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Romance Love in College. दोस्ती प्यार में बदल गई❣️ (completed)

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Update 4
रघुवीर: सर मैं आपकी बात ध्यान रखूंगा, लेकिन एक बात जरूर पूछना चाहूंगा कि आप हमसे डरते क्यों हैं? और कृपया मेरी बात का बुरा मत मानना।
त्रिपाठी: इसके पीछे मेरी मजबूरी है बेटे, अगर मैं तुझे बता दूं और तुमने किसी को बता दिया तो मेरी बदनामी हो जाएगी।
अब आगे:
रघुवीर: सर क्या मजबूरी है कृपा आप मुझे बताएं, और अगर मैं आपकी कुछ मदद कर सकूं तो अपना आपको धन्य समझूंगा। त्रिपाठी: नहीं बेटे ऐसी कोई बात नहीं, पर तुम मुझे वचन दो कि ये बात तुम तक रहेगी।
रघुवीर: सर मैं वादा करता हूं कि आप जो भी मुझसे कहोगे वो बात किसी को पता नहीं लगेगी।
त्रिपाठी: देखो बेटा बात 4-5 साल पुरानी है, एक बार वो लड़का (मोहित) किसी लड़की को पकड़ के कॉलेज की छत पर ले गया था,
और उसकी इज्जत पर हाथ डाल रहा था, उसका समय मै वहा सीढीयों के पास से गुजर रहा था !
की मैंने किसी की घुट्टी-घुटी चीख सुनी, मैंने आजू-बाजू के कमरो को चैक करके देखा, और फिर मुझे फिर से वही आवाज सीढीयों के आस-पास सुनायी दी, तो मुझे कुछ शक हुआ और मैं छत पर चला गया वहा पर मुझे वो आवाज और ज्यादा साफ सुनायी देने लगी, मैंने इधर- उधर देखने लगा तो छत पर पानी की बड़ी टंकी बनी हुई थी उसके पीछे मुझे मोहित किसी लड़की के ऊपर चढ़ा हुआ मिला और एक हाथ से उसने उस लड़की का मुंह बंद करने के लिए कोसिस कर रहा था। लड़की के कपडे अस्त व्यस्त थे और वो रो रही थी,
तभी मैंने पीछे से आवाज लगाई: कोन है वाहा और ये क्या हो रहा है? मोहित: पलट कर देखते हुए सर, आप यहां से चले जाओ सर,
त्रिपाठी: निर्लज्ज तुम्हें शर्म नहीं आती? छोड़ दे लड़की को!!
मोहित: कुछ भी कर लो त्रिपाठी सर, आज बड़ी मुश्किल से हाथ लगी है ये साली ने बहुत तड़पाया है,
त्रिपाठी: बेशर्म अपने गुरु की कोई शर्म नहीं तुझे? ये कहते हुए उसका हाथ पकड़ के उठाया और खीच के एक थप्पड़ मारा।
मोहित: बस त्रिपाठी बस तूने अपनी हद पार कर दी है, तू जानता नहीं है मैं कौन हूं? वरना तेरी इतनी हिम्मत ना होती!!
आज तक जिसने भी मुझे हाथ लगाया वो अपनी पावो पर चलके अपने घर नहीं गया! मेरा बाप बाहुबली सरपंच है, तुझ जैसे पता नहीं कितनों को पेला है हमने,
और मेरे को तुमने थप्पड़ मारा तुझ जैसा एक मामुली टीचर की इतनी हिम्मत? इसका परिणाम तुझे भुगतान पड़ेगा!!
त्रिपाठी: अब तू यहां से निकल ले और सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस में मिल क्यों कि मैं वही जा रहा हूं! नहीं तो अभी आवाज लगा कर सभी छात्रों और पुलिस को सूचना देता हूं त्रिपाठी: अब तू यहां से निकल ले और सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस में मिल क्यों कि मैं वही जा रहा हूं।
मोहित गुस्से से त्रिपाठी की और देखता हुआ वहां से चला जाता है रास्ते में उसके दोस्त मिलते हैं जिसके साथ वो कैंटीन में जाके बैठता है, जहां थोड़ी देर में एक चपरासी आता है!
चपरासी: मोहित भैया आपको प्रिंसिपल बुला रहे हैं। मोहित: अरे यार (ये भो...ला पहुच गया लगता है वहा! उसको तो बाद में देखता हूँ!) चलो मैं आ रहा हूँ।
ये बोल कर वह प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ चला जाता है। मोहित प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर पहुंच के गेट खट-खटाता है।
मोहित: मैं अन्दर आ सक्ता हूँ सर? प्रिंसिपल: हा तुम अंदर आसकते हो! मोहित जैसा ही अंदर जाता है तो वहां उसे त्रिपाठी जी ओर वो लड़की, दोनों खड़े हुए दिखाते हैं।
मोहित : जी सर आपने बुलाया मुझे? प्रिंसिपल: हाँ ये मैं क्या सुन रहा हूँ मोहित? क्या ये सच है कि तुमने इस लड़की की इज्जत पर हाथ डाला है? मोहित: नहीं सर ऐसी कोई बात नहीं है! त्रिपाठी जी और ये लड़की झूठ बोल रही है!! प्रिंसिपल: पर मैंने तो त्रिपाठी सर का नाम भी नहीं लिया? इसका मतलब इनलोगो ने जो भी कहा है वो सब सच है!! मोहित: नहीं सर, मैं बस छत पर घूमने गया था, ओर ये लड़की मुझे वहां मिली, ये मुझे पैसे के बदले गलत काम करने को बोल रही थी, मेरे मना करने पर उसने शोर मचाने की धमकी दी, जब मैंने नहीं माना तो इसने सच में शोर मचाना सुरू कर दिया! इसने सोचा कि इसे ऐसा करने से मैं इसे पैसे दे दूंगा. ईतने में त्रिपाठी सर आ गये।
प्रिंसिपल: खामोश!! तुम क्या मुझे बेवकूफ समझते हो अगर मैं चाहूं तो अभी के अभी तुम्हें इस कॉलेज से निकाल सकता हूं, और तुम्हारे खिलाफ उत्पीड़न का मामला भी बन सकता है।
पर मेरे लिए ऐसा केवल इस लड़की के कारण से नहीं कर रहा हूँ! क्यू की इसने मुझे मना किया है और कहा है कि ये एक गरीब मजदूर की बेटी है और इज्जत ही इसके लिए सब कुछ है। ये नहीं चाहती कि इसका नाम किसी भी प्रकार के काम में आए जो अनुचित हो।

जारी है...✍️
 

Raj_sharma

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parkas

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Update 4
रघुवीर: सर मैं आपकी बात ध्यान रखूंगा, लेकिन एक बात जरूर पूछना चाहूंगा कि आप हमसे डरते क्यों हैं? और कृपया मेरी बात का बुरा मत मानना।
त्रिपाठी: इसके पीछे मेरी मजबूरी है बेटे, अगर मैं तुझे बता दूं और तुमने किसी को बता दिया तो मेरी बदनामी हो जाएगी।
अब आगे:
रघुवीर: सर क्या मजबूरी है कृपा आप मुझे बताएं, और अगर मैं आपकी कुछ मदद कर सकूं तो अपना आपको धन्य समझूंगा। त्रिपाठी: नहीं बेटे ऐसी कोई बात नहीं, पर तुम मुझे वचन दो कि ये बात तुम तक रहेगी।
रघुवीर: सर मैं वादा करता हूं कि आप जो भी मुझसे कहोगे वो बात किसी को पता नहीं लगेगी।

त्रिपाठी: देखो बेटा बात 4-5 साल पुरानी है, एक बार वो लड़का (मोहित) किसी लड़की को पकड़ के कॉलेज की छत पर ले गया था,
और उसकी इज्जत पर हाथ डाल रहा था, उसका समय मै वहा सीढीयों के पास से गुजर रहा था !
की मैंने किसी की घुट्टी-घुटी चीख सुनी, मैंने आजू-बाजू के कमरो को चैक करके देखा, और फिर मुझे फिर से वही आवाज सीढीयों के आस-पास सुनायी दी, तो मुझे कुछ शक हुआ और मैं छत पर चला गया वहा पर मुझे वो आवाज और ज्यादा साफ सुनायी देने लगी, मैंने इधर- उधर देखने लगा तो छत पर पानी की बड़ी टंकी बनी हुई थी उसके पीछे मुझे मोहित किसी लड़की के ऊपर चढ़ा हुआ मिला और एक हाथ से उसने उस लड़की का मुंह बंद करने के लिए कोसिस कर रहा था। लड़की के कपडे अस्त व्यस्त थे और वो रो रही थी,
तभी मैंने पीछे से आवाज लगाई: कोन है वाहा और ये क्या हो रहा है? मोहित: पलट कर देखते हुए सर, आप यहां से चले जाओ सर,
त्रिपाठी: निर्लज्ज तुम्हें शर्म नहीं आती? छोड़ दे लड़की को!!
मोहित: कुछ भी कर लो त्रिपाठी सर, आज बड़ी मुश्किल से हाथ लगी है ये साली ने बहुत तड़पाया है,
त्रिपाठी: बेशर्म अपने गुरु की कोई शर्म नहीं तुझे? ये कहते हुए उसका हाथ पकड़ के उठाया और खीच के एक थप्पड़ मारा।
मोहित: बस त्रिपाठी बस तूने अपनी हद पार कर दी है, तू जानता नहीं है मैं कौन हूं? वरना तेरी इतनी हिम्मत ना होती!!
आज तक जिसने भी मुझे हाथ लगाया वो अपनी पावो पर चलके अपने घर नहीं गया! मेरा बाप बाहुबली सरपंच है, तुझ जैसे पता नहीं कितनों को पेला है हमने,
और मेरे को तुमने थप्पड़ मारा तुझ जैसा एक मामुली टीचर की इतनी हिम्मत? इसका परिणाम तुझे भुगतान पड़ेगा!!
त्रिपाठी: अब तू यहां से निकल ले और सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस में मिल क्यों कि मैं वही जा रहा हूं! नहीं तो अभी आवाज लगा कर सभी छात्रों और पुलिस को सूचना देता हूं त्रिपाठी: अब तू यहां से निकल ले और सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस में मिल क्यों कि मैं वही जा रहा हूं।

मोहित गुस्से से त्रिपाठी की और देखता हुआ वहां से चला जाता है रास्ते में उसके दोस्त मिलते हैं जिसके साथ वो कैंटीन में जाके बैठता है, जहां थोड़ी देर में एक चपरासी आता है!
चपरासी: मोहित भैया आपको प्रिंसिपल बुला रहे हैं। मोहित: अरे यार (ये भो...ला पहुच गया लगता है वहा! उसको तो बाद में देखता हूँ!) चलो मैं आ रहा हूँ।
ये बोल कर वह प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ चला जाता है। मोहित प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर पहुंच के गेट खट-खटाता है।
मोहित: मैं अन्दर आ सक्ता हूँ सर? प्रिंसिपल: हा तुम अंदर आसकते हो! मोहित जैसा ही अंदर जाता है तो वहां उसे त्रिपाठी जी ओर वो लड़की, दोनों खड़े हुए दिखाते हैं।
मोहित : जी सर आपने बुलाया मुझे? प्रिंसिपल: हाँ ये मैं क्या सुन रहा हूँ मोहित? क्या ये सच है कि तुमने इस लड़की की इज्जत पर हाथ डाला है? मोहित: नहीं सर ऐसी कोई बात नहीं है! त्रिपाठी जी और ये लड़की झूठ बोल रही है!! प्रिंसिपल: पर मैंने तो त्रिपाठी सर का नाम भी नहीं लिया? इसका मतलब इनलोगो ने जो भी कहा है वो सब सच है!! मोहित: नहीं सर, मैं बस छत पर घूमने गया था, ओर ये लड़की मुझे वहां मिली, ये मुझे पैसे के बदले गलत काम करने को बोल रही थी, मेरे मना करने पर उसने शोर मचाने की धमकी दी, जब मैंने नहीं माना तो इसने सच में शोर मचाना सुरू कर दिया! इसने सोचा कि इसे ऐसा करने से मैं इसे पैसे दे दूंगा. ईतने में त्रिपाठी सर आ गये।

प्रिंसिपल: खामोश!! तुम क्या मुझे बेवकूफ समझते हो अगर मैं चाहूं तो अभी के अभी तुम्हें इस कॉलेज से निकाल सकता हूं, और तुम्हारे खिलाफ उत्पीड़न का मामला भी बन सकता है।
पर मेरे लिए ऐसा केवल इस लड़की के कारण से नहीं कर रहा हूँ! क्यू की इसने मुझे मना किया है और कहा है कि ये एक गरीब मजदूर की बेटी है और इज्जत ही इसके लिए सब कुछ है। ये नहीं चाहती कि इसका नाम किसी भी प्रकार के काम में आए जो अनुचित हो।

जारी है...✍️
Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and lovely update....
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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रघुवीर: सर मैं आपकी बात ध्यान रखूंगा, लेकिन एक बात जरूर पूछना चाहूंगा कि आप हमसे डरते क्यों हैं? और कृपया मेरी बात का बुरा मत मानना।
त्रिपाठी: इसके पीछे मेरी मजबूरी है बेटे, अगर मैं तुझे बता दूं और तुमने किसी को बता दिया तो मेरी बदनामी हो जाएगी।
अब आगे:
रघुवीर: सर क्या मजबूरी है कृपा आप मुझे बताएं, और अगर मैं आपकी कुछ मदद कर सकूं तो अपना आपको धन्य समझूंगा। त्रिपाठी: नहीं बेटे ऐसी कोई बात नहीं, पर तुम मुझे वचन दो कि ये बात तुम तक रहेगी।
रघुवीर: सर मैं वादा करता हूं कि आप जो भी मुझसे कहोगे वो बात किसी को पता नहीं लगेगी।

त्रिपाठी: देखो बेटा बात 4-5 साल पुरानी है, एक बार वो लड़का (मोहित) किसी लड़की को पकड़ के कॉलेज की छत पर ले गया था,
और उसकी इज्जत पर हाथ डाल रहा था, उसका समय मै वहा सीढीयों के पास से गुजर रहा था !
की मैंने किसी की घुट्टी-घुटी चीख सुनी, मैंने आजू-बाजू के कमरो को चैक करके देखा, और फिर मुझे फिर से वही आवाज सीढीयों के आस-पास सुनायी दी, तो मुझे कुछ शक हुआ और मैं छत पर चला गया वहा पर मुझे वो आवाज और ज्यादा साफ सुनायी देने लगी, मैंने इधर- उधर देखने लगा तो छत पर पानी की बड़ी टंकी बनी हुई थी उसके पीछे मुझे मोहित किसी लड़की के ऊपर चढ़ा हुआ मिला और एक हाथ से उसने उस लड़की का मुंह बंद करने के लिए कोसिस कर रहा था। लड़की के कपडे अस्त व्यस्त थे और वो रो रही थी,
तभी मैंने पीछे से आवाज लगाई: कोन है वाहा और ये क्या हो रहा है? मोहित: पलट कर देखते हुए सर, आप यहां से चले जाओ सर,
त्रिपाठी: निर्लज्ज तुम्हें शर्म नहीं आती? छोड़ दे लड़की को!!
मोहित: कुछ भी कर लो त्रिपाठी सर, आज बड़ी मुश्किल से हाथ लगी है ये साली ने बहुत तड़पाया है,
त्रिपाठी: बेशर्म अपने गुरु की कोई शर्म नहीं तुझे? ये कहते हुए उसका हाथ पकड़ के उठाया और खीच के एक थप्पड़ मारा।
मोहित: बस त्रिपाठी बस तूने अपनी हद पार कर दी है, तू जानता नहीं है मैं कौन हूं? वरना तेरी इतनी हिम्मत ना होती!!
आज तक जिसने भी मुझे हाथ लगाया वो अपनी पावो पर चलके अपने घर नहीं गया! मेरा बाप बाहुबली सरपंच है, तुझ जैसे पता नहीं कितनों को पेला है हमने,
और मेरे को तुमने थप्पड़ मारा तुझ जैसा एक मामुली टीचर की इतनी हिम्मत? इसका परिणाम तुझे भुगतान पड़ेगा!!
त्रिपाठी: अब तू यहां से निकल ले और सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस में मिल क्यों कि मैं वही जा रहा हूं! नहीं तो अभी आवाज लगा कर सभी छात्रों और पुलिस को सूचना देता हूं त्रिपाठी: अब तू यहां से निकल ले और सीधा प्रिंसिपल के ऑफिस में मिल क्यों कि मैं वही जा रहा हूं।

मोहित गुस्से से त्रिपाठी की और देखता हुआ वहां से चला जाता है रास्ते में उसके दोस्त मिलते हैं जिसके साथ वो कैंटीन में जाके बैठता है, जहां थोड़ी देर में एक चपरासी आता है!
चपरासी: मोहित भैया आपको प्रिंसिपल बुला रहे हैं। मोहित: अरे यार (ये भो...ला पहुच गया लगता है वहा! उसको तो बाद में देखता हूँ!) चलो मैं आ रहा हूँ।
ये बोल कर वह प्रिंसिपल ऑफिस की तरफ चला जाता है। मोहित प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर पहुंच के गेट खट-खटाता है।
मोहित: मैं अन्दर आ सक्ता हूँ सर? प्रिंसिपल: हा तुम अंदर आसकते हो! मोहित जैसा ही अंदर जाता है तो वहां उसे त्रिपाठी जी ओर वो लड़की, दोनों खड़े हुए दिखाते हैं।
मोहित : जी सर आपने बुलाया मुझे? प्रिंसिपल: हाँ ये मैं क्या सुन रहा हूँ मोहित? क्या ये सच है कि तुमने इस लड़की की इज्जत पर हाथ डाला है? मोहित: नहीं सर ऐसी कोई बात नहीं है! त्रिपाठी जी और ये लड़की झूठ बोल रही है!! प्रिंसिपल: पर मैंने तो त्रिपाठी सर का नाम भी नहीं लिया? इसका मतलब इनलोगो ने जो भी कहा है वो सब सच है!! मोहित: नहीं सर, मैं बस छत पर घूमने गया था, ओर ये लड़की मुझे वहां मिली, ये मुझे पैसे के बदले गलत काम करने को बोल रही थी, मेरे मना करने पर उसने शोर मचाने की धमकी दी, जब मैंने नहीं माना तो इसने सच में शोर मचाना सुरू कर दिया! इसने सोचा कि इसे ऐसा करने से मैं इसे पैसे दे दूंगा. ईतने में त्रिपाठी सर आ गये।

प्रिंसिपल: खामोश!! तुम क्या मुझे बेवकूफ समझते हो अगर मैं चाहूं तो अभी के अभी तुम्हें इस कॉलेज से निकाल सकता हूं, और तुम्हारे खिलाफ उत्पीड़न का मामला भी बन सकता है।
पर मेरे लिए ऐसा केवल इस लड़की के कारण से नहीं कर रहा हूँ! क्यू की इसने मुझे मना किया है और कहा है कि ये एक गरीब मजदूर की बेटी है और इज्जत ही इसके लिए सब कुछ है। ये नहीं चाहती कि इसका नाम किसी भी प्रकार के काम में आए जो अनुचित हो।

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Ye Mohit kam nhi lagta sale ke doodh ke daat abi toote nahi hai chutiye ko ladki chahey
.
AAAAYYYEEEE
Wah bhai ky bat hai ye line to mast bna gy mere se apne aap 😂😂😂😂
Use krna pdega isko bhai 😂😂
.
Update to majedar Raha aaj ka Mohit ki Kali kartoot jaane ko mil rahe hai lekin principal ke office me Principal ne ladki wali bat khe dekha jaay bhot he ahemdabad cheej hoti hai ijjat ek ladki ke lye or jab bat Mohit jaiso Ameerjade ki ho to koi bhi normal ladki ka is trh piche hatna ek trh shi bhi hai
 
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