Iron Man
Try and fail. But never give up trying
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O
Ok intzar rahegaRaa
Thanks
And raat tak update deta hu....
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Wo aurat kise bacha rahi haiUpdate 7
निखिल और नीलेश रास्ते भर सपना और पायल का सोचते हुए, कुछ घंटो में घर पहुंच जाते है। सभी लोग हॉल में बैठ है और सपना नीलेश से सवाल करने लगती है।
सपना : क्या कहा पुलिस ने ? क्या कुछ पता चला अनिता और अवनी के बारे में ?
निखिल : दीदी, वो......।
(निखिल की बात को बीच में काटते हुए, नीलेश बोलना शुरू कर देता।)
नीलेश : सपना, तुम भी ना आते ही शुरू हो गई। अरे थोड़ा आराम तो करने दो, इतने दूर से आए है। पानी तो पीने दो।
सपना : माफ करना।
सपना : पायल, पापा और मामा के लिए पानी लेकर आना।
पायल : जी मम्मी।
(और किचन में पानी लेने चली जाती है और पानी लाकर पापा,मामा और मम्मी को देती है।)
सपना : अब बोलो क्या कहा पुलिस ने ?
नीलेश : अभी तो उन्होंने कुछ नहीं कहा है, बस उन्हें कुछ जानकारी मिली है।
(नीलेश की बात सुनकर निखिल नीलेश की तरफ देखता है तो नीलेश उसे हाथ से शांत रहने का इशारा कर देता है।)
सपना : क्या पता चला है ?
नीलेश : बस यही कि अनिता जिस रास्ते से गई थी, उस रास्ते पर एक नदी में एक कार गिर गई थी।
सपना : क्या वो अनिता की कार थी ?
नीलेश : अभी पता नहीं चला है कि वो कार किसकी थी।
सपना : काश! वो कार अनिता की ना हो।
नीलेश : तुम चिंता ना करो, वो हमें मिल जायेंगे।
सपना : ठीक है, आप लोग यही बैठिए। मैं चाय बनाकर लाती हूं। (और चाय बनाने किचन में चली जाती है।)
निखिल : जीजा जी, आपने दीदी से सच क्यों नहीं कहा ?
नीलेश : निखिल, मुझे लगता है अभी उन्हें यह बात बताना उचित नहीं है, कुछ समय बाद बता देंगे। हो सकता है उसके पहले अनिता और अवनी का कुछ पता चल जाए ?
निखिल : लेकिन दीदी को बाद में क्या कहेंगे ?
नीलेश : इसलिए मैं उसे नदी में कार गिरने की बात कह दी है। यदि अनिता और अवनी कुछ समय बाद भी नहीं मिले, तो उन्हें हम बाकी की बात बता देंगे।
निखिल : जीजा जी, मुझे लगता है अभी ही बता देना चाहिए ।
नीलेश : नहीं, अभी कुछ भी मत बताना।
निखिल : ठीक है।
दूसरी तरफ उसी बिल्डिंग में जहां एक औरत और आदमी बात कर रहे थे। उसी बिल्डिंग के एक रूम में वो औरत किसी से बात कर रही है ।
औरत : क्या अब आप बता सकते है कि वो कैसी है ?
सामने वाला : अभी तो मैं कुछ नहीं कह सकता हूं, लेकिन आप से इतना जरूर कह सकता हूं कि अभी वो खतरे से बाहर है।
औरत : शुक्रिया आपका।
सामने वाला : कोई बात नहीं, यह तो हमारा फ़र्ज़ है। (और वो वहां से चला जाता है।)
औरत : बस मेरी यही दुआ है कि ये जल्द से जल्द ठीक हो जाए।
इधर उस बिल्डिंग में जहां तीन लड़के अपने रूम में बात कर रहे थे। उसी बिल्डिंग में एक बड़े रूम में कुछ लोग बात कर रहे है।
पहला आदमी : देखिए सर, ये कोई छोटी बात नहीं है, यदि किसी को पता चला तो हमारी बहुत बदनामी होगी।
दूसरा आदमी : हां, सर। ये सही बोल रहे है, हमें उसके लिए कोई ना कोई हल निकालना होगा।
तीसरा आदमी : ठीक है, मैं इस बारे में कुछ सोचता हूं अभी आप दोनों अपने काम पर लग जाइए।
सपना के घर पर सभी अपने - अपने रूम में अपने काम कर रहे है। पायल के रूम में पायल और पलक बातें कर रही है।
पलक : दीदी, आपसे एक बात पूछ सकती हूं ?
पायल : हां, क्या पूछना है ?
पलक : दीदी, यही कि कल आप पापा से बात करते समय एक दम से रोते हुए रूम में क्यों आ गई थी ?
(पलक का सवाल सुनकर कर पायल सोच में पड़ जाती है कि इसका क्या जवाब दे।)
पायल : वो तो ऐसे ही रोना आ गया था, इसलिए रूम में आ गई थी।
पलक : अच्छा, पापा क्या बोल रहे थे कि अनिता मामी और अवनी के बारे में ?
( पायल फिर सोच में पड़ जाती है कि इसका क्या जवाब दे।)
पायल : मुझे नहीं मालूम अब कोई सवाल नही।
पलक : ठीक है, दीदी।
(पायल मन में सोचती है कि अभी बच्ची है, लेकिन कितना दिमाग चला रही है बड़ी होगी तो कितना चलाएगी।)
निखिल अपने रूम में पलंग पर लेटे हुए, कुछ याद कर रहा था।
निखिल की यादें :- आज निखिल बहुत खुश है, क्योंकि आज उसकी जिंदगी के किताब एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। वो कॉलेज में पहुंच गया है जो हर लड़के का सपना होता है, क्योंकि यही वो जगह है जहां वो अपने आपको आजाद जैसा महसूस करता है। उसे ऐसा लगता है कि वो अब उन बंधनों से मुक्त हो चुका है, जो उसे कभी अपने मन कि नहीं करने दे देते है। वो इसलिए कि स्कूल की पढ़ाई तक तो हमें केवल बच्चा ही समझा जाता है, लेकिन कॉलेज में हम जवान हो जाते है और हमें बड़ा समझा जाने लगता है।
आज निखिल के कॉलेज का पहला दिन है। वह कॉलेज कि क्लास में जाता है और पढ़ाई करने लगता है। ऐसे ही कुछ दिन गुजर जाते है। अब निखिल के कुछ नए दोस्त भी बन गए है।
ऐसे ही एक दिन कॉलेज में इंटर कॉलेज वाद-विवाद प्रतियोगिता होती है, जिसमें कई कॉलेज के लड़के और लड़की भाग लेने आये है। निखिल आज कॉलेज नहीं आना चाहता था, लेकिन अपने दोस्तों के कहने पर आ जाता है।
ऐसे ही एक बड़े हॉल में प्रतियोगिता शुरू हो जाती है। सभी कॉलेज के प्रतिभागी अपने - अपने बारी से भाग लेते है। कुछ देर बाद निखिल दोस्तों से कहता है कि यार बोर हो रहे, चलो कैंटीन चलते है। सभी दोस्त मान जाते है वो जाने लगते आख़िर में निखिल जैसे गेट तक जाता है, तभी उसके कानों में एक आवाज जाती है जिसे उसके पैर वहीं थम जाते है।
वो वहीं से उस आवाज का पीछा करता है, तो पाता है कि वो आवाज सामने स्टेज से आ रही है। जैसे ही वो स्टेज पर देखता है तो उसकी आंखे वहीं थम जाती है। ऐसे जाने कितना समय बीत जाता है तभी पीछे से उसके दोस्त आते है। निखिल को ऐसा देख वो उसे हिलाते है जिससे निखिल अपने सपनों से बाहर आ जाता है।
निखिल को ऐसा देख एक दोस्त कहता है कि " किसके ख्यालों में खो गए थे?" निखिल किसी के नहीं वो तो में बस ....।
दूसरा दोस्त : हां, भाई बोल बस क्या ?
निखिल : अरे यार, जाने दो । (और वापस स्टेज कि तरफ देखता है लेकिन वहां कोई और आ गया है।)
पहला दोस्त : अरे यार, स्टेज पर क्या देख रहा है ? क्या कोई माल पसंद आ गया ?
दूसरा दोस्त : यार, हमें भी तो दिखा कि कौन सा माल पसंद आया है ?
निखिल : दोस्तो, ऐसी कोई बात नहीं मैं तो सिर्फ उस वाद - विवाद का विषय अच्छा था, इसलिए सुने के लिए रुक गया।
(दोस्तों के दूसरे सवालों से बचने के लिए वो यह बोल देता है।)
पहला दोस्त : अच्छा, तो क्या अब हम कैंटीन चल सकते है ?
निखिल : हां, चलो। ( और सभी कैंटीन में आ जाते है। )