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Incest आंधी (नफ़रत और इन्तकाम की)

Naik

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UPDATE 13


उस हादसे के बाद रीना और रागिनी जैसे टूट सी गई थी दोनों बहने उस रात से एक ही कमरे में एक साथ दो गई थी उनके साथ रीना की दोनों बेटी सोनम और पूनम भी साथ थी जबकि रीना और रागिनी को इतनी भी हिम्मत नहीं हो रही थी कि किसी से बात कर सके आज उनका भी वैसा ही हाल था जैसे उस रात के हादसे से पहले साहिल का हाल था जिसे कोई बात नहीं करता था उस रात साहिल ने गुस्से में भले ही अपनी मां सुमन को देख के बोल रहा था लेकिन साहिल की कही बात से राघव और सुरेश सोचने पर मजबूर हो गए थे कि वो गुस्से में आके क्या करने जा रहे थे अपने बच्चों के बारे में ना सोच के की उनके इस फैसले से बच्चों पर क्या असर पड़ेगा इसीलिए वो भी शांत हो गए और उन्होंने सोच लिया था कि बच्चों की वजह से वो चुप रहेंगे लेकिन अपनी बीवी से किसी प्रकार का कोई मतलब नहीं रखेंगे जबकि इस वक्त एक कमरे में साहिल की दोनों बुआ सुनीता और अमृता और दादी बात कर रहे थे आपस में...

अमृता – (सरला देवी से) मा आखिर बात क्या है इतने सालों से आप क्या छुपा रही हो कौन है वो जिसने पिता जी को मारा है और क्यों साहिल के साथ इतने सालों से ये ज्यादती हुई आखिर क्यों मा...

दादी – ज्यादती करने वाले भी कौन है सब अपने ही तो है जो बिना कुछ सोचे समझे पड़ गए एक बच्चे के पीछे हाथ धो के इतना भी नहीं सोचा किसीने उस वक्त तो अब क्यों सोचना सिर्फ इसीलिए क्योंकि कल रात साहिल को अटैक से होश आने के बाद उसने जो बोला इस बात से साहिल बेगुनाह होगया ये भी हो सकता है साहिल नाटक कर रहा हो सभी को दिखाने के लिए क्यों अमृता...

अमृता – मा अब तुम बात को मत बदलो मेरे मन में साहिल के लिए ऐसा कुछ नहीं था कभी भी...

दादी – अच्छा तो तेरे बच्चों के मन में कहा से आ गया साहिल के लिए इतना कुछ , अब ये मत बोलना कि मै झूठ बोल रही हूँ कल सब कुछ मैने अपनी आंखों से देखा और कानों से सुना है सभी बच्चों के मू से साहिल के लिए किस तरह जहर उगल रहे थे मुझे तो आज साहिल के लिए अपने फैसले पर भी शक हो रहा है कही साहिल को घर में ले जाके मै कही गलती तो नहीं कर रही हूँ...

अमृता – ऐसा क्यों सोच रही हो मा ऐसा कुछ नहीं होगा सब ठीक होगा...

दादी – जानती हु सब ठीक होगा क्योंकि आज साहिल पहले की तरह नहीं है वो पलट के वार और जवाब देना अच्छे से जनता है लेकिन क्या करू दादी के साथ मा हूँ उसकी चिंता रहेगी मुझे अपने बच्चे की...

अमृता – चिंता मत करो मा साहिल खुश रहेगा घर में सबके साथ और कोई कुछ नहीं करेगा साहिल के साथ मैने देखा है कल से सभी बच्चों ने कल रात जो देखा उसके बाद से कोई सोया नहीं सभी के मन में साहिल की बात चल रही है , मै जानती हु मा कि साहिल ने कुछ नहीं किया था ऐसा होता तो आप उसका साथ ना देती कभी और मै अपने पिता से बहुत प्यार करती हु मा आज भी बस एक बार बता दो मा कौन है जिसने पिता जी को मारा था...

दादी – अमृता तू जितनी बार पूछेगी मै जवाब नहीं दूंगी और अगर तुझे जवाब चाहिए तो पहले जा के साहिल के सवालों का जवाब देदे उसके सवालों का जवाब देने के बाद आना मेरे पास तब मै जवाब दूंगी तेरे सवाल का...

तभी इनकी बातों के बीच में कमल कमरे में आता है और सब चुप हो जाते है तब...

कमल – दादी आपने बुलाया मुझे...

दादी – (मुस्कुरा के) कमल तुम जानते हो मैने तुम्हे NGO से एडॉप्ट किस लिए किया था और क्यों पता है तुम्हे...

कमल – हा दादी साहिल के लिए किया था आपने मुझे एडॉप्ट...

दादी – नहीं कमल असल में उस वक्त मेरे दिमाग में ये ख्याल आया ही नहीं था लेकिन किसी और के मन में आया था वो तुझे एडॉप्ट करना चाहती थी उसको बेटा नहीं था उसने अपनी बेटी से वादा किया था कि उसके लिए भाई लाएगी और NGO में एक नजर में तू उसे भा गया लेकिन फिर उसी वक्त उसे साहिल का ख्याल आया तब उसने मुझे सारी बात बताई तब मैने तुझे एडॉप्ट किया था जनता है असल में एडॉप्ट के कागजात में तेरे मा बाप का नाम उनका ही है बस एडॉप्ट के बाद उन्होंने तुझे मुझे दे दिया था...

कमल – कौन है वो दादी...

दादी – (एक तरफ इशारा करके) ये मेरी बेटी सुनीता ये है तेरी मां...

कमल –(सुनीता को देख जिसकी आंख में आंसू थे जो कमल को देख रही थी) कल रात से मै यही सोच रहा था कि अगर आप साहिल की बुआ हो तो एक शहर में रहके आप क्यों नहीं आए कभी साहिल से मिलने जबकि दादी लगातार आती रहती थी सोचा आपसे पूछूं लेकिन कल रात जो हुआ उसके बाद मैने ध्यान नहीं दिया इस बात पे जबकि आपसे मै रोज मिलता था आपके रेस्टोरेंट में साहिल और मै रोज आते थे खाना खाने लेकिन आपने एक बार भी नहीं बताया कि आप कौन है...

सुनीता – कैसे बताती मै कल रात जो हुआ उसके डर से नहीं बताती थी मै जब भी तू अकेला आता था रेस्टोरेंट में बस उसी वक्त तेरा खाना देर से पैक करने को बोल देती थी ताकि बाते करती रहूं तुझसे और जब तुम साहिल के साथ खाना खाने आते थे रेस्टोरेंट में तब डर लगता था तेरे सामने आने में कही साहिल गुस्से की वजह से फिर से उसे अटैक ना आए...

बोल के सुनीता तुरंत कमल के गले लग जाती है रोने लगती है...

कमल – (सुनीता की आंख से आंसू पोछते हुए) इसीलिए आप हर बार कम पैसे लेती थी है ना...

सुनीता – अपने ही बच्चे को खाना खिलाने के पैसे कैसे लेती तुझे शक ना हो इसीलिए पैसे लिया करती थी...

कमल – मा...

सुनीता – (कमल को देख के) फिर से बोल...

कमल – मा...

बोल के गले लग गई कमल के सुनीता थोड़े देर बाद अलग होके...

सुनीता – मैने मा को बोल दिया है अब तू मेरे साथ रहेगा...

कमल – लेकिन मा मै साहिल को नहीं छोड़ सकता...

दादी – तू चिंता मत कर कमल बस एक काम करना मैने तेरे स्कूल में बात कर ली है बस तुझे अपने सर्टिफिकेट का बहाना बनाना होगा साहिल के सामने जब हम यहां से निकलेंगे घर के लिए तब तू अपनी मां सुनीता के साथ चले जाना घर पर कुछ दिन के लिए क्योंकि सुनीता का पति काम के सिलसिले से 2 साल के लिए अमेरिका जा रहा है उसके बाद सुनीता तेरे और बेटियों के साथ हमारे घर आ जाएगी रहने तब तक के लिए मै चाहती हूँ साहिल हमारे साथ अकेले रहे शायद कुछ हद तक उसकी कड़वाहट कम हो परिवार के लिए...

कमल – लेकिन दादी इस बीच साहिल को फिर से अटैक आया तब...

दादी – हम उसके साथ रहेंगे कमल उसकी मां सुमन और बहन कविता भी साथ है उसके...

कमल – क्या साहिल इनके साथ...

दादी – (बीच में) कोशिश करनी होगी बेटा सबको ताकि साहिल परिवार का हिस्सा बन जाय फिर से हमारे...

कमल – ठीक है दादी...

दादी – (सुनीता से) लो सुनीता मैने तुझे तेरा बेटा वापस दे दिया अब तू सम्भाल इस शैतान को बहुत तंग करता रहता है ये मुझे...

बोल के सभी मुस्कुराने लगे तब सुमन कमरे में आती जो बाहर से इनकी बाते सुन रही थी तब...

सुमन – (कमल के पास आके) शुक्रिया कमल तुमने इतने साल साहिल को संभाला उसके लिए (हाथ जोड़ के) मै...

कमल – (सुमन का हाथ पकड़ के) ये क्या कर रही है आप साहिल मेरा भाई है मैने उसे कभी गैर समझा ही नहीं बस थोड़ा सब्र रखिएगा आप बहुत नफरत है उसके दिल में परिवार के लिए जाने कैसे ये सब होगा मुझे समझ नहीं आ रहा है...

सुमन – वो जितनी नफरत कर ले मै सब सहन करूगी लेकिन अब दूर नहीं रहने दूंगी चाहे उसके लिए मुझे लड़ना क्यों न पड़े किसी से भी...

अमृता – (जो इतनी देर से चुप बैठी थी वो बोली सुनीता से) सारा क्रेडिट तूने और मा ने ले लिया मेरे बारे में कुछ नहीं बोला कितनी गलत बात है सुनीता भूल गई मैने ही कमल को ढूंढा था तेरे लिए...

सुनीता – नहीं दीदी आपको भला कैसे भूल सकती हूँ (कमल से) कमल जनता है अमृता दीदी ने बताया था तेरे बारे में मुझे तभी मै तुझे आई थी देखने अमृता दीदी के साथ...

कमल – (अमृता को ध्यान से देखते हुए) ओह तेरी की इसीलिए मै सोच रहा था कि आपको कहा देखा है मैने आप ही हमारे घर के सामने वाले फ्लैट में रहती हो ना...

अमृता – (मुस्कुरा के) हा बेटा मै ही रहती हु वहा पर और मैने ही मा को बोल के वो फ्लैट तुझे और साहिल को दिलवाया था रहने के लिए रेंट का बहाना बना के जिसे तुम समझते थे कि दादी देती रहती है रेंट मुझे...

कमल – (अमृता के गले लगते हुए) मानना पड़ेगा आप सबको पूरा फूलप्रूफ प्लान बनाया आप सब ने मेरे और साहिल के लिए किसी को पता तक चलने ना दिया...

अमृता – (मुस्कुरा के) अब तो पता चल गया ना तुझे बस साहिल को मत बताना अभी...

सुनीता – (अमृता से) लेकिन क्यों दीदी...

अमृता – (मुस्कुरा के) सुनीता ये कमल कुछ नहीं छुपाता है साहिल से इसीलिए मना कर रही थी साहिल को बताने के लिए वक्त आने पर सब बता देगे साहिल को सच....

दादी – (कमल से) चलो अच्छा अब काम पे लग जाओ तुम (सुनीता , अमृता और सुमन से) तुम लोग भी जाके तैयारी में लग जाओ शादी है 2 दिन बाद बहुत काम है अभी...

बोल के सब चले गए कमरे से जबकि इस तरफ साहिल हवेली के बाहर गया हुआ था राघव के साथ शादी के काम निपटाने में जैसे टेंट और डेकोरेशन वाले से बात करना शादी में क्या क्या और कैसे डेकोरेट करना है जबकि इस तरफ सही में लगने वाले बाकी जरूरी समानों को लेने में लगा हुआ था राघव जबकि साहिल की तरफ जब साहिल इन कामों को निपटा के खाली होके पेड़ की छांव में बैठा तब कोई आया साहिल के पास आते ही...

लड़की – कैसे हो साहिल...

साहिल – (पलट के सामने सेमेंथा को देख) अरे कहा थी तुम कल रात से दिखी नहीं...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) वही हॉल में थी साहिल सबके साथ जब तुम्हे अटैक आया...

साहिल – ओह शायद मेरा ध्यान नहीं गया होगा तुम पर खेर आओ बैठो तुम...

सेमेंथा – देख रही हूँ शादी के काम में लगे हुए हो तुम और तुम्हारे कपड़े तक खराब हो गए देखो कितनी मिट्टी लगी हुई है तुम्हारे कपड़ो में...

साहिल – (मुस्कुरा के) काम की भागा दौड़ी में ये सब चलता रहता है सेमेंथा...

तभी सेमेंथा एक चुटकी बजाती है जिससे साहिल के कपड़े पहले जैसे सफ़ा हो जाते है तब...

सेमेंथा – (साहिल को देख मुस्कुरा के) अब ठीक लग रहे है कपड़े तुम्हारे...

साहिल – (अपने कपड़ो को देख जो सफा हो गए थे ये देख चौक के) ये कैसे हुआ...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) मैने किया ये क्यों अच्छा नहीं लगा...

साहिल – (मुस्कुरा के) अरे मै तो भूल गया था तुम्हारे बारे में अच्छा और क्या क्या कर सकती हो तुम...

सेमेंथा – जो तुम चाहो वो कर सकती हूँ...

साहिल – अच्छा तो मुझे पानी पीना है मिलेगा...

तभी सेमेंथा चुटकी बजा के साहिल के सामने पानी की बोतल ले आती है तब...

साहिल – (पानी पी के) अरे वाह तुम तो सच में कमाल की हो सेमेंथा अच्छा तब तो तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होती होगी ना जब प्यास लगे तो चुटकी बजा के पानी पी लिया जब भूख लगे तो चुटकी बजा के खाना खा लिया क्यों...

सेमेंथा – नहीं साहिल मै ये सब इस्तमाल नहीं करती हु...

साहिल – क्या मतलब इस बात का...

समेंथा – साहिल मै इन सबका इस्तमाल नहीं करती हु क्योंकि जब मुझे परी लोक से निकाला गया था तब मेरी मां ने मुझे (अपने हाथ में अंगूठी दिखाते हुए साहिल को) ये अंगूठी दी थी ताकि मुझे इन सब चीजों का इस्तमाल करने को जरूरत न पड़े लेकिन...

साहिल – लेकिन क्या सेमेंथा...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) जिस दिन मै अपने राजकुमार की हो जाऊंगी उस दिन से ये अंगूठी किसी काम की नहीं रहेगी तब मै भी इन सब चीजों का इस्तमाल करने लगूंगी...

साहिल – (मुस्कुरा के) ओह हो राजकुमार वाह क्या बात है...

सेमेंथा – चीड़ाओ मत साहिल....

साहिल – (मुस्कुरा के) अच्छा ठीक है वैसे बहुत प्यार करती है तुम्हारी मां तुमसे सच में बहुत नसीब वाली हो तुम इतना सब तुम्हारे साथ होने के बाद भी तुम्हारी मां को तुम्हारी कितनी फिक्र थी इसीलिए उन्होंने तुम्हे तुम्हारी शक्ति नहीं ली साथ में ये अंगूठी दे दी...

समेंथा – (साहिल की बात सुन उसका मतलब समझ गई थी इसीलिए बात बदल के) अच्छा साहिल तुम्हारा काम हो गया यहां पे...

साहिल – हा हो गया मै हवेली जा रहा था...

सेमेंथा – ठीक है तुम चलो मै भी आती हूँ...

साहिल – क्यों साथ में नहीं चलोगी...

सेमेंथा – (मुस्कुरा के) चलोगी साथ में लेकिन अभी मुझे जंगल जाना है किसी से मिलने....

साहिल – किसी से मिलने लेकिन तुमने तो कहा था तुम्हे कोई नहीं देख सुन सकता है...

सेमेंथा – तुम्हे सब बताऊंगी साहिल लेकिन अभी नहीं बस भरोसा रखो मुझपे जल्द ही तुम्हे बताऊंगी सब कुछ....

बोल के सेमेंथा वहां से गायब हो गई तब...

साहिल – (मुस्कुरा के) कमाल की लड़की है ये चलो इंतजार करूंगा इसकी भी बात जानने का...

बोल के हवेली की तरफ जाने वाले रस्ते में पैदल चलते रहे बाते करते हुए तभी साहिल के बगल से तेजी से 2 गाड़ी निकली जिस वजह से सड़क पर पड़ी मिट्टी उड़ते हुए साहिल पर आ गई तब...

साहिल – (गुस्से में चिल्ला के गाड़ी वाले को) सूरदास की औलाद अंधा है क्या...

तभी दोनों गाड़िया अचानक से रुक गई तब उसमें में एक बुद्धा आदमी निकला साथ ही 4 पहलवान और आखिर में एक आदमी जिसने काफी महंगे कपड़े पहने थे जैसे कोई बहुत बड़ा बिजनेसमैंन हो इसके साथ एक और आदमी निकला उसके जैसे कपड़े पहने हुए था...


New introduction villian...


लाला – उम्र 65 धीरेन्द्र के गांव का एक रसूखदार और घमंडी इंसान कहने को तो शहर में इसका काफी बड़ा कारोबार है लेकिन असल में इसके सारे काम गैर कानूनी है जैसे ड्रग्स , किडनैपिंग अपने ट्रांसपोर्ट के जरिए स्मगलिंग करना , नकली दवाई बनाना सभी गैर कानूनी काम है इसके लेकिन कोई नहीं जानता इस बारे में अगर कोई भी ऐसी बात होती है तो ये पुलिस और नेताओं की जेब भर देता है जिस वजह से शहर हो या गांव इसकी एक अच्छी छवि बनी हुई है हर जगह पर....

मुनीम – उम्र 60 साल ये है लाला का मुनीम जो उसके सारे गैर कानूनी कामों का लेखा जोखा रखता है ये हर वक्त लाला के साथ रहता है....


लाल का परिवार...


विजय (बड़ा बेटा) – उम्र 55 अपने बाप के साथ सारे गैर कानूनी काम करता है इसने अपने बाप के सारे गैर कानूनी काम को अपने दिमाग से खड़ा किया हुआ है लेकिन कहते है ना कमीने इंसानों को ही संस्कारी स्त्री लिखी होती है वैसा ही हाल कुछ इसका है तभी इसके जैसे कमीने इंसान को राधिका जैसे सुंदर और सुशील लड़की मिली थी....

राधिका (विजय की बीवी) – उम्र 40 सुंदर सुशील और शांत किस्म की औरत इसे सिर्फ अपने दोनों बच्चों से मतलब है और अपने पति से बेहद नफरत करती है....

आनंद (विजय और राधिका का एक लौटा बेटा) – उम्र 26 पहले ये बहुत ही अच्छा और सीधा साधा था लेकिन फिर इसके बाप ने इसे एक आवारा इंसान बना दिया जिसे औरतों और लड़कियों का बहुत शौक है अपनी राते रंगीन करने के लिए शहर में रह के इसने औरतों को लड़कियों को बिस्तर में ले आया बिल्कुल अपने बाप की तरह...

सिमी – उम्र 20 एक सीधी सादी अच्छी लड़की बिल्कुल अपनी मां की तरह...

बाकी लाला के कई पहलवान है जो इनकी रक्षा के लिए है इनके साथ...

लाला – (अपनी गाड़ी उतर साहिल को देख के मुनीम से) कौन है ये मुनीम शकल बड़ी जानी पहचानी लग रही है इसकी...

तभी गाड़ियों की आवाज सुन के खेत में काम कर रहे कुछ गांव वाले आते है देखने...(ये वही गांव वाले थे जिन्होंने कमल को रोक था जंगल में जाने से तब ये साहिल से मिले थे जहां राघव भी था उस वक्त उनके साथ तब राघव ने बताया था गांव वालो को साहिल के बारे में)...

तब...

मुनीम – (साहिल से) ए लौंडे कौन है तू जनता नहीं इनको कौन है ये...

गांव वाला – (बीच में आके लाला के सामने हाथ जोड़ के) माफ करिएगा लाला जी ये लड़का नया है गांव में ये आपके बारे में नहीं जानता है...

लाला – अच्छा वैसे है कौन ये लड़का इसकी शकल बड़ी जानी पहचानी सी लग रही है...

गांव वाला – लाला जी ये स्वर्गीय प्रताप जी का पोता है इसका नाम साहिल है ये धीरेन्द्र जी की बेटी की शादी में आया है यहां पर...

गांव वाले के मू से प्रताप का नाम सुन साथ ये जान के की ये उसका पोता है तभी लाला की गुस्से में आंखे लाल होने लगी लेकिन गांव वालो के सामने कुछ बोलना सही नहीं समझा लाला ने तब...

लाला – (साहिल से) तो तुम प्रताप के पोते और रनवीर के बेटे हो तभी तुम्हारी शकल जानी पहचानी सी लग रही है बिल्कुल अपने बाप रनवीर पे गए हो तुम , उसी की तरह घमंड और गुस्सा दिख रहा है तुम्हारे अंदर लेकिन शायद बड़ों से बात करने का सलीका नहीं है तुममें...

साहिल – (मुस्कुरा के) जब बड़ों का सलीका ही ऐसा हो अपने से छोटो के साथ तो छोटो का क्या कसूर इसमें...

लाला – (साहिल के उलटे जवाब से गुस्से को काबू में रखते हुए मुनीम से) चलो मुनीम यहां से...

गुस्से में साहिल को घूरते हुए लाला निकल गया अपनी गाड़ी से तब...

गांव वाला – (साहिल से) साहिल बेटा आपको इनके मू नहीं लगाना चाहिए था क्या आपको नहीं पता इनके बारे में...

साहिल – नहीं काका कौन है ये और ये इस तरह से बात क्यों कर रहे थे मेरे साथ...

गांव वाला – (साहिल की बात सुन समझ गया कि इसे कुछ नहीं पता इसीलिए बात बदल के) कुछ नहीं बेटा छोड़ो उसे और बताओ तुम कहा जा रहे हो अभी...

साहिल – काका मै हवेली जा रहा हूँ...

गांव वाला – अच्छा मै भी हवेली जा रहा हूँ धीरेन्द्र जी से काम है मुझे चलो साथ में चलते है...

गांव वाले की इस तरह से बात को टालता देख साहिल कुछ नहीं बोला उससे लेकिन उसे समझ आ गई थी ये बात की उससे कुछ तो छुपाया जा रहा है लेकिन अभी साहिल ने ये बात करना जरूरी नहीं समझा , गांव वाले के साथ हवेली निकल आया साहिल और हवेली के अन्दर चला गया तभी गांव वाले को धीरेन्द्र जी दिखे हाल में बैठे हुए जहां साहिल सीडीओ से अपने कमरे में जा रहा था वही हाल में धीरेन्द्र के साथ दादी , राजेश और धीरज बैठे बाते कर रहे थे तभी...

गांव वाला – (धीरेन्द्र के पास आके) प्रणाम मालिक...

धीरेन्द्र – अरे भाई क्या बात है आज यहां का रास्ता कैसे भूल गए तुम...

गांव वाला – बात ही कुछ ऐसी है मालिक इसीलिए आना पड़ा मुझे...

धीरेन्द्र – ऐसी क्या बात है घर में सब कुशल मंगल है ना...

गांव वाला – घर में सब ठीक है मालिक वो अभी रस्ते में (फिर जो हुआ सब बता के) बस इसीलिए साहिल के साथ यहां तक आया उसे छोड़ने के लिए...

धीरेन्द्र – (गांव वाले की सारी बात सुन के) तुमने ये बहुत अच्छा किया जो तुम आ गए साहिल के साथ गलती मेरी है मुझे ध्यान रखना चाहिए था इस बात का खेर मेरा एक काम कर दो तुम 2 दिन बाद शादी है यहां और उसके बाद सब चले जाएंगे यहां से तब तक के लिए तुम अपने लोगों को बोल देना वो नजर रखे हर किसी पर और कोई ऐसी वैसी बात लगे तो फ़ौरन बता देना मुझे या राघव को...

गांव वाला – जी मालिक अच्छा इजाजत दीजिए मुझे फिर मिलते है...

बोल के चला गया गांव वाला उसके जाते ही...

राजेश – क्या बात है मामा जी...

धीरेन्द्र – शादी के काम काज के चक्कर में मै भूल गया था लाला के बारे में राजेश...

धीरज – (लाला का नाम सुन) ये अभी तक इसी गांव में है...

धीरेन्द्र – हा बेटा और कहा होगा लाला आज तो अनजाने में सही लाला की मुलाकात साहिल से हुई है...

राजेश – मामा जी मुझे नहीं लगता लाला कुछ भी ऐसी वैसी हरकत करेगा...

धीरेन्द्र – हम्ममम बात सही है तुम्हारी राजेश लेकिन कुत्ते की पूछ का कोई भरोसा नहीं होता है उम्मीद करता हु तुम्हारी बात सही हो राजेश...

जबकि इस तरफ साहिल जैसे ही कमरे में आया अपने सामने किसी को देख...

साहिल –(हैरानी से) तुम यहां पर...
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जारी रहेगा✍️✍️
Bahot behtareen shaandar update
Tow Kamal ko Sunita ne adopt kia tha Lekin Sahil ki aisi halat dekh kar Sahil ke Saath rakkha tha Chalo badhiya h ab Kamal ko bhi maa baap mil gaye
Lala se lagta h porani dushmi h Sahil ke pariwar walo se
Baherhal dekhte h aage kia hota h
Behtareen shaandar update
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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बढ़िया अपडेट, कुछ राज खुले, लेकिन रणदीप को नहीं मारना था, अब ये राज कैसे खुलेगा कि उसने अपने बाप को क्यों मारा?

या कुछ और ट्विस्ट है इसमें भी 🤔
Thank you so much bhai
Jald he aage pata chl jayga bhai
 
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