Aate he khel suru... Ab raat ko sirf mohini ka hi karyakaram hoga...
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है गांव में रहने की संजू की लास्ट नाइट थी संजू ने इसे यादगार बना दिया अपनी दोनो मामी के साथ साधना और अनुराधा की दमदार चुदाई करके सब को असीम सुख दिया है साथ ही अपनी छोटी मामी की गोद भी भर दीसंजू की बड़ी मामी अपनी बेटी और संजू के बीच के अवैध रिश्ते के बारे में संजू को डांट लगाना चाहती थी उसे धमकाना चाहती थी लेकिन यह नहीं जानती थी कि संजू बातों का जादूगर है और अपने इसी जादूगरी की करामात दिखाते हुए उसने अपनी बड़ी मामी को मना भी लिया था और उसी समय उसके बिस्तर पर ही पटक कर उसकी जमकर चुदाई भी कर दिया था,,, यह बेहद अद्भुत था संजू की बड़ी मामी भी जानती थी कि आज के ही दिन संजू गांव में रहने वाला था दूसरे दिन वह शहर वापस लौट जाने वाला था और फिर ना जाने कब मुलाकात होती ऐसे में संजू की बातों में आकर वह भी अपनी बेटी की करतुतो पर उसकी मजबूरी और जरूरत का नाम देकर खुद संजू के साथ हम बिस्तर हो गई और जिंदगी का अद्भुत सुख लूटने लगी,,,।
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संजू के मर्दाना अंग में उसके मोटे तगड़े लंड में एक अद्भुत आकर्षण था जिससे जिस किसी की भी औरत की चूत उसकी संगत में आती थी वह उसकी पूरी तरह से दीवानी हो जाती थी और संजू उसे अपने मर्दाना अंक का भरपूर आनंद भी देता था जिसके चलते हर औरत उसकी दीवानी होती चली जा रही थी,,,, रिश्तो के बीच चुदाई का संबंध संजू के लिए कोई बड़ी बात बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि वह अपने घर में ही अपनी छोटी बहन और अपनी मां के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बन चुका था और रोज उसका आनंद भी लुटा था यहां तक की अपनी मौसी और अपनी मौसी की लड़की के साथ भी शारीरिक संबंध बनाकर अपने परिवार में ही वह है मदहोश जवानी का आनंद लूट रहा था और यही सिलसिला जारी रखते हुए वह अपनी मामी के घर भी आकर अपनी तीनों मामियों के साथ-साथ अपनी बड़ी मामी की लड़की की चूत पर हाथ फेर दिया था,,, संभोग के मामले में संजू का नसीब पड़े चोरों पर था रोज नई-नई चूत के दर्शन उसे होते ही रहते थे और हर बार बाहर नहीं छूट का उद्घाटन बड़े जोरों शोरों से करता था,,,,।
दोपहर के समय अपनी मामी का काम तो वह तमाम कर चुका था और फिर इसके बाद वह अपनी सबसे छोटी वाली मामी के घर पहुंच गया था जहां पर उसने जमकर अपनी छोटी वाली मामी की भी चुदाई किया यहां उसे दो फर्ज निभाना थे एक तो अपनी छोटी मामी को संतुष्ट करने का और दूसरा उसकी गोद भरने का जहां तक संजू का ख्याल था उसने अपना काम कर दिया था वह जानता था कि उसकी चुदाई से उसकी छोटी वाली मामी गर्भवती हो चुकी है जो की महीने भर में ही उसे भी पता चल जाने वाला था इसीलिए तो उसने अपना फोन नंबर भी उसे दे दिया था ताकि जब भी है खुशखबरी उसे प्राप्त हो तो वह सबसे पहले इस खुशखबरी को उसे सुनाएं,,,,
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अपनी बीच वाली मामी के साथ हुआ चुदाई का सुख भोगना चाहता था लेकिन वह रात भर जागने की वजह से थकान की वजह से अपने कमरे में सो रही थी और इस कमरे में उसके बीच वाले मामा भी सो रहे थे इसलिए संजू वहां जाना ठीक नहीं समझा,,,।
जैसे तैसे करके रात हो गई और खाना खाकर लोग अपने-अपने कमरे में चले गए,,,,,, संजू उसकी मां और उसकी मौसी तीनों कमरे में बैठे हुए थे और आपस में बातें कर रहे थे,,,। आराधना बोली,,,।
ललली के बिना वाकई में यह घर सूना सूना लग रहा है भाभी के तो हालात ही खराब हो गई थी रो-रो कर,,,
सच कह रही है आराधना बेटी की विदाई का बाप मां बाप से ज्यादा और कीसे होता है,,,,
दीदी मैं भी यही सोच रही थी कि हम दोनों की भी बेटी है एक दिन उन लोगों के भी हाथ पीले हो जाएंगे और वह लोग अपना घर छोड़कर अपने ससुराल चले जाएंगे तो उस दिन हम लोगों पर क्या गुजरेगी,,,
यही सोच कर तो मेरा भी दिल बैठ जाता है लेकिन यही नियम है बेटी को तो पराए घर जाना ही पड़ता है अगर ना जाए तो भी समाज कैसे क्या बातें बनते फिरते रहते हैं,,,
(उन दोनों की बात सुनकर संजू बोला,,,)
क्या मम्मी और मौसी तुम दोनों भी रोना रो रही हो विदाई का यह तो सोचो लल्ली को अपने ससुराल में कितना मजा आ रहा होगा खास करके आज की रात,,,(संजू की बात सुनते ही आराधना आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी साधना को तो मालूम ही था कि संजू का रिश्ता उसके साथ भी शारीरिक संबंध वाला बन चुका था इसलिए उसे संजू की बात से हैरानी नहीं हुई और संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) इस समय रात के 10:30 बज रहे हैं और तुम ही सोचो लल्ली वहां पर क्या कर रही होगी ,,,,
क्या कर रही होगी,,,?(आराधना थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली)
चुदाई का मजा लूट रही होगी इस समय जीजा जी उसके सारे कपड़े उतार कर से नंगी कर रहे होंगे उसके छोटे-छोटे संतरो को मुंह में लेकर पी रहे होंगे उसकी चूत से खेल रहे होंगे,,,और तो और लल्ली भी शर्माो हया की दीवार को तोड़कर जीजा जी का लंड पकड़ कर मुंह में लेकर चुस रही होगी,,,,।
हाय दइया कितना बेशर्म हो गया है रे तू,,, वह तेरे मामा की लड़की है मतलब की तेरी बहन है तुझे जरा भी शर्म नहीं आ रही है ,,,,(आराधना थोड़ा आंख दिखाते हुए संजू से बोली तो संजू भी मानो जैसे कि अपनी मां को कुछ याद दिला रहा हो इस तरह से अपनी आंखों को नचाते हुए बोला,,,)
अच्छा मुझे शर्म आनी चाहिए और वह भी संजू को,,,,(अपने बेटे के खाने के मतलब को आराधना अच्छी तरह से समझ गई थी वह समझ गई थी कि जिस भाई का संबंध खुद की सगी बहन के साथ हो वह भला अपने मां की लड़की के बारे में क्यों इज्जत से बात करेगा इसलिए आराधना की थोड़ा सा नजर नीचे झुका ली और संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
देख रही हो मौसी मम्मी क्या कह रही है कि मुझे शर्मा नहीं चाहिए अगर मुझे जरा भी शर्म आती तो मेरा लंड तुम्हारी चूत में ना होता मैं रोज तुम्हारी चुदाई ना करता मौसी को ना चोदता,,,, जो मजा मुझे मिल रहा है और मेरी वजह से तुम दोनों को लिख रहा है तो सोचो अगर मैं शर्म करता तो तुम दोनों भी इस तरह से मजा ना लूट रहे होते और वह भी इस उम्र में,,, क्या कहती हो मौसी,,,(अपनी मौसी की तरफ देखकर आंख मारते हुए बोला)
बात तो संजु ठीक ही कह रहा है हर रिश्ते के पहले यह सोच लेना चाहिए की सबसे पहले वह एक और है और एक मर्द तभी इंसान सुखी से जीवन कर सकता है और अपनी जरूरत को पूरी कर सकता है,, और मर्द और औरत के बीच के रिश्ते के पहले अगर कोई पारिवारिक रिश्ता पैदा कर लेता है तो वह एक दूसरे के प्रति आकर्षण होने के बावजूद भी कुछ नहीं कर पाता,,,, संजू अगर शर्म करता तो शायद इस उम्र में इतने मोटे तगड़े लंड का सुख नहीं रोक पाती और आराधना तु,,,जो इस उम्र में भी तेरी चुत इतना पानी छोड़ रही है कैसे बुझाती अपनी प्यास को,,, इसलिए संजू की बात सही है लल्ली की विदाई का गम मनाने से अच्छा है कि एक नई जिंदगी की शुरुआत की खुशियां मनाई जाए,,,, वह पूरी तरह से जवान और आज की रात से उसका विवाहित जीवन शुरू हो रहा है तो जरा तुम ही सोचो उसे कितना मजा आएगा जैसा कि हम दोनों को आ रहा है और उसमें बड़ा ही क्या है बस लोगों को खुलकर नहीं बोलते लेकिन इतना तो जानते ही हैं कि विवाह करने के लिए आया हुआ दूल्हा अपनी दुल्हन को घर ले जाकर सबसे पहले क्या करता है,,,, चुदाई जी भर के और यह बात लड़की की मां को भी पता रहता है और उसके बाप को भी वह दोनों जानते हैं कि आज की रात उसकी बेटी ससुराल में अपने पति के साथ चुदवाएगी,,, लेकिन अब ना तो मन को इतना झुक और ना ही आप को और अगर यही काम लड़की बिना के पहले किसी लड़के के साथ कर दे तो फिर देखो कैसा हंगामा मच जाता है,,,, विवाह एक तरह से शारीरिक संबंध की छूट होती है जिसमें पति और पत्नी जी भर कर आनंद लूट सकते हैं और यह बात सब लोग जानते हैं लड़की के घर वाले भी और लड़के के घर वाले भी लेकिन कुछ नहीं कर सकते क्योंकि यही नियम है,,,,।
(अपनी बड़ी दीदी की बात सुनकर आराधना धीरे से बिस्तर पर से उठी और चलते हुए खिड़की के पास पहुंच गई और बाहर की तरफ देखने लगी चांदनी रात में चारों तरफ खेत लहरा रहे थे जिसे देखकर आराधना के मन को बड़ी शांति मिल रही थी गांव का वातावरण उसे पहले से ही बहुत अच्छा लगता था लेकिन विवाह के पश्चात वह शहर चली गई और वापस अब जाकर वह लौटी थी,,,, कुछ देर खामोश रहने के बाद वह खिड़की से बाहर देखते हुए ही बोली,,,)
जानती हो दीदी इसी तरह से मैं भी लल्ली की तरह ही दुल्हन बनाकर इस घर से विदा हुई थी अपनी जिंदगी की नई शुरुआत के लिए मेरे मन में भी ढेर सारे सपने थे बहुत कुछ सोच कर रखी थी लेकिन सब बर्बाद हो गया मां-बाप तो अपने नजरिया से सही फैसला ही लेते हैं अपनी बेटी की खुशी के लिए लेकिन आगे चलकर सब बर्बाद हो जाता है जैसा कि मेरा जीवन हो गया,,,,,,,।
(संजू और साधना दोनों बिस्तर पर बैठे हुए आराधना की तरफ देख रहे थे आराधना अपना गम बयां कर रही थी संजू अच्छी तरह से जानता था कि अगर अपनी मां को कुछ और बोलने दिया तो आज की रात ऐसे ही खाली जाएगी और वह नहीं चाहता था कि आज की रात यूं ही बातों में चली जाए क्योंकि गांव में आज की रात उन तीनों की आखिरी रात थी इसके बाद में तीनों शहर चले जाने वाले थे और फिर ना जाने कब ऐसा मौका उन दोनों के हाथ लगता है इसलिए संजू धीरे से अपनी जगह से उठा और अपनी मां के करीब जाकर और उसके पीछे खड़ा हो गया और उसे अपनी बाहों में भरकर अपने होठों को उसके गर्दन पर रख दिया पल भर में आराधना के बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी,,, और वह इस तरह से अपनी मां के गर्दन पर चुंबन करते हुए बोला,,)
क्या मम्मी तुम भी इस तरह की बातें करने बैठ गई अब तो तुम्हें इस तरह की बातें नहीं करना चाहिए क्योंकि अब तुम्हारे जीवन में मैं हूं जो कि तुम्हें हर सुख दे सकता हूं जो सुख तुम्हें पाप से चाहिए था उससे भी कई ज्यादा और आनंदित भरा सुख में तुम्हें दे रहा हूं यह बात तुम भी अच्छी तरह से जानती हो कि जिस तरह की चुदाई का सुख में तुम्हें दे रहा हूं पापा तुम्हें कभी नहीं दे पाते,,,,(अपनी मां को इसी तरह से बाहों में भरे हुए वह उत्तेजित होने लगा था और उसका लंड पेट के अंदर खड़ा होने लगा था जो की तंबू का शक्ल लेकर आराधना की गांड में चुभने लगा था और इस चुभन से आराधना के बाद में भी उत्तेजना के शोले उठने लगे वह भी धीरे-धीरे उत्तेजित होने लगी और संजू अपनी मां की उत्तेजना को बढ़ाते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही दोनों खरबूजा को पड़कर उसे दबाना शुरू कर दिया था पीछे बिस्तर पर बेटी साधना सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी और उन दोनों के बीच में खलल नहीं डालना चाहती थी,,, क्योंकि इसमें उसका भी फायदा था क्योंकि उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी,,,, संजू हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ते हुए अपने पेट के तंबू को अपनी मां की गांड पर और ज्यादा चुभाते हुए उसके आनंद को बढ़ाने लगा,,,, इस बार आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और उसके मुख से गरमा गरम से शिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,,।)
सससहहहहह आहहहह संजू,,,,, सच में अगर तू ना होता तो मेरा जीवन कितना नीरस हो जाता,,,,
अगर तुम ना मिलती तो शायद मुझे ऐसा अद्भुत सुख नहीं मिलता ,,,(और ऐसा कहते हुए संजू अपनी मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा,,, और देखते ही देखते हो अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन खोलकर उसके ब्लाउज के फांको को अलग कर दिया और दोनों हाथों से दोनों पट को पकड़कर उसे पीछे की तरफ खींचने लगा और उसकी मां भी उसका साथ देते हुए अपने दोनों बड़ों को पीछे की तरफ करके उसे ब्लाउज उतारने में उसकी मदद करने लगी,,, अगले ही पल संजू अपनी मां के बदन से ब्लाउज उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया,,,, दोनों अभी भी खिड़की के पास ही खड़े थे लेकिन इतनी रात को यहां से किसी के द्वारा देखे जाने की गुंजाइश बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि खिड़की से दूर-दूर तक केवल खेत ही नजर आते थे संजू अपनी मां की बाहों को पकड़ कर उसे अपनी तरफ घूमाते हुए उसके खूबसूरत चेहरे की तरफ देखते हुए बोला,,,,
कसम से मम्मी तुम बहुत खूबसूरत हो स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा नजर आती हो,,, अच्छा हुआ दूल्हे की नजर तुम पर नहीं पड़ी वरना दुल्हन समझ कर तुम्हें ही अपने साथ ले जाता,,,(संजू की बात सुनते ही आराधना एकदम से शर्मा गई और शर्म से अपनी नजरों को नीचे झुका ली लेकिन संजू की बात सुनकर साधना बोली,,,)
बेटा अगर वह सच में तेरी मां को दुल्हन समझ कर अपने साथ ले जाता तो सो आज की रात में तेरी मां की जमकर चुदाई करता,,,
तो क्या हुआ मैं लल्ली को इस कमरे में ले आता और फिर मैं उसके साथ सुहागरात मनाता,,,।
हाय दइया,,,(आराधना एकदम से आश्चर्य चकित होकर संजू की तरफ देखते हुए,,) कुछ तो शर्म कर वह तेरे मामा की लड़की है,,,)
तो क्या हुआ उसके पास भी तो चुत है ना खूबसूरत और चुत केवल लैंड देती है रिश्ते नहीं,,, मेरा मोटा तगड़ा लंड ललली अपनी चूत में लेकर मस्त हो जाती,,,,
तुम दोनों की बातें सुनकर तो मेरी चूत गीली होने लगी है,,,, संजू आज की रात हम तीनों की भी सुहागरात है आज की रात हम दोनों की ऐसी चुदाई करके जिंदगी भर हम दोनों याद रखें,,,
चिंता मत करो मौसी आज की रात मेरा लंड तुम दोनों की चूत के नाम,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू एक झटके से अपनी मां की लाल रंग की ब्रा को दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठा दिया और उसकी खरबूजे एकदम से बाहर उछल पड़े जिसे तुरंत संजु हाथ से पकड़े बिना ही उसे मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया,,, आराधना के तन बदन में आग लग गई संजू की हरकत से उसकी चूत पानी छोड़ने लगी और वह एकदम से मचल उठी,,,,,।)
सहहहहहह आहहहहबह संजू,,,,ऊमममममममम
(अपनी मां की मस्ती भरी सिसकारी की आवाज सुनकर संजू का जोश बढ़ने लगा,,, और वह अपनी मां की दोनों चूचियों को बारी-बारी से मुंह में लेकर पीते हुए उसकी कमर से साड़ी को खोलने लगा और देखते-देखते वह अपनी मां के बदन से साड़ी को खोल कर उसे अपनी मां के भजन से उतर कर नीचे जमीन पर फेंक दिया और इस समय उसकी मां केवल पेटीकोट में खड़ी थी ब्रा को तो पहले से ही वह ऊपर की तरफ उठा दिया था जिसे उसकी दोनों चूचियां एकदम नंगी हो गई थी,,,,, संजू अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को खोलकर उसे पूरी तरह से नंगी करता है इससे पहले ही हुआ एक झटके से उसे अपनी गोद में उठा लिया वह एकदम से चौंक गई,,,,)
आहहहह यह क्या किया नीचे उतार मुझे गिर जाऊंगी,,,
आज तक गिराया हूं क्या तुम्हें जो अभी गिर जाओगी,,,,
मुझे डर लगता है संजू ऐसे मत उठाया कर,,,
लेकिन मुझे तो ऐसे ही मजा आता है तुम्हें खुद भी उठाने का जो सुख है वह बेहद अद्भुत है,,,(और ऐसा कहता हुआ संजू बिस्तर की तरफ आगे बढ़ने लगा और बिस्तर के करीब पहुंचते ही उसे धम्म से बिस्तर पर गिरा दिया नरम- गद्दे पर वह एकदम से उछल पड़ी,,,,
बाप रे तू तो मेरी जान ही ले लेगा,,,
तुम्हारी जान नहीं लेकिन तुम्हारी चूत जरूर ले लूंगा,,,( और ऐसा कहते हुए संजू अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को अपने हाथों से पकड़ कर उसे एक झटके से खींच दिया,,, पल भर में ही आराधना की कसी हुई पेटिकोट कमर पर एकदम से ढीली हो गई और संजू उसे दोनों हाथों से पकड़ कर उसे नीचे की तरफ खींचने लगा लेकिन आराधना की भारी भरकम गांड के नीचे दबी हुई पेटिकोट संजू से खींची नहीं जा रही थी तो आराधना खुद अपने बेटे की मदद करते हुए अपनी भारी भरकम गोल-गोल गांड को हवा में चार अंगुल जितना ऊपर की तरफ उठा ली,,, संजू को अपनी मां की है हरकत उसका यह रूप बेहद उत्तेजनात्मक लगने लगा था क्योंकि संजू अच्छी तरह से जानता था कि ऐसा औरत तभी करती है जब वह खुद मर्द के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए उत्सुक हो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मचल रही हो,, और इस समय संजू को अपनी मा में यही रूप नजर आ रहा था,,,। संजू अपनी मां की उठी हुई गांड को देखकर एक पल की भी देरी न करते हुए तुरंत पेटीकोट को नीचे की तरफ कैसे लगा और देखते-देखते वह अपनी मां के बदन पर से पेटीकोट को उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया और इस समय आराधना बिस्तर पर लाल रंग की चड्डी और लाल रंग की ब्रा में पीठ के बल लेटी हुई थी,,,, अपनी मां का रूप यौवन देखकर संजू की आंखों में वासना उतार आई वह पूरी तरह से पागल हो गया और तुरंत अपने कपड़े उतार कर एकदम से नंगा हो गया आराधना की नजर अपने बेटे के खड़े लंड पर पड़ी तो उसके मुंह के साथ-साथ उसकी चूत में भी पानी आ गया,,,, क्या सब देखकर साधना की हालत खराब हो रही थी और वहां खुद अपने हाथों से अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगी हो गई थी,,,।
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वह तीनों जानते थे कि आज की रात उन लोगों के लिए बहुत खास थी आज की रात गांव में उन तीनों की आखिरी रात थी क्योंकि कल शहर के लिए निकल जाना था फिर यह रात या माहौल मिलने वाला नहीं था इसलिए वह तीनों आज की रात पूरी तरह से मजा कर लेना चाहते थे और तीनों ने इसके लिए तैयारी भी कर लिए थे,,,।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैगांव में अपनी आखिरी रात को तीनों यादगार बना देना चाहते थे जिसकी शुरुआत तीनों ने,,, कर भी चुके थे संजू अपनी मां को बिस्तर पर नंगी कर चुका था और उसकी आंखों के सामने ही अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया था और पास में ही बिस्तर पर बैठी हुई उसकी मौसी भी दोनों को देखकर खुद अपने हाथों से अपने कपड़े उतार कर नंगी हो चुकी थी,,,। तीनों इस रात को रंगीन करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे,,,, आराधना के साथ-साथ उसकी बड़ी बहन साधना भी अच्छी तरह से जानती थी कि आज की रात उन्हें जी भर कर जीना है क्योंकि वह दोनों जानती थी कि शहर में पहुंचने के बाद न जाने कब ऐसा मौका मिले और शायद ना भी मिले,,,,,, इसलिए वह तीनों इस सुनहरे मौके को अपने हाथ से गवाना नहीं चाहते थे,,,।
ऐसा कभी नहीं हुआ था कि अपनी मां की मदमस्त जवानी को देखकर संजु का लंड बेझिझक खड़ा ना हुआ हो,,, और ऐसा इस समय भी हुआ था संजू का लंड अपनी मां को खिड़की पर खड़ी देखकर ही खड़ा हो चुका था,, आराधना की खूबसूरत बदन का ऐसा कोई भी अंग नहीं था जिसे देखकर संजू के तन-बदन में उत्तेजना का एहसास ना होता हो अपनी मां की खूबसूरती के साथ-साथ उसकी चुचियों का फुलावलन और नितंबों का उभारपन,, के साथ-साथ अंगों का कटाव भी उत्तेजित कर देता था,,,,।
धीरे-धीरे समय आगे बढ़ता चला जा रहा था पूरे गांव में सन्नाटा छाया हुआ था और चारों तरफ चांदनी रात की चांदनी छीटकी हुई थी,,,, जिसकी आभा खिड़की से अंदर आ रही थी,,,, मंद मंद शीतल हवा बह रही थी जिसकी ठंडक तीनों को अपने बदन पर महसूस हो रही थी लेकिन जवानी की गर्मी कुछ ज्यादा ही शीतल हवा के झोंकों पर भारी पड़ रही थी,,,, चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था केवल रह रहकर कुत्तों के भौंकने की आवाज आ रही थी,,,,,,, किसी और मौके पर इस तरह का सन्नाटा और कुत्तों की भौंकने की आवाज डर पैदा कर देती थी लेकिन इस समय का माहौल कुछ और था चुदाई करने के लिए इस तरह के माहौल की ही जरूरत होती है और माहौल पूरी तरह से तीनों के पक्ष में था,,,।
शुरुआती दौर में ही संजू की सांस ऊपर नीचे हो रही थी आज की रात संजू के बदन में कुछ ज्यादा ही जोश भरा हुआ था वह अपने खड़े लंड को हाथ से पकड़कर मुठियाता हुआ अपनी मां की तरफ देख रहा था,,,,,, यही हाल आराधना का भी था वह भी प्यासी नजरों से अपने बेटे की तरफ नहीं बल्कि अपने बेटे के लंड की तरफ देख रही थी क्योंकि इस समय उसकी जरूरत उसके बेटे के लंड की ही थी,,,, जो कि थोड़ी ही देर में उसकी चूत में घुसने वाला था,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूख रहा था पहले पहले उसे अपनी दीदी के सामने अपने बेटे से संबंध बनाने में थोड़ी शर्म महसूस होती थी लेकिन अब वह पूरी तरह से खुल चुकी थी अपनी बड़ी दीदी के सामने वैसे तो अकेले में वहां अपने बेटे के साथ मन नहीं बल्कि पत्नी बन कर ही अपने बेटे को संतुष्ट करती भी थी और खुद भी मजा लूटती थी,,,, लेकिन अब तो अपनी बड़ी बहन के सामने भी उसे बिल्कुल सहज लगने लगा था इसलिए तो बेझिजक अपने बेटे से अपने कपड़े उतरवा कर नंगी हो चुकी थी,,,, अनायास ही आराधना का हाथ उसकी खुद की चूत पर चला गया था जिसे वह अपनी हथेली से ढक कर होले होले से रगड़ भी रही थी और उसे मसल भी रही थी जिसकी वजह से उसके बदन में उत्तेजना का संचार बड़ी तेजी से हो रहा था वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी और अपनी छोटी बहन को इस तरह से मस्ती करता हुआ देख कर साधना से भी रहा नहीं जा रहा था और वह खुद अपने हाथों में अपनी दोनों चूचियां लेकर जोर-जोर से मसल रहे थे यह सब देखकर संजू के बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी,,, वह अपने लंड को हिलता हुआ कभी अपनी मां के खूबसूरत चेहरे की तरह तो कभी उसकी दोनों टांगों के बीच उसकी लाजवाब हरकत को देख रहा था तो कभी बगल के बिस्तर पर बैठे हुए अपनी मौसी की हरकत को देखकर मत हुआ जा रहा था कुल मिलाकर उसकी उत्तेजना बढ़ती चली जा रही थी,,,, बर्दाश्त तो उसे बिल्कुल भी नहीं हो रहा था वह दोनों को घोड़ी बनाकर चोदना चाहता था लेकिन इससे पहले दोनों के बदन से आनंद लेना चाहता था उनके फलों के रस को चूसना चाहता था,,, इसलिए वह अपने आप पर संयम रखा हुआ था,,,,
Sanju )ni ma k sath
वह कई बार अपनी मां की चुदाई कर चुका था और अपनी मौसी की भी लेकिन आज उसका दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था वह जैसे ही अपने पैरों को मोड़कर अपने पैर के घुटने को बिस्तर पर रखा ही था कि कमरे में प्रकाशित हो रहा बल्ब एकदम से बुझ गया,,,, और तभी उसकी मौसी बोली,,,।
को लाइट चली गई रंग में भंग पड़ गया,,,,।
कोई बात नहीं दीदी वैसे भी खिड़की से उजाला तो आ ही रहा है,,,
नहीं मम्मी कमरे में इतना उजाला पर्याप्त नहीं है मैं आज की रात तुम दोनों के नंगे बदन की हर एक कोने को अपनी आंखों से अपने होठों से लगाकर छूकर देखना चाहता हूं इसलिए मुझे लालटेन जलानी होगी,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू जिसे अपना पर बिस्तर पर ले गया था वैसे ही पीछे हट गया और नग्न अवस्था में ही चलते हुए कैमरे के कोने में गया जहां पर लालटेन रखी हुई थी और पास में ही दिया सलाई भी रखी हुई थी,,,, लालटेन को जलाने का हुनर संजू अच्छी तरह से जानता था,,, और आराधना को लगता था कि उसका बेटा लालटेन जला नहीं पाएगा इसलिए वह बोली,,,।
तू नहीं जला पाएगा संजू,,,,
अरे कैसे नहीं जला पाऊंगा,,,,, मुझे सब आता है,,,(और इतना कहने के साथ ही समझो दिया सलाई में से एक माचिस की तिल्ली को बाहर निकाला और उसे जलते हुए उसकी रोशनी में एक हाथ से लालटेन के लैंप को थोड़ा सा ऊपर किया और उसकी बातें में माचिस की तिल्ली से उसकी लव जलाने लगा,,, और कुछ ही क्षण में लालटेन की लव जालना शुरू कर दी जिसे संजू,,, लालटेन की नोब को घुमाकर,,, लालटेन की लौ को थोड़ा और ज्यादा बढ़ा दिया जिससे पूरे कमरे में पल भर में ही पीली रोशनी फैल गई और सब कुछ साफ नजर आने लगा अपने बेटे की होशियारी पर आराधना भी मुस्कुरा दी उसे भी इस बात की खुशी थी कि कमरे में पूरी तरह से उजाला फैला हुआ था क्योंकि इस बात को अभी अच्छी तरह से जानती थी कि अंधेरे से ज्यादा मजा उजाले में चुदाई करने में आता है,,,, लालटेन को प्रकाशित करने के बाद संजू अपनी मां की तरफ घुमा और मुस्कुराता हुआ अपनी मां के बिस्तर की तरफ आगे बढ़ने लगा,,,,, यह देखकर साधना बोली,,,।
आराधना जरा संभल के आज तेरे बेटे का इरादा कुछ ठीक नहीं लग रहा है देख तेरे बेटे का लंड आज कुछ ज्यादा ही खड़ा हो गया है,,,।
कोई बात नहीं दीदी वैसे भी आज की रात मेरे बदन में भी कुछ अजीब सा एहसास हो रहा है ऐसा लग रहा है कि मेरी चूत मोटे-मोटे लंड को लेने के लिए ललाईत हुई जा रही है,,,,(आराधना एकदम से बेशर्म बनते हुए बोली उसकी बेशर्मी भरी बातें सुनकर संजू मुस्कुराता हुआ बोला)
देखी मौसी मम्मी एकदम रंडी जैसी बातें कर रही है तभी तो मम्मी को चोदने में मजा आएगा,,,
हा रे तेरी मां एकदम बदल गई है,,,,, सच में अब तो एकदम रंडी की तरह बातें करती है,,,,
यह सब तुम्हारी देन है दीदी वरना मैं तो यह सब करने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी,,,
Ma or mausi dono sanju k lund se khelti huyi
चलो कुछ भी हुआ लेकिन मम्मी तुम्हारे लिए तो अच्छा हो गया ना कहां पापा का छोटा लंड,,, और कहां मेरा मोटा तगड़ा,,,(लंड को पकड़ कर अपनी मां की तरफ करके जोर-जोर से हिलाते हुए,,,) तुम कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि तुम्हें इतना सुख मिलेगा,,,
तू सही कह रहा है संजू अगर वह खंडहर ना होता तो शायद मैं तेरे सामने इस तरह से नंगी ना लेटी हुई होती,,,
यह सब का श्रेय जाता है लल्ली और मौसी को,,, अगर मौसी ना होती तो शायद मैं तुम्हारी चूत का मजा ना ले पाता,,,
बातें ही करता रहेगा कि कुछ करेगा भी मेरी चूत में आग लगी हुई है और तु है की अपना लंड सहला रहा है,,,,
अरे वाह तेरी मां को कितनी जल्दी है तेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,,
क्या करूं मौसी मेरा लंड है ही इतना जबरदस्त की एक बार जो अपनी चूत में ले लेता है मेरे लंड का गुलाम बन जाता है,,,,
इतनी भी तारीफ मत कर संजू अपने लंड की आज की रात इसकी परीक्षा की घड़ी है सुबह तक हम दोनों की चुदाई करना है देखती हूं तेरे लंड में कितना दाम है तेरा लंड ठक्कर ढीला पड़ जाता है या हमारी चुत सिकुड़ती है ,,,,।
(आराधना एकदम से गर्म जोशी दिखाते हुए अपने बेटे को उकसाते हुए बोल रही थी,,,, लेकिन इस बात को आप भी अच्छी तरह से जानती थी कि उसके बेटे के लंड में बहुत दम है क्योंकि जब से वहां लोग गांव आए थे तब से वहां दोनों को बराबर छोड़ रहा था और बिना थके बिना पहले पानी निकाले उन दोनों को पानी पानी कर देता था,,,, लेकिन आज ऐसा लग रहा था कि जैसे एक औरत एक मर्द को चुनौती दे रही थी अपनी प्यास बुझाने के लिए आराधना की बातों में एक तरह की चुनौती ही थी क्योंकि आज उसका इरादा रात भर चुदवाने का था,,,, आज संजू के लंड की अग्नि परीक्षा थी जिसमें उसे सफलतापूर्वक पार होना था,,, अग्नि परीक्षा इसलिए क्योंकि औरत की चूत के अंदर इतनी आग होती है की कोई कच्चा खिलाड़ी अपना लंड औरत की चूत में डाले तो छूट की गर्मी से ही उसका लावा पिघल कर छूट जाता है और ऐसे हालात में ना तो वह औरत को संतुष्ट कर पता है और ना ही खुद ही आनंद ले पाता है लेकिन संजू एक मजा हुआ खिलाड़ी था उसे औरत की चूत की चिकनाहट का अच्छे से अंदाजा था वह चिकनाहट भरी राह पर अपना घोड़ा दौड़ाना अच्छी तरह से जानता था,,, इसीलिए तो दोनों बहने संजू के मर्दाना अंग की कायल थी लेकिन फिर भी जानबूझकर आराधना अपने बेटे को चुनौती दे रही थी जिसे संजू हर्स पूर्वक स्वीकार कर लिया था,,,, इसलिए अपनी मां की चुनौती का जवाब देते हुए बोला)
Sadhna lund chusti huyi
तो चलो ठीक है तो मेरा वादा है जब तक तुम दोनों खुद अपने मुंह से बस अब रहने दे नहीं बोल देती तब तक मैं तुम दोनों की चुदाई करता ही रहूंगा देखता हूं आज कौन थकता है मैं या तुम दोनों,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू अपने पैर को घुटनों से मोड कर उसे नरम गाड़ी पर रखकर बिस्तर पर चढ़ गया और धीरे-धीरे अपनी मां की दोनों टांगों के बीच जाने लगा संजू को अपनी तरफ आता हुआ देखकर संजू की मां खुद अपनी दोनों टांगों को धीरे-धीरे खोल दी थी,,, और औरत का यही रूप दुनिया के हर मर्दों की सबसे बड़ी कमजोरी होती है,,, क्योंकि मर्द को देखकर धीरे से अपनी टांगों को खोलने का मतलब होता है कि वह उसे अपनी तरफ आकर्षित करते हुए से आमंत्रण दे रही है कि आओ मेरी प्यास बुझाओ और यही हाल इस समय आराधना का था और संजू अपनी मां की इस अदा पर पूरी तरह से फिदा हो चुका था इसलिए उत्तेजना दर्शाते हुए अपने दोनों हथेली को अपनी मां की मोटी मोटी गोरी मक्खन जैसी चिकनी जांघों पर रखकर उसे जोर से दबोच लिया और संजू के ऐसा करने पर आराधना की हल्की सी सिसक निकल गई लेकिन इस दर्द में भी आराधना को मजा आ रहा था उसके चेहरे पर उत्तेजना के भाव साफ झलक रहे थे पल भर में ही उसका गोरा मुखड़ा टमाटर की तरह लाल हो गया था और संजू इस मदमस्त खेल की शुरुआत करते हुए अपने होठों को अपनी मां की मक्खन जैसी जांघ पर रखकर उसे चूमना शुरू कर दिया,,, संजू की हरकत से आराधना के बदन में कसमसाहट बढ़ने लगी पल-पल वह उत्तेजना के सागर में डूबती चली जा रही थी,,,, और साधना अपनी छोटी बहन और अपने भतीजे की काम लीला को अपनी आंखों से देख कर मदहोश हुए जा रही थी,,,,
संजू धीरे-धीरे अपनी हरकतों की वजह से अपनी मां के बदन में आग लग रहा था वह रह रहकर अपनी मां की गोरी गोरी जांघों को दांतों से काट ले रहा था जिससे आराधना के मुंह से चीख निकल जाती थी लेकिन यह चीख सीमित रूप से दबी हुई थी जिसका मजा दोनों मां बेटे ले रहे थे,,,, देखते ही देखते संजू अपनी मां की जानू के साथ-साथ उसके घुटनों से लेकर पैर के तलवे तक सभी जगह पर अपने होंठ से चुंबन ले रहा था चाट रहा था आज पहली बार संजू अपनी मां के खूबसूरत पैरों से इतना प्यार कर रहा था और इसमें आराधना को आनंद और उत्तेजना दोनों प्राप्त हो रहा था आराधना उत्तेजित होते हुए खुद अपने पैर के अंगूठे को अपने बेटे के होठों पर रखकर रगड़ रही थी और ऐसा लग रहा था कि जैसे संजू अपनी मां के मन की बात को उसकी मनसा को अच्छी तरह से समझ गया हो इसलिए धीरे से अपनी होठों को खोलकर अपनी मां के पैर के अंगूठे को अपने मुंह में भरकर चूसना शुरू कर दिया मैंने के जैसे एक औरत मर्द के लंड को चूस रही हो,,,, संजू पागल हुआ जा रहा था और अपनी मां को मदहोश बना रहा था वह बड़ी-बड़ी से अपनी मां के दोनों पैरों के अंगूठे को मुंह में लेकर चूस रहा था और यह देखकर साधना से रहा नहीं जा रहा था और वह अपनी जगह से उठी और धीरे से चलकर आराधना के बिस्तर पर बैठ गई और फिर अपना एक हाथ आराधना की चूची पर रखकर उसे दबाना शुरू कर दी आराधना के मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी आराधना के बदन पर दोनों तरफ से उत्तेजना के गोले दागे जा रहे थे एक तरफ उसका बेटा था तो दूसरी तरफ उसकी बड़ी बहन थी दोनों पागलों की तरह उसके बदन से खेल रहे थे एक चूची से शुरुआत करने के बाद साधना अपनी बहन की दोनों चूचियों को हाथ में लेकर दबा रही थी मानो कि जैसे उसके हाथ में दशहरी आम लग गया हो,,,,,।
पूरी तरह से कमरे का माहौल गर्मा चुका था गांव में लाइट जा चुकी थी खिड़की से दूर तक देखने पर घरों में अंधेरा नजर आ रहा था किसी भी तरह से ना तो लालटेन जली हुई थी नहीं मोमबत्ती क्योंकि समय काफी हो चुका था और ऐसे में गांव वाले चैन की नींद सो रहे थे लेकिन संजू उसकी मां और उसकी मौसी तीनों की आंखों में नींद कोसों दूर थी तीनों जवानी के जोश में अपने-अपने तरीके से अपना हुनर दिखा रहे थे संजू पागलों की तरह अपनी मां की मोती मोती चिकनी जांघों पर अपने होंठ रगड़ रहा था और साधना आराधना की दोनों चूचियों को हाथ में लेकर जोर-जोर से मसलकर टमाटर की तरह लाल कर दी थी और आराधना दोनों तरफ के हमले से पूरी तरह से बेहाल हो चुकी थी उसके मुंह से लगातार गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,।
Dono bahane maja leti huyi
सहहहह आहहहहह ऊमममममममम ,(नरम नरम गद्दे पर कसमसाते हुए,,) तुम दोनों,,,, मुझे पागल कर दोगे,,,,,ससहहहहहह आआआआआआआ मेरी हालत खराब हो रही है मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,ऊमममममम संजू,,,,(ऐसा कहते हुए आराधना अपनी हथेली को अपने बेटे के सर पर रखकर उसे अपनी तरफ खींच रही थी खास करके अपनी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार की तरफ जिसमें इस समय गर्म लावा फूट रहा था और संजू भी इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसकी मां को क्या चाहिए लेकिन वह कुछ देर तक और अपनी मां को तड़पाना चाहता था इसीलिए तो वह उसकी मोटी मोटी जांघेो को अपनी हथेली में लेकर दबोच रहा था उससे खेल रहा था और उस पर चुम्बन करते हुए अपने होठों को रगड़ रहा था,,,, ऐसा करने में संजू को अद्भुत सुख प्राप्त हो रहा था वैसे भी औरत के बदन का हर एक कोना आनंद प्रमोद से भरा होता है बस उसका लाभ उठाने वाला चाहिए मर्द को इतना हुनर होना चाहिए कि वह औरत के कौन से अंग से कितना आनंद ले सकता है बाकी तो औरत के बदन का हर एक हिस्सा सर से लेकर पांव की उंगलियां तक में आनंद ही आनंद छुपा होता है और इस बात को संजू अच्छी तरह से जानता था और इस समय वह भी यही कर रहा था वह जानता था कि उसकी मां की चूत की स्थिति पाल-पाल खराब होती जा रही है क्योंकि वह तिरछी नजर से अपनी मां की दोनों टांगों के बीच की पतली दरार को देख ले रहा था जो की उत्तेजना के मारे कचोरी की तरह फुल चुकी थी और उसमें से मदन रस लगातार बह रहा था,,,,
कुछ देर तक यह सिलसिला यूं ही चलता रहा,,, एक ही बिस्तर पर तीनों अपना आसन जमा चुके थे संजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच घुटनों के बाल आ चुका था और वह धीरे से अपनी दोनों हथेली को अपनी मां की दोनों जांघों पर रखकर उसे हल्के से फैलाया जिससे उसकी मां की गुलाबी चूत की गुलाबी फांके हल्की सी खुल गई जिसे देखकर संजू के होठों पर मादक मुस्कान तैरने लगी उसकी आंखों में वासना की चमक नजर आने लगी वह पूरी तरह से मदहोश हो गया और बिना देर किए तुरंत अपने होठों को,,, अपनी मां की खुली हुई चूत पर रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया पल भर में ही आराधना के बटन में उत्तेजना का संचार बड़ी तेजी से होने लगा और वह अपनी गोल-गोल गांड को गद्दे पर ही रगड़ने लगी,,,,, संजय तुरंत अपनी मां की चिकनी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी फोटो को नीचे से लेकर ऊपर की तरफ रगड़ना शुरू कर दिया उसके होठों का दबाव आराधना की चूत की गुलाबी पत्तियों पर इतनी जोर से हो रहा था कि आराधना से अपनी जवानी कि आग अपनी उत्तेजना संभल नहीं रही थी और भल भला कर उसकी चूत से पानी निकलना शुरू कर दिया आराधना संजू की हरकतों से झड़ चुकी थी,,,, संजू पीना अपना लंड अपनी मां की चूत में डालें उसका पानी निकल चुका था यही तो बात थी संजू में यही तो उसकी करामात थी औरतों के अंगों से खेलने का हुनर वह अच्छी तरह से जानता था औरत को सुख देना वह अच्छी तरह से जानता था वह जानता था कि कौन सी क्रिया से औरत को अत्यधिक आनंद की प्राप्ति होती है और वह सारे हुनर को आज बिस्तर पर अपनी मां पर आजमा रहा था,,,,
Sanju bharpur maja dete huye
आराधना की ऊपर नीचे हो रही चूचियों को सुषमा अपने हथेलियां में दबाकर जोर-जोर से उसका रस निकालने में लगी हुई थी वह भी पूरी तरह से पागल हो चुकी थी आराधना भी अपना हाथ ऊपर की तरफ ले जाकर अपनी बड़ी बहन की चूची को दोनों हाथों से पकड़ ली थी और उसे दबाने का सुख भोग रही थी,,,। आराधना अपने मन में यही सोच रही थी कि अच्छा ही हुआ कि वह अपनी बहन के सामने पूरी तरह से खुल गई वरना अपनी बहन की उपस्थिति में अगर कभी आनंद लेने का मन करता था तो वह हीचकीचाती थी लेकिन अब सब कुछ सही हो चुका था अब वह जब चाहे तब अपनी बहन की उपस्थिति में भी अपने बेटे के लंड का मजा ले सकती थी,,,,
संजू पूरी तरह से अपनी मां की जवानी पर छा चुका था संजू रह-रहकर अपनी मां की कमर को दोनों हाथों मैं पकड़ कर दा पहुंच लेता था तो कभी उसकी मोती मोती जांघों को अपनी हथेली में दबाकर उसे ज़ोर से मसल देता था ऐसा करने में भी उसे बेहद आनंद की प्राप्ति होती थी एक तरह से उत्तेजना की स्थिति में मर्द औरत के साथ क्रूर बन जाता है लेकिन इस कुरर्ता में भी औरतों को आनंद ही आनंद प्राप्त होता है और ऐसा आराधना के साथ भी हो रहा था,,,, लगातार उसके मुख से मादक शिसकारी गुंज रही थी,, क्योंकि इस समय सबसे ज्यादा सुख भोग रही थी वह आराधना थी क्योंकि उसके बदन का हर एक अंग उसकी बड़ी बहन और उसके बेटे के हाथों में थी और संजू के होंठ तो उसकी गुलाबी चूत में भिड़े हुए थे,,,, लगातार आराधना की चूत से मदन ट्रस्ट पक रहा था जिसे संजू अपनी जीभ लगाकर चाट जा रहा था अपनी मां की चूत से निकले मादक रस की एक बूंद को भी वहां जाया होने नहीं दे रहा था वह हर एक बूंद को अपने गले के नीचे घटक ले रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे आराधना की चूत से अमृत की धार फूट रही हो जिसे पीकर चाटकर संजु को और ज्यादा ताकत मिल रही थी,,,, अपनी छोटी बहन की चूचियों से खेल रही साधना को भी यह सुख भोगने था वह भी चाहती थी कि संजू उसकी चूत को चाटे उसके चूत से खेले इसलिए उससे रहा नहीं गया और वह बोली,,,।
अरे हरामि सारा मजा अपनी मां को ही देगा कि मुझे भी मजा लेने देगा,,,,,,
(अपनी बड़ी बहन की है बात सुनकर आराधना को इस बात का एहसास हुआ कि वह काफी देर से अपने बेटे से मजा ले रही है और उसकी बड़ी बहन केवल उसकी चूची से खेल कर अपनी जवानी की गर्मी को और ज्यादा गर्म कर रही है लेकिन इस समय उसे अपने बेटे से बहुत मजा मिल रहा था इसलिए उसे अपनी बहन की है बात कुछ अच्छी नहीं लगी लेकिन मैं कुछ बोल नहीं पा रही थी वह अपने लाल-लाल होठों को खोल गर्म गर्म सांसे अंदर बाहर कर रही थी लेकिन संजू को अपनी मौसी की दरकार थी इसीलिए वह अपने हाथ से इशारे से उसे कुछ देर रुकने के लिए बोला और अपनी मां की चूत में पूरी की पूरी जीभ डालकर उसकी चूत की मलाई को चाटने की कोशिश करने लगा,,,, अपनी मां की चूत चाटने में संजू इतना ज्यादा मशगूल हो जाता था कि वह अपनी नाक तक को भी उसमें डालने की कोशिश करता था जिससे आराधना के मदन रस उसकी नाक डूब जाती थी,,,,।
Apni ma or mausi dono ko mast karta hua Sanju
संजू एक साथ दोनों की चूत का मजा लेना चाहता था इसलिए उसके दिमाग में एक युक्ति आई और वह तुरंत अपनी मां की चूत पर से अपनी होठों को हटाकर गहरी गहरी सांस लेते हुए अपनी मौसी से बोला ,,)
अब तुम लेट जाओ मौसी,,,,,, (संजू अपने खड़े लंड को हाथ में लेकर उसे हिलाते हुए बोला,,, संजू की इस हरकत की वजह से आराधना की चूत में पूरी तरह से पानी भर जाता था इस समय उसका उठने का मन बिल्कुल भी नहीं था लेकिन वह अपनी बड़ी बहन को नाराज भी नहीं करना चाहती थी इसलिए धीरे से अपनी जगह से उठकर बैठ गई और साधना जो कि अपने नंबर का इंतजार कर रही थी वह अपनी छोटी बहन की जगह पर पीठ के बल लेट गई उसकी आंखों में अपनी पारी आने की खुशी साफ नजर आ रही थी उसके होठों पर मादक मुस्कान के साथ-साथ आनंद प्राप्त करने की हठ भी नजर आ रही थी,,,, साधना बिस्तर के बीचो-बीच अपनी भारी भरकम गांड रखकर लेट चुकी थी,,, और संजू अपनी मां की तरफ देखते हुए बोला,,,)
तुम भी आओ मेरी रानी तुम क्यों दूर बैठी हो,,,,
(अपने लिए रानी शब्द का प्रयोग सुनते ही आराधना की चूत उत्तेजना के मारे फूलने पिचकने लगी लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसे क्या करना है इसलिए वह कुछ देर तक आश्चर्य से अपने बेटे की तरह देखती हुई बैठी रही तो संजू खुद ही उसकी शंका को दूर करते हुए बोला,,,)
तुम गांड को मेरी तरफ करके घोड़ी बन जा मैं एक साथ दोनों को मज़ा देना चाहता हूं दोनों की चूत चाटना चाहता हूं,,,,।
(संजू की बात सुनकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी,, वह समझ गई थी कि उसका बेटा क्या करने वाला है ,,, वह तुरंत पोजीशन में आने लगी वह अपनी बेटी की बात मानते हुए अपने घुटनों को मोड़कर अपनी बहन के कमर के इर्द-गिर्द रखकर वह झुक कर घोड़ी बन गई ऐसी अवस्था में उसके गोलाकार नितंब हवा में तोप की तरह लहराने लगे,,,, संजू को अपनी मां की यह अवस्था बेहद लुभावनी लग रही थी,,,,,, वह कुछ देर तक उत्तेजना के मारे अपने खड़े लंड को हाथ में लेकर कस के दबाते हुए अपनी मां की गोल गोल गांड को ही देख रहा था और अपने मन में यही सोच रहा था कि दुनिया की चाहे कितनी भी खूबसूरत से खूबसूरत औरत उसे बिस्तर पर मिल जाए लेकिन उसकी मां जैसी खूबसूरत औरत उसे जिंदगी में नहीं मिलने वाली,,, और यही बात अपने मन में सोच कर वह दोनों हाथों से अपनी मां की गोल-गोल गांड को थाम लिया और हल्के से अपनी मां की गांड पर प्यार से चुम्मा ले लिया,,,, यह सब आराधना पीछे नजर घुमा कर देख रही थी और अपने बेटे की क्रियाकलाप का आनंद ले रही थी उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि उसकी खूबसूरती उसकी मदमस्त कर देने वाली गांड को देखकर उसका बेटा कितना दीवाना हुआ जा रहा है और इस बात से उसके गर्व भी था,,,, उत्तेजना के मारे आराधना करमा जा रही थी वह अपनी गोल-गोल कांड को दाएं-बाएं हिला रही थी और ऐसा करके वह अपने बेटे को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी और अपनी चूत पर उसके होठों का स्पर्श महसूस करने के लिए तड़प रही थी,,,, संजू अपनी मां और अपनी मौसी दोनों की तड़प को अच्छी तरह से समझ रहा था इसलिए वह सबसे पहले अपनी मां की चूत पर अपने होंठ रखकर उसके टपक रहे रस को अपने जीभ से अंदर लेते हुए गले के नीचे गटक लिया मानो कि किसी अहम कार्य की शुरुआत करने से पहले आशीर्वाद ले रहा हो,,,,,।
Apni ma ki badi gaand se mast hota hua Sanju
नीचे लेटी हुई साधना तड़प रही थी अपनी चूत पर संजू के होठों का स्पर्श पाने के लिए इसलिए वह भी अपने घुटनों को मोड़कर अपने घुटनों को हिला रही थी एक तरह से वह संजू का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश कर रही थी और संजू भी अच्छी तरह से जानता था अपनी मौसी की हालत को इसलिए अपने दोनों हाथों को अपनी मौसी की मोटी मोटी जांघ पर रखकर अपने होठों को अपनी मौसी की चूत पर रख दिया और उसका रस चाटना शुरू कर दिया उसकी मौसी की पूरी तरह से चुदवाती हो चुकी थी वह एक का एक अपने भतीजे के होठों को अपनी चूत पर महसूस करते ही वह अपनी उत्तेजना को बर्दाश्त नहीं कर पाई और अपने आप ही उसकी गांड हवा में उपर उठ गई,,,, जिसे संजु अपने हाथों से पकड़ कर नियंत्रण में करते हुए उसे वापस बिस्तर पर दबा दिया और पागलों की तरह अपनी मौसी की चूत को चाटना शुरू कर दिया,,,, संजू को ऊपर नीचे दोनों तरफ से मजा मिल रहा था वह बड़ी-बड़ी से अपनी मां और अपनी मौसी दोनों की चूत का आनंद ले रहा था जब संजू अपनी मौसी की चूत चाटता तो आराधना मस्ती से पागल होकर अपनी भारी भरकम गांड को अपने बेटे के सर पर रख देती जिसे सर पर भारी भरकम गांड का दबाव करते हैं संजू के होंठ नाक सहित साधना की चूत में डूबने लगते थे और ऐसा करने पर साधना को बेहद आनंद की प्राप्ति होती थी,,,,, संजू बराबर बारी-बारी से अपनी मां और मौसी दोनों को मजा दे रहा था,,,,।
जब संजू घोड़ी बनाकर अपनी मां की चूत चाट रहा था तब उसका ध्यान बार-बार अपनी मां की गांड के छोटे से छेद पर जा रहा था जिसे देखकर ना जाने की उसके तन बदन में आंख से लग जाती थी और उसकी उत्तेजना पल भर में ही बढ़ जाती थी उसके लंड की अकड़न भी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगती थी इसलिए संजू का आकर्षण अपनी मां की गांड के छोटे से छेद पर कुछ ज्यादा ही बढ़ता जा रहा था और वह बार-बार उसे उंगली से छेड़ दे रहा था और जब जब वह उंगली से अपनी मां की गांड के छेद को छेड़ता तब तक आराधना एकदम से उचक जाती थी उसके बदन में मानो जैसे करंट लग गया हो,,,, संजू कई औरतों के साथ हम बिस्तर हुआ था लेकिन आज तक उसने किसी औरत की गांड नहीं मारा था,,, इसलिए ना जाने क्यों आज उसका मन कुछ बदला बदला सा लग रहा था उसका आकर्षण बार-बार अपनी मां की गांड के छोटे से छेद की तरफ बढ़ता ही जा रहा था,,,, एक बार उसने अपनी मौसी के साथ गांड से छेड़छाड़ की कोशिश भी किया था लेकिन इसकी मौसी ने उसे मना कर दी थी,,,,, लेकिन आज उसका मन कुछ ज्यादा ही मचल रहा था इसलिए वह देखते ही देखते हैं इतने होठों को अपनी मां की गांड के छोटे से छेद पर रख दिया और उस छेद को जब से चाटना शुरू कर दिया,,,, आराधना के लिए यह बेहद अद्भुत था जिसकी उसे उम्मीद भी नहीं थी अपने बेटे के हॉट और जीभ का स्पर्श अपनी गांड के छोटे से छेद पर महसूस करते ही वह एकदम से पागल हो गई एकदम से गनगना गई और उसकी चूत से एक बार फिर से लावा फूट पड़ा वह तुरंत पलट कर अपने बेटे की तरफ देखने लगी,,,, और आराधना को केवल उसके बेटी का सर दिख रहा था जो उसकी गांड के बीचोंबीच जमा हुआ था,,,, आराधना से अपनी उत्तेजना बर्दाश्त नहीं हो रही थी संजू लगातार अपनी मां के उसे छोटे से छेद को चाट रहा था वह पागल हुए जा रही थी उत्तेजना का संचार उसके बाद में बड़ी तेजी से बढ़ रहा था और ऐसे में वह तुरंत अपनी बड़ी बहन की दोनों चूचियों को पकड़कर दबाना शुरू कर दी,,,, और यही क्रिया साधना भी आराधना की चूचियों के साथ करने लगी दोनों बहने आपस में पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी ,,साधना को तो इस बात का एहसास भी नहीं था कि संजू अपनी मां की गांड चाट रहा है,,,।
Aradhna or sadhna
संजू अपनी मां की गांड से उठ रही मटक खुशबू में पूरी तरह से खो चुका था मदहोश हो चुका था वह पागलों की तरह,,,, अपनी मां की गांड को चाट रहा था तब तक सब कुछ ठीक था जब तक संजू अपनी मां की गांड के छोटे से छेद को अपनी जीभ से कुरेद कुरेद कर चाट रहा था,,, लेकिन जैसे ही संजू की मस्ती बढ़ने लगी और संजू अपनी उंगली को अपनी मां की गांड के छोटे से छेद में प्रवेश कराने के लिए अपनी उंगली को अपनी मां की गांड के छोटे से छेद से सत्या तब तक तो सब कुछ ठीक था आराधना को भी बहुत मजा आ रहा था यह पहली बार था जब उसका बेटा उसकी गांड को चाट रहा था और यह एहसास उसके तन बदन में उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रहा था एक कसमसाहट उसके बदन में बढ़ने लगी थी,,,, लेकिन जैसे ही उसे महसूस हुआ की संजू कुछ अलग करने जा रहा है वह एकदम से चौंक गई,,,, उसे साफ महसूस होने लगा था कि उसका बेटा अपनी उंगली को उसकी गांड के छेद में डालने की कोशिश कर रहा है और वह तुरंत उचक कर अपने बेटे की तरफ देखने लगी,,,।
यह क्या कर रहा है संजू,,,,?
कुछ नहीं मम्मी बस अपने दोनों के आनंद को बढ़ा रहा हूं,,,(ऐसा कहते हुए वह अपनी उंगली को प्रवेश करने की कोशिश करने लगा लेकिन गांड का छोटा सा छेद आराधना ने सिकोड़ ली थी,,, इसलिए संजू को अपनी मां की गांड में उंगली डालने में दिक्कत पेश होने लगी तो वह बोला,,,)
यह क्या कर रही हो मम्मी,,,
नहीं संजू ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,,,
(उन दोनों की बातें सुनकर साधना बीच में बोल पड़ी)
अरे क्या मत करना क्या करने से रोक रही है तू,,,
Apne bete ko mast karti huyi a4Sdha
अरे देखो ना दीदी संजू मेरी गांड में उंगली डाल रहा है,,,
हाय दइया यही हरकत संजू ने मेरे साथ भी किया था लेकिन मैंने उसे उंगली डालने नहीं दी थी,,, वह तो लंड डालने पर उतारू था,,,,
क्या कह रही हो दीदी,,,(अपनी बहन की तरफ देखते हुए फिर एक पीछे मुड़कर संजू की तरफ देखकर बोली) यह क्या पागलपन है संजू ऐसा कोई करता है क्या,,,?
तुम दोनों औरतें शहर में रहने के बावजूद भी एकदम पागल हो,,, ऐसा सब लोग करते हैं और इसमें बहुत मजा आता है मर्द को भी और औरत को भी और यही मजा में तुम दोनों को देना चाहता हूं,,,,
तुझे कैसे मालूम कि सब लोग करते हैं,,,,(आराधना इस तरह से घोड़ी बनी अपने बेटे की तरफ देखकर बोली)
मेरा दोस्त मुझे बता रहा था और तुम दोनों तो इंकार कर रही हो लेकिन मेरे दोस्त का संबंध उसकी चाची के साथ ही है जो कि तुम दोनों की ही उम्र की है और उसकी चाची ने उसे खुद ऐसा करने के लिए कही थी,,,(संजू अपना उल्लू सीधा करने के लिए बनावटी बात बनाकर बोला)
क्या कह रहा है संजू खुद उसकी चाची ने ऐसा कही थी,,,(साधना एकदम हैरान होते हुए बोली क्योंकि वह इस बात को अच्छी तरह से जानती थी की औरतों की गांड का छेद चूत की तरह नहीं होता वह एकदम छोटा होता है और मर्द का लंड मोटा और लंबा होता है इस हालत में गांड के छेद में लंड प्रवेश कर पाना बहुत मुश्किल होता है अगर किसी भी तरह से प्रवेश कर भी दिया जाए तो बहुत ज्यादा दर्द भी होगा,,)
Apni ma ki chaddhi utarta huwa sanju
हां मौसी मेरा दोस्त मुझे सब कुछ बताता है,,,,, और सच कहूं तो उसी ने बताया था कि उसे इतना मजा आता है कि पूछो मत और उसकी चाची भी इतना मजा लूटती है कि पागल हो जाती है उसकी बात सुनकर ही मुझे ऐसा लग रहा है कि हम तीनों को भी एक बार आजमाना चाहिए और वैसे भी मजा ही आता होगा तभी तो वह बता रहा था तभी तो उसकी चाची पागल हुई जा रही थी गांड मरवाने के लिए,,,,
लेकिन दीदी,,,(चेहरे पर थोड़ा सा चिंता के भाव लिए हुए अपनी बहन की तरफ देखते हुए हालांकि अभी भी वह घोड़ी बनी हुई थी और उसकी मदमस्त गांड उसके बेटे के हाथों में ही थी) गांड का छेद तो छोटा होता है और अपनी संजू का लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा है,,,,
हां यह बात तो है आराधना,,,,(साधना भी थोड़ा सोच कर बोली और उसकी बात सुनते ही संजू बोल पड़ा)
कोई बात नहीं मौसी मैं बड़े आराम से करूंगा और पहले तो तुम दोनों की गांड के छेद में अपने लैंड के लिए जगह बना लूंगा उसके बाद ही लंड को डालूंगा मैं जानता हूं शुरुआत में थोड़ा दर्द होगा लेकिन मजा भी बहुत आएगा मुझे पूरा विश्वास है क्योंकि मेरा दोस्त कभी झूठ नहीं बोलता और वैसे भी चिंता करने की कोई बात नहीं है सरसों का तेल लगाकर करेंगे तो आराम से चल जाएगा,,,,,,(संजू किसी भी तरह से अपनी मां और मौसी दोनों को मना लेना चाहता था आज की रात वह अपनी मां और अपनी मौसी दोनों की गांड मारना चाहता था इसलिए दोनों को मक्खन लगा रहा था और दोनों संजू की बात में आ भी चुकी थी लेकिन फिर शंका जताते हुए आराधना बोली,,)
Aradhna or sanju
लेकिन संजू बेटा यह बात तो भी अच्छी तरह से जानता है कि तेरा लंड कुछ ज्यादा ही मोटा और लंबा है और तेरे दोस्त की चाची तो पहले से ही गांड मरवाती आ रही होगी इसलिए कोई दिक्कत नहीं होती और हम दोनों का तो पहली बार हैं,,,,,
क्या मम्मी तुम भी खामखा घबराती हो हर इंसान कोई ना कोई काम पहली बार ही करता है,,,, याद है पहले भी तुम मेरे लंड को देखकर घबरा गई थी कि तुम इसे अपनी चूत में ले पाओगे कि नहीं लेकिन आराम से ले लेना और इसी तरह से तुम अपनी गांड में भी ले लोगी तुम दोनों को इतना मजा आएगा कि पूछो मत तुम दोनों को मेरे लिए इतना तो करना ही पड़ेगा,,,,,।
०(संजू की बात सुनकर दोनों बहने सोचने पर मजबूर हो गई थी,,,, संजू के लैंड को लेकर उन दोनों के मन में थोड़ा डर तो था ही गांड मरवाने के लिए क्योंकि वह दोनों बहने अच्छी तरह से जानते थे कि उन दोनों की गांड का छेद संजू के लंड के सुपाडे से कुछ ज्यादा ही छोटा है,,,, लेकिन उन दोनों बहने के मन में भी उत्सुकता जगने लगी थी गांड मरवाने के लिए,,, क्योंकि जिस तरह से संजू ने अपनी जीत की करामात उसकी गांड के छोटे से छेद पर दिखाया था उससे वह पूरी तरह से मचल उठी थी व्याकुल हो चुकी थी,, अब उसका भी मन कर रहा था संजू के लंड को अपनी गांड में लेने के लिए ,,,,। दोनों मां ही मन में राजी हो चुकी थी लेकिन फिर भी एक दूसरे को प्रश्नार्थ भरी नजरों से देख रही थी और कुछ देर बाद साधना बोली,,,)
Apni ma ki gaand k chend ka mwayana karta sanju
देख संजू तेरी बात मान कर हम दोनों तैयार है,,,,,, लेकिन किसी भी तरह से हम दोनों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए,,,
तुम दोनों बिल्कुल भी चिंता मत करो आज तक मैं तुम दोनों को कोई तकलीफ दिया है बल्कि मजा ही मजा दिया हूं और इसमें भी तुम्हें बहुत मजा दूंगा मेरा यकीन करो,,,,
लेकिन संजू मुझे बहुत डर लग रहा है,,,,(आराधना थोड़ा घबराहट भरे स्वर में बोली,,,)
मुझ पर भरोसा रखो,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू एक बार फिर से अपने प्यासे होंठों को अपनी मां की गांड के छोटे से छेद पर रख दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया पल भर में ही आराधना पूरी तरह से मस्त होने लगी,,,,,,,, और इस दृश्य को साधना अपनी आंखों से देख रही थी इस गरमा गरम दृश्य को देखकर इस मदहोश कर देने वाले नजारे को देखकर उसकी चूत पूरी तरह से कचोरी की तरह फूल गई और उसे भी उत्सुकता होने लगी अपनी गांड चटवाने की,,, इसलिए वह बोली,,,)
Apne liye jagah banata huwa sanju
अरे मेरे राजा थोड़ा इस पर भी कृपा कर दे,,,(हाथ के इशारे से अपनी गांड दिखाते हुए)
क्यों नहीं मौसी तुम दोनों को बराबर मजा दूंगा दोनों एकदम मस्त हो जाओगी,,,,
(और अपनी मौसी की बात मानते हुए संजू अपनी मां की गांड के छेद से अपने होठों को हटाकर अपनी मौसी की गांड के छेद पर रख दिया और से चाटना शुरू कर दिया साधना पूरी तरह से मदहोश होने लगी वह इस आनंद में होने लगी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि इस खेल में इतना मजा आता है वह पागलों की तरह उत्तेजित अवस्था में अपनी छोटी बहन की चूची को जोर-जोर से दबाते हुए गरम आहे भर रही थी,,,,।,,, संजू की तो जैसे लॉटरी लग गई थी पहली बार में ही उसे दो औरतों की गांड मारने को मिल रही थी लेकिन राह बड़ी कठिन थी इस बात को संजू अच्छी तरह से जानता था उसे जल्दबाजी बिल्कुल भी नहीं दिखाना था वह जानता था कि इस कठिन राह पर फुंक फुंक कर कदम आगे रखना है,,, क्योंकि जरा सी गलती सारे मजा को किरकिरा कर सकती थी,,,,, इसलिए संजू कुछ देर तक बारी-बारी से दोनों औरतों की गांड को चाटता रहा दोनों पूरी तरह से पागल हो चुकी थी,,, संजू को अपनी मां की हरकत बेहद उत्तेजित कर देने वाली लगती थी क्योंकि जब भी वह अपनी मां की गांड के छेद पर अपने होठ रखता था उसकी मां अपनी भारी भरकम गोल-गोल गांड को उसके चेहरे पर घूमाना शुरू कर देती थी,,, मानो की अपनी गांड को उसके चेहरे पर रगड़ रही हो,,,।
संजू अपनी मां की स्थिति को देखकर और अपनी मौसी की हालत को देखकर समझ गया था कि लोहा धीरे-धीरे गर्म हो चुका है इसलिए वह अब अपने लिए रास्ता बनाना चाहता था इसलिए वह अपनी एक उंगली को अपने मुंह में डालकर गिला करके अपनी मां की गांड के छोटे से छेद में डालना शुरू किया जैसे ही संजू ने अपनी उंगली को अपनी मां की गांड के छेद में प्रवेश करना शुरू किया वैसे ही आराधना कसमसाने लगी,,,, लेकिन अपने बेटे को रोकने की कोशिश बिल्कुल भी नहीं की क्योंकि वह भी जानती थी कि उसे भी मजा आ रहा है और वह अपने बेटे की हरकत को महसूस करते हुए मजा लूट रही थी देखते ही देखते संजू अपनी एक उंगली को अपनी मां की गांड के अंदर प्रवेश कर दिया संजू को इतने से ही पता चल गया था कि उसकी मां की गांड का छेद एकदम कसा हुआ है जिसमें वाकई में मोटा लंड घुसा पाना मुश्किल है लेकिन फिर भी वह हार मानने वाला नहीं था देखते हो अपनी एक उंगली को अपनी मां की गांड के छेद में अंदर बाहर करना शुरू कर दिया उसकी मां को चुदाई का अद्भुत आनंद प्राप्त हो रहा था पहली बार आराधना अपनी गांड में किसी की उंगली को अंदर बाहर होता हुआ देख रही थी और इस बारे में उसने कभी जिंदगी में नहीं सोची थी कि कोई उसकी गांड से इस कदर खेलेगा कि उसकी गांड मारने पर उतारु हो जाएगा,,,,।
Sanju or uski mausi
अब कैसा लग रहा है मम्मी,,,,(अपनी एक उंगली को अपनी मां की गांड के छेद में अंदर बाहर करते हुए संजू बोला)
ससहहहह आहहहहहहह बहुत मजा आ रहा है रे मैं कभी सोची नहीं थी कि ईस खेल में इतना मजा आएगा,,,,
मैं बोला था ना मम्मी इस खेल में बहुत मजा आएगा बस मुझ पर भरोसा रखो,,,,(और इतना कहते हुए संजू लगातार अपनी उंगली को अपनी मां की गांड के छेद में अंदर बाहर करता रहा और अपने मन में सोचता रहा कि अभी तो मजा आ रहा है अभी तो असली खेल बाकी है,,,,, संजू कुछ देर तक अपनी मां की गांड के छेद में अपनी एक उंगली ही गोल-गोल घूमाता हुआ अंदर बाहर करते रहा,,, वह अपनी उंगली के सहारे से अपने मोटे लंबे लंड के लिए जगह बना रहा था और जिसमें कुछ हद तक कामयाबी हो चुका था वह जानता था कि उसकी मौसी भी तड़प रही होगी इसलिए वह अपनी मां की गांड के छेद में से अपनी उंगली को बाहर निकाल कर उसे अपनी मौसी की गांड के छेद में डालना शुरू कर दिया और देखते ही देखे अपनी मौसी की गांड के छेद में भी वह अपनी उंगली को प्रवेश कर दिया था उसकी मौसी पूरी तरह से हैरान हो गई थी,,,, वह भी इस बात से अनजान थी कि ईस खेल में इतना मजा आता होगा,,,।
Ek sath dono ko maja deta hua Sanju
संजू धीरे-धीरे अपनी मौसी की गांड में भी उंगली को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,, साधना को बहुत मचा रहा था और आराधना क्योंकि साधना के ऊपर थी वह अपनी गांड को कौन-कौन घूमा रही थी संजू को अपनी मां की गांड की शर्त अच्छी नहीं जा रही थी और वहां अपनी उंगली को अपनी मौसी की गांड के अंदर बाहर करते हुए अपने होठों को फिर से अपनी मां की गांड के छेद पर लगा दिया और उसे चाटना शुरू कर दिया वह एक साथ दोनों से मजा भी ले रहा था और दोनों को मजा भी दे रहा था,,,, एक साथ जवानी से भरी हुई दो-दो औरतों को इस तरह से मजा देना संतुष्ट करना सबकी बस की बात नहीं होती,,,, लेकिन संजू सबसे अलग था मर्दाना जोश और ताकत से भरा हुआ एक जवान मर्द था जो एक साथ हो तो औरतों को अच्छी तरह से संभालता जानता था और पहले भी वह ऐसे नामुमकिन कार्य को मुमकिन बनता चला रहा था इसलिए तो इस समय भी एक ही कमरे में दो-दो औरतों की जवानी से खेल रहा था,,,।
कमरे में पूरी तरह से गर्म सिसकारियां गुंज रही थी,,, दोनों बहने आनंद के सागर में गोते लगा रही थी और संजू उन दोनों को वासना के समंदर के बीचों बीच लिए चला जा रहा था,,,,,,,, कुछ देर तक संजू इसी तरह से मजा देने के बाद अपने होठों को अपनी मां की गांड के छेद से बाहर निकाल लिया और दूसरे हाथ की उंगली को अपनी मां की गांड में डालकर एक साथ दोनों औरतों की गांड मारना शुरू कर दिया दोनों की गांड में अपनी उंगली डालकर वह अंदर बाहर करते हुए बोला,,,।
कैसा लग रहा है मेरी रंडीयो,,,,, मजा आ रहा है ना,,,
ससहहहह बहुत मजा आ रहा है रे,,,(गरम आहे भरते हुए साधना बोली,,,)
मैं कभी सोचा भी नहीं थी कि इस खेल में इतना मजा आता होगा,,,,(आराधना भी अपनी बहन के सुर में सुर मिलाते हुए बोली,,,)
मैं कहता था ना इसमें भी बहुत मजा आएगा अब देखना मैं तुम दोनों छिनार की कैसी गांड मारता हूं,,,
Sanju or aradhna
अरे मादरचोद बोलने से काम नहीं चलता करके दिखाना पड़ता है मैं भी तो देखूं कितना दम है तेरे लंड में,,,(आराधना एकदम जोश में आते हुए उत्तेजित स्वर में बोली)
अरे मेरी बुरचोदी,,, आज तो तेरी में ऐसी गांड मारूंगा कि लंगड़ा कर चलेगी,,,,
मैं भी तैयार हूं देखना चाहती हूं तेरा दम,,,,
रंडी भोसड़ा चोदी मुझे चुनौती देती है देखना अभी कैसा चिल्लाएगी बिस्तर पर,,,,,।
(संजू पागलों की तरह अपनी दोनों हाथों की उंगलियों को अपनी मां और मौसी दोनों की गांड के छेद में अंदर बहार बड़ी तेजी से कर रहा था,,,, लेकिन अपनी मां की बातों को सुनकर वह समझ गया था कि लोहा पूरी तरह से गर्म हो चुका है बस हथौड़ा मारने की देरी है लेकिन कुछ देर तक वह अपने हथौड़े को तैयार करना चाहता था अपने हथौड़े के लिए जगह बनाना चाहता था ताकि चौचक लोहे पर जाकर वर करें और जैसा वह चाहता है वैसा ही आकार ले,,, इसलिए उसने तुरंत अपनी मौसी की गांड के छेद में से अपनी उंगली को बाहर निकाल कर अपनी मां की गांड में दूसरी उंगली भी प्रवेश करना शुरू कर दिया वह एक साथ अपनी मां की गांड में दूसरी उंगली डाल रहा था क्योंकि धीरे-धीरे एक उंगली बहुत अच्छे से अंदर बाहर हो रही थी और देखते ही देखते संजू अपनी दूसरी उंगली को भी अपनी मां की गांड में प्रवेश करने में सफल हो गया पहले तो दूसरी उंगली को अपनी गांड के छेद पर महसूस करते ही आराधना शक पकने लगी थी यह देखकर संजू उसका जोश बढ़ाते हुए बोला,,,।
क्या हुआ छिनार बस हो गया डर गई इतने से ही,,,, साली रंडी तेरी गांड में इतना दम ही नहीं है कि मेरे लंड को अंदर ले सके,,,,।
अरे मादरचोद भोसड़ी वाले पहले देख तो सही तो किस बात कर रहा है तू इसी चूत से बाहर निकाला है और तू कहता है कि मैं इसे अपनी गांड में नहीं ले पाऊंगी मैं भी देखते हो कि तेरे में कितना दम है मादरचोद दिखा अपना दम,,,,।(संजू का काम बन गया था संजू अपनी मां को जानबूझकर चढ़ा रहा था और उसकी मां पूरी तरह से जोश में आ चुकी थी,,, और जवानी के जोश में भरी हुई औरत कुछ भी करने को तैयार हो जाती है,,,,, संजू अपनी मां की गांड में लंड डालने के लिए पूरी तरह से तैयार था इसलिए वह अपनी मां की गांड में से अपनी दोनों उंगलियों को बाहर निकलते हुए अपनी मौसी से बोला,,,)
तू मादरचोद रंडी क्या गांड उठाए लेटी पड़ी है,,, चल जल्दी से मेरे लंड को भर कस ताकि मैं आज तेरी बहन की गांड मार सकु,,,,
(संजू की गंदी से गंदी गलियों को सुनकर दोनों बहने और ज्यादा उत्तेजित में जा रही थी आज पहली मर्तबा था कि संजू उन दोनों को खुलकर गाली दे रहा था ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह अपनी मां और मौसी की चुदाई कर रहा है पर कैसा लग रहा था कि बाजार से कोई रंडी खरीद कर अपने घर पर लाया है,,,, संजू की बात सुनते ही साधना धीरे से उठकर खड़ी हो गई और बिस्तर के किनारे जाकर बैठ गई और संजू की तरह मुस्कुराते हुए बोली,,,)
क्यों रे भोसड़ी वाले आज तेरा लंड कुछ ज्यादा ही उबाल मार रहा है,,,
भोसड़ा चोदी तुम दोनों बहनों को नंगी देखकर दोनों की बड़ी-बड़ी गांड देखकर भला कौन सा मर्द है होगा जिसका लंड जोश नहीं मारेगा,,, रंडी तुम दोनों की गांड देखकर ही लंड खड़ा हो जाता है,,,,,, अब बिल्कुल भी देर मत कर,,,(अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे हिलाते हुए अपनी मौसी के मुंह के सामने लाते हुए) जल्दी से मुंह में लेकर कस ताकि तुम दोनों बहनों की अच्छी से गांड चुदाई कर सकूं,,,
(इतना सुनते ही साधना बिल्कुल भी देर ना करते हुए संजू के लंड को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,, संजू एकदम मस्त हुआ जा रहा था,,, वह अपनी आंखों को बंद करके अपनी मौसी के मुंह में ही कमर हिलाना शुरू कर दिया ना उसकी मौसी भी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,,)
सहहहह आहहहहह ,(अपने दांत को उत्तेजना से पीसते हुए) बहुत गर्म रंडी है रे तू कितना मस्त चुस्ती है,,,आहहहह बहुत मजा आ रहा है आज देखना तेरी बहन की गांड फाड़ दूंगा,,,,,(यह सुनकर आराधना जो कि अभी तक घोड़ी बनी हुई थी अपनी स्थिति को जैसे ही बदलना चाहिए वैसे ही संजू हाथ बढ़ाकर अपनी मां की गांड पर रख दिया और बोला)
तू कहां जा रही है भोसड़ा चोद तू ऐसे ही घोड़ी बन कर रहे हैं अभी तेरी गांड मारता हूं,,,,।
(अपनी बेटी की बात सुनते ही वह फिर से इस अवस्था में स्थिर हो गई और संजू कुछ देर तक अपनी मौसी के मुंह में अंदर बाहर करता हुआ अपने लंड को बाहर निकाला और फिर धीरे से कोने में पड़ी अलमारी की तरफ गया वह जानता था उसमें सरसों के तेल की बोतल पड़ी हुई थी वह तुरंत सरसों के तेल की शीशी बाहर निकाला और अपनी मां के पास पहुंच गया और सरसों के तेल की सीसी में से वह सरसों के तेल को उसकी धार को अपनी मां की गांड के छोटे से छेद पर गिरना शुरू कर दिया और उसे उंगली से इधर-उधर लगना शुरू कर दिया ताकि उसका लंड आराम से उसकी मां की गांड में घुस सके और थोड़ी ही देर में वह अपने कार्य का संपन्न करके थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाकर अपने सुपाड़े को अपनी मां के छोटे से छेद पर रखकर उसे अंदर की तरफ डालना शुरू किया,,,, पहले प्रयास में ही संजू समझ गया कि यह कार्य बेहद खाती है सोच समझ कर आगे बढ़ना होगा,,, वह कोई ऐसी हरकत नहीं करना चाहता था जिसे उसकी मां को बहुत दर्द हो और फिर उसकी मां कभी उसे गांड मारने ना दे,,, इसलिए वह अपने लंड के सुपाड़ा को अपनी मां की गांड के छेद से हटाया और उस पर फिर से तेल चुपडना शुरू कर दिया,,, और वापस अपने मोटे सुपाड़े को अपनी मां की गांड के छोटे से छेद पर दिया,,, अपनी बेटे के लंड की सुपारी को पहली बार अपनी गांड के छेद पर महसूस करते ही वह एकदम से गनगना गई थी,,, लेकिन पहले प्रयास में ही समझ गई थी ईस खेल में बहुत मजा आने वाला है,,,।
आधी रात से ज्यादा का समय गुजर चुका था संजू अपनी मां और अपनी मौसी दोनों को गांड मरवाने के लिए तैयार कर चुका था लेकिन यह कार्य बेहद कठिन था क्योंकि इस कार्य को उन दोनों ने कभी पहले की भी नहीं थी और नहीं कभी प्रयास की थी और नहीं कभी इस बारे में सोची थी यह पहली मर्तबा था जब संजू अपनी मां और मौसी दोनों की गांड मारने जा रहा था और सर्वप्रथम वह सबसे पहले गांड मारने का चुनाव अपनी मां से ही किया था,,,, खिड़की से ठंडी हवा कमरे को ठंडा करने की भरपूर कोशिश कर रही थी लेकिन दोनों औरतों की कम जवानी से कमरा पूरी तरह से गर्मा जा रहा था,,,, इस समय गांव के सभी लोग अपने-अपने घरों में बिस्तर पर चैन की नींद सो रहे थे लेकिन तीनों की आंखों में नींद कोसों दूर थी और वैसे भी आज की रात तीनों के लिए बहुत ही खास थी आज की रात गांव में तीनों की आखिरी रात थी और आज की ही रात लल्ली की सुहागरात भी थी ,,,, इसलिए तीनों कुछ ज्यादा ही जोश में थे,,,।
संजू एक बार फिर से प्रयास करना शुरू कर दिया संजू जानता था यह कार्य उतना सरल नहीं है जितना कि वह समझता था लेकिन असंभव भी नहीं है इसलिए वह इस कार्य में एकदम डंटा हुआ था वह पूरी तरह से पसीने से तरबतर हो चुका था,,,, इस बार का प्रयास उसे सफल होता हुआ महसूस हो रहा था वह अपने लंड को हाथ में पकड़ कर अपने मोटे सुपाड़े को तेल की चिकनाहट के साथ अपनी मां की गांड में प्रवेश करना शुरू कर दिया था और इस बार उसका मोटा सुपड़ा तेल की चिकनाहट पकड़ गांड के छोटे से छेद में प्रवेश करना शुरू कर दिया था हालांकि संजू ने पहले से ही दो उंगली से अपनी मां की गांड में अपने लंड को घुसने के लिए जगह बना लिया था,,,, इसीलिए देखते ही देखते उसके लंड का आधा सुपाड़ा गांड के छेद में प्रवेश कर गया,,, पास में ही बैठी हुई साधना फटी आंखों से सब कुछ देख रही थी वह अपने मन में सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि संजू ने गांड मारने का चयन सबसे पहले अपनी मां से शुरूआत किया था क्योंकि वह सब कुछ अपनी आंखों से देखना चाहती थी हर एक क्रिया से अवगत हो जाना चाहती थी ताकि वह गांड मराने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाए,,,,, आज की रात दोनों की चूत सुनी रहने वाली थी लेकिन गांड का छेद खाली रहने वाला नहीं था,,,।
संजू ,,,, आहहहहह,,, संभाल के राजा,,,,
बस हो गया मेरी रानी इतना ही दम है तेरी गांड मे,,, अभी तो बहुत बोल रही थी की देखती हूं कि तेरे लंड में कितना दम है मेरे लंड में तो बहुत दम है लेकिन मुझे लगता है कि तेरी गांड में दम नहीं है तभी तु चिल्ला रही है,,,,
बस हो गया आराधना तू चिंता मत कर बड़े आराम से तेरा बेटा करेगा,,,,,।
(संजू की बात सुनकर एक बार फिर से उसकी मां पूरी तरह से जोश में आ गई थी इसलिए फिर से बोली)
मैं तुझे रुकने के लिए नहीं बोली,,, आज मैं भी तेरा दम देखना चाहती हूं अगर ऐसा ना होता मेरा मन ना होता तो मेरी गांड तेरे लंड के सामने ना होती,,, मैं भी देखना चाहती हूं कि तेरे लंड में कितना दम है,,,,।
(जवानी के जोश में आकर आराधना खाने को तो कह गई थी लेकिन उसका मन ही जानता था कि उसे पर क्या बीतने वाली है,,, लंड का आधा सुपाड़ा गांड के छेद में फस गया था,,, इतने से ही उसे दर्द हो रहा था वह जानती थी कि जब उसका मोटा लंड पूरी तरह से उसकी गांड के छेद में घुसेगा तब उसे कितना दर्द होगा,,, लेकिन इसका एहसास भी उसे अपने बदन में महसूस हो रहा था कि आधा सुपाड़ा घुसने पर उसे दर्द तो हो रही थी लेकिन पीड़ा के साथ-साथ उसे अजीब सा आनंद भी प्राप्त हो रहा था,,,,, संजू पूरी तरह से तैयार था अपनी मां को अपनी बातों में पूरी तरह से बरगला दिया था,,, एक बार फिर वह अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी कमर पर हाथ रखे हुए अपने लंड को आगे की तरफ ठेलना शुरू कर दिया,,,, लेकिन आराधना की गांड के छोटे से छेद में संजू का मोटा सुपाड़ा फंसा हुआ था,,, और संजू अपने आधे सुपाड़े को बाहर निकालना भी नहीं चाहता था,,,, साधना धड़कते दिल के साथ सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी,,,, संजू ढेर सारा थूक अपनी मां की गांड की छत पर गिराना शुरू कर दिया और थोड़ा अपने लंड के सुपाडे पर,,,, और फिर उसे अपनी उंगली के सहारे से एक बार फिर से चुपडना शुरू कर दिया,,,,
संजू का लंड और आराधना की गांड दोनों थूक की चिकनाहट प्रकार एक बार फिर से गिला हो चुके थे और इस बार संजू फिर से धक्का मारने का प्रयास किया और उसका प्रयास सफल होता हुआ महसूस हुआ धीरे-धीरे सकता हुआ संजू का मोटा तगड़ा सुपाड़ा गांड के छोटे से छेद में उसे गोलाकार चलने से प्रवेश करता हुआ अंदर की तरफ उतर गया,,,,, लेकिन जो कि बड़े डेरो से अपने दर्द पर काबु किए हुए थी आराधना से लेकिन अब रहा नहीं गया,,,, और उसके मुंह से निकला,,,
हाय दइया मर गई रे,,,,,,
(इतना सुनते ही संजू तुरंत उसकी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपनी हथेली में दबोच लिया और लगभग इशारा करते हुए बोला)
आवाज बिल्कुल भी मत करना अगर कोई जाग गया तो गजब हो जाएगा,,,, उन लोगों को समझते देर नहीं लगेगी कि इस बंद कमरे में मां बेटे की बीच क्या चल रहा है,,,,।
(संजू की बात सुनते ही आराधना एकदम से अपनी आवाज को गले में ही दबा कर सिसकने लगी लेकिन वह अपनी गांड को आगे की तरफ लेना शुरू कर दी ताकि संजू का लंड बाहर निकल जाए लेकिन संजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच कर रखा हुआ था और उसे समझाते हुए बोला,,,)
बस थोड़ी देर फिर इसके बाद मजा ही मजा है जैसे चूत में जाने पर पहली बार कितना दर्द होता है लेकिन फिर बाद में इतना मजा आता है कि तुम खुद लंड पर उछालना शुरू कर देती हो ऐसा ही इसमें भी होगा,,,
लेकिन मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है,,,,आहहहह बहुत दर्द कर रहा है ऐसा लग रहा है कि जैसे किसी ने गर्म सरिया अंदर डाल दिया हो,,,,(आराधना के चेहरे पर दर्द और पीड़ा की लकीर साफ नजर आ रही थी उसे देखकर साधना कुछ पल के लिए घबरा गई थी और वह उससे बोली)
क्या सच में बहुत दर्द कर रहा है आराधना,,,
डलवा कर देखो अपनी गांड में पता चल जाएगा,,,,
कुछ नहीं मौसी मम्मी कुछ ज्यादा ही दिखावा कर रही है इतना दर्द नहीं होता अभी देखना थोड़ी देर में कितना मजा आता है,,,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही संजू हल्के हल्के अपनी कमर को उतना ही आगे पीछे करने लगा जितना की सुपाडा घुसा हुआ था,,,, अभी तो शुरुआत थी अभी तो हाथी का मुंह गया था पूरा शरीर बाकी था लेकिन कहते ही ना कि जब एक बार मुंह घुस जाए तो बाकी का अंग घुसने में समय नहीं लगता ऐसा इधर भी होने वाला था लेकिन अभी आराधना की पीड़ा कम नहीं हुई थी क्योंकि लंड पूरी तरह से घुसा नहीं था,,,, संजू का प्रयास धीरे-धीरे रंग लाने लगा धीरे-धीरे करके संजू का लंड ईंच दर ईंच अंदर की तरफ घुसना शुरू किया,,,, जिसका एहसास आराधना को अच्छी तरह से हो रहा था,,,, संजू को इस बात का एहसास पहले नहीं था कि उसकी मां की गांड का छेद इतना कसा हुआ होगा लेकिन इतनी कसी हुई गांड में उसे मजा भी बहुत आ रहा था देखते ही देखते संजू अपने पूरे लंड को अपनी मां की गांड के अंदर घुसा दिया था,,,, यह देख कर साधना भी आश्चर्य चकित रह गई थी क्योंकि अपनी आंखों से देखने से पहले उसे भी इस बात से शंका थी कि क्या पूरा लंड गांड के छेद में घुस पाएगा कि नहीं,,,, लेकिन वह पूरी तरह से निश्चित हो चुकी थी वह समझ चुकी थी कि प्रयास किया जाए तो क्या कुछ नहीं हो सकता,,,, सब कुछ संभव है जिसे संजू अपने प्रयास से एकदम सफल बना रहा था संजू का लंड जैसे उसकी मां की गांड की गहराई में पूरी तरह से प्रवेश कर गई वैसे ही संजू के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और वह एकदम से खुश होता हुआ अपनी मां से बोला,,,)
आहहहहह मेरी रानी देखी मैंने कर दिखाया पूरा का पुरा लंड तुम्हारी गांड में घुसा हुआ है तुम्हें यकीन भी नहीं हो रहा होगा,,,,
(इसमें सच्चाई भी थी साधना तो अपनी आंखों से सब कुछ देख रही थी लेकिन आराधना को दिखाई नहीं दे रहा था पीछे क्या हो रहा है उसे सच में यकीन नहीं हो रहा था कि इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड उसकी गांड में पूरी तरह से प्रवेश कर गया है इसलिए वह आश्चर्यचकित होकर बोली)
क्या सच में पूरा घुस गया है,,,?
हां मेरी रंडी तेरी गांड एकदम मक्खन मलाई है बड़े आराम से बढ़िया आराम से मेरा लंड घुस गया है,,,,
क्यों दीदी यह सच कह रहा है,,,
यह मादरचोद बिल्कुल सच कह रहा है मुझे तो अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा है तुझे कैसा लग रहा है आराधना,,,
अब कुछ-कुछ अच्छा लग रहा है दीदी,,,,
मैं कह रहा था ना मेरी जान इतना मजा आएगा कि पूछो मत अब देखना मेरा कमाल अब मैं कैसी तेरी गांड मारता हूं,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया संजू पूरी तरह से अपनी मां की गांड के छेद पर विजय प्राप्त कर चुका था उसे खुद पर यकीन नहीं हो रहा था लेकिन सब कुछ उसकी आंखों के सामने था उसे ऐसा ही लग रहा था कि जिस तरह से उसकी मां की गांड का छोटा सा छेद कसा हुआ था उसका लंड उसमें प्रवेश कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है लेकिन वह अपने प्रयास से इस नामुमकिन कार्य को सफल बना दिया था,,,, देखते ही देखते संजू अपनी कमर हिलाता हुआ अपनी मां की गांड मारना शुरू कर दिया था,,,, यह सोचकर ही संजू को बेहद उन्माद सा नशा चढ़ रहा था कि वह आज अपनी मां की गांड मार रहा था पहले तो वह इस तरह की गली एक दूसरे को देते हुए सुना करता था कि मैं तेरी मां की गांड मार दूंगा या तेरी बहन की गांड मार लूंगा लेकिन आज उसे वाक्य को संजू खुद सार्थक किया था उसे बहुत मजा आ रहा था अपनी मां की कई हुई गांड में उसका मोटा लंड पड़े आराम से अंदर बाहर होना शुरू हो गया था,,,, जिस तरह की रगड़ आराधना को अपनी गांड के अंदर महसूस हो रही थी इस तरह की रगड़ तो उसे अपनी चूत में भी महसूस नहीं होती थी और उसे भी आनंद की प्राप्ति हो रही थी वह भी मजा ले रही थी देखते-देखते उसके मुंह से गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकलना शुरू हो गई थी,,, अपनी मां की गरम शिसकारी की आवाज सुनकर संजू बोला,,,)
बोला था ना भोसड़ा चोदी तुझे बहुत मजा आएगा,,,
हा रे मादरचोद तु सही कह रहा था बहुत मजा आ रहा है,,,आबहहह आहहहहब मैं तो इस बारे में कभी सोचती नहीं थी की गांड के छेद में भी लंड डाला जाता है और इतना मजा आता है सच में भगवान ने औरत का हर एक अंग मजा लेने के लिए ही बनाया है,,,,,
तू तो ऊपर से नीचे तक कयामत है मेरी रानी,,,(संजू जोर-जोर से अपनी कमर हिलता हुआ बोला उसका लंड बड़ी तेजी से अपनी मां की गांड के छेद में अंदर बाहर हो रहा था ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह पहली बार गांड मरवा रही है ऐसा लग रहा था कि वह यह कार्य को बहुत बार संपन्न कर चुकी है,,,लेकिन संजू इतनी जोर-जोर से धक्के मार रहा था कि वह बार-बार आगे की तरफ गिरने को हो जा रही थी लेकिन संजू उसके कंधे को पकड़ कर संभाले हुआ था,,,, पीछे से तो वह कई बार अपनी मां की चुदाई कर चुका था लेकिन पहली बार वह अपनी मां की गांड मार रहा था साधना पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी अपनी आंखों से वह अपनी छोटी बहन को गांड मरवाते हुए देख रही थी और अपनी बहन को आनंद लेता देखकर वह समझ गई थी कि इस कार्य में कितना मजा आता है इसलिए वह भी उत्सुक थी अपने भतीजे के लंड को अपनी गांड में लेने के लिए,,,, साधना पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी बहन की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उस पर चुंबन की बौछार कर दे रही थी,,, संजू जानता था कि उसकी मौसी को भी मजा चाहिए,,,, और काफी देर से उसकी मां घोड़ी बनी बैठी थी इसलिए वह समझ सकता था कि उसकी मां के पर भी दर्द कर रहे होंगे इसलिए वह धीरे से अपने लंड को अपनी मां की गांड में से बाहर निकाला और उसकी मां कुछ कह पाती ईससे पहले ही वह बोला,,,।
अब तो देख मेरी रानी की तेरी बड़ी बहन की गांड में कैसे लंड डालता हूं,,,,(इतना सुनते ही साधना अंदर से एकदम उत्साहित हो गई और तुरंत अपनी बहन की जगह घोड़ी बनाकर अपनी गांड हवा में लहराने लगी संजय तुरंत सरसों की तेल की शीशी को खोलकर तेल की धार अपनी मौसी की गांड पर गिरना शुरू कर दिया जिसे खुद आराधना अपने हाथों से उसकी गांड के छेद पर लगा रही थी,,, आज एक बहन अपनी बहन की गांड मरवाने में संजू की मदद कर रही थी देखते ही देखते संजू अपने लंड कैसे बड़े को अपनी मौसी की गांड में डालना शुरू किया ठीक वैसा ही दर्द उसे भी महसूस होने लगा जैसा की आराधना को महसूस हो रहा था लेकिन साधना यह सोचकर अपने दर्द को अपने अंदर दबा ले रही थी कि जब उसकी छोटी बहन अपनी गांड में अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड को आराम से ले ली तो फिर वह क्यों नहीं ले पाएंगी,,, हालांकि उसे दर्द बहुत हो रहा था लेकिन देखते ही देखते संजू पूरी तरह से प्रयास करते हुए अपने लंड के सुपर को अपनी मौसी की गांड के अंदर पूरी तरह से घुसेड दिया,,,, आराधना की तरह ही साधना भी दर्द से बिलबिला उठी लेकिन वह इस बात को जानती थी कि अगर वह जोर से चिल्ला दी तो गजब हो जाएगा,,,।
संजू उसे भी समझाते हुए अपने कार्य को धीरे-धीरे आगे बढ़ा रहा था और आराधना जानती थी कि उसे क्या करना है वह तुरंत अपनी बहन के दर्द को कम करने के लिए ठीक उसकी आंखों के सामने घुटनों पर बाल जाकर खड़ी हो गई और तुरंत उसके चेहरे को पड़कर उसे अपनी चूत पर रख दी और साधना तुरंत अपनी बहन की चूत चाटने लगी इस तरह से अपने दर्द को कम करने की कोशिश करने लगे और संजू अपने कार्य को आगे बढ़ता हुआ अपने लंड को धक्का देता हुआ देखते ही देखते हुए अपनी मां की तरह ही अपनी मौसी की गांड में भी अपने लंड को डाल चुका था,,,।
दोनों बहने एक जैसी ही हो दोनों बड़े आराम से मेरे लंड को ले ली हो,,,, अब आएगा असली मजा,,, और ऐसा कहते हुए संजू अपनी कमर हिलाने लगा,,,, संजू अपनी मां की तरह ही अपनी मौसी की भी गांड मारने लगा,,, संजू को तो बहुत मजा आ रहा था लेकिन साधना को अभी दर्द कर रहा था इसलिए उसके चेहरे पर दर्द के भाव साफ झलक रहे थे लेकिन वह तो लगातार अपनी छोटी बहन की चूत चाट रही थी इसलिए अपने दर्द पर काबू किए हुए थे लेकिन वह अपनी बहन के आनंद को उसके मजे को देख चुकी थी कि कैसे उसकी बहन मजा ले रही थी इसलिए वह भी अपने दर्द को पी रही थी उसे भी मालूम था कि उसे भी आनंद आने वाला है इसलिए देखते ही देखते थोड़ी देर में उसे भी एहसास होने लगा कि उसे बहुत मजा आ रहा है गांड मरवाने में और संजू के धक्के भी बड़ी तेज होने लगे थे,,,,,।
संजू के मर्दाना ताकत का सबुत यही था कि वह जल्दी झड़ता नहीं था,,, इसलिए भाई सारे से अपनी मां को भी बिस्तर के किनारे आने के लिए बोला,,, आराधना को मालूम था कि उसे क्या करना है और वह जल्द ही अपनी गांड हवा में लहराते हुए घोड़ी बन गई संजू अब एक साथ दो काम करने वाला था एक साथ अपनी मां और मौसी दोनों की गांड मारने वाला था और ऐसा करने में उसे अद्भुत आनंद प्राप्त होने वाला था इस बात को अच्छी तरह से जानता था क्योंकि उसे नहीं लगता था कि दुनिया में ऐसा कोई शख्स होगा जो एक साथ अपनी मां और मौसी दोनों की चुदाई करता होगा,,,,।
देखते ही देखते संजू अपनी मां और मौसी दोनों को भद्दी गालियां देते हुए कभी अपनी मौसी की गांड मारता तो कभी अपनी मां की,,, दोनों की गांड का कसा हुआ छल्ला संजू के लंड को अपने अंदर दबोच ले रहे थे और क्या एहसास संजू को सातवें आसमान पर ले जा रहा था,,, लंड का कसाव आराधना और साधना दोनों को अपनी चूत पर भी हो रहा था,,, जिससे दोनों आनंदित हो उठती थी यह सिलसिला लगभग 2 घंटे तक चला दो घंटे तक संजू ने भारी-बड़ी से अपनी मां और अपनी मौसी दोनों की गांड मारने का सुख प्राप्त किया और देखते ही देखते तीनों एक साथ झड़ गए,,,,,, झड़ने के बावजूद भी थोड़ी देर में संजू का लंड तैयार हो चुका था लेकिन दोनों बहने एकदम से थक कर चूर हो चुकी थी,,, वह दोनों में बिल्कुल भी हिम्मत नहीं थी संजु से गांड मरवाने की इसलिए दोनों संजू की मर्दाना ताकत के आगे घुटने देखते हुए अपनी हार मान ली थी और दोनों बिस्तर पर,,, देर हो चुकी थी लेकिन संजू का जोश पूरी तरह से बरकरार था,,, वह एक बार फिर से दोनों की गांड मारना चाहता हूं लेकिन दोनों नींद की आंखों में सो चुके थे लेकिन फिर भी संजू जैसे तैसे करके दोनों की गांड को ऊपर करके दोनों को नींद में ही बारी-बारी से दोनों की गांड मारने का सुख प्राप्त किया,,,।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट हैएक रंगीन रात गुजारने के बाद तीनों की नींद दूसरे दिन थोड़ा देर से खुली वैसे भी आज उन तीनों को गांव से जाना था इसलिए किसी ने उन्हें जगाने की कोशिश भी नहीं किया वैसे भी घर के लोगों को उन लोगों का जाना अच्छा भी नहीं लग रहा था खास करके संजू का क्योंकि संजू ने जिस तरह से अपनी मर्दानगी का पर्चा घर की तीनों औरतों को दिया था वह तीनों पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी और सबसे छोटी वाली को तो मां बनने का सुख भी देने का वादा किया था और लगभग उसमें कामयाब भी हो चुका था जिसका एहसास संजू की छोटी वाली मामी को बहुत जल्द होने वाला था,,,,।
आराधना की मादक अंदाज
दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज सुनकर तीनों की नींद खुली तो तीनों एकदम से भौचकके रह गए,,, क्योंकि तीनों अपनी स्थिति पर नजर डालते ही उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वह तीनों पूरी तरह से नंगे थे,,,, रात को जिस तरह का संजू ने अपनी मर्दाना ताकत का प्रदर्शन किया था उसे देखकर दोनों बहने पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी वैसे तो दोनों को संजू की मर्दाना ताकत पर बिल्कुल भी शक नहीं था लेकिन उन दोनों ने कभी संजू के द्वारा गांड नहीं मरवाई थी लेकिन संजू की जीद के आगे दोनों को झुकना पड़ा था और यह तो दुनिया जानती है कि मर्द के आगे औरत जब झुकती हो तो क्या होता है,, और वही उन दोनों औरतों के साथ भी हुआ था संजू अपनी मां और मौसी दोनों की बराबर गांड मरा था और एक बार नहीं सुबह के 4:00 बजे तक लगभग तीन बार दोनों औरतों की गांड मार चुका था और वह भी बारी-बारी से हालांकि पहले गांड चुदाई से ही दोनों औरतें पूरी तरह से पस्त हो चुकी थी और नींद की आगोश में चली गई थी,,, और संजू इतना जोश से भरा हुआ था कि नींद में ही अपनी मां और अपनी मौसी दोनों की गांड दो बार और मारा था,,,, वह दोनों पूरी तरह से होश में नहीं थी गहरी नींद में थी लेकिन फिर भी दोनों बराबर मजा ले रही थी क्योंकि गहरी नींद में होने के बावजूद भी उन दोनों को संजू का लंड अपनी गांड के छेद में बराबर महसूस हो रहा था जिसकी वजह से उनके मुंह से रह रहकर,,, सिसकारी के साथ-साथ कराहने की आवाज भी आ रही थी,,,,, संजू ने दोनों को पूरी तरह से तृप्त कर दिया था और खुद भी पूरी तरह से संतुष्ट हो चुका था और यही वजह थी कि सुबह देर तक तीनों सोए रह गए थे तभी तो दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज के साथ तीनों एकदम से हड़बड़ा कर उठकर बैठ गए थे और तीनों इस समय एक ही बिस्तर पर पूरी तरह से नग्नवस्था में ही थे,,,
बाप रे आज उठने में बहुत देर हो गई,,,(संजू जल्दी से बिस्तर से नीचे उतरकर अपनी चड्डी पहनते हुए बोला बाहर बार-बार दरवाजे पर दस्तक हो रही थी संजू जानता था कि दरवाजे पर उसकी बड़ी मामी है और इस समय बिस्तर पर अपनी मां और अपनी मौसी दोनों को नंगी देखकर संजू समझ गया था कि दरवाजा खोलना उचित बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि इतनी देर में दोनों औरतें अपने वस्त्र पहनने में एकदम विवश है और उनसे इतनी जल्दी अपने कपड़े पहने भी नहीं जाएंगे,,,, और यही चिंता दोनों औरतों को भी थी आराधना और साधना दोनों एक दूसरे का मुंह देख कर संजू की तरफ देख रही थी संजू दोनों की स्थिति को जान गया था इसलिए अपनी पेंट पहनते हुए बोला,,,)
आराधना बिस्तर पर अपनी जवानी बिखेरती हुई
हां मामी तुम जाओ मैं,,,, मम्मी और मौसी दोनों को जगाता हूं यह दोनों अभी सो रही हैं,,,,
ठीक है संजू बेटा जल्दी से जगा देना और जल्दी से तैयार हो जाना मैं नाश्ता तैयार कर देता हूं क्योंकि बस 10:00 बजे की है अगर समय पर नहीं पहुंच पाओगे तो आज फिर कोई बस नहीं है फिर कल सुबह इंतजार करना पड़ेगा,,,
ठीक है मामी,,,,
(संजू बंद दरवाजे के पीछे की हलचल को पहचानने की कोशिश कर रहा था और थोड़ी ही देर में उसकी मामी दरवाजे पर से चली गई तब जाकर तीनों की जान में जान आई संजू की मामी के जाते ही दोनों औरतें बिस्तर पर से नीचे उतरी और अपनी चड्डी ब्लाउज ब्रा ढूंढना शुरू कर दि और फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे कपड़े मिलते गए पैसे वैसे दोनों अपने बदन पर डालते चले गए,,,, संजू अच्छी तरह से देख रहा था कि दोनों की चाल कुछ बदली हुई लग रही थी,,,, और वह जानता था कि यह किस वजह से है इसलिए चुटकी लेते हुए बोला,,,।
तुम दोनों कुछ ज्यादा लंगड़ा कर नहीं चल रही हो,,,
हरामजादे,,,(आराधना अपनी गांड पर हाथ रखते हुए) रात भर गांड मारा है तो चाल तो बदलेगी ही,,, जरा भी रहम नहीं किया तूने,,,
अपने बेटे को मजा देती हुई आराधना
सही कह रही आराधना तेरा बेटा बहुत जल्दी है एक बार घुसाया तो फिर सांड की तरह लग रह गया,,,
तुम दोनों भी तो गांड मेरे सामने गांड उठाकर हिला रही थी तो मैं क्या करता मैं भी चढ़ गया,,,,,
चल अब रहने दे,,,, जल्दी चल नहा कर तैयार होना है,,, वरना समय पर नहीं पहुंचे तो बस छूट जाएगी,,,
तो क्या हुआ अच्छा ही होगा एक रात और यहां पर रहने का मौका मिल जाएगा और फिर आज की रात फिर मैं तुम दोनों की गांड मारूंगा,,,
नहीं नहीं रहने दे,,,, यहां रुक जाते लेकिन आज रात की तेरी हरकत देखकर हिम्मत नहीं हो रही है,,,(आराधना फिर से अपनी हथेली को अपने पिछवाड़े पर रखते हुए बोली तो संजू मुस्कुराता हुआ आगे पड़ा और अपनी मां की गांड पर जोर से चपत लगाते हुए बोला,,,)
मेरी रानी बोल तो ऐसा रही हो कि जैसे तुम्हें मजा ही नहीं आया,,, रात भर दोनों रंडियां मजे ले रही थी और फिर सुबह नखरा दिखा रही हो,,,,
Ma bete dono ek dusre ko mast karte huye
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कमरे से बाहर निकाल आराधना तेरे बेटे का भरोसा नहीं है देख तेरी गांड पर हाथ रखा है कहीं ऐसा ना हो कि एक बार फिर से हम दोनों की गांड मार ले,,,,(साधना मुस्कुराते हुए बोली और उसकी बात सुनकर संजू और उसकी मां दोनों हंसने लगे और तीनों कमरे से बाहर निकल गए,,, घर में तीनों की कामलीला के बारे में किसी को कानो कान खबर तक नहीं थी सिवाय लल्ली के,,,, इसलिए वह तीनों हमेशा घर के सभी सदस्य के सामने एकदम सहज रहते थे और किसी को बिल्कुल भी साथ ही नहीं होता था कि एक ही कमरे में तीनों कौन सा गुल खिला रहे हैं,,,।
तीनों समय पर नहा धोकर तैयार हो गए और नाश्ता करके जाने के लिए तैयार भी हो गए थे संजू की बड़ी मामी खाने के लिए पूरी और सब्जी उनके टिफिन में भर दी थी ताकि रास्ते में तीनों खा ले उन तीनों को विदा करने के लिए घर के सभी सदस्य मौजूद थे संजू की छोटी वाली मामी भी उन तीनों की विदाई पर आ चुकी थी और उसके छोटे वाले मामा भी थे,,,, संजू की तीनों मामियों की आंखों में आंसू थे संजू से बिछड़ने का गम तीनों को महसूस हो रहा था और तीनों का गम भी एक ही था जो कि संजू अपने लंड से दूर करता रहा था,,,, संजू भारी-भारी से घर के सभी सदस्य के पैर छू रहा था संजू का यह व्यवहार बिल्कुल विरोध था वह पैर छूकर जल्द ही दोनों पैरों के बीच आ जाता था और ऐसा उसने तीनों मामियों के साथ किया था पहले पैर छुआ था और फिर अपने हाथों से तीनों की टांगे भी खोला था,,,,,,
Sanju apni mausi k sath
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अंतिम में वह अपनी बड़ी मामी के पास आया और बाकी के लोग साधना और आराधना से मिलने में व्यस्त हो गए थे और उसी का फायदा उठाते हुए संजू तिरछी नजर से सब की तरफ देखकर तुरंत अपनी मामी का पैर छूकर खुद ही उनसे गले मिलने लगा और गले मिलते हुए उसने अपनी मामी को अपनी बाहों में लेकर कस के उसे अपनी तरफ दबा लिया था और ऐसा करते हुए उसे वह पल भर में ही उसकी भरावदार नितंबों पर हाथ रखकर उसे कस के दबोच दिया था और साथ ही तुरंत अपना हाथ आगे की तरफ लाकर एक हाथ से अपनी बड़ी मामी की चूची को दबा दिया था संजू की यह हरकत से वह पूरी तरह से चौंक गई थी,,, और तुरंत अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखने लगी थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि कोई भी उन दोनों की तरफ देखा नहीं रहा था और यह देखकर संजू की बड़ी मामी संजू की तरफ देखकर मुस्कुराती संजू की इतनी हरकत से ही उसकी चूत एकदम से गीली हो गई थी और यही तो संजू के मर्दाना ताकत का असर था संजू पल भर में ही किसी भी औरत को पानी पानी कर देने में पूरी तरह से सक्षम था,,,।
यहां से मुख्य सड़क तक का रास्ता बेहद ऊपर खबर था केवल दो पहिया वाला वहां ही यहां से गुजर सकता था इसीलिए उन तीनों को मुख्य सड़क तक पैदल ही जाना था कुछ दूरी तक घर के सभी सदस्य उन तीनों के साथ आए और फिर उन तीनों ने ही उन्हें वापस लौट जाने के लिए बोला क्योंकि धूप तेज हो रही थी और फिर यहां से तीनों अकेले ही मुख्य सड़क की तरफ जाने लगे बीच में खंडहर आते ही तीनों की नजर उसे खंडहर पर पड़ी तो तीनों के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,, साधना जो कि इस खंडहर में बीते पल को अपने मन में पूरी तरह से संजो लेना चाहती थी वह तुरंत अपने हाथ में पड़े हुए बैग को नीचे रखते हुए बोली,,,,।
Sanju lalli k sath
यह खंडहर में जिंदगी में नहीं पहुंच सकती यह खंडहर अपने तीनों के मिलन की निशानी है इसलिए मुझे इस खंडहर में जाकर पेशाब करना होगा क्योंकि मुझे बड़े जोरों की पेशाब भी आई है,,,(और इतना कहकर वह खंडहर की तरफ जाने लगी,,, वैसे भी गांव का यह रास्ता एकदम सन्नाटे से भरा होता है दोपहर में भी यहां इक्का-दुक्का लोग ही नजर आते हैं जो कि शहर की तरफ या बाजार की तरफ जाते हैं तब और वैसे भी दोपहर का समय था इसलिए यहां से कोई आने जाने वाला नहीं था और यही सोचकर संजु अपनी मां की तरफ देखा और उसे आंख मार कर इशारा किया,,, आराधना अपने बेटे के इशारे को अच्छी तरह से समझ गई इसलिए तो आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रहेगा वह अपने बेटे को कुछ कह पाती से पहले वह भी अपना बैग जमीन पर रखकर जल्दी से खंडहर में घुस गया आराधना एकदम साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसकी आंखों के सामने उसकी बड़ी बहन दीवार की ओट में जो की आधा दीवार से छिपी हुई थी राधा नजर आ रही थी वह बैठकर पेशाब कर रही थी और संजू ठीक उसके पीछे जाकर अपने पेट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे आराधना के आश्चर्य के बीच हिलाना शुरू कर दिया था यह देखकर आराधना एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि संजू पेशाब करने जा रहा है लेकिन वह अपनी मौसी के ठीक पीछे खड़ा कर अपने लंड को हिला हिला कर तैयार कर रहा था पल भर में संजू के इरादे को भांप कर आराधना के तन बदन में सिरहन सी दौड़ने लगी,,,, इस बात से साधना बिलकुल बेखबर थी कि पीछे खड़ा संजू क्या कर रहा है उसे ऐसा ही लग रहा था कि संजू पेशाब कर रहा है लेकिन जैसे ही वह पेशाब करने के बाद खड़ी हुई और अपनी चड्डी को ऊपर करने के लिए अपने हाथों की उंगलियों का सहारा ली वैसे ही संजु तुरंत उसके पीछे जाकर उसकी साड़ी को कमर तक उठा दिया,,, संजू की हरकत से साधना एकदम से हैरान हो गई और कुछ समझ पाती से पहले ही संजू अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाकर अपनी मौसी को उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे झुकने के लिए इशारा किया,,, और फिर संजू अपने लंड को अपनी मौसी की चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया और अपनी मां की तरफ देखकर जोर से चिल्लाता हुआ बोला,,,।
Apne mama ki ladki k sath sanju
मम्मी कोई दिखाई दे तो आवाज देना,,,।
(उसकी मम्मी क्या कहती है वह तो संजू की हरकत से और उसकी बात सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी में जा रही थी हालांकि संजू के साथ रात रंगीन करने के बावजूद भी आराधना संजू की किसी-किसी हरकत पर शर्मिंदगी से भर जाती थी और उत्तेजित भी हो जाती थी और इस समय भी उसके साथ यही हो रहा था जहां एक तरफ वह संजू की हरकत से शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी वहीं दूसरी तरफ उसकी चूत में भी पानी इकट्ठा होने लगा था वह भी उत्तेजित होने लगी थी वह बराबर देख रही थी कि संजू उसकी बड़ी बहन की कमर पकड़ कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था,,,,।
संजू की हरकत इतनी मादकता से भरी हुई और इतनी उत्तेजनात्मक पूर्ण थी कि साधना अपनी उत्तेजना पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई और गहरी गहरी सांस लेते हुए झड़ना शुरू कर दी यही तो संजू की मर्दाना ताकत की करामात थी पल भर में ही संजू अपनी मौसी को पानी पानी करते हुए उसे झाड़ दिया था लेकिन खुद झडा नहीं था इसलिए अपनी मौसी के झड़ने के बाद वहां दो-चार धक्के लगाने के बाद अपना खड़ा लंड अपनी मौसी की चूत से बाहर निकाल लिया और अपनी मौसी से बोला,,,)
Lalli or sanju
अब तुम जाओ मौसी और मम्मी को जल्दी से भेजो,,,,।
(इतना कहते हुए संजू अपने हाथों से ही अपने लंड को मुठीयाना शुरू कर दिया और साधना जल्दी से अपनी चड्डी को ऊपर चढ़ा कर अपनी साड़ी के नीचे गिरा दी,,, और फिर मुस्कुराते हुए खंडहर से बाहर आ गई,,, संजू को खंडहर में खड़ा होकर अपना लंड हिलता हुआ देखकर और मुस्कुराते हुए अपनी बड़ी बहन को बाहर आता हुआ देख कर आराधना का दिल जोरो से धड़क रहा था,,,, और जैसे ही साधना उसके पास आई और वही हुआ जो आराधना के मन में चल रहा था साधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)
जा जल्दी जा तेरा बेटा तुझे चोदने के लिए बुला रहा है,,, मैं तब तक यहां खड़ी होकर देखती हूं,,,
Sanju apni mausi k sath
यह क्या कह रही हो दीदी थोड़ा तो शर्म करो कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा,,,(आराधना अपने चारों तरफ नजर घूमाते हुए बोली,,, एक तरफ वह अपनी बहन की बात मानने से अपने बेटे की हरकत से नाराज होने का ढोंग भी कर रही थी और अंदर ही अंदर उसे अपने बेटे की हरकत का मजा लेने का मन भी कर रहा था इसलिए तो वह चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कोई दिखाई तो नहीं दे रहा है और चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था,,, इसलिए उसके मन में भी अपने बेटे की हरकत का आनंद लेने की उत्सुकता बढ़ने लगी,,,,)
Aradhna kuch is tarah se
अरे कुछ नहीं होगा जा तो सही तेरा बेटा आज कुछ ज्यादा ही जोश में ही देख कितनी जल्दी मेरा पानी निकाल दिया,,,।
नहीं दीदी मुझे शर्म आ रही है,,,(एक तरफ वह शर्माने का नाटक भी कर रही थी और दूसरी तरफ अपने बेटे की तरफ भी देख रही थी जो कि बड़े जोर से अपने लंड को ऊपर नीचे करके हिला रहा था और उसे अपनी तरफ बुला रहा था यह एक बेहद मदहोश कर देने वाली स्थिति थी,,,, एक बेटा अपने लंड को हाथ में लेकर अपनी मां को अपने पास बुला रहा था चोदने के लिए,,,,)
Sanju khandhar wali jagZh par apni ma k sath
अब चल ज्यादा बन मत,,, रात भर गांड खोलकर मरवाई है और अब शर्माने का नाटक कर रही है जा जल्दी(आराधना को धक्का देते हुए) तेरा बेटा पागल हुआ जा रहा है,,,।
अब तो आराधना से भी रहा नहीं जा रहा था वह पूरी तरह से मत हो चुकी थी अपने बेटे मिलन के लिए वह अपने बेटे से एकाकार होना चाहती थी,,, उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वह एक बार फिर से अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर,,, वह एक बार फिर से तसल्ली कर लेना चाहती थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है और फिर तसल्ली कर लेने के बाद वह खंडहर की तरफ आगे बढ़ने लगी उसके एक-एक कदम आगे बढ़ाते हुए उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,,,, और देखते ही देखते हो अपने बेटे के एकदम करीब पहुंच गई तो वह तुरंत अपनी मां का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए बोला,,,)
कितना देर कर रही हो मेरी जान,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को घुमा दिया और पैसे में उसकी पीठ संजू के सामने हो गई और संजू खुद अपनी मां की साड़ी को कमर तक उठा दिया और अपने हाथों से उसकी चड्डी पकड़ कर नीचे करने लगा और जैसे ही उसकी चड्डी घुटने तक आई आराधना दीवार पड़कर झुक गई और अपनी गोल गोल गांड को हवा में ऊपर उठती संजू अपनी मां की गांड पड़कर अपने लंड का निशान उसकी चूत पर लगाया और पहले झटके में संजू का लंड पूरी तरह से आराधना की चूत में समा गया,,, और फिर संजू अपनी मां की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू कर दिया,,,, आराधना की पूरी तरह से मत होने लगी आराधना अपने बेटे की इसी अदा पर तो पागल हो जाती थी क्योंकि वह जहां नहीं छोड़ना चाहिए था वहां भी चोदना शुरू कर देता था वह किसी भी पल को मौके में बदल देता था,,,
Sanju apni ma k sath
और फिर देखते ही देखते जबरदस्त धकको के साथ एक बार फिर से संजू अपनी मां को खंडहर में चोद दिया था,,, पहले आराधना झड़ी और फिर संजू जोर-जोर से धक्के लगाता हुआ अपना गरम लव अपनी मां की चूत में उड़ैल दिया,,,, तीनों सही समय पर मुख्य सड़क पर आकर खड़े हो गए थे और 5 मिनट ही गुजरे थे कि बस आ गई थी और तीनों अपने गंतव्य स्थल का टिकट कटा कर बस में बैठ चुके थे,,,, तीनों थक चुके थे इसलिए बस में बैठते ही तीनों सो गए,,, संजू ने घर पर फोन कर दिया था कि वह तीनों आने वाले हैं इसलिए दूसरे दिन दोपहर में पहुंचते ही तीनों बस स्टैंड पर रिक्शा करके अपने घर की तरफ निकल गए पहले साधना अपने घर पर पहुंची और फिर संजु आराधना भी अपने घर पर पहुंच गए,,,।
बहुत ही शानदार और लाज़वाब अपडेट हैएक रंगीन रात गुजारने के बाद तीनों की नींद दूसरे दिन थोड़ा देर से खुली वैसे भी आज उन तीनों को गांव से जाना था इसलिए किसी ने उन्हें जगाने की कोशिश भी नहीं किया वैसे भी घर के लोगों को उन लोगों का जाना अच्छा भी नहीं लग रहा था खास करके संजू का क्योंकि संजू ने जिस तरह से अपनी मर्दानगी का पर्चा घर की तीनों औरतों को दिया था वह तीनों पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी और सबसे छोटी वाली को तो मां बनने का सुख भी देने का वादा किया था और लगभग उसमें कामयाब भी हो चुका था जिसका एहसास संजू की छोटी वाली मामी को बहुत जल्द होने वाला था,,,,।
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दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज सुनकर तीनों की नींद खुली तो तीनों एकदम से भौचकके रह गए,,, क्योंकि तीनों अपनी स्थिति पर नजर डालते ही उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वह तीनों पूरी तरह से नंगे थे,,,, रात को जिस तरह का संजू ने अपनी मर्दाना ताकत का प्रदर्शन किया था उसे देखकर दोनों बहने पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी वैसे तो दोनों को संजू की मर्दाना ताकत पर बिल्कुल भी शक नहीं था लेकिन उन दोनों ने कभी संजू के द्वारा गांड नहीं मरवाई थी लेकिन संजू की जीद के आगे दोनों को झुकना पड़ा था और यह तो दुनिया जानती है कि मर्द के आगे औरत जब झुकती हो तो क्या होता है,, और वही उन दोनों औरतों के साथ भी हुआ था संजू अपनी मां और मौसी दोनों की बराबर गांड मरा था और एक बार नहीं सुबह के 4:00 बजे तक लगभग तीन बार दोनों औरतों की गांड मार चुका था और वह भी बारी-बारी से हालांकि पहले गांड चुदाई से ही दोनों औरतें पूरी तरह से पस्त हो चुकी थी और नींद की आगोश में चली गई थी,,, और संजू इतना जोश से भरा हुआ था कि नींद में ही अपनी मां और अपनी मौसी दोनों की गांड दो बार और मारा था,,,, वह दोनों पूरी तरह से होश में नहीं थी गहरी नींद में थी लेकिन फिर भी दोनों बराबर मजा ले रही थी क्योंकि गहरी नींद में होने के बावजूद भी उन दोनों को संजू का लंड अपनी गांड के छेद में बराबर महसूस हो रहा था जिसकी वजह से उनके मुंह से रह रहकर,,, सिसकारी के साथ-साथ कराहने की आवाज भी आ रही थी,,,,, संजू ने दोनों को पूरी तरह से तृप्त कर दिया था और खुद भी पूरी तरह से संतुष्ट हो चुका था और यही वजह थी कि सुबह देर तक तीनों सोए रह गए थे तभी तो दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज के साथ तीनों एकदम से हड़बड़ा कर उठकर बैठ गए थे और तीनों इस समय एक ही बिस्तर पर पूरी तरह से नग्नवस्था में ही थे,,,
बाप रे आज उठने में बहुत देर हो गई,,,(संजू जल्दी से बिस्तर से नीचे उतरकर अपनी चड्डी पहनते हुए बोला बाहर बार-बार दरवाजे पर दस्तक हो रही थी संजू जानता था कि दरवाजे पर उसकी बड़ी मामी है और इस समय बिस्तर पर अपनी मां और अपनी मौसी दोनों को नंगी देखकर संजू समझ गया था कि दरवाजा खोलना उचित बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि इतनी देर में दोनों औरतें अपने वस्त्र पहनने में एकदम विवश है और उनसे इतनी जल्दी अपने कपड़े पहने भी नहीं जाएंगे,,,, और यही चिंता दोनों औरतों को भी थी आराधना और साधना दोनों एक दूसरे का मुंह देख कर संजू की तरफ देख रही थी संजू दोनों की स्थिति को जान गया था इसलिए अपनी पेंट पहनते हुए बोला,,,)
आराधना बिस्तर पर अपनी जवानी बिखेरती हुई
हां मामी तुम जाओ मैं,,,, मम्मी और मौसी दोनों को जगाता हूं यह दोनों अभी सो रही हैं,,,,
ठीक है संजू बेटा जल्दी से जगा देना और जल्दी से तैयार हो जाना मैं नाश्ता तैयार कर देता हूं क्योंकि बस 10:00 बजे की है अगर समय पर नहीं पहुंच पाओगे तो आज फिर कोई बस नहीं है फिर कल सुबह इंतजार करना पड़ेगा,,,
ठीक है मामी,,,,
(संजू बंद दरवाजे के पीछे की हलचल को पहचानने की कोशिश कर रहा था और थोड़ी ही देर में उसकी मामी दरवाजे पर से चली गई तब जाकर तीनों की जान में जान आई संजू की मामी के जाते ही दोनों औरतें बिस्तर पर से नीचे उतरी और अपनी चड्डी ब्लाउज ब्रा ढूंढना शुरू कर दि और फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे कपड़े मिलते गए पैसे वैसे दोनों अपने बदन पर डालते चले गए,,,, संजू अच्छी तरह से देख रहा था कि दोनों की चाल कुछ बदली हुई लग रही थी,,,, और वह जानता था कि यह किस वजह से है इसलिए चुटकी लेते हुए बोला,,,।
तुम दोनों कुछ ज्यादा लंगड़ा कर नहीं चल रही हो,,,
हरामजादे,,,(आराधना अपनी गांड पर हाथ रखते हुए) रात भर गांड मारा है तो चाल तो बदलेगी ही,,, जरा भी रहम नहीं किया तूने,,,
अपने बेटे को मजा देती हुई आराधना
सही कह रही आराधना तेरा बेटा बहुत जल्दी है एक बार घुसाया तो फिर सांड की तरह लग रह गया,,,
तुम दोनों भी तो गांड मेरे सामने गांड उठाकर हिला रही थी तो मैं क्या करता मैं भी चढ़ गया,,,,,
चल अब रहने दे,,,, जल्दी चल नहा कर तैयार होना है,,, वरना समय पर नहीं पहुंचे तो बस छूट जाएगी,,,
तो क्या हुआ अच्छा ही होगा एक रात और यहां पर रहने का मौका मिल जाएगा और फिर आज की रात फिर मैं तुम दोनों की गांड मारूंगा,,,
नहीं नहीं रहने दे,,,, यहां रुक जाते लेकिन आज रात की तेरी हरकत देखकर हिम्मत नहीं हो रही है,,,(आराधना फिर से अपनी हथेली को अपने पिछवाड़े पर रखते हुए बोली तो संजू मुस्कुराता हुआ आगे पड़ा और अपनी मां की गांड पर जोर से चपत लगाते हुए बोला,,,)
मेरी रानी बोल तो ऐसा रही हो कि जैसे तुम्हें मजा ही नहीं आया,,, रात भर दोनों रंडियां मजे ले रही थी और फिर सुबह नखरा दिखा रही हो,,,,
Ma bete dono ek dusre ko mast karte huye
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कमरे से बाहर निकाल आराधना तेरे बेटे का भरोसा नहीं है देख तेरी गांड पर हाथ रखा है कहीं ऐसा ना हो कि एक बार फिर से हम दोनों की गांड मार ले,,,,(साधना मुस्कुराते हुए बोली और उसकी बात सुनकर संजू और उसकी मां दोनों हंसने लगे और तीनों कमरे से बाहर निकल गए,,, घर में तीनों की कामलीला के बारे में किसी को कानो कान खबर तक नहीं थी सिवाय लल्ली के,,,, इसलिए वह तीनों हमेशा घर के सभी सदस्य के सामने एकदम सहज रहते थे और किसी को बिल्कुल भी साथ ही नहीं होता था कि एक ही कमरे में तीनों कौन सा गुल खिला रहे हैं,,,।
तीनों समय पर नहा धोकर तैयार हो गए और नाश्ता करके जाने के लिए तैयार भी हो गए थे संजू की बड़ी मामी खाने के लिए पूरी और सब्जी उनके टिफिन में भर दी थी ताकि रास्ते में तीनों खा ले उन तीनों को विदा करने के लिए घर के सभी सदस्य मौजूद थे संजू की छोटी वाली मामी भी उन तीनों की विदाई पर आ चुकी थी और उसके छोटे वाले मामा भी थे,,,, संजू की तीनों मामियों की आंखों में आंसू थे संजू से बिछड़ने का गम तीनों को महसूस हो रहा था और तीनों का गम भी एक ही था जो कि संजू अपने लंड से दूर करता रहा था,,,, संजू भारी-भारी से घर के सभी सदस्य के पैर छू रहा था संजू का यह व्यवहार बिल्कुल विरोध था वह पैर छूकर जल्द ही दोनों पैरों के बीच आ जाता था और ऐसा उसने तीनों मामियों के साथ किया था पहले पैर छुआ था और फिर अपने हाथों से तीनों की टांगे भी खोला था,,,,,,
Sanju apni mausi k sath
minnco
अंतिम में वह अपनी बड़ी मामी के पास आया और बाकी के लोग साधना और आराधना से मिलने में व्यस्त हो गए थे और उसी का फायदा उठाते हुए संजू तिरछी नजर से सब की तरफ देखकर तुरंत अपनी मामी का पैर छूकर खुद ही उनसे गले मिलने लगा और गले मिलते हुए उसने अपनी मामी को अपनी बाहों में लेकर कस के उसे अपनी तरफ दबा लिया था और ऐसा करते हुए उसे वह पल भर में ही उसकी भरावदार नितंबों पर हाथ रखकर उसे कस के दबोच दिया था और साथ ही तुरंत अपना हाथ आगे की तरफ लाकर एक हाथ से अपनी बड़ी मामी की चूची को दबा दिया था संजू की यह हरकत से वह पूरी तरह से चौंक गई थी,,, और तुरंत अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखने लगी थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि कोई भी उन दोनों की तरफ देखा नहीं रहा था और यह देखकर संजू की बड़ी मामी संजू की तरफ देखकर मुस्कुराती संजू की इतनी हरकत से ही उसकी चूत एकदम से गीली हो गई थी और यही तो संजू के मर्दाना ताकत का असर था संजू पल भर में ही किसी भी औरत को पानी पानी कर देने में पूरी तरह से सक्षम था,,,।
यहां से मुख्य सड़क तक का रास्ता बेहद ऊपर खबर था केवल दो पहिया वाला वहां ही यहां से गुजर सकता था इसीलिए उन तीनों को मुख्य सड़क तक पैदल ही जाना था कुछ दूरी तक घर के सभी सदस्य उन तीनों के साथ आए और फिर उन तीनों ने ही उन्हें वापस लौट जाने के लिए बोला क्योंकि धूप तेज हो रही थी और फिर यहां से तीनों अकेले ही मुख्य सड़क की तरफ जाने लगे बीच में खंडहर आते ही तीनों की नजर उसे खंडहर पर पड़ी तो तीनों के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,, साधना जो कि इस खंडहर में बीते पल को अपने मन में पूरी तरह से संजो लेना चाहती थी वह तुरंत अपने हाथ में पड़े हुए बैग को नीचे रखते हुए बोली,,,,।
Sanju lalli k sath
यह खंडहर में जिंदगी में नहीं पहुंच सकती यह खंडहर अपने तीनों के मिलन की निशानी है इसलिए मुझे इस खंडहर में जाकर पेशाब करना होगा क्योंकि मुझे बड़े जोरों की पेशाब भी आई है,,,(और इतना कहकर वह खंडहर की तरफ जाने लगी,,, वैसे भी गांव का यह रास्ता एकदम सन्नाटे से भरा होता है दोपहर में भी यहां इक्का-दुक्का लोग ही नजर आते हैं जो कि शहर की तरफ या बाजार की तरफ जाते हैं तब और वैसे भी दोपहर का समय था इसलिए यहां से कोई आने जाने वाला नहीं था और यही सोचकर संजु अपनी मां की तरफ देखा और उसे आंख मार कर इशारा किया,,, आराधना अपने बेटे के इशारे को अच्छी तरह से समझ गई इसलिए तो आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रहेगा वह अपने बेटे को कुछ कह पाती से पहले वह भी अपना बैग जमीन पर रखकर जल्दी से खंडहर में घुस गया आराधना एकदम साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसकी आंखों के सामने उसकी बड़ी बहन दीवार की ओट में जो की आधा दीवार से छिपी हुई थी राधा नजर आ रही थी वह बैठकर पेशाब कर रही थी और संजू ठीक उसके पीछे जाकर अपने पेट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे आराधना के आश्चर्य के बीच हिलाना शुरू कर दिया था यह देखकर आराधना एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि संजू पेशाब करने जा रहा है लेकिन वह अपनी मौसी के ठीक पीछे खड़ा कर अपने लंड को हिला हिला कर तैयार कर रहा था पल भर में संजू के इरादे को भांप कर आराधना के तन बदन में सिरहन सी दौड़ने लगी,,,, इस बात से साधना बिलकुल बेखबर थी कि पीछे खड़ा संजू क्या कर रहा है उसे ऐसा ही लग रहा था कि संजू पेशाब कर रहा है लेकिन जैसे ही वह पेशाब करने के बाद खड़ी हुई और अपनी चड्डी को ऊपर करने के लिए अपने हाथों की उंगलियों का सहारा ली वैसे ही संजु तुरंत उसके पीछे जाकर उसकी साड़ी को कमर तक उठा दिया,,, संजू की हरकत से साधना एकदम से हैरान हो गई और कुछ समझ पाती से पहले ही संजू अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाकर अपनी मौसी को उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे झुकने के लिए इशारा किया,,, और फिर संजू अपने लंड को अपनी मौसी की चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया और अपनी मां की तरफ देखकर जोर से चिल्लाता हुआ बोला,,,।
Apne mama ki ladki k sath sanju
मम्मी कोई दिखाई दे तो आवाज देना,,,।
(उसकी मम्मी क्या कहती है वह तो संजू की हरकत से और उसकी बात सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी में जा रही थी हालांकि संजू के साथ रात रंगीन करने के बावजूद भी आराधना संजू की किसी-किसी हरकत पर शर्मिंदगी से भर जाती थी और उत्तेजित भी हो जाती थी और इस समय भी उसके साथ यही हो रहा था जहां एक तरफ वह संजू की हरकत से शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी वहीं दूसरी तरफ उसकी चूत में भी पानी इकट्ठा होने लगा था वह भी उत्तेजित होने लगी थी वह बराबर देख रही थी कि संजू उसकी बड़ी बहन की कमर पकड़ कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था,,,,।
संजू की हरकत इतनी मादकता से भरी हुई और इतनी उत्तेजनात्मक पूर्ण थी कि साधना अपनी उत्तेजना पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई और गहरी गहरी सांस लेते हुए झड़ना शुरू कर दी यही तो संजू की मर्दाना ताकत की करामात थी पल भर में ही संजू अपनी मौसी को पानी पानी करते हुए उसे झाड़ दिया था लेकिन खुद झडा नहीं था इसलिए अपनी मौसी के झड़ने के बाद वहां दो-चार धक्के लगाने के बाद अपना खड़ा लंड अपनी मौसी की चूत से बाहर निकाल लिया और अपनी मौसी से बोला,,,)
Lalli or sanju
अब तुम जाओ मौसी और मम्मी को जल्दी से भेजो,,,,।
(इतना कहते हुए संजू अपने हाथों से ही अपने लंड को मुठीयाना शुरू कर दिया और साधना जल्दी से अपनी चड्डी को ऊपर चढ़ा कर अपनी साड़ी के नीचे गिरा दी,,, और फिर मुस्कुराते हुए खंडहर से बाहर आ गई,,, संजू को खंडहर में खड़ा होकर अपना लंड हिलता हुआ देखकर और मुस्कुराते हुए अपनी बड़ी बहन को बाहर आता हुआ देख कर आराधना का दिल जोरो से धड़क रहा था,,,, और जैसे ही साधना उसके पास आई और वही हुआ जो आराधना के मन में चल रहा था साधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)
जा जल्दी जा तेरा बेटा तुझे चोदने के लिए बुला रहा है,,, मैं तब तक यहां खड़ी होकर देखती हूं,,,
Sanju apni mausi k sath
यह क्या कह रही हो दीदी थोड़ा तो शर्म करो कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा,,,(आराधना अपने चारों तरफ नजर घूमाते हुए बोली,,, एक तरफ वह अपनी बहन की बात मानने से अपने बेटे की हरकत से नाराज होने का ढोंग भी कर रही थी और अंदर ही अंदर उसे अपने बेटे की हरकत का मजा लेने का मन भी कर रहा था इसलिए तो वह चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कोई दिखाई तो नहीं दे रहा है और चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था,,, इसलिए उसके मन में भी अपने बेटे की हरकत का आनंद लेने की उत्सुकता बढ़ने लगी,,,,)
Aradhna kuch is tarah se
अरे कुछ नहीं होगा जा तो सही तेरा बेटा आज कुछ ज्यादा ही जोश में ही देख कितनी जल्दी मेरा पानी निकाल दिया,,,।
नहीं दीदी मुझे शर्म आ रही है,,,(एक तरफ वह शर्माने का नाटक भी कर रही थी और दूसरी तरफ अपने बेटे की तरफ भी देख रही थी जो कि बड़े जोर से अपने लंड को ऊपर नीचे करके हिला रहा था और उसे अपनी तरफ बुला रहा था यह एक बेहद मदहोश कर देने वाली स्थिति थी,,,, एक बेटा अपने लंड को हाथ में लेकर अपनी मां को अपने पास बुला रहा था चोदने के लिए,,,,)
Sanju khandhar wali jagZh par apni ma k sath
अब चल ज्यादा बन मत,,, रात भर गांड खोलकर मरवाई है और अब शर्माने का नाटक कर रही है जा जल्दी(आराधना को धक्का देते हुए) तेरा बेटा पागल हुआ जा रहा है,,,।
अब तो आराधना से भी रहा नहीं जा रहा था वह पूरी तरह से मत हो चुकी थी अपने बेटे मिलन के लिए वह अपने बेटे से एकाकार होना चाहती थी,,, उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वह एक बार फिर से अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर,,, वह एक बार फिर से तसल्ली कर लेना चाहती थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है और फिर तसल्ली कर लेने के बाद वह खंडहर की तरफ आगे बढ़ने लगी उसके एक-एक कदम आगे बढ़ाते हुए उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,,,, और देखते ही देखते हो अपने बेटे के एकदम करीब पहुंच गई तो वह तुरंत अपनी मां का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए बोला,,,)
कितना देर कर रही हो मेरी जान,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को घुमा दिया और पैसे में उसकी पीठ संजू के सामने हो गई और संजू खुद अपनी मां की साड़ी को कमर तक उठा दिया और अपने हाथों से उसकी चड्डी पकड़ कर नीचे करने लगा और जैसे ही उसकी चड्डी घुटने तक आई आराधना दीवार पड़कर झुक गई और अपनी गोल गोल गांड को हवा में ऊपर उठती संजू अपनी मां की गांड पड़कर अपने लंड का निशान उसकी चूत पर लगाया और पहले झटके में संजू का लंड पूरी तरह से आराधना की चूत में समा गया,,, और फिर संजू अपनी मां की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू कर दिया,,,, आराधना की पूरी तरह से मत होने लगी आराधना अपने बेटे की इसी अदा पर तो पागल हो जाती थी क्योंकि वह जहां नहीं छोड़ना चाहिए था वहां भी चोदना शुरू कर देता था वह किसी भी पल को मौके में बदल देता था,,,
Sanju apni ma k sath
और फिर देखते ही देखते जबरदस्त धकको के साथ एक बार फिर से संजू अपनी मां को खंडहर में चोद दिया था,,, पहले आराधना झड़ी और फिर संजू जोर-जोर से धक्के लगाता हुआ अपना गरम लव अपनी मां की चूत में उड़ैल दिया,,,, तीनों सही समय पर मुख्य सड़क पर आकर खड़े हो गए थे और 5 मिनट ही गुजरे थे कि बस आ गई थी और तीनों अपने गंतव्य स्थल का टिकट कटा कर बस में बैठ चुके थे,,,, तीनों थक चुके थे इसलिए बस में बैठते ही तीनों सो गए,,, संजू ने घर पर फोन कर दिया था कि वह तीनों आने वाले हैं इसलिए दूसरे दिन दोपहर में पहुंचते ही तीनों बस स्टैंड पर रिक्शा करके अपने घर की तरफ निकल गए पहले साधना अपने घर पर पहुंची और फिर संजु आराधना भी अपने घर पर पहुंच गए,,,।
बहुत ही कामुक और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैसंजू अपनी मां के साथ अपने घर पर पहुंच चुका था,,, दोपहर का समय होने की वजह से घर पर मोहिनी नहीं थी दोनों काफी थक चुके थे घर की एक चाबी आराधना के पास थी जिसे वह अपने पर्स में से निकाल कर ताला खोलकर कमरे में प्रवेश कर गई,,,, दोनों इतने थके हुए थे कि दोनों एक ही बिस्तर पर सो गए और वैसे भी दोनों को अब इस बात से फर्क नहीं पड़ता था कि दोनों कहां सो रहे हैं किसके साथ सो रहे हैं क्योंकि घर में संजू मोहिनी और आराधना तीनों आपस में खुल चुके थे,,,,, थकान की वजह से मां बेटे दोनों गहरी नींद में सोए हुए थे और सोते-सोते कब शाम ढलने लगी दोनों को पता ही नहीं चला मोहिनी को मनीषा से पता चल गया था कि संजू और उसकी मां दोनों घर पर आ रहे हैं इसलिए वह पूरी तरह से निश्चित तिथि आज वह मोहिनी के घर नहीं बल्कि अपने घर आने वाली थी क्योंकि जब से संजू और आराधना गांव गए थे तब से मोहिनी मनीषा के घर पर ही रहती थी और रोज रात रंगीन करती थी भले ही दोनों की चूत में मर्दाना लंड प्रवेश नहीं कर पा रहा था लेकिन दोनों ने आपस में ही अपना जुगाड़ बना रखी थी दोनों रोज एक दूसरे के अंगों से खेल कर एक दूसरे के अंगों को चाट कर मसल कर दबा कर आनंद ले लेती थी और चूत में बैगन ककड़ी डालकर लंड की पूर्ति कर लेती थी,,,।
शाम को मोहिनी अपने घर पर पहुंची तो बाहर से ताला खुला हुआ था और अंदर से दरवाजा बंद था वह समझ गई की उसकी मां और उसका बड़ा भाई दोनों घर पर आ चुके हैं इसलिए उसके चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी थी,,, इस बात की खुशी तो उसके मन में थी कि उसका बड़ा भाई और उसकी मां घर पर आ चुकी थी लेकिन इस बात की खुशी और भी ज्यादा थे कि आप उसकी भी रात रोज रंगीन होने वाली थी क्योंकि कुछ ज्यादा ही दिन गुजर गए थे उसे अपनी चूत में अपने भाई का लंड महसूस नहीं हो रहा था,,, मनीषा के साथ वह शारीरिक संबंध बनाकर उसके अंगों से खेलती जरूर थी लेकिन जो मजा उसे अपनी मां की चूत चाटने में आता था अपनी मां की बड़ी-बड़ी चूचियां दबाकर उसे मुंह में लेकर पीने में आता था वह मजा मनीषा से उसे उतना प्राप्त नहीं हुआ था हालांकि मनीषा दूसरे आनंद प्रमोद में डूबा देती थी लेकिन आराधना जितना मजा उसे मनीषा में नहीं आया था इसीलिए तो वह बहुत खुश नजर आ रही थी,,,।
मोहिनी दरवाजे पर दस्तक देने लगी,,,, लेकिन अभी भी आराधना के कमरे में दोनों मां बेटे एक ही बिस्तर पर एक दूसरे को बाहों में लिए चैन की नींद सो रहे थे,,,, मोहिनी जोर-जोर से दरवाजा खटखटा रही थी,,,, मोहिनी कुछ देर बाद,,, अपनी मम्मी को आवाज लगाते हुए दरवाजा खटखटाने लगी,,,,।
मम्मी,,,,ओ,,,, मम्मी,,,,, क्या कर रही हो,,,,,मममी,,,, अरे यार यह दोनों नहीं सुन रहे हैं,,,,।
(मोहिनी काफी देर से दरवाजे पर तुझ तक दे रही थी जिस तरह से दरवाजा बंद था और अंदर सन्नाटा छाया हुआ था उसे लेकर मोहिनी के मन में अजीब से ख्याल आने लगे थे वह अपनी मम्मी और अपने बड़े भाई की हरकत को अच्छी तरह से जानती थी वह दोनों कहीं भी शुरू हो जाते थे और उसे ऐसा ही लग रहा था कि शायद दोनों कमरे के अंदर चुदाई का खेल खेल रहे हैं तभी दरवाजा नहीं खोल रहे हैं,,,, थोड़ी देर बाद वह फिर से वह आवाज लगाते हुए दरवाजे पर दस्तक देने लगी,,,।)
मम्मी,,,,, क्या कर रही हो,,,,(एक बार तो उसका मन हुआ कि जोर से बोल दे की चुदवा रही हो क्या,,, लेकिन वह अपने आप पर काफी संयम रखी हुई थी लगातार वह दरवाजे पर दस्तक दे रही थी,,,, तभी थोड़ी देर बाद आराधना की नींद खुली,,, उसके कानों में दरवाजे की खटखटाहट की आवाज आ रही थी,,, वह एकदम से सक पका के उठकर बैठ गई,,,, उसके चूड़ियों की खनक सुनकर पास में सो रहा है संजू की भी नींद खुल गई और वह भी उठकर बैठ गया,,,,)
लगता है मोहिनी आ गई,,,,,(वह एकदम से बिस्तर से उठाते हुए बोली लेकिन उसके बिस्तर से उठने की वजह से हाथों में भरी हुई चूड़ियों की झांकने की आवाज एकदम मदहोश कर देने वाली रख रही थी संजू ने अपनी मां की चूड़ियों की खनक की आवाज को अपने अंदर महसूस करके एकदम उत्तेजना का अनुभव कर रहा था लेकिन इस समय वह कुछ कर सकता नहीं था लेकिन अपनी मां को बिस्तर से उठते हुए देखकर वह बोला,,,)
समय कितना हुआ है,,,
6:00 बज गए हैं,,,
बाप रे इतनी देर तक सोए रह गए,,,
वह तो अच्छा हुआ की मोहिनी आ गई है वरना सोए ही रह जाते,,,,(इतना कहते हुए आराधना अपनी साड़ी को दोस्ती करके अपने कमरे में से बाहर निकल गई पीछे-पीछे संजू भी कमरे से बाहर आ गया दरवाजे पर अभी भी दस्तक हो रही थी बाहर खड़ी मोहिनी अपनी मां की चूड़ियों की खनक और पायल की छनक की आवाज को अच्छी तरह से पहचानती थी,,, इसलिए पल भर में उसके चेहरे पर राहत की रेखाएं साफ झलकने लगी,,,, वह दरवाजे पर दस्तक देना एकदम से बंद कर दी थी और थोड़ी देर में आराधना दरवाजा खोल दी दरवाजा के खुलते ही मोहिनी काफी दिनों बाद अपनी मां की खूबसूरत चेहरे को देख रही थी इसलिए उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे और यही हाल आराधना का भी था अपनी बेटी को अपनी आंखों के सामने देखकर वह भी एकदम से खुश हो गई और उसे अपने गले लगा ली,,,, कमरे के अंदर प्रवेश करते हुए मोहिनी बोली,,,)
तुम दोनों कर क्या रहे थे मैं इतनी देर से दरवाजा खटखटा रही हूं लेकिन कोई आवाज ही नहीं आ रही है कहीं तुम दोनों शुरू तो नहीं हो गए थे,,,,(जिस तरह का तीनों के बीच रिश्ता था उसे देखते हुए मोहिनी एकदम खुल चुकी थी इसलिए उसके मुंह से इस तरह की बात सुनकर ना तो संजू को ताजजुब हुआ था ना हीं आराधना को वह दोनों मुस्कुरा रहे थे और मुस्कुराते हुए आराधना बोली,,,)
पागल हो गई है क्या तुझे हर वक्त यही सुझता रहता है,,, बस के सफ़र से इतना थक गए हैं कि हम दोनों नहाए भी नहीं है बस बिस्तर पर पड़े तो पड़े रह गए,,,,।
ओहह तुम दोनों को देखकर ऐसा ही लग रहा है अच्छा एक काम करो जल्दी से तुम दोनों नहा कर फ्रेश हो जाओ मैं तब तक तुम दोनों के लिए चाय बना देता हूं उसके बाद खाना भी बना दूंगी,,,,।
नहीं तु चाय बना दे खाना में बना लूंगी,,,,,
ठीक है,,,,।
(संजू काफी देर से अपनी बहन की छातियो की तरफ देख रहा था जिसके ऊपर कुछ हद तक और भी ज्यादा बेहद खूबसूरत नजर आ रहे थे,,, संजू से रहा नहीं गया और वह अपना हाथ बढ़ाकर अपनी बहन की छाती पर रखकर उसकी चूची दबाते हुए बोला,,,)
वाह मोहिनी तेरी चुची तो बहुत मस्त हो गई है,,,।
आहहहह,,,,(संजू से मोहिनी को इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी इसलिए संजू की तरह की हरकत से बचपन से क्यों कभी जीवन हल्का सा दर्द अपनी छतिया में महसूस कीजिए और दर्द से हल्की सी कराहते हुए वह बोली,,,)
क्या भैया क्या कर रहे हो,,,,
कुछ नहीं रे तेरी जवानी का अंदाजा ले रहा हूं,,,।
(दोनों की मीठी छेड़छाड़ देखते हुए आराधना मुस्कुराते हुए बोली)
तुझे बड़ी जल्दबाजी है रात को आराम से देख लेना,,,
हां यह भी ठीक है मम्मी,,,,(अपनी बहन की तरफ देखकर आंख मारते हुए वह बोला,,, और यह देखकर मोहिनी मुस्कुराते हुए रसोई घर में चली गई,,,,,। तीनों में किसी भी प्रकार की मर्यादा का बंधन नहीं था तीनों एक दूसरे के प्रति एकदम खुल चुके थे इसीलिए बाथरूम का दरवाजा खुला हुआ था और आराधना बाथरूम के अंदर अपनी साड़ी उतार रही थी,,, उसे अपने बेटे और बेटी के सामने किसी भी प्रकार की झिझक नहीं होती थी पर यह उसके लिए अच्छा भी था और वह इसे अच्छा भी समझती थी,,, एक औरत होने के नाते अपने बदन की प्यास को देखते हुए उसे यह सब कुछ अच्छा ही लगता था और वह सोच भी रही थी कि एक औरत को इसी तरह से रहना चाहिए क्योंकि इसी तरह से औरत असली सुख जिंदगी का ले सकती है और वह ले रही थी देखते-देखते वह अपने बेटे की आंखों के सामने अपनी साड़ी उतार कर अपने ब्लाउज का बटन खोलकर उसे अपने हाथों से उतार दी लेकिन ब्रा का हुक खोलने के लिए संजु खुद बाथरूम में प्रवेश कर गया और अपनी मां की ब्रा का हुक खोलकर उसे उसकी गोरी गोरी बाहों में से निकाल कर बाथरूम में फेंक दिया,,,, आराधना को बिल्कुल भी इस बात की चिंता नहीं थी की रसोई घर में उसकी जवान बेटी चाय बना रही है और फिक्र होती भी कैसे उसकी बेटी खुद जवानी का मजा दोनों के साथ मिलकर ले रही थी इसलिए आराधना भी निश्चित थी,,,, देखते ही देखते कमर से बंधी हुई साड़ी को भी संजू अपने हाथों से निकाल कर नीचे गिरा दिया,,,।
मोहिनी आंखों के नीचे करतब शुरू हो गया था मोहिनी अनजान थी कि बाथरूम में क्या हो रहा है माहौल पूरी तरह से धीरे-धीरे गर्म होने लगा था और गर्म करने वाला था संजू क्योंकि कुछ देर पहले ही बिस्तर पर अपनी मां की चूड़ियों की खनक की आवाज सुनकर वह उत्तेजित हो चुका था और फिर अपनी बहन की चूची पर हाथ रखकर वह अपने लंड में अकड़न महसूस किया था और फिर अपनी आंखों के सामने ही अपनी मां को कपड़े उतारते हुए देख कर वह पूरी तरह से मस्त हो गया और इसी अवसर का,,, फायदा उठाते हुए संजू अपनी मनमानी करने पर उतारू हो चुका था और जिसमें खुद आराधना की भी सहमति नजर आ रही थी क्योंकि वह किसी भी तरह से अपने बेटे को रोकने का प्रयास नहीं कर रही थी बल्कि उसकी हरकतों का आनंद ले रही थी,,,,।
जब से इस खेल में संजू ने मोहिनी को शामिल किया था तब से वह पूरी तरह से खुल चुका था और संजू ही नहीं मोहिनी और आराधना भी पूरी तरह से खुल चुके थे और इस खुलेपन में ही वह तीनों स्वर्ग का आनंद लूट रहे थे,,,, ब्लाउज खुद आराधना ने अपने हाथों से उतरी थी और ब्रा को उतारने का सौभाग्य संजू को प्राप्त हुआ था और वह खुद अपने हाथों से अपनी मां की साड़ी को खोलकर बाथरूम में नीचे गिरा दिया था वह केवल पेटीकोट में थी सिर्फ़ पेटिकोट की डोरी खोलने की देरी थी और उसकी मां पूरी तरह से नंगी हो जाती लेकिन वह अपनी मां को संपूर्ण रूप से नग्नावस्था में चोदना नहीं चाहता था,,,,,, संजू कुछ देर तक अपनी मां की नंगी चूची से खेलना चाहता था इसलिए वह दोनों हाथों को आगे की तरफ लाकर अपनी मां के दोनों खरबूजा को पकड़ लिया और उसे दबाना शुरू कर दिया,,,, खुद आराधना भी अपने बेटे की कामुक हरकत की वजह से गर्म हो चुकी थी,,,, आराधना को अपने बेटे पर गर्व हो रहा था खास करके उसकी मर्दाना ताकत पर जिस तरह से वह एक साथ दो-दो औरतों की जमकर चुदाई करता था और वह भी बिना थके कि वह देखने और महसूस करने लायक था,,,। आराधना अपने बेटे की हरकत से इस बात से और ज्यादा उत्तेजित हो जाती थी कि उसका बेटा सिर्फ मौके की तलाश में रहता था वह जगह और समय बिल्कुल भी नहीं देखा था जैसा कि गांव से घर से निकलते समय रास्ते में खंडहर के अंदर ही दोपहर के समय ही वह दोनों बहनों की बराबर से बड़ी-बड़ी से ले लिया था और दोनों को पूरी तरह से संतुष्ट किया था और बस के अंदर भी वह चुदाई का सुख भोग लिया था,,,, और अब अपनी बहन की उपस्थिति में ही वह बाथरूम के अंदर शुरू हो चुका था,,,।
संजू की हरकत की वजह से आराधना पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी खास करके संजू का लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था और वह सीधे पेटिकोट के ऊपर से ही आराधना की गांड में दस्तक दे रहा था,,,, आराधना को अपनी गांड पर अपने बेटे के लंड की चुदाई बहुत ही ज्यादा उत्तेजित कर देने वाली और मदहोश बना देने वाली लग रही थी इसीलिए उत्तेजित होते हुए आराधना अपनी गोल गोल गांड को अपने बेटे के लंड पर गोल-गोल घूमाना शुरू कर दी थी इससे वह खुद उत्तेजित हो रही थी और अपने बेटे को भी मस्त कर रही थी,,।
कुछ देर रुक गया होता मोहिनी चाय बना रही है अगर वह आ गई तो,,,
तो क्या हो गया मम्मी मोहनी को भी अंदर खींच लेंगे और फिर एक साथ तुम मां बेटी दोनों की चुदाई होगी,,,(संजू इस तरह से अपनी मां की चूची को दबाते हुए और अपने लंड को अपनी मां की गांड पर गोल-गोल घूमते हुए बोला,,,)
सच में तु बहुत बेशर्म हो चुका है,,,।
गांव में तुम दोनों रंडी होना जिस तरह का सुख मुझे दिया है उसे पकड़ तो दुनिया का कोई भी मर्द बेशर्म बन जाए और बेशर्म बनने में ही सबसे ज्यादा मजा है वरना इस तरह का सुख भला किसे प्राप्त होगा,,,(संजू उसी तरह से अपनी मां की चूची को रगड़ते हुए बोला,,,)
चल रहने दे अब जल्दी कर मुझे नहाना भी है,,,,
बिल्कुल भी चिंता मत कर रानी अभी तेरी चूत में लंड डालता हूं,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां की चूचियों पर से अपने दोनों हाथ को हटाकर,,, वह अपनी मां की पेटीकोट को पकड़ लिया और उसे धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठने लगा देखते देखते संजू अपनी मां की पेटीकोट को कमर तक उठा दिया था और कमर तक पेटिकोट के उड़ने ही उसकी गोरी गोरी गांड पर लिपटी हुई उसकी लाल रंग की चड्डी नजर आने लगी,,, जिसे संजू बिल्कुल भी देर ना करते हुए अपने हाथों से अपनी मां की चड्डी को नीचे खींचते हुए से घुटनों तक लेकर आया और फिर,,, अपनी मां की पीठ पर हाथ रख कर उसे दबाव देकर झुकने के लिए इशारा करने लगा उसकी मां भी जानती थी कि उसे क्या करना है और वह भी अपने बेटे का इशारा पाकर झुक कर अपनी गांड को हवा में ऊपर उठा दी बस इसी का इंतजार था समझो को और संजू एक झटके में अपने पेट को उतार कर अपने खड़े लंड को बाहर निकाल लिया,,, और फिर एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की गुलाबी चूत के अंदर प्रवेश कर दिया,,, चूत पहले से ही पनियाई हुई थी,,, इसलिए एक झटके में ही संजु का लंड पूरी तरह से चुत की गहराई में समा गया,,, आराधना की चूत अंदर से बेहद गर्म थी मानो कि जैसे कोई भट्टी जल रही हो लेकिन संजू भी काम नहीं था संजू का लंज भी गरम लोहा था जितना तपता था उतना ज्यादा मजबूत बनता था उतना ज्यादा निखर कर आता था और इस समय भी वही हो रहा था,,,, संजू की जगह अगर किसी और का लंड होता तो शायद आराधना की चूत की गर्मी वह सहन नहीं कर पाता और पहले झटके में ही ढेर हो जाता,,,
लेकिन आराधना से मुकाबला करने वाला उसका खुद का बेटा संजू था जो कि उसकी ही चुत से बाहर आकर खरा सोना बन चुका था,,, और अपने मर्दाना अंग से अपनी मां की चूत की गर्मी को शांत कर रहा था,,,,
संजू अपनी मां की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था उसका मोटा तगड़ा लंड एकदम आराम से उसकी मां की चूत की गहराई तक पहुंच रहा था वह अपनी मां को गचागच चोद रहा था,,, वैसे भी संजू को अपनी मां की चुदाई करने में बहुत मजा आता था जो सुख उसे अपनी मां की चूत से प्राप्त होता था गाना तो अपनी मौसी की चूत से प्राप्त होता था और नहीं अपनी मामियों की चूत से यहां तक की चूत को लेकर अगर उसे ऊपर से नीचे क्रमांक में रखना हो तो वह 1 से 10 के अंदर अपनी मां की चूत को ही रखेगा बाकी इसके बाद के क्रमांक में ही आते हैं क्योंकि उम्र के इस दौर में भी उसकी मां की चूत एकदम जवानी से भरी हुई लड़की की तरह एकदम कसी हुई थी जिसमें उसका मोटा तगड़ा लंड एकदम फिट बैठता था,,,।
संजू के हर एक धक्के से आराधना पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,, उसके मुख से गरमा गरम शिसकारी की आवाज निकल रही थी,,,,,, यह पल बेहद उन्मादक था,,, आराधना सोची नहीं थी कि उसका बेटा ऐसे समय पर बाथरूम नहीं शुरू हो जाएगा लेकिन संजू से इस मामले में भी उसे कोई गीला शिकवा नहीं था,,,,,,,,, गजब की ताकत दिखा रहा था संजु उसका हर एक धक्का आराधना के बच्चेदानी तक पहुंच रहा था और हर एक हक्के पर आराधना छल जा रही थी उसे इतना मजा आ रहा था कि पूछो मत उसकी भारी भरकम गोल-गोल कर पानी भरे गुब्बारे की तरह लहरा रही थी संजू का हर एक धक्का उसकी बड़ी-बड़ी गांड पर ऐसा पड़ रहा था कि मानो जैसे शांत तालाब में कंकर मारा जा रहा हूं हर एक धक्के पर मक्खन जैसी गांड लहर उठ रही थी,,,।
मोहिनी दोनों से बेखबर अपनी मां और अपने बड़े भाई के लिए चाय बना रही थी क्योंकि वह लोग काफी थके हुए थे लेकिन वह कहां जानती थी कि उसका बड़ा भाई और उसकी मम्मी दोनों सफर का थकान भुलकर चुदाई का सुख भोग रहे हैं,,, संजू को बड़ा मजा आ रहा था संजू कभी अपनी मां की कमर पकड़ लेता तो कभी उसके दोनों खरबुजो को अपनी हथेली में लेकर मसलते हुए अपनी कमर हिला रहा था,,,।
संजू और ज्यादा उत्तेजित हुआ जा रहा था उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था ,,, ऐसा लग रहा था कि वह अपनी मां की चूत में ही घुस जाएगा इसलिए वह अपना लंड धीरे से निकाल कर अपनी मां को अपनी तरफ घुमा दिया और उसे अपनी बाहों में लेकर उसकी दोनों टांगों को उठाकर,,, अपनी कमर से लपेटते हुए उसे गोद में उठा लिया,,, और एक बार फिर से अपने खड़े लंड को अपनी मां की चूत में प्रवेश कराकर उसे धीरे से दीवार से सटा दिया,, और फिर धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया,,, आराधना उसे बिल्कुल भी मना नहीं कर रही थी,,, क्योंकि वह अपने बेटे को अच्छी तरह से जानती थी वह जो कुछ भी करता था उसे आराधना को मजा और संतुष्टि दोनों प्राप्त होती थी और इसमें आराधना की भलाई रहती थी इसलिए संजू का साथ देते हुए गरमा गरम आहे भर रही थी संजू और उसकी मां दोनों चरम सुख के बेहद करीब पहुंच गए थे संजू एकदम से उसे अपनी बाहों में दबोचते हुए अपने धक्के को तेज कर दिया और फिर देखते ही देखते दोनों एक साथ झड़ना शुरू हो गए,,,।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गयाएक रंगीन रात गुजारने के बाद तीनों की नींद दूसरे दिन थोड़ा देर से खुली वैसे भी आज उन तीनों को गांव से जाना था इसलिए किसी ने उन्हें जगाने की कोशिश भी नहीं किया वैसे भी घर के लोगों को उन लोगों का जाना अच्छा भी नहीं लग रहा था खास करके संजू का क्योंकि संजू ने जिस तरह से अपनी मर्दानगी का पर्चा घर की तीनों औरतों को दिया था वह तीनों पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी और सबसे छोटी वाली को तो मां बनने का सुख भी देने का वादा किया था और लगभग उसमें कामयाब भी हो चुका था जिसका एहसास संजू की छोटी वाली मामी को बहुत जल्द होने वाला था,,,,।
आराधना की मादक अंदाज
दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज सुनकर तीनों की नींद खुली तो तीनों एकदम से भौचकके रह गए,,, क्योंकि तीनों अपनी स्थिति पर नजर डालते ही उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वह तीनों पूरी तरह से नंगे थे,,,, रात को जिस तरह का संजू ने अपनी मर्दाना ताकत का प्रदर्शन किया था उसे देखकर दोनों बहने पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी वैसे तो दोनों को संजू की मर्दाना ताकत पर बिल्कुल भी शक नहीं था लेकिन उन दोनों ने कभी संजू के द्वारा गांड नहीं मरवाई थी लेकिन संजू की जीद के आगे दोनों को झुकना पड़ा था और यह तो दुनिया जानती है कि मर्द के आगे औरत जब झुकती हो तो क्या होता है,, और वही उन दोनों औरतों के साथ भी हुआ था संजू अपनी मां और मौसी दोनों की बराबर गांड मरा था और एक बार नहीं सुबह के 4:00 बजे तक लगभग तीन बार दोनों औरतों की गांड मार चुका था और वह भी बारी-बारी से हालांकि पहले गांड चुदाई से ही दोनों औरतें पूरी तरह से पस्त हो चुकी थी और नींद की आगोश में चली गई थी,,, और संजू इतना जोश से भरा हुआ था कि नींद में ही अपनी मां और अपनी मौसी दोनों की गांड दो बार और मारा था,,,, वह दोनों पूरी तरह से होश में नहीं थी गहरी नींद में थी लेकिन फिर भी दोनों बराबर मजा ले रही थी क्योंकि गहरी नींद में होने के बावजूद भी उन दोनों को संजू का लंड अपनी गांड के छेद में बराबर महसूस हो रहा था जिसकी वजह से उनके मुंह से रह रहकर,,, सिसकारी के साथ-साथ कराहने की आवाज भी आ रही थी,,,,, संजू ने दोनों को पूरी तरह से तृप्त कर दिया था और खुद भी पूरी तरह से संतुष्ट हो चुका था और यही वजह थी कि सुबह देर तक तीनों सोए रह गए थे तभी तो दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज के साथ तीनों एकदम से हड़बड़ा कर उठकर बैठ गए थे और तीनों इस समय एक ही बिस्तर पर पूरी तरह से नग्नवस्था में ही थे,,,
बाप रे आज उठने में बहुत देर हो गई,,,(संजू जल्दी से बिस्तर से नीचे उतरकर अपनी चड्डी पहनते हुए बोला बाहर बार-बार दरवाजे पर दस्तक हो रही थी संजू जानता था कि दरवाजे पर उसकी बड़ी मामी है और इस समय बिस्तर पर अपनी मां और अपनी मौसी दोनों को नंगी देखकर संजू समझ गया था कि दरवाजा खोलना उचित बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि इतनी देर में दोनों औरतें अपने वस्त्र पहनने में एकदम विवश है और उनसे इतनी जल्दी अपने कपड़े पहने भी नहीं जाएंगे,,,, और यही चिंता दोनों औरतों को भी थी आराधना और साधना दोनों एक दूसरे का मुंह देख कर संजू की तरफ देख रही थी संजू दोनों की स्थिति को जान गया था इसलिए अपनी पेंट पहनते हुए बोला,,,)
आराधना बिस्तर पर अपनी जवानी बिखेरती हुई
हां मामी तुम जाओ मैं,,,, मम्मी और मौसी दोनों को जगाता हूं यह दोनों अभी सो रही हैं,,,,
ठीक है संजू बेटा जल्दी से जगा देना और जल्दी से तैयार हो जाना मैं नाश्ता तैयार कर देता हूं क्योंकि बस 10:00 बजे की है अगर समय पर नहीं पहुंच पाओगे तो आज फिर कोई बस नहीं है फिर कल सुबह इंतजार करना पड़ेगा,,,
ठीक है मामी,,,,
(संजू बंद दरवाजे के पीछे की हलचल को पहचानने की कोशिश कर रहा था और थोड़ी ही देर में उसकी मामी दरवाजे पर से चली गई तब जाकर तीनों की जान में जान आई संजू की मामी के जाते ही दोनों औरतें बिस्तर पर से नीचे उतरी और अपनी चड्डी ब्लाउज ब्रा ढूंढना शुरू कर दि और फिर धीरे-धीरे जैसे-जैसे कपड़े मिलते गए पैसे वैसे दोनों अपने बदन पर डालते चले गए,,,, संजू अच्छी तरह से देख रहा था कि दोनों की चाल कुछ बदली हुई लग रही थी,,,, और वह जानता था कि यह किस वजह से है इसलिए चुटकी लेते हुए बोला,,,।
तुम दोनों कुछ ज्यादा लंगड़ा कर नहीं चल रही हो,,,
हरामजादे,,,(आराधना अपनी गांड पर हाथ रखते हुए) रात भर गांड मारा है तो चाल तो बदलेगी ही,,, जरा भी रहम नहीं किया तूने,,,
अपने बेटे को मजा देती हुई आराधना
सही कह रही आराधना तेरा बेटा बहुत जल्दी है एक बार घुसाया तो फिर सांड की तरह लग रह गया,,,
तुम दोनों भी तो गांड मेरे सामने गांड उठाकर हिला रही थी तो मैं क्या करता मैं भी चढ़ गया,,,,,
चल अब रहने दे,,,, जल्दी चल नहा कर तैयार होना है,,, वरना समय पर नहीं पहुंचे तो बस छूट जाएगी,,,
तो क्या हुआ अच्छा ही होगा एक रात और यहां पर रहने का मौका मिल जाएगा और फिर आज की रात फिर मैं तुम दोनों की गांड मारूंगा,,,
नहीं नहीं रहने दे,,,, यहां रुक जाते लेकिन आज रात की तेरी हरकत देखकर हिम्मत नहीं हो रही है,,,(आराधना फिर से अपनी हथेली को अपने पिछवाड़े पर रखते हुए बोली तो संजू मुस्कुराता हुआ आगे पड़ा और अपनी मां की गांड पर जोर से चपत लगाते हुए बोला,,,)
मेरी रानी बोल तो ऐसा रही हो कि जैसे तुम्हें मजा ही नहीं आया,,, रात भर दोनों रंडियां मजे ले रही थी और फिर सुबह नखरा दिखा रही हो,,,,
Ma bete dono ek dusre ko mast karte huye
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कमरे से बाहर निकाल आराधना तेरे बेटे का भरोसा नहीं है देख तेरी गांड पर हाथ रखा है कहीं ऐसा ना हो कि एक बार फिर से हम दोनों की गांड मार ले,,,,(साधना मुस्कुराते हुए बोली और उसकी बात सुनकर संजू और उसकी मां दोनों हंसने लगे और तीनों कमरे से बाहर निकल गए,,, घर में तीनों की कामलीला के बारे में किसी को कानो कान खबर तक नहीं थी सिवाय लल्ली के,,,, इसलिए वह तीनों हमेशा घर के सभी सदस्य के सामने एकदम सहज रहते थे और किसी को बिल्कुल भी साथ ही नहीं होता था कि एक ही कमरे में तीनों कौन सा गुल खिला रहे हैं,,,।
तीनों समय पर नहा धोकर तैयार हो गए और नाश्ता करके जाने के लिए तैयार भी हो गए थे संजू की बड़ी मामी खाने के लिए पूरी और सब्जी उनके टिफिन में भर दी थी ताकि रास्ते में तीनों खा ले उन तीनों को विदा करने के लिए घर के सभी सदस्य मौजूद थे संजू की छोटी वाली मामी भी उन तीनों की विदाई पर आ चुकी थी और उसके छोटे वाले मामा भी थे,,,, संजू की तीनों मामियों की आंखों में आंसू थे संजू से बिछड़ने का गम तीनों को महसूस हो रहा था और तीनों का गम भी एक ही था जो कि संजू अपने लंड से दूर करता रहा था,,,, संजू भारी-भारी से घर के सभी सदस्य के पैर छू रहा था संजू का यह व्यवहार बिल्कुल विरोध था वह पैर छूकर जल्द ही दोनों पैरों के बीच आ जाता था और ऐसा उसने तीनों मामियों के साथ किया था पहले पैर छुआ था और फिर अपने हाथों से तीनों की टांगे भी खोला था,,,,,,
Sanju apni mausi k sath
minnco
अंतिम में वह अपनी बड़ी मामी के पास आया और बाकी के लोग साधना और आराधना से मिलने में व्यस्त हो गए थे और उसी का फायदा उठाते हुए संजू तिरछी नजर से सब की तरफ देखकर तुरंत अपनी मामी का पैर छूकर खुद ही उनसे गले मिलने लगा और गले मिलते हुए उसने अपनी मामी को अपनी बाहों में लेकर कस के उसे अपनी तरफ दबा लिया था और ऐसा करते हुए उसे वह पल भर में ही उसकी भरावदार नितंबों पर हाथ रखकर उसे कस के दबोच दिया था और साथ ही तुरंत अपना हाथ आगे की तरफ लाकर एक हाथ से अपनी बड़ी मामी की चूची को दबा दिया था संजू की यह हरकत से वह पूरी तरह से चौंक गई थी,,, और तुरंत अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर देखने लगी थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है लेकिन उसकी किस्मत अच्छी थी कि कोई भी उन दोनों की तरफ देखा नहीं रहा था और यह देखकर संजू की बड़ी मामी संजू की तरफ देखकर मुस्कुराती संजू की इतनी हरकत से ही उसकी चूत एकदम से गीली हो गई थी और यही तो संजू के मर्दाना ताकत का असर था संजू पल भर में ही किसी भी औरत को पानी पानी कर देने में पूरी तरह से सक्षम था,,,।
यहां से मुख्य सड़क तक का रास्ता बेहद ऊपर खबर था केवल दो पहिया वाला वहां ही यहां से गुजर सकता था इसीलिए उन तीनों को मुख्य सड़क तक पैदल ही जाना था कुछ दूरी तक घर के सभी सदस्य उन तीनों के साथ आए और फिर उन तीनों ने ही उन्हें वापस लौट जाने के लिए बोला क्योंकि धूप तेज हो रही थी और फिर यहां से तीनों अकेले ही मुख्य सड़क की तरफ जाने लगे बीच में खंडहर आते ही तीनों की नजर उसे खंडहर पर पड़ी तो तीनों के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,, साधना जो कि इस खंडहर में बीते पल को अपने मन में पूरी तरह से संजो लेना चाहती थी वह तुरंत अपने हाथ में पड़े हुए बैग को नीचे रखते हुए बोली,,,,।
Sanju lalli k sath
यह खंडहर में जिंदगी में नहीं पहुंच सकती यह खंडहर अपने तीनों के मिलन की निशानी है इसलिए मुझे इस खंडहर में जाकर पेशाब करना होगा क्योंकि मुझे बड़े जोरों की पेशाब भी आई है,,,(और इतना कहकर वह खंडहर की तरफ जाने लगी,,, वैसे भी गांव का यह रास्ता एकदम सन्नाटे से भरा होता है दोपहर में भी यहां इक्का-दुक्का लोग ही नजर आते हैं जो कि शहर की तरफ या बाजार की तरफ जाते हैं तब और वैसे भी दोपहर का समय था इसलिए यहां से कोई आने जाने वाला नहीं था और यही सोचकर संजु अपनी मां की तरफ देखा और उसे आंख मार कर इशारा किया,,, आराधना अपने बेटे के इशारे को अच्छी तरह से समझ गई इसलिए तो आश्चर्य से उसका मुंह खुला का खुला रहेगा वह अपने बेटे को कुछ कह पाती से पहले वह भी अपना बैग जमीन पर रखकर जल्दी से खंडहर में घुस गया आराधना एकदम साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसकी आंखों के सामने उसकी बड़ी बहन दीवार की ओट में जो की आधा दीवार से छिपी हुई थी राधा नजर आ रही थी वह बैठकर पेशाब कर रही थी और संजू ठीक उसके पीछे जाकर अपने पेट की चैन खोलकर अपने लंड को बाहर निकाल कर उसे आराधना के आश्चर्य के बीच हिलाना शुरू कर दिया था यह देखकर आराधना एकदम से चौंक गई थी क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि संजू पेशाब करने जा रहा है लेकिन वह अपनी मौसी के ठीक पीछे खड़ा कर अपने लंड को हिला हिला कर तैयार कर रहा था पल भर में संजू के इरादे को भांप कर आराधना के तन बदन में सिरहन सी दौड़ने लगी,,,, इस बात से साधना बिलकुल बेखबर थी कि पीछे खड़ा संजू क्या कर रहा है उसे ऐसा ही लग रहा था कि संजू पेशाब कर रहा है लेकिन जैसे ही वह पेशाब करने के बाद खड़ी हुई और अपनी चड्डी को ऊपर करने के लिए अपने हाथों की उंगलियों का सहारा ली वैसे ही संजु तुरंत उसके पीछे जाकर उसकी साड़ी को कमर तक उठा दिया,,, संजू की हरकत से साधना एकदम से हैरान हो गई और कुछ समझ पाती से पहले ही संजू अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाकर अपनी मौसी को उसकी पीठ पर हाथ रखकर उसे झुकने के लिए इशारा किया,,, और फिर संजू अपने लंड को अपनी मौसी की चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया और अपनी मां की तरफ देखकर जोर से चिल्लाता हुआ बोला,,,।
Apne mama ki ladki k sath sanju
मम्मी कोई दिखाई दे तो आवाज देना,,,।
(उसकी मम्मी क्या कहती है वह तो संजू की हरकत से और उसकी बात सुनकर एकदम शर्म से पानी पानी में जा रही थी हालांकि संजू के साथ रात रंगीन करने के बावजूद भी आराधना संजू की किसी-किसी हरकत पर शर्मिंदगी से भर जाती थी और उत्तेजित भी हो जाती थी और इस समय भी उसके साथ यही हो रहा था जहां एक तरफ वह संजू की हरकत से शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी वहीं दूसरी तरफ उसकी चूत में भी पानी इकट्ठा होने लगा था वह भी उत्तेजित होने लगी थी वह बराबर देख रही थी कि संजू उसकी बड़ी बहन की कमर पकड़ कर जोर-जोर से अपनी कमर हिला रहा था,,,,।
संजू की हरकत इतनी मादकता से भरी हुई और इतनी उत्तेजनात्मक पूर्ण थी कि साधना अपनी उत्तेजना पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई और गहरी गहरी सांस लेते हुए झड़ना शुरू कर दी यही तो संजू की मर्दाना ताकत की करामात थी पल भर में ही संजू अपनी मौसी को पानी पानी करते हुए उसे झाड़ दिया था लेकिन खुद झडा नहीं था इसलिए अपनी मौसी के झड़ने के बाद वहां दो-चार धक्के लगाने के बाद अपना खड़ा लंड अपनी मौसी की चूत से बाहर निकाल लिया और अपनी मौसी से बोला,,,)
Lalli or sanju
अब तुम जाओ मौसी और मम्मी को जल्दी से भेजो,,,,।
(इतना कहते हुए संजू अपने हाथों से ही अपने लंड को मुठीयाना शुरू कर दिया और साधना जल्दी से अपनी चड्डी को ऊपर चढ़ा कर अपनी साड़ी के नीचे गिरा दी,,, और फिर मुस्कुराते हुए खंडहर से बाहर आ गई,,, संजू को खंडहर में खड़ा होकर अपना लंड हिलता हुआ देखकर और मुस्कुराते हुए अपनी बड़ी बहन को बाहर आता हुआ देख कर आराधना का दिल जोरो से धड़क रहा था,,,, और जैसे ही साधना उसके पास आई और वही हुआ जो आराधना के मन में चल रहा था साधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)
जा जल्दी जा तेरा बेटा तुझे चोदने के लिए बुला रहा है,,, मैं तब तक यहां खड़ी होकर देखती हूं,,,
Sanju apni mausi k sath
यह क्या कह रही हो दीदी थोड़ा तो शर्म करो कोई देख लेगा तो गजब हो जाएगा,,,(आराधना अपने चारों तरफ नजर घूमाते हुए बोली,,, एक तरफ वह अपनी बहन की बात मानने से अपने बेटे की हरकत से नाराज होने का ढोंग भी कर रही थी और अंदर ही अंदर उसे अपने बेटे की हरकत का मजा लेने का मन भी कर रहा था इसलिए तो वह चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कोई दिखाई तो नहीं दे रहा है और चारों तरफ सन्नाटा छाया हुआ था कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था,,, इसलिए उसके मन में भी अपने बेटे की हरकत का आनंद लेने की उत्सुकता बढ़ने लगी,,,,)
Aradhna kuch is tarah se
अरे कुछ नहीं होगा जा तो सही तेरा बेटा आज कुछ ज्यादा ही जोश में ही देख कितनी जल्दी मेरा पानी निकाल दिया,,,।
नहीं दीदी मुझे शर्म आ रही है,,,(एक तरफ वह शर्माने का नाटक भी कर रही थी और दूसरी तरफ अपने बेटे की तरफ भी देख रही थी जो कि बड़े जोर से अपने लंड को ऊपर नीचे करके हिला रहा था और उसे अपनी तरफ बुला रहा था यह एक बेहद मदहोश कर देने वाली स्थिति थी,,,, एक बेटा अपने लंड को हाथ में लेकर अपनी मां को अपने पास बुला रहा था चोदने के लिए,,,,)
Sanju khandhar wali jagZh par apni ma k sath
अब चल ज्यादा बन मत,,, रात भर गांड खोलकर मरवाई है और अब शर्माने का नाटक कर रही है जा जल्दी(आराधना को धक्का देते हुए) तेरा बेटा पागल हुआ जा रहा है,,,।
अब तो आराधना से भी रहा नहीं जा रहा था वह पूरी तरह से मत हो चुकी थी अपने बेटे मिलन के लिए वह अपने बेटे से एकाकार होना चाहती थी,,, उसकी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और वह एक बार फिर से अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर,,, वह एक बार फिर से तसल्ली कर लेना चाहती थी कि कहीं कोई देख तो नहीं रहा है और फिर तसल्ली कर लेने के बाद वह खंडहर की तरफ आगे बढ़ने लगी उसके एक-एक कदम आगे बढ़ाते हुए उसका दिल जोरों से धड़क रहा था,,,,,, और देखते ही देखते हो अपने बेटे के एकदम करीब पहुंच गई तो वह तुरंत अपनी मां का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए बोला,,,)
कितना देर कर रही हो मेरी जान,,,,(और इतना कहने के साथ ही वह अपनी मां को घुमा दिया और पैसे में उसकी पीठ संजू के सामने हो गई और संजू खुद अपनी मां की साड़ी को कमर तक उठा दिया और अपने हाथों से उसकी चड्डी पकड़ कर नीचे करने लगा और जैसे ही उसकी चड्डी घुटने तक आई आराधना दीवार पड़कर झुक गई और अपनी गोल गोल गांड को हवा में ऊपर उठती संजू अपनी मां की गांड पड़कर अपने लंड का निशान उसकी चूत पर लगाया और पहले झटके में संजू का लंड पूरी तरह से आराधना की चूत में समा गया,,, और फिर संजू अपनी मां की कमर पकड़ कर उसे चोदना शुरू कर दिया,,,, आराधना की पूरी तरह से मत होने लगी आराधना अपने बेटे की इसी अदा पर तो पागल हो जाती थी क्योंकि वह जहां नहीं छोड़ना चाहिए था वहां भी चोदना शुरू कर देता था वह किसी भी पल को मौके में बदल देता था,,,
Sanju apni ma k sath
और फिर देखते ही देखते जबरदस्त धकको के साथ एक बार फिर से संजू अपनी मां को खंडहर में चोद दिया था,,, पहले आराधना झड़ी और फिर संजू जोर-जोर से धक्के लगाता हुआ अपना गरम लव अपनी मां की चूत में उड़ैल दिया,,,, तीनों सही समय पर मुख्य सड़क पर आकर खड़े हो गए थे और 5 मिनट ही गुजरे थे कि बस आ गई थी और तीनों अपने गंतव्य स्थल का टिकट कटा कर बस में बैठ चुके थे,,,, तीनों थक चुके थे इसलिए बस में बैठते ही तीनों सो गए,,, संजू ने घर पर फोन कर दिया था कि वह तीनों आने वाले हैं इसलिए दूसरे दिन दोपहर में पहुंचते ही तीनों बस स्टैंड पर रिक्शा करके अपने घर की तरफ निकल गए पहले साधना अपने घर पर पहुंची और फिर संजु आराधना भी अपने घर पर पहुंच गए,,,।