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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Shandar update
Ab pata chala vyom itne dino tak kese survive Kiya
Vyom ka to is dveep ke rahasya dekhkar dimag kharab ho gaya
Ab dekte hai us piramid jese kamre me kya hota hai kahi vyom pakda na jaye
Ye dweep jitna dikh raha hai, us se kahi jyaada Rahasyamayi aur khatarnaak hai mitra :approve: Vyom ki bhi haalat patli hone wali hai:declare:
Thank you very much for your valuable review bhai :thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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अपडेट 83 + 84 पर मेरी प्रतिक्रिया :

(1) सुप्रीम पर जो भी नरक मचा है, वो सब युफासा और सनूरा ने किया है।
(2) उन्होंने यह सारे काण्ड मकोटा के कारण (उसके इशारे पर) किए हैं।
(3) मकोटा ने यह सब किया क्योंकि उसको तमराज जैगन से कुछ चाहिए।
(4) और जैगन स्साला बेहोश है।

तो क्या उसको मानव लाशों से कुछ चाहिए? मनुष्यों का शरीर क्या उसके लिए संजीवनी है?
बिल्कुल सही दिशा में सोच रहे हैं आप,:approve:
ये लाशें उस शैतान के लिए किसी मृत संजीवनी से कम नहीं है। और सारा खेल उसी शैतान के लिए रचा गया है।:shhhh:
लॉरेन की लाश गायब होने का कारण समझ में आया।
समझना क्या है? उसकी लाश भो लुफासा ने ही गायब की थी।:declare:उसी शैतान की भेंट के लिए।
युफासा और सनूरा ने जो किया है वो सब दबाव में किया है। ये महामानवीय शक्तियों से लेस जीव (मानव तो नहीं कह सकते इनको) मानवीय रीतियों के अनुरूप अपराधी तो हैं, लेकिन क्या उनकी सभ्यता में यह सब अपराध माना जाएगा? जैसे हम चींटियों को मार देते हैं और सोचते भी नहीं... ऐसे जीवों के लिए तो मानव भी चींटियाँ ही हैं! वैसे हर हत्या के बाद लुफासा ‘विचलित’ महसूस कर रहा है। लिहाज़ा, उसके अंदर भी विवेक है, और मानवीय नैतिकता है।
सही कहा आपने, मानवीय तो वो है। पर मकोटा के डर की वजह से मजबूर है। ओर उससे टकराने की शक्ति फिलहाल लुफासा ओर सनूरा दोनों मे नहीं है।:nana:
कम से कम दोनों ने रोजर को फिलहाल मकोटा से बचा लिया है। शायद वो भी नहीं चाहते कि मकोटा अपने मंसूबों में कामयाब हो।
:approve:
अद्भुत लेखनी राज भाई! :) ♥️

फ़ोरम से अनुपस्थिति का कारण ये है कि कंपनी ने जो टारगेट दिया है उसको ही पूरा करने में लगा हुआ हूँ आज कल! ये अमृतकाल हम जैसे सेल्स के लोगों के लिए “काल” बन गया है। अपने क्लाइंट स्ट्रगल कर रहे हैं, और उनके कारण हम! इतनी कोशिश कर रहा हूँ, फिर भी टारगेट पूरा होता प्रतीत नहीं होता। ख़ैर - चार दिन का त्रास और! फिर जो होगा, सो होगा।

आप लिखते रहें। ✍️
आप बिजी हो ये तो पता था, पर ये हाल है। ये नहीं पता था:noo: अगर पता होता तो आपको परेशान नहीं करता मित्र :nope: खैर मेरा भी मार्च क्लोजिंग चल रहा है। ओर मै आपकी हालत का अंदाजा लगा सकता हूं।


आपके इस शानदार रिव्यू के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏🏼🙏🏼
ऐसे ही साथ बने रहिए, मेरा वादा है ये कहानी एक मिसाल कायम करेगी।:declare:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Romanchak safar hai chalte rahiye
साथ बने रहिए डा साहब, रोमांच हम खतम ही नही होने देंगे।
Thanks for your valuable review :thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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#86.

“मैंने इनमें से किसी पेड़ से एक बेर के समान फल को ब्रूनो के सिर के ऊपर गिरते देखा था।" क्रिस्टी
ने सभी को बताया।

तभी सुयश की नजर कुछ दूर पड़े उस बेर जैसे फल की ओर गयी। सुयश ने उसे उठाने के लिये अपना हाथ आगे बढ़ाया, पर अल्बर्ट ने उसे सिर हिलाकर उठाने से रोक दिया।

ब्रूनो का तड़पना अभी भी जारी था। ब्रूनो की यह हालत देख कर शैफाली की आँखों से अब झर-झर आँसू बह रहे थे।

तभी अचानक ब्रूनो के पीठ की खाल ‘चट्-चट्’ की आवाज करके फटना शुरू हो गयी।

यह देख सुयश ने ब्रूनो के पास बैठी शैफाली को तेजी से पीछे खींच लिया।

अब वहां बैठे सभी लोग डरकर ब्रूनो से दूर हो गये।

तभी ब्रूनो की फटी हुई खाल से 2 विशालकाय पंख निकलने लगे।

अब शैफाली भी रोना छोड़कर ध्यान से इस पूरी घटना को देखने लगी थी।

कुछ ही देर में ब्रूनो के पंख पूर्ण विकसित हो गये। अब ब्रूनो ने कराहना बंद कर दिया।

ब्रूनो उठकर अब शैफाली को घूरने लगा।

उसे इस प्रकार हिंसक भाव से घूरते देख ब्रेंडन ने शैफाली को अपने पीछे कर, अपनी जेब से चाकू निकाल लिया।

ऐमू भी ब्रूनो को इस प्रकार बदलते देख घबराकर सुयश के कंधे पर आ बैठा।

सभी की नजर ब्रूनो पर थी। किसी भी पल कुछ भी हो सकता था।

तभी ब्रूनो जोर से गुर्राया और अपने पंख फड़फड़ाकर आसमान में उड़कर सबकी नजर से ओझल हो गया।

सभी के चेहरे पर घोर आश्चर्य के भाव आ गये, सिवाय युगाका को छोड़कर।

युगाका की आँखो में अब एक रहस्यमई मुस्कुराहट थी।

ब्रूनो के गायब हो जाने का सबसे बड़ा सदमा शैफाली को लगा। वह यह झटका नहीं झेल पायी और जोर-जोर से रोने लगी।

सुयश और अल्बर्ट शैफाली को चुप कराने लगे।

तभी ऐमू सुयश के कंधे से उड़ा और शैफाली के पास जाकर जोर-जोर से हंसने लगा-

“हाऽऽऽ हाऽऽऽऽ हाऽऽऽ! सभी ऐमू को उल्लू बनाते थे, पर अब कुत्ता उल्लू बन गया।.... कुत्ता उल्लू बन गया....उल्लू बनकर उड़ गया। ऐमू बच गया....ऐमू का दोस्त बच गया।"

यह सुनते ही शैफाली को बहुत तेज़ गुस्सा आया।

शैफाली ने ऐमू को घूरकर देखा और उसके ऊपर झपट पड़ी- “मैं इस गंदे तोते को जान से मार डालूंगी। इसके सारे पंख नोच लूंगी।"

ऐमू यह देखकर सुयश की ओर भागा- “ऐमू के दोस्त...ऐमू को बचाओ...यह गंदे कुत्ते वाली गंदी लड़की ऐमू को मार डालेगी।"

सुयश ने तुरंत आगे बढ़कर शैफाली को रोक लिया।

उसने झुककर शैफाली के आँसू पोंछे और उसकी आँखो में आँख डालकर शैफाली को समझाना शुरु कर दिया-

“देखो बेटा, शांत हो जाओ। यह जंगल है ही इतनी विचित्रताओ से भरा कि हम यहां चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते। देखो उस दिन ड्रेजलर भी मारा गया, पर हम कुछ नहीं कर पाये? आज ब्रूनो के साथ जो भी हुआ, वह भी हमारी कल्पनाओं से परे था। शायद एक दिन हम सब इस जंगल में मारे जायें। इसिलये जो चला गया, उस पर अफसोस करने से कुछ नहीं होगा। और इस ऐमू की बात का बुरा मत मानो, क्यों कि है तो यह भी ब्रूनो की तरह का जीव ही। इसिलये तुम इसे माफ..........।"

तभी सुयश शैफाली को समझाते हुए अचानक से चुप हो गया और शैफाली की नीली-नीली आँखों में देखने लगा।

उसे इस तरह से देखते पाकर शैफाली भी आश्चर्य में पड़ गयी।

“क्या हुआ कैप्टन? आप अचानक बोलते-बोलते चुप क्यों हो गये?" तौफीक ने सुयश से पूछा।

“जरा मेरी आँखों में देखो तौफीक। तुम्हें क्या नजर आ रहा है?" सुयश ने तौफीक से सवाल के बदले सवाल ही कर लिया।

सुयश के अचानक इस तरह विषय बदलने पर सभी को आश्चर्य हुआ और वह सब सुयश की आँखों में देखने लगे।

“आप अपनी आँखों में क्या दिखाना चाहते हैं कैप्टन? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा?" तौफीक ने उलझे-उलझे शब्दो में कहा।

“तुम्हें इस समय मेरी आँखों में क्या दिखाई दे रहा है? मैं केवल यही पूछ रहा हूँ तुमसे।" सुयश ने कौतुहल बनाएं हुए कहा।

“क्यों की मैं आपके सामने खड़ा हूँ इसिलये मुझे आपकी आँखों में मैं स्वयं दिखाई दे रहा हूँ।" तौफीक ने सपाट स्वर में कहा।

“अब जरा शैफाली की आँखों में देखो। उसकी आँखों में आपको क्या दिखाई दे रहा है?" सुयश ने अपने शब्दों को रहस्य की चाशनी में लपेट कर कहा।

तौफीक ने शैफाली की आँखों में झांका और हैरानी से भर गया- “यह क्या? शैफाली की आँखों में तो ऐमू की तस्वीर नजर आ रही है।"

तौफीक के शब्द सुन सभी के साथ-साथ शैफाली भी आश्चर्य से भर उठी। अब सभी बारी-बारी शैफाली की आँखों में झांकने लगे।

यह देख शैफाली ने अपनी आँखों को जोर से रगड़ा और एक बार बंद करके फ़िर से खोला।

अब शैफाली की आँखें सामान्य हो गयी।

“प्रोफेसर, आपको क्या लगता है कि क्या हुआ था शैफाली की आँखों को?"

असलम ने अल्बर्ट से पूछा- “क्यों कि ऐसी विचित्र कला के बारे में तो हमने सुना भी नही?"

“बिल्कुल विस्वास के साथ तो मैं भी कुछ नहीं कह सकता, पर मैं आपको आँखों की थ्योरी के बारे में अवस्य बता सकता हूँ।" अल्बर्ट ने शैफाली की ओर देखते हुए कहा-

“दरअसल हम जब कोई वस्तु देखते हैं तो हमारे आँखों की रेटिना से तरंगे निकलकर उस वस्तु पर पड़ती है और बाद में यही तरंगे लौटकर हमारी आँखों में वापस आ जाती हैं। वापस आयी तरंगों को आँखें, दिमाग तक भेज देता है और दिमाग उसे डीकोड कर जान जाता है कि हमने क्या चीज देखी।

कैमरे की फोटोग्राफी भी कुछ ऐसे ही सिद्धांत पर कार्य करती है। चूंकि शैफाली की आँखें भी चमत्कारी तरीके से आयी थी, शायद तभी से इसकी आँखों में यह गुण आ गया हो। इसिलये मुझे लगता है कि जब शैफाली ने घूरकर ऐमू को देखा, उसी समय शैफाली की आँखों में ऐमू की तस्वीर छप गयी होगी।"

अल्बर्ट के शब्द कुछ खास किसी की समझ में नहीं आये, पर उनकी बात पर किसी ने कोई सवाल नहीं किया।

“ऐसी ही कुछ शक्तियां सांप में भी पायी जाती हैं।" जॉनी ने शैफाली को देखते हुए कहा- “मैंने ऐसा कई किताबो में पढ़ा है।"

“आप किताबें कब से पढ़ने लगे?" जेनिथ ने मुंह बनाते हुए कहा।

“मैं पहले किताबें पढ़ता था।" जॉनी ने अजीब से अंदाज में जेनिथ को जवाब दिया।

“बैंक लूटने के पहले यह किताबें पढ़ते रहे होंगे।" क्रिस्टी का भी जॉनी के प्रति गुस्सा बाहर आया।

“बहस करने का कोई फायदा नहीं है।" सुयश ने सबको शांत कराने के अंदाज में कहा- “यह पेड़ भी रहस्यमयी हैं, इसिलये पहले हमें यहां से हट जाना चाहिए।"

सभी फ़िर से आगे बढ़ने लगे।


हंस का हमला:
(9 जनवरी 2002, बुधवार, 11:00, जार्जटाउन वॉटर फ्रंट-पार्क, वांशिगटन डी.सी).

आज वेगा का जन्मदिन था। सुबह से ही वेगा बहुत खुश था।

कल वेगा को युगाका की तरफ से
जोडियाक वॉच उपहार में जो मिली थी।

वेगा ने लाल रंग की टी शर्ट पर काले रंग की लेदर की जैकेट पहन रखी थी।

कपड़े पहनने के बाद वेगा ने अपने आप को शीशे में निहारा और कार की चाबी ले गेट की ओर बढ़ा। तभी उसे जोडियाक-वॉच का ख्याल आया।

वह वापस पलटकर अंदर आया और जोडियाक-वॉच को बॉक्स से निकालकर अपने दाहिने हाथ पर पहन लिया।

कुछ ही देर में वह कार पर सवार हो वीनस से मिलने जा रहा था।

आज मौसम बहुत सुहाना था। वेगा ने कार में फुल गति में संगीत चला रखा था।

वीनस ने ‘जार्जटाउन वॉटर फ्रंट-पार्क’ के गेट पर ही वेगा से मिलने को कहा था।

कुछ ही देर में वेगा ने कार को पार्क की पार्किंग में लगा दिया और कार को लॉक कर उसकी चाबी को उंगलियों में नचाता, सीटी बजाता पार्क के मुख्य दरवाजे की ओर चल दिया।

कुछ दूरी से ही वेगा ने वीनस को गेट पर खड़े हुए देख लिया था।

वीनस ने भी गुलाबी रंग की बहुत सुंदर सी ड्रेस पहन रखी थी।

“क्या बाऽऽऽत है बर्थडे ब्बोय!" वीनस ने वेगा की तारीफ करते हुए कहा- “आज तो बिल्कुल कहर ही ढा रहे हो।"

वेगा वीनस की बात को सुनकर धीरे से मुस्कुरा दिया और वीनस का हाथ पकड़ अंदर की ओर चल दिया।

“तो कहां से शुरू किया जाये?" वेगा ने वीनस की ओर देखते हुए पूछा।

“पहले ‘पोटोमैक नदी’ की ओर चलते हैं। आज मौसम बहुत अच्छा है। ‘कायक’ चलाने में मजा आ जायेगा।" वीनस ने कहा।

(‘कायक’ एक प्रकार की बहुत पतली वॉटर क्राफ्ट बोट होती है, जिसे चप्पू से चलाया जाता है। इस चप्पू को पैडल कहते हैं।)

“ठीक है।"

वेगा ने वीनस की बात पर अपनी सहमती जताई। दोनो पोटोमैक नदी के पास पहुंच गये।

वहां से दोनों एक-एक ‘कायक’ लेकर पानी में उतर गये। धीरे-धीरे दोनों की ‘कायक’ नदी के बीच में पहुंच गयी।

पोटोमैक नदी का वह हिस्सा इस मौसम में ‘पंछी विहार’ के लिये जाना जाता था।

इस मौसम में बहुत से ‘टुंड्रा हंस’ सुदूर स्थलो से यहां विहार करने आते थे।

आज भी बहुत से हंस नदी के चारो ओर ‘कलरव’ कर रहे थे। वेगा और वीनस यह नजारा देखकर बहुत खुश हो गये।

“कितना सुंदर नजारा है।" वीनस ने कहा- “हँसो के जोड़े, पंखो को ओढ़े, नीले पानी में कितने खूबसूरत लग रहे हैं।"

“अरे वाह! तुम तो कविता करने लगी।" वेगा ने मुस्कुराते हुए कहा- “वैसे ये ‘टुंड्रा हंस’ हैं, ये बहुत ही शांत और सुंदर पक्षी होते हैं। ये पानी में सिर डालकर अपना भोजन ढूंढते हैं।"

“अच्छा! तुम्हें तो बहुत पता है इन पक्षीयों के बारे में।" वीनस ने कहा।

“सब किताबो का ज्ञान है। तुमने तो देखा ही है लाइब्रेरी में।" वेगा ने वीनस को याद दिलाते हुए कहा।

तभी एक अकेला हंस का घूमता हुआ वेगा की ‘कायक’ के पास आ गया।

वेगा श्वेत से हंस की खूबसूरती को निहारने लगा।

तभी अचानक उस हंस की आँखों के भाव परिवर्तित हो गये और उसने अपनी चोंच से वेगा पर हमला कर दिया।




जारी रहेगा______✍️
Badhiya update bhai

Ye yugaka isko na jane konsi khunaas chadhi ha jo isko suyesh ki party ko niptana ha ek hope thi unki bruno usko bhi pankh laga diye isne or inka dushman bana diya lekin isko pata padega ki devi shalaka ke ye khas ha agar suyesh ko kuchh ho gaya to iska kya hoga chalo dekhte han

Idhar shefali ki ankhen kuchh or hi oah rahi ha aisa lag raha ha jaise ki emu ke pratibimb ko ankhon me kaid kar liya ho usne or emu bhi to dsr gaya tha dekhte han ki kya raaj ha uska
 

dev61901

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#87.

वेगा इस अंजान पल के लिये तैयार नहीं था, वह हड़बड़ाकर पीछे झुका।

जिसकी वजह से वेगा का संतुलन पूरी तरह से बिगड़ गया और वेगा पोटोमैक नदी के पानी में गिर गया।

यह देख वीनस चीख उठी।
वेगा पानी के अंदर पूरा डूब गया।

चूंकि वेगा एक अटलांटियन था ।इसिलये वह पानी के अंदर भी साँस
लेना जानता था, पर यह बात वह वीनस से शेयर नहीं करना चाहता था। इसिलये उसने अपना सिर पानी के बाहर निकाला।

वेगा अपनी कायक से थोड़ा सा आगे आ गया था। वीनस भी अब उससे कुछ दूरी पर थी।

वेगा पर हमला करने वाला उस हंस ने जैसे ही वेगा को पानी से बाहर सिर निकालते देखा, उसने फ़िर से अपनी चोंच से वेगा पर हमला किया।

यह देख वेगा ने पानी में एक डुबकी मारी और पानी के अंदर ही अंदर तैरकर कुछ आगे फ़िर पानी से अपना सिर निकाला।

हंस पानी पर बैठकर अपनी नज़रें इधर-उधर घुमा रहा था। उसने जैसे ही वेगा को देखा, वह अपने पंख फड़फड़ाता हुआ वेगा की दिशा में आ गया।

वेगा जानता था कि ‘टुंड्रा हंस’ के पंख में बहुत ताकत होती है, अगर उस हंस का पंख भी वेगा से टकरा जाता तो वेगा की हद्दियाँ टूट जानी थी।

वेगा ने 2 से 3 बार अलग-अलग जगह बदल कर पानी से निकलने की कोशिश की, पर हर बार वह हंस वेगा को देख उसकी ओर दौड़ पड़ता।

वेगा को समझ नहीं आ रहा था कि हंस को क्या हो गया? और वह एकदम से ऐसे क्यों व्यवहार करने लगा?

नदी में बोटिंग कर रहे बहुत से लोगो का ध्यान, अब उन्ही की ओर था।

विचित्र बात यह थी कि वह हंस वेगा के अलावा और किसी पर नहीं झपट रहा था।

यह देख वेगा ने अब थोड़ी देर पानी के नीचे रहना ही उचित समझा।

तभी हंस ने अपना सिर पानी के नीचे डाला और इससे पहले कि वेगा कुछ समझ पाता, वेगा के कंधे को अपनी चोंच से जख्मी कर दिया।

वेगा के कंधे से खून की एक पतली लकीर निकल कर नदी के पानी में मिलने लगी।

तभी वेगा की जोडियाक वॉच से एक नन्हा सा कण निकलकर वहां के पानी में मिल गया और देखते ही देखते वह कण एक नीले रंग के केकड़े में बदल गया।

नीला केकड़ा कैंसर राशि का प्रतीक था।

चूंकि वेगा का ध्यान उस हंस की ओर था, इसिलये वेगा इस घटना को देख नहीं पाया। वह अभी भी आश्चर्य से उस हंस को देख रहा था, जो कि पानी की सतह पर बैठकर वेगा को ही घूर रहा था।

तभी उस हंस ने पानी में अपनी चोंच दोबारा डाली, वेगा तो पानी के अंदर एक डाइव मारकर बच गया, पर वह हंस इस बार नहीं बच सका।

नीले केकड़े ने हंस की चोंच को तेजी से पकड़ लिया।

हंस दर्द से कराह उठा, उसने अपने पंजो से केकड़े को हटाने की बहुत कोशिश की, पर उस नीले केकड़े ने हंस की चोंच को नहीं छोड़ा।

यह देख हंस ने अपने पंख फड़फड़ाये और केकड़े सहित आसमान में उड़ गया।

वेगा ने यह देखकर राहत की साँस ली और अपनी कायक के पास पानी से बाहर निकल गया।

वेगा को सही देख वीनस के चेहरे पर खुशी के भाव उभरे।

“लगता है तुमने कभी किसी हंसनी को छेड़ दिया था, जो यह हंस पागल होकर तुमसे बदला लेने आया था?" वीनस ने हंसते हुए वेगा को छेड़ा।

“मैंने तुम्हे कब छेड़ा?" वेगा ने वीनस को आँख मारते हुए कहा।

“मुझे छेड़ने की सोचना भी नहीं।" वीनस ने वेगा को प्यार भरी चेतावनी दी।

तभी छपाक की आवाज के साथ नीला केकड़ा आसमान से पानी में गिरा।

“लो आ गया तुम्हारा भाई, तुम्हे बचाकर अपने घर में।" वीनस ने पानी में केकड़े को गिरते देख कहा-
“मुफ़्त में आसमान की सैर भी कर आया।"

वेगा का आधा शरीर अभी भी पानी के अंदर था। तभी कुछ दूरी पर वेगा को पानी में हलचल होती दिखाई दी।

एक सेकंड से भी कम समय में वेगा ने पानी से निकली शार्क की पूंछ देख ली। उसने जोर से चीखकर वीनस को खतरे से आगाह किया-

“वीनस ... भागो यहां से ... शार्क आ रही है यहां पर।"

तभी बाकी बोटिग कर रहे लोग को भी उस शार्क की पूंछ दिखाई दे गयी।

शार्क को देख सब तरफ अफरा तफरी मच गयी।

वेगा पानी से छलांग लगा कर तुरंत अपनी कायक में बैठा और कायक को तेजी से किनारे की ओर लेकर जाने लगा।

वीनस ने भी अपनी कायक को किनारे की तरफ चलाना शुरु कर दिया।

वेगा के कंधे से अभी भी खून की बूंदे पानी में गिर रही थी।

तभी शार्क ने अपना शरीर पानी के बाहर निकाला, वह एक ‘बुल शार्क’ थी।

शायद वह एक ‘फ़िमेल बुल शार्क’ थी, क्योंकी उसकी लंबाई 11 फुट के पास दिख रही थी।

उस शार्क ने दूर से वेगा को देखा और उसकी ओर झपटी।

“शायद यह ‘बुल शार्क’ समुद्र के रास्ते नदी में आयी है, किनारा तो अभी काफ़ी दूर है। कैसे बचूं मैं इस शार्क से?" वेगा बड़बड़ाते हुये तेजी से अपना दिमाग चला रहा था।

शार्क अब वेगा के बिल्कुल नजदीक आ गयी थी।

तभी पानी में गिरा केकड़ा दूसरी राशि ‘मीन’ में परिवर्त्तित होकर एक ‘टाइगर शार्क’ में बदल गया।

उधर बुल शार्क ने वेगा के कायक को एक तेज टक्कर मारी। वेगा की कायक पूरी की पूरी हवा में उछल गयी। वेगा ने कायक के उछलते ही पानी में छलांग लगा दी और एक शक्तिशाली डाइव पानी के अंदर मारी।

पोटोमैक नदी के अंदर पानी का बहाव ज़्यादा तेज था। पानी को काटते हुए वेगा का शरीर नदी की तली की ओर जाने लगा।

बुल शार्क भी वेगा के पीछे-पीछे लपकी।

पानी की तली में जाकर वेगा ने अपने चारो ओर नजरें दौड़ाई, पर पानी में पत्थरो के सिवाय उसे ऐसा कुछ नजर नहीं आया जिससे वह इस बुल शार्क से बच पाता।

अब वेगा को मुंह फाड़े वह बुल शार्क अपनी ओर आती हुई दिखाई दी।

लेकिन इससे पहले कि वेगा अपने बचाव में कुछ और सोच पाता, वेगा और बुल शार्क के बीच टाइगर शार्क आ गयी।

टाइगर शार्क साइज में बुल शार्क से भी ज़्यादा बड़ी थी। टाइगर शार्क को देखकर बुल शार्क घबरा गयी, पर इससे पहले कि वह भाग पाती, टाइगर शार्क ने बुल शार्क पर आक्रमण कर दिया।

वेगा ने टाइगर शार्क को देख भगवान को धन्यवाद दिया और तुरंत पानी से अपना सिर निकालकर किनारे की ओर तैरने लगा।

उसे डर था कि कहीं बुल शार्क को मारकर टाइगर शार्क उसके पीछे ना पड़ जाये।

वीनस ने वेगा को तैर कर किनारे की तरफ आते देख लिया था, वह अब चिल्ला कर वेगा को जल्दी आने को कह रही थी।

नदी के पानी के अंदर घमासान युद्ध हो रहा था जिसकी वजह से पानी काफ़ी उछल रहा था।

थोड़ी ही देर में वेगा किनारे पर पहुंच गया। वेगा को सलामत देख वीनस उसके गले से लग गयी।

किनारे पर खड़े सभी लोग ने ताली बजाकर वेगा का स्वागत किया और करते भी क्यों ना आख़िर उसने मौत को जो मात दी थी, क्योंकि किसी ने भी टाइगर शार्क को नहीं देखा था।

उधर टाइगर शार्क ने बुल शार्क को मार दिया और फ़िर से एक छोटे कण में परिवर्त्तित होकर पानी से बाहर आ गयी।

वह एक कण इतना नन्हा था कि वैसे भी किसी को नजर नहीं आना था।

वह कण वापस वेगा की जोडियाक वॉच में समा गया था।

उधर किनारे पर खड़े एक आदमी ने वेगा को एक तौलिया पकड़ाकर चेंजिंग रूम की ओर जाने का इशारा किया।

वेगा दूसरे कपड़े तो लाया नहीं था, पर चेंजिंग रूम में जाकर उसने ड्रायर में अपनी जींस, टी शर्ट और अंडर गारमेंट को सुखा कर फिर से पहन लिया।

भीगी हुई जैकेट को उसने ऐसे ही एक पैकेट में रख लिया। वेगा अब बाहर निकलकर वीनस के पास आ गया।

तभी एक इंसान फर्स्टएड किट लेकर वहां आ गया। उसने वेगा के कंधे की ड्रेसिंग कर दी।

“बाल-बाल बचे आज तुम।" वीनस ने कहा- “एक साथ 2-2 खतरे में थे तुम।"

“पानी बहुत ठंडा था। चलो चलकर कॉफ़ी पीते हैं।" वेगा ने ज़्यादा बात ना करते हुए विषय को बदल दिया।

वीनस ने एक बार अजीब सी निगाहों से वेगा को देखा और फिर वेगा के साथ कॉफ़ी शॉप की ओर चल दी।

कॉफ़ी शॉप के अंदर ज़्यादा भीड़ नहीं थी, फिर भी दोनों कॉफ़ी का ऑर्डर देकर बाहर रखी टेबल के पास बैठ गये।

थोड़ी ही देर में वेटर उनकी बताई कॉफ़ी उन्हें सर्व करके चला गया।

“तुम्हे क्या लगता है वेगा? अचानक से यह हंस और बुल शार्क ने तुम पर हमला क्यों कर दिया?" वीनस ने कॉफ़ी का घूंट भरते हुए वेगा से पूछा।

“टुंड्रा हंस वैसे तो काफ़ी शांत होता है, पर वह अपने साथी को खतरे में देखकर बहुत उग्र हो जाता है।"

वेगा ने वीनस की आँखों में देखते हुए कहा- “मैंने देखा वो हंस अकेला था। हो सकता है कि मेरे जैसे दिखने वाले किसी इंसान की वजह से उसका साथी मर गया हो और मुझ पर वो हंस, वही इंसान समझकर हमला कर दिया हो।

अब रही बात बुल शार्क की, तो यह नदी आगे जाकर समुद्र से मिलती है। जिसकी वजह से अक्सर इस नदी में समुद्र से शार्क आ ही जाती है। मैंने कई बार समाचार में देखा था कि बुल शार्क को पोटोमैक नदी में पहले भी देखा गया है। हो सकता है कि मेरे कंधे से बहते खून की गंध सूंघकर बुल शार्क यहां आ गयी हो?"

“शायद तुम ठीक कह रहे हो।" वीनस ने प्यार जताते हुए कहा- “पर अगर आज तुम्हे कुछ हो जाता तो मैं तो जीते जी ही मर जाती।"

“इतना प्यार करती हो मुझसे?" वेगा ने वीनस को प्यार से देखते हुए कहा।

“अरे नहीं रे ....तुम्हारे मरने के बाद मुझे इतनी बड़ी-बड़ी पार्टी कौन देगा और इस इंजायमेंट के बिना जिंदा रहने का क्या मतलब है?" वीनस ने विषय परिवर्तन कर वेगा को छेड़ा।

“अच्छा तो तुम मेरे से नहीं बल्कि मेरी पार्टियो से प्यार करती हो।" वेगा ने वीनस का कान पकड़ कर जोर से खींचा।

वेगा और वीनस की नोक-झोंक से, इतने बड़ी दुर्घटना के बाद भी माहौल फ़िर से एक बार खुशनुमा हो गया।

कॉफ़ी ख़तम कर वेगा ने कॉफ़ी का भुगतान किया और वीनस को लेकर एक दिशा की ओर चल दिया।




जारी रहेगा_______✍️
Badhiya update bhai

Vega oar hamla hua wo bhi do bar Zodiac watch ka bhi jalwa dekhne ko mila mene to socha tha ki zodiac watch se Vega khud transform hoga lekin usko bachane ke liye zodiac watch me wo chij ha jo rashi ke according transform ho sakti ha but kyon hua hamla chances ha ki vinus usme shamil ho wo oyar ka natak kar rahi ho kyonki wo thi tab hi to hamla hua jab tak wo nahi thi hamla nahi hua tha dekhte han ki vinus sachha pyar karti ha ya ye bhi us mantrik ki chal ha
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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#88.

तिलिस्मा का निर्माण

आज से 4 दिन पहले.....
(5 जनवरी 2002, शनिवार, 14:00, सामरा राज्य का समुद्र तट, अराका द्वीप)

व्योम को होश आ गया। सूरज बिल्कुल सिर पर चमक रहा था। व्योम ने एक बार अपनी आँखे खोली, फ़िर तेज रोशनी की वजह से वापस बंद कर ली।

व्योम ने पहले अपनी आँखो को दोनों हाथो से रगड़ा और फ़िर धीरे-धीरे उसे खोल दिया।
वह इस समय समुद्र के किनारे पानी पर पड़ा था।

लहरें बार-बार आकर उसके शरीर को चूम रही थी, जिसकी वजह से उसके कपड़े अभी भी गीले थे। समुद्र की लहरो के उसके शरीर पर टकराने की वजह से उसके कपड़ो में काफ़ी ज़्यादा रेत लगी हुई थी।

व्योम धीरे से खड़ा हुआ और अपने शरीर पर लगी रेत को अपने हाथो से झाड़कर साफ करने लगा।

कपड़े पर लगी रेत साफ करके व्योम ने पहले एक नजर समुद्र की लहरो पर मारी और फ़िर उस रहस्यमय द्वीप पर मौजूद जंगल की ओर देखा।

व्योम ने एक गहरी साँस ली और फ़िर अपने सफर के बारे में याद करना शुरू कर दिया कि कैसे किसी ने असलम को मारकर झरने में फेंक दिया था। फ़िर कुछ दिन बाद असलम ने न्यूयॉर्क बंदरगाह पर आकर स्मिथ के सामने अपने बारे में बताया, जिसकी वजह से व्योम हेलीकाप्टर के द्वारा बारामूडा त्रिकोण के रहस्यमय क्षेत्र में पहुंचा।

फ़िर जब धुंध ने उसका हेलीकाप्टर खराब कर दिया, तो उसने हेलीकाप्टर को पानी पर उतारकर बोट बना लिया। तभी उसे एक सुनहरी रोशनी दिखाई दी। जब उसका ध्यान रोशनी की ओर था, तभी पीछे से समुद्र की लहरें अचानक ऊपर उठी और उसकी बोट पर आकर गिर गयी।

बोट टूट गयी, पर व्योम ने समय रहते पानी में छलांग लगा कर अपनी जान बचा ली। पानी में गोता लगाते ही उसे पानी के अंदर एक चमकीली रोशनी बिखेरती उड़नतस्तरी दिखाई दी। यह देख उस पर बेहोशी सी छा गयी। बेहोश होने के पहले उसने केवल इतना देखा कि वह एक सुनहरे मानव के हाथो में है।

“बड़ा ही अजीब और रहस्यमयी क्षेत्र है यह तो।" व्योम मन ही मन बुदबुदाया- “पता नहीं कौन था वह सुनहरा मानव? जिसने मुझे बचाया। यह तो अच्छा हुआ कि मैं इस द्वीप के पास था, वरना मुझे समुंदर की लहरो में खो जाना था।"

अब व्योम की नजर अपनी अपनी बेल्ट में फंसे एक बैग की ओर गयी। उसने बैग से सारा सामान निकालकर वहीं जमीन पर बिखेर दिया और उसे चेक करने लगा।

बैग में जरूरत का वह सारा सामान था जो दुर्घटना के पहले ही व्योम ने अपने पास रख लिया था।

बैग में एक वॉटरप्रूफ रिवॉल्वर, उसकी कुछ गोलियां, एक धारदार बड़ा चाकू, एक लाइटर, एक शक्तिशाली पेंसिल-टॉर्च, पतली मगर बेहद मजबूत नायलोन की रस्सी, एक छोटा कैमपास, एक छोटी मगर शक्तिशाली दूरबीन, एक नोटबुक और एक बॉल पेन था।

व्योम ने सबकुछ चेक करने के बाद वापस अपने बैग में डाल लिया। व्योम ने खड़े होकर एक बार फ़िर उस रहस्यमयी द्वीप की ओर देखा। अब उसके दाँत गुस्से से भींच गए।

“अब मैं इस रहस्यमयी द्वीप का रहस्य जानकर ही रहूँगा।" व्योम मन ही मन बुदबुदाया और उठकर जंगल की ओर चल दिया।

व्योम को जंगल काफ़ी घना दिखाई दे रहा था।

व्योम के पैरो के नीचे से अब रेत ख़तम होने लगी थी। घास और झाड़ियां उसके पैर के नीचे आने लगी थी।

तभी अचानक व्योम किसी अदृश्य चीज से जोर से टकरा कर गिर गया।

“ये क्या था?" व्योम ने अपनी नजरों को इधर-उधर दौड़ाकर देखा, पर उसे अपने आस-पास कोई चीज दिखाइ नहीं दी।

व्योम उठकर खड़ा हुआ और उसने फ़िर अपने कदम को बढ़ाकर जंगल के अंदर जाना चाहा, पर इस बार व्योम सतर्क था।

व्योम का शरीर फ़िर किसी अदृश्य वस्तु से टकराया। चूंकि इस बार व्योम सतर्क था इसिलये इस बार वह गिरा नहीं।

व्योम ने तुरंत अपने बैग से चाकू निकालकर अपने दाहिने हाथ में ले लिया।

इस बार व्योम ने खुद आगे ना बढ़कर अपना बांया हाथ आगे बढ़ाकर देखा। उसका हाथ किसी अदृश्य दीवार से टकराया।

व्योम ने उस दीवार को टटोलकर देखा, वह अदृश्य दीवार उसे किसी सख्त धातु की बनी दिखाई दी।

व्योम को समझ नहीं आया कि यह कौन सी धातु है, जो इस कदर पारदर्शी है कि उसके आर-पार की हर वस्तु बिल्कुल साफ दिखाई दे रही है।

व्योम ने चाकू की मूठ से उस अदृश्य दीवार पर एक चोट करके देखा। कोई आवाज तो नहीं हुई पर व्योम का हाथ जरूर इस वार से झनझना उठा।

इस बार व्योम ने थोड़ा और आगे बढ़कर जंगल में घुसने की कोशिश की, पर वहां भी वह अदृश्य दीवार थी।

आधे घंटे के अंदर व्योम ने बहुत सी स्थानो से जंगल में घुसने की कोशिश की। मगर सब व्यर्थ गया, अदृश्य दीवार हर जगह मौजूद थी।

“यह कैसी दीवार है, ऐसी दीवार के बारे में तो मैने कभी सुना भी नहीं। पता नहीं कौन सी तकनीक का प्रयोग करके इस दीवार को बनाया है?"

व्योम मन ही मन बुदबुदाया- “ऐसे तो मैं जंगल में घुस ही नहीं पाऊंगा। अगर मैं जंगल में प्रवेश नहीं कर पाया तो मैं खाऊंगा-पीयूंगा क्या?"

लगभग 2 घंटे की मेहनत के बाद व्योम समझ गया कि जंगल के अंदर घुसने का कोई रास्ता नहीं है। इसिलये उसने अब अपना लक्ष्य परिवर्तन कर दिया।

उसने एक बड़ी सी लकड़ी के नीचे अपने चाकू को बांधकर मछलियों का शिकार करना शुरू कर दिया।

व्योम ने आग जलाकर कुछ मछलियों को पका लिया। खाने की समस्या तो हल हो गयी थी, अब बची थी पीने की समस्या। तो व्योम ने देखा कि कुछ नारियल के पेड़ समुद्र किनारे पर भी थे।

व्योम ने नारियल को तोड़ उसका पानी भी लिया। दिन ख़त्म हो गया। व्योम ने वहीं समुद्र के किनारे पर आग जलाकर रात बिताई।

अब व्योम की यही रोज की दिनचर्या बन चुकी थी। वह रोज पहले कुछ देर तक उस जंगल में अंदर घुसने का रास्ता ढूंढता, फ़िर मछलियों का शिकार करके उन्हें पकाकर खाता।

धीरे-धीरे ऐसे करते हुए दिन बीतने लगे। आज व्योम को होश आये 4 दिन बीत चुके थे।

व्योम एक पत्थर पर बैठकर अपने चाकू पर धार लगा रहा था कि तभी उसे समुद्र के पानी में एक
ब्लू-व्हेल दिखाई दी।

“यह कैसे पॉसीबल है? ब्लू-व्हेल तो समुद्र के गहरे पानी में रहती है। यह इस द्वीप के इतने किनारे तक कैसे आ गयी? किसी भी द्वीप के किनारे पर तो काफ़ी कम पानी होता है। ऐेसे में ब्लू-व्हेल इतने कम पानी में कैसे तैर सकती है?"

यह विचार दिमाग में आते ही व्योम ने अपने बैग को चेक किया और तुरंत पानी में छलांग लगा दी।
व्योम पानी के अंदर ही अंदर तैर रहा था।

थोड़ी ही देर में पानी के अंदर द्वीप की जमीन दिखाई देना बंद हो गयी।

“यह कैसे संभव है? यह द्वीप की जमीन इतनी जल्दी कैसे ख़त्म हो गयी?"

अब व्योम एक बार पानी के ऊपर आया और अपने फेफड़ो में जोर की हवा भरकर, उसने दोबारा डाइव मार दी।

अब वह कम से कम 25 मिनट तक पानी के अंदर रह सकता था। पानी के अंदर अब कहीं भी व्योम को ब्लू-व्हेल नहीं दिखाई दे रही थी।

व्योम धीरे-धीरे पानी के नीचे और नीचे जा रहा था।

समुद्र का पानी अंदर से साफ था, इसिलये अंदर का नजारा बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा था।

तभी नीचे का नजारा देखकर व्योम हैरान रह गया क्यों कि वह द्वीप समुद्र की तली से जुड़ा हुआ नहीं था। वह पानी पर तैर रहा था।

“यह कैसे संभव है? यह द्वीप तो पानी पर तैर रहा है। और....और नीचे से देखने पर यह द्वीप किसी विशालकाय पानी के जहाज के जैसा लग रहा है। थोड़ा और पास चलकर देखता हूं।"

यह सोचकर व्योम ने थोड़ा और पास जाकर नीचे से द्वीप की सतह को देखा। नीचे से द्वीप की सतह किसी सुनहरी धातु की बनी दिख रही थी।

“यह तो किसी धातु का बना कोई कृत्रिम द्वीप लग रहा है। इतने विशालकाय कृत्रिम द्वीप को किसने बनाया होगा? मुझे तो यह कोई ‘एलियन’ की टेक्नोलॉजी लग रही है? मनुष्य अभी इतना विकसित नहीं हुआ कि इस प्रकार की कोई रचना कर सके? कहीं यह एलियन का कोई बहुत बड़ा अंतरिक्ष-यान तो नहीं?"

व्योम के दिमाग में ऐसे ही अजीब-अजीब से विचार आ रहे थे।

तभी व्योम को उस ब्लू-व्हेल का ख़याल आया। उसने चारो तरफ नजर दौड़ा कर देखा, पर ब्लू-व्हेल उसे कहीं दिखाई नहीं दी।

व्योम को पानी के नीचे आये हुए 10 मिनट बीत चुके थे।

व्योम अभी इसी उलझन में फंसा था कि तभी द्वीप के एक निचले हिस्से से, एक काँच की लगभग 10 फुट लंबी, आदमकद कैप्सूलनुमा ट्यूब गोली की रफ़्तार से निकली और पानी में कहीं जाकर गायब हो गयी।

व्योम तेजी से तैरकर उस जगह पहुंच गया, जहां से वह काँच की ट्यूब निकली थी।

द्वीप में उस जगह पर एक दरवाजा दिखाई दे रहा था, जो कि धीरे-धीरे बंद हो रहा था।

व्योम बिना समय गंवाए उस रास्ते में प्रविष्ट हो गया। व्योम के अंदर घुसते ही वह दरवाजा स्वतः ही बंद हो गया।

ये एक बहुत चौड़ी सुरंग थी, जिसमें पानी भरा हुआ था। व्योम लगातार तैरते हुए आगे बढ़ रहा था।

लगभग 10 मिनट तक तैरने के बाद व्योम को पानी में वही ब्लू-व्हेल खड़ी हुई दिखाई दी। ऐसा लग रहा था जैसे ब्लू-व्हेल वहां सो रही हो। ऊपर पानी की सतह पर उजाला भी दिख रहा था।

एक बार तो व्योम ब्लू-व्हेल को वहां देखकर डर सा गया, पर फ़िर वह ब्लू-व्हेल से थोड़ी दूरी बनाकर पानी की सतह पर निकला।

बाहर का नजारा देखकर वह पूरी तरह से हैरान रह गया। वह एक बहुत बड़ा विशालकाय कमरा था। उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी पहाड़ को अंदर से खोखला करके उस कमरे को बनाया गया हो या फ़िर वह कोई विशालकाय पिरामिड हो।

उस कमरे में किनारे-किनारे पत्थरो से फ़्लोर बनाया गया था। एक नजर में वह कोई बहुत बड़ा स्वीमिंग पूल जैसा नजर आ रहा था। कमरे में चारो तरफ सुरंग जैसे कई रास्ते बने थे।

वहीं एक किनारे पर ब्लू-व्हेल सो रही थी।

“यह जगह तो किसी इंसान द्वारा बनायी गयी लग रही है या फ़िर एलियन द्वारा?"



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Badhiya update bhai

Vyom bhau ne bahut kuchh pata kar liya ha Araka dwip ke bare me mene shayd guess kiya tha ki ye dwip samundra pe chal raha ha or ab to ye sabit bhi ho gaya ha ki ye koi bahut bada jahaj ya fir koi bahut badi UFO bhi ho sakti ha jise koi na koi to control kar raha ha bhale hi saamne nahi aya ha wo lekin isme hath mantrik ka bhi ho sakta ha ya fir koi or bhi iske pichhe ho sakta ha Vyom bhau pahunch to gaye ha abder ab to is guthi ko Vyom hi solve kar sakta ha shayd
 
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