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Adultery कामुक काजल -जासूसी और मजा

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Chutiyadr

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डॉ साहब तो प्रत्येक अपडेट में रीडर्स के सोचे समझे गए थियूरी की धज्जियां उड़ा दे रहे हैं । हम अनुमान कुछ लगाते हैं और हो कुछ और जाता है ।

काजल फेमस राइटर वेद प्रकाश शर्मा के " सिंगही " किरदार की तरह पुरी दुनिया पर राज करना चाहती है । ब्लैक कोबरा की गद्दी हथियाना और नागेश हीरा पर अपनी मिल्कियत की ख्वाहिशें पाले बैठी है । और अगर उसने यह सब प्राप्त कर लिया तो हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पुरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बन सकती है ।
मात्र दस दिन बचे हैं अकृत मिश्रा के पास । देखते हैं वो इन दस दिनों में क्या चमत्कार करने वाला है !

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट डॉ साहब । जगमग जगमग अपडेट ।
dhnaywad sanju bhai :)
 

Chutiyadr

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Bahut hi badhiya, intresting,,,,:smoking:
Is update se kahani ek baar fir se dilchasp aur ajeeb si ho gayi hai. Kajal agar dedh saal se dev urf aakrat ki biwi ban ke rah rahi thi to zaahir hai ki use pahle se pata raha hoga ki dev ke roop me jo uska pati hai wo aakrat hai jo kabhi black cobra ka sadasya hua karta tha. Kajal ne sach me unbelievable karnama kiya hai. Khair dekhte hain aage kya hota hai,,,,:waiting:
dhanywad subham bhai :)
 

Chutiyadr

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अध्याय 32
हवस की आंधी ख़त्म हो चुकी थी और अब महेश के साथ साथ वांग और आर्या भी केबिन में मौजूद थे ,
आर्या तो सामान्य लग रही थी लेकिन वांग ऐसे शर्मा रहा था जैसे कोई नई दुल्हन हो , चहरे से ख़ुशी छिपाए नहीं छिप रही थी और नजरे बार बार निचे हो जाती , मैं उसे देखकर मुस्कुराया और महेश से बात करने लगा …
“यंहा पर तलाशी ले सकते है ?? शायद कुछ मिल जाए “
महेश ने हामी भरी और हम डॉ चुतिया के केबिन को तलाशने लगे ,
सुबह से शाम हो चुकी थी लेकिन कुछ ऐसा नहीं मिला जिसे सबुत कहा जा सके , उधर मनीष को भी मैंने वंहा के कंप्यूटर और केमरा का एक्सेस दिलवा दिया था , मनीष भी अपने तरफ से खोज रहा था , इधर क्लब में फिर से शाम रंगीन होने लगी थी , मैं झल्ला कर क्लब की सैर में निकल गया , तभी मुझे कुछ याद आया और मैं भागते हुए एक कमरे में पंहुचा ,
कमरा अभी भी वैसा ही दिख रहा था , ये वही कमरा था जन्हा मेरे आने पर डॉ ने मुझे ठहराया था ,
मैं इधर उधर तलाशने लगा , बिस्तर के निचे मुझे कुछ तस्वीरे मिल गई ...उसमे कई जगहों की तस्वीरे थी ..
मैं उसे लेकर महेश के पास पंहुचा ,
“ये देखो ये कौन सी जगह है तुम्हे पता है क्या ???”
महेश ने ध्यान से देखा
“ओह इसे तो मैंने रॉकी के घर में देखा था “
वो चहक कर बोला
“कौन सी जगह है ये ??“
“मुझे नहीं पता लेकिन कभी रॉकी ने बताया था की ये उसकी नानी है ..”
“अच्छा और नानी जी कहा रहती है ??”
“केरल में, थितुवंदी नाम का कोई गांव है , समुद्र के पास ही है ये गांव “
महेश की बात सुनकर मेरे दिमाग की बत्ती जल गई , वो समुद्र के रास्ते से श्रीलंका जाने की सोच रहे होंगे , मैंने तुरंत मनीष से केरला जाने की व्यवस्था करने को कहा , मनीष भी हमारे साथ जाना चाहता था लेकिन उसका काम यही तक था इसलिए मैंने साफ़ साफ़ मना कर दिया , हमें शाम को ही केरल के लिए निकलना था , हम शाम तक केरल की राजधानी तिरुवनन्तपुरम में थे , वंहा से रॉकी के नाना का गांव महज 2 घंटे के रास्ते पर था , मैं काजल का सामना करने को बेचैन बैठा था , मेरे साथ वांग और आर्या आये हुए थे , मेरी शक्ल बिगड़ी हुई थी तो हम तीनो में से काजल और रॉकी किसी को भी नही पहचान पाते , ये रात मेरे लिए बहुत ही कठिन होने वाली थी इसलिए मैंने रात का इन्तजार ना करके सीधे गांव निकलने का फैसला कर लिया , वांग और आर्या दोनों ही जंगलो में पले बढे थे , इसका मुझे फायदा मिलने वाला था क्योकि वो गांव जंगल में ही बसा हुआ था , मैंने पता किया की वो एक छोटा सा गांव है जो की एक पहाड़ की तराई में स्थित है , घने जंगल से घिरा हुआ वो गांव दुनिया की नजर में छिपा हुआ ही था, वंहा एक परिवार का लगभग शासन सा था जो की सालो से उस गांव के मुखिया थे , वो परिवार रॉकी के नाना का परिवार था , एक बड़ी हवली थी जन्हा वो लोग रहते थे वही बाकी गांव के लोग हवेली से थोड़े दूर रहते है , गांव के पुरे लोकेशन का डिटेल मनीष ने सेटेलाइट से निकाल कर मुझे भेज दिया था , हमें कुछ दूर तक गाड़ी से जाना था फिर जगल में पैदल सफर था , रात का अँधेरा हमारे लिए सही नहीं था लेकिन मेरे साथ शहरी नहीं बल्कि जंगली लोग थे जिन्हें इसकी आदत थी इसलिए मेरे लिए रात का समय भी उपयुक्त था ..
कोई 2 घंटे के बाद ही हम एक पहाड़ी पर पहुच चुके थे , मैंने ये पहले से फिक्स कर लिया था की हम इस पहाड़ी पर ही जायेगे क्योकि वंहा से हवेली साफ साफ दिखाई दे रही थी , मैंने अपने नाईट विजन वाले दूरबीन से हवेली में नजर बनाई , सब शांत था , ऐसे भी वंहा लोग जल्दी ही सो जाते होंगे , एक दो छोटे बल्ब के अलावा मुझे कही से भी उजाले का संकेत नहीं दिख रहा था , पहाड़ी में ही टेंट लगाकर आर्या और वांग आराम का रहे थे ऐसे भी आज उन्होंने बहुत मेहनत की थी , गाड़ी से उतरने के बाद हमने पूरी पहाड़ी चढ़ी थी वो भी अँधेरे में ,लेकिन मेरे शरीर में ना तो थकान थी ना ही आँखों में नींद , मैं काजल से मिलने को बेताब था ,
करीब एक घंटा बीत चूका था, ठंडी हवा से मुझे थोड़ी सुस्ती सी लगने लगी थी , मेरे दोनों साथी आराम से टेंट के अंदर सो रहे थे ,मैं आग जला कर कोई रिस्क नही लेना चाहता था इसलिए अँधेरे में बैठे हुए ही आराम से प्रकृति का आनंद ले रहा था , शुद्ध हवा में साँस लेने का मजा भी आ रहा था , अभी मुझे हवेली के पास ही कुछ हलचल सी दिखाई दी ,
मैंने तुरंत ही अपना दूरबीन उठा लिया एक आदमी मुझे मसाल लिए हवेली की ओर आते हुए दिखा , वो आदमी मेरे पहचान का तो नही था लेकिन उसके कद काठी से वो बलवान मालुम पड़ रहा था ..

वो हवली के बाहर ही रुका की एक दूसरा आदमी भी मुझे दिखने लगा दोनों बीडी जलाकर कुछ बाते कर रहे थे फिर पहले ने मसाल दुसरे को थमा दी और दूसरा उस दिशा में जाने लगा जन्हा से पहला आया था , मुझे ये ऐसा लगा जैसे कोई ड्यूटी बदल रहे हो , मैंने एक बार टेंट की ओर देखा दोनों घोड़े बेच कर सो रहे थे , मैंने अकेले ही उस आदमी के पीछे जाने का फैसला कर लिया ऐसे भी मुझे नींद तो आनी नही थी ..
उपर आते समय ही मैंने निचे उतरने का रास्ता मार्क कर लिया था , नाईट विजन ग्लास पहन कर मैं भागा और उस दिशा की ओर जाने लगा जन्हा वो आदमी गया था , वो गांव और हवेली से दूर जंगल की ओर जा रहा था , मैंने उससे एक निश्चित दुरी बना ली ही , उसका जलता मशाल मुझे उसकी लोकेशन दे रहा था , अँधेरी रात में वो मशाल दूर से भी दिखाई पड़ रहा था , मुझे एक पगडण्डी मिल गई मैं उसी के सहारे आगे बढ़ रहा था , थोड़ी दूर जाने पर मुझे वो आदमी एक घर के बाहर बैठा हुआ मिला , उसके हाव भाव से मुझे समझते देरी ना लगी की ये यंहा इस घर की रखवाली में तैनात किया गया है , लेकिन जैसे उसे पता हो की यंहा कोई भी मुसीबत नहीं आने वाली वो लापरवाह था , वो घर के अंदर नहीं गया था बल्कि वही बाहर बैठा हुआ चिलम बना रहा था ,
मेरे मन में दुविधा के कीड़े रेंगने शुरू हो गए , आखिर इस घर में क्या होगा , अगर मैं आगे बढ़ा तो सुबह तक रॉकी और काजल को पता लग जायेगा की कोई न कोई तो वंहा आया था और वो सतर्क हो जायेंगे , जो की मैं बिलकुल नहीं चाहता था , अगर उस घर से मुझे कुछ काम का नहीं मिला तो ये रिस्क लेना महंगा पड़ेगा ,
मैं इतजार करने लगा की कब वो आदमी गंजा खिंच कर सुस्त हो जाये तो मैं थोड़ी सेंध मारी कर लू …
लेकिन वंहा जो हुआ वो मेरे लिए चौकाने वाला था …
गंजा पीकर वो अपनी लुंगी खोलकर बैठ गया और पास से ही एक शीसी निकाल कर अपने लिंग में मलने लगा , ऐसा लग रहा था जैसे वो अपने लिंग में कोई तेल लगा रहा हो , वो ये सब बिलकुल ही बेफिक्र हो कर कर रहा था जैसे ये उसके रोज का काम हो , वो निचे से पूरा नंग था उपर केवल एक बनियाइन पहने उसने घर का दरवाजा खोल दिया , अंदर से हलकी हलकी रौशनी भर आ रही थी , अंदर शायद एक दुधिया बल्ब जल रहा था ..
मैं उत्सुकता से भरा हुआ घर के और करीब गया , दरवाजा अभी तक लगाया नहीं गया था ..
मैं थोडा अंदर गया तो मुझे एक ओरत की आवाज सुनाई दी , वो रो रही थी जैसे उसके साथ जबरदस्ती की जा रही हो ..
रोने की आवाज और भी तेज हो गई जब मैं और पास गया ..
मेर दिल जोरो से धडकने लगा था , दिमाग बोल रहा था की जो भी हो रहा है उससे दूर रह , यंहा कुछ करने का मतलब है की काजल को सतर्क करना , लेकिन दिल इस बात की गवाही नहीं दे रहा था मैं और भी पास गया , मैं दरवाजे तक पहुच चूका था और रोने की आवाज तेज हो गई ये आवाज मुझे पहचानी सी लगी , मैंने जब ध्यान से सुना तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए , अब मेरे लिए इसमें ना पड़ना नामुमकिन था ,
मैंने झटके से दरवाजा खोल दिया , सामने का दृश्य मेरे आँखों में पानी लाने के लिए काफी था ,
उस ओरत के हाथो को बांध दिया गया था और वो नग्न ही जमीन में पड़ी हुई थी , वो आदमी उस ओरत के जिस्म को बेदर्दी से भोग रहा था , वही वो ओरत अपनी मजबूरी में रो रही थी , उस ओरत की आँखे मुझसे मिली वो और भी ज्यादा डर गई थी , वही दरवाजे के खुलने की आवाज से वो आदमी भी पलटा , वो मुझे आश्चर्य से देख रहा था इससे पहले वो कुछ करता मैंने आगे बढ़कर पास में पड़े बांस के एक टुकड़े को उठाया और सीधे उसके आँखों में वो टुकड़ा गडा दिया , वो दर्द से छटपटाने लगा था , इससे पहले वो चिल्लाता मैंने उसका मुह दबा लिया , वो ओरत अब भी मुझसे डरी हुई थी और सहम कर एक ओर बैठ चुकी थी उसकी ये हालत देख कर मैं गुस्से से बावला हो गया था, मैंने उस आदमी की आँखों से वो टुकड़ा निकाला और सीधे उसके गले में घुसा दिया ..
गले से खून की फुहार फुट उठी थी वो , जमीन में पड़ा तडफ रहा था , गले से खून की धार फुट रही थी और जिस्म जमीन पर पड़े हुए ऐसे तडफ रहा था जैसे किसी मछली को पानी से बाहर निकाल दिया गया हो , कुछ ही देर वो शांत हो गया , मैं उस ओरत की ओर बढ़ा वो ये सब देखकर और भी सहम गई थी , उसे देख कर मेरे आँखों में पानी था मैंने उसके चहरे को प्यार से सहलाया ,
“जूही …”
मेरे मुह से अपना नाम सुनकर वो चौक गई और घुर कर उस दुधिया रोशनी में मेरे चहरे को देखने की कोशिस करने लगी , लेकिन मेरा चहरा वो नहीं था जिसे वो पहचानती थी लेकिन फिर भी उसके आँखों में एक चमक आ गई
“देव ..??”
उसने शायद मेरे प्रेम को पहचान लिया था , मैंने हां में सर हिलाया वो फफक कर रो पड़ी
“मुझे माफ़ कर दो देव मैंने तुम्हे गलत समझा “
मैंने उसे अपने गले से लगा लिया ..
मेरे आँखों में अंगारे नाचने लगे थे ,
“जूही, तुम्हारे साथ किया इस कृत्या का हर जिम्मेदार कुत्ते की मौत मरेगा , मैं तुम्हे वचन देता हु “
मैंने जूही के सर पर हाथ फेरा , वो सुबकते हुए मेरे सीने से आ लगी ..
जूही के साथ ये करने में क्या काजल जिम्मेदार थी ???
क्या उसके कहने से ये किया जा रहा था ??
अगर ऐसा था तो डॉ चुतिया ने उसे क्यों नहीं रोका ??
कई सवाल मेरे दिमाग में मंडराने लगे थे , अगर ये सही था तो काजल और डॉ की मौत कल ही तय थी … चाहे परिणाम जो भी हो ….मैंने मन ही मन फैसला किया , और जूही के सर में हल्का सा चुम्मन किया
“मैंने फैसला कर लिया है , कल खून की नदी बहेगी “
मैंने जूही के बालो को प्यार से सहलाते हुए कहा था ….
 

DARK WOLFKING

Supreme
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nice update ..to club me sabut mil hi gaya aur keral ka pata chala jaha se kajal shrilanka jaanewali hai ..
keral pahuchkar aarya aur vang to so gaye thakan ke karan par dev haweli par najar rakhe huye tha ..
ek aadmi ka pichha karte huye ek ghar me pahucha jaha wo aadmi berahami se chudai kar raha tha aur wo ladki thi juhi .
ab juhi ke saath aisa kisne kiya dekhte hai 🤔🤔.
par wo najara dekhkar dev ka gussa badh gaya hai aur kajal aur rocky ko jaan se maar dene ki thaan li hai .
us aadmi ko sahi saja di dev ne 😍..
 

Shetan

Well-Known Member
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ye sab dikha kar aapne to bhawuk kar diya mujhe ..
meri kajal .. :love:
ye sab dikha kar aapne to bhawuk kar diya mujhe ..
meri kajal .. :love:
Arz he ki.

Mahobbat se chot lagti he muje.
Inayat se chot lagti he muje.

Ye chalti hui hawao se chot lagti he muje.

Tere ikrar se nahi tere inkar se chot lagti he muje.

Bhavuk aap hi nahi ham bhi ho chuke he. Kajal ki bewafai se bas soch rahe he ki story ka real hero kajal ho
 
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