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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 90



मै खुशी से रास्ते भर आने वाले मौके को लेके काफी उत्तेजित होने लगा था और पुरे रास्ते भर मेरा लण्ड तना हुआ था । मै एक बाइक से लिफ्ट मागी और 2 मिंट मे चौराहे वाले घर पहुच गया और मेन गेट खोल कर अन्दर गया
जहा सोनल हाल मे सोफे पर बैठे मोबाईल चला रही थी । वो नहा चुकी थी और उसके बाल खुले थोडे गीले थे हालकी उसने अभी तक उनको सवारा नही था जिससे वो और भी खुबसूरत लग रही थी । उसने एक हल्के गुलाबी रंग का टीशर्ट और लोवर पहन रखा था । वही टीशर्ट पर गौर करने पर मुझे लगा की शायद उसने कुछ पहना नही है ।
मै झट से उसके पास बैठ कर एक बार उसके बदन से आती भीनी सी खुस्बु ली और एक गजब की कामोत्तेजना भरी मुस्कान मेरे चेहरे पर आई वही पैंट मे लण्ड भी अंगड़ाई लेने लगा ।

मै झट से उसके कन्धे पर हाथ रख कर उसके गालो को चूम्ते हुए उसके मोबाईल मे देखते हुए - कया कर रही हो जानू

सोनल कुछ बोलती उससे पहले ही मेरे नजर मोबाईल मे हो रही चैट पर गयी , सोनल इस वक़्त अमन से ही बात कर रही थी और मै उनकी रोमांटिक चैट पढने लगा ।
सोनल जहा मुझे खुल कर प्यार देती है वही अमन को एक एक चुम्मी के एमोजी तक के लिए तरसा कर परेशान करती है ।
मै - अरे क्या इतना परेशान कर रही हो बेचारे को , कुछ माग रहा है दे दो

सोनल हस कर - तू नही जानता भाई ,, पतियो को इतना तरसा कर रखो कि जब वो मिले तो बेसब्रे होकर ही प्यार करे हिहिहिही

मै सोनल के कान के पास जीभ घुमाते हुए - तो मुझे भी तरसाओगी क्या जानू

बदले मे सोनल मेरे होठ को एक बार चुसते हुए मेरे आंखो मे देखते हुए बोली - नही रे , तेरे लिए मै खुद बेसबरी हू मेरे भाई
और वापस से हम दोनो डीप किसिंग मे खो गये ।
करीब 10 मिंट कर एक दुसरे को चुस्ते रहने के बाद ,, अचानक से अमन का वीडियो कॉल आने ल्गता है तो हम दोनो अलग होते है और सोनल वीडियो कॉल उठा लेती है ।
जहा अमन इस वक़्त सिर्फ तौलिया लपेटे अपने कपडे पहनने जा रहा होता है और तरह तरह से कोसिस कर सोनल को अपने लण्ड के उभार की ओर रिझा रहा होता है । मै सोनल से थोडा दुर होकर मोबाईल पर अमन की हरकते देख रहा होता हू और वही सोनल को देखता हू की वो भी उसे परेशान करने के लिए शर्माने का नाटक और झूठ मूठ नोक झोक करती है ।

फिर जैसे ही अमन वापस मोबाईल रख देता है
मै - ओह्हो मतलब बात कपडे निकालने तक आ गयी है हा

सोनल हस कर - हा वो कुछ ज्यादा ही उतावला है और कोसिस करता है कि मै भी खुल जाऊ उसके साथ लेकिन मै मजे लेती हू

मै सोनल से चिपक कर टीशर्ट के उपर से उसके 34B के चुचो को मिजते हुए - अरे इनके दर्शन करवाये की नही

सोनल कसमसा कर - आह्ह नही भाई , ब्स एक दो बार ब्रा की स्ट्रिप दिखा दी हू और नही ।
मै सोनल के गोरे मुलायम और खुस्बु से भरे गरदन को चूमते हुए उसकी एक चुची को हाथ मे भर कर मिजने लगता हू तो वो भी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए अपनी दुसरी चुची को उत्तेजना मे दबाने लगती है ।
एक तो कल ही उसका महीना खतम हुआ था और आज मैने उसके जिस्मो को नोच्ना शुरु कर दिया ।
जल्द ही हमारे होठ मिले और फिर से एक दूसरे के बदन को घिसना शुरु कर दिया हमने ।
वही वो प्यासी झट से अपना हाथ मेरे पैंट के उपर से उभरे हुए लण्ड को दबाने लगी और मै भी उसकी एक नरियल जैसी चुचि को भीचने लगा ।
मै बेसबरा होने ल्गा था और मैने सोनल को सोफे पर लिटा कर उसके उपर आ गया और झट से टीशर्ट उपर कर उसके दो मोटे नारियल जैसे लेकिन गोरे मुलायम चुचो को देख कर पागल हो गया । मानो कितने समय से मै इनके लिये तरस रहा था और मै उन हल्के भूरे वाले दानेदार निप्प्ल के बटन की मुह मे भर लिय और खुब जोर से चूस्ने ल्गा ।
वही सोनल - अह्ह्ह माआआ आराम से भाआईईईई ओह्ह्ह मा उफ्फ़

मै दुसरे हाथ से एक चुची को मिजते हुए एक को मुह मे भरे चुस रहा था और ज्यदा से ज्यादा मुह मे भर रहा था वही सोनल भी उत्तेजना मे मेरे सर को अपनी चुची पर दबा रही थी । फिर मैने साइड बदल कर दुसरी को मुह मे भर लिया

हम दोनो बड़ी उत्तेजना से एक दुसरे को दबा नोच रहे थे

मै - आह्ह दिदी कितनी मस्त चुचिया है ,,एक बार दिखा दो ना उसे भी ,, पागल हो जायेगा

सोनल - दिखा दूँगी मेरे राजा अह्ह्ह और चुस उम्म्म्ं बहुत दिन से नही मिज्वाया था अह्ह्ह निकाल दे आज सारी कसर

मै सोनल को छेड़ते हुए - दिदी क्या आप अमन का लण्ड देखी हो
सोनल कसमसा कर - हा भाई वो कहा मानने वला है वो तो जिद करके दिखा देता है जबरजसती

मै सोनल की चुचियॉ को मिजते हुए - फिर आपका मन नही होता की दिखा दू उसे भी अपना माल

सोनल - करता है भाई और उसका लण्ड सोच कर तो कई बार मैने ऊँगली भी किया है अह्ह्ह भाई

मै ऊँगली करने की बात से थोडा मुस्कुर कर खसक कर निचे हुआ और सोनल की जांघ को फैलाते हुए उसके चुत के उपर हाथ घुमाते हुए - इसमे ऊँगली करती हो क्या दीदी

सोनल मेरे हाथ का स्पर्श अपने चुत पर पाते ही सिहर गयी और कापने लगी - अह्ह्ह अह हा हा भाई उम्म्ंम बहुत मोटा लण्ड है उस्का अह्ह्ह

मै उसके चुत को सहलाते हुए लोवर के उपर से ही - मेरे से भी मोटा है क्या

सोनल ना मे सर हिलाते हुए - ना ह नह अह्ह्ह भैया मै आउन्गी आह्ह मेरा निकलेगा और रगडो उसको आह्ह मा तेज्ज्ज्ज रगडो ना उम्म्म्म्म्मीई अह्ह्ह मुम्म्यीईईई उम्म्ंम अह्ह्ह हा ऐसे ही ऐसे ही

मै सोनल की बेताबी समझ गया और मै झट से उठ कर उस्का लोवर पैंटी के साथ ही एक झटके मे निकाल दिया और जांघो को कन्धे पर चढा कर झुक कर अपना मुह उसके चुत पर ल्गा दिया ।

मेरे तपते होठो का स्पर्श अपनी गर्म चुत के मुलायम सिराहने पर पाते ही सोनल अकड गयी और मैने उसकी जांघो को थाम कर अपनी जीभ को उसकी चुत मे उतार दिया और वो पागल होकर अपनी गाड को झटकने लगी और मेरे मुह मे उसके गर्म पानी का लावा बहने लगा मैने हर झटके पर उसके चुत पर अपने होठो से मजबूत पकड बनाता और एक एक बूंद को चुस्ते हुए सारा माल मुह मे निगल लिया और बचा खुचा चाट कर साफ किया

तब तक सोनल सोफे पर हाफ्ते हुए शांत थी लेकिन तेज सांसे उसकी चुचियॉ को और फुला रही थी ।

मै भी एक गहरी सास लेके थोडी देर खुद की बराबर किया और फिर एक एक करके सोनल के सामने ही अपने सारे कपडे निकाल दिये
और मेरा लण्ड सोनल की कसी गोरी छाती को देख कर बौराया खड़ा और सख्त हुए जा रहा था ,,, वही सोनल की नजर मेरे टमाटर से लाल सुपड़े पर गयी और उसकी मोटाई देख कर वो सहम गयी
मै उसको इशारा किया और वो धीरे से सोफे पर मेरे सामने बैठ गयी । मेरा लण्ड खड़ा तनमनाया सोनल की नाक को छुता हुआ उसके सामने ही हुकार ले रहा था । सामने आते ही एक बार फिर झुक कर उसकी नारियल सी मोटी और सख्त चुची को मसला और वो सिहर कर एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड ली ।

लण्ड की तपन ने सोनल के जिस्म मे सरसारी दौड़ गयी और वो गनगनाई , एक गहरी सास और फिर ग्प्प्प्क से सुपाडा मुह मे ।

एक ठन्दक सी लगी मुझे लण्ड की उपरी सतह पर और फिर उसके मुलायम होठ रिंग बनाते हुए पिस्टन के जैसे चलने लगे ।
जहा तक उसके होठ मेरे लण्ड की सतह को घिसते वहा एक मुलायम बर्फ की ठन्डक सी मह्सूस होती ।

हालकी सोनल को उतना अच्छे से लण्ड चुसने नही आता था जितना मा और रज्जो मौसी को आता था ।
लेकिन सेक्स की कहानिया पढ कर और पोर्न वीडियो देख कर काफी कुछ सिख गयी थी वो

जैसे भी कर रही थी एक नया अह्सास होता था और उसका लण्ड को गले मे उतार कर काफी समय तक रोके रखने की कला का तो मै दीवाना था ।
उसके मुह मे वो लटकती घंटी जब सुपाडे को दबाती तो मानो लगता चुत मे बच्चेदानी को छू रहा हो मेरा लण्ड

जल्द ही उसे मैने थामा और खड़ा कर उसके होठ चूसने शुरु किया और उसे अपने बेडरूम मे ले आया
थोडी देर हमारी चूमा चाटी चली कुछ मैने उसको मसला कुछ उसने मुझे नोचा काटा नाखून गाड़े ।
मैने भी जोश मे खड़े खडे उसके जांघो के बीच लण्ड को घुसेड़ कर दो चार बार चुत के निचले हिस्सो पर हच्क कर रगड़ और उसके गाड के पाटो को सहलाते हुए मिजा ।

वो सिम्टी, मेरे बाहो मे चिपकी हुई सिस्कने लगी और मैने अपने होठ उसके होठो से जोड दिये एक गहरे चुंबन के बाद मैने वापस से उसे बिस्तर पर बिठा और उसके सामने खड़ा हुआ

मै उसकी आंखो मे एक नशा सा देखा और वो मुस्कराई
फिर शर्मा कर मेरे नंगे पेट पर चेहरा छिपा लिया । मै भी मुस्कुरा कर उसके सर मे हाथ फेरा कि तभी मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ा और एक गिलापन सा मह्सुस हुआ और नजर गयी तो देखा सोनल मेरे लण्ड को उपर कर पेट से चिपके हुए ही सुपाडे को मुह मे भर ली और निचे मेरे आड़ो को सहलाते हुए चूसने लगी ।

मै वापस से मदहोश होने ल्गा और उसका चेहरा पिछे कर उसे लिटा दिया
सोनल बिस्तर पर अपनी दोनो जांघो को खोल कर चित लेट गयी , वो हाफ रही थी और एक मुस्कान सी थी उसके चेहरे पर ।
मै उसकी आंखो मे नजरे जमाए उस्के मन के भावो को पढता हुआ वापस से उसकी घाटियो मे गया और जुबान से चुत के उपरी हिस्सों की साफ सफाई मे लग गया ।
थोडी ही देर मे उसकी सिसकिया आने लगी और उसकी चुत ने रोना सुरु कर दिया ।

वही शुरुवाती आसू जो चिपचिपे कम लेकिन महकते ज्यादा थे
मै भी बडे दुलार मे उसके आसुओ को चाट गया और वापस से खड़ा हो कर अपना सुपाडे को खोल से बाहर निकाला और तपता ही उसे सोनल के चुत के बटन पर धंसा दिया

वो हिचकी , अकडी लेकिन छाती वो तो और भी फुलने लगी ।
मैने उसके एक पैर को उठाया उसे अपने चेहरे के पास लाया उसकी पिंडलियों को सहलाते हुए हल्का सा लण्ड सोनल के चुत की होठो पर दरा
फिर से सिसकी और इस बार थोडा सा गरदन उठा कर निचे भी देखा और वापस से चित लेट गयी

मै झुका और उसने अपनी आंखे भीचते हुए जांघो को फैलाया और मैने भी सुपाडा को उसके चुत के फलको को खोल कर छेद पर लगाते हुए एक पैर को थामा और कचकचा कर एक जोर का झटका दिया , सुपाडा अन्दर

सोनल - अह्ह्ह्ह मुम्मीईईईई
मै झुका और गाल को सह्लाया उसके होठो को चूमा और उसके आंखो से बहते आसू पर ही चूम के उससे इजाजत मागी और वो अपने होठ भिचते हुए थूक गटक कर बहते आसु से भरे चेहरे को हा मे हिला कर आगे बढ़ने को कहा

मै उसे एक फ्लाईन्ग किस्स दिया और उसने भी खुद को तैयार किया

फिर मै कुछ MM पीछे होकर लण्ड को जोर से अंदर घुसेडा आधे से ज्यादा सोनल के चुत मे चिरते हुए धस गया और कुछ लाल सी बुन्दे पच्च्च की आवाज से बाहर आई और
वही सोनल मुझे अपने सिने से ल्गा चुकी थी
ना मै हिल पा रहा था ना ही सोनल मुझे हिलने दे रही थी

मेरे होठ उसके होठ मे दबे थे वो अपने कुल्हे कड़े कर दी और जांघो को सिधा कर दर्द को कम करना चाह रही थी
मै उसे थपथपा कर थोडा उपर उठा तो उसके सीने से मेरा वजन कम हुआ और वो एक गहरी सास से हाफने लगी ।
चेहरे पर कोई भाव नही थे लेकिन आखो से झरना बह रहा था । वो जबरजसती अपने चेहरे पर मुस्कान ला रही थी लेकिन उसकी चुत मे अड़सा हुआ मेरा लण्ड शायद इसकी इजाजत नही दे रहा था
तो मैने उस्के गाल चुमे और वापस से उसे सीने से लगा कर - आई लव यू दीदी

वो फफक पड़ी और - लव यू सो मच भाई बहुत दर्द हो रहा है

मै थोड़ा छेडने के मुड़ मे थोडा सा उपर होकर ह्स्ते हुए - तो निकाल दू

वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए ना मे इशारा की
मै उसकी नाचती आन्खो मे देखते हुए - तो फिर चालू करू इंजन
वो कुछ प्रतिकिया करती उससे पहले ही लण्ड को पीछे खिच कचकचा कर एक और जोर का झटका और करीब 3/4 से उपर लण्ड उसकी चुत मे घुस गया और हल्के हल्के मालिश वाले धक्के के जैसे अन्दर बाहर शुरु हुआ

धिरे धीरे उसका दर्द कम हुआ लेकिन इतना भी नही कि एकदम तुफान मेल पेलवा ही ले

लेकिन उसकी सिसकी बढी और हल्की सी आहट आई - सीईई उन्म्म्ंंं आह्ह थोडा तेज्ज्ज

मै सुना और झट से उसकी आंखो मे देखा वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए मुह फेर ली और उसको अप्नी तरफ मुह कराने के लिए मैने धक्के की गति बढ़ा दी वो उसकी उम्मीद से कुछ ज्यादा ही जोर मे
वो ह्च्कने लगी और उसकी आवाज सिस्किया सब रुक रुक कर आने लगी एक मुस्कान थी जो उसकी सहमती का इशारा कर रही थी जल्द ही उसने अपने हाथ मेरे कमर हिल्ती कमर मे फेरा और थोडा दबाने को इशार किया और मैने धीरे धीरे उसकी चुत मे और निचे जाने ल्गा और जल्द ही पुरा लण्ड उसकी चुत मे उतार दिया

अब लम्बे लम्बे धक्के लग रहे थे और जब भी लंड उस्के चुत की गहराई मे जाती वो गहरी सासे लेती और बाहर निकालते समय सास को छोड देती ।

फिर मैने खुद को थोडा खड़ा किया और दोनो पैर वापस कंधो पर , उसको इशारे से तकिया अपने निचे रखने को कहा



वो लगाई और मैने वापस लण्ड को उतार दिया उसकी जड़ मे इस बार हर बार से गहरा गया और बच्चेदानी का सिरा मेरे सुपाड़े को छुआ
सोनल मे अपने पेड़ू मे हाथ लगा कर ह्स्ते हुए इशारे मे बताने लगी की कहा तक उसे लण्ड मह्सूस हो रहा है

मानो ऐसा कर उसने मेरा जोश बढ़ा दिया हो और मैने धक्के तेज कर दिये वही सोनल झड़ने के करीब थी और उसने अपने चुत के अन्दर का छ्ल्ल्ला मेरे लण्ड पर कसना शुरु कर दिया ।

मै भी ज्यादा देर तक खुद को रोक न सका और मै झडने को बाहर निकालने की कोसिस की तो सोनल आंख दिखाते मुझे रोकि

मै - मेरा होने वाला है दीदी
सोनल मुस्कुरा कर तकिये के निचे रखी पिल की गोली मुझे दिखाई और बड़ी अदा से मेरे लण्ड की निचोडते हुए कमर को हचकाया

मै भी खुश हुआ और उसके चेहरे के बराबर मे आकर धक्के को बढ़ा दिया और चुत मे जड मे जाकर लण्ड को रोक दिया एक दो सेकंड रुका था की मेरे लण्ड का लावा फुटा और गरम पानी सोनल की चुत मे भरने लगा ।
वो वापस से गनगना गयी और मुझसे लिपट गयी । मै भी उससे चिपके अपनी कमर झटकते हुए आखिरी बूद तक झड़ता रहा
फिर थोडी देर मै उठा और वो हिली तो जांघो मे टीस सी हुई । अभी तक मेरा लण्ड चुत मे घुसा हुआ था और मेरा वीर्य उसके रस और खुन की बुन्दो से मिल कर हल्का गुलाबी सा हो गया था । जो मेरे लण्ड के जड के कुछ हिस्सो मे च्ख्टा था ।

मै धीरे धीरे उसके जांघो की मालिश की और हौले से अपना लण्ड बाहर निकाला । एक दम क्रीमी हल्की गुलाबी रंग लिये टपकती बुन्दे ,, सोनल ने एक कप्डे से मेरा लण्ड को लपेटा और मै उसको थामे खड़ा हुआ और साफ किया ।

फिर वापस वो कपडा सोनल को दिया वो भी उस कपडे को अपने वीर्य से भरे चुत के मुहाने पर लगा कर बैठी और मैने उस्का हाथ थाम का उसे खड़ा किया ।

उस्के पाव काप रहे थे शायद झुनझुनी थी या वो टीस ही हो
अभी उसके कुल्हे कड़े जान पर रहे थे मैने उसकी कमर को सहलया और उसके होठ चूमे फिर मै उसे बाथरूम लेके गया ।
हम दोनो ने खुद को साफ किया और फिर कपडे पहनने के लिये बाहर हाल मे आये ।

मैने हम दोनो के लिए खाना लगाया एक ही थाली मे फिर मैने उसे खुद से ही खिलाया ।
वो खुश थी उसके चेहरे पर एक चमक थी और खाने के बाद मैने उसके पानी दिया ।

फिर जब मेरे वापस दुकान जाने का समय हुआ तो उसने मुझे हग किया और देर तक चिपकी रही । हम दोनो पिघल रहे थे लेकिन उसकी आंखे भरी थी । मैने प्यार से उसकी आसू साफ कर उसके चेहरे का हर भाग चूमा वो वापस से मुस्करा कर मेरे सिने से लग गयी ।

सोनल - थैंक यू भाई लव यू सो मच
मै ह्स कर बोला - लव यू टू दीदी

मै - मै जाऊ फिर
दीदी उदास मन से - हा ठीक है
मै उस्के गाल चूम कर - शाम को आऊंगा ना मै
वो खुश हुई - हम्म्म ठीक है जाओ अब ,,,
तब तक सोफे पर पड़ी उसकी मोबाइल रिंग हुई अमन का ही फोन था

मै हसी मे उसे छेड़ने के अन्दाज मे - अच्छा तो जनाब के पति का फोन आ रहा है तो भेज रही हो मुझे

वो हस कर - धत्त , ठीक है मत जाओ
मै ह्स कर उसको अपना मोबाईल दिखाते हुए - जा रहा हू , देखो मा का दो बार फोन आ गया है ,,, वो दवा खा लेना और आराम करना और ज्यादा दर्द हो तो मालिश कर लेना

सोनल मुझे धकलेते हुए मेन गेट तक ले आई और बोली- तू जाओ और मेरी चिन्ता ना करो मै कर लूंगी सब हिहीही

मै जाने से पहले से एक बार उसके होठ को चूसा और निकल गया दुकान के लिए
दुकान पर गया तो मा ने थोडी पुछ ताछ की तो नहाने का बहाना मार दिया और फिर मा के साथ आने वाले महिने मे सोनल की शादी को लेके थोडा बात चित हुई और तय किया गया कि अनुज के आने के बाद ही पांडित जी को बुला कर एक मुहूर्त पर सोनल और अमन की सगाई हो जाये । उसी हिसाब से मेहमान भी आयेंगे फिर सब कुछ मैनेज किया जायेगा
शाम को 5 बजे तक मा घर के लिए निकल गयी और मै भी थोडा दुकान मे व्यस्त रहा
फिर समय से निकल गया घर के लिए जहा पापा आ गये थे नहाने गये थे ।

मैने मा किचन मे अकेले काम करते हुए देखा तो उससे दिदी के बारे मे पुछा

मा परेशान होकर - बेटा उसका बदन दर्द हो रहा था वो अपने कमरे मे आराम कर रही है

मै कुछ सोचा और बोला - दवा ली की नही उन्होने
मा मुस्कुरा कर - हा बेटा वो दवा ली है अभी आराम करने दे जा तू भी कपडे बदल ले और फ्रेश हो जा

फिर मै मा को एक किस्स कर अपने रूम मे गया जहा दीदी ने मेरी बेडसित चेंज की थी
फिर मै फ्रेश हुआ और बाहर आया तो देखा किचन खाली था और मा का कमरा बंद था । मै मुस्कुराया और उपर दीदी के कमरे मे गया ।

जहा दीदी सोयी हुई थी मै बडे आराम से अन्दर गया और दीदी के सिरहाने पहुच कर बैठ गया और फिर उसके मुस्कराते गालो को चूम लिया
वो थोडी कसमसाई और थोड़ी बूदबुदाइ फिर मेरे हाथ को थाम कर करवट लेली ।

मै मुस्करा कर उसके बालो को उस्के कान मे खोसा और हल्का हल्का मालिश किया सर पर और दोपहर मे हुए मस्ती को आने वाले समय से जोड कर वही बिस्तर की पाट से टेक लगा कर बैठे हुए ही सोचने लगा । एक अगल ही जुडाव सा था आज सोनल के साथ मेरा , एक अलग ही खिचाव , एक नये रिश्ते के जैसा जहा से मै बाहर नही आना चाहता था ।
मेरे हाथ दीदी के सर को थपकी दे रहे थे और धीरे धीरे 20 मिंट का समय बित गया यहा तक की मा और पापा दोनो छ्त पर हमारे कमरे मे आ गये फिर मै सोनल के सर को थप्की देता हूआ बन्द आन्खो से अपने सपने बुन रहा था एक मोह लेने वाली मुस्कान थी मेरे चेहरे पर

तभी मेरे बालो मेरे किसी का हाथ फिरा और मैने आंखे खोली तो देखा मा मेरे बगल मे खड़ी थी और मुझे बडे प्यार से देख रही थी उसके चेहरे के भाव मे ममता थी और एक खुशि भी जो उसकी छ्लकी हुई आखे बया कर रही थी ।

मै ह्स कर - अरे मम्मी पापा आप लोग
मा मेरे सर को चूम कर - तू यहा है , मै कबसे खोज रही हू , तेरे पापा ने फोन भी लगाया फिर ये हुआ की उपर देख लू
मै मा की बातो जवाब देता तब तक सोनल की निद खुल जाती है और वो आंखे उठाती है उसका चेहरा मेरी गोद मे था और सामने मम्मी पापा खडे थे ।

वो थोडा उत्सुकता से उलझन भरे भाव मे बोली - आप लोग यहा और तू ऐसे क्यू
बैठा है भाई

उसकी बाते सुन कर सब हसने लगे और मा भी मेरे सामने और दिदी के बगल मे बैठ कर उसके चेहरे को दुलारते हुए बोली - कैसी है तबियत बेटा

सोनल एक नजर मुझे मुस्कुराता हुए देखी और मेरी जांघ को चन्गोट कर बोली - अभी थोडा आराम है मा

पापा - तो चलो बेटा खाना खाने चलते है , हम तो तुम दोनो को बुलाने आये थे

सोनल अचरज के भाव मे - दोनो को
फिर सोनल मुझे देखते हुए उठ कर बैठ जाती है

मा ह्स कर - वो क्या है ना बेटा, राज दुकान से आया तो तुम्हारे बारे मे पुछा तो मैने बोला की तेरी तबियत नही ठीक है तू आराम कर रही है तो ये पागल फ्रेश होकर तेरे पास चला आया और तबसे तेरे पास ही बैठा था और निचे हम लोग खोजते हुए यहा आये तो देखा कि ये तुझे आपनी गोद मे सुलाये हुए खुद सो गया था ।


सोनल एक मुस्कान के साथ मेरे तरफ देख्ती है और मै हस देता हू
पापा - चलो इसी बहाने पता तो चला ह्मारे साथ ह्मारे बेटा भी है जो हमारी बच्ची को बहुत प्यार करता है ।

फिर ऐसे ही कुछ भावनात्म्क बाते चली और रात में खाने के बाद मैने खुद से फ़रमयिश की मै दीदी के साथ सोने वाला हू तो पापा थोडा इशारे से हिचके लेकिन मा ने उन्हे रोका और मुझे इजाजत देदी ।

फिर हम दोनो छ्त पर दिदी के कमरे मे चले गये और मा पापा अपने कमरे मे


जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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बहुत खूब दोस्त कहानी आगे बढ़ रही है देखते हैं की घर जाकर मौका मिलता है या कुछ और इंतज़ार रहेगा।

Bahot behtareen
Shaandaar update bhai

Superb update tha dost..ab maza aayega jab sonol ko papa aur sasur, bhai milkar ek sath aage pichhe se...

07-300


Fantastic update waiting for next

Mast update bhai

Waiting for next update

yeh dukaan mein kya bechte hain yeh log :hmm2: waise dekha jaaye toh achi khasi aamdani ho rahii hain us dukan se....
Aur yeh chacha chachi raj ke ghar Kyun nahin rehte.... ye alag se rehne ka kya matlab hain?
yeh Kya.... yeh tharki budha to sakuntala pe dode daalne laga:D
budha chalu hain :roflol:
Udhar wo saroja... budhi godhi laal lagam ..uske bhii Kya hi kehne..

Khair.... shaandaar update, Shaandaar lekhni, shabdon ka chayan Aur sath hi Dilkash kirdaao ki bhumika bhii...

Let's see what happens next...
Brilliant update with awsome writing skills :applause: :applause:

Rasprad aur Romanchak. Pratiksha agle update ki

Jabardast update

Nice update bhai

Awesome update

Nice update...



बहुत ही मनोरंजक अपडेट

Accha hai

Aap sabhi ki pratikriya ke liye dhanywaad dosto
Updated posted
Pdh kar apna review de

Intejaar rahega
 

Sachin24

New Member
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311
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UPDATE 90



मै खुशी से रास्ते भर आने वाले मौके को लेके काफी उत्तेजित होने लगा था और पुरे रास्ते भर मेरा लण्ड तना हुआ था । मै एक बाइक से लिफ्ट मागी और 2 मिंट मे चौराहे वाले घर पहुच गया और मेन गेट खोल कर अन्दर गया
जहा सोनल हाल मे सोफे पर बैठे मोबाईल चला रही थी । वो नहा चुकी थी और उसके बाल खुले थोडे गीले थे हालकी उसने अभी तक उनको सवारा नही था जिससे वो और भी खुबसूरत लग रही थी । उसने एक हल्के गुलाबी रंग का टीशर्ट और लोवर पहन रखा था । वही टीशर्ट पर गौर करने पर मुझे लगा की शायद उसने कुछ पहना नही है ।
मै झट से उसके पास बैठ कर एक बार उसके बदन से आती भीनी सी खुस्बु ली और एक गजब की कामोत्तेजना भरी मुस्कान मेरे चेहरे पर आई वही पैंट मे लण्ड भी अंगड़ाई लेने लगा ।

मै झट से उसके कन्धे पर हाथ रख कर उसके गालो को चूम्ते हुए उसके मोबाईल मे देखते हुए - कया कर रही हो जानू

सोनल कुछ बोलती उससे पहले ही मेरे नजर मोबाईल मे हो रही चैट पर गयी , सोनल इस वक़्त अमन से ही बात कर रही थी और मै उनकी रोमांटिक चैट पढने लगा ।
सोनल जहा मुझे खुल कर प्यार देती है वही अमन को एक एक चुम्मी के एमोजी तक के लिए तरसा कर परेशान करती है ।
मै - अरे क्या इतना परेशान कर रही हो बेचारे को , कुछ माग रहा है दे दो

सोनल हस कर - तू नही जानता भाई ,, पतियो को इतना तरसा कर रखो कि जब वो मिले तो बेसब्रे होकर ही प्यार करे हिहिहिही

मै सोनल के कान के पास जीभ घुमाते हुए - तो मुझे भी तरसाओगी क्या जानू

बदले मे सोनल मेरे होठ को एक बार चुसते हुए मेरे आंखो मे देखते हुए बोली - नही रे , तेरे लिए मै खुद बेसबरी हू मेरे भाई
और वापस से हम दोनो डीप किसिंग मे खो गये ।
करीब 10 मिंट कर एक दुसरे को चुस्ते रहने के बाद ,, अचानक से अमन का वीडियो कॉल आने ल्गता है तो हम दोनो अलग होते है और सोनल वीडियो कॉल उठा लेती है ।
जहा अमन इस वक़्त सिर्फ तौलिया लपेटे अपने कपडे पहनने जा रहा होता है और तरह तरह से कोसिस कर सोनल को अपने लण्ड के उभार की ओर रिझा रहा होता है । मै सोनल से थोडा दुर होकर मोबाईल पर अमन की हरकते देख रहा होता हू और वही सोनल को देखता हू की वो भी उसे परेशान करने के लिए शर्माने का नाटक और झूठ मूठ नोक झोक करती है ।

फिर जैसे ही अमन वापस मोबाईल रख देता है
मै - ओह्हो मतलब बात कपडे निकालने तक आ गयी है हा

सोनल हस कर - हा वो कुछ ज्यादा ही उतावला है और कोसिस करता है कि मै भी खुल जाऊ उसके साथ लेकिन मै मजे लेती हू

मै सोनल से चिपक कर टीशर्ट के उपर से उसके 34B के चुचो को मिजते हुए - अरे इनके दर्शन करवाये की नही

सोनल कसमसा कर - आह्ह नही भाई , ब्स एक दो बार ब्रा की स्ट्रिप दिखा दी हू और नही ।
मै सोनल के गोरे मुलायम और खुस्बु से भरे गरदन को चूमते हुए उसकी एक चुची को हाथ मे भर कर मिजने लगता हू तो वो भी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए अपनी दुसरी चुची को उत्तेजना मे दबाने लगती है ।
एक तो कल ही उसका महीना खतम हुआ था और आज मैने उसके जिस्मो को नोच्ना शुरु कर दिया ।
जल्द ही हमारे होठ मिले और फिर से एक दूसरे के बदन को घिसना शुरु कर दिया हमने ।
वही वो प्यासी झट से अपना हाथ मेरे पैंट के उपर से उभरे हुए लण्ड को दबाने लगी और मै भी उसकी एक नरियल जैसी चुचि को भीचने लगा ।
मै बेसबरा होने ल्गा था और मैने सोनल को सोफे पर लिटा कर उसके उपर आ गया और झट से टीशर्ट उपर कर उसके दो मोटे नारियल जैसे लेकिन गोरे मुलायम चुचो को देख कर पागल हो गया । मानो कितने समय से मै इनके लिये तरस रहा था और मै उन हल्के भूरे वाले दानेदार निप्प्ल के बटन की मुह मे भर लिय और खुब जोर से चूस्ने ल्गा ।
वही सोनल - अह्ह्ह माआआ आराम से भाआईईईई ओह्ह्ह मा उफ्फ़

मै दुसरे हाथ से एक चुची को मिजते हुए एक को मुह मे भरे चुस रहा था और ज्यदा से ज्यादा मुह मे भर रहा था वही सोनल भी उत्तेजना मे मेरे सर को अपनी चुची पर दबा रही थी । फिर मैने साइड बदल कर दुसरी को मुह मे भर लिया

हम दोनो बड़ी उत्तेजना से एक दुसरे को दबा नोच रहे थे

मै - आह्ह दिदी कितनी मस्त चुचिया है ,,एक बार दिखा दो ना उसे भी ,, पागल हो जायेगा

सोनल - दिखा दूँगी मेरे राजा अह्ह्ह और चुस उम्म्म्ं बहुत दिन से नही मिज्वाया था अह्ह्ह निकाल दे आज सारी कसर

मै सोनल को छेड़ते हुए - दिदी क्या आप अमन का लण्ड देखी हो
सोनल कसमसा कर - हा भाई वो कहा मानने वला है वो तो जिद करके दिखा देता है जबरजसती

मै सोनल की चुचियॉ को मिजते हुए - फिर आपका मन नही होता की दिखा दू उसे भी अपना माल

सोनल - करता है भाई और उसका लण्ड सोच कर तो कई बार मैने ऊँगली भी किया है अह्ह्ह भाई

मै ऊँगली करने की बात से थोडा मुस्कुर कर खसक कर निचे हुआ और सोनल की जांघ को फैलाते हुए उसके चुत के उपर हाथ घुमाते हुए - इसमे ऊँगली करती हो क्या दीदी

सोनल मेरे हाथ का स्पर्श अपने चुत पर पाते ही सिहर गयी और कापने लगी - अह्ह्ह अह हा हा भाई उम्म्ंम बहुत मोटा लण्ड है उस्का अह्ह्ह

मै उसके चुत को सहलाते हुए लोवर के उपर से ही - मेरे से भी मोटा है क्या

सोनल ना मे सर हिलाते हुए - ना ह नह अह्ह्ह भैया मै आउन्गी आह्ह मेरा निकलेगा और रगडो उसको आह्ह मा तेज्ज्ज्ज रगडो ना उम्म्म्म्म्मीई अह्ह्ह मुम्म्यीईईई उम्म्ंम अह्ह्ह हा ऐसे ही ऐसे ही

मै सोनल की बेताबी समझ गया और मै झट से उठ कर उस्का लोवर पैंटी के साथ ही एक झटके मे निकाल दिया और जांघो को कन्धे पर चढा कर झुक कर अपना मुह उसके चुत पर ल्गा दिया ।

मेरे तपते होठो का स्पर्श अपनी गर्म चुत के मुलायम सिराहने पर पाते ही सोनल अकड गयी और मैने उसकी जांघो को थाम कर अपनी जीभ को उसकी चुत मे उतार दिया और वो पागल होकर अपनी गाड को झटकने लगी और मेरे मुह मे उसके गर्म पानी का लावा बहने लगा मैने हर झटके पर उसके चुत पर अपने होठो से मजबूत पकड बनाता और एक एक बूंद को चुस्ते हुए सारा माल मुह मे निगल लिया और बचा खुचा चाट कर साफ किया

तब तक सोनल सोफे पर हाफ्ते हुए शांत थी लेकिन तेज सांसे उसकी चुचियॉ को और फुला रही थी ।

मै भी एक गहरी सास लेके थोडी देर खुद की बराबर किया और फिर एक एक करके सोनल के सामने ही अपने सारे कपडे निकाल दिये
और मेरा लण्ड सोनल की कसी गोरी छाती को देख कर बौराया खड़ा और सख्त हुए जा रहा था ,,, वही सोनल की नजर मेरे टमाटर से लाल सुपड़े पर गयी और उसकी मोटाई देख कर वो सहम गयी
मै उसको इशारा किया और वो धीरे से सोफे पर मेरे सामने बैठ गयी । मेरा लण्ड खड़ा तनमनाया सोनल की नाक को छुता हुआ उसके सामने ही हुकार ले रहा था । सामने आते ही एक बार फिर झुक कर उसकी नारियल सी मोटी और सख्त चुची को मसला और वो सिहर कर एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड ली ।

लण्ड की तपन ने सोनल के जिस्म मे सरसारी दौड़ गयी और वो गनगनाई , एक गहरी सास और फिर ग्प्प्प्क से सुपाडा मुह मे ।

एक ठन्दक सी लगी मुझे लण्ड की उपरी सतह पर और फिर उसके मुलायम होठ रिंग बनाते हुए पिस्टन के जैसे चलने लगे ।
जहा तक उसके होठ मेरे लण्ड की सतह को घिसते वहा एक मुलायम बर्फ की ठन्डक सी मह्सूस होती ।

हालकी सोनल को उतना अच्छे से लण्ड चुसने नही आता था जितना मा और रज्जो मौसी को आता था ।
लेकिन सेक्स की कहानिया पढ कर और पोर्न वीडियो देख कर काफी कुछ सिख गयी थी वो

जैसे भी कर रही थी एक नया अह्सास होता था और उसका लण्ड को गले मे उतार कर काफी समय तक रोके रखने की कला का तो मै दीवाना था ।
उसके मुह मे वो लटकती घंटी जब सुपाडे को दबाती तो मानो लगता चुत मे बच्चेदानी को छू रहा हो मेरा लण्ड

जल्द ही उसे मैने थामा और खड़ा कर उसके होठ चूसने शुरु किया और उसे अपने बेडरूम मे ले आया
थोडी देर हमारी चूमा चाटी चली कुछ मैने उसको मसला कुछ उसने मुझे नोचा काटा नाखून गाड़े ।
मैने भी जोश मे खड़े खडे उसके जांघो के बीच लण्ड को घुसेड़ कर दो चार बार चुत के निचले हिस्सो पर हच्क कर रगड़ और उसके गाड के पाटो को सहलाते हुए मिजा ।

वो सिम्टी, मेरे बाहो मे चिपकी हुई सिस्कने लगी और मैने अपने होठ उसके होठो से जोड दिये एक गहरे चुंबन के बाद मैने वापस से उसे बिस्तर पर बिठा और उसके सामने खड़ा हुआ

मै उसकी आंखो मे एक नशा सा देखा और वो मुस्कराई
फिर शर्मा कर मेरे नंगे पेट पर चेहरा छिपा लिया । मै भी मुस्कुरा कर उसके सर मे हाथ फेरा कि तभी मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ा और एक गिलापन सा मह्सुस हुआ और नजर गयी तो देखा सोनल मेरे लण्ड को उपर कर पेट से चिपके हुए ही सुपाडे को मुह मे भर ली और निचे मेरे आड़ो को सहलाते हुए चूसने लगी ।

मै वापस से मदहोश होने ल्गा और उसका चेहरा पिछे कर उसे लिटा दिया
सोनल बिस्तर पर अपनी दोनो जांघो को खोल कर चित लेट गयी , वो हाफ रही थी और एक मुस्कान सी थी उसके चेहरे पर ।
मै उसकी आंखो मे नजरे जमाए उस्के मन के भावो को पढता हुआ वापस से उसकी घाटियो मे गया और जुबान से चुत के उपरी हिस्सों की साफ सफाई मे लग गया ।
थोडी ही देर मे उसकी सिसकिया आने लगी और उसकी चुत ने रोना सुरु कर दिया ।

वही शुरुवाती आसू जो चिपचिपे कम लेकिन महकते ज्यादा थे
मै भी बडे दुलार मे उसके आसुओ को चाट गया और वापस से खड़ा हो कर अपना सुपाडे को खोल से बाहर निकाला और तपता ही उसे सोनल के चुत के बटन पर धंसा दिया

वो हिचकी , अकडी लेकिन छाती वो तो और भी फुलने लगी ।
मैने उसके एक पैर को उठाया उसे अपने चेहरे के पास लाया उसकी पिंडलियों को सहलाते हुए हल्का सा लण्ड सोनल के चुत की होठो पर दरा
फिर से सिसकी और इस बार थोडा सा गरदन उठा कर निचे भी देखा और वापस से चित लेट गयी

मै झुका और उसने अपनी आंखे भीचते हुए जांघो को फैलाया और मैने भी सुपाडा को उसके चुत के फलको को खोल कर छेद पर लगाते हुए एक पैर को थामा और कचकचा कर एक जोर का झटका दिया , सुपाडा अन्दर

सोनल - अह्ह्ह्ह मुम्मीईईईई
मै झुका और गाल को सह्लाया उसके होठो को चूमा और उसके आंखो से बहते आसू पर ही चूम के उससे इजाजत मागी और वो अपने होठ भिचते हुए थूक गटक कर बहते आसु से भरे चेहरे को हा मे हिला कर आगे बढ़ने को कहा

मै उसे एक फ्लाईन्ग किस्स दिया और उसने भी खुद को तैयार किया

फिर मै कुछ MM पीछे होकर लण्ड को जोर से अंदर घुसेडा आधे से ज्यादा सोनल के चुत मे चिरते हुए धस गया और कुछ लाल सी बुन्दे पच्च्च की आवाज से बाहर आई और
वही सोनल मुझे अपने सिने से ल्गा चुकी थी
ना मै हिल पा रहा था ना ही सोनल मुझे हिलने दे रही थी

मेरे होठ उसके होठ मे दबे थे वो अपने कुल्हे कड़े कर दी और जांघो को सिधा कर दर्द को कम करना चाह रही थी
मै उसे थपथपा कर थोडा उपर उठा तो उसके सीने से मेरा वजन कम हुआ और वो एक गहरी सास से हाफने लगी ।
चेहरे पर कोई भाव नही थे लेकिन आखो से झरना बह रहा था । वो जबरजसती अपने चेहरे पर मुस्कान ला रही थी लेकिन उसकी चुत मे अड़सा हुआ मेरा लण्ड शायद इसकी इजाजत नही दे रहा था
तो मैने उस्के गाल चुमे और वापस से उसे सीने से लगा कर - आई लव यू दीदी

वो फफक पड़ी और - लव यू सो मच भाई बहुत दर्द हो रहा है

मै थोड़ा छेडने के मुड़ मे थोडा सा उपर होकर ह्स्ते हुए - तो निकाल दू

वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए ना मे इशारा की
मै उसकी नाचती आन्खो मे देखते हुए - तो फिर चालू करू इंजन
वो कुछ प्रतिकिया करती उससे पहले ही लण्ड को पीछे खिच कचकचा कर एक और जोर का झटका और करीब 3/4 से उपर लण्ड उसकी चुत मे घुस गया और हल्के हल्के मालिश वाले धक्के के जैसे अन्दर बाहर शुरु हुआ

धिरे धीरे उसका दर्द कम हुआ लेकिन इतना भी नही कि एकदम तुफान मेल पेलवा ही ले

लेकिन उसकी सिसकी बढी और हल्की सी आहट आई - सीईई उन्म्म्ंंं आह्ह थोडा तेज्ज्ज

मै सुना और झट से उसकी आंखो मे देखा वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए मुह फेर ली और उसको अप्नी तरफ मुह कराने के लिए मैने धक्के की गति बढ़ा दी वो उसकी उम्मीद से कुछ ज्यादा ही जोर मे
वो ह्च्कने लगी और उसकी आवाज सिस्किया सब रुक रुक कर आने लगी एक मुस्कान थी जो उसकी सहमती का इशारा कर रही थी जल्द ही उसने अपने हाथ मेरे कमर हिल्ती कमर मे फेरा और थोडा दबाने को इशार किया और मैने धीरे धीरे उसकी चुत मे और निचे जाने ल्गा और जल्द ही पुरा लण्ड उसकी चुत मे उतार दिया

अब लम्बे लम्बे धक्के लग रहे थे और जब भी लंड उस्के चुत की गहराई मे जाती वो गहरी सासे लेती और बाहर निकालते समय सास को छोड देती ।

फिर मैने खुद को थोडा खड़ा किया और दोनो पैर वापस कंधो पर , उसको इशारे से तकिया अपने निचे रखने को कहा



वो लगाई और मैने वापस लण्ड को उतार दिया उसकी जड़ मे इस बार हर बार से गहरा गया और बच्चेदानी का सिरा मेरे सुपाड़े को छुआ
सोनल मे अपने पेड़ू मे हाथ लगा कर ह्स्ते हुए इशारे मे बताने लगी की कहा तक उसे लण्ड मह्सूस हो रहा है

मानो ऐसा कर उसने मेरा जोश बढ़ा दिया हो और मैने धक्के तेज कर दिये वही सोनल झड़ने के करीब थी और उसने अपने चुत के अन्दर का छ्ल्ल्ला मेरे लण्ड पर कसना शुरु कर दिया ।

मै भी ज्यादा देर तक खुद को रोक न सका और मै झडने को बाहर निकालने की कोसिस की तो सोनल आंख दिखाते मुझे रोकि

मै - मेरा होने वाला है दीदी
सोनल मुस्कुरा कर तकिये के निचे रखी पिल की गोली मुझे दिखाई और बड़ी अदा से मेरे लण्ड की निचोडते हुए कमर को हचकाया

मै भी खुश हुआ और उसके चेहरे के बराबर मे आकर धक्के को बढ़ा दिया और चुत मे जड मे जाकर लण्ड को रोक दिया एक दो सेकंड रुका था की मेरे लण्ड का लावा फुटा और गरम पानी सोनल की चुत मे भरने लगा ।
वो वापस से गनगना गयी और मुझसे लिपट गयी । मै भी उससे चिपके अपनी कमर झटकते हुए आखिरी बूद तक झड़ता रहा
फिर थोडी देर मै उठा और वो हिली तो जांघो मे टीस सी हुई । अभी तक मेरा लण्ड चुत मे घुसा हुआ था और मेरा वीर्य उसके रस और खुन की बुन्दो से मिल कर हल्का गुलाबी सा हो गया था । जो मेरे लण्ड के जड के कुछ हिस्सो मे च्ख्टा था ।

मै धीरे धीरे उसके जांघो की मालिश की और हौले से अपना लण्ड बाहर निकाला । एक दम क्रीमी हल्की गुलाबी रंग लिये टपकती बुन्दे ,, सोनल ने एक कप्डे से मेरा लण्ड को लपेटा और मै उसको थामे खड़ा हुआ और साफ किया ।

फिर वापस वो कपडा सोनल को दिया वो भी उस कपडे को अपने वीर्य से भरे चुत के मुहाने पर लगा कर बैठी और मैने उस्का हाथ थाम का उसे खड़ा किया ।

उस्के पाव काप रहे थे शायद झुनझुनी थी या वो टीस ही हो
अभी उसके कुल्हे कड़े जान पर रहे थे मैने उसकी कमर को सहलया और उसके होठ चूमे फिर मै उसे बाथरूम लेके गया ।
हम दोनो ने खुद को साफ किया और फिर कपडे पहनने के लिये बाहर हाल मे आये ।

मैने हम दोनो के लिए खाना लगाया एक ही थाली मे फिर मैने उसे खुद से ही खिलाया ।
वो खुश थी उसके चेहरे पर एक चमक थी और खाने के बाद मैने उसके पानी दिया ।

फिर जब मेरे वापस दुकान जाने का समय हुआ तो उसने मुझे हग किया और देर तक चिपकी रही । हम दोनो पिघल रहे थे लेकिन उसकी आंखे भरी थी । मैने प्यार से उसकी आसू साफ कर उसके चेहरे का हर भाग चूमा वो वापस से मुस्करा कर मेरे सिने से लग गयी ।

सोनल - थैंक यू भाई लव यू सो मच
मै ह्स कर बोला - लव यू टू दीदी

मै - मै जाऊ फिर
दीदी उदास मन से - हा ठीक है
मै उस्के गाल चूम कर - शाम को आऊंगा ना मै
वो खुश हुई - हम्म्म ठीक है जाओ अब ,,,
तब तक सोफे पर पड़ी उसकी मोबाइल रिंग हुई अमन का ही फोन था

मै हसी मे उसे छेड़ने के अन्दाज मे - अच्छा तो जनाब के पति का फोन आ रहा है तो भेज रही हो मुझे

वो हस कर - धत्त , ठीक है मत जाओ
मै ह्स कर उसको अपना मोबाईल दिखाते हुए - जा रहा हू , देखो मा का दो बार फोन आ गया है ,,, वो दवा खा लेना और आराम करना और ज्यादा दर्द हो तो मालिश कर लेना

सोनल मुझे धकलेते हुए मेन गेट तक ले आई और बोली- तू जाओ और मेरी चिन्ता ना करो मै कर लूंगी सब हिहीही

मै जाने से पहले से एक बार उसके होठ को चूसा और निकल गया दुकान के लिए
दुकान पर गया तो मा ने थोडी पुछ ताछ की तो नहाने का बहाना मार दिया और फिर मा के साथ आने वाले महिने मे सोनल की शादी को लेके थोडा बात चित हुई और तय किया गया कि अनुज के आने के बाद ही पांडित जी को बुला कर एक मुहूर्त पर सोनल और अमन की सगाई हो जाये । उसी हिसाब से मेहमान भी आयेंगे फिर सब कुछ मैनेज किया जायेगा
शाम को 5 बजे तक मा घर के लिए निकल गयी और मै भी थोडा दुकान मे व्यस्त रहा
फिर समय से निकल गया घर के लिए जहा पापा आ गये थे नहाने गये थे ।

मैने मा किचन मे अकेले काम करते हुए देखा तो उससे दिदी के बारे मे पुछा

मा परेशान होकर - बेटा उसका बदन दर्द हो रहा था वो अपने कमरे मे आराम कर रही है

मै कुछ सोचा और बोला - दवा ली की नही उन्होने
मा मुस्कुरा कर - हा बेटा वो दवा ली है अभी आराम करने दे जा तू भी कपडे बदल ले और फ्रेश हो जा

फिर मै मा को एक किस्स कर अपने रूम मे गया जहा दीदी ने मेरी बेडसित चेंज की थी
फिर मै फ्रेश हुआ और बाहर आया तो देखा किचन खाली था और मा का कमरा बंद था । मै मुस्कुराया और उपर दीदी के कमरे मे गया ।

जहा दीदी सोयी हुई थी मै बडे आराम से अन्दर गया और दीदी के सिरहाने पहुच कर बैठ गया और फिर उसके मुस्कराते गालो को चूम लिया
वो थोडी कसमसाई और थोड़ी बूदबुदाइ फिर मेरे हाथ को थाम कर करवट लेली ।

मै मुस्करा कर उसके बालो को उस्के कान मे खोसा और हल्का हल्का मालिश किया सर पर और दोपहर मे हुए मस्ती को आने वाले समय से जोड कर वही बिस्तर की पाट से टेक लगा कर बैठे हुए ही सोचने लगा । एक अगल ही जुडाव सा था आज सोनल के साथ मेरा , एक अलग ही खिचाव , एक नये रिश्ते के जैसा जहा से मै बाहर नही आना चाहता था ।
मेरे हाथ दीदी के सर को थपकी दे रहे थे और धीरे धीरे 20 मिंट का समय बित गया यहा तक की मा और पापा दोनो छ्त पर हमारे कमरे मे आ गये फिर मै सोनल के सर को थप्की देता हूआ बन्द आन्खो से अपने सपने बुन रहा था एक मोह लेने वाली मुस्कान थी मेरे चेहरे पर

तभी मेरे बालो मेरे किसी का हाथ फिरा और मैने आंखे खोली तो देखा मा मेरे बगल मे खड़ी थी और मुझे बडे प्यार से देख रही थी उसके चेहरे के भाव मे ममता थी और एक खुशि भी जो उसकी छ्लकी हुई आखे बया कर रही थी ।

मै ह्स कर - अरे मम्मी पापा आप लोग
मा मेरे सर को चूम कर - तू यहा है , मै कबसे खोज रही हू , तेरे पापा ने फोन भी लगाया फिर ये हुआ की उपर देख लू
मै मा की बातो जवाब देता तब तक सोनल की निद खुल जाती है और वो आंखे उठाती है उसका चेहरा मेरी गोद मे था और सामने मम्मी पापा खडे थे ।

वो थोडा उत्सुकता से उलझन भरे भाव मे बोली - आप लोग यहा और तू ऐसे क्यू
बैठा है भाई

उसकी बाते सुन कर सब हसने लगे और मा भी मेरे सामने और दिदी के बगल मे बैठ कर उसके चेहरे को दुलारते हुए बोली - कैसी है तबियत बेटा

सोनल एक नजर मुझे मुस्कुराता हुए देखी और मेरी जांघ को चन्गोट कर बोली - अभी थोडा आराम है मा

पापा - तो चलो बेटा खाना खाने चलते है , हम तो तुम दोनो को बुलाने आये थे

सोनल अचरज के भाव मे - दोनो को
फिर सोनल मुझे देखते हुए उठ कर बैठ जाती है

मा ह्स कर - वो क्या है ना बेटा, राज दुकान से आया तो तुम्हारे बारे मे पुछा तो मैने बोला की तेरी तबियत नही ठीक है तू आराम कर रही है तो ये पागल फ्रेश होकर तेरे पास चला आया और तबसे तेरे पास ही बैठा था और निचे हम लोग खोजते हुए यहा आये तो देखा कि ये तुझे आपनी गोद मे सुलाये हुए खुद सो गया था ।


सोनल एक मुस्कान के साथ मेरे तरफ देख्ती है और मै हस देता हू
पापा - चलो इसी बहाने पता तो चला ह्मारे साथ ह्मारे बेटा भी है जो हमारी बच्ची को बहुत प्यार करता है ।

फिर ऐसे ही कुछ भावनात्म्क बाते चली और रात में खाने के बाद मैने खुद से फ़रमयिश की मै दीदी के साथ सोने वाला हू तो पापा थोडा इशारे से हिचके लेकिन मा ने उन्हे रोका और मुझे इजाजत देदी ।

फिर हम दोनो छ्त पर दिदी के कमरे मे चले गये और मा पापा अपने कमरे मे


जारी रहेगी
Shandaar jaandaar chudaidaar... Sonal ka bhi ho hi gaya aakhir.. nice update dost
 

Lib am

Well-Known Member
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UPDATE 90



मै खुशी से रास्ते भर आने वाले मौके को लेके काफी उत्तेजित होने लगा था और पुरे रास्ते भर मेरा लण्ड तना हुआ था । मै एक बाइक से लिफ्ट मागी और 2 मिंट मे चौराहे वाले घर पहुच गया और मेन गेट खोल कर अन्दर गया
जहा सोनल हाल मे सोफे पर बैठे मोबाईल चला रही थी । वो नहा चुकी थी और उसके बाल खुले थोडे गीले थे हालकी उसने अभी तक उनको सवारा नही था जिससे वो और भी खुबसूरत लग रही थी । उसने एक हल्के गुलाबी रंग का टीशर्ट और लोवर पहन रखा था । वही टीशर्ट पर गौर करने पर मुझे लगा की शायद उसने कुछ पहना नही है ।
मै झट से उसके पास बैठ कर एक बार उसके बदन से आती भीनी सी खुस्बु ली और एक गजब की कामोत्तेजना भरी मुस्कान मेरे चेहरे पर आई वही पैंट मे लण्ड भी अंगड़ाई लेने लगा ।

मै झट से उसके कन्धे पर हाथ रख कर उसके गालो को चूम्ते हुए उसके मोबाईल मे देखते हुए - कया कर रही हो जानू

सोनल कुछ बोलती उससे पहले ही मेरे नजर मोबाईल मे हो रही चैट पर गयी , सोनल इस वक़्त अमन से ही बात कर रही थी और मै उनकी रोमांटिक चैट पढने लगा ।
सोनल जहा मुझे खुल कर प्यार देती है वही अमन को एक एक चुम्मी के एमोजी तक के लिए तरसा कर परेशान करती है ।
मै - अरे क्या इतना परेशान कर रही हो बेचारे को , कुछ माग रहा है दे दो

सोनल हस कर - तू नही जानता भाई ,, पतियो को इतना तरसा कर रखो कि जब वो मिले तो बेसब्रे होकर ही प्यार करे हिहिहिही

मै सोनल के कान के पास जीभ घुमाते हुए - तो मुझे भी तरसाओगी क्या जानू

बदले मे सोनल मेरे होठ को एक बार चुसते हुए मेरे आंखो मे देखते हुए बोली - नही रे , तेरे लिए मै खुद बेसबरी हू मेरे भाई
और वापस से हम दोनो डीप किसिंग मे खो गये ।
करीब 10 मिंट कर एक दुसरे को चुस्ते रहने के बाद ,, अचानक से अमन का वीडियो कॉल आने ल्गता है तो हम दोनो अलग होते है और सोनल वीडियो कॉल उठा लेती है ।
जहा अमन इस वक़्त सिर्फ तौलिया लपेटे अपने कपडे पहनने जा रहा होता है और तरह तरह से कोसिस कर सोनल को अपने लण्ड के उभार की ओर रिझा रहा होता है । मै सोनल से थोडा दुर होकर मोबाईल पर अमन की हरकते देख रहा होता हू और वही सोनल को देखता हू की वो भी उसे परेशान करने के लिए शर्माने का नाटक और झूठ मूठ नोक झोक करती है ।

फिर जैसे ही अमन वापस मोबाईल रख देता है
मै - ओह्हो मतलब बात कपडे निकालने तक आ गयी है हा

सोनल हस कर - हा वो कुछ ज्यादा ही उतावला है और कोसिस करता है कि मै भी खुल जाऊ उसके साथ लेकिन मै मजे लेती हू

मै सोनल से चिपक कर टीशर्ट के उपर से उसके 34B के चुचो को मिजते हुए - अरे इनके दर्शन करवाये की नही

सोनल कसमसा कर - आह्ह नही भाई , ब्स एक दो बार ब्रा की स्ट्रिप दिखा दी हू और नही ।
मै सोनल के गोरे मुलायम और खुस्बु से भरे गरदन को चूमते हुए उसकी एक चुची को हाथ मे भर कर मिजने लगता हू तो वो भी मेरे सर पर हाथ फेरते हुए अपनी दुसरी चुची को उत्तेजना मे दबाने लगती है ।
एक तो कल ही उसका महीना खतम हुआ था और आज मैने उसके जिस्मो को नोच्ना शुरु कर दिया ।
जल्द ही हमारे होठ मिले और फिर से एक दूसरे के बदन को घिसना शुरु कर दिया हमने ।
वही वो प्यासी झट से अपना हाथ मेरे पैंट के उपर से उभरे हुए लण्ड को दबाने लगी और मै भी उसकी एक नरियल जैसी चुचि को भीचने लगा ।
मै बेसबरा होने ल्गा था और मैने सोनल को सोफे पर लिटा कर उसके उपर आ गया और झट से टीशर्ट उपर कर उसके दो मोटे नारियल जैसे लेकिन गोरे मुलायम चुचो को देख कर पागल हो गया । मानो कितने समय से मै इनके लिये तरस रहा था और मै उन हल्के भूरे वाले दानेदार निप्प्ल के बटन की मुह मे भर लिय और खुब जोर से चूस्ने ल्गा ।
वही सोनल - अह्ह्ह माआआ आराम से भाआईईईई ओह्ह्ह मा उफ्फ़

मै दुसरे हाथ से एक चुची को मिजते हुए एक को मुह मे भरे चुस रहा था और ज्यदा से ज्यादा मुह मे भर रहा था वही सोनल भी उत्तेजना मे मेरे सर को अपनी चुची पर दबा रही थी । फिर मैने साइड बदल कर दुसरी को मुह मे भर लिया

हम दोनो बड़ी उत्तेजना से एक दुसरे को दबा नोच रहे थे

मै - आह्ह दिदी कितनी मस्त चुचिया है ,,एक बार दिखा दो ना उसे भी ,, पागल हो जायेगा

सोनल - दिखा दूँगी मेरे राजा अह्ह्ह और चुस उम्म्म्ं बहुत दिन से नही मिज्वाया था अह्ह्ह निकाल दे आज सारी कसर

मै सोनल को छेड़ते हुए - दिदी क्या आप अमन का लण्ड देखी हो
सोनल कसमसा कर - हा भाई वो कहा मानने वला है वो तो जिद करके दिखा देता है जबरजसती

मै सोनल की चुचियॉ को मिजते हुए - फिर आपका मन नही होता की दिखा दू उसे भी अपना माल

सोनल - करता है भाई और उसका लण्ड सोच कर तो कई बार मैने ऊँगली भी किया है अह्ह्ह भाई

मै ऊँगली करने की बात से थोडा मुस्कुर कर खसक कर निचे हुआ और सोनल की जांघ को फैलाते हुए उसके चुत के उपर हाथ घुमाते हुए - इसमे ऊँगली करती हो क्या दीदी

सोनल मेरे हाथ का स्पर्श अपने चुत पर पाते ही सिहर गयी और कापने लगी - अह्ह्ह अह हा हा भाई उम्म्ंम बहुत मोटा लण्ड है उस्का अह्ह्ह

मै उसके चुत को सहलाते हुए लोवर के उपर से ही - मेरे से भी मोटा है क्या

सोनल ना मे सर हिलाते हुए - ना ह नह अह्ह्ह भैया मै आउन्गी आह्ह मेरा निकलेगा और रगडो उसको आह्ह मा तेज्ज्ज्ज रगडो ना उम्म्म्म्म्मीई अह्ह्ह मुम्म्यीईईई उम्म्ंम अह्ह्ह हा ऐसे ही ऐसे ही

मै सोनल की बेताबी समझ गया और मै झट से उठ कर उस्का लोवर पैंटी के साथ ही एक झटके मे निकाल दिया और जांघो को कन्धे पर चढा कर झुक कर अपना मुह उसके चुत पर ल्गा दिया ।

मेरे तपते होठो का स्पर्श अपनी गर्म चुत के मुलायम सिराहने पर पाते ही सोनल अकड गयी और मैने उसकी जांघो को थाम कर अपनी जीभ को उसकी चुत मे उतार दिया और वो पागल होकर अपनी गाड को झटकने लगी और मेरे मुह मे उसके गर्म पानी का लावा बहने लगा मैने हर झटके पर उसके चुत पर अपने होठो से मजबूत पकड बनाता और एक एक बूंद को चुस्ते हुए सारा माल मुह मे निगल लिया और बचा खुचा चाट कर साफ किया

तब तक सोनल सोफे पर हाफ्ते हुए शांत थी लेकिन तेज सांसे उसकी चुचियॉ को और फुला रही थी ।

मै भी एक गहरी सास लेके थोडी देर खुद की बराबर किया और फिर एक एक करके सोनल के सामने ही अपने सारे कपडे निकाल दिये
और मेरा लण्ड सोनल की कसी गोरी छाती को देख कर बौराया खड़ा और सख्त हुए जा रहा था ,,, वही सोनल की नजर मेरे टमाटर से लाल सुपड़े पर गयी और उसकी मोटाई देख कर वो सहम गयी
मै उसको इशारा किया और वो धीरे से सोफे पर मेरे सामने बैठ गयी । मेरा लण्ड खड़ा तनमनाया सोनल की नाक को छुता हुआ उसके सामने ही हुकार ले रहा था । सामने आते ही एक बार फिर झुक कर उसकी नारियल सी मोटी और सख्त चुची को मसला और वो सिहर कर एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड ली ।

लण्ड की तपन ने सोनल के जिस्म मे सरसारी दौड़ गयी और वो गनगनाई , एक गहरी सास और फिर ग्प्प्प्क से सुपाडा मुह मे ।

एक ठन्दक सी लगी मुझे लण्ड की उपरी सतह पर और फिर उसके मुलायम होठ रिंग बनाते हुए पिस्टन के जैसे चलने लगे ।
जहा तक उसके होठ मेरे लण्ड की सतह को घिसते वहा एक मुलायम बर्फ की ठन्डक सी मह्सूस होती ।

हालकी सोनल को उतना अच्छे से लण्ड चुसने नही आता था जितना मा और रज्जो मौसी को आता था ।
लेकिन सेक्स की कहानिया पढ कर और पोर्न वीडियो देख कर काफी कुछ सिख गयी थी वो

जैसे भी कर रही थी एक नया अह्सास होता था और उसका लण्ड को गले मे उतार कर काफी समय तक रोके रखने की कला का तो मै दीवाना था ।
उसके मुह मे वो लटकती घंटी जब सुपाडे को दबाती तो मानो लगता चुत मे बच्चेदानी को छू रहा हो मेरा लण्ड

जल्द ही उसे मैने थामा और खड़ा कर उसके होठ चूसने शुरु किया और उसे अपने बेडरूम मे ले आया
थोडी देर हमारी चूमा चाटी चली कुछ मैने उसको मसला कुछ उसने मुझे नोचा काटा नाखून गाड़े ।
मैने भी जोश मे खड़े खडे उसके जांघो के बीच लण्ड को घुसेड़ कर दो चार बार चुत के निचले हिस्सो पर हच्क कर रगड़ और उसके गाड के पाटो को सहलाते हुए मिजा ।

वो सिम्टी, मेरे बाहो मे चिपकी हुई सिस्कने लगी और मैने अपने होठ उसके होठो से जोड दिये एक गहरे चुंबन के बाद मैने वापस से उसे बिस्तर पर बिठा और उसके सामने खड़ा हुआ

मै उसकी आंखो मे एक नशा सा देखा और वो मुस्कराई
फिर शर्मा कर मेरे नंगे पेट पर चेहरा छिपा लिया । मै भी मुस्कुरा कर उसके सर मे हाथ फेरा कि तभी मेरे लण्ड मे कसाव बढ़ा और एक गिलापन सा मह्सुस हुआ और नजर गयी तो देखा सोनल मेरे लण्ड को उपर कर पेट से चिपके हुए ही सुपाडे को मुह मे भर ली और निचे मेरे आड़ो को सहलाते हुए चूसने लगी ।

मै वापस से मदहोश होने ल्गा और उसका चेहरा पिछे कर उसे लिटा दिया
सोनल बिस्तर पर अपनी दोनो जांघो को खोल कर चित लेट गयी , वो हाफ रही थी और एक मुस्कान सी थी उसके चेहरे पर ।
मै उसकी आंखो मे नजरे जमाए उस्के मन के भावो को पढता हुआ वापस से उसकी घाटियो मे गया और जुबान से चुत के उपरी हिस्सों की साफ सफाई मे लग गया ।
थोडी ही देर मे उसकी सिसकिया आने लगी और उसकी चुत ने रोना सुरु कर दिया ।

वही शुरुवाती आसू जो चिपचिपे कम लेकिन महकते ज्यादा थे
मै भी बडे दुलार मे उसके आसुओ को चाट गया और वापस से खड़ा हो कर अपना सुपाडे को खोल से बाहर निकाला और तपता ही उसे सोनल के चुत के बटन पर धंसा दिया

वो हिचकी , अकडी लेकिन छाती वो तो और भी फुलने लगी ।
मैने उसके एक पैर को उठाया उसे अपने चेहरे के पास लाया उसकी पिंडलियों को सहलाते हुए हल्का सा लण्ड सोनल के चुत की होठो पर दरा
फिर से सिसकी और इस बार थोडा सा गरदन उठा कर निचे भी देखा और वापस से चित लेट गयी

मै झुका और उसने अपनी आंखे भीचते हुए जांघो को फैलाया और मैने भी सुपाडा को उसके चुत के फलको को खोल कर छेद पर लगाते हुए एक पैर को थामा और कचकचा कर एक जोर का झटका दिया , सुपाडा अन्दर

सोनल - अह्ह्ह्ह मुम्मीईईईई
मै झुका और गाल को सह्लाया उसके होठो को चूमा और उसके आंखो से बहते आसू पर ही चूम के उससे इजाजत मागी और वो अपने होठ भिचते हुए थूक गटक कर बहते आसु से भरे चेहरे को हा मे हिला कर आगे बढ़ने को कहा

मै उसे एक फ्लाईन्ग किस्स दिया और उसने भी खुद को तैयार किया

फिर मै कुछ MM पीछे होकर लण्ड को जोर से अंदर घुसेडा आधे से ज्यादा सोनल के चुत मे चिरते हुए धस गया और कुछ लाल सी बुन्दे पच्च्च की आवाज से बाहर आई और
वही सोनल मुझे अपने सिने से ल्गा चुकी थी
ना मै हिल पा रहा था ना ही सोनल मुझे हिलने दे रही थी

मेरे होठ उसके होठ मे दबे थे वो अपने कुल्हे कड़े कर दी और जांघो को सिधा कर दर्द को कम करना चाह रही थी
मै उसे थपथपा कर थोडा उपर उठा तो उसके सीने से मेरा वजन कम हुआ और वो एक गहरी सास से हाफने लगी ।
चेहरे पर कोई भाव नही थे लेकिन आखो से झरना बह रहा था । वो जबरजसती अपने चेहरे पर मुस्कान ला रही थी लेकिन उसकी चुत मे अड़सा हुआ मेरा लण्ड शायद इसकी इजाजत नही दे रहा था
तो मैने उस्के गाल चुमे और वापस से उसे सीने से लगा कर - आई लव यू दीदी

वो फफक पड़ी और - लव यू सो मच भाई बहुत दर्द हो रहा है

मै थोड़ा छेडने के मुड़ मे थोडा सा उपर होकर ह्स्ते हुए - तो निकाल दू

वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए ना मे इशारा की
मै उसकी नाचती आन्खो मे देखते हुए - तो फिर चालू करू इंजन
वो कुछ प्रतिकिया करती उससे पहले ही लण्ड को पीछे खिच कचकचा कर एक और जोर का झटका और करीब 3/4 से उपर लण्ड उसकी चुत मे घुस गया और हल्के हल्के मालिश वाले धक्के के जैसे अन्दर बाहर शुरु हुआ

धिरे धीरे उसका दर्द कम हुआ लेकिन इतना भी नही कि एकदम तुफान मेल पेलवा ही ले

लेकिन उसकी सिसकी बढी और हल्की सी आहट आई - सीईई उन्म्म्ंंं आह्ह थोडा तेज्ज्ज

मै सुना और झट से उसकी आंखो मे देखा वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए मुह फेर ली और उसको अप्नी तरफ मुह कराने के लिए मैने धक्के की गति बढ़ा दी वो उसकी उम्मीद से कुछ ज्यादा ही जोर मे
वो ह्च्कने लगी और उसकी आवाज सिस्किया सब रुक रुक कर आने लगी एक मुस्कान थी जो उसकी सहमती का इशारा कर रही थी जल्द ही उसने अपने हाथ मेरे कमर हिल्ती कमर मे फेरा और थोडा दबाने को इशार किया और मैने धीरे धीरे उसकी चुत मे और निचे जाने ल्गा और जल्द ही पुरा लण्ड उसकी चुत मे उतार दिया

अब लम्बे लम्बे धक्के लग रहे थे और जब भी लंड उस्के चुत की गहराई मे जाती वो गहरी सासे लेती और बाहर निकालते समय सास को छोड देती ।

फिर मैने खुद को थोडा खड़ा किया और दोनो पैर वापस कंधो पर , उसको इशारे से तकिया अपने निचे रखने को कहा



वो लगाई और मैने वापस लण्ड को उतार दिया उसकी जड़ मे इस बार हर बार से गहरा गया और बच्चेदानी का सिरा मेरे सुपाड़े को छुआ
सोनल मे अपने पेड़ू मे हाथ लगा कर ह्स्ते हुए इशारे मे बताने लगी की कहा तक उसे लण्ड मह्सूस हो रहा है

मानो ऐसा कर उसने मेरा जोश बढ़ा दिया हो और मैने धक्के तेज कर दिये वही सोनल झड़ने के करीब थी और उसने अपने चुत के अन्दर का छ्ल्ल्ला मेरे लण्ड पर कसना शुरु कर दिया ।

मै भी ज्यादा देर तक खुद को रोक न सका और मै झडने को बाहर निकालने की कोसिस की तो सोनल आंख दिखाते मुझे रोकि

मै - मेरा होने वाला है दीदी
सोनल मुस्कुरा कर तकिये के निचे रखी पिल की गोली मुझे दिखाई और बड़ी अदा से मेरे लण्ड की निचोडते हुए कमर को हचकाया

मै भी खुश हुआ और उसके चेहरे के बराबर मे आकर धक्के को बढ़ा दिया और चुत मे जड मे जाकर लण्ड को रोक दिया एक दो सेकंड रुका था की मेरे लण्ड का लावा फुटा और गरम पानी सोनल की चुत मे भरने लगा ।
वो वापस से गनगना गयी और मुझसे लिपट गयी । मै भी उससे चिपके अपनी कमर झटकते हुए आखिरी बूद तक झड़ता रहा
फिर थोडी देर मै उठा और वो हिली तो जांघो मे टीस सी हुई । अभी तक मेरा लण्ड चुत मे घुसा हुआ था और मेरा वीर्य उसके रस और खुन की बुन्दो से मिल कर हल्का गुलाबी सा हो गया था । जो मेरे लण्ड के जड के कुछ हिस्सो मे च्ख्टा था ।

मै धीरे धीरे उसके जांघो की मालिश की और हौले से अपना लण्ड बाहर निकाला । एक दम क्रीमी हल्की गुलाबी रंग लिये टपकती बुन्दे ,, सोनल ने एक कप्डे से मेरा लण्ड को लपेटा और मै उसको थामे खड़ा हुआ और साफ किया ।

फिर वापस वो कपडा सोनल को दिया वो भी उस कपडे को अपने वीर्य से भरे चुत के मुहाने पर लगा कर बैठी और मैने उस्का हाथ थाम का उसे खड़ा किया ।

उस्के पाव काप रहे थे शायद झुनझुनी थी या वो टीस ही हो
अभी उसके कुल्हे कड़े जान पर रहे थे मैने उसकी कमर को सहलया और उसके होठ चूमे फिर मै उसे बाथरूम लेके गया ।
हम दोनो ने खुद को साफ किया और फिर कपडे पहनने के लिये बाहर हाल मे आये ।

मैने हम दोनो के लिए खाना लगाया एक ही थाली मे फिर मैने उसे खुद से ही खिलाया ।
वो खुश थी उसके चेहरे पर एक चमक थी और खाने के बाद मैने उसके पानी दिया ।

फिर जब मेरे वापस दुकान जाने का समय हुआ तो उसने मुझे हग किया और देर तक चिपकी रही । हम दोनो पिघल रहे थे लेकिन उसकी आंखे भरी थी । मैने प्यार से उसकी आसू साफ कर उसके चेहरे का हर भाग चूमा वो वापस से मुस्करा कर मेरे सिने से लग गयी ।

सोनल - थैंक यू भाई लव यू सो मच
मै ह्स कर बोला - लव यू टू दीदी

मै - मै जाऊ फिर
दीदी उदास मन से - हा ठीक है
मै उस्के गाल चूम कर - शाम को आऊंगा ना मै
वो खुश हुई - हम्म्म ठीक है जाओ अब ,,,
तब तक सोफे पर पड़ी उसकी मोबाइल रिंग हुई अमन का ही फोन था

मै हसी मे उसे छेड़ने के अन्दाज मे - अच्छा तो जनाब के पति का फोन आ रहा है तो भेज रही हो मुझे

वो हस कर - धत्त , ठीक है मत जाओ
मै ह्स कर उसको अपना मोबाईल दिखाते हुए - जा रहा हू , देखो मा का दो बार फोन आ गया है ,,, वो दवा खा लेना और आराम करना और ज्यादा दर्द हो तो मालिश कर लेना

सोनल मुझे धकलेते हुए मेन गेट तक ले आई और बोली- तू जाओ और मेरी चिन्ता ना करो मै कर लूंगी सब हिहीही

मै जाने से पहले से एक बार उसके होठ को चूसा और निकल गया दुकान के लिए
दुकान पर गया तो मा ने थोडी पुछ ताछ की तो नहाने का बहाना मार दिया और फिर मा के साथ आने वाले महिने मे सोनल की शादी को लेके थोडा बात चित हुई और तय किया गया कि अनुज के आने के बाद ही पांडित जी को बुला कर एक मुहूर्त पर सोनल और अमन की सगाई हो जाये । उसी हिसाब से मेहमान भी आयेंगे फिर सब कुछ मैनेज किया जायेगा
शाम को 5 बजे तक मा घर के लिए निकल गयी और मै भी थोडा दुकान मे व्यस्त रहा
फिर समय से निकल गया घर के लिए जहा पापा आ गये थे नहाने गये थे ।

मैने मा किचन मे अकेले काम करते हुए देखा तो उससे दिदी के बारे मे पुछा

मा परेशान होकर - बेटा उसका बदन दर्द हो रहा था वो अपने कमरे मे आराम कर रही है

मै कुछ सोचा और बोला - दवा ली की नही उन्होने
मा मुस्कुरा कर - हा बेटा वो दवा ली है अभी आराम करने दे जा तू भी कपडे बदल ले और फ्रेश हो जा

फिर मै मा को एक किस्स कर अपने रूम मे गया जहा दीदी ने मेरी बेडसित चेंज की थी
फिर मै फ्रेश हुआ और बाहर आया तो देखा किचन खाली था और मा का कमरा बंद था । मै मुस्कुराया और उपर दीदी के कमरे मे गया ।

जहा दीदी सोयी हुई थी मै बडे आराम से अन्दर गया और दीदी के सिरहाने पहुच कर बैठ गया और फिर उसके मुस्कराते गालो को चूम लिया
वो थोडी कसमसाई और थोड़ी बूदबुदाइ फिर मेरे हाथ को थाम कर करवट लेली ।

मै मुस्करा कर उसके बालो को उस्के कान मे खोसा और हल्का हल्का मालिश किया सर पर और दोपहर मे हुए मस्ती को आने वाले समय से जोड कर वही बिस्तर की पाट से टेक लगा कर बैठे हुए ही सोचने लगा । एक अगल ही जुडाव सा था आज सोनल के साथ मेरा , एक अलग ही खिचाव , एक नये रिश्ते के जैसा जहा से मै बाहर नही आना चाहता था ।
मेरे हाथ दीदी के सर को थपकी दे रहे थे और धीरे धीरे 20 मिंट का समय बित गया यहा तक की मा और पापा दोनो छ्त पर हमारे कमरे मे आ गये फिर मै सोनल के सर को थप्की देता हूआ बन्द आन्खो से अपने सपने बुन रहा था एक मोह लेने वाली मुस्कान थी मेरे चेहरे पर

तभी मेरे बालो मेरे किसी का हाथ फिरा और मैने आंखे खोली तो देखा मा मेरे बगल मे खड़ी थी और मुझे बडे प्यार से देख रही थी उसके चेहरे के भाव मे ममता थी और एक खुशि भी जो उसकी छ्लकी हुई आखे बया कर रही थी ।

मै ह्स कर - अरे मम्मी पापा आप लोग
मा मेरे सर को चूम कर - तू यहा है , मै कबसे खोज रही हू , तेरे पापा ने फोन भी लगाया फिर ये हुआ की उपर देख लू
मै मा की बातो जवाब देता तब तक सोनल की निद खुल जाती है और वो आंखे उठाती है उसका चेहरा मेरी गोद मे था और सामने मम्मी पापा खडे थे ।

वो थोडा उत्सुकता से उलझन भरे भाव मे बोली - आप लोग यहा और तू ऐसे क्यू
बैठा है भाई

उसकी बाते सुन कर सब हसने लगे और मा भी मेरे सामने और दिदी के बगल मे बैठ कर उसके चेहरे को दुलारते हुए बोली - कैसी है तबियत बेटा

सोनल एक नजर मुझे मुस्कुराता हुए देखी और मेरी जांघ को चन्गोट कर बोली - अभी थोडा आराम है मा

पापा - तो चलो बेटा खाना खाने चलते है , हम तो तुम दोनो को बुलाने आये थे

सोनल अचरज के भाव मे - दोनो को
फिर सोनल मुझे देखते हुए उठ कर बैठ जाती है

मा ह्स कर - वो क्या है ना बेटा, राज दुकान से आया तो तुम्हारे बारे मे पुछा तो मैने बोला की तेरी तबियत नही ठीक है तू आराम कर रही है तो ये पागल फ्रेश होकर तेरे पास चला आया और तबसे तेरे पास ही बैठा था और निचे हम लोग खोजते हुए यहा आये तो देखा कि ये तुझे आपनी गोद मे सुलाये हुए खुद सो गया था ।


सोनल एक मुस्कान के साथ मेरे तरफ देख्ती है और मै हस देता हू
पापा - चलो इसी बहाने पता तो चला ह्मारे साथ ह्मारे बेटा भी है जो हमारी बच्ची को बहुत प्यार करता है ।

फिर ऐसे ही कुछ भावनात्म्क बाते चली और रात में खाने के बाद मैने खुद से फ़रमयिश की मै दीदी के साथ सोने वाला हू तो पापा थोडा इशारे से हिचके लेकिन मा ने उन्हे रोका और मुझे इजाजत देदी ।

फिर हम दोनो छ्त पर दिदी के कमरे मे चले गये और मा पापा अपने कमरे मे


जारी रहेगी
खूबसूरत एवं भावनात्मक अपडेट।
 
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