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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

Naik

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UPDATE 89



सुबह 9 बजे के करीब मेरी निद मा के जगाने पर खुली तो पता चला की पापा नहा कर दुकान पर निकल गये और मा खाना बनाने की तैयारी कर रही थी ।

मै भी उठा और अपने कमरे मे गया तो देखा मेरा मोबाईल मे कुल 17 मिस्काल और 12 मैसेज है और डाटा ओपेन करते ही भर भर के notification की बिप कुछ सेकेण्ड तक आती रही ।
फिर थोडा देर मे जब मोबाईल थामा तो देखा की सरोजा के अकेले 12 मिस्काल और 4 sms थे । बाकी के सोनल और कोमल के थे ।वही whatsaap पर एक दो मैसेज सरोजा के थे लेकिन सोनल ने तो अपनी और निशा के साथ रात मे की गयी मस्तीयो की तस्वीरे भेजी थी और एक वीडियो भी जिसमे निशा रिकॉर्ड कर थी सामने से सोनल उसकी चुत चुस रही थी ।

देख कर ही सुबह सुबह मूड बन गया । समझ ही नही आया कि क्या करु किसको रिप्लाई करू ।
फिर थोडा विचार कर सोनल से बाद मे बात करने का बोल कर एक दो तस्वीरो पर हार्ट रिएक्शन की एमोजी भेज दी और गुड मॉर्निंग लिख दिया ।

वही सरोजा जी को गुड मॉर्निंग का sms किया और रात मे कोई रेपोंस ना देने के सॉरी भी लिख दिया ।
फिर कोमल को भी गुड मॉर्निंग विश कर दिया ।
फिर मै फ्रेश होने चला गया और जब नहा कर वापस आया तबतक सरोजा जी का मैसेज आ चूका था और वो फुल गुस्से मे रिप्लाई की थी कि,,,मै समझ गया कि ये काफी समय से भुखी है और कल रात बात ना करके मैने कुछ ज्यादा ही इसे नाराज कर दिया । जल्द ही इसको चोदने का प्लान करना पडेगा नही तो इस गर्म तवे पर कोई और ना अपनी रोटी सेक ले ।


खैर इस बार मैने सीधा काल किया और थोडा बहुत बहाना बना कर कि अनुज बडे सहर गया और दीदी चचा के यहा है तो काम का दबाव ज्यादा है और थोडी बहुत सफाई देने के बाद वो मान गयी तो मैने जल्द ही उससे मिलने को मिला और फिर फोन रख दिया ।
फिर मै नहा धोकर तैयार हुआ और मा ने नाश्ता करने को दिया , फिर मै उनको बोल कर दुकान के लिए निकल गया ।


थोड़ा देर काम करने के बाद वापस से मोबाईल चेक किया तो कल रात मे हुए निशा और सोनल के बीच की मस्तीयो की तस्वीरे याद आई और मैने वापस से व्हाटसअप खोल कर एक एक तस्वीर को खोलकर ध्यान से देखा जिससे मेरा लण्ड खड़ा हो गया ।

मन तो करने लगा की अभी जाकर इनदोनो की खुजलाती चुत को बल भर पेलू
लेकिन इस वक़्त दुकान पर कोई था भी नही ।
और अभी सुबह के 10 बज रहे थे इसका मतलब था की वो दोनो सिलाई सेंटर गयी होगी । फिर दुकान भी देखना था

खैर समय बिता और 11 वजे तक मा खाना लेके आई और फिर हमने खाना खाया और मैने जब पापा के बारे मे पुछा तो मा ने बताया कि उनका खाना बबलू काका लेके गये थे ।

फिर मा और मैं दुकान मे आये ग्राहको को डील करने लगे और करिब 12 वजे मै मा को एक काम का बहाना कर निकल गया चाचा के यहा और उनके यहा गया तो शटर आधा गिरा हुआ था ।
मै सोचा कि घर पर चाची और राहुल नही है और निशा दुकान पर बैठती नही है तो शायद खाना खाने गये होगे ।

तो मै भी बिना किसी रोक तोक के झट से झूक कर अन्दर दुकान मे घुस गया और गलियारे से हाल की तरफ गया तो सब खाली था मुझे लगा कि शायद चाचा दुकान बंद कर बाहर तो नही गये कही । और ये निशा - सोनल भी नही नजर आ रही थी ।

क्योकि किचन निचे ही था और चाचा चाची का कमरा भी भिड्का हुआ था तो मै ज्यादा ताक झाक ना करते हुए वापस दुकान की ओर जाने को हुआ कि, तभी चाचा के कमरे का दरवाजा खुला और चाची बाहर आई , जो इस समय सिर्फ पेतिकोट मे थी उनकी 36 की झुल्ती हुई चुची लटक रही थी और वो हस कर कमरे देख रही थी ।
मै झट से गलियारे की दीवाल से चिपक गया और तभी चाचा बाहर आये ।

चाचा - आजाओ ना जानू प्लीज , कल जबसे गयी हो तब से पूरी रात नींद नही आई

मेरी नजर चाचा पर गयी तो वो इस समय सिर्फ शर्त मे थे और निचे उनका झूलता करीब 6-6.5" लण्ड था ।
वो लपक कर वापस से चाची को पीछे से पकड कर दीवाल से लगाते है और झट से उनकी पेतिकोट उठा कर अपना लण्ड उन्की चुत मे उतार देते है । ऐसे खडे खडे लण्ड लेने मे चाची को बहुत दिक्कत हो रही थी और चाचा बडे जोश मे पेल रहे थे ।

मै समझ गया कि अब ये लोगो का लम्बा चलेगा लेकिन एक बात नही समझ आई चाची इतनी जल्दी क्यो चली आई ।

खैर मै इस बात को इग्नोर किया और थोडा देर तक उनकी चुदाई देखी और वापस बाहर आ गया क्योकी मै जिस मकसद से आया था वो होने नही वाला था ।

फिर मै वापस अपने दुकान की ओर जाने लगा तभी मेरे जहन मे चंदू के मा की याद आई और मै एक कातिल मुस्कान के साथ उसके घर में घुसा और बिना कोई
आहट किये और एक नजर निचे के कमरे मे देखा तो सब बंद पडा था तो मै झट से उपर की ओर गया वहा हाल मे भी कोई नही था फिर मै लपक कर बेडरूम की ओर गया जो भिड्का हुआ था और हलका सा गैप से अन्दर देखा जा सकता था ।
मैने धीरे से दरवाजे पर लगा तो कुलर चलाने की आवाज आ रही और थोड़ी बहुत सिस्कियो की भी । एक बार फिर मै अपनी किस्मत को कोसते हुए सोचा कि इस समय चंदू का बाप अपने काम पर जाता है और दोपहर मे लग्भग रोज चंदू अपनी मा को चोदता है ।

रामवीर दरअसल संजीव ठाकुर के अनाज के गोदाम पर मुनिबी करता है । तो रोज दोपहर मे चंदू को मौका मिल ही जाता है ।

खैर मैने थोडा सा अन्दर झाका तो रजनी वही बेड पर घोड़ी बनी थी और चंदू पीछे से तेज गति से अपनी मा को पेल रहा था ।

मै तो सुबह से चुत के लिए तडप रहा था और पहले चाचा के यहा निशा नही मिली और अब यहा इन लोगो को मै छेड़ना नही चाहता था क्योकि चंदू ने बोला था कि इसी हफते उसकी बहन चंपा आयेगी और वो मुझे उसके साथ मौका देगा ।

तो मै फिर उतरे हुए मन से वापस नीचे आया और चंदू के घर के बाहर निकला तो सामने करीम खां की दुकान पर सब्बो दिखी और मै झट से उसकी दुकान पर चला गया ।


करीम खां , इसका परिचय हो चुका है पहले भी । ये काफी मजाकिया मिजाज का आदमी है हालाकि उम्र हो गयी है लेकिन मजे लेता रहता है चाहे किसी भी उम्र के लडके हो ।

मै भी झट से करीम की दुकान मे घुसा और सब्बो मुझे देख कर मुस्कुरा दी ।फिर मैने भी एक मुस्कान दी उसको ।

मै - कैसे हो करीम काका
करीम - अच्छा हू सेठ तुम बताओ
मै ह्स कर - मै भी मस्त हू , ये क्या सिलवाने आई हो सब्बो दीईईइदीईईई

मैने जानबुझ कर सब्बो को दीदी बूलाया जिसका मतलब तो बखूबी समझ रही थी और मुझे झूठ के इशारे मे गुसस भी किया

स्ब्बो इतरा कर - ये ब्लाउज ठीक करवाने लाई थी
मै करीम से - क्या काका , अरे कम से कम साइज़ बराबर नाप लेते दीईइदीईई का

मेरे फिर से दीदी बुलाने पर सब्बो मुह ब्नाने लगी
मै उसके बगल मे काउंटर से लग कर खड़ा था तो थोड़ा आड़ देख कर उसके चुतडो को दबा दिया जिससे वो हिचक गयी । लेकिन खुद को स्म्भाल भी लिया और बडे गुस्से से मुझे देख रही थी ।
ऐसा भी नही था कि करीम खा सब्बो और उसकी मा के हरकतो से अंजान था बल्कि रुबीना के तालाब मे वो भी तैर चुका था ।

करीम खां एक कातिल मुस्कान के साथ- सही कर रहे हो सेठ आज सब्बो बिटिया का नाप ले ही लेता हू ,

फिर करीम खां अपने गले से फीता निकालता है

करीम - थोड़ा सही से खड़ा हो बिटिया ,,,, हा ,,, जरा हाथ खोलो ,,हा अब सीना फुलाओ

सब्बो इस समय एक टीशर्ट और लोवर मे थी लेकिन बिना ब्रा के टीशर्त मे उसके निप्प्ल सख्त थे ही लेकिन सीने मे सास भरने पर मानो गुब्बारे जैसे फुल गये हो ।

करीम खा भी सब्बो की जवानी के गुब्बारो का नजारा आंखो मे भरते हुए इंचीटेप के फिते को एक चुची के निप्प्ल के ठीक उपर ही रख कर फिते को कसता है जिससे सब्बो की सिसकी निकल जाती है और वही करीम नाप लेने के बाद भी सब्बो के निप्प्ल पर से अंगूठा नही हटाता है बल्कि उसे वही दबाते हुए घुमाता भी है ।

जिसे देख कर मुझे वापस से तनाव होने लगता है और एक बार फिर मेरे हाथ सब्बो की गाड़ पर घूमने लगते है ।

इधर सब्बो हमारे दोहरे अटैक से खुद को ढिला करने लगती है कि तभी सड़क पर एक गाड़ी की होर्न से हम तीनो का ध्यान भांग होता है और हम तीनो असहज महसूस करने ल्गते है ।

सब्बो हड़बड़ा कर - हो गया ना काका , शाम को मा आयेगी लेके जायेगी ब्लाउज, मै जाती हू

फिर वो झट से निकल जाती है
मै मस्ती भरे अंदाज मे - ओह्हो काका आज तो मनमानी कर ही ली हा

करीम थोडा खुद पर घमंड दिखाते हुए - अरे सेठ मैने तो ना जाने कितनी मनमानीया की है ये तो सालि एक नं की छिनार है , दोनो मा बेटी ,,,अब देखना शाम को आयेगी इसकी अम्मा रुबीना और पैसे के बदले अपना भोस्डा देके जायेगी

मै ह्स कर - ओहो काका , मतलब इस उम्र मे भी काकी की दबा कर लेते होगे फिर हा

करीम - अब तुमसे क्या छिपाना , मेरी पहली बेगम तो नही रही शादी के 5 बाद ही गुजर गयी । लेकिन दुसरी जो उसी की छोटी बहन थी , अल्लाह कसम बहुत गरम औरत है आज भी बडे जोश से निचोड लेती है अह्ह्ह

मै करीम की बाते सुन कर उत्तेजीत मह्सूस कर रहा था - फिर तो आज दो दो नदी नहाओगे काका मतलब

करीम - हा वो तो है हिहिहिही

फिर मै थोडी मस्ती किया और वापस दुकान पर आया एक दो बार कोसिस की मा ही राजी हो जाये तो वो नही मानी और शाम को घर निकल गयी ।
रात को 8 वजे तक मै भी दुकान बन्द कर घर गया जहा पापा और मम्मी पहले ही हाल मे बैठे बाते कर रहे थे वही दीदी किचन मे खाना बना रही थी ।

मै भी थकान से चुर मा के पास उन्के चुचो पर लदते हूए बैठ गया , मम्मी इस समय ब्लाउज पेतिकोट मे थी ।

मा - ओह्ह मेरा बच्चा कितना थक जाता है , जा जाकर नहा ले फिर खाना बन गया है साथ मे मिल कर खाते है ।

मै थोडा इशारे मे मा से दीदी के बारे मे पुछा की ये आज कैसे आ गयी और हमारी मस्ती का क्या होगा

पापा हलके आवाज मे - वो तेरी चाची बस उनदोनो को शहर छोडने गयी थी और एक दिन रुक कर वाप्स आ गयी तो आज ये

मै समझ गया पापा की बात
इतने मे सोनल किचन से बाहर आई और नहाने का बोल कर उपर चली गयी और मैने झट से मा को दबोच लिया

मा भी मेरे होठ चुसते हुए साथ देने लगी वही मेरे हाथ उनकी एक चुची को मिजने लगे थे कि तभी मेन गेट पर खट खट हुई और पापा जोकि बनियान और जान्घिये मे थे वैसे ही दरवाजे पर देखने चले गये , वही उनका भी लण्ड मेरे और मा के मस्ती से जांघिये मे खड़ा हो गया था ।

तभी थोडी देर मे शकुन्तला काकी की आवाज आई जो मा को आवाज देते हुए अन्दर आई ,,,और आज तो वो अस्मानी रंग की नायलान की मैकसी पहन के आई थी जिसमे उनकी ब्ड़ी चुचिया और गाड की गोलाई का पुरा शेप दिख रहा था ।

वही पापा उन्के पीछे खडे थे और उनकी उभरी हुई गाड को खा जाने वाले नजर से देख रहे थे , जिसे मै और मा बखुबी समझ रहे थे ।

शकुन्तला काकी मा के बगल ने बैठी जबकि पापा वही उसके बगल मे दीवाल से लग कर खडे होकर उसको अपने लण्ड का उभार दिखाने लगे जिसे शकुन्तला भी देख समझ कर मुस्कुरा रही थी

मा - अरे दीदी आप ,,,आओ आओ बैठो
शकुन्तला- अरे मुझे बिठा मत ,
फिर एक नजर पापा की ओर देखते हुए बोली - अरे वो मै कल बोली थी ना लाने के लिये


मा कुछ सोच कर ह्स्ते हुए - अरे हा ,,
मा - राज के पापा , वो जरा जो झोला टंगा है उसमे दीदी के कपडे होगे देना

फीर शकुन्तला एक नजर पापा की ओर देख्ती है तब उनदोनो की नजारे मिलती है और फिर उसकी नजर उस्के चेहरे के बराबर मे जांघिये मे खडे लण्ड के उभार पर जाती है । तब तक पापा बगल मे टंगी हुई खूटि से झोला खोलते है और निचे फर्श पर रख कर देखते हुए

पापा जो की बखूबी जान रहे थे कि कल शकुन्तला ने अप्नी ब्रा और पैंटी लाने के लिए मा को बोला था फिर भी वो नाटक करते हुए - अरे रागिनी इसमे तो कोई कपडे नही है ,, इसमे तो बस ये है

तभी पापा झोले मे शकुन्तला के लिए मा द्वारा लाई पैंटी को झोले के अन्दर ही उसकी पैकेट से खुला ही बाहर निकाल कर फैला कर हम सब के सामने दिखाते हुए बोल्ते है - अरे ये तो 40 नं की कच्छी है रागिनी देखो

शकुन्तला पापा की इस हरकत से झेप कर हस दी और वही मा भी हसने लगी ।

मा - अरे यही कपडे है दीदी है
पापा थोडा असहज होने का नाटक करते हुए शकुन्तला को देखते हुए - ओह्ह माफ करियेगा भौजी , हमको जानकारी नही थी कि ये आपकी है ,, लिजीये

पैंटी देने से पहले पापा जानबुझ कर शकुन्तला को देखते हुए उसके सामने ही पैंटी को हाथ मे मिजकर उसकी मुलायमता की जांच करते है जिसका इशारा शकुन्तला समझ रही होती है और पापा की हरकत से थोडी असहज महसूस करती है ।
शकुन्तला - साइज़ तो ठीक होगी ना रागिनी
मा हस कर - हा क्यू नही , अगर छोटी हुई तो बदल लेना उसमे क्या है

शकुन्तला- ठीक है , और वो भी तो था ना
मा ह्स कर - अरे हा , राज के पापा जरा उसमे दीदी का

मा के बात खतम करने से पहले ही पापा ने ब्ड़ी बेशर्मी से उनकी 38c की ब्रा निकाली और शकुन्त्ला को देते हुए - लो भौजी

शकुन्तला थोडा शर्मा कर पापा के हाथ से ब्रा लेती है ।
फीर थोडी देर बाते चलती है और फिर शकुन्तला अपने घर को जाने को होती है तो मा खुद उनहे गेट तक छोड़ने जाती है औ फिर वापस आती है ।

मा पापा से - जरा खुद के जज्बात को शांत रखिये , सबको एक जैसे ही समझ लेते है ,,अभी गेट के पास दीदी मुझे आपको हिदायत देने को बोली की घर मे कोई बाहर का आये तो कम से कम तौलिया ही लपेट लेते है

पापा हस कर - अरे अब मुझे क्या पता की कौन आ रहा है ,,, और क्या बोल रही थी वो

मा -वो ज्यादा नहीं बोली , मै ही बात को मजाक मे घुमा दी की , अरे अपने भौजी को देख कर भूल गये होगे ,

फिर हम सब हसने लगे ।
फिर थोड़ी देर बाद मै भी नहाने गया और खाना खाने बैठ गया, इधर हम लोगो प्लान फिक्स था रात के लिए लेकिन मुझे डर था कि अनुज है नही घर मे तो रात मे सोनल कही निचे ना आजाये या कोई गडब्ड़ ना हो जाये । क्योकि मेरे और सोनल की बाते मै मा और पापा को बताना नही चाहता था नही तो जो हाथ आने को था वो नही मिल पायेगा
लेकिन तभी मुझे ध्यान आया कि सोनल का तो अभी पीरियड चल रहा है तो मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आई और मै खाते हुए ही सोनल को मैसेज करता हू

मै - बरसात कब तक बंद होगी तुम्हारी
सोनल मेरी बात मतलब मेरे तरफ देख कर मेरे शरारती मुस्कान को देख कर समझ जाती है ।

सोनल - दो दिन और हो सकती है
मै जानबुझ कर मुह बनाने का नाटक किया मानो उसकी कितनी जरुरत हो मुझे

सोनल मुस्कराया कर एक मैसेज मुझे भेजती है - बस दो दिन और मेरे राजा , फिर जोत लेना जितना मन हो

मै मुस्करा कर - किस्स वाली एमोजी के साथ आई लव यू लिख दिया
बदले मे उससे भी किस्स वाली एमोजी के साथ आई लव यू टू मिला
खैर हम लोग खाना खा ही रहे थे कि पापा की नजर सोनल पर गयी और वो उसे छेड़ने के अंदाज मे - जानती हो रागिनी ,, आज मदनलाल जी का फोन आया था और वो अमन बाबू के बारे मे बता रहे थे कि उसका सेलेकशन गोवा के शिपयार्ड डिपार्टमेंट मे ऑफीसर की पोस्ट पर जॉब मिल गयी है ।
अमन की बात सुन कर सोनल शर्माने लगी लेकिन वही मा बहुत खुश हुई
मा - अरे वाह ये ती बहुत अच्छी बात है और क्या बात हूई ।

पापा - दरअसल , अमन बेटा का जुलाई से तीन महिने तक ट्रंनिंग होने वाला है तो मदनलाल जी चाहते है कि एन्गगेमेंट अगले महीने मे ही करा दिया जाये फिर ट्रेनिन्ग के बाद शादी भी हो जायेगी
मा थोडी परेशान होकर - अरे लेकिन एक महिने मे कैसे सब होगा जी , इतनी सारी तैयारीया करनी होगी क्या क्या करूंगी मै

पापा - अरे चिन्ता ना करो सब हो जायेगा
फिर ऐसे ही बाते हुई और फिर खाना खतम हुआ और सब अपने अपने कमरो मे चले गये ।
और रात मे थोडी सरोजा जी से बात हुई और फिर थ्रीसोम वाली मस्ती हुई दो राउंड और फिर मै वापस अपने कमरे मे सो गया
ऐसे ही दो दिन का समय बिता और मै दूकान पर था कि मा आई
और बोली कि मै आज घर जाकर ही खाना खा लू क्योकि कोई टिफ़िन था नही खाली जिसमे वो खाना लेके आती
मै बहुत खुश हुआ कि आज दीदी के साथ मस्ती करने का खुला मौका मिल गया और आज मै ये मौका छोडने वाला भी नही था तो मै झट से मा को बिठा कर निकल गया चौराहे वाले घर की ओर


जारी रहेगी
Bahot behtareen
Shaandaar update bhai
 

Pal bhai

Member
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Update 47 {(MEGA)}

मै मामी के साथ सामान लिये मामी की साडी मे थिरकते चुतडो को निहारते हुए जा रहा था । फिर हम स्टोर रूम तक गये तो मामी ने स्टोररूम का ताला खोलने के लिए अपनी कमर मे खोसी हुई चाभियो के गुच्छे को निकाला , लेकिन चाभी के गुछे के छल्ले का पिन उनकी साडी से फसा हुआ था और मामी ने थोडा जोर देके खीचा था जिससे उनकी साडी का कुछ हिस्सा उन्की कमर से बाहर की तरफ निकल गया और उनकी नीले रंग की पेतिकोट दिखने लगी ,,,लेकिन मामी बिना उसे अंदर खोसे वैसे ही झट से अंदर घुसी और मै भी उन्के पीछे अंदर चला गया और फिर मामी पास के एक टेबल पर सामान रखने को कहा और मै वापस सामान रख कर उनकी तरफ घुमा तो वो एक बडे बक्से को खोल कर उसमे झाक रही थी और एक गठरी निकाली जो एक पुरानी लुंगी की थी ।

मामी - राज पहले वो कम्बल इसमे डालो
मै कम्बल का गत्ठर उथा कर बक्से मे एक किनारे रख दिया
फिर शाल की गठरी को भी बक्से मे डाल दिया

मै - ये गथरी भी डाल दू मामी
मामी - नही इसे उठा लो और कमरे मे ले चलो
इधर हम काम मे लगे थे और उधर मामी की साडी धीरे धीरे काम करने से खुल रही थी । अब करीब बीते भर जितना मामी का पेतिकोट दिखने लगा ।
लेकिन मामी का इसपे कोई ध्यान नही था फिर हम बाहर निकले और जब मामी ने दरवाजा बंद करके ताला मारा और फिर जब चाभी खोसने के लिये कमर मे हाथ डाला तो

मामी - हाय दईया ये कब निकल गया
मै ह्सते हुए - वो तो जब हम अन्दर घुसे तभी निकल गया हिहिहिही

मामी - और आप जनाब मज़े से नजारा देख रहे है । ये नही की बता दे , कोई देख लेता तो
मै हस्ते हुए - लेकिन मामी कुछ दिख कहा रहा है हिहिहिही

मामी - क्यू और भी खोल कर देखना है क्या अभी
मै - मैने तो देखा ही है ना
मामी - अच्छा वो कब
मै - बचपन मे भुल गयी क्या आप मुझे नहाते समय छेड़ती तो मै भी आपको नहाते समय परेसान करता था हिहिहिही

मामी - हम्म्म्म बहुत बाते याद है क्या बचपन की
मै - मै हा सब
मामी - अच्छा फिर तो वो भी याद होगा न जब आप सीढ़ी से गिरे थे और आपके पीछवाड़े पर चोट लगी थी ,, एक हफ्ता तक मालिश मुझे करनी पडी थी

मै शर्मा कर - हा याद है कैसे भूल सकता हू ,, बदले मे मैने भी तो मालिश की है काफी बार आपकी कमर मे
मामी - हम्म्म बहुत याद आ रही है क्या मालिश कहो तो आज भी कर दू
मै - कर दो ना मामी मै तो तैयार ही हू ,,,लेकिन आगे पीछे दोनो तरफ करना पडेगा । हिहिहिहिहिही


ये बोल कर मै मामी के कमरे की तरफ भागा और मामी भी मेरे पीछे साडी पकड कर भागती हुई आई
लेकिन मै पहले पहच गया था और मामी दौड़ कर आते ही सांसे बराबर करने लगी

उनकी तेज सांसो से उनकी चुचिया उपर निचे हो रही थी । फिर मेरी नजर जब मामी के कमर पर गयी तो देखा कमर से पूरी साडी खुल चुकी थी और पेतिकोट मे कसे चुतड का उभार नजर आने ल्गा ।

मामी - अब आया ना पकड मे
मै ह्सते हुए - उससे पहले अपनी साडी पकड़ो मामी हिहिहिही

मामी ने जैसे ही निचे देखा तो माथे पर हाथ रख लिया । मामी ने तेज़ी से अपनी लसराती साडी को समेटा और कमरे मे घुस गयी। मै भी हस्ते हुए उनके पीछे पीछे चला गया ।

कमरे मे मामी ने जल्दी से साडी को खोला और सही करने लगी
सामने खड़ा मै उनकी गहरी नाभि को निहार कर मुह मे पानी ला रहा था । मामी अभी नीले ब्लाउज और पेतिकोट मे थी और उनका दुधिया गोरा बदन मुझे मदहोश किये जा रहा था । ब्लाऊज के कसे 38 साइज़ के चुचो की घाटी मुह मे पानी ला रही थी । मै मामी मे खोया हुआ था और कब मामी ने मुझे घूरता हुआ देख लिया मुझे पता ही नही चला

मामी - कहिये तो बटन खोल दू जहापनाह ,,, जन्नत के दिदार बन्द दरवाजे से क्यू करना
मै झेप कर - क्क्क्क्क्क्याआआ क्या , क्या कह रही थी मामी आप
मामी हस्ते हुए - अरे कह रही थी अगर कहिये तो बटन खोल दू आधा अधूरा दर्शन क्यू

मै शर्माकर घूम गया
मामी - सपने मे अपनी मामी को अपना बाबूराव चुस्वाते शर्म नही आई तो अब क्यू शर्मा रहे हो ।

मै घूम कर - वो सपना था ना मामी
तब तक मामी ने अपनी साडी फ़ोल्ड करके रख दी
मै - आप साडी नही पह्नोगे क्या
मामी - देख रही हू मेरे राजा बाबू को मेरे कपड़े पहनने से कही कोई दुख ना हो इसिलिए हिहिहिही ,,,,
मै - मतलब
मामी - अरे अभी पहन लुंगी थोडा काम कर लू पहले जल्दी जल्दी
फिर मामी वैसे ही ब्लाऊज और पेतिकोट मे काम करने लगी ,,जब भी वो झुकती मेरी नजर या तो उनकी उभरी गाड़ या फिर आधी झुल्ती चुचियो पर होती है और ये बात मामी भी नोटिस कर बिच बिच मे मुझे चिढा भी देती ।
फिर जब सारे सामान सेट हो गये तब लास्ट मे मैने मामी से पुछा - मामी ये गठरी क्यू लाई हो

मामी मुस्कुरा कर खुद खोलकर देख लो
फिर मैने वो गठरी खोलने ल्गा इस बीच मामी अपने आलमारी से सामान निकालने लगी । जैसे ही मैने वो गठरी खोली तो मै चौक गया ,, उसमे सिर्फ ब्रा पैंटी भरे थे जो की देखने मे भी पुराने लग रहे थे ।

मामी - क्यू क्या हुआ देख लिया ना
मै - मामी इतने सारे अंडरगार्मेंट्स किसके और कितने पुराने हैं,,

मामी - ये सब मेरे है
मै - क्या सब ,,लेकिन जब पुराने है तो फेक देना चाहिए ना
मामी - कहा जाऊ फेकने तूम ही बताओ , यहा गाव मे कोई ऐसे महगे मॉडल नही पहनता है , अगर कोई देख लेगा तो जान जायेगा कि मेरे ही है ।काफी साल पहले हुआ था ऐसे एक बार हमारे यहा काम करने वाली एक औरत ने बताया कि कुछ शराबी मेरे अन्दर के कपडे नहर के पास पा गये थे और मेरा नाम लेके गलत गलत बाते बोल रहे थे।तब से मै बाहर नही फेकति हू ।
और पहने हुए कपडे जला नही सकती ना ही इनका पोछा बन सकता है ।

मै - ओफ्फ्फ ये बात है , लेकिन ये सब देखो कितनी छोटी है क्या ये भी आपकी है ,, मैने एक मरून पैंटी को उठा कर मामी को दिखाया

मामी शर्मा कर - हा बाबा सब मेरे है
मै - लेकिन इतनी छोटी कैसे पहन लेते हो आप
मामी - अरे ये 8 10 साल हो गये इसको और ये देख ये उससे भी छोटी है हीहीहि
मै - हा मामी ,,, इसपे तो 32इन्च लिखा है ,, अभी आपका साइज़ क्या है

मामी - क्यू तुम क्या करोगे मेरा साइज़ जान कर
मै - अरे बस पूछ रहा हू मामी , नही बताना तो कोई बात नही

मामी - अरे ऐसी कोई बात नही है ,,,वैसे ले देख ले ये है मेरा साइज़ इस महिने का
मामी ने आल्मारि से निकाली हुई एक गुलाबी रंग की पैंटी मुझे उल्टी करके दिखाई जिसपे 38 इन्च का साइज़ लिखा था

मै आंखे बड़ी कर के देख रहा था । फिर मौसी ने दो ब्रा और पैंटी को गठरी मे रखा और बाँधने लगी

मै - अरे अरे इसे क्यू रख रही हो अभी तो ये नये लग रहे है
मामी ने उस पैंटी को उठाया और फैलाकर गाड़ के साइड वाले कपड़े पर एक होल दिखाया

मामी - देखो इसिलिए,,और कोई सवाल
मै - नही नही रख दो फिर
तभी मुझे गठरी से साइड निकली हुई एक लाल रग की डोरी दिखी जिसे मैने बाहर खीचा तो वो एक पैंटी थी जो एक पतली डोरी वाली थी ,,,और उस्मे सिर्फ चुत ढकने का कपडा ल्गा था बाकी एक डोरी गाड़ की दरार से कमर तक जाती ।

मै उसे फैला कर मामी को दिखाते हुए - ये क्या मामी

मामी हस्ते - ये कुछ नही है रखो तुम अब
मै जिद करते हुए - बताओ ना मामी प्लीज
मामी हस्ते हुए - ये भी पैटी है मेरी ,, पिछ्ले महीने लाये थे तुम्हारे मामा

मै गौर से देखने का नाटक करते हुए - ये तो करधन जैसी लग रही है और आप इसे कैसे पहनती थी

मामी - बस 2 3 बार ही पहना है
मै - ये आपको हो ही नही सकती और आप कह रहे हो की आपने पहना है ,, जरुर छोटे होने के कारण इसे भी गठरी मे डाल दिया ना

मामी - नही पागल साइज़ एक दम सही था ,,लेकिन इसको पहनने के बाद भी लगता ही नही था कि कुछ पहना है इसीलिये

मै - आप अभी भी झुट बोल रही हो ना , मै नही मानता की ये आपको होगा ,और मेरी खुद की दुकान है मामी इन सब की ।

मामी - तो तुम क्या चाहते हो मै पहन के दिखाऊ
मै - और कोई तरीका है क्या साबित करने का ,,,और अगर आपको ये हो गया तो मै आज का इनाम नही लुन्गा

मामी - अच्छा जी आपको नही लगता की शर्त कुछ हल्की है
मै - हा तो जो आप कहोगे मै करूँगा
मामी - पक्का ना , फिर पीछे मत हटना
मै हा बिलकुल क्यू नही ।

मै तो मामी के नंगे गोरे गाडो का दिदार करने के लिए कुछ भी दे सकता था ये तो सब एक शर्त थी ।
मामी उठी और दरवाजा अच्छे से बन्द किया ।

मामी - सोच लो हीरो अगर हार गये तो पलटना मत
मै - उसकी जरुरत ही नही आयेगी मुझे पुरा यकीन है ।
मामी - ठीक है
फिर मामी ने मेरे सामने ही अपने पेतिकोट के अंदर दोनो तरफ हाथ डाला जिससे उनका पेतिकोट घुटनो तक उठा गया और मामी की गोरी गोरी पिंडलीया दिखने लगी और एक भी बाल नही थे । एकदम मुलायम दूध सी चमकती टाँगे देख कर मुह लार से भरने ल्गा ,,मन तो कर रहा था की अभी मामी को झपटकर चोद दू ।

तभी मामी थोडा सामने की तरफ झुकी और पेतिकोट के अन्दर हाथ डाले थोडी देर बाद पहनी हुई पैंटी बाहर निकाली जो की नेवी ब्लू रंग की थी । इस दौरान मामी के चुचो की घाटियो की गहराई देख कर मैने और आहे भरी ।
फिर मामी ने वो पैंटी बेड पर रखी ,,जो दिखने मे कित्नी मुलायम लग रही थी कि मन कर रहा था अभी उसे उठा कर सूंघ लू ,,,ये सब सोच कर ही मुझे नशा होने ल्गा था और लोवर मे टेन्ट बनना शुरू हो गया था ।
फिर मामी मेरे हाथ से वो पतली डोरी वाली पैंटी ली और उसे बारी बारी से एक एक पैर मे डाला और उपर चढ़ाने लगी । इस बार पैंटी चढ़ाने मे मामी का पेतिकोट आधे जांघो तक गया ।
आहहह मामी की गदरायी जान्घे अब तक मेरे द्वारा देखे गए उन्के बदन के हर हिस्से से भी ज्यादा गोरी थी । मन तो कर रहा था कि अभी झुक कर चाट जाऊ ,,, पुरा मुह पानी से भरने ल्गा था ।

अब तक मामी ने पैंटी उपर चढा ली और बोली - देखा हो गया ना
मै - क्या पता हुआ भी है या आधे रास्ते अटका कर रखी हो आप शर्त जितने के लिए

मामी - अब क्या खोल कर दिखाऊ
मै - जब तक देखून्गा नही तब तक कैसे पता चलेगा

मामी - लेकिन उसके लिए मुझे पेतिकोट खोलना पडेगा
मै - कोई बात नही खोल दो ,,,वैसे भी मैने सब देखा ही है
मामी चौक कर - कब
मै - सपने हिहिहिही
मामी - धत्त पागल, सपने मे तो तुम क्या से क्या कर लिये मेरे साथ
मै - अब हाथ आया मौका कैसे जाने देता ,
मामी - बदमाश , कही फिर से मौका पाकर मुझे असलियत मे वही सब करने लगे तो ,,मै तो लूट जाउंगी ना
मै - मतलब आप नही दिखाओगे , यानी की शर्त हार गये आप
मामी - नही ऐसा नही होगा
मै - ठीक है फिर जल्दी दिखाओ देखो 1 बजने को है गीता बबिता के आने का टाईम हो रहा है
मामी - वो सब 3 बजे बाद आती है ।
मै - आप दिखा रहे हो या नही
मामी - अच्छा ठीक है मेरे हीरो नाराज ना हो ,,तुम्हारे लिये तो मै सारे कपडे निकाल दू
मै हस्ते हुए - हीहीहि दिख रहा है कैसे बहाने बना रहे हो आप
मामी - वो ना दिखाने का कारण कुछ और है राज
मै - क्या बताओ
मामी - वो नही बता सकती
मै - ठीक है फिर दिखा दो शायद मुझे जो देख्ना है वो दिख जाये और आप जिस कारण से नही दिखा रही थी वो कारण भी मिल जाये

मामी - हा यही करना पडेगा
तुम थोडा दुर हो जाओ ,,नही तो क्या पता खुला माल पाकर डाका डाल दो तब हीहीहि

फिर मामी बेड की तरफ गयी और मेरे तरफ अपनी गाड़ की करके आगे को तरफ झुक कर धीरे धीरे अपना पेतिकोट उपर करने लगी ,, पहले वो गोरी गोरी पिंडलीया ,, फिर दुधिया जान्घे और जैसे ही मामी ने अपनी गाड़ के उपर से पेतिकोट को कमर तक चढ़ाया तो मै आंखे फाडे मामी को गोरी चमड़ी वाली तो दुधिया तरबूज जैसी मोटी मोटी गाडो के बिच फसी एक डोरी को देखा
मेरा सुपाडा चमडे से बाहर आगया । मै थूक गटकते हुए एक बार अप्नी लण्ड को सह्लाया और फिर मामी की तरफ देखा जो मुझे गरदन घुमाये देख रही थी कि कैसे मैं लण्ड को सहलाते हुए उनकी दुधिया सफेद गाडो को निहार रहा हू
मामी मुस्कुराती हुई - देख लिये हीरो तो फाटक गिरा दू
मै - अरे कहा है आपकी पैंटी दिख ही नही रही ,, और वो डोरी कहा है
मामी मुस्कुराते हुए - अरे मेरे भोले राजा बाबू जरा ध्यान से देखिये कहीं खो तो नही गया

मै थोडा मुह बना कर - सच मे नही दिख रहा है मामी ,, आपने पहना ही नही है मेरे ख्याल से

तभी मामी सीधि हुई और पेतिकोट को निचे किया और झट से नाड़ा खोल कर निचे गिरा दिया ,,, और मेरे सामने मामी लगभग आधी नंगी सामने आ गयी थी ,,,और नंगी कमर , नंगी जान्घे और चुत को ढकने की नाकाम कोसिस करती वो छोटी सी पैंटी । मामी के दधिया बदन पर वो लाल पैंटी बहुत जंच रही थी और पैंटी के बगल से उनकी काली झाटे बाहर की तरफ फैली हुई थी जो उन्का रूप और निखारे जा रही थी ।

मामी - देखा पहनी हू ना
मै - हा लेकिन पीछे क्यू नही दिख रही है
मामी मुस्कुरा कर - वो पीछे फसी हुई है तो कैसे दिखेगी
मै - कहा फसी है
मै झट से मामी की तरफ गया और उन्के पीछे कमर के बीच से एक डोरी मामी के तरबूज जैसी गाड़ के बीच के दरारो मे जाती हुई दिखी

मै - हा हा मिला , और उंगली डाल कर वो डोरी को बाहर की तरफ खीचा तो वो मामी के दरारो को चौड़ा करते हुए बाहर आई ,, फिर मैने उसे वापस छोड दिया जिससे रबर की वो डोरी सीधा मामी के एक मोटे गुदाज गाड़ के पाट पर चट्ट से लगी ।

मामी - अह्ह्ह क्या कर रहे हो राज दूखता है
मामी इस्से पहले अपना हाथ पीछे लाती मैने खुद अपना बाया हाथ से मामी के उसी चुतड को जहा डोरी लगी थी सहलाने लगा ।
अह्ह्ज कितना नरम , मक्खन से स्पर्श हुआ और मानो मै झड़ ही जाऊंगा
मै - सॉरी सॉरी मामी वो डोरी पतली थी तो सरक गयी ।

मामी - सॉरी के बच्चे मेरा पिछवाडा लाल कर दिया आह्ह मा अभी भी दर्द है अह्ह्ह
मै झुक कर मामी की गाड़ पर फुक मारने लगा और हाथ से सहलाने ल्गा
मामी मेरी इस हरकत से हसने लगी
मामी - बस बस हो गया अब चांस मारने की जरुरत नही है हीहीहि
मै - क्या मामी मुझे चांस लेना होता तो ऐसे थोडी ना लेता
मामी - अच्छा तो जनाब बतायेगे कैसे
मैने सोचा इससे अच्छा मौका मिल ही नही सकता और मामी तो खुद आफर कर रही है

मैने एक तेज का थप्पड़ छप्प से मामी दाई चूतड़ पर बाये हथ से मारा और हाथ मे जकड़ कर मसलने ल्गा

मामी पूरी तरह से सिहर गयी और एक तेज सिसकी भी निकल गयी ।
मामी - अह्ह्ह मा क्या हीरो आज का बदला ले रहे हो क्या
मै मामी की गाड़ को सहलाते हुए बोला - अरे बदला लेना होता तो ऐसे थोडी ना लेता
मामी सिसकते हुए - फिर कैसे लेते मेरे राजा बाबू आह्ह्ह्ह उम्म्ंमममं

मै मामी को मदहोश होता देख
उनकी नंगी कमर मे अपना दाहिना हाथ डाल कर उन्के नाभि को सहलाए हुए पेड़ू के पास हल्की उंगलिया घुमाने लगा,,, मामी मेरे कन्धे के सहारे टिक गयी और मीठी मीठी आहे भरने लगी ।
मै - बताऊ मामी कैसे बदला लेता
मामी - सीईई उम्म्ंम्ं हा बताओ ना मेरे राआआआजाआअह्ह्ह बाबू उम्म्ंम्ं
मैने मामी के गाड़ के दरारो मे उंगली पेल दी और अपना दाया हाथ से मामी के मुलायम चुचो को ब्लाऊज के उपर से मसल्ते हुए एक एक बटन खोलने ल्गा
मामी - क्या कर रहे हो राजा बाबू , इसे क्यू खोल रहे हो
मै - बदला ले रहा हू ना मामी
मामी - अह्ह्ह लेकिन मै तो तुम्हारे कपडे नही निकाले ना
मै - हा लेकिन मुझे नंगा देख कर फ़ोटो निकाला ना
मामी सिस्कते हुए - अह्ह्ह्ह क्या तुम मेरी भी तस्वीर निकालोगे उम्म्ंम्ं इस्स्स्स
मै लगातार मामी की गाड़ कुदेर रहा था ।

मै - हा क्यू नही ले सकता अपनी हेरोइन की तस्वीर
मामी - क्यू नही मेरे राजाआह्ह्ह्ह्ह लेलो ना जैसे मन हो
फिर मैने मामी के ब्लाऊज को पुरा निकाल दिया और पीछे से ब्रा का हुक भी निकाल दिया ।

अब मामी के बदन मे एक पतली सी पैंटी थी जो नाम भी की थी ।
फिर मैने मामी को घुमा कर बेड पर लिटा दिया ,,मामी भी अपने दोनो हाथ उपर उठाए बिस्तर पर गिर गयी
अह्ह्ह मा क्या दधिया बदन था मामी का ,,, लण्ड लोवर मे तुफान म्चाये हुए था और मामी की हिल्ती गोरी गोरी चुचिया इतनी रसिली थी ।

फिर मैने जेब से मोबाईल निकाला और कुछ हॉट तस्बिरे निकाली मामी की
मामी - अब हो गया ना हीरो
मै - अभी कहा
मामी - ले तो ली न तस्वीर अपनी हॉट ऐण्ड सेक्सी हेरोइन की हीहीहि

मै सारा फोक्स मामी के चुत पर ले गया और मेरी नजर को देख कर मामी समझ गयी कि मै क्या चाहता हू

मामी तुरंत चुत के उपर हाथ रखते हुए - नही नही राज प्लीज इसे नही खोल्ना अब
मै - क्यू
मामी - देख नही रहे कित्ने बाल है वहा ,, कितना गन्दा दिख रहा है भ्क्क्क
मै - अच्छा यही वो कारण जिसके लिए आप पेतिकोट नही निकाल रही थी
मामी - हम्म्म्म , अच्छा नही दिखता है ना
मै - वो तो खोलने के बाद पता चलेगा की कैसा है
मामी - प्लीज राज नही

मै - देखो अगर आप चाहते हो मै उसकी तस्वीर ना लू तो आपको मेरा एक काम करना पडेगा
मामी - हा बोलो ना मै सब करने को तैयार हू
मै - पक्का ना सोच लो
मामी - हा पक्का
मै - तो ठीक है आपको वो करना होगा जो आज सुबह मैने देखा था सपने मे

मामी ह्स्ते हुए - धत्त मै जानती थी तुम मौके फाय्दा जरुर लोगे
मै - अब या तो फ़ोटो निक्ल्वाओ या जो बोला है वो करो

मामी मुस्कुराती हुई उठी और एक नजर मेरे लोवर मे खडे लण्ड को देखा और मुस्कुराते मेरा लोवर निचे किया फिर मेरा अंडरवियर भी निचे खीचा जीससे मेरा खड़ा लण्ड उछल कर तन गया मामी के सामने

मामी आखे फाडे थूक गटक कर बोली - ये तो सुबह से बड़ा है
मै - हा अपनी हीरोइन के हुस्न को देख कर सलामी दे रहा है
मामी - अच्छा ये बात है फिर तो मै अपने फैन का ख्याल रखुन्गी ही , हिहिहिही
फिर मामी ने जीभ को निकाला और मेरे सुपाडे को चाटा और लण्ड को मुह मे भर लिया ,,
मै - अह्ह्ह मामी सीईई उह्ह्ह्ह अह्ह्ह
मामी मुझे देखते हुए पुरा का पुरा लण्ड मुह मे भरना शुरू कर दी और मेरे पेट पर एक हाथ से सहलाने लगी ।
मै जोश मे आकर अपनी टीशर्त निकाल दी ,,और मामी गपागप मेरे लण्ड लो चूसे जा रही थी ।
मै - अह्ह्ह मामी क्या मस्त चुस रही हो मेरा लण्ड आह्ह मज़ा आ रहा है

मामी लण्ड को मुह से निकाल कर अपनी जीभ को मेरे सुपाडे के निचली नशो मे रगड़ते हुए बोली - क्यू मेरे राजा मज़ा आ रहा है ना सपनो जैसा

मै - अह्ह्ह मामी म्ज़ा तो बहुत आ रहा है लेकिन
मामी - लेकिन क्या मेरे हीरो
मै - लेकिन मैने सिर्फ़ यही ब्स थोडी ना किया था सपने मे अह्ह्ह उम्म्ंम
मामी मेरे लण्ड की सुरुकते हुए - अच्छा और क्या क्या किया था मेरे राजा बताओ ना

फिर मै झट से मामी को उठाया और घुमा कर उनकी पीठ को अपने सीने से लगाते हुए , लपक कर उनकी मुलायम चुचियो को दोनो हाथो मे जकड़ उनको मिजते हुए बोला - अह्ह्ह ऐसे ही सपने मे आपकी इन मुलायम चुचियो को मिज रहा था ,,,

इधर एक तरफ बेदर्दी से मामी के चुचे मसल रहा था वही मेरा लण्ड मामी के गाड़ के उपरी सिरे को छू रहा था

मामी - अह्ह्ह इमम्म्ंं उह्ह्ह्ह इतनी तेज मिज रहे थे क्या मेरे राजाआह्ह्ह्ह

मै मामी के मुलायम दाने वाले गुलाबी निप्प्ल को उंगलियो से खिचते हुए बोला - बिलकुल ऐसे मसल रहा था मेरी रानी आपके चुचे
मामी - उफ्फ़फ्फ अह्ह्ह मेरे राजा जी कहा से सीखी उम्म्ंम स्स्स्स इस्स्स उफ्फ्फ अह्ह्ह्ज और रगडो मेरे राजा और मसलो
मामी आपने दोनो हाथ मेरे हाथो पर रख कर अपनी चुची रगड़ रही थी और बार बार अपनी गाड़ मेरे लण्ड से टकरा देती
फिर मै मामी को झटके से अपनी तरफ पल्टा और उनके गुलाबी पतले होठो को अपने होठो मे लेके चुसने ल्गा ,,इस दौरान मेरा लण्ड सिधा मामी के पेड़ू पर घिस रहा था और मेरे दोनो हाथ मामी की तरबूज जैसे चुतडो को फैला रहे थे । किस्स मे मामी मेरा भरपूर साथ दे रही थी ।
फिर मैने झुक कर मामी के एक म्म्मे को पकड़ा और उसकी गुलाबी निप्प्ल को चुस्ते हुए मामी की गाड़ मे उंगली से खोद रहा था
मामी के दुधिया म्म्मे मेरे हाथों की जोरदार मस्लन से लाल हो गये थे और मेरे होठो का स्पर्श अपनी मुलायम चुचो पर पाकर मामी मेरे सर को अपनी छाती मे दबाने लगी

मामी - अह्ह्ह राजा और चुसो और हा ऐसे ही उम्म्ंम्ं इतना न्शा आज तक नही हुआ मुझे अह्ह्ह उम्म्ंम उफ्फ्फ स्सीई उम्म्ं
मामी का एक हाथ वापस से मेरे लण्ड को थाम चुका था
मै मामी को सीधा अपने साम्ने किया और एक बार उन्के होठो को चुमा फिर बोला - मामी मेरी जान,,
मामी - हा बोलो ना मेरे राजा
मै - मामी मुझे आपकी झाटो से भरी ये चुत चाटनी है , मामी के चुत को पैंटी के उपर से सहलाते हुए बोला

मामी - सीई अह्ह्ह्ह सच मे तुम्हे मेरी झाटो से भरी चुत पसंद है मेरे हीरो
मै मामी के गरदन को चुमते हुए उन्के कान मे जाकर बोला - हा जानू ,, बोलो ना चुसवओगी अपनी झाटो वाली गुलाबी चुत
मामी मदहोश होते हुए - सीई उम्मममंं अह्ह्ह्ह्ज्ज्ज हा मेरे राजा चुस लो अपनी रानी की चुत

फिर मै झट से मामी को बिस्तर पर लिता दिया और उनकी पतली सी पैंटी को निकाल कर फेक दिया ।
अह्ह्ह क्या मस्त काले घुघराले झान्तो से घिरी चुत थी जो गोरी गोरी जांघो पर और खिल रही थी
हल्की हल्की मामी के सोमरस की बुन्दे मामी के काले झाटो को एक अलग ही चमक दे रही थी ।
मै झुक कर मामी के जांघो को चौड़ा किया और उन्के एक गोरी मखमल सी मुलायम जांघ पर अपने चेहरे को सहलाने ल्गा ,,और चूमते हुए मामी की चुत की तरफ बढने लगा ।
जैसे जैसे मै मामी की चुत की तरफ जाता वो उनकी सिस्क बढ़ती जाती
फिर वो पल आया जब पहली बार मैने मामी के चुत की खुस्बु ली और लपालप से जीभ को उनकी झाटो मे चुत के दाने खोजते हुए फेराने ल्गा

मामी - सीई अह्ह्ह्ह मेरे राजा उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ्फ खा जाओ मेरी चुत को उम्म्ंम
मामी गाड़ पटकने लगी थी
कुछ ही पलो मे मामी के बुर के होठ मेरे होठो के गिरफ्त मे आ गये और मैने दोनो हाथो से मामी की झाटो को साइड करके मामी के चुत के होठो को अपने मुह मे चुबलाना शुरु किया

मामी गाड़ पटक रही थी - अह्ह्ह्ज उह्ह्ह हाअय्य्य मा मर गयीईईई खा जा मेरे बुर को मेरे राजा ,,, कहा था तू अब तक रे अह्ह्ह्ह और चुस मेरे हीरो अह्ह्ह्ह खा जा अपनी रानी की चुत

मै ल्पालप मामी की चुत मे जीभ डालकर अंदर घुमाये जा रहा था ,,कुछ ही पलो मे खट्टे मीठे पानी का सैलाब मेरे मुह मे आया

मामी - अह्ह्ह्ह अह्ह्ह मै झड़ रही हू मेरे राजा अह्ह्ह बचा ले मुझे अह्ह्ह मा उफ्फ़ हाय्य दईया ये दर्द उम्म्ंम मा उफ्फ्फ चाट ले मेरे चुत को मेरे हीरो
जैसे ही मै मामी की चुत से हटा , मामी झट से उठी और ग्प्प से वापस मेरे लण्ड को मुह मे भर कर चूसते हुए अपनी चुचिया मिजने लगी

मै -ओह्ह्ह मेरी रानी इतनी प्यासी हो लण्ड के लिए अह्ह्ह और चुसो अभी तो आपके इस गुलाबी भोस्दे मे भी तो घुसना है अह्ह्ह लोगी ना मामी मेरा लण्ड अपनी बुर मे
मामी - अह्ह्ह हा मेरे राजा क्यू नही गुउउउऊ गुउउऊ गुउऊ सुउउर्रृऊऊऊऊपपपपप अह्ह्ह्ज कितना मोता लौडा है मेरे राजा ,,,बहुत मज़ा आ रहा है
मै - चुस लो मेरी जान अह्ह्ह इह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम इसस और और हा अह्ह्ह

फिर मै मामी को अलग किया और घोड़ी ब्ना कर उन्के गाड़ को चूम्ने लगा

मै - आह्ह मामी सच मे इत्नी गोरी गाड़ मैने किसी की नही देखी
मामी - अच्छे से देख लो मेरे राजा और चोदो मुझे

मै झट से अपना गिला लण्ड मामी की चुत मे सेट किया और एक जोरदार धक्के से अंदर पेल दिया

मामी - अह्ह्ह्ह मा उह्ह्ह साले सच मे भोस्डा समझा है क्या ,,,आराम से चोद ना हाय्य्य मा,,, अह्ह्ह सीई उम्म्ं उफ्फ्च हा ऐसे ही अह्ह्ह हा हल्का हल्का अभी करो मेरे राजा अह्ह्ह उह्ह्ह्ह हम्म्म्म्ं

मै - क्या हुआ रानी ज्यादा तेज लण्ड डाल दिया क्या
मामी - हा मेरे राजा लेकिब भी मज़ा आ गया था हा ऐसे ही और चोदो मुझे अह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है उफ्फ्फ्फ कितना गर्म लौडा है मेरे हीरो का उह्ह्ह अह्ह्ह
मैं मामी की गाड़ को मस्ल्ते हुए चोद रहा था ,,, बहुत ही मज़ा आ रहा था
फिर मैने पोजिसन बदली और मामी के जांघो को अपने कन्धों पर डाल कर लण्ड को वापस मामी की चुत मे उतार दिया

मामी - ओह्ह्ह मा उफ्फ्फ ये तो पेट तक जा रहा है हा थोडा तेज अह्ह्ह हा हा हा ऐसे ही ऐसे ही अह्ह्ह्ह मा ओह्ह्ह मा रुकना मत मेरे राजा और चोदो और और तेजज़्ज़्ज़ अह्ह्ह

मै थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप थप करके धक्के मामी की बुर मे ल्गाये जा रहा और खुद चरम सीमा पर पहुंच गया था

मै - अह्ह्ह मामी मेरा आयेगा
मामी - अंदर नही मेरे मुह मे डाल दो आह्ह जल्दी जल्दी
मै झट से उठा और लण्ड मामी के मुह पर ले जाकर हिलाने ल्गा और कुछ ही बार मे मेरा माल मामी के मुह पर गिरने ,, फिर मामी के मुह मे लण्ड डाल दिया जिसे वो चुस कर छोड दी औए अपने चेहरे पर ल्गे मेरे वीर्य को चाटते हुए मुस्कुरा रही थी

मै झुक कर उन्की एक चुची को मुह मे लेके चूसा और छोडदिया

मामी - ले लिया बदला न अब हू
मै - हा ले तो लिया लेकिन अभी और लेना है

मामी हस्ते हुए - बदमाश मै जान्ती थी अगर तुम्को मौका मिला तो तुम मुझे नही छोडने वाले
मै - फिर भी मुझे मौका दिया
मामी मुस्कुरा कर - आपने राजा बाबू को उदास कैसे कर सकती थी
मै - मुझे उदास नही देख सकती थी की मेरे लण्ड ने बेकाबू किया था सुबह से हीहीहि

मामी - नही तो ऐसा कुछ नही है
मै - आपका प्ता नही लेकिन मुझे आपकी मोटी तरबूजे जैसी गाड़ ने बहका दिया और आपकी ये दूधिया चुचे और झाटो से भरी चुत के क्या कहने

मामी शर्मा गयी - अब ब्स भी करो ये सब हमेशा अच्छा नही लगता है
मै झट से घुटनो के बल हुआ और आधे सोये लण्ड को मामी के मुह पे रख के उनकी चूची को मसलते हुए बोला - तो चलो ना मामी फिर से एक बार सेक्सी बाते करते है ।

मामी मेरा मतलब समझ गयी और मेरे लण्ड को चुस कर खड़ा किया ,,वापस से मैने मामी को एक बार और चोदा फिर हम लोग फ्रेश होकर करीब 2:30 बजे खाना खाने किचन मे चले गये ।


देखते है दोस्तो आने वाले अपडेट मे अब क्या कुछ नया होने वाला
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
पढ कर अपनी राय कहानी के लिए जरुर दे ।
धन्यवाद

सूचना - अगले दो दिन के लिए मै कुछ विभागीय कार्य से बाहर जा रहा हू । सरकारी नौकरी के अलग ही फंडे है दोस्तो । शुक्रवार को वापस आने के बाद ही अगला अपडेट दे पाऊन्गा ।
Mast update bhai
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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बहुत खूब दोस्त कहानी आगे बढ़ रही है देखते हैं की घर जाकर मौका मिलता है या कुछ और इंतज़ार रहेगा।
Bahut bahut dhanywaad bhai
Keep supporting

Let's seen what going on
 
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