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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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discovered GIF
Muth baji ki charm seema ... jaha muthbaaz es three diamantion ki duniya chhod kar ek alag hi aayam me pahuch jaata hai


Jaha use apne jism ke naso se nichudati hue urja mahsus hone lagti hai
Pair kaapne lagte . aankhe aur dimaag body se sugar release hone ke karan sust hone lagte hai

Najare dhudhli ho jati hai 😉😉😉😉
 
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Sanju@

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UPDATE 163


सादीया की इच्छास्वरुप मैने सुबह के 3 बजे तक उसकी चुत और गाड मारी और फिर मै सो गया ।

सुबह 9 बजे के बाद ही मेरी आंखे खुली तो उसने ताजा गर्म नाश्ता करवाया और फिर मै सफ़र पर निकलने की तैयार होने लगा ।
इस दौरान वो मेरे पास ही रही और उसने मुझसे वादा लिया कि जब भी मुझे समय मिले वो यहा जरुर आऊ ।
मै भी मुस्कुरा कर हा बोल दिया ।
फिर वो मुझे बस स्टाप तक छोडने आई और 10 बजे वाले बस से मै बुआ के घर की ओर निकल गया ।

मै जा तो बुआ के यहा जा रहा था लेकिन सादीया की यादे मेरा पीछा नही छोड रही थी ।
उसके बारे मे सोचते हुए कब मै सो गया पता ही नही चला

और मेरा सफर भी खतम हो गया ।
मै फाइनली अपने बुआ के शहर आ गया था ।
मैने अपना बैग लिया और निचे उतरा ।

फिर मै चौराहे से होकर टाउन की ओर जाने लगा ।
चुकी मै काफी समय बाद बुआ के यहा आया था तो यहा बहुत कुछ बदल गया था ।

चौराहे से मैने ई-रिक्सा लिया और बुआ के घर के मुहल्ले का नाम ब्ताया और फिर हम (मै और वो रिकशा वाला ) निकल गये ।

रास्ते मे मैने एक बहुत ही बड़ा कालेज देखा , काफी वीआईपी भी था ।
मैने रिक्सेवाले से उस कालेज के बारे मे पुछा तो उसने मेरे बड़े फुफा का नाम बताया तो मै मुस्कुरा दिया ।

फिर वो रिक्सेवाला इस कालेज के साथ साथ मेरे फुफा की भी बड़ाई बतियाने लगा ।
मै चुपचाप सुनता रहा और जब मेरा मुहल्ला आया तो मै उसके पैसे देकर उतर गया ।

मै अपना बैग उठाकर कन्धे पर किया और कालोनी के एक बड़े मकान की ओर देखा ।
फिर मुस्कुरा कर उसी ओर चल दिया ।

काफी बड़ा गेट लगा था और उसमे एक छोटा गेट भी था । मै उस छोटे गेट से अन्दर घुसा ।

अंदर काफी बड़ा घर था
जित्ने मे मेरा चौराहे वाला घर था उतना तो फुफा जी ने खुला छोड रखा था । जिसमे एक ओर कुछ आदमी औरत अनाज का काम कर रहे थे ।
एक ओर फुलवारी भी थी उसकी भी देखरेख दो औरते कर रही थी ।

मै बेधड़क आगे बढ रहा था और घर के बरामदे से होकर एक ब्डा सा दरवाजा फांदते हुए हाल मे पर्वेश किया तो सामने शिला बुआ खडी थी ।

जो सोफे पर रखे हुए कपडो मे से छटाई कर रही थी ।
मैने इधर उधर जरा भी नही देखा ,,बुआ के कुरती ने उभरी हुई गाड़ देखकर मेरा लण्ड वैसे ही तन चुका था
मै दबे पाव गया और बुआ को पीछे से पकड लिया ,

मै चहक कर - बुआआ हिहिहिही

मैने उनको पेट पर से पकड़ा हुआ था और मेरा लण्ड उनकी गाड़ मे चुभ रहा था ।

शिला बुआ ने जैसे ही मेरी आवाज सुनी वो खुश हुई - अरे मेरा लल्ला तु

और वो फिर वो मेरी बाहो मे ही घूम कर मेरे ओर हो गयी ।
अब मेरे हाथ उनकी कूल्हो पर थे ।
मैने तुरंत हग कर लिया और उन्होने मुझे रोका भी नही ।

मै उन्के सीने से चिपका हुआ था कि मेरी नजरे एक जगह अटक गयी।

priya-tiwari-priya
एक बडी ही गठिले बदन वाली औरत जिसने डीप गले का ब्लाऊज पहन रखा था वो एक कमरे से झाडू लगाते हुए हाल मे आ रही थी ।
मै बुआ से अलग हो गया था और मेरी नजरे उसके झान्कते हुए चुचो मे अटक गयी थी ।
जब बुआ ने मुझे एकदम से चुप देखा तो मेरी नज़र का पीछा किया और वो मुस्कुरा कर मेरे गाल खिचते हुए ।

शिला - शैतान कही का ,,,अभी आये हुए तुझे कुछ मिंट भी नही हुए और तु शुरु हो गया ।

मै हस कर उनकी कमर पर हाथ घुमाते हुए - ये कौन है बुआ

शिला - ये हमारे घर की खास नौकरानी है , मीना

मै बुआ की आंखो मे देखते हुए - खास नौकरानी मतलब हिहिहिही

शिला हस कर - चल अब ज्यादा दिमाग ना लगा ,,और फ्रेश हो ले । मै खाना लगाती हू ।

फिर बुआ ने मुझे एक कमरे मे ले गयी ।
उस कमरे की हालत बहुत खराब थी ।
यहा वहा कपडे बिखरे बड़े एक टेबल पर कम्पयूटर था लेकिन वहा भी सब कुछ तीतर बितिर था ।

मैने बेड पर अपना बैग रखा और थोडा असहज होकर बैठ गया ।
बुआ समझ गयी कि मुझे ये कमरा कुछ खास पसंद नही आया था ।

शिला मुस्कुरा कर - अरे ये कमरा अरुण का है ,, वो ऐसे ही अपने सामान इधर उधर कर देता है ।
शिला - तु हा बाथरूम मे फ्रेश हो ले और मै मीना को बोल कर ये सब सही करवा दे रही हू ।

फिर मैने अपनी बैग से अंडरवियर लिया और अपने कप्डे उतारे और नहाने के लिए कमरे के ही बाथरूम मे चला गया ।

गुनगुने पानी से नहाकर मै तौलिया लपेट कर बाहर आया तो देखा वो कामवाली मीना राहुल के समान सही कर रही थी और बकबकाये जा रही थी ।

मीना कुछ किताबो को एक डिब्बमे रखते हुए- ये अरुण बाबू का ना आदत एकदम खराब है , अरे ऐसी किताबे कोई घर मे रखता है । वो तो शूकर है कि इनका कमरा मै साफ करती हू नही तो अगर माल्किन लोग देख ले तो शामत आ जाये ।

मीना बड़बड़ा रही थी कि उसकी नजरे मुझ पर गयी ।
और वो बिना पलके झपकाये मेरे खुले सीने को निहारे जा रही थी ।

मै थोडा सा शरमाया और लपक कर अपना टीशर्ट उठा लिया ।

मीना - तो आप ही हो वो बाबू जो माल्किन के मायके से आये हो

मुझे उसकी बोलने के तरीके पर हसी आई
मैं मुस्कुरात हुआ - हा मै राज हू ।

मीना - देखो राज बाबू ये अरुण बाबू के साथ रह रहे हो न तो थोडा इनकी हरकतो को नजरअंदाज करना ।

मै थोदा परेशान होकर- क्यू ! क्या हुआ ?

मीना भड़कती हुई - अरे अब मै क्या बताऊ राज बाबू तुमको , खैर छोडो आप अब आराम कर सकते हो ।

फिर मैने लोवर पहना और वही मीना अरुण के कम्प्यूटर को साफ करने लगी ।

कि अनजाने मे उससे डेस्कटॉप का बटन दब गया और डेस्कटॉप ऑन हो गया ।
डेस्कटॉप स्क्रीन की लाईट मुझे महसूस हुई तो मै उस देखा

तो मीना बड़बड़ा रही थी - हे ददा ये कैसे चालू हो गया । कहा से बंद होगा

मैं उसकी परेशानी भरी बड़बड़ाहट सुन ली और उठकर - क्या हुआ , बंद नही हो रहा है क्या

मेरी आवाज सुनते ही मीना desktop स्क्रीन के सामने खड़ी होकर जैसे उसे छिपाने लगी - न न नही वो मै बंद कर लूंगी

मै उसकी ओर बढकर - अरे रुकिये मै बंद कर देता हू ।

ये बोलकर जैसे ही मै मीना के बगल मे खड़ा हुआ तो सामने देखा डेस्कटॉप मे mute मे एक पोर्न वीडियो चल रहा था और उसने एक औरत एक लडके से चुद रही थी ।

मै समझ गया कि मीना की हडबडी का कारण क्या था
तो मैने लपक कर डेस्कटॉप की स्क्रीन ऑफ कर दी ।


मीना मुझसे नजरे चुरा रही थी और मुझे भी थोडा असहज लग रहा था कि अभी मुझे आये 15 20 मिंट भी नही हुए और क्या क्या हो रहा है ।

मैने मीना के रस भरे जोब्नो पर नजरे गडाये रखा और पल भर मे ही मीना ने मेरी नजरो का लक्ष्य भाप लिया ।

जिससे उसकी सासे तेज हो गयी और वो फौरन कमरे से अरुण के गंदे कपडे लेके बाहर निकल गयी ।

मै अपना लण्ड सेट किया और अपना बैग भी एक जगह रख कर बाहर आ गया ।
फिर बुआ ने मुझे खाना दिया और मै खाना खा रहा था ।इसी दौरान मीना मुझे पानी देने के लिए आई

मै मुस्कुरा कर - तो आप अरुण की यही सब हरकतें नजरअंदाज करने को बोल रही थी ।

मीना ने मेरी ओर देखा और मुस्कुरा कर - हम्म्म

मै मुस्कुरा कर - कोई बात नही ये तो लगभग सभी घरो मे होता है ,, बच्चे ये सब देखते ही रहते है

मीना- ओहो अभी आप समझ नही रहे हो कि बात कितनी बडी है ।

ये बोल कर मीना चली गयी ।
और मुझे एक उलझन मे छोड गयी कि आखिर ऐसा क्या करता है अरुण कि वो मीना को अजीब लगता है ।


फिर मै बुआ के पास चला गया और उनके कमरे मे देखा तो कमरा बड़ा ही आलिशान था ।
काफी बड़ा बेड था जिसमे 4 से 5 लोग आसानी से सो सकते थे और गद्दा भी बहुत मुलायम था ।


फिर मै बुआ से बाकी के लोगो के बारे मे बात करने लगा ।
तो पता चला कि कम्मो बुआ और अरुण अभी 2 बजे तक आयेंगे और दोनो फूफा लोग शाम तक आयेंगे क्योकि वो लोग स्कूल मे देर तक रुकते है ।


इधर मै घड़ी देखी और बुआ के गुजारिश की तब तक क्यू ना हम लोग एक राउंड कर ले तो बुआ ने उसके लिए मना नही किया और हमलोग कमरे का दरवाजा बन्द करके शुरु हो गये ।


लेखक की जुबानी

CHAMANPURA


बीती रात अपने बेटे राहुल की बेचैनी देखने बाद आज शालिनी ने उसे तंग करने का नया तरीका निकाला ।
सुबह की चर्या के बाद वो अपने बेटी के कमरे मे गयी और उसने निशा की आलमारी से उसका एक लाईट ट्रांसपैरंस प्लाजो निकाला । फिर इठलाती हुई अपने कमरे मे चली गयी ।

करीब 9 बजे तक राहुल नहा धोकर नास्ते के लिए किचन की ओर गया और जैसे उसने सामने देखा उसकी धडकनें तेज हो गयी ।

उसका मुरझाया चेहरा खिल उठा और लण्ड पल भर मे ही लोवर को भेदने के फड़फडाने लगा ।

20230101-173627
क्योकि सामने किचन ने शालिनी निशा की वही पारदर्शी प्लाजो पहने हुए झुक कर फ्रिज से कुछ निकाल रही थी और उसमे से उसके गुदाज फ़ैले हुए चुतडो पर कसी हुई उसकी पैटी साफ झलक रही थी ।

राहुल ने अपना सुपाडा खुजाया और सीधा अपनी मा के पीछे खड़ा हो गया ।

राहुल- क्या बना रही हो मम्मी
शालिनी - बस नासता हो रहा है , तु बता नहा लिया

राहुल - हा मम्मी , हिहिहिही

शालिनी - तो हस क्यू रहा है ,,बैठ मै नास्ता लगा रही हू

राहुल सीधा मुद्दे पे आता हुआ - वो मुझे कल रात के लिए हसी आ रही थी ।

शालिनी मुस्कुरा कर - क्यू उसमे हसने जैसा क्या था ?

राहुल - आप तो कह रही थी कि पापा बड़े शरारती है हिहिहिही


20230101-173425
"ये तो कोई भी कर सकता है इसमे कैसी शरारत " , राहुल ने अपने हाथ आगे बढा कर शालिनी के गुदाज गाड़ को हाथ से छुते हुए कहा ।

शालिनी को जैसे ही अपने बेटे के हाथ अपने चुतडो पर मह्सूस हुए उसने अपने गाड़ सख्त कर लिये और कापने लगी ।

" अच्छा तो तेरे हिसाब से शरारत कैसे करते है ", शालिनी ने खुद की सासो को काबू मे करते हुए आगे बढ कर सिंक मे पड़े बरतन खंगालने लगी ।

राहुल हस - हिहिहिही , नही आप गुस्सा करोगे ।

शालिनी तो चाह ही रही थी कि राहुल आगे बढे इसिलिए वो राहुल को मौका देते हुए ।
शालिनी - मान ले तु तेरे पापा की जगह होता तो क्या करता । उम्म्म बोल ।

राहुल के कानो मे जैसे ही वो शब्द पड़े उसका लण्ड ठुमका और दिमाग मे एक पल को अपनी मा को बहुत ही बेरहमी से चोदने के ख्याल आया और फिर वो अपना लण्ड मसलता हुआ ।

राहुल खिखी करता हुआ अपनी मा के पास निचे बैठ गया ।

"अगर मै पापा की जगह होता तो ऐसा करता हिहिहिही ", राहुल ने अपनी के कूल्हो से उसका प्लाजो खिच कर उसके चुतडो को नंगी करते हुए बोला ।

20221129-134812

शालिनी चौकी और चिहुकी - हेईई पागल कही का
फिर अपने भिगे हाथो से ही अपने प्लाजो को खिच के अपनी गाड़ पर चढा लिया ।


20230108-142403

राहुल निचे बैठा हसे जा रहा था मगर दिल ही दिल मे अपनी मा की नंगी गोरी चिकनी गाड़ को चूमने का अरमाँ अधूरा रह गया था ।

शालिनी अपने हाथ पोछते हुए -चल उठ और ले नास्ता कर । मुझे लगा तु ... और तुने तो मुझे ही


राहुल अपनी मा के हाथ से नास्ते का प्लेट लेता हुआ - हिहिहिही आपने ही पूछा था ना तो हिहिहिही

शालिनी उसके चहकते चेहरे पर खुश थी और शर्मा के काम करने लगी ।

राहुल ने नाश्ता किया और हाथ पोछ कर किचन से जाने पहले अपनी मा के चुतडो पर चट्ट से मारता हुआ - हिहिहिही अगर मै पापा की जगह होता तो ऐसा हमेशा करता

इतना बोलकर राहुल दुकान मे चला गया और शालिनी अपने चुतडो को सहलाते हुए हसने लगी ।


JAANIPUR

सुबह के 10 बज रहे थे और कमलनाथ नासता करके हाल मे खड़ा रीना के निचे आने का इन्तजार कर रहा था ।

घर के बाहर खड़ा ई-रिक्से वाला हार्न पर हार्न दिये जा रहा था ।

कुछ ही पलो मे रीना तेजी से उतरते हुए सीढ़ीओ से निचे आने लगी ।

उस्के मोटे हिल वाली सैन्ड्ल की कट कट से कमलनाथ का ध्यान अपनी बहू की ओर गया और उसकी निगाहे रिना के ब्लाउज ने उछलते चुचो पर अटक गयी ।

रीना सीढियो से निचे आगयी थी और उसकी तेज सासो से अभी भी उसकी चुचिया फूल रही थी और कमलनाथ की निगाहे अभी भी वही अटकी थी ।

रीना थोडा असहज हुई और हस कर - चलिये पापा जी ,

कमलनाथ - हा चलो
फिर रीना अपने सर पर पल्लू करके आगे आगे चल पड़ी और कमलनाथ पीछे से साडी मे थिरकते उसके जबरदस्त कूल्हो को देख कर अपना लण्ड सेट किया और वो भी घर से बाहर निकल गया ।

दोनो ई-रिक्से से बड़े बाज़ार की ओर निकल पड़े ।
रास्ते मे उन्होने तय किया कि पहले साड़ियो की शॉपिंग हो जाये फिर छोटे मोटे आईटेम खरीदने जायेंगे ।

फिर वो शो रूम पर गये और रीना ने टोटल 4 साड़िया पसंद की । एक सोनल और एक उसकी मा रागिनी के लिए , एक अपनी सास रज्जो और एक खुद के लिए ।

साड़ियो की खरिदारि के दौरान रीना की निगाहे शो मे खड़े एक पुतले पर जमी रही थी । जिसे दुकानदार ने बहुत ही खुबसूरत चन्देरी प्रिंट मे क्राप-टॉप लहन्गा पहना रखा था ।

कमलनाथ जिसकी निगाहे रीना पर ही जमी थी उसने भी ये नोटिस किया और समझ गया कि उसकी बहू उससे कहने मे हिचक मह्सूस कर रही है ।


कमलनाथ दुकानदार से - भाईसाहब वो ड्रेस कितने की है, जरा उस मॉडल मे कुछ दिखाईये

रीना ने फैली हुई आंखो से कमलनाथ को मुस्कुरा कर देखा - पापा जी वो बहुत महगा है ,

कमलनाथ - तुझे पसन्द है ना

रीना शर्म से नजरे झुका कर धीमी आवाज मे - हम्म्म , लेकिन मा जी गुस्सा करेंगी । मत लिजिए खर्चा वैसे ही ज्यादा है

कमलनाथ धीरे से रीना के पास होकर - अरे तु रमन की मा को छोड़ उसको कैसे मनाना है मुझे पता है ।

कमलनाथ की बात पर रीना मुह पर हाथ रख कर शर्माते हुए हस दी ।

इसपर कमलनाथ सफाई देने लगा - ओह मेरा वो मतलब भी नही था । तु बहुत शैतान है हिहिहिही

रीना हस्ती हुई - मै तो उस बारे मे कुछ सोचा ही नही हिहिहीही आप ही याद दिला रहे हो

कमलनाथ खुद को शान्त करता हुआ - अच्छा ठिक है तो ये ही कलर लेना है या कोई और

रीना भी खुद को सजग करती हुई - ह्म्म्ं यही रहेगा ।

फिर कमलनाथ सारी पैकिंग करवा कर बिल देता है और सामान लेके दुसरी दुकान के लिए निकल जाते हैं ।

अगला स्टाप था बरतन वाला
वहा भी एक घन्टे बिताने के बाद फाइनली वो सब सृंगार वाले दुकान पर गये ।
चुकि दुकान पर महिलाए ज्यादा थी तो
कमलनाथ एक ओर कुर्सी लेके बैठ गया और रीना समान निकलवाने लगी ।
करीब आधे घन्टे की बोरियत के बाद कमलनाथ के चेहरे पर चमक लण्ड मे कठोरता आई
क्योकि अब दुकान खाली हो चुका था और रीना ब्रा पैंटी देख रही थी ।

कमलनाथ बडी उत्सुकता से अपने चुतड और गरदन उचकाये हुए काउंटर पर फैले हुए लाल नीले मरून गुलाबी रन्गो वाले मुलायम कपडे देख रहा था ।

तभी दुकान पर खड़ी लेडिज ने रीना से पूछा- आपको भी अपने लिये भी चाहिये ।

जैसे ही कमलनाथ के कानो ने वो शब्द पड़े वो चहका और लण्ड मे गुदगुदी हुई

रीना ने कनअखियो से अपने ससुर को देखा और हा मे सर हिलाने लगी ।

तभी उस दुकान वाली लडकी ने रीना से उस्का साइज़ पूछा । तो रीना ने दबी हुई आवाज मे बोला 34D

आवाज इतनी धीमी थी कि उस लड़की ने सही सुना नही तो उसने कन्फर्म करने के लिए थोडा साफ लहजे मे सामान्य होकर पुछा- 34 B या 34D

जिसे कमलनाथ बड़े ध्यान से सुन रहा था और रीना ने बडी हिचक के साथ बोला - B नही D

फिर वो शर्माते हुए अपनी गरदन घुमा कर अपने ससुर की ओर देखा कि कही उन्होंने सुना तो नही ।

फिर वो अपने लिये ब्रा लेने लगी और तभी उसे रज्जो के बारे मे भी ख्याल आया कि उसके लिए भी तो ब्रा पैंटी लेनी है दो जोडी ।

अब असमन्जस कि स्थिति ये थी कि कल उसने अपनी सास से उसका साइज़ पुछा नही और आज वो अपना फोन लेके आई नही थी ।

बड़ी बेबसी से उसने मजबुर होकर कमलनाथ की ओर देखा और अपनी ओर आने का आंखो से इशारा किया ।

कमलनाथ खड़ा होकर रीना के पास आया - हो गया क्या ?


रीना कमलनाथ की ओर झुककर धीमी आवाज मे - वो मा जी के लिए अन्दर के कपडे लेने है । उनका साइज़ क्या था मै पुछना भुल गयी ।

"अरे मुझे पता है ना ", कमलनाथ थोडी तेज आवाज मे चहक कर बोला और फिर अपनी स्थिति को समझकर धीमा हो गया ।

रीना मुह पर हाथ रख कर हसने लगी।
कमलनाथ धिमी आवाज मे मुस्कुरात हुआ - मतलब मुझे पता है , क्या क्या लेना है

रीना मुस्कुरा कर - दोनो लेना दो जोडी

कमलनाथ थोडा खुद को शान्त रखता हुआ - 42DD की वो लेलो और 44 की निचे वाली ।

इतना बोल कर कमलनाथ सीधा खड़ा हो गया और काउंटर पर रखी रीना की दो जोडी ब्रा पैंटी के कलर और डिज़ाइन देखने लगा ।

रीना को जैसे अह्सास हुआ उसे बडी शर्मिंदगी होने लगी

रीना - ठिक है पापा जी आप बैठीये अब

कमलनाथ की निगाहे उस लड़की के हाथो पर जमी थी जो रज्जो के साइज़ की ब्रा पैंटी के बॉक्स उठा कर ला रही थी ।
कमलनाथ उसी ओर इशारा करके - वो जरा कलर देखना था ।

इत्ना बोलकर कमलनाथ मुस्कुरा दिया और रीना भी होठो मे हस्ती रही ।

फिर उस लड्की ने कुछ ब्रा पैंटी के डिज़ाइन दिखाये तो उसमे से कमलनाथ ने दो जोडी सामान्य रेगुलर यूज़ वाले ब्रा पैंटी लिये और एक सेट रेड कलर मे बढिया लैस वाली सेट मे ब्रा पैंटी ली ।

रीना अपने ससुर की चोईस की दाज देते हुए मन मे सोचती है- ऐसे ऐसे सेक्सी कपडे जब मम्मी पहनेगी तो 4 क्या 8 बार कोई भी ...हिहिहिही


कमलनाथ - बस हो गया , बेटा इसका हिसाब बना दो

तभी रीना टोकते हुए - अरे नही , अभी एक और चीज़ चाहिये

कमलनाथ - अब क्या बाकी है बहू
रीना मुस्कुरा कर शरमाती हुई - एक हैयर रेमोवर लेना है

कमलनाथ उसकी बात पर रीना का चेहरा बड़े गौर से देखता है तो रीना तुरंत सफाई देते हुए - वो मा जी को चाहिये था तो

कमलनाथ - अच्छा ठिक है लेलो और कुछ बाकी नही है ना अब क्योकि बहुत लेट हो गया है

रीना - बस पापाजि हो गया , पैसे देके घर ही चलना है अब
फिर वहा का भी हिसाब किताब करके दोनो घर के लिए निकल गये ।
चुकि ई-रिक्से मे आगे की तरफ समान रखा हुआ था तो इस बार दोनो ससुर बहू एक ही सीट पर सट कर बैठे हुए थे ।

और कमलनाथ के जहन मे अभी भी एक बात घूम रही थी कि जब रीना का साइज़ 34C था तो वो 34D की ब्रा क्यू ली ।
कमलनाथ जान रहा था शायद घर जाने पर ये मौका ना मिले तो
कमलनाथ धीमी आवाज मे - अच्छा बहू तुमने तो कल पर्ची मे अपना साइज़ 34C लिखवाया था ना तो फिर आज D क्यू

रीना की चौकी कि उसका ससुर ऐसे क्यू पुछ रहा था ।
हालाकी ये सवाल उसे जमा नही लेकिन वो जवाब देने के लिए बेबस मह्सूस कर रही थी ।

रिना हिचक कर - पापा जी वो मैने सोनल बहिनी के लिए साइज़ लिखवाये थे ना क्योकि अभी उनकी शादी नही हुई है ना

कमलनाथ थोडा हस कर - अच्छा तो तुमने भी शादी के पहले का साइज़ लिखा था समझ गया समझ गया ।

कमलनाथ के इस जवाब पर रीना शर्म से पानी पानी हो गयी और एकदम से चुप हो गयी ।
थोडे ही पल मे उसे अपनी गलती का अहसास हुआ कि वो अनजाने मे क्या बोल गया ।
कमलनाथ मन मे - हे भगवान ये क्या हो गया मुझसे ,, बहु तो यही सोच रही होगी कि मै उसके चुचो को बहुत ध्यान से देखता हू और रोज वो कितना मिज्वाती है ये सब भी मै सोच रहा होउँगा ।

कमलनाथ - ओह्ह सॉरी बेटा मेरा वो मतलब नही था , मै तो बस थोडा उलझा हुआ था

रीना मुस्कुरा कर - कोई बात नही पापा जी । बस आपको ये सब घर पर जाकर पूछ लेना चाहिए था यहा कोई भी सुन सकता है हमारी बाते

कमलनाथ अटकता हुआ - हा बहू तुम सही कह रही हो ,,माफ करना ।

रीना मुस्कुरा कर - कोई बात नही ,

थोडी ही देर बाद दोनो घर पहुच गये ।

हाल मे रज्जो बैठी कुछ अनाज का काम कर रही थी ।
किचन से हल्के फुल्के खाने की खुस्बु आ रही थी ।


रीना - अरे मा जी आपकी तबियत नही ठिक थी तो आप क्यू खाना बना रही थी

रज्जो - ओहो तु भई अम्मा ना बन मेरी ,,, जा फ्रेश हो ले और खाना लगा

रीना हस कर - क्या मा जी आप भी ना

इधर रीना उपर कमरे मे चली गयी और कमलनाथ वही हाल मे झोला खोलकर रज्जो को समान दिखाने लगा ।


कमलनाथ - जानू ये लो मैने खास तुम्हारे लिए ये पसंद किये है ।

रज्जो अपने हाथो मे वो लैस वाली ब्रा को फैला कर देखने लगी ।


20230108-142142
कमलनाथ ने हाथ बढा कर मैकसी के उपर से रज्जो के चुचे मसलता हुआ - जान ये नरम नरम दूध जब इसमे कसेन्गे ना तो बहुत मस्त दिखेंन्गे ।

रज्जो इतरा कर - क्या फायदा इसको भी निकाल दोगे आप हिहिहिही
कमलनाथ सरक कर रज्जो के पास आता है और उस को पीछे से पकड कर उसके चुचे मलने को जाता है कि उसकी नजरे सीढि से नीचे आती रीना से टकरा जाती है और दोनो शरम से नजरे चुरा लेते है ।

रीना मुस्कुराती हुई किचन मे चली जाती है और कमलनाथ रज्जो ने थोडा दुर होकर बाते करने लगता है ।


जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
राज अपनी बुआ के घर मीना को जल्दी ही पेलने वाला है राहुल शालिनी से धीरे धीरे खुल रहा है वही कमलनाथ भी रीना को ब्रा और पैंटी दिला रहा है लगता है इसका नंबर भी जल्दी ही लगेगा
 

Sanju@

Well-Known Member
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UPDATE 164

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

सुबह की मस्ती के बाद से ही राहुल कई बार दुकान से घर के अन्दर चक्कर लगा चुका था और हर बार मौका देख कर वो अपनी मा चुतडो को मसलने और उसको अपने पंजो मे जरुर कस लेता था ।

इसी दौरान उसने नोटिस किया कि दोपहर के खाने के लिए जब उसके पापा अन्दर गये तो काफी देर से वापस आये और उसके बाद वो भी दो बार और घर गये ।

वो समझ गया कि आज शालिनी ने उसके बाप के भी अरमानो को जगा रखा है और वो बेकाबू होकर घर मे जा रहे है ।

तो ऐसे मे राहुल के दिमाग मे आया कि क्यू ना थोडा मम्मी पापा की मस्ती भी देखी जाए
फिर राहुल अपने पापा के अगली बार घर मे जाने का इन्तजार करने लगता है और करिब 3 बजे के आस पास जब दुकान पर कोई ग्राहक नही होते है तो जंगीलाल उठ कर घर मे चला जाता है ।

अपने पापा को अन्दर जाते देख कर ही राहुल का लंड उछल पडा और वो अपने लोवर मे लण्ड को सेट करते हुए दो चार मिंट इन्तजार किया और वो भी दबे पांव अन्दर गया ।
दुकान के गलियारे से होकर जैसे ही वो हाल के मुहाने पर पहूचा तो सामने का नजारा देखकर उसके सासे थम सी गयी ।

उसने अपने लोवर मे तने लण्ड को निचे की ओर दबाते हुए एक गहरी आह भरी और सुपाड़े को मसलते हुए उसकी कुलबुलाहट कम करने लगा ।

20230111-105838

सामने का नजारा बहुत ही कामुक और शानदार था
घुटने के बल बैठी शालिनी के हाथ मे उसके पति जंगीलाल का मोटा मुसल आड़ो सहित था । जिसको बड़े चाव से मुह मे लेके चुबला रही थी ।
राहुल पहली बार अपनी मा के इस रूप को देख रहा था । वो इस बात से भलीभांति परिचित था कि उसकी मा बहुत गरम महिला है लेकिन आज से पहले उसकी मा उसको इस कदर उसको बेताब नही किया था ।

शालिनी पुरा का पुरा लंड गले तक उतार ले रही थी और वो देख कर राहुल अपने बाप की जगह खुद को रखना चाह रहा था ।

एक ओर उसे अपनी मा की कामुक अदाये उसके लण्ड मे कसावट भर रही थी और वही दुसरी ओर वो दुकान पर भी जाने के लिए बेचैन था कि कही कोई ग्राहक आवाज ना देदे ।

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डर के साथ कामुक मस्ती भरे अनुभव थे राहुल के इसिलिए वो कभी हाल मे तो कभी दुकान की ओर देख रहा था ।


इसी दौरान शालिनी की नजर गलियारे के मुहाने पर अन्धेरे मे छिपे साये पर पडी और वो सुपाड़े को मुह मे लिये हुए ही अपनी नजरे गलियारे पर जमाए रखी कि राहुल ने वापस से अपनी गरदन फेक कर हाल मे झाका और उसकी नजरे उसकी मा से टकरा गयी ।

एक पल को दोनो मा बेटे ठठक कर रह गये और उसकी सासे अटक सी गयी ।

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शालिनी क्रियाहीन होकर थम सी गयी और लण्ड उसके होठो के पास रुक गया।


अगले ही पल उसने नजरे उठा कर जन्गीलाल के बंद चेहरे को देखा और लण्ड को वाप्स मुह मे भरते हुए राहुल को आंखे ब्ड़ी करके इशारे मे डांट लगाई और दुकान मे जाने को कहा

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अपनी मा से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नही थी राहुल को और उसके चेहरे पर मुस्कान फैल गयी ।

राहुल ने मुस्कुरा कर वापस से दुकान की ओर एक नजर देखा और फिर हाल मे देखा तो उसकी मा अब और भी कामुकता से उसके बाप के लण्ड को मुह मे लेके घोंट रही थी ।

जल्द ही उसने जन्गीलाल के नसो की फड़फड़ाहट मह्सूस की और उसने अपने दोनो हाथो ला प्रयोग करना शुरु कर दिया और अपनी जीभ को बाहर निकालते हुए सुपाड़े को उसपे रख दिया ।

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कुछ ही देर मे राहुल को उसके बाप की सिसकिया भरी आह आई और लण्ड से मोटी रबड़ी जैसी पिचकारी उसके मा के मुह मे जाने लगी ।

राहुल समझ गया कि अब य्हा नही रुकना ठिक है और वो अपने लण्ड को सेट करता हुआ बाहर आ गया ।

लेकिन उसका लण्ड शान्त नही हो पा रहा था ।
थोडी ही देर बाद जन्गीलाल दुकान मे आ गया और फिर कुछ ग्राहक आने की वजह से राहुल भी दुकान मे फसा रह गया
शाम को करीब 6 बजे नास्ते के लिए शालिनी ने राहुल को आवाज दी तो जन्गिलाल ने उसे घर में जाने को बोला ।
राहुल का मन प्रफुल्लित हो गया और वो अपने ज्ज्बातो के साथ अपने लोवर मे बने त्म्बू को छिपाते हुए घर के अंदर जाने लगा
उधर किचन मे खड़ी शालिनी भी थोडी बेचैन हो रही थी कि उस घटना के बाद वो राहुल के सामने कैसे बात करेगी और उसे ये भी यकीन था कि राहुल उस बात का फायदा जरुर लेगा

शालिनी गरम गरम कचौरीया पलेट मे लगा रही थी और जैसे ही उसने राहुल की आहट किचन के दरवाजे पर पाई ।

वो खुद को सामान्य रखते बिना कोई खास प्रतिक्रिया के ऐसा जताया कि कुछ हुआ ही नही और नास्ते का प्लेट उसके हाथो मे देते हुए - जा ये अपने पापा को देके आ जल्दी

राहुल जो इस उम्मीद मे मुस्कुराते हुए किचन मे घुसा था कि वो अपनी मा से मस्ती भरे पल का लुप्त लेगा लेकिन यहा तो उसकी मा ने कुछ रियेक्ट ही नहीं किया ।

राहुल का उछलता दिल अपने मा के चेहरे के भाव देख कर पल भर मे ही शान्त हो गया और वो चुप चाप नाश्ते का प्लेट लेके दुकान मे जाने लगा ।

इधर शालिनी ने अपने बेटे के चेहरे की बदले हुए भाव देख कर मन में खुश खिलखिला रही थी और राहुल के लिए भी नाश्ते का प्लेट लगाने लगी ।

अब तक राहुल वापस किचन मे आ गया था और उसकी नजरे अब भी अपनी मा के चुतडो पर कसी उस पारदर्शी प्लाजो मे अटकी हुई थी जिसमे से उसकी पैंटी झाक रही थी ।


शालिनी ने नाश्ते का प्लेट लेके उसकी ओर घूमी तो राहुल की निगाहे सीधा उसकी मा के तने हुए चुचो पर गयी जो टीशर्ट फाड़ कर बाहर आना चाह रहे थे और तभी उसकी नजर अपनी मा के टीशर्ट के पडे एक हल्के सफेद छींटे जैसे दाग पर गयी और वो समझ गया कि ये उसके बाप के वीर्य के छींटे है जो झड़ते समय आ गये होगे ।

वो देखते ही राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और शालिनी ने जब उसकी नजर का पीछा किया और उस दाग पर उसका ध्यान गया तो वो भी समझ गयी औद उसकी हसी छुट गयी ।

शालिनी हस कर उसे नाश्ते का प्लेट देते हुए - अब क्या देख रहा है सारा पहले ही तू देख चुका है ,,ले नाश्ता कर


राहुल के कानो मे जैसे ही अपनी मा के खिलखिलाती आवाज आई उसके सारे बुझे हुए अरमान फिर से चहक उठे । लण्ड ने एक नयी अन्गडाई लेली और दिल की शान्त धडकनें फिर से अपनी धुन पर फुदकने लगी ।


राहुल ने एक नजर अपनी मा की आंखो मे देखा और कचौरी को अपनी दान्तो से नोचते हुए हसने लगा ।

राहुल ने आंखो ही आंखो मे अपनी मा को वो सिन याद दिलाया दिया जब वो उसके बाप का लण्ड घोट रही थी ।

शालिनी हस कर शर्माते हुए - अभी पिटूंगी तुझे शान्ति से नासता कर ,,,, हा नही तो

राहुल कचौरिया खाता हुआ अप्ने लण्ड को भी भीच रहा था
और उसकी नजरे अभी भी अपनी मा के पैंटी को निहार रही थी ।
शालिनी किचन साफ करते हुए बिना राहुल की ओर देखे बोली - तुझे शर्म नही आ रही थी जो छिप कर देख रहा था हमे उम्म्ं बोल

राहुल हस कर - रात मे आप देखने ही कहा देते हो हिहिहिही

शालिनी मुस्कुरा कर उसकी ओर आंखो बडी करके देखा - तो तु चाहता है कि अब तेरे पापा की शरारते भी कमरा खोल कर दिखाऊ उम्म्ंम


राहुल चहक कर उठा और पीछे से अपनी मा को पकडते हुए - हा प्लीज ना मम्मी ,, प्लीज प्लीज प्लीज मै कुछ नही बोलूंगा बस चुप चाप देखूँगा ।

राहुल जिस तरह से शालिनी को पेट के पास पकड़ा हुआ था पीछे से उस्का लण्ड गाड़ मे चुभ रहा था और उसे गुदगुदी सी लग रही थी - हिहिहिहिही अरे छोड पहले मुझे ... छोड अभी के अभी


राहुल अपनी मा से अलग हो गया
शालिनी हस्ते हुए - बड़ा आया देखने वाला , चुपचाप नासता कर और दुकान मे जा

राहुल अब तक अपना नासता खतम कर चुका था और वो प्लेट को सिंक मे रखते हुए अपने धुल रहा था ।

शालिनी के हसी भरे जवाब पर - तो आप नही दिखाओगी उम्म्ं

शालिनी मुस्कुरा कर इतराते हुए ना मे सर हिलाया ।

राहुल थोडा रुखे स्वर मे - पक्का मम्मी नही दिखाओगे

शालिनी - हा तो
राहुल चहका और लपक कर वापस से उसने अपनी मा के प्लाजो को निचे जांघो तक खीचा और उसके नरम नरम गोरे मखमाली गाड़ पर एक चुम्मा करके खिलखिला हुआ दुकान मे भाग गया ।

शालिनी हस कर अपनी प्लाजो उपर खिचती हुई - बहुत मजा आ रहा है ना इसे ,,आज रात मे इसको मजा दिखाती हू । मै भी इसको परेशान नही किया ना तो देखना हिहिहिही



राज की जुबानी


शिला बुआ की दो राउंड गाड़ और चुत मारने के बाद मै वही उनके कमरे मे ही सो गया था ।
करीब ढाई बजे कमरे के बाहर शोरगुल होने से मेरी आंखे खुली और मै बाहर आया तो देखा कि कम्मो बुआ अरुण को डांट लगा रही है ।

शिला - रहने दे कम्मो लड़का है अभी
कम्मो नाराज होते हुए - नही दीदी अब बस बहुत हो गया अब और मै इसकी शरारते नही झेल सकती हूँ ।

कम्मो - मैने दिल्ली मे बात कर ली है और इसको मै बोर्डिंग कालेज मे भेज रही हूँ ।

अरुण रुआसा वही हाल के एक कुर्सी पर बैठा हुआ था । मै शिला बुआ मे पास खड़ी मीना को इशारे मे पुछा कि बात क्या है । तो वो मुझे चुप रहने का इशारा करने लगी ।


मैने भी शान्त रहना ठिक समझा ।
अभी तक कम्मो बुआ और अरुण को मेरे आने की खबर नही थी ।

लेकिन जैसे ही कम्मो बुआ ने मीना को इशारा करते देखा तो उनका ध्यान मेरी ओर गया ।

मै उनको देख कर मुस्कुराया और उन्के पास आ कर उन्के पैर छूते हुए - नमस्ते बुआ

कम्मो बुआ ने जैसे ही मुझे देखा वो सब भुल कर हस्ते हुए मुझे पकड कर मेरे गाल छुते हुए - खुश रह बेटा, तु कब आया

फिर मै बुआ को सोनल की शादी को लेके सब बताया और इस दौरान वो बहुत खुश होकर बाते कर रही थी ।

तो अरुण ने जैसे मौका ही पा लिया और उठ कर मेरे पास आया और मुझ्से लिपट गया - देखो ना भैया सब मुझे बोर्डिंग मे भेज रहे , आप बोलो ना मम्मी को

मै हस कर उसको अलग करता हुआ - अब तु इतनी शरारती है तो कोई भी क्या करेगा उम्म्ंम बोल

मै कम्मो बुआ को देखता हुआ - वैसे बुआ इसने किया क्या था ?

मेरे सवाल से क्म्मो बुआ के साथ साथ अरुण , शिला बुआ और मीना के भी चेहरे के भाव बदल गये ।

कम्मो हड़बड़ाती हुई - क क कुछ नही बेटा जाने दे ।

कम्मो अरुण से - तु जा कमरे मे कपडे बदल खाना नही खाना तुझे

अरुण चुपचाप निकल गया और कम्मो बुआ मुझसे घर और शादी की बाते करने लगी ।

मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था कि आखिर क्या बात है जो अरुण के बारे सब छिपा रहे हैं ।
मै तय किया कि ये बात अरुण से ही पता चलेगी ।

लम्बी बात चित मे कब शाम हो गयी पता ही नही चला और फिर इसी दौरान दोनो फूफा भी घर आ गये ।
मै उनसे भी मिला और फिर शाम का नासता करने बाद अरुण के साथ छत पर टहलने के उपर चला गया ।
थोडी देर तक मै उपर से टाउन का नजारा देखता रहा और अरुण से थोडी बाते की उसके टाउन और कालेज की ।

मेरे जहन मे अरुण के बारे जानने की जिज्ञासा बढ़ी हुई थी तो मैने ऐसे ही बातो ही बातो मे उससे पुछ लिया

मै - वैसे तुने आज क्या शरारत की थी क्लास मे हम्म्म

अरुण चुप हो गया और जब मैने फिर से पुछा - अगर तु मुझे बतायेगा तो मै बुआ को मना लूंगा और तुझे बोर्डिंग नही जाना पड़ेगा

मेरी बात सुन कर अरुण के चेहरे के भावो मे हलचल सी हुई और वो हिचकता हुआ - वो भैया मै क्लास मे मोबाइल चला रहा था तो टीचर ने पकड लिया था ।

मैने थोडा विचार किया और सोचा कि अगर बात सिर्फ इतनी थी तो कम्मो बुआ को इसके उपर ऐसे नही भड़कना चाहिये था ,,,साफ था कि अरुण झूठ बोल रहा था ।


मै उसको बिना कोई सफाई का मौका देते हुए तुरंत बोला - और मोबाईल मे तु क्या देख रहा था उम्म्ंम

अरुण की नजरे नीची थी और वो वैसे ही दबी आवाज मे - वो मै गेम खेल रहा था भैया

मै अब उसपर दबाव बनाते हुए - झूठ बोल रहा है तु , देख सच सच बता मुझे और मैने देखा है तेरे कम्पुटर पर कैसी गेम खेल रहा है आजकल तु


मेरी बाते सुन कर अरुण की हालत खराब हो गयी और वो गिडगिडाता हुआ - प्लीज प्लीज भैया मम्मी को मत बोलना प्लीज


मै भौहे सिकोड़ते हुए - तो बता क्या देख रहा था तु

अरुण हिचकते हुए - वो मै और मेरा दोस्त वो वाली वीडियो देख रहे थे और मेरे दोस्त ने अचानक मे मस्ती मे मोबाईल की आवाज बढा दी और हम पकड़े गये ।


मै उसे फटकारता हुआ - तो यही सब देखने जाता है स्कूल ,

अरुण - सॉरी ना भैया , प्लीज मम्मी से बात करो ना आप

मै - हमम ठिक है लेकिन पहले तु अपना मोबाइल मुझे दे मै उसमे से वो सब वीडियो डिलीट कर दू फिर

अरुण उदास होकर - भैया वो मोबाइल मम्मी ने ले लिया है ।

मै - हमम ठिक है
वो तो मै ले लूंगा लेकिन तुझे अपनी आदत सुधारनी पड़ेगी ।

अरुण मुस्कुराता हुआ - हमम ठिक है भैया ।
फिर मै और वो निचे चले गये ।



जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राज ने अपनी बुआ की दमदार चुदाई कर ली है लेकिन उसे अरुण के बारे में पता चला कि वह सेक्सी वीडियो देखता है लगता है दोनो की खूब जमने वाली है वही राहुल अपनी मां और बाप की चुदाई देख रहा था जिसे शालिनी ने पकड़ लिया है देखते हैं शालिनी आगे क्या करती है
 
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UPDATE 165 ( A )



अरुण से बात चीत के बाद मै नीचे चला आया ।
देखा किचन मे शिला बुआ और मीना रात के खाने की तैयारी कर रही थी ।
और कोई हाल मे दिखा ही नही । अरुण अपने कमरे मे जा चुका था ।
मै किचन मे चला गया
मै बुआ के पास खड़ा होकर मीना की चिकनी कमर और उभरी हुई गाड़ की गोलाई पर नजर मारते हुए - बुआ ये छोटी बुआ कहा गयी ।
शिला - अरे बेटा वो उपर अपने कमरे मे होगी ।

" ठीक है तो मै उपर ही जा रहा हू " , ये बोल कर मै जैसे किचन से बाहर निकलने को हुआ कि शिला बुआ ने मुझे टोका

शिला - अह बेटा तु परेशान ना हो , मै मीना को भेज कर बुला देती हू ।

मुझे थोडा अजीब लगा लेकिन मैने कुछ कहा नही वही डायनिंग चेयर पर बैठ गया ।
और मीना अपने चुतड मटकाते हुए उपर चली गयी ।
उसके जाते ही मै बुआ के पास वापस खड़ा होकर धीमी आवाज मे - बुआ आपको अरुण के आज की शरारत के बारे मे पता है ?

फिर मैने अरुण से हुई बात चीत के बारे मे बताया ।

शिला उखड़ कर - हा सब जान रही हू और अभी उसकी ये सब करने की उम्र नही है ।

मै - तो आपको उसे समझाना चाहिए ना बुआ , छोटी बुआ ना सही आप समझाओ ना ।
शिला बुआ - ओह्ह कैसी बाते कर रहा है , मै उसकी मौसी हू और मै कैसे इनसब पर बाते कर सकती हू ।
मै शरारत भरी मुस्कराहट के साथ बुआ के भारी चुतडो को मसलता हुआ - अच्छा और मेरे साथ सब कर सकती हो उम्म्ंम , जितना हक मेरा है उतना ही हक अरुण का भी है बुआ

शिला ने मुस्कुराहट भरी नजरो से बडे ताज्जुब होकर मुझे देखा और बोली - तो तु चाह रहा है कि मै उसके साथ .....।

मै शरारत भरी मुस्कुराहट से - वो आपकी मर्जी है बुआ लेकिन कम से कम उसकी आदते तो सुधारो । उसकी इच्छा को परखो ।

शिला मुस्कुरा कर - इतनी ही फ़िकर है तो तु खुद क्यू नही कर लेता ये सब

मै बुआ के कन्धे पकड़ कर - बुआ मै कल या परसो मे घर चला जाउन्गा लेकिन आप तो रोज उसके साथ हो ना ।

बुआ मेरे हाथ अपने कन्धे से हटाकर - मुझे सारा पता है वो क्या चाहता है ।

मै चौक कर - वो क्या ?

शिला ने शरारत भरी नजरो से मुस्कुरा कर मुझे देखा - हम्म्म्म तुझे सच मे उसकी फिकर है या बस तू यहा मुझसे बाते उगलवा रहा है उम्म्ं बोल

मै हस कर - वो मै हिहिहिही

मै अपनी बात रखता की तब कम्मो बुआ की आवाज आई ।

कम्मो - हा राज बेटा क्या बात है , तु मुझे बुला रहा था ।

मै पलट कर किचन के दरवाजे के पास देखा तो मेरी आंखे फटी रह गयी । क्योकि अभी तक तो मैने कम्मो बुआ को अच्छे से निहारा ही नही था ।

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उफ्फ़ क्या कयामत लग रही थी बुआ एक satin silk की नाइटी मे , देखते ही आंखे उनके जबरदस्त ठोस और नुकीले जोबनो पर अटक गयी ।
कम्मो बुआ के चुचे उनकी हल्की ट्रांसपायरेन्ट नाइटी के निचे बिल्कुल नंगे थे और उसमे उनका जिस्म की सारे उतार चढ़ाव साफ साफ झलक रहे थे ।

" क्या हुआ बोल ना बेटा ", कम्मो अपने हाथ में अरुण का मोबाइल चेक करते हुए बोली ।

मै सकपका कर - वो बुआ मै ये कह रहा था कि आप अरुण को मोबाइल देदो ,,, मैने उसे समझाया है और वो बोला कि अब वो ऐसी हरकत नही करेगा ।


कम्मो - ओफो तो तु भी उसके झांसे मे आ गया ना , तुझे पता भी है वो स्कूल मे क्या हरकते करता है और कैसी कैसी चीजे देखता है ।

मै हिचक कर - अब हा उसने बताया मुझे सब

कम्मो बुआ थोडी झिझ्की और मोबाईल मेरे हाथ मे देते हुए - तो तुझे ये सब गलत नही लगता ,

मै हस कर - क्या हुआ बुआ अभी बड़ा हो रहा है और कालेज वाले लड़को की संगत मे ये सब हो जाता है । आप उसे वक़्त दो वो खुद ही समझ जायेगा कि क्या सही है क्या नही ।

ये बोलकर मै बुआ के गालो को छु कर मुस्कुरा दिया और हाल मे आ गया ।

कम्मो बुआ अभी भी चकित थी औए वो मेरे पीछे आते हुए - देख सुन बेटा,,मुझे नही लगता कि उसने सब तुझे बताया होगा । पक्का तेरे हिसाब से ये कोई बडी बात नही है । मुझे तो बडी चिंता है उसकी ।

मै मुस्कुरा कर कम्मो बुआ के कान मे - ओहो बुआ मैने भी दोस्तो के साथ स्कूल मे ऐसी वीडियो देखी है ।

कम्मो बुआ आंखे बडी करके मुझे देखने लगी जैसे उन्हे कितना बड़ा झटका लगा हो और थुक गटकते हुए - तो क्या तु भी अरुण की तरह मेरे साथ मेरा मतलब अपनी मा के साथ वो सब करना चाहता है ।

मै चौक कर - क्याआ न न नही तो मै क्यू ऐसा ,,,,तो क्या अरुण आपके साथ !!

कम्मो बुआ निराश होकर वही सोफे पर बैठ गयी और मै वही खडे खडे अरुण के मोबाईल मे उसके फ़ोल्डर चेक करने लगा ।

जिसमे मॉम सन के काफी सारी पोर्न वीडियो भरी हुई थी और लास्ट वीडियो जो प्ले हुई थी वो थी MY MOM IS A PORNSTAR .

मैने गैलरी चेक की तो वहा अरुण ने कम्मो बुआ के काफी सारे चोरी छिपे तस्वीरे निकाले हुए थे । एक दो ब्रा भी थी ।


मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी और मैने मोबाइल बन्द करके जेब मे रखा और बुआ के पास बैठ कर उन्के जांघो पर हाथ रखते हुए - सॉरी बुआ इतना सब मुझे नही पता था और अरुण ये सब कबसे ।

कम्मो बुआ - यही कोई साल भर से बेटा
इतने मे शिला बुआ भी आकर कम्मो बुआ के बगल मे बैठ गयी ।

शिला बुआ - अब समझा तु कि बात कितनी बडी है ।
मै हुन्कारि भरके उनकी बातो से सहमती जताई ।

मै - अच्छा ठिक है आप लोग परेशान ना हो , मै बात करुंगा उससे

मेरी दोनो बुआ उम्मीद भरी नजरो से मुझे देखती है और कम्मो बुआ मेरे गालो को छू कर मुस्कराते हुए - सच कह रही थी दीदी ,, तु सच मे बहुत होनहार है ।


शिला - होनहार ही नही बहुत शैतान भी है और एक नम्बर का बदमाश भी है ।
मै खिलखिला कर - हिहिहिही वो क्यू

शिला - अच्छा वो क्यू ? जो बाते आज तक तेरे फुफा लोगो को पता नही चली तुने एक ही दिन मे हमसे सब उगलवा लिया ,,,

कम्मो बुआ मुझे अपने सीने से लगाते हुए - आखिर मेरा लाडला भतीजा है ,,क्यू बेटा

मै कम्मो बुआ के मखमली जिस्म की नरम नरम अह्सास से सिहरकर उनको पेट से पकडता हुआ - हा बुआ हिहिहीही


लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

पुरा दिन शादी की तैयारियो मे व्यस्त होने बाद शाम को कही दोनो बहने फुर्सत मे हुई थी ।
चुकि आज मेहनत ज्यादा हुई थी तो रागिनी ने निशा को आराम करने को कहा और सोनल और वो खाना बनाने मे लग गये ।

खाली चुलबुली निशा आखिर कब तक इधर-उधर भटकती तो उसने सोचा क्यू ना अमन को ही परेशान किया जाये ।

तो उसने सोनल के मोबाइल मे उसका व्हाट्सअप खोला और अमन को मैसेज भेजना शुरु किया ।
मानो अमन भी सोनल के मैसेज की राह देख रहा था

सोनल ( निशा ) : hyy mere saiyan . Kaise ho 😘
अमन : Bas apni suhaagraat ki taiyari kar raha hu 🤩
सोनल ( निशा) : hmmm etne betaab ho gaye the kya kal 🤭
अमन : aahh jaan pucho mat ... aaj bhi dikha do na
सोनल ( निशा ) : huh 😏 bilkul bhi nahi
अमन : kyu 🥺
सोनल ( निशा ) : mera dekh lete ho apna nahi dikhaate 😌🙈
अमन : 😄 kya dekhna hai meri jaaan ko
अमन : ye


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अमन अपने लोवर मे तने हुए लंड की वीडियो बना के भेजता है जिसे देखकर निशा की चुत कुलबुलाने लगती है ।

अमन : kya hua 🤩
सोनल (निशा) : dhtt badmaash sidha wahi thodi na dekhna tha 😌🙈
अमन : ops sorry 😛
सोनल (निशा) : koi baat nahi mujhe bura nahi lga
अमन : toh open karke bheju du 😉


अमन की बात सुन कर निशा की धड़कने तेज हो गयी और वो मैसेज टाइप कर कर के cancel कर दे रही थी । उसको तलब सी हो रही थी कि वो अमन का लण्ड देखे ।

अमन : kya hua baby bolo na . Kaho to video call karu
सोनल(निशा) : nahi nahi nisha hai yahi par 😅
अमन : Lo aise hi dekh lo chupke se 🤩


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अमन फिर से अपने लंड का फुल तस्वीर भेजता है जिसमे उसके काले तने हुए लंड की नसे तक साफ साफ दिख रही थी और उसका आलू जैसा लाल सुपाडे की मोटाई को निशा ने अपने चुत के मुहाने पर मह्सूस कर लिया था ।
उसकी चुत बहने लगी थी ।

काफी टाईम तक कोई जवाब ना आने पर
अमन : kya hua baby, tum bhi dikha do n ab thoda sa plzz

निशा क्या करे उसे समझ नही आ रहा था, उसे अमन से ऐसे बाते करने मे बहुत मजा आ रहा था और अमन मैसेज से बार बार उसे चुचे दिखाने के लिए मनाये जा रहा था ।

अमन की बेताबी और उसके मोटे लंड को देखकर निशा की चुचिया भी तन गयी थी । उसके निप्प्ल भी उसकी टीशर्ट को फाड कर बाहर आने को बेताब थे ।

निशा ने एक गहरी आह भरी और अपने जोबनो को मसलते हुए उसने अपने कड़े निप्प्ल वाले चुचे जो उसके टीशर्ट को भेद रहे थे उनकी तस्वीर निकाली और अमन को भेज दी । जिसमे उसका चेहरा नही दिख रहा था ।

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चुकि सोनल और निशा की कदकाठी एकदम से एक जैसी ही थी तो अमन को जरा भी शक नही हुआ कि इस तस्वीर मे सोनल की जगह निशा है ।

तस्बीर देखते ही
अमन : 🤤 ummm baby t-shirt bhi uthaao na

अमन की डिमांड सुन कर निशा के चुचे और कड़े होने लगे और चुत रसने लगी ।

निशा अपने चुत की फलकों की उंगलियों से दबाकर एक गहरी सास ली और अपनी टीशर्ट उठा कर अपनी नंगी चुचियो की सेल्फी अमन को भेज दी ।

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उधर अमन आंखे फाडे निशा के रसीले चुचो के काले घेरे देख कर सोनल के नाम की मूठ लगा रहा था ।

कुछ मिंट बाद ---

सोनल (निशा) : kya hua achcha nahi hai kya 😥
अमन : ohh baby you are so sexy ummm kya boobs hai tumhaare . Mai to inhe roj chusunga ummm 🤤
सोनल (निशा) : chalo bye mujhe niche jana hai . Nisha bula rahi hai
अमन : Are nisha to tumhare sath thi na 🤨
अमन : Toh kya tumne uske samne hi 😱😱


निशा को एक पल को लगा कि वो पकड़ी ना जाये लेकिन जल्द ही उसने अपनी स्थिति पर काबू पाया

सोनल (निशा) : dhtt nahi wo baahar gayi thi us time . Aap bhi na
सोनल (निशा ): chalo bye 😘
अमन : ok baby 😘



उसके बाद निशा लण्ड की तालाश मे अनुज को खोजती है और मौके से अनुज दुकान से वाप्स आ चुका था ।
फिर निशा उसे इशारे से छत पर जाने को कहती है ।
अनुज जो काफी दिनो से जिस्म का भूखा लण्ड की कसावट से परेशान था वो निशा के प्रपोजल को नजरअंदाज नहीं कर सकता था और दोनो के बीच एक गरमागर्म चुदाई का राउंड शुरु होता है ।


JAANIPUR

रात के खाने के बाद रज्जो और कमलनाथ अपने कमरे मे सोने की तैयारी कर रहे थे ।

कमलनाथ अपने कपडे निकाल कर जांघिया और बनियान मे बिस्तर पर आ चुका था कि दरवाजे पर खटखट होती है ।

कमलनाथ उठ कर तौलिये को अपनी कमर मे लपेटते हुए दरवाजा खोलता है तो सामने रीना हाथ मे सेकाई और मालिश के समान लेके खड़ी थी ।

कमलनाथ समझ जाता है और दरवाजे से हट कर कमरे मे आ जाता है । उसके पीछे रीना भी आ जाती है ।

रीना - वो मा जी आज शाम की मालिश नही ही पाई थी आपकी तो सोचा इस टाईम कर दू !

रज्जो - ओहो ये लड़की भी ना ,,अरे मै ठीक हू अब क्यू तु परेशान हो रही है ।

रीना - आप जिद ना करो मा जी ,, पापा जी समझाओ ना इनको

कमलनाथ - अब मै क्या बोलू ,,, करवा लो ना रमन की मा बहु कह रही है तो , जल्दी अच्छी हो जाओगी तो ठीक ही है ना

रज्जो तुनक कर - हा आपके लिए ठीक ही रहेगा ना हुह

अपनी सास की बात सुन कर रीना मुह फेर कर हस दी और कमलनाथ भी रीना को देख कर खुद को हसने से रोक नही पाया ।

कमलनाथ - अच्छा ठिक है मै थोडा बाहर हू
रीना कमलनाथ को टोकते हुर - पापा जी वो तौलिया !! वो सेकाई के बाद साफ करना होता है ना

कमलनाथ - ओह्ह फिर ऐसे मै बाहर कैसे जा पाऊन्गा

रज्जो खीझ कर - क्या जी आप भी यही बैठ जाओ ना चुप चाप वैसे भी ज्यादा टाईम नही लगेगा ।


"हा ठिक है पर ", कमलनाथ रीना की ओर देख कर बोला ।

रज्जो - बहु तुझे कोई दिक्कत तो नही है ना

रीना अब क्या ही बोल सकती थी तो उसने भी शर्म भरे लहजे मे मुस्कुराते हुए - नही मा जी ,

फिर कमलनाथ सोफे पर बैठ गया और रीना ने रज्जो की गाड़ से मैकसी उपर करते हुए इसके मखमली चुतडो की बर्फ से सेकाई शुरु कर दी ।

रीना शर्म से बिना कमलनाथ की ओर देखे बस अपने काम मे लगी थी और अच्छे से अपनी सास के चुतडो को सेका ।

इस दौरान कमलनाथ का लण्ड इस अजीबोगरीब स्थिति मे भी तन चुका था और अपनी बीवी की गदराई बीवी के चुतड देख कर उसके लण्ड की नसे फुल रही थी ।

ऐसे मे अचानक से रीना ने उसकी ओर देखा और बोली - पापा जी वो तौलिया ।

कमलनाथ थोडा झिझक के साथ खड़ा हुआ और जैसे ही उसने तौलिया खोल कर रीना को पकड़ाया उसे अपने जान्घिये मे तने हुए लण्ड का ख्याल आया और वो फौरन उसे ढकते हुए सोफे पे आ गया ।

रीना ने ये सब देखा और मुस्कुराती रही ।
कमलनाथ के साथ साथ अब रज्जो भी मुस्कुरा रही थी ।

रज्जो हस कर - बहु अब और कितने टाईम की मालिश बाकी है उम्म्ं
रीना मुस्कुरा कर - बस मा जी अब ठिक हो गया है अब आप ....।

इत्ना बोलकर रीना चुप हो गयी और मुस्कुराते लोशन को अपनी सास के चुतडो मे मलने लगी ।

कमलनाथ जो कि छिप छिपकर अपने खड़े लण्ड के सुपाड़े खुजाये जा रहा था और रज्जो को देख कर इशारा करता है कि आज रात वो चुदाई करवा ले ।

रज्जो तुनकते हुए - मुझसे नही बहु से पूछिये

रीना चौकी और आंखे बडी करके - क्या हुआ मा जी

रज्जो शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ अपने पति को छेड़ते हुए - अब क्या बताऊ बहु , सांड जैसा पति मिला है मुझे जो एक भी पल चैन से बैठने नही देता ,,,आज थोडी ठिक हो रही हू तो फिर से इनकी डिमांड शुरु हो गयी ।

रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ रीना से नजरे और लण्ड दोनो छिपाने लगा ।
वही रीना ने एक नजर अपने ससुर को देखा तो उसकी हसी छुट गयी ।
कमलनाथ समझ रहा था कि ऐसे मस्ती करने की रज्जो की पुरानी आदत है लेकिन अपनी बहु के सामने वो थोडा शर्मिंदा मह्सूस कर रहा था और उसका चेहरा उतर चुका था ।

रीना ने भी अपने ससुर का उतरा हुआ चेहरा देख कर थोडा चुप हो गयी ।

रीना उखड़े हुए स्वर मे - सॉरी पापा जी , मै समझ रही हू आपकी परेशानी । लेकिन आपको भी मा जी के बारे थोडा सोचना चाहिए


कमलनाथ चुप रहा और वैसे ही नजरे नीची करके बैठा रहा ।

रीना - देखिये आप प्लीज नाराज ना होयिये । आप लोग ही अब मेरे मम्मी पापा है और मै नही चाहती कि मेरे वजह से मेरे पापा को कुछ तकलिफ हो ।

रीना की भावुक बाते सुन के रज्जो को लगा कि शायद उसने बहु के सामने अपने पति को कुछ ज्यादा ही छेड़ दिया ।
इसिलिए वो भी उठके कमलनाथ के पास आ गयी ।

रज्जो - क्या जी नाराज हो गये मुझ्से उम्म्ंम

कमलनाथ - बात वो नही है रमन की मा । तुम्हारी बात सुनकर बहु मेरे बारे मे यही सोचेगी ना कि मै ...।

रीना अपने ससुर की बात सुनकर उसके पास गयी और उसके पैरो के पास बैठ के उसके नंगे घुटने को छुते हुए - नही नही पापा जी । मैने ऐसा कुछ कभी नही सोचा ।

रीना शर्म से नजरे नीची करके मुस्कुराते हुए - मै तो खुश हू की इस उम्र मे भी आप दोनो मे कितना प्यार है


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रिना के स्पर्श और उसकी मीठी बाते सुनके कमलनाथ का लण्ड जान्घिये मे फिर से फुकार मारने लगा । जिसे रीना ने बड़े ही करीब से देखा ।

कमलनाथ प्यार से अपनी बहु के सर पर हाथ फेरते हुए - तु सच मे बहुत प्यारी है मेरी बेटी

रीना चहक के - तो आप मानते है कि मै आपकी ही बेटी हू और मुझे आपकी खुशी का ख्याल रखना चाहिए

कमलनाथ रज्जो को मुस्कुरा कर देखता है फिर रीना से - हा उसमे मानने जैसा क्या है !

रीना शर्म से नजरे निचे करके - तो आपने मुझे मौका क्यू नही दिया कि मै आपको खुश रख सकू ।

रीना की बाते सुन के कमलनाथ और रज्जो दोनो के कान खड़े हो गये और वो भौचके होकर एक दुसरे को देखने लगे ।

कमलनाथ थुक गटक कर अपना लण्ड फुलाते हुए - क्या मतलब मै समझा नही बहु ।

रीना मुस्कुरा कर कमलनाथ की आंखो मे देखते हुए - यही कि जब आपका इतना मन है तो एक बार मुझसे क्यू नही कहा । क्या इतना भी हक नही मेरा कि मै आपको खुश रख सकू ।

कमलनाथ हिचक कर - ये ये तु क्या कह रही है बहु ,, मै तुझसे ये कैसे ?

रज्जो भी चौक कर - हा बहु तू ये क्या बोल रही है ।

रीना - सही तो कह रही हू मा जी । आप मेरी मा जैसी हो और पापा जी मेरे पापा जैसे ।
अगर मा की तबीयत नही ठिक है तो क्या पापा ख्याल रखना उसकी बेटी का फर्ज नही है ।

कमलनाथ झिझकते हुए - वो ठीक है बेटी लेकिन तु जो कह रही है वो मै कैसे ! तु रमन की पत्नी है ।

रीना आंखे नचाकर - और आपकी बहु भी हू । तो क्या बहु का ये फर्ज नही कि वो अपने सास ससुर के तकलीफ़ को समझे उनकी मदद करे ।

रज्जो - तेरी बात ठीक है बेटा लेकिन तु मेरे लिए क्यू ?

रीना मुस्कुरा कर - आप ही के लिए तो कर सकती हू ना

इधर रीना और रज्जो की संस्कारो को लेके अपने अपने मतभेद चल रहे थे और वही कमलनाथ इस कल्पना मे उत्तेजीत हुआ जा रहा था कि रीना उससे खुद से चुदाई करने वाली है ।
इधर इन्की बाते चल रही थी दरवाजे खटखट हुई और सब एक साथ चुप हो गये ।
रज्जो थोडा शान्त होकर - ऐसा है बहु तू अपने कमरे मे जा , रमन इन्तेजार कर रहा होगा ।

रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ का सारा नशा ही उतर गया और वो बहुत ही उम्मिद भरी नजरो से रज्जो को देखता है तो रज्जो हस कर - और आप परेशान ना होवो , हिहीहिही

रज्जो रीना से - और बहु तु जा हम फिर कभी इसपे बात करेंगे ।
रीना अपनी सास की बात सुनकर थोडा उदास थी क्योकि दिल ही दिल मे उसने भी कुछ अरमान रखे हुए थे तो आज टुटने जैसे हो रहे थे । तो बेबस होकर कभी अपने ससुर को तो कभी उसके खड़े लण्ड को निहार रही थी इस उम्मिद मे कि शायाद आगे उसे मौका दे ।


जारी है ....
बहुत ही कामुक और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
राज अपनी बुआ शीला को अरुण के साथ चुदाई करने के लिए बोलता है वही अपनी दूसरी बुआ कम्मो को नाईटी में देखता ही रहा गया है अब देखते हैं कि वह अरुण को कैसे समझाता है वही दूसरी ओर निशा अमन के साथ मस्ती कर रही है उसे अपने चुची की फोटोज भेजकर उत्तेजित कर रही है
रीना अपने ससुर से चुदने के लिए तैयार हो गई है देखते हैं आगे क्या होता है
 
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