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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Update 4


सपना के घर पर पायल और पलक दोनों अपने रूम में बैठ हुए । अपने - अपने काम कर रहे है । थोड़ी देर बाद घर की घंटी बजती है ।


पायल : शायद मम्मी आ गई ।


पलक : दीदी , मैं जा कर दरवाजा खोलती हूं ।


पायल : नहीं, पलक तू अपनी पढ़ाई कर मैं जाती हूं ।


पायल : जाकर दरवाजा खोलती है । और सामने खड़े व्यक्ति को देख चोक्क!! जाती है ।


आदमी : क्या हुआ बेटी ?


पायल : कुछ नहीं पापा । ( दरसअल पायल को उम्मीद नहीं थी, कि दरवाजे पर पापा हो सकते है इसलिए वो चोक्क!! जाती है । )


आदमी : अंदर आते हुए, बेटी फिर तुम ऐसे चोक्क क्यों गई थी ?


पायल : दरसअल पापा मुझे लगा कि मम्मी आई होगी । और अचानक आप को देखा । इसलिए चोक्क!! गई ।


आदमी : हंसते हुए...!! अच्छा ।


पायल : पापा, आप बैठिए में आपके लिए पानी लाती हूं । और किचन कि आेर चली जाती है ।


आदमी : सोफे पर बैठता है और कुछ सोचने लगता है ।


पायल : पापा को पानी देते हुए । क्या सोच रहे है आप ?


आदमी : कुछ नहीं बेटी । आओ बैठो । और फिर दोनों बातें करने लगते है ।


फिर कुछ देर बाद घर की घंटी बजती है ।


पायल : जाकर दरवाजा खोलती है । मम्मी के साथ निखिल को देखकर थोड़ी हैरान!! हो जाती है ।


सपना और निखिल अंदर आते है और आदमी के पास जाकर खड़े हो जाते है ।


निखिल : आदमी के पास जाकर उसके पैर छूता है ।


आदमी : निखिल, इसकी कोई जरूरत नहीं है, अाओ यहां मेरे पास बैठो । सपना तुम भी बैठो । पायल बेटा , जाओ अपनी मम्मी और मामा के लिए पानी लेकर आओ ।


पायल : जी पापा ।


उधर कमरे बैठी पलक पढ़ाई करते हुए सोचती है । दीदी को गए हुए काफ़ी वक़्त हो गया है, अभी तक वापस नहीं आई ।
चलो बाहर जाकर देखती हूं । वैसे भी मेरी आज की पढ़ाई पूरी हो गई । और बाहर चली जाती है । और बाहर आती है तो सभी लोग को देखकर चोक्क!! जाती है । ख़ासकर अपने पापा और निखिल को देखकर ।


पलक : अपने पापा के पास जाकर उनके गले लग जाती है । और बोलती है पापा आप आए और आपने मुझे बताया भी नहीं ।


आदमी : अरे बेटा , भूल गया । माफ़ कर दो ।


( आदमी पलक से बात करते समय अधिकतर उसे बेटा बोलता है इसलिए बेटा लिखा है )


पलक : कोई बात नहीं पापा, पर आप आज जल्दी कैसे आ गए ?


सपना : पलक, चुपकर क्यों पापा को परेशान कर रही है ?


आदमी : सपना शांत रहो, मेरी प्यारी बेटी को क्यों डाट रही हो ।


पलक : पापा, आपने बताया नहीं आप जल्दी कैसे आ गए ?


आदमी : बेटा, देखो मुझे आपके मामा और मम्मी से कुछ बात करनी है, इसलिए ऑफिस से जल्दी आ गया ।


पलक : जी पापा ।


सपना : पायल और पलक तुम दोनों अपने रूम में जाओ ।


पायल : जी मम्मी ।


पलक : क्यों मम्मी ?


सपना : एक बार में समझ में नहीं आता क्या ?


आदमी : बेटा, अभी अपनी दीदी के साथ रूम में जाओ ।


पलक : जी पापा ।


पायल और पलक दोनों अपने कमरे में चली जाती है ।


आदमी : क्यों बच्चों पर गुस्सा कर रही हो ? शांत रहो ।


सपना : कैसे शांत रहूं , अनिता और अवनी लापता है । और आप बोल रहे शांत रहूं ।


आदमी : क्या तुम्हारे गुस्सा करने से वो मिल जायेंगे ?


निखिल उन लोगों की बातें सुन अपने आपको कोश रहा था । क्यों में इन लोगों से दूर रहा, जो मेरे परिवार से इतना प्यार
करते है । और उनकी इतनी फ़िक्र करते है । और जीजा जी ने अभी तक मुझे कुछ भी नहीं कहा । जबकि वो जानते है कि यह सब मेरी वजह से हुआ है ।


सपना : तो आप बोलिए में क्या करूं ? मुझे तो बस अनिता और अवनी की चिंता हो रही है ।


आदमी : देखो, मैं अपने दोस्त जो इस शहर के बड़े पुलिस अधिकारी है । उनसे बात कि है और उनको अनिता और अवनी के बारे में बता दिया है । और उन्होंने कहा है कि वो उनका जल्द से जल्द पता लगा लेंगे ।


सपना : ठीक है । पर उन्हें कुछ भी हुआ, तो देख लेना ।
( निखिल की तरफ देखते हुए )


आदमी : अच्छा, चलो अब तुम भी आराम कर लो । ज्यादा गुस्सा और तनाव की वजह से बीमार हो जाओगी । पहले ही तुम्हें ब्लड प्रेशर कि शिकायत है ।


सपना : ठीक है । और अपने रूम में चली जाती है ।


आदमी : निखिल, तुम उसकी बातों पर ध्यान मत दो । अभी वो गुस्सा है, इसलिए कुछ भी बोल देती है ।


निखिल : जीजा जी, उनका गुस्सा जायज़ है । मेरी ही वजह से अनिता और अवनी लापता हुए है । सब बातों का में ही दोषी हूं ।


आदमी : अब जो हो गया उसे तो बदल नहीं सकते । तुम ज्यादा इस बारे में मत सोचो । हम अनिता और अवनी का पता लगा लेंगे ।


निखिल : पर जीजा जी , उन्हें कुछ हुआ तो मैं अपने आपको कभी माफ नहीं कर पाऊंगा ।


आदमी : तुम ऐसा क्यों सोचते हो । वो दोनों जहां भी होगे, सकुशल होंगे । अब तुम भी आराम करो । तब तक मैं अपने कुछ लोगों को भी उनका पता करने का बोलता हूं ।


निखिल : जीजा जी, पर.....


आदमी : पर वर कुछ नहीं । अब तुम जाके आराम करो । और पायल को आवाज लगता है ।


पायल : आई पापा ।


पायल : कहिये पापा ।


आदमी : बेटी, अपने मामा को गेस्ट रूम में ले जाओ ।


पायल : जी पापा ।


पायल और निखिल के जाने के बाद आदमी किसी को फोन करता है । पर लगता नहीं है । फिर वो अपने ऑफिस फोन करता है ।


आदमी : हैलो, रीमा ।


रीमा : हां, सर ।


आदमी : अमित का मोबाइल नहीं लग रहा है उसे कहो की मुझे फोन करें ।


रीमा : जी सर, मैं अमित को बोल देती हूं ।


आदमी : ठीक है । और फोन कट कर देता है ।


आदमी फिर कुछ और लोगों फोन करता है । और उनसे बात करता है ।


इधर आदमी के ऑफिस में रीमा एक केबिन में जाती है । और बोलती है सर से बात कर लो । तुम्हारा मोबाइल नहीं लग रहा है ।


सपना के घर पर आदमी सोफे पर बैठा किसी का इंतजार कर रहा है । फिर थोड़ी देर बाद घर की घंटी बजती है ।
आदमी उठकर दरवाजा खोलता है ।


सामने वाला : क्या आप नीलेश जी है ।


आदमी : हां, मैं नीलेश हूं । आप कौन ?


सामने वाला : मैं रवि । और मुझे इंस्पेक्टर साहब ने भेजा है ।

नीलेश : आइए, अंदर बात करते है ।

नीलेश और रवि दोनों अंदर आ जाते है ।


नीलेश : मुझे तो इंस्पेक्टर साहब ने कहा था कि वो आ रहे है ।

रवि : उन्हें कुछ जरूरी काम से बाहर जाना पड़ा । इसलिए उन्हें मुझे आप से मिलने भेज दिया ।

फिर उन दोनों में कुछ देर बातें होती है । फिर रवि चला जाता है । तभी नीलेश का मोबाइल बजता है तो वो देखता है, अमित का फोन है ।
Awesome update.
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Riitesh02

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Kahani toh bahut dilchasp lag rahi hai but kuch samjh me nai aa rha... Haha.
 
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Sanju

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Nice update bhai hero sayad Anita ka beta hii hona chahiye aur inlogo ka khoj milta hai ki nahi dekhte hai
 
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Sweet_Sinner

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Update 05


नीलेश : हैलो अमित, मैं तुम्हारे ही फोन का इंतजार कर रहा था।


अमित : हां, सर कहिए।


नीलेश : अमित, तुम्हें आज ही *** शहर में *** इस पते पर जा कर। आप-पास के घर के लोगों से पता करो कि किसी ने दो लोग एक औरत और बच्ची को देखा है क्या ? मैं उनकी फोटो और बाकी जानकारी तुम्हारे मोबाइल पर भेज देता हूं।


अमित : जी सर, मैं अभी ही वहां के लिए निकल जाता हूं। शाम तक पहुंच भी जाऊंगा। और फिर जानकारी प्राप्त कर, आपको फोन करता हूं ।


नीलेश : ठीक है । (और फोन कट कर देता है।)


अमित से बात करने के बाद नीलेश अपने रूम में जाता है। जहां सपना आराम कर रही है। पर सोई नहीं थी। उस देख नीलेश, मैं तुम्हें आराम करने को कहा था ।


सपना : आराम ही तो कर रही हूं ।


नीलेश : सपना, पलंग पर लेटकर सोचने को आराम नहीं कहा जाता है। चलो, अब सोचना बंद करो। और जल्दी थोड़ा आराम कर लो।


सपना : आप कैसे मुझे आराम करने का बोल सकते हो ? जबकि आप को पता है कि मैं अनिता और अवनी को लेकर कितनी परेशान हूं। और ऐसे वक़्त में आराम तो दूर मुझे से यहां लेटा भी नहीं जा रहा, ऐसा लगता है कि मैं खुद ही उनकी तलाश में निकल जाऊं।


नीलेश : मैं जानता हूं तुम उनसे से कितना प्यार करती हो। और उनको जल्द से जल्द घर लाना चाहती हो। इसलिए मैं अपने लोगों को भी उनकी तलाश में लगा दिया है और पुलिस भी अपनी तरफ से कोशिश कर रही है। वो दोनों जल्द ही हमें मिल जायेंगे। तुम चिंता ना करो।


सपना : आप कैसे भी करके उनका पता करो।


नीलेश : हम पता कर लेंगे। चलो, अब तो आराम कर लो।


सपना : ठीक है, आप भी आराम कर लो और निखिल को भी बोल दो।


नीलेश : निखिल को मैं गेस्ट रूम में आराम करने भेज दिया है। मुझे अभी कुछ काम है इसलिए तुम आराम करो।


और नीलेश रूम से बाहर आ जाता है। और अपने काम में लग जाता है। और ऐसे ही शाम हो जाती है। शाम के समय सपना , निखिल और नीलेश हॉल में बैठे बात कर रहे थे। निखिल तो केवल उनकी बातें सुन रहा था। बेचारा कुछ बोले भी तो क्या बोले। कुछ देर बाद पायल और पलक भी अपने रूम से निकल हॉल में आने लगती है। पायल उन लोगों को ऐसे बात करते देख कुछ सोचती है, और फिर उनके पास जाकर बोलती है ।


पायल : पापा, आप लोग दोपहर से कुछ परेशान लग रहे है, क्या बात है ?


सपना : चलो, तुम दोनों वापस अपने रूम में जाओ ।


नीलेश : सपना, कब तक तुम उनसे बात छुपा कर रखोगी। उन्हें भी बात पता होना चाहिए।


सपना : पर वो अभी बच्चे है।


नीलेश : जानता हूं लेकिन आज नहीं तो कल बताना ही पड़ेगा।


पायल : पापा, ऐसी क्या बात है जो मम्मी हमसे छुपाने का बोल रही है ?


नीलेश : बेटी, दरसअल बात यह है कि तुम्हारी अनिता मामी और अवनी लापता है। और उन्हें के कारण हम सभी परेशान है।


पापा की बात सुनकर पायल हैरान!! रह जाती है और पलक अभी ज्यादा समझदार नहीं है, लेकिन वो दीदी को परेशान देख वो भी उदास हो जाती है ।


पायल : पापा, आप सभी ने अबतक यह बात मुझे से छुपा कर रखी थी।

( दरसअल पायल अनिता को अपनी मम्मी से भी ज्यादा प्यार करती थी । या यूं कहे कि अनिता पायल से अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यार करती थी । )


नीलेश : हमें पता है कि तुम अपनी मामी और अवनी से कितना प्यार करती हो। लेकिन दोपहर के समय में हम तुम्हें कुछ भी बता नहीं सके। इसलिए ही मैं तुम्हें यह बात बताने का फैसला किया। यदि तुम्हें बाद में कहीं और से पता चलता। तो तुम हम लोगों से भी नाराज हो जाती। कि हमें तुमसे यह बात छुपा कर रखी।


पायल : पापा, तो मामी का कुछ पता चला क्या ?


नीलेश : बेटी, अभी तक तो कुछ भी पता नहीं चला है। लेकिन पुलिस और मेरे लोग उनकी तलाश कर रहे है।


पायल : पापा, आप उनका जल्द से जल्द पता लगा कर, उन्हें घर ले आएगा । यदि ऐसे नहीं हुआ, तो मैं आप सभी से कभी बात नहीं करूंगी । और रोते हुए ... अपने रूम में चली जाती है ।


पलक उन सभी के बातें सुन रही थी। पर उसे ज्यादा कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसलिए वो चुपचाप खड़ी उनकी बात सुन रही थी। पर पायल को रोते और अपने रूम में जाते देख, वो अपने पापा से बोलती है ।


पलक : पापा, दीदी ऐसे रो क्यों रही है ?


नीलेश : बेटा, दीदी अभी कुछ परेशान है इसलिए वो रो रही है। अच्छा अब तुम अपने रूम में दीदी के पास जाओ।


पलक : जी पापा, और मैं दीदी को चुप भी करा दूंगी। जैसे वो मुझे कराती है।


नीलेश : मेरा अच्छा बेटा।


पलक : और प्यारा भी।


नीलेश और सभी उसकी बात सुन हंस देते है। पलक के जाने के बाद नीलेश सपना से कहता है।


सपना : तुम जाकर रात के खाने की तैयारी करो। जबतक मैं और निखिल पुलिस स्टेशन होके आते है।


सपना : ठीक है।


निखिल : जीजा जी, मैं कुछ बोल सकता हूं।


नीलेश : हां, ये भी कोई पूछने की बात है।


निखिल : आज दीदी परेशान है। तो हम ऐसा करते है कि वापस आते समय सभी का खाना बाहर से लेते आयेंगे।


नीलेश : निखिल, यह तुमने अच्छी बात कही। सपना, तुम आज रहने दो। हम होटल से खाना पैक करवा लाएंगे।


सपना : कोई जरूरत नहीं है, मैं घर में बना लूंगी ।


नीलेश : नहीं, हम बाहर से ले आयेंगे। इसी बहाने मुझे एक दिन तो अच्छा खाना खाने को मिल जाएगा। (और हसने लगता है।)


सपना : क्या मैं बुरा खाना बनाती हूं ?


नीलेश : निखिल, चलो पुलिस स्टेशन चलते है।


(और जाने लगते है, दरवाजे के पास जाकर नीलेश सपना की तरफ देखकर बोलता है।)


नीलेश : हां, मेरी प्यारी सपना।


सपना : नीलेश का जवाब सुनकर हंस देती है।


और दोनों कार से पुलिस स्टेशन निकल जाते है।
इधर पुलिस स्टेशन जाते वक़्त नीलेश का फोन बजता है, वो फोन उठाकर।


नीलेश : हां, अमित कुछ पता चला क्या ?


अमित : सर, मैं यहां आस पास के कई घरों से और लोगों से उनके बारे में पूछा किसी को कुछ भी नहीं पता है। सुबह से शाम तक किसी ने भी उन्हें यहां नहीं देखा। और यदि वो यहां रात में आई भी होंगी। तो कल रात की बारिश की वजह से कोई उन्हें देख नहीं पाया।


नीलेश : ठीक है, तुम वापस आ जाओ।


अमित : जी सर। (और फोन कट कर देता है।)


कुछ देर बाद वो लोग पुलिस स्टेशन पहुंच जाते है।
अंदर जाकर वो रवि से मिलते है, जो कि इस केस को देख रहा था।


रवि : उन्हें देखकर .... बैठीये।


नीलेश : जी।


निखिल : सर, क्या मेरी पत्नी और बच्ची का कुछ पता चला ?


रवि : अभी तक तो हमें उनके बारे में कुछ नहीं पता चला है। लेकिन हमारे आदमी जल्द ही उनका पता लगा लेंगे। अभी तो हमें केवल इस शहर और वो जहां जाने वाली थी उस शहर में पता किया। लेकिन सुबह को हम उन्हें जिस रास्ते से वो जा या आ रही थी, उस रास्ते के अास पास के इलाके तलाश करेंगे। और जैसे ही उनका या उनके बारे में हमें कुछ पता चलता है। तो आपको सूचित कर देगें।


नीलेश : ठीक है।


और फिर नीलेश और निखिल वहां से निकल रास्ते में एक होटल से खाना पैक करवा कर। घर के निकल दिए, कुछ देर में घर पहुंच जाते है।


सपना : निखिल और नीलेश से चलो खाना खा लीजिए।


नीलेश : पायल और पलक को भी बुला लो सभी साथ बैठ कर खाना खा लेंगे।


सपना : ठीक है। ( और पायल के रूम में जाती है। )


सपना : पायल,पलक चलो बेटा, खाना खा लो।


पलक : मम्मी, पायल दीदी तो सो रही है।


सपना : तुम चलो, मैं पायल को लेकर आती हूं।


सपना : पायल, बेटा उठ चल खाना खा ले।


पायल : नींद में ...मम्मी, आप लोग खा लीजिए। मुझे भूख नहीं है।


सपना : बेटा, ऐसे नाराज़ नहीं होते है। मुझे पता है तू मामी की वजह से खाना खाने से मना कर रही है।


पायल : मम्मी,आप लोग खा लीजिए। मुझे सच में अभी भूख नहीं है, बाद में खा लूंगी।


सपना : अच्छा, फिर में भी खाना नहीं खाती हूं, बाद में तेरे साथ खा लूंगी।


पायल : मम्मी, आप खा लीजिए, आप भूखे मत रहो।


सपना : अच्छा, बेटा तो फिर जल्दी से चलो मेरे साथ।


पायल अब और कुछ नहीं बोलती। वो जानती थी कि जबतक वो मानेगी नहीं। तब तक उसकी मम्मी उसे मनाती रहेगी।


पायल : ठीक है, चलो मम्मी।


फिर सभी साथ बैठकर खाना खाते है। और कुछ देर बात करते है। फिर पायल और पलक सोने चले जाते है।


सपना : पुलिस ने क्या कहा ?


नीलेश : अभी तो उन्हें कुछ पता नहीं चला है, लेकिन जल्द ही पता लगा लेंगे। सुबह वो उस रास्ते पर तलाश करेंगे, जहां से अनिता गई थी।


सपना : बस मैं तो यह चाहती हूं कि वो सही सलामत मिल जाए।


नीलेश : वो मिल जायेंगे। चलो अब सब सोते है। निखिल, तुम भी जाओ, अपने रूम में सो जाओ। सुबह देखते है क्या होता है ?


निखिल : जी।


निखिल, सपना और नीलेश अपने रूम में जाकर सो जाते है।


सुबह के इंतजार में क्या यह सुबह उनके लिए खुशी लेकर आएगी ? या फिर कुछ और ...
 
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komaalrani

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Just a small suggestion, take care of punctuation. You are putting full stop or purnviranm at many places , where it should be , coma and not ful atop. It may be typo also but some care will correct it and improve the reading experience. My suggestion is when you read a good book or story and I don't mean on this forum , take time to look at the construction, how punctuation has been used, how paragraphs are formed. Story is more than idea. It is construction also
Thanks I hope you will not take it otherwise. Nice writing and keep posting
 

Iron Man

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नीलेश : हैलो , अमित मैं तुम्हारे ही फोन का इंतजार कर रहा था ।


अमित : हां, सर कहिए ।


नीलेश : अमित, तुम्हें आज ही *** शहर में *** इस पते पर जा कर । आप-पास के घर के लोगों से पता करो कि किसी ने दो लोग एक औरत और बच्ची को देखा है क्या । मैं उनकी फोटो और बाकी जानकारी तुम्हारे मोबाइल पर भेज देता हूं ।


अमित : जी सर, मैं अभी ही वहां के लिए निकल जाता हूं। शाम तक पहुंच भी जाऊंगा । और फिर जानकारी प्राप्त कर । आपको फोन करता हूं ।


नीलेश : ठीक है । और फोन कट कर देता है ।


अमित से बात करने के बाद नीलेश अपने रूम में जाता है । जहां सपना आराम कर रही है । पर सोई नहीं थी। उस देख नीलेश बोलता है, मैं तुम्हें आराम करने को कहा था ।


सपना : आराम ही तो कर रही हूं ।


नीलेश : सपना, पलंग पर लेटकर सोचने को आराम नहीं कहा जाता है । चलो अब सोचना बंद करो। और जल्दी थोड़ा आराम कर लो ।


सपना : आप कैसे मुझे आराम करने का बोल सकते हो ? जबकि आप को पता है कि मैं अनिता और अवनी को लेकर कितनी परेशान हूं । और ऐसे वक़्त में आराम तो दूर मुझे से यहां लेटा भी नहीं जा रहा । ऐसा लगता है कि मैं खुद ही उनकी तलाश में निकल जाऊं ।


नीलेश : मैं जानता हूं तुम उनसे से कितना प्यार करती हो । और उनको जल्द से जल्द घर लाना चाहती हो । इसलिए मैं अपने लोगों को भी उनकी तलाश में लगा दिया है और पुलिस भी अपनी तरफ से कोशिश कर रही है । वो दोनों जल्द ही हमें मिल जायेंगे । तुम चिंता ना करो ।


सपना : आप कैसे भी करके उनका पता करो ।


नीलेश : हम पता कर लेंगे । चलो अब तो आराम कर लो ।


सपना : ठीक है । आप भी आराम कर लो । और निखिल को भी बोल दो ।


नीलेश : निखिल को मैं गेस्ट रूम में आराम करने भेज दिया है। मुझे अभी कुछ काम है इसलिए तुम आराम करो ।


और नीलेश रूम से बाहर आ जाता है। और अपने काम में लग जाता है । और ऐसे ही शाम हो जाती है । शाम के समय सपना , निखिल , नीलेश हॉल में बैठे बात कर रहे थे । निखिल तो केवल उनकी बातें सुन रहा था । बेचारा कुछ बोले भी तो क्या बोले । कुछ देर बाद पायल और पलक भी अपने रूम से निकल हॉल में आने लगती है । पायल उन लोगों को ऐसे बात करते देख कुछ सोचती है, और फिर उनके पास जाकर बोलती है ।


पायल : पापा, आप लोग दोपहर से कुछ परेशान लग रहे है, क्या बात है ?


सपना : चलो, तुम दोनों वापस अपने रूम में जाओ ।


नीलेश : सपना, कब तक तुम उनसे बात छुपा कर रखोगी । उन्हें भी बात पता होना चाहिए।


सपना : पर वो अभी बच्चे है ।


नीलेश : जानता हूं लेकिन आज नहीं तो कल बताना ही पड़ेगा ।


पायल : पापा, ऐसी क्या बात है जो मम्मी हमसे छुपाने का बोल रही है ?


नीलेश : बेटी , दरसअल बात यह है कि तुम्हारी अनिता मामी और अवनी लापता है । और उन्हें के कारण हम सभी परेशान है ।


पापा की बात सुनकर पायल हैरान!! रह जाती है और पलक अभी ज्यादा समझदार नहीं है लेकिन वो दीदी को परेशान देख वो भी उदास हो जाती है ।


पायल : पापा, आप सभी ने अबतक यह बात मुझे से छुपा कर रखी थी ।

( दरसअल पायल अनिता को अपनी मम्मी से भी ज्यादा प्यार करती थी । या यूं कहे कि अनिता पायल से अपने बच्चों से भी ज्यादा प्यार करती थी । )


नीलेश : हमें पता है कि तुम अपनी मामी और अवनी से कितना प्यार करती हो । लेकिन दोपहर के समय में हम तुम्हें कुछ भी बता नहीं सके । इसलिए ही मैं तुम्हें यह बात बताने का फैसला किया । यदि तुम्हें बाद में कहीं और से पता चलता । तो तुम हम लोगों से भी नाराज हो जाती । कि हमें तुमसे यह बात छुपा कर रखी ।


पायल : पापा, तो मामी का कुछ पता चला क्या ?


नीलेश : बेटी, अभी तक तो कुछ भी पता नहीं चला है । लेकिन पुलिस और मेरे लोग उनकी तलाश कर रहे है ।


पायल : पापा, आप उनका जल्द से जल्द पता लगा कर । उन्हें घर ले आएगा । यदि ऐसे नहीं हुआ, तो मैं आप सभी से कभी बात नहीं करूंगी । और रोते हुए ... अपने रूम में चली जाती है ।


पलक उन सभी के बातें सुन रही थी । पर उसे ज्यादा कुछ समझ नहीं आ रहा था । इसलिए वो चुपचाप खड़ी उनकी बात सुन रही थी । पर पायल को रोते और अपने रूम में जाते देख । वो अपने पापा से बोलती है ।


पलक : पापा, दीदी ऐसे रो क्यों रही है ?


नीलेश : बेटा, दीदी अभी कुछ परेशान है इसलिए वो रो रही है । अच्छा अब तुम अपने रूम में दीदी के पास जाओ ।


पलक : जी पापा । और मैं दीदी को चुप भी करा दूंगी । जैसे वो मुझे कराती है ।


नीलेश : मेरा अच्छा बेटा ।


पलक : और प्यारा भी ।


नीलेश और सभी उसकी बात सुन हंस देते है । पलक के जाने के बाद नीलेश सपना से कहता है ।


सपना : तुम जाकर रात के खाने की तैयारी करो । जबतक मैं और निखिल पुलिस स्टेशन होके आते है ।


सपना : ठीक है ।


निखिल : जीजा जी, मैं कुछ बोल सकता हूं ।


नीलेश : हां, ये भी कोई पूछने की बात है ।


निखिल : आज दीदी परेशान है । तो हम ऐसा करते है, वापस आते समय सभी का खाना बाहर से लेते आयेंगे ।


नीलेश : निखिल, यह तुमने अच्छी बात कही । सपना तुम आज रहने दो । हम होटल से खाना पैक करवा लाएंगे ।


सपना : कोई जरूरत नहीं है । मैं घर में बना लूंगी ।


नीलेश : नहीं, हम बाहर से ले आयेंगे । इसी बहाने मुझे एक दिन तो अच्छा खाना खाने को मिल जाएगा । और हसने लगता है ।


सपना : क्या मैं बुरा खाना बनाती हूं ?


नीलेश : निखिल, चलो पुलिस स्टेशन चलते है । और जाने लगते है । दरवाजे के पास जाकर नीलेश सपना से हां, मेरी प्यारी सपना । और दोनों कार से निकाल जाते है ।


सपना भी नीलेश का जवाब सुनकर हंस देती है ।


इधर पुलिस स्टेशन जाते वक़्त नीलेश का फोन बजता है । वो फोन उठाकर ।


नीलेश : हां, अमित कुछ पता चला क्या ?


अमित : सर, मैं यहां आस पास के कई घरों से और लोगों से उनके बारे में पूछा किसी को कुछ भी नहीं पता । सुबह से शाम तक किसी ने भी उन्हें यहां नहीं देखा । और यदि वो यहां रात में आई भी होंगी । तो कल रात की बारिश की वजह से कोई उन्हें देख नहीं पाया ।


नीलेश : ठीक है । तुम वापस आ जाओ ।


अमित : जी, सर । और फोन कट कर देता है ।


कुछ देर बाद वो लोग पुलिस स्टेशन पहुंच जाते है ।
अंदर जाकर वो रवि से मिलते है । जो कि इस केस को देख रहा था ।


रवि : उन्हें देखकर .... बैठीये ।


नीलेश : जी ।


निखिल : सर, क्या मेरी पत्नी और बच्ची का कुछ पता चला ?


रवि : अभी तक तो हमें उनके बारे में कुछ नहीं पता चला है । लेकिन हमारे आदमी जल्द ही उनका पता लगा लेंगे । अभी तो हमें केवल इस शहर और वो जहां जाने वाली थी उस शहर में पता किया । लेकिन सुबह को हम उन्हें जिस रास्ते से वो जा या आ रही थी । उस रास्ते के अास पास के इलाके तलाश करेंगे । और जैसे ही उनका या उनके बारे में कुछ पता चलता है । तो आपको सूचित कर देगें ।


नीलेश : ठीक है ।


और फिर नीलेश और निखिल वहां से निकल रास्ते में एक होटल से खाना पैक करवा कर । घर के निकल दिए, कुछ देर में घर पहुंच जाते है ।


सपना : निखिल और नीलेश से चलो खाना खा लीजिए ।


नीलेश : पायल और पलक को भी बुला लो सभी साथ बैठ कर । खाना खा लेंगे ।


सपना : ठीक है । और पायल के रूम में जाती है ।


सपना : पायल ..पलक चलो बेटा । खाना खा लो ।


पलक : मम्मी पायल दीदी तो सो रही है ।


सपना : तुम चलो, मैं पायल को लेकर आती हूं ।


सपना : पायल बेटा.. उठ चल खाना खा ले ।


पायल : नींद में ...मम्मी आप लोग खा लीजिए । मुझे भूख नहीं है ।


सपना : बेटा, ऐसे नाराज़ नहीं होते है । मुझे पता है तू मामी की वजह से खाना खाने से मना कर रही है ।


पायल : मम्मी आप लोग खा लीजिए । मुझे सच में अभी भूख नहीं है । बाद में खा लूंगी ।


सपना : अच्छा है फिर में भी खाना नहीं खाती हूं । बाद में तेरे साथ खा लूंगी ।


पायल : मम्मी, आप खा लीजिए । आप भूखे मत रहो ।


सपना : अच्छा बेटा । तो फिर जल्दी से चलो मेरे साथ ।


पायल अब और कुछ नहीं बोलती । वो जानती थी कि जब वो मानेगी नहीं । तब तक उसकी मम्मी उसे मनाती रहेगी ।


पायल : ठीक है । चलो मम्मी ।


फिर सभी साथ बैठकर खाना खाते है । और कुछ देर बात करते है । फिर पायल और पलक सोने चले जाते है ।


सपना : पुलिस ने क्या कहा ?


नीलेश : अभी तो उन्हें कुछ पता नहीं चला है । लेकिन जल्द ही पता लगा लेंगे । सुबह वो उस रास्ते पर तलाश करेंगे । जहां से अनिता गई थी ।


सपना : बस मैं तो यह चाहती हूं कि वो सही सलामत मिल जाए ।


नीलेश : वो मिल जायेंगे । चलो अब सब सोते है । निखिल तुम भी जाओ । अपने रूम में सो जाओ । सुबह देखते है क्या होता है ।


निखिल : जी ।


निखिल , सपना और नीलेश अपने रूम में जाकर सो जाते है ।


सुबह के इंतजार में ...
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Just a small suggestion, take care of punctuation. You are putting full stop or purnviranm at many places , where it should be , coma and not ful atop. It may be typo also but some care will correct it and improve the reading experience. My suggestion is when you read a good book or story and I don't mean on this forum , take time to look at the construction, how punctuation has been used, how paragraphs are formed. Story is more than idea. It is construction also
Thanks I hope you will not take it otherwise. Nice writing and keep posting

आप की बात से मैं पूरी तरह सहमत हूं, किन्तु में कोई पेशेवर लेखक नहीं हूं। और यह हिन्दी भाषा की मेरी पहली कहानी है जो आजकल बहुत कम उपयोग में लाई जाती है। जिसके कारण हर व्यक्ति इसकी व्याकरण (शुद्धता) इतनी आसानी से नहीं पकड़ पाता है।

फिर भी में कोशिश करूंगा कि लिखते समय कम से कम गलती हो। और इंसान गलतियों से सीखता है।

आशा करता हूं कि आप आगे भी ऐसे ही मेरा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

धन्यवाद।
 

Riitesh02

Creepy Reader
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Story toh accha likh rhe ho bhai. Ab dekhte hai police dono ko khoj pati hai ke nai.
Aur ek ladka hospital me akela hai thoda bahut uss bechare pe bhi kisi ka dhyan dilwa do.
 
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