Nazma Khan
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Stunning, thrilling, sizzling and absolutely sensual update!Update 11
में पानी की टंकी के पीछे छ ु पकर सीिढ़यों की तरफ देखने लगा। इस वक्त kon AA sakta है। रूम का दरवाजा अभी भी बंद था। मेरे िदल जोरो से धड़कने लगा। अगर िकसीने मॉम को इस हालत में देख िलया तो बहुत बदनामी हो जायेगी ये सोचकर ही में डर गया।
तभी छत पर मुझे रघु दादाजी िदखे जो इधर उधर देख रहे थे जैसे िकसीको ढ ू ंढ रहे हों। उनकी नजर मॉम के कमरे की तरफ गई। और वो कु छ बड़बड़ाने लगे।
Raghu- लगता है मालिकन रूम में है। और दादाजी रूम के पास जाकर दरवाजा खटखटाने ही वाले थे की उन्होंने अपना हाथ रोक िलया। उन्होंने इधर उधर देखकर दरवाजे के पास अपना कान लगाकर कु छ सुनने लगे।
मुझे घबराहट हो रही थी। ना जाने मॉम क्या कर रही थी पता नही।
उनके चेहरे पर एक कु िटल मुस्कान तैर गई। थोड़ी देर में उन्होंने दरवाजा खटखटाया। कु छ समय बाद फारूक ने दरवाजा खोला और अपने दांत िदखाते हुए रघु दादाजी की तरफ देखके हसने लगा। फारूक तो जैसे दरवाजे पर उनका रास्ता अड़ाए खड़ा था।
मॉम शायद कपड़े पहन रही थी।
फारूक - क्या हुआ दादाजी।
Raghu- tu क्या कर रहा है यहां और मालिकन कहा है। जल्दी नीचे जा मािलक बुला रहे है।
फारूक - आपको मालिकन से क्या काम है।
रघु दादाजी गुस्से में - तुझे बड़ी पंचायत है। जा जल्दी से नीचे ऐसा कहकर वो फारूक की बांह को पकड़कर उसे रूम से
बाहर खींच लेते हैं। जल्दी से नीचे जा।
फारूक दांत िदखाते हुए वहा से िनकल जाता है।
दादाजी रूम मे दरवाजे तक ही घुसे और मॉम जल्दी में दरवाजे के पास आ गई।
दादाजी को देखकर मॉम की तो मानो हालत पतली हो गई थी। दादाजी मॉम को ऊपर से नीचे तक घूरने लगे। मॉम का पीले
कलर के सूट पर जगह जगह पर फारूक के थूक के लाल िनशान के साथ सूट पर हर जगह िसलवटे पड़ चुके थे।
मॉम haklate hue- क्या काम था चाचाजी।
Raghu mom ke boos ko ghurte hue- मािलक आपको बुला रहे थे मालिकन।
मॉम - ठीक है मैं जाती हूं आप दरवाजा बंद कर दीिजए।ऐसा कहकर मॉम रूम से रूम से िनकलकर बाहर आती है और
दादाजी रूम को िनहारते हुए अंदर जाते है।
मॉम थोड़ी ही द ू र गई थी की तभी दादाजी मॉम को आवाज देते हुए रूम सेबाहर आते है।Raghu- मालिकन रुिकए। उनके हाथ में मॉम की गुलाबी पैंटी थी।
उनकी आवाज सुनकर मॉम मुड़कर उनको अपनी तरफ आता देखती है।
उनके हाथ में पैंटी को देखकर मॉम की आं खे बड़ी हो जाती हैं।
रघु मॉम के पास आकर हाथ से पैंटी को सहलाते हुए मॉम को िदखाता है।
Raghu muskurate hue - मालिकन लगता है जल्दबाजी में आप इसको पहनना भूल गई। मेरा मतलब है गीली है
इसिलए आपने पहना नही होगा।
मॉम जल्दी से पैंटी उनके हाथ से लगभग छीन लेती है। और िसर नीचे करके जाने लगती।
मॉम थोड़ी ही आगे गई थी की रघु िफर से मॉम को आवाज देता है। मालिकन रुिकए।
इस बार मॉम िबना उनकी तरफ mude sirf अपनी गदर्न पीछे करती है।
मॉम - क्या हुआ
रघु दादाजी मॉम के पास आकर अपना बाया हाथ मॉम के कं धे पर रख देते है।
मॉम एकबार कं धे पर रखे उनके हाथ को और एकबार दादाजी की तरफ देखती है। दादाजी हस्ते हुए मॉम के नाजुक कं धे को
हथेली में दबोचते है।
रघु - मालिकन आपने कु तीर् के पीछे की चैन खुली हुई है।
लगता है छोट ू लगाना भूल गया ऐसा कहकर वो द ू सरे हाथ से मॉम की चैन ऊपर खींच देते है।
Mom घबराहट se- क्या मतलब
रघु - कु छ नही मालिकन छोट ू आपको ज्यादा परेशान तो नही कर रहा है ना।
मॉम उनकी बात सुनकर अपना िसर आगे कर लेती है। ऐसी कोई बात नही है चाचाजी। और मॉम जल्दी से से नीचे चली जाती है।
पता नही पर दादाजी के मुंह पर एक कु िटल मुस्कान तैर जाती है और वो भी नीचे चले जाते है।
Unke jate ही में धीरे से नीचे हॉल में आ जाता हूं। मॉम के रूम का दरवाजा बंद था शायद मॉम रूम मे चली गई थी।
में भी अपने रूम में आकर िबस्तर पर लेट गया और जो कु छ हुआ उसके बारे में सोचने लगा। आज दृश्य देखकर इतना तो तय हो गया था की वो िदन अब ज्यादा द ू र नहीं है जब फारूक मॉम की चूदाई करेगा। आज लगभग मॉम उसके सामने नंगी हो चुकी थी। उसने मॉम की दबी वासना को इतनी चालाकी से भड़का िदया की मॉम का बचना अब नामुमिकन था। मॉम भी अब वासना की खाई में िगरने के िलए तैयार हो चुकी थी।
लेिकन पता नही मुझे ये सोचकर ना जाने क्यों उत्तेजना की लहर दौड़ रही थी। मेरा लन्ड पैंट मे अकड़ रहा था मॉम के बारे में सोच सोचकर। दोपहर को में िबना खाए ही सो गया।
शाम को मेरी नींद खुली और में फ्रे श होकर हॉल में आया। थोड़ी देर बाद मॉम भी अपने रूम से बाहर आई। लेिकन मुझे देखते ही वो िकचन की तरफ चली गई। ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझसे नजरे चुरा रही थी। हमेशा फू ल की तरह िखला हुआ चेहरा रखने वाली मॉम के चेहरे पर थोड़ी उदासी नजर आ रही थी।रात को िबना kisise baat kiye mein खाना खाकर रूम में चला गया। और सब सोचते हुए सो गया।
सुबह नहा धोकर में तैयार होकर हॉल में बैठकर फारूक की राह देखने लगा। में तो ये देखन चाहता था की आज fauk क्या करता है ।
Thodi der mein mom bhi अपने रूम से िनकलकर िकचन में चली गई आज भी उनके चेहरे पर थोड़ी उदासी थी।
थोड़ी देर में फोन की घंटी बजी और मैने फोन िरसीव िकया और फोन पर पापा की बात सुनकर मैंने फोन रख िदया।
मॉम िकचन से - िकसका फोन था अंिकत।
मैं िकचन की तरफ मुड़कर - मॉम फारूक कु छ िदन काम पर नहीं आएगा उसने छ ु ट्टी ली है। तो आपको सारे काम करने को
कहा है पापा ने। पता नही िकतने िदन नही आयेगा बताया नही है। पापा गािलयां दे रहे थे उसको।
में मॉम चेहरे पर िरएक्शन देखने लगा। लेिकन उनके चेहरे पर ये बात सुनकर कोई भाव नहीं थे।
पता नही पर में भी क्यों उदास होकर अपने रूम मे चला गया।
ये िदन भी ऐसे ही िनकल गया। में रात को खाना खाकर सो गया।
रात को िकसी आवाज से merin neend khul गई मैंने घड़ी में देखा तो करीब 1 बज रहा था। में दरवाजा खोलकर बाहर
देखने ही वाला था की में अचानक रुक गया। मैने अपने रूम की िखड़की को धीरे से थोड़ा खोला तो मुझे अंधेरे मॉम िदखी जो सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी।
Tv par िकसी हॉलीवुड मूवी का बहुत ही सेक्सी सीन चल रहा था।
मॉम को सेक्सी सीन देखते हुए में एकदम चौंक गया। क्योंिक इतनी देर रात मॉम कभी भी टीवी नही देखती थी।
मॉम मूवी के hot scene ko Bina palke झपकाए देखे जा रही थी।
Hot scene khatam hone ke baad mom ne टीवी बंद कर िदया और अपने रूम मे चली गई।
में भी अपने िबस्तर पर लेट गया। यानी जो उदासी मॉम चेहरे पर िदखा रही थी वो पल भर के िलए थी। इतना तो तय था की फारूक ने मॉम के बदन में लगाई हुई आग ज्वालामुखी बन रही थी। जो कभी भी fat sakta था।
अगले दो िदन ऐसे ही िनकल गए। इन दो िदनों में मॉम रोज रात को हॉट मूवी देखती और सो जाती।
तीसरे िदन रात को में पापा और मॉम खाना खाने बैठे थे। में खाना खाकर पानी लेने के िलए िकचन में गया तभी मुझे मॉम
की आवाज सुनाई दी।
मॉम पापा se- सुनो ना ये फारूक कब तक आएगा।
पापा गुस्से में - पता नही हराम के जने कहा गए है। बताया भी नही कब आयेंगे। आने दो दोनो दादा पोते को अच्छी खबर
लेता हु उनकी। पता नही आयेंगे भी या नहीं या िकसी द ू सरी जगह काम िमल गया un हरमखोरो को । तुम पानी ले आना रूम मे ऐसा कहकर पापा अपने रूम मे चले गए ।
मॉम के मुंह से फारूक का नाम सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए। में िफर से मॉम और फारूक की चूदाई की कल्पना करते हुए
सो गया।दुसरे िदन शाम को 4 बजे के आसपास फोन की घंटी बजी मैं हॉल में ही था तो मैंने फोन उठाया और पापा की बात सुनकर
फोन रख िदया और मॉम के रूम में चला गया।
मॉम अपने रूम मे िबस्तर पर लेटी मोबाइल देख रही थी।
मॉम - क्या हुआ िकसका फोन था।
में - पापा का फोन था कह रहे थे की फारूक और उसके दादाजी कल से काम पर आयेगे।
ये सुनकर मॉम ने ज्यादा कु छ react nahi िकया।
अगले िदन मैं रेडी होकर हॉल मे आकर टीवी के पास लगे शीशे को इस तरह एडजस्ट कर िदया की मुझे िकचन का सारा
नजारा िदखा सके और मैं उसकी राह देखने लगा। तभी मॉम अपने रूम से तैयार होकर बाहर आई। मॉम का रूप देखकर
मेरा मुंह खुला का खुला रह गया।
मॉम ने ग्रीन कलर की झीनी पारदशीर् साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखा था। जो िसफर् एक पट्टी सहारे िटका हुआ था।
पूरी िचकनी गोरी पीठ ऊपर से नीचे तक नंगी थी। बालो का जुड़ा बंधा हुआ था िजसपर फू लो ka गजरा लगाया हुआ था।
दोनो साइड से बालो की लट िनकली थी जो मॉम के चेहरे पर आ रही थी। नॉमर्ली थोड़ा बहुत जो पल्लू से पेट ढका हुआ
रहता था वो आज कु छ ज्यादा ही खुला था। िजससे मॉम की deep navel बहुत खूबसूरत लग रही थी और कमर पर
साड़ी हद से ज्यादा टाइट बंधी हुई थी। खुली कमर के इदर् िगदर् लटकती हुई कमर की चैन काफी सेक्सी लग रही थी।
ऐसा लग रहा था जैसे मानो वो फारूक पर िबजली िगराना चाहती हो। ऐसा तो मॉम पापा के िलए भी तैयार नहीं हुई होगी।
इतने िदनो से उनके मुरझाए हुए चेहरे पर एकदम से रोनक नजर आ रही थी।
मॉम रूम से िनकलकर सीधे िकचन में चली गई। मैने गदर्न थोड़ी घुमाकर नजरो की कोहनी से मॉम की तरफ देखा।
मॉम चाकू से कु छ काट रही पर उनकी नजर घर के दरवाजे पर ही िटकी हुई थी।
9 बजे के आसपास घर की बेल बजी और मेंने तुरंत उठकर दरवाजा खोल िदया।
उम्मीद के मुतािबक फारूक दरवाजे पर खड़ा था। मुझे देखते ही उसके चेहरे पर हसी आ गई। उसके चेहरे पर हाथ का लाल
िनशान छप हुआ था जैसे िकसीने उसको जोर से थप्पड़ मारा हो। अंदर आते ही उसकी और मॉम की नजर एक हुई।
उसको देखते ही मॉम ने अपनी नजर नीचे कर ली। में तुरंत सोफे पर बैठ गया और इयरफोन को कान में डालकर गाने सुनने
का नाटक करने लगा।
मैने शीशे से फारूक झाड़ ू लगाते हुए िकचन में दािखल होते हुए देखा।
उसके आते ही मॉम ने उसकी तरफ देखकर िफर से अपनी आं ख नीचे कर ली।
िफर झाड़ ू लगाते लगाते वो ठीक मॉम के पीछे आकर खड़ा हो गया। उसके पीछे खड़े होने का अहसास होते ही मॉम एकदम
मुड़कर उसकी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई।
फारूक मुस्कु राते हुए - इतने िदनो मैं मेरी याद आई या नहीं मालिकन। आज तो आप अप्सरा लग रही हो िसर से लेकर पाव
तक।
िफर वो मॉम से थोड़ा द ू र हट जाता है। और जोर से मुझे पुकारने लगता हैं। अंिकत वो अंिकत। लेिकन मै उसकी बातो परध्यान नहीं देता देता और िसर िहलाकर ऐसा बरताव करता हु की जैसे में गाने सुन रहा हूं और मुझे कु छ सुनाई नहीं दे रहा।
िफर वो िबना कु छ कहे नीचे झुककर िफर से झाड़ ू लगाते हुए िकचन से बाहर िनकलकर पूरे घर को झाड़ ू लगाने लगता है।
मॉम भी उसको देखते हुए िकचन के द ू सरे कोने चली जाती हैं िजससे वो मुझे अब िदखाई नहीं दे रही थी।
फारूक झाड़ ू लगाने के बाद पोंछा लगाना स्टाटर् krta है । जैसे ही वो पोंछा लगाते हुए िकचन में घुसनेवाला था उससे पहले
मे सोफे से उठता हूं और िकचन की तरफ देखकर मॉम को आवाज लगता हु।
में - मॉम में बेडरूम में जाकर गाने सुन रहा हूं। बदले में मॉम िकचन के कोने से ही मुझे ठीक है ऐसा बोल देती है।
में तुरंत बेडरूम में जाकर दरवाजा बंद करके िखड़की से हॉल में देखने लगता हु।
फारूक िकचन में घुसने से पहले मेरे बेडरूम की तरफ देखता है और िकचन में दािखल हो जाता है। उसके िकचन में दािखल
होने के 1-2 िमनट बाद में बेडरूम से िनकलकर िकचन की िखड़की से अंदर झांकता हूं।
फारूक एक कोने से लेकर मॉम jisa तरफ खड़ी थी उस तरफ पोंछा लगाते हुए जाने लगता है। मॉम की पीठ उसकी तरफ
थी पर मॉम नजरो िक कोहनी से उसको देख रही थी।
फारूक पोछा लगाते हुए ठीक मॉम के पीछे आकर खड़ा होता है। मॉम को उसके पीछे होने के अहसास हो गया था क्यू िक
मॉम भी काफी बैचेन िदख रही थी।
फारूक हवसी नजर से मॉम के चूतड को देखते हुए मॉम के करीब जाता है और अपनी नाक मॉम के बालो में लगे हुए गजरे के
पास लाकर जोर से सांस लेते हुए पोंछे के पानी से गीले हाथ मॉम की नंगी कमर को जकड़ लेता है।
उसका हाथ अपनी कमर पर मेहसूस होते ही मॉम एकदम से उसकी तरफ मुड़ जाती है।िजससे मॉम कमर से उसका हाथ हट
जाता है और दोनो की नजरे एक होती है।
फारूक मुस्कु राते हुए - क्या गजब की महक रही हो मालिकन । आज तो िबजली िगराओगी मुझपे। ऐसा कहकर वो
अपने हाथ से छोटी पैंट में खड़े लन्ड को लगातार मसलता है और मॉम को िदखाते हुए देिखए मालिकन आपको देखकर मेरा
लन्ड कै से टनटना गया है।
मॉम एकटक उसको lund मसलते हुए देख रही थी।
फारूक - आपका िपछवाड़ा देखकर behak जाता है ये।
मॉम हकलाते हुए उसकी तरफ देखकर - देखो तुम ये गलत कर रहे हों।ये सब ठीक नही है।
फारूक अपने लन्ड को मसलते हुए धीरे से अपने द ू सरे हाथ को मॉम की कमर पर रखकर कमर को सहलाने लगता है।
Faruk--क्या गलत है मालिकन। सच बताइए आप मेरे िलए सजी है ना आज।
मॉम - बकवास बंद करो और िनकालो यह से।
फारूक मॉम की कमर को सहलाते सहलाते कमर को कसकर जकड़ लेता है। िजससे मॉम की िससकी िनकल जाती है
ahhhh । Lekin मॉम उसके हाथ को कमर नही हटाती बस उसको देखती रहती है
फारूक अब द ू सरा हाथ भी मॉम की कमर पर रखकर मॉम की कमर को ऊपर से लेकर नीचे तक सहलाते है और बीच बीच में
धीरे धीरे नाजुक गोरी कमर को हाथो में भींचने लगता है। मॉम को भी अब थोड़ा थोड़ा सुरूर चढ़ने लगा था।फारूक मॉम की आं खो में देखकर - मुझे पता है की आप मेरे िलए सजी है। अगर मेरे िलए ही सजी तो ये पल्लू हटाकर पूरी
खूबसूरती िदखाइए न मुझे वैसे भी ज्यादा कु छ ढक नही पा रहा है वो।
मॉम हकलाते हुए - देखो अब ज्यादा हो रहा है। दफा हो जाओ यह से।
गजब की बात थी की मॉम उसका जाने का तो बोल रही थी पर खुद उसको अपने से द ू र नहीं कर रही थी।
फारूक मॉम की आं खो मे देखकर धीरे से दाएं हाथ को कमर पर से सरकाते हुए मॉम के चूत के रखता है और धीरे धीरे मॉम
िक चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाना शुरू करता है।
और द ू सरे हाथ से मॉम के पल्लू को पकड़कर िनचे िखसका देता हैं।
पल्लू हटते ही मॉम के छोटे ब्लाउज में कसे हुए बड़े बूब्स उसके सामने आ जाते है। मॉम के बूब्स के बीच की गहराई और
िचकना नंगा पेट देख कर कोई भी पागल हो सकता था।
फारूक मॉम की आं खो मे देखते एक हाथ से मॉम की चूत को साड़ी के ऊपर से सहलाते हुए द ू सरे हाथ को मॉम के िचकने
गोरे पेट पर घुमाने लगता है।
मॉम के होंठ अब थरथराने लगे और जैसे जैसे वो मॉम के पेट को सहला रहा था तो उनका पेट बीच बीच में कांप रहा था।
मॉम के पूरे बदन पर goose bumps aa रहे थे। मॉम अपने दोनो हाथ पीछे िकचन के माबर्ल पर रखकर फारूक को
िनहार रही थी।
फारूक मॉम की आं खो में देखकर जोर से मॉम की चूत को साड़ी के ऊपर से मुट्ठी में भींच लेता है। िजससे मॉम की दबी हुई
िससकी िनकल जाती है ahhhh aiiiii
Faruk mom ke badan upar se नीचे तक ताड़ते हुए - aapke isi khubsurti ki baat kar raha tha
mein मालिकन।
Us din आपकी गांड़ को चाटकर मजा आ गया आज आपकी चूत चाटकर पानी िनकलूंगा।
ऐसा कहकर वो वो अपनी जुबान बाहर िनकालता है और आगे बढ़कर मॉम के बूब्स की खाई के बीच जुबान को डालकर
चाटने लगता हैं।
उसकी जुबान को बूब्स के बीच मेहसूस होते ही मॉम अपनी आं खे बंद करके अपने हाथ के बीच िकचन की माबर्ल को कस
लेती है।
फारूक के दोनो हाथ के साथ साथ उसकी जुबान ने भी बचा हुआ काम कर िदया और मॉम िफर से हवस की आगोश मे चली
गई।
फारूक मॉम की चूत को सहलाने के साथ साथ मॉम की बूब्स की गहराई को चाटने लगा। कभी वो क्लीवेज में अपनी जुबान
डाल रहा था तो कभी मॉम के बूब्स के उभरे हुए भाग पर जुबान फे र रहा था।
मॉम हल्की हल्की िससिकयो के साथ अपना िसर नीचे करके उसके बालो में अपनी नाक घुसा रही थी।
फारूक मॉम के बूब्स को चाटते हुए - मालिकन आज आपकी चूत की गहराई में अपनी जुबान डालकर सारा पानी िनकलूंगा
में।
Mom - ahhh ufff ahhhh ohhh uffff chotu ahhh ufff
Faruk - आज आपको पूरी ठंडी करूं गा मैं। चिलए ऊपर के स्टोर रूम में मेरे साथ। अंिकत अपने रूम में गाने सुन रहा है
उसको कु छ पता नही चलेगा।मेरा नाम सुनते ही अचानक मॉम की आं खे खुल जाती है। मॉम फारूक को जोर का धक्का देकर अपने से द ू र करती है। और
इधर उधर देखकर जल्दी से अपनी साड़ी को ठीक करती है ।
फारूक मॉम के इस बरताव से बौखला जाता है।
फारूक - क्या हुआ मालिकन
मॉम - िनकल जाओ यह से जल्दी।
फारूक - पर क्या हुआ मालिकन।
मॉम - मैने कहा िनकल जाओ यह से। आगे से मेरे पास भी मत आना।
फारूक कु छ सोचकर - ठीक है मालिकन जैसा आप कहें। में तो बस आपको कु छ करना चाहता था। आपकी जवानी ऐसे ही
बबार्द हो रही है।
मॉम गुस्से में - मैने कहा िनकलो जल्दी।
फारूक मॉम की बात सुनकर जाने के िलए मुड़ता है और कु छ दो कदम आगे जाने के बाद िफर से मॉम की तरफ मुड़कर
उनके पास आता है।
फारूक मॉम की आं खो मे देखकर - ठीक है मालिकन अगर आप कह रही है तो में आपके पास भी नहीं आऊं गा कभी। लेिकन
में जानता हूं की आपके बदन के काफी गमीर् है। और ये भी जानता हूं िक आपकी चूत में बहुत खुजली है िजसको मािलक
शांत नहीं कर सकते। में तो बस आज आपकी चूत को अपने मुंह से चाटकर झाड़ने वाला था पर कोई नही अब isme
aapka hi नुकसान है।
लेिकन िजस िदन आपकी चूत की खुजली बढ़ जाए ना us िदन ढीली वाली लाल सलवार और सफे द कु तीर् के साथ अंदर
सारे लाल कपड़े पहनकर मुझे इशारा कर दे दीिजएगा। िफर देखना ऊपर के स्टोर रूम मे आपको आपकी िज ं दगी का वो
मजा द ूंगा िजससे आप इतने िदनो से द ू र रही है।
और हा उस िदन ढीली वाली ही सलवार पहनना क्योंिक नाडा खींचते ही झट से सलवार नीचे िगरनी चािहए।
उसकी बात खतम होते ही जोर से एक थप्पड़ की गूंज घर में सुनाई देती हैं। Chatakkk
मॉम ने इतने जोर से उसे थप्पड़ मारा था की मॉम की उं गिलयां उसके गालों पर छप गई थी।
जैसे की मैने कहा था की उसके एक gal पर थप्पड़ के िनशान थे पर अब मॉम के थप्पड़ सेबुस्के द ू सरे गाल पर भी िनशान बन गया था।
थप्पड़ पड़ने के बाद भी फारूक टस से मस नहीं हुआ।
फारूक गंभीर आवाज में - आज सुबह ही मािलक ने मुझे थप्पड़ मारा था और अब आपने । ठीक है कोई बात नही। ऐसा
कहकर वो सब काम छोड़कर नीचे चला जाता है।
पूरा िदन में ahi सोच रहा था की आिखर चल क्या रहा है। क्या मॉम के संस्कार बीच में आड़े आ रहे हैं या कु छ और बात है।
आगे के लगभग 4 िदन ऐसे ही चले गए। फारूक रोज आता और चुपचाप अपना काम करके चला जा रहा था। वो मॉम की
तरफ देखता भी नही था। दोनो एक द ू सरे से बात भी नही करते थे। पर रोज उसके गाल पर थप्पड़ के िनशान िदख रहे थे।
जैसे पापा उसे रोज मार रहे हो।
पांचवे िदन जब फारूक िकचन मे झाड़ ू लगा रहा था तब मॉम ने उसे रोक िलया।मॉम - तुम्हारे गाल को क्या हुआ। रोज थप्पड़ के िनशान िदख रही हूं।
फारूक - क्या हो सकता है मालिकन। हम गरीब लोगो की यही औकात है बड़े लोगो से थप्पड़ खाना। चाहे गलती हो या ना
हो मािलक लोगो से से थप्पड़ खाना ही तो हमारे नसीब में है। ऐसा कहकर वो िकचन से िनकलकर झाड़ ू लगाते हुए बाहर आ
गया।
में उठकर अपने रूम मे आकर िबस्तर पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद फारूक झाड़ ू लगाने के िलए मेरे रूम मे दािखल हो गया।
मुझे देखते ही उसने अपनी करे नीचे कर ली और झाड़ ू लगाने लगा।
में - सुना है आजकल कोई कामचोर रोज पापा के हाथ के थप्पड़ खा रहा है। नौकर ठीक से काम नहीं करेगा तो थप्पड़ खाने
nahi पड़ेंगे।
ये सुनते ही वो मुझे घूरने लगा।
में - घूर क्या रहा है। नौकर कही का चल जल्दी से संडास साफ कर नौकर कही का।
फारूक - ज्यादा होिशयारी मत कर। नही तो
में - में उठकर उसे एक जोर से थप्पड़ लगा देता हु। नही तो क्या करेगा तु। ले आज पापा के साथ मेरी तरफ से भी एक
थप्पड़ । बहुत खुजली हो रही थी हाथ में।
फारूक अपने गाल पर हाथ फे रते हुए गुस्से में - इन सब के बदले तेरी मां की गांड़ थप्पड़ मार मार के लाल नही की ना तो
मेरा नाम भी फारूक नही। Tu janta ही क्या है मेरे बारे में। खुजली तेरी नही तेरी मां की िमटाऊं गा में। एक िदन तेरे िबस्तर
में ही रगड ू ंगा उसे।
पता नहीं लेिकन उसकी बाते सुनकर मुझे अजीब सा महसूस हो रहा था।
िफर वो सब काम करके िनकल गया।
उसी िदन रात को में पानी पीने के िलए उठा तो मुझे मॉम के बेडरूम से कु छ आवाज आ रही थी जैसे मॉम और पापा के बीच
कोई बहस चल रही हो। में ध्यान देकर बाहर से सुनने लगा।
मॉम - आपका रोज का हो गया है। बस पैसा पैसा ही करते है। मुझपर जरा सी भी ध्यान नहीं देते।
पापा - ज्यादा बकवास मत करो। आज कल बहुत था गमीर् चढ़ी रहती है तुम्हारे अंदर। बहुत काम होते है मुझे िदन भर।
मॉम - एक पित काम काम होता है पत्नी को खुश करना और आप उतना भी नही कर पाते।
पापा गुस्से में - ज्यादा गमीर् चढ़ी है क्या तुम्हारे अंदर धंधे पर िबठा द ूं tumhe। Chup chap so जाओ।
और िफर कमरे की आवाज बंद हो जाती है।
में भी अपने रूम में मॉम और पापा की बाते सुनकर सो जाता हूं।
पूरे 15 िदन ऐसे ही गुजर गये। इन िदनों में मॉम कु छ ज्यादा ही बैचेन लग रही थी पता नही मॉम के मन क्या चल रहा था।
अगले िदन सुबह फारूक आकार काम करने लगा मॉम अपने कमरे में से बाहर आई और िकचन में चली गई।उन्होंने
maroon colur ki बहुत सेक्सी साड़ी पहन रखी थी।फारूक ने सारे घर को झाड़ ू लगा िदया और िफर वो पोंछा करने लगा। मॉम के रूम को पोंछा लगाने के बाद वो िकचन में
दािखल हुआ। उसके िकचन में घुसते ही मॉम िकचन से िनकलकर अपने बेडरूम में चली गई और दरवाजा बंद कर िलया।
फारूक िकचन को पोंछा लगाने के बाद हॉल में मेरे सामने पोंछा लगाने लगा।
तभी मॉम के रूम का दरवाजा खुला और मॉम बाहर िनकलकर िकचन में चली गई।
मॉम को देखकर मुझे तगड़ा सा झटका लगा। क्योंिक मॉम ने जो maroon कलर की साड़ी पहन रखी थी वो अब उनके
बदन पर नही थी। उसकी जगह मॉम ने एक ढीली सी लाल कलर की सलवार और सफे द कलर की स्लीवलेस कु तीर् पहन रखी
थी । अंदरकी लाल ब्रा साफ़ साफ़ िदखा रही थी।मेरा िदल जोर से धड़क उठा। मॉम वैसा ही ड्रेस पहन कर आई थी जो 15
िदन पहले फारूक ने उनसे कहा था।
मॉम को देखकर तो फारूक के उतरे हुए चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।
िफर मॉम िकचन से िनकलकर हॉल से होते हुए फारूक के सामने से गुजरने लगी। उन दोनो की नजरे एक हुई तो फारूक ने
मॉम को मुस्कु राकर देखा।
फारूक के िलए ये साफ साफ हरी झंडी का इशारा था। उसके चेहरे पर एकदम से चमक आ गई।
मॉम िफर से िकचन में चली गई। पोंछा लगाने के बाद फारूक मॉम को हॉल से आवाज लगता है।
मालिकन में स्टोर रूम को साफ करने जा रहा हूं। बहुत धूल है वहा अच्छे से साफ सफाई करता हु आज।
मॉम बदले में कु छ नही बोलती। वो खुशी के मारे सीिढ़यों से ऊपर चला जाता है।