पिछले कुछ दिनों से थ्रेड खुलते ही एक सन्देश आता है ऊप्स वि रैन इन टू सम प्रॉब्लम्स,... उसके चक्कर में लाइक करना और कमेंट करना भी मुश्किल हो रहा है, पर आपकी कहानी का आकर्षण,... हर्डल रेस कूद फांद कर, किसी तरह,
किसी किशोरी कन्या के तन मन की हालत आप से अच्छा कोई नहीं लिख सकता, देह का पागलपन, मन का द्वन्द और सब कुछ बस एक दो लाइनों में लिख देना, एक मास्टर क्राफ्ट्समैन के बस की ही बात है
और वो आँखे मूंद कर सीसीया उठी
और बोली : “उफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़…….रुका नही जाता…..पर अब तो इसकी माँग सुधीर सर की जीभ से ही भरेगी….मेरी उंगलियो से नही….उंगलियों से नही….”
और धीरे धीरे आने वाले रिश्तों के बीज कैसे अपनी माँ के मन में बो रही है
अनु : “हाँ तो, उसमें क्या ग़लत है, आप भी तो मेरी माँ हो, आपके साथ भी तो ये सब करती हूँ …सब कुछ करती हूँ जो एक मियाँ बीबी करते है, अब वो हमारी फॅमिली में आएँगे तो इसका मतलब ये नही की हमारे बीच जो रिश्ता है वो बदल जाएगा, इनफेक्ट मैं तो कहती हूँ की होने वाले पापा को भी इसमें शामिल कर लो, बड़ा मज़ा आएगा जब साथ बैठेंगे तीनो यार, आप मैं और होने वाले पापा”
और माँ के साथ सुधीर सर भी उस टीनेजर के तीर से घायल हो गएँ,...
उसके दिल ने वो फ़ैसला एक पल में कर लिया जिसके लिए वो कब से सोचे जा रहा था
यानी शेफाली के साथ शादी करने का फ़ैसला
उस जैसी सैक्सी औरत उसकी लाइफ में आ गयी तो उसकी तो दिन रात ऐश रहनी है
उपर से बोनस के रूप में उसकी जवान बेटी जो खुद उसकी दीवानी है
यानी अनु भी मिल रही थी
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कहानी इन्सेस्ट कैटगरी की है यानी माँ बेटा, भाई बहन, पिता पुत्री,... और वैसा कोई रिश्ता इसमें हैं नहीं और कई बार लिखने वाले जबरदस्ती बड़े अननेचुरल तरीके से ये रिश्ते दिखाते हैं इन्सेस्ट लिखना है बस इसलिए, माँ बेटा या बाप बेटी,...
लेकिन पहले शेफाली का अकेलापन,... फिर सुधीर सर अगर सौतेले पिता के रूप में आते हैं तो , ... पश्चिम में भी xxx फिल्मों में अक्सर एम् आई एल ऍफ़ वाली कैटगरी में भी माँ या पिता सौतेले ही होते हैं जो शायद ज्यादा मान्य होता होगा,...
मैं हो सकता है इन विघ्न बाधाओं के चलते देर सबेर आऊं, पर आपकी कहानी बिना पड़े रही नहीं जाती और सबसे बढ़कर मेरे ऐसे कलम घसीट लेखक बहुत कुछ सीख सकते हैं आप की कहानी पढ़ के हाँ वो जादू भले ही न ला पाएं