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Adultery भाभियों का रहस्य

Tiger 786

Well-Known Member
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अध्याय 30
प्रेम और जिद दो ऐसी चीजे है जो जीवन में कुछ भी करवा सकती है .
एक तरफ मेरा अन्नू और कोकू का प्रेम था तो दूसरी ओर गुंजन और रामिका की जिद ..
हा वो जिद प्रेम के कारण ही थी लेकिन प्रेम की अभिव्यक्ति अलग थी , कोई मेरे लिए खुद को समर्पित करना चाहता था तो कोई मुझे पाना चाहता था ,
मैं इन दोनों ही बातो से अनजान कोकू और अन्नू के साथ बैठा हुआ था , किसी राजा की तरह एक बड़े से सिहासन नुमा सोफे में और मेरे दोनों ओर मेरी दो रानियाँ थी एक तरफ कोकू तो दूसरी ओर अन्नू , अब दोनों के मन में एक दूजे के लिए सम्मान और प्रेम के भाव थे , वो दोनों ही मुझे अपना प्रेम समर्पित करने को आतुर थे बदले में उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए था , ये उनका सच्चा प्रेम था और मैं उन खुशनसीबो में खुद को मानता था जिन्हें सच्चा प्रेम नसीब होता है …
कभी कोकू मेरे गालो को चूमती तो कभी अन्नू और मैं बस मुस्कुरा कर उनके प्रेम को महसूस कर रहा था ..
***************
इधर हवेली में अफरा तफरी मची हुई थी , अम्मा बुरी तरह से बेचैन थी
“क्या मतलब है की उड़ा के ले गई “
उन्होंने गुस्से में अंकित से पूछा
“सच में अम्मा पता नहीं वो कौन ही कहा से आई थी लेकिन कुवर उसके साथ खुद की मर्जी से गए है , वो कुवर को उड़ा के ले गई “
अम्मा को कुछ भी समझ नही आ रहा था एक तरफ तो अन्नू अपने घर से गायब थी और दूसरी ओर कुवर भी गायब … अम्मा ने सीधे डॉ को फोन लगा दिया ..
थोड़े देर बात करने के बाद वो शांत हुई ……
*********************************
इधर एक देशी शराब के अड्डे में
डॉ चुतिया अपने दोस्त तांत्रिक चमन चुतिया और एक और शख्स के साथ बैठे थे
“आखिर अन्नू गई कहा होगी चमन और अब कुवर भी गायब है , कोई किसी को उड़ा कर कैसे ले जा सकता है “
चमन चुतिया ने अपने नारंगी का एक बड़ा पैक बनाया , एक बार उसे सुंघा और फिर बिना ही पानी डाले सीधे अपने गले से उतार लिया ..
“आह मजा ही आ गया आकाश भाई …नागपुर की नारंगी दिल खुश कर देती है ”
बाजु में बैठा एक सीधा साधा सा दिखने वाला नौजवान आकश बस मुस्कुरा कर रह गया
“बाबा जब से आये हो 3 बोतल गटक चुके हो अब तो मेरी मेडम से मेरी सेटिंग करवा दो “
आकाश की भोली आँखों में उम्मीद की एक किरण थी वो चमन के पास बड़ी उम्मीद लगा कर बैठा था …
“करवा देंगे इतनी भी क्या फिक्र है तुम्हे , जाओ एक और बोतल ले का आओ “
आकाश ने गुस्से से चमन को देखा और फिर उठ कर दारू लेने चला गया ..
“डॉ साहब ये उस चुड़ैल का काम हो सकता है जिसे कुवर ने आजाद करवाया था , तो जस्ट चील और पे माय बिल …”
डॉ ने उसे गुस्से से देखा
“भोसड़ी के चमन , अपना बिल पे करने के लिए तो तूने ये मासूम सा नौजवान फंसा कर ही रखा है अरे कर दे ना इसका काम “
चमन दांत दिखा कर हँसने लगा
“यु नो इट्स वेरी डेंजरस , ये अपनी कालेज की प्रोफ़ेसर से ही प्यार करता है , अब मैं कैसे उसकी सेटिंग करवाऊ …??”
“तू वो सब छोड़ अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल ना बन पाई तो और कौन कुवर को रोकेगा “
चमन जोरो से हँसने लगा
“उसे रोकने की क्या जरुरत है , प्रकृति का संतुलन बना रहना चाहिए , कुवर को कई महिलाओ की गोद भरनी है तो उसे ऐसा होना ही होगा , खुले सांड की तरह जिसे पाया पेल दिया “
डॉ को लगा की चमन के पास आना ही फिजूल है लेकिन तभी उसका फोन बज उठा , सामने से जो उसने सुना उसे सुनकर उसके बांछे खिल गई …
“चल जल्दी उठ चुदैल चुड़ैल बनने के लिए एक लड़की मिल गई …”
“कौन ??”
“रामिका “
“बलवंत की बेटी ???”
“हा “
“लेकिन ??”
“उठेगा या यही तेरी गांड में सरिया घुसा दू “
डॉ ने गुस्से से चमन को देखते हुए कहा तब तक आकश भी एक नारंगी की बोतल ले कर आ गया था …
“डॉ बस इसे तो पीने दे यार “
डॉ ने एक बार दोनों को देखा
“चल जल्दी कर “
चमन ने सीधे बोतल का ढक्कन खोला और मुह से लगा कर एक ही साँस में पूरा दारू अंदर कर लिया …
“आह मजा आ गया बेटा , फिक्र मत कर तेरी मेडम तेरे बिस्तर में होगी जल्द ही “
इतना कहकर वो उठा और डॉ के साथ हो लिया …
**********************************

कोकू की झोपडी में …
बाहर से जो झोपड़ी थी वो अंदर से एक आलीशान महल था मेरी दोनों प्रेमिकाए मेरे बांहों में झूल रही थी , मैं दुनिया की टेंशन से दूर उनके प्रेम में खोया हुआ आराम से बैठा उन्हें महसूस कर रहा था ,
अन्नू उठकर मेरे गोद में आ गई और मेरे मुह में मुह डालकर मेरे जीभ को चूमने लगी , कोकू भी ये देखकर उत्तेजित होने लगी थी , मैं और अन्नू दोनों ही एक दुसरे के मुह को खाने को आतुर थे , वही कोकू भी मेरे जिस्म को हलके हाथो से सहला रही थी …
कुछ ही देर में अन्नू ने अपने कपडे एक एक करके उतार दिए साथ ही कोकू ने भी मेरे और अपने कपडे उतार दिए , हम तीनो एक एक दुसरे में गुथने को तैयार थे , अन्नू अब भी मेरे गोद में बैठी हुई थी उसने मेरे लिंग को अपने हाथो से सहलाया और खुद थोडा उपर उठकर उसे अपनी योनी में प्रवेश करवा दिया , मैं आनंद की तरंगो से झूम उठा , मेरा सख्त लिंग उसकी योनी की चिपचिपाहट से और भी सख्त होने लगा था , वही कोकू भी मेरे बदन को चूम रही थी उसने बस एक इशारा किया और हम तीनो हवा में थे , कोकू मेरे पीछे आकर मुझे जकड़ चुकी थी , एक तरफ अन्नू मेरे गोद में थी वही कोकू पीछे से मुझे सहला रही थी ,
अन्नू की उत्तेजना बढ़ने लगी और वो जोरो से मेरे गोद में उछलने लगी उसे इस बात का आभास ही नहीं था की हम अभी हवा में लटके हुए है , लेकिन वो मस्त होकर सम्भोग का आनन्द उठा रही थी , वही कोकू मेरे पुरे बदन पर अपने प्यार की निशानी छोड़ने में व्यस्त थी , वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चाटती और अपने जीभ से उसे गिला कर देती ..
सम्भोग के सुख में मैं भी मस्त हो चूका था , मैंने अन्नू को अपने गोद से उठा कर सुला दिया , वो हवा में ही सोई हुई थी वही मैं उसके दोनों पैरो को अपने कंधे में रखकर पुरे जोर से धक्के लगाने लगा ,
‘आह जान आह ‘
सिसकिया और आंहे तेज होने लगी मैं पूरी कोशिस कर रहा था की मैं जल्द से जल्द अपनी मंजिल तक पहुच जाऊ और इसलिए मैं पुरे ताकत से झटके लगा रहा था वही कोकू बस हमें मुस्कुराते हुए देखने लगी , दो प्रेमियों को प्रेम में डूबा हुआ देखना भी एक अलग ही आनन्द लाता है , वो अन्नू के बालो को सहला रही थी अन्नू अपनी उत्तेजना के चरम पर थी और हर धक्के के साथ खुले दिल से चिल्ला रही थी …
वीर्य की एक गाढ़ी धार मेरे लिंग से होते हुए उसके योनी में जाने लगी ..
मैं जोरो से मजे में चीखा …अन्नू ने भी मुझे खुद में समाने के लिए अपने पैरो को मेरे कमर में जोरो से जकड़ लिया था हम दोनों ही एक साथ झरने लगे थे …एक तूफ़ान सा शांत होने लगा और मैं अन्नू के उपर ही गिर गया …
कुछ ही देर हुए थे की मुझे मेरे लिंग में फिर से गीलेपन का अहसास हुआ , ये कोकू थी जिसने मेरे लिंग को अपने मुह में समां लिया था , वो बड़े ही मनोयोग से उसे चूस रही थी …
अन्नू को भी ये आभास हुआ
“हम हवा में लटके है “
उसने आँखे खोलते हुए कहा , और फिर बड़ी बड़ी आँखे किये कोकू को देखने लगी ,
मेरे अंदर की शक्ति इतनी थी की एक दो बार नहीं कई बार वीर्य का स्खलन करने के बाद भी मेरा लिंग वैसा ही तना हुआ रहता , अन्नू के सामने एक मादक नजारा था जन्हा उसके प्रेमी का लिंग एक दूसरी प्रेमिका के मुह में था , लेकिन अन्नू को आज जलन नहीं हुई बल्कि उसने बड़े ही प्रेम से भरकर कोकू के बालो को सहलाया …
“मेरे दीदी को वही तृप्ति को जो आपने मुझे दिया “
उसने मुस्कुराते हुए कहा
मैं मजे में अपनी आँखे बंद कर चूका था , अन्नू मेरे पास आई और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ..
कोकू भी उठ बैठी थी हम तीनो में हवा में बैठे हुए थे और कोकू ने मेरा लिंग अपनी योनी में डाल लिया ..
हम आकाश में और भी उपर उठ गए , अब ना महल था ना ही कोई झोपडी हम बदलो की सैर कर रहे थे , मैं और कोकू सम्भोग में मगन थे वही अन्नू आश्चर्य से कोकू की ये ताकत देख रही थी , वो बदलो तक उपर उठ चुकी थी दूर दूर तक कई पर्वत शिखर दिखाई पड़ रहे थे , निचे जमीन का दिखना भी बंद हो चूका था वही कोकू और मेरा सम्भोग भी जोरो से शुरू हो चूका था , हम दोनों ही एक दुसरे के जिस्म से गुथे जा रहे थे ..
कभी वो मेरे उपर होती तो कभी मैं उसके उपर ये कोई नार्मल सम्भोग नहीं था, हम दोनों ही एक दुसरे पर हावी हो जाते और पूरी ताकत लगा कर धक्के मारते , कभी कभी अन्नू हमें देख कर हँस पड़ती , मैं अब अपने चरम के नजदीक आ चूका था , मैंने वीर्य की धार छोडनी शुरू की कोकू ने भी अपने पैरो को मेरे कमर में बाँध कर इसका स्वागत किया , मैंने अन्नू को अभी अपने पास खिंच लिया था , हम तीनो एक दुसरे के होठो को चूम रहे थे ……
कोकू ने अन्नू को अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो में अपने होठो डालकर जोरदार चुम्मन दिया …
अन्नू के चहरे में शर्म की रेखा खिंच गई थी …
“दीदी आप भी “ वो शरमाते हुए बोली
“अब हम तीनो अलग नहीं है हम एक ही है “ कोकू की आँखों में हल्का पानी था , मेरे हाथ दोनों की कमर पर थे मैं उन्हें हलके से सहला रहा था मैंने दोनों को अपने ओर खिंच कर खुद से सटा लिया …
“बहुत हुआ हवा में उड़ना , अब बिस्तर में सामान्य इंसानों की तरह सोते है , मुझे आज मेरी प्रेमिकाओ को रात भर भोगना है “
मेरी बात सुनकर जन्हा कोकू मुस्कुरा उठा वही अन्नू ने शर्मा कर अपना सर मेरे कंधे में रख दिया ……………

**************************************************
इधर अब्दुल बलवंत के पहुचा वो बहुत ही खुश दिखाई दे रहा था …
“ठाकुर एक काबिल तांत्रिक मिला है , ये वही है जिसने कुवर को शक्तिया देने में मदद की थी “
“कौन ??”
“चमन चुतिया नाम है उसका , 10 लाख रूपये और शहर में एक बार का टेंडर मांग रहा है मैंने हां कह दिया है “
बलवंत ने थोड़ी शंका से अब्दुल को देखा
“क्या ऐसा लालची आदमी हमारा इतना महत्वपूर्ण काम कर पायेगा ???”
अब्दुल हँसने लगा
“मैंने पता किया है , ये डॉ चुतिया का ही दोस्त है लेकिन एक नंबर का लालची और दारुबाज , लेकिन है बहुत काम का आदमी , इसने ही कुवर को कोमा से उठा कर एक बलशाली जवान बना दिया , इसने ही उसमें शैतानी शक्तियों को समाने का मार्ग दिखाया था ,पैसो के लिए ये कुछ भी कर सकता है , इसने गुंजन को इस पते पर भेजने के लिए कहा है , दो दिनों का काम है बस “
“हम्म हमें भी गुंजन के आस पास ही रहना होगा “
“नहीं ठाकुर साहब चमन ने इस बात की सख्त हिदायत दी है की गुंजन के अलावा वंहा कोई नहीं आएगा , ऐसा ही कुछ कुवर के केस में भी किया गया था “
ठाकुर कुछ देर तक कुछ सोचता है …
“ठीक है कब भेजना है उसे “
“5 दिनों के बाद अमावस्या होने वाली है वही दिन सबसे अच्छा होगा “
बलवंत ने भी हां में सर हिला दिया

*******************************************************
Lazwaab update
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Jaada sochna sehat ke liye haanikarak hota hai or humne to pahle hi kaha tha gunjan ki galati ka badla to hum lenge hi apne andaaz me rahi baat ramika ki to wah sacchi dost hai or jawan bhi ab jaada bolne ki jarurat to hai nahi hume.

Dr. Shahab kya baat hai mehfil jam hi gayi aakhir ummid nahi thi mujhe :roflol: har ek baat fir se yaad aa gayi yaar wo bhi kya din the ek taraf hum yaha maze karte the ek taraf real life ab to time hi nahi mil paata :verysad: khair bahot majedaar scene tha :lol1:

Waqt ke saath annu samjh rahi hai acchi baat hai or maine kaha to tha apne pyaar ko kisi or ke saath baatna itna aasan nahi hota hai dheere dheere hota hai sab. Waah threesome scene :sex: jald hi fouresome bhi dekhne ko milega :D

update bahot accha tha intzaar rahega agle bhaag ka...
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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ये गलत है डॉ साहब । आप ने आकाश भाई को अपने कहानी में रोल तो दिया ही उसके साथ ही एक खुबसूरत हसीना प्रोफेसर से सेटिंग भी करवा रहे हैं । मुझे भी ऐसा ही रोल चाहिए लेकिन मेरे जोड़ीदार के लिए काजल अग्रवाल को रखिएगा और हमारा सेक्स भी वहीं करवाइए जहां निशांत , कोकू और अनु का करवाया है मतलब आकाश में उड़ उड़ कर । :D
Aap samjhe nahi mitra ye kahani bhutkaal ki hai jise wartmaan me likha ja raha hai or bhavishy me hamari shadi professor se ho chuki hai jo kahani bhutkaal me likhi ja chuki hai haina Chutiyadr sahab :D

Khair aap to bade laalchi nikle lage haath apni setting bhi Kara rahe ho :lol1:
 
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Aap samjhe nahi mitra ye kahani bhutkaal ki hai jise wartmaan me likha ja raha hai or bhavishy me hamari shadi professor se ho chuki hai jo kahani bhutkaal me likhi ja chuki hai haina Chutiyadr sahab :D

Khair aap to bade laalchi nikle lage haath apni setting bhi Kara rahe ho :lol1:
Means story me Dr sahab bhi time travel karwa rahe hai ? :shocked:
Aap ka setting karwa diya aur mera nahi... aakhir mein bhi to Dr sahab ka bhakt hu...fir esme lalach kaha se aa gaye ! :D
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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aman rathore

Enigma ke pankhe
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अध्याय 30
प्रेम और जिद दो ऐसी चीजे है जो जीवन में कुछ भी करवा सकती है .
एक तरफ मेरा अन्नू और कोकू का प्रेम था तो दूसरी ओर गुंजन और रामिका की जिद ..
हा वो जिद प्रेम के कारण ही थी लेकिन प्रेम की अभिव्यक्ति अलग थी , कोई मेरे लिए खुद को समर्पित करना चाहता था तो कोई मुझे पाना चाहता था ,
मैं इन दोनों ही बातो से अनजान कोकू और अन्नू के साथ बैठा हुआ था , किसी राजा की तरह एक बड़े से सिहासन नुमा सोफे में और मेरे दोनों ओर मेरी दो रानियाँ थी एक तरफ कोकू तो दूसरी ओर अन्नू , अब दोनों के मन में एक दूजे के लिए सम्मान और प्रेम के भाव थे , वो दोनों ही मुझे अपना प्रेम समर्पित करने को आतुर थे बदले में उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए था , ये उनका सच्चा प्रेम था और मैं उन खुशनसीबो में खुद को मानता था जिन्हें सच्चा प्रेम नसीब होता है …
कभी कोकू मेरे गालो को चूमती तो कभी अन्नू और मैं बस मुस्कुरा कर उनके प्रेम को महसूस कर रहा था ..
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इधर हवेली में अफरा तफरी मची हुई थी , अम्मा बुरी तरह से बेचैन थी
“क्या मतलब है की उड़ा के ले गई “
उन्होंने गुस्से में अंकित से पूछा
“सच में अम्मा पता नहीं वो कौन ही कहा से आई थी लेकिन कुवर उसके साथ खुद की मर्जी से गए है , वो कुवर को उड़ा के ले गई “
अम्मा को कुछ भी समझ नही आ रहा था एक तरफ तो अन्नू अपने घर से गायब थी और दूसरी ओर कुवर भी गायब … अम्मा ने सीधे डॉ को फोन लगा दिया ..
थोड़े देर बात करने के बाद वो शांत हुई ……
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इधर एक देशी शराब के अड्डे में
डॉ चुतिया अपने दोस्त तांत्रिक चमन चुतिया और एक और शख्स के साथ बैठे थे
“आखिर अन्नू गई कहा होगी चमन और अब कुवर भी गायब है , कोई किसी को उड़ा कर कैसे ले जा सकता है “
चमन चुतिया ने अपने नारंगी का एक बड़ा पैक बनाया , एक बार उसे सुंघा और फिर बिना ही पानी डाले सीधे अपने गले से उतार लिया ..
“आह मजा ही आ गया आकाश भाई …नागपुर की नारंगी दिल खुश कर देती है ”
बाजु में बैठा एक सीधा साधा सा दिखने वाला नौजवान आकश बस मुस्कुरा कर रह गया
“बाबा जब से आये हो 3 बोतल गटक चुके हो अब तो मेरी मेडम से मेरी सेटिंग करवा दो “
आकाश की भोली आँखों में उम्मीद की एक किरण थी वो चमन के पास बड़ी उम्मीद लगा कर बैठा था …
“करवा देंगे इतनी भी क्या फिक्र है तुम्हे , जाओ एक और बोतल ले का आओ “
आकाश ने गुस्से से चमन को देखा और फिर उठ कर दारू लेने चला गया ..
“डॉ साहब ये उस चुड़ैल का काम हो सकता है जिसे कुवर ने आजाद करवाया था , तो जस्ट चील और पे माय बिल …”
डॉ ने उसे गुस्से से देखा
“भोसड़ी के चमन , अपना बिल पे करने के लिए तो तूने ये मासूम सा नौजवान फंसा कर ही रखा है अरे कर दे ना इसका काम “
चमन दांत दिखा कर हँसने लगा
“यु नो इट्स वेरी डेंजरस , ये अपनी कालेज की प्रोफ़ेसर से ही प्यार करता है , अब मैं कैसे उसकी सेटिंग करवाऊ …??”
“तू वो सब छोड़ अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल ना बन पाई तो और कौन कुवर को रोकेगा “
चमन जोरो से हँसने लगा
“उसे रोकने की क्या जरुरत है , प्रकृति का संतुलन बना रहना चाहिए , कुवर को कई महिलाओ की गोद भरनी है तो उसे ऐसा होना ही होगा , खुले सांड की तरह जिसे पाया पेल दिया “
डॉ को लगा की चमन के पास आना ही फिजूल है लेकिन तभी उसका फोन बज उठा , सामने से जो उसने सुना उसे सुनकर उसके बांछे खिल गई …
“चल जल्दी उठ चुदैल चुड़ैल बनने के लिए एक लड़की मिल गई …”
“कौन ??”
“रामिका “
“बलवंत की बेटी ???”
“हा “
“लेकिन ??”
“उठेगा या यही तेरी गांड में सरिया घुसा दू “
डॉ ने गुस्से से चमन को देखते हुए कहा तब तक आकश भी एक नारंगी की बोतल ले कर आ गया था …
“डॉ बस इसे तो पीने दे यार “
डॉ ने एक बार दोनों को देखा
“चल जल्दी कर “
चमन ने सीधे बोतल का ढक्कन खोला और मुह से लगा कर एक ही साँस में पूरा दारू अंदर कर लिया …
“आह मजा आ गया बेटा , फिक्र मत कर तेरी मेडम तेरे बिस्तर में होगी जल्द ही “
इतना कहकर वो उठा और डॉ के साथ हो लिया …
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कोकू की झोपडी में …
बाहर से जो झोपड़ी थी वो अंदर से एक आलीशान महल था मेरी दोनों प्रेमिकाए मेरे बांहों में झूल रही थी , मैं दुनिया की टेंशन से दूर उनके प्रेम में खोया हुआ आराम से बैठा उन्हें महसूस कर रहा था ,
अन्नू उठकर मेरे गोद में आ गई और मेरे मुह में मुह डालकर मेरे जीभ को चूमने लगी , कोकू भी ये देखकर उत्तेजित होने लगी थी , मैं और अन्नू दोनों ही एक दुसरे के मुह को खाने को आतुर थे , वही कोकू भी मेरे जिस्म को हलके हाथो से सहला रही थी …
कुछ ही देर में अन्नू ने अपने कपडे एक एक करके उतार दिए साथ ही कोकू ने भी मेरे और अपने कपडे उतार दिए , हम तीनो एक एक दुसरे में गुथने को तैयार थे , अन्नू अब भी मेरे गोद में बैठी हुई थी उसने मेरे लिंग को अपने हाथो से सहलाया और खुद थोडा उपर उठकर उसे अपनी योनी में प्रवेश करवा दिया , मैं आनंद की तरंगो से झूम उठा , मेरा सख्त लिंग उसकी योनी की चिपचिपाहट से और भी सख्त होने लगा था , वही कोकू भी मेरे बदन को चूम रही थी उसने बस एक इशारा किया और हम तीनो हवा में थे , कोकू मेरे पीछे आकर मुझे जकड़ चुकी थी , एक तरफ अन्नू मेरे गोद में थी वही कोकू पीछे से मुझे सहला रही थी ,
अन्नू की उत्तेजना बढ़ने लगी और वो जोरो से मेरे गोद में उछलने लगी उसे इस बात का आभास ही नहीं था की हम अभी हवा में लटके हुए है , लेकिन वो मस्त होकर सम्भोग का आनन्द उठा रही थी , वही कोकू मेरे पुरे बदन पर अपने प्यार की निशानी छोड़ने में व्यस्त थी , वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चाटती और अपने जीभ से उसे गिला कर देती ..
सम्भोग के सुख में मैं भी मस्त हो चूका था , मैंने अन्नू को अपने गोद से उठा कर सुला दिया , वो हवा में ही सोई हुई थी वही मैं उसके दोनों पैरो को अपने कंधे में रखकर पुरे जोर से धक्के लगाने लगा ,
‘आह जान आह ‘
सिसकिया और आंहे तेज होने लगी मैं पूरी कोशिस कर रहा था की मैं जल्द से जल्द अपनी मंजिल तक पहुच जाऊ और इसलिए मैं पुरे ताकत से झटके लगा रहा था वही कोकू बस हमें मुस्कुराते हुए देखने लगी , दो प्रेमियों को प्रेम में डूबा हुआ देखना भी एक अलग ही आनन्द लाता है , वो अन्नू के बालो को सहला रही थी अन्नू अपनी उत्तेजना के चरम पर थी और हर धक्के के साथ खुले दिल से चिल्ला रही थी …
वीर्य की एक गाढ़ी धार मेरे लिंग से होते हुए उसके योनी में जाने लगी ..
मैं जोरो से मजे में चीखा …अन्नू ने भी मुझे खुद में समाने के लिए अपने पैरो को मेरे कमर में जोरो से जकड़ लिया था हम दोनों ही एक साथ झरने लगे थे …एक तूफ़ान सा शांत होने लगा और मैं अन्नू के उपर ही गिर गया …
कुछ ही देर हुए थे की मुझे मेरे लिंग में फिर से गीलेपन का अहसास हुआ , ये कोकू थी जिसने मेरे लिंग को अपने मुह में समां लिया था , वो बड़े ही मनोयोग से उसे चूस रही थी …
अन्नू को भी ये आभास हुआ
“हम हवा में लटके है “
उसने आँखे खोलते हुए कहा , और फिर बड़ी बड़ी आँखे किये कोकू को देखने लगी ,
मेरे अंदर की शक्ति इतनी थी की एक दो बार नहीं कई बार वीर्य का स्खलन करने के बाद भी मेरा लिंग वैसा ही तना हुआ रहता , अन्नू के सामने एक मादक नजारा था जन्हा उसके प्रेमी का लिंग एक दूसरी प्रेमिका के मुह में था , लेकिन अन्नू को आज जलन नहीं हुई बल्कि उसने बड़े ही प्रेम से भरकर कोकू के बालो को सहलाया …
“मेरे दीदी को वही तृप्ति को जो आपने मुझे दिया “
उसने मुस्कुराते हुए कहा
मैं मजे में अपनी आँखे बंद कर चूका था , अन्नू मेरे पास आई और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ..
कोकू भी उठ बैठी थी हम तीनो में हवा में बैठे हुए थे और कोकू ने मेरा लिंग अपनी योनी में डाल लिया ..
हम आकाश में और भी उपर उठ गए , अब ना महल था ना ही कोई झोपडी हम बदलो की सैर कर रहे थे , मैं और कोकू सम्भोग में मगन थे वही अन्नू आश्चर्य से कोकू की ये ताकत देख रही थी , वो बदलो तक उपर उठ चुकी थी दूर दूर तक कई पर्वत शिखर दिखाई पड़ रहे थे , निचे जमीन का दिखना भी बंद हो चूका था वही कोकू और मेरा सम्भोग भी जोरो से शुरू हो चूका था , हम दोनों ही एक दुसरे के जिस्म से गुथे जा रहे थे ..
कभी वो मेरे उपर होती तो कभी मैं उसके उपर ये कोई नार्मल सम्भोग नहीं था, हम दोनों ही एक दुसरे पर हावी हो जाते और पूरी ताकत लगा कर धक्के मारते , कभी कभी अन्नू हमें देख कर हँस पड़ती , मैं अब अपने चरम के नजदीक आ चूका था , मैंने वीर्य की धार छोडनी शुरू की कोकू ने भी अपने पैरो को मेरे कमर में बाँध कर इसका स्वागत किया , मैंने अन्नू को अभी अपने पास खिंच लिया था , हम तीनो एक दुसरे के होठो को चूम रहे थे ……
कोकू ने अन्नू को अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो में अपने होठो डालकर जोरदार चुम्मन दिया …
अन्नू के चहरे में शर्म की रेखा खिंच गई थी …
“दीदी आप भी “ वो शरमाते हुए बोली
“अब हम तीनो अलग नहीं है हम एक ही है “ कोकू की आँखों में हल्का पानी था , मेरे हाथ दोनों की कमर पर थे मैं उन्हें हलके से सहला रहा था मैंने दोनों को अपने ओर खिंच कर खुद से सटा लिया …
“बहुत हुआ हवा में उड़ना , अब बिस्तर में सामान्य इंसानों की तरह सोते है , मुझे आज मेरी प्रेमिकाओ को रात भर भोगना है “
मेरी बात सुनकर जन्हा कोकू मुस्कुरा उठा वही अन्नू ने शर्मा कर अपना सर मेरे कंधे में रख दिया ……………

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इधर अब्दुल बलवंत के पहुचा वो बहुत ही खुश दिखाई दे रहा था …
“ठाकुर एक काबिल तांत्रिक मिला है , ये वही है जिसने कुवर को शक्तिया देने में मदद की थी “
“कौन ??”
“चमन चुतिया नाम है उसका , 10 लाख रूपये और शहर में एक बार का टेंडर मांग रहा है मैंने हां कह दिया है “
बलवंत ने थोड़ी शंका से अब्दुल को देखा
“क्या ऐसा लालची आदमी हमारा इतना महत्वपूर्ण काम कर पायेगा ???”
अब्दुल हँसने लगा
“मैंने पता किया है , ये डॉ चुतिया का ही दोस्त है लेकिन एक नंबर का लालची और दारुबाज , लेकिन है बहुत काम का आदमी , इसने ही कुवर को कोमा से उठा कर एक बलशाली जवान बना दिया , इसने ही उसमें शैतानी शक्तियों को समाने का मार्ग दिखाया था ,पैसो के लिए ये कुछ भी कर सकता है , इसने गुंजन को इस पते पर भेजने के लिए कहा है , दो दिनों का काम है बस “
“हम्म हमें भी गुंजन के आस पास ही रहना होगा “
“नहीं ठाकुर साहब चमन ने इस बात की सख्त हिदायत दी है की गुंजन के अलावा वंहा कोई नहीं आएगा , ऐसा ही कुछ कुवर के केस में भी किया गया था “
ठाकुर कुछ देर तक कुछ सोचता है …
“ठीक है कब भेजना है उसे “
“5 दिनों के बाद अमावस्या होने वाली है वही दिन सबसे अच्छा होगा “
बलवंत ने भी हां में सर हिला दिया

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:superb: :good: :perfect: awesome update hai dr sahab,
Behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
 

Ek number

Well-Known Member
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173
अध्याय 30
प्रेम और जिद दो ऐसी चीजे है जो जीवन में कुछ भी करवा सकती है .
एक तरफ मेरा अन्नू और कोकू का प्रेम था तो दूसरी ओर गुंजन और रामिका की जिद ..
हा वो जिद प्रेम के कारण ही थी लेकिन प्रेम की अभिव्यक्ति अलग थी , कोई मेरे लिए खुद को समर्पित करना चाहता था तो कोई मुझे पाना चाहता था ,
मैं इन दोनों ही बातो से अनजान कोकू और अन्नू के साथ बैठा हुआ था , किसी राजा की तरह एक बड़े से सिहासन नुमा सोफे में और मेरे दोनों ओर मेरी दो रानियाँ थी एक तरफ कोकू तो दूसरी ओर अन्नू , अब दोनों के मन में एक दूजे के लिए सम्मान और प्रेम के भाव थे , वो दोनों ही मुझे अपना प्रेम समर्पित करने को आतुर थे बदले में उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए था , ये उनका सच्चा प्रेम था और मैं उन खुशनसीबो में खुद को मानता था जिन्हें सच्चा प्रेम नसीब होता है …
कभी कोकू मेरे गालो को चूमती तो कभी अन्नू और मैं बस मुस्कुरा कर उनके प्रेम को महसूस कर रहा था ..
***************
इधर हवेली में अफरा तफरी मची हुई थी , अम्मा बुरी तरह से बेचैन थी
“क्या मतलब है की उड़ा के ले गई “
उन्होंने गुस्से में अंकित से पूछा
“सच में अम्मा पता नहीं वो कौन ही कहा से आई थी लेकिन कुवर उसके साथ खुद की मर्जी से गए है , वो कुवर को उड़ा के ले गई “
अम्मा को कुछ भी समझ नही आ रहा था एक तरफ तो अन्नू अपने घर से गायब थी और दूसरी ओर कुवर भी गायब … अम्मा ने सीधे डॉ को फोन लगा दिया ..
थोड़े देर बात करने के बाद वो शांत हुई ……
*********************************
इधर एक देशी शराब के अड्डे में
डॉ चुतिया अपने दोस्त तांत्रिक चमन चुतिया और एक और शख्स के साथ बैठे थे
“आखिर अन्नू गई कहा होगी चमन और अब कुवर भी गायब है , कोई किसी को उड़ा कर कैसे ले जा सकता है “
चमन चुतिया ने अपने नारंगी का एक बड़ा पैक बनाया , एक बार उसे सुंघा और फिर बिना ही पानी डाले सीधे अपने गले से उतार लिया ..
“आह मजा ही आ गया आकाश भाई …नागपुर की नारंगी दिल खुश कर देती है ”
बाजु में बैठा एक सीधा साधा सा दिखने वाला नौजवान आकश बस मुस्कुरा कर रह गया
“बाबा जब से आये हो 3 बोतल गटक चुके हो अब तो मेरी मेडम से मेरी सेटिंग करवा दो “
आकाश की भोली आँखों में उम्मीद की एक किरण थी वो चमन के पास बड़ी उम्मीद लगा कर बैठा था …
“करवा देंगे इतनी भी क्या फिक्र है तुम्हे , जाओ एक और बोतल ले का आओ “
आकाश ने गुस्से से चमन को देखा और फिर उठ कर दारू लेने चला गया ..
“डॉ साहब ये उस चुड़ैल का काम हो सकता है जिसे कुवर ने आजाद करवाया था , तो जस्ट चील और पे माय बिल …”
डॉ ने उसे गुस्से से देखा
“भोसड़ी के चमन , अपना बिल पे करने के लिए तो तूने ये मासूम सा नौजवान फंसा कर ही रखा है अरे कर दे ना इसका काम “
चमन दांत दिखा कर हँसने लगा
“यु नो इट्स वेरी डेंजरस , ये अपनी कालेज की प्रोफ़ेसर से ही प्यार करता है , अब मैं कैसे उसकी सेटिंग करवाऊ …??”
“तू वो सब छोड़ अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल ना बन पाई तो और कौन कुवर को रोकेगा “
चमन जोरो से हँसने लगा
“उसे रोकने की क्या जरुरत है , प्रकृति का संतुलन बना रहना चाहिए , कुवर को कई महिलाओ की गोद भरनी है तो उसे ऐसा होना ही होगा , खुले सांड की तरह जिसे पाया पेल दिया “
डॉ को लगा की चमन के पास आना ही फिजूल है लेकिन तभी उसका फोन बज उठा , सामने से जो उसने सुना उसे सुनकर उसके बांछे खिल गई …
“चल जल्दी उठ चुदैल चुड़ैल बनने के लिए एक लड़की मिल गई …”
“कौन ??”
“रामिका “
“बलवंत की बेटी ???”
“हा “
“लेकिन ??”
“उठेगा या यही तेरी गांड में सरिया घुसा दू “
डॉ ने गुस्से से चमन को देखते हुए कहा तब तक आकश भी एक नारंगी की बोतल ले कर आ गया था …
“डॉ बस इसे तो पीने दे यार “
डॉ ने एक बार दोनों को देखा
“चल जल्दी कर “
चमन ने सीधे बोतल का ढक्कन खोला और मुह से लगा कर एक ही साँस में पूरा दारू अंदर कर लिया …
“आह मजा आ गया बेटा , फिक्र मत कर तेरी मेडम तेरे बिस्तर में होगी जल्द ही “
इतना कहकर वो उठा और डॉ के साथ हो लिया …
**********************************

कोकू की झोपडी में …
बाहर से जो झोपड़ी थी वो अंदर से एक आलीशान महल था मेरी दोनों प्रेमिकाए मेरे बांहों में झूल रही थी , मैं दुनिया की टेंशन से दूर उनके प्रेम में खोया हुआ आराम से बैठा उन्हें महसूस कर रहा था ,
अन्नू उठकर मेरे गोद में आ गई और मेरे मुह में मुह डालकर मेरे जीभ को चूमने लगी , कोकू भी ये देखकर उत्तेजित होने लगी थी , मैं और अन्नू दोनों ही एक दुसरे के मुह को खाने को आतुर थे , वही कोकू भी मेरे जिस्म को हलके हाथो से सहला रही थी …
कुछ ही देर में अन्नू ने अपने कपडे एक एक करके उतार दिए साथ ही कोकू ने भी मेरे और अपने कपडे उतार दिए , हम तीनो एक एक दुसरे में गुथने को तैयार थे , अन्नू अब भी मेरे गोद में बैठी हुई थी उसने मेरे लिंग को अपने हाथो से सहलाया और खुद थोडा उपर उठकर उसे अपनी योनी में प्रवेश करवा दिया , मैं आनंद की तरंगो से झूम उठा , मेरा सख्त लिंग उसकी योनी की चिपचिपाहट से और भी सख्त होने लगा था , वही कोकू भी मेरे बदन को चूम रही थी उसने बस एक इशारा किया और हम तीनो हवा में थे , कोकू मेरे पीछे आकर मुझे जकड़ चुकी थी , एक तरफ अन्नू मेरे गोद में थी वही कोकू पीछे से मुझे सहला रही थी ,
अन्नू की उत्तेजना बढ़ने लगी और वो जोरो से मेरे गोद में उछलने लगी उसे इस बात का आभास ही नहीं था की हम अभी हवा में लटके हुए है , लेकिन वो मस्त होकर सम्भोग का आनन्द उठा रही थी , वही कोकू मेरे पुरे बदन पर अपने प्यार की निशानी छोड़ने में व्यस्त थी , वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चाटती और अपने जीभ से उसे गिला कर देती ..
सम्भोग के सुख में मैं भी मस्त हो चूका था , मैंने अन्नू को अपने गोद से उठा कर सुला दिया , वो हवा में ही सोई हुई थी वही मैं उसके दोनों पैरो को अपने कंधे में रखकर पुरे जोर से धक्के लगाने लगा ,
‘आह जान आह ‘
सिसकिया और आंहे तेज होने लगी मैं पूरी कोशिस कर रहा था की मैं जल्द से जल्द अपनी मंजिल तक पहुच जाऊ और इसलिए मैं पुरे ताकत से झटके लगा रहा था वही कोकू बस हमें मुस्कुराते हुए देखने लगी , दो प्रेमियों को प्रेम में डूबा हुआ देखना भी एक अलग ही आनन्द लाता है , वो अन्नू के बालो को सहला रही थी अन्नू अपनी उत्तेजना के चरम पर थी और हर धक्के के साथ खुले दिल से चिल्ला रही थी …
वीर्य की एक गाढ़ी धार मेरे लिंग से होते हुए उसके योनी में जाने लगी ..
मैं जोरो से मजे में चीखा …अन्नू ने भी मुझे खुद में समाने के लिए अपने पैरो को मेरे कमर में जोरो से जकड़ लिया था हम दोनों ही एक साथ झरने लगे थे …एक तूफ़ान सा शांत होने लगा और मैं अन्नू के उपर ही गिर गया …
कुछ ही देर हुए थे की मुझे मेरे लिंग में फिर से गीलेपन का अहसास हुआ , ये कोकू थी जिसने मेरे लिंग को अपने मुह में समां लिया था , वो बड़े ही मनोयोग से उसे चूस रही थी …
अन्नू को भी ये आभास हुआ
“हम हवा में लटके है “
उसने आँखे खोलते हुए कहा , और फिर बड़ी बड़ी आँखे किये कोकू को देखने लगी ,
मेरे अंदर की शक्ति इतनी थी की एक दो बार नहीं कई बार वीर्य का स्खलन करने के बाद भी मेरा लिंग वैसा ही तना हुआ रहता , अन्नू के सामने एक मादक नजारा था जन्हा उसके प्रेमी का लिंग एक दूसरी प्रेमिका के मुह में था , लेकिन अन्नू को आज जलन नहीं हुई बल्कि उसने बड़े ही प्रेम से भरकर कोकू के बालो को सहलाया …
“मेरे दीदी को वही तृप्ति को जो आपने मुझे दिया “
उसने मुस्कुराते हुए कहा
मैं मजे में अपनी आँखे बंद कर चूका था , अन्नू मेरे पास आई और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ..
कोकू भी उठ बैठी थी हम तीनो में हवा में बैठे हुए थे और कोकू ने मेरा लिंग अपनी योनी में डाल लिया ..
हम आकाश में और भी उपर उठ गए , अब ना महल था ना ही कोई झोपडी हम बदलो की सैर कर रहे थे , मैं और कोकू सम्भोग में मगन थे वही अन्नू आश्चर्य से कोकू की ये ताकत देख रही थी , वो बदलो तक उपर उठ चुकी थी दूर दूर तक कई पर्वत शिखर दिखाई पड़ रहे थे , निचे जमीन का दिखना भी बंद हो चूका था वही कोकू और मेरा सम्भोग भी जोरो से शुरू हो चूका था , हम दोनों ही एक दुसरे के जिस्म से गुथे जा रहे थे ..
कभी वो मेरे उपर होती तो कभी मैं उसके उपर ये कोई नार्मल सम्भोग नहीं था, हम दोनों ही एक दुसरे पर हावी हो जाते और पूरी ताकत लगा कर धक्के मारते , कभी कभी अन्नू हमें देख कर हँस पड़ती , मैं अब अपने चरम के नजदीक आ चूका था , मैंने वीर्य की धार छोडनी शुरू की कोकू ने भी अपने पैरो को मेरे कमर में बाँध कर इसका स्वागत किया , मैंने अन्नू को अभी अपने पास खिंच लिया था , हम तीनो एक दुसरे के होठो को चूम रहे थे ……
कोकू ने अन्नू को अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो में अपने होठो डालकर जोरदार चुम्मन दिया …
अन्नू के चहरे में शर्म की रेखा खिंच गई थी …
“दीदी आप भी “ वो शरमाते हुए बोली
“अब हम तीनो अलग नहीं है हम एक ही है “ कोकू की आँखों में हल्का पानी था , मेरे हाथ दोनों की कमर पर थे मैं उन्हें हलके से सहला रहा था मैंने दोनों को अपने ओर खिंच कर खुद से सटा लिया …
“बहुत हुआ हवा में उड़ना , अब बिस्तर में सामान्य इंसानों की तरह सोते है , मुझे आज मेरी प्रेमिकाओ को रात भर भोगना है “
मेरी बात सुनकर जन्हा कोकू मुस्कुरा उठा वही अन्नू ने शर्मा कर अपना सर मेरे कंधे में रख दिया ……………

**************************************************
इधर अब्दुल बलवंत के पहुचा वो बहुत ही खुश दिखाई दे रहा था …
“ठाकुर एक काबिल तांत्रिक मिला है , ये वही है जिसने कुवर को शक्तिया देने में मदद की थी “
“कौन ??”
“चमन चुतिया नाम है उसका , 10 लाख रूपये और शहर में एक बार का टेंडर मांग रहा है मैंने हां कह दिया है “
बलवंत ने थोड़ी शंका से अब्दुल को देखा
“क्या ऐसा लालची आदमी हमारा इतना महत्वपूर्ण काम कर पायेगा ???”
अब्दुल हँसने लगा
“मैंने पता किया है , ये डॉ चुतिया का ही दोस्त है लेकिन एक नंबर का लालची और दारुबाज , लेकिन है बहुत काम का आदमी , इसने ही कुवर को कोमा से उठा कर एक बलशाली जवान बना दिया , इसने ही उसमें शैतानी शक्तियों को समाने का मार्ग दिखाया था ,पैसो के लिए ये कुछ भी कर सकता है , इसने गुंजन को इस पते पर भेजने के लिए कहा है , दो दिनों का काम है बस “
“हम्म हमें भी गुंजन के आस पास ही रहना होगा “
“नहीं ठाकुर साहब चमन ने इस बात की सख्त हिदायत दी है की गुंजन के अलावा वंहा कोई नहीं आएगा , ऐसा ही कुछ कुवर के केस में भी किया गया था “
ठाकुर कुछ देर तक कुछ सोचता है …
“ठीक है कब भेजना है उसे “
“5 दिनों के बाद अमावस्या होने वाली है वही दिन सबसे अच्छा होगा “
बलवंत ने भी हां में सर हिला दिया

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Rajesh

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अध्याय 30
प्रेम और जिद दो ऐसी चीजे है जो जीवन में कुछ भी करवा सकती है .
एक तरफ मेरा अन्नू और कोकू का प्रेम था तो दूसरी ओर गुंजन और रामिका की जिद ..
हा वो जिद प्रेम के कारण ही थी लेकिन प्रेम की अभिव्यक्ति अलग थी , कोई मेरे लिए खुद को समर्पित करना चाहता था तो कोई मुझे पाना चाहता था ,
मैं इन दोनों ही बातो से अनजान कोकू और अन्नू के साथ बैठा हुआ था , किसी राजा की तरह एक बड़े से सिहासन नुमा सोफे में और मेरे दोनों ओर मेरी दो रानियाँ थी एक तरफ कोकू तो दूसरी ओर अन्नू , अब दोनों के मन में एक दूजे के लिए सम्मान और प्रेम के भाव थे , वो दोनों ही मुझे अपना प्रेम समर्पित करने को आतुर थे बदले में उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए था , ये उनका सच्चा प्रेम था और मैं उन खुशनसीबो में खुद को मानता था जिन्हें सच्चा प्रेम नसीब होता है …
कभी कोकू मेरे गालो को चूमती तो कभी अन्नू और मैं बस मुस्कुरा कर उनके प्रेम को महसूस कर रहा था ..
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इधर हवेली में अफरा तफरी मची हुई थी , अम्मा बुरी तरह से बेचैन थी
“क्या मतलब है की उड़ा के ले गई “
उन्होंने गुस्से में अंकित से पूछा
“सच में अम्मा पता नहीं वो कौन ही कहा से आई थी लेकिन कुवर उसके साथ खुद की मर्जी से गए है , वो कुवर को उड़ा के ले गई “
अम्मा को कुछ भी समझ नही आ रहा था एक तरफ तो अन्नू अपने घर से गायब थी और दूसरी ओर कुवर भी गायब … अम्मा ने सीधे डॉ को फोन लगा दिया ..
थोड़े देर बात करने के बाद वो शांत हुई ……
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इधर एक देशी शराब के अड्डे में
डॉ चुतिया अपने दोस्त तांत्रिक चमन चुतिया और एक और शख्स के साथ बैठे थे
“आखिर अन्नू गई कहा होगी चमन और अब कुवर भी गायब है , कोई किसी को उड़ा कर कैसे ले जा सकता है “
चमन चुतिया ने अपने नारंगी का एक बड़ा पैक बनाया , एक बार उसे सुंघा और फिर बिना ही पानी डाले सीधे अपने गले से उतार लिया ..
“आह मजा ही आ गया आकाश भाई …नागपुर की नारंगी दिल खुश कर देती है ”
बाजु में बैठा एक सीधा साधा सा दिखने वाला नौजवान आकश बस मुस्कुरा कर रह गया
“बाबा जब से आये हो 3 बोतल गटक चुके हो अब तो मेरी मेडम से मेरी सेटिंग करवा दो “
आकाश की भोली आँखों में उम्मीद की एक किरण थी वो चमन के पास बड़ी उम्मीद लगा कर बैठा था …
“करवा देंगे इतनी भी क्या फिक्र है तुम्हे , जाओ एक और बोतल ले का आओ “
आकाश ने गुस्से से चमन को देखा और फिर उठ कर दारू लेने चला गया ..
“डॉ साहब ये उस चुड़ैल का काम हो सकता है जिसे कुवर ने आजाद करवाया था , तो जस्ट चील और पे माय बिल …”
डॉ ने उसे गुस्से से देखा
“भोसड़ी के चमन , अपना बिल पे करने के लिए तो तूने ये मासूम सा नौजवान फंसा कर ही रखा है अरे कर दे ना इसका काम “
चमन दांत दिखा कर हँसने लगा
“यु नो इट्स वेरी डेंजरस , ये अपनी कालेज की प्रोफ़ेसर से ही प्यार करता है , अब मैं कैसे उसकी सेटिंग करवाऊ …??”
“तू वो सब छोड़ अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल ना बन पाई तो और कौन कुवर को रोकेगा “
चमन जोरो से हँसने लगा
“उसे रोकने की क्या जरुरत है , प्रकृति का संतुलन बना रहना चाहिए , कुवर को कई महिलाओ की गोद भरनी है तो उसे ऐसा होना ही होगा , खुले सांड की तरह जिसे पाया पेल दिया “
डॉ को लगा की चमन के पास आना ही फिजूल है लेकिन तभी उसका फोन बज उठा , सामने से जो उसने सुना उसे सुनकर उसके बांछे खिल गई …
“चल जल्दी उठ चुदैल चुड़ैल बनने के लिए एक लड़की मिल गई …”
“कौन ??”
“रामिका “
“बलवंत की बेटी ???”
“हा “
“लेकिन ??”
“उठेगा या यही तेरी गांड में सरिया घुसा दू “
डॉ ने गुस्से से चमन को देखते हुए कहा तब तक आकश भी एक नारंगी की बोतल ले कर आ गया था …
“डॉ बस इसे तो पीने दे यार “
डॉ ने एक बार दोनों को देखा
“चल जल्दी कर “
चमन ने सीधे बोतल का ढक्कन खोला और मुह से लगा कर एक ही साँस में पूरा दारू अंदर कर लिया …
“आह मजा आ गया बेटा , फिक्र मत कर तेरी मेडम तेरे बिस्तर में होगी जल्द ही “
इतना कहकर वो उठा और डॉ के साथ हो लिया …
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कोकू की झोपडी में …
बाहर से जो झोपड़ी थी वो अंदर से एक आलीशान महल था मेरी दोनों प्रेमिकाए मेरे बांहों में झूल रही थी , मैं दुनिया की टेंशन से दूर उनके प्रेम में खोया हुआ आराम से बैठा उन्हें महसूस कर रहा था ,
अन्नू उठकर मेरे गोद में आ गई और मेरे मुह में मुह डालकर मेरे जीभ को चूमने लगी , कोकू भी ये देखकर उत्तेजित होने लगी थी , मैं और अन्नू दोनों ही एक दुसरे के मुह को खाने को आतुर थे , वही कोकू भी मेरे जिस्म को हलके हाथो से सहला रही थी …
कुछ ही देर में अन्नू ने अपने कपडे एक एक करके उतार दिए साथ ही कोकू ने भी मेरे और अपने कपडे उतार दिए , हम तीनो एक एक दुसरे में गुथने को तैयार थे , अन्नू अब भी मेरे गोद में बैठी हुई थी उसने मेरे लिंग को अपने हाथो से सहलाया और खुद थोडा उपर उठकर उसे अपनी योनी में प्रवेश करवा दिया , मैं आनंद की तरंगो से झूम उठा , मेरा सख्त लिंग उसकी योनी की चिपचिपाहट से और भी सख्त होने लगा था , वही कोकू भी मेरे बदन को चूम रही थी उसने बस एक इशारा किया और हम तीनो हवा में थे , कोकू मेरे पीछे आकर मुझे जकड़ चुकी थी , एक तरफ अन्नू मेरे गोद में थी वही कोकू पीछे से मुझे सहला रही थी ,
अन्नू की उत्तेजना बढ़ने लगी और वो जोरो से मेरे गोद में उछलने लगी उसे इस बात का आभास ही नहीं था की हम अभी हवा में लटके हुए है , लेकिन वो मस्त होकर सम्भोग का आनन्द उठा रही थी , वही कोकू मेरे पुरे बदन पर अपने प्यार की निशानी छोड़ने में व्यस्त थी , वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चाटती और अपने जीभ से उसे गिला कर देती ..
सम्भोग के सुख में मैं भी मस्त हो चूका था , मैंने अन्नू को अपने गोद से उठा कर सुला दिया , वो हवा में ही सोई हुई थी वही मैं उसके दोनों पैरो को अपने कंधे में रखकर पुरे जोर से धक्के लगाने लगा ,
‘आह जान आह ‘
सिसकिया और आंहे तेज होने लगी मैं पूरी कोशिस कर रहा था की मैं जल्द से जल्द अपनी मंजिल तक पहुच जाऊ और इसलिए मैं पुरे ताकत से झटके लगा रहा था वही कोकू बस हमें मुस्कुराते हुए देखने लगी , दो प्रेमियों को प्रेम में डूबा हुआ देखना भी एक अलग ही आनन्द लाता है , वो अन्नू के बालो को सहला रही थी अन्नू अपनी उत्तेजना के चरम पर थी और हर धक्के के साथ खुले दिल से चिल्ला रही थी …
वीर्य की एक गाढ़ी धार मेरे लिंग से होते हुए उसके योनी में जाने लगी ..
मैं जोरो से मजे में चीखा …अन्नू ने भी मुझे खुद में समाने के लिए अपने पैरो को मेरे कमर में जोरो से जकड़ लिया था हम दोनों ही एक साथ झरने लगे थे …एक तूफ़ान सा शांत होने लगा और मैं अन्नू के उपर ही गिर गया …
कुछ ही देर हुए थे की मुझे मेरे लिंग में फिर से गीलेपन का अहसास हुआ , ये कोकू थी जिसने मेरे लिंग को अपने मुह में समां लिया था , वो बड़े ही मनोयोग से उसे चूस रही थी …
अन्नू को भी ये आभास हुआ
“हम हवा में लटके है “
उसने आँखे खोलते हुए कहा , और फिर बड़ी बड़ी आँखे किये कोकू को देखने लगी ,
मेरे अंदर की शक्ति इतनी थी की एक दो बार नहीं कई बार वीर्य का स्खलन करने के बाद भी मेरा लिंग वैसा ही तना हुआ रहता , अन्नू के सामने एक मादक नजारा था जन्हा उसके प्रेमी का लिंग एक दूसरी प्रेमिका के मुह में था , लेकिन अन्नू को आज जलन नहीं हुई बल्कि उसने बड़े ही प्रेम से भरकर कोकू के बालो को सहलाया …
“मेरे दीदी को वही तृप्ति को जो आपने मुझे दिया “
उसने मुस्कुराते हुए कहा
मैं मजे में अपनी आँखे बंद कर चूका था , अन्नू मेरे पास आई और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ..
कोकू भी उठ बैठी थी हम तीनो में हवा में बैठे हुए थे और कोकू ने मेरा लिंग अपनी योनी में डाल लिया ..
हम आकाश में और भी उपर उठ गए , अब ना महल था ना ही कोई झोपडी हम बदलो की सैर कर रहे थे , मैं और कोकू सम्भोग में मगन थे वही अन्नू आश्चर्य से कोकू की ये ताकत देख रही थी , वो बदलो तक उपर उठ चुकी थी दूर दूर तक कई पर्वत शिखर दिखाई पड़ रहे थे , निचे जमीन का दिखना भी बंद हो चूका था वही कोकू और मेरा सम्भोग भी जोरो से शुरू हो चूका था , हम दोनों ही एक दुसरे के जिस्म से गुथे जा रहे थे ..
कभी वो मेरे उपर होती तो कभी मैं उसके उपर ये कोई नार्मल सम्भोग नहीं था, हम दोनों ही एक दुसरे पर हावी हो जाते और पूरी ताकत लगा कर धक्के मारते , कभी कभी अन्नू हमें देख कर हँस पड़ती , मैं अब अपने चरम के नजदीक आ चूका था , मैंने वीर्य की धार छोडनी शुरू की कोकू ने भी अपने पैरो को मेरे कमर में बाँध कर इसका स्वागत किया , मैंने अन्नू को अभी अपने पास खिंच लिया था , हम तीनो एक दुसरे के होठो को चूम रहे थे ……
कोकू ने अन्नू को अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो में अपने होठो डालकर जोरदार चुम्मन दिया …
अन्नू के चहरे में शर्म की रेखा खिंच गई थी …
“दीदी आप भी “ वो शरमाते हुए बोली
“अब हम तीनो अलग नहीं है हम एक ही है “ कोकू की आँखों में हल्का पानी था , मेरे हाथ दोनों की कमर पर थे मैं उन्हें हलके से सहला रहा था मैंने दोनों को अपने ओर खिंच कर खुद से सटा लिया …
“बहुत हुआ हवा में उड़ना , अब बिस्तर में सामान्य इंसानों की तरह सोते है , मुझे आज मेरी प्रेमिकाओ को रात भर भोगना है “
मेरी बात सुनकर जन्हा कोकू मुस्कुरा उठा वही अन्नू ने शर्मा कर अपना सर मेरे कंधे में रख दिया ……………

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इधर अब्दुल बलवंत के पहुचा वो बहुत ही खुश दिखाई दे रहा था …
“ठाकुर एक काबिल तांत्रिक मिला है , ये वही है जिसने कुवर को शक्तिया देने में मदद की थी “
“कौन ??”
“चमन चुतिया नाम है उसका , 10 लाख रूपये और शहर में एक बार का टेंडर मांग रहा है मैंने हां कह दिया है “
बलवंत ने थोड़ी शंका से अब्दुल को देखा
“क्या ऐसा लालची आदमी हमारा इतना महत्वपूर्ण काम कर पायेगा ???”
अब्दुल हँसने लगा
“मैंने पता किया है , ये डॉ चुतिया का ही दोस्त है लेकिन एक नंबर का लालची और दारुबाज , लेकिन है बहुत काम का आदमी , इसने ही कुवर को कोमा से उठा कर एक बलशाली जवान बना दिया , इसने ही उसमें शैतानी शक्तियों को समाने का मार्ग दिखाया था ,पैसो के लिए ये कुछ भी कर सकता है , इसने गुंजन को इस पते पर भेजने के लिए कहा है , दो दिनों का काम है बस “
“हम्म हमें भी गुंजन के आस पास ही रहना होगा “
“नहीं ठाकुर साहब चमन ने इस बात की सख्त हिदायत दी है की गुंजन के अलावा वंहा कोई नहीं आएगा , ऐसा ही कुछ कुवर के केस में भी किया गया था “
ठाकुर कुछ देर तक कुछ सोचता है …
“ठीक है कब भेजना है उसे “
“5 दिनों के बाद अमावस्या होने वाली है वही दिन सबसे अच्छा होगा “
बलवंत ने भी हां में सर हिला दिया

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Nice update bro


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deeppreeti

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प्रेम और जिद दो ऐसी चीजे है जो जीवन में कुछ भी करवा सकती है .
एक तरफ मेरा अन्नू और कोकू का प्रेम था तो दूसरी ओर गुंजन और रामिका की जिद ..
हा वो जिद प्रेम के कारण ही थी लेकिन प्रेम की अभिव्यक्ति अलग थी , कोई मेरे लिए खुद को समर्पित करना चाहता था तो कोई मुझे पाना चाहता था ,
मैं इन दोनों ही बातो से अनजान कोकू और अन्नू के साथ बैठा हुआ था , किसी राजा की तरह एक बड़े से सिहासन नुमा सोफे में और मेरे दोनों ओर मेरी दो रानियाँ थी एक तरफ कोकू तो दूसरी ओर अन्नू , अब दोनों के मन में एक दूजे के लिए सम्मान और प्रेम के भाव थे , वो दोनों ही मुझे अपना प्रेम समर्पित करने को आतुर थे बदले में उन्हें कुछ भी नहीं चाहिए था , ये उनका सच्चा प्रेम था और मैं उन खुशनसीबो में खुद को मानता था जिन्हें सच्चा प्रेम नसीब होता है …
कभी कोकू मेरे गालो को चूमती तो कभी अन्नू और मैं बस मुस्कुरा कर उनके प्रेम को महसूस कर रहा था ..
***************
इधर हवेली में अफरा तफरी मची हुई थी , अम्मा बुरी तरह से बेचैन थी
“क्या मतलब है की उड़ा के ले गई “
उन्होंने गुस्से में अंकित से पूछा
“सच में अम्मा पता नहीं वो कौन ही कहा से आई थी लेकिन कुवर उसके साथ खुद की मर्जी से गए है , वो कुवर को उड़ा के ले गई “
अम्मा को कुछ भी समझ नही आ रहा था एक तरफ तो अन्नू अपने घर से गायब थी और दूसरी ओर कुवर भी गायब … अम्मा ने सीधे डॉ को फोन लगा दिया ..
थोड़े देर बात करने के बाद वो शांत हुई ……
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इधर एक देशी शराब के अड्डे में
डॉ चुतिया अपने दोस्त तांत्रिक चमन चुतिया और एक और शख्स के साथ बैठे थे
“आखिर अन्नू गई कहा होगी चमन और अब कुवर भी गायब है , कोई किसी को उड़ा कर कैसे ले जा सकता है “
चमन चुतिया ने अपने नारंगी का एक बड़ा पैक बनाया , एक बार उसे सुंघा और फिर बिना ही पानी डाले सीधे अपने गले से उतार लिया ..
“आह मजा ही आ गया आकाश भाई …नागपुर की नारंगी दिल खुश कर देती है ”
बाजु में बैठा एक सीधा साधा सा दिखने वाला नौजवान आकश बस मुस्कुरा कर रह गया
“बाबा जब से आये हो 3 बोतल गटक चुके हो अब तो मेरी मेडम से मेरी सेटिंग करवा दो “
आकाश की भोली आँखों में उम्मीद की एक किरण थी वो चमन के पास बड़ी उम्मीद लगा कर बैठा था …
“करवा देंगे इतनी भी क्या फिक्र है तुम्हे , जाओ एक और बोतल ले का आओ “
आकाश ने गुस्से से चमन को देखा और फिर उठ कर दारू लेने चला गया ..
“डॉ साहब ये उस चुड़ैल का काम हो सकता है जिसे कुवर ने आजाद करवाया था , तो जस्ट चील और पे माय बिल …”
डॉ ने उसे गुस्से से देखा
“भोसड़ी के चमन , अपना बिल पे करने के लिए तो तूने ये मासूम सा नौजवान फंसा कर ही रखा है अरे कर दे ना इसका काम “
चमन दांत दिखा कर हँसने लगा
“यु नो इट्स वेरी डेंजरस , ये अपनी कालेज की प्रोफ़ेसर से ही प्यार करता है , अब मैं कैसे उसकी सेटिंग करवाऊ …??”
“तू वो सब छोड़ अगर अन्नू चुदैल चुड़ैल ना बन पाई तो और कौन कुवर को रोकेगा “
चमन जोरो से हँसने लगा
“उसे रोकने की क्या जरुरत है , प्रकृति का संतुलन बना रहना चाहिए , कुवर को कई महिलाओ की गोद भरनी है तो उसे ऐसा होना ही होगा , खुले सांड की तरह जिसे पाया पेल दिया “
डॉ को लगा की चमन के पास आना ही फिजूल है लेकिन तभी उसका फोन बज उठा , सामने से जो उसने सुना उसे सुनकर उसके बांछे खिल गई …
“चल जल्दी उठ चुदैल चुड़ैल बनने के लिए एक लड़की मिल गई …”
“कौन ??”
“रामिका “
“बलवंत की बेटी ???”
“हा “
“लेकिन ??”
“उठेगा या यही तेरी गांड में सरिया घुसा दू “
डॉ ने गुस्से से चमन को देखते हुए कहा तब तक आकश भी एक नारंगी की बोतल ले कर आ गया था …
“डॉ बस इसे तो पीने दे यार “
डॉ ने एक बार दोनों को देखा
“चल जल्दी कर “
चमन ने सीधे बोतल का ढक्कन खोला और मुह से लगा कर एक ही साँस में पूरा दारू अंदर कर लिया …
“आह मजा आ गया बेटा , फिक्र मत कर तेरी मेडम तेरे बिस्तर में होगी जल्द ही “
इतना कहकर वो उठा और डॉ के साथ हो लिया …
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कोकू की झोपडी में …
बाहर से जो झोपड़ी थी वो अंदर से एक आलीशान महल था मेरी दोनों प्रेमिकाए मेरे बांहों में झूल रही थी , मैं दुनिया की टेंशन से दूर उनके प्रेम में खोया हुआ आराम से बैठा उन्हें महसूस कर रहा था ,
अन्नू उठकर मेरे गोद में आ गई और मेरे मुह में मुह डालकर मेरे जीभ को चूमने लगी , कोकू भी ये देखकर उत्तेजित होने लगी थी , मैं और अन्नू दोनों ही एक दुसरे के मुह को खाने को आतुर थे , वही कोकू भी मेरे जिस्म को हलके हाथो से सहला रही थी …
कुछ ही देर में अन्नू ने अपने कपडे एक एक करके उतार दिए साथ ही कोकू ने भी मेरे और अपने कपडे उतार दिए , हम तीनो एक एक दुसरे में गुथने को तैयार थे , अन्नू अब भी मेरे गोद में बैठी हुई थी उसने मेरे लिंग को अपने हाथो से सहलाया और खुद थोडा उपर उठकर उसे अपनी योनी में प्रवेश करवा दिया , मैं आनंद की तरंगो से झूम उठा , मेरा सख्त लिंग उसकी योनी की चिपचिपाहट से और भी सख्त होने लगा था , वही कोकू भी मेरे बदन को चूम रही थी उसने बस एक इशारा किया और हम तीनो हवा में थे , कोकू मेरे पीछे आकर मुझे जकड़ चुकी थी , एक तरफ अन्नू मेरे गोद में थी वही कोकू पीछे से मुझे सहला रही थी ,
अन्नू की उत्तेजना बढ़ने लगी और वो जोरो से मेरे गोद में उछलने लगी उसे इस बात का आभास ही नहीं था की हम अभी हवा में लटके हुए है , लेकिन वो मस्त होकर सम्भोग का आनन्द उठा रही थी , वही कोकू मेरे पुरे बदन पर अपने प्यार की निशानी छोड़ने में व्यस्त थी , वो मेरे जिस्म के हर हिस्से को चाटती और अपने जीभ से उसे गिला कर देती ..
सम्भोग के सुख में मैं भी मस्त हो चूका था , मैंने अन्नू को अपने गोद से उठा कर सुला दिया , वो हवा में ही सोई हुई थी वही मैं उसके दोनों पैरो को अपने कंधे में रखकर पुरे जोर से धक्के लगाने लगा ,
‘आह जान आह ‘
सिसकिया और आंहे तेज होने लगी मैं पूरी कोशिस कर रहा था की मैं जल्द से जल्द अपनी मंजिल तक पहुच जाऊ और इसलिए मैं पुरे ताकत से झटके लगा रहा था वही कोकू बस हमें मुस्कुराते हुए देखने लगी , दो प्रेमियों को प्रेम में डूबा हुआ देखना भी एक अलग ही आनन्द लाता है , वो अन्नू के बालो को सहला रही थी अन्नू अपनी उत्तेजना के चरम पर थी और हर धक्के के साथ खुले दिल से चिल्ला रही थी …
वीर्य की एक गाढ़ी धार मेरे लिंग से होते हुए उसके योनी में जाने लगी ..
मैं जोरो से मजे में चीखा …अन्नू ने भी मुझे खुद में समाने के लिए अपने पैरो को मेरे कमर में जोरो से जकड़ लिया था हम दोनों ही एक साथ झरने लगे थे …एक तूफ़ान सा शांत होने लगा और मैं अन्नू के उपर ही गिर गया …
कुछ ही देर हुए थे की मुझे मेरे लिंग में फिर से गीलेपन का अहसास हुआ , ये कोकू थी जिसने मेरे लिंग को अपने मुह में समां लिया था , वो बड़े ही मनोयोग से उसे चूस रही थी …
अन्नू को भी ये आभास हुआ
“हम हवा में लटके है “
उसने आँखे खोलते हुए कहा , और फिर बड़ी बड़ी आँखे किये कोकू को देखने लगी ,
मेरे अंदर की शक्ति इतनी थी की एक दो बार नहीं कई बार वीर्य का स्खलन करने के बाद भी मेरा लिंग वैसा ही तना हुआ रहता , अन्नू के सामने एक मादक नजारा था जन्हा उसके प्रेमी का लिंग एक दूसरी प्रेमिका के मुह में था , लेकिन अन्नू को आज जलन नहीं हुई बल्कि उसने बड़े ही प्रेम से भरकर कोकू के बालो को सहलाया …
“मेरे दीदी को वही तृप्ति को जो आपने मुझे दिया “
उसने मुस्कुराते हुए कहा
मैं मजे में अपनी आँखे बंद कर चूका था , अन्नू मेरे पास आई और मेरे होठो को अपने होठो में भर लिया ..
कोकू भी उठ बैठी थी हम तीनो में हवा में बैठे हुए थे और कोकू ने मेरा लिंग अपनी योनी में डाल लिया ..
हम आकाश में और भी उपर उठ गए , अब ना महल था ना ही कोई झोपडी हम बदलो की सैर कर रहे थे , मैं और कोकू सम्भोग में मगन थे वही अन्नू आश्चर्य से कोकू की ये ताकत देख रही थी , वो बदलो तक उपर उठ चुकी थी दूर दूर तक कई पर्वत शिखर दिखाई पड़ रहे थे , निचे जमीन का दिखना भी बंद हो चूका था वही कोकू और मेरा सम्भोग भी जोरो से शुरू हो चूका था , हम दोनों ही एक दुसरे के जिस्म से गुथे जा रहे थे ..
कभी वो मेरे उपर होती तो कभी मैं उसके उपर ये कोई नार्मल सम्भोग नहीं था, हम दोनों ही एक दुसरे पर हावी हो जाते और पूरी ताकत लगा कर धक्के मारते , कभी कभी अन्नू हमें देख कर हँस पड़ती , मैं अब अपने चरम के नजदीक आ चूका था , मैंने वीर्य की धार छोडनी शुरू की कोकू ने भी अपने पैरो को मेरे कमर में बाँध कर इसका स्वागत किया , मैंने अन्नू को अभी अपने पास खिंच लिया था , हम तीनो एक दुसरे के होठो को चूम रहे थे ……
कोकू ने अन्नू को अपनी ओर खिंच लिया और उसके होठो में अपने होठो डालकर जोरदार चुम्मन दिया …
अन्नू के चहरे में शर्म की रेखा खिंच गई थी …
“दीदी आप भी “ वो शरमाते हुए बोली
“अब हम तीनो अलग नहीं है हम एक ही है “ कोकू की आँखों में हल्का पानी था , मेरे हाथ दोनों की कमर पर थे मैं उन्हें हलके से सहला रहा था मैंने दोनों को अपने ओर खिंच कर खुद से सटा लिया …
“बहुत हुआ हवा में उड़ना , अब बिस्तर में सामान्य इंसानों की तरह सोते है , मुझे आज मेरी प्रेमिकाओ को रात भर भोगना है “
मेरी बात सुनकर जन्हा कोकू मुस्कुरा उठा वही अन्नू ने शर्मा कर अपना सर मेरे कंधे में रख दिया ……………

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इधर अब्दुल बलवंत के पहुचा वो बहुत ही खुश दिखाई दे रहा था …
“ठाकुर एक काबिल तांत्रिक मिला है , ये वही है जिसने कुवर को शक्तिया देने में मदद की थी “
“कौन ??”
“चमन चुतिया नाम है उसका , 10 लाख रूपये और शहर में एक बार का टेंडर मांग रहा है मैंने हां कह दिया है “
बलवंत ने थोड़ी शंका से अब्दुल को देखा
“क्या ऐसा लालची आदमी हमारा इतना महत्वपूर्ण काम कर पायेगा ???”
अब्दुल हँसने लगा
“मैंने पता किया है , ये डॉ चुतिया का ही दोस्त है लेकिन एक नंबर का लालची और दारुबाज , लेकिन है बहुत काम का आदमी , इसने ही कुवर को कोमा से उठा कर एक बलशाली जवान बना दिया , इसने ही उसमें शैतानी शक्तियों को समाने का मार्ग दिखाया था ,पैसो के लिए ये कुछ भी कर सकता है , इसने गुंजन को इस पते पर भेजने के लिए कहा है , दो दिनों का काम है बस “
“हम्म हमें भी गुंजन के आस पास ही रहना होगा “
“नहीं ठाकुर साहब चमन ने इस बात की सख्त हिदायत दी है की गुंजन के अलावा वंहा कोई नहीं आएगा , ऐसा ही कुछ कुवर के केस में भी किया गया था “
ठाकुर कुछ देर तक कुछ सोचता है …
“ठीक है कब भेजना है उसे “
“5 दिनों के बाद अमावस्या होने वाली है वही दिन सबसे अच्छा होगा “
बलवंत ने भी हां में सर हिला दिया

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shandaar update
 
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