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Riitesh02

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Bhai story toh acchi lag rhi hai. But aisa lag rha abhi prologue chal rha hai. actual story chalu nai hui hai.
Waiting for further updates.
 
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Sweet_Sinner

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Update 4


सपना के घर पर पायल और पलक दोनों अपने रूम में बैठ हुए । अपने - अपने काम कर रहे है । थोड़ी देर बाद घर की घंटी बजती है ।


पायल : शायद मम्मी आ गई ।


पलक : दीदी , मैं जा कर दरवाजा खोलती हूं ।


पायल : नहीं, पलक तू अपनी पढ़ाई कर मैं जाती हूं ।


पायल : जाकर दरवाजा खोलती है । और सामने खड़े व्यक्ति को देख चोक्क!! जाती है ।


आदमी : क्या हुआ बेटी ?


पायल : कुछ नहीं पापा । ( दरसअल पायल को उम्मीद नहीं थी, कि दरवाजे पर पापा हो सकते है इसलिए वो चोक्क!! जाती है । )


आदमी : अंदर आते हुए, बेटी फिर तुम ऐसे चोक्क क्यों गई थी ?


पायल : दरसअल पापा मुझे लगा कि मम्मी आई होगी । और अचानक आप को देखा । इसलिए चोक्क!! गई ।


आदमी : हंसते हुए...!! अच्छा ।


पायल : पापा, आप बैठिए में आपके लिए पानी लाती हूं । और किचन कि आेर चली जाती है ।


आदमी : सोफे पर बैठता है और कुछ सोचने लगता है ।


पायल : पापा को पानी देते हुए । क्या सोच रहे है आप ?


आदमी : कुछ नहीं बेटी । आओ बैठो । और फिर दोनों बातें करने लगते है ।


फिर कुछ देर बाद घर की घंटी बजती है ।


पायल : जाकर दरवाजा खोलती है । मम्मी के साथ निखिल को देखकर थोड़ी हैरान!! हो जाती है ।


सपना और निखिल अंदर आते है और आदमी के पास जाकर खड़े हो जाते है ।


निखिल : आदमी के पास जाकर उसके पैर छूता है ।


आदमी : निखिल, इसकी कोई जरूरत नहीं है, अाओ यहां मेरे पास बैठो । सपना तुम भी बैठो । पायल बेटा , जाओ अपनी मम्मी और मामा के लिए पानी लेकर आओ ।


पायल : जी पापा ।


उधर कमरे बैठी पलक पढ़ाई करते हुए सोचती है । दीदी को गए हुए काफ़ी वक़्त हो गया है, अभी तक वापस नहीं आई ।
चलो बाहर जाकर देखती हूं । वैसे भी मेरी आज की पढ़ाई पूरी हो गई । और बाहर चली जाती है । और बाहर आती है तो सभी लोग को देखकर चोक्क!! जाती है । ख़ासकर अपने पापा और निखिल को देखकर ।


पलक : अपने पापा के पास जाकर उनके गले लग जाती है । और बोलती है पापा आप आए और आपने मुझे बताया भी नहीं ।


आदमी : अरे बेटा , भूल गया । माफ़ कर दो ।


( आदमी पलक से बात करते समय अधिकतर उसे बेटा बोलता है इसलिए बेटा लिखा है )


पलक : कोई बात नहीं पापा, पर आप आज जल्दी कैसे आ गए ?


सपना : पलक, चुपकर क्यों पापा को परेशान कर रही है ?


आदमी : सपना शांत रहो, मेरी प्यारी बेटी को क्यों डाट रही हो ।


पलक : पापा, आपने बताया नहीं आप जल्दी कैसे आ गए ?


आदमी : बेटा, देखो मुझे आपके मामा और मम्मी से कुछ बात करनी है, इसलिए ऑफिस से जल्दी आ गया ।


पलक : जी पापा ।


सपना : पायल और पलक तुम दोनों अपने रूम में जाओ ।


पायल : जी मम्मी ।


पलक : क्यों मम्मी ?


सपना : एक बार में समझ में नहीं आता क्या ?


आदमी : बेटा, अभी अपनी दीदी के साथ रूम में जाओ ।


पलक : जी पापा ।


पायल और पलक दोनों अपने कमरे में चली जाती है ।


आदमी : क्यों बच्चों पर गुस्सा कर रही हो ? शांत रहो ।


सपना : कैसे शांत रहूं , अनिता और अवनी लापता है । और आप बोल रहे शांत रहूं ।


आदमी : क्या तुम्हारे गुस्सा करने से वो मिल जायेंगे ?


निखिल उन लोगों की बातें सुन अपने आपको कोश रहा था । क्यों में इन लोगों से दूर रहा, जो मेरे परिवार से इतना प्यार
करते है । और उनकी इतनी फ़िक्र करते है । और जीजा जी ने अभी तक मुझे कुछ भी नहीं कहा । जबकि वो जानते है कि यह सब मेरी वजह से हुआ है ।


सपना : तो आप बोलिए में क्या करूं ? मुझे तो बस अनिता और अवनी की चिंता हो रही है ।


आदमी : देखो, मैं अपने दोस्त जो इस शहर के बड़े पुलिस अधिकारी है । उनसे बात कि है और उनको अनिता और अवनी के बारे में बता दिया है । और उन्होंने कहा है कि वो उनका जल्द से जल्द पता लगा लेंगे ।


सपना : ठीक है । पर उन्हें कुछ भी हुआ, तो देख लेना ।
( निखिल की तरफ देखते हुए )


आदमी : अच्छा, चलो अब तुम भी आराम कर लो । ज्यादा गुस्सा और तनाव की वजह से बीमार हो जाओगी । पहले ही तुम्हें ब्लड प्रेशर कि शिकायत है ।


सपना : ठीक है । और अपने रूम में चली जाती है ।


आदमी : निखिल, तुम उसकी बातों पर ध्यान मत दो । अभी वो गुस्सा है, इसलिए कुछ भी बोल देती है ।


निखिल : जीजा जी, उनका गुस्सा जायज़ है । मेरी ही वजह से अनिता और अवनी लापता हुए है । सब बातों का में ही दोषी हूं ।


आदमी : अब जो हो गया उसे तो बदल नहीं सकते । तुम ज्यादा इस बारे में मत सोचो । हम अनिता और अवनी का पता लगा लेंगे ।


निखिल : पर जीजा जी , उन्हें कुछ हुआ तो मैं अपने आपको कभी माफ नहीं कर पाऊंगा ।


आदमी : तुम ऐसा क्यों सोचते हो । वो दोनों जहां भी होगे, सकुशल होंगे । अब तुम भी आराम करो । तब तक मैं अपने कुछ लोगों को भी उनका पता करने का बोलता हूं ।


निखिल : जीजा जी, पर.....


आदमी : पर वर कुछ नहीं । अब तुम जाके आराम करो । और पायल को आवाज लगता है ।


पायल : आई पापा ।


पायल : कहिये पापा ।


आदमी : बेटी, अपने मामा को गेस्ट रूम में ले जाओ ।


पायल : जी पापा ।


पायल और निखिल के जाने के बाद आदमी किसी को फोन करता है । पर लगता नहीं है । फिर वो अपने ऑफिस फोन करता है ।


आदमी : हैलो, रीमा ।


रीमा : हां, सर ।


आदमी : अमित का मोबाइल नहीं लग रहा है उसे कहो की मुझे फोन करें ।


रीमा : जी सर, मैं अमित को बोल देती हूं ।


आदमी : ठीक है । और फोन कट कर देता है ।


आदमी फिर कुछ और लोगों फोन करता है । और उनसे बात करता है ।


इधर आदमी के ऑफिस में रीमा एक केबिन में जाती है । और बोलती है सर से बात कर लो । तुम्हारा मोबाइल नहीं लग रहा है ।


सपना के घर पर आदमी सोफे पर बैठा किसी का इंतजार कर रहा है । फिर थोड़ी देर बाद घर की घंटी बजती है ।
आदमी उठकर दरवाजा खोलता है ।


सामने वाला : क्या आप नीलेश जी है ।


आदमी : हां, मैं नीलेश हूं । आप कौन ?


सामने वाला : मैं रवि । और मुझे इंस्पेक्टर साहब ने भेजा है ।

नीलेश : आइए, अंदर बात करते है ।

नीलेश और रवि दोनों अंदर आ जाते है ।


नीलेश : मुझे तो इंस्पेक्टर साहब ने कहा था कि वो आ रहे है ।

रवि : उन्हें कुछ जरूरी काम से बाहर जाना पड़ा । इसलिए उन्हें मुझे आप से मिलने भेज दिया ।

फिर उन दोनों में कुछ देर बातें होती है । फिर रवि चला जाता है । तभी नीलेश का मोबाइल बजता है तो वो देखता है, अमित का फोन है ।
 
Last edited:

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है । पहले में इसे xossip पर लिख ने वाला था। पर मेरे लिखने से पहले ही साइट बंद हो गई । लेकिन अब में इस साइट पर वो कहानी लिख रहा हूं ।

आशा करता हूं आपको मेरे द्वारा लिखी कहानी पसंद आए ।

और यदि कहानी में किसी प्रकार की कोई गलती या आपकी कोई राय हो, तो मुझे अवश्य बताइए ।


यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। इसके किसी भी पात्र का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति , स्थान या घटनाओं से कोई भी संबंध नहीं है । यदि किसी कारणवश यह किसी से मेल खाता है तो यह मात्र एक संयोग होगा ।
:congrats: for new story thread
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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बारिश हो रही है साथ ही थोड़ी - थोड़ी तेज हवाएं भी चल रही है । एक सुनसान सड़क पर अंधरे को चीरते हुए । एक कार तेजी से सड़क पर दौड़ रही है । कार को देखकर ऐसा लग रहा है । मानो चालक को मौसम की परवाह भी नहीं है वो तो केवल अपनी धुंध में कार भागये जा रहा है । कुछ देर बाद कार में चालक के पास वाली सीट पर बैठी बच्ची रोने लगती है । तब चालक अपनी बच्ची को देखकर उसे शांत करने के लिए उसे एक हाथ से प्यार से सहलाने लगती है । इस दौरान वह अपनी कार की रफ्तार भी कुछ कम कर देती है । ये चालक उस बच्ची की मां है । कुछ देर बाद वो बच्ची शांत होकर फिर से सो जाती है ।

फिर बच्ची की मां कार चलाते हुए, कुछ देर बाद एक सुरक्षित जगह यानी होटल टाइप जगह पर कार रोकती है क्योंकि अब बारिश बहुत तेज हो रही है । जिसे उसे कार चलाने में दिक्कत हो रही थी । और आराम करने लगती है ।

किसी शहर में एक कालोनी के छोटे से घर के अंदर दो लोग आपस में किसी बात पर झगड़ रहे है । आदमी में तुमसे कितनी बार कहा है मुझे मेरी जिंदगी अपने हिसाब से जीने दो । तुम्हे मेरी बात समझ नहीं आती क्या ?

सामने वाला केवल उसकी बातों को सुने जा रहा है । आदमी उसे फिर से बोलता है क्या हुआ मेरी बात का जवाब दो ? सामने वाला फिर भी कुछ नहीं कहता और रोए जा रहा है । फिर आदमी उसे धक्का देकर उसके हाथ में से कुछ छिने की कोशिश करता है ।

तभी औरत उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकती है । और वह चीज को छोड़ने की विनती करने लगती है । आदमी उस चीज को छोड़ देता है । लेकिन वह फिर से उसे बोलता है क्यों नाटक कर रही है, जब में मांग रहा हूं तो चुपचाप से मुझे वो दे दो । औरत रोते हुए नहीं..... मैं नहीं दूंगी ।

आदमी नहीं सुन कर जोर से चिल्लाते हुए । तो देख में कैसे लेता हूं । और उसके पास जाकर उसके हाथ से वो चीज फिर से छीनने लगता है । इस बार औरत कुछ नहीं कर पाती है, और वह उसे वो चीज छीन लेता । और मुड़कर जाने लगता है ।

औरत उसके पैर पकड़ उसे वह चीज ना ले जाने की विनती करती है ।

आदमी क्या तुम नहीं जानती कि मैं सब अपने परिवार की खातिर ही कर रह हूं । ताकि जल्द से जल्द तुम लोगों को खुशियां दे सकूं । फिर भी तुम ऐसी बात कर रही हो । और घर से बाहर जाने लगता है ।

अब औरत से और बर्दाश्त नहीं होता है, तो वो रोते हुए कहती है कि आप खुशियों की बात कर रहे हैं । आपने
, अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीने के चक्कर में मेरी और मेरे बच्चों की जिंदगी को मुसीबतों में डाल कर रख दी । लेकिन कभी भी आपसे कुछ नहीं कहा ।

आपके इन्हीं गलत लत की वजह से घर की सारी जमापूंजी खत्म कर दी । मेरे गहने और घर तक बेच दिया । जिसे मुझे और मेरे छोटे बच्चों को कष्ट उठाने पड़े । पर फिर भी में अपने बच्चों के लिए चुपचाप सभी बातों को अनदेखा कर दिया ।

आपको तो घर की कोई चिंता नहीं है, इसलिए मैं खुद काम करके घर और अपनें बच्चों की देखभाल कर रही हूं । और आज आप मेरे बच्चों के भविष्य के लिए जमा किए धन को भी ले जाना चाहते है ।

आपकी इसी वजह से परेशान होकर आपके परिवार ने घर से अलग कर दिया । और इस कारण मेरे बच्चों को अपने दादा - दादी , चाचा-चाची से अलग होना पड़ा । एक ही शहर में रहने के बावजूद मेरे बच्चों को उनका प्यार नहीं मिला । बस जब कभी उनकी बुआ उन्हें मिलने बुलाती है । तो उन्हें उनका प्यार और उनके बच्चों का साथ मिलता है । मैं कितनी बार उन्हें कहा आप घर चलिए । पर वो हमेशा आप के कारण मना कर देती है ।

लेकिन अब और नहीं । मैं अपने बच्ची को लेकर अपने भाई के घर जा रही हूं । और हां आप कल मेरे बेटे को हॉस्टल से निकलवा कर । उसे उसके मामा के यहां भेज देना ।

औरत की बातें सुनकर आदमी उसे कहता है मानता हूं मेरी वजह से तुम्हे और मेरे बच्चों को तकलीफ़ हुई है । पर में जो भी कर रहा हूं । तुम लोगों को खुशियां देने के लिए ही कर रहा हूं । तुम जानती हो मैं तुमसे और बच्चों कितना प्यार करता हूं और तुम भी मुझसे कितना प्यार करती हो । फिर घर छोड़कर जाने का क्यों बोल रही हो ।

औरत क्योंकि हर बार में तुम्हारी बातों में आ कर चुप हो जाती थी । और सोचती थी चलो कोई नहीं अब तुम ऐसा नहीं करोगे । पहले जैसे बन जाओगे । जिसे मैं और सभी प्यार करते थे । पर मैं गलत थी । और आज मैं तुम्हारी किसी भी बात में नहीं आने वाली निखिल ।

और वह अपनी बच्ची के पास जाती है । जो सो रही थी उसे नींद से उठाकर अपने साथ चलने का कहती है । तो बच्ची पूछती है मां कहा चलना है ? तो वो कहती है अपने मामा के यहां । उसकी बात सुनकर बच्ची खुश हो जाती है । और अपनी मां के साथ जाने लगती है ।

घर से बाहर जाने के लिए जैसे ही वो चलती है तो उसे निखिल रोकता है और कहता अभी तुम ना जाओ । बाहर तेज बारिश हो रही है । सुबह चले जाना ।

औरत में जानती हूं तुम मुझे बारिश का बहाना बनाकर रोकना चाहते हो । लेकिन में अब इस घर में एक पल भी नहीं रहना चाहती हूं । और यह कहकर वो अपने ऑफिस की कार में अपनी बच्ची के साथ बैठ जाती है । और घर से निकलने लगती । तब निखिल कार के पीछे पीछे भागते हुए चिल्लाता रहता है रुक जाओ अनीता ... रुक जाओ अनीता .....।

एक दमदार और जोरदार बिजली की गर्जन की आवाज से अनीता अपनी यादों से बाहर निकलती है । अब बारिश भी थोड़ी धीरे हो गई है । फिर वह अपनी बच्ची की तरफ देखती है जो अभी सो रही है । कुछ देर बाद अपनी कार वापस चलाने लगती है । और ऐसे ही धीरे - धीरे अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने लगती है । अब वो एक नदी के पुल से गुजरती तभी अचानक उसकी कार के सामने कुछ दूरी पर बिजली गिर जाती है । जिसे वह घबरा जाती है और अपनी कार का नियंत्रण खो देती है । जिसके कारण उसकी कार नदी में गिर जाती है ।
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Iron Man

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Update 2


इधर घर पर निखिल का हाल बुरा था । वो तो बस रो रो कर यह सोच रहा था । यह क्या हो गया मुझसे ? आज कैसे में इतना गिर गया कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए रखे, पैसों को पाने के लिए अपनी इतनी अच्छी और प्यारी पत्नी से झगड़ा किया । और जब वो घर छोड़कर जा रही थी । तब भी मैंने उसे रोकने के लिए कोई कोशिश नहीं की । मैं चाहता तो उसे कैसे भी करके रोक लेता, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया ।


यह सब मेरे जुआ खेलने की वजह से हुआ । ये कैसी लत लग गई है । मुझे इसके कारण पहले अपने घर परिवार को छोड़ना पड़ा । अपनी पत्नी और बच्चों की जिंदगी में खुशियों की जगह गम ही गम दिये । जिसके के कारण वो भी मुझे छोड़ कर चली गई ।


ऐसे ही वो अपनी पुरानी गलतियों और अपने परिवार, पत्नी और बच्चों के साथ बिताए प्यारे पलों को रो रो कर याद कर रहा था । ऐसे ही धीरे - धीरे समय गुजरता जाता है, और उसे नींद आ जाती है ।


आधी रात को करीब तीन बजे के आसपास अनीता....... चीखते हुए निखिल की नींद खुल जाती है । और वो अपने आसपास देखता है । वह अपने घर में ही सोफे पर लेटा है । उसे देख कर लग रहा है जैसे उसने कोई बुरा सपना देखा हो । वह जल्दी से उठकर अपने रूम के तरफ जाता है, तभी अचानक उसे कुछ घंटों पहले हुआ झगड़ा याद आता है ।


वह फिर से सोफे पर बैठकर कुछ सोचता है, और घर की घड़ी तरफ देखता है । फिर कहता है अभी तो बहुत रात हो चुकी है । सुबह को में अनीता को फोन कर उसे बात करूंगा । और उसे वापस घर ले आएगा । और अपने आप से कहता है, आज के बाद में कभी भी ऐसा कोई काम नहीं करूंगा । जिसे मेरे परिवार को कोई तकलीफ़ हो । और फिर वही सोफे पर सो जाता है ।


सुबह सात बजे करीब निखिल की नींद खुलती है । वो जल्दी से उठकर मोबाइल से अनीता के मोबाइल कॉल करता है । लेकिन उसका मोबाइल बंद आता है । दो तीन बार और कोशिश करता है । लेकिन हर बार मोबाइल बंद ही आता है । फिर वो अनीता के भाई के घर पर टेलीफोन पर कॉल करता है । लेकिन कोई भी टेलीफोन नहीं उठता है । ऐसे ही दो - तीन घंटों तक बार - बार मोबाइल और टेलीफोन पर कॉल करता है । ना मोबाइल चालू हुआ और ना ही कोई टेलीफोन उठा रहा था ।


अब निखिल को थोड़ी - थोड़ी घबराहट होने लगती है । वो सोचता मेरे पास तो केवल अनीता के घर का नंबर है । उसके भाई का मोबाइल नंबर तो मुझे मालूम नहीं है । फिर
सोचने लगता है उसका नंबर कैसे पता करूं ??


ऐसे ही सोचते हुए उसे ध्यान आता है कि अनीता ने कुछ दिनों पहले अपने भाई को मेरे मोबाइल से कॉल किया था । क्योंकि उसके मोबाइल का रिचार्ज खत्म हो गया था ।


निखिल जल्दी से अपने मोबाइल में डायल कॉल लिस्ट देखता है । पर उसमें आठ दस ऐसे कॉल थे जो केवल नंबर वाले थे । इनमें से कुछ नंबर निखिल जानता था किसके है, अब केवल तीन नंबर ही बचे थे। निखिल उन नंबर पर कॉल करने की सोचता है। एक नंबर पर कॉल करता है, जो किसी और का था । फिर दूसरे नंबर पर कॉल करता है ।


कुछ देर रिंग जाने के बाद फोन उठ जाता है ।


निखिल : हैलो , राजेश ।


सामने से : हां, राजेश बोल रहा हूं । आप कौन बोल रहे है ?


निखिल : मैं निखिल बोल रहा हूं ।


राजेश : जीजा जी नमस्ते !! जी कहिए कैसे है आप ?


निखिल : मैं ठीक हूं । क्या तुम मेरी बात अनीता से करा सकते हो ?


राजेश : क्या ? अनीता दीदी से !!!


निखिल : क्या हुआ ? क्या तुम मेरी बात नहीं करा सकते क्या ?


राजेश : आप कैसी बात कर रहे है । अनीता दीदी से मैं कैसे बात करा सकता हूं ।


( निखिल राजेश की पूरी बात सुने बिना ही बोलता है । )


निखिल : थोड़ा गुस्से से क्यों नहीं करा सकते ?


राजेश : क्योंकि में तो शहर से बाहर हूं । और वैसे आपने उनसे बात करने के लिए मुझे क्यों कॉल किया ?


निखिल : हैरानी से !!! क्या अनीता तुम्हारे पास नहीं आई ?


( राजेश भी निखिल की बात सुनकर हैरान रह जाता है )


राजेश : ये आप क्या बोल रहे ? मैं तो कई दिनों से शहर से बाहर हूं । और अनीता दीदी मेरे पास क्यों आयेगी ?


निखिल : कल रात को अनीता और अवनी कार से तुम्हारे पास जाने के लिए घर से निकली थी ।


राजेश : हैरानी से !! पर वो लोग मेरे पास क्यों आ रहे थे ? वो भी इतनी रात में ।


निखिल : राजेश, दरसअल कल रात को हमारे बीच झगड़ा हो गया था । इसलिए वो गुस्सा होकर तुम्हारे पास आ रही थी । अब तुम कह रहे हो, वो तुम्हारे पास नहीं आई । और उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है । कहीं उनके साथ कुछ ग़लत तो नहीं हुआ !!!


राजेश : जीजा जी , अनीता दीदी और अवनी ठीक होगे । हो सकता है कि उनके मोबाइल की बैटरी खत्म हो गई हो । इसलिए बंद आ रहा हो । आप चिंता ना करें । थोड़ा इंतजार कर लीजिए ।


निखिल : राजेश, पर उन्हें घर से निकले दस से बारह घंटे हो चुके है । और तुम्हारे घर का रास्ता कार से तो केवल दो घंटे का ही है । तो अबतक आ जाना चाहिए था । जरूर उनके साथ कुछ ग़लत हुआ होगा ।


( निखिल की बात सुनकर राजेश भी घबरा जाता है । )


राजेश : जीजा जी, आप ऐसा कीजिए । पुलिस में जाकर रिपोर्ट लिखवा दीजिए । मैं भी जल्द से जल्द वहां आता हूं । और जैसे ही अनीता और अवनी की कुछ खबर मिले, तो मुझे फोन कर देना ।


निखिल : ठीक है, मैं पुलिस स्टेशन जाता हूं और रिपोर्ट लिखवाता हूं । और मोबाइल कट कर देता है ।
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Iron Man

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Update 3


निखिल घर से निकाल कर पुलिस स्टेशन पहुंच जाता है ।
पुलिस स्टेशन में अपनी पत्नी और बच्ची के लापता होने की रिपोर्ट कर और बाकी की पुलिस कार्यवाही पूरी कर घर वापस आ जाता है ।


घर आकर वह अपनी बड़ी बहन को फोन करता है । ( वो इसलिए करता है, क्योंकि पुलिस ने उसे कहा था कि जो भी परिचित है । जहां वो जा सकती है उन्हें से पूछ ले । हो सकता है वो वहां चली गई हो । )


निखिल : हैलो


सामने से : हां, बोलिए ।


निखिल : क्या मेरी बात सपना से हो सकती है ?


सामने से : दो मिनट रुकिये । अभी मैं मम्मी को बुलाती हूं ।


( लड़की मां के कमरे में जाकर मम्मी आपके लिए किसी का फोन है, जाकर बात कर लीजिए । )


सपना : हैलो, कौन बोल रहा है ?


निखिल : दीदी, मैं निखिल ।


सपना : निखिल !! आज कैसे हमारी याद आ गई ?


निखिल : दीदी, आपसे एक बात पूछनी थी ।


सपना : पूछो क्या पूछना है ?


निखिल : दीदी, क्या अनीता और अवनी आपके पास आई है ?


सपना : गुस्सा होकर क्या मतलब है तुम्हारा ? क्या कहना चाहते हो तुम ?


निखिल : दीदी, मैं बस इतना जानना चाहता हूं कि अनीता और अवनी क्या आप के साथ है ?


सपना : नहीं , और तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो ? क्या बात है ?


( निखिल सोचते हुए, सपना दीदी के इस सवाल का क्या जवाब दे । क्या उन्हें सच बता दें या फिर रहने दे । )


सपना : क्या हुआ ? मैंने कुछ पूछा है तुमसे ?


निखिल : डरते हुए ....दीदी बात यह है कि.... कि..


सपना : अब आगे भी बोलेगा या शाहरुख की तरह बस कि... कि... करेगा ।


निखिल : दीदी, अनीता और अवनी कल रात से लापता है ।


सपना : हैरान !! होते हुए क्या बकवास कर रहे हो तुम ? तुम होश में हो या फिर पीने भी लगे हो ?


निखिल : दीदी, मैं सही बोल रहा हूं ।


सपना : रुक अभी में अनिता को फोन करती हूं ।


निखिल : दीदी, उसका मोबाइल बंद आ रहा है । मैं कई बार लगाया था ।


सपना : घबराकर, वो ऐसे कैसे लापता हो गई । असल बात क्या है बता मुझे ?


निखिल : दीदी, आप घर पर आ जाओ । मैं फोन पर नहीं बता पाऊंगा ।


सपना : अच्छा में आती हूं ।


निखिल : ठीक है । और फोन कट कर देता है ।


इधर सपना फोन रखकर अपनी बड़ी बेटी को आवाज लगती है । पायल ...पायल...


पायल : जी मम्मी आई ।


पायल : हां, मम्मी कहिए ।


सपना : बेटा मैं कुछ काम से बाहर जा रही हूं । तुम घर का ख्याल रखना । और यदि पापा का फोन आए तो उन्हें कह देना । मेरे मोबाइल पर लगा ले । और पलक स्कूल से आ जाए, तो उसे खाना खिला देना । ठीक बेटा ।


पायल : ठीक है मम्मी ।


सपना : चल अब मैं जा रही हूं । अपना और पलक का ध्यान रखना ।


सपना कार में बैठकर निखिल के घर की और निकल जाती है । कुछ देर बाद उसकी कार निखिल के घर बाहर रुकती है । घर के दरवाजे पर जाकर दरवाजा खटखटाया ।


थोड़ी देर बाद निखिल दरवाजा खोलता है । और अपनी दीदी को अंदर आने का रास्ता देता है । घर के अंदर आते ही सपना गुस्से से बोलती है, अब बोलेगा भी । निखिल पहले आप बैठे जाइए । सपना के बैठने के बाद निखिल बोलता है ।


निखिल : दीदी, दरसअल बात यह है कि ....... ( रात से लेकर सपना को फोन करने के पहले तक की सभी बातें ) .... बता देता है ।


सपना : निखिल की पूरी बात सुनने के बाद खड़ी होती है और निखिल के पास जाकर उसके गाल पर एक जोरदार तमाचा जड़ देती है ।


निखिल : बस अपनी दीदी को देखता रहता है । और अपनी दीदी से माफ़ी मांगने लगता है ।


सपना : मुझे से माफ़ी मांगने से क्या फायदा होगा । तेरे कारण अनिता और अवनी घर से गए थे । और अब क्या पता कहां है, और किस हाल में होंगे ? यदि उन्हें कुछ भी हुआ तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा । देख लेना ।


फिर वो किसी को फोन करती है ।
फोन पर बात करने के बाद वो निखिल से कहती है ।
अभी तुम मेरे साथ मेरे घर चलो । फिर दोनों भाई - बहन कार में बैठकर सपना के घर चल देते है ।
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