छोडने के बाद राहुल बहुत खुश था और अपनी खुशी जाहिर करने के लिए अनुज के पास उसकी दुकान पर चला जाता है ।
राहुल - क्या हुआ भाई तु ऐसे उखड़ा हुआ क्यू है ?
अनुज अपने जजबात छिपा कर - भाई काफी दिन से चुदाई नही की है तो अच्छा नही लग रहा है ।
राहुल हस कर - अरे तो टेन्सन क्यू ले रहा है ,,अभी जस्ट दीदी को तेरे घर छोड कर आ रहा हू ,,अब तो शादी तक रोज मजे लेते रहना
अनुज की आंखे एक पल को चमकी लेकिन अगले ही पल वो शांत हो गया क्योकि वो जानता था उसकी सोनल दीदी के रहते कहा ये सब हो पायेगा और उपर से उसकी अपनी मा को लेके एक अलग ही कामना पनप रही थी ।
राहुल अपने खुशी जाहिर करता हुआ - भाई भाई भाई ! हिहिहिही अब मजा आयेगा ,,,अब पुरा दिन मै और मम्मी घर मे अकेले होगे और मै उनको अच्छे से समय दे पाऊन्गा
अनुज उखड़ कर - हा जैसे आंटी तुझसे सच मे ...
राहुल इधर उधर देख कर - भाई मै सच कह रहा हू ,,इधर मा कुछ बदली बदली लग रही है और उसने तो ब्रा पैंटी तक पहनना छोड़ दिया
फिर राहुल अपने मा के साथ हुए कुछ हसिन यादो को अनुज से बाटता है और जिस्से अनुज का नुनी लण्ड का आकार लेने लगता है । लेकिन उसे अभी भी यकीन नही हो रहा था कि राहुल के सब कुछ इतनी आसानी से हो जा रहा है ।
अनुज - चल चल मै नही मानता ,,,
राहुल - तो चल अभी घर मै दिखा दू कि मम्मी कैसे कपडो मे है
अनुज हिचक कर - अरे मै दुकान छोड कर कैसे जाऊ
राहुल - अच्छा ठिक है अब इधर दो चार दिन मे तुझे जब भी समय मिले मेरे घर आ जाना ,, और खुद देख लेना
अनुज अटक कर - दो चार दिन ही क्यू ?
राहुल हस कर - क्योकि उसके बाद हो सकता है वो और मै पुरा दिन बन्द कमरे मे रहे हिहिही
राहुल की इस मस्ती से अनुज चिढ़ जाता है और राहुल भी इस बात को बखूबी समझ रहा था ।
थोडी देर बाद राहुल अपने घर के लिए निकल जाता है ।
और अनुज उखड़ा हुआ दुकान पर लग जाता है । राहुल की बाते सुनने के बाते सुनकर ना ही उसका लण्ड बैठने का नाम ले रहा था और ना ही उसकी हिम्मत बन पा रही थी वो अपनी मा के लिए कुछ कदम बढा सके ।
JAANIPUR
राज के जाने के बाद सब अपने अपने कामो मे व्यस्त हो गये ।
रमन अपनी दुकान पर निकल गया था और रीना अपनी सास के कूल्हो की मालिश करने के लिए उसके कमरे मे जाती है
अपनी बहू के हाथ मे तेल की शीशी और कूलिंग पैड देख कर रज्जो मुस्कुराकर - अरे बहू मै ठिक हू अब तु क्यू परेशान हो रही है
रीना बिस्तर पर करवट लेके सोयी हुई अपनी सास को देखते हूए - हा दिख रहा है कितना आराम है सही से लेट भी नही पा रही है आप ।
रीना - चलिये अब पेट के बल लेट जाईये
रज्जो हस्ते हुए पेट के बल लेट गयी और अपनी मैक्सी को उपर खीचते हुए - आ हह बहू थोह्ह येह्ह
रीना - रुकिये मै करती हू
ये बोलकर रीना अपनी सास की मैकसी को उसके कमर तक ले जाती है ।
रीना अपनी सास के उभरे हुए भारी भरकम चुतडो की सूजन मे आई कमी को देखकर - हम्म्म देखिये आज सूजन काफी कम हो गयी है
दो चार दिन मे ऐसे ही मालिश करवालेगी तो अच्छी हो जायेगी आप
रज्जो मुस्कुरा कर - अब जो तुझे सही लगे कर ले ,,,लेकिन इन बाकी के दिनो मे रमन के पापा की हालत तो हिहिहिही
रीना तुनक कर - नही नही बिल्कुल भी नही , अपनी हालत देखीये और आपको अभी भी पापाजी की पडी है
इधर सास बहू की बाते जारी थी वही कमलनाथ राज को छोड कर अपने घर वापस आ चुका था और अपने कमरे की ओर बढ रहा था
इस बात से बेखबर की उसी बहू उसके कमरे मे मौजूद होगी
अब अपने कमरे मे जाने मे कैसी झिझक होती उसको , बिना कोई कुंडी खड़काये सीधा अन्दर घुस गये राजा जी
सामने देखा तो लण्ड आंख और मुह सब एक साथ फैल गया ,, वही रीना शर्म से पानी पानी हो गयी और लाज से अपना मुह फेर कर मुस्कुरा दी ।
होती भी क्यू ना उसके दोनो पंजे उसकी सास के चुतडो पर घूम जो रहे थे और दोनो अंगूठे उन गहरी दरारो मे अटकी हुई सुराख को मल रही थी ।
वही रज्जो अपनी बहू के हाथो से चरम पर पहुची ही थी कि उसके पति की उपस्थिति ने सारा नशा उतार दिया और वो अपने माथे पर हाथ रख कर दी
स्थिति काफी विकट हो चुकी थी
कमलनाथ को जोरो की पेसाब लगी हुई थी और वह अब चाह कर भी नही रोक पाया और बिना अपनी बहू की ओर देखे सीधा बाथरूम मे चला गया
रीना बहुत ही असहज महसुस कर रही थी और अपने ससुर को बाथरूम मे जाते देख रीना ने फौरन अपने हाथ अपनी सास के चुतडो से हटा लिये और बोली - मम्मी जी मै जाती हू
रज्जो भलीभांति समझ पा रही थी रीना की मनोस्थिति को और वो नही चाह रही थी अब घर के ही लोग आपस ने नजरे चुराते फिरे ।
इसिलिए रज्जो उसे रोकती हुई - अरे नही बहू रुक तु,,,
फिर रज्जो वैसी हुई अपनी खुली हुई गाड़ को फैलाये हुए अपने पति को आवाज दी - क्या जी आप भी ,,,आपको देख कर आना चाहिए ना
कमलनाथ बाथरूम मे अपने लण्ड को खाली कर चुका था लेकिन वो अभी भी इसिलिए रुका था कि शायद रीना कमरे से निकल जाये तो वो बाहर आए। लेकिन रज्जो की बात सुनकर वो भी मजबुर होकर बाहर आया और एक नजर रज्जो की उभरी हुई गाड़ को देखा तो उसके लण्ड की नसे फिर तेज हो गयी ।
रज्जो - अब बोलोगे भी
रज्जो - बहू जरा वो ढक दोगी
कमलनाथ सकपका जाता है जिससे रीना खिस्स से हस देती है और लपक कर एक तौलिये से अपनी सास के नंगी चुतडो को ढक देती है ।
कमलनाथ हिचक कर एक नजर रीना को देखता है और वो फौरन नजरे फेर लेती है ।
कमलनाथ - सॉरी रमन की मा वो मुझे बहुत जोर की लगी थी और मुझे नही पता था कि बहू भी यही है
कमलनाथ रीना की ओर देख कर - माफ करना बहू प्लीज
रीना समझ रही थी ये सब बस एक अटप्टा सा संयोग है और कुछ नही इसिलिए वो मुस्कुरा कर - अरे नही पापाजी कोई बात नही ,,, गलती मेरी है मुझे ही दरवाजा अच्छे से बन्द कर देना चाहिये था ,,, सॉरी
रीना - मा जी मालिश हो गयी है तो मै किचन मे जा रही हू और आपके लिए गरम पानी लाती हू
कमलनाथ - अह बहू तुम परेशान ना हो गर्म करके रखो मै लेते आऊंगा
रीना ने हा से सर हिलाते हुए कमरे से बाहर निकल कर दरवाजा भिड़काती है और अपने तेजी से धडकते दिल को शांत करते हुए हस्ती हुई किचन मे चली जाती है ।
वही कमरे मे रज्जो कमलनाथ को डांट लगा कर - क्या जी आप भी ,,,थोडा तो देख कर आते
कमलनाथ अपने लण्ड को सेट करता हुआ - अब मुझे क्या पता था कि तुम बहू से अपने इन मखमली चुतडो को मसलवा रही थी
रज्जो थोडा झेप जाती है और मुस्कुरा कर - धत्त क्या जी आप भी ,,,,वो मालिश कर रही थी और उस्से मुझे बहुत आराम मिला है
कमलनाथ अपनी बीवी के पास जाकर तौलिया उठाकर उसके चुतडो को नंगा करता हुआ - हा तभी ये चमक रही है ,,,,आह्ह्ह जानू एक बार चूम लू
रज्जो - नही!! मुझे पता है आप वही तक नही रुकेन्गे
कमलनाथ याचिका के भाव मे - प्लीज ना जानू बस एक बार
रज्जो ना चाह कर भी हस कर इजाजत दे देती है और कमलनाथ थोडा पीछे जाकर रज्जो के चुतडो को फैलाकर एक बार उसके सुराख के पास मे चुंबन करता है और रज्जो सिहर जाती है
वही कमलनाथ को मह्सूस होता है कि रज्जो की चुत तो पहले से ही बह रही है तो वो चेक करने के लिए एक ऊँगली को उसकी जांघो के बिच से चुत के किनारो पर ले जाता हुआ - अरे जानू ये कैसे ?
रज्जो शर्मा कर - वो बहू जिस तरह से मेरे पीछे के सुराख को छेड़ती है कि मेरा ....
कमलनाथ लालची होता हुआ - ओह्ह जान अब निकल गया है तो अच्छे से चाट लेने दो ना
रज्जो भी यही चाह रही थी और वो अपने घुटने आगे घसीटे हुए घोडी बन गयी और कमलनाथ की आंखे चमक उठी ।
कमलनाथ ने फौरन अपनी बीवी के रसभरे भोसड़े मे मुह दे दिया और लपालप जीभ से चाटता हुआ सारा माल साफ कर दिया और रज्जो एक गहरी सास लेते हुए मुस्कुराने लगी ।
वही कमलनाथ का लण्ड अब फैलादी हुआ जा रहा था और उसे चुदाई की चसक बढ रही थी
कमलनाथ - जानू अगर तुम कहो तो मै
रज्जो सचत होकर फौरन करवत हो लेती है - नही !! बिल्कुल भी नही
कमलनाथ अपने लण्ड को बाहर निकालकर - तो इसका क्या करू देखो ना शांत ही नही हो रहा है ।
रज्जो मुस्कुरा कर लपकते हुर अपने पति के लण्ड को थाम लेती है - अच्छा लाओ देखू तो
ये बोल कर वो लण्ड सीधा अपने मुह मे भर लेती है और कमलनाथ की नसे फड़कने लगति है ।
वो हवाओ मे उड़ने लगता है और उसके हाथ रज्जो के सर को पकड लेते है ।
अब वो खुद भी हल्का हलका उसके मुहमे ही पेले जा रहा था
अपना लण्ड निकाल कर रज्जो के होठो पर रगड़ कर
उसके गालो पर पटक रह था
दरवाजा खुलने की फिर से आवाज हुई दोनो चौके क्योकि सामने रीना गर्म पानी लेके आई थी ।
जारि रहेगी