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Fantasy Samundar Ka Shikari ~ सम्राट मार्टिन की सल्तनत

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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ok kya writer ji fir se gayeb2 ho gaye
Nahi mobile mein jo story related jitne bhi dialogues the... sab ke sab format ke chalte delete ho chuke hai.....
saari Mehnat baker :(
 

Naik

Well-Known Member
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#8. Double Trigger ~ डबल ट्रिगर
आसमान को मेघो ने ढक रखा था और मंद -मंद चल रही शीतल समुद्री हवाओं ने मौसम सुहाना कर दिया था. बेलाडोना में मौजूद सभी लोग अपने कमरे से बाहर जहाज के विशाल डेक पर आ गए ताकि वो इस सुनहरे मौसम का आनंद ले सके. नायर को ढूंढने की रूबी और सेठ की तमाम कोशिशें विफल रही, उन्हें भनक तक नहीं लगी की आखिर नायर के साथ क्या हुआ, किसने किया...?? रुबीना ने ये बात नायर के घर वालो को अभी तक नहीं बताया था. नायर के अचानक गायब होने से कुछ लोगो के अंदर डर तो था पर वो इस सुहाने मौसम को.. किसी अनजान कप्तान के कारण जाया नही करना चाहते थे, इसलिए जहाज के लगभग सभी लोग डेक पर सब तरफ फैल कर इस मौसम का लुत्फ़ ले रहे थे....



बेलाडोना मे काम करने वालो मे से कई विदेशी भी थी, कुछ शुद्ध शरीफ तो वही कुछ शुद्ध बेवड़े किस्म के.. इसलिए उनके हाथों मे देशी शराब की बोतल होना लाज़िमी था. रूबी , अभी एक शराबी से ही नायर के बारे मे बात कर रही थी, जिसने ये दावा किया था कि कैप्टन नायर को आखिरी बार उसी ने बेलाडोना की डेक पर जाते हुए देखा था... कि, तभी रॉन की बोतल खाली हो गई.. उसने आस -पास देखा.. तो रूबी जिससे बात कर रही थी, उस आदमी के हाथ मे कैद शराब से लबालब भरी बोतल पर रॉन की नज़र पड़ी.. जिसे लेने के लिए रॉन उसी तरफ बढ़ा....
"तू ऐसे, शराब की बेइज़्ज़ती नही कर सकता. या तो बात कर ले या फिर शराब पी लो... ला बोतल मुझे दे... " रॉन ने उसके हाथ से एकदम अचानक से बोतल छिना , जिसके कारण वो आदमी रॉन को गुस्से से घूरने लगा...


"ऐसे क्या देख रहा है बे .. वापस नहीं दूंगा."

" रॉन प्लीज... अपनी ये वाहियात हरकतें बंद करो... "चिढ कर रूबी बोली..

" तुमने अपनी शक्ल ऐसी बना रखी है या हकीकत में तुम्हारी शक्ल इत्ती ख़राब है... "रूबी के ऊपर शराब की बदबूदार डकार मारते हुए रॉन ने कहा.... "मज़ा आ गया... मस्त दारू है..."


"ये क्या हरकत है...रॉन... तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मुझपर............ तुम हद से ज्यादा बढ़ रहे हो..."


"तुम जाओ, मै लड़कियों से लड़ाई नही करता...."
.


रूबी , रॉन की इस हरकत का कड़ा जवाब देना चाहती थी... उसे यकीन नही हो रहा था की रॉन, जहाज के सभी लोगो के सामने उससे ऐसा बर्ताव करेगा, ऊपर से वहा मौजूद लोग अपना चेहरा छिपाये, इधर -उधर देख कर रूबी पर हँस भी रहे थे.. जिससे रूबी और जल-भुन गई... उसने अपनी हथेली रॉन को थप्पड़ मारने के लिए उठाया ही था की.... जिस दिशा मे बेलाडोना आगे बढ़ा रहा था, उसी ओर समुन्दर मे एक भयंकर आवाज़ गूंज उठी, जिसने बेलाडोना मे मौज़ूद सभी लोगो की रूह तक को झकझोर कर रख दिया. सबकी नजर उस भयंकर गूँज की तरफ अपने आप ही चली गई...


" रॉन , यह आवाज कैसी है... "कांपते हुए रूबी पूछी और अपना हाथ जो उसने रॉन को मारने के लिए उठाया था, उसे नीचे कर लिया

"तुम मुझे थप्पड़ मारने वाली थी क्या...?"

" रॉन, ये आवाज कैसी थी..."

"शायद तुम्हारी बकवास सुनकर, समुंदर भी चिल्लाने लगा... महुआ दारू का कोई जवाब नहीं,... Oooo.... पर कड़वा है "एक बार फिर रूबी के ऊपर डकार मार कर रॉन ने कहा


" रोनननन.... यह मजाक करने का टाइम नहीं है .. इतनी भयंकर आवाज आई कहां से.. एक पल के लिए लगा जैसे भूकंप आ गया हो समुन्दर मे ..."


"ये उससे भी बुरा है... " वहा से लड़खड़ाते हुए कदमो के साथ रॉन जहाज के सबसे सामने वाले छोर की ओर जाने लगा और वहाँ आखिरी छोर पर पहुंचकर उसने दूर समुन्दर मे उठ रही तेज लहरों को गौर से देखने लगा और बिना पीछे मुडे समुन्दर की ओर ही देखते हुए रूबी से पूछा...


" वैसे, तुमने कभी ड्रैगनस देखा है.. जानेमन...? "रॉन मुस्कुराया

" नहीं...?? फिर वही बकवास... क्या कह रहे हो... "

" नहीं देखा..? नो प्रॉब्लम... फिर आज तुम्हारा लकी डे है.. आज देख लेना ड्रैगन्स को ... वो भी लाइव.."



इतना कहकर रॉन तुरंत जहाज के सबसे सामने नुकीले वाले भाग के रेलिंग पर देखते ही देखते कूद कर चढ़ गया और हिलते -डुलते ऊपर ही खड़ा रहा, जिससे आस -पास मौजूद लोग इस डर से की कही रॉन नीचे समुन्दर मे ना गिर जाए... उसकी ओर भागे और रॉन की तरफ मदद के लिए अपने हाथ बढ़ाये. लेकिन रॉन ने उन्हें मना कर दिया और डेक पर मौजूद सभी लोगो का ध्यान ताली बजाकर अपनी ओर आकर्षित करते हुए बोला


"सब अंदर घुस जाओ बे और जान की सलामती चाहिए तो जब तक बाहर आने के लिए ना कहु... कोई बाहर मत आना. वरना पेले जाओगे और कोई जाकर मेरा डबल ट्रिगर वाला बन्दूक लेकर आओ..... पर मुझे याद नहीं है की मैने अपनी बन्दूक रखी कहा है, बस इतना याद है कि कल रात उस अंग्रेजन को मै बन्दूक से करतब दिखा रहा था..."



रॉन के इतना बोलते ही, वहां मौजूद सभी लोग जहाज के अंदर भागे.. समंदर में दूर एकाएक विशाल धाराएं उठने लगी थी... वो धाराएं इतनी विशाल, तीव्र और शक्तिशाली थी की बेलाडोना जैसे इतने बड़े जहाज तक को हिला दे रही थी. जहाज जिस दिशा में आगे बढ़ रहा था.. वहां धीरे -धीरे सामने कोहरा छाने लगा... कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था...


"तो मेरा शक सही था. सदियों बाद ये फिर से बाहर आने लगे है, फिर तो वो भी आएगा.... बहुत जल्द ही.."

"रॉन..ये क्या है... कोई खतरा तो नहीं...??"रूबी चिल्लाकर रॉन से पूछी, जो रेलिंग्स के ऊपर बिना किसी भय के खड़ा शराब पी रहा था...

"कोई खतरा तो नहीं...?? अंधी है क्या बे. एक तो ये साले अभी से पीछे पड़ गए.. मैंने सोचा था की पैल्लोरा आइलैंड जब तक पार नहीं हो जाता तब तक तो शांत रहेंगे, उसी अनुसार मेरी योजना भी थी... पर..."


"रॉन क्या सोच रहे हो..? क्या बोल रहे हो..? यह समुंदर ने इतना विकराल रूप अचानक से कैसे ले लिया..? जबकि weather रिपोर्ट मे ऐसा कुछ भी नहीं था......"


"जानेमन, तुम अंदर जाओ ना... अरे कोई मेरा बंदूक लाया क्या..? "



रॉन का इतना कहना ही था कि जहाज में काम करने वाला एक आदमी भागते हुए रॉन के पास आया और एक भारी भरकम, 7 ft. लंबी बंदूक जिसे वह अपने दोनों हाथों से बड़ी मुश्किल से उठा पा रहा था, उसने वह बंदूक रॉन की ओर बढ़ाया, जिसे रॉन ने डेक पर वापस कूदकर उस भारी बंदूक को तुरंत अपने एक हाथ से आसानी से उठा लिया, जिसके बाद वहां मौजूद सभी लोग रॉन के उस बंदूक को देखने लगे...



" नजर लगाओगे क्या, मेरी बंदूक पर.. सभी अंदर जाओ या फिर यहां रुक कर मरने का इंतजार करो... कप्तान सेठ, फट गई क्या...?? अपनी कप्तानी दिखाओ और सब को अंदर करो.. बाद मे जब जरूरत होगी तो मै खुद बुलाऊंगा... जहाज पर भीड़ देख कर ड्रैगन्स पागल हो जाते है... "


सेठ, सभी को अंदर भेजने लगा और जब सब अंदर चले गए तो उसने रॉन से पूछा


"तुम अकेलेइनसे निपट लोगे या मैं कुछ मदद करूं..."

" फिलहाल तो तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम भी इन्ही के साथ अंदर जाकर किसी कोने में अपना मुंह छुपा लो.. दी रॉन को किसी की जरूरत नहीं..."

" तुझे पता नहीं होगा पर तेरी जानकारी के लिए बता दूं, मैने हाल ही के महीनों मे सोमालियन लुटेरो से दो शिप को बचाया था ...."

"बधाई हो... पर अंदर जा..."

"अब देख मै इनका क्या हाल करता हूं.. सामने कोई भी हो."

" जब गीदड़ की मौत आती है तो वह शहर की तरफ भागता है और जब एक नेवी वाले की मौत आती है तो वह समुंदर की तरफ... खैर, जैसी तेरी मर्जी... " अपने अजीबोगरीब बंदूक के नीचे अलग से बने बॉक्स में गहरे नीले रंग का बारूद अपने भरते हुए रॉन बोला, जो अभी -अभी एक आदमी ने रॉन के कहने पर उसे बारूद की पोटली लाकर दी थी.


" यह कैसी अजीब बंदूक है...? और इसके नीचे ये बॉक्स...?? ये नीले रंग का बारूद...??? मेरे पास इससे बेहतरीन -बेहतरीन गन्स है, यदि तुम्हे चाहिए तो... इस तरह तो मैने कभी कुछ देखा नहीं "


"सामने देख.. सामने जो है उस तरह का भी तूने कभी नहीं देखा होगा... और जहाज की गति कम नहीं होनी चाहिए, किसी भी सूरत में.."



रॉन के कहने पर सेठ ने सामने छाते हुए घने कोहरे की तरफ नजर घुमाई.. जहां उसे उस घने कोहरे के बीच बाज से कई गुना विशाल ऊपर आसमान मे कुछ उड़ता हुआ, दिखाई दिया. सेठ की नजरें उस उड़ती हुई चीज पर जम गई, पहले तो उसे लगा कि कोई हेलीकाप्टर होगा.. लेकिन यदि कोई हेलीकाप्टर होता तो उसकी आवाज़ भी आनी चाहिए थे.. इसलिए सेठ ने उसे पंछी ही माना और जब थोड़ी देर बाद वो पंछी घने कोहरे से बाहर निकल कर जहाज की तरफ तेजी से आने लगा तो.. सेठ की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई...


" हे भगवान, यह कौन सा प्राणी है.. "

" कुछ देर और रुक.. फिर सीधे भगवान से ही जाकर पूछ लेना कि ये कौन से प्राणी है... "अपने बंदूक की नली साफ करते हुए रॉन ने कहा और जल्दी -जल्दी बंदूक के ऊपरी हिस्से मे एक के बाद एक कई छर्रे डालने लगा


" रॉन मैंने पूछा.... ये विशाल जीव है क्या...."

"अबे... कान से अंधा है क्या.. सुनाई नहीं देता क्या तुम लोगो को... कबसे मै सबको बता रहा हूँ कि ड्रैगन्स का हमला होने वाला है..."

"पर ये तो...ये तो... किस्से कहानियों में होते हैं... ऐसे आग फेकने वाले खूंखार समुद्री दानव.."


" ये उससे भी खतरनाक है.. क्यूंकि यदि इन्हे भूख लगी होगी तो ये तुम्हे सेक कर सीक कबाब की तरह खाएंगे और यदि तेरे शरीर मे नमक कम हुआ तो सीक कबाब की तरह भुने हुए तेरे शरीर को समुन्दर मे डुबो डुबो कर खारा करके स्वाद लेंगे.... अपने आदमियों को इशारा कर दो कि मैं जिस तरफ कहूंगा उसी तरफ जहाज को मोड़े, यदि जिंदा रहना है तो... और तुम मेरे साथ आओ और जिनके जिनके पास बंदूकें हैं उनको भी ऊपर बुला लो. अब जब ड्रैगन्स ने हमला करने का सोच ही लिया है तो जहाज के अंदर छिपने का कोई फायदा नहीं... "



सेठ और रॉन जिस तरफ से एक विशाल ड्रैगन उड़ता आ रहा था, उस तरफ जहाज के बिल्कुल छोर मे खड़े थे... गहरे धुंध मे से एक ड्रैगन को बेलाडोना की ओर आता देख रॉन अपनी बन्दूक की नली साफ करने लगा...


" यह तुम्हारी बाबा आदम के जमाने की बंदूक चलती भी है..."

"ये चलती नहीं... जलती है.. ये ड्रैगन अपना रास्ता क्यों नहीं बदल रहा...? सामान्य तौर पर ये एक सीध मे कभी नहीं उड़ते... "



जब ड्रैगन ने अपना रास्ता नहीं बदला और जहाज के करीब आता ही गया... तब सेठ ने, बंदूक लेकर अपने आदमियों को ऊपर आने का आवाहान दिया . सभी जहाजी कांपते हुए बंदूक हाथ में लेकर जहाज से बाहर आए. सेठ ने एक बार फिर से सामने की तरफ देखा... शुरू में उसे लगा था कि सिर्फ एक ड्रैगन है, पर सबसे सामने वाले ड्रैगन के पीछे जब सैकड़ो की तादत मे उसने उन आसमानी दानवो को जो पँख फैलाये धीरे -धीरे घने कोहरे से निकलकर बेलाडोना की तरफ तेजी से हुंकार भरते हुए बढ़ रहे थे... सेठ की कपकपी छूट गई पर फिर भी उसने अपना साहस नहीं खोया और अपने आदमियों को जहाज में डेक के किनारे चारों तरफ फैल कर आते हुए ड्रैगन्स पर बन्दूक तानने के लिए कहा...


" अंदर से और आदमियों को बुलाओ... एक भी बन्दूक खाली नहीं रहनी चाहिए कम्बखतो.. जिनके पास बन्दूक नहीं है.. वो अग्निशामक यन्त्र लेकर आग बुझाने का काम करेंगे... हमारी पहली कोशिश यही रहेगी कि, इन समुद्री दानवो को जहाज से जितना हो सके उतना दूर रखना है, इसलिए जब तुम्हे लगे की तुम्हारे बन्दूक की गोलिया उन समुद्री दानवो तक पहुंच सकती है तो फायरिंग शुरू कर देना... तैयार...."सेठ चिल्लाया...


जिसके बाद कोई कुछ नही बोला... मजबूरन वो जहाज मे ऊपर तो आ गए थे, पर उन सबकी फटी पड़ी थी...


"अबे, मैने पूछा... तैयार...."

"Yes Captain ....."सब डरते हुई चिल्लाये


"बहुत अच्छे... और इंजन चैम्बर से कोई जाकर कोई मेरा ग्रेनेड लॉन्चर ले आओ... मरेंगे तो मरेंगे.. पर इन साले समुद्री दरिंदो को मार कर मरेंगे..."


वहा बन्दूक लेकर जहाज के हर कोने मे खड़े लोग इतने डरे हुए थे के, उन्होंने डर के कारण ड्रैगन्स को आता देख बहुत पहले ही फायरिंग शुरु कर दी... कुछ की गोलिया, ड्रैगन्स पर लगती... तो कुछ की गोलिया किस दिशा मे जा रही थी कुछ पता ही नही चल रहा था और जब सेठ को लगा की ड्रैगन्स उसके ग्रेनेड लॉन्चर के रेंज मे हैं तो उसने अपने कंधे मे ग्रेनेड लॉन्चर को रख कर ड्रैगन्स के समूह मे सबसे सामने वाले ड्रैगन को निशाना लगाकर पहला गोला दागा.. जो ड्रैगन को तो नहीं लगा क्यूंकि ड्रैगन उसे भाँप गया था और ऐन मौके पर बड़े आराम से वो ऊपर आकाश की ओर उड गया था, पर सेठ के उस गोले से बचने के चक्कर मे वो अपनी दिशा से भटक जरूर गया था. रॉन उन सबको ऐसा करते कुछ देर तक देखता रहा और फिर एकाएक जहाज के अंदर भाग गया...



"अबे.. ये... तो... भाग गया...? डरपोक साला... अभी तो बड़ी-बड़ी बाते कर रहा था.... "रॉन को जहाज के अंदर भागते देख सेठ कुछ देर के लिए रुका और फिर से ग्रेनेड लॉन्चर अपने कंधे पर रखा.....



चारो तरफ से ड्रैगन्स पर फायरिंग शुरू हो गई थी.. लेकिन बन्दूक की गोलियों का कुछ खास असर ड्रैगन्स पर नहीं हो रहा था... एक तो वो इधर उधर.. ऊपर नीचे होकर पहले ही गोलियों से बाच जाते और जो गोलिया उन्हें लगती भी... उसका ड्रैगन्स पर कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ रहा था... वो बस थोड़ा सा स्लो हो जाते... जिस ड्रैगन पर अकेले 4-5 लोग मिलकर फायरिंग कर रहे थे.. बस उसी पर गोलियों का ज्यादा प्रभाव पड़ रहा था... इस दौरान सेठ ने ग्रेनेड लॉन्चर से एक और गोला दागा.. जो अबकी बार जाकर सीधे एक ड्रैगन के सर से टकराया और देखते ही देखते उस ड्रैगन का सिर मे विस्फोट हुआ और विस्फोट मे सिर फूट जाने के कारण वो ड्रैगन बिना सर के सीधे समुन्दर मे जा गिरा...


"शाबाश मेरे साथियो .. ऐसे ही लगे रहो, इन समुद्री कीड़ो को गुस्सा दिलाने मे कोई कसर मत छोड़ना... "अंदर से हाथ मे शराब की बोतल लिए रॉन बाहर आया....


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Bahot behtareen zaberdast shaandaar lajawab update bhai
 
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