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Incest आंधी (नफ़रत और इन्तकाम की)

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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बहुत ही शानदार लाजवाब और अद्भुत मनमोहक अपडेट हैं भाई मजा आ गया
ये रागिनी ने साहिल की मर्दानगी को ललकारा तो उसे फिर एक बार जबरदस्त अटॅक आया अब सब उसे संभाल रहें हैं सिर्फ रागिनी सामने तो नहीं आयी पर देख जरुर रही थी
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Thank you so much bhai
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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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bruttleking

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UPDATE 6


निधि – (मुस्कुरा के) कैसे हो साहिल और कमल...

साहिल – आप यहां पर....

निधि – (मुस्कुरा के) हा क्यों नहीं होना चाहिए था क्या...

दूसरी लड़की – (हैरानी से निधि को) तुम दोनों एक दूसरे को जानते हो क्या...

निधि – हा भाभी याद है मैने आपको बताया था स्कूल में साहिल के बारे में ये वही साहिल है भाभी और साहिल और कमल ये है मेरी भाभी रागिनी अन्दर आओ बाकी बाते बाद में करेंगे...

निधि की बात सुन जहां कमल और साहिल हैरान थे वहीं शौक में भी थे उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर निधि यहां कैसे जब चारों हवेली के अन्दर आ गए तभी एक लड़की दौड़ते आई मा मा करके रागिनी की गोद में आके...

बच्ची – मा देखो ना मेरे साथ कोई नहीं खेलता दादा जी ने बोला था आज मुझे झूला झुलाएंगे लेकिन वो भी नहीं ले चले पापा तो बस जब देखो बाहर घूमते है मुझे नहीं ले जाते...

छोटी बच्ची की कही गई इतनी बात सुन के सबके चेहरे पर हसी आ गई जिसके बाद...

निधि – अरे ये क्या बात हुई मेरी प्रिंसेस के साथ कोई नहीं खेलता है चलो कोई बात नहीं आपकी बुआ खेलेगी आपके साथ ठीक है...

बच्ची – प्रॉमिस बुआ...

निधि – पक्का प्रॉमिस अभी चलते है हम खेलने लेकिन पहले आप अपने इन दोनों भैया से मिलो ये है आपके साहिल भईया और ये है आपके कमल भईया....

बच्ची – हेल्लो भइया मेरा नाम पिंकी है...

साहिल – अरे वाह बड़ा प्यार नाम है आपका लेकिन मैं तो आपको प्रिंसेस कह के बुलाऊंगा...

बच्ची – (मुस्कुरा के) ठीक है भईया...

कमल – साथ में मै भी इस नाम से बुलाऊंगा अब से आपको ठीक है प्रिंसेस...

तब...

निधि – (साहिल और कमल से) ऐसा करो तुम दोनों जाके फ्रेश होके आराम करना चाहो करो मै बाहर बगीचे में जा रही हूँ प्रिंसेस के साथ खेलने...

साहिल – ठीक है हम भी फ्रेश होके आते है अब आराम रात में करेंगे...

रागिनी – आइए मै आपको आपका कमरा दिखाती हूँ...

बोलके दोनों को कमरा दिखाया...

रागिनी – आप लोग तैयार होइए मै नाश्ता लाती हु आपके लिए...

बोल के रागिनी चली गई जिसके बाद...

कमल – (साहिल से) अबे ये क्या चक्कर है बे निधि मैडम यहां पर कैसे ऊपर से ये क्या तेरी बुआ लगती है रिश्ते में...

साहिल – वही तो मै भी सोच रहा हूँ यार लेकिन रिश्ते में मेरी बुआ ये बात हजम नहीं हो रही मुझे भी...

कमल – वैसे ये जो चाची है ना मुझे कुछ समझ नहीं आ रही है तूने ध्यान दिया उसकी नजरों का कैसे तुझे देख रही थी कही इसको भी तेरे नीचे आने खुजली तो नहीं मच रही है...

साहिल – नहीं यार मुझे ऐसा नहीं लगता है लेकिन कुछ तो खिचड़ी पक रही है इसके दिमाग में पता करना पड़ेगा इससे पहले मेरे गले की हड्डी बने ये तू तैयार है ना सबके लिए...

कमल – (अपने बैग से समान निकाल के साहिल को दिखाते हुए) हा बे ये देख तैयार हूँ मै पहले से बस इसे इसकी सही जगह लगा दूं और ये तू लगा ले ताकि काम आसान हो जाएं अपना...

(ये दोनों कौन सा सामान और क्या लगाने की बात बोल रहे है ये आगे पता चलेगा आपको)....

जिसके बाद रागिनी नाश्ता लेके आती है कमरे में तब तक साहिल और कमल फ्रेश होके नाश्ता करते है तब...

रागिनी – (साहिल से) आपके परिवार वाले कब तक आएंगे...

साहिल – आपको किसने बताया मेरे परिवार के बारे में...

रागिनी – वो बाबू जी (धीरेन्द्र) ने बताया था आपके बारे में...

साहिल – हम्ममम दादी आएगी सबके साथ कल शाम तक...

रागिनी – ठीक है नाश्ता करके आप लोग आराम करिए और अगर किसी भी चीज की जरूरत हो तो बुला लीजिएगा...

कमल – चाची जी आराम तो करेंगे लेकिन रात में अभी तो दिन का वक्त है अभी थोड़ा बगीचे में घूमते है अगर आप खाली हो तो चलो आप भी हमें भी कंपनी मिल जाएगी...

रागिनी – बात तो सही है ठीक है आप दोनों नाश्ता करिए मै अभी आती हूँ...

रागिनी के जाने के बाद...

कमल – (रागिनी के जाने के बाद) कमाल की बात है बे दादा जी ने बताया था पहले से जब सारी बात के बारे में इसका मतलब ये जान के अंजान बनने का नाटक कर रही थी बेटा सम्भल के रहना पड़ेगा ये दिखने में इसकी खूबसूरती मेनका की तरह है लेकिन बातों से नेता की तरह जो किसी की नहीं होती...

साहिल – हम्ममम पता तो करना पड़ेगा अब इसके बारे में वर्ना कल जो लोग आने वाले है उनको तो वैसे भी मौका चाहिए मेरे लिए जहर उगलने का कही इनकी वजह से वही मौका ना मिल जाय कल सभी को...

थोड़ी देर में रागिनी आती है...

रागिनी –(दोनों से) चले बगीचे में...

जिसके बाद तीनों हवेली के बाहर निकल आते है बगीचे में टहलते है साथ में तभी...

साहिल – (कमल से) अरे कमल क्या तेरे मोबाइल पर दादी का कॉल आया था क्या मेरा मोबाइल बंद हो गया तो चार्ज में लगा के आया हु मै...

कमल – (चौक के)अरे यार मेरा मोबाइल तो बैग में रखा है उसे निकालना ही भूल गया मै रुक मै अभी आता हूं मोबाइल लेके....

बोल के कमल दौड़ के हवेली में चला गया उसके जाने के बाद साहिल और रागिनी बचे थे आपस में बात करने लगे...

साहिल – चाची हवेली में चाचा नहीं दिख रहे काम में बिजी है क्या...

रागिनी – (चाचा की बात सुन उदास होके) काम के सिवा उन्हें सूझता ही क्या है बस जब देखो अपने आवारा दोस्तो के साथ घूमते रहते है जाने कितनी बार बाबू जी ने समझाया है इन्हें लेकिन इनके कान में जू तक नहीं रेंगती है...

साहिल – तो आप क्यों नहीं समझाती हो चाचा को...

रागिनी – आपको क्या लगता है मैने बोला नहीं होगा उनको लेकिन उल्टा मुझपे ही हाथ उठाते है गालियां देते है...

इतना बोल के उनकी आंख में आंसू आ गए जिसे देख साहिल को अच्छा नहीं लगा तब...

साहिल – चाची आप चिंता मत करिए चाचा जरूर सही रस्ते में आयेगे आपको उन्हें एहसास दिलाना होगा उनके बच्चे का देखना अपनी बेटी के लिए जरूर चाचा बदल जाएंगे...

रागिनी – काश ऐसा होता साहिल काश ये बात सच हो जाती...

साहिल – (हैरानी से) क्या मतलब चाची मै कुछ समझा नहीं....

रागिनी – मेरी बात सुन के आपको बुरा लगेगा कि मै कैसी बहकी बहकी बाते कर रही हूँ लेकिन सच तो यही है मै पत्नी होंने के साथ एक औरत भी हूँ मेरी भी अपनी कुछ जरूरतें है अपने पति से उम्मीदें है लेकिन उनको तो जैसे इन सब बातों से कोई मतलब ही नहीं है इसीलिए इस बारमे मैने निधि के इलावा किसी से बात नहीं की वो मेरी ननद से पहले मेरी सखी भी है...

साहिल – तो क्या चाचा को कोई शारीरिक दिक्कत है क्या चाची अगर ऐसा है तो उसका इलाज भी होगा आज की तारीख में दुनिया में हर बीमारी का इलाज होता है...

रागिनी – तुम्हे क्या पता एक मर्द को अपनी मर्दानगी में बहुत घमंड होता है साहिल तुम्हारे चाचा को भी इस बात का झूठा घमंड है और जब आप किसी इंसान की मर्दानगी पर सवाल उठाओगे वो कभी बर्दाश नहीं करेगा इस बात को इसीलिए मैने और निधि ने इसका भी हल निकाल लिया है....

साहिल – (रागिनी की बात सुन अपने मन में – अरे यार कही निधि मैडम ने मेरे और अपने बारे में बता तो नहीं दिया चाची को)....

साहिल – (रागिनी से) कैसा हल चाची...

रागिनी – एक ऐसा भरोसे मंद इंसान जो मेरी जरूरत को पूरा कर सके हा ये बात अलग है ये काम इतना भी आसन नहीं है क्योंकि ऐसा इंसान मिलना मुश्किल है जो औरत की भावनाओं को समझे उसकी मजबूरी का फायदा ना उठाएं...

साहिल – (हैरान होके) आप जानती हो कि आप क्या बोले जा रहे हो इससे अच्छा तो आप चाचा का इलाज करवा लो और इन बेकार की बातों को अपने दिमाग से निकाल दो आप भूलों मत चाची आपकी एक छोटी बेटी है आपके इस बात से जरूरी नहीं जो आप सोच रहे हो वैसा हो जाएं इस गलती के कारण आप सोच भी नहीं सकते हो पूरे परिवार की क्या इज्जत रह जाएगी कभी सोचा है आपने...

रागिनी – (गुस्से में) इलेक्चर देना बहुत आसान होता है साहिल हर बात में सिर्फ औरत ही समझौता क्यों करे क्या वो इंसान नहीं क्या उसकी अपनी खुशी कुछ मायने नहीं रखती है और अगर तुम्हे ऐसा लगता है तो तुम ही सम्भाल लो मुझे साहिल कम से कम तुम तो बदनाम नहीं होने दोगे ना मुझे या इस खानदान की इज्जत को...

रागिनी की बात सुन के बेचारे साहिल की हालत गल कटे मुर्गे की तरह हो गई उसे समझ नहीं आ रहा था कि कोई औरत पहली मुलाकात में एक अंजान लड़के के साथ संबंध बनाने को तैयार बैठी है इसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे लेकिन इससे पहले दोनों में कोई कुछ बोलता तभी निधि आ गई बच्ची को गोद में लिए जो सो चुकी थी...

निधि – (रागिनी से) भाभी गुड़िया तो सो गई थक के आप इसे अन्दर ले जाओ सुला दो...

रागिनी अपनी बेटी को गोद में लेके बिना कुछ बोले निकल हवेली के अन्दर उसके जाने के बाद...

निधि – (साहिल का हाथ पकड़ उसे अपने साथ हवेली के पीछे वाले हिस्से में ले गई जहां दूर दूर तक कोई नहीं दिख रहा था वहां आते ही) कैसे हो मेरे भोले बलम...

साहिल – मै तो ठीक हूँ लेकिन पहले आप ये बताओ ये चक्कर क्या है आप यहां पर कैसे...

निधि – (मुस्कुरा के) तुझे पता नहीं मेरे बारे में लेकिन रिश्ते में तो मै तेरी बुआ लगती हु...

साहिल – (चौक के) क्या....

निधि – हा कक्षक 12 के बाद कॉलेज में मैने 3 साल पढ़ाई की उसके बाद पढ़ाई छोड़ दी थी लेकिन फिर एक दिन दादी से मुझे तेरे बारे में पता चला था के तुम किस स्कूल में पड़ रहे हो बस तेरी देख रेख के लिए मै आई थी...

साहिल – सिर्फ देख रेख या कुछ और भी...

निधि – (मुस्कुरा के) चुप उसके आगे वो हमारी पर्सनल बात है...

साहिल – लेकिन आप मेरी बुआ हो ये बताया क्यों नहीं आपने और उसके बाद जो हुआ हमारे बीच...

निधि – देख साहिल तेरी दादी को तेरी बहुत फिकर होती थी खास कर तब जब तुझे अटैक आता है लेकिन अच्छी बात ये है कि 4 सालों में तुझे अटैक आना कम हो गए है इसीलिए दादी चाहती थी की कोई अपना तेरा ध्यान रखे तो ज्यादा सही रहेगा इसीलिए एक दिन तेरी दादी हवेली में आई थी पिता जी से बात करने इस बारे में तभी पिता जी ने मुझे बताया तो मै तैयार हो गई उसके बाद तुम्हारे स्कूल में मेरी जॉब लग गई फिर तुमसे मुलाक़ात का सिलसिला शुरू हुआ बाकी धीरे धीरे हम तो करीब आ गए हा हमारा करीब आना ये हमारा फैसला था घर वालों का नहीं समझे मेरे भोले बलम...

साहिल – (मुस्कुरा के) आप सच में कमाल हो बुआ....

निधि – चुप बुआ नहीं सिर्फ निधि बोला कर वैसे भी तेरे और मेरे में सिर्फ 8 साल का फर्क है बाकी लंबाई तेरी बॉडी से तू किसी एंगल से नहीं लगता है 20 साल का लड़का तुझे देख के लगता है जैसे 25 साल का लड़का हो कोई...

साहिल – अच्छा ठीक है निधि अब खुश हो ना...

निधि – हा बहुत खुश अच्छा सुन तेरे बगल वाला कमरा मेरा है साथ ही तेरे कमरे से मेरे कमरे का दरवाजा लगा हुआ है रात में आना तू मेरे कमरे में....

साहिल – आप पागल तो नहीं हो गई हो आपकी शादी होने वाली है और आप अभी भी...

निधि –(हस्ते हुए) पागल है मै मजाक कर ही थी वैसे भी मेरी सहेली आने वाली है थोड़ी देर में मेरे साथ ही सोएगी वो...

जिसके बाद दोनों वापस बगीच में आ गए जहां कमल अकेला टहल रहा था अपने सामने साहिल और निधि को एक साथ आता देख मुस्कुरा के....

कमल – ओह हो तो आप दोनों एक साथ हो तभी मै सोचु कहा गायब हो गए....

साहिल – हा वो निधि मैडम मुझे बगीचा दिखा रही थी यार...

कमल – हम्ममम लेकिन बगीचा तो यहां है जहां तू खड़ा है हवेली के पीछे कौन सा बगीचा आ गया बे...

इन दोनों की बातों के बीच में निधि हस्ते हुए चली गई हवेली में उसके जाने के बाद...

साहिल – तो क्या हुआ काम का....

कमल – बचा हुआ आधा काम मै कर के आया हु चिंता मत सब कुछ ठीक होगा अब....

साहिल – अच्छी बात है...

कमल – वैसे निधि मैडम क्या बात हुई तेरी....

साहिल – (मुस्कुरा के) यही की वो रिश्ते में मेरी बुआ है...

कमल – (चौक के) बुआ फिर भी वो तेरे साथ....

फिर साहिल सारी बात बताता है कमल को निधि ने बताया जिसके बाद....

कमल – ओह ये बात है...

साहिल –सही समझ रहा है तू भाई....

कमल – और ये चाची का क्या सीन है...

फिर रागिनी से हुई सारी बात बता देता है...

कमल – अच्छा हुआ मै पहले से तैयारी करके आया हु...

तभी हवेली के गेट से गाड़ी अन्दर आती है जिसमें धीरेन्द्र होता है उसे आता देख दोनों उसके पास जाते है...

धीरेन्द्र – (दोनों को देख) तो कैसा लगा तुम दोनों को घर सबसे मिले दोनों...

साहिल – हा दादा जी मिल लिए बहुत अच्छा लगा दादा जी थैंक यू...

धीरेन्द्र – इसमें थैंक यू कैसा बेटा...

साहिल – पहली बार परिवार के साथ हूँ मै इसीलिए...

धीरेन्द्र – (मुस्कुरा के) चलो कोई बात नहीं खेर आज और कल तो कोई काम नहीं है तुम दोनों गांव घूम लो जब तक...

साहिल – ठीक है दादा जी...

धीरेन्द्र – ऐसा करो मेरी गाड़ी से जाओ...

साहिल – नहीं दादा जी हम दोनों पैदल ही घूमेंगे गांव...

धीरेन्द्र – ठीक है जल्दी आ जाना हवेली में ठीक है...

जिसके बाद साहिल और कमल निकल जाते है गांव की तरफ घूमने के...
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जारी रहेगा✍️✍️
Ye update aur iske pahle ka update ek story ke jaise lag raha hai us story ke hero ka naam kishan tha usi story ki copy jaisa lag raha hai writer ji aapne albela story bhi kisi aur ki story ko leke likhna suru kiya usko adhura chod ke is story ko likhna suru kiya jo ji abhi tak jyadatar update doosri story se match ho rahe hai iska kya matlab hai kuch samjhana chahenge ? Is story ko likhne me jo time aap de rahe hai uski jagah aap apni albela story me pahle time deke use khatam karke uske baad is story ko suru karte to jyada acha hota is tarah ek story adhuri chod ke doosri story likhna acha ni hai
 
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