• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,156
144
मज़ा आ गया

IMG-20211109-084136
 

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,156
144
Daily update shuru kro bhai ab to.
Aise maja nhi aata
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,345
17,799
174
UPDATE 96



चौराहे वाले घर से निकल कर मै दुकान आ गया
अनुज बैठा बोर हो रहा था
मै उसके पास गया

मै - और भाई क्या चल रहा है आजकल
अनुज - सब ठीक है भैया , लेकिन अकेले बोर हो जा रहा हू ,, स्कूल भी नही है अब तो

मै - अरे भाई घर मे शादी का माहौल है , इतने काम करने को है और तुम बोर हो रहे ???

अनुज - भैया कोई बात करने के लिए भी तो नहीं होता ना
अनुज के बातो से मुझे दुख हुआ ,, बात सही भी है उसकी ,, एक तो वो बहुत शर्मिला है और उपर से कोई दोस्त नही है उसके ,,,और घर मे भी ज्यादा किसी से घुलता नही है । हा बस राहुल के साथ उसकी जमती थी , वो भी शायद इसिलिए कि दोनो एक ही मिजाज के थे ।

मै उसका मूड सही करने के इरादे से - अरे तो बना ले ना बात करने वाली हिहिही

अनुज शर्मा गया - भक्क भैया ,

मै - अरे कोई तो होगी ,जिसको तुम पसंद करता होगा

अनुज इस पर थोडा झेपा और बोला - हा भैया थी एक स्कूल मे

मै - थी मतलब
अनुज - उससे बात कहा की मैने ,, और अभी कहा पढाई चल रही है

मै हस कर उसके कन्धे पर हाथ रख कर - वैसे उसका घर कहा है हम्म्म
अनुज - पता नही भैया

मै हस कर - अरे उसका नाम क्या है ये तो जानते हो ना

अनुज ना मे सर हिलाया
मुझे बड़ी जोर की हसी आई - भाई तू कूछ जानता है उसके बारे मे , कुछ पता तो कर लेता

अनुज मायूस होकर - नही भैया ,,डर लगता है ,,स्कूल मे सब दोस्त दुष्ट है ,,अगर मै उसके बारे मे किसी से पूछन्गा तो वो ये बात पुरे स्कूल मे फैला देंगे और कुछ होने से पहले ही खतम हो जायेगा


मै अनुज की व्यथा समझ गया क्योकि ये होना तो आम बात थी ही ,,,और मुझे अनुज की समझदारि पर खुशी भी थी कि उसने अपने प्यार के इज्जत की परवाह की ।

मै - हमम बात तो तेरी सही ही है ,, कोई बात नही मन छोटा ना कर , इस बार पढाई शुरु हो तो कोसिस कर लेना हिहिहिही

अनुज ने भी मेरी बात पर हुन्कारि भरी और फिर वो राहुल के पास चला गया ।।
मै ऐसे ही खाली बैठा था कि तभी कोमल का फोन आना शुरु हो गया

मै उस्का नाम देखते ही खुश हो गया
और फोन उठाया

मै - हेल्लो जी क्या हाल चाल
कोमल तुनक कर - हेलो हा कौन भैया
मै हस कर - हिहिही अरररे,,मै राज हू और कौन

कोमल - ओह्ह आप हो क्या ,, सॉरी सॉरी गलती से फोन लग गया , मै रखती हू

मै हस कर - अरे कोमल क्या हुआ ,
कोमल गुस्सा करते हुए - क्या हुआ ,, क्या हुआ ,, अरे सोनल की शादी तय हो गयी और सगाई की डेट तक फाइनल हो गयी और तुमने एक बार बताया ही नही
कोमल नखरे दिखाते हुए - अरे हा बताओगे कैसे ,,,पिछले 2 महीने से बात ही कहा कर रहे है ना हम ,,पहले परिक्षा फिर अनुज घूमने चला गया तो बिज़ी थे और अब सोनल की शादी का बहाना ,,क्यू यही कहोगे ना

कोमल एक सांस मे अपनी भड़ास निकाल कर शांत हुई

मै हस कर - अब ब हा मतलब , जो तुम बोली सही ही है ,, और इस समय नाना और मेरी दो बहने भी आई है घर

कोमल डांटते हुए - चुप करो तुम ,,लो मम्मी से बात करो ,,मै नही बात करने वाली तुमसे हुउउह

मै उसे कुछ समझाता उससे पहले विमला मौसी की आवाज आई

विमला - ह ह हेल्लो , हा राज बेटा
मै खुश होकर - हा नमस्ते मौसी
विमला - हा खुश रहो बेटा,, वो आज दोपहर मे तेरी मा फोन करके सगाई की दिन बताई है ना तभी ने ये गुससा गयी ,,, वो थोडी ना समझ रही है कितना काम है तुझे


मै थोडी सफाई देने के भाव मे - अरे नही मौसी ,,गलती मेरी भी है थोड़ी,, कोई नही आता हू मिलने कुछ दिन मे समय निकाल कर


विमला - अरे नही बेटा कोई जल्दी नही है ,,तू अपना खतम कर ले तभी इधर आना ,,इसका क्या है घर मे बैठ के खा रही है

मै हसने लगा
फिर ऐसे ही थोड़ा हाल चाल हुआ और फिर मैने फोन रख दिया



मै दुकान मे लग गया था शाम को 5 बजे अनुज आया तो मै उसे बिठा कर निकल गया पापा के पास ।

दुकान पर नाना जी आये थे तो उनको देख कर मुझे बड़ी खुशी हुई । फिर हमने थोड़ी बाते की ।

उसके बाद मै नाना को लिवा कर निकल गया चौराहे वाले घर के लिए

रास्ते मे

मै - नाना जी आप किस काम के लिए गये थे
नाना - बेटा वो पास के गाव मे एक प्रधानजी है उन्ही से कुछ काम है,,वो उनकी हमारे गाव मे कुछ खाली जमीन पड़ी हुई है , उसी को लेके वाद विवाद चल रहा है

मै - अच्छा अच्छा ,
फिर हम ऐसे ही बाते करते हुए चौराहे वाले घर गये ।
मा कही दिखी नही शायद अपने कमरे मे थी ।
गीता बबिता भी शायद उपर थी

मै - नाना आप आराम करो मेरे कमरे मे मै मा को बोल्ता हू चाय बना दे आपके लिये

नाना - हा बेटा, मै जरा नहा लू ,गर्मी बहुत ज्यादा है गाव के मुकाबले

मै हा मे सर हिलाया और नाना मेरे कमरे मे गये
मै भी नाना के कमरे मे जाते ही मा के कमरे मे घुस गया । जहा मा अभी अभी नहा कर एक ढीली मैकसी डाले हुए थी और बालो को सुखा रही थी ।


मै मा को देखते ही - ओहो मा ये क्या पहने हो ,,याद है दोपहर मे क्या बात हुई थी अपनी

मा मुस्कुरा कर - हा लेकीन मुझे शर्म आ रही है बेटा
मै मा को पीछे से पकड कर उनके बदन से आ रही भीनी भीनी साबुन की खुशबू से मदमस्त होकर उनके गरदन को चूमा जिस्से मेरे होठ ठन्डे हो गये ।

मै मा को पीछे से पकड कर उनके कन्धे पर ठुड्डी टिका कर - मा पहन लो ना ,,,

मा एक हाथ पीछे कर मेरे गाल सहलाते हुए - उम्म्ंम पक्का ना

मै खुश होकर - हा पक्का

मा शर्मा कर - ठीक है तू बाहर जा मै तैयार होकर आती हू

मै - ठीक है ,,लेकिन याद है ना कैसे पहन्ना है

मा मुझे धकेल कर दरवाजे तक ले गयी और मेरे गाल चूम कर बोली - हा मेरे लाल ,,अब जा हिहिही

मै भी हसते हुए बाहर आ गया हाल मे

और करीब 5 मिंट मे मा तैयार होकर बाहर आई
मा बिल्कुल मेरे मुताबिक तैयार हुई थी ।

मैने मा को एक पुरानी नायलान मैकसी पहनने को बोली थी जो पूरी तरह से कसी हुई हो ।
मा ने एक साल भर पुरानी पिंक कलर मे सिल्क नायलान कपड़े मे एक मैकसी बिना ब्रा के पहनी थी जो बहुत ही कसा हुआ था उनके बदन पर ।
उन्होने हाथ डाल कर चुचियो को सही से सेट कर दिया था ।
और निचे उनकी मैकसी कुल्हे और भी कसी थी । क्योकि उनके वी शेप पैंटी की लास्टीक पूरी तरह से साफ साफ उनके फैले हूए चुतड के पाटो पर उभरी हुई थी । मा ने एक दुपट्टा उपर से लिया हुआ था ,,,क्योकि नाना जी को एक साथ इतने झटके देना सही नही था । लेकिन फिर भी मैने उसे एक गमछे के तौर पर घुमा दिया ताकी हमारी प्लानिंग काम करे

मै मा को एक नजर देखा ,, वो लिपस्टिक और हल्का मेकअप उनको और भी कामुक बना रहा था ।
मा थोड़ी शर्म से नजरे झुका ली मेरे घुर कर देखने पर

मै मा को इशारे मे उनकी तारिफ की
मा - बेटा बहुत कसा हुआ हुआ है उपर

मै - कुछ पाने के लिए कुछ सहना पड़ता है मा हिहिहिही

मा शर्मा कर किचन मे चली गयी और मै अपने कमरे मे

जहा नाना जी तैयार होकर अपनी धोती पहन रहे थे ,,तब तक मै भी हाथ मुह धुल कर फ्रेश हुआ और कमरे मे आया

मै - नाना जी चालिये मा चाय बना रही है

फिर मै और नाना हाल मे आये
हाल मे आते ही मैने एक नजर मा को किचन मे देखा तो वो अपनी चुतड हमारे तरफ किये ही काम कर रही थी

वही नाना ने भी एक नजर मा को देखा और थोडा संकोच किये लेकिन फिर हाल मे सोफे का ऐसा कोना खोज कर बैठे ही वहा से मा के पिछवादे का दिदार होता रहे

मै मुस्कुराया और मोबाईल मे लग गया जानबुझ कर

इधर नाना जी की हालत खराब हो रही थी और उनकी अपनी बेटी की गाड़ पर उभरी हुई पैंटी का शेप देख कर थूक गटकने की नौबत आ गयी थी ।
फिर क्या धीरे धीरे हाथ भी अपनी जगह पर जाने लगे , वही जहा सबसे ज्यादा चुल मचती है ।

मैने कनअखियो से देखा की वो मा के साथ बराबर मेरी ओर भी नजर बनाये हुए है और हौले अपने कसम्सते हुए लण्ड को दबा दिया और फिर एक गहरी सास लेके बैठे रहे

इधर मा ने भी चाय निकाल ली और हमारी तरफ आने लगी
और फिर चाय का ट्रे झुक कर टेबल पर रखा था ,, नाना की नजर मा के डीप गले की मैकसी मे झाकते चुचो पर ही थी और लगातार बनी ही रही ।
मा ने एक कप चाय उठाया और वैसे ही झुके हुए उनकी ओर किया

मा मुस्कुरा कर - बाऊजी चाय
मा की आवाज से नाना जी चौके - ह आ ,, क क्या

मा हस कर - चाय
नाना जी वापस एक नजर मा की नशीली सुरमई आँखो मे देखा और भी उनके मरून लिप्स को और भी एक नजर उन्की घाटी को और गला खरास लगे

मा मुस्कुरा कर - पानी दू क्या बाऊ जी
नाना मा की आवाज सुन कर - हा हा बेटी ,,एक ग्लास देना तो गला कुछ सही नही लग रहा है

मा मुस्कुरा कर खड़ी हुई - ठीक है लाती हू ,,,राज तुझे भी पानी चाहिये बेटा

मै मोबाईल ने ध्यान हटाने का नाटक करता हुआ क्योकि मेरा सारा ध्यान उन्ही लोगो मे था

मै - हा मा चलेगा
फिर मा नाना के करीब से घुमी और जानबुझ कर अपनी चुतडो को और मटकाया

यहा नाना एक गहरी सास लेते हुए वाप्स से अपने फन्फ्नाते नाग के सर को दबाया और कुछ बुदबुदाये

और फिर मा वापस आई और अपनी कसी घाटियो के दरशन के साथ पानी नाना को दिया और मुझे भी

मै - मा आप भी अपना चाय लेके आओ ना बैठो यहा

नाना - हा बेटी आ ना तू भी
मा फिर से वापस अपने चुतड मटकाते हुए गयी और अपना चाय लेके आ गयी ।
मा मेरे और नाना जी के बीच मे बैठी हुई थी और नाना की नजर अब मा की गोल चुचियो मे थी ।
इधर चाय खतम के नाना बोले - बेटा मै जरा पेसाब करके आता हू
मैने मा एक नजर देखा और आपस मे मुस्कुराये और बोला - जी नाना

फिर नाना मेरे कमरे मे गये और इधर मैने उनके लिए एक और झटका तैयार कर दिया
नाना के जाते ही मैने मा का दुपट्टा हटाया और मैकसी के उपर से ही उनकी चुचीयो भर भर मिजा ,,, नतीजन मा गरम हुई और मैकसी मे उनके निप्प्ल पुरे कड़े हो गये और अंगूर के दाने जैसे उभर गये ।

इधर नाना मेरे कमरे मे अपना लण्ड एडज्स्ट करते हुए मा की कसी गाड़ के आहे भरते हुए अपनी धोती ठीक किया और कमरे से वापस हाल मे आये तो आंखे चौडी हो गयी उनकी

क्योकि मा मुझसे सटी हुई मेरे मोबाइल मे झाक रही थी और हम दोनो अपना नाटक कर रहे थे । वही उनकी चुचिय अब साफ साफ गोल गोल कसी हुई नाना को दिख रही और उनका अंगूर के दाने सा उभरा हुआ निप्प्ल ये सोच कर सख्त हुआ जा रहा था की ऊनके बाऊजी उनको हवस भरी नजरो से ताड़ रहे थे ।
यहा नाना खुद को थोडा शांत करने गये थे लेकिन उनको क्या पता यहा और भी झटके मिलने वाले थे उनको

नाना बेजुबान और हक्के से रह गये थे ,,और चुदाई की तलब उनहे मह्सूस हो रही थी । उनकी छ्टपटाहत ऊनके चेहरे से पता चल रही थी
मा फिर उठी और अपना दुपट्टा लिया फिर किचन मे जाते हुए बोली - बेटा जरा सोनल को आवाज देदे तो ।

मै - ठीक है मा बुल देता हू
मै उपर जाने हो हुआ कि नाना बोले - रुक बेटा मै भी चलता हू थोड़ा छत पर टहलने की इच्छा है

मै मुस्कुरा कर नाना के साथ उपर गया और सोनल को आवाज देके निचे भेज दिया और फिर हम दोनो सबसे उपर की मन्जिल पर चले गये ।

उपर खुली शाम की ठंडी हवा मे सास पाते ही नाना को बहुत आराम मिला और एक पल के लिए उनकी उत्तेजना को भी शान्ति मिली

थोडा टहल कर उनके चेहरे पर मुस्कान आई और बोले - आअह्ह्ह्ह अब थोडा आराम मिला है ,,निचे कितनी घुटन सी हो रही थी

मै मुस्कुरा कर - हा निचे गर्मी कुछ ज्यादा ही थी ना नाना जी

नाना जी हिचक कर - अब ब हा हा बहुत गरमी है बेटा

फिर हम दोनो टहल रहे थे कि बगल की छत पर शकुन्तला ताई भी नजर आ गयी

मै उनको आवाज दी - अरे बडकी अम्मा कैसी हो
शकुन्तला- अरे बचवा तुम ,,, हम ठीक है तुम बताओ
मै - मै भी ठीक है बडकी अम्मा

शकुन्त्ला ताई भी इस समय एक मैकसी पहने हुए थी और मेरी आवाज सुन कर वो छत की चार दिवारी पे झुक के मुझसे बात कर रही थी जिससे उनकी घाटी की दरार , हिन्दी मे बोले तो क्लिवेज , ढलती शाम की रोशनी मे भी साफ साफ दिख रहा था

जिसपर नजर मेरे साथ नाना की भी बराबर थी ।
तभी शकुन्तला ताई ने इशारे मे छत पर टहल रहे नाना को पुछा
मै हस कर - अरे ये मेरे नाना जी है
तभी शकुन्तला का निचे से बुलावा आया और वो मुझे बोल कर निचे चली गयी ।
मै वापस नाना के गया और बोला -और नाना जी जम रहा है ना आपको यहा

नाना - हा बेटा ठीक है सब , लेकिन अब चमनपुरा बदल गया है काफी ज्यादा

मै ह्स कर - ऐसा क्यू
नाना - अरे बेटा मेरे समय मे जब मैने तेरी मा की शादी की थी तो एक ग्राम सभा था और यहा एक प्रधान के संपर्क से ही मैने इतना अच्छा रिश्ता बडी मुश्किल से पाया था । क्योकि तब कहा इतनी दुर शादिया होती थी ,,ज्यादतर तो आस पास के गाव मे ही हो जाती थी और कभी कभी तो गाव मे और कभी कभी तो अपने दुर से खानदान मे ही


मै जिज्ञासा से - अपने ही खान दान मे ही शादी ,,ये कैसे नाना जी

नाना - अरे बेटा पहले के समय मे लोगो का परिवार बहुत बड़ा हुआ करता था और कही कही तो लग्भग पुरा गाव की एक ही खानदान का रहता था ।

मुझे सच मे नाना जी की बातो से ताज्जुब हुआ
मै - तो अब कैसा लगता है आपको चमनपुरा नाना जी
नाना - अरे अब तो ये धीरे धीरे शहर होता जा रहा है ,,, देख नही रहा है मेरे उम्र की बुढिया भी कसे हुए कपड़े पहन रही है हाहह्हा

नाना जी का तंज शकुन्तला ताई की ओर ही था , मै समझ गया

मै ह्स कर - अरे नही नाना ,,वो शकुन्तला ताई है ,,उनको आपने अभी देखा ही कहा है

नाना अचरज से - क्यू ऐसा क्या है
मै ह्स कर - कभी सामने से देखना जान जाओगे आप हिहिहिही

मेरे बातो का इशारा जान गये थे नाना जी और उनको वापस से मा की याद आ गयी ।

मै जान बुझ कर - क्या हुआ नाना चुप क्यू हो ,,रज्जो मौसी की याद आ रही है क्या

नाना झेपे - अरे तुझे कैसे पता की मै उसके बारे मे सोच रहा हू ,,

मै - मैने अक्सर देखा है कि आपजब शांत होते हो तो उन्ही को याद करते हो

नाना हस के - अरे नही बेटा,,, दरअसल मै यहा अपनी छोटी बेटी के पास आया हू ना तो उसकी याद आयेगी ही ना

मै खुश होकर - रुकिये फिर मै फोन लगाता हू

मैने फटाक से रज्जो मौसी के पास फोन लगाया
फोन उठाते ही

मै - नमस्ते मौसी ,,कैसी हो
रज्जो खुश होकर - खुश रहो बेटा,, मै अच्छी तू बता
मै - मै भी ठीक हू मौसी ,,आपको पता है नाना जी घर आये है

रज्जो - अच्छा सच मे बात करा तो मेरी
मै फटाक से मोबाईल स्पीकर पर डाला
मै - हा मौसी बोलो , नाना सुन रहे है
रज्जो - नमस्ते बाऊजी
नाना - हा खुश रहो बेटी
रज्जो- और बाऊजी तबियत ठीक है ना ,,दवा समय से खा रहे है ना

नाना - हा बेटी , तू चिन्ता ना कर
रज्जो - और डॉक्टर ने जो बोला था उसका ध्यान रखना ,, दिन मे एक बार से ज्यादा नही ,,, ये नही कि तबीयत ठीक हो रही है तो ,,समझ रहे है ना

नाना थोडा हिचके और एक नजर मुझे देखा - हा हा बेटी ठीक है ,,मै रखता हू
फिर मैने फोन काट दिया ।


फोन रखते ही मै नाना से मुखातिब हुआ ,,जो कि मै जानता था सारी सच्चाई फिर भी

मै - ये क्या कह रही थी मौसी ,कि दिन मे एक बार से ज्यादा नही

नाना थोड़ा हिचक रहे थे - कुछ नही बेटा वो मुझे परहेज से चलना है ना, शरीर भले ही मजबूत ही लेकिन उम्र का असर मन पर होता ही है

मै थोडा उलझन से - समझ नही पा रहा हू नाना जी ,,कैसी परहेज है

नाना एक गहरी सास ली - वो बेटा,, याद है जब तु पिछ्ले साल घर आया था मेरे और मेरी तबियत खराब हुई थी

मै - हा , लेकिन तब भी मुझे समझ नही आया क्यू हुआ ऐसा

नाना - दरअसल बेटा मैने तुझे कल बताया ही गाव मे अपनी तलब के लिए कोई नौकरानी या औरत से मै संपर्क कर लेता था

मै - हा तो
नाना - तो बेटा पिछ्ले साल मैने सम्भोग अपनी हद से ज्यादा कर लिया थ जिस्से मेरे शरिर मे कमजोरी आ गयी थि और उस समय डॉक्टर ने मुझे पूरी तरह से सम्भोग के लिए मना कर दिया था ।।

मै हुकारि भरते हुए - हम्म्म फिर
नाना - फिर वही सब दवा चल रही थी और समय के साथ धीरे धीरे मुझमे सुधार हुआ तो एक बार फिर डॉक्टर से मैने अपना चेकअप किया और मैने उन्हे बताया कि मेरी सम्भोग की तलब से मुझे मानसिक तनाव रहता है

मै - हम्म्म फिर

नाना - फिर डॉक्टर ने सब कुछ चेक किया और मेरी सुधार को देख कर दवाई कुछ समय तक जारी रहने को कही और ये कहा की पहले कुछ हफते मै 3 या 4 दीन के दरमयाँ पर सम्भोग करू और फिर दिन मे सिर्फ एक बार

मै एक गहरी सांस लेकर- ओह्ह ये बात है ,,तो ये रज्जो मौसी को पता है सब

नाना - हा बेटा,, वही तो पहल कर डॉक्टर से मेरा चेकअप करवाई और मुझे स्खती से रखे हुए है हाहहहा

मै - हम्म्म लेकिन आप तो दो दिन से हो यहा और बिना कुछ किये तो आपकी इच्छा नही हो रही है अभी

मेरी बाते मानो नाना की दुख्ती रग पर हाथ रख दी हो
वो भी एक गहरी सास लेके बोले - मन तो बहुत है बेटा लेकिन क्या कर सकता हू यहा ,,अब तो गाव जाकर ही कुछ हो पायेगा
मै हस कर - गाव मे कोई खास है क्या नाना

नाना ह्स कर- नही रे , वो बस काम चलाऊ है ,,, मजा तो किसी अपने के साथ ही आता है

मै ह्स कर उनकी बाते सुन रहा था
फिर हम थोडा देर टहले और निचे आ गये ।
हाल मे पापा और अनुज भी आ गये थे ।
फिर थोडा पापा ने सगाई की तैयारियो को लेके बात की और मेरी नजर अनुज पर गयी तो वो भी आज मा को कुछ ज्यादा ही कनअंखियो से निहार रहा था ।

मै उसकी हरकत पर मुस्कुरा और सोचने लगा, एक ही तीर से दो घायल हो रहे है ।

फिर हम सब खाना खाने बैठ गये ।
खाने के दौरान गीता बबिता ने जिद की आज वो मेरे साथ सोयेंगी

इतने मे अनुज उखड़ कर बोला - हा दीदी आप उन्ही लोगो के साथ रहो ,,,मेरे साथ तो कोई रहना ही नही चाहता ना ही बात करना चाहत है ।

मा को इसका बुरा लगा और वो उसको अपने सीने से लगा ली तो वो ममता की ओट मे फफक पड़ा,,,वही नाना का ध्यान अनुज के सर मा की चुचियॉ मे कितना घुसा है उसपे था ।

गीता अनुज को रोता देख उसे बडी मासूमियत से समझाते हुए बोली - देखो अनुज ,,इस घर मे सबसे बडी दीदी है तो कल ऊनके साथ सोयी ,,उसके बाद राज भैया है तो आज उन्के साथ और फिर कल तुम्हारे साथ सो जायेन्गे हम

बबिता - आ भाई तू रो मत
कल हम तेरे साथ घूमने भी तो जायेंगे ना

फिर थोडा हस्नुमा माहौल बना और खाना खाने के बाद

मा ने नाना के गेस्टरूम मे व्यव्स्था कर दी और बाकी लोग अपने तय कमरे मे चले गये सोने
मै भी गीता और बबिता के साथ अपने कमरे मे चला गया ।

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनो का सौदागर
6,345
17,799
174
mana ki raj apna farz bakhubi nibhata hai.... ye bhi ek sach hai ki raj khud se hamesha jimmedaari nibhata hai... kisi ko ushe alag se kehne ki jarurat nahi...
Lekin ye bhi ek sach ki wo hawas ka pujari hai :lol:
aur is raj se to iske nana 200 kadam aage hai is mamle mein.... Khud ki hi beti ko hawasi nazaro se dekhe budha... kitna kamina hai, apne hi naati ke saath kaisi kaisi hawasi baate kar raha kambakht insects lober kahi ka....

So budhau ne biwi ki maut ke baad bahan ko hi biwi maanke tharak ka khel suru kiya....
Udhar wo tharki raj ... uske nana aur ragini ko ek sath imagine kar raha hai....waise uske nana aur uski maa ragini tharak ka khel shayad na bhi khele... lekin ye kamina raj jarur undono ke bich jarur hawas ka khel suru karwa dega... taaki us tharki raj ko isme maja aaye ...

agle din subhah jogging ke waqt saroja us kamine budhe ki nazar pehchan ke udhar se bhag gayi... wo bhi soch rahi hogi ki ek per kabar mein aur ek per kele ke chilke mein phir bhi budhe ka tharak nahi gaya :roflol:
Dusri taraf dukan mein babita, geeta aur raj ke bich hawas ka khel suru,
Ghar aake bhi wohi kand ho raha tha... ye ragini to raj ki bitch nikli :lol:

Khair...
well...hamesha ki tarah ek kamukta ka mahol banane mein aap mahir rahe... ... writer sahab ne bahot hi ummda aur ek details ke sath ek nana aur naati ke bich ke vartalaap, kuch purani yaadon ko ek alag roop mein scenes create ki hai update mein , Jo sach mein adbhut aur prashansaniya hai... jagah, paristhiti, waqt aur kirdaar... kaise, kaha, kis tarah se, kis karm mein rahenge kahani mein bhumika nibhate huye iska sathik mulyankan karke update ko jis tarah pesh ki hai hum readers ke samaks wo apne apme bemisaal hai..

Shaandar update, shaandar lekhni shaandar shabdon ka chayan aur sath hi dilkash kirdaaro ki bhumika bhi...

Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :applause: :applause:

NICE update

Fantastic update waiting for next

लगता है माँ और नानाजी की ख्वाहिश जल्दी पूरी होने वाली है। सरोजा का राज़ भी खुलना अभी बाकी हैं क्या पता वो भी अपने भाई के साथ मज़ा करती हो। उत्तेजक अपडेट

Bhai Ragini ko nana ji se mat chudwao.. O raj k liye hi rakho... bas nayi nayi chut raj ko dilane me Ragini raj ko help kare to accha h.. Ragini ko sirf Raj aur uske papa ka hi land le lene do..

Super cool update Dost

Wonderful 💋 update tha dost... humme to shadishuda beti Sonal ka intezar hai.. waiting

Bhai ragini aur Nana ki chemistry mujhe bahut achhi lagi please ise continue rakhna aur dono thoda seduction rakhan jaldi jaldi me kuchh maza nahi aata

Bohat badiya update. Always a fan of your writing 🤩👍

Awesome Update...

Updated do jaldiiii

Nice update

Awesome update

ये तो बड़ा तगड़ा गोता फिट कर दिया वाह चंदू मेरे सेर मां तो मां बहन की भी फूला दी अब राज आगे किया करने वाला है कौन सा पैंतरा आजमाएगा जो चंदू से राज उगलवा सके इधर घर पर राज को फ्री में मस्त वाला सो देखने को मिल रहा हैं ऐसे में जवान लड़का कब तक हाथ गाड़ी चलाएगा कोई न कोई सुरंग ढूंढ कर निकलेगा ।

सुपर भाई इस कहानी में भी दूसरे कहानी की तरह थाली में सजी हुई मिली तो सारा मज़किरकिरा हों जाएगा।

अप्रतिम

Nice update mitr

Bahot behtareen
Shaandaar update bhai


Daily update shuru kro bhai ab to.
Aise maja nhi aata

भाई आप इंतज़ार बहुत कराते हो कल से इंतज़ारबकर रहा अपडेट का लेकिन अभी तक नहीं आया


Aap sbhi ki pratikriya k liye dhanywaad dosto

New update posted
Padh kar apni ray jarur de

Dhanywaad
 
Top