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Romance भंवर (पूर्ण)

nain11ster

Prime
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Update:-77




दिल्ली में जेके और पल्लवी का होना अपस्यु के लिए किसी बड़े मौके से कम नहीं था। यूएस के लिए उड़ान भरने से पूर्व ही उसे यह पता चल चुका था कि 30 जून की शाम जिंदल के लड़के और साची की एनेगामेंट तय हो चुकी है। बड़ी खबर हाथ लगी थी और अपस्यु इस बार खुद सबकी मौत तय करना चाहता था। उन चार दोषियों कि मौत भी ठीक उसी प्रकार तय की गई, जैसे उसके बचपन के साथियों को मारा गया था। वो सब किस कारन से मरे उन्हें पता नहीं था, कौन सी दुश्मनी का उनसे बदला लिया जा रहा था, किसी को भनक नहीं। सब बस जिंदा चिता में झोंके जा रहे थे और किसी को पता नहीं था कि वो क्यों झोंके जा रहे थे।


उस रात आग में झोंकने वालों 15 लोगों में से अपस्यु ने आज तक किसी को अपने हाथों से सजा नहीं दिया था, लेकिन इस बार वो ये मौका नहीं गवाना चाहता था। चारों की मौत तय हो चुकी थी, हादसे में चारो काल के गाल में समाने कि पूरी तैयारी और रूप-रेखा सब पहले से तय ही चुकी थी।


भार, ऊंचाई और समय का पुरा आकलन हो चुका था, बस जरूरत थी तो चारों को एक निश्चित समय पर, निश्चित स्थान तक लेकर आना। वक़्त था चौंकाने का, उनके बिल्कुल सामने होकर झटके देने का।


हालांकि अंदेशा तो पहले से था कि जब जिंदल अपने बेटे की एंगेजमेंट करेगा तो भारत से आने वाले कुछ लोग, उसके लिए सौगात तो लेकर ही आएगा। अपस्यु और पार्थ ने मिलकर पहले से उनके पैसों में सेंध लगाने की पूरी योजना बना चुका था, लेकिन अपस्यु ने पार्थ को भनक तक नहीं लगने दी कि उसका मुख्य टारगेट क्या है या कौन है?


29 जून को की रात उनके डॉलर से भरी वैन धू-धू करके जल रही थी और इसी के साथ जिंदल का जलता कलेजा, पांचों एंगेजमेंट की शाम देखने उस हॉल में पहुंचे थे। इसी की एक छोटी सी कड़ी मेघा से भी जुड़ी थी। लगभग 300 करोड़ जलने के बाद उन पैसों का कंपनसेशन अति आवश्यक था और अपने पार्टनर से आधी रकम की पेमेंट के लिए 3 जून तक का वक़्त लिया जा चुका था।


मेघा के लिए पहले तो ये फाइट महज अपने पैसों में एक साथ बढ़ोतरी का तरीका था इसलिए अपस्यु के साथ वो 50% के साथ राजी हो चुकी थी पैसे लगाने के लिए। लेकिन अब उसे अपने पैसों मै बढ़ोतरी के साथ 150 करोड़ का घाटा भी कवर करना था इसलिए वो इंगेजमेंट के दिन अपस्यु से मिलकर उसे बेटिंग से साइड होने के लिए कहने आयी थी और बदले में फाइट जितने के लिए उसे वो 1 मिलियन का ऑफर देने आयी थी।


लेकिन मेघा को क्या पता था कि उसकी इस हालत का जिम्मेदार वहीं है। मेघा की मनसा पर उस वक़्त आघात हो गया जब अपस्यु उससे बिना बात किए वहां से चला गया। फिर तो रही सही कसर होम मिनिस्टर ने अाकर पूरी कर दी। पहले जहां अपस्यु पर दवाब बनाने की कोशिश पर सोच चल रही थी, मंत्री जी के इतने करीबी किसी को देखकर अपस्यु अब इंटरनेशनल पॉलिटिक्स का एक हिस्सा था जिसपर हाथ डालने का सीधा मतलब था 2 देशों के कूटनीतिक संबंध के बीच हाथ डाल देना।


जिंदल को झटके पर झटके मिल रहे थे और अपस्यु उसकी हालत का पूरा आनंद उठा रहा था। लेकिन उसकी निगाहें तो अब भी कहीं और टिकी हुई थी और कहीं ना कहीं उनके पैसों में आग लगने की वजह से वो मौका भी अपस्यु के झोली में खुद ही अाकर गिर गई।


जिन पैसों में आग लगा था उसमे से 200 करोड़ के क्लायंट उन्हीं चारो… मुर्तुजा, नवीन, कृपाल और प्रताप के थे। चारो जब यूएस पहुंचे थे तभी से बिल-बिलाए हुए थे। चारो को साथ देखा गया एयरपोर्ट पर और उनकी बात कोई सुन ना ले इसलिए खुद ही कार ड्राइव करके मीटिंग करते हुए होटल पहुंचे थे।


इन चारो को एयरपोर्ट से ही साथ आते देखकर अपस्यु के आखों में शुरू से ही चमक आ चुकी थी। अपस्यु बार काउंटर पर बैठकर जब काउंटडाउन कर रहा था, ठीक उसी वक़्त चारो एक ही कार में सवार थे। इधर कार पार्किंग से निकालकर सड़क पर आ रही थी और उधर 30 माले की छत से उनकी मौत भी।


काउंटडाउन का अंत होते ही कार अपने निश्चित जगह पर खड़ी हो चुकी थी, और अनजान मौत ठीक उनके सर के ऊपर से आ रही थी। धड़ाम की जोरदार आवाज के साथ, सड़क पर छत के ऊपर रखा एक बड़ा सा बैकअप जेनरेटर ठीक उस कार के ऊपर आकर गिरी, जिसमे चारो वापस जा रहे थे और उन्हें मौका तक नहीं मिला सोचना कि मौत कहां से आ रही है।


पूर्ण लोहे के धातु की वो वस्तु जेनरेटर, जिसका वजन लगभग 300 किलोग्राम का था। 500 फिट की ऊंचाई से जब वो 9.8 m/s² कि रफ्तार से, लगभग 4 लाख 50 हजार न्यूटन फोर्स के साथ जब उस कार के उपर गिरी तो लगभग 5 फिट ऊंची कार, चिपक कर मात्र 10 इंच की बची थी, जो सड़क से लगभग 2 फिट नीचे दफन थी और उसके ऊपर वो जेनरेटर।


जिस वक़्त ये घटना हो रही थी, सभी सुरक्षा एजेंसी के जवान अपने तय समय के अनुसार 7 बजे तक सभी मुख्य नेशनल पॉलिटीशियन और कुछ इंटरनेशनल पॉलिटीशियन को होटल से सुरक्षित बाहर निकालने का अपना प्रोटोकॉल पूरा करके वहां से निकलने की तैयारी में थे।


अपस्यु और ऐमी ने 10 मिनट का ज्यादा समय अपने डांस से लिया, जिसके चलते उन चारों को 10 मिनट की देर हुई और तय समय पर उनकी कहानी को अंजाम दिया जा चुका था। यहां की सुरक्षा एजेंसी काफी प्रोफेशनल होती है। चूंकि यह मामला उनके काम से जुड़ा नहीं था इसलिए उन्होंने बिना कोई हस्तछेप किए शिकागो पुलिस को अपना काम करने दे रही थी और बस बाहर से बैठकर तमाशा देख रही थी।


इस वक़्त में, अंदर हॉल में तेज संगीत पर सब झूम रहे थे और ठीक इसी वक़्त में अपस्यु ऐमी के साथ ग्लास टोस्ट करके जाम का एक सुकून भारी चुस्की ले रहा था। जैसे ही जिंदल तक ये खबर पहुंची उसका चेहरा देखकर अपस्यु खुश हो रहा था। ऐमी को अपस्यु की बात से कुछ तो आभास हुआ था, लेकिन क्या हुआ था, और किसके साथ हुआ था, ये बातें अब तक उसके ज्ञान में नहीं था।


काम खत्म होते ही अपस्यु को अंदर से रोने कि इक्छा हो रही थी लेकिन आरव का एंगेजमेंट था। वो सबको बताना तो चाहते थे लेकिन अपस्यु के पता था, हर किसी के आखों में आशु होगा और जश्न मानने की चाह में घर में आयी इतनी बड़ी खुशी कहीं द्वितीय खुशी ना बन जाए और बदले के आग को मिला सुकून पहली खुशी, इसलिए अपस्यु किसी को बताना भी नहीं चाहता था और ना ही ये बात किसी को पता चलती क्योंकि क्राइम सीन होटल के बाहर था और जश्न का माहौल 20th फ्लोर पर।


घटना के 2 मिनट बाद जैसे ही जिंदल को ये सूचना मिली वो सिन्हा जी को छोड़कर होटल के बाहर निकला। बाहर होटल कि लॉबी में हर जाने वाले गेस्ट को रोककर उनसे पूछताछ शुरू थी। साथ में उन जवानों की डिटेल लेकर उन्हें वहां से भेजा जा रहा था।


जिंदल के मौके पर पहुंचते ही डिटेक्टिव खुद आया उससे मिलने और मिलकर घटना की जानकारी देते हुए पूछताछ करने लगा। जिंदल ने आए मेहमानों की पूरी लिस्ट उसे थामते हुए कहने लगा… 20th फ्लोर पर एक और एंगेजमेंट होना है और वहां मौजूद जितने भी लोग हैं वो होटल छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले इसलिए उनसे कल पूछताछ का आग्रह वो करने लगा।


डिटेक्टिव ने जिंदल को इनडायेक्टली हिदायत देते हुए समझा दिया कि वो एक क्राइम सीन पर उसके काम में दखलंदाजी कर रहा था। वो अपने नॉर्मल प्रोसीजर से ही आगे बढ़ेगा और हर किसी से पूछताछ, केस कि पूरी डिटेल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही शुरू होगी। साथ में डिटेक्टिव ने होटल में मौजूद सभी गेस्ट की लिस्ट लेकर उनके पासपोर्ट डिटेल एयरपोर्ट पर भेज दिया ताकि कोई भी बिना इजाज़त देश छोड़ कर न जा सके।


नीचे पूरे गहमा-गहमी का माहौल था लेकिन 8th फ्लोर में अभी एक मां अपने बच्चों को शांत करवाकर उन्हें हंसाने में जुटी थी और यह याद दिलाने की कोशिश कर रही थी कि आज उनके घर में खुशियां आयी है और बाकी सारी बातें भूलकर इस पल का आनंद ले। वहीं 20th फ्लोर पर कुंजल, साची के साथ नाच रही थी, जिसके साथ उसकी होने वाली भाभी लावणी भी थी।


क्या हो चुका था नीचे, उसमे अपनी भूमिका निभाने वाला वीरभद्र, आरव के इंगेजमेंट वाले हॉल में था और वो उस हॉल की तैयारियों को आखरी बार परख रहा था। और इधर अपस्यु अपनी जीत का जश्न मनाने, ऐमी को पूरी तरह से चिढ़ाकर सिन्हा जी के ओर बढ़ रहा था।


एक ही वक़्त कि 2 अलग-अलग कहानी थी, जहां एक ओर खुशियां थी, वहीं दूसरे ओर चिंता और परेशानी का माहौल था। पार्टी से जिंदल अपने बेटी दामाद के साथ मनीष और राजीव को लेकर अपने बंगलो पहुंचा जहां विक्रम अपने दोनो बेटे के साथ पहले से कुछ बातें कर रहा था।


चार लोग और होते इस वक़्त जो इस मीटिंग का हिस्सा थे, लेकिन अपस्यु ने उन चारों को अपने बॉस की डांट सुनने से बचा चुका था… सभी लोग सभा में बैठे थे कि तभी विक्रम का बड़ा बेटा कवल किशोर चिल्लाते हुए कहने लगा… "प्रकाश अंकल आप से धंधा नहीं संभल रहा है, आप को ये सब छोड़ देना चाहिए।"


प्रकाश:- कवल बेहतर होगा बैठ जाओ आपस में बहस करने से कोई फायदा नहीं हैं। तुम शायद भूल रहे हो कि तुम किससे बात कर रहे।


विक्रम:- तुम बैठो कवल, प्रकाश सही कह रहा है। .. प्रकाश तुम्हारे नाक के नीचे से 300 करोड़ जला दिया गया, 4 और हमारे एजेंट एक साथ मारे गए। टोटल 1100 करोड़ का घाटा और तुम कुछ नहीं कर पाए। तुम्हे नहीं लगता कि तुम्हारी बुद्धि में जंग लगा चुका है। तुममें अब वो पहले वाली बात नहीं रही प्रकाश। मुझे लगता है तुम्हे अब धंधा मेघा और हाड़विक (मेघा का पति) पर छोड़कर तुम्हे अपने पॉलिटिक्स में ध्यान देना चाहिए।


"आप लोग प्लैनिंग करते रहने, पहले मुझे बताओ 150 करोड़ कैसे वापस कर रहे हो, ताकि मै सुनिश्चित हो जाऊं। फिर सब अपनी बकवास मीटिंग करते रहना।"….. विक्रम का छोटा बेटा लोकेश, पक्का बिजनेसमैन, डेढ़ शाना, दिमाग से मजबूत, थोड़ा अय्याश और थोड़ा लड़कीबाज, लेकिन जुबान का पक्का। जले हुए रुपए कि पेमेंट वो क्लायंट को कर चुका था, बस यहां उसे अपने 150 करोड़ चाहिए थे।


लोकेश सिंह इस हवाला सिंडिकेट का एक उभरता हुआ सितारा था जिसने 4 साल पहले ही धंधा शुरू किया था और देखते ही देखते आज के समय में इसके पास कॉन्टैक्ट्स की कोई कमी नहीं थी। भारत के साथ अन्य पड़ोसी देशों के भी पैसे वो दुनिया के किसी भी कोने में कहीं भी भिजवा सकता था। एक तरह से पूरा मध्य एशिया पर इसका एकाधिकार था।


जहां पहले इनका पूरा ग्रुप मिलकर साल भर में 50 हजार करोड़ की हवाला हेराफेरी करता था वहीं लोकेश अकेला अपने दम पर आज के समय में 40000 करोड़ का धंधा करता है। नुकसान हो या संपत्ति बेच कर देनी परे लेकिन तय समय में इसके क्लायंट को पैसे मिलने थे।


मेघा:- लोकेश 3 जुलाई को तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे।


लोकेश:- मेघा मुझे यह मत बताओ कि मिल जाएगा, मुझे ये बताओ पैसे कैसे आएंगे। क्या कोई बोंड बेचकर दोगी, या अपने कंपनी के शेयर।


मेघा:- नहीं 2 जुलाई को 5 मिलियन की बेटिंग है, वहीं से पूरा कवरउप करूंगी।


लोकेश:- तुम्हे इतना यकीन है कि तुम्हारा फाइटर जीत जाएगा..


मेघा:- 200%


लोकेश:- ठीक है फिर मेघा, 3 जुलाई को पैसे मुझे मिल जाने चाहिए। आप सब मीटिंग करो मै चला।


विक्रम:- लोकेश हम यहां कुछ समस्या पर बात कर रहे है और तुम बीच में छोड़ कर जा रहे…


लोकेश:- पापा याद है कुछ साल पहले आप लोगों के पैसे ऐसे ही जले थे, तब आप लोगों को किसी गैंग पर शक हुआ, और उसे साफ कर दिया.. बहुत समय तक फिर कोई घटना नहीं हुई, लेकिन फिर आज ये घटना हो गई और आप लोग फिर किसी गैंग को उड़ाएंगे। अपने काम जारी रखो, कभी तीर निशाने पर तो लगेगा ही, मैं चला।


मेघा:- तुम्हारी बातों में कुछ छिपा है लोकेश, मुझे खुलकर बताओगे कहना क्या चाहते हो?


लोकेश:- हम बिजनेसमैन है कोई गुंडे नहीं। जबतक गुंडों की तरह सोचकर जिसे मन किया उसे मारते रहोगे, उससे कोई सॉल्यूशन नहीं निकालनेवाला। मेरे साथ अगर ये हुआ होता तो अबतक मै ये काम किसी प्राइवेट एजेंसी को दे चुका होता। चूहों को बिल से निकलने के लिए शातिर सांप चाहिए ना की उसके पीछे अपने भोंकने वाले कुत्तों को भेजते है।


प्रकाश:- मुझे समझ में आ गया कि मुझे क्या करना है। मैं यहां के सबसे खरनाक और शातिर एजेंसी को काम दूंगा जिसकी मदद गवर्नमेंट भी लेती है। शिकारियों का ऐसा झुंड जो पता लगाकर, घर में घुसकर, जिंदा लोगों के सीने से उसका दिल चीर कर निकालने के बाद, उसे मरता छोड़ देते है। अब यह काम वहीं करेंगे।


"इसे कहते है स्मार्ट मूव। यार बिजनेसमैन कि तरह धंधा करो। ऐसे अपने लोगों को धंधा भी कहो करने, फिर छिपे दुश्मनों की कहो पहचान करने, उसके बाद उन्ही लोगों को उनके पीछे भी लगाओ, फिर सबको ठिकाने लगाने भी कहो। कोई एक काम अच्छे से करवा लो, एक ही आदमी से 4 तरह का काम करवाओगे कहां से मनचाहा परिणाम मिलेगा।"…
 
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Chunmun

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Ohh teri, bada dhamaka hua lekin chupke se.
Apasyu apne char dusmano ko thikane laga diya wo bhi bada satirana tarike se. Kisi ko kano kaan khabar nahi hone di hai apne group mai.
Idhar paise or apne sathi k khone k karan baukhalaye hue hai Vikram or Jindal team.
Waise Vikram ka chota beta lagta hai in logo se jyada hosiyar hai.
Fabulous update.
Waise mujhe to Sinha ji or apasyu ka intjar tha is update mai lekin yaha to bada wala dhamaka kr rakhe hai nain.

Ab dekhte hai Aarav ki engagement k baad jab sab ko pta chalega tab kya reaction hota hai.
Idhar jindal kisi agency ko pakdega is ghatna k janch karne k liye.
Dekhte hai kya kr pata hai wo. Kaha tak apasyu & party ko padeshan kr pate hai ye.
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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दिल्ली में जेके और पल्लवी का होना अपस्यु के लिए किसी बड़े मौके से कम नहीं था। यूएस के लिए उड़ान भरने से पूर्व ही उसे यह पता चल चुका था कि 30 जून की शाम जिंदल के लड़के और साची की एनेगामेंट तय हो चुकी है। बड़ी खबर हाथ लगी थी और अपस्यु इस बार खुद सबकी मौत तय करना चाहता था। उन चार दोषियों कि मौत भी ठीक उसी प्रकार तय की गई, जैसे उसके बचपन के साथियों को मारा गया था। वो सब किस कारन से मरे उन्हें पता नहीं था, कौन सी दुश्मनी का उनसे बदला लिया जा रहा था, किसी को भनक नहीं। सब बस जिंदा चिता में झोंके जा रहे थे और किसी को पता नहीं था कि वो क्यों झोंके जा रहे थे।


उस रात आग में झोंकने वालों 15 लोगों में से अपस्यु ने आज तक किसी को अपने हाथों से सजा नहीं दिया था, लेकिन इस बार वो ये मौका नहीं गवाना चाहता था। चारों की मौत तय हो चुकी थी, हादसे में चारो काल के गाल में समाने कि पूरी तैयारी और रूप-रेखा सब पहले से तय ही चुकी थी।


भार, ऊंचाई और समय का पुरा आकलन हो चुका था, बस जरूरत थी तो चारों को एक निश्चित समय पर, निश्चित स्थान तक लेकर आना। वक़्त था चौंकाने का, उनके बिल्कुल सामने होकर झटके देने का।


हालांकि अंदेशा तो पहले से था कि जब जिंदल अपने बेटे की एंगेजमेंट करेगा तो भारत से आने वाले कुछ लोग, उसके लिए सौगात तो लेकर ही आएगा। अपस्यु और पार्थ ने मिलकर पहले से उनके पैसों में सेंध लगाने की पूरी योजना बना चुका था, लेकिन अपस्यु ने पार्थ को भनक तक नहीं लगने दी कि उसका मुख्य टारगेट क्या है या कौन है?


29 जून को की रात उनके डॉलर से भरी वैन धू-धू करके जल रही थी और इसी के साथ जिंदल का जलता कलेजा, पांचों एंगेजमेंट की शाम देखने उस हॉल में पहुंचे थे। इसी की एक छोटी सी कड़ी मेघा से भी जुड़ी थी। लगभग 300 करोड़ जलने के बाद उन पैसों का कंपनसेशन अति आवश्यक था और अपने पार्टनर से आधी रकम की पेमेंट के लिए 3 जून तक का वक़्त लिया जा चुका था।


मेघा के लिए पहले तो ये फाइट महज अपने पैसों में एक साथ बढ़ोतरी का तरीका था इसलिए अपस्यु के साथ वो 50% के साथ राजी हो चुकी थी पैसे लगाने के लिए। लेकिन अब उसे अपने पैसों मै बढ़ोतरी के साथ 150 करोड़ का घाटा भी कवर करना था इसलिए वो इंगेजमेंट के दिन अपस्यु से मिलकर उसे बेटिंग से साइड होने के लिए कहने आयी थी और बदले में फाइट जितने के लिए उसे वो 1 मिलियन का ऑफर देने आयी थी।


लेकिन मेघा को क्या पता था कि उसकी इस हालत का जिम्मेदार वहीं है। मेघा की मनसा पर उस वक़्त आघात हो गया जब अपस्यु उससे बिना बात किए वहां से चला गया। फिर तो रही सही कसर होम मिनिस्टर ने अाकर पूरी कर दी। पहले जहां अपस्यु पर दवाब बनाने की कोशिश पर सोच चल रही थी, मंत्री जी के इतने करीबी किसी को देखकर अपस्यु अब इंटरनेशनल पॉलिटिक्स का एक हिस्सा था जिसपर हाथ डालने का सीधा मतलब था 2 देशों के कूटनीतिक संबंध के बीच हाथ डाल देना।


जिंदल को झटके पर झटके मिल रहे थे और अपस्यु उसकी हालत का पूरा आनंद उठा रहा था। लेकिन उसकी निगाहें तो अब भी कहीं और टिकी हुई थी और कहीं ना कहीं उनके पैसों में आग लगने की वजह से वो मौका भी अपस्यु के झोली में खुद ही अाकर गिर गई।


जिन पैसों में आग लगा था उसमे से 200 करोड़ के क्लायंट उन्हीं चारो… मुर्तुजा, नवीन, कृपाल और प्रताप के थे। चारो जब यूएस पहुंचे थे तभी से बिल-बिलाए हुए थे। चारो को साथ देखा गया एयरपोर्ट पर और उनकी बात कोई सुन ना ले इसलिए खुद ही कार ड्राइव करके मीटिंग करते हुए होटल पहुंचे थे।


इन चारो को एयरपोर्ट से ही साथ आते देखकर अपस्यु के आखों में शुरू से ही चमक आ चुकी थी। अपस्यु बार काउंटर पर बैठकर जब काउंटडाउन कर रहा था, ठीक उसी वक़्त चारो एक ही कार में सवार थे। इधर कार पार्किंग से निकालकर सड़क पर आ रही थी और उधर 30 माले की छत से उनकी मौत भी।


काउंटडाउन का अंत होते ही कार अपने निश्चित जगह पर खड़ी हो चुकी थी, और अनजान मौत ठीक उनके सर के ऊपर से आ रही थी। धड़ाम की जोरदार आवाज के साथ, सड़क पर छत के ऊपर रखा एक बड़ा सा बैकअप जेनरेटर ठीक उस कार के ऊपर आकर गिरी, जिसमे चारो वापस जा रहे थे और उन्हें मौका तक नहीं मिला सोचना कि मौत कहां से आ रही है।


पूर्ण लोहे के धातु की वो वस्तु जेनरेटर, जिसका वजन लगभग 300 किलोग्राम का था। 500 फिट की ऊंचाई से जब वो 9.8 m/s² कि रफ्तार से, लगभग 4 लाख 50 हजार न्यूटन फोर्स के साथ जब उस कार के उपर गिरी तो लगभग 5 फिट ऊंची कार, चिपक कर मात्र 10 इंच की बची थी, जो सड़क से लगभग 2 फिट नीचे दफन थी और उसके ऊपर वो जेनरेटर।


जिस वक़्त ये घटना हो रही थी, सभी सुरक्षा एजेंसी के जवान अपने तय समय के अनुसार 7 बजे तक सभी मुख्य नेशनल पॉलिटीशियन और कुछ इंटरनेशनल पॉलिटीशियन को होटल से सुरक्षित बाहर निकालने का अपना प्रोटोकॉल पूरा करके वहां से निकलने की तैयारी में थे।


अपस्यु और ऐमी ने 10 मिनट का ज्यादा समय अपने डांस से लिया, जिसके चलते उन चारों को 10 मिनट की देर हुई और तय समय पर उनकी कहानी को अंजाम दिया जा चुका था। यहां की सुरक्षा एजेंसी काफी प्रोफेशनल होती है। चूंकि यह मामला उनके काम से जुड़ा नहीं था इसलिए उन्होंने बिना कोई हस्तछेप किए शिकागो पुलिस को अपना काम करने दे रही थी और बस बाहर से बैठकर तमाशा देख रही थी।


इस वक़्त में, अंदर हॉल में तेज संगीत पर सब झूम रहे थे और ठीक इसी वक़्त में अपस्यु ऐमी के साथ ग्लास टोस्ट करके जाम का एक सुकून भारी चुस्की ले रहा था। जैसे ही जिंदल तक ये खबर पहुंची उसका चेहरा देखकर अपस्यु खुश हो रहा था। ऐमी को अपस्यु की बात से कुछ तो आभास हुआ था, लेकिन क्या हुआ था, और किसके साथ हुआ था, ये बातें अब तक उसके ज्ञान में नहीं था।


काम खत्म होते ही अपस्यु को अंदर से रोने कि इक्छा हो रही थी लेकिन आरव का एंगेजमेंट था। वो सबको बताना तो चाहते थे लेकिन अपस्यु के पता था, हर किसी के आखों में आशु होगा और जश्न मानने की चाह में घर में आयी इतनी बड़ी खुशी कहीं द्वितीय खुशी ना बन जाए और बदले के आग को मिला सुकून पहली खुशी, इसलिए अपस्यु किसी को बताना भी नहीं चाहता था और ना ही ये बात किसी को पता चलती क्योंकि क्राइम सीन होटल के बाहर था और जश्न का माहौल 20th फ्लोर पर।


घटना के 2 मिनट बाद जैसे ही जिंदल को ये सूचना मिली वो सिन्हा जी को छोड़कर होटल के बाहर निकला। बाहर होटल कि लॉबी में हर जाने वाले गेस्ट को रोककर उनसे पूछताछ शुरू थी। साथ में उन जवानों की डिटेल लेकर उन्हें वहां से भेजा जा रहा था।


जिंदल के मौके पर पहुंचते ही डिटेक्टिव खुद आया उससे मिलने और मिलकर घटना की जानकारी देते हुए पूछताछ करने लगा। जिंदल ने आए मेहमानों की पूरी लिस्ट उसे थामते हुए कहने लगा… 20th फ्लोर पर एक और एंगेजमेंट होना है और वहां मौजूद जितने भी लोग हैं वो होटल छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले इसलिए उनसे कल पूछताछ का आग्रह वो करने लगा।


डिटेक्टिव ने जिंदल को इनडायेक्टली हिदायत देते हुए समझा दिया कि वो एक क्राइम सीन पर उसके काम में दखलंदाजी कर रहा था। वो अपने नॉर्मल प्रोसीजर से ही आगे बढ़ेगा और हर किसी से पूछताछ, केस कि पूरी डिटेल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही शुरू होगी। साथ में डिटेक्टिव ने होटल में मौजूद सभी गेस्ट की लिस्ट लेकर उनके पासपोर्ट डिटेल एयरपोर्ट पर भेज दिया ताकि कोई भी बिना इजाज़त देश छोड़ कर न जा सके।


नीचे पूरे गहमा-गहमी का माहौल था लेकिन 8th फ्लोर में अभी एक मां अपने बच्चों को शांत करवाकर उन्हें हंसाने में जुटी थी और यह याद दिलाने की कोशिश कर रही थी कि आज उनके घर में खुशियां आयी है और बाकी सारी बातें भूलकर इस पल का आनंद ले। वहीं 20th फ्लोर पर कुंजल, साची के साथ नाच रही थी, जिसके साथ उसकी होने वाली भाभी लावणी भी थी।


क्या हो चुका था नीचे, उसमे अपनी भूमिका निभाने वाला वीरभद्र, आरव के इंगेजमेंट वाले हॉल में था और वो उस हॉल की तैयारियों को आखरी बार परख रहा था। और इधर अपस्यु अपनी जीत का जश्न मनाने, ऐमी को पूरी तरह से चिढ़ाकर सिन्हा जी के ओर बढ़ रहा था।


एक ही वक़्त कि 2 अलग-अलग कहानी थी, जहां एक ओर खुशियां थी, वहीं दूसरे ओर चिंता और परेशानी का माहौल था। पार्टी से जिंदल अपने बेटी दामाद के साथ मनीष और राजीव को लेकर अपने बंगलो पहुंचा जहां विक्रम अपने दोनो बेटे के साथ पहले से कुछ बातें कर रहा था।


चार लोग और होते इस वक़्त जो इस मीटिंग का हिस्सा थे, लेकिन अपस्यु ने उन चारों को अपने बॉस की डांट सुनने से बचा चुका था… सभी लोग सभा में बैठे थे कि तभी विक्रम का बड़ा बेटा कवल किशोर चिल्लाते हुए कहने लगा… "प्रकाश अंकल आप से धंधा नहीं संभल रहा है, आप को ये सब छोड़ देना चाहिए।"


प्रकाश:- कवल बेहतर होगा बैठ जाओ आपस में बहस करने से कोई फायदा नहीं हैं। तुम शायद भूल रहे हो कि तुम किससे बात कर रहे।


विक्रम:- तुम बैठो कवल, प्रकाश सही कह रहा है। .. प्रकाश तुम्हारे नाक के नीचे से 300 करोड़ जला दिया गया, 4 और हमारे एजेंट एक साथ मारे गए। टोटल 1100 करोड़ का घाटा और तुम कुछ नहीं कर पाए। तुम्हे नहीं लगता कि तुम्हारी बुद्धि में जंग लगा चुका है। तुममें अब वो पहले वाली बात नहीं रही प्रकाश। मुझे लगता है तुम्हे अब धंधा मेघा और हाड़विक (मेघा का पति) पर छोड़कर तुम्हे अपने पॉलिटिक्स में ध्यान देना चाहिए।


"आप लोग प्लैनिंग करते रहने, पहले मुझे बताओ 150 करोड़ कैसे वापस कर रहे हो, ताकि मै सुनिश्चित हो जाऊं। फिर सब अपनी बकवास मीटिंग करते रहना।"….. विक्रम का छोटा बेटा लोकेश, पक्का बिजनेसमैन, डेढ़ शाना, दिमाग से मजबूत, थोड़ा अय्याश और थोड़ा लड़कीबाज, लेकिन जुबान का पक्का। जले हुए रुपए कि पेमेंट वो क्लायंट को कर चुका था, बस यहां उसे अपने 150 करोड़ चाहिए थे।


लोकेश सिंह इस हवाला सिंडिकेट का एक उभरता हुआ सितारा था जिसने 4 साल पहले ही धंधा शुरू किया था और देखते ही देखते आज के समय में इसके पास कॉन्टैक्ट्स की कोई कमी नहीं थी। भारत के साथ अन्य पड़ोसी देशों के भी पैसे वो दुनिया के किसी भी कोने में कहीं भी भिजवा सकता था। एक तरह से पूरा मध्य एशिया पर इसका एकाधिकार था।


जहां पहले इनका पूरा ग्रुप मिलकर साल भर में 50 हजार करोड़ की हवाला हेराफेरी करता था वहीं लोकेश अकेला अपने दम पर आज के समय में 40000 करोड़ का धंधा करता है। नुकसान हो या संपत्ति बेच कर देनी परे लेकिन तय समय में इसके क्लायंट को पैसे मिलने थे।


मेघा:- लोकेश 3 जुलाई को तुम्हारे पैसे मिल जाएंगे।


लोकेश:- मेघा मुझे यह मत बताओ कि मिल जाएगा, मुझे ये बताओ पैसे कैसे आएंगे। क्या कोई बोंड बेचकर दोगी, या अपने कंपनी के शेयर।


मेघा:- नहीं 2 जुलाई को 5 मिलियन की बेटिंग है, वहीं से पूरा कवरउप करूंगी।


लोकेश:- तुम्हे इतना यकीन है कि तुम्हारा फाइटर जीत जाएगा..


मेघा:- 200%


लोकेश:- ठीक है फिर मेघा, 3 जुलाई को पैसे मुझे मिल जाने चाहिए। आप सब मीटिंग करो मै चला।


विक्रम:- लोकेश हम यहां कुछ समस्या पर बात कर रहे है और तुम बीच में छोड़ कर जा रहे…


लोकेश:- पापा याद है कुछ साल पहले आप लोगों के पैसे ऐसे ही जले थे, तब आप लोगों को किसी गैंग पर शक हुआ, और उसे साफ कर दिया.. बहुत समय तक फिर कोई घटना नहीं हुई, लेकिन फिर आज ये घटना हो गई और आप लोग फिर किसी गैंग को उड़ाएंगे। अपने काम जारी रखो, कभी तीर निशाने पर तो लगेगा ही, मैं चला।


मेघा:- तुम्हारी बातों में कुछ छिपा है लोकेश, मुझे खुलकर बताओगे कहना क्या चाहते हो?


लोकेश:- हम बिजनेसमैन है कोई गुंडे नहीं। जबतक गुंडों की तरह सोचकर जिसे मन किया उसे मारते रहोगे, उससे कोई सॉल्यूशन नहीं निकालनेवाला। मेरे साथ अगर ये हुआ होता तो अबतक मै ये काम किसी प्राइवेट एजेंसी को दे चुका होता। चूहों को बिल से निकलने के लिए शातिर सांप चाहिए ना की उसके पीछे अपने भोंकने वाले कुत्तों को भेजते है।


प्रकाश:- मुझे समझ में आ गया कि मुझे क्या करना है। मैं यहां के सबसे खरनाक और शातिर एजेंसी को काम दूंगा जिसकी मदद गवर्नमेंट भी लेती है। शिकारियों का ऐसा झुंड जो पता लगाकर, घर में घुसकर, जिंदा लोगों के सीने से उसका दिल चीर कर निकालने के बाद, उसे मरता छोड़ देते है। अब यह काम वहीं करेंगे।


"इसे कहते है स्मार्ट मूव। यार बिजनेसमैन कि तरह धंधा करो। ऐसे अपने लोगों को धंधा भी कहो करने, फिर छिपे दुश्मनों की कहो पहचान करने, उसके बाद उन्ही लोगों को उनके पीछे भी लगाओ, फिर सबको ठिकाने लगाने भी कहो। कोई एक काम अच्छे से करवा लो, एक ही आदमी से 4 तरह का काम करवाओगे कहां से मनचाहा परिणाम मिलेगा।"…
Ghapale se mile ya chaalbazi se.. banta hai mukaddar daulat se.. Saccha hai yahan Kangal.. to beimaan hai malamal.... Paiso ke liye ye kirdaar marte hai.. Paisa ho toh gangu teli ko bhi bana de raja.. gadho ke sir pe rakh de taj. So ye paisa bolta hain.... :D
Khair let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skill nainu ji :applause: :applause:
 

Chutiyadr

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Us chepter kinkahani adhuri rah gayi thi .. yahan puri shayad ho jaye.. aane wala update ab kya rang lata hai dekhiye..

Waise aisa kaun likhta hai.. romantic poetry ko sidha erotic masaledar bana diya :roflol:
aisa ham likhte hai :lol1:
advance me dhanywad :thank_you:
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
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Now I understand what Apasyu wanted to say in the last update. did very well to burn the money van. :smoking: I was very happy to see the death of those four bad people. :cool1:Everything is happening in different places at the same time, wow! it was crazy. B-)Apasyu is making full use of his sharp mind and no one knows anything. The enemy side are fighting amongst themselves and Apasyu is having fun.:lol1:
Today's update was exciting. Enjoyed reading. You are writing very well, Now let's see what happens next, Till then waiting for the next part of the story.
Thank You...

???
 
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