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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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भाग ९८

अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, मजे ले, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Luckyloda

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नया स्वाद,...



मैं हलके से हंसी, और बोली,... नहीं मुझे ये दर्द वाला मज़ा नहीं लेना है।

तो ये वाला ये वाला लेगी , और नीचे से हाथ डाल कर मेरे उभार कस के दबा दिया, शाम को ही मैं देख चुकी थी माँ जित्ता मस्त मसलती थी आँख के आगे नशा जाता था, ...




और वही हुआ , और माँ की देखा देखी भैया ने भी दूसरा पकड़ लिया और दूसरे हाथ से पहले तो मेरी गुलाबो सहलाने लगा, और कुछ देर में ही एक झटके में दो ऊँगली एक साथ अंदर पेल दिया मेरी बुर के,... और अंदर भी ऊँगली फैला के,... एकदम मोटे लंड की साइज की,




इस तिहरे हमले का असर हुआ की गाँड़ में घुसे मोटे डंडे को भूल के मैं सिसकने लगी ,

खूब मजा रहा था , जैसे माँ मेरे निप्स फ्लिक कर रही थी ,





भैया मेरी चूत में ऊँगली कर रहा था,... थोड़ी देर में चाशनी बस बहने वाली थी की, भाई ने फिर से ठेलना शुरू कर दिया ,

बाकी का भी अंदर ठेल कर, एकदम जड़ तक, लग रहा था कोई लोहे का रॉड मेरे पेट में धंसा है,... और अब उसकी दोनों उँगलियाँ बुर में धमाल मचा रही थी,...

मेरी चीख पुकार बंद हो गयी और असली गाँड़ मरौव्वल अब शुरू हुयी , मैं थोड़ी बहुत चीख चाख रही थी लेकिन मजा मुझे आरहा था ,

चार पांच मिनट बाद भैया और माँ के हाथों का असर मैं झड़ने लगी, और भैया रुक गया,...




पर उसके बाद तो पूरे पंद्रह मिनट तक चूतड़ पकड़ के क्या मस्त गाँड़ मारी उसने, दर्द तो बहुत होरहा था आँखों में आंसू तैर रहे थे लेकिन मजा भी आ रहा था,...

हम दोनों साथ ही साथ झड़े, ... देर तक उसकी मलाई मेरी गाँड़ में गिरती रही , भर्ती रही और जो अंदर छिला था, मार मार के धूसर चोटे हुईं थीं सब पर मलहम की तरह ,




हम लोग लथपथ एक दूसरे से चिपके और माँ हमें छोड़ के,...

जब दस मिनट बाद माँ आयी तो भी खूंटा अंदर और हम दोनों चिपके,... माँ के हाथों में दो बड़े बड़े दूध के गिलास,...




माँ ने अपने हाथ से हम दोनों को पिलाया और हम दोनों को अपनी अँकवार में भर लिया।भैया तो महा खुश उसकी मन मांगी चीज़ मिल गयी थी, छोटी बहन की कोरी कच्ची गाँड़।



पर मेरी हालत खराब हो रही थी, दर्द अभी भी रह रह के हो रहा था, जरा सा करवट बदलती तो गाँड़ के अंदर तक चिलख मचती, जैसे अभी भी लकड़ी का मोटा सा पच्चड़ किसी ने मेरे पिछवाड़े गाड़ दिया हो, ...


नहीं नहीं मैं ये नहीं कह रही थी, कि मज़ा नहीं आया,... बाद में तो बहुत,दर्द के मारे जान भी निकल रही थी,... लेकिन साथ एक एकदम नए किस्म का मज़ा आ रहा था,... और सच में माँ अगर आज जबरदस्ती न करती न ,... तो न तो मेरा पिछवाड़ा फटता,... न ये नया नया मजा मिलता।

मन तो मेरा पहले भी करता था,... लेकिन डर बहुत लगता था,... एक दो भाभियों को जब मैंने लंगड़ाते हुए देख के चिढ़ाया तो वो ही बोलीं थी, ननद रानी, जिस दिन पिछवाड़े हल चलेगा न तो पता चलेगा, और ननद छिनार तोरे छोटे चूतड़ इत्ते मस्त है न ,... जिसके हाथ पड़ोगी न बिन फाड़े छोड़ेगा नहीं।

लेकिन मेरा भाई बिचारा, ... मन तो उसका बहुत करता था, पर एक दो बार मैंने कस के हड़का दिया बस बेचारा सहम गया।

दूध में माँ ने न जाने क्या क्या मिलाया था, और थोड़ा दुलार से थोड़ी जबरदस्ती पूरा ग्लास मुझे पीना पड़ा. लेकिन थोड़ी देर में थकान एकदम गायब हो गयी, मन और तन एकदम ताजा,... और भैया का तो वो भी टनटनाने लगा. वो मुझे देख के मुस्करा रहा था, और आँखों से चिढ़ा रहा था,... मैं माँ के पीछे छुपी दुबकी, जीभ निकाल के उसे चिढ़ा रही थी।

लेकिन माँ की तो पिलानिंग कुछ और ही थी, उसने एक हाथ से भैया का खूंटा पकड़ा और दूसरे हाथ से मेरी गर्दन, और मुझे हड़काते हुए बोला,



" चल, मुंह में ले,... "





कौन पहली बार मुंह में ले रही थी, ... झुक के मैंने मुंह में ले लिया,... पर जैसे ही सुपाड़ा मुंह में लिया था,...



तभी अचानक जीभ पर जोर से,... एक नया अहसास, कुछ नया नया सा, भइया की मलाई के साथ साथ,... और तभी १०० वाट का एल इ डी बल्ब जला,... ये अभी तो मेरे,... कहाँ से,... निकला है,... और मैंने मुंह में,...

लेकिन माँ बहुत खेली खायी उसे पहले से अंदाज था , ये नई छोरी बिचकेगी, लेकिन बच के कहाँ जायेगी, ... उन्होंने मेरी गर्दन पे पकडे हाथ का प्रेसर बढ़ाया और दूसरे हाथ से भी मेरे सर को ,... भैया के मूसल पे पकड़ के कस के दबाया,... और कस के गरियाया,...






" स्साली, जन्म की छिनार, ये छिनरपना अभी तेरी गाँड़ में पेलवाती हूँ, ... स्साली नौटंकी। अभी मेरे बेटे का लंड अपनी गाँड़ में मजे ले ले के घोंट रही थी, हंस हंस के गाँड़ मरवा रही थी, अब छिनरपना,... चूस पूरा, चाट चूस के पूरा,... "


और माँ ने इत्ता कस के मेरे सर को धकेला की भैया का पूरा मोटा सुपाड़ा मेरे मुंह में ,... और माँ की शह पा के वो भी अब कस के पूरी ताकत से अपना लंड मेरे मुंह में ठेल रहा था। अरे कौन भाई होगा, जिसे अपनी टीनेज बहन से चुसवाने में मजा नहीं आयेगा,...



आज मैं कभी भी भैया का सुपाड़े से ज्यादा घोंट नहीं पायी थी लेकिन आज माँ बेटे ने मिल के,... आधा से ज्यादा,... मेरे हलक तक था भी तो भैया स्साले बहनचोद का पूरा बांस।



पांच छह मिनट में , भाई ने निकाल लिया, मेरा गाल भी थक गया था चूस के लेकिन असर ये हुआ की भैया का एकदम टनाटन खूब मोटा,...



माँ मुझे देख के मुस्करा रही थी और मेरे कान में बोली,... कैसा लगा मेरी बेटी को नया स्वाद,...
Maa pura gyan de rahi h beti ko....




Koi kasar na rah jaye.....


Chudayi ka pura sukh aur sharir ke har ched ka poora majaa... Maa dila k rahegi apni beti ko
 

Luckyloda

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रात भर



और माँ ने इत्ता कस के मेरे सर को धकेला की भैया का पूरा मोटा सुपाड़ा मेरे मुंह में ,... और माँ की शह पा के वो भी अब कस के पूरी ताकत से अपना लंड मेरे मुंह में ठेल रहा था। अरे कौन भाई होगा, जिसे अपनी टीनेज बहन से चुसवाने में मजा नहीं आयेगा,...

आज मैं कभी भी भैया का सुपाड़े से ज्यादा घोंट नहीं पायी थी लेकिन आज माँ बेटे ने मिल के,... आधा से ज्यादा,... मेरे हलक तक था भी तो भैया स्साले बहनचोद का पूरा बांस।





पांच छह मिनट में , भाई ने निकाल लिया, मेरा गाल भी थक गया था चूस के लेकिन असर ये हुआ की भैया का एकदम टनाटन खूब मोटा,...


माँ मुझे देख के मुस्करा रही थी और मेरे कान में बोली,... कैसा लगा मेरी बेटी को नया स्वाद,...



फिर एक दो बार अपने बेटे के खूंटे को पकड़ के मुठियाया और मुझे हड़काते बोलीं,

अच्छा चल निहुर जल्दी, देख मेरे बेटे ने कैसा मस्त खड़ा किया है तेरी गाँड़ मारने को अब एक बार मरवा चुकी है तो छिनरापना मत कर,... हाँ ऐसे ही , टांग फैला , चूतड़ ऊपर,...

और फिर पहले की तरह मोटी मोटी तकिया मेरी पेट के नीचे,... और अपने बेटे को हड़काया भी उकसाया भी,


" चल बेटे मार ले गाँड़ इसकी हचक के,बहुत नखड़ा पेल रही थी न तुझे देने में, अबकी सम्हल सम्हल के नहीं बल्कि पहले धक्के से ही,... बस अब फाड़ दे इसकी , चीथड़े चीथड़े कर दे, कल सुबह लगे रात में किसी ने तसल्ली से इसकी गाँड़ मारी है, दिखा से अपना जांगर,... और अब मैं इसका मुंह भी नहीं बंद करुँगी, "




सच में माँ ने अपनी चूँची तो छोड़िये हथेली भी मेरी मुंह पे नहीं रखी जब मैं चीखी, हाँ कस के मुझे दबोच रखा था की मैं हिलू डुलु नहीं , उछलू नहीं जब तक उनका बेटा मेरा गाँड़ मार रहा है,

और सच में भैया ने इत्ती कस के पहला धक्का ही मारा, आधा मूसल तो घुस ही गया, मैं जोर से चीखी, और माँ ने पकड़ा न होता,... तो मैं दो फिट उछलती,... लग रहा था किसी ने मोटा स्टील का डंडा मेरे पेट तक पेल दिया है,

मैं चीखती रही तड़पती रही बिसूरति रही,.. और वो पेलता रहा धकेलता रहा ठेलता रहा बिना रुके,...




चार पांच मिनट में ही पूरा खूंटा अंदर,... और तब जाके वो रुका और माँ ने छोड़ा

लेकिन इंटरवल दो मिनट का भी न रहा होगा, एक बार मैं बस अपने अंदर तक भैया का मोटा खूंटा महसूस करने लगी,एकदम जड़ तक, गाँड़ फटी जा रही थी. लेकिन मैं अब समझ गयी थी की बुर की तरह गाँड़ भी, बल्कि टेम्पो या बम्बई के लोकल की तरह,.. चौथी पांचवी की जगह बना ही लेती है जहाँ तीन की जगह हो..थोड़ा एडजस्ट कर लीजिये प्लीज वाले अंदाज में,...

खूब भरा भरा हल्का हल्का अच्छा लग रहा था , एक नए ढंग का मज़ा,...


पर तबतक भाई ने मेरी कमर छोड़ के दोनों नीचे झुकी हुयी छोटी छोटी चूँचियों को पकड़ लिया और लगा कस के दबाने, निचोड़ने,... एक नया दर्द , एक नया मज़ा कभी वो जोर से नाखून में निप्स में दबा देता चिकोट लेता और मैं चीख पड़ती , ... इस चक्कर में पीछे का दर्द मैं भूल गयी थी,...


फिर दोनों जोबन पकड़ के क्या करारे धक्के लगाए उसने जैसे इंजन का पिस्टन अंदर बाहर हो रहा हो , जैसे वो रगड़ता, दरेरता, घिसटता अंदर घुसता जान निकल जाती, और बाहर जाता तो चमड़ी अंदर की छिल जाती,

इस बार फिर से दर्द की लहर,... एक के बाद एक

उईईई उईईईईई मैं चीख रही थी चूतड़ पटक रही थी , लेकिन उस के धक्के न हलके हुए न वो रुका,... हाँ मैं खुद थोड़ी देर में सिसकने लगी, मजे से कांपने लगी और न उसने मुझे जाँघों के बीच छुआ न माँ ने मेरी गुलाबो को प्यार दुलार किया, पर वो कांपने लगी, ख़ुशी से सिकुड़ने फ़ैलने लगी,



और थोड़ी देर में मैं झड़ रही थी , तूफ़ान में पत्ते की तरह काँप रही थी, ... माँ मेरा सर सहला रही थी,... भैया मेरे अंदर पिछवाड़े पूरी तरह धंसा,

पहली बार लगा की गाँड़ मरवाने से भी कोई लड़की झड़ सकती है,...

और जब मेरा कांपना रुका तो भैया ने फिर धक्के पर धक्के , अब उसको भी खूब मज़ा आ रहा था और मुझे भी, हाँ दर्द भी हो रहा था और उसी दर्द का एक मजा था,...

पांच सात मिनट बाद एक बार मैं फिर काँप रही थी और भैया भी,




हम दोनों साथ साथ झड़ रहे थे और बड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहे, ... अबकी खुद उसने जैसे बाहर किया मैंने प्यारे से चमचम को मुंह में ले लिया,

और उस रात तीन बार,...पहली बार को जोड़ के तो चार बार हचक के भैया ने मेरी गाँड़ मारी।

लेकिन हर बार अलग ढंग से अगली बार मैं पलंग पर वैसे ही लेटी थी जैसे भैया से चुदवाती थी, पीठ के बल , टाँगे भैया के दोनों कन्धों पे,... बस अबकी माँ भी साथ थी, कभी दुलार से प्यार से मेरे गाल सहलातीं तो कभी कभी मस्ती से मेरी चूँची दबोच लेतीं,




धक्का जरा भी धीमा हुआ न तो भैया को डांट पड़ जाती,

कभी गोद में उठा के भैया अपने खूंटे पे बैठा लेता और थोड़ी देर गोद में बिठाये बिठाये मारता फिर आराम से पलंग पे लिटा के



माँ एकदम बगल में दोनों बच्चों की मस्ती देख रही थी

और जब भैया रुका तो लग रहा था जैसे किसी ने पाव भर मिर्चा डाल के कूट दिया हो,...



गनीमत था ठीक चार बजे माँ को याद आ गया, आज रोपनी होनी है और भैया को जाना है , गाँव में सुबह बहुत जल्दी होती है , तो माँ ने भाई को वहां भेज दिया वरना वो तो और,...
Raat bhar 4 Baar gaand faad hai....


Ab subah chaal dekhna... kaise naachti huyi chalegi..... Maa aur bhai k Saamne 🤣🤣🤣🤣🤣🤣


Aur bhai kya maje lega 😛😛😛😛
 

Jiashishji

दिल का अच्छा
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300 पृष्ठ पूरे होने की हार्दिक शुभकामनाएं। कोमल जी
ऐसे ही उत्तेजना प्यार और मनुहार से भरे पोस्ट लिखती रहिए और अपने चाहने वालों को प्यार बांटते रहिए।
 

Shetan

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मेरी कहानियां

समय समय पर अलग लाग फोरम में पोस्टेड मेरी कहानियों की सूची , लेकिन ये सिर्फ याद पर आधारित है मित्र पाठक पाठिकाएं इसमें और जोड़ घटाना कर सकते हैं

१, होली में फट गयी -यह मेरी पहली कहानी थी और इस फोरम में भी कोमल के किस्से वाले थ्रेड में मैंने इसे फिर से पोस्ट किया है।

२. चांदनी चली गाँव

३. साजन चले ससुराल होली में

४. मजा लूटा होली में

५. साजन बने नन्दोई

६. एक रात सलहज के साथ या लाइफ आफ अ सेल्समैन

७. इट हैपन्ड या शादी के लड्डू या इंडियन वेडिंग

८ Autumn Sonata

9. Yellow Roses

१०. जीजा साली की दास्तान ( तीन कहानियां )

११. एक छोटी सी होली स्टोरी

१२ लेट अस प्ले होली

१३. होली के रंग

१४. ना भूली वो होली

१५. मजा लुटा होली का ससुराल में ( यह कहानी इस फोरम में हैं और छुटकी इसी का सीक्वेल है )

१६. लला फिर अइयो खेलन होरी ( एक छोटी सी रोमांटिक कहानी , जो इस फोरम में है कोमल के किस्से थ्रेड में )

१७. बरसन लागी बदरिया

१८. सावन के झूले पड़े

१९. सोलहवां सावन ( इसका परिमार्धित संस्करण इस फ़ोरम में है जिसमें ढेर सारे नए प्रसंग जोड़े गए हैं ) .

२०. It's a hard hard rain ( in English section in this forum )

21 Red little riding hood or 666 ( unavailable )

२२ ननद की ट्रेनिंग

२३ फागुन की दिन चार

२४ मोहे रंग दे ( इस फोरम में मूल रूप से पोस्टेड )

२५ जोरू के गुलाम ( इस फोरम में जारी, इसका अंग्रेजी रूप पहले पोस्ट हुआ फिर हिंदी रूप जो काफी अलग था पिछले फोरम में अधूरा और अब यहाँ )

२६ छुटकी - होली, दीदी की ससुराल में ( इस फोरम में ही पहली बार और अभी जारी ) ,


यह लिस्ट मैं इसलिए शेयर कर रही हूँ, क्योंकि कई बार मेरे मित्र कहानी का शीर्षक देख के सोचते हैं की शायद ये उनकी पढ़ी हो,... और कई के नाम मिलते जुलते है जैसे मोहे रंग दे के नाम और पहली पोस्टों से शायद लगा होगा की होली की एक और कहानी ,... लेकिन वो कहानी तन से ज्यादा मन को रंगने की है और वो भी नव दम्पति की

उसी तरह फागुन के दिन चार में शुरू में तो बनारस की होली का एक दृश्य है पर वो कहानी एक लम्बे थ्रिलर के रूप में बढ़ी जिसमें तीन शहरों , बनारस, बंबई और बड़ौदा में आंतकवादी साजिश तक मामला जाता है और अफगानिस्तान की टोरा बोरा की पहड़ियाँ , कुछ पडोसी देश भी पर साथ साथ एरोटिक और रोमांटिक प्रसंग भी है पर नाम से कई बार भ्रम रहता है


और एक कारण ये भी ही ये स्मृति के पृष्ठों से धूल उड़ाने का भी काम करेगी,... और अगर कुछ छूटा बचा होगा तो सहृदय पाठक गण याद भी दिलाएंगे।
Sajan chale shasural holi me.

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komaalrani

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komaalrani

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Raat bhar 4 Baar gaand faad hai....


Ab subah chaal dekhna... kaise naachti huyi chalegi..... Maa aur bhai k Saamne 🤣🤣🤣🤣🤣🤣


Aur bhai kya maje lega 😛😛😛😛
ekdm sahi kaha , aur bhai vo chaal dekh ke lalacha naa jaye isliye ma ne use ropni pe bhej diya
 

komaalrani

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300 पृष्ठ पूरे होने की हार्दिक शुभकामनाएं। कोमल जी
ऐसे ही उत्तेजना प्यार और मनुहार से भरे पोस्ट लिखती रहिए और अपने चाहने वालों को प्यार बांटते रहिए।
बहुत बहुत धन्यवाद , जोरू का गुलाम पर भी अपडेट दे दिया है आपके कमेंट्स का इंतजार है
 

komaalrani

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Chuchi ka,sahi istemaal aur land ka pura upyog koi Maa se,sikhe 🤩🤩🤩🤩🤩
माँ परम गुरु हैं , इसलिए माँ का सबसे पहले और ज्यादा आदर करती है गीता।
 
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