संजू की बड़ी मामी अपनी बेटी और संजू के बीच के अवैध रिश्ते के बारे में संजू को डांट लगाना चाहती थी उसे धमकाना चाहती थी लेकिन यह नहीं जानती थी कि संजू बातों का जादूगर है और अपने इसी जादूगरी की करामात दिखाते हुए उसने अपनी बड़ी मामी को मना भी लिया था और उसी समय उसके बिस्तर पर ही पटक कर उसकी जमकर चुदाई भी कर दिया था,,, यह बेहद अद्भुत था संजू की बड़ी मामी भी जानती थी कि आज के ही दिन संजू गांव में रहने वाला था दूसरे दिन वह शहर वापस लौट जाने वाला था और फिर ना जाने कब मुलाकात होती ऐसे में संजू की बातों में आकर वह भी अपनी बेटी की करतुतो पर उसकी मजबूरी और जरूरत का नाम देकर खुद संजू के साथ हम बिस्तर हो गई और जिंदगी का अद्भुत सुख लूटने लगी,,,।
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संजू के मर्दाना अंग में उसके मोटे तगड़े लंड में एक अद्भुत आकर्षण था जिससे जिस किसी की भी औरत की चूत उसकी संगत में आती थी वह उसकी पूरी तरह से दीवानी हो जाती थी और संजू उसे अपने मर्दाना अंक का भरपूर आनंद भी देता था जिसके चलते हर औरत उसकी दीवानी होती चली जा रही थी,,,, रिश्तो के बीच चुदाई का संबंध संजू के लिए कोई बड़ी बात बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि वह अपने घर में ही अपनी छोटी बहन और अपनी मां के साथ जिस्मानी ताल्लुकात बन चुका था और रोज उसका आनंद भी लुटा था यहां तक की अपनी मौसी और अपनी मौसी की लड़की के साथ भी शारीरिक संबंध बनाकर अपने परिवार में ही वह है मदहोश जवानी का आनंद लूट रहा था और यही सिलसिला जारी रखते हुए वह अपनी मामी के घर भी आकर अपनी तीनों मामियों के साथ-साथ अपनी बड़ी मामी की लड़की की चूत पर हाथ फेर दिया था,,, संभोग के मामले में संजू का नसीब पड़े चोरों पर था रोज नई-नई चूत के दर्शन उसे होते ही रहते थे और हर बार बाहर नहीं छूट का उद्घाटन बड़े जोरों शोरों से करता था,,,,।
दोपहर के समय अपनी मामी का काम तो वह तमाम कर चुका था और फिर इसके बाद वह अपनी सबसे छोटी वाली मामी के घर पहुंच गया था जहां पर उसने जमकर अपनी छोटी वाली मामी की भी चुदाई किया यहां उसे दो फर्ज निभाना थे एक तो अपनी छोटी मामी को संतुष्ट करने का और दूसरा उसकी गोद भरने का जहां तक संजू का ख्याल था उसने अपना काम कर दिया था वह जानता था कि उसकी चुदाई से उसकी छोटी वाली मामी गर्भवती हो चुकी है जो की महीने भर में ही उसे भी पता चल जाने वाला था इसीलिए तो उसने अपना फोन नंबर भी उसे दे दिया था ताकि जब भी है खुशखबरी उसे प्राप्त हो तो वह सबसे पहले इस खुशखबरी को उसे सुनाएं,,,,

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अपनी बीच वाली मामी के साथ हुआ चुदाई का सुख भोगना चाहता था लेकिन वह रात भर जागने की वजह से थकान की वजह से अपने कमरे में सो रही थी और इस कमरे में उसके बीच वाले मामा भी सो रहे थे इसलिए संजू वहां जाना ठीक नहीं समझा,,,।
जैसे तैसे करके रात हो गई और खाना खाकर लोग अपने-अपने कमरे में चले गए,,,,,, संजू उसकी मां और उसकी मौसी तीनों कमरे में बैठे हुए थे और आपस में बातें कर रहे थे,,,। आराधना बोली,,,।
ललली के बिना वाकई में यह घर सूना सूना लग रहा है भाभी के तो हालात ही खराब हो गई थी रो-रो कर,,,
सच कह रही है आराधना बेटी की विदाई का बाप मां बाप से ज्यादा और कीसे होता है,,,,
दीदी मैं भी यही सोच रही थी कि हम दोनों की भी बेटी है एक दिन उन लोगों के भी हाथ पीले हो जाएंगे और वह लोग अपना घर छोड़कर अपने ससुराल चले जाएंगे तो उस दिन हम लोगों पर क्या गुजरेगी,,,

यही सोच कर तो मेरा भी दिल बैठ जाता है लेकिन यही नियम है बेटी को तो पराए घर जाना ही पड़ता है अगर ना जाए तो भी समाज कैसे क्या बातें बनते फिरते रहते हैं,,,
(उन दोनों की बात सुनकर संजू बोला,,,)
क्या मम्मी और मौसी तुम दोनों भी रोना रो रही हो विदाई का यह तो सोचो लल्ली को अपने ससुराल में कितना मजा आ रहा होगा खास करके आज की रात,,,(संजू की बात सुनते ही आराधना आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी साधना को तो मालूम ही था कि संजू का रिश्ता उसके साथ भी शारीरिक संबंध वाला बन चुका था इसलिए उसे संजू की बात से हैरानी नहीं हुई और संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,) इस समय रात के 10:30 बज रहे हैं और तुम ही सोचो लल्ली वहां पर क्या कर रही होगी ,,,,
क्या कर रही होगी,,,?(आराधना थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली)
चुदाई का मजा लूट रही होगी इस समय जीजा जी उसके सारे कपड़े उतार कर से नंगी कर रहे होंगे उसके छोटे-छोटे संतरो को मुंह में लेकर पी रहे होंगे उसकी चूत से खेल रहे होंगे,,,और तो और लल्ली भी शर्माो हया की दीवार को तोड़कर जीजा जी का लंड पकड़ कर मुंह में लेकर चुस रही होगी,,,,।

हाय दइया कितना बेशर्म हो गया है रे तू,,, वह तेरे मामा की लड़की है मतलब की तेरी बहन है तुझे जरा भी शर्म नहीं आ रही है ,,,,(आराधना थोड़ा आंख दिखाते हुए संजू से बोली तो संजू भी मानो जैसे कि अपनी मां को कुछ याद दिला रहा हो इस तरह से अपनी आंखों को नचाते हुए बोला,,,)
अच्छा मुझे शर्म आनी चाहिए और वह भी संजू को,,,,(अपने बेटे के खाने के मतलब को आराधना अच्छी तरह से समझ गई थी वह समझ गई थी कि जिस भाई का संबंध खुद की सगी बहन के साथ हो वह भला अपने मां की लड़की के बारे में क्यों इज्जत से बात करेगा इसलिए आराधना की थोड़ा सा नजर नीचे झुका ली और संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
देख रही हो मौसी मम्मी क्या कह रही है कि मुझे शर्मा नहीं चाहिए अगर मुझे जरा भी शर्म आती तो मेरा लंड तुम्हारी चूत में ना होता मैं रोज तुम्हारी चुदाई ना करता मौसी को ना चोदता,,,, जो मजा मुझे मिल रहा है और मेरी वजह से तुम दोनों को लिख रहा है तो सोचो अगर मैं शर्म करता तो तुम दोनों भी इस तरह से मजा ना लूट रहे होते और वह भी इस उम्र में,,, क्या कहती हो मौसी,,,(अपनी मौसी की तरफ देखकर आंख मारते हुए बोला)

बात तो संजु ठीक ही कह रहा है हर रिश्ते के पहले यह सोच लेना चाहिए की सबसे पहले वह एक और है और एक मर्द तभी इंसान सुखी से जीवन कर सकता है और अपनी जरूरत को पूरी कर सकता है,, और मर्द और औरत के बीच के रिश्ते के पहले अगर कोई पारिवारिक रिश्ता पैदा कर लेता है तो वह एक दूसरे के प्रति आकर्षण होने के बावजूद भी कुछ नहीं कर पाता,,,, संजू अगर शर्म करता तो शायद इस उम्र में इतने मोटे तगड़े लंड का सुख नहीं रोक पाती और आराधना तु,,,जो इस उम्र में भी तेरी चुत इतना पानी छोड़ रही है कैसे बुझाती अपनी प्यास को,,, इसलिए संजू की बात सही है लल्ली की विदाई का गम मनाने से अच्छा है कि एक नई जिंदगी की शुरुआत की खुशियां मनाई जाए,,,, वह पूरी तरह से जवान और आज की रात से उसका विवाहित जीवन शुरू हो रहा है तो जरा तुम ही सोचो उसे कितना मजा आएगा जैसा कि हम दोनों को आ रहा है और उसमें बड़ा ही क्या है बस लोगों को खुलकर नहीं बोलते लेकिन इतना तो जानते ही हैं कि विवाह करने के लिए आया हुआ दूल्हा अपनी दुल्हन को घर ले जाकर सबसे पहले क्या करता है,,,, चुदाई जी भर के और यह बात लड़की की मां को भी पता रहता है और उसके बाप को भी वह दोनों जानते हैं कि आज की रात उसकी बेटी ससुराल में अपने पति के साथ चुदवाएगी,,, लेकिन अब ना तो मन को इतना झुक और ना ही आप को और अगर यही काम लड़की बिना के पहले किसी लड़के के साथ कर दे तो फिर देखो कैसा हंगामा मच जाता है,,,, विवाह एक तरह से शारीरिक संबंध की छूट होती है जिसमें पति और पत्नी जी भर कर आनंद लूट सकते हैं और यह बात सब लोग जानते हैं लड़की के घर वाले भी और लड़के के घर वाले भी लेकिन कुछ नहीं कर सकते क्योंकि यही नियम है,,,,।

(अपनी बड़ी दीदी की बात सुनकर आराधना धीरे से बिस्तर पर से उठी और चलते हुए खिड़की के पास पहुंच गई और बाहर की तरफ देखने लगी चांदनी रात में चारों तरफ खेत लहरा रहे थे जिसे देखकर आराधना के मन को बड़ी शांति मिल रही थी गांव का वातावरण उसे पहले से ही बहुत अच्छा लगता था लेकिन विवाह के पश्चात वह शहर चली गई और वापस अब जाकर वह लौटी थी,,,, कुछ देर खामोश रहने के बाद वह खिड़की से बाहर देखते हुए ही बोली,,,)
जानती हो दीदी इसी तरह से मैं भी लल्ली की तरह ही दुल्हन बनाकर इस घर से विदा हुई थी अपनी जिंदगी की नई शुरुआत के लिए मेरे मन में भी ढेर सारे सपने थे बहुत कुछ सोच कर रखी थी लेकिन सब बर्बाद हो गया मां-बाप तो अपने नजरिया से सही फैसला ही लेते हैं अपनी बेटी की खुशी के लिए लेकिन आगे चलकर सब बर्बाद हो जाता है जैसा कि मेरा जीवन हो गया,,,,,,,।
(संजू और साधना दोनों बिस्तर पर बैठे हुए आराधना की तरफ देख रहे थे आराधना अपना गम बयां कर रही थी संजू अच्छी तरह से जानता था कि अगर अपनी मां को कुछ और बोलने दिया तो आज की रात ऐसे ही खाली जाएगी और वह नहीं चाहता था कि आज की रात यूं ही बातों में चली जाए क्योंकि गांव में आज की रात उन तीनों की आखिरी रात थी इसके बाद में तीनों शहर चले जाने वाले थे और फिर ना जाने कब ऐसा मौका उन दोनों के हाथ लगता है इसलिए संजू धीरे से अपनी जगह से उठा और अपनी मां के करीब जाकर और उसके पीछे खड़ा हो गया और उसे अपनी बाहों में भरकर अपने होठों को उसके गर्दन पर रख दिया पल भर में आराधना के बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुटने लगी,,, और वह इस तरह से अपनी मां के गर्दन पर चुंबन करते हुए बोला,,)

क्या मम्मी तुम भी इस तरह की बातें करने बैठ गई अब तो तुम्हें इस तरह की बातें नहीं करना चाहिए क्योंकि अब तुम्हारे जीवन में मैं हूं जो कि तुम्हें हर सुख दे सकता हूं जो सुख तुम्हें पाप से चाहिए था उससे भी कई ज्यादा और आनंदित भरा सुख में तुम्हें दे रहा हूं यह बात तुम भी अच्छी तरह से जानती हो कि जिस तरह की चुदाई का सुख में तुम्हें दे रहा हूं पापा तुम्हें कभी नहीं दे पाते,,,,(अपनी मां को इसी तरह से बाहों में भरे हुए वह उत्तेजित होने लगा था और उसका लंड पेट के अंदर खड़ा होने लगा था जो की तंबू का शक्ल लेकर आराधना की गांड में चुभने लगा था और इस चुभन से आराधना के बाद में भी उत्तेजना के शोले उठने लगे वह भी धीरे-धीरे उत्तेजित होने लगी और संजू अपनी मां की उत्तेजना को बढ़ाते हुए ब्लाउज के ऊपर से ही दोनों खरबूजा को पड़कर उसे दबाना शुरू कर दिया था पीछे बिस्तर पर बेटी साधना सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी और उन दोनों के बीच में खलल नहीं डालना चाहती थी,,, क्योंकि इसमें उसका भी फायदा था क्योंकि उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी,,,, संजू हल्के से अपनी कमर को आगे की तरफ बढ़ते हुए अपने पेट के तंबू को अपनी मां की गांड पर और ज्यादा चुभाते हुए उसके आनंद को बढ़ाने लगा,,,, इस बार आराधना पूरी तरह से मस्त हो गई और उसके मुख से गरमा गरम से शिसकारी की आवाज फूट पड़ी,,,,।)
सससहहहहह आहहहह संजू,,,,, सच में अगर तू ना होता तो मेरा जीवन कितना नीरस हो जाता,,,,

अगर तुम ना मिलती तो शायद मुझे ऐसा अद्भुत सुख नहीं मिलता ,,,(और ऐसा कहते हुए संजू अपनी मां के ब्लाउज का बटन खोलने लगा,,, और देखते ही देखते हो अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन खोलकर उसके ब्लाउज के फांको को अलग कर दिया और दोनों हाथों से दोनों पट को पकड़कर उसे पीछे की तरफ खींचने लगा और उसकी मां भी उसका साथ देते हुए अपने दोनों बड़ों को पीछे की तरफ करके उसे ब्लाउज उतारने में उसकी मदद करने लगी,,, अगले ही पल संजू अपनी मां के बदन से ब्लाउज उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया,,,, दोनों अभी भी खिड़की के पास ही खड़े थे लेकिन इतनी रात को यहां से किसी के द्वारा देखे जाने की गुंजाइश बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि खिड़की से दूर-दूर तक केवल खेत ही नजर आते थे संजू अपनी मां की बाहों को पकड़ कर उसे अपनी तरफ घूमाते हुए उसके खूबसूरत चेहरे की तरफ देखते हुए बोला,,,,
कसम से मम्मी तुम बहुत खूबसूरत हो स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा नजर आती हो,,, अच्छा हुआ दूल्हे की नजर तुम पर नहीं पड़ी वरना दुल्हन समझ कर तुम्हें ही अपने साथ ले जाता,,,(संजू की बात सुनते ही आराधना एकदम से शर्मा गई और शर्म से अपनी नजरों को नीचे झुका ली लेकिन संजू की बात सुनकर साधना बोली,,,)
बेटा अगर वह सच में तेरी मां को दुल्हन समझ कर अपने साथ ले जाता तो सो आज की रात में तेरी मां की जमकर चुदाई करता,,,
तो क्या हुआ मैं लल्ली को इस कमरे में ले आता और फिर मैं उसके साथ सुहागरात मनाता,,,।

हाय दइया,,,(आराधना एकदम से आश्चर्य चकित होकर संजू की तरफ देखते हुए,,) कुछ तो शर्म कर वह तेरे मामा की लड़की है,,,)
तो क्या हुआ उसके पास भी तो चुत है ना खूबसूरत और चुत केवल लैंड देती है रिश्ते नहीं,,, मेरा मोटा तगड़ा लंड ललली अपनी चूत में लेकर मस्त हो जाती,,,,
तुम दोनों की बातें सुनकर तो मेरी चूत गीली होने लगी है,,,, संजू आज की रात हम तीनों की भी सुहागरात है आज की रात हम दोनों की ऐसी चुदाई करके जिंदगी भर हम दोनों याद रखें,,,
चिंता मत करो मौसी आज की रात मेरा लंड तुम दोनों की चूत के नाम,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू एक झटके से अपनी मां की लाल रंग की ब्रा को दोनों हाथों से पकड़ कर ऊपर की तरफ उठा दिया और उसकी खरबूजे एकदम से बाहर उछल पड़े जिसे तुरंत संजु हाथ से पकड़े बिना ही उसे मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया,,, आराधना के तन बदन में आग लग गई संजू की हरकत से उसकी चूत पानी छोड़ने लगी और वह एकदम से मचल उठी,,,,,।)

सहहहहहह आहहहहबह संजू,,,,ऊमममममममम
(अपनी मां की मस्ती भरी सिसकारी की आवाज सुनकर संजू का जोश बढ़ने लगा,,, और वह अपनी मां की दोनों चूचियों को बारी-बारी से मुंह में लेकर पीते हुए उसकी कमर से साड़ी को खोलने लगा और देखते-देखते वह अपनी मां के बदन से साड़ी को खोल कर उसे अपनी मां के भजन से उतर कर नीचे जमीन पर फेंक दिया और इस समय उसकी मां केवल पेटीकोट में खड़ी थी ब्रा को तो पहले से ही वह ऊपर की तरफ उठा दिया था जिसे उसकी दोनों चूचियां एकदम नंगी हो गई थी,,,,, संजू अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को खोलकर उसे पूरी तरह से नंगी करता है इससे पहले ही हुआ एक झटके से उसे अपनी गोद में उठा लिया वह एकदम से चौंक गई,,,,)
आहहहह यह क्या किया नीचे उतार मुझे गिर जाऊंगी,,,
आज तक गिराया हूं क्या तुम्हें जो अभी गिर जाओगी,,,,
मुझे डर लगता है संजू ऐसे मत उठाया कर,,,

लेकिन मुझे तो ऐसे ही मजा आता है तुम्हें खुद भी उठाने का जो सुख है वह बेहद अद्भुत है,,,(और ऐसा कहता हुआ संजू बिस्तर की तरफ आगे बढ़ने लगा और बिस्तर के करीब पहुंचते ही उसे धम्म से बिस्तर पर गिरा दिया नरम- गद्दे पर वह एकदम से उछल पड़ी,,,,
बाप रे तू तो मेरी जान ही ले लेगा,,,
तुम्हारी जान नहीं लेकिन तुम्हारी चूत जरूर ले लूंगा,,,( और ऐसा कहते हुए संजू अपनी मां की पेटिकोट की डोरी को अपने हाथों से पकड़ कर उसे एक झटके से खींच दिया,,, पल भर में ही आराधना की कसी हुई पेटिकोट कमर पर एकदम से ढीली हो गई और संजू उसे दोनों हाथों से पकड़ कर उसे नीचे की तरफ खींचने लगा लेकिन आराधना की भारी भरकम गांड के नीचे दबी हुई पेटिकोट संजू से खींची नहीं जा रही थी तो आराधना खुद अपने बेटे की मदद करते हुए अपनी भारी भरकम गोल-गोल गांड को हवा में चार अंगुल जितना ऊपर की तरफ उठा ली,,, संजू को अपनी मां की है हरकत उसका यह रूप बेहद उत्तेजनात्मक लगने लगा था क्योंकि संजू अच्छी तरह से जानता था कि ऐसा औरत तभी करती है जब वह खुद मर्द के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए उत्सुक हो उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मचल रही हो,, और इस समय संजू को अपनी मा में यही रूप नजर आ रहा था,,,। संजू अपनी मां की उठी हुई गांड को देखकर एक पल की भी देरी न करते हुए तुरंत पेटीकोट को नीचे की तरफ कैसे लगा और देखते-देखते वह अपनी मां के बदन पर से पेटीकोट को उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया और इस समय आराधना बिस्तर पर लाल रंग की चड्डी और लाल रंग की ब्रा में पीठ के बल लेटी हुई थी,,,, अपनी मां का रूप यौवन देखकर संजू की आंखों में वासना उतार आई वह पूरी तरह से पागल हो गया और तुरंत अपने कपड़े उतार कर एकदम से नंगा हो गया आराधना की नजर अपने बेटे के खड़े लंड पर पड़ी तो उसके मुंह के साथ-साथ उसकी चूत में भी पानी आ गया,,,, क्या सब देखकर साधना की हालत खराब हो रही थी और वहां खुद अपने हाथों से अपने कपड़े उतार कर एकदम नंगी हो गई थी,,,।
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वह तीनों जानते थे कि आज की रात उन लोगों के लिए बहुत खास थी आज की रात गांव में उन तीनों की आखिरी रात थी क्योंकि कल शहर के लिए निकल जाना था फिर यह रात या माहौल मिलने वाला नहीं था इसलिए वह तीनों आज की रात पूरी तरह से मजा कर लेना चाहते थे और तीनों ने इसके लिए तैयारी भी कर लिए थे,,,।