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Thanks bro keep supportingShandaar update
Next update will come tomorrowDost waiting for next update
Ok bhai.. no problemसूचनामौजुदा समय और अगले महीने के आखिरी हफ्तो तक मै निजी और विभागीय दोनो कारणो से व्यस्त रहने वाला हू तो ऐसे मे हो सकता है कि अपडेट लेट ही मिले , लेकिन कहानी जारी रहेगी ।
अपना प्यार और सपोर्ट बनाये रखे ।
fantastic update waiting for next
माँ, पापा और बेटे तीनो का सपना पूरा हुआ। बहुत ही कामुक, रोमांचक और बेहतरीन अपडेट।
Baar ka scene bana kar maa ki baar baar li... waah Bhai behatreen update, Maa beta aur baap teeno bahut khul chuke hain aur maa ko dono taraf se ek sath bajane mein kitna sukh milta hoga dono ko... Waise parivar mein do sadasya aur bhi hain wo kab khulenge..
Intezar hai agali Update ka
Baap beta or maa teeno maza le rehe dil khol ker sahi h
Bahot sahi jaa rehe ho lage raho
Badhiya shaandaar update bhai
Fantastic update
Kya review dein aap ko.aap to har update main kamal dhamal kar rahe ho bro.osm shandaar jo kahen kam hai.
Superb... humme to shadishuda beti Sonal ka intezar hai
Dhasu update bhai
Lajabab Update...
Superb hot update
Nice update
Wah bhai wah, kya likhte ho. Bohat mast story hai, agle update ka intezaar hai
Behtreen update dost
Mast mazedaar threesome. Pratiksha agle rasprad update ki
बहुत खूब। अगले अपडेट के इंतज़ार मे .....
Update kab aayega
Shandaar update
बहुत खूब दोस्त कहानी आगे बढ़ रही है देखते हैं की घर जाकर मौका मिलता है या कुछ और इंतज़ार रहेगा।UPDATE 89
सुबह 9 बजे के करीब मेरी निद मा के जगाने पर खुली तो पता चला की पापा नहा कर दुकान पर निकल गये और मा खाना बनाने की तैयारी कर रही थी ।
मै भी उठा और अपने कमरे मे गया तो देखा मेरा मोबाईल मे कुल 17 मिस्काल और 12 मैसेज है और डाटा ओपेन करते ही भर भर के notification की बिप कुछ सेकेण्ड तक आती रही ।
फिर थोडा देर मे जब मोबाईल थामा तो देखा की सरोजा के अकेले 12 मिस्काल और 4 sms थे । बाकी के सोनल और कोमल के थे ।वही whatsaap पर एक दो मैसेज सरोजा के थे लेकिन सोनल ने तो अपनी और निशा के साथ रात मे की गयी मस्तीयो की तस्वीरे भेजी थी और एक वीडियो भी जिसमे निशा रिकॉर्ड कर थी सामने से सोनल उसकी चुत चुस रही थी ।
देख कर ही सुबह सुबह मूड बन गया । समझ ही नही आया कि क्या करु किसको रिप्लाई करू ।
फिर थोडा विचार कर सोनल से बाद मे बात करने का बोल कर एक दो तस्वीरो पर हार्ट रिएक्शन की एमोजी भेज दी और गुड मॉर्निंग लिख दिया ।
वही सरोजा जी को गुड मॉर्निंग का sms किया और रात मे कोई रेपोंस ना देने के सॉरी भी लिख दिया ।
फिर कोमल को भी गुड मॉर्निंग विश कर दिया ।
फिर मै फ्रेश होने चला गया और जब नहा कर वापस आया तबतक सरोजा जी का मैसेज आ चूका था और वो फुल गुस्से मे रिप्लाई की थी कि,,,मै समझ गया कि ये काफी समय से भुखी है और कल रात बात ना करके मैने कुछ ज्यादा ही इसे नाराज कर दिया । जल्द ही इसको चोदने का प्लान करना पडेगा नही तो इस गर्म तवे पर कोई और ना अपनी रोटी सेक ले ।
खैर इस बार मैने सीधा काल किया और थोडा बहुत बहाना बना कर कि अनुज बडे सहर गया और दीदी चचा के यहा है तो काम का दबाव ज्यादा है और थोडी बहुत सफाई देने के बाद वो मान गयी तो मैने जल्द ही उससे मिलने को मिला और फिर फोन रख दिया ।
फिर मै नहा धोकर तैयार हुआ और मा ने नाश्ता करने को दिया , फिर मै उनको बोल कर दुकान के लिए निकल गया ।
थोड़ा देर काम करने के बाद वापस से मोबाईल चेक किया तो कल रात मे हुए निशा और सोनल के बीच की मस्तीयो की तस्वीरे याद आई और मैने वापस से व्हाटसअप खोल कर एक एक तस्वीर को खोलकर ध्यान से देखा जिससे मेरा लण्ड खड़ा हो गया ।
मन तो करने लगा की अभी जाकर इनदोनो की खुजलाती चुत को बल भर पेलू
लेकिन इस वक़्त दुकान पर कोई था भी नही ।
और अभी सुबह के 10 बज रहे थे इसका मतलब था की वो दोनो सिलाई सेंटर गयी होगी । फिर दुकान भी देखना था
खैर समय बिता और 11 वजे तक मा खाना लेके आई और फिर हमने खाना खाया और मैने जब पापा के बारे मे पुछा तो मा ने बताया कि उनका खाना बबलू काका लेके गये थे ।
फिर मा और मैं दुकान मे आये ग्राहको को डील करने लगे और करिब 12 वजे मै मा को एक काम का बहाना कर निकल गया चाचा के यहा और उनके यहा गया तो शटर आधा गिरा हुआ था ।
मै सोचा कि घर पर चाची और राहुल नही है और निशा दुकान पर बैठती नही है तो शायद खाना खाने गये होगे ।
तो मै भी बिना किसी रोक तोक के झट से झूक कर अन्दर दुकान मे घुस गया और गलियारे से हाल की तरफ गया तो सब खाली था मुझे लगा कि शायद चाचा दुकान बंद कर बाहर तो नही गये कही । और ये निशा - सोनल भी नही नजर आ रही थी ।
क्योकि किचन निचे ही था और चाचा चाची का कमरा भी भिड्का हुआ था तो मै ज्यादा ताक झाक ना करते हुए वापस दुकान की ओर जाने को हुआ कि, तभी चाचा के कमरे का दरवाजा खुला और चाची बाहर आई , जो इस समय सिर्फ पेतिकोट मे थी उनकी 36 की झुल्ती हुई चुची लटक रही थी और वो हस कर कमरे देख रही थी ।
मै झट से गलियारे की दीवाल से चिपक गया और तभी चाचा बाहर आये ।
चाचा - आजाओ ना जानू प्लीज , कल जबसे गयी हो तब से पूरी रात नींद नही आई
मेरी नजर चाचा पर गयी तो वो इस समय सिर्फ शर्त मे थे और निचे उनका झूलता करीब 6-6.5" लण्ड था ।
वो लपक कर वापस से चाची को पीछे से पकड कर दीवाल से लगाते है और झट से उनकी पेतिकोट उठा कर अपना लण्ड उन्की चुत मे उतार देते है । ऐसे खडे खडे लण्ड लेने मे चाची को बहुत दिक्कत हो रही थी और चाचा बडे जोश मे पेल रहे थे ।
मै समझ गया कि अब ये लोगो का लम्बा चलेगा लेकिन एक बात नही समझ आई चाची इतनी जल्दी क्यो चली आई ।
खैर मै इस बात को इग्नोर किया और थोडा देर तक उनकी चुदाई देखी और वापस बाहर आ गया क्योकी मै जिस मकसद से आया था वो होने नही वाला था ।
फिर मै वापस अपने दुकान की ओर जाने लगा तभी मेरे जहन मे चंदू के मा की याद आई और मै एक कातिल मुस्कान के साथ उसके घर में घुसा और बिना कोई
आहट किये और एक नजर निचे के कमरे मे देखा तो सब बंद पडा था तो मै झट से उपर की ओर गया वहा हाल मे भी कोई नही था फिर मै लपक कर बेडरूम की ओर गया जो भिड्का हुआ था और हलका सा गैप से अन्दर देखा जा सकता था ।
मैने धीरे से दरवाजे पर लगा तो कुलर चलाने की आवाज आ रही और थोड़ी बहुत सिस्कियो की भी । एक बार फिर मै अपनी किस्मत को कोसते हुए सोचा कि इस समय चंदू का बाप अपने काम पर जाता है और दोपहर मे लग्भग रोज चंदू अपनी मा को चोदता है ।
रामवीर दरअसल संजीव ठाकुर के अनाज के गोदाम पर मुनिबी करता है । तो रोज दोपहर मे चंदू को मौका मिल ही जाता है ।
खैर मैने थोडा सा अन्दर झाका तो रजनी वही बेड पर घोड़ी बनी थी और चंदू पीछे से तेज गति से अपनी मा को पेल रहा था ।
मै तो सुबह से चुत के लिए तडप रहा था और पहले चाचा के यहा निशा नही मिली और अब यहा इन लोगो को मै छेड़ना नही चाहता था क्योकि चंदू ने बोला था कि इसी हफते उसकी बहन चंपा आयेगी और वो मुझे उसके साथ मौका देगा ।
तो मै फिर उतरे हुए मन से वापस नीचे आया और चंदू के घर के बाहर निकला तो सामने करीम खां की दुकान पर सब्बो दिखी और मै झट से उसकी दुकान पर चला गया ।
करीम खां , इसका परिचय हो चुका है पहले भी । ये काफी मजाकिया मिजाज का आदमी है हालाकि उम्र हो गयी है लेकिन मजे लेता रहता है चाहे किसी भी उम्र के लडके हो ।
मै भी झट से करीम की दुकान मे घुसा और सब्बो मुझे देख कर मुस्कुरा दी ।फिर मैने भी एक मुस्कान दी उसको ।
मै - कैसे हो करीम काका
करीम - अच्छा हू सेठ तुम बताओ
मै ह्स कर - मै भी मस्त हू , ये क्या सिलवाने आई हो सब्बो दीईईइदीईईई
मैने जानबुझ कर सब्बो को दीदी बूलाया जिसका मतलब तो बखूबी समझ रही थी और मुझे झूठ के इशारे मे गुसस भी किया
स्ब्बो इतरा कर - ये ब्लाउज ठीक करवाने लाई थी
मै करीम से - क्या काका , अरे कम से कम साइज़ बराबर नाप लेते दीईइदीईई का
मेरे फिर से दीदी बुलाने पर सब्बो मुह ब्नाने लगी
मै उसके बगल मे काउंटर से लग कर खड़ा था तो थोड़ा आड़ देख कर उसके चुतडो को दबा दिया जिससे वो हिचक गयी । लेकिन खुद को स्म्भाल भी लिया और बडे गुस्से से मुझे देख रही थी ।
ऐसा भी नही था कि करीम खा सब्बो और उसकी मा के हरकतो से अंजान था बल्कि रुबीना के तालाब मे वो भी तैर चुका था ।
करीम खां एक कातिल मुस्कान के साथ- सही कर रहे हो सेठ आज सब्बो बिटिया का नाप ले ही लेता हू ,
फिर करीम खां अपने गले से फीता निकालता है
करीम - थोड़ा सही से खड़ा हो बिटिया ,,,, हा ,,, जरा हाथ खोलो ,,हा अब सीना फुलाओ
सब्बो इस समय एक टीशर्ट और लोवर मे थी लेकिन बिना ब्रा के टीशर्त मे उसके निप्प्ल सख्त थे ही लेकिन सीने मे सास भरने पर मानो गुब्बारे जैसे फुल गये हो ।
करीम खा भी सब्बो की जवानी के गुब्बारो का नजारा आंखो मे भरते हुए इंचीटेप के फिते को एक चुची के निप्प्ल के ठीक उपर ही रख कर फिते को कसता है जिससे सब्बो की सिसकी निकल जाती है और वही करीम नाप लेने के बाद भी सब्बो के निप्प्ल पर से अंगूठा नही हटाता है बल्कि उसे वही दबाते हुए घुमाता भी है ।
जिसे देख कर मुझे वापस से तनाव होने लगता है और एक बार फिर मेरे हाथ सब्बो की गाड़ पर घूमने लगते है ।
इधर सब्बो हमारे दोहरे अटैक से खुद को ढिला करने लगती है कि तभी सड़क पर एक गाड़ी की होर्न से हम तीनो का ध्यान भांग होता है और हम तीनो असहज महसूस करने ल्गते है ।
सब्बो हड़बड़ा कर - हो गया ना काका , शाम को मा आयेगी लेके जायेगी ब्लाउज, मै जाती हू
फिर वो झट से निकल जाती है
मै मस्ती भरे अंदाज मे - ओह्हो काका आज तो मनमानी कर ही ली हा
करीम थोडा खुद पर घमंड दिखाते हुए - अरे सेठ मैने तो ना जाने कितनी मनमानीया की है ये तो सालि एक नं की छिनार है , दोनो मा बेटी ,,,अब देखना शाम को आयेगी इसकी अम्मा रुबीना और पैसे के बदले अपना भोस्डा देके जायेगी
मै ह्स कर - ओहो काका , मतलब इस उम्र मे भी काकी की दबा कर लेते होगे फिर हा
करीम - अब तुमसे क्या छिपाना , मेरी पहली बेगम तो नही रही शादी के 5 बाद ही गुजर गयी । लेकिन दुसरी जो उसी की छोटी बहन थी , अल्लाह कसम बहुत गरम औरत है आज भी बडे जोश से निचोड लेती है अह्ह्ह
मै करीम की बाते सुन कर उत्तेजीत मह्सूस कर रहा था - फिर तो आज दो दो नदी नहाओगे काका मतलब
करीम - हा वो तो है हिहिहिही
फिर मै थोडी मस्ती किया और वापस दुकान पर आया एक दो बार कोसिस की मा ही राजी हो जाये तो वो नही मानी और शाम को घर निकल गयी ।
रात को 8 वजे तक मै भी दुकान बन्द कर घर गया जहा पापा और मम्मी पहले ही हाल मे बैठे बाते कर रहे थे वही दीदी किचन मे खाना बना रही थी ।
मै भी थकान से चुर मा के पास उन्के चुचो पर लदते हूए बैठ गया , मम्मी इस समय ब्लाउज पेतिकोट मे थी ।
मा - ओह्ह मेरा बच्चा कितना थक जाता है , जा जाकर नहा ले फिर खाना बन गया है साथ मे मिल कर खाते है ।
मै थोडा इशारे मे मा से दीदी के बारे मे पुछा की ये आज कैसे आ गयी और हमारी मस्ती का क्या होगा
पापा हलके आवाज मे - वो तेरी चाची बस उनदोनो को शहर छोडने गयी थी और एक दिन रुक कर वाप्स आ गयी तो आज ये
मै समझ गया पापा की बात
इतने मे सोनल किचन से बाहर आई और नहाने का बोल कर उपर चली गयी और मैने झट से मा को दबोच लिया
मा भी मेरे होठ चुसते हुए साथ देने लगी वही मेरे हाथ उनकी एक चुची को मिजने लगे थे कि तभी मेन गेट पर खट खट हुई और पापा जोकि बनियान और जान्घिये मे थे वैसे ही दरवाजे पर देखने चले गये , वही उनका भी लण्ड मेरे और मा के मस्ती से जांघिये मे खड़ा हो गया था ।
तभी थोडी देर मे शकुन्तला काकी की आवाज आई जो मा को आवाज देते हुए अन्दर आई ,,,और आज तो वो अस्मानी रंग की नायलान की मैकसी पहन के आई थी जिसमे उनकी ब्ड़ी चुचिया और गाड की गोलाई का पुरा शेप दिख रहा था ।
वही पापा उन्के पीछे खडे थे और उनकी उभरी हुई गाड को खा जाने वाले नजर से देख रहे थे , जिसे मै और मा बखुबी समझ रहे थे ।
शकुन्तला काकी मा के बगल ने बैठी जबकि पापा वही उसके बगल मे दीवाल से लग कर खडे होकर उसको अपने लण्ड का उभार दिखाने लगे जिसे शकुन्तला भी देख समझ कर मुस्कुरा रही थी
मा - अरे दीदी आप ,,,आओ आओ बैठो
शकुन्तला- अरे मुझे बिठा मत ,
फिर एक नजर पापा की ओर देखते हुए बोली - अरे वो मै कल बोली थी ना लाने के लिये
मा कुछ सोच कर ह्स्ते हुए - अरे हा ,,
मा - राज के पापा , वो जरा जो झोला टंगा है उसमे दीदी के कपडे होगे देना
फीर शकुन्तला एक नजर पापा की ओर देख्ती है तब उनदोनो की नजारे मिलती है और फिर उसकी नजर उस्के चेहरे के बराबर मे जांघिये मे खडे लण्ड के उभार पर जाती है । तब तक पापा बगल मे टंगी हुई खूटि से झोला खोलते है और निचे फर्श पर रख कर देखते हुए
पापा जो की बखूबी जान रहे थे कि कल शकुन्तला ने अप्नी ब्रा और पैंटी लाने के लिए मा को बोला था फिर भी वो नाटक करते हुए - अरे रागिनी इसमे तो कोई कपडे नही है ,, इसमे तो बस ये है
तभी पापा झोले मे शकुन्तला के लिए मा द्वारा लाई पैंटी को झोले के अन्दर ही उसकी पैकेट से खुला ही बाहर निकाल कर फैला कर हम सब के सामने दिखाते हुए बोल्ते है - अरे ये तो 40 नं की कच्छी है रागिनी देखो
शकुन्तला पापा की इस हरकत से झेप कर हस दी और वही मा भी हसने लगी ।
मा - अरे यही कपडे है दीदी है
पापा थोडा असहज होने का नाटक करते हुए शकुन्तला को देखते हुए - ओह्ह माफ करियेगा भौजी , हमको जानकारी नही थी कि ये आपकी है ,, लिजीये
पैंटी देने से पहले पापा जानबुझ कर शकुन्तला को देखते हुए उसके सामने ही पैंटी को हाथ मे मिजकर उसकी मुलायमता की जांच करते है जिसका इशारा शकुन्तला समझ रही होती है और पापा की हरकत से थोडी असहज महसूस करती है ।
शकुन्तला - साइज़ तो ठीक होगी ना रागिनी
मा हस कर - हा क्यू नही , अगर छोटी हुई तो बदल लेना उसमे क्या है
शकुन्तला- ठीक है , और वो भी तो था ना
मा ह्स कर - अरे हा , राज के पापा जरा उसमे दीदी का
मा के बात खतम करने से पहले ही पापा ने ब्ड़ी बेशर्मी से उनकी 38c की ब्रा निकाली और शकुन्त्ला को देते हुए - लो भौजी
शकुन्तला थोडा शर्मा कर पापा के हाथ से ब्रा लेती है ।
फीर थोडी देर बाते चलती है और फिर शकुन्तला अपने घर को जाने को होती है तो मा खुद उनहे गेट तक छोड़ने जाती है औ फिर वापस आती है ।
मा पापा से - जरा खुद के जज्बात को शांत रखिये , सबको एक जैसे ही समझ लेते है ,,अभी गेट के पास दीदी मुझे आपको हिदायत देने को बोली की घर मे कोई बाहर का आये तो कम से कम तौलिया ही लपेट लेते है
पापा हस कर - अरे अब मुझे क्या पता की कौन आ रहा है ,,, और क्या बोल रही थी वो
मा -वो ज्यादा नहीं बोली , मै ही बात को मजाक मे घुमा दी की , अरे अपने भौजी को देख कर भूल गये होगे ,
फिर हम सब हसने लगे ।
फिर थोड़ी देर बाद मै भी नहाने गया और खाना खाने बैठ गया, इधर हम लोगो प्लान फिक्स था रात के लिए लेकिन मुझे डर था कि अनुज है नही घर मे तो रात मे सोनल कही निचे ना आजाये या कोई गडब्ड़ ना हो जाये । क्योकि मेरे और सोनल की बाते मै मा और पापा को बताना नही चाहता था नही तो जो हाथ आने को था वो नही मिल पायेगा
लेकिन तभी मुझे ध्यान आया कि सोनल का तो अभी पीरियड चल रहा है तो मेरे चेहरे पर एक मुस्कान आई और मै खाते हुए ही सोनल को मैसेज करता हू
मै - बरसात कब तक बंद होगी तुम्हारी
सोनल मेरी बात मतलब मेरे तरफ देख कर मेरे शरारती मुस्कान को देख कर समझ जाती है ।
सोनल - दो दिन और हो सकती है
मै जानबुझ कर मुह बनाने का नाटक किया मानो उसकी कितनी जरुरत हो मुझे
सोनल मुस्कराया कर एक मैसेज मुझे भेजती है - बस दो दिन और मेरे राजा , फिर जोत लेना जितना मन हो
मै मुस्करा कर - किस्स वाली एमोजी के साथ आई लव यू लिख दिया
बदले मे उससे भी किस्स वाली एमोजी के साथ आई लव यू टू मिला
खैर हम लोग खाना खा ही रहे थे कि पापा की नजर सोनल पर गयी और वो उसे छेड़ने के अंदाज मे - जानती हो रागिनी ,, आज मदनलाल जी का फोन आया था और वो अमन बाबू के बारे मे बता रहे थे कि उसका सेलेकशन गोवा के शिपयार्ड डिपार्टमेंट मे ऑफीसर की पोस्ट पर जॉब मिल गयी है ।
अमन की बात सुन कर सोनल शर्माने लगी लेकिन वही मा बहुत खुश हुई
मा - अरे वाह ये ती बहुत अच्छी बात है और क्या बात हूई ।
पापा - दरअसल , अमन बेटा का जुलाई से तीन महिने तक ट्रंनिंग होने वाला है तो मदनलाल जी चाहते है कि एन्गगेमेंट अगले महीने मे ही करा दिया जाये फिर ट्रेनिन्ग के बाद शादी भी हो जायेगी
मा थोडी परेशान होकर - अरे लेकिन एक महिने मे कैसे सब होगा जी , इतनी सारी तैयारीया करनी होगी क्या क्या करूंगी मै
पापा - अरे चिन्ता ना करो सब हो जायेगा
फिर ऐसे ही बाते हुई और फिर खाना खतम हुआ और सब अपने अपने कमरो मे चले गये ।
और रात मे थोडी सरोजा जी से बात हुई और फिर थ्रीसोम वाली मस्ती हुई दो राउंड और फिर मै वापस अपने कमरे मे सो गया
ऐसे ही दो दिन का समय बिता और मै दूकान पर था कि मा आई
और बोली कि मै आज घर जाकर ही खाना खा लू क्योकि कोई टिफ़िन था नही खाली जिसमे वो खाना लेके आती
मै बहुत खुश हुआ कि आज दीदी के साथ मस्ती करने का खुला मौका मिल गया और आज मै ये मौका छोडने वाला भी नही था तो मै झट से मा को बिठा कर निकल गया चौराहे वाले घर की ओर
जारी रहेगी