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लेखक की जुबानी
* राहुल के घर *
बीते लम्हे भाग 01
समय : दोपहर के करीब 2 बजे
किचन मे शालिनी अपनी टाँगे खोले गाड़ को बाहर की ओर फेके हुए खड़ी थी और निचे फर्श पर राहुल ने अपना मुह अपनी मा के गाड़ मे दे रखा था ।
शालिनी उसके सर को अपने गाड़ की दरारो मे दबाते हुए उसके नथनो पर भरसक अपनी चुत भी रगड़ रही थी - उह्ह्ह्ह बेटा उम्म्ंम और चुस अह्ह्ह तुम बाप बेटो ने मिल कर सच मे मुझे रंडी ही बना दिया है आह्ह सीईई और चाट उह्ह्ह
राहुल ने जब अपनी मा की ऐसी बात सुनी तो उसके जहन मे एक ही बात चलने लग कि क्या हो अगर पापा और मै दोनो मिल कर मम्मी को रन्डी के जैसे पेले तो
फिर वो वापस से अपनी मा की गाड़ फैलाये चाटने लगा और फिर खड़ा होकर अपने लण्ड पर थुक लगा कर सिधा गाड़ मे लण्ड डाल कर चोदने लगा ।
शालिनी - उह्ह्ह बेटा और पेल उम्म्ं मस्त चोदता है उम्म्ंम
राहुल अपनी मा की चर्बीदार गाड़ के पाटो को फैलाये सटासट लण्ड दिये जा रहा था - ओहहह मम्मी आप सच मे बहुत चुद्कद हो , मेरी रंडी हो उम्म्ं
शालिनी - आह्ह हा बेटा मै तो तुम दोनो की रन्ड़ि हू उम्म्ं और पेल मुझे उहहह अह्ह्ह
राहुल - मम्मी एक बात कहू ,
शालिनी - आह्ह हा बोल ना बेटा उह्ह्ग
राहुल अपने लण्ड को अब बहुत ही मादक तरीके से गाड़ की गहराई मे जाता हुआ - मम्मी मुझे आपको पापा के साथ चोदना है उम्म्ं चुदवा लो ना
शालिनी चुदासी होकर सिस्की लेती हुई चुप रही
राहुल- फिर आपके चुत और गाड़ दोनो मे लण्ड होगा उह्ह्ह कितना मजा अयेगा जब दोनो मिल कर आपको चोदनगे

शालिनी दो लण्ड एक साथ मिलने की कल्पना से ही झड़ने लगी और कापते स्वर ने - आह्ह्ह माह्ह उह्ह्ह ऊहह
राहुल अब और तेजी से लण्ड को सटासट गाड मे पेलने लगा - ओह्ह मम्मी बोलो ना ऊहह
शालिनी - हा बेटा चोद लेना ऊहह दोनो की रन्डी हू ना उह्ह्ह पेल मुझे रोक मत मेरा हो रहा है आह्ह अह्ह्ह और पेल
राहुल खुश होकर ताबड़तोड़ झटके लगाने लगा और इसी वक़्त उसके बाप की आवाज दोनो के कानो मे पडती और वो अकड़ जाते है ।
राहुल जल्दी से खड़े लण्ड पर च्ढ़्ढा उपर कर चला जाता है , क्योकि दुकान मे रागिनी और रज्जो आई होती है ।
इसी दौरान जब जन्गीलाल राहुल को इशारे मे भेजता है कि वो अपनी मा को कपडे बदलने के लिए ।
और कमरे मे शालिनी चली जाती है
राहुल शालिनी को हग करता हुआ - मम्मी ये होगा कैसे ?
शालिनी - क्या ?
राहुल - वही ! मै और पापा एक साथ
शालिनी हस के - धत बदमाश ,
राहुल - मम्मी प्लीज ना प्लीज
शालिनी - ये इत्ना आसान नही बेटा , लेकिन मै देखती हू
राहुल अपनी मा के गालो पर किस्स किया और बाहर चला और इधर शालिनी जानती थी कि जंगीलाल को कैसे काबू के लाना है ।
बीते लम्हे भाग 02
रज्जो - रागिनी के जाने के बाद जन्गीलल-राहुल मे जो बात हुई उसकी चर्चा करने के लिए कुछ समय बाद जन्गीलाल वापस कमरे मे गया ।
जन्गीलाल - शालिनी दरअसल मुझे राहुल को लेके कुछ बात करनी है
शालिनी - क्या हुआ जी !
जन्गीलाल - जान तुम्हे नही लगता कि राहुल ने जिस कपडे मे देखा उसे भनक लग गयी होगी कि हम लोग कर कर रहे थे ,
शालिनी मुस्कुरा कर - अरे तो क्या हुआ बेटा है मेरा , उसने तो कई बार मुझे नहाते हुए भी देखा है , इसमे क्या है । आप भी ना
जंगीलाल थोडा विचार करता हुआ - इतना भी बच्चा नही है वो 19 का हो गया है । इस उम्र मे क्या मुझे तो बहुत पहले से ही सेक्स के बारे मे जानकारी हो गई थी ।
शालिनी - तो आप कहना क्या चाहते है साफ साफ कहिये
जन्गीलाल - मुझे शक है शालिनी कि राहुल सब कुछ जान कर भी हमारे सामने भोलेपन का दिखावा कर रहा था आज
शालिनी हसकर - क्या जी आप भी , आपको तो खुश होना चाहिए कि आपका बेटा इतना समझदार ऐसी स्थिति मे भी अपने मा बाप को गलत ठहराने के बजाय खुद नासमझ बन गया ताकि हमे कोई असहजता ना हो और आप है कि
जंगीलाल - बात वो नही है शालिनी
शालिनी एक गहरी सास लेके - ह्म्म्ं बताईये क्या बात है ।
जंगीलाल - दरअसल अभी जब भाभी आई थी और मैने उसको बुलाया था , जब वो बाहर आया तो उसका लण्ड पूरी तरह तना हुआ था और वो उसको बार बार एडजस्ट कर रहा था ।
फिर जंगीलाल ने राहुल और उसके बिच हुई शालिनी के कपड़ो पर लेके बातचित को बताया कि कैसे राहुल अपनी मा को नये नये फैन्सी कपड़ो मे देखना चाहता है
अपने पति की बाते सुन कर शालिनी समझ गयी क्योकि उस समय बेचारे के लण्ड से माल ही नही निकल पाया था तो लण्ड खड़ा होना वाजिब था ।
शालिनी हस कर - तो आप कहना चाह रहे है कि मेरा बेटा मुझे उस रूप मे देख कर उत्तेजित हो गया था
जन्गीलाल - हमम शायद
शालिनी हस कर - अरे तो क्या हुआ , अब जिसकी इतनी सेक्सी मम्मी रहेगी उसके बेटे का लण्ड खड़ा ना हो तो बेकार है ऐसा सेक्सी होना हिहिहिही
जंगीलाल मुस्कुरा कर सीरियस भाव मे - मै मजाक नही कर रहा हू जान
शालिनी भौहे चढा कर मुस्कराने के स्वर मे - अच्छा जी , आप अपनी सेक्सी बेटी को दिन रात ठोको और मेरा बेटा मुझे देखे भी नही ,हुउह
जन्गीलाल शालिनी के जवाब पर झेप्कर हस पड़ा- अब मै !
शालिनी - नही नही बोलो बोलो , मै भी सोच रही हू काफी समय से , जैसे आप अपनी बेटी के साथ मजे ले रहे है क्यू ना मै भी अपने बटे के साथ लू , तभी हिसाब बराबर होगा
शालिनी की बाते सुन कर जन्गीलाल का लण्ड इसीलिए कसने लगा क्योकि अब तक तो वो ये चाहता था कि वो अपने बेटे के सामने उसकी मा को चोदे , लेकिन क्या होगा जब उसका बेटा ही अपनी मा को चोदेगा
ये विचाए आते ही जन्गीलाल का लण्ड फौलादी हो गया । जिस्पे शालिनी की नजर पड़ गयी ।
शालिनी ने लपक कर लण्ड को पकडते हुए - ओहो देखो तो मुझे मेरे बेटे से चुदता देखने के लिए कितने बेताब हो रहे हो
जंगीलाल हस के - ऊहह जान तो तुमने सच मे तय कर लिया कि तुम राहुल से
शालिनी अपनी मतवाली आंखो से जंगीलाल के आंखो मे देखते हुए जोर से उसके आड़ो को चढ्ढे के उपर से भीचकर - क्यू आपको नही देखना मेरा रन्डीपना ,उह्ंम्ंं रंडी बनाये हो ना मुझे बोलो
जन्गीलाल शालिनी के स्पर्श और उसके मादक शब्दो से आंखे बन्द कर लिया औए गहरी सास लेते हुए - आह हा जान देखूँगा ना
शालिनी समझ गयी कि ये अब आंटे मे आ गया और वो इतरा कर उठ गयी उसे तड़पता छोड कर
जंगीलाल ने बौखलाये लण्ड की तडप मे उसकी कलाई पकड़ ली - कहा जा रही हो जान
शालिनी ने नशिली आँखो से जन्गीलाल को देख कर मुस्कुराती हुई - अपने बेटे के लिए चुत साफ करने जा रही , आज उसे एकदम चिकनी चुत परोसुन्गी
अपनी बीवी की बात सुनते ही जन्गीलाल के लण्ड का सुपाडा और फुल गया जिसे जंगीलाल ने भीचते हुए कहा - ठिक है लेकिन एक शर्त है
शालिनी इतरा कर - क्या
जन्गीलाल मुस्कुरा कर - तुम्हारी चुत की सफाई मै खुद करूंगा
अप्ने पति के मुह से ऐसी बात सुन कर शालिनी की चुत बजबजा गयी और सिहर उठी ।
फिर दोनो मिया बीवी बाथरूम मे गये जहा जन्गीलाल ने अपनी बीवी के चुत के बाल साफ करके चिकना किया और फिर अपनी एक फरमाईस रखी कि वो आज सेक्सी ब्रा पैंटी सेट लेके आयेगा । जिसे पहन कर ही वो राहुल के सामने जायेगी ।
शालिनी ने बिल्कुल भी इंकार नही किया ।
बैक टू प्रेजेंट
तेज धड़कते दिल , गलो से उतरती हवस की लार , मस्ती मे उभफानी सासे और फौलादी होते लण्ड
दोनो बाप बेटे एक सी स्थिति मे फटी आंखो से शालिनी के जिस्म को निहार रहे थे, चिकनी टांगो मे पानी की बुन्दे अभी भी झलक रही थी, भिगे बालो से पानी रिस रिस कर तौलियो का वजन बढ़ाते हुए गाठ को ढीला करने पर लगा हुआ था।
राहुल के लिये एकदम ये सब सरप्राइज़ की तरह था और उससे कही ज्यादा जंगीलाल को अपनी बिवी की इस हरकत से उत्तेजना हो रही थी कि उसने बिना ब्रा पैंटी के सिर्फ़ तौलिया लपेट कर निचे आ गयी ।
दोनो की स्तिथी देख कर शालिनी एक शर्माहत भरी मुस्कान के साथ - मै जरा कपडे पहन के आती हू ले जाना ही भुल गयी थी ।
शालिनी बात सुनते ही पहली बार दोनो बाप बेटे की तन्द्रा टूटी और वो दोनो अपनी स्थिति को देख कर थोडा असहज हुए
दोनो की निगाहे मिली और दोनो एक दुसरे के चढ़ढे मे बने तम्बू को देख कर एक दुसरे को मुस्कुरा कर देखा फिर उस मोमेंट को इग्नोर करने का दिखावा करने लगे ।
वही शालिनी इतरा कर कमरे की ओर घूम गयी ,और वापस से दोनो की नजरे शालिनी के मतकते चुतडो पर चली जो तौलिये की कसावट मे और भी मादक लग रहे थे ।
राहुल चमकती आँखो से बिना जन्गीलाक की ओर देखे बस अपनी मा के मतकते कूल्हो को देखता हुआ - पापा मम्मी तैयार होने जा रही है
जन्गीलाल ने राहुल को देखा तो उसकी निगाहे अपनी मा पर जमी हुई थी और वो मुस्करा दिया कि उस्का शक सही था ।उसका बेटा अपनी मा का दीवाना हो चुका है ।
जंगीलाल शरारत भरी मुस्कराहट के साथ - शश्स्स्स , चुपके से चलते है उसको भनक ना लगे
राहुल ने अपनी भोली हसी मे खिखियाया और लण्ड भीच कर दबे पाव शालिनी के कमरे की ओर बढ गया ।
दोनो के मुहसे हवस की लार टपक रही थी और दोनो स्वार्थ के समझौते मे आगे बढ रहे थे ।
जल्द ही वो शालीनी के कमरे के सामने थे ।
रूम मे शालिनी दरवाजे की ओर पीठ किये बेड के पास खडी थी और बेड पर जन्गीलाल द्वारा लाया गया बिकनी सेट पड़ा हुआ था ।
शालिनी जान रही थी कि अब तक दोनो बाप बेटे दरवाजे तक चुके होगे इसीलिए उसने बड़ी कामूकता के साथ हाथ आगे ले जाकर तौलिये की गाठ खोलकर दोनो बाहे फैलाकर तौलिया भी फैलाया
जिसे देख के दोनो की आंखे चमक गयी , दोनो मन ही मन कलपना कर रहे थे कि आगे से दृश्य कीतना सेक्सी होगा
और वो दोनो ने थुक गटक कर अपना लंड भीचते हुए मुस्करा कर एक दुसरे को निहारा और वापस कमरे मे देखने लग गये ।
वही शालिनी ने तौलिये से अपने उपरी जिस्म को पोछने लगी और फिर बार बारी से टाँगे उठा कर जांघ और चुत को भी पोछ रही थी ।
फिर उसने तौलिये को वापस कमर पर लपेटा और आगे झुक कर ब्रा लेके उसमे हाथ डाल कर पहन ली और दोनो डोरी बान्ध लिया , मगर उसकी उम्मीद से डोरी ढीली ही रही । और चुचे लटके ही थे ।
बार बार कोसिस के बाद भी जब शालिनी से नही हुआ तो उसने वैसा ही छोड दिया औए अब बारी पैंटी की थी
दोनो बाप बेटो की नजरे फिर से चमक उठी इस उम्मिद मे कि अब तो शलिनी को तौलिया हटाना ह पडेगा क्योकि पैंटी लास्टीक वाली नही थी उसको पहनने के बाद डोरी बान्धना था साइड साइड से ।
शालिनी जान रही थी इस वक़्त दोनो बाप बेटो की आंखे की उसकी चर्बीदार गाड़ के चिकने पाटे निहारने को आतुर ही होगे
इसलिये वो भी इतरा कर बिना तौलिया खोले ही पैंटी मे बारी बारी पाव डाल कर उपर चढाने लगी और आखिर जब पैंटी आधे चुतडो तक चढ़ गयी तो मजबूरी मे उसको बान्धने के लिए शालिनी को तौलिया खोलना पड़ा, इधर जैसे ही शालिनी ने तौलिया सरकाया
दोनो की आंखे फट रही गयी , वो दोनो शालिनी के उभरी हुई चर्बीदार अध नंगी गाड़ निहार रहे थे जिसपर शालिनी ने जल्द ही पैंटी चढा ली और डोरी बान्धते हुए दरवाजे की ओर घूमी तो उसकी हसी छुट गयी - तो आप बाईसकोप देख रहे है वहा खडे खड़े ये नही कि मेरी मदद कर दे ।
शालिनी की बात सुन कर जंगीलाल हस कर राहुल को देखा और कमरे मे जाने लगा तो राहुल भी कमरे मे आ गया
शालिनी - ये क्या लेके आये है जी देखिये कितना ढीला ढीला है
शालिनी ने अपनी ब्रा की डोरी पकड कर उपर निचे करके अपने चुचे हिलाती हुई बोली ।
तो जन्गीलाल हस के - अरे जान ये तो ऐसे ही होता है , गर्मियो मे आराम हो इसीलिए ।
राहुल बिना कुछ बोले अपनी के कामुक जिस्म को निहारे जा रहा था उसे यकीन नही हो रहा था वो अपने बाप के सामने अपनी मा को इस तरह देख पा रहा था
शालिनी इतरा कर मुस्कुराते हुए जंगीलाल को देखा और आईने मे खुद को निहारते हुए अपनी पैंटी को और उपर चढाने लगी , जिस्से पीछे राहुल और जन्गीलाल की निगाहे उसके चर्बीदार गुदाज गाडो पर गयी , जो पैंटी के उछलकूद कर रहे थे ।
मौका देखकर जन्गीलाल ने अपना हाथ आगे बढा के शालिनी के मोटी गाड़ पर हाथ घुमाते हुए - बहुत सेक्सी लग रही हो जान
शालिनी ने झलक कर आइने मे राहुल को अपना सुपाडा मुठियाते देखा और तुन्कते हुए अपनी बाहो से जन्गीलाल के सीने पर ध्क्का देते हुए - क्या आप भी , मजाक करते है
जन्गीलाल - मै सच कह रहा हू जान, यकीन ना हो तो राहुल से पुछ लो
ये बोल कर जंगीलाल ने शालिनी को पकड कर राहुल की ओर घुमाया - क्यू बेटा कैसी लग रही है तेरी मा
राहुल अपने चढ़ढे मे बने तम्बू से फौरन हाथ हटाकर शर्माहट भरी मुस्कान से - वही जो आप कह रहे हो पापा
जन्गीलाल हस कर - अरे तो शर्मा क्या रहा है खुल के बोल ना
राहुल हस कर - हा मममी पापा सही कह रहे है , आप बहुत सेक्सी लग रहे हो हिहिहिही
शालिनी - अपनी मम्मी को सेक्सी बोल रहा है , बदमाश कही का उम्म्ं
राहुल - अब पापा ने बोला तो मै भी बोल ही सकता हू ना ,
शालिनी - अच्छा तो जो तेरे पापा करेंगे वो तु भी करेगा , उम्म्ं !!
राहुल सवालिया नजरो से अपने पापा को देख्कर - क्यू मै नही कर सकता क्या ?
जन्गीलाल - क्यू नही कर सकता बेटा, तेरी मा पर जितना हक मेरा है उतना तेरा भी है , आखिर तू हमारा एकलौता बेटा है ।
जन्गीलाल की बाते सुन कर दोनो मा बेटे के सासे हैवी होने लगी थी । दोनो जान रहे थे कि अब जल्द ही वो पल आने वाला है ।
जंगीलाल ने आगे लपक कर शालिनी के गाल पर पप्पी कर ली और बोला - मैने ली ना पपपी आ तु भी ले
राहुल असहज होने का दिखावा करता हुआ - मै !!
जन्गीलाल - आ ना , तेरी मा कुछ नही बोलेगी , आ ।
राहुल आगे बढा और शालिनी के दुसरी ओर खड़ा होकर हल्के से अपनी मा के गालो को चूमा जिससे शालिनी सिहर गयी
जंगीलाल हस कर- क्या तू भी बच्चो जैसे ले रहा है , ऐसे ले ना

ये बोलकर जन्गीलाल शालिनी की ओर लपक कर उसके चर्बीदार गाड़ को हाथो मे भर के मसलते हुए उसके गाल पर जोर से चुम्मी की उसके गाल लाल हो गये और वो हिल गयी ।
राहुल ने थुक गटक कर अपनी मा के चेहरे को पकड कर उसके गालो पर होठ रख प्प्पी ली
इतने मे शालिनी खिलखिलाई और हस कमरे से बाहर भागती हुई - आप लोग तो मेरे पीछे ही पड़, हिहिहिजी

जन्गिलाल - अरे बेटा पकड तेरी मा को भाग रही है , आज इसकी खुब चुम्मीया लेंगे हम दोनो
इतना सुनते ही राहुल गदगद हो गया क्योकि वो अब समझ गया था कि उसके बाप का इशारा किस ओर था ।
फिर क्या राहुल अपनी मा की ओर लपका और हाल की ओर भागा ,
हाल उसने अपनी मा को पीछे से पकड रखा था और उसका लण्ड अपनी मा के गाड़ के गालो को चुबो रहा था , शालिनी छ्टपटा रही थी कि इतने मे जंगीलाल भी आ गया ।
जन्गीलाल - ओहो तु बस पकड कर खड़ा है ले ना चुम्मीया
राहुल - लेकिन कैसे ? मम्मी गाल घुमा ले रही है
जन्गीलाल - अरे तो क्या सिर्फ़ गाल पे ही चुम्मीया ली जाती है पागल
राहुल अचरज भरे स्वर मे - फिर !!
जन्गीलाल - तु भी ना बहुत भोला है , अरे तेरी मा के नाजुक बदन ने तुझे कुछ भी दिख रहा है जो चुमने लायाक ना हो ,
राहुल अपनी बाप की बात सुन कर थोडा लजा गया और वही जन्गीलाल निचे बैठ कर शालिनी की कमर को पकड कर उसके पेट को चुमने लगा
राहुल ने भी मौका देखकर अपनी मा के गरदन और कन्धे चूमने लगा ।
इधर जन्गीलाल शालिनी की एक जांघ उठा कर अपने कन्धे पर रख कर उसके रसिले चर्बीदार जनघो को भी चुमता हुआ चुत की ओर बढ़ रहा था वही राहुल ने अपनी मा की पीठ पर जीभ फिरानी शुरु कर दी थी ।
नतीजा शालिनी अपना सन्तुलन खोने लगी और सिस्कती हुई -आह्ह रुकिए ना जी मै गिर जाऊंगी उह्ह्ह सीईई उम्म्ंम
जन्गिलाल ने मौके की नजाकत को समझा और उठ कर खड़ा हुआ - बेटा हट जा पीछे से , तेरी मा को सोफे पर बैठ जाने दे ।
फिर राहुल हट कर सामने आ गया और अपना सुपाडा खुजाते हुए अपने बाप को देखने लगा , जो शालिनी को सोफे पर लिटा कर खुद फर्श पर बैठ कर उसके एक टांग को अपने कन्धे पर रख उसकी चिकनी चिकनी पिण्डलिया सहलाते हुए चुमने लगा ,
जिस्से शलिनी की सिसकिया और बढ गयी
जंगीलाल - आ बेटा तु भी ऐसे कर ,
राहुल खुश होकर अपने बाप के बगल मे बैठ गया और अपने बाप की नकल करता हुआ अपनी मा के नंगे पांव को चुमने लगा
शालिनी की बेचैनी अब और बढ़ने लगी , जिस्म का रोवा रोवा काप रहा था , चुचिया ब्रा मे फूलने लगी थी और उसकी चुत मे अलग ही आग मची हुई थी ।
दोनो बाप बेटे धीरे धीरे घुटने से आगे बढ कर शालिनी की जांघो तक आ चुके थे और वो उसकी पैंटी लाईन के पास अपनी जीभ बहुत ही कामुक ढंग से चला रहे थे ,
धीरे वो उपर पेट की ओर बढने लगे और शालिनी की चुत पूरी तरह से बजबजाइ हुई थी , उसकी पैंटी निचे से गीली हो चुकी थी ।
दोनो उसके पेट पर अपनी जीभ चलाते हुए नाभि को खोदना चालू कर चुके थे , इधर राहुल की स्पीड उसके बाप से तेज थी वो किनारे किनारे सफ़र बढाता हुआ अपनी मा के आर्मपिट तक जा पहुचा था और उसकी चिकनी मदहोश करने वाली कांख मे अपने नाथूने और होठ घुमा रहा था ।
जन्गीलाल ने भी जल्द ही राहुल की बराबरी की और वो भी शालिनी की बाजुओ को उठाये उसकी बगल मे मुह दे चुका था ।
शालिनी अपना पुरा जिस्म अक्ड़ाये हुए मादक सिसकिया ले रही थी ।
वही दोनो बाप बेटे एक लय मे कांख से उसके उपरी कंधो पर आ चुके थे और उनका लक्ष्य धीरे धीरे शालिनी की चुचियो की ओर बढना था ।
वो दोनो अपने प्रयास मे लगे थे और तभी वो क्षण आया कि जब राहुल के होठ अपनी मा के ब्रा के कप पर आकर रुक गये और वो अपनी मा के उभरेहुए सीने पर होठ रखे हुए ही अपने बाप को देखता है तो जंगीलाल उसको देखकर उसके सामने शालिनी ब्रा के कप को सरकाकर नंगी चुची के निप्प्ल को मुह मे भर लेता है
जिसे देख कर राहुल गनगना जाता है और वो भी वापस से अपने बाप के जैसे ही कप को खोलकर निप्प्ल को मुह मे भर कर चुबलाना शुरु कर देता है
शालिनी की सिसकिया अब चिखो का रूप ले रही थी क्योकि दोनो जोर जोर से उसके निप्प्ल अपने होठो से नोच रहे थे और उन्के हाथ मे चुचिया मस्ली जा रही थी ।

शालिनी अपनी गाड़ पटकती झड़ रही थी और दोनो के सर को अपने सीने पर दबाये जा रही थी
शालिनी - उह्ह्ह उम्म्ं सीईई निशा के पापा उह्ह्ह मुझे चाहिये उह्ह्ह
जन्गीलाल सर उठा कर - क्या चाहिये मेरी जान
शालिनी ने जन्गीलाल के तने हुए मुसल की ओर इशारा किया और राहुल के सर को अपनी चुची मे मल दिया ।
इतना कहने की देरी थी अगले ही पल जंगीलाल ने खड़ा होकर अपना मुसल निकाल कर शालिनी के साम्ने कर दिया और शालिनी ने भी देरी ना करते हुए सुपाड़े से चमडी निचे कर मुह मे लण्ड को आधा भर लिया ।
जन्गीलाल अपनी गाड़ उच्का कर सिस्क पड़ा और उसकी नजर अगले ही पल राहुल पर गयी जो उसकी ओर ही सर उठाए देख रहा था
जन्गीलाल अपने चेहरे को भीचते हुए - आह्ह बेटा तु चुस उसे अह्ह्ह ऊहह जान उम्म्ं और लो ना अन्दर
वही शालिनी गपागप अपने पति का लंड घोटे जा रही थी और राहुल अपनी मा की दोनो चुचिया पकड़कर मसल मसल कर बारी बारी से दोनो चुसे जा रहा था
वो जान रहा था अब रुकना ठिक नही , यही मौका है कि अब खुल कर खेला जाये
फिर क्या अगले ही राहुल भी शालिनी के सामने अपना मुसल निकाल कर मुठियाते हुए खड़ा था ।
राहुल ने थोडा झिझक भरे स्वर मे कुनमुना कर - मम्मी मेरा भी लो ना
राहुल की आवाज सुनते हुए दोनो मिया बीवी ने आखे खोली और देखा कि राहुल भी अपना मुसल हाथ मे लिये खड़ा हो उसको हिला रहा था
शालिनी ने मुह मे लण्ड भरे हुए आंखे उपर करके जन्गीलाल को देखा मानो इजाजत माग रही थी ,
जन्गीलाल ने आँखो से हामी भरी और शालिनी ने मुस्कुरा कर अपने पति का लण्ड छोडा और राहुल के लण्ड को थामते हुए बोली - तुझे भी चाहिये उम्म्ं
राहुल ने बड़ी मासूमियत से हा सर हिलाया और अगले ही पल उसकी आंखे उलटनी सुरु हो गयी , जैसे ही शालिनी के ठंडे होठो ने उसके तप्ते लण्ड की सतहो को चुबलाना शुरु किया
राहुल अपनी एडिया उचका कर - ऊहह मममीईई अह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम्ं
शालिनी अब राहुल का लण्ड मुह मे भरना शुरु कर दिया , अपने सामने अपनी रंडी बीवी मे मुह मे अपने ही बेटे का लन्ड जाता देख जन्गिलाल के सुपाडा और भी फुलने लगा
वो तेजी से अपना लंड भिचता हुआ - आह्ह जान मै भी हू

शालिनी ने कनअखियो से अपने परेशान पति को देखा और लप्क कर दुसरे हाथ से लण्ड को पकड कर मुठियाने और अगले ही पल राहुल का लण्ड छोड जन्गीलाल का लण्ड मुह मे ले लिया ।
जन्गिलाल एक बार फिर गहरी आह भरि और अपना बनियान निकाल फेक , शालिनी के सर को पकड कर उसके मुह मे पेलने लगा
शालिनी का गल चोक होने लगा और अगले ही पल शालिनी लण्ड उगल दिया तो जंगीलल ने उसके सर को पकड कर अपना गीला लन्ड उसके होठो पर पटकने लगा जिसे शालिनी ने वाप्स मुह मे भर कर चुसने लगी , ये सब देख कर राहुल की हालत और खराब हो रही थी ।
अगले ही पल शालिनी ने फिर से राहुल के लण्ड पर मुह डाला तो राहुल ने भी अपने बाप की तरह अपनी मा के गले लण्ड को चोक किया और फिर बाहर निकाल कर उसके होठो पर घिसने लगा
जिसे देख कर जंगीलाल भी अपना लण्ड उसके गालो पर थपकाने लगा ।
शालिनी पूरी तरह से खुल चुकी थी और दोनो लण्ड को तेजी से मुठियाती हुई लार से गीला कर चुकी थी ।

वो हवस भरी नजरो से दोनो का लण्ड हिलाती हुई उन्के आंखो मे देखती है कि अब खेल आगे बढाया ।
इस पर जंगीलाल खुश होकर - बेटा तुने कभी बुर देखी है
राहुल थोडा झिझक और शर्म से ना मे सर हिलाया
जन्गीलाल मुस्कुरा कर - रुक आज मै तुझे तेरी मा के बुर दिखाऊँगा, उठ जा मेरी जान
शालिनी खुश हुई और इतरा कर खड़ी हुई
जंगीलाल ने उसे झटके से घुमाया और सोफे पर धकेला जिस्से शालिनी घुटने का टेक लेते हुए अपनी गाड़ फैला कर सोफे पर टिक गयी ।
जंगीलाल से शालिनी की गोरी चिकनी फैली हुई चर्बीदार गाड़ देख कर रहा नही गया और उसने जोर से एक थप्पड़ उसके चुतड पर रसीद दिये जिससे शालिनी काफ गयी और जन्गीलाल का पन्जा उसके गोरे चुतड पर छप गया ।
जिसे देख कर राहुल भी हिल गया । फिर जंगीलाल ने अपने हाथ से उसकी पैंटी की डोरी को उपर की ओर खीचा ताकी निचे पैन्ति पूरी तरह से चुत से चिपका जाये
जन्गीलाल - बेटा जरा निचे हाथ डाल कर छू, देख कैसे है तेरी मा की बुर

राहुल गहरी सासे लेते हुए कापते हुए हाथ से निचे अपनी मा की बुर टटोला जिससे शालिनी सिस्क पड़ि
जंगीलल उत्सुंकता वस - कैसा है
राहुल अपनी मा की चुत के फाको को अपनी उंगलियो से खोद्ता हुआ -बहुत नरम है पापा ये तो
जंगीलाल मुस्कुरा कर अगला सवाल दागा - पेलेगा अपनी मा को
इस सवाल ने मा बेटे दोनो के शरिर मे सिहरन पैदा के दी और थुक गटकते हुए राहुल ने हा मे गरदन हिलाया ।
जन्गीलाल - पता है कैसे पेलते है
राहुल ने थोडा हस कर शर्माते हुए हा मे फिर से सर हिलाया
जन्गीलाल सिहर कर एक गहरि आह भरते हुए अपना लण्ड मसल कर - पेल फिर !
"ऐसे ही " , राहुल ने अपनी पैंटी की ओर इशारे से कहा ।
जंगीलाल - हा उसको साइड करके डाल ना
भले ही इतना सब हो चुका हो लेकिन राहुल को अभी भी अपने बाप से झिझक हो रहा था और उसने अपनी मा की पैंटी खिच कर उसकी गाड़ पर चढाई और सुपाड़े पर थुक लगाते हुए अगले ही पल लण्ड को अपनी मा की बुर मे उतार दिया
शालिनी - उह्ह्ह बेटाआह्ह उम्म्ं सीईईई ओह्ह्ह्ह
जंगीलाल - अब रुका क्यू पेल कस कस के

अपने बाप की आज्ञा पाते ही राहुल ने अपनी मा के कूल्हो को थामते हुए कस कस कर पेलना शुरु कर दिया वही शालिनी की चिखे निकल रही थी वो राहुल का नाम ले ले के चिल्ल्ल रही थी
जन्गीलाल अपना लण्ड हिलाते हुए शालिनी के पास जाकर - क्यू मेरी जान मजा आ रहा है ना बेटे से चुद कर उम्म्ं
शालिनी- आह्ह हा मेरे राजा ऊहह बहुत और पेल बेटा ओह्ह्ह उझ्ह्ह्ह उम्म्ंम सीईई
जंगीलाल - औए तुझे राहुल, कैसा लग रहा है अपनी को बुर मे घुसके
राहुल हाफते हुए - बहुत मजा रहा है पापा , बहुत कसी हुई बुर है मम्मी तुम्हारी अह्ह्ह अह्ह्ह
जंगीलाल - चोद चोद बेटा उससे ज्यादा कसी हुई तो गाड़ है तेरी मा की , एकदम रन्डी है और पेल और
राहुल - हा पापा मम्मी की गाड़ भी बहुत मस्त है बड़ी बड़ी उह्ह्ह इसको भी मै पेलुँगा अह्ह्ह मम्मी उह्ह्ह मेरा आयेगा उह्ह्ज
जंगीलाल - झड़ जा बेटा अपनी मा की बुर मे , भर दे उस्को हा और पेल
अगले कुछ भी पल मे राहुल अपनी मा के चुत की गहराईयो मे झटके खा रहा था और फिर वो हाफ्ता हुआ सोफे पर बैठ गया
वही जन्गीलाल ने उसी पोजीशन मे मोर्चा सभाला और शालिनी की गाड़ मे लण्ड भरना शुरु कर दिया ।
शालिनी - अह्ह्ह राजाआह्ह और पेलो मुझे चोदो अपनी रंडी को उह्ह्व माअह्ह और और और
जंगीलाल कस कस के लण्ड शालीनी की गाड मे उतारता हुआ - ले साली चुदक्कड़ और ले उह्ह्ह और ले अह्ह्ह मै तेरी गाड़ भर दूंगा अह्ह्ह आह्ह लेज्झ्ह
कुछ ही देर मे जन्गिलाल ने भी शालिनी की गाड़ मे अपना माल भर दिया और वो भी थक कर सोफे पर बैठ गया ।
थोडी देर सुस्ताने के बाद शालिनी ने अपनी ब्रा और पैंटी थिक करते हुए खाना खाने का सुझाव दिया ।
फिर दोनो बाप बेटे अपना अपना लण्ड चढ़ढे मे डाल कर खाने का इन्तजार करते हुए बाते करने लगे।
बातो ही बातो मे जन्गीलाल ने राहुल से सेक्स को लेके पूछा तो उसने ब्ताया कि वो ये सब इंटरनेट से सिखा था और फिये उसने अपने बाप के मोबाइल के हार्डकोर थ्रीस्म की एक वीडियो दिखाई जिसमे एक ही औरत को दोनो आदमी एक साथ उसकी चुत और गाड़ मे पेल रहे थे और साथ मे ही उसके मुह मे झड़ रहे थे ।
जिसे देख कर जंगीलाल ने तय किया कि यही तरीका डिनर के बाद वो आजमायेगा
तभी शालिनी खाने की थाली लेके आती है और जैसे ही थाली देने के लिए झुकती है तो उसकी एक चूची ढीली ब्रा के कप से निप्प्ल सहित बाहर लटक जाती है ।
जिसे राहुल बड़ी बेशरमी से लपक कर हाथो मे भर लेता है तो शालिनी उससे अलग होकर वापस उसे ब्रा मे भरते हुए - धत्त बदमाश , चल खाना खा
राहुल हस कर - मम्मी आप भी आओ ना हमारे साथ
ये बोल कर राहुल ने अपने पापा और खुद के बिच सोफे मे जगह बना दी और फिर जब जन्गीलाल भी इंसिस्ट करता है तो शालिनी मान जाती है और दोनो के बिच बैठ जाती है ।
फिर दोनो बाप बेटे बारी बारी से शालिनी के गालो को चुमते हुए तो कभी उसके चुचे छुते हुए उसको खाना खिलाते है ।
और जल्द ही अगली ताबड़तोड़ चुदाई की पहल हो जाती है जो सुबह 4 बजे तक चलती है ।
जारी रहेगी