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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

komaalrani

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Update plz
Last Update came 20 days ago, so we all want updates.

but on the other hand, a Master storyteller has come back to regale us with his craft, but only paltry 5-6 comments. comments enthuse a writer. so please do share how you enjoyed the last part and our views and opinions are the only coins, through which we can pay the tribute to great artists. A mushaira without wah wah and a soiree without clap will dampen any artist and writer here if he would have tried his craft in other field would have got standing ovations.
 

Gary1511

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अगले दिन सुधीर सर की मौज होने वाली थी

सुबह अनु की नींद खुली तो अपनी मॉम के निप्पल को अपने मुँह में पाया….
शायद रात को उनसे चिपक कर सोते वक़्त बचपन की याद ताज़ा हो आई थी उसको
इसलिए उनके बूब्स को चूसते -2 वो सो गयी थी
भले ही दूध नही निकल रहा था इनमे से, पर मिठास वैसी ही कायम थी
स्किन ही ऐसी चिकनी थी की ऐसा लग रगता था जैसे कोई फूलों का रस चूस रहा हो,
उन्ही से विरासत मे उसे भी वैसी ही स्किन मिली थी




मन तो कर रहा था की एक बार मॉम को रात की तरह उपर से नीचे तक चूस डाले पर घड़ी में टाइम देखा तो उसे उठना ही पड़ा
आज का स्कूल वो मिस्स नही कर सकती थी, आज से उसे सुधीर सर के साथ एक्सट्रा टाइम जो बिताना था
इसलिए वो जल्दी से उठी, नहा धोकर तैयार हुई और स्कूल के लिए निकल गयी
उसकी मॉम को ऑफीस जाने में अभी एक घंटे का टाइम था, इसलिए वो लेटी रही.

स्कूल पहुँचकर उसे गेट पर ही सुधीर सर मिल गये, उन्हें देखते ही वो खिल उठी
सुधीर सर भी उसके चेहरे की चमक देखकर समझ गये की वो कितनी बेचैन है उनके साथ समय बिताने के लिए
यानी जो तड़प उनमें थी वही अनु में भी थी

कल उसकी माँ से अपना लॅंड चुसवाकर वो इस खानदान की ख़ासियत पहचान चुके थे की बिस्तर में ये साली रंडिया कितना मज़ा देंगी
उसकी माँ तो उसके वश में आ ही चुकी थी
बस इस कमसिन कली को भी अपने लॅंड का पानी पीला कर अपना गुलाम बना लू तो लाइफ सेट हो जाएगी
और वो दिन भी दूर नही जब दोनो माँ बेटियों को एक साथ अपने लॅंड से चोदूँगा

ये सोचते-2 सुधीर सर अपने खड़े हो चुके लॅंड को पेंट के उपर से ही सहलाने लगे

पर अभी तो काफ़ी समय था उसे लॅंड के दर्शन करवाने में , इसलिए किसी दूसरी बात को सोचकर उन्होने किसी तरह से अनु को अपने दिमाग़ से भगाया ताकि खड़ा लॅंड लेकर वो क्लास में ना पहुँच जाए और उनका मज़ाक बना दे ये बच्चे

अनु की क्लास में जाकर भी सुधीर उसपर ज़्यादा ध्यान नही दे रहे थे, क्योंकि जैसे ही अनु से वो नज़रें मिलाते, उसकी आँखो उमड़ रही में हवस देखकर वो बेचारे सकपका से जाते
सुधीर मन ही मन सोच रहा था की ये आजकल के बच्चों में स्कूल टाइम से ही इतना सैक्स कैसे भरा होता है
देख तो ऐसे रही है जैसे मुझे खा ही जाएगी
वैसे इतनी भी बच्ची नहीं रह गयी थी अनु, 18 की तो हो ही चुकी थी , यानी पहली चुदाई के लिए एकदम कड़क माल तैयार था उसके लिए

खैर, किसी तरह स्कूल का टाइम ख़त्म हुआ और धीरे-2 करके सभी टीचर और बच्चे अपने घरों में चले गये
सुधीर धड़कते दिल से अपने स्टाफ रूम बैठा अनु का वेट करने लगामें और कुछ देर में वो आ भी गयी
अनु ने भी जब सुधीर सिर को देखा तो उसका मन किया की आगे बढ़कर वो उनसे गले मिल ले, क्योंकि अब सिर्फ़ गेट पर गार्ड्स और स्कूल में 1-2 पीयून को छोड़कर कोई रह नही गया था

वो सामने वाली चेयर पर जाकर बैठ गयी और सुधीर सर उसे ओपचारिक तौर पर मैथ ओलम्पियाड के बारे में सभी जानकारी देने लगे
उसे अगले 2-3 दिन के लिए ये काम भी दे दिया की जो भी फॉर्म्स आ रहे है उन्हे अरेंज करके वो कंप्यूटर में एक्स्सेल फाइल बना दे ताकि उनका रेकॉर्ड आगे भेजने में आसानी रहे

तभी पीयून आया और सर से पूछा की कुछ चाहिए तो बता दीजिए, उन्होने आधे घंटे बाद चाय लाने के लिए कहा, और उसे जाने के लिए कह दिया और ये भी बोल दिया की डिस्टर्ब मत करना, यहाँ ज़रूरी काम चल रहा है

सुधीर ने जिस अंदाज से पीयून को ये बात कही थी अनु वो सुनकर अंदर से पुलकित हो गयी
यानी अब कुछ देर तक कोई नही आने वाला
इस वक़्त अनु सर के सामने चेयर पर बैठी थी और वो अपने लैपटॉप पर देखकर उसे सब समझा रहे थे
अनु ने जब पूछा की किस फॉर्मॅट में वो स्टूडेंट्स का डाटा अरेंज करे तो सर ने उसे अपनी तरफ आने को कहा
वो उनके पीछे जाकर खड़ी हो गयी और फिर झुककर एक हाथ उनकी चेयर पर और दूसरा टेबल पर रखकर वो फॉर्मेट समझने लगी
ऐसा करते हुए वो जान बूझकर अपनी गर्म साँसे सर के कानों पर छोड़ रही थी, सुधीर को भी पता था की दोनो ही कुछ करने के लिए तड़प रहे है, पर स्कूल का मोहोल और दोनो के बीच का वो अध्यापक छात्रा का रिश्ता ही ऐसा था की उन्हे कुछ भी ज़्यादा करने से डर लग रहा था वहां

उनके टूशन सेंटर की बात अलग थी, वो उनका खुद का घर था, जहाँ वो बाहर का दरवाजा बंद करके कुछ भी कर सकते थे, पर अब वो ऑप्शन तो बचा नही था, और जो था वो इस वक़्त उनके सामने था
हालाँकि ये प्लान बनाते हुए उन्होने सोचा था की ज़्यादा नही तो थोड़ा ही सही पर आसानी से हो जाएगा
पर इस वक़्त कुछ भी करते हुए उनकी गांड फट रही थी
अनु उनकी उलझन समझ गयी
और खुद पहला कदम लेने की सोची
वो थोड़ा और झुकी और अपना दाँया बूब उसने सर के कंधे से टच करा दिया
सुधीर सर का शरीर सिहर कर रह गया
फिर वो धीरे-2 अपने बूब से उनके कंधे पर गोल सर्कल बनाकर उसे घूमने लगी
सर ने अपनी गर्दन उसके मुममे की तरफ गिरा दी ताकि थोड़ी बहुत गर्मी अपने गालों पर भी महसूस कर सके
ये सब करते हुए अनु की नज़रें सामने के दरवाजे और साइड वाली खिड़की पर थी
क्योंकि वही दो रास्ते थे जहाँ से कोई उस कमरे की तरफ आता हुआ दिख सकता था
वो पीयून सामने से आता तो दूर कॉरिडोर से दिख सकता था और बगल वाले कॉरिडर से आता तो साइड वाली खड़की से उसका अक्स पहले दिख जाता
यानी दोनो ही केस में उसे संभलने के लिए काफ़ी समय मिल सकता था
और अभी तो दूर -2 तक कोई हलचल नही थी, शायद वो लंच करने बैठ गया होगा
और ये समय उसके लिए प्रयाप्त था
वो सब करने और कहने के लिए जो पिछले कुछ दिनों से उसके दिलो दिमाग़ में चल रहा था
उसने अपनी शर्ट के 2 बटन खोल दिए जिसकी वजह से उसके बूब्स आधे से ज़्यादा बाहर झाँकने लगे
और अंदर उसने हमेशा की तरह ब्रा नही पहनी थी आज
ख़ासकर अभी के लिए वो बाथरूम में जाकर उसे उतार कर आई थी
उसके नंगे बूब्स की स्किन जैसे ही सुधीर सर को अपने गालो पर महसूस हुई वो उत्तेजना के सागर में और ज़ोर से हिचकोले खाने लगे.
अब अनु से भी सब्र नही हो रहा था, उसके निप्पल्स में एक अजीब सी कसमसाहट होने लगी थी
जिसे अब सुधीर सर के होंठ ही शांत कर सकते थे

इसलिए उसने उनका पूरा चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसे अपनी छाती के बीच बनी गहरी खाई में धकेल दिया
और इतना ज़ोर से उन्हे दबाया की उनकी साँसे ही उखड़ने लगी
और जब कुछ देर में उन्होने अपना चेहरा अंदर अड्जस्ट किया तो उन्हे वहां के रेशमीपन का एहसास हुआ
ऐसा लग रहा था जैसे उन्हे उठाकर गुलाब की पंखुड़ियो से भरी कोठरी में फेंक दिया है
वो अनु के शरीर से आ रही गंध मे डूब कर रह गये
सर की कुर्सी अब घूम कर उसकी तरफ हो चुकी थी
अनु ने अपना एक पैर सिर की टॅंगो के बीच करके करके जगह बना ली
और अपनी जवानी के पट उसने सुधीर सर के लिए खोल दिए
अपनी शर्ट को दोनो तरफ से फेला कर उसने अपने दोनो बूब्स नंगे करके सुधीर सिर के सामने परोस दिए




ये वो पल था जिसका सुधीर ने काफ़ी इंतजार किया था
ऐसा लग रहा था जैसे दो कोहिनूर के हीरे सामने आ गये हो
उनकी खूबसूरती से उसकी आँखे चुँधिया रही थी
सुधीर सर से रहा नही गया और उन्होने अपने गर्म होंठ उसके आइस्क्रीम कोन जैसे बूब पर रख कर उन्हे चाटना शुरू कर दिया
अनु ने और हिम्मत दिखाई और सारे बटन खोलते हुए उसने वो शर्ट उतार दी, वो उसकी स्कर्ट में फंसी थी, इसलिए कमर से लटकी रह गयी
और नीचे होकर उसने अपनी गांड उनकी टाँग पर टिका दी
अब वो टॉपलेस होकर सुधीर सर की गोद में बैठी थी
अब सर आराम से उसके बूब्स चूस और चाट सकते थे
उनकी गर्म हथेलिया उसके नर्म कुल्हों और चिकनी पीठ पर फिसल रहे थे
अनु के लिए ये एकदम नया अनुभव था
जिसे अब वो थोड़ा और बढ़ाना चाहती थी
सुधीर के दांतो ने उसके जवानी के अंगार यानी उसके दांये निप्पल को जकड़ रखा था



उसने सर के होंठो से अपनी बूबियाँ बड़ी मुश्किल से छुड़वाई और उनका मुँह उपर करके उनके होंठो पर टूट पड़ी
ये वो काम था जिसे वो ना जाने कब से करना चाहती थी
लीप टू लीप किस्स वो भी एक जानदार शानदार मर्द के साथ
उफ्फ , इन मैच्योर मर्दों के होंठ चूसने में कितना मज़ा आता है
और कितनी कुशलता से ये होंठ चूसते हैं , जीभ का रस किसी कुत्ते की तरह चाटते हैं




हर किस्स के साथ अपने अनुभव की छाप वो उसके होंठो पर छोड़ रहे थे
उसके बूब्स तो पहले से ही उनके अनुभव की गवाह बन चुके थे
यही एक्सपीरियन्स तो वो तलाश रही थी
जो उसे गौरव में नही मिल पाया था
वो तो सच में इनके सामने बच्चा था

गौरव ने भी जब उसे किस्स किया था तो उसे सेंसेशन हुआ था
पर सर के किस्स करने से सेंसेशन के साथ-2 उसकी चूत भी रिस रही थी
यहां तक की बूब्स को जब उन्होने सक्क किया तो ऐसा लग रहा था जैसे आज से ही वो दूध देने लग जाएगी
ऐसी सकिंग थी उनके होंठो की




अब उसे अपनी चॉइस पर कोई शक नही हो रहा था
अपनी सील तुड़वाने के लिए सर से अच्छा कोई विकल्प हो ही नही सकता
वो प्यार से, अनुभव से, मर्दनापन से उसका कौमार्य भंग करेंगे
उफफफफफ्फ़….
इस ख़याल से ही उसके बदन में चींटियां सी रेंगने लगी
Sexy
 
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Ashokafun30

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Thank you very much komaal bhabhi
I know thoda late ho gaya hai update iss baar, pahado pe nikal gaya tha beech me, refresh hone ke liye
update bhi almost tayyar hai, bas editing chal rahi hai...1-2 din me post kar dunga
iss baar thoda lamba update likha hai, taaki aapko padne me maja aaye
keep reading.
 

Ashokafun30

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और बाहर खड़े सुधीर सर के लिए इतना काफ़ी था
झड़ने के करीब तो वो भी कब से थे
पर अनु को अपनी माँ की चूत की मलाई चाटते देख, वो भी एक हल्की और दबी हुई हुंकार के साथ झड़ते चले गये….

वहीं दीवार पर उन्होने सारा माल दे मारा

और आख़िरी बूँद को भी निचोड़कर वो कांपती हुई सी आवाज़ में बोले : “मंजूर है मुझे ये शादी….मेरी बच्ची अनु……मैं करूँगा तेरी माँ से शादी….और उसके बाद ये सब मज़े लूँगा…तुम दोनो के साथ, जो तुम दोनो अकेले ले रहे हो….बीच में लेटकर”

अंदर और बाहर का तूफान समाप्त हो चुका था

उन्होने लॅंड को अंदर धकेला और अपना हुलिया ठीक किया, पास पड़े एक कपड़े से उन्होने दीवार को सॉफ किया ताकि कोई देख ना ले

और फिर अनु के रूम में जाकर बैठ गये पहले की तरह

कुछ ही देर मे अनु भी वहां आ गयी…

दोनो की नज़रें मिली तो सुधीर सर के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी, जो ये दर्शा रही थी की अभी जो उन्होने देखा था, वो उन्हे पसंद आया था.


अनु उनके करीब आई तो उनसे रहा नही गया और उन्होने उसे पकड़कर अपनी बाहों में भींचा और उसके होंठो को चूसने लगे
उनपर अभी भी शेफाली की चूत का रस लगा हुआ था, जिसे अनु ने जानबूझकर चेहरे से सॉफ नही किया था
सुधीर सर तो बावली मधुमक्खी की तरह भीनभीना उठे और उस रेशमी एहसास और खुशबु वाले शहद को चाट चाटकार सॉफ करने लगे उसके चेहरे और होंठो से



और कुछ ही देर में उन्होने उसका चेहरा ब्यूटीपॉर्लर वालों से ज़्यादा चमका दिया

अब आए थे तो स्कूल वाला काम करना भी ज़रूरी था, इसलिए अगले 10 मिनट तक उन्होने मन लगाकर काम किया और उसे निपटा दिया क्योंकि अगले दिन ओलम्पियाड था

इतने मे शेफाली अंदर आई और उन्हे चाय के लिए बाहर बुलाया

कुछ देर पहले उसे अपनी चूत चटवाते देख चुके थे सुधीर सर, इसलिए उनके चेहरे पर उत्तेजना के भाव आ गये, जिसे शेफाली ने पढ़ लिया

और उसे लगा की वो उसे देखकर उत्तेजित हो रहे हैं

मूड तो उसका पहले से ही बना हुआ था, इसलिए उसने सुधीर सर को आँख मार दी और ये कन्फर्म कर दिया की आग दोनो तरफ बराबर लगी हुई है

अब बस अनु की प्राब्लम थी, उसके होते हुए वो कैसे कर सकती थी
इसलिए चाय ख़त्म होने के बाद जब अनु कप्स उठाकर किचन में रखने गयी तो वो भी वहां पहुँच गयी

शेफाली : “अनु…..वो…वो मैं क्या कह रही थी की….वो…..”

अनु के चेहरे पर स्माइल आ गयी, उसे पहले से ही पता था की उसकी ठरकी माँ के मन में इस वक़्त क्या चल रहा है.
बस मज़े लेने के लिए वो उनसे खुलकर बुलवाना चाहती थी

वो बोली : “क्या हुआ मोम ….कुछ प्राब्लम है क्या ?”

वो अपनी हँसी दबा कर बात कर रही थी और सींक में कप को भी धो रही थी

शेफाली : “अर्रे….वो…मैं कह रही थी की तू थोड़ी देर के लिए…कही बाहर जा सकती है क्या ?”

अनु : “अर्रे नही मोम , सुधीर सर आए हुए है, वो भला क्या सोचेंगे…अभी लास्ट में बस एक बार देख ले की कुछ रह तो नही गया है, वो सब देखने के बाद वो चले जाएँगे बस…फिर बता देना क्या लाना है बाहर से..”

शेफाली ने अपना माथा पीट लिया

वो बोली : “अर्रे समझ ना, कुछ लाना नही है बाहर से…वो बस…तू…थोड़ी देर के लिए….यार….अनु तो इतनी भी भोली नही है…प्लीज़ मुझे और सुधीर को थोड़ी देर के लिए…”

अनु अपनी आँखे मटकाती हुई बोली : “अच्छा …तो आप चाहती है की मैं बाहर जाऊं और आप अपने बाय्फ्रेंड के साथ मज़े करे “

शेफाली ने उसे एक चपत लगाई कंधे पर, और बोली : “बाय्फ्रेंड नही है वो मेरे…शादी की बात चल रही है उनके साथ, तूने ही तो कहा था ना..”

अनु : “चल रही है, पर अभी तक कन्फर्म तो नही है ना, फिर क्यों भला आप उनके साथ बिना शादी के, इस तरहा अकेले में …”

शेफाली इस बार भड़क उठी और उसने अनु का हाथ पकड़ कर सीधा अपनी चूत पर लगा दिया और बोली : “देख ज़रा यहाँ…कितनी गर्मी निकल रही है अभी तक इसमें से….तूने चाट लिया है, झड़ भी गयी मैं , पर अब फिर से कुछ-2 हो रहा है अंदर..आग सी लगी पड़ी है…और ये आग अब तेरी जीभ से नही बुझने वाली…तुझे तो ये जला डालेगी..इसके लिए लॅंड चाहिए….एक मर्द का लॅंड…समझी…”

वो आवेश में आकर बोल तो गयी अनु से, पर फिर उसे पछतावा हुआ, क्योंकि आने वाले कल में वो इंसान उसका बाप जो बनने वाला था

ऐसे में उसके लॅंड से चुदने की बात अपनी बेटी से करना कितना ग़लत है, इसका एहसास उसे हो रहा था

पर अब कुछ नही हो सकता था, शब्द भी तीर से निकले बाण की तरह होते है, वापिस नही आते..

अपनी मों का कबूलनामा सुनकर अनु खिलखिलाकर हंस दी…

और बोली : “ओह मेरी प्यारी मम्मी….तुम कितनी भोली हो…इतना भी नही समझी की मैं आपकी टाँग खींच रही थी…मुझे पता है की आपके अंदर की आग बुझाना अब मेरे बस की बात नही रही, इसलिए तो आपसे शादी करने के लिए कहा था और आप राज़ी भी हो गयी..और आज की पर्फॉर्मेन्स देखकर लगता है सर भी राज़ी हो जाएँगे..”

अनु तो अपनी और शेफाली की पर्फॉर्मेन्स के बारे में बोल रही थी और शेफाली ये समझी की वो जो करेगी सुधीर के साथ, अनु उसके लिए बोल रही है

पर जो भी था, दोनो माँ बेटियाँ इस बात पर एक दूसरे के गले ज़रूर लग गयी

अनु : “मोम …आप सर के साथ जो कुछ भी करो पर मेरी भी एक शर्त है “

शेफाली : “वो क्या ? “

अनु : “मैं भी देखूँगी….आपकी और होने वाले पापा की परफॉरमेंस “

शेफाली की आँखे बाहर निकालने को आ गयी ये सुनकर…

ऐसा कैसे हो सकता है…भला कोई बच्चा अपने माँ बाप को सैक्स करते हुए कैसे देख सकता

शेफाली : “तू पागल हो गयी है क्या…ऐसे थोड़े ही होता है…..तू भला कैसे देख सकती है…नही नही…ये ग़लत है, ये नही होगा…”

अनु : “वो आप देखो…मैं तो कहीं जाने वाली नही हूँ …आप अपनी जिद् पर अढ़े रहे तो सर के जाने का टाइम ज़रूर हो जाएगा, फिर मुझे ही दोबारा आपकी हेल्प करनी पड़ेगी इसे ठंडा करने में …”

उसने अपनी माँ की चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा..

शेफाली की चूत पहले से ही सुलग रही थी, अनु की बात सुनकर और ज़्यादा सुलग गयी

आख़िर ये चाहती क्या है

क्यो देखना है इसे हमारा चुदाई से भरा खेल

पर फिर जब उसने ठंडे दिमाग़ से सोचा तो पाया की इसमे अनु की कोई ग़लती नही है
ये उम्र ही ऐसी है
ऐसी बातों की तरफ ध्यान जाना तो वाजिब है
पर माँ को सैक्स करते भला कौन देखता है
 
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