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Thriller शतरंज की चाल

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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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शिविका के साथ खास तो है ही, पर दिल कहीं और लगा दिया मनीष साहब ने फिर क्या ही करे हम 😌

अगर जो शतरंज की बाजी बिछ गई है, और वो भी नेहा की बात सुन कर, तो पक्का मोहरा मनीष ही है।

बिलकुल, पर जब दिल पर कोई छाता है तो बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।


🙏🏼
Perfect hai bhai
 
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manu@84

Well-Known Member
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Sahi kaha hai kisi ne saal me ek baar nari mard ke pair ke niche hoti hai baki waqt sirf mard niche jhuka rehta hai😂😂😂😂
देख रहे हो Riky007 साहब, कुवारे भी हम शादीशुदा आदमी को मशवरा दे रहे है😁
 

manu@84

Well-Known Member
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Very INTRESTING point bhai😂😂
भाई पॉइंट से याद आया, जिस छात्रा ने प्रोफेसर का चू काटा था, उसने अपनी dp पर शराफत भरा stats चिपका दिया है😁😂

सावधान रहें, सतर्क रहें... जनहित में जारी

Riky007 Elon Musk_ Siraj Patel rhyme_boy Black Raj_sharma
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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देख रहे हो Riky007 साहब, कुवारे भी हम शादीशुदा आदमी को मशवरा दे रहे है😁
समय समय की बात है, वैसे भी इतना ज्ञान रखने के बाद भी वो हमारी ही कैटेगरी में आ गिरेगा अंत में 😌
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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#अपडेट १०


अब तक आपने पढ़ा -


ऐसे ही एक दिन दोपहर के समय मैं उसके केबिन में चला गया, वो खिड़की के पास खड़ी फोन पर किसी से बात कर रही थी, उसकी आवाज बहुत धीमी थी, मुझे साफ से सुनाई नहीं दिया।


".... हां वो तो पागल हो गया है पूरा।"


"......"


"बस जल्दी ही एक बार और करना है।"


"....."


तब तक मैने पीछे से उसे अपनी बाहों में भर लिया।


उसने मुझे देखा, उसके चेहरे पर कुछ घबराहट थी.....


अब आगे -





"अच्छा पापा, अब रखती हूं। कुछ जरूरी काम आ गया है।" बोल कर उसने फोन काट दिया।


"इतना घबरा क्यों गई तुम?"


"अब एकदम से ऐसे कोई पीछे से पकड़ लेगा तो घबराहट सी होगी ही।"


कहते हैं आशिकी में डूबा आशिक समझने समझाने से ऊपर उठ चुका होता है, मेरी भी हालत शायद वैसी ही थी, इसलिए मैने इस बात को फिर ज्यादा तूल नहीं दिया।


"क्या बात कर रही थी अपने पापा से?"


"वही संजीव से डाइवोर्स वाली। वो एक्चुअली कुछ पैसे मांग रहा है मुझसे।"


"कितने?"


"पच्चीस लाख। बोला इतने दे दो, आराम से तलाक दे दूंगा।"


"तो मैं दे देता हूं।"


"नहीं मनीष, इस बात के लिए तुमसे नहीं लूंगी पैसे। मेरी गलती है, मुझे ही इसको चुकाने दो।"


"नेहा, मेरे पैसे तुम्हारे पैसे हैं। जब भी कोई जरूरत हो, बेझिझक मांग लो।"


"वो मुझे पता है मेरे भोले बलम। लेकिन इस मामले में बिल्कुल नहीं। वैसे ज्यादा पैसे हैं तो कुछ शॉपिंग करवा दो।"


"अरे, बस इतनी सी बात? आज ही चलो।"


"नहीं, आज नहीं। कल चलते हैं।"


"ओके, वैसे भी कल सैटरडे है। कल ही चलते हैं।"


ये बोल कर मैने उसको फिर से अपनी बाहों में भर कर चूम लिया।


ऑफिस में अभी हमने किसी को भी अपने बारे में भनक भी नहीं लगने दी थी। इसीलिए काम के अलावा हम लोग ऑफिस अलग अलग ही आते जाते थे। अगले दिन भी शाम को मैं जल्दी ही ऑफिस से निकल कर नेहा को लेने गया। नेहा मुझसे पहले भी निकल चुकी थी। उसके घर से उसे पिक करके हम ऑर्बिट मॉल गए, वहां नेहा ने बहुत सारी खरीदारी की दोनों के लिए, उसके बाद हम उसी में मौजूद एक पब में चले गए। वहां पर डांस फ्लोर भी था। दोनों की ड्रिंक ऑर्डर करने के बाद हम एक टेबल पर बैठ गए, वीकेंड होने के कारण थोड़ी भीड़ थी। डांस फ्लोर पर लोग डांस कर रहे थे।


"चलो डांस करें।"


"मुझे डांस करना नहीं आता नेहा। तुम जाओ, मैं देखता हूं तुमको।"


"अरे चलो न, कौन सा मुझे आता है, लेकिन मुझे पसंद है डांस करना।" उसने जिद करते हुए कहा।


मैं उसके साथ चल गया। वहां पर कई कपल और कई लड़के लड़कियां अलग से भी डांस कर रहे थे। मुझे आता नहीं था तो पहले मैं बस ऐसे ही खड़ा रहा, नेहा मेरा हाथ पकड़ कर गाने की धुन पर झूम रही थी। उसके बदन की थिरकन देख लगता नहीं था कि उसको डांस नहीं आता।


फिर एक रोमांटिक गाना लगा दिया गया, और नेहा मेरे हाथों को पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया और मुझसे बिल्कुल चिपक कर डांस करने लगी। उसके यूं चिपकने से मेरे शरीर में उत्तेजना भरनी शुरू हो गई। मेरे हाथ उसकी पीठ पर घूमने लगे। और हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़ गए। तभी गाना खत्म हो गया, और हमारा ड्रिंक भी आ गया था, तो हम वापस टेबल पर आ गए। कुछ देर बाद नेहा वापस से डांस फ्लोर पर चली गई, और मैं खाने का ऑर्डर देने लगा।


वहां नेहा अकेली ही डांस कर रही थी और कुछ ही देर में एक लड़का उसके काफी पास आ कर नाचने लगा। मैं खाने का ऑर्डर दे कर डांस फ्लोर की ओर देखा तो वो लड़का डांस करने के बहाने नेहा के आस पास ही मंडरा रहा था और नेहा को छूने की कोशिश कर रहा था। ये देख मैं भी वहां चला गया और नेहा के आस पास ही डांस करने लगा। उसने शायद मुझे नहीं देख, या मुझे भी अपने जैसा ही एक मनचला समझ लिया। उसकी हरकतें बंद नहीं हुई। मुझे गुस्सा बढ़ रहा था। तभी उसने नेहा की कमर पर अपना हाथ रख कर दबा दिया, जिससे नेहा भी चिहुंक गई, और मैने उसका हाथ पकड़ कर एक थप्पड़ मार दिया उसे, जिससे वो लड़खड़ा कर गिर पड़ा।


ये देख उसके 2 साथी भी आ गए और हम तीनों में हल्की हाथ पाई होने लगी। हंगामा ज्यादा बढ़ता, इससे पहले ही पब के बाउंसर आ कर हम सबको अलग किए और मामला शांत करवाने की कोशिश करने लगे।मैने पुलिस बुलाने को कहा, मगर तब तक नेहा ने बीच में आ कर सारा मामला रफा दफा करने कहा, और छेड़ छाड़ का मामला देख पब वाले भी इसे पुलिस तक नहीं ले जाना चाहते थे। फिर नेहा के समझाने पर मैने भी जिद छोड़ दी।


हम लोग खाना खा कर निकल गए वहां से। मैने नेहा को उसके घर पर ड्रॉप किया और अपने फ्लैट पर आ कर सो गया। अगले दिन संडे था तो सुबह देर तक सोता रहा।


मेरी नींद किसी के फ्लैट की घंटी बजने से खुली। देखा तो नेहा आई थी, अपने साथ एक बड़ा बैग लाई थी वो।


"अरे अभी तक सो रहे हो लेजी डेजी?"


"संडे है यार। और तुम इतनी सुबह?"


"हां संडे है, तभी सोचा आज का दिन तुम्हारे साथ बिताऊं।"


"अंदर आओ।"


नेहा पहली बार मेरे फ्लैट में आई थी और फ्लैट थोड़ा अस्त व्यस्त था। काम करने के लिए एक लड़का आता था, मगर वो एक दिन की छुट्टी पर था। और वैसे भी लड़के अपना घर जल्दी साफ नहीं करते हैं।


"कितना गंदा कर रखा है तुमने।" उसने मुंह बनते हुए कहा।


"मैने सोफे से गंदे कपड़े उठाते हुए कहा, "कोई तो आता नहीं यहां, किसके लिए साफ रखूं? वैसे भी सफाई वाला लड़का छुट्टी पर है, वर्मा इतना गंदा नहीं मिलता।"


उसने मेरे हाथ से कपड़े लेते हुए कहा, "लाओ ये मुझे दो, घर को कम से कम बैठने लायक तो बना लूं।"


ये कह कर उसने कपड़ों को वाशिंग मशीन में डाल कर ऑन कर दिया, और झाड़ू ढूंढ कर सफाई करने लगी।


"ये क्या कर रही हो, कल आयेगा न साफ करने वाला।"


"करने दो मुझे, और जाओ तुम भी फ्रेश हो जाओ, नाश्ता बना कर लाई हूं, एक साथ करेंगे।" एकदम बीवी वाले लहजे में उसने आदेश दिया।


मैं भी फ्रेश होने चला गया। नहाते हुए मुझे याद आया कि तौलिया ले।कर तो आया ही नहीं मैं।


"नेहा, जरा तौलिया दे देना।" मैने बाथरूम के दरवाजे से झांकते हुए कहा।


नेहा तौलिया ले कर आई, और मैने दरवाजे के पीछे से ही हाथ निकल कर बाहर कर दिए, तौलिया पकड़ने के लिए। लेकिन नेहा उसे मेरे हाथ में नहीं दे रही थी और बार बार इधर उधर लहरा रही थी।


"पकड़ के दिखाओ तौलिया।" उसने शरारत से कहा।



मैने भी थोड़ी चालाकी दिखाते हुए तौलिए की जगह उसका हाथ पकड़ लिया और बाथरूम में खींच लिया।


"मनीष, छोड़ो मुझे। भीग जाऊंगी मैं।" उसने मचलते हुए कहा। लेकिन तब तक मेरे होंठ उसके होंठों को बंद कर चुके थे।


मेरे हाथ उसके कपड़े खोलने लगे थे, मैं खुद तो बिना कपड़ों के था ही।


बाथरूम में कुछ देर एक दूसरे के बदन से खेलने के बाद हम बाहर आ गए, और बेड पर फिर से वो खेल शुरू हो गया।


मैं नेहा की योनि को चाट रहा था, और वो मेरे लिंग को मुंह में भरी हुई थी। थोड़ी देर बार मैं नेहा के अंदर था और वो मेरे ऊपर बैठ कर उछल रही थी। कोई आधे घंटे हमारा ये खेल चला, और उसके बाद हम वैसे ही उठ कर खुद को साफ करके नाश्ता करने बैठे। सारा दिन हमने साथ में ही बिताया।


शाम को नेहा को घर छोड़ कर मैं वापस लौट रहा था तो करण का फोन आया मेरे पास।


"सर कहां हैं?"


"अभी तो बाहर हूं, बोलो क्या बात है?"


"वो कल मुंबई वाली ब्रांच में जाना है न मुझे, और कल की एक फाइल पर अपने साइन नहीं किए। मुंबई उस फाइल को लेकर जाना है।"


"मेरे फ्लैट पर आ जाओ आधे घंटे में, मैं साइन कर देता हूं।"


आधे घंटे बाद करण मेरे फ्लैट में था।


"आओ करण, बैठो। क्या लोगे चाय या कुछ और? चाय तो भाई मंगवानी पड़ेगी। हां व्हिस्की बोलो तो अभी पिलाता हूं।"


"अब सर चाय तो हम लगभग रोज ही साथ में पीते हैं।" उसने शर्माते हुए कहा।


मैने व्हिस्की की बोतल निकला कर दो पैग बनाए और थोड़ी नमकीन भी रख ली।


"लाओ फाइल दो।"


उसने मेरी ओर फाइल बढ़ा दी। मैं उसे पढ़ने भी लगा और अपने पैग का शिप भी लेने लगा। करण ने अपना पैग जल्दी ही खत्म कर दिया।


"अरे भाई, बड़ी जल्दी है तुमको। अच्छा अपना एक और पैग बना लो तुम।" ये बोल मैं फिर से फाइल पढ़ने लगा।


थोड़ी देर बाद मैने फाइल पढ़ कर उस पर साइन कर के करण की ओर उसे बढ़ा दिया। करण ने फाइल।अपने बैग में रख ली।


"और करण, मां कैसी हैं अब तुम्हारी?"


"सर अभी तो ठीक हैं, मुंबई जा रहा हूं, वहां एक डॉक्टर का पता चला है उसने भी मिल लूंगा मां के केस के सिलसिले में।" उसकी बात सुन कर लगा जैसे कुछ नशे का असर होने लगा था उस पर।


"चलो अच्छी बात है, कोई हेल्प चाहिए तो बताना। वैसे US में एक डॉक्टर दोस्त है मेरा, बोलो तो उनसे बात करूं कभी?"


"नहीं सर, अभी तो लोग मुंबई वाले को बेस्ट बता रहे हैं। उनसे मिल लेता हूं पहले, फिर बताता हूं आपको।"


"ठीक है फिर।" ये बोल कर मैने एक और पैग बना दिए दोनो के लिए।


"सर, एक बात बोलनी थी आपसे?"


"बोलो करण। ऐसे पूछ कर क्या बोलना, जो कहना है कहो।"


"कैसे बोलूं सर समझ नहीं आ रहा। व वो नेहा है न, सर वो अच्छी लड़की नहीं है।"


"मतलब?"


"मतलब सर, मैने कई बार उसको श्रेय सर के केबिन में आते जाते देखा है। और कई बार मीटिंग वगैरा में भी दोनों को इशारों में बाते करते भी देखा है। आप सर उससे थोड़ा दूरी बना कर रखें।" अब उसकी जबान पूरी तरह से लड़खड़ाने लगी थी।


मैं थोड़ा गौर से उसे देखने लगा था।


"अच्छा सर, अब चलता हूं मैं। सॉरी शायद नशे में कुछ गलत बोल गया हूं तो।" बोल कर वो निकल गया।


मैं थोड़ी देर उसकी बात पर विचार करता रहा, फिर मैने सोचा शायद वो नेहा के एकदम से इतने ऊपर आने से कुछ गलतफहमी पाल रखी हो उसने, इस कारण ऐसा बोल रहा हो।


थोड़ी देर बाद मैं सो गया। अगले 2 दिन कुछ खास नहीं हुआ। मित्तल सर और करण दोनों ही नहीं थे, और करण के न रहने पर मैं और नेहा मिल कर आज पूरा काम देख रहे थे तो ज्यादा समय नहीं मिला हम दोनो को। तीसरे दिन करण मुंबई से आ चुका था, और मित्तल सर भी वापी पहुंच चुके थे, इसीलिए मैं कुछ रिलैक्स था, दोपहर में नेहा मेरे केबिन में आई और मेरी गोद में आ कर बैठ गई।



उसके बैठते ही मेरे केबिन का दरवाजा एकदम से खुल गया......
 
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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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नेहा मैडम ने मनीष साहब को पटा कर अपना उल्लू सीधा किया लेकिन आखिर वह , वह लड़की थी जिसने मनीष की वर्जिनिटी तोड़ी । उसे सेक्सुअल सुख का एहसास कराया । और कहते ही हैं कि पहला प्यार और पहला सेक्स सम्बन्ध का एहसास कुछ अलग ही होता है जो भुलाया नही जा सकता ।
नेहा मैडम ने मनीष के साथ डबल गेम्स खेला , इसमे उसका क्या स्वार्थ है पता नही , पर विश्वासघात तो अवश्य ही किया है ।
मनीष साहब ने सारी जीवन पढ़ाई लिखाई और काम काज मे बिताई । शायद यही कारण था कि वह लड़की के आचरण को ठीक तरह से समझ नही पाते है । और अगर इसमे कोई सुधार नही हुआ तो आगे चलकर वो भारी मुसीबत मे पड़ जायेंगे । वह भी तब जब वह एक बड़े व्यापारिक घराने से जुड़े हुए हैं ।
शायद शतरंज की बिसात बिछ गई है । देखते हैं वह अपने राजा की रक्षा कैसे कर पाते है !

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।

Bahut hi badhiya update diya hai Riky007 bhai....
Nice and beautiful update....

Awesome update
Neha ne new year par Manish ko uske first' sex ka tohfa diya aur as mature partener ke tour par sab sambhala
Neha ne Manish jaise first timer ko sex ka mja diya hai uska lattu hona Lajmi hai
Pahli bar me hi usko blow job both type sex aur cum in mouth sabka experience de diya
Is sex ko padhkr hi Neha par doubt hone laga tha joki update ke end me aur bad gya ki sab sochi samjhi chal hai Manish ke liye
Vaise shivika ko shayad kuchh andesha hai aur isliye usne Manish ko bola hai ki agar aisa koi decision le to usse jrur oncern kre
Waiting for next update as soon as possible

Nice update....

Oh fuck lagta hai Neha cheating kar rahi hai Manish ke sath kash ye sach ho jaye, kyonki I want the combination of Shivika and Manish.
Nice and wonderful update.

Nice update!

Lekin mai toh isse romance story ke tarah padh rhe the...yahan toh dhoka dhadi hone wali hai😂.

Pata nhi xxx ke chakkar mein Manish ko kya kya gavana padega.

Shivika is my favourite tho. 💕

आज रात को क्या करना है ये तो बता दो 🤔

Tow Bhole balam Neha ke ooper chadh gaye or uski khoobsurati ke jaal me fas chukenh poori tarah h
Bas plan poora ho gaya h lagta h yahi Bata Rahi h shayad kisi apne khaas yaar ko tabhi chehre ka rung up gaya Manish ko dekh ker
Baherhal dekhte h aage kia Naya mod aata h Manish ki Zindagi me
Badhiya shaandar update

Very Amazing Update Riky007 bhai
.
AAj ke update me ye dekhne ko mila Manish or Neha pyar aage bad chuka hai jis tarh se Neha ne Manish ko ishare se apne kamre me bula ke sex kia usse yahe lagta hai sath me jis tarh se dono ne kam ke sath pyar bhare halke pal bitay
.
Lekin Shivika ki aakhri kahe bat se kuch dout sa lag raha hai shyad wo bhi Manish ke sath searious hai ya shyad ye ek normal bat ho Shivika ki
.
Lekin last me Neha apne kabin me jis tarh se kisi se call per bat kar rhe thi usse to yahe lagta hai ki SHATARANJ KI CHALL chali Jaa chuki hai ab is Shataranj me Mohra kaun hai ye shyad aage pata chle
.
Neha ki halki bat Manish ne sun to Lee ab aage Manish use searious leta hai ya nahi ya Neha manage karti hai ye Intresting lagta hai part mujhe isme

Behad shandar update he Riky007 Bhai,

Neha aur Manish ka milan ho hi gaya aakhirkar...........shuruwat neha ne ki.............

Lekin antim shabdo ko dekhe to kuch gadbad lag rahi he.................

Kya sach me neha manish ko manipulate kar rahi he???

Keep posting Bro
avsji Shetan rhyme_boy

New update posted 🙏🏼
 

Rekha rani

Well-Known Member
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#अपडेट १०


अब तक आपने पढ़ा -


ऐसे ही एक दिन दोपहर के समय मैं उसके केबिन में चला गया, वो खिड़की के पास खड़ी फोन पर किसी से बात कर रही थी, उसकी आवाज बहुत धीमी थी, मुझे साफ से सुनाई नहीं दिया।


".... हां वो तो पागल हो गया है पूरा।"


"......"


"बस जल्दी ही एक बार और करना है।"


"....."


तब तक मैने पीछे से उसे अपनी बाहों में भर लिया।


उसने मुझे देखा, उसके चेहरे पर कुछ घबराहट थी.....


अब आगे -





"अच्छा पापा, अब रखती हूं। कुछ जरूरी काम आ गया है।" बोल कर उसने फोन काट दिया।


"इतना घबरा क्यों गई तुम?"


"अब एकदम से ऐसे कोई पीछे से पकड़ लेगा तो घबराहट सी होगी ही।"


कहते हैं आशिकी में डूबा आशिक समझने समझाने से ऊपर उठ चुका होता है, मेरी भी हालत शायद वैसी ही थी, इसलिए मैने इस बात को फिर ज्यादा तूल नहीं दिया।


"क्या बात कर रही थी अपने पापा से?"


"वही संजीव से डाइवोर्स वाली। वो एक्चुअली कुछ पैसे मांग रहा है मुझसे।"


"कितने?"


"पच्चीस लाख। बोला इतने दे दो, आराम से तलाक दे दूंगा।"


"तो मैं दे देता हूं।"


"नहीं मनीष, इस बात के लिए तुमसे नहीं लूंगी पैसे। मेरी गलती है, मुझे ही इसको चुकाने दो।"


"नेहा, मेरे पैसे तुम्हारे पैसे हैं। जब भी कोई जरूरत हो, बेझिझक मांग लो।"


"वो मुझे पता है मेरे भोले बलम। लेकिन इस मामले में बिल्कुल नहीं। वैसे ज्यादा पैसे हैं तो कुछ शॉपिंग करवा दो।"


"अरे, बस इतनी सी बात? आज ही चलो।"


"नहीं, आज नहीं। कल चलते हैं।"


"ओके, वैसे भी कल सैटरडे है। कल ही चलते हैं।"


ये बोल कर मैने उसको फिर से अपनी बाहों में भर कर चूम लिया।


ऑफिस में अभी हमने किसी को भी अपने बारे में भनक भी नहीं लगने दी थी। इसीलिए काम के अलावा हम लोग ऑफिस अलग अलग ही आते जाते थे। अगले दिन भी शाम को मैं जल्दी ही ऑफिस से निकल कर नेहा को लेने गया। नेहा मुझसे पहले भी निकल चुकी थी। उसके घर से उसे पिक करके हम ऑर्बिट मॉल गए, वहां नेहा ने बहुत सारी खरीदारी की दोनों के लिए, उसके बाद हम उसी में मौजूद एक पब में चले गए। वहां पर डांस फ्लोर भी था। दोनों की ड्रिंक ऑर्डर करने के बाद हम एक टेबल पर बैठ गए, वीकेंड होने के कारण थोड़ी भीड़ थी। डांस फ्लोर पर लोग डांस कर रहे थे।


"चलो डांस करें।"


"मुझे डांस करना नहीं आता नेहा। तुम जाओ, मैं देखता हूं तुमको।"


"अरे चलो न, कौन सा मुझे आता है, लेकिन मुझे पसंद है डांस करना।" उसने जिद करते हुए कहा।


मैं उसके साथ चल गया। वहां पर कई कपल और कई लड़के लड़कियां अलग से भी डांस कर रहे थे। मुझे आता नहीं था तो पहले मैं बस ऐसे ही खड़ा रहा, नेहा मेरा हाथ पकड़ कर गाने की धुन पर झूम रही थी। उसके बदन की थिरकन देख लगता नहीं था कि उसको डांस नहीं आता।


फिर एक रोमांटिक गाना लगा दिया गया, और नेहा मेरे हाथों को पकड़ कर अपनी कमर पर रख दिया और मुझसे बिल्कुल चिपक कर डांस करने लगी। उसके यूं चिपकने से मेरे शरीर में उत्तेजना भरनी शुरू हो गई। मेरे हाथ उसकी पीठ पर घूमने लगे। और हमारे होंठ एक दूसरे से जुड़ गए। तभी गाना खत्म हो गया, और हमारा ड्रिंक भी आ गया था, तो हम वापस टेबल पर आ गए। कुछ देर बाद नेहा वापस से डांस फ्लोर पर चली गई, और मैं खाने का ऑर्डर देने लगा।


वहां नेहा अकेली ही डांस कर रही थी और कुछ ही देर में एक लड़का उसके काफी पास आ कर नाचने लगा। मैं खाने का ऑर्डर दे कर डांस फ्लोर की ओर देखा तो वो लड़का डांस करने के बहाने नेहा के आस पास ही मंडरा रहा था और नेहा को छूने की कोशिश कर रहा था। ये देख मैं भी वहां चला गया और नेहा के आस पास ही डांस करने लगा। उसने शायद मुझे नहीं देख, या मुझे भी अपने जैसा ही एक मनचला समझ लिया। उसकी हरकतें बंद नहीं हुई। मुझे गुस्सा बढ़ रहा था। तभी उसने नेहा की कमर पर अपना हाथ रख कर दबा दिया, जिससे नेहा भी चिहुंक गई, और मैने उसका हाथ पकड़ कर एक थप्पड़ मार दिया उसे, जिससे वो लड़खड़ा कर गिर पड़ा।


ये देख उसके 2 साथी भी आ गए और हम तीनों में हल्की हाथ पाई होने लगी। हंगामा ज्यादा बढ़ता, इससे पहले ही पब के बाउंसर आ कर हम सबको अलग किए और मामला शांत करवाने की कोशिश करने लगे।मैने पुलिस बुलाने को कहा, मगर तब तक नेहा ने बीच में आ कर सारा मामला रफा दफा करने कहा, और छेड़ छाड़ का मामला देख पब वाले भी इसे पुलिस तक नहीं ले जाना चाहते थे। फिर नेहा के समझाने पर मैने भी जिद छोड़ दी।


हम लोग खाना खा कर निकल गए वहां से। मैने नेहा को उसके घर पर ड्रॉप किया और अपने फ्लैट पर आ कर सो गया। अगले दिन संडे था तो सुबह देर तक सोता रहा।


मेरी नींद किसी के फ्लैट की घंटी बजने से खुली। देखा तो नेहा आई थी, अपने साथ एक बड़ा बैग लाई थी वो।


"अरे अभी तक सो रहे हो लेजी डेजी?"


"संडे है यार। और तुम इतनी सुबह?"


"हां संडे है, तभी सोचा आज का दिन तुम्हारे साथ बिताऊं।"


"अंदर आओ।"


नेहा पहली बार मेरे फ्लैट में आई थी और फ्लैट थोड़ा अस्त व्यस्त था। काम करने के लिए एक लड़का आता था, मगर वो एक दिन की छुट्टी पर था। और वैसे भी लड़के अपना घर जल्दी साफ नहीं करते हैं।


"कितना गंदा कर रखा है तुमने।" उसने मुंह बनते हुए कहा।


"मैने सोफे से गंदे कपड़े उठाते हुए कहा, "कोई तो आता नहीं यहां, किसके लिए साफ रखूं? वैसे भी सफाई वाला लड़का छुट्टी पर है, वर्मा इतना गंदा नहीं मिलता।"


उसने मेरे हाथ से कपड़े लेते हुए कहा, "लाओ ये मुझे दो, घर को कम से कम बैठने लायक तो बना लूं।"


ये कह कर उसने कपड़ों को वाशिंग मशीन में डाल कर ऑन कर दिया, और झाड़ू ढूंढ कर सफाई करने लगी।


"ये क्या कर रही हो, कल आयेगा न साफ करने वाला।"


"करने दो मुझे, और जाओ तुम भी फ्रेश हो जाओ, नाश्ता बना कर लाई हूं, एक साथ करेंगे।" एकदम बीवी वाले लहजे में उसने आदेश दिया।


मैं भी फ्रेश होने चला गया। नहाते हुए मुझे याद आया कि तौलिया ले।कर तो आया ही नहीं मैं।


"नेहा, जरा तौलिया दे देना।" मैने बाथरूम के दरवाजे से झांकते हुए कहा।


नेहा तौलिया ले कर आई, और मैने दरवाजे के पीछे से ही हाथ निकल कर बाहर कर दिए, तौलिया पकड़ने के लिए। लेकिन नेहा उसे मेरे हाथ में नहीं दे रही थी और बार बार इधर उधर लहरा रही थी।


"पकड़ के दिखाओ तौलिया।" उसने शरारत से कहा।



मैने भी थोड़ी चालाकी दिखाते हुए तौलिए की जगह उसका हाथ पकड़ लिया और बाथरूम में खींच लिया।


"मनीष, छोड़ो मुझे। भीग जाऊंगी मैं।" उसने मचलते हुए कहा। लेकिन तब तक मेरे होंठ उसके होंठों को बंद कर चुके थे।


मेरे हाथ उसके कपड़े खोलने लगे थे, मैं खुद तो बिना कपड़ों के था ही।


बाथरूम में कुछ देर एक दूसरे के बदन से खेलने के बाद हम बाहर आ गए, और बेड पर फिर से वो खेल शुरू हो गया।


मैं नेहा की योनि को चाट रहा था, और वो मेरे लिंग को मुंह में भरी हुई थी। थोड़ी देर बार मैं नेहा के अंदर था और वो मेरे ऊपर बैठ कर उछल रही थी। कोई आधे घंटे हमारा ये खेल चला, और उसके बाद हम वैसे ही उठ कर खुद को साफ करके नाश्ता करने बैठे। सारा दिन हमने साथ में ही बिताया।


शाम को नेहा को घर छोड़ कर मैं वापस लौट रहा था तो करण का फोन आया मेरे पास।


"सर कहां हैं?"


"अभी तो बाहर हूं, बोलो क्या बात है?"


"वो कल मुंबई वाली ब्रांच में जाना है न मुझे, और कल की एक फाइल पर अपने साइन नहीं किए। मुंबई उस फाइल को लेकर जाना है।"


"मेरे फ्लैट पर आ जाओ आधे घंटे में, मैं साइन कर देता हूं।"


आधे घंटे बाद करण मेरे फ्लैट में था।


"आओ करण, बैठो। क्या लोगे चाय या कुछ और? चाय तो भाई मंगवानी पड़ेगी। हां व्हिस्की बोलो तो अभी पिलाता हूं।"


"अब सर चाय तो हम लगभग रोज ही साथ में पीते हैं।" उसने शर्माते हुए कहा।


मैने व्हिस्की की बोतल निकला कर दो पैग बनाए और थोड़ी नमकीन भी रख ली।


"लाओ फाइल दो।"


उसने मेरी ओर फाइल बढ़ा दी। मैं उसे पढ़ने भी लगा और अपने पैग का शिप भी लेने लगा। करण ने अपना पैग जल्दी ही खत्म कर दिया।


"अरे भाई, बड़ी जल्दी है तुमको। अच्छा अपना एक और पैग बना लो तुम।" ये बोल मैं फिर से फाइल पढ़ने लगा।


थोड़ी देर बाद मैने फाइल पढ़ कर उस पर साइन कर के करण की ओर उसे बढ़ा दिया। करण ने फाइल।अपने बैग में रख ली।


"और करण, मां कैसी हैं अब तुम्हारी?"


"सर अभी तो ठीक हैं, मुंबई जा रहा हूं, वहां एक डॉक्टर का पता चला है उसने भी मिल लूंगा मां के केस के सिलसिले में।" उसकी बात सुन कर लगा जैसे कुछ नशे का असर होने लगा था उस पर।


"चलो अच्छी बात है, कोई हेल्प चाहिए तो बताना। वैसे US में एक डॉक्टर दोस्त है मेरा, बोलो तो उनसे बात करूं कभी?"


"नहीं सर, अभी तो लोग मुंबई वाले को बेस्ट बता रहे हैं। उनसे मिल लेता हूं पहले, फिर बताता हूं आपको।"


"ठीक है फिर।" ये बोल कर मैने एक और पैग बना दिए दोनो के लिए।


"सर, एक बात बोलनी थी आपसे?"


"बोलो करण। ऐसे पूछ कर क्या बोलना, जो कहना है कहो।"


"कैसे बोलूं सर समझ नहीं आ रहा। व वो नेहा है न, सर वो अच्छी लड़की नहीं है।"


"मतलब?"


"मतलब सर, मैने कई बार उसको श्रेय सर के केबिन में आते जाते देखा है। और कई बार मीटिंग वगैरा में भी दोनों को इशारों में बाते करते भी देखा है। आप सर उससे थोड़ा दूरी बना कर रखें।" अब उसकी जबान पूरी तरह से लड़खड़ाने लगी थी।


मैं थोड़ा गौर से उसे देखने लगा था।


"अच्छा सर, अब चलता हूं मैं। सॉरी शायद नशे में कुछ गलत बोल गया हूं तो।" बोल कर वो निकल गया।


मैं थोड़ी देर उसकी बात पर विचार करता रहा, फिर मैने सोचा शायद वो नेहा के एकदम से इतने ऊपर आने से कुछ गलतफहमी पाल रखी हो उसने, इस कारण ऐसा बोल रहा हो।


थोड़ी देर बाद मैं सो गया। अगले 2 दिन कुछ खास नहीं हुआ। मित्तल सर और करण दोनों ही नहीं थे, और करण के न रहने पर मैं और नेहा मिल कर आज पूरा काम देख रहे थे तो ज्यादा समय नहीं मिला हम दोनो को। तीसरे दिन करण मुंबई से आ चुका था, और मित्तल सर भी वापी पहुंच चुके थे, इसीलिए मैं कुछ रिलैक्स था, दोपहर में नेहा मेरे केबिन में आई और मेरी गोद में आ कर बैठ गई।



उसके बैठते ही मेरे केबिन का दरवाजा एकदम से खुल गया......
Awesome update
Neha achanak ghabra jrur gayi lekin apne shatir mind ka use karke sab bat ghuma di,
Aur apne Manish to vaise hi uske pichhe pagal huye pade hai kaha dhyan dete ki ,
Neha kya bol rahi thi aur ab bata rahi hai ki papa se bat kr rahi thi,
Sajish paise ko lekar nhi koi aur hai nhi to neha 25 lakh ka offer nhi thukrati
Ab karan ne bhi apna sandeh jahir kiya neha ko lekar
End bhi twist ke sath hua achanak koun aaya cabin me.bina nock ke
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Neha achanak ghabra jrur gayi lekin apne shatir mind ka use karke sab bat ghuma di,
Aur apne Manish to vaise hi uske pichhe pagal huye pade hai kaha dhyan dete ki ,
Neha kya bol rahi thi aur ab bata rahi hai ki papa se bat kr rahi thi,
Sajish paise ko lekar nhi koi aur hai nhi to neha 25 lakh ka offer nhi thukrati
Ab karan ne bhi apna sandeh jahir kiya neha ko lekar
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अब नेहा शातिर है या वो सच कह रही थी ये तो पता नहीं, हां गोल्ड डिगर नहीं है, जैसा मैने पहले ही कहा था।

पैसों का शौक हो सकता है उसे, पर पैसे के कारण तो वो मनीष के पीछे नहीं पड़ी है ये तो पक्का है।

बिना नॉक किए सिर्फ एक का ही अधिकार होता है कहीं पर भी आने जाने का।

धन्यवाद रेखा जी 🙏🏼
 
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