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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

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Dost idhar ka koi msla nhi h. Naa hi yha pe kisi se koi jhgda hua hai. Mene bataaya na mei khud se jhoojh rha hu. Mujhe ab akela shaant rahna accha lagta hai.

Yha isliye aata tha ki mujhe real life me logo se dar lagta tha. OrOr yha aap sabhi virtual dosto se baate kar sukoon milta tha. Lekin Ab mujhe yha k logo se bhi dar lagne laga hai. Or ab yha bhi sukoon nhi milta. Bor ho gya hu life se.
दुःख एक ब्लैक होल की तरह हमे खींचता है ।
बुद्ध ने कहा था , " जीवन दुखम , सर्वम दुखम " यानी जीवन मे दुख है और सब जगह दुख है ।
संस्कृत के महान कवि भवभूति ने यहां तक कह दिया था , " एको रसः करूण एवः " माने रस तो केवल एक ही है और वह है करूण रस ।
सुख की छतें होती है अलग-अलग लेकिन दुख एक नीले आसमान सरीखा है जिसमे सबका समरूप हिस्सा है ।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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पंडित जी , आप तो गुदड़ी के लाल निकले ! अब तक तीन कहानी लिखा और तीनों कहानी अलग-अलग विधा मे । और सबसे बड़ी बात कि आप की सभी कहानियाँ बेहतरीन थी ।
इस कहानी मे आपने एक नया थीम पेश किया है जो थ्रिल और ट्विस्ट से भरपूर एक इंग्लिश मूवीज की तरह लग रही है । ऐसा प्रतीत होता है जैसे वास्तव मे हम हाॅलीवुड की मूवीज देख रहे हैं ।
आप की राइटिंग स्किल एक प्रोफेशनल राइटर की तरह शनैः शनैः डेवलप कर रहा है । ऐसी कहानी अधिकांशतः
अगर किरदारों के वार्तालाप के जरिए लिखा जाए और साथ मे किरदारों के मनोभाव और चरित्र पर भी प्रकाश पड़ रहा हो तब वह कहानी बहुत ही सुंदर हो जाती है ।

और इसमे कोई संदेह नही कि आप की इस कहानी की रचना शैली सजीव और प्रभावोत्पादक है ।

फिलहाल तो हम टाइटैनिक जैसी ही एक और खुबसूरत शीप के जर्नी का लुत्फ उठा रहे हैं लेकिन डर यह भी है कि इस शीप का अंजाम टाइटैनिक की तरह ही न हो जाए ।
पहले अपडेट की बात करें तो मुझे लगता है जो व्यक्ति जन्म से अंधा होता है वह भी सोते समय स्वप्न देख सकता है । वो स्वप्न मे पानी , घांस , पहाड़ , पर्वत , नदियाँ , मिट्टी , पत्ते , फूल वगैरह भले ही न देखता हो पर दैनिक जीवन मे उनका जो स्पर्श , स्वाद , सुनना से सम्बंधित जो गहनता अनुभव होता है वो अपने सरल रूप मे सपने मे देख सकता है । कुल मिलाकर वह स्वप्न देख सकता है ।
और यहां जो स्वप्न शैफाली ने देखा वह भविष्य मे आने वाले खतरे को इंगित कर रहा है ।


माइकल , मारथा , ऐलेक्स , क्रिस्टी , लाॅरेन , जेनिथ , सुयश , रोजर , लारा , जैक , जाॅनी और ब्रूनो ( सारमेय ) जैसे अनेक किरदारों से सजी इस टाइटैनिक का " रोज एंड जैक " कौन है , यह अब तक स्पष्ट नही है ।

खुबसूरत अपडेट पंडित जी । जगमग जगमग अपडेट ।
Roje and jake ka bhi pqta chal hi jayega bhai😑 bas aap to sath bane rahiye, meri kosis har baar kuch naya aur majedar dene ki hi rahegi :declare: Aapke prem aur sneh ke liye bohot-bohot dhanyawad, aise hi utsaah badhate rahiyega:hug:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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दुःख एक ब्लैक होल की तरह हमे खींचता है ।
बुद्ध ने कहा था , " जीवन दुखम , सर्वम दुखम " यानी जीवन मे दुख है और सब जगह दुख है ।
संस्कृत के महान कवि भवभूति ने यहां तक कह दिया था , " एको रसः करूण एवः " माने रस तो केवल एक ही है और वह है करूण रस ।
सुख की छतें होती है अलग-अलग लेकिन दुख एक नीले आसमान सरीखा है जिसमे सबका समरूप हिस्सा है ।
सत्य कथनं :declare:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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# -3
23 दिसम्बर 2001, रविवार, 17:30; “सुप्रीम”

ऐलेक्स बहुत मुश्किल से क्रिस्टी का रूम नंबर पता कर पाया था । यहां तक कि उसे क्रिस्टी का रुम नंबर जानने के लिए एक वेटर को पटा कर उसे 20 डॉलर भी देने पड़े थे। अंततः वह रुम नंबर 221 के आगे खड़ा था । उसने पहले अपने हाथ में पकड़ी ’ वर्ल्ड फेमस बैंक रॉबरी ’ को ठीक ढंग से पकड़ा और फिर अपने आप को देखते हुए, अपनी टाई की नॉट सही की व गले को ठीक ढंग से खखार कर साफ किया ।
अब उसके बाएं हाथ की तर्जनी उंगली डोरबेल के बटन पर थी । एक बार बटन दबाकर उसने जल्दी से हाथ हटा लिया कि कहीं ऐसा ना हो, कि कई बार बेल बजाने पर खोलने वाला गुस्से में ना बाहर निकले। कुछ देर के इंतजार के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला, तो उसने डरते- डरते पुनः बेल बजाई। तभी अंदर से कहीं सिटकनी खुलने की आवाज आयी, और सिर में टावेल लपेटे हुए क्रिस्टी ने दरवाजा खोला । सिर पर लिपटा टावेल और गले के आसपास भीगा कपड़ा इस बात का द्योतक था, कि वह नहा रही थी ।

उसके चेहरे पर भी कहीं-कहीं पर पानी की बूंदे ओस की मानिंद चिपकी हुई थीं । ऐलेक्स मंत्रमुग्ध सा अप्रतिम सुंदरता की उस प्रतिमा को निहार रहा था । वह शायद यह भी भूल गया, कि वह यहां आया किसलिए है? उधर जब क्रिस्टी के दो बार पूछने पर भी ऐलेक्स सपनों की दुनिया से बाहर नहीं आया, तो क्रिस्टी ने अपने सीधे हाथ से दरवाजा छोड़कर, जोर से ऐलेक्स की आंखों के सामने चुटकी बजाते हुए बोली-

“ऐ मिस्टर! ...... मैं तुमसे ही कह रही हूं। बार-बार घंटी क्यों बजा रहे थे? क्या काम है आपको ? ..... “ एका एक ऐलेक्स ऐसे हड़बड़ा गया, जैसे वह सोते से जागा हो ।

“हैलो ! मेरा नाम ’ऐलेक्जेंडर ओता नोव’ है।“ ऐलेक्स ने अपनी भूरी-भूरी आंखों से क्रिस्टी को निहारते हुए, अपना बांया हाथ आगे बढ़ा कर कहा - “आप प्यार से मुझे ऐलेक्स कह सकती हैं।“

“हैलो ! ..... “ क्रिस्टी ने अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ा दिया - “मुझे क्रिस्टी कहते हैं, पर मैंने आपको पहचाना नहीं ।“ ऐलेक्स ने धीरे से क्रिस्टी का हाथ उठा कर चूमा और फिर इस तरह शाइस्तगी से उसे छोड़ा, मानों वह हाथ ना हो कर कांच का कोई शोपीस हो। क्रिस्टी की सवालिया निगाहें पुनः ऐलेक्स पर थीं । ऐलेक्स ने धीरे से अपने दाहिने हाथ में पकड़ी वह किताब, जिसे अब तक वह छिपाने का प्रयास कर रहा था, क्रिस्टी की तरफ बढ़ा दी ।

“यह किताब आप डेक पर ही भूल गयीं थीं, मैं यही आपको वापस करने आया हूं।“ ऐलेक्स ने अपने स्वर को बहुत नम्र बनाते हुए जवाब दिया ।

“ओ ऽऽऽऽऽ! थैंक्यू-थैंक्यू।“ क्रिस्टी ने आभार प्रकट करते हुए किताब को धीरे से ले लिया । उसकी निगाह फिर ऐलेक्स पर पड़ी, मानो वह पूछना चाहती हो, कि क्या अब मैं दरवाजा बंद कर सकती हूं। पर ऐलेक्स की तरफ से कोई जवाब ना पाकर वह धीरे से पीछे हटी । ऐलेक्स को ऐसा लगा कि यदि वह तुरंत कुछ ना बोला, तो क्रिस्टी दरवाजा बंद कर लेगी ।

“मुझे आपका रूम नंबर पता करने के लिए 20 डॉलर खर्च करने पड़े।“ ऐलेक्स हड़बड़ा कर बोला । फिर तुरंत चुप हो गया । उसे लगा कि वह जल्दबा जी में गलत बोल गया ।

“20 डॉलर!“ क्रिस्टी ने हंसकर किताब का पिछला पेज ऐलेक्स के चेहरे के आगे कर दिया -

“आपने ज्यादा दे दिया मिस्टर। यह किताब तो मात्र 15 डॉलर की है। हां लेकिन अब आप किताब मेरे पास लेकर आए ही हैं, तो फिर मैं आपके 20 डॉलर आपको जरूर दूंगी ।“ यह कहकर जैसे ही क्रिस्टी अंदर जाने के लिए पलटी , ऐलेक्स ने उसे टोक दिया –

“इक्सक्यूज मी ! मैंने आपसे पैसे तो नहीं मांगे।“ क्रिस्टी पुनः पलटते हुए बोली -

“अच्छा ! मैंने तो समझा, आप शायद इसीलिए रुके हुए हैं।“

“नहीं ...... वो ....मैं तो ......। क्या आप आज रात का डिनर मेरे साथ ले सकती हैं?“ ऐलेक्स ने एकाएक घबराहट छोड़ पूर्ण आत्मविश्वास से क्रिस्टी की आंखों में झांकते हुए कहा ।

“व्हाट!“ क्रिस्टी एका एक ऐलेक्स के टॉपिक चेंज कर देने से बौखला उठी ।

“क्या आप आज रात का डिनर मेरे साथ ले सकती हैं?“ ऐलेक्स ने किसी घिसे-पिटे टेप रिकॉर्डर की तरह रिप्ले हो कर, फिर से वही डायलॉग दोहराया । इस बार क्रिस्टी के चेहरे पर एक अर्थपूर्ण मुस्कान उभरी । वह धीरे से अपना चेहरा ऐलेक्स के चेहरे के सामने लाकर बोली –


“सुनिए मिस्टर! मैं अजनबियों के साथ डिनर पर नहीं जाती । आप कोई और दरवाजा खटखटाइये।“ यह कहकर वह फिर से दरवाजा बंद करने लगी । यह देखकर ऐलेक्स ने पुनः एक बार उसे रोक दिया ¬-

“एक मिनट रुकिए तो .............। चलिए अच्छा आप डिनर पर नहीं जाना चाहतीं हैं, तो मत जाइये, पर यह तो बता दीजिए, कि हम कल कहां पर मिलें।“

“मैं अजनबियों से ज्यादा बातें करना भी पसंद नहीं करती ।“ इस बार क्रिस्टी ने थोड़ा झुंझला कर गुस्से में कहा-

“अब आप जा सकते हैं, और हां .....यह समझ लीजिए कि आपके 20 डॉलर बेकार चले गए।“ यह कहकर क्रिस्टी ने धडा ऽऽऽक की आवाज के साथ दरवाजा बंद कर दिया । ऐलेक्स दरवाजे पर अकेला रह गया । लेकिन उसके और दरवाजे के बीच एक चीज और रह गयी और वह थी, शैंपू व सेंट की भीनी -भीनी खुशबू। जो कि कुछ देर पहले क्रिस्टी के शरीर से उठ रही थी। ऐलेक्स वहां खड़ा कुछ देर सोचता रहा और फिर जोर-जोर से सांस लेता हुआ बुदबुदाया-

“मेरे 20 डॉलर बेकार नहीं जाएंगे मिस क्रिस्टी । उससे ज्यादा की तो मैं खुशबू ही यहां से लेता जाऊंगा ।“


23 दि सम्बर 2001, रविवार, 19:00; “सुप्रीम” का डिनर हॉल, सुप्रीम की ही तरीके से अत्यंत विशालकाय था । थोड़ी-थोड़ी दूर पर बड़े ही करीने से, कुछ गोल टेबल व उसके इर्द-गिर्द, 4-4 कुर्सियां लगीं हुई थीं। हॉल के एक साइड में, एक बहुत बड़ा अर्धचंद्राकार स्टेज बना था । जिसके चारो ओर कांच के लगे पारदर्शक पत्थरों के पीछे, सैकड़ों रंग की लाइटें लगीं हुईं थीं । स्टेज का फर्श और दीवारें भी, उसमें लगी लाइटिंग के कारण चमक उत्पन्न कर, एक अद्भुत छटा बिखेर रहा था। वह हॉल उस समय किसी छोटे से स्टेडियम की भांति प्रतीत हो रहा था। इसी स्टेज पर डांस ग्रुप को परफॉर्म करना था । स्टेज के एक किनारे पर अनाउंसमेंट के लिए एक लकड़ी का पोडियम लगा था, जिसमें एक माइक फिक्स था। हॉल के एक साइड में एक बड़ा सा बार का उंटर भी बनाथा, जिसके पीछे दुनिया के हर अच्छे ब्रांड की बियर, व्हिसकी व शैम्पेन लगी थी । डिनर हॉल की फर्श व छतों पर लगा शानदार कलर र्पेट, उसकी शोभा में चार चांद लगा रहे थे। कुल मिलाकर वह हॉल सभी सुविधा से युक्त एक 5 सितारा होटल सा नजारा प्रस्तुत कर रहा था । हॉल की लगभग सभी कुर्सियां भरी हुई थीं ।

कुछ लोग डिनर ले रहे थे तो कुछ बियर व व्हिस्की की चुस्कियां ले रहे थे। तभी स्टेज पर सफेद ड्रेस पहने कुछ लोग आकर खड़े हो गए। देखने से ही लग रहा था, कि यह सभी शिप के चालक दल व उसके सहायक हैं। तभी उनमें से एक व्यक्ति ने आगे आकर माइक को संभाल लिया । उसके कंधे पर झलक रहे स्टार व उसके सीने पर लटक रहे असंख्य मेडल, इस बात का सबूत थे कि वही इस शिप का कैप्टन है।

“लेडीज एंड जेंटलमैन! कृपया ध्यान दें। मैं इस शिप का कैप्टन हूं और आज इस शिप के पहले और ऐतिहासिक सफर में आप सभी का स्वागत करता हूं। मैं चाहूंगा, कि यह शिप सफलता के नए कीर्तिमान बनाए।“
कुछ क्षण रुककर कैप्टन ने फिर बोलना शुरू किया-

“सबसे पहले मैं आप लोगों को अपना व अपने सहायक दल से परिचय कराना चाहूंगा। मेरा नाम सुयश है। मैं मूलतः भारत का रहने वाला हूं। मुझे समुद्री यात्राओं का भरपूर अनुभव है। मेरे इतने अनुभव की वजह से ही, मुझे इस शानदार शिप का कैप्टन बनाया गया है। मेरे पीछे खड़े दाहिने से पहले व्यक्ति असिस्टेंट कैप्टन रोजर, इसके बाद सेकेण्ड असिस्टेंट कैप्टेन असलम, फिर सिक्योरिटी इंचार्ज लारा, उसके बगल उनके असिस्टेंट ब्रैंडन, फिर ..........।“

इस तरीके से कैप्टन, सभी का परिचय कराने के बाद पुनः बोला -

“जैसा कि पहले मैं आप लोगों को बता दूं कि मैं नियम और कानून का बहुत पक्का आदमी हूं। मैं चाहता हूं कि आप सभी लोग इस शिप पर एक परिवार की तरीके से रहें। किसी भी यात्री को अगर इस शिप पर, किसी तरीके की परेशानी आती है तो आप 555 नंबर पर सीधे सिक्योरिटी इंचार्ज से बात कर सकते हैं। आप सभी इस शिप पर पूरा इंज्वाय कर सकते हैं। यहां पर आप सभी के रुचियों को ध्यान में रखते हुए, लगभग सभी सुविधाएं रखी गईं हैं। आप इन सभी सुविधाओं का पूरा आनंद उठा सकते हैं। और अब अंत में मैं आपके इस खुशनुमा सफर की मंगल-का मना करता हूं। और अब आपके लिए पेश है फ्रांस का मशहूर ’ड्रीम्स डांस ग्रुप’।“

इतना कहकर कैप्टन सुयश, माइक छोड़कर स्टेज से उतर गया और उसके साथ स्टेज से सारे चालक दल के लोग भी चले गये। इसी के साथ पूरे हाल की लाइट धीमी कर दी गई। हॉल में बिल्कुल सन्नाटा छा गया । तभी स्टेज पर दूर कहीं से एक रोशनी, गोले के रूप में पड़ी । इस रोशनी के गोले में तेज चमक मारती हुई, गुलाबी पोशाक पहने जेनिथ दिखा ई दी । इस तरीके से रोशनी का गोला थोड़ा स्टेज पर आगे बढ़ा ।

उस छोटे गोले के पीछे एक और रोशनी का बड़ा गोला उभरा । जिसमें लॉरेन सहित बाकी डांसर्स आते दिखाई दिए। धीरे-धीरे हल्की म्यूजिक पर डांस शुरू हुआ। सभी मंत्रमुग्ध से इस शानदार डांस का आनंद उठा रहे थे।

“मजा आ गया यार! फ्रांस की मशहूर डांसर जेनिथ, इस शिप पर। अब हमारा सिडनी तक का सफर बहुत अच्छा रहेगा ।“ जैक ने जॉनी के कंधे पर हाथ मारते हुए कहा ।

“कहां ! ...... कहां है जे..नि ..थ?“ जॉनी ने पैग उठाते हुए, लड़खड़ाती जुबान में पूछा ।

“अरे! वो देख सामने स्टेज पर।“ जैक ने स्टेज की ओर मुंह घुमाते हुए कहा ।

“यार! मु..झे तो पता ... ही ...नहीं ..था कि शि ..प पर जेनिथ भी है।“ जॉनी पूरी तरह से नशे की तरंग में था ।

“मुझे ही कहां पता था, वो तो कैप्टन ने इसके बारे में जब अनाउंसमेंट किया, तब मुझे पता चला ।“ जैक ने जेनिथ को देखते हुए कहा ।

“क्या क......हा ऽऽऽऽ कैप्टन ने इस ... के बा ऽऽऽ रे में भी अना ...उंस किया ऽऽऽ था ।“ जॉनी ने झूमते हुए कहा - “मैं तो समझा ऽऽऽ कैप्ट...न खाली बकवा ऽऽ स कर रहा था ।“

“अबे पीना छोड़। डांस देख डांस।“ जैक ने जॉनी की खोपड़ी अपने हाथों से पकड़कर जबरदस्ती स्टेज की ओर घुमा दी ।

“हा ऽऽऽऽय यार क्या ऽऽऽ नाचती है?“ जॉनी ने अपना चेहरा घुमाते हुए कहा - “और इ .....सकी सफेद ... ड्रेस .... कितनी शा ऽऽऽनदार है।“

“सफेद ड्रेस! जैक ने आश्चर्य से जॉनी की ओर देखा - “पर जेनिथ तो गुलाबी ड्रेस पहने है।“

“फिर ये कौन ना ऽऽऽच रहा ऽऽऽ है।“ इस बार जॉनी के स्वर में उलझन के भाव थे। जैक ने जॉनी की तरफ देखा और उसकी निगाहों का पीछा करते हुए जब उस दिशा में देखा, जिधर जॉनी देख रहा था, तो अपनी खोपड़ी पीट ली -

“अरे गधे! तू जिसे जेनिथ समझ रहा है, वह वेटर है और वह आर्डर सप्लाई कर रहा है। कितनी बार कहा, कम पिया कर। पर मेरी मानता ही नहीं ।“

“वह वेटर है! मैं तो उ...से ही जे....नि ... थ समझ रहा ऽऽऽ था ऽऽऽ।“ जॉनी ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा - “पर एक बा ऽऽत सम ..झ में नहीं आ ऽऽई, यह वेट ..र नाऽऽच क्यों ... रहा ऽऽ है?“

“अरे! वो नहीं नाच रहा है। नशे के अधिक हो जाने से तेरी खोपड़ी झूम रही है।“ जैक ने झुंझला कर कहा । और एक बार फिर उसकी खोपड़ी पकड़कर स्टेज की ओर घुमा दी ।



जारी रहेगा........:writing:
बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Raj_sharma

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बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Aaj hi aayega bhai agla update,
Thank you very much for your wonderful support and review :hug:
 

Raj_sharma

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#4
चैपटर-2
23 दि सम्बर 2001, रविवार, 22:30; “सुप्रीम”

कैप्टन सुयश को वायरलेस रूम में प्रवेश करते देख, ऑपरेटर ने ईयरपीस कान से हटाकर, अपनी कुर्सी से खड़ा हो गया ।

“कैप्टन! आपके लिए न्यूयॉर्क बंदरगाह से कोई मैसेज है।“ ऑपरेटर ने कैप्टन सुयश को देखते हुए कहा । कैप्टेन सुयश तुरंत ऑपरेटिंग कुर्सी पर बैठते हुए, ऑपरेटर से ईयरपीस लेकर अपने कानों पर चढ़ा लिया ।

“हैलो -हैलो ! सुप्रीम कॉलिंग डेल्टास्टार।“ कैप्टेन सुयश ने कहा ।

“डेल्टास्टार कॉलिंग सुप्रीम।“ इयरपीस पर उधर से आती हुई एक महीन सी आवाज सुनाई दी-

“हम आपकी आवाज सुन रहे हैं। क्या आप कैप्टन सुयश बोल रहे हैं? ओवर!“

“यस! मैं सुप्रीम से कैप्टन सुयश बोल रहा हूं। ओवर!“

“कैप्टेन! मैं न्यूयॉर्क के बंदरगाह से बोल रहा हूं। अभी-अभी हमें इंटरपोल द्वारा विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है, कि आपके शिप पर कुछ खतरनाक अपराधी भी सफर कर रहे हैं। उनके पास खतरनाक हथियार भी हो सकते हैं। इसलिए इंटरपोल ने हमें तुरंत आपको यह मैसेज भेजने के लिए कहा है। ओवर!“

“खतरनाक अपराधी !“ कैप्टेन सुयश आश्चर्य से भर उठा- “वो भी खतरनाक हथियार के साथ। कैप्टन सुयश ने 1 सेकेंड रुक कर फिर कहा-

“क्या आप हमें बता सकते हैं? कि वह संख्या में कितने हैं? या वह दिखने में कैसे हैं? या फिर कोई उनकी ऐसी पहचान, जो उन को पकड़वाने में मदद कर सके? ओवर!“

“हमें अभी तक इस तरह की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।“ उधर से आवाज आयी- “वो एक से लेकर दस तक की संख्या में भी हो सकते हैं। वह आदमी या औरत में भी हो सकते हैं। ओवर!“

“तो फिर हम इतनी भीड़ में उन्हें पहचानेंगे कैसे?“ कैप्टन सुयश ने व्यग्र स्वर में कहा- “ओवर!“

“हमें तो जितना पता था, उतना हमने बता दिया। आगे जैसे ही हमें इंटरपोल से कोई अन्य मैसेज मिलेगा, हम आपको जरूर बताएंगे। आगे हम इतना ही कह सकते हैं, कि यदि आप उन्हें पहचान कर पकड़ने में कामयाब हो जाते हैं, तो फिर अगले स्टॉपेज पर उन्हें इंटरपोल के हवाले कर दीजिएगा ।“ कुछ क्षण रुककर उधर से पुनः आवाज आई-

“आपको और कोई सवाल पूछना है? ओवर!“

“नहीं ! ओवर एण्ड आउट।“ इतना कहकर कैप्टन सुयश ने संबंध विच्छेद कर दिया । तभी पास में खड़े असिस्टेंट कैप्टन रोजर, जोनाजा ने कब आकर पीछे खड़ा हो गया था, और इतनी देर से उनकी आधी अधूरी बातें सुन रहा था, उसने पूछ लिया -

“क्या बात है कैप्टन? आप कुछ परेशान से दिख रहें हैं। क्या बात हुई? सब ठीक तो है ना ?“ कैप्टन सुयश ने रोजर की बात अनसुनी कर, वायरलेस रूम से बाहर निकलते हुए कहा-

“सिक्योरिटी इंचार्ज लारा को लेकर तुरंत मेरे केबिन में आओ रोजर।“

23 दिसम्बर 2001, रविवार, 23:15; “सुप्रीम”

इस समय असिस्टेंट कैप्टन रोजर व सिक्योरिटी इंचार्ज लारा, दोनों ही कैप्टन सुयश के सामने बैठे थे।

“मैं आप लोगों से वायरलेस पर हुई सारी बातें बता चुका हूं।“ सुयश ने चिंतित स्वर में रोजर व लारा की तरफ देखते हुए कहा- “अब आप ही बताइए, कि इतने बड़े शिप पर अपराधियों को कैसे ढूंढा जा सकता है?“

कुछ क्षणों के लिए तीनों के बीच सन्नाटा छा गया। इस लंबे खिंच रहे सन्नाटे को तोड़ा , रोजर की आवाज ने-

“कैप्टन! सबसे पहले हमें अपराधी को पहचानने के लिए, कोई प्लान बनाना होगा । क्यों कि ऐसे तो शिप में कुल 2700 यात्री सफर कर रहे हैं। अब इसमें से किसी विशेष व्यक्ति की पहचान कर पाना बिल्कुल असंभव है। और वह भी तब जबकि हमें उसके बारे में कुछ ना पता हो।“

“यही तो मैं भी कहना चाहता हूं।“ सुयश ने चिंतित स्वर में उठकर चहल कदमी करते हुए कहा -

“पर, प्लान क्या बनाएं?“ पुनः कमरे में एक तीव्र सन्नाटा व्याप्त हो गया। घड़ी की सुईयों की तरह टक-टक करता हुआ, सभी का दिमाग तेजी से चल रहा था। पुनः रोजर की आवाज ने सन्नाटे को तोड़ा-

“कैप्टन! सबसे पहले हमें यह पता लगाना होगा कि अपराधियों की संख्या कितनी है?“

“मैं कहता हूं कि अपराधियों की संख्या 5 है।“ लारा ने रोजर को देखते हुए कहा- “लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। सबसे बड़ी प्रॉब्लम तो अपराधी का पता लगाने की है, ना कि उनकी संख्या जानने की।“

“फर्क पड़ता है।“ रोजर ने अपने शब्दों पर जोर देते हुए कहा- “क्यों कि, यदि अपराधी ज्यादा संख्या में है, तो वह सारे एक जगह पर कमरे नहीं लिए होंगे। और ना ही वह ग्रुप में बैठते होंगे।“

“क्या कहना चाहते हैं आप?“ सुयश ने रोजर की ओर देखते हुए कहा ।

“कहने का मतलब यह है कैप्टन कि सबसे पहले इतने बड़े शिप में हमें ग्रुप बनाने होंगे। कि कौन सा व्यक्ति अपराधी हो सकता है? और कौन नहीं । ग्रुप से मेरा मतलब यह है, कि यदि कोई आदमी अपने बच्चों के साथ सफर कर रहा है। तो हमारी समझ से वह अपराधी नहीं हो सकता। इसलिए उसे हम अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे और हम उसे नहीं चेक करेंगे।“

“वेरी गुड!“ सुयश ने रोजर की तारीफ करते हुए कहा- “अच्छा, अब हमने उन आदमियों को अपने ग्रुप से बाहर करना है, जो ग्रुप बना कर बैठते हैं, क्यों कि अपराधी कभी ग्रुप में नहीं बैठेगा।“

“बिल्कुल ठीक कैप्टन।“ रोजर खुशी से बोला- “यही तो मैं कहना चाह रहा था। अब हम बिल्कुल सही लाइन पर बढ़ रहे हैं।“

“जिनके साथ बूढ़ी महिलाएं हैं, गौरतलब है सिर्फ बूढ़ी महिलाएं।“ लारा ने महिला शब्द पर ज्यादा जोर देते हुए कहा-

“क्यों कि बूढ़ा आदमी तो अपराधी हो सकता है, पर बूढ़ी महिला नहीं। ऐसे लोगों को भी हमें अपने ग्रुप से बाहर कर देंगे।“

“अब हमें कोई ऐसी निशानी ढूंढनी है, जो साधारण आदमी में तो आसानी से ना मिलती हो पर हर अपराधी में पाई जाती हो।“ सुयश ने दिमाग पर जोर डालते हुए, रोजर व लारा की तरफ देखते हुए कहा। एक बार फिर केबिन में सन्नाटा छा गया । सभी अपने-अपने दिमाग का पूरा इस्तेमाल कर रहे थे। पुनः रोजर ने अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दिया-

“सर! सारे अपराधी हथियार चलाना जानते हैं। पर सारे यात्री हथियार नहीं चला सकते।“

“मार्वलश!“ सुयश की आंखों में यकायक जैसे हजार वाट का बल्ब जल गया हो। लारा की आंखों में भी रोजर के लिए प्रशंसा के भाव थे।

“लेकिन सर!“ लारा के शब्दों में व्यग्रता झलक रही थी-

“यह कैसे पता करेंगे? कि कौन सा यात्री हथियार चला लेता है? और कौन नहीं ?“

“यह पता करना तो बहुत आसान है।“ सुयश ने लारा को देखते हुए कहा-

“हम शिप पर एक निशाने बाजी की प्रतियोगिता रखेंगे। सभी लोगों से यह कह दिया जाएगा, कि यह मात्र मनोरंजन के लिए है। जिसको-जिसको निशानेबाजी का शौक है। वह हमारी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। और मेरा यह दावा है कि जो भी अपराधी शिप में है, वह इस प्रतियोगिता में भाग अवश्य लेगा। लेकिन परेशानी यह है, कि अगर वह पूछेंगे कि यह प्रतियोगिता किस उपलक्ष में की जा रही है, तो उन्हें हम क्या जवाब देंगे।“

“तो इसमें सोचने वाली क्या बात है?“ लारा ने कहा- “आज 23 दिसंबर है। आज से ठीक 2 दिन बाद क्रिसमस का त्यौहार है। सभी लोग उसकी पार्टी तो मनाएंगे ही .... इसी में हम प्रतियोगिता भी करा देंगे।“

“तो बिल्कुल फाइनल रहा।“ सुयश ने ’थम्बस-अप’ की स्टाइल में अपनी मुट्ठी को बंद कर, अंगूठा ऊपर करते हुए, जोरदार झटके से हाथ हिलाया-

“कल मैं सभी लोगों को यह अनाउंस कर दूंगा। और हां लारा तुम अपनी सिक्योरिटी के सभी आदमियों को अलर्ट कर दो कि वह सभी यात्रियों पर कड़ी नजर रखें।“

इतना कहकर सुयश ने अपनी इस छोटी सी मीटिंग का समापन किया। रोजर व लारा भी चुपचाप कमरे से निकल गए।





जारी रहेगा…….... :writing:
 

Raj_sharma

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बहुत बहुत शुभकामनाएँ नईं कहानी के लिए मित्र !

प्रतीक्षा है पहले भाग के अपडेट की!

Congratulations🎉🎉🎉 for starting new story dear Raj sir ❤

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कहानी के पहले एपिसोड की प्रतीक्षा है!

बहुत अच्छी शुरुआत है भाई।
आशा है कि कहानी रोचक रहेगी। ऑल द बेस्ट 👌👏
अभी कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। दो तीन और अपडेट के बाद ही कुछ लिख सकूंगा 🙂

वाओ... एक के बाद एक धमाकेदार टाइटल. पहला दिल्ली वाला किस्सा जो आप की साफ सरल सोच दर्षा रहा था. उसके बाद रोमांटिक स्टोरी. एक फीलिंग थी. जो ईमानदारी से अपने शब्दो मे पेश की. तब कुछ पकड़ मुजे ढीली लगी.

लेकिन सर्द रात ने तो सबको चकित कर दिया. और अब अमेज़िंग शब्द सुप्रीम. कुछ नया करने की चाह साफ दिखाई देती है. मुजे आप पर पूरा भरोसा है पंडितजी. आप एक बहेतरीन राइटिंग स्किल पेश करोगे. आप का काम अमेज़िंग है.

महत्व पूर्ण बात ये है की आप कंटेंट पर ध्यान दे रहे हो. जो एक राइटर की कल्पना या दृस्टि जता रहा है.


(सुझाव : बस कोसिस करना की जो माहोल दिखा रहे हो. उसकी भाषा पे थोडा जरूर दयान देना. जैसे की मुम्बइया भाषा सर्द रात मे आप ने दिखाने की कोसिस की थी. या फिर पारसी भाषा वो भी लास्ट स्टोरी मे थी. क्यों की आप माहोल स्क्रिप्ट सब कुछ उस माहोल को बनाने मे कामयाब हो. बस 100% से 99.99% जो 00.01% की कमी लगी.)

:congrats: For starting new story thread
Hope this story will touch our hearts :heart:

All the best :goteam:

बढ़िया

एक अंधी लड़की, जो सपने देखती है, शायद भविष्य के, और एक्स्ट्रा टैलेंटेड भी है।

एक और लड़की जो क्राइम नोवेल लिखती है।

एक प्रोफेसर, जो शायद आंखो का डॉक्टर है।

एक समुद्री यात्रा, वो भी दुनिया के एक कोने से दूसरे तक....

लगता है रोमांच भरपूर होगा।

:applause:

प्रारम्भ के अध्यायों से तो बहुत बड़ा थ्रिलर प्लॉट लग रहा है
दो नहीं बल्कि तीन आधार बिंदु हैं
शैफाली जो अन्नी है जन्म से लेकिन सपने देखती है
क्रिस्टीना और उसका रहस्यमय ब्यायफ्रैंड
लॉरेन जो डांसर है

और एक अजनबी जो दुश्मन हो सकता है

Awesome update
Dono saheliyo ki life kafi rahsaymayi hai,
Loren ke boyfriend ne use agah kiya hai dusmno se lekin koi Kristi ke pichhe bhi hai

बहुत ही सुंदर लाजवाब और अद्भुत रमणिय अपडेट है भाई मजा आ गया
चलो मार्था, शेफाली और मायकल का समुंद्री सफर शुरु हो गया साथ में ब्रूनो भी लगता हैं इस सफर के ही सपने शेफाली को आते होगे जो आगे कुछ अघटीत होने वाला हैं उसके संकेत
खैर देखते हैं आगे क्या होता है

Thik hai Sharma ji jaroor padhunga reviews bhi dunga :)

Awesome update

Aur kuchh updates likhiye ek sath padh lunga....

Superb update Bhai
Aur last me ye jack or johny ki conversation funny lagi

Bahut badhiya or funny update raha ye to

Alex jahan christi se bat karne me hi itna dar raha ha to wahin idhar jack or jiny ki funny baten jari ha lagta ha ye ship ka safar bahut hi yadgar hone wala ha in sabka bas twist ka intejar ha jab ye safar normal safar nahi rahega waise chhoti chhoti baton ka bahut dhyan rakha gaya ha story me

Bahut hi badhiya update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and beautiful update....

Dost idhar ka koi msla nhi h. Naa hi yha pe kisi se koi jhgda hua hai. Mene bataaya na mei khud se jhoojh rha hu. Mujhe ab akela shaant rahna accha lagta hai.

Yha isliye aata tha ki mujhe real life me logo se dar lagta tha. OrOr yha aap sabhi virtual dosto se baate kar sukoon milta tha. Lekin Ab mujhe yha k logo se bhi dar lagne laga hai. Or ab yha bhi sukoon nhi milta. Bor ho gya hu life se.

पंडित जी , आप तो गुदड़ी के लाल निकले ! अब तक तीन कहानी लिखा और तीनों कहानी अलग-अलग विधा मे । और सबसे बड़ी बात कि आप की सभी कहानियाँ बेहतरीन थी ।
इस कहानी मे आपने एक नया थीम पेश किया है जो थ्रिल और ट्विस्ट से भरपूर एक इंग्लिश मूवीज की तरह लग रही है । ऐसा प्रतीत होता है जैसे वास्तव मे हम हाॅलीवुड की मूवीज देख रहे हैं ।
आप की राइटिंग स्किल एक प्रोफेशनल राइटर की तरह शनैः शनैः डेवलप कर रहा है । ऐसी कहानी अधिकांशतः
अगर किरदारों के वार्तालाप के जरिए लिखा जाए और साथ मे किरदारों के मनोभाव और चरित्र पर भी प्रकाश पड़ रहा हो तब वह कहानी बहुत ही सुंदर हो जाती है ।

और इसमे कोई संदेह नही कि आप की इस कहानी की रचना शैली सजीव और प्रभावोत्पादक है ।

फिलहाल तो हम टाइटैनिक जैसी ही एक और खुबसूरत शीप के जर्नी का लुत्फ उठा रहे हैं लेकिन डर यह भी है कि इस शीप का अंजाम टाइटैनिक की तरह ही न हो जाए ।
पहले अपडेट की बात करें तो मुझे लगता है जो व्यक्ति जन्म से अंधा होता है वह भी सोते समय स्वप्न देख सकता है । वो स्वप्न मे पानी , घांस , पहाड़ , पर्वत , नदियाँ , मिट्टी , पत्ते , फूल वगैरह भले ही न देखता हो पर दैनिक जीवन मे उनका जो स्पर्श , स्वाद , सुनना से सम्बंधित जो गहनता अनुभव होता है वो अपने सरल रूप मे सपने मे देख सकता है । कुल मिलाकर वह स्वप्न देख सकता है ।
और यहां जो स्वप्न शैफाली ने देखा वह भविष्य मे आने वाले खतरे को इंगित कर रहा है ।


माइकल , मारथा , ऐलेक्स , क्रिस्टी , लाॅरेन , जेनिथ , सुयश , रोजर , लारा , जैक , जाॅनी और ब्रूनो ( सारमेय ) जैसे अनेक किरदारों से सजी इस टाइटैनिक का " रोज एंड जैक " कौन है , यह अब तक स्पष्ट नही है ।

खुबसूरत अपडेट पंडित जी । जगमग जगमग अपडेट ।

Raj_sharma bhai mast update h

बहुत ही शानदार और जानदार अपडेट हैं भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Update Posted friends :declare:
 
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