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Incest जवानी के अंगारे ( Completed)

Ashokafun30

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पर अब ज़्यादा सोचने का वक़्त नही था
अनु सही कह रही थी
इतने में तो सुधीर के जाने का टाइम हो जाएगा
इसलिए उसने ना चाहते हुए भी अनु को हाँ कर दी
उन दोनों माँ बेटी के बीच आज तक इतना कुछ हो चूका था की ये बात भी अब मामूली लग रही थी

पर शेफाली ने उसे पूरी हिदायत दी की सर को पता नही चलना चाहिए की वो ये सब देख रही है
इतना कहकर वो अपने बेडरूम की तरफ चल दी
और सुधीर सर को वहां भेजने के लिए कहा

अनु किसी हिरनी की तरह उछलती हुई सर के पास गयी, जो अपना बेग पैक करके जाने की तैय्यारी कर चुके थे
अनु : “अर्रे सर….इतनी भी क्या जल्दी है…अभी तो आपको थोड़ी और मेहनत करनी है..”

इतना बोलकर उसने मॉम और अपने बीच की सारी बातचीत उन्हे सुना डाली
सुधीर भी अनु की हिम्मत की दाद दिए बिना नही रह सका
अभी से ये हाल है तो शादी के बाद तो वो पता नही क्या-2 करेगी
ये सोचकर ही उनका लॅंड खड़ा होने लगा, जिसे उन्होने अपने हाथ से दबा कर शांत किया.

अनु : “इस शेर को दबाओ मत सर जी, जाओ, मॉम इंतजार कर रही है…मैं भी वही खड़ी रहूंगी दरवाजे के बाहर, आपकी परफॉरमेंस देखने…”

जिस बात के लिए शेफाली ने अनु को मना किया था, वो उसने खुलकर सुधीर सर को बोल डाली थी
आख़िर वो भी तो उस उत्तेजना को महसूस करे जो वो कर रही थी जब सर उसे और मॉम को छुपकर देख रहे थे
अब टेबल के दूसरी तरफ आ चुकी थी अनु
और इसमे पहले से ज़्यादा मज़ा आने वाला था

सर अपना बेग रखकर शेफाली के बेडरूम की तरफ चल दिए
पहुँचे तो देखा की शेफाली बेड पर बैठी फोन में कुछ चेक कर रही है
सुधीर को समझ नही आया की क्या करे

वो बोला : “अच्छा …शेफाली..अब मैं चलता हूँ ….”

शेफाली ने अपनी नशीली आँखो से उन्हे देखा और धीरे से फुसफुसाई : “इतनी भी क्या जल्दी है सुधीर…कुछ देर रुक नही सकते क्या ?”




ये वो पल था सुधीर के लिए जब वक़्त ठहर सा गया
उसका पूरा शरीर सुन्न सा पड़ गया
वो उसे नशीली आँखो से देखती हुई अपनी संगमरमरी कमर मटकाती हुई उसकी तरफ आई और उसका हाथ पकड़ कर बेड पर बिठा लिया
सुधीर इस वक़्त उसके सम्मोहन में खोकर रह गया था

कुछ देर पहले जिस औरत को अपनी बेटी के साथ सैक्स करते हुए देखा था उसने
वो इस वक़्त उसे अपने सपनो की अप्सरा के रूप में दिख रही थी
सुर्ख आँखे
अधीर होंठ
सुराहीदार गर्दन और नीचे
सांसो के साथ उठता गिरता वक्षस्थल
जिसकी लकीर अंदर बसी एक रहस्यमयी दुनिया की तरफ इशारा कर रही थी
कुरती के उपर से उसके दाने सॉफ चमक रहे थे
जिन्हे उसने चूसा भी था और उनका रसपान भी किया था
वो उसे एक बार फिर से अपनी तरफ बुला रहे थे
वो कुछ नही बोल पाया
बस उसकी तरफ देखता रहा
पहल शेफाली ने ही की

उसके चेहरे को अपनी कोमल उंगलियो से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और उसके होंठो पर अपने बर्फ़ीले होंठ रख दिए
सस्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ के साथ वो उसे चूसने लगी जैसे सिज़्लर बन रहा हो
अब उसे होश आया
उसकी मोहमाया से निकल कर वो यथार्थ पर उतार आया
और उसका साथ देने लगा
पर अपने हाथो को उसने चाहते हुए भी उसके मोटे स्तनों पर नही रखा
आज वो इस्तेमाल होना चाहता था
जैसा वो उसके साथ करती
वो करवाना चाहता था

इसलिए किस्स करते-2 उसने अपने शरीर को पीछे की तरफ बेड पर गिरा दिया
शेफाली भी उसकी जाँघ पर जाँघ रखकर साइड पोज़ में उसके हाथ पर अपने स्तनों को रगड़ती हुई उसे चूमती रही…
फिर चूमते-2 वो उसकी सुधीर की गर्दन पर उतर आई
अब भी सुधीर अपने हाथो से उसकी पीठ को पकड़ कर अपने उपर नही घसीट रहा था
बस निश्चल सा पड़ा हुआ था बेड पर
शेफाली भी उसके इस बर्ताव से हैरान थी




पर आग ही इतनी लगी थी उसके अंदर की उसे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था की वो कैसा बर्ताव कर रहा है
उसे तो बस उसका लॅंड चाहिए था
जिसे उसने पेंट के उपर से इस वक़्त पकड़ लिया था
सुधीर का पूरा शरीर झनझना उठा

आधे घंटे पहले ही उसने अपने लॅंड का पानी उन माँ बेटी को देखकर उसी कमरे के बाहर झाड़ा था
अब एक बार फिर से वो उसे पकड़ कर अगली परफॉरमेंस की डिमांड कर रही थी
थोड़ा मुश्किल तो था
पर उसे अपने छोटे सिपाही पर पूरा विश्वास था की अगर शेफाली का साथ मिले तो वो इस लड़ाई पर विजय पा ही लेगा

शेफाली ने अपनी कुरती निकाल फेंकी, कसी हुई ब्रा में उसके मोटे स्तन कहर ढा रहे थे, उसने सुधीर की शर्ट के बटन भी खोल दिए
अब शर्ट को निकालने का काम तो वो कर ही सकता था, वो उसने किया भी
और शर्ट निकाल कर फिर से उसी मुद्रा में लेट गया
शेफाली की लंबी सिसकारियाँ उसके कानो के पास गूँज रही थी..
शेफाली ने उसकी जीप खोल दी
पर आगे बढ़ने से पहले उसने दरवाजे की झिर्री की तरफ देखा
जहाँ से उसे पता था की अनु वो सब देख पा रही होगी

ये वो पल था जब अगर शेफाली चाहती तो अपने होने वेल पापा का लॅंड उसे ना दिखाती
पर सैक्स होती ही ऐसी कुत्ती चीज़ है की अपना उल्लू सीधा करने के लिए रिश्तों को भी ताक पर रख देता है
और इस वक़्त शेफाली के उपर सैक्स का भूत सर चड़कर बोल रहा था

आज शायद अनु कहती की उसे भी अपने होने वाले पापा से चुदना है तो शायद वो मना ना कर पाती
चूत की आग ही इतनी जोरों से लगी हुई थी की उसका पूरा बदन एक अंगार बनकर रह गया था

सुधीर भी शेफाली को बाहर देखता देखकर मुस्कुरा दिया
वो जानता था की शेफाली अनु को देख रही है और उसके दिल में इस वक़्त एक जंग चल रही होगी
पर उसे तो इस वक़्त मज़ा आ रहा था
अपने आप को शेफाली के हवाले करके और अनु को छुपकर उनका खेल देखते हुए

वो जानता था की आज अगर उसके सिपाही ने उसका ढंग से साथ दे दिया तो अनु के दिल में उसके लॅंड के लिए इज़्ज़त बढ़ जाएगी
क्योंकि उसकी परफॉरमेंस यानी चुदाई वो पहली बार देख रही थी
जो आज नहीं तो कल उसकी भी करनी थी सुधीर को

शेफाली ने कुछ देर तक उसे देखा और फिर से अपने काम में लग गयी
उसने सुधीर की बेल्ट खोली, पेंट के हुक खोलकर उसे नीचे उतार दिया
अंडरवीयर में एक छोटा सा पहाड़ बनकर खड़ा था सुधीर का लॅंड
शेफाली के लिए तो वो बुर्ज खलीफा था, क्योंकि वो बिल्कुल पास से देख रही थी
पर अनु के लिए भी किसी कुतुब मीनार से कम नही था

ऐसा लग रहा था जैसे एकसाथ 4 समोसे भर दिए हो अंडरवीयर में
जिसे शेफाली अपनी चूत की चटनी लगाकर खाने वाली थी

लॅंड तो मोटा था ही सुधीर का
उसके टटटे भी काफ़ी मोटे ताजे थे
अंडरवीयर का ऐसा भरंवापन औरतों को काफ़ी पसंद आता है


शेफाली ने लपलपाति जीभ निकालते हुए उसका अंडरवीयर भी खींच कर निकाल फेंका
अब वो पूरा नंगा था बेड पर
अपना खड़ा लॅंड लिए, बेड पर लेटा था



अनु की तो साँसे ही उखड़ने लगी उस सीन को देखकर
वो जानती थी की उस लॅंड पर कितना बड़ा हक है उसका
पर इस वक़्त उसे अपनी माँ के हाथ में सौंप चुकी थी वो
काश वो खुद होती उस बेड पर
ये सोचते ही उसका खुद का हाथ अपनी चूत पर जा पहुँचा और वहां से एक पिचकारी निकल कर उसकी उंगलियों को भिगो गयी

अंदर शेफाली से अब और ज़्यादा सब्र नही हो रहा था
उसने आनन फानन में अपने बचे हुए कपड़े भी निकाल फेंके और खुद भी पूरी नंगी हो गयी



और फिर अपना मुँह खोकर उसने सीधा सुधीर के लॅंड पर प्रहार कर दिया
सुधीर सीसीया उठा

“आआआआआआआआअहह………. शेफाली………ध्ईईईईईरेsssssssss …… मेरी ज़ाआाआआआअन्न्न धीरे……”

लंड पर दाँत लगने की चुभन क्या होती है , आज सुधीर को पता चली
शेफाली ने उसके लॅंड को अपने हाथ मे पकड़ा और धीरे-2 उसे चाटने लगी
जीभ से उसके छेद को कुतरने लगी
उसकी बॉल्स को सहलाकर जीभ से नहलाने लगी और फिर उन्हे भी एक-2 करके चूसने लगी




ऐसा लग रहा था जैसे वो दरवाजे के पीछे खड़ी अपनी बेटी को सैक्स का पाठ पड़ा रही हो
और अनु वो सब देखकर कुछ नया सीख भी रही थी
आख़िर इतने सालों का तुजुर्बा जो था उसकी माँ को

लॅंड को पूरा उपर तक खींचकर शेफाली जब उसकी बॉल्स को चाट रही थी तो उसकी जीभ नीचे तक चली गयी
बेचारा सुधीर काँप कर र्गया जब उसने शेफाली की जीभ को गांड के छेद पर महसूस किया
बेचारा किसी छोटे बच्चे की तरह अपनी दोनो टांगे हवा में उठा कर चीख पड़ा

“आआआआआआहह शेफाली……….उम्म्म्ममममममममममममममममममम……आज क्या करके मनोगी…..उफफफफफफफफफफफफ्फ़……”

शेफाली कुछ नही बोली और अपने काम में लगी रही
आज वो सुधीर को हर मज़ा देना चाहती थी

और बाहर , अनु का पयज़ामा भी उतर चूका था
उंगलिया फ़च्छ करके अंदर दाखिल हो चुकी थी
और उसकी उंगलियाँ किसी पिस्टन की तरह अपनी चूत के अंदर बाहर होने लगी




अंदर का माहौल भी गर्म हो चूका था…
अब देर करना सही नही लग रहा था शेफाली को भी
वो बेड पर चढ़ गयी और सुधीर के दोनो तरफ टांगे फेला कर उसके लॅंड के ठीक उपर अपनी चूत को अड्जस्ट किया..
एक पल के लिए दोनो ने एक दूसरे की आँखो मे देखा और फिर देखते-2 सुधीर के लॅंड ने अंदर दाखिल होना शुरू कर दिया
शेफाली के चेहरे के भाव बदलने लगे

ऐसा लग रहा था जैसे नीचे से लॅंड की ठोकर पाकर सारा खून उपर की तरफ आ गया है
मुम्मे पहले से ज़्यादा सख़्त हो गये
गुदाज पेट अंदर की तरफ चिपक गया
गर्दन की नसें तन कर बाहर निकल आई
आँखे सुर्ख हो उठी , उनमें लाल डोरे तेर गये




कुल मिलाकर ये एहसास ही था जिसके लिए शेफाली इतनी देर से तड़प रही थी
 
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Ashokafun30

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सुधीर से अब सहन नही हुआ और उसके हाथ उठकर शेफाली के मुम्मो पर आ चिपके
वो जोरों से उन्हे दबाने लगा
अपनी तरफ खींचकर उनका दूध पीने लगा
और जब चूसते -2 वो उसके होंठो तक पहुँचा तो एक पल के लिए रुक गया वो
और धीरे से फुसफुसाया : “शेफाली….क्या तुम मुझसे शादी करोगी…?”

ऐसे मौके पर पूछे गए सवाल ने शेफाली के शरीर में तरंगे फैला दी

वो जानती तो थी की आज नही तो कल इस बारे में बात होगी, पर आज होगी और ऐसे मौके पर जब सुधीर का लॅंड उसकी चूत में था, वो नही जानती थी
चुदाई के मौके पर मिला शादी का प्रपोज़ल शायद दुनिया में पहला होगा

वो उसके लॅंड पर उछल सी पड़ी , उसके होंठो को चूसती हुई, उन्हे काटती हुई, सिसकारियाँ मारती हुई उसने हाँ कर दी

“हाँ …..मेरे राजा….मेरी जान……करूँगी…..मैं तो कब से तड़प रही थी….ये सुनने को..आआआआआआअहह…आई लव यू मेरी जान……आई लव यू …..करूँगी मैं शादी…तुमसे शादी………आआआआआहह……चोदो मेरे राजा…..चोदो मुझे….ज़ोर से चोदो ……आज से मैं तुम्हारी हुई…..हमेशा-2 के लिए…..”




वैसे देखा जाए तो ये चुदाई उनके लिए सगाई समारोह जैसी ही थी, जिसमें शेफाली अपनी चूत के छल्ले को अंगूठी बनाकर सुधीर के लॅंड पहना रही थी.



पिछले कुछ सालों में जो तड़प उसने महसूस की थी , अब उसे लग रहा था की उसे पूरी तरह से मिटाने का समय आ चुका है
वो तड़प अब हमेशा के लिए मिटने वाली थी, सुधीर से शादी करके
अंदर उनका प्रपोज़ल गेम चल रहा था और बाहर अनु का भी खुशी के मारे बुरा हाल था…

उसकी चूत से भी खुशी के आँसू पिचकारियों के रूप में निकल कर बाहर गिर रहे थे
उसकी माँ की शादी जो तय हो गयी थी

वो आख़िर में झड़ते हुए सीसिया उठी

“ओह सुधीर सर……..आआआआआआहह…….. आज तो आपने मुझे खुश कर दिया….ओह मॉम .अब मज़ा आएगा……पापा के साथ……..मेरे पापा के साथ….आआह्ह्हह्ह्ह्ह ”




झड़ते हुए उसकी कल्पना में सुधीर सर उसे चोद रहे थे , और अपना सारा रास उसकी चूत में निकाल भी रहे थे

आखिर में झड़ने के बाद वो निढाल सी होकर ज़मीन पर ही लुढ़क गयी
शायद जो वो सोच रही थी उसकी उत्तेजना उसकी चूत सहन नही कर पाई

अंदर शेफाली भी उत्तेजित होकर अपनी तरफ से पहले से ज़्यादा जोरदार धक्के मारकर सुधीर सर के लंड को अपनी चूत से पीट रही थी

और जब ऐसी पिटाई होती है तो बड़े से बड़ा लॅंड भी हार मान लेता है

सुधीर सर के साथ भी यही हुआ

उनसे भी शेफाली के झटके बर्दाश्त नही हुए और उनके लॅंड ने उसकी दहक रही चूत में पानी उगलना शुरू कर दिया

सुधीर : “आआआआआआआआआआआअहह शेफाली……………..मेरी ज़ाआाआआआआआअन्न्नन् आई एम् कमिंग………”


जिस चुदाई की रूपरेखा 1 घंटे से बन रही थी शेफाली के दिमाग़ में , वो 10 मिनट भी नही चल पाई

पर जितनी भी चली , कमाल की चली


आज शेफाली ने उसका सारा रस अपने अंदर ही ले लिया

और कहते है की असली मर्द के वीर्य की गर्मी ऐसी चीज़ होती है की अपने स्पर्श मात्र से ही औरत को झड़ने पर मजबूर कर देती है

शेफाली की चूत मे जब वो गर्म लावा गया तो उसकी चूत की दीवारें भी झमा झम बारिश करने लगी

दोनो के मिलन से उत्पन हुआ एक छोटा सा झरना , शेफाली की चूत की दरारों से होता हुआ बाहर गिरने लगा






जिसे बाहर फर्श पर लेटी अनु सॉफ देख पा रही थी

उसमें इतनी हिम्मत नही थी की उठकर खड़ी हो और उस नज़ारे का भरपूर आनंद ले

पर उसे मालूम था की वो वक़्त भी आने वाला है जब वो उस झरने के नीचे पड़ी हुई नहा रही होगी


अंदर और बाहर दोनो तरफ आने वाले कल की रंगीन पिक्चर चल रही थी.

कुल मिलाकर सबको बहुत मज़ा आने वाला था.
 
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kamdev99008

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गजब का अपडेट............... अशोक भाई

आज तो आपने अलंकार में कोमल भाभी को भी पीछे छोड़ दिया.............

आपकी दी हुयी उपमाएँ पढ़ने में शेफाली की चुदाई से भी ज्यादा मजा आया

:applause:
 
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Ashokafun30

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गजब का अपडेट............... अशोक भाई

आज तो आपने अलंकार में कोमल भाभी को भी पीछे छोड़ दिया.............

आपकी दी हुयी उपमाएँ पढ़ने में शेफाली की चुदाई से भी ज्यादा मजा आया


:applause:
Thanks a lot
Aise hi enjoy karte rahiye
Par komal bhabhi se accha koi nahi likh sakta, wo apne aap me ek chalta firta shabdkosh hai
 

Ashokafun30

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और बाहर खड़े सुधीर सर के लिए इतना काफ़ी था
झड़ने के करीब तो वो भी कब से थे
पर अनु को अपनी माँ की चूत की मलाई चाटते देख, वो भी एक हल्की और दबी हुई हुंकार के साथ झड़ते चले गये….

वहीं दीवार पर उन्होने सारा माल दे मारा

और आख़िरी बूँद को भी निचोड़कर वो कांपती हुई सी आवाज़ में बोले : “मंजूर है मुझे ये शादी….मेरी बच्ची अनु……मैं करूँगा तेरी माँ से शादी….और उसके बाद ये सब मज़े लूँगा…तुम दोनो के साथ, जो तुम दोनो अकेले ले रहे हो….बीच में लेटकर”

अंदर और बाहर का तूफान समाप्त हो चुका था

उन्होने लॅंड को अंदर धकेला और अपना हुलिया ठीक किया, पास पड़े एक कपड़े से उन्होने दीवार को सॉफ किया ताकि कोई देख ना ले

और फिर अनु के रूम में जाकर बैठ गये पहले की तरह

कुछ ही देर मे अनु भी वहां आ गयी…

दोनो की नज़रें मिली तो सुधीर सर के चेहरे पर एक स्माइल आ गयी, जो ये दर्शा रही थी की अभी जो उन्होने देखा था, वो उन्हे पसंद आया था.


अनु उनके करीब आई तो उनसे रहा नही गया और उन्होने उसे पकड़कर अपनी बाहों में भींचा और उसके होंठो को चूसने लगे
उनपर अभी भी शेफाली की चूत का रस लगा हुआ था, जिसे अनु ने जानबूझकर चेहरे से सॉफ नही किया था
सुधीर सर तो बावली मधुमक्खी की तरह भीनभीना उठे और उस रेशमी एहसास और खुशबु वाले शहद को चाट चाटकार सॉफ करने लगे उसके चेहरे और होंठो से



और कुछ ही देर में उन्होने उसका चेहरा ब्यूटीपॉर्लर वालों से ज़्यादा चमका दिया

अब आए थे तो स्कूल वाला काम करना भी ज़रूरी था, इसलिए अगले 10 मिनट तक उन्होने मन लगाकर काम किया और उसे निपटा दिया क्योंकि अगले दिन ओलम्पियाड था

इतने मे शेफाली अंदर आई और उन्हे चाय के लिए बाहर बुलाया

कुछ देर पहले उसे अपनी चूत चटवाते देख चुके थे सुधीर सर, इसलिए उनके चेहरे पर उत्तेजना के भाव आ गये, जिसे शेफाली ने पढ़ लिया

और उसे लगा की वो उसे देखकर उत्तेजित हो रहे हैं

मूड तो उसका पहले से ही बना हुआ था, इसलिए उसने सुधीर सर को आँख मार दी और ये कन्फर्म कर दिया की आग दोनो तरफ बराबर लगी हुई है

अब बस अनु की प्राब्लम थी, उसके होते हुए वो कैसे कर सकती थी
इसलिए चाय ख़त्म होने के बाद जब अनु कप्स उठाकर किचन में रखने गयी तो वो भी वहां पहुँच गयी

शेफाली : “अनु…..वो…वो मैं क्या कह रही थी की….वो…..”

अनु के चेहरे पर स्माइल आ गयी, उसे पहले से ही पता था की उसकी ठरकी माँ के मन में इस वक़्त क्या चल रहा है.
बस मज़े लेने के लिए वो उनसे खुलकर बुलवाना चाहती थी

वो बोली : “क्या हुआ मोम ….कुछ प्राब्लम है क्या ?”

वो अपनी हँसी दबा कर बात कर रही थी और सींक में कप को भी धो रही थी

शेफाली : “अर्रे….वो…मैं कह रही थी की तू थोड़ी देर के लिए…कही बाहर जा सकती है क्या ?”

अनु : “अर्रे नही मोम , सुधीर सर आए हुए है, वो भला क्या सोचेंगे…अभी लास्ट में बस एक बार देख ले की कुछ रह तो नही गया है, वो सब देखने के बाद वो चले जाएँगे बस…फिर बता देना क्या लाना है बाहर से..”

शेफाली ने अपना माथा पीट लिया

वो बोली : “अर्रे समझ ना, कुछ लाना नही है बाहर से…वो बस…तू…थोड़ी देर के लिए….यार….अनु तो इतनी भी भोली नही है…प्लीज़ मुझे और सुधीर को थोड़ी देर के लिए…”

अनु अपनी आँखे मटकाती हुई बोली : “अच्छा …तो आप चाहती है की मैं बाहर जाऊं और आप अपने बाय्फ्रेंड के साथ मज़े करे “

शेफाली ने उसे एक चपत लगाई कंधे पर, और बोली : “बाय्फ्रेंड नही है वो मेरे…शादी की बात चल रही है उनके साथ, तूने ही तो कहा था ना..”

अनु : “चल रही है, पर अभी तक कन्फर्म तो नही है ना, फिर क्यों भला आप उनके साथ बिना शादी के, इस तरहा अकेले में …”

शेफाली इस बार भड़क उठी और उसने अनु का हाथ पकड़ कर सीधा अपनी चूत पर लगा दिया और बोली : “देख ज़रा यहाँ…कितनी गर्मी निकल रही है अभी तक इसमें से….तूने चाट लिया है, झड़ भी गयी मैं , पर अब फिर से कुछ-2 हो रहा है अंदर..आग सी लगी पड़ी है…और ये आग अब तेरी जीभ से नही बुझने वाली…तुझे तो ये जला डालेगी..इसके लिए लॅंड चाहिए….एक मर्द का लॅंड…समझी…”

वो आवेश में आकर बोल तो गयी अनु से, पर फिर उसे पछतावा हुआ, क्योंकि आने वाले कल में वो इंसान उसका बाप जो बनने वाला था

ऐसे में उसके लॅंड से चुदने की बात अपनी बेटी से करना कितना ग़लत है, इसका एहसास उसे हो रहा था

पर अब कुछ नही हो सकता था, शब्द भी तीर से निकले बाण की तरह होते है, वापिस नही आते..

अपनी मों का कबूलनामा सुनकर अनु खिलखिलाकर हंस दी…

और बोली : “ओह मेरी प्यारी मम्मी….तुम कितनी भोली हो…इतना भी नही समझी की मैं आपकी टाँग खींच रही थी…मुझे पता है की आपके अंदर की आग बुझाना अब मेरे बस की बात नही रही, इसलिए तो आपसे शादी करने के लिए कहा था और आप राज़ी भी हो गयी..और आज की पर्फॉर्मेन्स देखकर लगता है सर भी राज़ी हो जाएँगे..”

अनु तो अपनी और शेफाली की पर्फॉर्मेन्स के बारे में बोल रही थी और शेफाली ये समझी की वो जो करेगी सुधीर के साथ, अनु उसके लिए बोल रही है

पर जो भी था, दोनो माँ बेटियाँ इस बात पर एक दूसरे के गले ज़रूर लग गयी

अनु : “मोम …आप सर के साथ जो कुछ भी करो पर मेरी भी एक शर्त है “

शेफाली : “वो क्या ? “

अनु : “मैं भी देखूँगी….आपकी और होने वाले पापा की परफॉरमेंस “

शेफाली की आँखे बाहर निकालने को आ गयी ये सुनकर…

ऐसा कैसे हो सकता है…भला कोई बच्चा अपने माँ बाप को सैक्स करते हुए कैसे देख सकता

शेफाली : “तू पागल हो गयी है क्या…ऐसे थोड़े ही होता है…..तू भला कैसे देख सकती है…नही नही…ये ग़लत है, ये नही होगा…”

अनु : “वो आप देखो…मैं तो कहीं जाने वाली नही हूँ …आप अपनी जिद् पर अढ़े रहे तो सर के जाने का टाइम ज़रूर हो जाएगा, फिर मुझे ही दोबारा आपकी हेल्प करनी पड़ेगी इसे ठंडा करने में …”

उसने अपनी माँ की चूत की तरफ इशारा करते हुए कहा..

शेफाली की चूत पहले से ही सुलग रही थी, अनु की बात सुनकर और ज़्यादा सुलग गयी

आख़िर ये चाहती क्या है

क्यो देखना है इसे हमारा चुदाई से भरा खेल

पर फिर जब उसने ठंडे दिमाग़ से सोचा तो पाया की इसमे अनु की कोई ग़लती नही है
ये उम्र ही ऐसी है
ऐसी बातों की तरफ ध्यान जाना तो वाजिब है
पर माँ को सैक्स करते भला कौन देखता है
Jalti huyi chut ka kya fayda uthyaa hai ANu ne.....




Apni maa ka Sex dekhne ki hi shart rakh di.. Chudayi k liye ..... Gajab....





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