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दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराने लगे। दोनों की आखें बंद हो चली, होंठ से होंठ उलझ चुके थे और दोनों की श्वांस लंबी होती चली जा रही थी। दोनों ही एक दूसरे में खोते चले गए और ख्याल भी नहीं रहा कि दोनों कुंजल के कमरे में है। स्वस्तिका और कुंजल दोनों लौट आयी थी और दोनों ही दरवाजा खोलकर अचानक से अंदर….
कुंजल और स्वस्तिका जैसे ही अंदर घुसे, दरवाजे खुलने की आहट से अपस्यु और ऐमी दोनों ही चौकान्ना तो हुए लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते थे। इधर जैसे ही दोनों दरवाजे से अंदर आए, पीछे से दोनों को ऐमी के बाल नजर आ रहे थे और अपस्यु का हल्का माथा। दोनों की आखें बड़ी हो गई…
"ओह हो तो दोनों के बीच कुछ नहीं, और यहां बहनों के कमरे में रोमांस चालू है। इतने बेशर्म हो गए दोनों।"… स्वस्तिका दोनों को छेड़ते हुई कहने लगी।
कुंजल:- ये तो बेशर्मों से भी एक कदम आगे है। कैसे एक दूसरे से चिपके है।
ऐमी:- जिसे जिसे शर्म आ रही है वो यहां से चली जाएं, लेकिन हमे परेशान नहीं करे, दाव पर एक दिन लगा है और मुझे इस अकडू को इसके बेवड़ेपन की सजा देनी है।
"दोनों कर क्या रहे है। मुझे लगा किस्स कर रहे है।".. स्वस्तिका अपनी बात कहती हुई आगे बढ़ी.. तभी पीछे से नंदनी और वीरभद्र भी पहुंचे और वहां का माहौल देखकर नंदनी हैरानी से पूछने लगी… "ये दोनों (अपस्यु और ऐमी) क्या कर रहे है, और तुम दोनों (कुंजल और स्वस्तिका) क्या देख रही हो।"..
वीरभद्र:- मुझे तो लग रहा है दोनों चूम रहे है।..
चटाक से एक थप्पड वीरभद्र के गाल पर…. "तुमसे किसी ने डिटेल पूछी क्या?".... नंदनी अपने चिर परिचित अंदाज में वीरभद्र के बेवकूफी की सजा दे चुकी थी… "जिसे कोई शंका है यहां आ जाओ.. कुछ भी अंदाज़ा मत लगाओ"..
अपस्यु की बात सुनकर सब वहां पहुंचे। दोनों एक दूसरे के आखों में आखें डालकर एक दूसरे को देख रहे थे। … "ये क्या कर रहे हो दोनों?"… नंदनी पास पहुंचकर पूछने लगी।
ऐमी:- आंटी ये मुझे जगाने आ रहा था और मैं इसकी उस हरकत से नाराज़ चल रही हूं जिसका प्रदर्शन इसने कल रात किया था।
अपस्यु:- मां ये बस फेवर लेना चाहती है, घोड़े बेचकर सोने की आदत है।
नंदनी:- तुम दोनों की हालात से तुम्हारी बातों का क्या संबंध हैं।
ऐमी:- पलक कौन पहले झलकता है उसकी शर्त लगी है और मेरी पलक झपक जाए इसके लिए बिस्तर में अाकर लेटा गया ये…
"इतनी गन्दी हरकत सिर्फ शर्त जितने के लिए।" …. "चटाक…. चटक" एक ही गाल पर 2 थप्पड नंदनी ने जड़ दिए। अपस्यु अपना गाल पकड़ कर खड़ा हो गया। इधर अपस्यु ने पलक झपकी और उधर बिस्तर से उछलकर ऐमी बाहर…. "याह हू .. मै जीत गई… सुनो अकडू शर्त याद है ना.. एक दिन जैसा-जैसा मै कहूंगी करना होगा।"
अपस्यु:- मै नहीं मानता, तुमने चीटिंग की है.. मां ने मेरा कन्सन्ट्रेट भंग किया है।
नंदनी:- चप्पल से मारूंगी तुझे, जवान लड़की है उसके साथ ऐसे सोया था।
ऐमी:- अरे आंटी.. आप गलत सोच रही है। मैं जब बहुत छोटी थी तब से हम साथ ही सोया करते थे… आप भी ना क्या से क्या सोच लेती हैं।
स्वस्तिका:- हां मां.. आप इन दोनों में लड़का या लड़की ना लाइए..
नंदनी:- सॉरी बेटा वो गुस्से में मैंने ना जाने क्या-क्या सोच लिया? थोड़ी शर्मिंदगी सी होने लगी है।
ऐमी:- चिल करो आंटी, और फैसला कीजिए मैं जीती या नहीं।
नंदनी:- हां तू ही विनर है, अच्छा सबक सीखना इसे .. ऐसा की दोबारा किसी पार्टी फंक्शन में ये अपना दादा या नाना जैसी हरकतें ना करे।
कुंजल:- ऐसे कैसे ऐमी जीत गई, भाई आप के साथ चीटिंग हुई है, मैं आप के सपोर्ट में हूं।
स्वस्तिका:- मै ऐमी के सपोर्ट में। हमारा 2 वोट.. अब बोल..
कुंजल:- वीरे जी..
वीरभद्र:- हां कुंजल जी..
कुंजल:- आओ.. हमारा वोट बढ़ाकर मैच टाई कर दो..
वीरभद्र:- कुंजल जी जज कैसे वोट देगा, फिर फैसला कौन सुनाएगा।
वीरभद्र की बात पर सभी हसने लगे। समय हो रहा था इसलिए सभी जाने की तैयारियों में लग चुके थे। अपस्यु भी नीचे जाकर सभी पेमेंट क्लियर करके चेकआउट की तैयारियां कर रहा था। तभी होटल कि लॉबी में ध्रुव भी पहुंच गया। दोनों में थोड़ी सी हाय-हेल्लो के बाद ध्रुव साची से मिलने चला गया।
बैठकर वो अभी सारी फॉर्मेलिटी कर ही रहा था कि राजीव और मनीष भी नीचे पहुंच गए। मनीष पेमेंट के लिए काउंटर पर गया और राजीव वहीं पास में बैठ गया। अपस्यु वहां के मैनेजर से कुछ ड्रिंक सर्व करने बोला और अाकर राजीव के पास बैठ गया।
राजीव:- कल की एंगेजमेंट में मजा आ गया। मेरे भाई के ओर से कल के लिए मै माफी मंगता हूं। हमारे गांव में यदि एंगेजमेंट हुआ होता तो लोग इससे भी ज्यादा पीकर ड्रामा करते है और हम उन ड्रामा को एन्जॉय करते हैं।
अपस्यु:- कोई बात नहीं है अंकल। वैसे हमरे बीच की शुरवात कुछ अच्छी नहीं रही, इसलिए खटास है सबके मन में।
राजीव:- हां शायद यही बात है। लेकिन तुम्हारा परिवार अच्छा है, मुझे खुशी है कि मेरी बच्ची तुमलोग को पसंद आयी।
अपस्यु:- आप किसी चिंता में दिख रहे हैं अंकल, बात क्या है?
राजीव:- कुछ नहीं मै बाद में बात करता हूं।
अभी राजीव अपनी बात कह ही रहा था उसी बीच मनीष कहने लगा… "राजीव तूने अपनी पेमेंट पहले ही कर दी है क्या?"
राजीव:- मुझे नहीं पता भईया.. मैंने तो नहीं कि…
अपस्यु उसका हाथ थामकर कहने लगा…. "मुझे कल रात की बात पता है। खुशी खुशी यहां से विदा होइए, और चिंता मत कीजिए।"..
राजीव:- मुझे माफ़ कर दो, ना जाने मै तुम लोगों की क्या-क्या कहता रहा लेकिन मेरे बुरे वक़्त में…
अपस्यु राजीव को बीच में ही रोकते हुए… "बुरा वक्त नहीं होता लेकिन कभी-कभी हम अपने कर्मो के फल को बुरा वक़्त मान लेते हैं। कर्म धोखेबाज वाले होंगे तो अपना भाई भी ऐसे ही करता है। मैंने कोई आप पर रहम खाकर पैसे नहीं दिए बल्कि मुझे पसंद नहीं की किसी धोखेबाज कि कमाई हमारी लावणी खाए। आप अपने बीवी बच्चे को किसके खून से सना पैसा खिलाते थे, उससे मुझे कोई लेना देना नहीं। लेकिन अब वो हमारी जान है और मै उसे धोखे के कमाई वाले पैसों का खाना नहीं खाने दे सकता। हो सके तो अपने कर्मों के प्रश्चित का तरीका ढूंढिए वरना कल रात तो केवल आप के भाई ने आप को ज़ख्म दिए है, आगे और भी दर्द आप के हिस्से में बचे होंगे। शायद उसका असर आप के बेटे पर भी देखने को मिले। आगे आप की मर्जी, हमे अपने घर की बच्ची जान से प्यारी है हम तो बस उसे है बचा कर चलेंगे।"
अपस्यु अपनी बात कहकर वहां से उठकर चला गया और राजीव वहीं शांत बैठकर अपस्यु की बातों पर सोचने लगा। ऊपर आकर अपस्यु सबसे मिला। चुपके से ऐमी के साथ अपनी वो अधूरी किस्स पूरी करते उसे बाय-बाय विश दिया और वापस सबके साथ नीचे चला आया।
एयरपोर्ट पर सबको ड्रॉप करने के बाद अपस्यु ध्रुव के साथ वापस होटल लौटा और अपना बैग उसकी कार में डालकर उसकी मेहमान नवाजी को स्वीकार करते उसके साथ चल दिया। अपने बंगलो के गेस्ट हाउस में अपस्यु के रुकने का इंतजाम किया गया था।
ध्रुव, अपस्यु को पूरा गेस्ट हाउस दिखाने ले बाद वहां से चला गया और अपस्यु वहां बिस्तर पर बैठकर आराम से टीवी देखने लगा और उसके लिए जो हाउस सर्वेंट छोड़ा गया था उस बुलाकर उसने अपने कॉकटेल का सरा सामान मंगवा लिया। उस हाउस सर्वेंट को पहले तो उसने वो कॉकटेल बनवाया फिर आराम से फिल्म का मज़ा लेते हुए कॉकटेल का आनंद उठाने लगा।
4-5 पेग पीने के बाद अपस्यु ने उससे कुछ स्नैक और पनीर मंगवाया। वो हाउस सर्वेंट चला गया उसका ऑर्डर पूरा करने और इधर अपस्यु बाहर लॉन में अाकर घूमने लगा। शाम के 6 बज रहे होंगे, जब अपस्यु लॉन में था और तभी बाहर एक कार अाकर खड़ी हुई जिसमें से एक लंबा चौड़ा आदमी बाहर आया। देखने में कोई आर्मी ऑफिसर लग रहा था।
अपस्यु एक झलक उसे देखा और अनदेखा करके वहीं घूमने लगा। इतने में वो हाउस सर्वेंट अपस्यु का ऑर्डर के आइटम को लेकर पहुंच गया और अपस्यु भी उसी के साथ अंदर चला गया। अपस्यु ने तो उस ऑफिसर पर रती भर भी ध्यान नहीं दिया लेकिन वो अपस्यु को घूरते ही अंदर आ रहा था।
मेघा को उसके आने की पहले से सूचना थी इसलिए वो पहले से बौंगलो के मीटिंग हॉल में उसका इंतजार कर रही थी जहां हाड़विक और प्रकाश पहले से उसका इंतजार कर रहे थे। एक औपचारिक परिचय के बाद जेम्स ने बोलना शुरू किया…
"वेल प्लैनड मर्डर, जिसने भी किया है काफी शातिर और टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हैं। एक शातिर टीम जिसकी पहचान छिपी है लेकिन कभी भी उसने छिपकर हमला नहीं किया।"…
प्रकाश:- तुम्हारे कहने का मतलब है कि जो भी ये सब कर रहा है उसे हम जानते हैं।
जेम्स…. मुझे अपनी बात पूरी कर लेने दीजिए फिर कोई सवाल हो तो पूछ लेना… मै सिर्फ कल के मर्डर के आधार पर सारी बात बता रहा हूं। आगे के इन्वेस्टिगेशन के लिए पहले डील फाइनल होनी भी तो चाहिए।
"यह जो कोई भी है, ये तो नहीं कहा जा सकता कि आप लोग उसे जानते है या नहीं लेकिन वो आप लोगो को अच्छे से जानता है। एक परफेक्ट प्रोफेशनल टीम जो यूएस के एजेंसी को भी अपने आगे कुछ नहीं समझता, खुला सबके बीच रहकर पूरी मर्डर प्लान की गई थी और किसी को कानोकान खबर तक नहीं।"
"कम से कम 3 दिन से वो प्लान कर रहा था लेकिन छत पर लगे सर्विलेंस कैमरे में कोई भी ऐसा नहीं जो प्लान करते नजर आए। 3 टन का जेनरेटर जो काफी सुरक्षित रूप से लगाया गया था। मजबूत पिलर के बीच था वो जेनरेटर और होटल के छत कि फेंसिंग इतनी मजबूत की एक क्या 2 जेनरेटर एक साथ फोर्स डालते तो भी नहीं टूट पता। किसी को भनक तक नहीं की क्या इस्तमाल किया गया, कौन सी टेक्नोलॉजी थी जिससे जेनरेटर के पिलर को तोड़ा गया, फिर छत कि मजबूत रेलिंग का एक हिस्सा हटाया गया। क्योंकि छत की जांच में केवल और केवल वहां पर इलेक्ट्रिक वायर मिले हैं जिनका मैन्युफैक्चरिंग रशिया का है।"
"उन वायर के सहारे उसने कैसे धमाका किया वो भी बिना आवाज़ किए, फिर होटल कि आधी फेंसिंग को भी उसी से तोड़ा गया। और सबसे बड़ा सवाल उस 3 टन में जेनरेटर को कैसे धक्का लगाया होगा। और इतने सारे सवालों के बीच एक अहम सवाल 30 जून की सुबह से वहां 5 एजेंसी थी, सब ने सुरक्षा के पूरे इंतजामात चेक किए थे। 8 स्निपर तो उस होटल की छत पर थे और 4 स्निपर सामने में बिल्डिंग में।"
"वो वहां चाहता तो किसी को भी टारगेट कर सकता था लेकिन उसने केवल उन्हीं 4 को मारा, क्योंकि उसे पता था किस टारगेट को मारने से सुरक्षा एजेसी दखल नहीं देंगे। कंप्लीट प्लान, फोकस टारगेट, छिपकर मारना कभी मोटिव नहीं था क्योंकि उसे भी पता था कि इतना भारी जेनरेटर बिना मजबूत प्लान करके खिसकाया नहीं जा सकता था।"…
हाड़विक:- जब इतना पता लगा लिया तो ये भी बता दो कौन है? कम ऑन कोई एक नाम?
जेम्स:- कोई नाम नहीं। हमने होटल के सर्विलेंस को चैक किया। कोई ऐसा नहीं था जो ऐसे काम को अंजाम दे सके। हां लेकिन एक लड़के ने हमे कुछ देर के लिए उलझाया जरूर था। और हां उसके साथ तुम्हारे घर की होने वाली बहू भी थी उस रात छत पर।
प्रकाश:- तुम्हारे कहने का क्या मतलब है?
जेम्स:- पहले ये क्लिप देखिए फिर मै बताता हूं।
एंगेजमेंट से ठीक एक रात पहले की क्लिप चलाई गई, जहां अपस्यु और साची की बात हुई। हालाकि यह छत का वो हिस्सा नहीं था जहां से जेनरेटर गिराया गया था, पूरे क्लिप में रोने, दोनों के बीच झगड़े और चौंकाने वाला वो अपस्यु का जंप था। वो जंप देखकर तो सभी के मुंह खुले रह गए थे।
जेम्स:- यहीं वो स्टंट था जिसे देखने के बाद हमारा दिमाग घूम गया था। उस हिस्से में सर्विलेंस कैमरा कवर नहीं करता इसलिए हमे खुद जाकर देखना परा की वहां नीचे क्या था, फिर पता चला कि उसने फिल्म का स्टंट किया था। ठीक एक फिट नीचे कांच साफ करने के लिए क्रेन लगाया गया था। हालांकि थोड़ा हम उलझे लेकिन इसकी पूरी जानकारी निकली। क्षमता है, पर ये जरूरत से ज्यादा शराब पीता है और एक शराबी वो भी अकेला इतना शार्प प्लान नहीं कर सकता।
"तो सवाल यह है कि वो आखिर कौन था जो इतना सबकर गया वो भी बिना किसी के नजर आए। उसका सीधा जवाब है, कोई आप लोगों के बीच का है, जिसके पास पल-पल की खबर हो। वो चाहता है कि आप पूरा बर्बाद हो जाए। उसे जब भी सही वक़्त दिखता है वो आप पर हाथ डालता है और फिर शांत हो जाता है। वाह आप पर छिपकर वार तो कर रहा है लेकिन वो छिपा हुआ नहीं है। बिल्कुल आप की आखों के सामने है बस उसे आप देख नहीं पा रहे। कोई ऐसा जो अपना काम करवाना जानता हो। जिसे अच्छे से पता है कि किससे कहां का काम दिया जाए और वो लोग उसके लिए काम परा कर दे ।
प्रकाश:- हम्मम। जितना तुमने बताया है उतनी खूबियां सिर्फ 1 में ही है और वो कल इसी घर में था। जेम्स तुम्हे ये काम दिया मैंने। उम्मीद करता हूं यह काम तुम जल्दी पूरा कर लोगे।
जेम्स:- डील के हिसाब से पेमेंट कर दीजिए और हम काम शुरू कर देते हैं।
जेम्स अपनी बात खत्म करके वापस लौट गया और तीनों ही बैठकर लोकेश के खिलाफ रणनीति तय करने लगे। उन्हें लगने लगा कि जो भी घाटे के आधे पेमेंट किए गए है, वो केवल उनसे जान बुझ कर वसूल किया गया है। कुछ देर की आपसी बातचीत के बाद तीनों हॉल में आ गए।
हॉल में पहुंचते ही प्रकाश ने ध्रुव को बुलाया। ध्रुव प्रोजेक्ट की फाइल चेक करके कुछ देर के बाद उनसब के बीच पहुंचा, प्रकाश अपना रोष दिखाते हुए पूछने लगा… "साची और उस लड़के अपस्यु के बीच क्या चल रहा है?"