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Incest मेरे परिवार और मेरी वाशना

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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Gossip par neha sexy ki ek kahani ki shuruat bilkul yahi thi.......
Copy paste kar rahe ho to original writer ko credit bhi de do....1st post me unka nam dekar
 

Kapil Bajaj

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कैसी शर्त?” उसने पुछा


“डरो मत कोई ऐसी वैसी शर्त नही है बस तुम्हे अपनी स्कूटी की चाबी मुझे देनी होगी मुझे तुम पर यकीन नही है कहीं टायर चेंज करवाने
के बाद तुम मुझे छोड़ कर ना भाग जाओ” मैं बोला

“ओके, ठीक है ये लो चाबी” वो मेरी तरफ चाबी बढ़ाते हुए चैन की सांस लेते बोली

मैं उसके पास पहुचा और उसे चाबी लेली अब पहली बार मैने उसे ध्यान से देखा वो कोई 18-19 बरस की 5.5 हाइट की एक गोरी नारी बहुत ही सुंदर लड़की थी जो उसने टी शर्ट पहने हुई थी उसके बूब्स कोई 34 साइज़ के थे जबकि उसकी कमर 26 की होगी लेकिन मैं अभी
तक अपनी पसन्दीदा चीज़ उसकी गान्ड का अंदाज नही लगा पाया था मैने बॅग नीचे उतारा और चाबी जेब मे रख कर टाइयर चेंज करने लगा इस दौरान एक बार उसने मेरी तरफ पीठ की तो मैने उसकी बॅक को देखा और मेरा दिल गदगद हो गया बिल्कुल मेरी पसंद वाली
गान्ड थी उसकी लगभग 36 और एकदम बाहर को निकली हुई जैसी कि आफ्रिकन लड़कियो की होती है मैं मस्त हो गया और सोचने
लगा कि भगवान करे के ये इसी गाओं की हो और मैं इसे पटा कर चोद डालु

खैर जैसे तैसे टाइयर चेंज हुआ उसने मुझसे चाबी माँगी लेकिन पहले मैं अपना बॅग कंधो पर टाँग के पिछे बैठा तब उसे चाबी दी उसने
गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी

“तुम इसी गाओं की रहने वाली हो” थोड़ी देर बाद मैने उसे पुछा

“हां” उसने जवाब दिया


“क्या नाम है तुम्हारा” मैने फिर पुछा


“देखो मिस्टर अपने काम से काम रखो तुम्हे गाओं तक लिफ्ट चाहिए थी वो मिल रही है बाकी की बाते मत करो समझे” वो तुनक कर
बोली जाहिर है उसका काम हो गया था अब वो फिर से पहले वाली टोनिंग मे आगयि थी



“लेकिन नाम बताने मे क्या जाता है” मैने फिर कहा


“तेरी माँ” वो बोली


“क्या” मेरे मूह से निकला


“यही मेरा नाम है ‘तेरी माँ’” वो बोली


मैं समझ गया कि ये कोई पहुचि वाली चीज़ है “यही तो खराबी है गाओं की लड़कियो मे” मैं बोला

“क्या” उसने पुछा

“यही कि अपने आपको बहुत होशियार समझती है जबकि होती नही है” मैं बोला

“आए मिस्टर…..” अभी वो इससे ज़्यादा कुच्छ बोल पाती की

अचानक ही उसे ब्रेक लगाने पड़े सामने रोड के बीच 8-10 कुत्तो का एक झुंड खड़ा हुआ था और साइड से भी निकलने की जगह नही थी
वो हॉर्न बजाने लगी लेकिन कुत्ते टस से मस नही हुए और तभी एक कुत्ता सूंघते सूंघते एक कुतिया पे चढ़ गया और उसे चोदने लगा

“वाउ क्या नज़ारा है”एकाएक मेरे मूह से निकल गया


मेरे ऐसा कहते ही उसने जलती निगाहो से पलट कर मुझे देखा और ज़ोर ज़ोर से हॉर्न बजाने लगी मैने भी उसे तंग करने की सोचा और
बोला “क्यों परेशान कर रही हो बेचारो को देखती नही कितने इंपॉर्टेंट काम मे बिज़ी है”

“इंपॉर्टेंट काम, माइ फुट ये तुम्हे सही लग रहा है जबकि मुझे घर पहुचने की जल्दी है” वो बोली

“ओये मेडम इसी काम की वजह से आज हम इस दुनिया मे मौजूद है सोचो अगर हमारे मम्मी पापा ये काम नही करते तो क्या आज हम इस दुनिया मे होते” मैं बोला




“मुझे तुम्हारी बकवास नही सुननी जाकर उन कुत्तो को हटाओ” वो बोली

“अच्छा मुझे पागल समझती हो कि जब तक मैं उन्हे हटाऊ तुम गाड़ी लेकर निकल जाओ, नही नही मैं नही जाने वाला” मैने दो टुक बोल दिया

उसने कुच्छ देर और हॉर्न बजाया लेकिन वो कुत्ते नही हटे तो वो गाड़ी बंद करके उसकी चाबी निकाल कर हाथ पैर पटकते हुए उन कुत्तो को भागने को गयी लेकिन उसके पास जाते ही एक कुत्ता इतनी जोरो से भौंका कि वो उल्टे पाँव ही वापस आगयि और उधर कुत्तो की धुआँधार चुदाई चालू ही थी

“प्ल्ज़ कुच्छ करो मुझसे ये सब नही देखा जा रहा है” वो बोली

“लेकिन मुझे तो बहुत मज़ा आरहा है काश उस कुत्ते की जगह मैं होता” मैं मस्ती मे बोला

“प्ल्ज़ कुच्छ करो अंधेरा हो चुका है मेरे घरवाले मेरी चिंता कर रहे होंगे” वो रुआंसे स्वर मे बोली

उसके इस तरह बोलने से मैं भी थोड़ा पिघल गया और मैने उसे गाड़ी की चाबी लेकर जैसे तैसे साइड से गाड़ी निकाली और उसे पिछे
बैठा लिया मेरा बॅग मैं पहले ही सामने पैरो के पास रख चुका था अब हमारी गाड़ी आगे बढ़ चुकी थी


“कैसा लगा” मैने उसे पुछा


“क्या” वो बोली


“वो ही कुत्तो का तमाशा” मैं बोला


“तुम एक बहुत ही गंदे दिमाग़ के लड़के हो अब मैं तुमसे कोई बात नही करना चाहती चुपचाप गाड़ी चलाओ” वो एक बार और तुनक कर बोली

मैं समझ गया कि अब ये बहुत चटक गई है इस लिए मैं कुच्छ नही बोला और गड्ढो से गाड़ी कुदा कुदा कर और बार बार ब्रेक लगा लगा कर गाड़ी चलाने लगा जिससे उसके बूब्स मेरी पीठ से टकराने लगे उसने बहुत कोशिश की कि ऐसा ना हो लेकिन उसकी फूटी किस्मत रोड
मे गड्ढे ही इतने थे कि वो चाह कर भी अपने बूब्स को मेरी पीठ मे गाढ़ने से नही रोक पा रही थी

कुच्छ ही देर मे हमारा गाओं आगया और पहले चौराहे पर ही उसने मुझे स्कूटी रोकने को कह दिया कि उसका घर यहीं पास मे ही है
मैने स्कूटी रोकी और उतर कर बोला “थॅंक्स फॉर लिफ्ट”

“जहन्नुम मे जाओ” वो बोली और उसने अपनी गाड़ी आगे बढ़ा ली

मैं भी उसके बारे मे सोचते हुए अपने घर की तरफ
बढ़ने लगा जोकि उसी तरफ था जिधर वो लड़की गई थी……
 

Gaandu No 1

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********


मैं अपने घर पहुचा जब मैं यहाँ से गया था तब हमारा घर एक मंज़िला था लेकिन अब ये दो मंज़िला हो गया था अंधेरा भी हो चुका था मैने बेल बजाई और दरवाजा खुलने का इंतज़ार करने लगा

"कॉन है" एक जनाना आवाज़ दरवाजे के पिछे से आई और दरवाजा खुल गया

"अरे कैसे लड़के हो तुम लिफ्ट तो देदि थी ना अब तुम्हे क्या चाहिए जो मेरे घर भी आगये" दरवाजा खोलने वाली लड़की बोली

उसे यहाँ देख कर तो मेरी सिट्टी पिटी गुम हो गई थी जब ये मेरे घर मे है और मेरे घर को अपना घर बोल रही है तो पक्का ये मेरी दोनो बहनो मे से एक होगी और सारे रास्ते मैं इसके बारे मे ना जाने क्या क्या सोचता रहा और कैसे मैने इसके सामने कुत्तो की चुदाई का
मज़ा लिया और जब स्कूटी पर ये मेरे पिछे बैठी थी तो कैसे मैने ब्रेक लगा लगा कर इसके बूब्स अपनी पीठ पर दबवाए थे 'हे भगवान
अब क्या होगा अगर सच मे ये मेरी बहन निकली तो, कहीं ये सारी बाते पापा से ना बता दे वरना एक बार फिर वो मुझे घर निकाला दे देंगे'
हे भगवान ऐसा मत करना मैं मन ही मन बड़बड़ा रहा था जब कि वो बार बार मुझसे पुछ रही थी क्या काम है यहाँ क्यों आए हो लेकिन जैसे मैं तो इस दुनिया मे था ही नही मेरी गर्दन झुकी हुई थी तभी मुझे एक दूसरी आवाज़ सुनाई दी

"क्या हुआ डॉली कॉन है" इस आवाज़ को सुनते ही मेरी फटी गान्ड और ज़्यादा फट गयी ये मेरी मम्मी की आवाज़ थी यानी अब ये पक्का हो गया था कि ये मेरी छोटी बहन डॉली है मैं मन ही मन अपने आप को कोसने लगा कि अभी कुच्छ देर पहले ही मैं अपनी बहन के बारे मे कितना गंदा गंदा सोच रहा था

"पता नही मम्मी कॉन है पहले मुझे रास्ते मे मिला था मुझसे लिफ्ट माँग रहा था गाओं तक आने के लिए लेकिन मैने नही दी लेकिन जब थोड़ा आगे जाकर मेरी गाड़ी पंचर हो गई तो टाइयर चेंज करने के बदले मैने इसे लिफ्ट दी और सामने ही चौराहे पर छोड़ दिया लेकिन ये साहब है कि मेरे पिछे पिछे घर तक ही आगये और अब पुच्छने पर आने का कारण भी नही बता रहे है" डॉली बोली

"क्या बात है भाई, क्यों इस तरह लड़की का पिछा कर रहे हो" मम्मी बोली

अब पहली बार मैने डरते डरते अपनी गर्दन उपर उठाई मुझे नही पता था कि ये जानने के बाद कि मैं उसका भाई हूँ डॉली कैसे रिक्ट करेगी

मेरे गर्दन उठाते ही मम्मी ने कुच्छ सेकेंड तक मुझे देखा और जैसे ही उन्होने मुझे पहचाना वो ज़ोर से "सोनुउऊउउ....." चिल्लाते हुए दौड़ कर मेरे गले से लग गई और उन्होने मेरे चेहरे पर पप्पीयो की बरसात सी कर दी"आ गया मेरा लाल, कितना इंतजार करवाया तूने पूरे सात साल और इन सात सालो मे मैने तेरी सूरत सिर्फ़ सात बार देखी है लेकिन अब
मैं तुझे कभी भी अपने से दूर नही जाने दूँगी...." और पता नही मम्मी क्या क्या बड़बड़ाती रही लेकिन मेरी नज़र डॉली पर थी जैसे ही उसने सुना कि मैं उसका भाई हूँ उसके चेहरे पर खुशी और मुस्कान आ गई लेकिन मुझ से नज़र मिलते ही पता नही वो ख़ुसी और मुस्कान कहाँ गायब हो गई

इधर मेरी मम्मी मुझे कभी भी अपने से दूर नही करने की बात कर रही थी और उधर मैं कुच्छ देर पहले ही अपनी बहन के साथ ऐसी हरकत कर आया था जिसका पापा को पता लगते ही मेरा मम्मी से एक बार फिर दूर हो जाना कहाँ वक्त की बात थी

"अरे क्या हुआ भाई क्यों चिल्ला रही हो" कहते हुए पापा बाहर आए और मुझे देखते ही वो भी खुशी के मारे मुझसे लिपट गये

कुच्छ देर तक दरवाजे के बाहर ही हमारी मिला भेंटी होती रही फिर हम अंदर आए तो मम्मी बोली "अरे डॉली खड़ी खड़ी क्या देख रही
है अपने भाई से नही मिलेगी और सोनू तूने इसे पहचाना कि नही"

अब मैं मम्मी से क्या बोलता अगर मैं इसे पहचान जाता तो अभी तक मेरी गान्ड फट नही रही होती

"नही मम्मी मैने इसे नही पहचाना था अगर पहचान लेता तो चौराहे पर क्यों उतरता इसके साथ सीधे घर ही नही चले आता" मैं बोला

"और तू, तूने अभी तक अपने भाई से बात भी नही की" मम्मी डॉली से बोली

"हाई भैया कैसे हो" डॉली अनचाहे ढंग से बोली मैं सिर्फ़ गर्दन हिला कर रह गया

"अरे कैसी निगोडी लड़की है पूरे सात साल बाद अपने भाई से मिल रही है लेकिन बात ऐसे कर रही है जैसे पत्थर मार रही हो, जा
जाकर इसके लिए पानी वानी ला और चाय बना" मम्मी बोली

अब डॉली अंदर चली गई तो मैने मम्मी से निशा दीदी के बारे मे पुछा तो उन्होने बताया कि वो मोना के घर पर पढ़ाई के लिए गई है और कल सुबह आने वाली है लेकिन मम्मी उसे बुलाने के लिए किसी को भेजने लगी तो मैने मना कर दिया कि रहने दो सुबह तो आ ही जाएगी
और वैसे भी मैं सफ़र और पैदल चलने से बहुत थका हुआ हूँ तो वैसे भी मैं किसी से बात नही कर पाउन्गा तो मम्मी भी मान गयी



इसके बाद मैं फ्रेश हुआ और बाद मे खाना खा कर थकान की वजह से सोने चला गया मम्मी ने पहले ही मेरे लिए एक रूम सेट कर दिया था लेकिन जब तक मुझे नींद नही आई तब तक मैं डॉली के बारे मे ही सोचता रहा क्योंकि मेरे घर आने से लेकर अब तक उसने मुझसे कोई बात नही की थी और उसके चेहरे पर अजीब से भाव नज़र आ रहे थे उसकी हालत साँप छछुन्दर वाली हो गई थी ना वो मुझे निगल पा रही थी ना
उगल पा रही थी इन्ही सब सोचो मे मुझे नींद ने कब आ घेरा मुझे पता ही नही चला........
 
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