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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Apki pratikriya k liye dhanywaad bhai Keep supporting and enjoy story


New update posted
Read and review
Apne babuji ko rijhane me Ragini ka anubhav kaam aaya. Rochak aur Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Fantastic update waiting for next

Padhke maza aagaya:ecs:

Finally maa aur nanaji ki kahani aage badhi. Maa ki ichcha poori ho gayi aur nanaji ko bhi maza aa gaya. Mast update.

Awesome update tha dost... HUMME TO BAPBETI KA INTEZAR HAI (SONAL)

SUper hot and sexy. Mast

Aakhirkar nana ne maza maar hi liya udhar ragini ka beta bahar uska intzaar kar rha hai kya ragini jaayegi uske paas vaise nana ne jaane laayak nahi chhoda nahi use
Dekhte hai kya hota hai agle update me

Waah mast update tha DB bhai ✌✌👏👏

Bahut hi behatreen update.. aur Akhir aapne super ka seedha prasaran karwa hi diya...
Kafi romanchak maqaabla tha dono hi taraf se kafi acha khel khela gaya ek ke baad ek kafi ache shot dekhne ko mile... Nana ne apani beti ki pich par kafi dhuandhar ballebaji ki par ant mein apana wicket apani beti ko dekar dharashai ho gaye...
Darshakon ka bharpur manoranjan hua khas kar unka jo bina ticket liye stool laga kar taak jhaank kar rahe the.
Baki log to apane balle aur ball ko sahlate nahi thak rahe the..
Aasha hai isi tarah ke super over aur dekhne ko milenge..

Bahut hi umda update

Nice update

Mast update mitr


ज़बरदस्त…

वाह भाई, आगे एक राउंड फिर होगा क्या नाना और माँ के बीच ?

अगली कड़ी की प्रतीक्षा में . . . . .

Ab to ragini jab bhi pratappur jayegi to banvarilal ka bistar garam karke hi aayegi or banvarilal chamanpura me ayegato specially ragini ki lene😅

mind blowing update bhai

Bohot hi kamuk update

ऐसी कामोत्तेजक घटना होगी तो लोग देखने आएंगे ही ! :wink:

Beautiful update...

Nice update...

Bahut he jabardast update tha …

Excellent update
बाप और बेटी दोनों की दमदार चूदाई होने वाली है अब तो दोनो की चूदाई करवा दो

Keep Going
Anokha Gyaan kb suru kr rhe ho

Waiting for the next 🔥 hot update


Apne babuji ko rijhane me Ragini ka anubhav kaam aaya. Rochak aur Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki


शानदार मजेदार अपडेट

Waiting for Next Update .....
New update posted
Padh kar apna review de
 

TharkiPo

I'M BACK
Not Activated
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Bahut khoob sagai ki sari taiyariyan ho chuki hain... Nana aur Maa ne bhi apane sare gile shikwe mita diye... Ab jab itane rangeele mizaaz ke mehmaan ikatthe huye hain to kuch chatpati baatein to hogi hi na. Bahut umda update
 
Last edited:

ChhotuD

New Member
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UPDATE 101


मा और नाना की जोरदार चुदाई और दो बार बुरी तरह से लण्ड निचोडने के बाद मन मार कर मै थक कर सो गया ।

सुबह मेरी निद रोज से पहले खुल गयी थी और मैने मोबाईल मे चेक भी नही किया था कि कितने बजे होगे ।
मै रोज की तरह उठा और बाथरूम गया । फिर फ्रेश होकर बाहर हाल मे आया तो देखा सब खाली खाली है ,,,कोई चहल पहल नही ,,,नही तो रोज मा और दीदी उठ ही जाते थे ।

फिर मै हाल मे टंगी घड़ी पर नजर मारी तो अभी तो सुबह के 4:30 ही हो रहे थे तो कैसे कोई दिखता और मुझे तभी मा का ख्याल आया और रात की सारी बाते याद आई ।
फिर मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आई और मेरे लण्ड से सुबह की अंगड़ाई ली ,,, मै उसे दबा कर मा के रूम की ओर बढा । फिर मैने दरवाजे को हल्का धक्का दिया तो वो खुला नही मतलब वो अन्दर से ही बन्द था ।

मैने कान लगा कर कुछ सुनना चाहा तो बस कुलर की घनघनाहट ही गुज रही थी ।
फिर मैने सोचा अभी समय है तो क्यू ना थोड़ा छत पर टहल लू ,,,
मै सीढ़ी से उपर गया वहा भी सब शांत था ,,,मै उपर चला गया और जीने का दरवाजा खोल कर छत पर खुली हवा मे टहलने लगा ।
गजब की खुशी थी चेहरे पर कोई खास कुछ दिख नही रहा था ,,,अभी भी अंधेरा था और मै मोबाईल लेके आया नही था ।
सोचा अभी समय है एक घन्टे और सो ही लू तो मै वापस दरवाजा बन्द कर सबसे निचे के हाल मे आया और अपने कमरे मे चला गया ।

फिर मैने मोबाईल उठाया और लेटे हुए चलाने लगा
रात मे सरोजा के मैसेज आये थे हालकी वो जान्ती थी कि मै दीदी की सगाई को लेके काफी व्यस्त हू तो कोई रियक्ट नही किया था लेकिन कोमल के 4 मिस्काल थे और कुछ इतराने भरे मैसेज

कारण मै जानता था क्योकि विमला घर पर थी नही और वो मुझे बुलाना चाहती थी इसिलिए,,,मगर मैने तो कल रात के लिए अलग ही शो बुक कर रखा था ।

खैर मै ऐसे ही मोबाईल चला रहा था कि थोडी देर बाद मेरा दरवाजा खुला और मा वही रात का ब्लाउज पेतिकोट पहने कमरे मे आई ।

हम दोनो की नजरे टकराई और उन्होने दरवाजा बंद कर दिया
मै मा को देख कर ही खुश हो गया फटाक से बिस्तर से उतर कर मा के पास गया ।

मै - अभी को आ रही हो आप
मा फटाफट मेरे कमरे मे रखे नाना के कपडे लेके जाने लगी

मै - अरे कहा जा रही हो
मा खुसफुसा कर - ब्स ये कपडे देके आ रही हू बेटा

मै हा मे सर हिलाया और मा दरवाजे से बाहर गयी और सीधा अपने कमारे और फिर दो मिंट बाद मा वापस मेरे कमारे आई ।
मा ने दरवाजा बन्द किया और इत्मीनान हो गयी ।

मै मुस्कुरा कर मा को हग कर लिया
मा भी मुझसे चिपकी रही
मै मा को सामने कर - तो कितना राउंड हुआ
मा शर्मा कर मुझ्से अलग होकर बिस्तर पर जाने लगी ।

मै मा को लेके बिसतर पर लेट गया और उनको अपनी बाहो मे लेके उन्के होठ चुस्ते हुए बोला - बोलो ना मा कितनी बार लिया नाना का

मा ह्स दी और मेरे होठ चूम कर मेरे गाल सहलाते हुए एक टक मेरी आंखो मे देखने लगी ।

मै इशारे मे अपनी भौहे उठा कर पुछा क्या हुआ तो वो ना मे सर हिला कर मुस्कराने लगी।

मैने उन्के कूल्हो को थाम कर अपने ओर खीचा और लंड को सिधा उनकी पेड़ू पर चढा दिया ।

मै - बताओ ना मा
मा - क्यू तुने कितनी बार देखा
मै - मैने तो एक ही बार
मा हस कर - हा तो उत्ना ही हुआ
मै तुनक कर - तो आई क्यू नही रात मे
मा शर्मा कर - वो बाऊजी ने बोला सुबह चली जाना
मै खुशी से- ओह्ह मतलब और भी कई राउंड हुआ था
मा ह्स कर - नही रे बस अभी को थोडी देर पहले एक बार और हुआ

मै तपाक से मा की चुत को पेतिकोट के उपर से ही दबोच लिया और सिस्क उठी ।
मै - अब तो खुश हो ना मा
मा लपक के मेरे अंडरवियर के उपर से लण्ड को थाम लिया

मा - हम्म्म्म्ं
मैने वैसे ही पेतिकोट के उपर से ही मा की चुत को कुरेदते हुए - तो इस टाईम किस पोजीशन मे हुआ

मा एक कातिल मुस्कान के हाथ लण्ड को उपर से मसल्ते हुए उठ गयी और फटाक से मेरा अंडवियर खिंच लिया ।

मेरा लण्ड फनफना कर खड़ा हो गया और मा ने बिना हाथो के प्रयोग किये सीधा मुह खोलते हुए लण्ड को भर लिया ।

मै सिहर गया और थोडा गिला कर उठी और पेतिकोट अपनी कमर तक उठा कर मेरे जांघो के दोनो तरफ पैर किया ।

मै समझ गया मा बैठने वाली है तो मैने लण्ड को जड़ के पकड कर सीधा कर दिया और मा मुस्कुरा कर अपना पेतिकोट उठाए सीधा लण्ड को अपनी तपती चुत मे सोख लिया ।

मा लण्ड की जड़ तक कचकचा कर भर लिया अपनी चुत मे और मेरे जांघो पर अपनी गाड को मथते हुए बडी ही कामुक अदा से मुस्कुराइ

मै मा की नशीली अदा से सिहर गया और बोला - ऐसे ही चुदवाया क्या मा अभी

मा मेरे लण्ड को निचोड़ हुए अपनी गाड़ को उठाया और वापस वैसे ही लण्ड को भर लिया ।
मै गनगना गया

मा - हा बेटा ऐसे ही लिया है अभी बाऊजी का लण्ड उम्म्ंम्म्ं
मै अपने हाथ मा के कूल्हो को थामा और जोर से एक करारा धक्का मा की चुत मे लगा दिया
मा सिस्क उठी
मैने मा को पकड कर अपने उपर खिच लिया और अपनी जांघो लो खोलते हुए निचे से गचाग्च पेलना शुरु कर दिया

मा मेरे होठ चुस्ते हुए उसी पोजीशन मे बनी रही और थोडी ही देर हम दोनो चरम पे थे ,,,ना मा हिली ना मै
हम दोनो एक-दूसरे से चिपके रहे और मेरा लण्ड झटके देते हुए झडने लगा।
मा मेरे सीने पर वैसे ही लण्ड को अपनी चुत मे लिये लेती रही ।

मै मा के बालो मे हाथ फेरा और बोला - तब नाना से कुछ कबूलवाया की नही

मा मुस्कुरा कर मेरे आन्खो मे देखते हुए - हम्म्म्म
मै - क्या बताओ ना

मा - रात मे वही हो जाने के बाद मैने उनसे पूछा कि क्या रज्जो जीजी के साथ भी आपने किया है तो वो बताये कि कैसे जीजी ने मा के मरने के बाद उनको सम्भाला था ।

मै भी एक संतुष्टि की हुन्कारि भरी और हम ऐसे ही लेटे रहे और पता नही कब सो गये ।

7 बजे के करीब सोनल मेरे दरवाजे को पीट कर आवाज दे रही थी ।
हम दोनो चौक कर उठे और अभी भी मेरा लण्ड सिकुड़ कर उनकी चुत मे था और मुझे इसका अह्सास होते ही अगले ही पल वो कस कर फिर से तन गया ।

मा मुस्कुराई और उठ गयी और अपने कपडे सही कर बाहर चली गयी और मै भी फ्रेश होने चला गया
थोडी देर नास्ते के समय से पहले पापा भी आये और फिर हम सब ने मिल कर नासता किया और आज का प्रोग्राम तय किया गया ।

पापा ने बताया कि मुझे फुलपुर गाव जाना पडेगा रंजू ताई के यहा सगाई के लिए न्योता देने ।
गाव तो पास मे ही था और पंखुडी भाऊजी का ख्याल आते ही मै प्रसन्न हो गया ।

इधर नास्ते के टेबल पर नाना और मा की एक गुपचुप सी इशारे बाजी चल रही थी जिसका अन्दाजा मुझे था ही कि इधर पापा और अनुज दुकान पर जायेन्गे ,, गीता-बबिता सोनल के साथ उसके बुटीक जायेगी ही और मै फुलपुर जाने वाला था ।

तो घर मे अकेले दोनो बाप बेटी धमाल तो करने ही वाले थे ।
थोडे ही समय में सब अपने अपने काम पर निकल गये ।
अब घर मे मै नाना और मा ही बचे थे ।

नाना नहा चुके थे लेकिन मुझे और मा को नहाना था ।
मै और नाना हाल मे बैठे थे , वही मा किचन मे साफ सफाई करने मे लगी थी ।

नाना की नजर अब भी मा के उपर थी जो अभी तक ब्लाउज पेतिकोट पर एक दुपट्टा लेके काम कर रही थी ।
मै - नाना जी अब कैसी है आपकी तबियत
नाना मुस्करा कर - ठीक है बेटा,, कल रात मे तो सच मे परेशान हो गया था ।

मै उनके कान के पास जाकर - लेकिन उसको शांत कैसे किया

नाना चौक कर मेरी ओर देखे और मुस्कुराने लगा
नाना हस कर - तू बहुत नटखट है रे ,, अब यहा कोई इन्तेजाम तो है नही तो तेरी मा के जाने के बाद हाथगाडी चलानी पड़ी थी ।

मै हस कर - फिर तो आज भी कल के जैसे काम चला लो ,,,कल से मौज ही रहेगा आपका

नाना को ये ख्याल आते ही की कल उनको घर जाना है तो उनहे अच्छा नही लगा ।

मै समझ गया और बोला - हा अगर यही मन लग गया हो तो रह सकते हो हिहिहिही

नाना हसने लगे और बोले - बेटा मन तो बहुत है और यहा अपनी बेटी और नाती के साथ हू इससे अच्छा क्या होगा ,,,लेकिन गाव मे भी काफी जरुरी काम पडे हुए है ।

इधर मा किचन मे काम खतम कर हाल मे आई
मा - बाऊजी मै नहाने जा रही हू तब तक आप आराम कर लिजिए , मै खाने के वक्त पर जगा दूँगी ।

मै - अच्छा ठीक है मा ,,मै भी नहाने जा रहा हू फिर मुझे भी गाव पर जाना है

मा ने सहमती दिखाई और अपने मे गयी यहा नाना खुश से फुल गये और उनका लण्ड भी ।
मै भी मुस्कुरा कर अपने कमरे मे गया और कपडे निकाल कर एक बार बाहर दरवाजे के ओट से झाका तो देखा कि मा के कमरे का दरवाजा खुला है
मै फटाक से बाहर आया और मा के कमरे मे झाका

जहा बाथरूम के पास ही नाना मा को पीछे से जकडे हुए अपना लण्ड की गाड मे घिस रहे थे और हाथो मे मा की चुचिय ब्लाउज के उपर से मिज रहे थे ।

मै मुस्कुराया और नहाने के लिए चला गया क्योकि मै जानता था कि सिर्फ आज ही ये प्रेम मिलाप चलेगा तो क्यू ना इन्हे करने दिया जाये ।

मै नहा कर बाहर आया तो नाना हाल मे लेते हुए थे और मै नाना को बोल दिया कि मै जा रहा हू गाव पर ,वो मा को बता देंगे ।

फिर मैने एक ई-रिक्शा किया और निकल गया ।
फूलपुर गाव , चमनपुरा मे प्रवेश वाली पुलिया के थोडी ही दुर पर नारायणपुर के ठीक सामने वाला गाव था ।
मतलब मेन रोड एक तरफ नारायणपुर और दुसरी तरफ फुलपुर ।

ई-रिक्शा मुझे गाव के सड़क पर छोड कर वाप्स चला गया ।
मै काफी समय बाद गाव जा रहा था , हालाकि यहा मेरे पिता का बचपन बिता था और बचपन मे मै काफी बार यहा कोई प्रोग्राम के समय पापा के साथ आता था ,,,मगर अब बहुत कुछ बदल गया था ।

मिट्टी और खडंजे सडको की जगह अब पक्की सड़क थी और पक्के घर अब काफी बन चुके थे तो ऐसे मे मुझे रंजू ताई का घर खोजने मे दिक्कत हो रही थी ।
आखिर कार मुझे एक बुजुर्ग से मेरे ताऊ जमुना प्रसाद का घर पुछना पडा ।
फिर उन्होंने थोडा आगे जाने को बोल और मै उसी जगह गया तो मुझे सब याद आ गया ।
चुकी ताऊ का घर बहुत ही पुराना था ,,आखिरी बार 6 साल पहले आया था जब रोहन भैया की शादी पंखुडी भाभी से होनी थी ।
ये आगन और वो बगल का कूआ याद है मुझे ।
लेकिन अब उस खपरैल की जगह दो मन्जिली कोठी थी ,,,, आखिर रोहन एक बडे कोर्पोरेशन मे नौकरी करते थे और उन्ही के भेजे पैसे से ये नहा मकान बना था ।

इस समय मुस्किल से 10:30 बज रहे थे , और मै आगे बढा ।
बाहर आंगन मे कोई नही दिखा ,,उम्मीदन ताऊजी खेत के लिए निकल गये होगे तो घर मे ताई और भाऊजी ही होगी ।
चुकी ये मेरे घर जैसा ही था तो मै बिना किसी की अनुमती या किसी को आवाज लगाये
मैने ओसारे से लगे गलियारे का परदा हटा कर अन्दर घुसा तो निचे कोई नजर नही आया ।
मै किचन के बगल से लगी एक सीढ़ी से उपर गया और फिर सबसे उपर चला गया।

जैसे ही जीने से बाहर निकला सामने की हसिना को देख कर मेरा लण्ड टनटना गया ।

सामने छत पर लगी अरगन पर पंखुडी भऊजी सिर्फ ब्लाउज पेतिकोट पहने बालटी से कपडे निकाल कर फैला रही थी । शायद वो अभी अभी नहा कर निकाली थी तभी उन्होने अपने गिले बालो मे तौलिया लपेटा हुआ था ।

ग्रे ब्लाउज के उनकी कसी हुई 34DD की मोटी चुचिय और गाड़ का फैलाव पेतिकोट मे भरा हुआ था ।

मै ह्स कर बिना संकोच किये - नमस्ते भौजी
पंखुडी भाभी अचानक से मेरी आवाज सुन कर चौकी और फटाक से अपने चुचो पर हाथो से क्रॉस कर लिया ।

लेकिन जब मुझे देखा तो थोडी नोर्मल हुई
भाभी - क्या देवर जी हम तो डर गये थे
मै मुस्कुरा कर उनके करीब जाकर - हाहाहाह ,,कौन सा मै आपको लुटने आया हू
भाभी ने नजर मेरे पैंट मे उभरे हुए लन्ड़ पर मारा और इतरा कर बोली - तुम्हारी नही उस चोर की बात कर रही हू

मै झेप सा गया और मस्ती मे बोला - अब उसका काम वो जाने हमे उससे क्या

भाभी हस के कपडे निकाल कर फैलाने लगी ।
मै उन्हे छेड़ते हुए - लग रहा है कि आपको निचोडना नही आता भौजी हिहिहिही

वो मुस्कुरा कर अचरज से देखी
मै ह्स्कर - अरे कपडे को कह रहा हू ,,,इसको ऐसे निचोड के डालो बहुत जल्दी सुख जाता है ।

भौजी - हमको निचोडना ना सिखाओ ये बताओ आज अपनी मेहरारू को कैसे याद कर लिये
मै - अब आप हमको अपने पास बुलाती नही है तो सोचे हम खुद ही चले जाये ,,,वैसे भी रोहन भैया है नही तो क्या पता कुछ दाल गल जाये हमारा ही

भाभी हसी - यहा तोहार दाल ना गलेगा देवर जी

मै भाभी की भोजपुरी टयून पर हसी आई और मै भी उन्ही के रंग मे रगता हुआ

मै - काहे हो भौजी ,, चूल्हा मे आग नईखे का

वो हसी और बालटी लेके निचे जाते हुए - आग इतना बा कि राऊर दाल जल जाई ये देवरु

मै ह्स कर उनके पीछे जाता हुआ - अरे इ हमार दाल ह ,,, 3 से 4 सिटी मे गले ला

मेरी डबल मिनिंग बात से भाभी हसने लगी
भाभी - लागत बा पुरान चूल्हा यूज़ करीला राऊरे ,,,,हमार यूज़ करबे तो एक ही सिटी मे पानी पानी हो जाई

मै उनकी बात से हसने लगा और आगे बोलने को होता तभी निचे से रंजू ताई की आवाज आई

हम दोनो चौके क्योकि भौजी जिस हाल मे थी उस समय मेरा उनके साथ रहना उचित नही था ,,,,

मै ह्स के - जाई राउर सास बुलावत बातीन

वो हसी - भ्क्क्क ,, जाओ अब निचे हम आ रहे कपडा पहन के

मै भी ह्स कर निचे हाल मे आया और ताई के पैर छुए

रन्जू ताई चौकी और खुश भी हुई - अरे बचवा तुम ,,,आओ आओ बैठो लल्ला
रन्जू - कहो कैसे आना हुआ और तुम उपर थे तो दुल्हीन कहा है

मै ह्स कर - वो बडकी अम्मा ,, भौजी छत पर कपडा डाल रही है अभी आ रही है ।

ताई हस कर - और बताओ लल्ला घर पर सब कैसे है और अचानक से यहा सब ठीक तो है

मै ह्स कर - हा बडकी अम्मा सब ठीक है । वो दिदी की सगाई का न्योता देने आया था ।

ताई खुश होते हुए - अरे वाह ,, इ तो बहुत अच्छी खबर सुनायो लल्ला ,,,,कहा हो रही है शादी

फिर मैने उनको दीदी के ससुराल के बारे मे बताया और सगाई का दिन भी

फिर थोडी देर मे भाभी साड़ी पहन कर आई और मेरे लिये किचन से चाय नासता भी लाई ।
फिर ऐसे ही बाते चली ।

मै - बडकी अम्मा ,,वो मम्मी ने बोला था कि घर का कोई मोबाईल नम्बर लेते आना ,,,ताकी आगे के प्रोग्राम के लिए जानकारी देने मे दिक्कत ना हो ।
ताई ह्स के - अब बचवा कहा हम मोबाइल चलावत है ,,,,ये दुल्हीन तनिक आपन मोबैल के नम्बर लल्ला को देदो ।

भौजी मुस्कुरा कर - लिखिए बाबू ,,,
फिर वो नमबर बोली और मैने कॉल घुमा दिया और मोबाईल किचन मे बजा

भाभी दौड़ कर गयी और लेके आई और मुझे मोबाईल देके बोली - बाबू तनिक इमा भी नाम सेट कर दो

मै हस कर - का नाम लिखे भौजी
भौजी ह्स कर - छोटका भतार लिख दो , तोहरी बहिन के ,,हिहिहिही हा नाही तो पुछ रहे है का नाम लिखे

भाभी की बात पर ताई मुह पर हाथ रख कर हसने लगी
मै भी हस कर छोटका भतार लिख कर दे दिया ।

भाभी नाम पढ कर - देख रही है अम्मा ,,बाबू सही मे लिख दिये वही

ताई हस कर - अरे तो का हुआ ,, छोटका भतार बनाओ चाहे देवर, बात एक्के है दुल्हीन

मै ताई की बातो पर हस कर उनसे छिपकर भौजी को आंख मार दी ।

वो भी मुस्कुरा दी ।
थोडा और हाल चाल लेके मै वापस घर की ओर आया ।

दोपहर के 12 बजने को थे और मै घर पहुचा ।
हाल मे काफी चहल पहल थी ,,नाना मा गीता बबिता सोनल सब बैठे हुए थे और आज निशा भी आई हुई थी ।

मुझे देख कर निशा ने स्माइल पास की और यहा मेरे लंड ने अगडाई ली ।
फिर मा ने मुझे पानी दिया और गाव के बारे मे हाल चाल लिया ।

फिर सारी जानकारी देने के बाद मै खाना खा कर निकल गया दुकान पर ,,,

दिन बिता और रात के खाना खतम हुआ, मै जानता था कि आज रात भी मा और नाना लगे रहेंगे तो क्यू ना मै गीता बबिता मे से किसी को रोक लू ,, मगर पता नही उन्हे सोनल ने क्या पट्टी पढाई थी कि वो आज उसके साथ ही सोने के लिए गयी ।

स्बके उपर जाने के बाद
नाना - बेटी अगर तुझे एतराज ना हो तो मै तेरे कमरे मे ही सो जाऊ ,,,यहा की गर्मी बर्दाश्त नही होती मुझसे

मा ह्स कर - आपकी जैसी इच्छा बाऊजी ये आपका भी घर है ,,,, मै राज के साथ सो जाऊंगी

नाना थोडा मन गिराने लगे तो मा फिर से बोली - और आप दरवाजा खोल के ही सोयीएगा , मै अभी दवा देने आऊंगी

नाना मा की बात सुन कर मुस्कुराते हुए कमरे मे चले गये
मै भी अपने कमरे मे गया और थोडी देर बाद मा नाना को दवा देके मेरे कमरे मे आई और दरवाजा बंद कर दिया ।


मै मुस्कुरा कर - आज मेरे साथ ही रहोगी क्या मा
मा - हा क्यू ,,चली जाऊ क्या बाऊजी के पास

मै मा को पकड कर अपने पास लाया - नही मेरी सेक्सी मम्मी ,,अभी नही थोडा मेरा ख्याल रख लो फिर जाना

मा मुस्कुराई और फिर एक राउंड हमारा जोरदार चुदाई संग्राम चला और फिर मा थोडा सुस्ता कर निकल गयी नाना के पास ।

इधर रात भर मा नाना के साथ ही मस्तियाँ करती रही और मै भी आज रात खुल कर कोमल से बात की बहुत दिन बाद ।
उसे मेरी तडप बहुत स्ताती है तो वो खुद पर नियंत्रण नही कर पाती है । उसने बताया कि कैसे कल रात वो मुझे याद करते हुए मनोज के हाथो पकड़ी गयी । इसिलिए वो इतना गुस्सा भरा मैसेज की थी । रात के घटना के बाद से आज दो बार मनोज ने उससे सेक्स के टॉपिक पर बाते की। हमारी बाते चल रही होती है कि कोमल बाद मे बात करने का कह के काट देती है ,,, शायद मनोज आया था ।

मै मुस्कुराया और थोडा सरोजा से खोज खबर लिया और सो गया ।

इधर अगली सुबह ही नाश्ते के बाद नाना गीता बबिता के साथ अपने गाव की ओर रवाना हो गये ये बोल कर सगाई के दिन सारे परिवार के साथ वो लोग आयेंगे ।

और आज का दिन बीत गया ।
आज शाम को पापा घर आ गये तो सगाई की तैयारियो के लिए काफी काम बचा था ।

समय बिता और सगाई के 3 दिन पहले
पापा ने चाचा को बोल कर निशा, चाची और राहुल को घर बुला लिया ताकि सारे काम समय से हो सके ।

उस दिन बडे सवेरे से ही समान की सारी लिस्ट बनाई गयी और मैने चंदू को फोन कर बुलाया ,,,फिर हम सब खरीददारि कर सारा समान ,बरतन , सगुन का समान उस दिन सब चंदू के चौराहे वाले घर पर ही रखवाया गया ।
उस दिन पुरा समय मेरा और चंदू का भागा दौडी मे निकल गया और घर मे भी सारी महिला मंडली अपने कार्य मे लगी थी ।
अगले दिन मै और चंदू एक रिक्शा कर बडे शहर गये और शगुन के फल और भोजन के लिए सब्जियां लाद कर शाम तक आये । तब तक पापा ने मीठाइयो और कपड़ो का काम देख लिया था । वो दिन भी थकान और भागा दौडी मे निकल गया ।

सगाई को एक दिन बाकी था अब और बडे सुबह से ही मै चंदू के साथ मिल कर ठेले और टेम्पो के माध्यम से सारे समान को शिवमंदिर के धर्मशाले मे जहा हमे कमरा मिला था ,,वहा रखना शुरु कर दिया । शाम तक टेन्ट और हल्वाई भी अपने अपने कामो मे जूट गये । वहा की देख रेख के लिए मैने अनुज और राहुल को लगा दिया । फिर इधर चौराहे वाले घर पर देर शाम तक धीरे धीरे मेहमान भी आने लगे थे । रज्जो मौसी , शिला बुआ ,शकुन्तला ताई , रजनी दीदी काफी सारी महिला मंडली एकत्र थी ।

देर रात मे सारे काम निपटा कर मै और चंदू चौराहे पर वापस गये तो देखा पुरा हाल महिलाओ की शोर शराबे से भरा हुआ था ।
उपर से भी कुछ चहल पहल की आवाजे आ रही थी ।
इधर मै बारी बारी से सबसे मिला और तभी किचन से रज्जो मौसी आई

मैने उनके पैर छुए और उनहौने मुझे गले लगा लिया, ,आह्ह्ह सारी थकान दूर हो गयी उन्के गद्देदार चुचो का अह्सास पाते ही ।

यहा थोडा बहुत गपशप जारी रही और फिर थोडी देर मे पापा चाचा भी आये ,,,सबसे मिलने के बाद वो मुझे लेके बाहर आ गये ।
फिर मै चाचा और पापा ने कल के सगाई की तैयारियो और बाकी के कामो पर चर्चा की ।

देर रात मे खाना पीना हुआ
फिर रजनी दीदी और चंदू , शकुन्तला ताई , और चाचा अपने अपने घर चले गये ।
अनुज और राहुल मन्दिर पर ही थे ,,,उनका खाना चाचा लेके गये थे ।

इधर निशा और सोनल अपना काम खतम कर अपने कमरे मे चले गये ।
चाची और शिला बुआ गेस्ट रूम मे चली गयी ।
मा और पापा अपने कमरे मे और मै रज्जो मौसी के साथ अपने कमरे मे आ गया ।

जारी रहेगी
बहुत बढ़िया अपडेट… देरी की शिकायत दूर हो गई भाई
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Bahut bahut dhanywaad bhai Keep supporting and enjoy
 

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Awesome update tha lekin bhai aapne to papa ka character...value nahi de rahe ho....(..Buddha NANA NAHI......).. WAITING MORE
Thoda vyst rah raha hu bhai ....
Agale update sikaayat nhi hogi

Aise hi sath bnaaye rahe
Apki pratikriya k liye dhanywaad bhai
 
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