• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,916
22,330
189
कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

Incestlover

Member
194
418
78
यार ये नाना का कैरेक्टर मुझे बड़ा अच्छा लगा , इस उम्र में ये बुढ़ौती को चुनौती दे रहे हैं । उम्मीद है की इनका और वर्णन मिलेगा कहानी में।
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,916
22,330
189
Superb... waiting more sonal

Bahut khoob guru Sonal ki shadi ki taiyariyan zoron par hain to idhar Nisha aur Rangilal ki suhagrat ki taiyari ho rahi hai... Baki Mamta ko dekhne ki badi utsukta rahegi sleeveless blouse mein...

Bahut hi uttam Update dost.

superb update waiting for next

जंगीलाल ने आज पहल कर ही दी लगता कुछ ही दिन में निशा का किला फतह कर लेगा ।

हमेशा की तरह उत्तम अपडेट ।

बहुत ही सुन्दर लाजवाब और रमणीय अपडेट है जंगीलाल निशा को चोदने के लिए शालिनी को बोल देता है वही रंगीलाल अपनी समधन ममता को पटाने में लग रहा है अनुज को लैपटॉप मिल गया तो उसने hd में porn देखकर मूठ मार ली अब देखते हैं राज कार्ड बाटने के साथ किस किस के साथ अपना प्यार बाटकर आता है

Raj ke to maze hai. Nanaji, Mousi aur Bua ke ghar apna khunta gadne ka mouka milega. Gaon me bhi to mouka milega hi. Romanchak update. Pratiksha agle raspard update ki

सिर्फ कार्ड तो नही बटेंगे

Nice update. Waiting for next.

Behtareen update bhai shaandaar

Ho gyi dopahar
UPDATE 145 पोस्ट कर दिया है
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,916
22,330
189
यार ये नाना का कैरेक्टर मुझे बड़ा अच्छा लगा , इस उम्र में ये बुढ़ौती को चुनौती दे रहे हैं । उम्मीद है की इनका और वर्णन मिलेगा कहानी में।
:D ... ननिहाल मे नाना का कोई बात ना हो ऐसा होगा क्या
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,916
22,330
189
आपसे विनती है इनका एनकाउंटर रागिनी से फिर से करवाना मेरा पसंदीदा पार्ट था वो ।
Mera bhi tha dost .... kosis puri rahegi
 

TharkiPo

I'M BACK
Not Activated
4,799
15,921
159
UPDATE 145

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा जंगीलाल निशा को साड़ी पहनाने के इरादतन अपनी हवस भरी योजना शालिनी को समझा देता है वही सोनल के शादी के कार्ड छप चुके हैं और आज से राज उन्हे बाटने के लिए रिश्तेदारो के यहा जाने वाला है । देखते है उसका ये सफ़र कहानी मे क्या नया मोड़ लाता है ।


राज की जुबानी

रात मे मैने अपना बैग तैयार किया और फिर मा की दो बार चुदाई भी की । इस आश मे कि पता नही रिस्तेदारो के यहा क्या माहौल हो ,कुछ बात बने भी या नही ।

अगली सुबह मै उठ कर तैयार हुआ और अपना एक बैग लेके बस स्टैंड पर खड़ा बस की राह देख रहा था । मैने मा को कहा था कि किसी को ना बताये कि मै उनके यहा कार्ड देने आ रहा हू । इस बार सबको चौकाने का प्लान था मेरा ।

खैर 8 बजे बस मिली और मै सबसे पहले शगुन का कार्ड लेके निकल गया नाना के यहा ।

शादियो का सीजन था तो बस सफ़र भी काफी हसिन था ,, नयी नयी जवाँ गदराई भाभिया और आंटियों के जोबनो ने तो कहर ढा रखा था । मगर इस बार मामा के यहा की सड़क पूरी तरह से चकाचक थी तो मुश्किल से आधे घन्टे ही लगने वाले थे मुझे मामा के यहा पहुचने मे ।
इसिलिए रास्ते मे किसी महीला से कोई खास बात चित नही बनी ।

उपर से एक बुढिया के लिए नैतिकता के मारे अपनी सीट छोडनी पडी सो अलग ।
खैर खडे होने का भी फायदा मिला , सामने की सीट पर बैठी दो जबरदस्त छातियो वाली औरतो के उपरी हिस्से की दरारे दिखती थी और मै भी आड़ी तिरछी नज़र से उन्हे देख कर मुस्कुराता रहा । मन मे ही अपनी हसिन मा , मामी , मौसी और शिला बुआ से तुलना करते हुए कि अगर ये नंगी होकर बिस्तर पर जान्घे फैलाये लेती होगी तो किसके जैसे लगेगी ।


खैर मेरी काल्पनिक चुदाई तो नही पूरी हुई उससे पहले ही नाना का गाव आ गया ।

मै चौककर होश मे आया तो ध्यान आया कि ऐसे खड़ा लण्ड लेके निचे कैसे उतरु ।
तो मजबुर बैग को आगे करना पड़ा और किसी तरह से निचे आया ।

थोडे ही देर मे खुद ही वो भी नीरस हो गया ।
सुबह का ही अभी समय था तो काफी चहल पहल थी , लोगो का आना जाना बना हुआ था । मै टहलता हुआ नाना के घर की ओर बढ गया ।

घर पर जाकर मैने छोटे गेट से एन्ट्री ली और मेरी नजर छत की चारदिवारी पर कपडे फैलाते मामी पर गयी ।

उनका ध्यान मुझ पर गया ही नही ,मैने चुपचाप अपना बैग वही गेट के बगल वाले जीने पर रखा और धीरे से उपर चल दिया ,,,

मामी इस समय साडी पहने हुए थी और मेरी ओर पीठ किये झुक कर बालटी मे कपडे निचोड रही थी । मै धिरे से उनके करीब गया और आस पास नजर फेरी फिर धीरे से मामी के गाड़ सहलाया ।


मामी कसमसा कर उठते हुए - उम्म्ं ह्ह बाऊज.....
मामी इतना बोल के रुक गयी क्योकि उनकी नजरे मुझ पर आ गयी थी ।

वो थोडा चौकी और हकला कर -अररे बाबू आप ,, क्या बात है बड़े सवेरे
मै थोडा कन्फुज हुआ कि अभी मामी क्या बोलने जा रही थी और क्या बोल गयी ।

खैर मैने उन्हे नम्स्ते किया और फिर हम दोनो निचे गये

मै नाना के कमरे मे गया और उनसे मिला और वही बैठा हुआ था कि मामी एक ट्रे मे पानी लेके आयी ।

मेरी नजरे नाना पर गयी तो वो मामी को कुछ अलग ही ढंग से निहार रहे थे । आखिरी बार जब मै आया था तो मामी कभी बिना पल्लू किये नाना के सामने नही जाती थी , आज कुछ अलग ही मह्सूस हुआ ।

मामी ने भी एक बार कनअखियो से नाना को देख कर मुस्कुराई ।
ना जाने क्यू ये सब देख कर मेरा लण्ड अंडरवियर मे सर उठाने लगा और मन मे ये विचार आने लगे कि कही नाना ने मामी को ठोक तो नही दिया ।


नाना - अरे बहू जरा गीता बबिता को बोल दो ,,,राज आया

मामी - जी बाऊजी ,, वो अभी दोनो नहा रही है

मै - नही मामी उनको अभी बोलना नही ,,मै सरप्राईज दूँगा हिहिही

नाना - हा भाई ,,वैसे भी आज तुने चौका ही दिया मुझे भी

मै - क्यू खुश नही हो क्या आप मेरे आने से

मैने एक नजर मामी को देखा और फिर नाना को ।
नाना ने पहले मामी को देखा और फिर थोडा अटक कर - अरे बेटा ऐसी कोई बात नही है । तु तो मेरे लाडला है रे ,,, तुझे देख कर तो मेरी जीने की इच्छा और बढ जाती है ।


मै - बस बस फेकिये मत ,, एक भी फोन नही आता आपका ,,आपके नाती के पास

नाना हस कर रह गये और मामी से बोले - बहू जरा जल्दी से खाना तैयार कर लो ,,, ये भी भुखा ही होगा

मामी हा बोलकर किचन मे चली गयी ।

उनके जाते ही मै - ओहो नानू ,, तब आज मुझे अपनी गाव वाली गर्लफ्रेंड से मिलवाओगे की नही

नाना ठहाका मार के हसे - हाहहहा बदमाश कही का ,,, चल आज कमली से तुझे मिलवा दूँगा

मै आंखे नचा कर - क्या नानू बस मिलवाओगे ???

नाना हस कर - तो तेरी क्या इच्छा है बता

मै खिखी करके हसा - आप तो जान ही रहे हो ना हिहिहिही

नाना हस कर - हाहहहा अरे तो शर्मा क्या रहा है ,,सीधा बोल ना कि आज मूड में है

मै शर्माने की ऐक्टिंग करता हुआ हसने लगा
मै - अच्छा वो सब ठीक है लेकिन पहले जिस काम के लिए आया हू वो तो कर लूँ

नाना मुस्कुराने लगे ।
फिर मैने बैग से कार्ड निकाले और नाना को हाथ मे देते हुए - नाना ये लिजिए । सोनल दिदी की शादी का कार्ड । दीदी ने कहा है कि कोई आये या ना आये आपको आना ही है


नाना थोडा भावुक हुए और कार्ड को माथे से लगा कर थोडा भगवान को याद किया और बिस्तर से उतर कर - आ चल मेरे साथ

मै - अरे कहा

नाना - आ तो

फिर नाना मुझे घर मे मामी के कमरे के बगल मे बने मंदिर वाले हिस्से मे ले गये और वहा जाकर उन्होने वो कार्ड भगवान जी को अर्पित किया और दिदी के लिए प्रार्थना की ।

मैने भी श्रद्धा सुमन से आंखे बंद कर ली और मन ही मन प्रार्थना किया कि दिदी की शादी सफल हो ।

फिर हम लोग मंदिर से बाहर जैसे ही खुले मे आये कि उपर छत पर गीता नहा कर कपडे डालने गयी थी और उसने मुझे देख लिया ।

वो खुश होकर तेजी से चिल्लाते हुए मेन गेट वाले जीने से निचे आई और मुझसे लिपट गयी ।

उसके मुलायम जिस्म से साबुन की भीनी सी खुस्बु आ रही थी , उसने मुझे कस कर पकड़ा हुआ था और उसके चुचे की स्पंजिनेस साफ पता आभास हो रही थी ।

मगर मैने नाना का लिहाज किया और उसके माथे को चूम कर उसको खुद से अलग किया - अरे छोड़ मीठी हिहिहिही

गीता मुझसे बच्चो के जैसे लिपटे हुए आंखे उपर करके - आप ने बताया क्यू नही कि आप आ रहे हो

मै- मुझे सरप्राईज देना था ना
मेरी बात खतम हुई ही थी कि बबिता ने भी निचे से मुझे देख लिया और वो भी भाग कर आई और गीता के बगल से मुझसे लिपट गयी ।

मेरा बैलेंस बिगड़ने लगा - अरे हिहिही छोडो तुम लोग नही तो गिर जाऊंगा

नाना - बेटा छोड दे उसे ,,

बबिता ने तो छोडा लेकिन गीता मुझसे लिपटी रही

मै- अब क्या तुझे गोदी गोदी करु
गीता मासूम सा चेहरा बना कर - हम्म्म्म प्लीज ना भैया

नाना हसने लगे और मैनेउसे निचे झुक कर उठा लिया और बडी मुश्किल से आठ दस कदम ले जाकर उतार दिया ।

वो खिलखिला कर हसी और मुझे गालो पर चुम्मिया दी

नाना - अब बस कर उसे परेशान ना कर ,,,जा अपने भैया के लिए खाना बनवाने मे बहू की मदद कर

गीता चहकी - अरे हा ,, मै मेरे भैया को अपने हाथ का बना खाना खिलाउन्गी

मै - सच मे तुझे खाना बनाना आ गया
गीता - हा तो
मै बबिता से - और तुझे गुड़िया
गीता हस कर - नही नही उसे नही आता हिहिही

ये बोल कर गीता किचन मे भागी और उसके पीछे बबिता भागती हुई - नही भैया ये झूठ बोल रही है ,,मुझे भी आता है ।

वो दोनो चले गये और फिर नाना और मै उनके कमरे मे गये ।

वहा जाकर वही सोफे पर बैग रख कर अपना लोवर टीशर्ट निकालने लगा ।

मै - मै जरा कप्डे बदल लू , काफी गरमी है । वैसे मेरा कमरा कौन सा है ?

नाना - अरे तेरा जहा मन हो रह भई । तेरा घर है

मै - तो फिर मै यही रहूंगा आपके पास

नाना थोड़ा हिचक कर - अह मेरे पाआअस्स

मै मुस्कूरा कर - क्या हुआ कोई दिक्कत

नाना - नही नही वो मै सोच रहा था कि गीता वबिता कहा तुझे मेरे पास सोने देने वाली है हिहिहिही

मै - हा ये भी है हिहिही । कोई बात नहीं अगर वो लोग कहेंगी तो वही चला जाऊंगा , लेकिन उससे पहले मेरा वो काम तो करवाओ

नाना हस कर - अरे पहले खा पी ले भई हाहाहाहा



लेखक की जुबानी

आज सुबह रोज की तरह ही निशा के यहा माहौल रहा । शालिनी नहा कर नास्ते के लिए किचन मे जा चुकी थी वही निशा नहाने के लिए उपर चली गयी थी ।

नहाने के बाद वो अपना टीशर्ट और स्कर्ट मे बाहर निकली ,,,उसने अन्दर कुछ भी नही पहन रखा था ना उपर ना निचे ।

कारण था निशा अपने पापा को रिझाने मे मजा आ रहा था और हाल के दिनो मे जन्गिलाल को जब भी मौका मिलता वो निशा के करीब जाता । उसे दुलारने के बहाने उसके कमर पीठ हाथो को सहलाता ,,,गले लगाता ।

निशा इनसब बातो को नोटिस कर रही थी इसिलिए वो अपने जिस्म को और भी एक्सपोज कर रही थी ।

जैसे ही वो बाहर निकली उस्के पापा छत पर मुह मे ब्रश घुमाते दिखे । वो सिर्फ़ जान्घिया मे थे ।

निशा को हसी आई लेकिन उसने खुद को सम्भाला ,,वही जब जन्गीलाल को निशा के बाहर आने का अह्सास हुआ तो वो उसकी ओर घूम गया ताकी उसके जान्घिये मे बना टेन्ट निशा देख सके ।

निशा की नजरे भी अपने पापा के लण्ड के उभार पर गयी और वो मुस्कुरा कर कपडे डालने लगी ।

आजकल वो कोई अंडरगार्मेंट पहनती नही तो उसे कोई झिझक नही थी । वो बालटी से झुक कर कपडे निचोड रही थी ।

उसके पीछे थोडा बगल मे जंगीलाल खड़ा होकर उसे निहार रहा था । जैसे ही निशा उसके सामने झुकी उसकी 36 की गाड़ फैल गयी ।
जंगीलाल ने जैसे ही निशा के गाड देखी उसके लण्ड के मुहाने पर चुनचुनाहट सी हुई और उसने जान्घिये के उपर से ही लण्ड का सुपाडा मसलने लगा ।

करीब 9 बजने को थे और सुबह की धूप काफी उपर चढ़ गयी थी , जिससे निशा को अपने बगल मे खड़े उसके पापा की लण्ड खुजाने वाली परछायी दिख गयी ।

निशा वो देख कर मुस्कुराई और एक एक करके सारे कपडे डाले । फिर उसे जब अपने गीले हाथो को सुखाने के लिए कुछ मिला नही तो उसने वैसे ही जन्गीलाल के सामने अपने गीले हाथ अपने चुतडो पर रगड़ कर स्कर्ट मे पोछने लगी।


स्कर्ट इतना महीन कपडे का था कि उतने पानी मे भी वो निशा के गाड़ के चिपक गया ।
फिर वो बालटी लेके बाथरूम मे घुस गयी ।

जंगीलाल का एक हाथ अभी भी लण्ड पर था और दुसरा हाथ ब्रश पकड़े हुए ।

उसने जो नजारा देखा वो उसे बेसुध कर चुका था ।

गीले स्कर्ट मे निशा के गाड़ की उभार और थिरकन ने उसके लण्ड मे आग लगा दी थी । उसका सुपाडा जल रहा था ।
ना वो उसे मसल कर शांत कर सकता था ना कोई हरकत कर सकता था ।

लेकिन उसके जहन मे यही भावना आ रही थी कि अभी जाकर उसके गीले गाड़ के पाटो को दबोच ले और मसल के लाल कर दे ।

download

निशा वापस से बाथरूम से निकली तो जंगीलाल ने फौरन अपना हाथ लण्ड से हटा लिया और निशा बिना कुछ बोले और बिना एक नजर अपने पापा को देखे वैसे ही गीले स्कर्ट मे चिपकी हुई गाड़ को मटकाते हुए निचे चली गयी ।

जन्गीलाल ने उसे वापस जाते हुए भी देखा और वो लपक कर बाथरूम मे गया और सीधा टोटी खोल कर लण्ड पर ठंडे पानी की फुहार गिराने लगा ।

जन्गीलाल - सीईई अह्ह्ह्ह ऑफफ़फ ये लाडो ने तो ....अह्ह्ह

फिर जंगीलाल को थोडी हसी भी आई कि उसकी बेटी कितनी कातिल है । अपनी मा से भी एक कदम आगे । मुझे ऐसा गर्म किया कि ये हालत हो गयी ।

उस्के बाद जंगीलाल नहा कर निचे कमरे मे गया और कपडे पहन कर किचन की ओर चल दिया ।

वहा शालिनी और निशा दोनो खडे होकर नासता बना रहे थे । जंगीलाल की नजरे वापस अपनी बेटी के स्कर्ट पर गयी लेकिन अब वो सुख चुकी थी ।
जंगीलाल निशा के बगल मे आकर उसके कमर पे हल्के से हाथ रखते हुए - क्या बना रही है मेरी लाडो

निशा अपने पापा का हाथ अपनी कमर पर पाकर थोडा सिहरी और मुस्कुरा कर बोली - आलू का पराठा

जन्गीलाल अपने हाथ उसके कूल्हो पर सरकाते हुए - अरे वाह फिर तो बनाओ भाई मुझे भी भूख लग रही है ।

निशा की सासे अटकने लगी थी जैसे जैसे उसके पापा के हाथ उसके चुतडो की ओर बढ रहे थे ।

निशा - अह हा पापा आप बैठो मै लाती हू ।

फिर जंगीलाल मुस्कुरा कर उससे अलग हुआ और हाल बैठ गया ।

थोडी देर बाद निशा एक ट्रे मे चाय पराठा लेके आई और अपने पापा के सामने झूक कर ट्रे से चाय और पराठा की प्लेट निकालने लगी ।

इस दौरान जन्गीलाल की नजरे निशा के बिना दुपट्टे के टीशर्ट के बड़े गले से झाकती चुचियो पर गयी ।

indiancleavageshow

जंगीलाल का लण्ड तनमना गया और जैसे ही निशा घूम कर वापस गयी ,,उसकी नजर निशा के स्कर्ट पर गयी जो उसके गाड़ के दरारो मे फ्सा हुआ था । जिससे वापस से उसके गाड का शेप जन्गीलाल के सामने हिल्कोरे खाने लगा ।

लेकिन निशा ने किचन मे जाते जाते इस्का आभास हुआ तो उसने अपना स्कर्ट हाथ से खिच कर सही कर लिया ।

जंगीलाल वापस नास्ते मे व्यस्त हो गया , थोडी देर बाद निशा वापस एक और पराठा लेके आई ।

जंगीलाल - बेटा वो तेरे ब्लाउज का क्या हुआ ?? बना कि नही ।

निशा - हा पापा बन गया है बस अभी लेने जाऊंगी सोनल दीदी के पास

जन्गीलाल - अच्छा बेटा आराम से जाना
फिर जंगीलाल नासता खतम करके दुकान मे चला गया और थोडे समय बाद निशा दुकान के रास्ते ही एक कुर्ती प्लाजो मे दुपट्टा ओढ़े बाहर निकली ।


जिसे देख कर जन्गीलाल ने मन मे सोचा - इसे देख कर कोई कह सकता है कि बंद घर के अन्दर कितनी कयामत ढाती है । हिहिहिही

फिर निशा एक ई-रिक्सा करके राज के चौराहे वाले घर निकल गयी

जारी रहेगी
Bahut hi umda aur uttejit karne wala update dost,
Ye nana aur mami ka kya chakkar hai dekhne layak hoga sath hi rangi lal apane mission ke kareeb pahunchta ja raha hai... Aage aage bahut kuch hone wala hai aur sath hi aaj GIFs ka tadka bhi lagaya aapne .... Bahut khoob..
 

Rinkp219

DO NOT use any nude pictures in your Avatar
3,644
5,291
158
UPDATE 145

पिछले अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा जंगीलाल निशा को साड़ी पहनाने के इरादतन अपनी हवस भरी योजना शालिनी को समझा देता है वही सोनल के शादी के कार्ड छप चुके हैं और आज से राज उन्हे बाटने के लिए रिश्तेदारो के यहा जाने वाला है । देखते है उसका ये सफ़र कहानी मे क्या नया मोड़ लाता है ।


राज की जुबानी

रात मे मैने अपना बैग तैयार किया और फिर मा की दो बार चुदाई भी की । इस आश मे कि पता नही रिस्तेदारो के यहा क्या माहौल हो ,कुछ बात बने भी या नही ।

अगली सुबह मै उठ कर तैयार हुआ और अपना एक बैग लेके बस स्टैंड पर खड़ा बस की राह देख रहा था । मैने मा को कहा था कि किसी को ना बताये कि मै उनके यहा कार्ड देने आ रहा हू । इस बार सबको चौकाने का प्लान था मेरा ।

खैर 8 बजे बस मिली और मै सबसे पहले शगुन का कार्ड लेके निकल गया नाना के यहा ।

शादियो का सीजन था तो बस सफ़र भी काफी हसिन था ,, नयी नयी जवाँ गदराई भाभिया और आंटियों के जोबनो ने तो कहर ढा रखा था । मगर इस बार मामा के यहा की सड़क पूरी तरह से चकाचक थी तो मुश्किल से आधे घन्टे ही लगने वाले थे मुझे मामा के यहा पहुचने मे ।
इसिलिए रास्ते मे किसी महीला से कोई खास बात चित नही बनी ।

उपर से एक बुढिया के लिए नैतिकता के मारे अपनी सीट छोडनी पडी सो अलग ।
खैर खडे होने का भी फायदा मिला , सामने की सीट पर बैठी दो जबरदस्त छातियो वाली औरतो के उपरी हिस्से की दरारे दिखती थी और मै भी आड़ी तिरछी नज़र से उन्हे देख कर मुस्कुराता रहा । मन मे ही अपनी हसिन मा , मामी , मौसी और शिला बुआ से तुलना करते हुए कि अगर ये नंगी होकर बिस्तर पर जान्घे फैलाये लेती होगी तो किसके जैसे लगेगी ।


खैर मेरी काल्पनिक चुदाई तो नही पूरी हुई उससे पहले ही नाना का गाव आ गया ।

मै चौककर होश मे आया तो ध्यान आया कि ऐसे खड़ा लण्ड लेके निचे कैसे उतरु ।
तो मजबुर बैग को आगे करना पड़ा और किसी तरह से निचे आया ।

थोडे ही देर मे खुद ही वो भी नीरस हो गया ।
सुबह का ही अभी समय था तो काफी चहल पहल थी , लोगो का आना जाना बना हुआ था । मै टहलता हुआ नाना के घर की ओर बढ गया ।

घर पर जाकर मैने छोटे गेट से एन्ट्री ली और मेरी नजर छत की चारदिवारी पर कपडे फैलाते मामी पर गयी ।

उनका ध्यान मुझ पर गया ही नही ,मैने चुपचाप अपना बैग वही गेट के बगल वाले जीने पर रखा और धीरे से उपर चल दिया ,,,

मामी इस समय साडी पहने हुए थी और मेरी ओर पीठ किये झुक कर बालटी मे कपडे निचोड रही थी । मै धिरे से उनके करीब गया और आस पास नजर फेरी फिर धीरे से मामी के गाड़ सहलाया ।


मामी कसमसा कर उठते हुए - उम्म्ं ह्ह बाऊज.....
मामी इतना बोल के रुक गयी क्योकि उनकी नजरे मुझ पर आ गयी थी ।

वो थोडा चौकी और हकला कर -अररे बाबू आप ,, क्या बात है बड़े सवेरे
मै थोडा कन्फुज हुआ कि अभी मामी क्या बोलने जा रही थी और क्या बोल गयी ।

खैर मैने उन्हे नम्स्ते किया और फिर हम दोनो निचे गये

मै नाना के कमरे मे गया और उनसे मिला और वही बैठा हुआ था कि मामी एक ट्रे मे पानी लेके आयी ।

मेरी नजरे नाना पर गयी तो वो मामी को कुछ अलग ही ढंग से निहार रहे थे । आखिरी बार जब मै आया था तो मामी कभी बिना पल्लू किये नाना के सामने नही जाती थी , आज कुछ अलग ही मह्सूस हुआ ।

मामी ने भी एक बार कनअखियो से नाना को देख कर मुस्कुराई ।
ना जाने क्यू ये सब देख कर मेरा लण्ड अंडरवियर मे सर उठाने लगा और मन मे ये विचार आने लगे कि कही नाना ने मामी को ठोक तो नही दिया ।


नाना - अरे बहू जरा गीता बबिता को बोल दो ,,,राज आया

मामी - जी बाऊजी ,, वो अभी दोनो नहा रही है

मै - नही मामी उनको अभी बोलना नही ,,मै सरप्राईज दूँगा हिहिही

नाना - हा भाई ,,वैसे भी आज तुने चौका ही दिया मुझे भी

मै - क्यू खुश नही हो क्या आप मेरे आने से

मैने एक नजर मामी को देखा और फिर नाना को ।
नाना ने पहले मामी को देखा और फिर थोडा अटक कर - अरे बेटा ऐसी कोई बात नही है । तु तो मेरे लाडला है रे ,,, तुझे देख कर तो मेरी जीने की इच्छा और बढ जाती है ।


मै - बस बस फेकिये मत ,, एक भी फोन नही आता आपका ,,आपके नाती के पास

नाना हस कर रह गये और मामी से बोले - बहू जरा जल्दी से खाना तैयार कर लो ,,, ये भी भुखा ही होगा

मामी हा बोलकर किचन मे चली गयी ।

उनके जाते ही मै - ओहो नानू ,, तब आज मुझे अपनी गाव वाली गर्लफ्रेंड से मिलवाओगे की नही

नाना ठहाका मार के हसे - हाहहहा बदमाश कही का ,,, चल आज कमली से तुझे मिलवा दूँगा

मै आंखे नचा कर - क्या नानू बस मिलवाओगे ???

नाना हस कर - तो तेरी क्या इच्छा है बता

मै खिखी करके हसा - आप तो जान ही रहे हो ना हिहिहिही

नाना हस कर - हाहहहा अरे तो शर्मा क्या रहा है ,,सीधा बोल ना कि आज मूड में है

मै शर्माने की ऐक्टिंग करता हुआ हसने लगा
मै - अच्छा वो सब ठीक है लेकिन पहले जिस काम के लिए आया हू वो तो कर लूँ

नाना मुस्कुराने लगे ।
फिर मैने बैग से कार्ड निकाले और नाना को हाथ मे देते हुए - नाना ये लिजिए । सोनल दिदी की शादी का कार्ड । दीदी ने कहा है कि कोई आये या ना आये आपको आना ही है


नाना थोडा भावुक हुए और कार्ड को माथे से लगा कर थोडा भगवान को याद किया और बिस्तर से उतर कर - आ चल मेरे साथ

मै - अरे कहा

नाना - आ तो

फिर नाना मुझे घर मे मामी के कमरे के बगल मे बने मंदिर वाले हिस्से मे ले गये और वहा जाकर उन्होने वो कार्ड भगवान जी को अर्पित किया और दिदी के लिए प्रार्थना की ।

मैने भी श्रद्धा सुमन से आंखे बंद कर ली और मन ही मन प्रार्थना किया कि दिदी की शादी सफल हो ।

फिर हम लोग मंदिर से बाहर जैसे ही खुले मे आये कि उपर छत पर गीता नहा कर कपडे डालने गयी थी और उसने मुझे देख लिया ।

वो खुश होकर तेजी से चिल्लाते हुए मेन गेट वाले जीने से निचे आई और मुझसे लिपट गयी ।

उसके मुलायम जिस्म से साबुन की भीनी सी खुस्बु आ रही थी , उसने मुझे कस कर पकड़ा हुआ था और उसके चुचे की स्पंजिनेस साफ पता आभास हो रही थी ।

मगर मैने नाना का लिहाज किया और उसके माथे को चूम कर उसको खुद से अलग किया - अरे छोड़ मीठी हिहिहिही

गीता मुझसे बच्चो के जैसे लिपटे हुए आंखे उपर करके - आप ने बताया क्यू नही कि आप आ रहे हो

मै- मुझे सरप्राईज देना था ना
मेरी बात खतम हुई ही थी कि बबिता ने भी निचे से मुझे देख लिया और वो भी भाग कर आई और गीता के बगल से मुझसे लिपट गयी ।

मेरा बैलेंस बिगड़ने लगा - अरे हिहिही छोडो तुम लोग नही तो गिर जाऊंगा

नाना - बेटा छोड दे उसे ,,

बबिता ने तो छोडा लेकिन गीता मुझसे लिपटी रही

मै- अब क्या तुझे गोदी गोदी करु
गीता मासूम सा चेहरा बना कर - हम्म्म्म प्लीज ना भैया

नाना हसने लगे और मैनेउसे निचे झुक कर उठा लिया और बडी मुश्किल से आठ दस कदम ले जाकर उतार दिया ।

वो खिलखिला कर हसी और मुझे गालो पर चुम्मिया दी

नाना - अब बस कर उसे परेशान ना कर ,,,जा अपने भैया के लिए खाना बनवाने मे बहू की मदद कर

गीता चहकी - अरे हा ,, मै मेरे भैया को अपने हाथ का बना खाना खिलाउन्गी

मै - सच मे तुझे खाना बनाना आ गया
गीता - हा तो
मै बबिता से - और तुझे गुड़िया
गीता हस कर - नही नही उसे नही आता हिहिही

ये बोल कर गीता किचन मे भागी और उसके पीछे बबिता भागती हुई - नही भैया ये झूठ बोल रही है ,,मुझे भी आता है ।

वो दोनो चले गये और फिर नाना और मै उनके कमरे मे गये ।

वहा जाकर वही सोफे पर बैग रख कर अपना लोवर टीशर्ट निकालने लगा ।

मै - मै जरा कप्डे बदल लू , काफी गरमी है । वैसे मेरा कमरा कौन सा है ?

नाना - अरे तेरा जहा मन हो रह भई । तेरा घर है

मै - तो फिर मै यही रहूंगा आपके पास

नाना थोड़ा हिचक कर - अह मेरे पाआअस्स

मै मुस्कूरा कर - क्या हुआ कोई दिक्कत

नाना - नही नही वो मै सोच रहा था कि गीता वबिता कहा तुझे मेरे पास सोने देने वाली है हिहिहिही

मै - हा ये भी है हिहिही । कोई बात नहीं अगर वो लोग कहेंगी तो वही चला जाऊंगा , लेकिन उससे पहले मेरा वो काम तो करवाओ

नाना हस कर - अरे पहले खा पी ले भई हाहाहाहा



लेखक की जुबानी

आज सुबह रोज की तरह ही निशा के यहा माहौल रहा । शालिनी नहा कर नास्ते के लिए किचन मे जा चुकी थी वही निशा नहाने के लिए उपर चली गयी थी ।

नहाने के बाद वो अपना टीशर्ट और स्कर्ट मे बाहर निकली ,,,उसने अन्दर कुछ भी नही पहन रखा था ना उपर ना निचे ।

कारण था निशा अपने पापा को रिझाने मे मजा आ रहा था और हाल के दिनो मे जन्गिलाल को जब भी मौका मिलता वो निशा के करीब जाता । उसे दुलारने के बहाने उसके कमर पीठ हाथो को सहलाता ,,,गले लगाता ।

निशा इनसब बातो को नोटिस कर रही थी इसिलिए वो अपने जिस्म को और भी एक्सपोज कर रही थी ।

जैसे ही वो बाहर निकली उस्के पापा छत पर मुह मे ब्रश घुमाते दिखे । वो सिर्फ़ जान्घिया मे थे ।

निशा को हसी आई लेकिन उसने खुद को सम्भाला ,,वही जब जन्गीलाल को निशा के बाहर आने का अह्सास हुआ तो वो उसकी ओर घूम गया ताकी उसके जान्घिये मे बना टेन्ट निशा देख सके ।

निशा की नजरे भी अपने पापा के लण्ड के उभार पर गयी और वो मुस्कुरा कर कपडे डालने लगी ।

आजकल वो कोई अंडरगार्मेंट पहनती नही तो उसे कोई झिझक नही थी । वो बालटी से झुक कर कपडे निचोड रही थी ।

उसके पीछे थोडा बगल मे जंगीलाल खड़ा होकर उसे निहार रहा था । जैसे ही निशा उसके सामने झुकी उसकी 36 की गाड़ फैल गयी ।
जंगीलाल ने जैसे ही निशा के गाड देखी उसके लण्ड के मुहाने पर चुनचुनाहट सी हुई और उसने जान्घिये के उपर से ही लण्ड का सुपाडा मसलने लगा ।

करीब 9 बजने को थे और सुबह की धूप काफी उपर चढ़ गयी थी , जिससे निशा को अपने बगल मे खड़े उसके पापा की लण्ड खुजाने वाली परछायी दिख गयी ।

निशा वो देख कर मुस्कुराई और एक एक करके सारे कपडे डाले । फिर उसे जब अपने गीले हाथो को सुखाने के लिए कुछ मिला नही तो उसने वैसे ही जन्गीलाल के सामने अपने गीले हाथ अपने चुतडो पर रगड़ कर स्कर्ट मे पोछने लगी।


स्कर्ट इतना महीन कपडे का था कि उतने पानी मे भी वो निशा के गाड़ के चिपक गया ।
फिर वो बालटी लेके बाथरूम मे घुस गयी ।

जंगीलाल का एक हाथ अभी भी लण्ड पर था और दुसरा हाथ ब्रश पकड़े हुए ।

उसने जो नजारा देखा वो उसे बेसुध कर चुका था ।

गीले स्कर्ट मे निशा के गाड़ की उभार और थिरकन ने उसके लण्ड मे आग लगा दी थी । उसका सुपाडा जल रहा था ।
ना वो उसे मसल कर शांत कर सकता था ना कोई हरकत कर सकता था ।

लेकिन उसके जहन मे यही भावना आ रही थी कि अभी जाकर उसके गीले गाड़ के पाटो को दबोच ले और मसल के लाल कर दे ।

download

निशा वापस से बाथरूम से निकली तो जंगीलाल ने फौरन अपना हाथ लण्ड से हटा लिया और निशा बिना कुछ बोले और बिना एक नजर अपने पापा को देखे वैसे ही गीले स्कर्ट मे चिपकी हुई गाड़ को मटकाते हुए निचे चली गयी ।

जन्गीलाल ने उसे वापस जाते हुए भी देखा और वो लपक कर बाथरूम मे गया और सीधा टोटी खोल कर लण्ड पर ठंडे पानी की फुहार गिराने लगा ।

जन्गीलाल - सीईई अह्ह्ह्ह ऑफफ़फ ये लाडो ने तो ....अह्ह्ह

फिर जंगीलाल को थोडी हसी भी आई कि उसकी बेटी कितनी कातिल है । अपनी मा से भी एक कदम आगे । मुझे ऐसा गर्म किया कि ये हालत हो गयी ।

उस्के बाद जंगीलाल नहा कर निचे कमरे मे गया और कपडे पहन कर किचन की ओर चल दिया ।

वहा शालिनी और निशा दोनो खडे होकर नासता बना रहे थे । जंगीलाल की नजरे वापस अपनी बेटी के स्कर्ट पर गयी लेकिन अब वो सुख चुकी थी ।
जंगीलाल निशा के बगल मे आकर उसके कमर पे हल्के से हाथ रखते हुए - क्या बना रही है मेरी लाडो

निशा अपने पापा का हाथ अपनी कमर पर पाकर थोडा सिहरी और मुस्कुरा कर बोली - आलू का पराठा

जन्गीलाल अपने हाथ उसके कूल्हो पर सरकाते हुए - अरे वाह फिर तो बनाओ भाई मुझे भी भूख लग रही है ।

निशा की सासे अटकने लगी थी जैसे जैसे उसके पापा के हाथ उसके चुतडो की ओर बढ रहे थे ।

निशा - अह हा पापा आप बैठो मै लाती हू ।

फिर जंगीलाल मुस्कुरा कर उससे अलग हुआ और हाल बैठ गया ।

थोडी देर बाद निशा एक ट्रे मे चाय पराठा लेके आई और अपने पापा के सामने झूक कर ट्रे से चाय और पराठा की प्लेट निकालने लगी ।

इस दौरान जन्गीलाल की नजरे निशा के बिना दुपट्टे के टीशर्ट के बड़े गले से झाकती चुचियो पर गयी ।

indiancleavageshow

जंगीलाल का लण्ड तनमना गया और जैसे ही निशा घूम कर वापस गयी ,,उसकी नजर निशा के स्कर्ट पर गयी जो उसके गाड़ के दरारो मे फ्सा हुआ था । जिससे वापस से उसके गाड का शेप जन्गीलाल के सामने हिल्कोरे खाने लगा ।

लेकिन निशा ने किचन मे जाते जाते इस्का आभास हुआ तो उसने अपना स्कर्ट हाथ से खिच कर सही कर लिया ।

जंगीलाल वापस नास्ते मे व्यस्त हो गया , थोडी देर बाद निशा वापस एक और पराठा लेके आई ।

जंगीलाल - बेटा वो तेरे ब्लाउज का क्या हुआ ?? बना कि नही ।

निशा - हा पापा बन गया है बस अभी लेने जाऊंगी सोनल दीदी के पास

जन्गीलाल - अच्छा बेटा आराम से जाना
फिर जंगीलाल नासता खतम करके दुकान मे चला गया और थोडे समय बाद निशा दुकान के रास्ते ही एक कुर्ती प्लाजो मे दुपट्टा ओढ़े बाहर निकली ।


जिसे देख कर जन्गीलाल ने मन मे सोचा - इसे देख कर कोई कह सकता है कि बंद घर के अन्दर कितनी कयामत ढाती है । हिहिहिही

फिर निशा एक ई-रिक्सा करके राज के चौराहे वाले घर निकल गयी

जारी रहेगी
Fantastic update bro..... humme to shadishuda beti
Sonal ka intezar hai kabtak apne papa, sasur,chacha......etc ke niche....... aayega..... waiting more
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
7,916
22,330
189
Bahut hi umda aur uttejit karne wala update dost,
Ye nana aur mami ka kya chakkar hai dekhne layak hoga sath hi rangi lal apane mission ke kareeb pahunchta ja raha hai... Aage aage bahut kuch hone wala hai aur sath hi aaj GIFs ka tadka bhi lagaya aapne .... Bahut khoob..
Bahut bahut shukriya bhai ji
 
Top