UPDATE 165 ( A )
अरुण से बात चीत के बाद मै नीचे चला आया ।
देखा किचन मे शिला बुआ और मीना रात के खाने की तैयारी कर रही थी ।
और कोई हाल मे दिखा ही नही । अरुण अपने कमरे मे जा चुका था ।
मै किचन मे चला गया
मै बुआ के पास खड़ा होकर मीना की चिकनी कमर और उभरी हुई गाड़ की गोलाई पर नजर मारते हुए - बुआ ये छोटी बुआ कहा गयी ।
शिला - अरे बेटा वो उपर अपने कमरे मे होगी ।
" ठीक है तो मै उपर ही जा रहा हू " , ये बोल कर मै जैसे किचन से बाहर निकलने को हुआ कि शिला बुआ ने मुझे टोका
शिला - अह बेटा तु परेशान ना हो , मै मीना को भेज कर बुला देती हू ।
मुझे थोडा अजीब लगा लेकिन मैने कुछ कहा नही वही डायनिंग चेयर पर बैठ गया ।
और मीना अपने चुतड मटकाते हुए उपर चली गयी ।
उसके जाते ही मै बुआ के पास वापस खड़ा होकर धीमी आवाज मे - बुआ आपको अरुण के आज की शरारत के बारे मे पता है ?
फिर मैने अरुण से हुई बात चीत के बारे मे बताया ।
शिला उखड़ कर - हा सब जान रही हू और अभी उसकी ये सब करने की उम्र नही है ।
मै - तो आपको उसे समझाना चाहिए ना बुआ , छोटी बुआ ना सही आप समझाओ ना ।
शिला बुआ - ओह्ह कैसी बाते कर रहा है , मै उसकी मौसी हू और मै कैसे इनसब पर बाते कर सकती हू ।
मै शरारत भरी मुस्कराहट के साथ बुआ के भारी चुतडो को मसलता हुआ - अच्छा और मेरे साथ सब कर सकती हो उम्म्ंम , जितना हक मेरा है उतना ही हक अरुण का भी है बुआ
शिला ने मुस्कुराहट भरी नजरो से बडे ताज्जुब होकर मुझे देखा और बोली - तो तु चाह रहा है कि मै उसके साथ .....।
मै शरारत भरी मुस्कुराहट से - वो आपकी मर्जी है बुआ लेकिन कम से कम उसकी आदते तो सुधारो । उसकी इच्छा को परखो ।
शिला मुस्कुरा कर - इतनी ही फ़िकर है तो तु खुद क्यू नही कर लेता ये सब
मै बुआ के कन्धे पकड़ कर - बुआ मै कल या परसो मे घर चला जाउन्गा लेकिन आप तो रोज उसके साथ हो ना ।
बुआ मेरे हाथ अपने कन्धे से हटाकर - मुझे सारा पता है वो क्या चाहता है ।
मै चौक कर - वो क्या ?
शिला ने शरारत भरी नजरो से मुस्कुरा कर मुझे देखा - हम्म्म्म तुझे सच मे उसकी फिकर है या बस तू यहा मुझसे बाते उगलवा रहा है उम्म्ं बोल
मै हस कर - वो मै हिहिहिही
मै अपनी बात रखता की तब कम्मो बुआ की आवाज आई ।
कम्मो - हा राज बेटा क्या बात है , तु मुझे बुला रहा था ।
मै पलट कर किचन के दरवाजे के पास देखा तो मेरी आंखे फटी रह गयी । क्योकि अभी तक तो मैने कम्मो बुआ को अच्छे से निहारा ही नही था ।

उफ्फ़ क्या कयामत लग रही थी बुआ एक satin silk की नाइटी मे , देखते ही आंखे उनके जबरदस्त ठोस और नुकीले जोबनो पर अटक गयी ।
कम्मो बुआ के चुचे उनकी हल्की ट्रांसपायरेन्ट नाइटी के निचे बिल्कुल नंगे थे और उसमे उनका जिस्म की सारे उतार चढ़ाव साफ साफ झलक रहे थे ।
" क्या हुआ बोल ना बेटा ", कम्मो अपने हाथ में अरुण का मोबाइल चेक करते हुए बोली ।
मै सकपका कर - वो बुआ मै ये कह रहा था कि आप अरुण को मोबाइल देदो ,,, मैने उसे समझाया है और वो बोला कि अब वो ऐसी हरकत नही करेगा ।
कम्मो - ओफो तो तु भी उसके झांसे मे आ गया ना , तुझे पता भी है वो स्कूल मे क्या हरकते करता है और कैसी कैसी चीजे देखता है ।
मै हिचक कर - अब हा उसने बताया मुझे सब
कम्मो बुआ थोडी झिझ्की और मोबाईल मेरे हाथ मे देते हुए - तो तुझे ये सब गलत नही लगता ,
मै हस कर - क्या हुआ बुआ अभी बड़ा हो रहा है और कालेज वाले लड़को की संगत मे ये सब हो जाता है । आप उसे वक़्त दो वो खुद ही समझ जायेगा कि क्या सही है क्या नही ।
ये बोलकर मै बुआ के गालो को छु कर मुस्कुरा दिया और हाल मे आ गया ।
कम्मो बुआ अभी भी चकित थी औए वो मेरे पीछे आते हुए - देख सुन बेटा,,मुझे नही लगता कि उसने सब तुझे बताया होगा । पक्का तेरे हिसाब से ये कोई बडी बात नही है । मुझे तो बडी चिंता है उसकी ।
मै मुस्कुरा कर कम्मो बुआ के कान मे - ओहो बुआ मैने भी दोस्तो के साथ स्कूल मे ऐसी वीडियो देखी है ।
कम्मो बुआ आंखे बडी करके मुझे देखने लगी जैसे उन्हे कितना बड़ा झटका लगा हो और थुक गटकते हुए - तो क्या तु भी अरुण की तरह मेरे साथ मेरा मतलब अपनी मा के साथ वो सब करना चाहता है ।
मै चौक कर - क्याआ न न नही तो मै क्यू ऐसा ,,,,तो क्या अरुण आपके साथ !!
कम्मो बुआ निराश होकर वही सोफे पर बैठ गयी और मै वही खडे खडे अरुण के मोबाईल मे उसके फ़ोल्डर चेक करने लगा ।
जिसमे मॉम सन के काफी सारी पोर्न वीडियो भरी हुई थी और लास्ट वीडियो जो प्ले हुई थी वो थी MY MOM IS A PORNSTAR .
मैने गैलरी चेक की तो वहा अरुण ने कम्मो बुआ के काफी सारे चोरी छिपे तस्वीरे निकाले हुए थे । एक दो ब्रा भी थी ।
मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी और मैने मोबाइल बन्द करके जेब मे रखा और बुआ के पास बैठ कर उन्के जांघो पर हाथ रखते हुए - सॉरी बुआ इतना सब मुझे नही पता था और अरुण ये सब कबसे ।
कम्मो बुआ - यही कोई साल भर से बेटा
इतने मे शिला बुआ भी आकर कम्मो बुआ के बगल मे बैठ गयी ।
शिला बुआ - अब समझा तु कि बात कितनी बडी है ।
मै हुन्कारि भरके उनकी बातो से सहमती जताई ।
मै - अच्छा ठिक है आप लोग परेशान ना हो , मै बात करुंगा उससे
मेरी दोनो बुआ उम्मीद भरी नजरो से मुझे देखती है और कम्मो बुआ मेरे गालो को छू कर मुस्कराते हुए - सच कह रही थी दीदी ,, तु सच मे बहुत होनहार है ।
शिला - होनहार ही नही बहुत शैतान भी है और एक नम्बर का बदमाश भी है ।
मै खिलखिला कर - हिहिहिही वो क्यू
शिला - अच्छा वो क्यू ? जो बाते आज तक तेरे फुफा लोगो को पता नही चली तुने एक ही दिन मे हमसे सब उगलवा लिया ,,,
कम्मो बुआ मुझे अपने सीने से लगाते हुए - आखिर मेरा लाडला भतीजा है ,,क्यू बेटा
मै कम्मो बुआ के मखमली जिस्म की नरम नरम अह्सास से सिहरकर उनको पेट से पकडता हुआ - हा बुआ हिहिहीही
लेखक की जुबानी
CHAMANPURA
पुरा दिन शादी की तैयारियो मे व्यस्त होने बाद शाम को कही दोनो बहने फुर्सत मे हुई थी ।
चुकि आज मेहनत ज्यादा हुई थी तो रागिनी ने निशा को आराम करने को कहा और सोनल और वो खाना बनाने मे लग गये ।
खाली चुलबुली निशा आखिर कब तक इधर-उधर भटकती तो उसने सोचा क्यू ना अमन को ही परेशान किया जाये ।
तो उसने सोनल के मोबाइल मे उसका व्हाट्सअप खोला और अमन को मैसेज भेजना शुरु किया ।
मानो अमन भी सोनल के मैसेज की राह देख रहा था
सोनल ( निशा ) : hyy mere saiyan . Kaise ho 
अमन : Bas apni suhaagraat ki taiyari kar raha hu 
सोनल ( निशा) : hmmm etne betaab ho gaye the kya kal 
अमन : aahh jaan pucho mat ... aaj bhi dikha do na
सोनल ( निशा ) : huh
bilkul bhi nahi
अमन : kyu 
सोनल ( निशा ) : mera dekh lete ho apna nahi dikhaate 

अमन :
kya dekhna hai meri jaaan ko
अमन : ye

अमन अपने लोवर मे तने हुए लंड की वीडियो बना के भेजता है जिसे देखकर निशा की चुत कुलबुलाने लगती है ।
अमन : kya hua 
सोनल (निशा) : dhtt badmaash sidha wahi thodi na dekhna tha 

अमन : ops sorry 
सोनल (निशा) : koi baat nahi mujhe bura nahi lga
अमन : toh open karke bheju du 
अमन की बात सुन कर निशा की धड़कने तेज हो गयी और वो मैसेज टाइप कर कर के cancel कर दे रही थी । उसको तलब सी हो रही थी कि वो अमन का लण्ड देखे ।
अमन : kya hua baby bolo na . Kaho to video call karu
सोनल(निशा) : nahi nahi nisha hai yahi par 
अमन : Lo aise hi dekh lo chupke se 

अमन फिर से अपने लंड का फुल तस्वीर भेजता है जिसमे उसके काले तने हुए लंड की नसे तक साफ साफ दिख रही थी और उसका आलू जैसा लाल सुपाडे की मोटाई को निशा ने अपने चुत के मुहाने पर मह्सूस कर लिया था ।
उसकी चुत बहने लगी थी ।
काफी टाईम तक कोई जवाब ना आने पर
अमन : kya hua baby, tum bhi dikha do n ab thoda sa plzz
निशा क्या करे उसे समझ नही आ रहा था, उसे अमन से ऐसे बाते करने मे बहुत मजा आ रहा था और अमन मैसेज से बार बार उसे चुचे दिखाने के लिए मनाये जा रहा था ।
अमन की बेताबी और उसके मोटे लंड को देखकर निशा की चुचिया भी तन गयी थी । उसके निप्प्ल भी उसकी टीशर्ट को फाड कर बाहर आने को बेताब थे ।
निशा ने एक गहरी आह भरी और अपने जोबनो को मसलते हुए उसने अपने कड़े निप्प्ल वाले चुचे जो उसके टीशर्ट को भेद रहे थे उनकी तस्वीर निकाली और अमन को भेज दी । जिसमे उसका चेहरा नही दिख रहा था ।

चुकि सोनल और निशा की कदकाठी एकदम से एक जैसी ही थी तो अमन को जरा भी शक नही हुआ कि इस तस्वीर मे सोनल की जगह निशा है ।
तस्बीर देखते ही
अमन :
ummm baby t-shirt bhi uthaao na
अमन की डिमांड सुन कर निशा के चुचे और कड़े होने लगे और चुत रसने लगी ।
निशा अपने चुत की फलकों की उंगलियों से दबाकर एक गहरी सास ली और अपनी टीशर्ट उठा कर अपनी नंगी चुचियो की सेल्फी अमन को भेज दी ।

उधर अमन आंखे फाडे निशा के रसीले चुचो के काले घेरे देख कर सोनल के नाम की मूठ लगा रहा था ।
कुछ मिंट बाद ---
सोनल (निशा) : kya hua achcha nahi hai kya 
अमन : ohh baby you are so sexy ummm kya boobs hai tumhaare . Mai to inhe roj chusunga ummm 
सोनल (निशा) : chalo bye mujhe niche jana hai . Nisha bula rahi hai
अमन : Are nisha to tumhare sath thi na 
अमन : Toh kya tumne uske samne hi 

निशा को एक पल को लगा कि वो पकड़ी ना जाये लेकिन जल्द ही उसने अपनी स्थिति पर काबू पाया
सोनल (निशा) : dhtt nahi wo baahar gayi thi us time . Aap bhi na
सोनल (निशा ): chalo bye 
अमन : ok baby 
उसके बाद निशा लण्ड की तालाश मे अनुज को खोजती है और मौके से अनुज दुकान से वाप्स आ चुका था ।
फिर निशा उसे इशारे से छत पर जाने को कहती है ।
अनुज जो काफी दिनो से जिस्म का भूखा लण्ड की कसावट से परेशान था वो निशा के प्रपोजल को नजरअंदाज नहीं कर सकता था और दोनो के बीच एक गरमागर्म चुदाई का राउंड शुरु होता है ।
JAANIPUR
रात के खाने के बाद रज्जो और कमलनाथ अपने कमरे मे सोने की तैयारी कर रहे थे ।
कमलनाथ अपने कपडे निकाल कर जांघिया और बनियान मे बिस्तर पर आ चुका था कि दरवाजे पर खटखट होती है ।
कमलनाथ उठ कर तौलिये को अपनी कमर मे लपेटते हुए दरवाजा खोलता है तो सामने रीना हाथ मे सेकाई और मालिश के समान लेके खड़ी थी ।
कमलनाथ समझ जाता है और दरवाजे से हट कर कमरे मे आ जाता है । उसके पीछे रीना भी आ जाती है ।
रीना - वो मा जी आज शाम की मालिश नही ही पाई थी आपकी तो सोचा इस टाईम कर दू !
रज्जो - ओहो ये लड़की भी ना ,,अरे मै ठीक हू अब क्यू तु परेशान हो रही है ।
रीना - आप जिद ना करो मा जी ,, पापा जी समझाओ ना इनको
कमलनाथ - अब मै क्या बोलू ,,, करवा लो ना रमन की मा बहु कह रही है तो , जल्दी अच्छी हो जाओगी तो ठीक ही है ना
रज्जो तुनक कर - हा आपके लिए ठीक ही रहेगा ना हुह
अपनी सास की बात सुन कर रीना मुह फेर कर हस दी और कमलनाथ भी रीना को देख कर खुद को हसने से रोक नही पाया ।
कमलनाथ - अच्छा ठिक है मै थोडा बाहर हू
रीना कमलनाथ को टोकते हुर - पापा जी वो तौलिया !! वो सेकाई के बाद साफ करना होता है ना
कमलनाथ - ओह्ह फिर ऐसे मै बाहर कैसे जा पाऊन्गा
रज्जो खीझ कर - क्या जी आप भी यही बैठ जाओ ना चुप चाप वैसे भी ज्यादा टाईम नही लगेगा ।
"हा ठिक है पर ", कमलनाथ रीना की ओर देख कर बोला ।
रज्जो - बहु तुझे कोई दिक्कत तो नही है ना
रीना अब क्या ही बोल सकती थी तो उसने भी शर्म भरे लहजे मे मुस्कुराते हुए - नही मा जी ,
फिर कमलनाथ सोफे पर बैठ गया और रीना ने रज्जो की गाड़ से मैकसी उपर करते हुए इसके मखमली चुतडो की बर्फ से सेकाई शुरु कर दी ।
रीना शर्म से बिना कमलनाथ की ओर देखे बस अपने काम मे लगी थी और अच्छे से अपनी सास के चुतडो को सेका ।
इस दौरान कमलनाथ का लण्ड इस अजीबोगरीब स्थिति मे भी तन चुका था और अपनी बीवी की गदराई बीवी के चुतड देख कर उसके लण्ड की नसे फुल रही थी ।
ऐसे मे अचानक से रीना ने उसकी ओर देखा और बोली - पापा जी वो तौलिया ।
कमलनाथ थोडा झिझक के साथ खड़ा हुआ और जैसे ही उसने तौलिया खोल कर रीना को पकड़ाया उसे अपने जान्घिये मे तने हुए लण्ड का ख्याल आया और वो फौरन उसे ढकते हुए सोफे पे आ गया ।
रीना ने ये सब देखा और मुस्कुराती रही ।
कमलनाथ के साथ साथ अब रज्जो भी मुस्कुरा रही थी ।
रज्जो हस कर - बहु अब और कितने टाईम की मालिश बाकी है उम्म्ं
रीना मुस्कुरा कर - बस मा जी अब ठिक हो गया है अब आप ....।
इत्ना बोलकर रीना चुप हो गयी और मुस्कुराते लोशन को अपनी सास के चुतडो मे मलने लगी ।
कमलनाथ जो कि छिप छिपकर अपने खड़े लण्ड के सुपाड़े खुजाये जा रहा था और रज्जो को देख कर इशारा करता है कि आज रात वो चुदाई करवा ले ।
रज्जो तुनकते हुए - मुझसे नही बहु से पूछिये
रीना चौकी और आंखे बडी करके - क्या हुआ मा जी
रज्जो शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ अपने पति को छेड़ते हुए - अब क्या बताऊ बहु , सांड जैसा पति मिला है मुझे जो एक भी पल चैन से बैठने नही देता ,,,आज थोडी ठिक हो रही हू तो फिर से इनकी डिमांड शुरु हो गयी ।
रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ रीना से नजरे और लण्ड दोनो छिपाने लगा ।
वही रीना ने एक नजर अपने ससुर को देखा तो उसकी हसी छुट गयी ।
कमलनाथ समझ रहा था कि ऐसे मस्ती करने की रज्जो की पुरानी आदत है लेकिन अपनी बहु के सामने वो थोडा शर्मिंदा मह्सूस कर रहा था और उसका चेहरा उतर चुका था ।
रीना ने भी अपने ससुर का उतरा हुआ चेहरा देख कर थोडा चुप हो गयी ।
रीना उखड़े हुए स्वर मे - सॉरी पापा जी , मै समझ रही हू आपकी परेशानी । लेकिन आपको भी मा जी के बारे थोडा सोचना चाहिए
कमलनाथ चुप रहा और वैसे ही नजरे नीची करके बैठा रहा ।
रीना - देखिये आप प्लीज नाराज ना होयिये । आप लोग ही अब मेरे मम्मी पापा है और मै नही चाहती कि मेरे वजह से मेरे पापा को कुछ तकलिफ हो ।
रीना की भावुक बाते सुन के रज्जो को लगा कि शायद उसने बहु के सामने अपने पति को कुछ ज्यादा ही छेड़ दिया ।
इसिलिए वो भी उठके कमलनाथ के पास आ गयी ।
रज्जो - क्या जी नाराज हो गये मुझ्से उम्म्ंम
कमलनाथ - बात वो नही है रमन की मा । तुम्हारी बात सुनकर बहु मेरे बारे मे यही सोचेगी ना कि मै ...।
रीना अपने ससुर की बात सुनकर उसके पास गयी और उसके पैरो के पास बैठ के उसके नंगे घुटने को छुते हुए - नही नही पापा जी । मैने ऐसा कुछ कभी नही सोचा ।
रीना शर्म से नजरे नीची करके मुस्कुराते हुए - मै तो खुश हू की इस उम्र मे भी आप दोनो मे कितना प्यार है

रिना के स्पर्श और उसकी मीठी बाते सुनके कमलनाथ का लण्ड जान्घिये मे फिर से फुकार मारने लगा । जिसे रीना ने बड़े ही करीब से देखा ।
कमलनाथ प्यार से अपनी बहु के सर पर हाथ फेरते हुए - तु सच मे बहुत प्यारी है मेरी बेटी
रीना चहक के - तो आप मानते है कि मै आपकी ही बेटी हू और मुझे आपकी खुशी का ख्याल रखना चाहिए
कमलनाथ रज्जो को मुस्कुरा कर देखता है फिर रीना से - हा उसमे मानने जैसा क्या है !
रीना शर्म से नजरे निचे करके - तो आपने मुझे मौका क्यू नही दिया कि मै आपको खुश रख सकू ।
रीना की बाते सुन के कमलनाथ और रज्जो दोनो के कान खड़े हो गये और वो भौचके होकर एक दुसरे को देखने लगे ।
कमलनाथ थुक गटक कर अपना लण्ड फुलाते हुए - क्या मतलब मै समझा नही बहु ।
रीना मुस्कुरा कर कमलनाथ की आंखो मे देखते हुए - यही कि जब आपका इतना मन है तो एक बार मुझसे क्यू नही कहा । क्या इतना भी हक नही मेरा कि मै आपको खुश रख सकू ।
कमलनाथ हिचक कर - ये ये तु क्या कह रही है बहु ,, मै तुझसे ये कैसे ?
रज्जो भी चौक कर - हा बहु तू ये क्या बोल रही है ।
रीना - सही तो कह रही हू मा जी । आप मेरी मा जैसी हो और पापा जी मेरे पापा जैसे ।
अगर मा की तबीयत नही ठिक है तो क्या पापा ख्याल रखना उसकी बेटी का फर्ज नही है ।
कमलनाथ झिझकते हुए - वो ठीक है बेटी लेकिन तु जो कह रही है वो मै कैसे ! तु रमन की पत्नी है ।
रीना आंखे नचाकर - और आपकी बहु भी हू । तो क्या बहु का ये फर्ज नही कि वो अपने सास ससुर के तकलीफ़ को समझे उनकी मदद करे ।
रज्जो - तेरी बात ठीक है बेटा लेकिन तु मेरे लिए क्यू ?
रीना मुस्कुरा कर - आप ही के लिए तो कर सकती हू ना
इधर रीना और रज्जो की संस्कारो को लेके अपने अपने मतभेद चल रहे थे और वही कमलनाथ इस कल्पना मे उत्तेजीत हुआ जा रहा था कि रीना उससे खुद से चुदाई करने वाली है ।
इधर इन्की बाते चल रही थी दरवाजे खटखट हुई और सब एक साथ चुप हो गये ।
रज्जो थोडा शान्त होकर - ऐसा है बहु तू अपने कमरे मे जा , रमन इन्तेजार कर रहा होगा ।
रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ का सारा नशा ही उतर गया और वो बहुत ही उम्मिद भरी नजरो से रज्जो को देखता है तो रज्जो हस कर - और आप परेशान ना होवो , हिहीहिही
रज्जो रीना से - और बहु तु जा हम फिर कभी इसपे बात करेंगे ।
रीना अपनी सास की बात सुनकर थोडा उदास थी क्योकि दिल ही दिल मे उसने भी कुछ अरमान रखे हुए थे तो आज टुटने जैसे हो रहे थे । तो बेबस होकर कभी अपने ससुर को तो कभी उसके खड़े लण्ड को निहार रही थी इस उम्मिद मे कि शायाद आगे उसे मौका दे ।
जारी है ....
बहुत ही कामुक और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
राज अपनी बुआ शीला को अरुण के साथ चुदाई करने के लिए बोलता है वही अपनी दूसरी बुआ कम्मो को नाईटी में देखता ही रहा गया है अब देखते हैं कि वह अरुण को कैसे समझाता है वही दूसरी ओर निशा अमन के साथ मस्ती कर रही है उसे अपने चुची की फोटोज भेजकर उत्तेजित कर रही है
रीना अपने ससुर से चुदने के लिए तैयार हो गई है देखते हैं आगे क्या होता है