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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
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UPDATE 167

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

राहुल अब काफी हद तक अपनी मा से खुल चुका था लेकिन शब्दो की मर्यादा दोनो मा बेटे ने अभी तक नही लान्घी थी ।
वासना मे घिरे हुए ही सही लेकिन दोनो मे किसी ने भी खुले शब्दो ये इच्छा जाहिर नही होने दीया कि वो दोनो एक दूसरे से क्या चाहते है ।

मौके का फायदा उठाते हुए राहुल ने दो बार अपनी मा से अपना मुसल चुसवा चुका था लेकिन उसकी बेचैनी घटने का नाम नही ले रही थी ।
वही शालिनी के उपर बेटे के साथ साथ बाप की हवस का बोझ बढ़ रहा था ।
जन्गीलाल ने भी दो तीन बार मौका देखकर शालिनी के अंगो के साथ खेला और लण्ड शान्त किया ।

हालत ये थी कि शालिनी की चुत बहुत ही पानी बहा रही थी लेकिन उसकी गर्मी नही मिट पाई थी वही आज राहुल भी पूरी जिद थी कि उसे मम्मी पापा वाला खेल देखना है ।

वही शालिनी भी चाह रही थी कि राहुल के साथ ये खेल जल्द ही खतम हो जाये क्योकि सोनल की शादी को ज्यादा दिन बाकी भी नही थे और कब उसकी जेठानी के यहा से उसका बुलावा आ जाये कोई पता नही था ।
अभी रात के 9 बज रहे थे ।
घर मे सभी लोग खाना पीना कर चुके थे ।
शालिनी किचन मे बर्तन खंगाल रही थी कि पीछे से राहुल ने एक बार फिर अपने तने हुए लण्ड से शालिनी के गाड़ की दरारो मे दस्तक थी और शालिनी गनगना गयी ।


राहुल अपना लण्ड अपनी मा के गाड़ पर घुमाता हुआ घिस रहा था - मम्मी प्लीज ना सिर्फ आज के लिए

शालिनी कसमसाहत भरी आवाज मे - तुझे क्यू देखना है वो सब
राहुल - बस ऐसे ही मन कर रहा है

शालिनी चिंतित भाव मे - कही तेरे पापा ने देख लिया तो
राहुल - पक्का मै छिप कर रहूंगा , वो नही देख पायेंगे

शालिनी अपने हाथ साफ करके राहुल के लण्ड को पकड कर उससे अलग होते हुए - अच्छा ठिक है लेकिन बस कुछ मिण्ट के लिए ही देखना और फिर वापस कमरे मे ठिक है

राहुल चहक कर - ठिक है मम्मी उम्म्म्माह

शालिनी मुस्कुरा कर - धत्त शैतान कही का अब कमरे मे जा मै बाहर की सारी लाईट बुझाकर ही कमरे मे जाऊंगी

राहुल चहकता हुआ कमरे मे चला गया और शालिनी ने बाहर की सारी लाईट बुझा कर कमरे को हल्का भिड़काते हुए कमरे मे चली गयी ।
अन्दर कमरे मे जंगीलाल ने जैसे ही शालिनी की आहट पाई उसे इस बात की फ़िकर ही नही थी कि कमरे का दरवाजा किस हालत मे है ।
शालिनी जिस तरह से अपने जिस्म को कामुक अदाओ से बल्खाते हुए अपने पति की ओर बढ रही थी वैसे वैसे ही जन्गीलाल के जान्घिये मे लण्ड ने बडी तेजी से तम्बू बनाना शुरु कर दिया था ।
जंगीलाल - ओह्ह्ह जान तुम हर बार मुझे पागल कर देती हो , इतनी नशीली क्यू हो तुम

ये बोलकर जंगीलाल ने लपक कर शालिनी को का हाथ खीच कर उसे अपनी गोद मे बिठा लिया ।

अपने पति के नंगे जिस्मो का स्पर्श पाकर शालिनी सिहर गयी और उसकी धडकनें तो बस राहुल के बारे मे सोच कर ही तेजी से धडक रही थी जिससे उसके चूचे जंगीलाल के सीने पर दबाव बना रहे थे और जन्गीलल भी इसको महसूस कर पा रहा था ।

शालिनी तोड़ा इतराते हुए खुद को छुड़ाने की कोसिस करती हुई - अह्ह्ह छोडिए ना जी ,, आपको तो बस वही सब करना है

जंगीलाल अपनी बिबी के गालो को चूमता हुआ - उम्म्ंम जान तुझे देखने के बाद कुछ सूझता ही नही

शालिनी ने नजरे उठा कर अपने पति को देखा और आंखे दिखाते हुए पुछा- समझ क्या रखा है आपने मुझे उम्म्ं

जंगीलाल शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ उसके कूल्हो को मसलते हुए बोला - अपनी रंडी

अपने पति के मुह से ऐसे शब्द सुन कर शलिनी का दिल ध्क्क करके रह गया और वो ये सोच रही थी कि कही राहुल ने सुन तो नही लिया ना ,,,

वही कमरे के बाहर खड़ा राहुल ने जब अपने बाप के मुह से ऐसे शब्द सुने तो उसका लण्ड फड़फडा गया ।

राहुल मन मे - अह्ह्ह पापा सही कह रहे हो मम्मी किसी रन्डी से कम नही है उह्ह्ह कुछ करो ना खोलो ना मम्मी की चुचिया उम्म्ं

शालिनी अपने पति की ओर पीठ करती हुई एक नजर दरवाजे पर देखती हुई - धत्त क्या जी आप ऐसे उलटा सीधा बोल रहे हो

जन्गीलाल ने मौका पाया और पीछे से शालिनी के चुचे टीशर्ट के उपर से मसलते हुए - सही तो कह रहा हू मेरी रन्डी है तू


शालिनी अपने चुचो पर पति के हथेली का स्पर्श पाते ही मचल उठी और सिस्कने लगी उसकी आंखे बंद हो गयी थी और वही राहुल के चेहरे के भाव बदलने लगे थे ।

उसे लगने लगा था कि खेल शुरु हो गया है और वो अपना लण्ड भी बाहर निकाल चुका था ।

कमरे मे जंगीलाल ने शालिनी की चुचिया मिजते हुए अपने हाथ उसके टीशर्ट मे घुसा दिये और नंगी नंगी चुचियो को टीशर्ट के अन्दर से मसलने लगा ।

शालिनी अपने पति के सीने पर लोटने लगी थी और उसकी एडिया ऐठने लगी थी ।
शालिनी का जोश आज राहुल की उपस्थिति मे बढ गया था वो पूरी तरह अकड़ रही थी इस कलपना मे कि राहुल के मन मे उसके लिये क्या चल रहा होगा ।

क्या वो अपना लण्ड मसल रहा होगा ये सब देख कर ।
वही जंगीलाल अपनी बिवी की गर्मी से और भी जोश मे आ गया और उसने शलिनि की सरकती जान्घो को पकडते हुए अपनी ओर खिच लिया और सीधा चुत के उपर हाथ रख कर उसकी बुर टटोलने लगा ।

राहुल की हालत भी खराब हो रही थी , वो चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसकी मा नंगी हो जाये
लेकिन जंगीलाल के विचार तो कुछ और ही थे क्योकि वो भी सुबह से तडप रहा था और उसका लण्ड भी चुदाई के लिए बेचैन हुआ जा रहा था ।

वही शालिनी की बेताबी देख कर उसे लगा की पहले उसे शालिनी की चुदाई करनी चहिये

बस फिर क्या था
अगले ही पल मे वो और शालिनी खड़े थे ।
फिर जंगीलाल ने उसे बिस्तर पर झुका दिया और उसका लोवर पीछे खिच कर निचे कर दिया ।

इतना सब होने के बाद भी राहुल को शालीनी के गोरे जिस्म की एक भी झलक नही मिल पाई थी ।
शालिनी उसकी ओर मुह करके ही बिस्तर पर झुकी हुई थी और जन्गीलाल पीछे खड़ा अपना जांघिया निकाले लण्ड को उसको गाड की दिवारो मे ठोकरे लगा रहा था ।


राहुल को बस सामने झुकी अपनी मा के टीशर्ट से झाकती चुचियो की झलक मिल पा रही थी वही उसका बाप निचे बैठ कर अपना मुह उसकी मा के गाड मे दे चुका था ।

जंगीलाल के मोटी गीली जीभ को अपनी बुर और गाड़ के छेदो पर नाचता पाकर शालिनी के चेहरे के भाव बदल गये थे ।
जंगीलाल बडी हवस से उसके चुत के फाको को चाट कर खड़ा हुआ और अपना मुसल उसके मुहाने पर सेट करते हुए

अगले ही पल शालिनी की आंखे फैल गयी और उसके चेहरे पे आये भावो को पढ कर राहुल समझ गया कि उसके बाप ने लण्ड घुसा दिया है ।

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शालिनी दर्द भरी सिसकिया लेते हुए दरवाजे पर देखती है तो हल्की परछाई मे उसे राहुल के सलेटी लोवर की झलक मिलाती है और उसे फिर से नशा होने लगता है ।

उसकी चुत भलभला कर झड़ना शुरु कर देती है ।
जंगीलाल पीछे से उसको चोद रहा था और उसने भी अपने लण्ड पर गरम गर्म पानी मह्सूस करते ही बोला - ओह्ह जान तुम तो बहुत गरम हो आज ,,,इतना मन था क्या पेलवाने का उम्म्ं बोलो

शालिनी को राहुल के सामने अपने पति से ऐसे बाते करने मे झिझक कर हो रही थी इसिलिए वो चुप रही और आंखे भिचे हुए सिसकिया लेती रही ।

जंगीलाल अपनी बीवी से जवाब ना पाकर अपने चोदने की गति बढा दिया और कमरे मे थप थप थप थप थप की आवाजे होने लगी ।

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शालिनी की भी चिखे तेज हो गयी और राहुल भी तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था ।

जन्गीलाल उसके कूल्हो को पकडे हुए कस कस के चोदते हुए - बोलो ना जानू चुप क्यू हो

शालिनी - अह्ह्ह क्या बोलू उम्मममं सीईई उफ्फ्फ
जन्गीलाल - यही की मेरी जान को चुदवाने का आज बहुत मन था क्य्स अह्ह्ह

शालिनी फिर से चुप हो गयी तो जंगीलाल थोडा खीझा और कस कस कर शालिनी की चुत मे 8 10 बार लण्ड गहराई मे घुसेडा जिस्से शालिनी की हालात खराब हो गयी और जन्गीलाल गुस्से मे - बोल ना मादरचोद ,ये मेरी रन्डी बोल ना उम्म्ं आज चुदने का बहुत मन था क्या उम्म्ं

शालिनी दर्द से अक्दी हुई दरवाजे पर नजरे गडाये थी कि दरारो से एक तेज पिचकरी आधे कमरे म आ कर गिरी और शालिनी समझ गयी कि अब राहुल चला जायेगा ।

कुछ पल तक जंगीलाल कस कस के शालिनी के चुत मे बक बक करते हुए पेलता रहा और गालिया देता रहा लेकिन शालिनी ने चू तक नही बोला

फिर आखिर मे जब उसे मह्सूस हुआ कि उसका पति अब झड़ जायेगा तो - मुझे मुह मे चाहिये

जंगीलाल - पहले बोल जो मैने पुछा है

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शालिनी झटके से उठकर दरवाजे की ओर पीठ करके खड़ी हो जाती है और उसके नंगी फैली हुई गाड़ को राहुल देख कर पागल हो जाता है और उसका लण्ड फिर से सिर उठाने लगता है

शालिनी जो कि इस शक मे थी कि राहुल चला गया होगा वो बडी अदा से अपने पति के लण्ड को मसल्ते हुए धीमी आवाज मे - बेटीचोद !! शान्ति से चोद नही सकता

ये बोलकर शालिनी वही बैठ गयी और अपने पति का लण्ड मुह मे भर लिया
शलिनि की बाते सुन कर जंगीलाल की हालत खराब हो गयी और थोडी ही चुसाई मे वो अपना सारा माल अपने बीवी के मुह मे गिराने लगता है ।

शालिनी मुह मे लण्ड को भरे हुए उसे निचोड रही थी कि दरवाजे पर हल्की सी चूँ की आवाज हुई और शालिनी फौरन अलर्ट हुई । वो समझ गयी कि राहुल अभी गया नही है ।

राहुल वही कमरे मे झाकता हुआ अपना लण्ड मसल रहा था ।

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शालिनी ने अपने गालो को पिचकाते हुए लण्ड को सुरक रही थी और उसकी निगाहे अभी भी दरवाजे पर टिकी रही ।

फिर अच्छी तरह से लण्ड को निचोड़ कर वो खड़ी हूई और वापस से दरवाजे की पीठ कर लिया जिससे राहुल को फिर उसकी मा की नंगी गाड़ दिखने लगी ।

शालिनी अपनी उंगलिया चाटती हुई खड़ी हुई और मुस्कुराते- मै जरा साफ करके आती हू

ये बोलते हुए वो उसी हालत मे अपने नंगे चुतडो को हिलाती हुई दरवाजे की ओर बढ़ी कि जन्गिलाल अचरज से - अरे लोवर तो चढा लो , ऐसे ही बाहर जाओगी क्या ?


शालिनी आंख मारते हुए - हा , आपकी रंडी हू ना हिहिही

बस इतना कहने की देरी थी कि जन्गिलाल खुश हो गया और अपना अंडरवियर चढाते बिस्तर की ओर चला गया

और वही राहुल सतर्क होकर दरवाजे से हटकर दिवाल से लग गया
अगले ही पल दरवाजा खुला और शालिनी अपनी लोवर को उपर चढाते हुए बाहर निकली

राहुल उसके बगल मे खड़ा गहरी सासे ले रहा था ।
शालिनी ने फुसफुसाकर से उसको किचन की ओर चलने को कहा

राहुल खुश हुआ और लेकिन जब वो किचन मे पहुचा और बत्ती चालू हुई तो उसका चेहरा उतर गया क्योकि उसकी निगाहे अपनी मा के चुतडो पर ही टिकी हुई थी ।

शालिनी उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर मुस्कुराई और उसको छेड़ती हुई बोली - सब ले लिया ना अब क्यू मुह लटका है तेरा

राहुल ने आंखे उठा कर अपनी मा का हस्ता हुआ चेहरा देखा तो उसकी भुनभुनाहट भरि हसी छुट गयी और वो जिद दिखाते हुए - आप इसको उपर क्यू कर ली हो ,, हा नही तो

शालिनी - क्या उपर कर ली हू
राहुल - ये लोवर

शालिनी आंखे नचा कर मुस्कुराती हुई - हा तो क्या वैसे ही खोल कर घुमू क्या

राहुल उखड़े हुए स्वर मे - लेकिन आप तो ऐसे ही खोल कर बाहर आ रही थी ना

शालिनी इतरा कर सिंक की ओर घूम गयी और अपने मुह हाथ धुलने लगी - मेरी मर्जी मै जैसे चाहू रहू , तुने ही कहा था कि मै जो चाहू कर सकती हू

राहुल - हा लेकिन

शालिनी - हा तो अगर मै जो चाहू कर सकती हू तो तु भी जो चाहे नही कर सकता क्या ?

राहुल अपनी मा की बाते सुन कर समझ गया कि ये एक खुला ऑफ़र था उसके लिए और एक ही पल मे उसका लण्ड फौलादी हो गया ।


अगले ही पल वो झट से घुटने के बल हुआ और अपनी मा के कूल्हो से लोवर खीच कर नंगी करता हुआ सीधा अपना मुह अपनी मे गाड़ के दरारो मे घुसा दिया

सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि हड़बड़ाहट मे सिंक की टोटी तेज हो गयी और पानी के छीटे शालिनी के हाथो से टकरा कर उसके टीशर्ट पर पड़ने लगे और

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राहुल की लपलपाती जीभ अपने गाड़ के सुराख पर रेंगता हुआ पाकर शालिनी अपने चुतडो को सख्त करते हुए आगे की ओर झुकने लगी ।

जिससे पानी उसके चुचो पर को भिगोने लगा
जल्दीबाजी मे किसी तरह शालिनी ने टोटी बन्द की लेकिन तब तक देर हो गयी थी ।
उसकी चुचिया भीग चुकी थी और निप्प्ल उसके जिस्म से चिपकी हुई टीशर्ट से बाहर झाक रही थी ।

शालिनी कसमसाई और अगले ही पल उसने राहुल के सर को झटक कर अलग किया
दोनो की सासे तेजी से बढ रही थी ।
राहुल उठकर खड़ा हुआ और हस रहा था उसके नथुने लाल हो चुके थे जैसे वो पुरा जोर देके अपनी मा के सख्त दरारो मे बिना आक्सीजन के फसा हुआ हो ।
शालिनी तेजी से उसकी ओर घूमी और अपना लोवर उपर खिचती हुई और मुस्कुराते हुए- शैतान नही का , तो यही सब तु चाह रहा था

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शालिनी के घुमने पर राहुल की निगाहे उसके तने चुचो पर गयी जो भिगे हुए टीशर्ट मे चिपके हुए थे
राहुल की ललचाती निगाहे शालिनी अच्छे से देख रही थी और उसके चेहरे के कामुक भावो को भी वो पढ सकती थी ।

शालिनी - हो गया ना तेरा अब जा सो जा
राहुल थुक गटक कर मुस्कुरा रहा था और कभी अपनी मा तो कभी उसके नुकीले चुचे देख रहा था । बहुत सारी भावनाये एक साथ उसके जहन मे आ रही थी लेकिन वो क्या बोले उसे समझ नही आ रहा था और शालिनी को टेनसन था कि कही उसका पति आवाज ने दे दे उसको ।

क्योकि राहुल के साथ उसको कल क्या करना था उसने उसकी तैयारी कर ली थी इसिलिए आज की रात भर वो उसे और तड़पने के लिए छोड रही थी

शालिनी मुस्कुराती हुई घूमी और किचन से बाहर जाती हुई - चल अब बत्ती बुझा और सोने जा

राहुल ने कुछ नही किया बस मुस्कुरा वही खड़ा देखता रहा तो परेशान होकर शालिनी ने बत्ती बुझाइ और बोली - तुझे यही रहना है यही रह मै दरवाजा बन्द करके सोने जा रही हू

शालिनी अपने दरवाजे तक गयी लेकिन जब उसे राहुल के आने की आहट नही मिली तो वो किचन की ओर घूमी थी कि राहुल से टकरा गयी ।

राहुल दबे पाव उसके पीछे आकर खड़ा हो गया था
शालिनी ने कुछ बोलना चाहा उससे पहले राहुल ने अपने होठ उसके होठो से चिपका दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया ।

शालिनी चौकी की राहुल दरवाजे पर ही ये क्या हरकत कर रहा है कही उस्का पति ना आ जाये

शालिनी कसमसाती हुई अपने होठ छुड़ा कर धीमी आवाज मे - क्या कर रहा है छोड मुझे ,तेरे पापा कमरे मे जाग रहे है अभी

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी मा के गरदन को चुमते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर लोवर की लास्टीक को फैलाते हुए नंगी गाड़ को मसलने ल्गा

शालिनी अपने बेटे का दोहरा प्रहार झेल ना सकी और उसकी सासे भारी होने लगी और उसके आवाज मे खुमारि सी बढने लगी । मदहोस लहजे मे धीरे से वो राहुल के पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए बोली - उम्म्ंम बेटा रुक जा ना , यहा नही तेरा पापा अह्ह्ह उम्म्ंम

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी ऊँगली को अपनी मा के गाड़ की दरारो मे रगड़ता हुआ उसकी गाड़ के सुराख को भेदने लगा जिससे शालिनी चिहुक कर अपने गाड़ सख्त करते हुए उंगलियो को छेद से दुर करने लगी तो राहुल ने अपनी उंगली को जोर देते हुए आगे बढाया और अपनी मा के कान के पास एक चुंबन किया

चुंबन का अह्सास पाते ही शालिनी ने अपना पुरा शारिर ढीला छोड दिया वही राहुल की ऊँगली कच्च से उसके गाड़ मे चली गयी

सीईई अह्ह्ह बेटा धीरे , सुखा है वो उम्म्ंं , शालिनी ने अपने बेटे की हरकत पर प्रतिक्रिया दी और फिर उसके कलाई को पकड कर अपने गाड़ से उसके हाथो की दुरी बनाते हुए - बस कर बेटा,, यहा नही


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राहुल ने एक भी नही सुना और इस बार सीधा हाथ अपनी मा के भिगे हुए चुचो पर रखा और उन्हे मस्लते हुए अपने होठ वापस से अपनी मा से जोड लिये

शालिनी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और राहुल के तपते होठो की गर्मी ने उसे भी परेशान कर दीया और वप उसके होठो को खिचते हुए चुबलाने लगी

राहुल भिगे हुए टीशर्ट के उपर से एक हाथ अपनी मा की चुचिया मसल रहा था और दुसरे हाथ से अब भी उसने अपनी मा के कूल्हो को जकड़ रखा था ।

फिर अगले ही पल बिना कोई हैरानी ने राहुल ने अपनी मम्मी से दुरी बनाई और कुल्हे को नचाते हुए उसको पीछे से जकड़ लिया ।

शालिनी को समझ नही आ रहा थ कि राहुल क्या करने की सोच रहा था उसके मन मे अपने पति को लेके डर बना हुआ था लेकिन वो राहुल की कामुक हरकतो से गर्म हुई जा रही थी ।

अभी शालिनी अपनी अवस्था जान्च रही थी कि इतने मे

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राहुल ने फिर से उसकी चुचिया पीछे से दबोच ली और उन्हे मसलने लगा । उस्का तना हुआ लण्ड गाड़ पर सास ले रहा था ।

शालिनी की कसमसाहट बढ रही थी और वो अपने जिस्म को राहुल के उपर ही ढीला छोड चुकी थी । कि तभी राहुल ने उसका टीशर्ट खिच कर उपर कर दिया और उसकी नंगी चुचिया उसके हाथो मे आ गयी ।

अपनी मा के रसिले पपीते जैसी भारी चुचिया राहुल के हाथो मे नही समा रही थी

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उसने अपनी दोनो हथेली एक साथ अपने मा के तने हुए निप्प्लो पर घुमाई की शालिनी उपर से निचे तक मचल उठी और राहुल वापस से उसकी दोनो चुचिया पकड के मस्लते हुए वापस से शालिनी को अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके निप्प्ल को चुबलाता हुआ दुसरे हाथ से अपना लण्ड भी बाहर निकाल दिया


शालिनी ने जैसे ही अपनी जान्घो पर राहुल के सख्त लण्ड के स्पर्श को मह्सूस किया तो वो टटोलते हुए उसके तने को जकड़ ली औए भीचने लगी ।

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अपनी मा के हाथो का स्पर्श पाते ही राहुल तन कर खड़ा हो गया और उसकी आंखे बंद हो गयी , भले ही उसके हाथो मे 36DD की दोनो भारि भारी खर्बुजे जैसी चुचिया लटक रही थी लेकिन उसकी मा के एक स्पर्श ने राहुल को मूरत कर दिया था ।


शालिनी ने जैसे ही ये मह्सुस किया वो खिल उठी और जैसे उसे इस खेल मे अब अपनी चाल चलाने का मौका मिल गया हो
उसने अपनी कामुकता पर जोर देते हुए अपने नुकीले नाखुनो से राहुल के लण्ड की निचली नसो को खरोचा तो राहुल पूरी तरह कापने लगा

उसके पैर जवाब देने लगे थे वो हिल रहा था जैसे किसी अपाहिज की बैशाखी छिन ली गयी हो

राहुल ने हाथ आगे बढा कर अपने मा के कन्धे थाम लिये और शालिनी उसके लण्ड को आगे की ओर भीचने लगी

अब सारा खेल शालिनी के काबू मे आ चुका था
राहुल तेज सासे लेता हुआ अपने एड़ियो के बल खड़ा हुआ जा रहा था और लण्ड की नसे और फुल रही थी

अपनी कपकपाती आवाज मे राहुल बस इतना ही बोल पाया - आह्ह मम्मी चुसो ना उम्म्ंम

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शालिनी समझ गयी कि आज के लिए इसको इतना ही चाहिये और अगले ही पल शालिनी वही बैठ गयी और अपना मुह खोलते ही राहुल का आधा लण्ड मुह मे भर लिया ।

राहुल के जैसे ही अपने मा के ठंडे नाजुक होठो का स्पर्श मिला वो निचे से उपर तक सिहर उठा और लड़खड़ा कर उसने अपनी मा के सर को थाम लिया


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राहुल की बेताबी ज्यादा देर तक रुक ना पाई और कुछ ही देर मे वो अपनी मा के मुह झड़ने लगा

उसने अपना पुरा लण्ड मा के गले मे उतारते हुए एड़ियो के बल खड़ा हो गया और आखिरी झटके तक लण्ड को घुसाये रखा
शालिनी ने भी अच्छे से अपने बेटे के लण्ड को निचोड़ा और फिर वो खडी हुई ।

राहुल वही दिवाल से लग कर सासे भरने लगा और शालिनी ने मुस्कुरा कर उसके गालो को चूमते हुए - अब सो जायेगा ना

राहुल हाफते हुए स्वर मे - हा थैंक यू मम्मी

शालिनी - जा अब सो जा
ये बोलकर शालिनी ने अपना टीशर्ट निचे किया और कमरे मे चली गयी ।

दरवाजे बंद होने की आहट से झप्किया लेता जन्गीलाल चौक गया और उसकी निगाहे शालिनी के भिगे हुए टीशर्ट पर गयी और उसने मुस्कुरा कर इशारे से कारण पूछा तो शालिनी ने बिना कोई जवाब दिये अपनी भीगी हुई टीशर्ट निकाल दी

अपनी बीवी के नंगी चुचिया देख कर जंगीलाल सारे सवाल भुल गया और दोनो एक बार भी चुदाई के खेल मे शामिल हो गये ।


जारी रहेगी
Atiant kamuk update... Mazedar
 

Sanju@

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UPDATE 165 (B)


रात के खाने के बाद मै अरुण के कमरे मे गया ।
वहा वो कम्प्यूटर पर बैठा हुआ था और मै उसका ही मोबाईल लेके चेक कर रहा था ।


अरुण ने एक पल को मेरे हाथ अप्ना मोबाईल देखा तो लपक कर मेरे पास गया ।

अरुण चहक कर - मिल गया भैया मोबाईल क्या ?

मै उसको आंखे दिखाता हुआ - हम्म्म लेकिन तुझे ये मोबाइल नही मिलेगा ।

अरुण चेहरा बनाते हुआ - क्यू

मै - तुने मुझसे झूठ क्यू बोला उम्म्ं
अरुण हकला कर - क् क्या झ झूठ बोला मैने

मैने मोबाईल के hide files खोल्कर कर कम्मो बुआ की तस्वीरे उसे दिखाते हुए - ये सब क्या है हम्म्म ? तो यही सब करना है तुझे

अरुण शर्म से नजरे झुका कर बैठ गया
मै - कहा से सीख रहा है ये सब तु बोल ।
अरुण चुप रहा ।
मै जान रहा था कि अरुण की इन हरकतो के बारे मे घर के मर्दो को कोई जानकारी नही थी इसिलिए मै उसे धमकाते हुए - तु सच बता रहा है कि मै फूफा जी ये सब दिखाऊ

अरुण गिडगिडा कर - नही नही भैया प्लीज पापा मारेंगे प्लीज

मै - तो बता सब कुछ कहा से सीखा ये सब

अरुण अटकते हुए - ये सब मा की वजह से ही हुआ है

ये बोलके अरुण रोने लगा ।

मै भौहे सिकोड़ते हुए - तो तु अपनी गलती भी अब बुआ के उपर थोप रहा है ।

अरुण सिस्कते हुए - मै सच कह रहा हू भैया ।

मै - अच्छा ठिक है , बता क्या बात है और इसमे बुआ कैसे शामिल है ।

अरुण हिचक कर - पहले मै ये सब कुछ नहीं जानता था । बस आम लोगो की तरह ही सेक्स के बारे मे मुझे जानकारी थी । लेकिन एक रात मेरी पेसाब के कारन नीद खुल गयी तो मैने पेसाब करने और थोडी हवा खाने के लिए कमरे के बजाय बाहर चला गया क्योकि गर्मी का मौसम था ।

मै पीछे आँगन की ओर चला गया था और वहा मैने पेसाब की । उसी दौरान मुझे कुछ मा के खिलखिलाने की आवाज आई ।

वो आवाज सबसे उपर की टेरिस से आ रही थी ।
चुकि मेरी नीद खुल गयी थी और बाहर हवा भी अच्छी चल रही थी तो मैने सोचा कि क्यू ना मै भी उपर जाकर टहल लू ।


फिर मै अन्धेरे मे ही जीने से होकर उपर जाने लगा ।
जैसे ही मै जीने के आखिरी कुछ सीढियो पर पहुचा मुझे सामने का नजारा देख के यकीन ही नही हुआ कि मेरी मा भी ऐसा कुछ कर सकती है


मै - क्या क्या हो रहा था वहा


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अरुण कापते हुए स्वर मे - वहा उपर मेरे पापा और बड़े पापा अपना पैंट खोले खडे थे और मेरी मा वही निचे बैठी हुई उनके पेनिस को पकड़ी हुई हिला रही थी और मेरे बड़े पापा मोबाइल मे फ्लैश जला कर मेरी नंगी मा की लण्ड चूसने की वीडियो बना रहे थे ।


मै चौक कर - क्या तुने ये सब सच मे देखा था
अरुन निराश होकर - हा भैया और उसी के बाद से मै मा को एक पोर्नस्टार समझने लगा । क्योकि इसके बाद मै दो तीन बाद मा को बडे पापा के केबिन मे देखा था , जहा वो लोग रोलप्ले करके सेक्स करते थे । कभी मा उनको जीजा बुलाती तो कभी उनको जेठजी बुलाती और कभी उनको पति बुलाती थी ।


मै - हम्म्म फिर
अरुण - फिर मै धीरे धीरे कब मा के लिए परेशान होने लगा पता ही नही चला और एक रात जब मै चुपके से छत पर मा और बड़े पापा की चुदाई देख रहा था तो मीना ने मुझे पकड लिया और


मै आंखे बडी करके - और क्या ?
अरुण नजरे नीची करके - उसने मेरी चोरी पकड़ी थी तो मुझे धमकी दी और जबरदस्ती मुझसे वो सब करवाया । फिर तबसे जब भी उसका मन होता है वो और मै सेक्स करते है ।

मै उसकी बाते सुन कर एक गहरी आह भरता हूआ - आह्ह ठिक है और कुछ बाकी है तो बता दे

अरुण - नही भैया ,,मम्मी की कसम बस यही बात है । अब देदो ना मोबाईल मेरा

मै - हा ठिक है लेकिन पहले इसमे से सारे वीडियो और बुआ की सारी गंदी तस्वीरे डिलीट कर और वादा कर अब से तू इन्हे नही देखेगा

अरुण उखड़ कर - हा ठिक है भैया
फिर मैने उसे मोबाइल दे दिया और वही लेट कर आगे सोचने लगा । कि अब बुआ से कैसे बात की जाये और इस मीना का कुछ कर पडेगा ।



इसी उधेड़बुन मे मुझे कब नीद आ गयी मुझे पता ही नही चला ।


लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

रात के खाने के बाद जंगीलाल अपने कमरे मे जा चुका था और शालिनी किचन मे काम निपटा रही थी । लेकिन राहुल की बेचैनी कम नही हो पा रही थी ।
उसका लंड बैठने का नाम नही ले रहा था ।
ऐसे मे वो अपनी मा को फिर मनाने के लिए किचन मे घुस गया और अपना लण्ड उसकी गाड़ मे चुभोता हुआ उसकी कमर को पकड कर काँधे पर सर रखते हुए बडी ही उदासी से - मम्मीईई सुनो ना

शालिनी राहुल के स्पर्श से सिहर गयी और अगले ही जब उसने राहुल का नाटक देखा तो उसको हसी आई लेकिन वो खुद को सामान्य रखते हुए - हम्म्म्म बोल

राहुल अपनी मा के टीशर्ट मे हाथ बढा कर उसकी नरम नरम पेट पर अपने पंजे कसता हुआ - मम्मी प्लीज मान जाओ ना

शालिनी इतरा कर मुस्कुराते हुए - लेकिन तु आखिर क्यू देखना चाहता है वो सब उम्म्ं

अपनी मा की बात सुन्कर राहुल का लंड थोडा सा फडका जिसे शालिनी ने भी अपनी चुतडो पर मह्सूस किया ।
राहुल अटक कर - वो मुझे अच्छा लगता है

शालिनी उससे अलग होकर उसकी ओर घूम जाती है और इस बार सीधा राहुल के तने हुए लंड को हाथो मे भरते हुए बडी शरारती मुस्कान से - तुझे अच्छा लगता है या इसे

राहुल अपनी मा की हरकत से सिहर जाता है और शर्म से हस देता है ।

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वही शालिनी इस आये हुए मौके को बिल्कुल भी नही गवाती और हाथो से मसल कर लोवर के उपर से ही राहुल के लण्ड का जायजा लेती है ।

राहुल सिस्क कर - उम्म्ंम मम्मीईई अह्ह्ह्ह

शालिनी उसके लण्ड को भीचते हुए - आज तुने दो बार मुझे नंगा किया उम्म्ं बोल मै भी कर दू तुझे हा

राहुल अपनी मा की आंखो ने मुस्कुरा कर - हम्म्म कर लो ना मम्मीई

शालिनी मुस्कुराते हुए - खुब समझ रही हू तेरी बदमाशिया ,,, तुझे क्या लगता है मुझे कुछ पता नही चलेगा


राहुल - प्लीज ना मम्मी अह्ह्ह
शालिनी राहुल को परेशान करते हुए उसका लण्ड लोवर के उपर से ही पकड के - अगर इसको शान्त किया तो कमरे मे नही देखने दूँगी ,,,


राहुल के लण्ड उसकी मा के शरारती हरकतो और शब्दों से फड़क रहा था और वो बस आन्खे बंद करके सिसिकिया लिये जा रहा था ।

शालिनी ने एक नजर किचन से बाहर अपने कमरे की देखा और वही बैठ गयी ।

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फिर उसने राहुल का लोवर पकड कर निचे खीचा तो उसका मोटा 7 इंच का लण्ड हवा मे झूलने लगा
एक पल को शालिनी भी चौक गयी और फिर मुस्कुरा कर अपने बेटे के लण्ड को हाथो से छुने लगी ।
राहुल को यकीन नहीं हो पा रहा था कि ये सब सच मे हो रहा था
राहुल के लण्ड की नसे पल पल कसती जा रही थी और सुपाडा पुरा फुल चुका था ।
उसके दिल की धडकनें और तेज सासे शालिनी मह्सूस कर पा रही थी ।

राहुल के पुरे बदन का खुन उसके लण्ड मे भरने लगा था और उसका सुपाडा लाल होकर तपने लगा था ।
सुपाड़े की जलन से सिसकता हुआ राहुल ने अपनी मा के सर को पकड कर हल्का सा दबाव बनाते हुए अपने लण्ड को तानता हुआ आगे बढा ।

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शालिनी ने शरारत भरी नजरो से मुस्कुराते हुए र जीभ निकाल लण्ड से थोडी ही दुर से उसको चाटने का इशारा किया तो राहुल की तडप पहले से ज्यादा बढ गयी । उसने अपने लण्ड को आगे ले जाकर खुद अपनी मा के होठो को लगा दिया ।


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शालिनी उसके लण्ड को थामा और अपने पास करके उसके सुपाड़े पर अपनी ठंडी जीभ फिराई
राहुल उछल पड़ा- ओह्ह्ह मम्मीई चुसो ना उम्म्ंम आह्ह्ह

शालिनी मुस्कुराई और हौले से मुह खोलते हुए आधे से ज्यादा लण्ड गटक गयी ।
इसी के साथ राहुल ने भी एक ठंडी आअहह भरी और अपने मा के बालो मे हाथ फेरने लगा ।

शालिनी अब अपने बेटे के लण्ड को चूसना शुरू कर दिया था और वो उसके आडो को छेड़ते हुए मुह मे लण्ड को घोट रही थी ।

अपनी मा से अपनी मन की करा कर राहुल को गजब का सुख मिल रहा था और वो एडिया उचका कर, अपने गाड़ पिचका कर , अपने नथुने फुला कर आखिर तक जोर लगा कर अपने लण्ड की नसो पर दबाब बनाये हुए था ।

जल्द ही उसकी नसे उसके गरमा गरम वीर्य से भर गयी , सुपाड़े का छेद अब और दबाब झेल पाने के लिए तैयार नही था ।

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ऐसे मे राहुल ने अपनी मा के सर को पकड कर दबाव ब्नाया और पुरा का पुरा लण्ड उसके गले मे उतार दिया ।

शालिनी अपनी आंखे फैलाये गुउउऊ गुउऊ करती रही लेकिन राहुल अपने लण्ड आखिरी झटके तक उसके मुह मे रोके रहा


और जब हाथ हटाया तो शालिनी ने जरा भी परेशान हुए वापस से अपने बटे के तने लण्ड को तेजी से मुठियाते हुए चुसने लगी ।


फिर उसने अच्छे से राहुल के लण्ड को साफ किया और खडे होकर सिंक मे अपना मुह धुलने लगी


राहुल जो बहुत खुश था वो अपना लोवर चढा कर अपनी मा को पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया और उसके गाल चूमते हुए - थैंक यू मम्मी उम्म्ंम्माआह

शालिनी हस कर अपने गाल पोछते हुए - हो गया ना तेरा अब जा सो जा

राहुल ने थोडा रोना सा मुह बनाया तो शालिनी हस कर - मैने पहले ही बोला था एक ही चीज़ हो पायेगी हिहिही चल जा अब

इतना बोलकर शालिनी अपने कुल्हे मटकाती हुई अपने कमरे मे चली गयी
जाने को तो राहुल भी उसके पिछे पीछे कमरे तक गया लेकिन शालिनी ने फिर वही शरारती हसी के साथ दरवाजा बंद कर दिया और राहुल मुस्कुराता हुआ अपने कमरे मे आ गया ।

भले ही आज भी उसे अपने मम्मी पापा का शो नही देखने को मिला लेकिन आज उसकी मा ने उसे बहुत बडी खुसी दी थी और राहुल अब आगे बढने की कलपनाओ मे खो जाना चाहता था ।
इसिलिए वो अपने बिस्तर पर आकर सोचते सोचते नीद मे खो गया ।
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है अरुण ने बताया उसने मां को पापा और बड़े पापा से चुदते हुए देख लिया था और साथ में ये भी बताया की उसे ये सब देखते हुए मीना ने पकड़ लिया तो मीना अरुण से चूद गई है राज के लिए ये तो मजे की बात है अब वह मीना और कम्मो बुआ दोनो को चोद सकता है राज के मजे होने वालें है वही दूसरी ओर आज तो शालिनी ने राहुल का लन्ड चूसकर उसको शांत कर दिया है लगता है शालिनी जल्दी ही राहुल से चुदने वाली है देखते हैं आगे क्या होता है
 
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लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

सुबह की अंगड़ाई के साथ राहुल के लण्ड ने भी अपनी करवट बदली और दोनो एक साथ जाग गये ।

रात मे किचन की मस्ती याद करके राहुल ने अपने लण्ड का तना पकड़ा कर गाड़ पिचकाते हुए उसकी नसो भरपुर फैलाते हुए अपनी कमर को मरोडा ,, जिससे उसके लण्ड की सभी नसे अच्छे से खुल गयी ।

राहुल मन मे - अब बस बहुत हो गया ,, आज तो मै मम्मी को चोद कर रहूंगा

वो जल्दी से नहाने गया और नहा कर रोज की तरह अपनी मा को खोजते किचन मे घुस गया ।

बिना कोई आहट के दबे पाव राहुल ने हौले से पीछे से ही अपनी मा के कमर मे हाथ डाला और उससे चिपकते हुए उसके खुली गरदन को चुम लिया

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शालिनी ने जैसे ही ये कामुक स्पर्श अपने जिस्म पर मह्सूस हुए वो पूरी तरह से कपकपा गयी और उसकी सासे तेज हो गयी ।
वही राहुल बिना कुछ बोले अपने मुसल को मा की गाड़ मे चुभोता हुआ उसके खुले कन्घे और गरदन के साथ कान के हिस्से मे भी चुम रहा था

शालिनी ने बडी मादकता भरे स्वर मे कहा- उम्म्ंम राहुल बेटा उफ्फ्फ छोड ना काम करना है बहुत सारा

राहुल ने कुनमुनाकर - उहू ना
शालिनी मुस्कुरा के अपने हाथ से अपने बेटे के गाल छुते हुए - बेटा मुझे सच मे बहुत काम है ,, आज मै भी देर से उठी हू ना

राहुल शरारत भरी मुस्कुराहत के साथ - क्यू

राहुल की खिसकी भरी मुस्कुराहट शालिनी के कानो में पडी तो वो हस दी ।
शालिनी - तेरे पापा की वजह से और क्यू ?

राहुल अपने हाथ अपनी मा के नरम पेट पर घुमात हुआ - क्यू उन्होने सोने नही दिया क्या रात भर

शालिनी शर्म से मुस्कुरा कर - हम्म्म

अपनी मा की बात सुनके राहुल का लण्ड और तन गया । जिसको शालिनी ने अच्छे से अपने जांघो के बीच मह्सूस किया ।

अपनी मा से ऐसे गर्म गर्म बाते करके राहुल का लण्ड बहुत तन गया था तो उसने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और
उसको अपनी मा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया

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जो उसकी चुत के फलको को रगड़ते हुए सामने की ओर बाहर निकल गया ।

शालिनी ने जैसे ही अपनी चुत की फलको को फैल्ते हुए मह्सूस किया तो चौककर निचे देखा तो उसके लोवर के सामने से उसकी चुत के मुहाने पर राहुल के सुपाडा की टिप दिख रही थी और उसका गर्म मोटा तना उसकी चुत के होठो पर लोवर के उपर से चिपकी हुई थी ।

शालिनी - आह्ह बेटा ये क्याआ कर रहा है उमम्म सीईई तेरे पाआ अह्ह्ह तेरे पापा आ जायेन्गे उन्मममं हटा ना इसे

राहुल पीछे से अपनी मा के जांघो मे अपना लण्ड घिसते हुए - वो दुकान छोड कर नही आयेन्गे मम्मी प्लीज करने दो ना उम्म्ंम

राहुल की इस हरकत से शालिनी चुत की खुजली बढ रही थी ये सोच कर कि जिस लण्ड को शालिनी अपने चुत मे लेने का ख्याल कर रही थी वही लण्ड उसके चुत के उपर घिस रहा था

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जिससे उसकी चुत अपना पानी छोडने लगी थी ।
बिना पैंटी के उसका लोवर निचे से गीला होने लगा था और जब राहुल ने अपनी लंड के सतह पर चिपचिपाहट महसूस की तो वो समझ गया कि उसकी मा झड़ रही है इसिलिए उसने अपनी मा कूल्हो को थामते हुए कस कस लंड को उसकी जांघों मे पेलने लगा

शालिनी की चुत अब बुरी तरह से घिसी जा रही थी और वो राहुल के लंड को जांघो मे कस्ते हुए अकड़ने लगी थी इधर लण्ड पर जोर पडने से राहुल का सुपाडा भी फूल चुका था और अब वो कभी भी झड़ सकता था इसिलिए उसने फौरन लण्ड बाहर निकाला और उसे मुथियाते हुए अपनी मा चुतडो पर गिराने लगा

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अपने बेटे के वीर्य की गरमी पाकर शालिनी भी अकड़ते हुए अपनी चुत निचोड रही थी ।
राहुल ने अच्छे से लंड को अपनी मा के चुतडो पर पटक पटक कर झाडा

शालिनी कामुकता भरी मुस्कुराहट से - गन्दा कही का , मुझे कपडे बदलने पड़ेगे अब ना

राहुल अपनी मा के कमर मे हाथ डाल कर उसके गाल चुमता हुआ - चलो मै बदल देता हू ना मम्मी

शालिनी तुन्ककर मुस्कुराते हुए - हुह रहने दे मै कर लूंगी ।

ये बोलकर शालिनी अपने कमरे मे चली गयी और राहुल मुस्कुरा कर अपना लण्ड अन्दर करके हाथ धोने लगा ।


JAANIPUR

देर रात तक रज्जो कमलनाथ की आपस मे रीना को लेके बाते चली और सोने से पहले रज्जो ने कमलनाथ से चुदाई कर ली ।

अगली सुबह रीना रोज की दिन चर्या के बाद किचन मे भिड़ी हुई थी और रज्जो निचे आई

रीना ने जैसे ही अपनी सास को देखा - बैठीये मा जी चाय हो गया है ।

रज्जो ने देखा कि रिना के व्यव्हार मे जर भी बदलाव नही है कल रात की बात को लेके , जबकि वो खुद रीना से झिझक मह्सूस कर रही थी ।

रीना की ओर सब सामान्य देख कर रज्जो ने भी अपने व्यव्हार मे कोई नयापन नही दिखाया और वो पहले के जैसे ही रही ।

फिर कुछ समय मे घर के दोनो मर्द भी निचे उतरने लगे ।
फिर रीना ने उन्हे भी चाय नास्ता दिया ।
रीना जैसे ही कमलनाथ के आगे झुकी तो एक बार फिर उसको अपनी बहु के 34D के मोटे चुचो की घाटिया देखने को मिली और उसका लण्ड अकड़ गया ।
वही रीना ने जब अपने ससुर को अपनी चुचिय झांकते देखा वो मुस्कुरा दी और इतराते हुए किचन मे चली गयी ।


नास्ते के बाद रमन दुकान के लिए निकल गया
नास्ते के बाद कमलनाथ वही हाल मे बैठा रज्जो से बाते करने लगा । रज्जो जो रात की चुदाई के बाद से काफी खिली खिली लग रही थी ।

रज्जो - तो ठिक है कल सुबह ही मै चमनपुरा के लिए निकल जाती हू ,

रीना भी वही पास खड़ी सब सुन रही थी ।

कमलनाथ - ठिक है फिर दो दिन बाद मै और बहू सारा समान एक गाड़ी बुक करके चले आयेंगे

रज्जो रीना से - तुझे कोई दिक्कत नही है ना बहु , वैसे रागिनी ने तो हम दोनो को साथ आने को कहा था । लेकिन अगर हम दोनो गये तो इन दोनो के खाने पीने का ख्याल कौन करेगा

रिना मुस्कुरा के - आप बेफिकर होकर जाईए मा जी , मै पापा जी का ख्याल रखुन्गी

रज्जो रीना की बात सुन कर उसे रात की घटना याद आई और वो हस कर - और हा बस खाने पीने का ही ध्यान रखना है ये नही कि ...तु समझ रही है ना

रज्जो की बात पर रीना शर्मा कर नजरे चराते हुए - जी मा जी समझ गयी और प्लीज आप वो बात को भुला दीजिये ना

रीना कमलनाथ को देखकर - वो तो मै पापा जी की तकलिफ के वजह से कहा था ।

रज्जो कमलनाथ का मजा लेते हुए - अरे तु इनकी बातो मे ना आना ये एक नम्बर के चालू आदमी है ।

कमलनाथ हस कर - क्या रमन की मा तुम भी ,,,बस भी करो

और फिर कमलनाथ अपने पजामे मे सर उठाते लण्ड का टोपा खुजाने लगता है जिसको रीना देख लेती है ।


फिर रज्जो उठती है और कमलनाथ को अपने साथ पैकिंग मे मदद के बहाने मे चुदाई करवाने ले कर घुस जाती है ।



राज को जुबानी

अरुण की बाते सुनने के बाद मै समझ गया था कि बात सच मे बहुत बडी थी । इसको सुलझाने के लिए मुझे समय के साथ साथ कुछ जरुरी बाते भी जाननी जरुरी थी जो अभी तक एक परछाई के रूप मे मेरे जहन मे घूम रही थी ।
इसी उधेड़बुन मे मै काफी रात तक जगा रहा और जब सुबह मेरी आंखे खुली थी 9 बज रहे थे ।

मै टीशर्ट और अंडरवियर मे लेटा हुआ था और लण्ड पुरे उफान पर तन कर तम्बू बनाये हुए था । तभी मेरे कानो मे गानो की गुनगुनाहट आई और मैने गरदन उठा कर देखा तो सामने मीना थी जो कमरे मे झाडू पोछा करने आई थी ।

मै लपक कर उठा और बिस्तर पर खड़ा होकर अपना पैंट खोजने लगा ।

तभी मीना मुस्कुराती हुई - क्या खोज रहे है बाबू
मै सकपका कर उसकी ओर देखा जो मेरी नंगी जान्घे निहार रही थी ।

मै - वो वो मेरा ... मिल गया
मैने लपक कर अपना पैन्ट सोफे से उठाया और जल्दी जल्दी पहनने लगा , हड़बड़ी मे मैने ध्यान ही नही दिया कि मैने गलत गलत हिस्से मे पैर डाल दिये और पूरी जीन्स उल्टी हो गयी ।

जिसे देख कर मीना जोर की ठहाक लेके हस दी
मै भी शर्म से लाल होता हुआ वापस से पैंट उतारने लगा ।

वही मीना झाडू लगाते हुए तिरछी नजरो से मुझे देखती रही और जब मै पैंट पहना तो फ्रेश होने के लिए बाथरूम मे चला गया ।
मै जब बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि मीना अभी भी कमरे मे ही अरुण के कपडो मे तह लगाते हुए बेड पर झुकी थी और मै अब मीना के इरादो से भरपुर वाकिफ हो चुका था ।

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इसिलिए मै भी मस्ती उसके पास से गुजरते हुए अपनी कलाई को उसके झुके हुए कूल्हो पर घिसते हुए कमरे से बाहर निकल गया और वो चौक कर मुझे देखती रही ।
कुछ देर बाद मै नास्ते के बाद बुआ के पास बैठा रहा और उनसे थोडी बाते की ।

मै - बुआ आप भी मेरे साथ ही चलो ना
बुआ - अरे बेटा ऐसे खाली हाथ नही जा सकती , अभी तो सारी खरीदारी करनी है और कम्मो को तो स्कूल से फुर्सत नहीं है ।

मै उखड़ के - तो क्या आप भी शादी के दिन ही आओगे क्या ?

शिला बुआ मुस्कुरा कर - अरे नही रे , बस एक दो बाद मै आ जाऊंगी

मै - पक्का
शिला - हा पक्का

फिर मै बुआ को कस के हग कर लिया ।
और हौले से बुआ के कुल्हे को सहला दिया जिसको कीचन मे खड़ी मीना ने बड़े ही गौर से देखा और मुस्कुराते अपने काम मे लग गयी ।

मै भी मुस्कुराने के सिवा कुछ कर नही सका और फिर बुआ के साथ उनके कमरे मे चला गया ।



लेखक की जुबानी

रात की बेचैनी से सब ही परेशान थे तो अमन कैसे पीछे रह जाता ।
निशा की शरारत के बाद से उसकी तलब और इच्छाये बढ रही थी ।
नास्ते के दौरान रागिनी के सामने ही अमन ने सोनल को 3 4 बार फोन किया तो सोनल ने झिझक कर इशारे से निशा को कहा कि वो बात कर ले ।

निशा खिलखिलाती हुई फोन उठा ली और किचन से बाहर निकल कर फोन उठा कर बाते करते हुए उपर चली गयी

फोन पर

अमन - क्या यार फोन क्यू नही उठा रही हो
निशा खिलखिला कर - उफ्फ्फ मुझे नही पता था जीजू कि आप मुझसे बाते करने के लिए इतने बेताब हो ।

निशा की आवाज सुन कर अमन का प्यार का पैमाना 100 से 10 पर आ गिरा ।
अमन उखड़े हुए स्वर मे - ओह्ह निशा तुम हो ,, सोनल कहा है

निशा - हा हा आपको तो आपकी सोनल जी ही प्यारि लगेगि ना , इतने हसिन हसिन तस्वीरे जो शेयर कर रही है आजकल हिहिहिही

अमन ने जैसे ही निशा की बाते सुनी उसके कान खड़े हो गये कि कही निशा ने कल रात के उसके और सोनल के चैट्स तो नही ना पढ लिये ।

अमन हड़बड़ा कर - क क्या बात कर रही हो तुम निशा उम्म्ं

निशा तुनक कर अमन को छेड़ती हुई - वही जो आपने सुना । हुउह
निशा - अगर वही सब दिखाकर आपसे बात करने को मिल सकता है तो एक बार मुझसे कह कर देखते

अमन हस्ता हुआ - क्या निशा तुम भी ना , तुमको शर्म नही आती हमारी प्राइवेट बाते पढते हुए । गंदी कही की

निशा तुनक कर - हुह गंदी गंदी बाते खुद करो और मुझे गन्दी बना रहे हो , मै तो चल रही हू बडी मम्मी को बताउंगी

अमन की तो अब फट गयी थी कि कहा फस गया - अरे नही नही ये क्या बोल रही हो तुम

निशा - देखिये जीजू अगर आप चाहते है ये सब बाते बडी मम्मी को ना पता चले तो मेरी एक शर्त है ।

अमन जल्दीबाजी भरे लहजे मे - हा हा बोलो बाबा सब मन्जुर है बोलो तुम

निशा - ऐसे नही पहले अपनी होने वाली बीवी की कसम खाओ हिहिहिही

अमन - हे भगवान !!!
निशा खिलखिला कर - भगवान नही भाग्यवान की हाहाहहाहा

अमन हस्ता हुआ - अच्छा बाबा मै अपनी जान सोनल की कसम खा के कह रहा हू तुम्हारी सारी शर्ते मानूँगा । खुश , अब बोलो

निशा मुस्कुरा कर - हम्म्म्म तो पहली शर्त ये है कि आप अपनी सुहागरात का लाइव वीडियो मुझे दिखाओगे हिहिहिही और दुसरी

अमन की आंखे फैल गयी और मन ही मन सोचने लगा कि ये कितनी शैतान है - क्या निशा तुम ये .... अच्छा और दुसरी शर्त क्या है ।

निशा - हिहिहिही और दुसरी शर्त ये है कि कल आप मुझे मूवी दिखाने लिवा चलो सरोजा कॉमप्लेक्स मे

अमन खुश होके - ठिक है सोनल को भी लिवा लेना

निशा तुनककर - नही सिर्फ मै और आप । ये जीजा साली वाला ही शो रहेगा हिहिहिही

अमन हस कर -ठीक है बाबा और कुछ

निशा सोचते हुए और अचानक से - अरे हा मेन बात तो भुल ही गयी

अमन - क्या !
निशा - आप रोज मुझसे सोनल से छिप कर बाते करेंगे हिहिहिही और उसे बिल्कुल भी नही बतायेंगे आपको सोनल की कसम

अमन - क्या यार इसमे भी कसम

निशा - बस बस हो गया ।मै जा रही हू बाय जीजू

हिहिहिही

फिर चहकते हुए निशा ने फोन काट दिया और अमन बेचारा बुरी तरह से फस चुका था ।
इस हवस के जंगल मे वो खुद को उस कबुतर के जैसा मह्सुस के रहा था जो दाने की लालच मे अनजाने मे शिकारी के जाल मे फस गया हो ।

अमन पहले से ही समझ रहा था कि निशा एक चंचल लडकी है लेकिन वो उसकी शरारत के इस चेहरे से वाकिफ नही था ।

उसके जहन मे वो पल आ रहा थे कि जब वो अपनी सुहागरात को वीडियो काल के जरिये निशा को दिखायेगा तो निशा उसके लण्ड को निहारेगी और उसके चुदाई करने के तरीके को भी देखेगी । लेकिन अगले ही उसे याद आता है कि निशा तो पहले ही उसका लण्ड सोनल के मोबाइल मे देख चुकी है ।

ये सब बाते सोच कर अमन का लण्ड बैथने का नाम नही ले रहा था । मस्ती मे ही सही लेकिन निशा की शरारत ने अमन को बेईमान बना दिया था और वो निशा से कल की मुलाकात के लिए बेताब हुआ जा रहा था ।



जारी रहेगी
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UPDATE 167

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

राहुल अब काफी हद तक अपनी मा से खुल चुका था लेकिन शब्दो की मर्यादा दोनो मा बेटे ने अभी तक नही लान्घी थी ।
वासना मे घिरे हुए ही सही लेकिन दोनो मे किसी ने भी खुले शब्दो ये इच्छा जाहिर नही होने दीया कि वो दोनो एक दूसरे से क्या चाहते है ।

मौके का फायदा उठाते हुए राहुल ने दो बार अपनी मा से अपना मुसल चुसवा चुका था लेकिन उसकी बेचैनी घटने का नाम नही ले रही थी ।
वही शालिनी के उपर बेटे के साथ साथ बाप की हवस का बोझ बढ़ रहा था ।
जन्गीलाल ने भी दो तीन बार मौका देखकर शालिनी के अंगो के साथ खेला और लण्ड शान्त किया ।

हालत ये थी कि शालिनी की चुत बहुत ही पानी बहा रही थी लेकिन उसकी गर्मी नही मिट पाई थी वही आज राहुल भी पूरी जिद थी कि उसे मम्मी पापा वाला खेल देखना है ।

वही शालिनी भी चाह रही थी कि राहुल के साथ ये खेल जल्द ही खतम हो जाये क्योकि सोनल की शादी को ज्यादा दिन बाकी भी नही थे और कब उसकी जेठानी के यहा से उसका बुलावा आ जाये कोई पता नही था ।
अभी रात के 9 बज रहे थे ।
घर मे सभी लोग खाना पीना कर चुके थे ।
शालिनी किचन मे बर्तन खंगाल रही थी कि पीछे से राहुल ने एक बार फिर अपने तने हुए लण्ड से शालिनी के गाड़ की दरारो मे दस्तक थी और शालिनी गनगना गयी ।


राहुल अपना लण्ड अपनी मा के गाड़ पर घुमाता हुआ घिस रहा था - मम्मी प्लीज ना सिर्फ आज के लिए

शालिनी कसमसाहत भरी आवाज मे - तुझे क्यू देखना है वो सब
राहुल - बस ऐसे ही मन कर रहा है

शालिनी चिंतित भाव मे - कही तेरे पापा ने देख लिया तो
राहुल - पक्का मै छिप कर रहूंगा , वो नही देख पायेंगे

शालिनी अपने हाथ साफ करके राहुल के लण्ड को पकड कर उससे अलग होते हुए - अच्छा ठिक है लेकिन बस कुछ मिण्ट के लिए ही देखना और फिर वापस कमरे मे ठिक है

राहुल चहक कर - ठिक है मम्मी उम्म्म्माह

शालिनी मुस्कुरा कर - धत्त शैतान कही का अब कमरे मे जा मै बाहर की सारी लाईट बुझाकर ही कमरे मे जाऊंगी

राहुल चहकता हुआ कमरे मे चला गया और शालिनी ने बाहर की सारी लाईट बुझा कर कमरे को हल्का भिड़काते हुए कमरे मे चली गयी ।
अन्दर कमरे मे जंगीलाल ने जैसे ही शालिनी की आहट पाई उसे इस बात की फ़िकर ही नही थी कि कमरे का दरवाजा किस हालत मे है ।
शालिनी जिस तरह से अपने जिस्म को कामुक अदाओ से बल्खाते हुए अपने पति की ओर बढ रही थी वैसे वैसे ही जन्गीलाल के जान्घिये मे लण्ड ने बडी तेजी से तम्बू बनाना शुरु कर दिया था ।
जंगीलाल - ओह्ह्ह जान तुम हर बार मुझे पागल कर देती हो , इतनी नशीली क्यू हो तुम

ये बोलकर जंगीलाल ने लपक कर शालिनी को का हाथ खीच कर उसे अपनी गोद मे बिठा लिया ।

अपने पति के नंगे जिस्मो का स्पर्श पाकर शालिनी सिहर गयी और उसकी धडकनें तो बस राहुल के बारे मे सोच कर ही तेजी से धडक रही थी जिससे उसके चूचे जंगीलाल के सीने पर दबाव बना रहे थे और जन्गीलल भी इसको महसूस कर पा रहा था ।

शालिनी तोड़ा इतराते हुए खुद को छुड़ाने की कोसिस करती हुई - अह्ह्ह छोडिए ना जी ,, आपको तो बस वही सब करना है

जंगीलाल अपनी बिबी के गालो को चूमता हुआ - उम्म्ंम जान तुझे देखने के बाद कुछ सूझता ही नही

शालिनी ने नजरे उठा कर अपने पति को देखा और आंखे दिखाते हुए पुछा- समझ क्या रखा है आपने मुझे उम्म्ं

जंगीलाल शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ उसके कूल्हो को मसलते हुए बोला - अपनी रंडी

अपने पति के मुह से ऐसे शब्द सुन कर शलिनी का दिल ध्क्क करके रह गया और वो ये सोच रही थी कि कही राहुल ने सुन तो नही लिया ना ,,,

वही कमरे के बाहर खड़ा राहुल ने जब अपने बाप के मुह से ऐसे शब्द सुने तो उसका लण्ड फड़फडा गया ।

राहुल मन मे - अह्ह्ह पापा सही कह रहे हो मम्मी किसी रन्डी से कम नही है उह्ह्ह कुछ करो ना खोलो ना मम्मी की चुचिया उम्म्ं

शालिनी अपने पति की ओर पीठ करती हुई एक नजर दरवाजे पर देखती हुई - धत्त क्या जी आप ऐसे उलटा सीधा बोल रहे हो

जन्गीलाल ने मौका पाया और पीछे से शालिनी के चुचे टीशर्ट के उपर से मसलते हुए - सही तो कह रहा हू मेरी रन्डी है तू


शालिनी अपने चुचो पर पति के हथेली का स्पर्श पाते ही मचल उठी और सिस्कने लगी उसकी आंखे बंद हो गयी थी और वही राहुल के चेहरे के भाव बदलने लगे थे ।

उसे लगने लगा था कि खेल शुरु हो गया है और वो अपना लण्ड भी बाहर निकाल चुका था ।

कमरे मे जंगीलाल ने शालिनी की चुचिया मिजते हुए अपने हाथ उसके टीशर्ट मे घुसा दिये और नंगी नंगी चुचियो को टीशर्ट के अन्दर से मसलने लगा ।

शालिनी अपने पति के सीने पर लोटने लगी थी और उसकी एडिया ऐठने लगी थी ।
शालिनी का जोश आज राहुल की उपस्थिति मे बढ गया था वो पूरी तरह अकड़ रही थी इस कलपना मे कि राहुल के मन मे उसके लिये क्या चल रहा होगा ।

क्या वो अपना लण्ड मसल रहा होगा ये सब देख कर ।
वही जंगीलाल अपनी बिवी की गर्मी से और भी जोश मे आ गया और उसने शलिनि की सरकती जान्घो को पकडते हुए अपनी ओर खिच लिया और सीधा चुत के उपर हाथ रख कर उसकी बुर टटोलने लगा ।

राहुल की हालत भी खराब हो रही थी , वो चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसकी मा नंगी हो जाये
लेकिन जंगीलाल के विचार तो कुछ और ही थे क्योकि वो भी सुबह से तडप रहा था और उसका लण्ड भी चुदाई के लिए बेचैन हुआ जा रहा था ।

वही शालिनी की बेताबी देख कर उसे लगा की पहले उसे शालिनी की चुदाई करनी चहिये

बस फिर क्या था
अगले ही पल मे वो और शालिनी खड़े थे ।
फिर जंगीलाल ने उसे बिस्तर पर झुका दिया और उसका लोवर पीछे खिच कर निचे कर दिया ।

इतना सब होने के बाद भी राहुल को शालीनी के गोरे जिस्म की एक भी झलक नही मिल पाई थी ।
शालिनी उसकी ओर मुह करके ही बिस्तर पर झुकी हुई थी और जन्गीलाल पीछे खड़ा अपना जांघिया निकाले लण्ड को उसको गाड की दिवारो मे ठोकरे लगा रहा था ।


राहुल को बस सामने झुकी अपनी मा के टीशर्ट से झाकती चुचियो की झलक मिल पा रही थी वही उसका बाप निचे बैठ कर अपना मुह उसकी मा के गाड मे दे चुका था ।

जंगीलाल के मोटी गीली जीभ को अपनी बुर और गाड़ के छेदो पर नाचता पाकर शालिनी के चेहरे के भाव बदल गये थे ।
जंगीलाल बडी हवस से उसके चुत के फाको को चाट कर खड़ा हुआ और अपना मुसल उसके मुहाने पर सेट करते हुए

अगले ही पल शालिनी की आंखे फैल गयी और उसके चेहरे पे आये भावो को पढ कर राहुल समझ गया कि उसके बाप ने लण्ड घुसा दिया है ।

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शालिनी दर्द भरी सिसकिया लेते हुए दरवाजे पर देखती है तो हल्की परछाई मे उसे राहुल के सलेटी लोवर की झलक मिलाती है और उसे फिर से नशा होने लगता है ।

उसकी चुत भलभला कर झड़ना शुरु कर देती है ।
जंगीलाल पीछे से उसको चोद रहा था और उसने भी अपने लण्ड पर गरम गर्म पानी मह्सूस करते ही बोला - ओह्ह जान तुम तो बहुत गरम हो आज ,,,इतना मन था क्या पेलवाने का उम्म्ं बोलो

शालिनी को राहुल के सामने अपने पति से ऐसे बाते करने मे झिझक कर हो रही थी इसिलिए वो चुप रही और आंखे भिचे हुए सिसकिया लेती रही ।

जंगीलाल अपनी बीवी से जवाब ना पाकर अपने चोदने की गति बढा दिया और कमरे मे थप थप थप थप थप की आवाजे होने लगी ।

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शालिनी की भी चिखे तेज हो गयी और राहुल भी तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था ।

जन्गीलाल उसके कूल्हो को पकडे हुए कस कस के चोदते हुए - बोलो ना जानू चुप क्यू हो

शालिनी - अह्ह्ह क्या बोलू उम्मममं सीईई उफ्फ्फ
जन्गीलाल - यही की मेरी जान को चुदवाने का आज बहुत मन था क्य्स अह्ह्ह

शालिनी फिर से चुप हो गयी तो जंगीलाल थोडा खीझा और कस कस कर शालिनी की चुत मे 8 10 बार लण्ड गहराई मे घुसेडा जिस्से शालिनी की हालात खराब हो गयी और जन्गीलाल गुस्से मे - बोल ना मादरचोद ,ये मेरी रन्डी बोल ना उम्म्ं आज चुदने का बहुत मन था क्या उम्म्ं

शालिनी दर्द से अक्दी हुई दरवाजे पर नजरे गडाये थी कि दरारो से एक तेज पिचकरी आधे कमरे म आ कर गिरी और शालिनी समझ गयी कि अब राहुल चला जायेगा ।

कुछ पल तक जंगीलाल कस कस के शालिनी के चुत मे बक बक करते हुए पेलता रहा और गालिया देता रहा लेकिन शालिनी ने चू तक नही बोला

फिर आखिर मे जब उसे मह्सूस हुआ कि उसका पति अब झड़ जायेगा तो - मुझे मुह मे चाहिये

जंगीलाल - पहले बोल जो मैने पुछा है

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शालिनी झटके से उठकर दरवाजे की ओर पीठ करके खड़ी हो जाती है और उसके नंगी फैली हुई गाड़ को राहुल देख कर पागल हो जाता है और उसका लण्ड फिर से सिर उठाने लगता है

शालिनी जो कि इस शक मे थी कि राहुल चला गया होगा वो बडी अदा से अपने पति के लण्ड को मसल्ते हुए धीमी आवाज मे - बेटीचोद !! शान्ति से चोद नही सकता

ये बोलकर शालिनी वही बैठ गयी और अपने पति का लण्ड मुह मे भर लिया
शलिनि की बाते सुन कर जंगीलाल की हालत खराब हो गयी और थोडी ही चुसाई मे वो अपना सारा माल अपने बीवी के मुह मे गिराने लगता है ।

शालिनी मुह मे लण्ड को भरे हुए उसे निचोड रही थी कि दरवाजे पर हल्की सी चूँ की आवाज हुई और शालिनी फौरन अलर्ट हुई । वो समझ गयी कि राहुल अभी गया नही है ।

राहुल वही कमरे मे झाकता हुआ अपना लण्ड मसल रहा था ।

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शालिनी ने अपने गालो को पिचकाते हुए लण्ड को सुरक रही थी और उसकी निगाहे अभी भी दरवाजे पर टिकी रही ।

फिर अच्छी तरह से लण्ड को निचोड़ कर वो खड़ी हूई और वापस से दरवाजे की पीठ कर लिया जिससे राहुल को फिर उसकी मा की नंगी गाड़ दिखने लगी ।

शालिनी अपनी उंगलिया चाटती हुई खड़ी हुई और मुस्कुराते- मै जरा साफ करके आती हू

ये बोलते हुए वो उसी हालत मे अपने नंगे चुतडो को हिलाती हुई दरवाजे की ओर बढ़ी कि जन्गिलाल अचरज से - अरे लोवर तो चढा लो , ऐसे ही बाहर जाओगी क्या ?


शालिनी आंख मारते हुए - हा , आपकी रंडी हू ना हिहिही

बस इतना कहने की देरी थी कि जन्गिलाल खुश हो गया और अपना अंडरवियर चढाते बिस्तर की ओर चला गया

और वही राहुल सतर्क होकर दरवाजे से हटकर दिवाल से लग गया
अगले ही पल दरवाजा खुला और शालिनी अपनी लोवर को उपर चढाते हुए बाहर निकली

राहुल उसके बगल मे खड़ा गहरी सासे ले रहा था ।
शालिनी ने फुसफुसाकर से उसको किचन की ओर चलने को कहा

राहुल खुश हुआ और लेकिन जब वो किचन मे पहुचा और बत्ती चालू हुई तो उसका चेहरा उतर गया क्योकि उसकी निगाहे अपनी मा के चुतडो पर ही टिकी हुई थी ।

शालिनी उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर मुस्कुराई और उसको छेड़ती हुई बोली - सब ले लिया ना अब क्यू मुह लटका है तेरा

राहुल ने आंखे उठा कर अपनी मा का हस्ता हुआ चेहरा देखा तो उसकी भुनभुनाहट भरि हसी छुट गयी और वो जिद दिखाते हुए - आप इसको उपर क्यू कर ली हो ,, हा नही तो

शालिनी - क्या उपर कर ली हू
राहुल - ये लोवर

शालिनी आंखे नचा कर मुस्कुराती हुई - हा तो क्या वैसे ही खोल कर घुमू क्या

राहुल उखड़े हुए स्वर मे - लेकिन आप तो ऐसे ही खोल कर बाहर आ रही थी ना

शालिनी इतरा कर सिंक की ओर घूम गयी और अपने मुह हाथ धुलने लगी - मेरी मर्जी मै जैसे चाहू रहू , तुने ही कहा था कि मै जो चाहू कर सकती हू

राहुल - हा लेकिन

शालिनी - हा तो अगर मै जो चाहू कर सकती हू तो तु भी जो चाहे नही कर सकता क्या ?

राहुल अपनी मा की बाते सुन कर समझ गया कि ये एक खुला ऑफ़र था उसके लिए और एक ही पल मे उसका लण्ड फौलादी हो गया ।


अगले ही पल वो झट से घुटने के बल हुआ और अपनी मा के कूल्हो से लोवर खीच कर नंगी करता हुआ सीधा अपना मुह अपनी मे गाड़ के दरारो मे घुसा दिया

सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि हड़बड़ाहट मे सिंक की टोटी तेज हो गयी और पानी के छीटे शालिनी के हाथो से टकरा कर उसके टीशर्ट पर पड़ने लगे और

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राहुल की लपलपाती जीभ अपने गाड़ के सुराख पर रेंगता हुआ पाकर शालिनी अपने चुतडो को सख्त करते हुए आगे की ओर झुकने लगी ।

जिससे पानी उसके चुचो पर को भिगोने लगा
जल्दीबाजी मे किसी तरह शालिनी ने टोटी बन्द की लेकिन तब तक देर हो गयी थी ।
उसकी चुचिया भीग चुकी थी और निप्प्ल उसके जिस्म से चिपकी हुई टीशर्ट से बाहर झाक रही थी ।

शालिनी कसमसाई और अगले ही पल उसने राहुल के सर को झटक कर अलग किया
दोनो की सासे तेजी से बढ रही थी ।
राहुल उठकर खड़ा हुआ और हस रहा था उसके नथुने लाल हो चुके थे जैसे वो पुरा जोर देके अपनी मा के सख्त दरारो मे बिना आक्सीजन के फसा हुआ हो ।
शालिनी तेजी से उसकी ओर घूमी और अपना लोवर उपर खिचती हुई और मुस्कुराते हुए- शैतान नही का , तो यही सब तु चाह रहा था

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शालिनी के घुमने पर राहुल की निगाहे उसके तने चुचो पर गयी जो भिगे हुए टीशर्ट मे चिपके हुए थे
राहुल की ललचाती निगाहे शालिनी अच्छे से देख रही थी और उसके चेहरे के कामुक भावो को भी वो पढ सकती थी ।

शालिनी - हो गया ना तेरा अब जा सो जा
राहुल थुक गटक कर मुस्कुरा रहा था और कभी अपनी मा तो कभी उसके नुकीले चुचे देख रहा था । बहुत सारी भावनाये एक साथ उसके जहन मे आ रही थी लेकिन वो क्या बोले उसे समझ नही आ रहा था और शालिनी को टेनसन था कि कही उसका पति आवाज ने दे दे उसको ।

क्योकि राहुल के साथ उसको कल क्या करना था उसने उसकी तैयारी कर ली थी इसिलिए आज की रात भर वो उसे और तड़पने के लिए छोड रही थी

शालिनी मुस्कुराती हुई घूमी और किचन से बाहर जाती हुई - चल अब बत्ती बुझा और सोने जा

राहुल ने कुछ नही किया बस मुस्कुरा वही खड़ा देखता रहा तो परेशान होकर शालिनी ने बत्ती बुझाइ और बोली - तुझे यही रहना है यही रह मै दरवाजा बन्द करके सोने जा रही हू

शालिनी अपने दरवाजे तक गयी लेकिन जब उसे राहुल के आने की आहट नही मिली तो वो किचन की ओर घूमी थी कि राहुल से टकरा गयी ।

राहुल दबे पाव उसके पीछे आकर खड़ा हो गया था
शालिनी ने कुछ बोलना चाहा उससे पहले राहुल ने अपने होठ उसके होठो से चिपका दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया ।

शालिनी चौकी की राहुल दरवाजे पर ही ये क्या हरकत कर रहा है कही उस्का पति ना आ जाये

शालिनी कसमसाती हुई अपने होठ छुड़ा कर धीमी आवाज मे - क्या कर रहा है छोड मुझे ,तेरे पापा कमरे मे जाग रहे है अभी

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी मा के गरदन को चुमते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर लोवर की लास्टीक को फैलाते हुए नंगी गाड़ को मसलने ल्गा

शालिनी अपने बेटे का दोहरा प्रहार झेल ना सकी और उसकी सासे भारी होने लगी और उसके आवाज मे खुमारि सी बढने लगी । मदहोस लहजे मे धीरे से वो राहुल के पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए बोली - उम्म्ंम बेटा रुक जा ना , यहा नही तेरा पापा अह्ह्ह उम्म्ंम

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी ऊँगली को अपनी मा के गाड़ की दरारो मे रगड़ता हुआ उसकी गाड़ के सुराख को भेदने लगा जिससे शालिनी चिहुक कर अपने गाड़ सख्त करते हुए उंगलियो को छेद से दुर करने लगी तो राहुल ने अपनी उंगली को जोर देते हुए आगे बढाया और अपनी मा के कान के पास एक चुंबन किया

चुंबन का अह्सास पाते ही शालिनी ने अपना पुरा शारिर ढीला छोड दिया वही राहुल की ऊँगली कच्च से उसके गाड़ मे चली गयी

सीईई अह्ह्ह बेटा धीरे , सुखा है वो उम्म्ंं , शालिनी ने अपने बेटे की हरकत पर प्रतिक्रिया दी और फिर उसके कलाई को पकड कर अपने गाड़ से उसके हाथो की दुरी बनाते हुए - बस कर बेटा,, यहा नही


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राहुल ने एक भी नही सुना और इस बार सीधा हाथ अपनी मा के भिगे हुए चुचो पर रखा और उन्हे मस्लते हुए अपने होठ वापस से अपनी मा से जोड लिये

शालिनी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और राहुल के तपते होठो की गर्मी ने उसे भी परेशान कर दीया और वप उसके होठो को खिचते हुए चुबलाने लगी

राहुल भिगे हुए टीशर्ट के उपर से एक हाथ अपनी मा की चुचिया मसल रहा था और दुसरे हाथ से अब भी उसने अपनी मा के कूल्हो को जकड़ रखा था ।

फिर अगले ही पल बिना कोई हैरानी ने राहुल ने अपनी मम्मी से दुरी बनाई और कुल्हे को नचाते हुए उसको पीछे से जकड़ लिया ।

शालिनी को समझ नही आ रहा थ कि राहुल क्या करने की सोच रहा था उसके मन मे अपने पति को लेके डर बना हुआ था लेकिन वो राहुल की कामुक हरकतो से गर्म हुई जा रही थी ।

अभी शालिनी अपनी अवस्था जान्च रही थी कि इतने मे

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राहुल ने फिर से उसकी चुचिया पीछे से दबोच ली और उन्हे मसलने लगा । उस्का तना हुआ लण्ड गाड़ पर सास ले रहा था ।

शालिनी की कसमसाहट बढ रही थी और वो अपने जिस्म को राहुल के उपर ही ढीला छोड चुकी थी । कि तभी राहुल ने उसका टीशर्ट खिच कर उपर कर दिया और उसकी नंगी चुचिया उसके हाथो मे आ गयी ।

अपनी मा के रसिले पपीते जैसी भारी चुचिया राहुल के हाथो मे नही समा रही थी

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उसने अपनी दोनो हथेली एक साथ अपने मा के तने हुए निप्प्लो पर घुमाई की शालिनी उपर से निचे तक मचल उठी और राहुल वापस से उसकी दोनो चुचिया पकड के मस्लते हुए वापस से शालिनी को अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके निप्प्ल को चुबलाता हुआ दुसरे हाथ से अपना लण्ड भी बाहर निकाल दिया


शालिनी ने जैसे ही अपनी जान्घो पर राहुल के सख्त लण्ड के स्पर्श को मह्सूस किया तो वो टटोलते हुए उसके तने को जकड़ ली औए भीचने लगी ।

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अपनी मा के हाथो का स्पर्श पाते ही राहुल तन कर खड़ा हो गया और उसकी आंखे बंद हो गयी , भले ही उसके हाथो मे 36DD की दोनो भारि भारी खर्बुजे जैसी चुचिया लटक रही थी लेकिन उसकी मा के एक स्पर्श ने राहुल को मूरत कर दिया था ।


शालिनी ने जैसे ही ये मह्सुस किया वो खिल उठी और जैसे उसे इस खेल मे अब अपनी चाल चलाने का मौका मिल गया हो
उसने अपनी कामुकता पर जोर देते हुए अपने नुकीले नाखुनो से राहुल के लण्ड की निचली नसो को खरोचा तो राहुल पूरी तरह कापने लगा

उसके पैर जवाब देने लगे थे वो हिल रहा था जैसे किसी अपाहिज की बैशाखी छिन ली गयी हो

राहुल ने हाथ आगे बढा कर अपने मा के कन्धे थाम लिये और शालिनी उसके लण्ड को आगे की ओर भीचने लगी

अब सारा खेल शालिनी के काबू मे आ चुका था
राहुल तेज सासे लेता हुआ अपने एड़ियो के बल खड़ा हुआ जा रहा था और लण्ड की नसे और फुल रही थी

अपनी कपकपाती आवाज मे राहुल बस इतना ही बोल पाया - आह्ह मम्मी चुसो ना उम्म्ंम

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शालिनी समझ गयी कि आज के लिए इसको इतना ही चाहिये और अगले ही पल शालिनी वही बैठ गयी और अपना मुह खोलते ही राहुल का आधा लण्ड मुह मे भर लिया ।

राहुल के जैसे ही अपने मा के ठंडे नाजुक होठो का स्पर्श मिला वो निचे से उपर तक सिहर उठा और लड़खड़ा कर उसने अपनी मा के सर को थाम लिया


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राहुल की बेताबी ज्यादा देर तक रुक ना पाई और कुछ ही देर मे वो अपनी मा के मुह झड़ने लगा

उसने अपना पुरा लण्ड मा के गले मे उतारते हुए एड़ियो के बल खड़ा हो गया और आखिरी झटके तक लण्ड को घुसाये रखा
शालिनी ने भी अच्छे से अपने बेटे के लण्ड को निचोड़ा और फिर वो खडी हुई ।

राहुल वही दिवाल से लग कर सासे भरने लगा और शालिनी ने मुस्कुरा कर उसके गालो को चूमते हुए - अब सो जायेगा ना

राहुल हाफते हुए स्वर मे - हा थैंक यू मम्मी

शालिनी - जा अब सो जा
ये बोलकर शालिनी ने अपना टीशर्ट निचे किया और कमरे मे चली गयी ।

दरवाजे बंद होने की आहट से झप्किया लेता जन्गीलाल चौक गया और उसकी निगाहे शालिनी के भिगे हुए टीशर्ट पर गयी और उसने मुस्कुरा कर इशारे से कारण पूछा तो शालिनी ने बिना कोई जवाब दिये अपनी भीगी हुई टीशर्ट निकाल दी

अपनी बीवी के नंगी चुचिया देख कर जंगीलाल सारे सवाल भुल गया और दोनो एक बार भी चुदाई के खेल मे शामिल हो गये ।


जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
 
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बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
राज अपनी बुआ के घर मीना को जल्दी ही पेलने वाला है राहुल शालिनी से धीरे धीरे खुल रहा है वही कमलनाथ भी रीना को ब्रा और पैंटी दिला रहा है लगता है इसका नंबर भी जल्दी ही लगेगा
:thanx:
 
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बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राज ने अपनी बुआ की दमदार चुदाई कर ली है लेकिन उसे अरुण के बारे में पता चला कि वह सेक्सी वीडियो देखता है लगता है दोनो की खूब जमने वाली है वही राहुल अपनी मां और बाप की चुदाई देख रहा था जिसे शालिनी ने पकड़ लिया है देखते हैं शालिनी आगे क्या करती है
:thank_you:
 
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बहुत ही कामुक और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
राज अपनी बुआ शीला को अरुण के साथ चुदाई करने के लिए बोलता है वही अपनी दूसरी बुआ कम्मो को नाईटी में देखता ही रहा गया है अब देखते हैं कि वह अरुण को कैसे समझाता है वही दूसरी ओर निशा अमन के साथ मस्ती कर रही है उसे अपने चुची की फोटोज भेजकर उत्तेजित कर रही है
रीना अपने ससुर से चुदने के लिए तैयार हो गई है देखते हैं आगे क्या होता है
:thanks:
 
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बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है अरुण ने बताया उसने मां को पापा और बड़े पापा से चुदते हुए देख लिया था और साथ में ये भी बताया की उसे ये सब देखते हुए मीना ने पकड़ लिया तो मीना अरुण से चूद गई है राज के लिए ये तो मजे की बात है अब वह मीना और कम्मो बुआ दोनो को चोद सकता है राज के मजे होने वालें है वही दूसरी ओर आज तो शालिनी ने राहुल का लन्ड चूसकर उसको शांत कर दिया है लगता है शालिनी जल्दी ही राहुल से चुदने वाली है देखते हैं आगे क्या होता है
Sukriya
 
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